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अंजाने में बहन को ही चुदवाया पूरा पररवार

लेखक - fariha shah 13-09-2014

जैसा कि आप सब जानते हैं कि मेरा नाम फररहा शाह है और मेरी ये िहानी जो कि अब मैं लिखने जा रही हूँ
इसे भी मेरे भाई ही िी जब
़ु ानी लिखूंगी। अब चिते हैं पररचय िी तरफ।

पात्र (किरदार) पररचय-


01॰ सिमा- अम्मी जान, उम्र 39 साि, अभी ति जजस्मानी तौर पे एिदम कफट और सेक्सी बाडी िी मालिि
हैं, दे खने में िगता ही नहीूं कि मेरी अम्मी िी उम्र 39 साि है । बल्िी दे खने में िगता है िी वो जैसे अभी 28
साि िी होंगी।

02॰ फररहा शाह- उम्र 21 साि, स्माटट , एि घरे ि िड़िी जो कि सेक्स िी शौिीन है , िेकिन अभी ति किसी िे
साथ किया नहीूं, बस कफल्में दे खना और अपनी दोस्तों िे साथ हूँसी मजाि और मस्ती से ज्यादा आगे नहीूं बढ़ी
थी पढ़ाई छोड़ दी है, क्योंिी ददि ही नहीूं िगता पढ़ाई में ।

03॰ सिमान (सन्नी)- मेरा छोटा भाई और इस िहानी िो इसी िी ज़ुबानी पह़ुूँचाया जाएगा। भाई 19 साि िा
है एफ॰एससी॰ िर रहा है गोरा चचट्टा और गबरू जवान है , जजस पे िोई भी िड़िी अपना ददि हार बैठे।

04॰ ननदा- अभी 18 साि िी ह़ुई है और अभी िािेज में है । एि जवान और मस्त जजश्म िी मालिि सेक्सी
िड़िी, िेकिन हर वक़्त बस किसी ना किसी िे साथ शतट और मस्ती िे मड में ही रहती है , घर िी जान है ।

05॰ िाशी- सिमान (सन्नी) िा दोस्त।

06॰ नीि- िाशी िी बहन।

07॰ सफदर- सिमान (सन्नी) िा मामा

08॰ इरम- सफदर िी बेटी

1
***** *****सूंक्षिप्त वववरण
हमारे अब्ब एि रोड एक्सीडेंट में मर चि
़ु े हैं िोई दो साि पहिे ही। जजसिे बाद हम 4 िोग ही हैं जो कि इस
घर में रहते हैं, क्योंिी अब्ब ने हमारे लिए यहाूँ िाहोर में ही एि मािेट में 8 दि
़ु ान छोड़ी थी, जजनसे िी
अच्छा खासा किराया लमिा िरता था हमें, जजससे हमें िोई खास परे शानी नहीूं ह़ुई जजूंदगी में । अब्ब िे बाद भी
हमारा घर दो फ्िोर पर मश़्ु तकिि है जजसमें कि हर फ्िोर पे 4 िमरे हैं सबिे लिए, दो बाथरूम हैं। एि रूम
अम्मी अब्ब िा है जजसमें कि अब अब्ब िे गज
़ु रने िे बाद अम्मी अिेिी ही रहती हैं।

उनिे साथ वािा रूम ननदा िा है जजसमें अम्मी और ननदा िे रूम में एि अटै च बाथ है जजसे वो दोनों इश्तेमाि
िरती हैं। उसिे साथ फरी बाजी और आखीर में मेरा रूम है । मेरे और बाजी िे िमरे में भी एि ही बाथ है
जजसे हम दोनों दसरी तरफ िा दरवाजा बूंद िरिे इश्तेमाि िरते हैं। उसिे बाद बाहर एि हाि रूम है , जहाूँ
हम खाना-पीना िरते हैं और टीवी भी दे खते हैं और वहीूं एि साइड पे किचेन भी है ।

ऊपर िे फ्िोर पे भी एि िमरा है िेकिन वहाूँ लसवाए घर िे फाित समान िे िोई रहता नहीूं है । िेकिन अगर
िोई मेहमान आ जाए जो कि अब्ब िी िाइफ में ही आया िरते थे तो उनिे लिए दो िमरे थे जजसिे लिए
बाहर िान िी तरफ से जो कि घर िी बैि पे था ऊपर जाने िे लिए अिग ही से रास्ता था। जजसिा कि बािी
घर से िोई तािि
़ु नहीूं था।

***** *****और अब ये िहानी यहाूँ से सन्नी िी जब


़ु ानी शरू
़ु हो रही है ।
ये नहीूं था कि मैं िोई बह़ुत ही शरीफ और फट्ट किश्म िा िड़िा था। िेकिन ये जरूर था कि मैंने िभी अपनी
अम्मी जान और बहनों िी तरफ गित नजर से नहीूं दे खा था। बािी जो लमिी जहाूँ लमिी चोद डािा चाहे वो
55 साि िी बद़ु ढ़या ही क्यों ना हो, मेरे पास माफी नहीूं थी। ये था मेरा िाइफ स्टाइि।

ये आज से एि साि पहिे िी बात है जब मेरा एि िािेज िा दोस्त जो कि मझ


़ु े सबसे ज्यादा अजीज था
जजसिा नाम िाशी था िेकिन था जरा िोवर लमडडि क्िास से िेकिन एि बात जो उसिी सबसे अच्छी थी वो
ये थी कि वो जब भी िोई नई िड़िी फूँसाता मझ
़ु े जरूर बताता। और जब ख़ुद उसे चोद िेता तो मझ
़ु े भी उस
िड़िी िी फ़ुद्दी जरूर ददिाता, क्योंिी मैं ही तो उसे िड़कियों पे खचट िे लिए पैसे ददया िरता था। तो कफर वो
मझ
़ु से िैसे दगा िरता।

अब ति हम िोई 4 िे िरीब िड़कियों िो लमििर चोद च़ुिे थे जजनमें से एि िो मैंने सेट किया था और
बािी 3 िो िाशी ने। क्योंिी वो तीन भी उसी िी िािोनी िी थीूं। एि ददन वो मेरे पास बैठा किसी सोच में
गम
़ु था और मैं उसी िो दे ख रहा था कि िब इस सािे िी सोच खतम हो और ये सािा मझ
़ु े ि़ुछ बताए िेकिन
जब मैंने दे खा कि उसिी सोच खतम होने में ही नहीूं आ रही है ।

तो मैंने उसिी िमर पे एि धाप मारते ह़ुये उससे िहा- “सािे, िहाूँ गम
़ु हो गया है गान्ड िी औिाद?”

िाशी अपने हाथ िो पीछे िी तरफ मोड़िर अपनी िमर िो मिते ह़ुये बोिा- “यार, कितनी बार िहा है तझ
़ु से
कि हाथ िा मजाि मत किया िर…”

मैं- सािे िब से तेरे पास बैठा तझ


़ु े दे ख रहा हूँ िेकिन तम
़ु हो कि उदास उल्ि िी तरह पता नहीूं किन सोचों में
गम
़ु हो।
2
िाशी- यार, मैं सोच रहा था कि तेरे साथ बात किस तरह शरू
़ु िरूूं कि तने अपना ये हथौड़े जैसा हाथ मझ
़ु े मार
ददया।

मैं- सािे गान्ड, ऐसी िौन सी बात है जो िरने िे लिए तम्


़ु हें सोचना पड़ रहा है । हम दोनों दोस्त हैं और वो भी
पक्िे वािे और ‘हाहाहाहा’ िरिे हूँसने िगा।

िाशी- यार एि िड़िी िा नम्बर लमिा है, राबबया से। मैंने उससे बात भी िी है और मजे िी बात ये है कि वो
सेक्स में भी इूंटरे स्ट रखती है । िेकिन लमिना भी नहीूं चाहती। तो मैं सोच रहा था कि अगर मैं उससे फेसबि
़ु
िा आई॰डी॰ या स्िाइप आई॰डी॰ िे िूँ । िेकिन मेरे पास तो इतने पैसे भी नहीूं हैं कि नेट िेफे में थोड़ा टाइम
पास िर लिया िरूूं और उसिे साथ सेदटूंग िर सिूं ।

मैं- हरामी, तझ
़ु े मैंने पहिे िब मना किया है । वैसे नाम तो बता उस परी चेहरा िा, बािी सारी टें शन मेरी है । त
कफिेर ना िर मैं िरता हूँ ि़ुछ इसिा भी तेरे लिए।

िाशी- यार, अभी ति नाम तो मझ


़ु े भी नहीूं पता, बस मैं उसे फि जी िहिर बि
़ु ाता हूँ।

मैं- अच्छा चि ऐसा िर, त चि मेरे साथ मेरे घर। मैं तम्
़ु हें दो ददन िे लिए अपना िैपटाप दे दे ता हूँ। अगर
बात बनती नजर आई तो ठीि है, वरना छोड़ दें गे सािी िो और दे खेंगे।

िाशी मेरी बात सन


़ु िर मेरे साथ चि ददया और मैंने उसे अपने घर से अपना िैपटाप दे ददया, तो वो ख़ुश हो
गया और कफर वहाूँ से ननिि गया। कफर मैं भी वावपस अपने रूम में आ गया। क्योंिी आज मैं जरा जल्दी घर
आ गया था। इसलिए मझ
़ु े अपने रूम में जाता दे खिर बाजी ने िहा- “सन्नी क्या बात है , आज िािेज नहीूं गये
तम
़ु ? तबीयत तो ठीि है ना?”

“जी बाजी, बस सर में ददट हो रहा था इसीलिए घर वावपस आ गया हूँ…” और इतना बोिते ह़ुये मैं अपने रूम में
घस
़ु गया और दरवाजा बूंद िरिे राबबया (वो िड़िी जजसे मैंने सेट किया था िेकिन अब वो मेरे साथ िाशी िी
भी रखेि थी) िो िाि िी और उसिे िाि वपि िरते ही मैंने उससे उस िड़िी िा पछा जजसिा नम्बर उसने
िाशी िो ददया था।

तो उसने िहा- “नहीूं यार, मैं नहीूं जानती उसे, बस अपनी बहन िे सेि पे उसिा नम्बर दे खा था और िाशी िी
जजद थी कि किसी नई िड़िी से लमिवा दूँ , तो मैंने उसे उस िड़िी िा नम्बर दे ददया है । क्यों ि़ुछ नहीूं बना
क्या? और हे हेहे िरिे हूँसने िगी।

मैं राबबया िी बात िो नजर अूंदाज िरिे अभी उससे उस िड़िी िा नम्बर माूँगने ही वािा था कि मेरे ददि में
ख्याि आया कि जब िाशी उसिे साथ बात शरू
़ु िर ही चि
़ु ा है तो मझ
़ु े अभी पूंगा नहीूं िेना चादहए। िहीूं िाम
खराब ही ना हो जाए। तो मैंने राबबया िो बाइ बोििर िाि िट िी और सोने िे लिये िेट गया।

अगिी सब
़ु ह मैं घर से तैयार होिर नाश्ता िरिे जल्दी से िािेज िी तरफ ननिि गया। िेकिन आज भी िाशी
िा नम्बर आफ जा रहा था और वो कफर से िािेज नहीूं आया था। तो मझ
़ु े थोड़ी परे शानी होने िगी कि आखखर
3
बात क्या है जो िाशी अभी ति ना तो िािेज आया है और ना ही उससे मोबाइि पे बात हो रही है? तो मैंने
अपनी बाइि िािेज िे स्टैंड से ननििी और िाशी िे घर िी तरफ चि ददया।

िाशी िा घर क्योंिी एि बह़ुत ही िो क्िास िािोनी में था, जहाूँ िोग ऐसे ही इधर-उधर दि ़ु ानों और अड्डों पे
बैठे चाय िे िप पे सारा ददन गप्पों में गज
़ु ार ददया िरते थे। खैर मैं िाशी िे घर पह़ुूँचा और उसिे घर िा
दरवाजा नाि िरने से पहिे मैंने एि बार कफर िाशी िा नम्बर ट्राई किया। िेकिन नतीजा वोही पावर आफ ही
ननििा, तो मैं आगे बढ़ा और दरवाजे पे नाि िर ददया।

मैं दरवाजा नाि िरिे थोड़ा पीछे हटिर खड़ा हो गया कि तभी दरवाजा धीरे से ख़ुिा और उसमें से एि िड़िी
िा प्यारा सा चेहरा नजर आया जो कि मेरी तरफ सवालिया नजरों से दे ख रही थी, िेकिन उसिो दे खिर िग
रहा था कि वो िहीूं जाने िी तैयारी में थी।

मैंने उस िड़िी िी तरफ दे खते ह़ुये िहा- “जी, वो मझ


़ु े िाशी से लमिना था दो ददन से िािेज नहीूं आया तो मैं
पछने आया था…”

वो िड़िी मझ ़ु े सर से िेिर पाूंव ति दे खते ह़ुये घर िे अूंदर िी तरफ घमिर बोिी- “भाई, जरा बाहर आओ,
तम
़ु से लमिने आया है िोई…”

मझ
़ु े ये सन
़ु िर हल्िा सा दख
़ु भी ह़ुआ कि ये िाशी िी बहन है क्योंिी मैं समझा था कि िोई साथ िे घर से
आई होगी, तो िाशी से बात िरूूंगा कि इसिा नम्बर मझ ़ु े िा दे तािी मैं इस सद
ूं़ु री िो पटा सिूं चद
़ु ाई िे
लिए।

खैर, थोड़ी ही दे र में िाशी बाहर ननिि आया और मझ


़ु े दे खिर थोड़ा शलमिंदा सा हो गया और बोिा- “यार, त ये
साथ वािे दरवाजा पे आ जा, मैं दरवाजा खोिता हूँ। कफर बैठिर बात िरते हैं और इतना बोििर कफर से घर
में गायब हो गया।

तो मैंने कफर से उस िड़िी िी तरफ दे खा जो कि मझ


़ु े दे खिर हल्िा सा पहिी बार मश़्ु ि़ुराई और बोिी- “क्या
यहाूँ खड़े रहें गे आप?”

मैं- “नऽनहीूं तो…” और वहाूँ से हटिर साथ वािे दरवाजा पे जािर खड़ा हो गया कि तभी दरवाजा ख़ुिा और
िाशी िा सर बाहर ननििा जो कि मझ
़ु े दे खते ह़ुये मश़्ु ि़ुरा ददया और बोिा- “आ जा यार अूंदर ही आ जा…”

मैं उसिी बात सन


़ु िर रूम में घस
़ु गया और अूंदर आते ही मैंने िाशी िो गदट न से पिड़ लिया और एि मक्
़ु िा
उसिे पेट में मारते ह़ुये बोिा- “सािे िहाूँ गायब है दो ददन से? िहीूं अिेिा ही तो उस िड़िी िो चोदने िे
चक्िर में नहीूं है त…”

(यहाूँ मैं आप सबिो ये बात बता दूँ कि हम दोनों दोस्त लसर्फट घर से बाहर ही लमिते थे)

4
मेरी बात सन
़ु िर िाशी ने अपना मूँह
़ु बना लिया और बोिा- “नहीूं यार, मैं इतना मतिबी भी नहीूं हूँ जजतना कि
त मझ
़ु े समझ रहा है और बािी मैं िािेज इसलिए नहीूं आ रहा था कि आज दसरी रात है कि मेरी नीूंद परी
नहीूं हो पा रही, दे र रात ति तो उस िड़िी से मेरी चैट चिती रहती है ।

मैं- चि वो सब तो ठीि है िेकिन तेरा मोबाइि क्यों बूंद जा रहा है?

िाशी- अरे भाई, मेरे मोबाइि िी बैटरी खराब हो गई है जजसिी वजह से मोबाइि आफ पड़ा ह़ुआ है और मेरे
पास तो इतने पैसे भी नहीूं हैं कि मैं मोबाइि में नई बैटरी ही डाि िूँ ।

मैं- “सािे, त भी ना एि नम्बर िा हरामी है । जब दे खो पेसों िे लिए ही रोता रहता है …” और अपनी पािेट से
₹200 ननिििर उसे पिड़ा ददए और बोिा- “ये िे सािे तेरी बहन िी चोदूं , बैटरी डिवा िेना अब। और अब ये
बता कि क्या बना? बात िहाूँ ति पह़ुूँची है तम्
़ु हारी उस िड़िी िे साथ और नाम क्या है उसिा?”

िाशी- “यार सन्नी, यहाूँ पे थोड़ा मसिा हो रहा है । उसने ना तो अभी ति अपना नाम बताया है और ना ही
अपनी वपि दी है । उसने फोटो िे साथ बािी चेहरे िी जगह िो खराब िरिे अपनी बाडी िी वपि ददखाई है
मझ
़ु ,े जजतना भी ददखा मझ
़ु े िमाि िी िगी है …”

मैं- वो तो ठीि है यार, िेकिन कफर भी बोिती क्या है ? चाहती क्या है? ि़ुछ तो बताया होगा ना उसने?

िाशी- “हाूँ, ना यार सब बताया है । उसने िहा है कि वो मझ


़ु से लमिने और सेक्स िरने िे लिए तैयार है ।
िेकिन बात वहीूं आिर रुि जाती है कि वो ना तो किसी होटे ि में लमिना चाहती है और ना किसी और जगह,
बाहर वो िहीूं लमिना नहीूं चाहती और मैं उसे घर में िा नहीूं सिता। बािी उसने िहा है कि जब लमिने िा
प्रोग्राम बना तो वो अपना नाम भी बताएगी और अपने आपिो भी ददखाएगी उससे पहिे नहीूं…”

मैं ि़ुछ दे र ति सोचता रहा और कफर िाशी िी तरफ दे खते ह़ुये बोिा- “अच्छा ये बता कि तने उससे ये पछा है
कि उसने पहिे भी िभी किया है किसी और िे साथ या अभी नहीूं?”

िाशी- “यार, वो तो अपने आपिो अभी ति िूँ़ु वारी ही िह रही है । बािी उसने ये भी बताया है कि उसिे पास
एि ििड़ी िा ट़ुिड़ा है जो 3” इूंच से थोड़ा ही बड़ा होगा और ज्यादा मोटा भी नहीूं, उसिो अपनी फ़ुद्दी में
िेती है , जब गमी बदाटश्त से ज्यादा हो जाए तो। बािी असि में उसने िभी िोई िण्ड नहीूं लिया अपनी फ़ुद्दी
में …”

मैं- “अच्छा, जरा मझ


़ु े फोटो तो ददखा जो उसने तम्
़ु हें भेजी हैं। उसिे बाद जगह िा भी ज़ुगाड़ िगाता हूँ तेरे
लिए। सािे, िेकिन ध्यान से बेटा वहाूँ िैमरा भी िगा िेना तािी बाद में उस मवी िो ददखािर मैं भी उसिी
फ़ुद्दी में अपना िण्ड घस
़ु ािर मजे िर सिूं …”

िाशी- “त बैठ यहाूँ, मैं िैपटाप िाता हूँ उसी में हैं सारी फोटो…” और मझ
़ु े छोड़िर घर में चिा गया िैपटाप
िाने िे लिए।

5
िाशी थोड़ी दे र िे बाद वावपस आया और िैपटाप िो ओन िरिे उसमें उस िड़िी िी फोटो मझ
़ु े ददखाने िगा
जजन्हें दे खिर ही मेरा िण्ड पैंट में मचिने िगा। फोटो दे खिर मैंने िहा- “यार िाशी, जल्दी ि़ुछ िर यार…
अगर ये ररयि में उसिी अपनी फोटो है, तो जरा सोच कि कितना मजा दे गी ये सािी गश्ती िी बच्ची…” और
पैंट िे ऊपर से अपने िण्ड िो दबाने िगा।

िाशी- “यार, वो खद
़ु बड़ी बेचैन है च़ुदवाने िे लिए, बस जगह नहीूं है अगर त जगह िा इूंतजाम िर दे तो मैं
िि िा ही पक्िा िरता हूँ उसिे साथ और परसों वो तेरे नीचे होगी…”

मैं- “ठीि है, रुि मैं अभी ि़ुछ िरता हूँ…” और इतना बोििर मैंने अपना मोबाइि ननिािा और अपने एि
दोस्त िो िाि िी जो कि हमारी ही िािोनी में रहता था और उससे जगह िे लिए पछा। तो पहिे तो वो खद
़ु
भी च़ुदाई में शालमि होने िे लिए बोि रहा था। िेकिन मैंने उसे ये बोि ददया कि यार मैं उससे प्यार िरता हूँ
ररयि वािा और शादी भी िरूूँगा तो उसी से। सो प्िीज़्ज ऐसी बात दोबारा नहीूं िरना।

तो वो हूँसता ह़ुआ बोिा- “चि ठीि है, मैं िि चिा जाऊूँगा रूम से, तो िे आना हमारी भाभी िो…”

तो मैंने िहा- “यार मझ


़ु े रूम िि सब
़ु ह ही चादहए होगा…”

तो उसने हाूँ में जवाब ददया और िाि िट िर दी।

रूम िा जग
़ु ाड़ होते ही मैंने िाशी से िहा- “त अभी उससे पक्िा िर िे। ये ना हो कि रूम में जािर ख़ुद ही
अपने हाथों से मठ िगाना पड़े…”

तो िाशी हूँसता ह़ुआ बोिा- “अरे नहीूं यार, ि़ुछ नहीूं होता। मैं बात िर िूँ गा उससे, त टें शन ना िे…”

तो मैंने िाशी से हाथ लमिाया और खड़ा हो गया और बोिा- “तो ठीि है मैं चिता हूँ। शाम िो िाि िरिे
िैमरा िे जाना मझ
़ु से…” और उसिे घर से ननििा और बाइि पे बैठिर ऐसे ही ि़ुछ दे र आवारागदी िरने िे
बाद िािेज टाइम खतम ह़ुआ तो मैं घर चिा गया।

घर िा गेट ख़ुिा ह़ुआ ही था तो मैं सीधा अपनी बाइि िो अूंदर िे गया और बाइि िो स्टैंड िरिे जब मैं घर
में इन ह़ुआ तो दे खा कि हमारे घर िे साथ वािे घर में जो अूंिि रहते थे, सिीम साहब वो हाि में बैठे ह़ुये थे
और अम्मी भी उनिे पास बैठी बातें िर रही थीूं। तो मैंने उन दोनों िो सिाम किया और अपने रूम िी तरफ
चि ददया।

तो मझ
़ु े रूम िे बाहर फरी बाजी सफाई िरती नजर आई और इससे पहिे कि मैं बाजी िो नजर अूंदाज िरता
ह़ुआ रूम में जाता, मेरी नजर बबल्ि़ुि अचानि अपनी फरी बाजी िी गाण्ड पे पड़ी जो कि बबल्ि़ुि उसी िड़िी
िी तरह दहिती और सेक्सी थी, क्योंिी बाजी सफाई िरते ह़ुये पीछे से अपनी िमीज िो समेटिर बैठी ह़ुई थी
जजसिी वजह से उनिी गाण्ड साफ-साफ नजर आ रही थी।

बाजी िी गाण्ड िो दे खिर मेरा िण्ड खड़ा होने ही िगा था कि मझ


़ु े अपने आप पे बह़ुत ज्यादा शरम आने
िगी, और मैं अपने आप पे िानत मिामत िरता ह़ुआ बाजी से नजर हटािर बबना बाजी से सिमा किए अपने
6
रूम में घस़ु गया और सीधा बाथरूम में जािर नहािर फ्रेश ह़ुआ। कफर शाम िे 4:00 बजे ति मैंने सोिर वक़्त
गज़ु ारा।

कफर उसिे बाद िाशी िी िाि आ गई जो िैमरे िे लिए बोि रहा था। तो मैंने िहा चि ठीि है त पािट में
बैठ मैं िाता हूँ अभी चेि िरिे, और िाि िट िर दी।

उसिे बाद मैंने िैमरा ननिािा और उसे चेि िरिे घर से ननििा और नजदीि िे पािट में चिा गया जहाूँ
िाशी मेरा इूंतजार िर रहा था। मैंने िैमरा िाशी िो पिड़ा ददया और बोिा- “हाूँ तो कफर िन्फमट हो गया है
िि िा या अभी नहीूं?”

तो िाशी हूँसते ह़ुये बोिा- “यार, वो तैयार है । िि आ जाएगी 9:00 बजे ति…”

तो मैंने िहा- “ठीि है कफर मैं सब


़ु ह 7:00 बजे चाभी िे िूँ गा अपने दोस्त से उसिे रूम िी, और तम्
़ु हें दे दूँ गा।
कफर तम
़ु भी 8:00 बजे ति वहाूँ चिे जाना और किसी अच्छी जगह पे िैमरा रख दे ना, तािी हर चीज तो साफ
नजर आए िेकिन िैमरा नजर नहीूं आना चादहये…”

िाशी ने हाूँ में सर दहिाया और उसिे बाद मेरे साथ हाथ लमिािर ननिि गया। तो मैं भी यूँ ही इधर-उधर
आवारा कफरने िे बाद 8:00 बजे घर आ गया और खाना खािर सो गया क्योंिी सब
़ु ह मझ
़ु े जल्दी उठना था।

अगिी सब
़ु ह मेरी आूँख अिामट िी बेि से खि
़ु ी तो मैंने उठते ही सबसे पहिे अपने दोस्त िो िाि िी, जजससे
मैंने रूम िी बात िी थी।

िाि वपि िरते ही मैंने उससे िहा- “हाूँ यार, मैं आ रहा हूँ अभी तम
़ु से रूम िी चाबी िेने िे लिए। तम
़ु तब
ति तैयार हो जाओ ननििने िे लिए…”

मेरे दोस्त ने मेरी बात िे जवाब में हूँसते ह़ुये िहा- “यार, मैं तो अब तैयार हो भी च़ुिा हूँ और नाश्ता िरिे
ननििने वािा हूँ। तम ़ु आ जाओ मैं तम् ़ु हारा इूंतज
े ार िर रहा हूँ…”

मैंने अपने दोस्त से बात खतम िी और उठिर हाथ मह


ूँ़ु धोया और बाइि ननिाििर अपने दोस्त िे रूम िी
तरफ चि ददया, जो कि िरीब ही था ज्यादा दर नहीूं था। और उसिी सबसे खास बात ये थी कि उस गिी में
ज्यादा िोग आते जाते नहीूं थे, ज्यादातर सनसान ही रहती थी।

मैं जैसे ही वहाूँ पह़ुूँचा तो मेरा दोस्त मझ


़ु े चाभी पिड़ाते ह़ुये बोिा- “अच्छा यार, मैं चिता हूँ अब। िेकिन यहाूँ
ज्यादा गूंदगी नहीूं फैिाना समझे…” और मेरे िूंधे पे हाथ मारता ह़ुआ रूम से ननिि गया।

उसिे जाने िे बाद मैं रूम िो अच्छी तरह चेि किया कि िहीूं उसने यहाूँ िोई िैमरा तो नहीूं छ़ुपा रखा।
िेकिन मझ
़ु े ऐसी िोई चीज नहीूं लमिी तो मैंने िाशी िो िाि िी और उसे पता बतािर आने िो बोिा। तो वो
7:45 बजे ति मेरे पास पह़ुूँच गया और मैंने सब ि़ुछ उसिे हवािे किया और फटाफट घर िो भागा और
नहािर बबना नाश्ता किए में 8:15 पे घर से ननिि गया।

7
मैं वहाूँ से िािेज िे लिए नहीूं गया िेकिन वहाूँ उस मिान िे िरीब ही जहाूँ िाशी उस िड़िी से लमिने वािा
था चक्िर िगाता रहा अपनी बाइि पे, और िाशी से भी पछता रहा कि िब आ रही है ? आ गई है या अभी
नहीूं? और आखखर 9:30 बजे िाशी ने बताया कि वो बस अभी 5 लमनट ति आने वािी है , उसिे आने िा
सन
़ु िर मेरे ददि िी धड़िन भी थोड़ी तेज हो गई और मैं थोड़ा फासिे पे खड़ा होिर उसिे आने िा इूंतज
े ार
िरने िगा, क्योंिी मैं उस िड़िी िा चेहरा दे खना चाहता था।

खैर, िोई 10 लमनट ही गज ़ु रे होंगे कि जहाूँ मैं खड़ा ह़ुआ था, उसिे दसरी तरफ से एि िड़िी िो निाब किए
और इधर उधर दे खते ह़ुये उसी मिान िी तरफ जाते दे खा जहाूँ कि िाशी मौजद था।

वो िड़िी जैसे ही मिान ि िरीब पह़ुूँची तो पहिे से हाथ में पिड़े मोबाइि से िाि िी कि तभी िाशी ने
मिान िा दरवाजा खोिा और उसिी तरफ दे खिर सर से इशारा किया। तो वो िड़िी तेजी से मिान में चिी
गई। तभी िाशी ने इधर-उधर दे खा और जैसे ही उसिी नजर मझ
़ु े पे पड़ी तो हल्िा सा मश़्ु ि़ुरािर दरवाजा बूंद
िरिे अूंदर चिा गया।

(मैं क्योंिी िाफी फासिे पे खड़ा ह़ुआ था तािी उस िड़िी िी मझ ़ु पे नजर ना पड़ सिे, िेकिन क्योंिी िाशी
िो पहिे से ही पता था कि मैं िहाूँ खड़ा होऊूँगा इसीलिए उसने सीधा मेरी तरफ ही दे खा था)

उन दोनों िे अूंदर जाते ही मैं भी वहाूँ से ननििा और घर आ गया, तो दे खा कि अम्मी बाहर हाि में ही बैठी
टीवी दे ख रही हैं। तो ाा भी उनिे पास ही जा बैठा और अम्मी से फरी बाजी िा पछा।

तो उन्होंने िहा- “वो जरा अपनी दोस्त से लमिने गई है 12:00 बजे ति आ जयेगी। िेकिन तम
़ु क्यों पछ रहे
हो ि़ुछ िाम था क्या?”

वो अम्मी भख िग रही है ि़ुछ खाने ि लिए बोिना था बाजी से और तो िोई खास िाम नहीूं था।

तो अम्मी ने िहा- “तम


़ु बैठो, मैं िा दे ती हूँ…” और उठिर किचेन में चिी गईं।

नाश्ता िरने िे बाद मैं अपने रूम में चिा गया और बेड पे िेट गया और िाशी िे बारे में सोचने िगा कि
सािा किस तरह मजे िे रहा होगा नई फ़ुद्दी िा, और इन सोचों ने मेरा िण्ड भी खड़ा िर ददया तो मैंने
बाथरूम में जािर मठ िगाई और वावपस आिर बेड पे िेट गया और ऐसे ही ख्यािों में खोया रहा।

और टाइम िब गज
़ु रा पता ही नहीूं चिा। पता तब चिा जब िाशी िी िाि आई। तो मैंने जल्दी से िाि वपि
िी तो िाशी ने िहा- “भाई, पािट में आ जाओ मैं वहीूं तम्
़ु हारा इूंतजार िर रहा हूँ…”

तो मैं झटिे से उठा और घर से ननिििर िरीबी पािट में चिा गया जहाूँ िाशी बैठा मेरा इूंतज
े ार िर रहा था।
मैं जैसे ही िाशी िे पास गया तो दे खा कि उसिा चेहरा खश
़ु ी से िाि हो रहा था।

तो मैंने िहा- “क्यों बे सािे, बड़ा ख़ुश ददख रहा है…”

8
तो िाशी ने हूँसते ह़ुये िहा- “यार, क्या बताऊूँ क्या मस्त चीज है और ऊपर से सच्ची में िूँ़ु वारी भी थी। िेकिन
मजा बह़ुत िरवाया सािी ने…”

मैंने िाशी िी ख़ुशी िो नजर अूंदाज किया और बोिा- “सािे िा िैमरा मझ


़ु े दे और जािर घर पहिे नहा धोिर
साफ तो हो, या ऐसे ही गान्ड बना कफरे गा…”

तो िाशी ने हूँसते ह़ुये मझ ़ु े िैमरा ददया और बोिा- “ये िे यार, सब रे िाडट हो गया है इसमें , दे ख िेना। मैं
चिता हूँ अब…” िाशी मझ ़ु े िैमरा पिड़ाते ही पािट से बाहर िो चि ददया।

मैं भी उसिे पीछे ही बाहर ननििा पािट से और घर आ गया और सीधा रूम में जािर िैमरा िो शरू
़ु से प्िे
किया तो थोड़ी दे र ति तो उसमें लसर्फट िाशी ही नजर आता रहा। िेकिन उसिे बाद िाशी ने दरवाजा खोिा
और वो िड़िी अूंदर आ गई।

िड़िी रूम में आिर बेड िे िरीब खड़ी हो गई और कफर िाशी भी दरवाजे िो िाि िरिे उसिे पास आिर
खड़ा हो गया और उससे ि़ुछ बात िरने िगा, तो वो िड़िी िाशी िी बात सन
़ु िर बेड पे बैठ गई। वो बैठ गई
तो िाशी भी उसिे पास बैठ गया और उससे बातें िरने िगा और… और साथ ही उसे अपना निाब हटाने िे
लिए अपने हाथ से भी फोसट िरने िगा।

तो उस िड़िी ने थोड़ा शरमाते ह़ुये अपना निाब हटा ददया और निाब हटते ही जो चेहरा मझ़ु े नजर आया,
उसिो दे खिर तो जैसे मेरी अपनी ही गाण्ड फटी िी फटी रह गई… क्योंिी वो िोई और नहीूं मेरी बड़ी बहन
फरी ही थी।

फरी िो िाशी िे साथ दे खना मेरे लिए नािाबबि-ए-यिीन मूंजर था िेकिन ये एि हिीित थी जो कि अब मेरे
सामने थी। मैंने वीडडयो बूंद िी और फौरन िाशी िो िाि लमिाई।

तो उसने िाि वपि िरते ही िहा- “क्यों यार, अब क्या ह़ुआ? अभी तो मैं घर पह़ुूँचा ही हूँ कि तने कफर से
िाि िर दी है ि़ुछ िाम था क्या?”

मैं- “हाूँ यार, थोड़ा िाम ही है । त ऐसा िर कि मेरा वािा िैपटाप िेिर आ जा जल्दी से। मैं तम्
़ु हें पािट में ही
लमिग
ूं ा…”

िाशी- “यार, सब ठीि तो है ना? त इतना गम्भीर क्यों हो रहा है ?”

मैं अब इस गान्ड िो क्या बताता कि मेरी बहन िो मेरी ही मदद से चोदिर सािा पछ रहा है कि मैं इतना
गम्भीर क्यों हो रहा हूँ। मैंने िहा- “नहीूं यार, बस थोड़ी गप-शप िरनी थी इसलिए बि
़ु ाया है …”

िाशी- “चि ठीि है, मैं अभी थोड़ी दे र में नहािर ननििता हूँ घर से…” और िाि िट िर दी।

िाशी से बात िरने ि बाद मैंने कफर से वीडडयो चिाई और दे खने िगा, जहाूँ से पाज िी थी। तो अब िाशी
बाजी िी चचचयों िो िमीज ऊपर से ही पिड़िर दबा रहा था और सहिा रहा था, जजसमें बाजी िोई भी ऐतराज
9
नहीूं िर रही थीूं, बल्िी परा मजा िे रही थीूं। मैंने मवी िो थोड़ा आगे किया जहाूँ िाशी बाजी िे िपड़े उतारने
िे बाद बाजी िो बेड पे बबठा चि
़ु ा था और बाजी लसर्फट ब्रा और पैंटी में बेड पे बैठी ह़ुई थी।

िेकिन बाजी िा चेहरा उस वक़्त िैमरे िी तरफ नहीूं था, बाजी िी बैि क्योंिी िैमरे िी तरफ थी और उनिी
नूंगी िमर और पैंटी में िैद गाण्ड दे खिर मेरा िण्ड भी खड़ा होने िगा था। और जहाूँ मझ
़ु े थोड़ी दे र पहिे ति
गस्
़ु सा आ रहा था िाशी पे अपने आप पे और अपनी बड़ी बहन फररहा पे, अब बाजी िो इस हाित में दे खिर
िहीूं हल्िा सा मजा भी आ रहा था।

अब मैंने दे खा कि िाशी ने भी अपने िपड़े उतार ददए थे जो कि बाजी कि पीछे खड़ा ह़ुआ था और बेड पे बाजी
िे पीछे जािर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से पीछे से ही फररहा बाजी िो िस लिया और उसिी गदट न पे
किस िरने िगा।

बाजी िाशी िी किसी भी हरित से उसे मना नहीूं िर रही थी। थोड़ी दे र ति ऐसे ही चिता रहा। कफर िाशी ने
बाजी िो अपनी तरफ घम
़ु ाया और साथ ही बाजी िे होंठों से अपने होंठ िगा ददए और किस िरने िगा। तो
बाजी भी अपना एि हाथ उसिे सर िे पीछे रखते ह़ुये किस िरने िगी। बाजी िो किस िरने िे साथ ही िाशी
ने अपना हाथ मेरी बहन िी चचचयों पे रख ददया और उन्हें धीरे -धीरे अपने हाथ से दबाने और मसिने िगा,
जजससे बाजी और भी गरम होती ददखने िगी।

थोड़ी दे र ति सब ऐसे ही चिता रहा और कफर िाशी िा हाथ जो कि बाजी िे पीछे िमर पे था, उस हाथ से
ही िाशी ने बाजी िी ब्रा िा ह़ुि िब खोि ददया। पता ही नहीूं चिा और अचानि िाशी िा वो हाथ जो बाजी
िी ब्रा िे ऊपर से ही बाजी िी चचचयों िो दबा रहा था, थोड़ा नीचे ह़ुआ और साथ ही उसने बाजी िी ब्रा िो
हटा ददया, जजससे मेरी नजरों िे सामने मेरी ही बहन िी चचचयाूं नूंगी हो गईं, जो कि मेरी ही वजह से मेरे
दोस्त िे हाथों ही मेरी बहन अपनी इज़्जत िट
़ु रही थी।

चचचयों िो नूंगा दे खिर जहाूँ मेरा िण्ड मेरा ट्राउजर फाड़िर बाहर आने िो बेचन
ै हो रहा था। वहीूं मैं उस वक़्त
ये भी भि च़ुिा था कि अभी ि़ुछ दे र पहिे मैं अपने आप पे और अपने दोस्त पे कितना गस्
़ु सा िर रहा था।
अब मेरा परा ध्यान अपनी बड़ी बहन िी नूंगे चचचयों पे था, जजनसे मेरा दोस्त अपने हाथों से खेि रहा था।
कफर उसने बाजी िो नीचे लिटा ददया बेड पे और खद
़ु बैठा-बैठा ही फरी बाजी िी चचचयों पे झि
़ु गया और बाजी
िी चचचयों िो अपने मूँह
़ु में िेिर चसने िगा और हाथ से भी बाजी िी चचचयों िो दबाने और सहिाने िगा।
और कफर धीरे -धीरे बाजी िे पेट िी तरफ बढ़ा और बाजी िे पेट पे अपनी जब
़ु ान घम
़ु ाता और नीचे िी तरफ
जाने िगा।

और कफर अपना सर उठा लिया और बाजी िी तरफ दे खा जो कि िाशी िे इस तरह उठ बैठने से अपनी आूँखें
खोििर उसिी तरफ ही दे ख रही थी। तो िाशी ने बाजी िी तरफ से नजर हटािर अब अपना हाथ बाजी िी
पैंटी िी तरफ बढ़ाया और धीरे से बाजी िी पैंटी नीचे खखसिाने िगा और आखखरिार बाजी िी पैंटी उतारिर वो
उठा और बाजी िी दोनों रानों िो खोिते ह़ुये रानों िे बीच में आिर बैठ गया।

उस वक़्त मेरी नजर बाजी िी बबना बािों िी चत पे पड़ी तो मेरे मूँह


़ु से हल्िी सी लससिी ननिि गई और हाथ
से मैंने अपना िण्ड भीूंच लिया। (हािाूंकि मझ
़ु े िैमरे में ये सब परी तरह साफ-साफ नजर नहीूं आ रहा था,
िेकिन जजतना भी नजर आ रहा था वो भी मेरे होश उड़ाने िे लिए िाफी था)
10
खैर अब िाशी थोड़ा आगे ह़ुआ और अपने िण्ड पे अच्छी तरह थि िगािर बाजी िी चत पे रगड़ने िगा जो
कि 5½” साइज िा ही था और इतना मोटा भी नहीूं था तो िाशी िे इस तरह िरने से बाजी जो कि िाशी िी
तरफ ही दे ख रही थी अपनी आूँखों िो बूंद िरिे िेट गई और अपने हाथों से बेड िी चादर िो पिड़िर
लससिने िगी (जजसिी आवाज तो मझ
़ु े सन
़ु ाई नहीूं दे रही थी) अब िाशी ने थोड़ा थि और भी अपने िण्ड और
फरी बाजी िी चत पे िगा ददया और बाजी पे झि
़ु गया। कफर मेरी बहन िे िूंधों पे अपने हाथ जमािर हल्िा
सा झटिा िगाया, जजससे बाजी िा मूँह
़ु परी तरह एि बार खि
़ु ा और कफर बूंद हो गया।

िेकिन क्योंिी अब मझ
़ु े लसर्फट वो दोनों ही नजर आ रहे थे और बाजी िी फ़ुद्दी और िाशी िा िण्ड जो कि
बाजी िी फ़ुद्दी में घस
़ु रहा था उस वक़्त नजर नहीूं आ रहा था, जजससे मैं लसर्फट अूंदाजा ही िगा सिता था।
िाशी बाजी िे ऊपर िेटा धीरे -धीरे दहिता रहा और ि़ुछ दे र ति बाजी िाशी िे सीने पे अपने हाथ रखे उसे
धिेिने िी िोलशश िरती रही। िेकिन कफर आराम से िेट गई और अपनी आूँखें भी बूंद िर िीूं िेकिन िाशी
वैसे ही मेरी बहन ि ऊपर िेटा दहिता रहा तो ि़ुछ दे र िे बाद मेरी बहन भी नीचे से दहिने और िाशी िा परा
साथ दे ने िगी जजससे मैं समझ गया कि बाजी िो जो ददट होना था वो हो च़ुिा और अब वो अपनी पहिी च़ुदाई
िा परा मजा िे रही थी।

िोई 15 लमनट िी िगातार च़ुदाई िे बाद िाशी ने झटिे से अपने आप िो पीछे हटाया और अपने िण्ड िो
अपने हाथ में पिड़िर दहिाने िगा और 4-5 बार दहिने से ही उसिे िण्ड ने पानी छोड़ ददया, जो कि मेरी
बहन िे ऊपर ही चगरा था।

जजसिे बाद िाशी उठा और साइड से एि िपड़ा उठािर मेरी बहन िी तरफ बढ़ा ददया जजसे मेरी बहन ने पिड़
लिया और अपने आपिो और अपनी फ़ुद्दी िो साफ िरने िगी। दोनों ने अपने आप िो जजतना हो सिता था
साफ किया और उसिे बाद िपड़े पहन लिए और कफर बैठिर थोड़ी दे र बातें िरते रहे और उसिे बाद बाजी उठी
और िाशी िो किस िरने िे बाद निाब किया और उस रूम से ननिि गई।

तो मेरी बहन िे जाते ही िाशी ने अपना चेहरा िैमरे िी तरफ किया और हूँसने िगा। जजसिी हूँसी ने मेरा
सारा मजा जो अभी मवी दे खिर आ रहा था, खराब हो गया और मझ
़ु े कफर से गस्
़ु सा आने िगा अपने आप पे।

मैं और िाशी अक्सर लमिा िरते थे, अगर िोई िाम होता तो घर से बाहर बि
़ु ा लिया िरते थे। अभी मैं मवी
दे खने िे बाद अपने आप पे और िाशी पे गस्
़ु सा ही िर रहा था कि मेरे मोबाइि िी बेि होने िगी। दे खा तो
िाशी ही िी िाि थी।

मैंने िाि वपि िी तो िाशी ने िहा- “यार िहाूँ है त? मैं यहाूँ पािट में आ गया हूँ…”

मैं- “त बैठ, मैं आ रहा हूँ, 10 लमनट में…” और इतना बोिते ही िाि िट िर दी और उठिर पािट िी तरफ
चि ददया। िेकिन जाते ह़ुये िैमरा छ़ुपा गया था कि किसी िी नजर ना पड़ जाए इस पे।

मैं जैसे ही पािट में दाखखि ह़ुआ सामने बेंच पे बैठे िाशी पे मेरी नजर पड़ गई, जो कि उस वक़्त बड़ा ही ख़ुश
िग रहा था। मैं उसिी तरफ चि ददया तो िाशी ने भी मझ ़ु े दे ख लिया और उठिर खड़ा हो गया और जैसे ही
मैं उसिे पास पह़ुूँचा।
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िाशी ने िहा- “क्या बात है यार, ऐसा क्या िाम पड़ गया तम्
़ु हें जो मझ
़ु े इस तरह बि
़ु ाया है तम
़ु ने?”

मैंने िाशी िा बाज पिड़ा और इधर-उधर दे खिर एि साइड पे चि ददया जहाूँ िोई भी नहीूं था।

िाशी ने िहा- “यार, ि़ुछ बोिेगा भी क्या बात है या मझ


़ु े ही घसीटे गा यहाूँ पे?”

मैंने िहा- “थोड़ा सबर िर, अभी बताता हूँ तझ


़ु े सब ि़ुछ…” और पािट िे एि िोने में पड़े बेंच पे िाशी िो
अपने साथ िेिर बैठ गया और िाशी िी तरफ दे खते ह़ुये बोिा- “अब दे ख िाशी, जो में पछूं गा तम्
़ु हें सच-सच
बताना है मझ
़ु ,े वरना बात बबगड़ जाएगी…”

िाशी- “यार, त पछ जो भी पछना है । मैं भिा तेरे साथ आखखर झठ क्यों बोिने िगा और आखखर बात क्या
है ?”

मैं- “िाशी, मझ
़ु े पता चिा है कि त उस िड़िी िो पहिे से ही जानता था, यहाूँ ति कि तम्
़ु हें उसिा नाम भी
पता था और मझ
़ु े बताने से पहिे तम
़ु िोग लमिते भी रहे हो…”

िाशी है रानी से मेरी तरफ दे खिर बोिा- “ये त क्या बोि रहा है और तझ
़ु े आखखर ऐसा किसने बता ददया कि मैं
फरी िो पहिे से ही जानता था और लमिा भी हूँ? ये झठ है मेरे यार…” िाशी िी आवाज से पता चि रहा था
कि वो सच बोि रहा है ।

मैं- बस बता ददया किसी ने।

िाशी- “नहीूं सन्नी, ऐसा नहीूं चिेगा। तझ


़ु े बताना ही होगा कि किस गान्ड ने हमारे बीच गितफहमी पैदा िरने
िी िोलशश िी है…”

मैं- “बता दूं गा तम्


़ु हें भी। िेकिन िाशी तझ
़ु े उस िड़िी िे साथ ऐसा नहीूं िरना चादहए था…”

िाशी है रानी से मेरी तरफ दे खते ह़ुये बोिा- “क्यों यार, आखखर ऐसी क्या बात हो गई? िौन थी वो िड़िी? क्या
तेरी िोई ररश्तेदार तो नहीूं थी?”

मैं- “नहीूं यार, जजस तरह त मेरा दोस्त है वो फरी भी मेरे एि बह़ुत अच्छे दोस्त िी बहन है । इसलिए बोि रहा
हूँ कि ये अच्छा नहीूं ह़ुआ…” (अब मैं उसे िैसे बता दे ता कि वो किसी और िी नहीूं मेरी अपनी ही बड़ी बहन
थी, जजसिी च़ुदाई िाशी ने िी थी मेरी ही मदद से)

िाशी एि आह्ह िी आवाज ननििता ह़ुआ बोिा- “छोड़ यार, उसने भी तो किसी ना किसी से चद
़ु वाना ही था।
ये तो अच्छा ह़ुआ कि हमने चोद लिया…” और हाहाहाहा िरिे हूँसने िगा।

मझ
़ु े उस वक़्त िाशी पे बड़ा गस्
़ु सा आया और मैंने जििर िहा- “िाशी अगर मैं भी इसी तरह तेरी ही बहन िो
चोदूं जजस तरह त ने फरी िो चोदा है तो क्या तेरा दोस्ती से एतबार नहीूं खतम हो जाएगा?”
12
िाशी है रानी से ि़ुछ दे र मेरी तरफ दे खता रहा और कफर बोिा- “यार सन्नी, मझ
़ु े नहीूं समझ आ रही कि आखखर
त इतना गस्
़ु सा क्यों हो रहा है ? बािी अगर त या मेरा िोई और दोस्त अगर मेरी बहन िे साथ उसिी मजी
और रजामूंदी से चोदे गा तो मैं भिा क्यों ऐतराज िरूूंगा? ये तो अच्छा है ना कि इस तरह वो मेरा दोस्त होने
िे नाते मेरी बहन िो बदनाम नहीूं िरे गा। और वैसे यार सन्नी, मैं तम्
़ु हें इतना छोटे जेहन िा नहीूं समझता
था…”

मैं है रानी से िाशी िी बातें सन


़ु ता रहा और उसिे खामोश होते ही बोिा- “िाशी, मैं है रान हूँ कि तम्
़ु हें इस बात
िी जरा भी परवाह नहीूं होगी कि िोई तम्
़ु हारी बहन िी फ़ुद्दी मारता रहे…”

िाशी- “मझ
़ु े िोई ऐतराज तब होगा, जब िोई मेरी बहन िी मजी िे बबना उसिे साथ बदतमीजी िरे गा। बािी
अगर िहीूं मेरी बहन िो मेरी मदद िी जरूरत ह़ुई तो मैं उसिी मदद भी िरूूंगा…”

मैं- नहीूं यार, मैं नहीूं मान सिता तेरी ये बात कि त इतना आगे भी जा सिता है । यार यहाूँ हमारे मल्
़ु ि में तो
भाई बहनों िो किसी गैर मदट िे साथ बात िरता भी दे ख िे तो ित्ि िर डािते हैं और त है कि मझ
़ु े बोि
रहा है कि तम्
़ु हें िोई मसिा नहीूं है इससे…”

िाशी मेरी हाित पे मश़्ु ि़ुराता ह़ुआ बोिा- “दे ख यार, मैं तो ऐसे भी भाई बहनों िो जानता हूँ, जो कि खद
़ु ही
आपस में च़ुदाई िरते हैं और परा मजा उठाते हैं। मैं तो ि़ुछ भी नहीूं हूँ और अगर मैं अपनी बहन िो उसिी
मजी िी िाइफ गज
़ु ारने िा मोिा दे ना चाहता हूँ या दे दूँ तो इसमें इतना है रान होने वािी िौन सी बात है मेरी
जान?”

िाशी िी बातें सन
़ु िर मेरी फटी िी फटी रह गई और मझ
़ु से ि़ुछ भी बोिा नहीूं गया।

तो मझ
़ु े खामोश दे खिर िाशी ने िहा- “दे ख यार, परे शान ना हो ज्यादा कि वो तेरे दोस्त िी बहन है , बस मजे
िर। वो अपने भाई िो नहीूं बताएगी, ये मझ
़ु े यिीन है । और अगर त उसे ि़ुत्तों से भी च़ुदवाना चाहे गा तो वो
ख़ुशी से मान जाएगी, क्योंिी सािी िी फ़ुद्दी में कितनी आग है ये मैं दे ख चि
़ु ा हूँ। अब छोड़ इन बातों िो
और ये बता कि क्या इरादा है तेरा? ि़ुछ िरना है या कफर मैं अिेिा ही मजे मारा िरूूं उसिे साथ?”

मैं उठिर खड़ा हो गया और बोिा- “मैं तम्


़ु हें शाम ति बताऊूँगा कि क्या िरना है और क्या नहीूं?” और िाशी
िी बात सन
़ु े बबना ही घर िी तरफ चि ददया।

मैं िाशी िे पास वावपस घर आया तो घर में दाखखि होते ही मेरी नजर सामने खड़ी बाजी फररहा पे पड़ी तो
मेरी आूँखों िे सामने वो सारा मवी वािा मूंजर घम गया और इन ख्यािों से फौरन मेरा िण्ड खड़ा होने िगा,
तो मैं अपने रूम िी तरफ चि ददया।

और अभी मैं रूम िे दरवाजा पे ही पह़ुूँचा था कि बाजी ने पीछे से आवाज दी और बोिी- “भाई, िहाूं आवारागदी
िरते रहते हो आजिि? और तम ़ु ने अभी ति दौपहर िा खाना भी नहीूं खाया है …”

13
मैंने बाजी िी तरफ दे खा गदट न घम
़ु ािर और बोिा- “नहीूं, मझ
़ु े भख नहीूं थी इसलिए नहीूं खाया…” और कफर से
रूम में जा घस़ु ा और दरवाजे िो िाि िरिे बेड पे आ िेटा और सोच में पड़ गया कि आखखर ये ह़ुआ क्या और
िैसे? क्योंिी ये एि ऐसा िाम था कि जजसिी मझ ़ु े जरा भी उम्मीद नहीूं थी और बाजी फररहा जो कि ददखने
में ही बड़ी मासम िगती हैं, उनिा ये जो रूप मेरे सामने आया था वो मेरे लिए शाकिूं ग तो था ही। िेकिन वहीूं
एि अजीब सा मजा और ख़ुशी भी दे रहा था।

मैं इन सोचों िे बीच िब अपने फ़ुि हाडट िण्ड िो सहिाने िगा, पता ही नहीूं चिा और जब मेरा ध्यान अपनी
इस हरित िी तरफ गया तो मझ ़ु े िाफी है रानी भी ह़ुई कि आखखर मेरे साथ ये सब क्या हो रहा है ? मैं अपनी
ही बड़ी बहन िे नूंगे जजश्म िो ख्यािों में दे खिर ही अपने िण्ड िो सहिा रहा था।

मतिब मेरा िण्ड अपनी ही बहन पे गरम हो च़ुिा था और मैं ख़ुद अपना िण्ड बाजी िे नूंगे जजश्म िी िल्पना
से ही सहिा रहा था।

तभी मझ
़ु े िाशी िी बात याद आई कि अगर उसे अपनी बहन िे बारे में इस तरह िी बात पता चिती कि वो
उसिे किसी दोस्त से चद
़ु वाती है तो वो उन्हें परा सपोटट िरता और जैसे ही ये बात याद आई तो मझ
़ु े पता नहीूं
क्या ह़ुआ कि मैंने अपना ट्राउजर खोििर िण्ड िो बाहर ननिािा और मठ मारने िगा। मैं उस वक़्त परी तरह
िामि़ु हो रहा था, जजसिी वजह से जल्दी ही मेरे 7½” िूंबे और 2” मोटे िण्ड ने पानी ननिाि ददया। और जब
मझ
़ु े थोड़ा होश आया तो मैं अपने िण्ड से ननििने वािी मानी दे खिर है रान रह गया। क्योंिी मेरे सामने बेड
िा अच्छा खासा भाग मेरी गाढ़ी मानी से गीिा हो गया था।

मैं जल्दी से उठा और अपने बेड िी चादर ननििी और बाथरूम में चिा गया, जहाूँ मैंने चादर िो शावर िे नीचे
रखिर पानी खोि ददया और अच्छी तरह लभगोिर वहीूं छोड़ा और रूम में वावपस आ गया और बबना बेडशीट िे
ही बेड पे िेट गया और आज ह़ुई घटना िे बारे में सोचने िगा कि मझ
़ु े अब क्या िरना चादहए? और सोचते-
सोचते आखखरिार मैंने एि फैसिा िर ही लिया और िैपटाप उठािर घर से ननििा और िाशी िो िाि लमिाई
कि मैं उसिी तरफ आ रहा हूँ और रात उसिे पास ही रुिूं गा।

तो िाशी ने िहा- क्या बात है भाई, सब ठीि तो है ना?

मैंने िहा- “यार, सब ठीि है । तेरे पास रहूं गा, रात में ि़ुछ प्िान िरना है मझ
़ु े तेरे साथ…” और इतना बोििर
िाि िट िर दी और बाइि पे बैठिर िाशी िे घर िी तरफ चि ददया।

मैं िाशी िे घर पे पह़ुूँचिर नाि किया। तो िाशी ने दसरी तरफ बैठि िा दरवाजा खोििर बाहर झाूँिा और
मझ
़ु े दे खिर बोिा- “यार इधर ही आ जा त…”

मैं अूंदर दाखखि हो गया तो िाशी ने मेरे हाथ से बाइि िी चाबी माूँगी और बोिा- “मैं बाइि िो अूंदर घर में
खड़ा िर दे ता हूँ, क्योंिी त रात भर यहाूँ रहे गा तो बाइि िो अूंदर खड़ा िर दूँ …”

मैंने उसे बाइि िी चाबी दे दी तो वो बाहर ननिि गया और ि़ुछ दे र बाद घर िे अूंदर वािे दरवाजे से बैठि में
आ गया और बोिा- “यार मैंने नीि िो चाय िे लिए बोि ददया है । अभी जब वो चाय दे िर जाएगी तब बात
िरें गे…”
14
तो मैंने भी हाूँ में सर दहिा ददया और सोच में गम
़ु हो गया। मैं िाशी िे सामने बैठा सोच में गम
़ु था कि
आखखर मैं बात िरूूं भी तो किस तरह िरूूं क्योंिी मैं नहीूं चाहता था कि जब िाशी िो पता चिे कि फरी िोई
और नहीूं मेरी बड़ी बहन है तो वो मेरा मजाि उड़ाए। क्योंिी किसी ना किसी ददन तो ये बात िाशी िो पता
चिनी ही थी। आखखर मैं िब ति छ़ुपा सिता था उससे?

तभी िाशी ने िहा- “अबे उल्िे िे पट्ठे िहाूँ गम


़ु है?”

मैं अपनी सोचों में िाफी गम


़ु था और िाशी िे इस तरह बि
़ु ाने से चौंि गया और जब िाशी िी तरफ दे खा जो
मझ
़ु े ही घरे जा रहा था तो मैंने िहा- “क्या ह़ुआ मझ
़ु े घर क्यों रहा है?”

िाशी ने िहा- “यार, मझ


़ु े भी तो बता आखखर मसिा क्या है? त इतना ज्यादा परे शान क्यों हो रहा है?”

तो मैंने िहा- “बताऊूँगा यार, िेकिन वादा िर कि त किसी से ये बात बोिेगा नहीूं, और मेरा राज अपने सीने में
छ़ुपािर रखेगा, चाहे जो भी हो जाए। वादा िर मेरे साथ…”

िाशी ने िहा- “दे ख यार सन्नी, हम चाय िे बाद इस पे बात िरते हैं। अभी तो ये बता कि तझ
़ु े ि़ुछ और
चादहए तो मैं अभी िे आता हूँ। क्योंिी अगर तने रात िो लसगरे ट माूँगा तो मैं िहाूँ से िाऊूँगा?”

“हाूँ यार, याद आया। त ऐसा िर कि एि पैिेट िे ही आ अभी…” मैंने इतना ही िहा था कि नीि िाशी िी
बड़ी बहन चाय िेिर रूम में आ गई और झ़ुि िे हमारे बीच रखिर वहीूं खड़ी हो गई।

मैंने अपना सर उठािर दे खा तो मझ


़ु े बड़ी है रानी ह़ुई कि वो यूँ इस तरह हमारे सामने बबना दप
़ु ट्टा लिए ही चाय
दे ने आई थी जजस पे िाशी ने भी उसे ि़ुछ बोिना जरूरी नहीूं समझा था। मेरे लिए है रानी िी बात इसलिए थी
कि हमारे मजहब में ये चीज बड़ी खराब समझी जाती है कि िोई िड़िी किसी भी अपने भाई या बाप िे दोस्त
िे सामने इस तरह बबना दप
़ु ट्टे िे जाए। क्योंिी बाहर वािों से हटिर घर वािे ही ऐसा नहीूं होने दे त,े क्योंकि
ये िोई अच्छी बात नहीूं थी।

मैं नीि िी तरफ दे खे जा रहा था है रानी भरी नजरों से।

जजस पे नीि ने िाशी िी तरफ दे खा और बोिी- “भाई िगता है तम्


़ु हारे दोस्त ने िभी िोई िड़िी नहीूं दे खी है
िभी, जो मझ
़ु े यूँ घरे जा रहा है ।

िाशी उसिी बात सन


़ु िर हूँस ददया और बोिा- “तम
़ु ऐसा िरो, अभी जाओ यहाूँ से हमें ि़ुछ बात िरनी है …”

तो नीि रूम से बाहर घर िी तरफ चि दी और दरवाजा िे पास जािर वावपस मड़


़ु ी और िाशी से बोिी- “भाई
अगर तम्
़ु हारा दोस्त रात यहाूँ ही रहे गा तो मैं रात िो परे घर में अिेिी िैसे रहूंगी…”

िाशी ने िहा- “यार, उसिा भी ि़ुछ िरते हैं अभी तम


़ु जाओ…”

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तो नीि रूम से ननिि गई। तो िाशी ने चाय िेते ह़ुये िहा- “यार वो छोटी और अम्मी अब्ब शादी में गये ह़ुये
हैं, एि हफ्ते िे लिए तो घर पे मेरे साथ बस नीि ही रह गई है और रात िो इसे िाफी डर िगता है अिेिे
में …”

मैंने िाशी िी बात िा िोई जवाब नहीूं ददया और खामोश बैठा चाय पीता रहा।

तो िाशी चाय खतम िरिे उठा और बाहर दि


़ु ान पे चिा गया लसगरे ट िाने िे लिए।

उसिे जाते ही नीि रूम में आ गई और खािी िप उठाने िगी और बोिी- “वैसे आप अगर हूँसते रहो तो अच्छे
िगोगे…”

मैंने नीि िी तरफ दे खा और अचानि मेरे ददि में ख्याि आया कि क्यों ना दे खा जाए नीि पे िाइन मारिर
तो मैंने िहा- “अगर मैं मश़्ु ि़ुराने िगूं तो आप मेरे साथ थोड़ा टाइम बैठोगी?”

नीि ने फौरन िप वावपस रखे और मेरे सामने जहाूँ ि़ुछ दे र पहिे िाशी बैठा था बैठ गई और बोिी- “अगर
आप ज्यादा फ्री ना होने िा वादा िरो तो आप जब ति यहाूँ हो मैं यहाूँ बैठने िो तैयार हूँ …”

मझ़ु े नीि िी बात से बड़ी है रानी ह़ुई, िेकिन मैंने इसिा इजहार नहीूं किया और बोिा- “िेकिन िाशी शायद इस
बात िो बऱु ा समझे कि आप मेरे साथ बैठोगी?”

तो नीि मेरी बात सन


़ु िर हूँस दी और बोिी- “नहीूं सन्नी जी, मैं अपने भाई िो अच्छी तरह जानती हूँ। उसे
जरा भी बऱु ा नहीूं िगेगा और वैसे भी हम यहाूँ लसर्फट बातें ही तो िरें गे जजसपे िोई भी ऐतराज नहीूं िर
सिता…”

अभी हम ये बातें ही िर रहे थे कि िाशी लसगरे ट िेिर आ गया और नीि िो मेरे सामने बैठा दे खिर बोिा-
“यार नीि, तम
़ु मेरे इस बेचारे दोस्त िो तो बख्श ही डािो ये बड़ा भोिा है अभी…”

नीि मेरी तरफ बड़े अजीब से अूंदाज में दे खते ह़ुये बोिी- “भाई,मैं िौन सा आपिे दोस्त िो खा जाऊूँगी। हम
बातें ही तो िर रहे हैं और वैसे भी आपिे दोस्त ने ही िहा था बातें िरने िो…”

िाशी- “अच्छा ठीि है, अभी तम


़ु जाओ यहाूँ से और खाना तैयार िरो तब ति हम ि़ुछ बातें िर िें…”

नीि िप उठािर रूम से बाहर चिी गई तो िाशी ने दरवाजे िो िाि किया और मेरे सामने आिर बैठ गया
और बोिा- “हाूँ यार सन्नी, अब जरा बातें हो जायें खि
़ु िर कि आखखर तझ
़ु े परे शानी क्या है?”

मैं ि़ुछ दे र ति िाशी िी आूँखों में झाूँिता रहा और कफर एि ठूं डी साूँस छोड़ते हो बोिा- “त ने अभी ति वादा
नहीूं किया मेरे साथ कि आज मैं जो बात तम्
़ु हें बताना चाहता हूँ, त उस बारे में किसी से िोई बात नहीूं िरे गा,
चाहे हमारी दोस्ती रहे या ना रहे …”

16
िाशी- “दे ख यार सन्नी, अब जब त ने खद
़ु ख़ुििर बात िरने िी सोच िी है तो पहिे तो मैं तम्
़ु हें ये बता दूँ
कि मैं जानता हूँ कि त यहाूँ क्या बात िरने आया है ? िेकिन कफर भी मैं अपनी माूँ िी िशम खािर िहता हूँ
कि चाहे मेरी जान ही क्यों ना चिी जाए, मैं किसी िो ि़ुछ नहीूं बताऊूँगा…”

मैं थोड़ा है रान होते ह़ुये बोिा- “नहीूं िाशी, तम


़ु नहीूं जानते कि मैं आज यहाूँ किसलिए आया हूँ…”

िाशी- “दे ख सन्नी, मैं िशम भी खा चि


़ु ा हूँ और वादा भी िरता हूँ, िेकिन साथ ही ये भी बता दूँ कि आज मैं
तेरे सामने ि़ुछ अपने राज भी बताऊूँगा तम्
़ु हें , जजसिे बारे में िोई नहीूं जानता, मेरे घर वािे भी नहीूं… और
बािी रह गई तेरी ये बात कि मैं नहीूं जानता… तो सन
़ु ो कि तम
़ु यहाूँ फरी िे लसिलसिे में आए हो, और बात
िरने िे लिए ही आये हो। और तझ
़ु े एि सच ये भी बता दूँ कि जब मैं फरी िे साथ रूम में था तो वहाूँ उसने
मझ
़ु े अपने मह
़ु ल्िे िा नाम भी बताया था। िेकिन मझ
़ु े तब भी समझ में नहीूं आई थी। िेकिन अभी तेरे आने
से ि़ुछ पहिे मैंने फरी से बात िरते ह़ुये तेरा पछा था कि वो तम्
़ु हें जानती है?

तो उसने िहा “हाूँ…” िेकिन ये नहीूं बताया कि िैसे जानती है ?

िेकिन जब मैंने ि़ुछ ज्यादा जोर ददया तो उसने जो बताया वो मेरे लिए बड़ा ही है रान िरने वािा था।

मैं िाशी िी बात सन


़ु िर अपना सर थामिर बैठ गया और बोिा- “दे ख यार िाशी, ये अच्छा नहीूं ह़ुआ। अगर
उसे पता चिा कि मैंने ख़ुद तम्
़ु हें उसे पटाने िे लिए बोिा था तो वो और ि़ुछ नहीूं समझेगी बल्िी सारी जजूंदगी
मेरे साथ बात भी नहीूं िरे गी और मैं उसिा सामना भी नहीूं िर सिूं गा…”

िाशी- “दे ख सन्नी, जो होना था वो हो गया, उसे हम वावपस नहीूं िा सिते। िेकिन अब हम अगर चाहें तो
फरी बहन िो िहीूं और किसी िे साथ बदनाम होने से बचा सिते हैं…”

मैं िाशी िी तरफ दे खते ह़ुये बोिा- वो िैसे?

िाशी- “दे ख सन्नी, मेरी बात िा गस्


़ु सा नहीूं िरना, अगर बऱु ी िगे तो मझ
़ु े मना िर दे ना और बात खतम हो
जाएगी और इसमें हम सबिा ही फायदा है…”

मैं- “त बोि जो बोिना है, मैं परी बात सन


़ु ग
ूं ा तेरी और तेरी किसी बात पे गस्
़ु सा भी नहीूं िरूूंगा…”

िाशी- “दे खो सन्नी, ये बात तम


़ु भी जान च़ुिे हो और मैं भी कि फरी बहन ने अब जजस चीज िा मजा चख
लिया है , वो अब उसे रुिने नहीूं दे गा और अगर हम ि़ुछ नहीूं िरें गे तो वो किसी और िे पास चिी जाएगी।
और ये तो हमारी ख़ुशकिश्मती है कि फरी बहन सबसे पहिे अूंजाने में ही सही, िहीूं और नहीूं गई। तो मैं
चाहता हूँ कि फरी बहन िा मजा हम दोनों ख़ुद ही परा िरें , तो फरी बहन िो बाहर च़ुदवाने और बदनाम होने
से भी बचा सिते हैं…” िाशी इतना बोििर चप
़ु हो गया और मेरी तरफ दे खने िगा।

िेकिन मैं िोई भी सूंिेत नहीूं दे ना चाहता था कि जजससे उसे पता चिे कि मेरे ददि में क्या है ?

और जब उसे ि़ुछ समझ में नहीूं आया तो िाशी ने िहा- “सन्नी, क्या सोच रहा है यार ि़ुछ बता तो सही?”
17
मैंने सर झि
़ु ा लिया और थोड़ी दे र सोचने िे बाद अपना सर उठा लिया और बोिा- “िेकिन ये सब होगा िैसे
कि फरी तेरे साथ-साथ मेरी तरफ भी आ जाए? क्योंिी आखखर वो बहन है मेरी। िैसे होगा ये?”

िाशी मेरी बात सन


़ु िर खश
़ु हो गया और उठिर मेरे पास आया और मझ
़ु े हाथ से पिड़िर उठा लिया और
अपने साथ लिपटा लिया और बोिा- “यार सन्नी, मझ
़ु े उम्मीद नहीूं थी कि त भी मेरी तरह बहनचोद बनेगा…”
और हाहाहाहा िरिे हूँसने िगा।

कफर िाशी ने जो अभी बात िी थी उससे मझ


़ु े िाफी जोर िा झटिा भी िगा था।

ि़ुछ दे र ति ऐसे ही िाशी मझ


़ु े अपने साथ लिपटाए भीूंचता रहा और कफर मझ
़ु े छोड़िर बोिा- “यार त क्यों
परे शान हो रहा है ? मैं हूँ ना… सारा िाम मैं िरूूंगा, त बस दे खता जा…”

मैं- “िेकिन यार, अगर सच पछो तो जब से मैंने फरी बाजी िो तेरे साथ च़ुदवाते दे खा है, ये सािा िण्ड बैठ ही
नहीूं रहा। ि़ुछ िर यार, अब बदाटश्त नहीूं होता… जल्दी से बाजी िी ददिा दे …”

िाशी- “सन्नी यार, िि तो नहीूं िेकिन परसों ति तेरी बहन तम


़ु से च़ुदवा रही होगी ये मेरा वादा है…”

मैं- “िेकिन यार ये होगा िैसे? और अभी जब त ने मझ


़ु े अपने साथ लिपटाया था तो तम
़ु ने िहा था कि मैं भी
तम्
़ु हारी तरह बहनचोद बनग
ूं ा, इसिी उम्मीद नहीूं थी। इसिा मतिब भी बता जरा?”

िाशी हूँसते ह़ुये बोिा- “यार अब जब हमारे बीच सब ख़ुिता ही जा रहा है तो एि राज मैं भी तम् ़ु हें बता दे ता
हूँ, और वो ये है कि मैंने तम्
़ु हें बताया था ना कि मैं ऐसे भाई बहन िो भी जानता हूँ जो आपस में हर हद पर
िरिे सेक्स िरते हैं…”

मैं- हाूँ मझ
़ु े याद है त ने बताया था मझ
़ु े।

िाशी- “तो सन
़ु , वो िोई और नहीूं मैं और मेरी बहन नीि हैं और आज ति किसी िो घर में भी इस बात िा
नहीूं पता और मजे िी बात ये है कि अगर नीि ने अपने किसी बायफ्रेंड से च़ुदवाना हो तो मैं खद
़ु उसे अपने
साथ उसिी किसी दोस्त िे घर जाने िे बहाने िे जाता हूँ…”

मैं है रानी से िाशी िी तरफ दे खिर बोिा- “िाशी क्या त सच बोि रहा है? मझ
़ु े यिीन नहीूं आ रहा है…”

िाशी- “अभी खाना तैयार होने िे बाद हम दोनों तेरी बहन िे साथ चैट िरें गे, जजसमें मैं उसिो बोिग
ूं ा कि नूंगी
फोटो भेजे अपनी। उसिे बाद मैं उसे थोड़ा जेहनी तौर पे अपने इिावा किसी और से भी च़ुदवाने िो मनाने िी
िोलशश िरूूंगा। और कफर मैं नीि से भी पछ िूँ गा कि अगर उसे तेरे साथ िोई ऐतराज ना ह़ुआ तो आज िी
रात मैं और त मेरी बहन नीि िे साथ मजे िरें ग…े ”

िाशी िी बात ने जहाूँ मझ


़ु े खश
़ु किया वहीूं मेरा िण्ड भी खड़ा िर ददया था।

18
जजसे दे खिर िाशी हूँस ददया और बोिा- “अभी नहीूं मेरी जान, क्योंिी यहाूँ घर साथ-साथ हैं और गलमटयों िे
ददन हैं तो अक्सर िोग छत (रूफ) पे सोते हैं तो किसी िी भी नजर पड़ सिती है । 10:00 बजे िे बाद होगा
अगर नीि िो िोई मसिा ना ह़ुआ और उसने मना ना किया तो…”

मैंने िहा- “यार, त उसे मना िे ना प्िीज़्ज… यार आज तो मेरा िण्ड बैठने िा नाम ही नहीूं िे रहा है …”

तो िाशी ने िहा- “वैसे एि बात बताऊूँ… मझ


़ु े नहीूं िगता कि वो मना िरे गी। इसलिए ददि छोटा मत िर।
मझ
़ु े उम्मीद है कि आज िी रात हम थ्री-सम जरूर िरें गे…”

उसिे बाद खाना खाने ति हम ऐसे ही गप्पें मारते रहे और कफर खाना खािर जब नीि ने बतटन उठा लिए तो
थोड़ी दे र बाद हमने िैपटाप ओन किया और िाशी अपने आई॰डी॰ से आन-िाइन ह़ुआ तो दे खा कि फरी बाजी भी
आनिाइन ही थी।

िाशी- हाय।

फरी- हाय जान, िैसे हो?

िाशी- जान, आज िी मि
़ु ािात िो याद िरिे िण्ड दहिा रहा हूँ।

फरी- मेरी भी हाित ि़ुछ अच्छी नहीूं है , और हाूँ अभी 15 लमनट बाद बात िरना अभी टाइम नहीूं है ।

िाशी- “ओिे… िेकिन उसिे बाद तम्


़ु हें अपनी वपि भी भेजनी होगी…”

फरी- “ज्यादा बदमाशी नहीूं, ओिे…”

उसिे बाद 25 लमनट ति िोई बात नहीूं ह़ुई तो कफर फरी िी तरफ से ही बात शरू
़ु ह़ुई।

फरी- अब बोिो, अब मैं फ्री हूँ।

िाशी- “यार, अपनी ि़ुछ अच्छी वािी वपि भेजो ना, प्िीज़्ज… बड़ा ददि िर रहा है …”

फरी- नहीूं, ऐसा नहीूं हो सिता। अगर वो वपि किसी और िे हाथ िग गई तो मैं तो गई िाम से…”

िाशी- “यार, दे खने िे बाद फौरन डेलिट िर दूँ गा। अब तम


़ु इतना ट्रस्ट तो िर ही सिती हो मझ
़ु े पे…”

फरी- पक्िा डेिीट िर दोगे?

िाशी- हाूँ… ना यार वादा िरता हूँ, डेिीट िर दूँ गा।

19
फरी- “ओिे… रुिो मैं भेजती हूँ अभी…” ि़ुछ दे र में ही फरी िी वपि हमारे पास थी जो कि घर िी छत पे बनाई
ह़ुई थी। िेकिन उसने अपना चेहरा शो नहीूं होने ददया था।

िाशी- यार फरी, ये क्या ि़ुछ ख़ुिी वपि ददखाओ ना?

फरी- नहीूं िाशी, ये ठीि नहीूं होगा।

िाशी- अरे बाबा, तम


़ु ऐसे ही बबना चेहरे िे वपि भेजो ना।

फरी- ओिे… मैं भेजती हूँ, रुिो अभी।

उसिे थोड़ी दे र बाद फरी ने जो वपि भेजी, वो ि़ुछ ऐसी थीूं।

फरी- “अब और नहीूं बोिना प्िीज़्ज…”

िाशी- ओिे जान, िेकिन एि बात अभी िरनी है तम


़ु से अगर बऱु ा नहीूं मानो तो?

फरी- हाूँ बोिो, क्या बात है?

िाशी- यार क्या तम्


़ु हारा ददि िरता है किसी बड़े िण्ड वािे से चद
़ु वाने िो?

फरी- “सस्स्स्सीऽऽ जान जी, ये तो मेरे ददि िी ख्वादहश है , िेकिन क्या िरूूं तम्
़ु हारे िण्ड से ही अब गज
़ु ारा
िरना पड़ेगा…”

िाशी- अरे मेरी जान, अगर तम


़ु चाहो तो मैं किसी िे साथ लमिवा दूँ ?

फरी- नो थैंक्स।

िाशी- िेकिन क्यों या?

फरी- मझ
़ु े अभी बदनाम नहीूं होना।

िाशी- िेकिन अगर तम


़ु चाहो तो ऐसा हो सिता है और बदनामी भी नहीूं होगी।

फरी- वो िैसे?

िाशी- “अगर तम
़ु चाहो तो मैं रूम में बेड िे बीच में एि मोटा पदाट िगा दूँ गा, जजसमें तम्
़ु हारे पास मैं हूँगा,
िेकिन दसरी तरफ वो होगा जो तम्
़ु हें बड़े िण्ड िा मजा दे गा और मजे िी बात ये होगी कि तम
़ु दोनों एि
दसरे िा चेहरा भी दे ख नहीूं पाओगे।

20
फरी- “रहने दो, मझ
़ु े नहीूं िरना है ऐसा ि़ुछ भी। अगर िहीूं ि़ुछ गड़बड़ हो गई तो मैं क्या िरूूंगी? ना बाबा
ना… मझ
़ु े डर िगता है…”

िाशी- अच्छा ये बताओ? मझ


़ु पे ट्रस्ट है या नहीूं तम्
़ु हें ?

फरी- अगर तम
़ु पे ट्रस्ट ना िरती तो क्या आज लमिती तम
़ु से?

िाशी- तो कफर भरोसा रखो कि ऐसा ि़ुछ नहीूं होगा, जजससे तम्
़ु हारा पहचान लिए जाने िा डर हो।

फरी- अच्छा अभी मैं आफिाइन होने िगी हूँ, बाद में बात िरूूंगी।

िाशी- ओिे… िेकिन सोचना जरूर?

फरी- ओिे… मैं सोचूंगी बाइ।

िाशी- बाइ और आई िोव योउ जान।

फरी- “िोव योउ ट और उम्माह्ह…” उसिे बाद फरी आफिाइन हो गई।

तो िाशी ने िहा- “िे यार, तेरा िाम मझ


़ु े िगता है हो ही जाएगा अब…”

तो मैंने िहा- “सािे, वो तो ठीि है िेकिन अभी इसिा तो ि़ुछ सोच ये फटने िो है …”

िाशी हूँसता ह़ुआ उठा और बोिा- “मैं अभी जािर बात िरता हूँ नीि से, कफर तझ
़ु े बताता हूँ…” और रूम से
ननिि गया।

तो मैं अपने िण्ड िो मसिने िगा, फरी बाजी और नीि िी फ़ुद्दी िा सोचिर। मैं वहीूं बैठा अपने िण्ड िो
सहिाता रहा और ददि में दआ
़ु माूँगता रहा कि नीि मना ना िर दे ।

कफर िाशी जब 10 लमनट िे बाद वावपस आया तो उसिे चेहरा पे मझ


़ु े ख़ुशी नजर आई।

तो मैं भी ख़ुश हो गया और पछा- मान गई हमारी बहन?

तो िाशी ने हाूँ में सर दहिाते ह़ुये िहा- “यार वो हमारी बातें सन


़ु िर गई थी जब मैंने तम्
़ु हें अपने और उसिे
बारे में बताया था तो उसने तैयारी भी िर रखी थी पहिे से ही। वो भी दो िण्ड िा मजा एि साथ िेना चाहती
है …”

मैं- तो जा ना यार, अब यहाूँ क्यों गाण्ड मरवा रहा है ?

िाशी- “चि यार आ जा कफर। आज हम दोनों अपनी बहन नीि िी फ़ुद्दी और गाण्ड िा बाजा बजाते हैं…”
21
मैंने वहाूँ से लसगरे ट और िैपटाप उठाया और िाशी िे साथ चि ददया। जो मझ
़ु े अपने साथ अपनी बहन नीि
िे रूम में िे गया, जो कि वहाूँ बेड िे पास ही सर पे दप
़ु ट्टा लिए खड़ी थी। मैंने नीि िो दप
़ु ट्टा लिए ह़ुये
दे खा तो है रानी से िाशी िी तरफ दे खा।

तो उसने हूँसते ह़ुये िहा- “यार ये बड़ी ड्रामेबाज है, इस वक़्त ये शरमाने िा ड्रामा िर रही है…”

नीि िाशी िी बात पे गस्


़ु सा होते ह़ुये बोिी- “भाई आप भी ना…” और पाूंव पटिते हो बेड पे चढ़िर बैठ गई।
तो िाशी उसिे पास गया और उसिे सर पे दप ़ु ट्टा ठीि िरने िे बाद बोिा- “सन्नी, दे ख तो जरा मेरी बहन
हम दोनों िी नई दल्
़ु हन िग रही है कि नहीूं?”

मैंने हूँसते ह़ुये िहा- “हाूँ यार सच पछो तो इस वक़्त हमारी बहन दल्हन ही िग रही है …” और इतना बोििर मैं
बेड पे नीि िे पास ही उसिे पैरों िी तरफ बैठ गया और िाशी भी उसिे बाज में बैठ गया। कफर नीि िा
दप
़ु ट्टा उतार ददया और उसे अपनी तरफ खीूंचिर किस िरने िगा।

मैं उन दोनों िो मसरूफ दे खिर कफर से खड़ा हो गया और अपने िपड़े उतारिर नूंगा होिर नीि िे पास बेड पे
चिा गया।

तो िाशी अपनी अपनी बहन िो छोड़िर खड़ा हो गया और बोिा- “आ जा भाई…” और साइड पे होिर अपने
िपड़े उतरने िगा।

तो मैंने बेड पे िेटिर नीि िो अपनी तरफ खीूंचा और उसे किस िरने िगा और साथ ही उसे अपने ऊपर लिटा
लिया और अपने एि हाथ से नीि िी िमीज िो ऊपर उठािर उसिी नूंगी िमर पे हाथ फेरने िगा। िाशी भी
हमें किस िरता और मस्ती िरता दे खिर अपने िपड़े उतारिर हमारे िरीब आया और उसने आते ही नीि िी
शिवार िो अपने हाथों से पिड़िर नीचे िो खीूंच ददया और अपनी बहन िो नीचे से नूंगा िर ददया। अब मैं
भी नीि िो छोड़िर खड़ा हो गया और उसिी िमीज भी उतार दी और नीि िो परा नूंगा िर ददया। क्योंिी
नीि ने पैंटी और ब्रा नहीूं पहनी ह़ुई थी तो अब वो भी हमारी तरह नूंगी हो च़ुिी थी।

नीि नूंगी बेड पे पड़ी हमारी तरफ दे ख रही थी कि िाशी आगे बढ़ा और उसेिे मह
ूँ़ु िे पास जािर अपना िण्ड
नीि िे मूँह
़ु पे मारने िगा। तो नीि ने अपने भाई िा िण्ड हाथ में पिड़ लिया और बेड से उतरिर नीचे बैठ
गई और अपना मूँह
़ु खोििर भाई िा िण्ड मूँह
़ु में िेने िगी।

थोड़ी दे र ति नीि अपने भाई िे िण्ड िे सप


़ु ाड़े िो मूँह
़ु में भरिर चसती और िभी उसिे िण्ड िे सप
़ु ाड़े पे
अपनी ज़ुबान घम
़ु ाने िगती। िाशी ने अपना एि हाथ नीि िे लसर िे पीछे रखा और अपनी एि टाूंग बेड पे
रखते ह़ुये अपना परा िण्ड अपनी सगी बड़ी बहन िे मूँह ़ु में घस
़ु ा ददया और च़ुसवाने िगा। अब िाशी अपना
परा िण्ड अपनी बहन िे गिे ति घस ़ु ािर चस
़ु वा रहा था और साथ ही उसिे मह ूँ़ु से- “आह्ह… चस सािीऽ
ि़ुनतयाऽ उन्म्मह… मेरी गश्ती परा िण्ड खा जा मेरा… ऊओ…” िी आवाज भी िर रहा था।

और उस वक़्त नीि िे मूँह


़ु से भी ‘घऊ
ूँ न्न्न घड़
़ु प्प्प्प्प’ िी आवाज ननिि रही थी।

22
ये नजारा दे खिर मेरा िण्ड बऱु ी तरह मचिने िगा तो मैंने िाशी िो पीछे किया और ख़ुद आगे होिर अपना
िण्ड नीि िे हाथ में दे ददया। तो ि़ुछ दे र ति वो मेरे िण्ड िो दे खती रही और कफर अपनी साूंस ठीि िरती
ह़ुई मेरे िण्ड िो अपने मूँह
़ु में िेने िगी।

मेरा िण्ड क्योंिी िाशी िे िण्ड से िाफी मोटा और बड़ा था, जजसिी वजह से मेरा िण्ड परी तरह उसिे मूँह
़ु
में नहीूं आ सिता था। तो वो मेरे िण्ड िे सप
़ु ाड़े और टोपी िो ही चसती रही।

कफर मैंने थोड़ी दे र िे बाद ही उसिे मूँह


़ु से अपना िण्ड ननिाि लिया और उसे उठािर बेड पे बबठा ददया। नीि
िो बेड पे इस तरह बैठा दे खिर िाशी ने िहा- “सािी मेरे यार िो अपनी फ़ुद्दी ददखा जरा…” और साथ ही हाथ
से धक्िा दे ते ह़ुये नीि िो बेड पे लिटा ददया।

उसने अपनी बेड पे िेटते ही अपनी दोनों टाूँगों िो खोिा और अपने दोनों हाथों से अपनी फ़ुद्दी िो फैिाते ह़ुये
अपना सर उठािर मेरी तरफ दे खा।

अब मझ़ु से ज्यादा सबर नहीूं ह़ुआ तो मैं बेड पे चढ़िर बैठ गया और नीि िो अपनी तरफ खीूंचिर उसे अपनी
गोदी में बबठा लिया, जजससे मेरा िण्ड नीि िी पानी से िथफथ गीिी फ़ुद्दी िे नीचे दब गया तो मैं उसिी
चचचयों िी तरफ झ़ुिा। तो वो भी थोड़ा पीछे िो झ़ुि गई और अपना एि हाथ नीचे बेड से दटिा लिया। तो
मैंने उसिी एि चची अपने मूँह
़ु में भर लिया। मैं थोड़ी दे र ति ऐसे ही नीि िी दोनों चचचयों िो बारी-बारी
चसता रहा।

तो आखखरिार िाशी ने िहा- “यार क्या सारी रात इसिी चचचयाूं ही चसता रहे गा या फ़ुद्दी भी मारे गा?”

मैंने नीि िो बेड पे सीधा लिटाया और उसिी टाूँगों िो उठािर अपना िण्ड उसिी फ़ुद्दी में घस
़ु ा ददया तो
िाशी भी बेड पे आ गया और अपनी बहन िे चेहरा पे परी तरह झि
़ु िे अपना िण्ड नीि िे मूँह
़ु में डाि
ददया, जजसे वो अपने हाथ में पिड़िर चसने िगी।

ि़ुछ दे र ति मैं अपना परा िण्ड घस


़ु ाए ऐसे ही नीि िी फ़ुद्दी मारता रहा और िाशी अपना िण्ड च़ुसवाता रहा
और उसिे बाद िाशी उठा और मझ
़ु से बोिा- “यार, अब त मेरी जगह पे आ जा और मैं इसिी फ़ुद्दी पे आता
हूँ…”

तो मैंने अपना िण्ड जैसे ही बाहर ननिािा, िाशी ने नीि िो उठाया और घोड़ी बना लिया और अपना िण्ड
अपनी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा ददया। मैंने आगे होिर अपना िण्ड नीि िे हाथ में दे ददया जजसे वो बड़े मजे से
चसने िगी, चमने िगी और साथ-साथ अपने छोटे भाई से फ़ुद्दी भी मरवाने िगी।

िाशी अब परा मजे में अपनी बहन िी फ़ुद्दी मार रहा था और साथ ही- “आह्ह सािी ि़ुनतयाऽ िे अपने भाई
िा िण्ड िे… साल्िी गश्ती ऊओ…” िी आवाज िे साथ िगातार अपनी बहन िी फ़ुद्दी मार रहा था और साथ-
साथ उसिी गाण्ड पे थप्पड़ भी मारता जा रहा था।

अब इस िगातार चद
़ु ाई और थप्पड़ों िी वजह से नीि ने भी- “आह्ह… भाईऽ हरामी क्या िर रहे हो? प्िीज़्ज…
भाई, थप्पड़ नहीूं मारो… उन्म्मह… भाई और तेज चोदो अपनी गश्ती बहन िो…” िी आवाजें िरने िगी थी।
23
नीि िी आवाजों में जो िज्जत भरी ह़ुई थी, उन आवाजों ने िाशी िो भी पागि िर ददया था और वो अपना
परा िण्ड बाहर ननिाििर अपनी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा रहा था और साथ ही- “आह्ह… सािीऽऽ क्यों क्या
ह़ुआ ि़ुनतया? तझ
़ु े तो बड़ा शौि है ना नये-नये िण्ड से च़ुदवाने िा? हाूँन्न ् हरामजादी रूं डी… आज तेरी फाड़
डािगूं ा ऊओऽऽ…” िी तेज आवाजों िे साथ नीि िी फ़ुद्दी मार रहा था।

दसरी तरफ नीि िी भी बऱु ी हाित हो रही थी मजे से और वो भी- “आह्ह भाई… मैं तम्
़ु हारी रूं डी हूँ… भाई फाड़
डािो मेरी फ़ुद्दीऽऽ िो ऊओ भाई जान्न ्ऽ मजा आ रहा है और तेज चोदोऽ…” िी आवाज िरती जा रही थी।

अब मझ़ु े िग रहा था कि िाशी अपने चरम पे है क्योंिी वो बह़ुत जननी होिर चद


़ु ाई िर रहा था और तभी
िाशी िे जजश्म िो तेज झटिा िगा और उसिे मूँह ़ु से- “आह्ह… नीिऽऽ…” िी आवाज िे साथ ही फाररघ ् हो
गया और अपना िण्ड नीि िी फ़ुद्दी से बाहर ननिाििर पीछे हो गया।

िाशी िे हटते ही मैंने नीि िो अपनी तरफ खीूंचा और एि ही झटिे में अपना िण्ड उसिी फ़ुद्दी में डाि
ददया और झटिे मारने िगा।

तो नीि िे मूँह
़ु से- “आह्ह जानऽऽ जोर से चोदो प्िीज़्ज… ऊओ… जानऽ तम्
़ु हारा िण्ड परा अूंदर ति मजा दे
रहा है उन्म्मह्ह… दे खो भाई अपनी गश्ती बहन िो आईईइ जोर से उन्म्मह्ह… फाड़ डािो मेरी फ़ुद्दी िो मेरे
भाई िे सामने ही ऊओऽ भाई दे खो मेरा ननििने वािा है ऊओऽऽ…” िी एि तेज आवाज से नीि िे जजश्म ने
झटिा खाया और उसिी फ़ुद्दी से पानी िा िावा सा बह ननििा।

जजससे मेरा भी परा जजश्म िाूँप उठा और मैं भी उसिे बाद 4-5 तेज और जानदार झटिों िे बाद उसिी फ़ुद्दी
में ही फाररघ ् हो गया। फाररघ ् होिर मैंने भी अपना िण्ड बाहर ननिािा और बगि में बैठिर लसगरे ट ननिािा
और पीने िगा।

तो नीि ने मेरे हाथ से छीन लिया और बोिी- “क्यों क्या तम


़ु ही अय्याशी िरोगे?” और लसगरे टे पीने िगी।

नीि िी बात सन
़ु िर मैं और िाशी हूँस ददए, और िाशी ने िहा- “क्यों सन्नी मेरे यार, मजा आया मेरी बहन
िे साथ या नहीूं?”

तो मैंने िहा- “यार सच तो ये है कि िाइफ में इतना मजा िभी नहीूं आया मझ
़ु …
े ”

िाशी ने हूँसते ह़ुये िहा- “यार ये मजा ि़ुछ भी नहीूं है , जब त अपनी बहन फरी िी फ़ुद्दी मारे गा तब दे खना
कितना मजा आएगा तम् ़ु हें ? अपनी बहन िी फ़ुद्दी मारने में अपना ही मजा है…”

िाशी िी बात सन
़ु िर मैं हूँस ददया।

नीि ने िहा- अच्छा जी… तो सन्नी साहब, आप भी मेरे इस हरामी भाई िी तरह बहनचोद बनना चाहते हो?

नीि िी बात सन
़ु िर में हूँस ददया और बोिा- क्यों, नहीूं बनना चादहए?
24
ि़ुछ दे र हूँसने मश़्ु ि़ुराने िे बाद नीि ने िहा- “वैसे अगर तम्
़ु हें अपनी बहन िो चोदने िे लिए मेरी मदद िी
जरूरत हो तो बताओ? क्या मैं ि़ुछ मदद िरूूँ उसे सेट िरवाने में?”

मैं- िेकिन तम
़ु क्यों चाहती हो कि मैं भी अपनी बहन िो चोदूं ?

नीि- “सन्नी जी, एि सच्ची बात है और वो ये कि जब िण्ड िो फ़ुद्दी ददख जाती है ना… तो फ़ुद्दी में घस
़ु ने
िे लिए तैयार हो जाता है, ये नहीूं दे खता कि ये किसिी है और किसिी नहीूं? और दसरी बात ये है जा जो मजा
बहन िो भाई से च़ुदवाने में लमिता है वो िहीूं और नहीूं लमिता…”

िाशी- “अरे नीि, बात ये है कि मैं सन्नी िी मदद से आज ही इसिी बहन िो चोद च़ुिा हूँ और अब इसिी
बारी है बस उसे तैयार िरना है …”

नीि- किस तरह तैयार िरोगे इसिी बहन िो तम


़ु ?

िाशी ने नीि िो सारी बात बता दी तो नीि सोच में पड़ गई और बोिी- “हाूँ ठीि है , िेकिन हर बार ऐसा नहीूं
हो सिता है । तम
़ु ऐसा िरो कि अभी तो िरो जो िरना है । िेकिन जो पदाट िगाओ वो पतिा होना चादहए,
जजसमें आर-पार नजर आता हो। िेकिन रूम में अूंधेरा रखना तािी उसे ि़ुछ नजर ना आ सिे। िेकिन जब
सन्नी अपना िण्ड अपनी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा दे , तो तम
़ु िाइट ओन िर दे ना किसी बहाने से और सन्नी
तम
़ु बस सर झि
़ु ाए रखना िाइट ओन होने िे बाद। तािी वो अगर दे खना भी चाहे तो ना दे ख सिे और जब
फाररघ ् हो जाओ तब अपना सर उठाना…”

मैंने िहा- “िेकिन उस वक़्त ही क्यों? पहिे क्या होगा और ये िौन सा जरूरी है कि इस तरह वो ि़ुछ नहीूं
बोिेगी? नहीूं नीि, अगर फरी बाजी मेरे साथ नाराज हो गई तो ठीि नहीूं होगा। मैं नहीूं चाहता कि ऐसा हो कि
फरी बाजी मेरे साथ नाराज हो जाएूं…”

नीि ि़ुछ सोचिर िाशी से बोिी- “तम


़ु इसिी बहन िो िाि िरो अभी, दे खो जाग रही है अभी ति या सो रही
है ?”

िाशी ने िाि िी फरी िो तो दसरी बेि पे ही फरी ने िाि वपि िर िी। तो िाशी ने िहा- “अगर नीूंद नहीूं
आ रही तो आनिाइन आ जाओ, बात िरते हैं ि़ुछ दे र…”

फरी ने भी ओिे िहा और िाि िट िर दी। तो मैंने अपना िैपटाप उठािर िाशी िी तरफ बढ़ा ददया। तो
िाशी फौरन ही िैपटाप िो ओन िरिे आनिाइन हो गया तो दे खा कि फरी भी आनिाइन हो च़ुिी थी।

िाशी- क्यों जान, नीूंद नहीूं आ रही क्या?

फरी- नहीूं जान जी, नीूंद तो मेरी तम


़ु ने उड़ा रखी है ।

िाशी- क्यों क्या ह़ुआ?


25
फरी- “आग िगी ह़ुई है मेरे जजश्म में, दो बार अपनी ििड़ी पे िूंडोम चढ़ािर अपनी चत में िे चि
़ु ी हूँ, िेकिन
आज मजा नहीूं आ रहा है । ददि िरता है कि ररयि चीज लमिे, ऐसे मजा ही नहीूं आ रहा…”

िाशी- “यार मैंने तो िहा था कि अगर तम


़ु िहो तो मैं किसी मोटे और तगड़े िण्ड िे लिये ि़ुछ िरूूं?”

फरी- “ठीि है िाशी जी, िेकिन दे खना िोई पूंगा ना हो जाए…”

िाशी- िब िा इरादा है?

फरी- “अगर अभी हो सिे तो क्या बात है? िेकिन िि ददन िा अगर हो सिे तो अच्छा है अब ज्यादा सबर
नहीूं होता…”

िाशी- अगर अभी िरना है तो अपने भाई िे पास चिी जाओ, उसिा भी िाफी बड़ा है ।

फरी- तम्
़ु हें िैसे पता?

िाशी- “यार तम
़ु मानो चाहे ना मानो, िेकिन मैं जान गया हूँ कि तम
़ु सन्नी िी बड़ी बहन हो और सन्नी मेरा
जजगरी यार है और हम दोनों लमििर िई िड़कियों िो चोद भी चि
़ु े हैं। मैंने उसिा दे खा ह़ुआ है …”

फरी- िोई जवाब नहीूं।

िाशी- हे िो क्या ह़ुआ?

फरी- कफर िोई जवाब नहीूं।

िाशी- “दे खो जान, डरो नहीूं मैं िाशी िो ि़ुछ नहीूं बताऊूँगा तम्
़ु हारे बारे में । प्िीज़्ज… अब तो बात िरो…”

फरी- “दे खो अगर तम


़ु ने सन्नी िो ि़ुछ बताया तो मैं जीते जी मर जाऊूँगी, अपनी नजरों से और भाई िी नजरों
से भी चगर जाऊूँगी…”

िाशी- “यार इतना क्यों डरती हो अपने भाई से? अगर उसे ि़ुछ पता चि भी गया तो वो खद
़ु तम्
़ु हें चोदने िे
लिए तैयार हो जाएगा, िेकिन किसी िो बताएगा नहीूं। मैं जानता हूँ उसे…”

फरी- “नहीूं, मेरा भाई ऐसा नहीूं है समझे तम


़ु …”

िाशी- अच्छा छोड़ो, ये बताओ कफर क्या सोचा तम


़ु ने बड़े िण्ड िे लिए?

फरी- “नहीूं िाशी अब मैं नहीूं िरूूंगी, किसी िे साथ भी नहीूं… तम्
़ु हारे साथ भी नहीूं…”

26
फरी ने ये बात िहिर हम सबिो परे शान िर ददया था और हमारी समझ में नहीूं आ रहा था कि अब क्या िरें
कि तभी मैंने िाशी िो वीडडयो कि याद ददिाई तो वो खश
़ु हो गया और कफर चैट िरने िगा।

िाशी- “दे खो फरी, मैं किसी िो नहीूं बताऊूँगा। िेकिन याद रखो कि अगर तम
़ु ने मेरी बात ना मानी और मेरे
दोस्त से नहीूं च़ुदवाया तो मैं उस ददन जो वहाूँ मेरे साथ तम
़ु ने किया उसिी वीडडयो नेट पे डाि दूँ गा…”

फरी- क्या बिवास िर रहे हो? िौन सी वीडडयो?

िाशी- जब नेट पे डािग


ूं ा तो दे ख िेना तम
़ु भी।

फरी- “नहीूं, तम
़ु झठ बोि रहे हो ऐसी िोई वीडडयो नहीूं बनी… तम
़ु झठ बोि रहे हो…”

िाशी- “अच्छा ऐसा है तो आफिाइन मत होना, मैं अभी थोड़ी दे र बाद तम


़ु से बात िरूूंगा जब मैं नेट पे मवी
डाि दूँ गा…”

फरी- दे खो अगर ऐसा ि़ुछ है तम्


़ु हारे पास तो पहिे मझ
़ु े ददखाओ।

िाशी- “30 लमनट बाद तम्


़ु हें ददखाऊूँगा कफर बात िरूूंगा बाइ…”

फरी- िाशी, प्िीज़्ज… मेरी बात सन


़ु ो।

िेकिन अब िाशी िोई जवाब नहीूं िर रहा था और मेरी तरफ दे खिर बोिा- यार, वो वीडडयो है अभी तेरे पास?

मैंने िहा- “हाूँ है क्यों? क्या िरना चाहता है त उस वीडडयो िे साथ?

िाशी ने िहा- “यार, त ऐसा िर… वीडडयो िी िापी िरिे िे जा अपने साथ और घर िे गेट से अूंदर डाििर
वावपस आ जा बस… बािी हर िाम हो जाएगा और परे शान ना हो ये सब सेट हो जाएगा…”

मैंने अपने मोबाइि में से मेमोरी िाडट ननिािा जजसमें कि फरी िी मवी मैंने िापी िी थी और बािी हर चीज
उसमें से डेिीट िरिे िपड़े पहने और बाइि ननिाििर घर िी तरफ चि ददया और गेट पे जािर मैंने गेट िे
नीचे से िाडट अूंदर िी तरफ खखसिा ददया जो कि एि बड़े पोस्ट िेटर में था और वहाूँ से फौरन वावपस आ
गया। मझ
़ु े इस िाम में िोई 40 लमनट िग गये थे।

मैं िाशी िे घर में बाइि िो खड़ा िरिे कफर उन दोनों िे पास जािर बैठा और उसे बता ददया कि मैंने िाडट
िहाूँ डािा है ? तो िाशी ने िैपटाप अपनी तरफ खीूंचा और फरी से बात िरने िगा।

िाशी- “हाूँ जान, अब तम


़ु ऐसा िरो कि रूम से बाहर ननििो और घर िे में गेट िे पास जाओ वहाूँ तम्
़ु हें एि
पोस्ट िेटर लमिेगा उसमें एि मोबाइि िा मेमोरी िाडट है । वो ननिाििर दे खो कि उसमें क्या है कफर बात
िरना…”

27
फरी- “ओिे…” उसिे बाद फरी िा जवाब िोई 15 लमनट िे बाद आया- “िाशी तम
़ु जिीि िमीने हो, तम्
़ु हें शमट
नहीूं आई मेरी ऐसी मवी बनाते ह़ुये? मैंने तम्
़ु हारा क्या बबगाड़ा था जो तम
़ु ने मेरे साथ ऐसा किया? मैंने तो तम
़ु
पे भरोसा किया और तम ़ु ने क्या किया मेरे साथ?”

िाशी- “जान, अब बस िरो अब क्या फायदा इन बातों िा? मैं नहीूं चाहता था कि मैं तम्
़ु हें ये सब ददखाऊूँ,
िेकिन तम
़ु ने मजबर किया है …”

फरी- क्या चाहते हो?

िाशी- अपने दोस्त से चद


़ु वाना चाहता हूँ।

फरी- िौन है वो?

िाशी- “दे खो तम्


़ु हें इससे गरज नहीूं होना चादहए, ना तम
़ु उसे दे ख पाओगी और ना वो तम्
़ु हें …”

फरी- मैं जानना चाहती हूँ कि वो िौन होगा?

िाशी- ये जरूरी नहीूं, तम


़ु बस इतना बताओ िरोगी या नहीूं?

फरी- “दे खो िाशी, तम


़ु जो िहोगे मैं िरूूंगी। िेकिन मझ
़ु े इतना तो पता होना चादहए कि मैं किसिे साथ िर
रही हूँ…”

िाशी- “दे खो डालििंग, इस वक़्त अगर मैं तम्


़ु हें िहूँ कि तम्
़ु हें किसी गिी िे आवारा ि़ुत्ते से चद
़ु वाना है तो भी
तम
़ु मना नहीूं िर सिती…”

फरी- मैं मना नहीूं िर रही, िेकिन प्िीज़्ज… ये बता दो कि तम


़ु किसिे साथ िरवाना चाहते हो।

िाशी- सन्नी से।

फरी- क्या तम
़ु पागि तो नहीूं हो गये हो? वो भाई है मेरा।

िाशी- “सािी, एि बात िान खोििर सन


़ु िे कि तम्
़ु हें उससे च़ुदवाना है तो बस च़ुदवाना है, और िि ही
च़ुदवाना है… वरना ये मवी तम्
़ु हारी माूँ बहन भाई और तम्
़ु हारे मह
़ु ल्िे िे हर बच्चे ति पह़ुूँचा दूँ गा और कफर नेट
पे डािग
ूं ा समझी िी नहीूं?”

फरी- आखखर तम्


़ु हें क्या लमिेगा मेरे साथ ऐसा िरिे?

िाशी- दे खो फरी, मैं चाहता हूँ कि तम्


़ु हारा भाई भी मेरी तरह बहनचोद बन जाए।

फरी- क्या मतिब? तम


़ु अपनी बहन िे साथ? ऐसा िैसे हो सिता है?
28
िाशी- चिो ऐसा िरूूंगा कि िि मैं अपनी बहन िो भी साथ ही रखूंगा, तम
़ु खद
़ु उससे पछ िेना।

फरी- “नहीूं िाशी, प्िीज़्ज… ऐसा मत िरो। मैं अपने भाई से आूँखें नहीूं लमिा सिूं गी िभी भी…”

िाशी- यार तम्


़ु हें पता होगा िेकिन उसे ि़ुछ पता नहीूं होग कि वो जजसे चोद रहा है , वो िौन है ? बस मैं उसे
बता दूँ गा कि बहन िी दोस्त है और मेरी बहन भी तो वहाूँ होगी ही…”

फरी- क्या िाशी जानता है तम्


़ु हारा और तम्
़ु हारी बहन िा चक्िर?

िाशी- हाूँ वो जानता भी है और मेरी बहन िो चोदता भी है ।

फरी- मझ
़ु े सोचने िा वक़्त चादहए।

िाशी- “दे खो फरी, आखखरी बात सन


़ु िो कि िि तम्
़ु हें आना ही आना है और अगर तम
़ु ना आई तो जान िो
कि कफर क्या होगा? बािी ये मेरा वादा है कि मैं सन्नी िो ि़ुछ नहीूं बताऊूँगा तम्
़ु हारे बारे में…”

फरी- प्िीज़्ज… िाशी, मझ


़ु े दो ददन िा टाइम दो, मैं सोच िूँ ।

िाशी- नहीूं, िि तो िि और बाइ।

िाशी ने अपने घर िा पता भी उसे बता ददया और िैपटाप आफ िर ददया और मेरी तरफ दे खिर हूँसते ह़ुये
बोिा- “िे भाई, तेरा िाम तो हो गया। िि मजे िरना अपनी बहन िे साथ…”

“यार मझ
़ु े नहीूं िगता कि वो आएगी…”

तो नीि ने िहा- “मैं लिखिर दे ती हूँ कि वो जरूर आएगी…” और मझ


़ु े पिड़िर अपनी तरफ खीूंच लिया और
बोिी- “िि तम
़ु अपनी बहन िो चोदोगे ही… अभी तो अपने दोस्त िी इस बहन िो मजा दे दो मेरी जान…”
और किस िरने िगी।

तो मैं भी उसिा साथ दे ने िगा। उस रात हमने ि़ुि दो बार ही किया और उसिे बाद तीनों नूंगे ही एि साथ
सो गये।

अगिी सब
़ु ह मैं नीि िे दहिाने से ही उठा तो नीि ने मझ
़ु े उठता दे खिर िहा- “उठ भी जाओ सन्नी जी…
आपिो आज आपिी बड़ी बहन ही आिर उठाएगी तो उठोगे िया? 8:00 बज चि
़ु े हैं…”

मैं 8:00 बजे िा सन


़ु ते ही जल्दी से उठ बैठा और सीधा बाथरूम में जा घस
़ु ा और नहािर बाहर आया तो िाशी
भी जो कि रूम से बाहर था रूम में आ गया और बोिा- “यार अभी तेरी बाजी से बात ह़ुई है मेरी वो 9:00 बजे
ति आ जाएगी। त ननिि यहाूँ से। उसिे आने से पहिे ही उसे यहाूँ तेरी शिि नजर नहीूं आनी चादहए
समझा?”
29
मैंने िहा- “यार मैं बैठि में बैठ जाता हूँ, उसे थोड़ा ही पता चिेगा कि मैं पहिे से ही यहाूँ हूँ…”

तो िाशी हूँस ददया और बोिा- “चि ठीि है, त अपनी बाइि िो अपनी गाण्ड में घस
़ु ािर बैठि में ही बैठ जा,
मझ
़ु े िोई ऐतराज नहीूं है तेरे वहाूँ बैठने पे…”

िाशी िी बात सन
़ु िर नीि ने िहा- “भाई आप ऐसा िरो कि सन्नी िी बाइि िो बाहर किसी दोस्त िी तरफ
खड़ा िरिे आ जाओ। ये यहाूँ बैठा रहे गा और फरी िे आने ति ि़ुछ नाश्ता भी िर िेगा…”

तो मैंने िहा- “हाूँ यार, भख भी बड़े जोरों िी िगी ह़ुई है …”

तो िाशी हाूँ में सर दहिाता ह़ुआ मेरी बाइि िी चाबी िेिर रूम से ननिि गया।

नीि ने िहा- “सन्नी आप बैठो, मैं आपिे लिए नाश्ता िाती हूँ…” और इतना बोिते ही रूम से ननिि गई।

नीि िे जाते ही मैं बेड पे चढ़िर बैठ गया और नीि िा इूंतज


े ार िरने िगा, जो कि 10 लमनट बाद नाश्ता
िेिर आ गई। तो मैंने जल्दी से नाश्ता खतम किया और नीि िी तरफ दे खने िगा। जो कि मेरे पास ही बैठी
नाश्ता िरता मझ
़ु े दे ख रही थी और बोिा- “िो जी नाश्ता तो हो गया…”

नीि एि सेक्सी स्माइिे िे साथ बोिी- “हाूँ, वो तो मैंने दे ख ही लिया। अब क्या िरना है चाय वपयोगे या
दध?”

मैं- नीि जी, अगर अभी यहाूँ बाजी ना आने वािी होती तो ताजा दध ही पीता िेकिन क्या िरूूं?

नीि- चिो िोई बात नहीूं सन्नी जी, वपिा ही दें गे आप िो भी ताजा दध… आज नहीूं तो कफर सही…” और
हे हेहेहे िरिे हूँस दी।

और कफर बतटन उठाने िगी और बोिी- “जनाब 8:35 हो चि


़ु े हैं। अभी भाई और तम्
़ु हारी बहन भी आने वािी है ।
आप अभी ननििो यहाूँ से और जाओ बैठि में, मझ
़ु े रूम भी सेट िरना है …”

मैं नीि िी बात सन


़ु िर बोिा- “तम
़ु ऐसा िरो, बतटन रखिर आ जाओ। मैं रूम में पदाट िगवाने में तम्
़ु हारी
मदद िरता हूँ। जब फरी आएगी तो मैं बैठि में चिा जाऊूँगा तम्
़ु हारे दरवाजा खोिने से पहिे ही…”

नीि मेरी बात सऩु िर हूँसती ह़ुई बतटन उठािर रूम से बाहर िो जाते ह़ुये बोिी- “कितनी जल्दी है बहना िो
चोदने िे लिए?”

मैं भी नीि िी बात सन


़ु िर हूँस ददया और नीि िी वापसी िा इूंतजार िरने िगा। जो कि दो लमनट में ही आ
गई तो मैंने उसिे साथ लमििर बेड िे बीच में दोनों तरफ एि रस्सी बाूँधी और कफर दो बेडशीटों िो लमिािर
बेड िो बीच में से बाूंट ददया। अब बेड िे तकिये वािी साइड िा आधा दहस्सा दसरी तरफ से नजर नहीूं आ
सिता था, जब ति कि पदाट हटा ना ददया जाए। अभी हमने पदाट ही सेट किया था कि हमें बाहर वािा दरवाजा
30
ख़ुिने िी आवाज सन
़ु ाई दी, तो हमने जल्दी से बाहर दे खा तो िाशी था जो कि दरवाजा िाि िरिे हमारी
तरफ ही आ रहा था।

िाशी रूम में आया और बेड पे िगा पदाट दे खिर बोिा- “हाूँ ये ठीि है…” और कफर मेरी तरफ दे खिर बोिा-
“दे खो सन्नी, अभी मेरी बात ह़ुई है फरी से। वो घर से ननिि चि
़ु ी है आने ही वािी होगी यहाूँ। िेकिन एि बात
िा गस़्ु सा नहीूं िरना, बल्िी परे मजे और आराम से फरी िे साथ मजे िरना और जब मैं तम् ़ु हारे साथ फरी िा
नाम िेिर िोई बात िरूूं तो बबना खझझिे ददि िी बात बताना। क्योंिी इससे हो सिता है कि फरी खद
़ु ही
तम्
़ु हारे साथ ख़ुिा सेक्स िरने िो मान जाए…”

मैंने िाशी िी बात सन ़ु ी और सोचा तो मझ


़ु े उसमें वजन महसस ह़ुआ तो मैंने ‘हाूँ’ में सर दहिा ददया और बोिा-
“ठीि है मैं तैयार हूँ…”

िाशी ने िहा- “चिो अब तम


़ु बैठि में चिे जाओ क्योंिी 9:20 हो चि
़ु े हैं। फरी किसी भी वक़्त आ सिती है ,
और जब मैं उसे रूम में िे आऊूँ तो तम
़ु भी आ जाना और रूम िे बाहर खखड़िी िे साथ खड़े होिर अपनी
बहन िो दे ख भी िेना और बातें भी सन
़ु िेना। िेकिन अपना मोबाइि साइिेंट पे िगा िेना ओिे…”

मैंने भी ‘हाूँ’ में सर दहिा ददया और वहाूँ से ननिाििर बैठि में जािर बैठ गया और दरवाजे िो थोड़ा सा ख़ुिा
ही रखा। तािी मैं अपनी बहन िो आता ह़ुआ भी दे ख सिूँ । और इूंतजार िरने िगा। मझ ़ु े वहाूँ बैठे ज्यादा दे र
नहीूं ह़ुई थी, िोई 10 लमनट ही ह़ुये होंगे कि मझ
़ु े िाशी दरवाजा िी तरफ जाता नजर आया। तो मैं भी जल्दी
से उठा और दरवाजा िे पास जािर खड़ा हो गया और िाशी िे घर िे मख्
़ु य दरवाजे िी तरफ दे खने िगा।
जजसिो खोिते ही िाशी एि साइड पे हो गया था।

और दरवाजे िे खि़ु ते ही एि िड़िी जो कि एि बड़ी सी चादर (दप़ु ट्टा) में लिपटी ह़ुई थी, घर में आ गई और
उसिे अूंदर आते ही िाशी ने दरवाजा बूंद िर ददया और उसे अपने साथ िेिर नीि िे रूम िी तरफ चि
ददया। जैसे ही िाशी उस िड़िी िो जो कि मेरी बड़ी बहन फरी ही थी, अपने साथ रूम में िे गया तो मैं भी
बैठि से ननििा और खखड़िी िे पास जािर खड़ा हो गया जो कि बेड िे िरीब ही थी और थोड़ी ख़ुिी ह़ुई भी
थी। िेकिन उस पे पदाट चगरा ह़ुआ था जजससे मझ
़ु े ि़ुछ ददखाई नहीूं दे रहा था िेकिन मैं बातें सन
़ु सिता था।

नीि- यार बैठ तो जाओ, खड़ी क्यों हो?

फरी- नहीूं प्िीज़्ज… मझ


़ु े ना तो बैठना है और ना ही यहाूँ ि़ुछ िरना है ।

िाशी- दे खो फरी, यहाूँ आज जो भी होगा मैं वादा िरता हूँ कि किसी िो पता नहीूं चिेगा और अगर तम्
़ु हें िोई
शि हो तो परा रूम चेि िर िो यहाूँ िोई िैमरा नहीूं िगा ह़ुआ है ।

फरी- “मैं तम्


़ु हारी किसी बात िा यिीन नहीूं िर सिती, तम
़ु पहिे भी मझ
़ु े धोखा दे चि
़ु े हो…”

नीि- “दे खो फरी, मैं िाशी िी सगी बहन हूँ और ये हमारा अपना घर है । मैं तम्
़ु हें यिीन ददिाती हूँ कि यहाूँ
िोई िैमरा नहीूं है जजससे तम
़ु डर रही हो…”

31
फरी- “दे खो आखखरिार तम
़ु िोग ऐसा क्यों चाहते हो कि मैं अपने ही छोटे भाई िे साथ ये सब िरवाऊूँ?”

िाशी- “क्यों फरी, अगर तम्


़ु हारा भाई मेरे सामने मेरी बहन िो चोद सिता है तो तम
़ु अपने भाई से क्यों नहीूं
च़ुदवा सिती?”

फरी- “दे खो, अगर सन्नी ने ऐसा किया है तो उसिी सजा तम


़ु मझ
़ु े क्यों दे ना चाहते हो? प्िीज़्ज… िाशी, ऐसा
मत िरो ये मझ
़ु से नहीूं हो सिेगा…”

नीि- “मेरी जान िौन िहता है कि ये सजा है ? जब सन्नी िा िण्ड तम्


़ु हारी फ़ुद्दी में घस
़ु ेगा ना तो यिीन
मानो… तम
़ु मजे िी लशद्दत से बेहाि हो जाओगी और वैसे भी सन्नी यहाूँ आने ही वािा है और उसिे आने से
पहिे तम
़ु अपना ये ड्रामा खतम िर िो तो अच्छा है। क्योंिी हम नहीूं चाहते कि सन्नी िो पता चिे कि वो
अपनी ही बड़ी बहन िो चोद रहा है …”

फरी- “प्िीज़्ज… िाशी, ऐसा मत िरो मेरे साथ, वो भाई है मेरा। तम


़ु जजसिे साथ बोिोगे मैं िरने िो तैयार हूँ।
िेकिन प्िीज़्ज सन्नी िे साथ नहीूं… तम्
़ु हें ख़ुदा िा वास्ता मेरे साथ ये जल्
़ु म ना िरो…”

नीि- “भाई, छोड़ो जाने दो इसे। अगर ये नहीूं मानती तो हम इसिे साथ जबरदस्ती तो िर नहीूं सिते। अगर
ये जाना चाहती है तो जाने दो। तम
़ु इसिी बनाई ह़ुई वीडडयो इसिे घर और मह
़ु ल्िे वािों ति पह़ुूँचा दो… बािी
इसिी किश्मत?”

फरी- “नहीूं प्िीज़्ज… नीि प्िीज़्ज… तम


़ु तो ख़ुद एि िड़िी हो, तम
़ु मेरे साथ ये सब िैसे िरवा सिती हो?
नहीूं प्िीज़्ज… िाशी ऐसा मत िरो मेरे साथ, मैं किसी िो मूँह
़ु ददखाने िे िाबबि नहीूं रहूं गी…”

नीि- “तो कफर हमारी बात मान िो और सन्नी से च़ुदवा िो। तम्
़ु हें भी मजा लमिेगा और सन्नी िो भी और
मजे िी बात ये है कि सन्नी िो पता भी नहीूं चिेगा कि वो अपनी ही बहन िो चोद रहा है …”

नीि िी बात सन
़ु िर फरी खामोश हो गई और अब रूम से फरी िी िोई आवाज नहीूं आ रही थी।

और ि़ुछ दे र िी ये खामोशी बाहर खड़े मझ


़ु पे बड़ी भारी गज
़ु र रही थी और मैं ददि से दआ
़ु िर रहा था कि
फरी हाूँ बोि दे ।

ि़ुछ दे र बाद नीि कफर से बोिी- “हाूँ तो फरी, कफर क्या सोचा है तम
़ु ने? सन्नी िे साथ मजा िरोगी या कफर
बदनामी िी जजूंदगी गज
़ु ारनी है तम्
़ु हें ? जल्दी बताओ ज्यादा टाइम नहीूं है अब…”

फरी िी मझ
़ु े एि िूंबी साूंस िी आवाज आई और कफर वो बोिी- “ठीि है, मैं तम
़ु िोगों िी बात मानने िो
तैयार हूँ। िेकिन इस बात िी क्या गारन्टी होगी कि मझ
़ु े तम
़ु िोग दोबारा सन्नी िे साथ िरने िो या किसी
और िे साथ िरने िो नहीूं बोिोगे?”

32
िाशी- “यार फरी, एि बार िरिे तो दे खो… अगर मजा नहीूं आया तो मैं अपनी बहन िी िशम खािर बोि रहा
हूँ कि आज िे बाद तम्
़ु हें िभी भी ि़ुछ भी िरने िे लिए मजबर नहीूं िरूूंगा और तम्
़ु हारी जो मवी मेरे पास है
उसे भी आज ही डेलिट िर दूँ गा, ये वादा रहा…”

फरी ने िाशी िी बात खतम होने िे बाद िहा- “ठीि है , मैं तैयार हूँ िेकिन सन्नी िो ि़ुछ पता नहीूं चिना
चादहए…”

िाशी ख़ुश हो गया और बोिा- “जान, तम


़ु यिीन िरो उसे ि़ुछ नहीूं बताऊूँगा मैं। बस थोड़ा इूंतज
े ार िरो मैं
अभी उसे िाि िरता हूँ आने िे लिए, 10 लमनट में आ जाएगा वो…”

िाशी िी बात सन
़ु ते ही मैं खखड़िी से हट गया और बैठि में जा बैठा कि तभी मेरे सेि पे िाशी िी िाि आने
िगी तो मैंने िाि वपि िरिे िहा- “हाूँ सािे, क्या बात है ?”

िाशी- िहाूँ है यार?

मैं- “यार, एि दोस्त ि साथ हूँ। क्यों क्या बात है, तेरी बहन तो याद नहीूं िर रही मझ
़ु ?
े ”

िाशी- सािे, वो तो हर वक़्त तझ


़ु े याद िरती रहती है। आज एि नई िड़िी फाूँसी है आ जा जल्दी से।

मैं- सािे, िौन है बता तो सही?

िाशी- यार वोही नेट दोस्त है , जजसिे लिए तेरा िैपटाप लिया था।

मैं- चि मैं आ रहा हूँ 10 लमनट में ।

िाशी- ओिे… आ जा मैं बैठि में ही बैठा हूँगा, तेरा इूंतज


े ार िरूूँगा।

मैंने ओिे बोििर िाि िट िर दी और अपना िण्ड मसिने िगा जो कि फरी िे आने से िेिर अब ति सर
उठाए ह़ुये था। थोड़ी ही दे र में िाशी भी बैठि में ही आ गया और बोिा- “क्यों सािे, अब तो ख़ुश है ना?”

मैंने भी हूँसते ह़ुये अपने िण्ड िी तरफ इशारा किया और बोिा- “खद
़ु ही दे ख िे यार, तम्
़ु हें नजर नहीूं आ रहा
कि कितना ख़ुश है…” और इस बात पे हम दोनों ही धीमी आवाज में हूँस ददए।

िोई 10 लमनट गज
़ु ारिर हम दोनों बैठि में से ननििे और नीि िे रूम िी तरफ चि ददए, जहाूँ आज मैंने
अपनी सगी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी िा मजा िेना था, जजसे सोचिर ही मेरा िण्ड फटा जा रहा था। नीि िे रूम
पे पह़ुूँचिर िाशी ने नीि िो आवाज दे िर िहा- “यार हम आ रहे हैं…”

तो नीि ने झट से िहा- “एि लमनट रुिो…” और उसिे साथ ही रूम में से ि़ुछ आवाजें उभरने िगीूं और कफर
नीि ने हमें अूंदर बि
़ु ा लिया। जैसे ही मैं िाशी िे साथ रूम में दाखखि ह़ुआ तो मझ
़ु े लसर्फट नीि ही नजर आई
क्योंिी फरी पदे िे पीछे जा च़ुिी थी जजसिी वजह से नजर नहीूं आ रही थी।
33
मैंने नीि िी तरफ दे खा और जानबझिर हूँसते ह़ुये बोिा- “यार यहाूँ तो तेरी बहन ही है , वो नेट दोस्त िहाूँ है ?
नजर नहीूं आ रही…”

िाशी हूँसते ह़ुये बोिा- “यार वो शमाट रही है । मेरे साथ भी उसने बस एि बार ही किया है ना… तो आज तेरे
साथ पदे िे पीछे रहते ह़ुये मजा िेगी…”

मैं- क्या मतिब? पदे िे साथ किस तरह होगा यार, मैं समझा नहीूं?

नीि हूँसते ह़ुये बोिी- “यार सन्नी, अभी नई है ना और उसे डर भी िग रहा है, तो हमने पदाट िगा ददया है।
और वो बेड पे नूंगी होिर पदे िे पीछे अपना चेहरा छ़ुपािर रखेगी। बािी उसिे जजश्म से तम
़ु परी तरह मजा
िे सिते हो, वो तम्
़ु हें मना नहीूं िरे गी…”

मैंने भी ड्रामा िरते ह़ुये िहा- “यार िहीूं िोई जानने वािी तो नहीूं है ? जो तम
़ु िोग इस तरह िा इूंतजाम किए
बैठे हो?”

तो िाशी ने िहा- “यार अगर मेरी दसरी वािी बहन होती ना तो यिीन मान मैं तम्
़ु हें मना नहीूं िरता और
बबना पदाट िगाए उसिो तेरे से चद
़ु वा दे ता…”

“अबे सािे तो कफर ये पदाट हटा… दे खूं तो िौन है , जो इतना शमाट रही है ? िहीूं जान पहचान वािी तो नहीूं?"

नीि थोड़ा गस्


़ु से िा नाटि िरते ह़ुये बोिी- “यार सन्नी ज्यादा बातें ना िर और जल्दी से िपड़े उतार, मेरी
दोस्त िपड़े उतारे तम़ु से चद
़ु वाने िे लिए तरस रही है और त बातें ही िरता जा रहा है …”

मैंने भी अब ज्यादा बातें ना िरते ह़ुये अपने िपड़े उतार ददए और नूंगा होिर बेड पे चढ़ गया। तो नीि ने पदे
िे दसरी तरफ ि़ुछ इशारा किया तो पदे िे नीचे से दो गोरी और बबना बािों िी नरम सी मेरी बहन िी टाूंगें
खखसिती ह़ुई बाहर मेरी तरफ आने िगीूं।

बाजी िी नूंगी टाूंगें दे खिर मैंने उन्हें पिड़िर थोड़ा अपनी तरफ खीूंच लिया जजससे बाजी िी टाूंगें िाफी बाहर
ननिि आईं। तो नीि ने पदाट थोड़ा ऊपर िी तरफ खखसिा ददया बाजी िे चेहरा ति जजससे बाजी िा परा
जजश्म मेरे सामने आ गया िेकिन बाजी ने अपना चेहरा पदे िे पीछे ही छ़ुपाए रखा।

मैंने अब टाइम बरबाद नहीूं किया और बाजी िी दोनों टाूँगों िो जो कि आपस में मजबती से ज़ुड़ी ह़ुई थीूं दोनों
तरफ से पिड़िर खोि ददया, जजससे मेरी बड़ी बहन िी एि बार च़ुदी ह़ुई बबना बािों िी चचिनी फ़ुद्दी परी
तरह मेरे सामने आ गई, जो कि हल्िी सी अपने ही पानी में भीगी ह़ुई थी।

मैं बड़े ही प्यार से अपनी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी िो दे ख रहा था कि तभी िाशी ने िहा- “यार सन्नी, दे ख िो
मैंने कितनी िड़कियों िो तझ
़ु से चद
़ु वा ददया है… यहाूँ ति कि अपनी बहन िो भी। िेकिन एि तम
़ु हो कि
अपनी बड़ी बहन फरी िी फ़ुद्दी ही मझ
़ु े नहीूं ददिा सिे हो…”

34
मैं िाशी िी बात िा मतिब समझते ह़ुये बोिा- “यार क्या बताऊूँ… दहम्मत ही नहीूं होती फरी िे सामने, वरना
मेरा ददि तो िरता है कि सािी िो ि़ुनतया िी तरह चोदूं और अपने सारे दोस्तों िी रखेि बना दूँ । िेकिन क्या
िरूूं यार, डर िगता है क्योंिी मेरी बहन बड़ी शरीफ िड़िी है उसे इस सबिा ि़ुछ पता नहीूं है …”

नीि मेरी बात सन


़ु िर बोिी- “चि आज इसे ही अपनी बहन फरी समझिर मजे िर िो…”

तो मैंने िहा- “आह्ह… नीि िाश ये फरी बाजी होती तो िशम से मैं अपनी बहन िो इतना मजा दे ता कि वो
सारी जजूंदगी मेरे ददए ह़ुये मजे िी खानतर मेरी हर बात मानती मेरी ि़ुनतया बन जाती…”

मेरी बात सन
़ु िर नीि ने मझ
़ु े इशारा किया कि अब और बातें नहीूं िरो और िाम शरू
़ु िरो। तो मैंने फरी बाजी
िी फ़ुद्दी पे जो कि अब और भी अपने ही पानी से िथफथ हो च़ुिी थी, अपना हाथ घम
़ु ाया और फरी िी
फ़ुद्दी िे दाने िो धीरे से मसिने िगा।

तो पदे िे पीछे से फरी बाजी िे मूँह


़ु से हल्िी सस्सीएऽऽ िी आवाज ननिि गई और साथ ही बाजी िा जजश्म
हल्िे से िाूँपने िगा। तो मैंने भी अपना सर अपनी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी िे सामने झि
़ु ा ददया और अपनी
ज़ुबान िो बाहर ननिाििर बाजी िी फ़ुद्दी से ननििा ह़ुआ हल्िा नमिीन पानी चाटने िगा और फरी िी
फ़ुद्दी में अपनी ज़ुबान चिाने िगा।

जजससे बाजी िे मूँह


़ु से सस्सीएऽऽ उन्म्महऽऽ आह्हऽऽ िी हल्िी आवाजें ननििने िगीूं।

थोड़ी दे र ति मैं ऐसे ही अपनी बहन िी फ़ुद्दी िो चाटता रहा तो बाजी िा एि हाथ मेरे सर पे आ गया और
मझ
़ु े अपनी फ़ुद्दी पे दबा लिया और साथ ही अपनी फ़ुद्दी िो भी मेरे मूँह
़ु पे दबाते ह़ुये बाजी आह्ह ऊओऽऽ िी
आवाज भी िर रही थी, जजससे मैं समझ गया कि बाजी िी फ़ुद्दी िा पानी ननििने ही वािा है और कफर
बाजी िा जजश्म एि बार हल्िा सा अिड़ गया और हल्िे झटिे खाने िगा। जजससे बाजी िी फ़ुद्दी ने पानी िा
सैिाब सा मेरे मूँह
़ु में बहा ददया जजसे मैं अच्छी तरह चाटिर पी गया।

बाजी िे फाररघ ् होते ही मैं उठा और बाजी िी टाूँगों िो परा खोििर बीच में आ गया और अपना िण्ड बाजी
िी फ़ुद्दी पे सेट िरिे परी ताित िा झटिा मारा जजससे मेरा िण्ड बाजी िी मनी से गीिी फ़ुद्दी िो परी
तरह खोिता ह़ुआ जड़ ति जा घस
़ु ा।

और बाजी िे मूँह
़ु से- “आईई… नीिऽऽ प्िीज़्ज… इसे रोिोऽऽ…” िी घट
़ु ी-घट
़ु ी आवाज ननिि गई।

मैंने बाजी पे जरा भी रहम ना खाने िा फैसिा किया ह़ुआ था। इसीलिए मैंने बाजी िी टाूँगों िो परा उनिे िूंधों
िी तरफ मोड़ िरिे उन पे अपने हाथों से सारा जोर डाि ददया और अपना िण्ड परा बाहर ननिाििर कफर से
झटिा मारा और अपना िण्ड अपनी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा ददया।

मेरे इस वहलशयाना धक्िों से बाजी िे मूँह


़ु से दबी-दबी- “आईईइ नीिऽऽ ऊओऽ प्िीज़्ज इसे रोिोऽऽ मैं मर गई
आह्ह…” िी हल्िी आवाज उभर रही थी।

िेकिन नीि भी खामोशी से हमारी च़ुदाई दे खिर मजा िे रही थी।


35
अब बाजी ने अपने हाथ पदे िे पीछे से ननिाििर मेरे सीने पे रख लिए और मझ
़ु े अपने ऊपर से धिेिने िगी
और साथ ही थोड़ी भारी आवाज में- “प्िीज़्ज धीरे िरोऽऽ ऊओऽ माूँ उन्म्मह…” िी हल्िी आवाज भी िर रही
थी।

िेकिन मझ
़ु े तो उस वक़्त ि़ुछ भी होश नहीूं था और मैं अपनी परी ताित से बाजी िो चोदने में िगा रहा।
जजससे मैं 3 से 4 लमनट में ही अपनी बहन िी फ़ुद्दी में ही फाररघ ् हो गया। जैसे ही मैं फाररघ ् ह़ुआ बाजी ने
अपनी दोनों टाूँगों िो मेरी िमर पे मजबती से जिड़ बना िी और नीचे से अपनी फ़ुद्दी िो मेरे िण्ड पे रगड़ने
िगी।

जजससे मझ़ु े एहसास ह़ुआ कि मैंने अपने जोश में बाजी िो अधरा ही छोड़ ददया है तो मैंने िाशी िी तरफ
दे खिर िहा- “यार, अब त ही इसिी फ़ुद्दी िो ठूं डा िर, मैं तो फाररघ ् हो गया हूँ…”

तो िाशी हूँसता ह़ुआ अपनी जगह से उठा और बोिा- “सािे, इतनी भी क्या गमी चढ़ी ह़ुई थी कि थोड़ा सबर भी
नहीूं ह़ुआ?”

मैं बाजी िी टाूँगों में से ननििा और साइड पे हो गया और बोिा- “बस यार इस सािी िी फ़ुद्दी में गमी ही
इतनी है कि िूंट्रोि ही नहीूं ह़ुआ…”

कफर उसिे बाद िाशी ने फरी िी चद


़ु ाई िी और उसे ठूं डा किया तो िाशी ने िहा- “चि यार, अब त िपड़े
पहन और ननिि यहाूँ से…”

तो मैंने अपने िपड़े पहन लिए और बैठि में जािर बैठ गया। मझ
़ु े बैठि में िोई 15 लमनट ति बैठना पड़ा
और उसिे बाद जब बाजी वहाूँ से चिी गई तो मैं भी बैठि में से बाहर ननिि आया।

तो नीि जो कि फरी िो बाहर ति छोड़ने गई थी, मझ


़ु े दे खिर आूँख मारते ह़ुये बोिी- “क्यों सन्नी जी, क्या
हाि है ? ि़ुछ मजा भी आया िी नहीूं?”

तो मैं भी हूँसते ह़ुये बोिा- “हाूँ यार, मजा तो आया है…” और उसिा हाथ पिड़िर उसिे रूम िी तरफ चि
ददया।

रूम में जाते ही मैंने िाशी से िहा- “चि यार, त अब मेरी बाइि िे आ। मझ
़ु े अब ननििना है…”

तो िाशी भी ओिे िहता ह़ुआ ननिि गया।

तो मैंने नीि से पछा- “हाूँ यार, अब बताओ कि फरी ज्यादा गस्


़ु सा तो नहीूं थी जाते समय?”

नीि- “सन्नी, सच्ची बात तो ये है कि जब फरी आई थी तो बड़ी मज़ु श्िि ह़ुई उसे सेट िरने में, िेकिन जाते
वक़्त उसिे चेहरा पे जो मश़्ु िान और सिन था, मझ
़ु े िगता है तेरी बात बन जाएगी…”

36
मैं ख़ुशी से भरपर िहजे में- क्या मतिब है तेरी बात िा? जरा ख़ुििर बता ना?

नीि- “दे खो सन्नी, मझ


़ु े जो िगा वो मैंने तम्
़ु हें बता ददया अब आगे क्या होता है ये तम्
़ु हें ख़ुद सभािना होगा।
क्योंिी फरी िो जो मजा आज तम्
़ु हारे साथ आया है वो भि नहीूं पाएगी…”

मैं- “यार नीि, अगर ऐसा हो गया ना तो िशम से मैं तम्


़ु हें अपना गरू
़ु मन िूँ गा और जो तम
़ु माूँगोगी दूँ गा,
मना नहीूं िरूूँगा…”

नीि- “अच्छा जी, तो अभी ति आपने हमें अपना गरू


़ु नहीूं माना है । और अपना वादा भी याद रखना भिना
नहीूं…”

मैं- ओिे बाबा, मैं मन च़ुिा हूँ तम्


़ु हें अपना गरू
़ु और वादा भी नहीूं भिग
ूं ा गरू
़ु जी।

नीि मेरी बात सन


़ु िर हूँस पड़ी और बोिी- “वैसे सन्नी, सच्ची पछो तो फरी में बह़ुत गमी है अगर तम
़ु थोड़ी सी
भी दहम्मत िरो तो फरी तम् ़ु हें िभी भी मना नहीूं िरे गी…”

मैंने िहा- “नहीूं यार नीि, ऐसे नहीूं अब जो भी होगा बाजी िी मजी और उनिे िहने से ही होगा। मैं अब
अपनी बहन िो इस तरह ब्िैिमेि नहीूं िरना चाहता। बस बाजी िो मजे िरता दे खना चाहता हूँ और बस…”

अभी हम ये बातें ही िर रहे थे कि िाशी मेरी बाइि िेिर आ गया और हमारे साथ ही बैठ गया और बोिा-
“हाूँ भाई, अब क्या इरादा है तेरा? क्या िरे गा? किस तरह फरी िे साथ मामिा आगे बढ़ाएगा?”

तो मैं सोच में पड़ गया और अचानि मेरे ददमाग में एि आइडडया आया और मैंने िाशी से िहा- “त रात में
फरी िे साथ फेसबि
़ु पे चैट िर या कफर िाि िरिे बात िर और दे ख कि वो क्या चाहती है ? अगर त दे खे
कि उसे भी मजा आया है और वो मेरे साथ एूंजाय िरना चाहती है तो उसे बोिना कि अपना िोई फेि आई॰डी॰
बना िे फेसबि
़ु पे और मझ
़ु े आड िरे …”

िाशी जो कि खामोशी से मेरी बात सन


़ु रहा था बोिा- “िेकिन इससे क्या होगा?”

तो मैंने िहा- “सािे गान्ड, इससे ये होगा कि मझ


़ु े त बता दे गा िेकिन बाजी िो पता नहीूं होगा कि मैं जानता
हूँ कि ये उसिा आई॰डी॰ है । इस तरह वो मेरे साथ खि
़ु िर सेक्स पे बात िरे गी और मैं भी। इसी बीच िोई ना
िोई रास्ता लमि ही जाएगा…”

नीि जो कि मेरा प्िान सन


़ु रही थी बोिी- “सन्नी जी, मैं मान गई कि आप असिी गरू
़ु हो। क्या आइडडया
िगाया है आपने कि बहन िो पहिे गरम िरो कफर उसिी फ़ुद्दी िो मजे से, िोई मसिा ही नहीूं अगर मान
गई तो… वरना डर भी नहीूं होगा कि िहीूं िोई पूंगा ही ना हो जाए या किसी िा डर भी नहीूं…”

उसिे बाद मैंने िाशी और नीि िो अपना सारा प्िान समझाया और उठिर घर िो चि ददया, क्योंकि दोपहर
िे दो बज रहे थे और मझ
़ु े भी आज दसरा ददन था, मैंघर नहीूं गया था। मैं घर पह़ुूँचा और अपनी बाइि िो

37
स्टैंड किया और घर में इन ह़ुआ तो मेरी नजर सबसे पहिे फरी बाजी पे ही पड़ी जो कि बैठी टीवी दे ख रही थी।
और मझ ़ु े घर में आता दे खिर अजीब सी नजरों से मेरी तरफ दे ख रही थीूं।

तो मैं बाजी िो स्मेि िरता ह़ुआ बोिा- हे िो बाजी, क्या हो रहा है ?

बाजी- होना क्या है भाई, बस फाररघ ् बैठी थी तो सोचा टीवी ही दे ख िूँ । तम


़ु सन
़ु ाओ िहाूँ घमते कफर रहे हो?

मैं बाजी िे साथ ही सोफे पे बैठ गया और बोिा- “बस बाजी दोस्तों िे साथ घमता रहा और मस्ती वगैरा…”

बाजी- “अच्छा जी, जरा हमें भी तो पता चिे, िौन से ऐसे दोस्त हैं जजनिे साथ रात भी गज
़ु र जाती है? िोई
गिटफ्रेंड है क्या?” ये बात बोिते ह़ुये बाजी िा िहजा अजीब सा था जैसे वो मझ
़ु से ि़ुछ ि़ुरे दना चाहती हो।

मैं- “अरे बाजी, हमारी ऐसी किश्मत िहाूँ? वैसे आज सब ठीि तो है ना? आप मेरे साथ इस तरह बात िर रही
हो, अम्मी िहाूँ हैं?”

बाजी- अम्मी और ननदा अभी थोड़ी दे र ही ह़ुई खािा िी तरफ गई हैं शाम ति ही आयेंगी वावपस।

मैं- “अच्छा जी, तभी मैं भी िहूँ कि क्या बात है, जो आज हमारी प्यारी बाजी इतना खि
़ु िर मझ
़ु से गिटफ्रेंड िा
पछ रही हैं…”

बाजी- क्यों अम्मी घर पे होती तो क्या नहीूं पछ सिती थी मैं?

मैं- “बाजी आप िा तो पता नहीूं, िेकिन में ही आपसे इतनी बात नहीूं िर पाता जजतनी अभी िर िी है…” और
हाहहाहा िरिे हूँस ददया और उठिर अपने रूम िी तरफ चि ददया चें ज िरने िे लिए।

रूम में आते ही मैंने िाशी िो िाि िी और उसे बताया कि मोिा अच्छा है बाजी से बात िरे , क्योंिी घर में
िोई नहीूं है । तो िाशी ने ओिे बोिा और िाि िट िर दी। तो में बाथरूम में जा घस
़ु ा नहाने िे लिए। जब मैं
नहािर बाहर ननििा तो मैंने लसर्फट एि तौलिया बाूँधा ह़ुआ था और बाथरूम से ननििते ही मझ
़ु े बाजी नजर आ
गई जो कि मेरे ही रूम में बेड पे बैठी ह़ुई थीूं।

मझ
़ु े रूम में आता दे खिर बाजी जल्दी से खड़ी हो गई और बोिी- “भाई, मैं खाना िाई हूँ तम्
़ु हारा। खाना खा
िो, मैं अपने रूम में जा रही हूँ सोने िे लिए…”

तो मैंने हाूँ में सर दहिा ददया। तो बाजी खाना वहीूं बेड पे ही रखा छोड़िर मेरे रूम से बाहर ननिि गई। बाजी
िे इस तरह मझ
़ु े रूम में खाना दे ने से ही मैं समझ गया था कि िाशी ने बाजी से बात िी होगी, जजसिी वजह
से बाजी मझ
़ु े खाना दे िर सोने िा बहाना बना गई है, क्योंिी बाजी अभी िाशी से चैट पे बात िरने वािी थी।
इसलिए मैंने जल्दी से एि शाटट पहन िी, खाना खाया और अपना पीसी ओन िरिे मैं भी ओनिाइन हो गया।
दे खा तो िाशी भी आनिाइन था।

मैंने िाशी िो मेसज


े - किया क्या चि रहा है ?
38
तो उसने बस इतना ही िहा- तेरी बहन िे साथ िगा ह़ुआ हूँ तूंग नहीूं िरना।

िोई 45 लमनट ति मैं ऐसे ही फेसबि


़ु पे मस्ती िरता रहा। उसिे बाद िाशी ने मेरी साथ चैट शरू
़ु िी।
िाशी- क्या हो रहा है?

मैं- तेरा ही इूंतज


े ार िर रहा था कि त क्या तीर मारता है ?

िाशी- “अभी थोड़ी दे र ति तझ


़ु े हनीबेबी िे नाम से दोस्त ररक्वेस्ट लमिेगी आक्सेप्ट िर िेना ओिे…”

मैं- क्या फरी िी ही आई॰डी॰ है वो?

िाशी- “हाूँ… और मजे िी बात ये है कि वहाूँ वो लसर्फट सेक्स चैट िरती है अपने दोस्तों ि साथ…”

मैं- “ओ तेरी… इसिा मतिब है कि बात बनेगी…”

िाशी- सािे, अगर थोड़ी दहम्मत िरे तो अभी उसिे रूम में जािर चोद डाि, मना नहीूं िरे गी तम्
़ु हें ।

मैं- नहीूं यार, ऐसे परा मजा नहीूं लमिेगा।

िाशी- िण्ड पे चढ़ ओिे बाइ।

मैं- ओिे बाइ।

िाशी से चैट िरने िे बाद मैं बाजी िी तरफ से ररक्वेस्ट िा इूंतज


े ार िरने िगा जो कि 10 लमनट बाद आ ही
गई। मैंने आक्सेप्ट किया और उसिी प्रोफाइि चेि िी तो मेरी गाण्ड ही फटी िी फटी रह गई क्योंिी वहाूँ
सेक्स वीडडयोस और सेक्स िहाननयों िी भरमार िगी ह़ुई थी, जजसिा मझ
़ु े यिीन नहीूं था कि मेरी बहन ये सब
िरती होगी। खैर… मैंने फरी िो मेसेज किया और चैट िरने िगा।

मैं- हाय सेक्सी।

हनीबेबी (बाजी)- हाय

मैं- क्या हाि हैं आपिे?

हनीबेबी (बाजी)- फाइन।

मैं- मेि या फीमेि?

हनीबेबी (बाजी)- आपिो क्या िगता है ?


39
मैं- ि़ुछ िह नहीूं सिता।

हनीबेबी (बाजी)- कफर भी ि़ुछ तो पता चिे आप क्या सोच रहे हो?

मैं- मझ
़ु े िगता है कि आप मेि हो।

बाजी- नहीूं, मैं मेि नहीूं फीमेि हूँ।

मैं- आप िहती हो तो मान िेता हूँ।

बाजी- अच्छा िहाूँ से हो?

मैं- िराची (गित बताते ह़ुये)

बाजी- अच्छा जी, और क्या होबबयाूं हैं आपिी?

मैं- “नई दोस्त बनाना और िाइफ िो परी तरह एूंजाय िरना।

बाजी- कितनी गिटफ्रेंड बना चि


़ु े हो अब ति?

मैं- 3 से 4 गिटफ्रेंड रह चि
़ु ी हैं।

बाजी- मस्ती िी उनिे साथ?

मैं- हाूँ, अब भी िरता हूँ।

बाजी- वावव… इसिा मतिब है कि आप तो पऱु ाने खखिाड़ी हो?

मैं- नहीूं, अब इतना भी नहीूं वैसे आप िी उम्र क्या है?

बाजी- 21 साि और आपिी?

मैं- 19 साि है ।

बाजी- ऊओऽऽ कफर तो क्या मजा आएगा आप मेरे से छोटे हो।

मैं- आपने अभी मेरा दे खा नहीूं है जो इस तरह बोि रही हो। अगर एि बार दे ख िो तो फटी िी फटी रह
जायेगी।

40
बाजी- क्य्या?

मैं- आूँखें जनाब… आप क्या समझी?

बाजी- बह़ुत शरारती हो आप तो, िगता है हमारी खब जमेगी।

मैं- जी… क्यों नहीूं। ऐसे आपने ररयि में भी िभी सेक्स किया है या बस फेसबि
़ु पे ही बैठी मजे िेती हो?

बाजी- नहीूं, िर च़ुिी हूँ।

मैं- किसिे साथ?

बाजी- भाई िे दोस्त से औरऽऽ… …

मैं- और क्या?

बाजी- छोड़ो बस।

मैं- “नहीूं, बताओ ना प्िीज़्ज…”

बाजी- भाई िे साथ भी किया है , िेकिन उसे पता नहीूं है ।

मैं- ये िैसे हो सिता है कि उसे पता ही ना हो?

बाजी- हो जाता है अच्छा ये बताओ आपिी कितनी बहनें हैं?

मैं- दो हैं।

बाजी- िभी ि़ुछ किया उनमें से किसी िे साथ?

मैं- नहीूं, अभी तो नहीूं िेकिन ट्राई जरूर िरूूँगा।

बाजी- किस पे ट्राई िरोगे?

मैं- बड़ी बहन पे, सािी बह़ुत मस्त है ।

बाजी- हूँन्नऽऽ क्या िगता है मान जाएगी?

मैं- क्या बोि सिता हूँ?

41
बाजी- ओिे… अब मैं िोग आउट होने िगी हूँ बाइ।

मैं- “अरे बात तो सन


़ु ो प्िीज़्ज…”

बाजी- “नो अब बाइ… रात िो 11:00 बजे आनिाइन हूँगी आ जाना…” उसिे बाद बाजी आफिाइन हो गईं और
मैंने भी िोगाउट किया और थोड़ा आराम िरने िे लिये िेट गया क्योंिी पता नहीूं रात कितनी दे र ति बाजी से
चैट होती।

आराम िरने िे लिए िेटा तो पता ही नहीूं चिा िब आूँख िग गई और जब उठा तो शाम िे 7:00 बज रहे
थे। मैंने जल्दी से हाथ मूँह
़ु धोया और बाहर ननिि गया और अपने दोस्तों िे साथ घमता कफरता रहा और
10:00 बजे िे िरीब घर वावपस आया तो दे खा कि बाजी अभी भी जाग रही थीूं। मैंने बाजी से हाि-चाि पछा
और कफर खाना खािर 10:30 बजे अपने रूम में जा घस
़ु ा और जाते ही पीसी ओन िर लिया और फेसबि
़ु पे
बाजी िे आनिाइन होने िा इूंतज
े ार िरने िगा। जो कि 10 लमनट िे बाद ही आनिाइन हो गई।

तो मैंने इससे पहिे कि बाजी किसी और से चैट शरू


़ु िरें खद
़ु ही चैट शरू
़ु िर दी।

मैं- हाय सेक्सी।

बाजी- हाय जान।

मैं- आप तो वादे िी पक्िी ननििीूं, ठीि टाइम पे आनिाइन ह़ुई हो।

बाजी- क्यों, अच्छा नहीूं िगा क्या?

मैं- नहीूं, अच्छा क्यों नहीूं िगा? सच्ची में ख़ुशी ह़ुई कि िोई तो है जो बात िो ननभाता है ।

बाजी- अच्छा ज्यादा मस्िा नहीूं ओिे।

मैं- नहीूं, मस्िा नहीूं िगा रहा हूँ सच्ची बोि रहा हूँ।

बाजी- अच्छा ये बताओ कि तम


़ु ने िभी सोते में भी अपनी बहन िे साथ ि़ुछ मस्ती नहीूं िी है क्या?

मैं- नहीूं, दहम्मत ही नहीूं ह़ुई िभी।

बाजी- नाम क्या है तम्


़ु हारी बहनों िा?

मैं- बड़ी िा ररयि नाम फररहा है और छोटी िा ननदा।

बाजी- किसिे साथ िरना चाहते हो?

42
मैं- िरना तो दोनों िे साथ चाहता हूँ िेकिन पहिे फरी बाजी िे साथ।

बाजी- क्यों, फरी में ऐसा क्या है ?

मैं- “उसमें तो मेरी जान है … जब चिती है तो िगता है कि मेरे ददि पे पाूंव रख रही हो, साूंस ति रोि दे ती है
मेरी…”

बाजी- अच्छा जी… कफर भी दहम्मत नहीूं होती?

मैं- “बस क्या िरूूं बहन है ना िोई पूंगा हो गया तो घर से ननिाि ददया जाऊूँगा मैं तो। अच्छा आप अपना
नाम तो बताओ ना प्िीज़्ज… ऐसे मजा नहीूं आ रहा बात िरने में…”

बाजी- तम
़ु मझ
़ु े फरी बोि सिते हो।

मैं- ह़ुम्मऽ चिो ठीि है फरी बाजी आप ये बताओ कि आपने किस तरह भाई से चद
़ु वाया था?

बाजी- “वो मैंने अपनी एि दोस्त िे साथ लमििर भाई से िरवाया था अूंधेरे में । िेकिन वो ये ही समझता रहा
कि वो अपनी गिटफ्रेंड िो ही िर रहा है…”

मैं- “फरी बाजी, आप तो िमाि हो… भाई िे िण्ड िा मजा भी िे लिया और उसे ि़ुछ भी पता नहीूं?

बाजी- बस दहम्मत िरनी पड़ती है ।

मैं- अच्छा फरी, आप ही िोई मशवरा दें ना कि मैं अपनी बड़ी बहन िो किस तरह चोदूं ?

बाजी- पहिे तम
़ु ये बताओ कि क्या तम्
़ु हारी बहन िूँ़ु वारी है या नहीूं?

मैं- “फरी, सच पछो तो मझ


़ु े नहीूं िगता कि वो िूँ़ु वारी होगी। क्योंिी उसिी गाण्ड वपछिे ि़ुछ ददनों में िाफी
सेक्सी हो गई है…”

बाजी- अच्छा बच्च, तो तम


़ु अपनी बड़ी बहन पे इतनी गहरी नजर रखते हो?

मैं- क्या िरूूं, रखनी पड़ती है प्यार जो िरता हूँ।

बाजी- अच्छा, तम
़ु अपनी बहन िे साथ किस तरह िी मस्ती चाहते हो? मतिब ् सेक्स में क्या िरना या
िरवाना पसूंद है?

मैं- फरी मैं चाहता हूँ कि मेरी बहन मेरे साथ-साथ हर उससे सेक्स िरे , जजसिे साथ उसिा ददि चाहे । मैं
चाहता हूँ कि वो अपनी िाइफ भरपर तरीिे से एूंजाय िरे ।

43
बाजी- यार, क्या तम
़ु ये चाहते हो कि तम्
़ु हारी बहन रूं डी बन जाए? िैसे भाई हो तम
़ु ि़ुछ तो शरम िरो?

मैं- नहीूं फरी जी, मैं उसे रूं डी लसर्फट अपनी बनाऊूँगा िेकिन उसिे और अपने मजे िे लिए थ्री-सम फोर-सम
वगैरा भी िरवाऊूँगा।

बाजी- िाश मैं आपिी बहन होती तो कितना मजा आता?

मैं- आप भी अगर मजा िेना चाहती हो तो बताओ, हम लमि भी तो सिते हैं?

बाजी- नो चान्स बेबी।

मैं- क्यों जी?

बाजी- तम
़ु ये सब जो बता रहे हो, ये अपनी बहन िे साथ ही िरो। उसे ही मजा आएगा मझ
़ु े मआ
़ु फ्र्फ ही रखो।

मैं- क्यों, आप मेरी बहन नहीूं बन सितीूं?

बाजी- हम जस्ट नेट दोस्त ति ही रहें ग,े ओिे।

मैं- ओिे जी… िेकिन ये तो बताओ कि मैं अपनी बहन िे साथ सेक्स किस तरह िरूूं?

बाजी- पागि, अगर तम्


़ु हें िगता है कि वो किसी िे साथ सेक्स िर च़ुिी है और िूँ़ु वारी नहीूं है और दहम्मत भी
नहीूं है तो आसान िाम िरो।

मैं- िौन सा आसान िाम?

बाजी- “तम
़ु िि उसे उसिी पसूंद िा जस िािर दे ना, िेकिन उसमें नीूंद िी गोलियाूं लमिा दे ना। जजसे पीिर
वो गहरी नीूंद में चिी जाएगी और उसिे बाद तम
़ु परी रात अपनी बहन िे साथ मजे िरना…”

बाजी िी बात सन
़ु िर मैं समझ गया कि बाजी ये मशवरा क्यों दे रही है ? क्योंिी जब मैं बाजी िो जस दे ता तो
बाजी जस नहीूं पीती बल्िी ये शो िरती कि उसने जस पी लिया है िेकिन वो परी तरह होश में रहिर मजा
िेना चाहती थी िेकिन मझ
़ु े बेहोश ही शो िरती।

मैं- चिो मैं ट्राई िरूूंगा, िेकिन इसमें भी एि पूंगा है ।

बाजी- वो क्या?

मैं- इस तरह मैं तो परा मजा िूँ गा िेकिन बाजी िो वो मजा नहीूं लमिेगा और अगर उसे सब
़ु ह शि हो गया तो
अम्मी िो भी बता सिती है ।

44
बाजी- दे खो, अगर तम्
़ु हारी बहन पहिे ही च़ुदवा चि
़ु ी है तो वो िभी किसी िो नहीूं बताएगी, क्योंिी इस तरह
उसिा अपना राज खि
़ु ने िा डर होगा कि वो िूँ़ु वारी नहीूं है और पहिे ही चद
़ु वा चि
़ु ी है ।

मैं- “हाूँ… ये भी ठीि है । तो कफर मैं िि ही अपनी बहन िो जस वपिा दूँ गा। थैंक्स फरी जी, आपने अच्छा
तरीिा बताया है मझ
़ु े मजे िेने िा…”

बाजी- “थैंक्स और बाइ अब मैं सोने िगी हूँ। िि ददन में चैट िरें ग…
े ”

मैं- ओिे बाइ, िेकिन क्या मझ


़ु े आपिी वपि लमि सिती है इनबाक्स में?

बाजी- सोचूंगी कि तम
़ु पे ऐतबार िरूूं या नहीूं? बाइ बेबी।

मैंने भी बाजी िो बाइ बोिा और चैट बूंद िरिे अपना िण्ड मसिने िगा, बाजी िी फ़ुद्दी िा सोचिर और
कफर एि बार मठ िगािर सो गया।

अगिे ददन मैं सब


़ु ह तैयार होिर िािेज िे लिए ननिि गया, जहाूँ िाशी मझ
़ु े एि साइड पे िे गया और बोिा-
“हाूँ बे सन
़ु ा क्या बना फरी िा?”

मैंने िहा- “नहीूं यार, अभी ति बस चैट ही चि रहा है दे खो क्या बनता है?”

उसिे बाद हमने बािी िा टाइम िािेज से ननिििर आवारा कफरने में गज
़ु ारा। दोपहर िा खाना भी हमने एि
होटे ि ही में खाया और उसिे बाद मैं िाशी से अिग होिर घर आ गया, िोई 3:30 पे। तब ति अम्मी और
ननदा सो चि
़ु ी थीूं, िेकिन बाजी अभी जाग रही थी। जैसे ही मैं घर में घस
़ु ा, बाजी जो कि टीवी दे ख रही थी
बोिी- “भाई खाना िायें?”

मैंने िहा- “नहीूं बाजी, मैंने खाना खा लिया है…” और इतना बोििर अपने रूम िी तरफ चि ददया। और
दरवाजा िो अूंदर से बूंद िरिे नेट ओन िरिे बैठ गया, बाजी िे इूंतजार में । क्योंिी मझ
़ु े यिीन था कि बाजी
जरूर आनिाइन होंगी और ऐसा ही ह़ुआ। बाजी ठीि 10 लमनट िे बाद आनिाइन हो गई।

और आते ही मझ
़ु -े हाय स्वीत क्या चि रहा है?

मैं- ि़ुछ नहीूं फरी जी बस आपिा ही इूंतज


े ार िर रहा था।

बाजी- अच्छा जी वो क्यों?

मैं- बस आपने बोिा था ना कि आज अपनी बहन िो नीूंद िी गोलियाूं जस में डाििर दूँ , तो थोड़ी घबराहट भी
हो रही थी।

बाजी- क्यों घबराहट िैसी?

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मैं- फरी जी अगर बाजी िूँ़ु वारी ह़ुई अभी ति, और मेरा अूंदाजा गित ह़ुआ तो बड़ी गड़बड़ भी हो सिती है ना?

बाजी- दे खो सन्नी जी, या तो बहन िे साथ मजे िरने िा ख्याि ददि से ननिाि दो, या कफर डर ननिि दो
अपने ददि से, जो होगा दे खा जाएगा।

मैं- हाूँ फरी जी, आप िहती तो ठीि ही हो। िेकिन मैं चाहता हूँ कि बाजी िे साथ परे होश में सेक्स िा मजा
िूँ ।

बाजी- अरे बद्


़ु ध जब तम
़ु अपनी बहन िो नीूंद िी गोलियाूं दे िर मजे िरोगे, तो उसिो साफ मत िरना, बस
िपड़े ठीि िर दे ना। जब वो सब
़ु ह जागेगी तो उसे पता चि जाएगा कि रात िो किसी ने उसिे साथ सेक्स
किया है, और क्योंिी तम
़ु ही होगे घर में , जजसने उसे खास तौर पे जस वपिाया होगा रात िो, तो समझ
जाएगी िे ये सब तम
़ु ने ही किया है ।

मैं- िेकिन इस तरह बाजी िाम खराब भी िर सिती हैं? अगर वो बऱु ा मान गई या नाराज हो गई तो क्या
होगा?

बाजी- ि़ुछ नहीूं होगा। उसिो जब भी आग िगेगी तो िरीबी और सेफ रास्ता उसे तम्
़ु हारी शिि में ही नजर
आएगा, तो वो खद
़ु ही खामोश रहे गी। ि़ुछ नहीूं होगा तम्
़ु हें , डरो नहीूं।

मैं- ओिे फरी जी। क्योंिी एि तो आप मेरी बहन िी हम नाम हो और ऊपर से मेरे भिे िे लिए ही बोि रही
हो तो मैं आज िी रात जरूर िोलशश िरूूंगा। अगर बाजी ने जस पी लिया तो िाम बन जाएगा।

बाजी- िेकिन एि बात िा ध्यान रखना कि जस अपनी बहन िो दे िर उसिे रूम से ननिि जाना ज्यादा फोसट
नहीूं िरना।

मैं- िेकिन आप ऐसा क्यों बोि रही हो? इस तरह मझ


़ु े िैसे पता चिेगा कि बाजी ने जस वपया है कि नहीूं?

बाजी- अरे पागि, अगर फोसट िरोगे जस पीने िे लिए तो वो शि भी िर सिती है , और जब तम


़ु एि घूंटे
ति उसिे रूम में दोबारा जाओगे तो जस िा ग्िास दे खिर तम्
़ु हें पता तो चि ही जाएगा ना कि तम्
़ु हारी बहन
ने जस वपया है कि नहीूं? ि़ुछ अपना ददमाग भी िगा िो।

मैं- ओिे। मैं समझ गया और आप सन


़ु ाओ। क्या सोचा अपनी वपि िे बारे में, ददखा रही हो या नहीूं?

बाजी- ददखा दे ती हूँ, िेकिन चेहरा नहीूं ददखाऊूँगी। ओिे?

मैं- ठीि है । अगर चेहरा नहीूं ददखना तो नूंगा तो होना चादहए ही ना?

बाजी- मझ
़ु े पता था कि तम
़ु ि़ुछ ऐसा ही बोिोगे। इसलिए मैंने बबना चेहरा िे अपनी नूंगी वपि बना िी थी।

मैं- हाहाहाहा… फरी जी वैसे आप हो बड़ी तेज चीज।


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बाजी- वो िैसे?

मैं- आप बोिे बबना ख़ुद ही समझ िेती हो।

बाजी- वैसे सन्नी जी हो तो आप भी बहनचोद हे हेहेहे।

मैं- “अब फरी जी, दाूँत बाद में ननिाि िेना पहिे अपने नूंगा जजश्म तो ददखा दो प्िीज़्ज…”

बाजी- वपि।

बाजी ने जो वपि भेजी, उसमें बाजी बेड पे िेटी ह़ुई थी परी नूंगी जजसमें बाजी िी िोमि चचचयाूं और वपूंकिश
फ़ुद्दी भी टाूंगें ख़ुिी होने िी वजह से साफ नजर आ रही थी, जजसे दे खिर मेरा िण्ड झटिे खाना िगा। जो
कि बाजी से चैट िे दौरान पहिे ही खड़ा हो गया था।

मैं- “वाव… फरी जी सपर…”

बाजी- अब और नहीूं बोिना ददखाने िो।

मैं अपनी बहन िा बेड और रूम जो वपि में नजर आ रहा था पहचान च़ुिा था। िेकिन कफर भी अूंजान बनते
ह़ुये िहा- “फरी जी, क्या ये आपिी ररयि वपि है या नेट से िी ह़ुई है आपने?”

बाजी- अगर तम
़ु ने ये वपि िभी नेट पे दे खी है तो नेट से ही िी होगी। वैसे अगर यिीन मानो तो ये मेरी
ररयि ही है ।

मैं- मस्त है ।

बाजी- ओिे। अब बाइ क्योंिी घर वािे किसी भी वक़्त जाग सिते हैं। अब िि ही बात होगी।

मैं- क्यों फरी जी आज रात बात नहीूं िरोगी क्या?

बाजी- रात मेरे साथ चैट िरोगे, या अपनी बहन िी चाटोगे? हे हेहेहे।

मैं- ऊह्ह… सारी फरी जी, रात िो तो मैं बबजी रहूँगा बाजी िे साथ। ओिे बाइ फरी जी।

बाजी- बाइ।

बाजी से बात िरने िे बाद मैंने ि़ुछ दे र आराम किया और कफर 6:00 बजे शाम घर से ननिि गया। अपने
दोस्तों िे साथ थोड़ी गप-शप िी और घमता कफरता रहा, और 10 बजे अपनी बहन िा फेवररट जस बनवािर
पैि िरवाया और घर िी तरफ चि ददया। नीूंद िी गोलियों िी मझ
़ु े जरूरत भी नहीूं थी, क्योंिी मैं तो पहिे से
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ही जानता था कि बाजी ने जस तो पीना नहीूं है, बस ड्रामा िरना है बेहोशी िा। घर आया तो 10:30 हो रहे थे।
मैंने बेि बजाई तो बाजी ने ही दरवाजा खोिा। मैंने बाइि अूंदर स्टैंड िी और बाजी िी तरफ जस पैि बढ़ाया
और बोिा- “ये िो बाजी आपिे लिए िाया हूँ मैं…”

बाजी शोखी भरे अूंदाज में- क्या बात है भाई, आज मेरे लिए जस िाए हो? खैर तो है ना?

मैं उसी अूंदाज में- क्यों जी मैं अपनी प्यारी बहन िे लिए िोई चीज नहीूं िा सिता हूँ क्या?

बाजी- “अच्छा जी थैंक्स…” और इतना बोििर अपनी गाण्ड मटिाती ह़ुई किचेन िी तरफ चि दी।

मैंने बाजी िो किचेन िी तरफ जाता दे खा तो जल्दी से बोिा- “बाजी मैं खाना खािर आया हूँ। अभी नहीूं
खाऊूँगा…”

बाजी बड़ी अदा से लसर घम


़ु ािर मेरी तरफ दे खिर बोिी- “अच्छा जी। और अब क्या इजाजत है कि मैं ये
आपिा िाया ह़ुआ जस पी िूँ कि ये भी सब
़ु ह ही वपय?
ूं ”

मैं बाजी िी बात सन


़ु िर झट से बोिा- “नहीूं बाजी, आप अभी पी िो सब
़ु ह ति तो खराब हो जाएगा…” और
इतना बोिते ही मैं अपने रूम िी तरफ चि ददया। टाइम गज
़ु रने िगा। क्योंिी मैं नहीूं चाहता था कि घर में
िोई जागता ह़ुआ हो, जब मैं अपनी बहन िे रूम में जाऊूँ।

मैं टाइम पास िरने िे लिए नेट पे आनिाइन हो गया और फेसबि


़ु पे दोस्तों से चैट िरने िगा। िेकिन आज
बाजी आनिाइन नहीूं थी। क्योंिी बाजी िो ये ही पता था कि मैं किसी भी वक़्त उनिे रूम में आ सिता हूँ ,
जजससे उनिा सारा भेद खि
़ु सिता है । मैं िोई रात 11:40 पे अपने रूम से ननििा और बाजी िे रूम िी
तरफ चि ददया। जब मैं बाजी िे रूम िे पास गया तो बाजी िे रूम िा दरवाजा मझ
़ु े बूंद नजर आया, तो मैंने
धीरे से एि बार बाजी िे रूम में जाने से पहिे हल्िा सा नाि किया कि बाजी अपनी तैयारी िर िें और उन्हें
पता चि जाए कि िोई रूम में आने वािा है ।

नाि िे बाद मैंने धीरे से दरवाजे िो दबाया तो वो बबना आवाज किए धीरे -धीरे खि
़ु ने िगा, तो मैं इतना
दरवाजा ख़ुिते ही कि मैं अूंदर दाखखि हो सिूं , रूम में घस
़ु गया और दरवाजे िो अपने पीछे बूंद िर ददया। उस
वक़्त रूम में हल्िी पावर िी िाइट ओन थी, जजससे बेड पे िेटी ह़ुई मेरी प्यारी बहन बड़ी ही मासम िग रही
थी। उस वक़्त बाजी ने एि हल्िी सी शटट और पाजामा पहना ह़ुआ था। जजसमें बाजी और भी गजब िी ददख
रही थी। बाजी िो इस हाित में दे खिर मेरा िण्ड पाजामे में झटिे खाने िगा।

मैं धीरे से बाजी िे पास चिा गया, और बाजी िो दो-तीन आवाज िगाई। िेकिन बाजी ना तो उठी, और ना ही
बाजी ने िोई हरित िी, तो मैंने हल्िा सा बाजी िो िूंधे से पिड़िर दहिा ददया और साथ ही आवाज भी
िगाई। िेकिन बाजी िी तरफ से िोई रे स्पोन्स नहीूं लमिा। बाजी िी तरफ से िोई जवाब ना लमिने से मैं
समझ गया कि बाजी बेहोशी िा ड्रामा िर रही हैं, और वो परी तरह मेरे साथ सेक्स िा मजा िेने िे लिए
तैयार हैं।

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कफर मैं धीरे से फरी बाजी िे पास बेड पे बैठ गया और अपना एि हाथ अपनी बड़ी बहन िी चचचयों पे रखिर
हल्िा सा दबा ददया। जैसे ही बाजी िी चचचयों पे मैंने अपना हाथ रखा तो मझ
़ु े एहसास ह़ुआ कि बाजी ने ब्रा
नहीूं पहन रखी है । इस एहसास िे साथ ही मझ
़ु े अपनी बहन पे इतना प्यार आया कि मैं बता नहीूं सिता और
कफर बाजी िे साथ ही िेट गया, और अपने हाथ से बाजी िी शटट जो कि िाफी ढीिी थी, उसे धीरे से ऊपर
िरने िगा। धीरे -धीरे बाजी िी शटट चचचयों से ऊपर ति िर दी और बाजी िे नूंगी चचचयों िो अपने हाथों से
धीरे -धीरे सहिाने िगा और कफर अपना लसर हल्िा सा उठािर बाजी िी चचचयों पे अपनी ज़ुबान घम
़ु ाने और
उन्हें मूँह
़ु में भरिर चसने िगा।

मेरी इस हरित से बाजी िा जजश्म एि बार जरा सा दहिा, और थोड़ा अिड़ा भी। िेकिन बाजी ने ना तो अपनी
आूँखें खोिी और ना ही ि़ुछ बोिी। मैं उठिर बैठ गया और बाजी िा पाजामा अपने दोनों हाथों से पिड़िर
धीरे -धीरे नीचे खखसिाने िगा। िेकिन क्योंिी बाजी सीधी िेटी ह़ुई थी, तो पाजामा आसानी से नहीूं उतर रहा था
तो मैंने अपना एि हाथ बाजी िी िमर िे नीचे घस ़ु ािर बाजी िी िमर िो थोड़ा ऊपर किया और दसरे हाथ से
बाजी िा पाजामा घट
़ु नों ति उतार ददया और अपना हाथ बाजी िी िमर िे नीचे से ननिाििर पाजामा परी
तरह बाजी िे जजश्म से अिग िर ददया। जजससे बाजी िा परा जजश्म िूंधे से नीचे परा नूंगा हो गया।

बाजी िो इस तरह नूंगा दे खिर मैं खड़ा हो गया और झट से अपना पाजामा भी उतार ददया। कफर बाजी िी
टाूँगों िो दोनों तरफ फैिािर बीच में बैठ गया, और अपना िण्ड थि से गीिा िरिे बाजी िी फ़ुद्दी पे रख
ददया, तो बाजी िा परा जजश्म जैसे िज्जत िे मारे हल्िा सा िाूँप गया हो। िेकिन बाजी अब भी सोती ह़ुई
बनी रही। मैंने अपने िण्ड िो ऐसे ही बाजी िी फ़ुद्दी पे रखे ह़ुये थोड़ा आगे िो झ़ुि िे बाजी िी चचचयों पे
अपने हाथ रख ददए, और उन्हें बड़े ही प्यार और आराम से सहिाने िगा, और साथ ही अपने हाथों िो बाजी
िी चचचयों से नीचे उनिे पेट पे घम़ु ाता और थोड़ा झि
़ु िे चमता भी जाता। जजससे बाजी बह़ुत ज्यादा गरम
होने िगी, जजसिा एहसास मझ ़ु े अपने िण्ड पे उनिी फ़ुद्दी िे बढ़ते ह़ुये दबाओ से हो रहा था।

मेरी इन हरितों से बाजी िाफी ज्यादा गरम हो गई थी, और अपनी गाण्ड िो मेरे िण्ड िी तरफ हल्िा-हल्िा
दबाने भी िगी थी, जजससे बाजी िी फ़ुद्दी िी गमी िा मझ
़ु े अपने िण्ड पे परी तरह एहसास हो रहा था। बाजी
िी फ़ुद्दी ि गीिेपन िी वजह से मेरे िण्ड िा सप
़ु ाड़ा भी हल्िा सा बाजी िी फ़ुद्दी में समा च़ुिा था। मैंने भी
अब बाजी िो और ज्यादा तरसाना मन
़ु ालसब नहीूं समझा, और बाजी िी गाण्ड िे दोनों तरफ अपने हाथ रखते
ह़ुये अपने िण्ड िो अपनी बहन िी फ़ुद्दी में धीरे -धीरे घस
़ु ाने िगा।

मेरा िण्ड बड़े आराम और सिन से बबना किसी रुिावट िे फरी बाजी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ता चिा गया। जैस-े जैसे
मेरा िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ता जा रहा था, बाजी िी साूंस भी थोड़ी तेज होती जा रही थी, और साथ ही
बाजी िी दोनों टाूंगें जो कि मेरे दायें बाये थीूं, धीरे -धीरे मेरी िमर िे चगदट जिड़ बनाती जा रही थीूं बाजी िी
टाूँगों िी जिड़ बन जाने िी वजह से मेरा िण्ड परा बाजी िी फ़ुद्दी में नहीूं जा पा रहा था। क्योंिी बाजी िी
रमैंनें िाफी मोटी थीूं, तो मैंने बाजी िी टाूँगों से अपनी िमर िो आजाद िरवाया और उनिी टाूँगों िो हल्िा
सा उनिे पेट िी तरफ मोड़ ददया और एि हल्िा सा झटिा ददया, जजससे मेरा परा िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी में
जड़ ति घस
़ु गया

मेरे िण्ड िे परा घस


़ु ते ही बाजी िे मूँह
़ु से ‘सस्सीईई आआह्ह’ िी हल्िी सी आवाज भी ननिि गई िेकिन
बाजी अपनी आूँखें बूंद किए मझ
़ु से चद
़ु ाई िा परा मजा िेती रही और मैं अपने िण्ड िो बड़े आराम से हल्िा
सा बाहर खीूंचता और कफर से अपनी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा दे ता।
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जजससे बाजी िे मूँह
़ु से हल्िी-हल्िी लससकियाूं भी ननिि जाती, जजससे िी पता चि रहा था कि बाजी परे मजे
में है । मैं 10 लमनट ति बाजी िो बड़े ही प्यार से चोदता रहा। जजसमें मैंने जरा भी ताित नहीूं िगाई और
साथ ही बाजी िी चचचयों िो भी सहिाता और दबाता रहा। बाजी िा जजश्म हल्िा सा अिड़ गया और कफर
‘आअह्ह सस्सीए’ िी हल्िी आवाज िे साथ ही बाजी खामोश हो गई, और अपना जजश्म भी ढीिा छोड़ ददया,
क्योंिी बाजी िी फ़ुद्दी अपने ही िोव जस से िथफथ हो च़ुिी थी।

बाजी िा पानी ननििते ही मैंने भी अपनी स्पीड िो हल्िा सा बढ़ा ददया और बाजी िे फाररघ ् होने िे एि
लमनट बाद ही मैंने भी अपना िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी से ननिाि लिया और अपना सारा पानी बाजी िी रानों और
फ़ुद्दी िे ऊपर ही चगरा ददया, और उठिर अपना पाजामा पहना और बाजी िे होंठों पे एि हल्िी सी किस्सी
िरिे बाजी िो ऐसे ही नूंगा छोड़िर बाजी िे रूम में से ननिि गया, और अपने रूम में आ गया।

अब मझ
़ु े दे खना था कि बाजी आगे क्या िरती हैं? खि
़ु ती हैं, या अभी भी वो ड्रामा िरती हैं मेरे साथ? मैं अपने
रूम में आिर नहाया और बेड पे आिर िेट गयाम सोने िे लिए। िेकिन नीूंद थी िी उसिा दर ति िोई नाम-
ओ-ननशान ति ना था, बस अगर ि़ुछ था तो मेरे खयािों में अभी ि़ुछ दे र िी ह़ुई अपनी बड़ी बहन िी चद ़ु ाई
िा ही मूंजर था, जजसिी वजह से मेरा िण्ड कफर से परा टाइट हो चि
़ु ा था। जब ि़ुछ दे र नीूंद नहीूं आई तो मैं
उठा और पीसी ओन िर लिया और फेसबि
़ु पे आनिाइन हो गया, तो दे खा िी बाजी भी आनिाइन थीूं, और
जैसे ही मैं आनिाइन ह़ुआ बाजी िी तरफ से फारन ही- “हाय…” िा मेसेज आ गया।

मैं- हाय फरी जी।

बाजी- क्या रहा सन्नी जी, िाम बना कि बस हाथ से दहिा लिया?

मैं- अरे नहीूं फरी जी, अब ऐसा भी नहीूं है । जब बाजी िो जस वपिा िे बेहोश िर ही ददया था तो कफर मोिे
िा फायदा उठाने से भी भिा क्या डरना?

बाजी- अच्छा जी। तो आप भी आज अपनी बहन िे साथ सेक्स िरिे बहनचोद बन ही गये हो हे हेहेहे।

मैं- हाहाहाहा… हाूँ फरी जी, आपने सच िहा।

बाजी- िैसा िग रहा बहनचोद बनिर?

मैं- फरी जी, सच में बह़ुत मजा आया।

बाजी- ह़ुउन्न ्ूं तो कफर अब क्या इरादा है आपिा?

मैं- अब दे खना है कि बाजी क्या िरती हैं? क्योंिी मैं बाजी िो नूंगा ही छोड़ आया हूँ, अपने िण्ड िा पानी भी
बाजी िे ऊपर अच्छे से चगरािर।

बाजी- ये अच्छा किया तम


़ु ने, क्योंिी इससे तम्
़ु हारी बहन समझ जाएगी कि तम
़ु ने क्या ि़ुछ किया है?

50
मैं- अच्छा फरी जी, आज अपनी ि़ुछ वपि ही ददखा दें ना प्िीज़्ज… भिे चेहरा नहीूं ददखाओ।

बाजी- क्या दे खोगे?

मैं- “अपनी फ़ुद्दी ददखा दें ना प्िीज़्ज…”

बाजी- अभी तो अपनी बहन िी दे खिर और उसमें परी तरह अपना घस


़ु ािर मजा िेिर आए हो।

मैं- िेकिन आपिी तो नहीूं दे खी ना?

बाजी- मेरी भी तम्


़ु हारी बहन जैसी ही है ।

मैं- “हाूँ वो तो है । आप भी मेरी बहन ही हो, िेकिन एि बार ददखा दो ना प्िीज़्ज…”

बाजी- ओिे। इूंतज


े ार िरो।

मैं- ओिे।

थोड़ी दे र िे बाद बाजी िी वपि आ गई, जजसमें बाजी ने अब भी वोही पाजामा थोड़ा नीचे किया ह़ुआ था जजसमें
पहिे से ही थी, जब मैं उनिे रूम में गया था।

मैं- वाव… फरी जी। िेकिन प्िीज़्ज… परी तरह अपना ये पाजामा ननिाििर ददखाओ ना?

बाजी- क्यों, इतना ही ठीि है ज्यादा नहीूं बढ़ो।

मैं- प्िीज़्ज… फरी जी, आप इतना डर क्यों रही हो? मैं अगर किसी िो आपिी वपि ददखा भी दूँ गा तो आप
िौन सा अपना चेहरा मझ
़ु े अपनी वपि में ददखा रही हैं प्िीज़्ज… मान जाओ।

फरी- ओिे। क्या ददखाऊूँ?

मैं- “पाजामा उतार दें और अपनी गाण्ड भी ददखाओ ना प्िीज़्ज…”

बाजी- ओिे।

मैं- उम्म्मह्ह… फरी जी आपिी बाडी भी िमाि िी है, बबल्ि़ुि मेरी बहन फररहा जैसी। आई िोव य।

बाजी- क्यों मझ
़ु पे िाइन मार रहे हो?

मैं- नहीूं फरी जी, मैं आप पे िाइन नहीूं मार रहा हूँ। जो सच है वो ही बोि रहा हूँ।

51
बाजी- अच्छा अब बाइ।

मैं- फरी जी प्िीज़्ज… एि बार अपनी ब्रा भी उतार दें ना… परी बाडी नूंगी ददखा दें ।

बाजी- सन्नी जी, आपिी माूंगें बढ़ती जा रही हैं।

मैं- आखखरिार, आप मेरी बहन जैसी ही तो हैं। आपसे नहीूं बोिग


ूं ा तो किसिो बोिग
ूं ा? प्िीज़्ज… मना नहीूं
िरना।

बाजी- ओिे। िेकिन इसिे बाद और िोई डडमाूंड नहीूं िरोगे तम


़ु ?

मैं- ओिे नहीूं िरूूंगा।

बाजी- ओिे।

मैं- वाउ… फरी जी, सच्ची में आपिी बाडी मेरी बहन जैसी ही है ।

बाजी- िहीूं मैं ही तो तम्


़ु हारी बहन नहीूं?

मैं- अरे नहीूं फरी जी, मेरी बहन तो इस वक्त बेहोश पड़ी होगी। सब
़ु ह ही उठे गी आप िैसे हो सिती हो?

बाजी- चिो ठीि है । िेकिन सब


़ु ह घर पे ही रुिना और अपनी बहन पे ध्यान रखना कि वो क्या िरती है? ि़ुछ
बोिती है या नहीूं?

मैं- ओिे। िेकिन अगर बाजी ने अम्मी िो ि़ुछ बोि ददया तो क्या होगा?

बाजी- अरे सन्नी जी, यिीन रखो। वो िभी किसी िो नहीूं बताएगी और अब मैं आफिाइन होने िगी हूँ। थोड़ी
दे र सो िूँ सब
़ु ह िािेज भी जाना है ।

मैं- “ओिे फरी जी बाइ…” हािाूंिी बाजी ने ये िािेज वािा झठ ही बोिा था।

बाजी से बात िरने िे बाद मैं भी आफिाइन हो गया, और बेड पे िेट गया और बाजी िे बारे में सोचते-सोचते
सो गया। सब
़ु ह अम्मी िे उठाने से ही मेरी आूँख ख़ुिी। मैंने उठिर दे खा तो 10:00 बज रहे थे और अम्मी िहीूं
बाहर जाने िे लिए तैयार नजर आ रही थीूं।

अम्मी ने मझ
़ु े उठता दे खा तो बोिी- “सन्नी क्या तम
़ु नशा िरिे सोए थे, टाइम दे खो क्या हो गया है?”

मैं जल्दी से उठ बैठा और बोिा- सारी अम्मी जान, रात नीूंद िाफी दे र ति नहीूं आई। इसलिए उठने में दे र हो
गई है ।

52
अम्मी ने िहा- “अच्छा तम्
़ु हारा नाश्ता तैयार है । फरी तम्
़ु हें नाश्ता दे दे गी क्योंिी मैं साथ वािी छाबड़ा आूंटी िे
साथ मािेट जा रही हूँ, दे र से आऊूँगी। अपनी बहन िो घर में अिेिा छोड़िर िहीूं आवारागदी िरने नहीूं
ननिि जाना…” और रूम से बाहर िो चि पड़ी।

अम्मी िे जाते ही मैं जल्दी से उठा और वाशरूम में जा घस


़ु ा और नहािर िपड़े चें ज किए और नीचे आ गया,
तो दे खा कि अम्मी मािेट जाने िे लिए तैयार बैठी ह़ुई थीूं। मझ
़ु े नीचे आते दे खा तो बोिी- “मैंने तम्
़ु हारा नाश्ता
बनािर रख ददया है िर िेना। फरी नहा रही है और गेट बूंद िर िो। आजिि चोरी चिारी िाफी बढ़ गई है ।
और खािा छाबड़ा िे साथ बाहर ननिि गई।

अम्मी िे बाहर ननििते ही मैंने दरवाजा बूंद किया और बाजी िे रूम िी तरफ चि ददया। बाजी िे रूम िा
दरवाजा खोिते ही मझ
़ु े एि हल्िा सा झटिा िगा, क्योंिी बाजी उस वक़्त नहािर ननििी ही थी, और एि
तौलिया बाजी ने अपने आगे िपेट रखा था, जजसे दे खते ही मेरा िण्ड ट्राउजर में खड़ा हो गया।

बाजी भी मझ ़ु े रूम में आता ह़ुआ दे ख चि ़ु ी थी। िेकिन बाजी ने बड़े आराम से मेरी तरफ दे खा और बोिी- “भाई
क्या बात है? और इस तरह मझ ़ु े क्यों घर रहे हो? जाओ यहाूँ से मैं चें ज िर िूँ …”

मैं एि बार कफर बाजी िो ऊपर से नीचे ति दे खता ह़ुआ बाजी िे रूम से बाहर ननिि गया, और हाि में
आिर बैठ गया और बाजी िा इूंतजे ार िरने िगा।

बाजी थोड़ी दे र िे बाद ही अपने रूम से बाहर आ गई और बोिी- “हाूँ भाई, क्या बात है , मेरे रूम में नाि किए
बबना क्यों आ गये थे तम
़ु ?”

मैंने बाजी िी तरफ दे खा तो दे खता ही रहा गया। क्योंिी बाजी ने ऐसे िपड़े घर में िभी नहीूं पहने थे मेरे
सामने। मैने बोिा- “वो बाजी, अम्मी तो मािेट चिी गई हैं और मझ
़ु े भख िग रही थी। इसलिए आपिो बि
़ु ाने
गया था कि आप मझ
़ु े नाश्ता बना दें …”

बाजी मझ़ु े घरते ह़ुये किचेन िी तरफ चि दी और बोिी- “जरा किचेन में भी दे ख िेते कि तम्
़ु हारा नाश्ता अम्मी
तैयार िरिे गई हैं…” जब बाजी किचेन िी तरफ जा रही थी तो मेरी नजर बाजी िी गाण्ड पे ही गड़ी ह़ुई थी,
जो कि टाइट पाजामे में से साफ नजर आ रही थी, और बाजी िी गाण्ड िी हर हरित पे मेरी साूंस तेज होती
जा रही थी।

किचेन िे पास जािर बाजी अचानि मड़


़ु ी और मेरी तरफ दे खा, तो मझ
़ु े अपनी गाण्ड िी तरफ घरता पािर
बाजी ने मझ
़ु े बनावटी गस्
़ु से से घरा और किचेन में जा घस
़ु ी। कफर मेरे लिए तैयार नाश्ता िािर मेरे सामने रख
ददया और बोिी- “नाश्ता खतम िरिे मेरे रूम में आ जाओ, मझ
़ु े तम
़ु से बात िरना है …”

मैं समझ गया कि बाजी क्या बात िरना चाहती हैं? िेकिन मैंने अूंजान बनते ह़ुये िहा- “क्या बात िरनी है
बाजी अभी िर िो ना?”

बाजी ने िहा- “जो मैं बोि रही हूँ वो सन


़ु ो, और नाश्ता िरिे मेरे रूम में आ जाओ। वरना बाद में नहीूं बोिना
कि पहिे तम
़ु से बात क्यों ना िी?”
53
मैंने हाूँ में लसर दहिा ददया और बोिा- “अच्छा बाबा आ जाऊूँगा, लसर क्यों खा रही हो?” और नाश्ते में िग
गया।

बाजी अपने पैर पटिटे ह़ुये वहाूँ से अपने रूम िी तरफ जाने िगी।

मैंने िहा- “बाजी जरा मेरे लिए चाय भी बना दें प्िीज़्ज…”

बाजी ने गस्
़ु से से मेरी तरफ दे खा और बोिी- “वो बाद में बनाऊूँगी, अभी मेरे रूम में आओ बात िरनी है…”

मैंने भी अब बाजी िो और तूंग नहीूं किया और नाश्ता खतम िरिे बाजी िे रूम में चिा गया, जहाूँ बाजी
अपने बेड पे उल्टी िेटी िोई डाइजेस्ट दे ख रही थी। जजस तरह बाजी िेटी ह़ुई थी, मेरी ननयत खराब िरने िे
लिए वो नजारा ही िाफी था। मैं दरवाजे पे खड़ा बाजी िी तरफ दे खता रहा और कफर अपने िण्ड िो हल्िा सा
मसििर थोड़ा खाूंसा।

बाजी ने गदट न घम
़ु ािर मेरी तरफ दे खा और कफर उठिर बैठ गई और बोिी- आओ बैठो।

मैं बाजी िे पास जािर बैठ गया तो बाजी मेरी आूँखों में झाूंिते ह़ुये बोिी- “दे खो सन्नी, जो मैं तम
़ु से पछूं गी
सच-सच बताना, वरना कफर अम्मी ख़ुद तम ़ु से पछें गी…”

मैंने बाजी िी आूँखों में दे खते ह़ुये िहा- “बाजी आपिो मझ


़ु पे यिीन होना चादहए िे में आपसे झठ नहीूं
बोिग ूं ा। आप जो पछना चाहती हैं पनछये, मैं सच ही बताऊूँगा…”

बाजी ि़ुछ दे र ति मेरी आूँखों में झाूंिती रही और कफर बोिी- “भाई रात तम
़ु ने जो जस मझ
़ु े वपिाया था, उसमें
तम
़ु ने क्या लमिाया था?”

मैं है रानी िी आजक्टूं ग िरता ह़ुआ बाजी िी तरफ दे खिर बोिा- “क्या मतिब बाजी, मैं समझा नहीूं ि़ुछ?”

बाजी- भाई मैं िोई मज़ु श्िि बात नहीूं पछ रही तम


़ु से। बस इतना बताओ तम
़ु ने जस में क्या लमिाया था?

मैं- बाजी आप जो बोिना चाहती हो खि


़ु िर बोिो और पछो। मझ
़ु े इस तरह ि़ुछ समझ में नहीूं आ रहा है ।

बाजी- अच्छा ये बताओ रात तम


़ु मेरे रूम में किस वक़्त आए थे?

मैं- बाजी, मैं भिा रात िो आपिे रूम में क्यों आने िगा? आखखरिार, आप पछना क्या चाहती हो?

बाजी- “दे खो सन्नी, मैं बड़ी बहन हूँ तम्


़ु हारी, और रात जजस तरह तम
़ु ने मझ
़ु े जस वपिा िे बेहोश किया और
उसिे बाद मेरे साथ जो ि़ुछ किया, मैं ऐसा सोच भी नहीूं सिती थी कि तम
़ु मेरे भाई होिर मेरे साथ ये सब
िरोगे…” ये बोिते ह़ुये बाजी िी आूँखों में हल्िे आूँस भी आ गये।

54
मैं बाजी िी बातें सन
़ु िर और उनिी आूँखों में आने वािे आूँस दे खिर तो एि बार दहि सा गया कि िहीूं जो
िड़िी मेरे साथ फेसबि
़ु पे चैट िर रही है , वो िोई और तो नहीूं? िेकिन तभी बाजी िी वपि जो बाजी ने भेज
थी, मझ
़ु े याद आ गई और मैं बाजी िो इस शानदार आजक्टूं ग पे दाद दे ने िे लिए मजबर हो गया, और बोिा-
“बाजी, आप क्या पहे लियाूं बझ
़ु वा रही हो मझ
़ु ?
े मैंने िब आपिो जस वपिािर बेहोश किया है? और िब आपिे
रूम में आया था? और आखखरिार, मैंने किया क्या है आपिे साथ रूम में आिर जो आप मझ
़ु े इतना बऱु ा भिा
बोि रही हो?”

बाजी- अच्छा तो तम
़ु ये िहना चाहते हो कि तम
़ु रात मेरे रूम में ना तो आए थे, और ना ही मेरे साथ ि़ुछ
किया है?

मैं- हाूँ बाजी। िेकिन आप बताओ तो सही कि आखखर ह़ुआ क्या है ?

बाजी मेरी बात सन


़ु िर अपनी आूँस भारी आूँखों से मझ
़ु े दे खती रही और कफर अचानि बाजी ने मझ
़ु े जोर िा
थप्पड़ जड़ ददया और बोिी- “ननिि जाओ मेरे रूम से, िमीने अब अम्मी ही तम
़ु से बात िरें गी…”

मैं है रानी से बाजी िी तरफ दे खने िगा और बेड से खड़ा हो गया और बोिा- “बाजी, आपने मझ
़ु पे हाथ उठाया
है , क्योंिी आप मझ ़ु से बड़ी हो। और मैं आपिी बह़ुत ज्यादा इज़्जत िरता हूँ और प्यार भी। िेकिन आपने मझ
़ु े
क्यों मारा है ये तो बता दें ? आखखरिार, मेरा िसर क्या है ?”

बाजी अपने बेड से उठ खड़ी ह़ुई और मेरे सामने आिर खड़ी हो गई और अपने दोनों हाथों से बारी-बारी मझ ़ु े
थप्पड़ मारने िगी, और साथ ही रोने भी िगी और बोिी- “सन्नी मैं तम्
़ु हारी बड़ी बहन हूँ और तम
़ु ने रात अपनी
ही बहन िी इज़्जत िट िी, तम्
़ु हें जरा भी शमट नहीूं आई?”

मैं बाजी िी बात सन


़ु िर अब लसर झि
़ु ािर खड़ा हो गया और ि़ुछ नहीूं बोिा।

मेरे ि़ुछ ना बोिने पे बाजी ने मझ


़ु े खझूंझोड़ ददया और बोिी- “बोिते क्यों नहीूं सन्नी? तम
़ु ने ऐसा क्यों किया
मेरे साथ? तम्
़ु हें शमट नहीूं आई? ये सब िरते ह़ुये तम
़ु मर क्यों नहीूं गये सन्नी?”

अब अपना लसर उठािर मैंने बाजी िी तरफ दे खा और बोिा- “बाजी अगर आपिो इतना ही अपनी इज़्जत िा
ख्याि था तो आप आज भी िूँ़ु वारी होती? और मैं भी आपिे साथ ये सब नहीूं िरता जो ह़ुआ…”

बाजी- क्या मतिब है तम्


़ु हारा? क्या मैंने अपनी इज़्जत िो खद
़ु िट
़ु ाया है?

मैं- “हाूँ बाजी। मैं ये ही बोिना चाहता हूँ कि अगर मझ


़ु े आपिे रूम से अगर वो मेमोरी िाडट नहीूं लमिा होता,
जजसमें आपिी मेरे ही दोस्त िे साथ मवी थी, तो मैं आज भी ऐसी हरित िे बारे में नहीूं सोचता। क्योंिी आप
और ये घर ही मेरी इज़्जत और पहचान है , और जब मैंने वो वीडडयो दे खी तो मैं अम्मी िो बताने ही वािा था।
तभी मैं ये सोच िर कि ये ठीि नहीूं होगा और इसमें आपिी बदनामी नहीूं परे घर िी बदनामी है , तो मैंने ये
िदम उठाया है कि मैं ख़ुद घर में ही आपिी हर जरूरत िो परा िरता रहूं । जजसिी वजह से आपिो घर से
बाहर जाना पड़ता है , और अगर मैंने ि़ुछ गित किया है तो आप मझ
़ु े माफ िर दो…”

55
बाजी- तम
़ु ने वो वीडडयो िब दे खी और तम्
़ु हें मेमोरी िाडट िहाूँ से लमिा था?

मैं- िि ददन में ही दे खा था, जब आप किचेन में िाम िर रही थी, और वो मझ


़ु े आपिी दराज से लमिा था।

बाजी ि़ुछ दे र ति मेरी तरफ दे खती रही और कफर बोिी- “ठीि है सन्नी, अभी तम
़ु जाओ यहाूँ से। मैं तम
़ु से
बाद में बात िरूूंगी…”

मैं बाजी िी बात सन


़ु िर बाजी िे रूम से बाहर ननििा और अपने रूम में आिर बैठ गया और फेसबि
़ु पे
आनिाइन हो गया। तो थोड़ी ही दे र िे बाद बाजी भी आनिाइन हो गई।

और आते ही मझ
़ु -े “हाय सन्नी…” बोिा।

मैं- हाय फरी जी, क्या हाि है ?

बाजी- तम
़ु सन
़ु ाओ क्या ह़ुआ? तम्
़ु हारी बहन ने िोई हूं गामा तो नहीूं किया?

मैं- बस फरी जी हूं गामा तो ह़ुआ है, अब दे खो बाजी क्या फैसिा िरती हैं?

बाजी- क्या बात ह़ुई है तम्


़ु हारी अपनी बहन से?

मैंने उन्हें सब ि़ुछ बता ददया।

बाजी ने िहा- सन्नी एि बात पछूं सच बताओगे मझ


़ु ?

मैं- जी फरी जी पछो।

बाजी- क्या अगर तम्


़ु हारी बहन तम्
़ु हें स्वीिार िर िेती है तो तम
़ु उसे परी आजादी से एूंजाय िरने दोगे।

मैं- मतिब? मैं समझा नहीूं?

बाजी- मतिब ये कि अगर तम्


़ु हारी बहन तम्
़ु हारे साथ लमििर किसी और िे साथ भी एूंजाय िरना चाहे तो
क्या तम
़ु उसे इजाजत दोगे?

मैं- अरे फरी जी, अगर मेरी बहन मेरे इिावा 10 िोगों से भी च़ुदवाना चाहे गी ना, तो भी मझ
़ु े िोई ऐतराज नहीूं
होगा। बल्िी मैं ख़ुद बाजी िे लिए सारा इूंतजाम िर दूँ गा।

बाजी- क्या सच में तम


़ु ऐसा िरोगे? या ये तम्
़ु हारी ात्तेजना है जो वक़्ती तौर पे ऐसा बोि रहे हो?

मैं- नहीूं फरी जी, ये मेरा ददि चाहता है कि मैं अपनी बहन िो परा मजा उठाने दूँ , और जो वो चाहे उसमें
उसिी मदद िरूूं और उसिे साथ ख़ुद भी मजा िरूूँ। बािी अब दे खना है कि बाजी क्या सोचती हैं?
56
बाजी- ठीि है सन्नी तम्
़ु हारी बाजी भी तम्
़ु हारे साथ हैं।

मैं ख़ुशी से- क्या मतिब फरी जी? मैं समझा नहीूं।

बाजी- अभी मेरे रूम में आ जाओ, मैं इूंतज


े ार िर रही हूँ तम्
़ु हारा भाई।

मैं- मतिब आप मेरी बाजी फरी ही हो?

बाजी- हाूँ। और अब रूम में आ जाओ।

मैं ख़ुशी से उछि पड़ा और बाजी िे मान जाने पर झमता ह़ुआ उनिे रूम िी तरफ चि ददया। मैं बाजी िे रूम
िे पास पह़ुूँचिर रुि गया और कफर से अपने रूम िी तरफ चि ददया और इूंतज
े ार िरने िगा कि मेरे बाजी िे
रूम में ना जाने से बाजी क्या िरती हैं? और इस इूंतजार में मझ
़ु े िोई 10 लमनट िगे कि तब जािर मेरे
मोबाइि पे बाजी िा मेसेज आया। जजसमें बाजी ने लिखा ह़ुआ था- आए क्यों नहीूं?

मैं उठा और बाजी िे रूम िी तरफ कफर से चि ददया और इस बार बबना खझझिे बाजी िे रूम में इन हो गया
जब मैं बाजी िे रूम में इन ह़ुआ तो बाजी बेड पे बैठी दरवाजे िी तरफ ही दे ख रही थी। मैं बाजी िे पास
जािर खड़ा हो गया।

तो बाजी हल्िा सा मश़्ु ि़ुराई और बोिी- बैठ जाओ खड़े क्यों हो?

मैं बाजी िे साथ ही बेड पे बैठ गया और बाजी िी तरफ दे खने िगा, जो कि मेरी तरफ ही दे ख रही थी। ि़ुछ
दे र ति हम एि दसरे िी आूँखों में दे खते रहे और हल्िा-हल्िा मश़्ु ि़ुराते रहे ।

तभी बाजी ने िहा- “भाई क्या दे ख रहे हो?”

मैं हूँस ददया और बोिा- “ि़ुछ नहीूं बाजी, बस मैं आपिो दे ख रहा था और सोच रहा था कि अब आप कितने
थप्पड़ मरोगी मझ
़ु ?
े ”

बाजी भी हूँस दी और बोिी- “थप्पड़ तो मैं अब भी मारूूंगी। िेकिन प्यार से…” और साथ ही हल्िा सा थप्पड़ भी
मझ
़ु े दे मारा।

मैंने बाजी िा हाथ पिड़ लिया और उन्हें अपने होंठों से िगा लिया और चम लिया।

बाजी ने िहा- “भाई मैंने इन्हीूं हाथों से तम्


़ु हें मारा था, और तम
़ु इन्हें चम रहे हो…”

मैंने हूँसते ह़ुये िहा- “बाजी अगर आपने मझ ़ु े मारा था तो क्या ह़ुआ? मझ
़ु े यिीन है कि मेरे साथ आपिो भी
ददट ह़ुआ होगा, क्योंिी आपने मझ ़ु े ददि से नहीूं मारा होगा…”

57
बाजी- अच्छा भाई ये बताओ कि जो हमारे बीच ह़ुआ रात, क्या तम
़ु ख़ुश हो उस सबसे? क्या ये गित नहीूं था?

मैं- नहीूं बाजी, मेरा मानना है कि प्यार में ि़ुछ भी गित नहीूं होता और मैं आपसे प्यार िरता हूँ।

बाजी- िेकिन कफर भी भाई तम


़ु भाई हो मेरे और में तम्
़ु हारी बहन हूँ, और भाई कफर भी अगर किसी िो पता
चि गया तो जानते हो ना कि क्या होगा? िोग हमें जजूंदा गाड़ दें गे।

मैं- ि़ुछ भी नहीूं होगा बाजी, जब ति हम खद


़ु ही किसी िो नहीूं बतायेंगे तो किसी िो क्या पता चिेगा और
वैसे भी िािेज बूंद होने वािे हैं 3 महीने िे लिए, तो मैं सोच रहा था कि आप और मैं इस बार मऱु ी घम िे
आते हैं, क्योंिी वहाूँ हमें िोई नहीूं जानता होगा और हम जी भरिर अपने ददि िी हर ख्वादहश परी िर सिते
हैं और किसी िो पता भी नहीूं चिेगा।

बाजी- वो सब तो ठीि है भाई, िेकिन तम्


़ु हें जरा भी बऱु ा नहीूं िगेगा मझ
़ु े किसी और िे साथ िरता दे खिर?

मैं- क्यों बाजी, इसमें गस्


़ु से वािी क्या बात है ? भिा आप िौन सा मेरी लमजल्ियत हो जो मैं आप पर पाबूंदी
लिगता कफरूूं आपिी अपनी भी एि िाइफ है और आपिो परा हि है कि आप उसे अपनी मजी से एूंजाय िरो।

बाजी- भाई तम
़ु बह़ुत अच्छे हो िेकिन हम अिेिे मऱु ी िैसे जा सिते हैं भिा? जब हम मऱु ी िी बात िरें गे तो
अम्मी और ननदा भी साथ जाने िे लिए तैयार हो जायेंगे जजसहे सब ि़ुछ खतम।

मैं- “यार ये सब मेरे ऊपर छोड़ो और बस बेकफिर हो जाओ…” इतना बोिते ही मैंने बाजी िी िमर में हाथ
डाििर अपनी तरफ खीूंचा।

बाजी ने थोड़ा जोर िगाया मझ


़ु े से बचने िे लिए, जजससे बाजी िी टाूँगों पे पड़ी चादर परी तरह हट गई, तो
मझ़ु े पता चिा कि बाजी ने नीचे लसफट पैंटी पहनी ह़ुई है तो मैं भी बाजी िे ऊपर झ़ुि गया और अपने एि हाथ
से बाजी िी िमर िो पिड़िर थोड़ा ऊपर उठा ददया और बाजी िो किस िरने िगा। बाजी ने भी अपना हाथ
मेरे लसर पे रख लिया और मझ
़ु े किस िरने िगी।

ि़ुछ दे र ऐसे ही हम दोनों बहन भाई लिपटे ह़ुये किस िरते रहे और कफर मैंने बाजी िो छोड़ा और खड़ा हो
गया। अपने िपड़े उतार ददए और बेड पे िेट गया, और बाजी िे अपने ऊपर खीूंच लिया और एि झटिे से
बाजी िी शटट उतार दी। जजससे बाजी मेरे िण्ड पे लसफट पैंटी और ब्रा में ही बैठी रह गई। मैं बाजी िी तरफ
दे खिर हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा ददया तो बाजी हल्िा सा शमाट गई, और साथ ही मेरे ऊपर चगर गई, मझ
़ु े किस िरने
िगी। मैं भी बाजी िी गाण्ड पे पैंटी िे ऊपर से हाथ फेरते हये किस िरने िगा।

बाजी िो ि़ुछ दे र ति किस िरते रहने िे बाद मैंने अपने दोनों हाथ बाजी िी िमर पे घम
़ु ाना शरू
़ु िर ददया
और जब मेरा हाथ ऊपर िी तरफ जाते ह़ुये बाजी िी ब्रा से टिराया तो मैंने बाजी िी ब्रा िा ह़ुि खोि ददया।
बाजी ने जो कि अपनी आूँखें बूंद किए मझ
़ु े किस किए जा रही थी अचानि अपनी आूँखें खोि दी, और मेरी
तरफ दे खा और अपना लसर थोड़ा ऊपर उठाया और हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा िे अपनी ब्रा उतारिर साइड में फेंि दी
और कफर से मेरे ऊपर झि
़ु गई और किस िरने िगी।

58
मैं भी बाजी िो किस िरने िगा और साथ ही अपनी बड़ी बहन िी चचचयों िी ननपि िो भी मसिने िगा,
जजससे बाजी मझ
़ु े और भी लशद्दत से किस िरने िगी और साथ ही अपनी फ़ुद्दी िो मेरे िण्ड पे रगड़ने िगी।
थोड़ी दे र ति बाजी ऐसे ही अपनी फ़ुद्दी मेरे िण्ड पे तगड़ती रही और किस िरती रही। कफर अचानि बाजी िा
जजश्म थोड़ा अिड़ गया और तभी मझ ़ु े अपने िण्ड पे िाफी सारा गीिा-गीिा महसस ह़ुआ जजससे मैं समझ गया
कि बाजी िा पानी ननिि गया है और कफर बाजी मेरे ऊपर से हट गई और उठिर बाथरूम िी तरफ जाने
िगी। मैंने बाजी िा हाथ पिड़ लिया और सवालिया नजरों से बाजी िी तरफ दे खा।

बाजी ने िहा- “भाई, अभी इससे ज्यादा नहीूं क्योंिी ननदा आने वािी है बािी िा अधरा िाम रात िो िरें ग…
े ”
और अपना हाथ छ़ुड़ािर बाथरूम िी तरफ चि दी।

बाजी िी बात सन
़ु िर मेरी झाूंटें ति जि गईं। िेकिन क्या िर सिता था लसवाए मठ िे? जो मैंने ख़ुद ही
िगाई और उठिर अपने िपड़े पहन लिए, और बाजी िे रूम से ननििा और अपने रूम में आ गया। मैं ि़ुछ
दे र ति अपने रूम में िेटा रहा और अभी बाजी िे साथ ह़ुई मस्ती िे बारे में सोचता रहा, और ख़ुश होता रहा
कि तभी बेि होने और उसिे ि़ुछ दे र बाद दरवाजा खि़ु ने िी आवाज सन ़ु ाई दी। मैं समझ गया िे ननदा आ
चि
़ु ी है तो मैंने अपना नेट ओन किया और एि इूंडडयन मवी दे खने िगा।

मवी खतम होने ति अम्मी भी घर आ च़ुिी थी और कफर हमने लमििर खाना खाया और खाने िे बाद मैंने
अम्मी से िहा- “अम्मी क्यों ना इस बार िािेज िी छ़ुट्दटयों में मऱु ी घम
़ु ा जाए?”

ननदा- गड
़ु आइडडया भाई, सच्ची बह़ुत मजा आएगा।

अम्मी- नहीूं िोई मऱु ी नहीूं जा रहा। यहाूँ घर पे ही रहना है और अगर िहीूं जाना भी ह़ुआ तो किसी ररश्तेदार
िे घर 4-5 ददन िे लिए हो आयेंगे।

बाजी- मान जाओ ना अम्मी प्िीज़्ज… लसफट दो हफ्ते िे लिए।

मैं- हाूँ, अम्मी दे खो सबिा कितना ददि िर रहा है?

अम्मी- ओिे अभी छ़ुट्दटयों में िाफी ददन हैं, जब टाइम आएगा तब दे खेंगे कि जाना है या नहीूं?

मैं- “अम्मी दसरे हफ्ते हमारे िािेज बूंद हो जायेंगे और हमें अभी से तैयारी िरनी है और वहाूँ िोई िाटे ज भी
बि
़ु िरना होगा। बाद में जगह नहीूं लमिेगी सो प्िीज़्ज… मान जाओ ना…”

मेरी बात खतम होते ही बाजी और ननदा भी अम्मी िी तरफ उम्मीद भरी नजरों से दे खने िगी। तो अम्मी ने
िहा- “ओिे। बक़ु िूं ग िरवा िो िेकिन हम वहाूँ दो हफ्ते से ज्यादा नहीूं रुिेंगे…”

अम्मी िी बात सन
़ु िर हम सब ख़ुश हो गये और उसिे बाद बाजी और ननदा अम्मी िे साथ शावपूंग िा प्िान
िरने िगी, तो मैं वहाूँ से उठा और अपने रूम में आ गया और फेसबि
़ु पे आनिाइन हो गया और सबिे सोने
िा इूंतज
े ार िरने िगा। क्योंिी जब ति सब सो नहीूं जाते बाजी ने मझ
़ु े नहीूं बि
़ु ाना था।

59
फेसबि
़ु पे चैट िरते और बाजी िा इूंतज
े ार िरते मझ
़ु े 11:00 बज गये। तब जािर बाजी िा मेसेज आया कि
10 लमनट िे बाद आ जाना, तो में खश
़ु हो गया और आने वािे वक़्त िा सोचते ही अपना िण्ड मसिने िगा।
मैं िोई 11:15 पे अपने रूम से ननििा और इधर-उधर दे खता ह़ुआ बाजी िे रूम में चिा गया, जजसिा दरवाजा
ख़ुिा ह़ुआ ही था। िेकिन मझ
़ु े रूम में िोई भी नजर नहीूं आया, तो मैंने दरवाजे िो अपने पीछे िाि किया
और बाथरूम िी तरफ चि ददया, जजसिा दरवाजा खि
़ु ा ह़ुआ था और िाइट जि रही थी।

मैंने जब बाथरूम में झाूँिा तो मझ


़ु े बाजी नजर आ गई, जो कि अब मेरी तरफ मड़
़ु चि
़ु ी थी और मझ
़ु े दे खिर
हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा भी रही थी।

मैंने बाजी िो इस तरह मश़्ु ि़ुराता ह़ुआ दे खा तो बोिा- “क्या बात है बाजी, इस तरह क्यों मश़्ु ि़ुरा रही हो आप?”

बाजी ने िहा- “अभी नहीूं जब टाइम आएगा तब बताऊूँगी…” और बाथरूम से बाहर आ गई।

बाजी जैसे ही बाहर ननििी बाथरूम से तो मैंने बाजी िो अपनी तरफ खीूंच लिया और अपने साथ लिपटािर
एि किस िर डािी और साथ ही बाजी िो खद
़ु से अिग िर ददया और बाजी िी शटट िो पिड़िर उतार ददया,
जजससे बाजी मेरे सामने लसफट ब्रा और पैंटी में रह गई। बाजी थोड़ा पीछे हटी और बेड पे जािर मेरी तरफ अपनी
पीठ िरिे बैठ गई।

मैंने अब ज्यादा दे र िरना मन


़ु ालसब नहीूं समझा और झट से अपने िपड़े उतारिर फेंि ददए और नूंगा हो गया,
जजससे मेरा िण्ड भी परी तरह आजाद होिर दहिने और झटिे खाने िगा।

अब मैं भी जािर अपनी बड़ी बहन िे पास बेड पे बैठ गया और बाजी िो अपने सीने से िगा लिया और किस
िरने िगा। साथ ही अपने हाथ बाजी िी िमर पे िे जािर बाजी िी ब्रा िे ह़ुि खोि ददए और उनिी िमर पे
अपने हाथ घम
़ु ाने िगा, और साथ ही किस भी िरता रहा। कफर मैंने बाजी िो अपने साथ ही बेड पे लिटा लिया
और अपना एि हाथ बाजी िी पैंटी में डाििर नीचे िो खखसिने िगा।

बाजी मेरा इरादा समझ गई और अपने जजश्म िो थोड़ा ऊपर उठाया जजससे मैंने बड़े आराम से बाजी िी पैंटी
भी ननिाििर एि तरफ फेंि दी, और बाजी िो अपने साथ लिपटा लिया और उन्हें चमने और अपने हाथों से
सहिाने िगा और कफर अपनी बड़ी बहन िा एि हाथ पिड़िर अपने िण्ड पे रख ददया जजसे बाजी ने पिड़
लिया और साथ ही हम किस भी िरने िगे।

थोड़ी दे र ति हम दोनों बहन भाई ऐसे ही किस िरते रहे और बाजी मेरा िण्ड सहिाती रही। कफर बाजी ने मेरा
िण्ड छोड़ ददया और थोड़ा ऊपर िो उठ गई और मझ
़ु े किस िरने िगी। हम दोनों थोड़ी दे र ति ऐसे ही
मजस्तयाूं िरते रहे । िेकिन अब मेरी और मेरे िण्ड दोनों िी हाित खराब होती जा रही थी, जजसिी वजह से
मैंने बाजी िो अपने से अिग किया और ख़ुद उठिर बैठ गया और बाजी िो बेड पे सीधा िेटने िो बोिा।

बाजी जो कि अब उठिर बैठी ह़ुई थी मश़्ु ि़ुराते ह़ुये बोिी- क्यों जी?

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मैंने बाजी िो इस तरह अपनी तरफ शैतानी से मश़्ु ि़ुराता दे खा तो बाजी िी टाूँगों िो पिड़िर अपनी तरफ खीूंच
लिया जजससे बाजी बेड पे सीधी होिर चगर गई और बाजी िी टाूंगें भी खि
़ु गईं तो बाजी िी दोनों रानों में छ़ुपी
ह़ुई प्यारी सी फ़ुद्दी मेरी ननगाहों िे सामने आ गई।

मैंने बबना दे र किए अपनी ज़ुबान बाजी िी फ़ुद्दी पे अपना लसर झ़ुिािर रख दी और उसे फ़ुद्दी में ऊपर से
नीचे िी तरफ चिाने िगा।

बाजी ने अपने दोनों हाथों से मेरे लसर िो अपनी फ़ुद्दी पे दबा ददया और साथ ही- “आआह्ह… सन्न्नी मेरे भाई
ऊह्ह… उूं न्नम्ह… जोर से चाटो भाई सस्स्सी… मजा आ रहा है भाई आअह्ह… खा जाओ भाई अपनी बहन िी
फ़ुद्दी िो आह्ह…” िी आवाजें ननिािने और लससकियाूं िेने िगी।

ि़ुछ दे र ति मैं बाजी िी फ़ुद्दी िो ऐसे ही चाटता रहा और कफर मैं उठा और थोड़ा आगे ह़ुआ और अपना िण्ड
बाजी िी फ़ुद्दी पे रख ददया और अपना िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी पे रगड़ने िगा। अब मैंने अपने िण्ड िो थोड़ा
सा अपनी बहन िी फ़ुद्दी में पश
़ु किया।

तो बाजी िे मूँह
़ु से- “आआह्ह… सन्नी मेरे भाई क्यों तड़पा रहे हो प्िीज़्ज… भाई परा घस
़ु ा डािो अपना ये
हचथयार मेरे अूंदर ऊह्ह…” िी आवाज िरने िगी।

मैंने अचानि अपनी परी ताित से झटिा िगाया, जजससे मेरा िण्ड बबना किसी दश़्ु वारी िे बाजी िी फ़ुद्दी में
समा गया।

बाजी िे मूँह
़ु से िज्जत िे मारे - “आअह्ह… सन्न्नी मेरे भाई… बस इसी तरह मझ
़ु े प्यार िरते रहना मेरी जान…”
िी आवाज िरने िगी और मझ
़ु े अपनी तरफ खीूंचिर अपने ऊपर चगरा लिया और मेरे साथ लिपट गई।

बाजी उस वक़्त बह़ुत ज्यादा हाट हो रही थी और मेरे हर झटिे पे नीचे से अपनी गाण्ड उछािती, जजससे हर
झटिे िी रफ़्तार बढ़ जाती और रूम में से बाजी िी- “ऊह्ह… भाई उूं न्नम्ह सस्स्सी…” िे साथ-साथ थप्प-थप्प
िी आवाजें भी आने िगी।

मैं बाजी िे ऊपर से हट गया, जजससे मेरा िण्ड भी बाजी िी फ़ुद्दी से ननिि गया। तो बाजी जो कि उस वक़्त
परा मस्ती में थी फौरन अपनी आूँखें खोििर है रानी से मेरी तरफ दे खने िगी।

मैंने मश़्ु ि़ुराते ह़ुये िहा- “बाजी अब आप मेरे ऊपर आ जाओ…”

बाजी ने िोई बात नहीूं िी और फौरन मेरे िण्ड िे ऊपर अपनी फ़ुद्दी िो सेट किया और एि ही झटिे में
नीचे बैठिर मेरा िण्ड अपनी फ़ुद्दी में घस
़ु ा लिया, और कफर अपनी िमर िो दहिाने िगी, जजससे मेरा िण्ड
अपनी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी में मजे से अूंदर-बाहर होने िगा। बाजी परी जान से मेरे िण्ड पे उछि रही थी और
साथ ही मेरे ऊपर झ़ुि िे मझ
़ु े किस भी िर लिया िरती, और अपनी आूँखें बूंद किए मजे से- “आअह्ह… भाई
आज सही मजा आ रहा है मेरी जान। आज से तम
़ु मेरे भाई िम और शौहर ज्यादा होगे। ऊह्ह… भाई मैं गई
आअह्ह… उूं म्म्मह भाई…” िी एि तेज आवाज िे साथ ही बाजी िी फ़ुद्दी ने झटिा सा खाया।

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और कफर मझ
़ु े अपने िण्ड पे अपनी बहन िी फ़ुद्दी से ननििने वािा गरम िोव-जस महसस होने िगा, जजसने
मेरा िूंट्रोि भी खतम िर ददया और मैं बाजी िी गाण्ड िो पिड़िर नीचे से तेज-तेज झटिे िगाने िगा। इससे
पहिे कि मेरा पानी बाजी िी फ़ुद्दी में ही चगरता, बाजी एि झटिे से मेरे ऊपर से हट गई और मेरे िण्ड िो
पिड़िर मठ िगाने िगी, और मेरा पानी ननिि ददया।

मेरे फाररघ ् होते ही बाजी ने मेरा िण्ड छोड़ ददया और मेरे साथ ही िेट गई और बोिी- “क्यों भाई, िैसा िगा?
मजा आया कि नहीूं?”

मैंने बाजी िो अपनी तरफ खीूंच लिया और बोिा- “मेरी जान मजा तो बह़ुत आया िेकिन अब तैयार िरिे रखो
मऱु ी िी चद
़ु ाई िे लिए…”

बाजी भी हूँस दी और बोिी- “जनाब आपिी ये रूं डी हर वक़्त आपिो तैयार लमिेगी आप िोई कफिर ना िरो।
िेकिन भाई ये तो बताओ कि वहाूँ अम्मी और ननदा भी होंगे तो ये सब होगा िैसे?”

मैंने िहा- “यार ये टे न्शन तम्


़ु हारी नहीूं है मेरी जान, ये मेरा िाम है, और तम्
़ु हारा िाम बस मजा िेना और
मजा दे ना है…”

मेरी इस बात पे बाजी हूँस दी और बोिी- “भाई, अगर मझ


़ु े पहिे पता होता कि तम
़ु इतने बड़े बहनचोद हो तो
मैं किसी और से ना च़ुदवाती, बल्िी तम्
़ु हारी ही अय्याशी िरवा दे ती…” और बाजी िी बात पे हम दोनों हूँस
ददए।

थोड़ी दे र ति हम दोनों बहन भाई ऐसे ही एि दसरे िे साथ लिपट िे िेटे रहे और बातें िरते रहे । कफर बाजी
ने मझ
़ु े खद
़ु से अिग किया और बोिी- “चिो अब ननििो यहाूँ से, और जािर सो जाओ। क्योंिी सब
़ु ह तम्
़ु हें
िोिेज भी जाना है । ये डेिी डेिी ना जाना नहीूं चिेगा, अब समझे तम
़ु ?”

मैं बाजी िी बात सन


़ु िर हूँस ददया और बाजी िा चची दबा ददया और बोिा- “िेकिन बाजी, अभी तो मेरा ददि
नहीूं भरा। अभी एि बार िरें गे। प्िीज़्ज… बाजी, उसिे बाद मैं आपिो तूंग नहीूं िरूूंगा…”

बाजी ने मेरा हाथ जो उनिी चचचयों िो मसि रहा था हटा ददया और बोिी- “नहीूं भाई, बह़ुत रात हो गई है
और अगर सब ़ु ह टाइम पे ना उठे तो अम्मी िो शि भी हो सिता है । इसलिए अब और नहीूं, तम
़ु ननििो यहाूँ
से…” और साथ ही मझ
़ु े बेड से नीचे िी तरफ धक्िा भी दे ने िगी।

तो मैं ना चाहते हो भी उठ बैठा और बाजी िी तरफ दे खते ह़ुये अपने िपड़े पहन लिए और बाजी िे रूम से
ननिििर अपने रूम में आ गया और बेड पे सोने िे लिए िेट गया।

अगिी सब
़ु ह मैं बाजी िे उठाने से जल्दी ही उठ गया और नहािर नाश्ता किया और िोिेज िे लिए ननिि
गया। जहाूँ पह़ुूँचते ही मझ
़ु े िाशी ने पिड़ लिया और एि तरफ िो िे गया और बोिा- “क्यों जजगर, क्या बना?
ि़ुछ बात बनी या अभी ति हाथ से ही िाम चिा रहे हो?”

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मैंने िाशी से िहा- “नहीूं यार, अभी ति तो ि़ुछ नहीूं ह़ुआ िेकिन ि़ुछ ददनों िे बाद जब हम मऱु ी जायेंगे तो
शायद बात बन ही जाए…”

िाशी- मऱु ी िब जा रहे हो? और िौन-िौन जा रहा है?

मैं- जा तो सब घर वािे ही रहे हैं, और िोिेज बूंद होते ही ननिि जायेंगे।

िाशी- चि ठीि है । मैं भी बात िरूूंगा तेरी बहन से, दे खता हूँ क्या है उसिे ददमाग में ?

मैं- हाूँ यार, पता तो चिे कि वो क्या सोच रही है?

िाशी- चि ठीि है यार। और सन


़ु ा क्या चि रहा है ? और िि क्यों नहीूं आया था?

मैं- बस यार सारी रात फेसबि ़ु पे आनिाइन रहा। िेकिन बाजी आनिाइन ही नहीूं ह़ुई, जजससे िाफी दे र में
सोया और सब ़ु ह आूँख भी दे र से खि़ु ी तो कफर मैं घर पे ही रुिा और िोिेज नहीूं आया।

िाशी- चि ठीि है मैं भी िोलशश िरता हूँ और त भी थोड़ा दहम्म िर, वरना हाथ में पिड़िर दहिाता ही
रहे गा।

मैं- क्यों सािे, तेरी बहन है ना तब ति उसिी बजायेंगे लमििर।

िाशी- अबे मैंने िब मना किया? िेकिन उसिा भी रात से महीना शरू
़ु हो गया है , सो वहाूँ से भी छ़ुट्टी 5 ददन
िे लिए।

मैं- अबे यार, कफर िोई और ज़ुगाड़ िर ना। मेरा क्या होगा?

िाशी- “सबर िर बच्चा सबर अच्छा होता है…” और हाहाहाहा िरिे हूँसने िगा।

उसिे बाद हम यहाूँ वहाूँ घमते रहे और कफर मैं घर गया तो बाजी अिेिी ही थी घर में । मैंने अम्मी िा पछा
तो बाजी ने िहा अम्मी शावपूंग िे लिए गई हैं। तो मैंने ननदा िा पछा तो बाजी ने हूँसते ह़ुये िहा, वो भी
अम्मी िे साथ ही गई है । मैंने दरवाजा बूंद िर ददया और बाजी िो अपनी तरफ खीूंच लिया।

बाजी ने मझ
़ु े रोि ददया और बोिी- नहीूं भाई, ि़ुछ िरना नहीूं है ।

मैंने बाजी िो छोड़ ददया और पीछे हट गया और बोिा- क्यों बाजी, क्या बात है ? आप ने ऐसा क्यों बोिा?

बाजी हूँसते ह़ुये बोिी- “बद्


़ु ध मऱु ी जाने से पहिे मेरी शहजादी छ़ुट्दटयों पे है , और आराम िरे गी और नो गड़बड़।
अब जो होगा मऱु ी में ही, तब ति मैं नहा िग ूं ी…”

63
मैं बाजी िी बात सन
़ु िर ठूं डा हो गया और बोिा- “क्या यार, उधर नीि िे साथ भी ये ही पूंगा है और यहाूँ
तम्
़ु हारे साथ भी…” और इतना बोििर अपने रूम िी तरफ चि ददया और कफर बाजी िी तरफ मड़
़ु ा और बोिा-
“िेकिन आप मऱु ी जाने ति कफट हो जाओगी ना?”

तो बाजी ने हूँसते ह़ुये हाूँ में लसर दहिा ददया।

उसिे बाद िे 5 ददन ति हम लसफट मऱु ी िी तैयारी में िगे रहे , क्योंिी मेरा इरादा वहाूँ िोई एि महीने से
ज्यादा रुिने िा था, तो मैंने इसीलिए वहाूँ एि घर रें ट पे िे लिया। और सारी तैयारी िरने िे बाद हमने एि
टोयोटा शटि रें ट पे िे िी ड्राइवर समेत, जो कि लसफट मऱु ी ति िे लिए ही थी। जजसमें हमने अपना-अपना
समान रखा और हम मऱु ी िे लिए ननिि लिए। रात दो बजे हम घर से ननििे, क्योंिी हम चाहते थे िे जब
हम मऱु ी पह़ुूँचें तो सब
़ु ह हो च़ुिी हो।

गाड़ी िाहोर से ननििी और मोटे रवे पे ट्रै वेि िरने िगी तो अम्मी और ननदा जो अगिी सीटोम पर थीूं आूँखें बूंद
िर सोने िगीूं। तब मैं और फरी बाजी जो कि पीछे बैठे मेरे मोबाइि पे एि मवी दे ख रहे थे, थोड़ी दे र बाद जब
मैंने दे खा कि अम्मी और ननदा सो गये हैं और क्योंिी गाड़ी में िाइट बूंद थी, जजससे ड्राइवर िो पीछे ि़ुछ खास
नजर नहीूं आ रहा था, तो मैंने बाजी िी अपनी तरफ खीूंच लिया और अम्मी और ननदा िी तरफ दे खते ह़ुये
किस िरने िगे।

बाजी ने भी किस में मेरा साथ ददया और कफर मझ ़ु से अिग होते ह़ुये धीरे से मेरे िान में बोिी- “भाई क्या
पागि हो गये हो, अगर अम्मी या ननदा ने दे ख लिया तो क्या होगा? ि़ुछ तो शमट िरो?”

मैं- अरे यार, वो सो रही हैं और हम िौन सा सारे िपड़े उतारिर ि़ुछ िरें गे।

बाजी- भाई, इूंसान बनो ड्राइवर ने दे ख लिया तो वो क्या सोचेगा?

मैं- यार हम उसे ि़ुछ सोचने ही नहीूं दें गे उसे भी मजा िरवा दें गे और तम
़ु भी दो िा मजा िे िोगी एि साथ।

बाजी- नहीूं भाई, ये ठीि नहीूं है । क्योंिी अम्मी और ननदा किसी भी वक्त उठ सिती हैं।

मैं- “यार गाड़ी में अूंधेरा है और ड्राइवर िो ि़ुछ नजर नहीूं आएगा। बािी अम्मी और ननदा भी सो च़ुिी हैं…”

िेकिन बाजी किसी भी तरह नहीूं मान रही थी तो मैंने बाजी िो अपने िरीब से परे धिेि ददया और बाहर
अूंधेरे में दे खने िगा।

ि़ुछ दे र ति मैं ऐसे ही बाहर दे खता रहा तो बाजी ने अपना हाथ मेरे िण्ड पे रखिर हल्िा सा दबा ददया। मैंने
बाजी िी तरफ दे खा जो कि मेरी तरफ ही दे ख रही थी, और हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा भी रही थी। अब मैंने ड्राइवर िी
तरफ दे खा और उसे ड्राइववूंग में मसरूफ दे खिर मैंने बाजी िी टाूंगें पिड़िर सीट पे रख दीूं जजससे बाजी गाड़ी
में पीछे टे ि िगािर िेट सी गई। क्योंिी गाड़ी िाफी ख़ुिी थी और बाजी िी गाण्ड िे नीचे हाथ डाििर बाजी
िी सिवार िो उनिे घट
़ु नों ति खीूंच ददया और उनिी टाूंगें भी थोड़ी खोि दीूं और जल्दी से अपनी सिवार भी
नीचे खखसिा दी।
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कफर अपना िण्ड बाहर ननिाििर एि बार कफर से इधर-उधर दे खा। िेकिन अम्मी और ननदा िो मजे से सोता
दे खिर और ड्राइवर िो गाड़ी में मगन दे खिर, मैंने अपना िण्ड धीरे से अपनी बहन िी फ़ुद्दी पे रख ददया और
बाजी िी आूँखों में दे खते ह़ुये अपना िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ाने िगा।

िण्ड घस
़ु ते ही बाजी ने अपना लसर उठा लिया और अम्मी और ननदा िी तरफ दे खते ह़ुये मझ
़ु े जल्दी िरने िा
इशारा िरने िगी, तो मैंने भी बाजी िी बात मान िी और अपना िण्ड अपनी बहन िी फ़ुद्दी में तेजी से
दहिाना शरू
़ु िर ददया और साथ-साथ ड्राइवर िी तरफ भी दे ख िेता। क्योंिी अगर उसे जरा भी हरित महसस
हो जाती तो लमरर में पीछे दे ख िेता।

इसी डर और टे न्शन िी वजह से मैं दो लमनट में ही फाररघ ् होने पे आ गया और जैसे ही मेरा पानी ननििने
िगा, मैंने अपना िण्ड फरी बाजी िी फ़ुद्दी से ननिाि लिया और फ़ुद्दी िे ऊपर ही अपना सारा पानी चगरा
ददया और पीछे हटिर अपनी सिवार बाूँधिर बैठ गया। बाजी ने अपने बैग में से टीस्स ननिाििर अपनी
फ़ुद्दी पे िगे पानी िो साफ किया और िपड़े ठीि िरिे बैठ गई और गस्
़ु से भरी ननगाहों से मेरी तरफ दे खने
िगी। मैं मश़्ु ि़ुरा ददया और बाजी िा हाथ पिड़िर अपनी तरफ खीूंच लिया जजससे बाजी मेरे साथ िग िे बैठ
गई।

मेरे नजदीि होते ही बाजी ने धीरे से िहा- “क्या लमिा तम्


़ु हें इस तरह िरिे डर िे मारे जान ननिि रही थी
अगर अम्मी या ननदा दे ख िेतीूं। तो पता है क्या होता? यहीूं हमारी मरम्मत हो जानी थी…”

मैं- “अरे छोड़ो ना बाजी जो ह़ुआ नहीूं उससे क्यों डर रही हो? बस मऱु ी पह़ुूँच जाने दो उसिे बाद तो बस मजे ही
मजे हैं हमारे …” और इतना बोिते ह़ुये मैंने अपना बाज बाजी िे िूंधों पे रख ददया जजससे मेरा हाथ बाजी िी
चचचयों ति पह़ुूँच गया, मैं अपना हाथ बाजी िी चचचयों पे घम
़ु ाने िगा।

बाजी ने मेरा हाथ अपनी चचचयों पे महसस किया तो मेरे हाथ िो अपने िूंधे से हटा ददया और मेरा िान
पिड़िर अपने िरीब खीूंचा और बोिी- “भाई अब इूंसान बन जाओ और मस्ती नहीूं चिेगी समझे…”

अब मैंने भी बाजी िा िान पिड़ लिया और बोिा- “यार तम्


़ु हें नजर नहीूं आता, मैं इूंसान ही हूँ। िेकिन तम
़ु
कफर भी बोि रही हो कि इूंसान बनो, तो आखखर मैं तम्
़ु हें नजर क्या आ रहा हूँ?”

बाजी मेरी बात सन


़ु िर हल्िा सा हूँस दी और बोिी- “इस वक़्त तम
़ु मझ
़ु े परे बहनचोद ददखाई दे रहे हो…”

और इससे पहिे कि मैं ि़ुछ बोिता आगे से ड्राइवर िी आवाज सन


़ु ाई दी जो कि पछ रहा था कि यहाूँ ि़ुछ दे र
रुि िे थोड़ा आराम िर िें तो बेहतर है , क्योंिी एि घूंटे ति हम राविवपूंडी पह़ुूँच जायेंगे तो कफर मऱु ी ति
रुिने िे लिए िोई अच्छी जगह नहीूं लमिेगी हमें ।

मैंने बाजी से पछा- क्या ख्याि है रुि जायें या चिते रहें ?

बाजी ने िहा- “भाई हमने िौन सा गाड़ी चिाना है ? िेकिन इस बेचारे िो आराम िर िेने दो तो बेहतर है । ये
ना हो कि रात िा सफर है िहीूं ठोंि ही दे तो?
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मैंने िहा- ठीि है । रोि िो गाड़ी यहाूँ थोड़ी दे र।

ड्राइवर ने गाड़ी डेव रे स्टोरें ट पे िे जािर खड़ी िी तो मझ


़ु े और बाजी िो उतरने िे लिए ननदा िो उठाना पड़ा
क्योंिी हम सबसे पीछे बैठे ह़ुये थे, जजससे अम्मी भी उठ गईं और बोिी- “क्या ह़ुआ सन्नी, गाड़ी क्यों रुि गई
है ?”

मैंने अम्मी िो बताया कि ड्राइवर थि गया है, थोड़ा आराम िरिे चिेंगे। वहाूँ जब हम सब गाड़ी से बाहर
ननिि आए तो ननदा ने िहा- “भाई हम िहाूँ पह़ुूँच गये हैं?”

मैंने उसे ििर-िहर िा बता ददया जहाूँ से इस्िामाबाद एि घूंटे िी ड्राइव पे ही था। वहाूँ हमने एि घूंटे ति
रे स्ट किया और कफर से गाड़ी में जा बैठे। जजसिे बाद सब जागते ही रहे , क्योंिी सब
़ु ह हो रही थी। जजसिे बाद
हम मऱु ी अपने रें ट िे मिान में जा पह़ुूँचे जो कि दो िमरों िा था और एि ही बाथरूम, जो कि अटै च था दोनों
रूम िे लिए और एि किचेन िे साथ एि छोटा सा टीवी िाउूं ज। जहाूँ हमने गाड़ी वािे िो फाररघ ् किया और
अपना-अपना समान सेट िरने िगे, तो फरी मेरे साथ और ननदा अम्मी िे साथ रूम में सेट हो गई।

उसिे बाद हम सब नहािर फ्रेश ह़ुये और साथ िाया ह़ुआ नाश्ता किया लमििर और उसिे बाद सब िोग घमने
िे लिए तैयार होने िगे, तो मैंने मना िर ददया कि आप जाओ मैं यहीूं हूँ।

अम्मी ने िहा- क्यों तम


़ु क्यों नहीूं चि रहे ?

मैंने लसर ददट िा बहाना बना ददया, तो सब िोग मझ


़ु े वहीूं छोड़िर घमने ननिि गये। सबिे जाने िे बाद मैं भी
घर से ननिि गया और घमने िगा और साथ ही सोचने िगा कि आखखर ऐसा क्या किया जाए कि जजससे यहाूँ
हम परी तरह मस्ती िर सिें? िेकिन ि़ुछ भी समझ में नहीूं आया तो, वावपस मिान िी तरफ चि ददया। जब
मैं मिान िे पास पह़ुूँचा तो अचानि मेरे ददमाग में आइडडया आया कि क्यों ना मिान िे साथ बने जूंगि िा
जायजा लिया जाए, और ये सोच आते ही मैं जूंगि में घस
़ु गया जो कि िाफी घना था, झाडड़यों िी वजह से।
मैं जूंगि में थोड़ा आगे गया तो वहाूँ एि पहाड़ी नािा था, जजसमें एि छोटा सा तािाब सा बना ह़ुआ था और
इधर-उधर िाफी दरख़्त और झाडड़याूं भी थीूं, जजससे िहीूं ऊपर से वो जगह भी किसी िो नजर नहीूं आ सिती
थी।

ये जगह मझ
़ु े िाफी पसूंद आई तो मैंने अपने िपड़े उतार ददए और पानी में घस
़ु गया नहाने िे लिए, और
नहाते ह़ुये अचानि मेरे ददमाग में आया कि बाजी िे साथ मस्ती िे लिए ये एि आइडडयि जगह हो सिती है ।
उस जगह क्योंिी थोड़ी जगह तािाब िे साथ साफ थी, जहाूँ हम बैठ या िेट भी सिते थे। िेकिन क्योंिी दायें
बायें िाफी घने दरख़्त और झाडड़याूं थीूं, तो वहाूँ ददन में सरज िी रोशनी भी ज्यादा दे र नहीूं रहती थी, और
ि़ुछ पानी जजसिी वजह से वो जगह िाफी ठूं डी भी थी।

मैंने नहािर अपने िपड़े पहन लिए और मिान िी तरफ चि ददया जब (घर ही लिखूंगा मैं यहाूँ मऱु ी वािे
मिान िो) मैं घर पह़ुूँचा तो अम्मी बाजी और ननदा भी वावपस आ चि
़ु े थे।

अम्मी- तम
़ु ने तो िहा था लसर में ददट है आराम िरना है , िेकिन अब तम
़ु बाहर से आ रहे हो?
66
मैं- अम्मी अब मैं आप िोगों िे साथ घमता ह़ुआ अच्छा िगग
ूं ा क्या? आप िोग अपनी एूंजोयमें ट िरो मैं
अपनी।

ननदा- अच्छा जी तो अब आपिो हमारे साथ घमते ह़ुये भी शमट आने िगी है?

मैं- नहीूं पागि ये बात नहीूं है । अब तम


़ु िोग अपनी बातें िरोगे घमते कफरते तो वहाूँ भिा मेरा क्या िाम?

बाजी- अच्छा बाबा अगर नहीूं घमना चाहते हमारे साथ तो मत घमो, हम िौन सा तम्
़ु हारी लमन्नतें िर रहे हैं।

अम्मी- वैसे तम
़ु गये िहाूँ थे अभी?

मैं- अम्मी, बस यहाूँ जूंगि में ही गया था। साथ ही एि बह़ुत प्यारी सी जगह है , वहाूँ नहािर वावपस आ गया।

बाजी- भाई जूंगि में जानवर भी तो होंगे ना? दोबारा वहाूँ जाने िी जरूरत नहीूं है समझे।

मैं- अरे बाबा यहाूँ जानवर नहीूं हैं। अगर ऐसा होता तो यहाूँ आता ही िौन?

अम्मी- िैसा जूंगि है यहाूँ िा?

मैं- अम्मी िैसा िा क्या मतिब? जैसा जूंगि होता है वैसा ही है ।

अम्मी- मैं पछ रही हूँ कि जहाूँ तम


़ु गये थे वो िैसी जगह है ?

मैं- अम्मी वहाूँ एि पहाड़ी नािा है िेकिन जजस जगह मैं गया था वहाूँ थोड़ी जगह प्िेन है तो वहाूँ एि छोटा
सा तािाब बन गया है थोड़ी दे र नहाने से ही सदी िगने िगी थी वहाूँ।

बाजी- अम्मी हम भी चिें वहाूँ?

अम्मी- रहने दो, िोई जरूरत नहीूं है वहाूँ जाने िी।

इसिे बाद हम सबने बाहर से िाया ह़ुआ खाना ही खाया और आराम िरने अपने रूम में चिे गये। रूम में आते
ही बाजी ने िहा- “भाई, मझ
़ु े भी जाना है वहाूँ नहाने िे लिए…”

मैंने बाजी िा हाथ पिड़िर अपनी तरफ खीूंच लिया और किस िरते ह़ुये बोिा- “अरे जाना वहाूँ लसफट तम
़ु
नहाओगी ही नहीूं चद़ु वाओगी भी… क्या समझी?”

बाजी मझ
़ु े पीछे धिेिते ह़ुये बोिी- “क्यों, मैं भिा क्यों िरूूं वहाूँ ि़ुछ भी नहाने िे इिावा?”

मैंने बाजी िो अपने साथ कफर से जिड़ लिया और बोिा- तो मेरी जान यहाूँ आई ही क्यों हो?
67
बाजी ने िहा- मैं तो यहाूँ एूंजाय िरने आई हूँ बस, और ि़ुछ नहीूं समझे?

बाजी िी बात खतम होते ही मैंने िहा- “तो जान-ए-मान मैं भी तो मजे िरने िे लिए ही बोि रहा हूँ तम्
़ु हें …”

बाजी हूँस दी और बोिी- िेकिन पहिे मैं वो जगह दे खूंगी बािी सब बाद में…”

मैंने हाूँ में लसर दहिाया।

बाजी ने िहा- तो कफर चिो चिते हैं।

मैंने बाजी िो ख़ुद से अिग िरिे बोिा- “बाजी क्या आपिा ददमाग खराब हो गया है अभी िैसे जा सिते हैं?

बाजी ने िहा- “क्यों अभी क्यों नहीूं जा सिते? अभी दोपहर िा टाइम है रात नहीूं है , जो वहाूँ नहीूं जा सिते…”

मैंने हाूँ में लसर दहिा ददया और बाजी िे साथ जैसे ही रूम से बाहर ननििा तो ननदा हमें सामने ही बैठी नजर
आ गई।

हम दोनों जैसे ही बाहर ननििे तो ननदा ने िहा- “भाई तािाब पे िे चिो ना प्िीज़्ज… मझ
़ु े भी दे खना है…”

बाजी ने िहा- ठीि है आ जाओ।

बाजी िी बात सन
़ु िर मेरी झाूंटें भी सि
़ु ग गईं, क्योंिी मैं वहाूँ बाजी िे साथ मस्ती िी सोच रहा था। िेकिन
अब तो ननदा भी साथ चि रही थी तो वहाूँ मस्ती क्या खाि होती? और ये सोचिरर बे-ददिी िे साथ चि
ददया।

जैसे ही हम िोग तािाब पे पह़ुूँचे तो वहाूँ िा साफ और ठूं डा पानी दे खिर बाजी ने िहा- “वाव… भाई कितनी
अच्छी जगह है और ये पानी दे खो कितना ठूं डा और साफ है , ददि िरता है कि अभी नहा िूं यहाूँ…”

ननदा भी बाजी िी बात सन


़ु िर बोिी- “हाूँ बाजी, सच में कितना मजे िा पानी है नहाने िे लिये ददि िर रहा
है मेरा…”

ननदा िी बात सन
़ु िर बाजी हूँस दी और बोिी- तो कफर क्या ख्याि है, नहा िें ?

ननदा- “िेकिन बाजी यहाूँ तो भाई भी है और ऊपर से और िपड़े भी नहीूं हैं, जो हम इनिे गीिा होने िे बाद
पहन िें…”

बाजी ने िहा- “तो क्या ह़ुआ भाई ही है ना, िोई गैर तो नहीूं है । बािी हम अपने िपड़े उतारिर दप
़ु ट्टा अपने
जजश्म पे िपेट िेते हैं, इस तरह िपड़े गीिे नहीूं होंगे…”

68
ननदा बाजी िी बात सन
़ु िर धीरे से बाजी से ि़ुछ बोिी।

बाजी ने मेरी तरफ दे खिर िहा- भाई अगर हम नहा िें तो तम


़ु अम्मी िो तो नहीूं बताओगे ना?

मैंने िहा- यार, अगर तम


़ु िोग नहाओगे तो में भी नहा िग
ूं ा कफर मैं अम्मी िो िैसे बता सिता हूँ?

बाजी मेरी बात सन


़ु िर हूँस दी और ननदा िो अपने साथ िेिर दरख्तों िी ओट में चिी गई, तो मेरा िण्ड पैंट
में ही टाइट होने िगा। ननदा िो बबना िपड़ों िे लसफट गीिे दप
़ु ट्टे में ही सोचिर।

थोड़ी दे र िे बाद बाजी और ननदा अपने िपड़े हाथों में पिड़े और जजश्म पे अपने दप
़ु ट्टे िपेटे जो कि उनिे
घट
़ु नों ति ही आ रहे थे चचचयों से िेिर, पेड़ों िे पीछे से ननििीूं और मेरी तरफ आने िगीूं तो मैं ननदा िी
जवानी िो ननहारने िगा। और इस बात िो ननदा ने भी महसस िर लिया और अपने सीने िे सामने अपने
उतारे ह़ुये िपड़े िर लिए, तो बाजी भी समझ गई कि मैं ननदा िो घर रहा हूँ।

बाजी ने िहा- यार सन्नी, तम


़ु नहीूं नहाओगे क्या हमारे साथ?

बाजी िी बात सन
़ु िर मैं भी थोड़ा सूंभाि गया और बोिा- हाूँ हाूँ बाजी, क्यों नहीूं? मैं भी नहाऊूँगा।

बाजी ने िहा- क्या ऐसे ही नहाओगे?

मैंने िहा- “नहीूं बाजी मैंने अूंडरवेर पहना ह़ुआ है…” और इतना बोिते ही पेड़ों िे थोड़ा पीछे हो गया और अपनी
पैंट और शटट उतार दी। िेकिन अब पूंगा ये था कि मेरा िण्ड जो कि परा हाडट हो रहा था, वो साफ महसस हो
रहा था, तो मैंने थोड़ा सा लसर पेड़ों िे पीछे से ननिािा और बाजी िी तरफ दे खा।

बाजी मेरी तरफ ही दे ख रही थीूं। िेकिन ननदा तािाब िे किनारे बैठी पानी में हाथ मार रही थी।

मैंने बाजी िो अपने िण्ड िी तरफ इशारा िरिे बोिा- अब इसिा क्या िरूूं, ये तो खड़ा है?

बाजी ने मझ
़ु े रुिने िा इशारा किया और ख़ुद ननदा िो िेिर पानी में उतर गई और ननदा िा मूँह
़ु दसरी तरफ
ही रखते ह़ुये मझ
़ु े इशारा िर ददया तो मैं तेजी से तािाब में जा घस
़ु ा। पानी में घस
़ु ते ही मेरा िण्ड पहिे तो
थोड़ा नरम ह़ुआ, िेकिन जब ननदा जो कि पानी में ड़ुबकियाूं िगा रही थी और नहा रही थी पानी से लसर ननिाि
िर खड़ी ह़ुई तो उसिा दप़ु ट्टा जो िाफी पतिा था और गीिा होने से उसिा जजश्म साफ ददखने िगा था और
उसिी ब्िैि ब्रा आआह्ह… क्या बताऊूँ कितना प्यारा मूंजर था उस वक़्त।

तभी बाजी ने मझ
़ु े आवाज दी और िहा- “भाई कितना मजे िा पानी है ना…”

मैंने बाजी िी बात सन


़ु िर ननदा से नजर हटाई और बोिा- “हाूँ बाजी, मजे िा तो है ये िेकिन क्या िर सिते
हैं?” और एि ठूं डी ‘आअह्ह’ भरी।

बाजी जरा गस्


़ु से से बोिी- “भाई मैंने क्या पछा है तम
़ु से और तम
़ु क्या जवाब दे रहे हो मझ
़ु ?

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तो मैंने बात िो सूंभािा- “अरे बाजी, मैं इस जगह िी बात िर रहा हूँ िा कितनी अच्छी और मजे िी है
िेकिन अपनी नहीूं है ना तो हम लसफट दे खिर ठूं डी ‘आआह्ह’ ही भर सिते हैं। िेकिन आप क्या समझी थी?”

बाजी ने लसफट मझ
़ु े घरा और ि़ुछ बोिी नहीूं।

ननदा ने िहा- “बाजी आप किन बातों में िग गई। नहा िो बातें तो होती ही रहनी है …”

तो मैं भी हाूँ ना बाजी िहते ह़ुये पानी में बैठ गया और नहाने िगा कि तभी मैंने बाजी िी नजर बचािर जब
ननदा पानी में बैठी तो मैं पानी में अपनी टाूंगें ननदा िी तरफ बढ़ािर िेट गया और अपना एि पाूंव ननदा िी
गाण्ड पे िगा ददया। मेरा पाूंव जैसे ही ननदा िी गाण्ड पे िगा, ननदा एिदम से उठी। क्योंिी वहाूँ तािाब में
पानी लसफट घट
़ु नों से थोड़ा ही ऊपर था, तो िोई खास मसिा तो था नहीूं। ननदा ने मेरा पाूंव िगते ही उठिर
एि बार मेरी तरफ दे खा िेकिन मैं वैसे ही िेटा रहा और ननदा िी तरफ दे खिर हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा भी ददया।

ननदा ने अपना चेहरा घम


़ु ा लिया और उसी वक़्त बाजी ने भी अपना लसर पानी से ननिाि लिया और बोिी-
“सन्नी िाश मझ
़ु े पता होता कि इतनी अच्छी जगह है तो शैम्प भी िे आती…”

ननदा ने बाजी िी बात िे जवाब में िहा- “हाूँ बाजी, यहाूँ कितना सिन है । िोई आता जाता भी नहीूं है । यहाूँ
जजस तरह मजी एूंजाय िरें , िोई मसिा ही नहीूं है । अगिी बार हम शैम्प तौलिया सब ि़ुछ िेिर आयेंगे…”

बाजी ने भी िहा- “हाूँ यार…” और साथ ही पानी में कफर से लसर घस


़ु ा ददया।

अचानि ननदा भी पानी में बैठ गई, क्योंिी मैं वैसे ही िेटा ह़ुआ था पत्थर पे हाथ दटिािर। ननदा िे पानी में
बैठते ही उसिी गाण्ड मेरे पाूंव िे ऊपर आई और इस बार ननदा उठी नहीूं और बड़े आराम से बैठिर पानी में
ड़ुबिी िगाई और कफर अपनी गाण्ड िो मेरे पाूंव पे दबाती ह़ुई उठ गई।

ननदा िी इस हरित ने जहाूँ मझ


़ु े चकित किया, वहीूं ख़ुशी भी ह़ुई।

तभी ननदा ने बाजी से िहा- बाजी क्यों ना अब बस किया जाए? ठूं ड िग रही है।

बाजी ने िहा- “हाूँ ननदा, अब बस िरते हैं…” और कफर दोनों पानी से बाहर ननिि गईं और अपने िपड़े उठािर
पेड़ों िे पीछे चिी गईं।

मैं भी बाहर ननििा और अपने िपड़े पहन लिए और अूंडरवेर उतारिर सखने िे लिए एि पत्थर पे रख ददया।

तभी ननदा पेड़ों िे पीछे से ननििी और मेरे अूंडरवेर िे साथ ही अपनी ब्रा भी सखने िे लिए रख दी और
दप
़ु ट्टा भी झाडड़यों पे फैिा ददया। जब ननदा सीधी खड़ी होिर मेरी तरफ मड़
़ु ी तो मेरी तो आूँखें ही फटी िी
फटी रह गईं, क्योंिी ननदा िी िमीज उसिी चचचयों वािी जगह से गीिी हो रही थी और उसिी िोमि चचचयाूं
मझ
़ु े साफ नूंगी महसस हो रही थीूं।

70
अभी मैं इस शहर में ही गम
़ु था कि तभी ननदा ने िहा- “क्या ह़ुआ भाई, िहाूँ गम
़ु हो?”

मैं चौंिा और ननदा िी तरफ दे खा जो कि हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा रही थी। मैंने िहा- “ि़ुछ नहीूं…”

ननदा मेरी बात सन


़ु िर साइड में चिी गई, क्योंिी अब बाजी भी इधर ही आ रही थी। बाजी हमारे पास आई
और अपना दप ़ु ट्टा और ब्रा िो सखने िे लिए डाि ददया और उसिे बाद मेरी तरफ घरते ह़ुये दे खिर बोिी-
“क्या बातें चि रही हैं तम
़ु िोगों में?”

मैं हूँस ददया और बोिा- क्या बातें चिनी हैं बाजी? बस ऐसे ही जगह िे बारे में बात िर रहे थे कि कितनी
पऱु सिन जगह है ना?

ननदा- हाूँ बाजी, सच िोई शोर शराबा नहीूं, सबसे अिग थिग जगह है । कितनी खबसरत है सच्ची बह़ुत मजे
िी जगह है ।

बाजी- हाूँ ननदा ये तो है ।

उसिे बाद हम वहीूं िरीब एि पत्थर पे जािर बैठ गये और ि़ुछ दे र गप्प शप िरने िे बाद जब हमारे िपड़े
सख गये तो हम वहाूँ से घर िो चि ददए, जहाूँ अम्मी हमारा इूंतज
े ार िर रही थीूं और हमें दे खते ही अम्मी
गस्
़ु से में बोिी- “िहाूँ गये थे तम
़ु िोग बबना बताए ही?”

बाजी जल्दी से बोिी- “वो अम्मी नीूंद नहीूं आ रही थी तो हम िोग घमते ह़ुये तािाब िी तरफ चिे गये थे…”

बाजी िी बात ने जिती पे तेि वािा िाम किया और अम्मी भड़ि उठी और बोिी- “क्यों गये थे तम
़ु िोग वहाूँ
जब मैंने माना किया था तम
़ु िोगों िो तो क्या तििीफ थी वहाूँ जाने िी तम्
़ु हें ?”

अब मैं आगे ह़ुआ और बोिा- “अम्मी क्या ह़ुआ, आप इतना गस् ़ु सा क्यों हो रही हो? हम िोग यहाूँ घमने ही तो
आए हैं, अगर यहाूँ आिर भी घर में ही बैठना है तो कफर यहाूँ आने िा क्या फायदा?”

मेरी बात सन
़ु िर अम्मी खामोश हो गईं। िेकिन उनिा गस्
़ु सा अभी भी िम नहीूं ह़ुआ था इसलिए अबिी बार
अम्मी ने िोई और बात नहीूं िी और अपने रूम में जािर दरवाजा बूंद िर लिया।

बाजी ने िहा- भाई, जब अम्मी ने मना किया था तो हमें नहीूं जाना चादहए था वहाूँ।

बाजी िी बात िा जवाब मैं दे ने ही िगा था कि तभी ननदा ने िहा- “बाजी भाई ने ठीि ही तो िहा है कि जब
हम यहाूँ एूंजाय िरने आए हैं तो कफर घमने से माना क्यों किया जा रहा है?”

बाजी ि़ुछ नहीूं बोिी तो ननदा ने बाजी िा हाथ पिड़िर एि साइड पे किया और उसिे िान में ि़ुछ िहा, तो
बाजी ने हाूँ में लसर दहिा ददया और मेरे पास आिर बोिी- “भाई तम
़ु यहाूँ ही बैठिर टीवी दे खो, मैं ननदा िे
साथ रूम में हूँ हमने ि़ुछ बात िरनी है…”

71
बाजी िी बात सन ़ु िर मझ ़ु े गस्
़ु सा तो आया िेकिन मैं ननदा िी तरफ घरते ह़ुये बोिा- “अच्छी बात है । िेकिन मैं
ज्यादा दे र यहाूँ नहीूं बैठबगा, जो बात िरनी है जल्दी िर िेना…” और टीवी िा ररमोट िेजािर बैठ गया।

मैं िोई एि घूंटे ति टीवी िे चैनेि चें ज िरता और बार-बार रूम िी तरफ भी दे खता रहा। िेकिन जब एि घूंटे
गज
़ु र गया और ना तो ननदा और फरी बाजी में से िोई रूम में से बाहर आया और ना ही अम्मी िे रूम िा
दरवाजा ख़ुिा तो मैं तूंग आ गया और टीवी आफ िरिे अभी उठा ही था रूम में जाने िे लिए।

तभी मेरे रूम िा दरवाजा ख़ुिा और ननदा बाहर आ गई और मेरी तरफ दे खिर एि अजीब सी मश़्ु िान िे साथ
बोिी- “भाई आपिो बाजी बि
़ु ा रही हैं…” और ख़ुद टीवी िा ररमोट िेिर टीवी िे सामने बैठ गई।

मैं रूम िी तरफ चि ददया कि अब क्या पूंगा हो गया? रूम में आया तो दे खा कि बाजी बेड पे बैठी ह़ुई थी।
िेकिन उनिे चेहरे से मझ
़ु े परे शानी साफ नजर आ गई कि बाजी ि़ुछ परे शान हैं।

मैं भी दरवाजा बूंद िरिे बाजी िे पास जा बैठा और बोिा- बाजी क्या बात है , आप ि़ुछ परे शान िग रही हैं?

बाजी ने अपनी आूँखें मेरी आूँखों में डाि दीूं और ि़ुछ दे र ति मझ


़ु े दे खती रही, और कफर जो बोिी तो मेरी
गाण्ड फाड़ िे रख दी। बाजी ने िहा- “भाई ननदा िो सब पता चि गया है कि हमारे बीच क्या चि रहा है ?”

मैं ि़ुछ दे र है रानी और बेयिीनी से बाजी िी तरफ दे खता रहा और कफर फूँसी ह़ुई आवाज में बोिा-“िऽिेकिन
उसे किस तरह पता चिा? किसने बताया है उसे क्या आपने?”

बाजी- “नहीूं सन्नी ऐसी बात नहीूं है कि मैंने उसे ि़ुछ बताया हो। िेकिन जब हम तािाब पे जाने से पहिे बातें
िर रहे थे तब ननदा बाथरूम में थी और क्योंिी हमारी तरफ वािा दरवाजा ि़ुछ खि
़ु ा ह़ुआ था, जजसपे हमने
ध्यान नहीूं ददया तो उसने वहाूँ खड़े-खड़े हमारी सारी बातें सन
़ु िी थी…”

बाजी िी बात ने मेरा पशीना छ़ुड़वा ददया था। जजसे मैं साफ िरते ह़ुये बोिा- अब क्या होगा बाजी? क्या उसने
अम्मी िो बता ददया है जो अम्मी इतना गस् ़ु से में थीूं इस वक़्त?

बाजी- नहीूं भाई, उसने अभी ति तो किसी िो भी ि़ुछ नहीूं बताया है ।

मैं- कफर वो क्या चाहती है? आखखर ि़ुछ तो डडमाूंड िी ही होगी ना उसने आपसे?

बाजी- हाूँ भाई, वो चाहती है कि हम जो भी िरना चाहें िर सिते हैं उसे िोई ऐतराज नहीूं होगा। िेकिन जब
भी मैं और तम
़ु दोनों किया िरें गे तो उसे बतािर किया िरें , क्योंिी वो ये सब दे खना चाहती है । और ये ही
उसिी शतट है कि जजससे वो िभी किसी िो ि़ुछ नहीूं बताएगी…”

मैं- बाजी िहीूं ननदा भी तो हमारे साथ लमििर सेक्स तो नहीूं िरना चाहती?

बाजी- मैंने भी उससे ये बात पछी थी िेकिन उसिा िहना है कि ऐसा ि़ुछ सोचना भी गित है, क्योंिी वो ऐसा
िभी नहीूं िरे गी। िेकिन हमें तूंग भी नहीूं िरे गी और जहाूँ ति हो सिा हमारा साथ भी दे गी।
72
मैं- ठीि है बाजी। अगर वो बस दे खने ति ही रहना चाहती है तो कफर िोई मसिा ही नहीूं है ।

बाजी- अगर ननदा भी हमारे साथ लमिना चाहती तो कफर क्या िोई मसिा हो जाना था क्या?

मैं- अरे नहीूं बाजी, सच्ची बात तो ये है कि इस तरह ज्यादा मजा आता। िेकिन हम िर भी क्या सिते हैं?

बाजी- ठीि है भाई। िेकिन ननदा ने िहा है कि तम्


़ु हें ये भी समझा दूँ कि तम
़ु उसिे साथ िोई भी बदतमीजी
नहीूं िरोगे।

मैं- “यार बाजी, मैं भिा ऐसा क्यों िरने िगा? आप परे शान नहीूं हो, जो होना था हो गया। अब आइन्दा से
अहनतयात किया िरना, िहीूं अम्मी िो पता चि गया होता ननदा िी जगह तो अब ति हमारी गाण्ड फट च़ुिी
होती…”

बाजी- हाूँ भाई ये बात भी है , अब हमें एहनतयात और ज्यादा िरना पड़ेगी।

उसिे बाद बािी िा ददन हमने घम कफर िे गज


़ु ारा। िेकिन उस दौरान ना तो मैंने ननदा से बात िी और ना ही
ननदा ने मेरे साथ िोई बात िी। िेकिन जब भी मेरी नजर ननदा पे पड़ती, ननदा मझ
़ु े अपनी तरफ अजीब से
अूंदाज में दे खिर मश़्ु ि़ुराती ही लमिी।

आत ति अम्मी िा मड भी िाफी हद ति ठीि हो गया था, और रात िा खाना खाते ह़ुये अम्मी ने हमें
समझाया भी था कि बेटा मझ
़ु े पता है कि हम िोग यहाूँ घम
़ु ाने आए हैं िेकिन घमने िे लिए क्या जूंगि अच्छी
जगह है ? माना कि वहाूँ िोई जानवर नहीूं हैं, िेकिन कफर भी आप िोगों िो एहनतयात िरनी चादहए। वहाूँ िोई
और हादसा भी तो हो सिता है ?

हमने अम्मी िी बात सन


़ु िर अम्मी िो यिीन ददिाया कि अब हम बबना आपिो बताए िहीूं नहीूं जाया िरें गे।

अम्मी हूँस दी और बोिी- “मझ


़ु े पता है बेटा कि आप िोग जवान हो और किसी िो खानतर में नहीूं िाओगे।
िेकिन कफर भी एहनतयात अच्छी होती है, और अब इन बातों िो छोड़ो और ये बताओ कि िि िा क्या प्रोग्राम
है ? िहाूँ जाना है?”

ननदा झट से बोि पड़ी- अम्मी िि चेयर लिफ्ट िी सैर िो चिेंगे।

ननदा िी बात सन
़ु िर अम्मी ने िहा- “ठीि है , तो िि हम िोग चेयर लिफ्ट िी सैर िो चि रहे हैं…”

अम्मी िी बात खतम होते ही मैंने िहा- “ठीि है, आप िोग चेयर लिफ्ट िी सैर िर आओ, मैं यहीूं रहूं गा…”

अम्मी ने है रानी से मेरी तरफ दे खा और बोिी- िेकिन क्यों बेटा, तम


़ु क्यों नहीूं जा रहे हमारे साथ?

मैंने िहा- बस अम्मी मझ


़ु े अच्छा नहीूं िगता आप िोगों िे साथ।
73
ननदा- छोड़ो ना अम्मी, भाई िो भी यहाूँ िोई गिटफ्रेंड बनानी होगी, और अगर ये हमारे साथ घमेगा तो गिटफ्रेंड
िैसे लमिेगी?

अम्मी- ननदा बदतमीजी नहीूं, तम्


़ु हारा बड़ा भाई है । तम्
़ु हें शमट आनी चादहए अपने भाई िो ऐसा बोिते ह़ुये।

मैं- अरे नहीूं अम्मी, िोई बात नहीूं। ये ही तो ददन हैं इसिे मस्ती मजाि िे। अगर अब हम इस पे पाबूंदी
िगाए रखें गे तो शादी िे बाद तो वैसे ही इसिी बोिती बूंद रहनी है ।

बाजी- “भाई अब तम
़ु शरू
़ु हो गये, अगर तम
़ु ने हमारे साथ नहीूं जाना तो मत जाओ िेकिन अब ये िड़ाई बूंद
िरो प्िीज़्ज…”

खाना खत्म िरिे सब िोग िमरों िी तरफ खखसि लिए और सोने िी तैयारी िरने िगे, तो ननदा भी हमारे
रूम में ही आ गई और बाजी िो इशारा िरते ह़ुये मश़्ु ि़ुराने िगी। बाजी ने इनिार में लसर दहिा ददया तो ननदा
िा मूँह
़ु बन गया और वो मूँह
़ु बबसरते ह़ुये बाथरूम िे रास्ते अपने रूम में चिी गई।

ननदा िे जाते ही मैंने बाजी िी तरफ दे खिर िहा- “ये क्या इशारे िर रही थी आपिो?”

बाजी ने िहा- भाई आप पहिे बाथरूम िा दरवाजा िाि िर िो, िहीूं अम्मी हमारी बातें ना सन
़ु िें?

मैंने झट से बाथरूम िा दरवाजा बूंद िर ददया और बाजी िे पास आिर बेड पे बैठ गया और बोिा- “हाूँ बाजी,
अब बताओ क्या इशारे चि रहे थे?”

बाजी हूँसते ह़ुये बोिी- “ननदा पछ रही थी आज ि़ुछ िरना है हमने या नहीूं? तो मैंने मना िर ददया…”

मैं- िेकिन बाजी आज क्यों नहीूं िरना?

बाजी- सन्नी इूंसान बनो, अगर पिड़े गये ना तो िसम से बह़ुत बऱु ा होगा। और वैसे भी यहाूँ िी दीवारें ही
इतनी पतिी हैं कि ख़ुदा िी पनाह। हल्िी से हल्िी आवाज भी दसरे रूम में सऩु ी जा सिती है ।

मैं- चिो ठीि है ि़ुछ नहीूं िरते। िेकिन सब


़ु ह आप ननदा िो बोि दे ना कि जब वो और अम्मी वावपस आने
िगें तो हमें िाि िरिे बता दें ।

बाजी- क्या मतिब िहाूँ से वावपस आते वक़्त?

मैं- यार बाजी, िि ननदा ने जो चेयर लिफ्ट िा प्रोग्राम बनाया है मैंने तो मना िर ददया है । आप भी सब
़ु ह िोई
बहाना बना दे ना, उसिे बाद ि़ुछ मस्ती ही हो जाएगी। क्या ख्याि है ?

बाजी- नहीूं भाई मझ


़ु े डर िग रहा है ।

74
मैं- ि़ुछ नहीूं होगा बाजी और एि बार िा ही डर है । कफर सारी टे न्शन खतम और वैसे भी अब तो ननदा भी
हमारा साथ दे गी तो डर क्यों रही हो आप?

बाजी- ठीि है मैं ननदा से बात िरूूंगी। अगर वो मान गई तो ठीि है । वैसे िि िरना क्या है ? ि़ुछ खास है
क्या?

मैं- बाजी ननदा मना नहीूं िरे गी और िि हम थ्री-सम िरें गे।

बाजी- किसिे साथ?

मैं- अरे दे ख िेंगे ि़ुछ ना ि़ुछ हो ही जाएगा। ये मेरा िाम है आप टे न्शन नहीूं िो।

बाजी- हाूँ… तम
़ु तो हर बात पे बोि दे ते हो ना कि टे न्शन नहीूं िो, जैसे हर चीज तम्
़ु हारी मजी िे मत
़ु ाबबि ही
तो होती है ।

मैं- अच्छा बाबा, मैं परा ख्याि रखूंगा, आप िोई परे शानी नहीूं िो, और अब सो जाओ क्योंिी िि आपिो
िाफी मजे भी तो िरने हैं।

मेरी बात सन
़ु िर बाजी ने मझ
़ु े एि मक्
़ु िा मारा पेट में और बोिी- “हाूँ हाूँ जैसे तम
़ु तो बस मेरे मजे िे लिए ही
िर रहे हो ना ये सब?”

बाजी िी बात सन
़ु िर मैं हूँस ददया और बाजी िो अपनी तरफ खीूंचिर एि किस िी और बोिा- “नहीूं बाजी,
मजा तो हम दोनों ही िरें गे और कफर हम एि दसरे से लिपट िे सो गये…”

अगिी सब
़ु ह मैं उठा और नहाने िे लिए बाथरूम िा दरवाजा खोिा तो मझ
़ु े सामने ही ननदा नजर आई जो कि
हमारे रूम िा दरवाजा खोिने िे लिए अपना हाथ बढ़ा ही रही थी। िेकिन क्योंिी मैंने दरवाजा खोि ददया था
तो ननदा मझ
़ु े दे खिर मश़्ु ि़ुराते ह़ुये बोिी- “थैंक्स भैया, आप कितना ख्याि रखते हो हमारा?”

मैंने ननदा िी बात िा जवाब ददए बबना बोिा- अगर तम


़ु ने अभी नहाना नहीूं है तो बाहर ननििो, मझ
़ु े नहाना
है ।

ननदा मश़्ु ि़ुराती ह़ुई बाथरूम से हमारे रूम में आ गई और बाजी िे पास जािर बैठ गई। मैं नहाने िे लिए
बाथरूम में घस ़ु गया और जब नहािर बाहर ननििा तो फरी बाजी और ननदा दोनों ही बेड से नीचे बैठी बातें िर
रही थीूं। िेकिन मेरे रूम में आते ही दोनों खामोश हो गईं और अब मेरी तरफ दे खने िगीूं। िेकिन ननदा िी
स्माइि ि़ुछ शरारती सी थी।

मैंने बाजी िी तरफ दे खते ह़ुये िहा- “चिो यार, अब तम


़ु िोग भी नहा िो 8:00 बज रहे हैं। अभी ति नाश्ता
भी नहीूं किया है हम िोगों ने…”

बाजी ने िहा- “भाई आप जाओ नाश्ता िे आओ, तब ति हम िोग भी तैयार हो जायेंग…


े ”
75
मैंने िपड़े चें ज किए और बाजार से नाश्ते िाने चि ददया। मझ
़ु े िाफी दर से नाश्ता िाना पड़ा, जजसमें मझ
़ु े
9:00 बजे से ऊपर िा टाइम हो गया था। जब मैं घर वावपस आया तो सब िोग नहा धो िे फ्रेश हो चि
़ु े थे।
जजसिे बाद सबने लमििर खाना खाया।

नाश्ता खतम िरते ही ननदा ने िहा- “अम्मी क्या ख्याि है अब ननििें?”

अम्मी ने हाूँ में लसर दहिा ददया। अम्मी जैसे ही तैयार होने िे लिए उठी तो बाजी ने अम्मी से िहा- “आप दोनों
चिी जाओ, मैं नहीूं जा रही चेयर लिफ्ट पे आपिे साथ…”

अम्मी ने है रानी से फरी िी तरफ दे खा और बोिी- क्यों अब तम्


़ु हें क्या मसिा है?

बाजी ने रोनी सी सरत बनािर अम्मी से िहा- “रात से मेरा पेट खराब है इसीलिए मना िर रही हूँ। क्योंिी
अगर बाहर जाने िे बाद कफर से ददट उठा तो मझ
़ु े वहाूँ िोई जगह भी नहीूं लमिेगी। आप ननदा िे साथ चिी
जाओ मैं कफर किसी ददन घम आऊूँगी…”

अम्मी ने ओिे िहा और अपने रूम में चिी गई। ननदा थोड़ी ही दे र में तैयार होिर बाहर आ गई तो उसे दे खते
ही मैंने ददि में िहा- “सािी क्या किसी यार िो ददखाने जा रही है अपने आपिो या अम्मी िे साथ घमने िे
लिए जा रही है िामीनी…”

ननदा िे बाद अम्मी भी तैयार होिर बाहर आ गई तो फरी उठिर बाथरूम िी तरफ चि दी।

अम्मी ने िहा- सन्नी आज अगर तम


़ु यहाूँ ही रहो अपनी बहन िे साथ तो अच्छा है जरा उसिा ख्याि रखना।

मैंने अम्मी िी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराते ह़ुये िहा- अम्मी आप िोई टे न्शन नहीूं िो। अगर जरूरत ह़ुई तो मैं बाजी
िो डाक्टर िे पास भी िे जाऊूँगा।

अम्मी ने हाूँ में ही लसर दहिाया और ननदा िो िेिर घर से ननिि गई।

अम्मी और ननदा िे जाते ही मैं भी रूम में गया और बाजी िो जो कि बाथरूम में थी बोिा- “यार अम्मी ननिि
गई हैं, अब तम
़ु भी तैयार होिर ननिि आओ…”

बाजी ने दरवाजा खोिा और बोिी- “यार भाई मैं बस अभी 5 लमनट में आ रही हूँ तैयार होिर, तम
़ु भी तब ति
तैयार हो जाओ…”

बाजी सचमच
़ु 5 लमनट में तैयार हो गई और कफर हम दोनों घर िो िाि िरिे बाजार िी तरफ जाने िगे। उस
वक़्त बाजी िे चेहरे पे एि अजीब से ख़ुशी भी नजर आ रही थी मझ
़ु े। हम घर से अभी ि़ुछ ही आगे ननििे थे
कि बाजी ने िहा- “भाई क्या इरादा है , क्या िरना है?”

76
मैंने िहा- “यार यहाूँ हमारी तरह िई िोग आए ह़ुये हैं घमने िे लिए, उनमें से ही किसी ना किसी िो िे चिेंगे
साथ…”

बाजी- पागि हो गये हो क्या? वो क्या समझेगा मझ


़ु ?

मैं- यार बाजी, वो आपिो ज्यादा से ज्यादा िोई गश्ती ही समझेगा ना… तो क्या फिट पड़ता है? िोगों िो
समझने दें , वो िौन सा हमारे जानने वािे होंगे? बस टाइम पास और मजा ही तो िरना है ।

बाजी- नहीूं भाई, ये तरीिा ठीि नहीूं है । िोई भी मसिा बन सिता है?

मैं- यार ि़ुछ नहीूं होगा। तम


़ु घबराओ मत। मैं हूँ ना तम्
़ु हारे साथ। ये मेरा लसर ददट है तम्
़ु हारा नहीूं।

हम ये बातें ही िर रहे थे कि बाजी एि साइड पे होिर बैठ गई और बोिी- “भाई थोड़ा बैठ जाते हैं यहाूँ…”

मैंने दे खा कि वहाूँ ि़ुछ िड़िे जो कि एि 4-5 िड़िों िा ग्रप था, बाजी िो ही ताड़ने में िगे ह़ुये थे। मैंने उन्हें
नजरअूंदाज िर ददया और बाजी िी तरफ दे खा जो कि किसी तरफ दे ख रही थी। मैंने बाजी िी नजर िा पीछा
किया तो वहाूँ एि स्माटट सा िड़िा खड़ा बाजी िी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुरा रहा था।

मैंने बाजी िी तरफ दे खिर हल्िा सा खाूँसी किया तो बाजी ने भी मेरी तरफ दे खा और मश़्ु ि़ुरा दी। मैं समझ
गया कि बाजी िा ददि किस तरफ झि
़ु रहा है, तो मैंने बाजी िो हाूँ में लसर दहिा ददया।

ि़ुछ दे र बाद जब वो िड़िे जो बाजी िो ही ताड़ रहे थे वहाूँ से चिे गये, तो मैंने बाजी से िहा- “आप उस
िड़िे िो अपने पीछे आने िा इशारा िरो, और अगर वो आ गया तो आप घर िी तरफ चि दे ना। ओिे?”

बाजी ने हाूँ में लसर दहिा ददया तो मैं वहाूँ से उठा और एि साइड पे जाने िगा तो बाजी ने थोड़ी दे र बाद उस
िड़िे िो अपनी तरफ आने िा इशारा किया और उठिर घर िी तरफ चि दी। मैं अब िरीबी दि
़ु ान िे पीछे
खड़ा ह़ुआ सब दे ख रहा था। ि़ुछ दे र ति वो िड़िा इधर-उधर दे खता रहा, िेकिन जब मैं उसे िहीूं ददखाई नहीूं
ददया तो उसने थोड़ी दहम्मत िी और बाजी िे पीछे ि़ुछ फासिा रखिर चिने िगा।

तो मैं भी उसिे पीछे चिने िगा। थोड़ी दर आने िे बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और उस िड़िे िे पास पह़ुूँच
गया और बोिा- “क्या हाि है भाई?”

वो िड़िा एिदम से उछि पड़ा और इससे पहिे िे ि़ुछ िरता मैं बोि पड़ा- “घबराओ नहीूं यार, मैं तम्
़ु हारा
दोस्त बन सिता हूँ और वो भी जजसिे पीछे तम
़ु जा रहे हो…”

िड़िा- मैं िब किसी िे पीछे जा रहा हूँ?

मैं- यार मेरा नाम सन्नी है अगर तम


़ु भी अपना नाम बता दो तो आसानी रहे गी बात िरने में ।

िड़िा- मेरा नाम ववक्िी है। िेकिन तम


़ु क्या बात िरना चाहते हो मेरे साथ?
77
मैं- यार मैं थरी-सम िरना चाहता हूँ, क्या तम
़ु उसमें मेरा साथ दोगे?

ववक्िी हूँसते ह़ुये- “दे खो सन्नीजी, यहाूँ इस तरह तम


़ु मझ
़ु े उल्ि नहीूं बना सिते समझे? माना कि मैं यहाूँ
घमने आया हूँ, िट ़ु ने नहीूं…”

मैं- “यार अगर तम्


़ु हें यिीन नहीूं है तो जाओ जहाूँ जाना है , मझ
़ु े िोई और लमि जाएगा। अगर ददि मान जाए
तो आ जाना, वो सामने मेरा घर है …” और साथ ही अपने घर िी तरफ इशारा िर ददया, जहाूँ फरी दरवाजे में
ही खड़ी हमारी तरफ दे ख रही थी।

ववक्िी फरी िी तरफ दे खिर बोिा- क्या तम


़ु सच में थरी-सम िरना चाहते हो?

मैं- हाूँ… और बािी अगर तम


़ु चाहो तो? वरना ि़ुछ और इूंतजाम िरना होगा मझ
़ु ।े

ववक्िी- िेकिन मैं ही क्यों, िोई और नहीूं लमिा तम्


़ु हें ?

मैं- अब तम
़ु ही सबसे पहिे अिेिे नजर आए, जो उसे उल्ि िी तरह भखी ननगाहों से खा जाने िी िोलशश िर
रहे थे, तो मैंने सोचा कि तम्
़ु हें ही साथ लमिा लिया जाए। इसलिए तम
़ु से बात िी है ।

ववक्िी- ठीि है सन्नीजी मैं तैयार हूँ। िेकिन अगर िटना चाहते हो तो अभी से बता दे ता हूँ कि मेरे पास से
तम्
़ु हें ि़ुछ नहीूं लमिेगा।

मैं- यार चि तो सही, मझ


़ु े तम
़ु से ि़ुछ नहीूं चादहए।

मेरी बात सऩु िर ववक्िी ने एि बार मेरी तरफ दे खा और कफर फरी िी तरफ दे खते ह़ुये बोिा- “तो चिो अब जो
होगा दे खा जाएगा…”

मैं उसिी बात सन


़ु िर हूँस ददया और उसिा हाथ पिड़िर घर िी तरफ चि ददया, तो फरी दरवाजा खि
़ु ा
छोड़िर अूंदर चिी गई हमें आता दे खिर। मैं ववक्िी िो अपने साथ िेिर घर में आया तो वो िाफी खझझि
रहा था िेकिन बोिा ि़ुछ नहीूं।

मैंने दरवाजा िाि किया और अपने रूम िी तरफ चि ददया ववक्िी िो साथ लिए ह़ुये और जब हम रूम में इन
ह़ुये तो दे खा कि फरी बाजी रूम में नहीूं थी। िेकिन बाथरूम िी िाइट िो जिता दे खिर मैं समझ गया कि
बाजी बाथरूम में थी, तो मैंने ववक्िी िो बेड पे बैठने िा बोिा और बाथरूम में गया तो दे खा कि बाजी वहाूँ
खामोश खड़ी ह़ुई हैं।

मैंने बाजी से िहा- “अब क्या ह़ुआ, यहाूँ क्यों खड़ी हो?”

बाजी ने िहा- “भाई बड़ी घबराहट हो रही है मझ


़ु े। क्या ये सब ठीि है ? िहीूं ि़ुछ उल्टा सीधा ह़ुये गया तो क्या
होगा?
78
मैंने बाजी िो होसिा ददया और साथ ही बाजी िी शटट भी ऊपर िरने िगा।
बाजी ने िहा- भाई एि बार और सोच िो?

मैंने िहा- यार तम


़ु बस इतना बताओ िी त मजा िेना चाहती हो या नहीूं?

बाजी ने िहा- भाई मैं मजा तो िेना चाहती हूँ, िेकिन बदनामी िा भी तो डर िगा रहे गा ना?

मैंने िहा- “बाजी ि़ुछ नहीूं होगा। ये हमें नहीूं जानता है आज ही आया है, थोड़ा मजा िरे गा आपिे साथ और
चिा जाएगा। कफर जजूंदगी में इसिे साथ हमारी मि
़ु ािात मज़ु श्िि से ही होगी…” और इतना बोििर मैंने बाजी
िी शटट उतार दी और बोिा- “चिो जल्दी से अपनी पैंट भी ननिािो…”

बाजी ने मेरी तरफ दे खा और कफर लसर झ़ुिािर पैंट भी ननिि दी। मैंने बाजी िा हाथ पिड़ा और रूम में िे
आया। उस वक़्त बाजी लसफट ब्रा और पैंटी में ही थी, तो मैंने बाजी िो अपने साथ िेिर बेड पे लिटा ददया और
बोिा- “आप यहाूँ िेट जाओ…”

और ववक्िी से बोिा- “यार अब डर क्यों रहे हो? अभी ति यिीन नहीूं आया तम्
़ु हें ?”

ववक्िी हूँस ददया और बाजी िी तरफ दे खने िगा, जो कि उस वक़्त अपने एि बाज िे सहारे बेड पे दटि चि
़ु ी
थी। ववक्िी फरी बाजी िो दे खिर अपनी जब
़ु ान अपने होंठों पे घम
़ु ाने िगा।

मैंने िहा- “चिो भाई, अब तम


़ु भी िपड़ों से बाहर आ जाओ…” और ये बोििर मैं भी अपने िपड़े उतारने िगा।

ववक्िी भी खड़ा हो गया और अपने िपड़े उतारने िगा। िेकिन उसिी नजर अब भी फरी बाजी िी चचचयों पे ही
अटिी ह़ुई थी।

मैंने िपड़े उतारिर फरी से िहा- “यार इस बेचारे िो थोड़ा अपनी इन प्यारी सी चचचयों िा नजारा ही िरवा दो
वरना इससे तो िपड़े भी नहीूं उतरें ग…
े ”

बाजी मेरी बात सन


़ु िर हूँस दी और साथ ही उठिर बैठ गई और अपनी ब्रा िो थोड़ा सा खीूंचिर अपनी चचचयाूं
ददखाने िगी।

बाजी िी चचचयों िो दे खते ही ववक्िी जो कि अपने िपड़े उतार चि


़ु ा था झट से बाजी िी चचचयों िी तरफ
िपिा और उन्हें ब्रा से ननिाििर अपने मूँह
़ु में िेिर चसने िगा और दबाने िगा। मैंने भी आगे बढ़िर बाजी
िी ब्रा िा ह़ुि खोि ददया और ब्रा ननिि दी और कफर मैंने ववक्िी िो थोड़ा पीछे हटाया और बाजी िी पैंटी िो
हाथ डािा ही था कि बाजी उल्टी हो गई िेकिन मैंने पैंटी ननिाि दी।

मैंने बाजी िो ऐसे िेटा दे खा तो बोिा- “क्या जी, गाण्ड मरवाने िा इरादा है? जो उल्टा िेट गई हो…”

79
बाजी सीधी होिर बैठ गई और बोिी- ऐसा सोचना भी नहीूं िभी मझ
़ु े ये गाण्ड मरवाने वािा मजाि पसूंद नहीूं
है । समझे?

अब मैंने ज्यादा टाइम जाया ना िरते ह़ुये बाजी िो टाूँगों से पिड़ा और अपनी तरफ खीूंच लिया और बाजी िी
टाूँगों िो ऊपर िी तरफ उठा ददया तो बाजी िी प्यारी सी फ़ुद्दी परी तरह से हमारे सामने आ गई। फरी बाजी
िी फ़ुद्दी पे नजर पड़ते ही मैंने ववक्िी िी तरफ दे खा तो उसने भी अपनी नजर फरी िी फ़ुद्दी से हटािर मेरी
तरफ दे खा। मैं हूँसते ह़ुये बाजी िी टाूँगों िो छोड़िर पीछे हट गया और ववक्िी िो इशारे से आगे बढ़ने िा
बोिा।

ववक्िी खश
़ु हो गया और नीचे ही बैठ गया बाजी िी टाूँगों िे पास, और खद
़ु बेड पे झि
़ु िे िेट गया और
बाजी िी टाूँगों िो खोिता ह़ुआ अपना लसर बाजी िी रानों में िे गया और अपना मूँह
़ु मेरी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी
से िगािर चसने िगा।

आप सोचचए कि उस वक्त मझ
़ु े कितना मजा आ रहा होगा कि मेरी सगी बड़ी बहन मेरे सामने एि अूंजान
िड़िे से अपनी फ़ुद्दी चस
़ु वा रही थी और मैं पास ही नूंगा खड़ा अपना िण्ड सहिा रहा था।

अब मैं बेड पे चढ़िर खड़ा हो गया और फरी िो मेरा िण्ड चसने िे लिए बोिा। फरी उठ गई और बैठिर मेरा
िण्ड चसने िगी। ववक्िी ने फरी िी गाण्ड िो थोड़ा ऊपर उठाया और खद
़ु अपना लसर उसिे नीचे घस
़ु ा ददया
और फरी िी फ़ुद्दी चाटने िगा, जजससे अब नजारा ि़ुछ ऐसा हो गया था कि मैं खड़ा ह़ुआ अपनी बहन से
िण्ड चस
़ु वा रहा था और फरी ववक्िी िे मह
ूँ़ु पे अपनी गाण्ड दटिािर बैठी उससे अपनी फ़ुद्दी चस
़ु वा रही थी
और मेरा िण्ड चस रही थी।

थोड़ी दे र ति हम तीनों ऐसे ही चस


़ु ाई िा मजा िेते रहे । उसिे बाद मैंने अपना िण्ड फरी बाजी िे मूँह
़ु में से
ननिाि लिया और उसे िेटने िो बोिा। वो ववक्िी िे ऊपर से हट गई और सीधी होिर िेट गई। मैंने ववक्िी
िो बोिा- “चि यार पहिे त इस रूं डी िी बजा, कफर मैं बजाऊूँगा…”

ववक्िी ख़ुश हो गया और फरी िो अपनी तरफ खीूंच लिया और ख़ुद फरी िी रानों में बैठ गया और अपना िण्ड
मेरी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा ददया। मैं भी फरी िे पास चिा गया तो फरी मेरी तरफ दे खिर मेरा िण्ड अपने
हाथ में पिड़िर सहिाने िगी, और ववक्िी िे िण्ड जो कि अब फरी िी फ़ुद्दी में था उससे चद
़ु ाई िा मजा
िेने िगी।

थोड़ी दे र ति ऐसे ही ववक्िी फरी िी जम िे च़ुदाई िरता रहा और कफर मैंने फरी िो अपनी तरफ खीूंच लिया
और उसे डोगी बनािर पीछे से अपना िण्ड अपनी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा ददया और च़ुदाई िरने िगा।
ववक्िी फरी िे चेहरे िे पास आिर िेट गया तो फरी ने उसिा िण्ड अपने हाथ में पिड़ लिया और उसे अपने
मूँह
़ु में िेिर चसने िगी और मझ
़ु से चद
़ु ने िगी।

अब फरी परे जोश में आ च़ुिी थी और उसने अपनी गाण्ड िो भी मेरे िण्ड िी तरफ जोर-जोर से दबाना और
साथ ही- “आअह्ह… और जोर से चोदोऊऊ उनम्म्मह… फाड़ डािो मेरी फ़ुद्दी िोऽऽ ऊऊओह्ह… बह़ुत मजा आ
रहा है …” िी आवाज भी िरती जा रही थी और साथ ही साथ ववक्िी िे िण्ड िो भी हाथ में पिड़िर दहिाती
जा रही थी।
80
दसरी तरफ ववक्िी भी अब िाफी ज्यादा गरम हो रहा था तो अचानि उसने फरी िो अपनी तरफ खीूंच लिया
और अपने िण्ड पे बैठने िे लिए बोिा। फरी ने उसिे ऊपर आिर िण्ड िो अपने हाथ से पिड़िर अपनी
फ़ुद्दी पे सेट किया और एि झटिे से ववक्िी िे िण्ड पे बैठ गई, जजससे उसिा िण्ड परा फरी िी फ़ुद्दी में
जा घस
़ु ा, तो फरी िे मूँह
़ु से ‘सस्सीईई… आआह्ह…’ िी आवाज भी ननिि गई, और कफर फरी उसिे िण्ड पे
चढ़ी ह़ुई उछिने िगी।

तब मैं भी उनिे पास जािर खड़ा हो गया और अपना िण्ड फरी िे िरीब िर ददया जजसे फरी मूँह
़ु में िेिर
चसने िगी। अब ववक्िी िे साथ-साथ में भी िाफी गरम हो च़ुिा था और अपना िण्ड फरी िे मूँह
़ु में परा
घस
़ु ाने िी िोलशश िरने िगा, जजससे फरी िो खाूँसी भी आने िगी तो फरी ने मझ
़ु े पीछे िी तरफ धक्िा ददया
जजससे मेरा िण्ड फरी िे मूँह
़ु से ननिि गया।

फरी ववक्िी िे िण्ड से उठ गई और मेरी तरफ दे खा तो मैंने फरी िो अपनी तरफ घसीट लिया और अपना
िण्ड फरी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ािर च़ुदाई िरने िगा। ववक्िी फरी िे पास जा खड़ा ह़ुआ और मठ िगाने िगा
तेजी से, क्योंिी उसिा होने वािा था। इधर मेरा िाम भी अपने चरम पे था और मैं भी फरी िो तेजी से चोदने
िगा। जैसे ही मेरा िण्ड पानी छोड़ने िगा फरी ने मेरा िण्ड अपनी फ़ुद्दी से ननिाि लिया और उसे अपने हाथ
से पिड़िर दहिने िगी, जजससे मेरा सारा पानी फरी िे जजश्म पे ही चगरा।

उधर ववक्िी जो कि पहिे ही फरी िो और ि़ुछ मझ


़ु े भी अपने पानी से गूंदा िर च़ुिा था फरी िा लसर अपने
िण्ड िी तरफ घम
़ु ाए अपना िण्ड साफ िरवा रहा था मेरी बहन से ही।

फाररघ ् होने िे बाद मैंने ववक्िी से िहा- “जाओ सामने बाथरूम में अपने आप साफ िर िो…”

वो बाथरूम में से साफ होिर आया तो बाजी बाथरूम में चिी गई, तो मैंने अपने आपिो ऐसे ही िपड़े से साफ
किया। तब ति ववक्िी िपड़े पहन च़ुिा था और कफर मैंने उससे उसिा नम्बर लिया और उसे बाहर ति
छोड़िर गेट िाि किया और रूम में आया। तब ति फरी भी रूम में आ च़ुिी थी और रूम सेट िर रही थी।

मैंने फरी िो पीछे से पिड़ लिया और बोिा- “क्यों जान मजा आया?”

फरी हूँस दी और मेरी तरफ मड़


़ु िर बोिी- “जजसिे तम्
़ु हारे जैसे बहनचोद भाई हों, उसे मजे िी क्या िमी हो
सिती है ?”

फरी िी बात पे मैं भी हूँस ददया और कफर हम दोनों लमििर नहाए और बाथरूम में और सो गये।

अम्मी और ननदा 3:00 बजे िे िरीब वावपस आये तो साथ में दोपहर िा खाना भी िेते आये। हम सबने
लमििर खाना खाया और कफर अम्मी उठिर अपने रूम में आराम िरने चिी गई। ननदा जो कि अब ति बड़ी
मासलमयत से बैठी थी अम्मी िे जाते ही फरी िी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराने िगी और इशारे िरने िगी। बाजी भी
उसिी इन हरितों से हूँस दी और ननदा िो बािों से पिड़िर अपनी रानों में दबा लिया और उसे मारने िगी तो
मैं भी हूँस ददया।

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फरी ने जैसे ही ननदा िो छोड़ा तो ननदा सीधी होिर बैठ गई और मेरी तरफ दे खिर बोिी- क्यों भाई अब बाजी
िी तबीयत तो ठीि है ना?

मैं थोड़ा गड़बड़ा गया क्योंिी मझ


़ु े ननदा से ये उम्मीद नहीूं थी कि वो अचानि मझ
़ु े भी घसीट िेगी। मैंने िहा-
“मऽमझ
़ु े क्या पता फरी बाजी से ही पछो…”

ननदा- “आप से पछ लिया तो क्या ह़ुआ?” और अपनी आूँखें नाचते ह़ुये बोिी- “वैसे मैंने इसलिए पछा था कि
आप ही बाजी िो डाक्टर िे पास िे गये होंगे?”

मैं- “हाूँ हाूँ वो तो मैंने ददखा ददया था डाक्टर िो…” इतना बोिते ह़ुये मैंने बाजी िी तरफ दे खा तो वो भी मश़्ु ि़ुरा
रही थी।

बाजी- अच्छा ननदा, अब ज्यादा तूंग मत िर सन्नी िो और जा जािर आराम िर िे। त भी ति गई होगी।

ननदा- “ऊओह्ह… हाूँ बाजी ठीि है मैं ि़ुछ दे र आराम िर िेती हूँ। आप भी िाफी थिी होंगी आराम िर िेना
आप भी…” और हे हेहेहे िरती रूम िी तरफ भाग गई।

ननदा िे जाते ही मैंने बाजी से पछा- “क्या इसे ये भी पता था कि हम आज किसी और िो िाने वािे हैं यहाूँ?”

बाजी ने हाूँ में लसर दहिा ददया और बोिी- “उसे हर बात बता चि
़ु ी हूँ मैं और रात िो अम्मी िे सोने िे बाद वो
हमारे रूम में आ जाएगी। िेकिन तम
़ु उसिे साथ ि़ुछ नहीूं िरोगे समझे?”

मैंने बाजी िी बात सन


़ु िर िहा- “िेकिन वो क्या िरने आ रही है रात िो हमारे पास?”

बाजी ने िहा- वो भी हमारी मस्ती दे खना चाहती है और वो भी लिव बताया तो था तम्


़ु हें ?”

मैं- “िेकिन बाजी इस तरह मैं ख़ुद िो अगर िूंट्रोि ना िर पाया और ननदा से िोई छे ड़छाड़ िर दी तो क्या
होगा? नहीूं बाजी ये ठीि नहीूं है …”

बाजी ने हूँसते ह़ुये िहा- “घबराओ नहीूं, मैं भी वहीूं हूँगी और अगर तम
़ु िोई हद से ज्यादा बाहर िी हरित
िरोगे तो तम़्ु हें रोि िग
ूं ी…”

शाम िो 5:00 बजे अम्मी, ननदा और बाजी कफर से ननिि गईं घमने िे लिए और मैं भी अिेिा ही घमता रहा
और 7:30 बजे वावपस आया तो दे खा कि सब िोग आ च़ुिे थे और अम्मी थि िे अपने रूम में जा चि
़ु ी थीूं
और फरी मझ
़ु े किचेन में ददखाई दी। मैं भी किचेन में जा घस
़ु ा, तो दे खा कि वहाूँ ननदा भी मौजद थी। िेकिन
तभी मझ
़ु े शरारत सझी और मैंने अचानि फरी बाजी िो पिड़िर अपनी तरफ घम
़ु ाया और अपने होंठ बाजी िे
होंठों पे रख ददए और किस िरने िगा। मेरी इस अचानि हरित से बाजी बौखिा गई और नतरछी नजरों से
ननदा िी तरफ दे खा जो कि अब भी दसरी तरफ मूँह
़ु किए अपने लिए जस ननिि रही थी

बाजी ने मझ
़ु े पीछे धिेि ददया और बोिी- “क्या है भाई, क्यों तूंग िर रहे तम
़ु ?”
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ननदा जजसने कि अब ति हमारी तरफ नहीूं दे खा था दसरी तरफ मूँह
़ु किए ह़ुये बोिी- “क्यों बाजी अब भाई तूंग
िरता है तो इतना फ्री ही क्यों किया था?”

ननदा िी बात खतम होते ही बाजी ने ननदा िी तरफ दे खा और बोिी- “मैंने तम


़ु से मशवरा नहीूं माूँगा? अब िाम
िरो अपना जल्दी से…” और कफर मेरी तरफ मड़
़ु ते ह़ुये बोिी- “भाई खाना खाओगे?”

मैंने इनिार में लसर दहिा ददया और बोिा- “नहीूं, मैं खाना खा च़ुिा हूँ…” और इतना बोििर किचेन से ननििा
और अपने रूम में आ गया और टीवी िगािर िेट गया।

बाजी 9:00 बजे िे िरीब रूम में आई और आते ही मेरा िान पिड़िर मरोड़ ददया और बोिी- “ि़ुछ शमट भी है
तम
़ु में िी नहीूं? किचेन में तम
़ु क्या िर रहे थे मेरे साथ? अगर ननदा दे ख िेती तो?”

बाजी िी बात सन
़ु िर मेरी हूँसी ननिि गई और मैं बोिा- “अरे बाजी, क्या आप भी? अभी थोड़ी दे र बाद जब
वो यहाूँ आ जाएगी तो हमें परी तरह दे खेगी, पास में बैठिर मजा िेगी, तब ि़ुछ नहीूं होगा क्या?”

बाजी िा चेहरा मेरी बात से िाि हो गया और बाजी ने मेरा िान छोड़ ददया और बोिी- “तम
़ु और ननदा भी ना
पता नहीूं क्या चीज हो? ना तम्
़ु हें ि़ुछ शमट आती है ना उसे जरा िाज है…”

मैंने िहा- “बाजी अगर इूंसान मजा िरना चाहता हो तो उसे शमट िाज सब छोड़ना पड़ता है , वरना मजा तो
मजा इूंसान साूंस भी ठीि से नहीूं सिता। समझी?”

बाजी ि़ुछ नहीूं बोिी और बाथरूम में जा घस


़ु ी जहाूँ से ि़ुछ दे र िे बाद वो नाइट सट में बाहर ननििी और मेरे
साथ ही बैठिर मवी दे खने िगी।

मैंने िहा- क्या इरादा है बाजी?

बाजी ने िहा- थोड़ा सबर िरो। उस िमीनी िो तो रूम में आ िेने दो, वरना शोर मचाएगी।

10:00 बजे िे िरीब मझ ़ु े बाथरूम में आहट महसस ह़ुई तो मैंने बाथरूम िी तरफ दे खा तो वहाूँ िे दरवाजे से
ननदा दरवाजे िो हमारे रूम िी तरफ से िाि िरिे मश़्ु ि़ुराती ह़ुई आ गई। ननदा रूम में आते ही बाजी िी
तरफ दे खते ह़ुये बोिी- “तो बाजी मझ
़ु े बताओ कि मैं िहाूँ बैठूं ?”

बाजी ने एि साइड पे पड़े सोफे िी तरफ इशारा किया और बोिी- वहाूँ खामोशी से बैठ जाओ।

ननदा बबना ि़ुछ बोिे सोफे पे जािर बैठ गई और बड़े इजश्तयाि से हमारी तरफ दे खने िगी।

फरी बाजी िो हूँसी आ गई और फरी बाजी ने िहा- “यहाूँ िोई नया तमाशा होने वािा है जो तम
़ु इतनी
जज़्बाती हो रही हो?

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तो ननदा ने बऱु ा मानते ह़ुये िहा- बाजी प्िीज़्ज… बातें नहीूं।

ननदा िी बात सन
़ु िर बाजी उठी और िाइट आफ िरिे हल्िी पावर िी िाइट ओन िर दी और मेरे पास आिर
बैठ गई। मैंने बाजी िी तरफ दे खा और अपनी तरफ खीूंचिर बाजी िी शटट उतार दी और कफर अपने साथ
लिपटािर बाजी िो किस िरने िगा, जजसमें बाजी भी मेरा परा साथ दे रही थी।

इसी तरह किस िरते ह़ुये मैंने अपना एि हाथ बाजी िे पाजामे में डािा और पाजामा नीचे खखसिाने िगा और
धीरे -धीरे घट
़ु नों ति उतार ददया और कफर बाजी से अिग होिर खड़ा हो गया और अपने िपड़े उतारिर साइड
पे फेंि ददए और ननदा िी तरफ दे खने िगा, जो कि मेरे परा हाडट िण्ड िी तरफ ही दे खे जा रही थी।

तभी बाजी ने िहा- भाई बस अब बैठो जाओ यहाूँ।

बाजी िी बात सन
़ु िर मैंने बाजी िी तरफ दे खा तो बाजी भी तब ति अपना पाजामा उतारिर साइड में िरिे
बेड पे िेट च़ुिी थी और बड़ी प्यार भारी नजरों से मेरी तरफ दे ख रही थी। मैंने बाजी िा हाथ पिड़ा और
उठािर बबठा ददया और थोड़ा अपने िरीब खीूंच लिया और अपना िण्ड बाजी िे मूँह
़ु पे हल्िे से मारने िगा।
बाजी ने भी हूँसते ह़ुये मेरा िण्ड पिड़ लिया और अपने मूँह
़ु में भर लिया और चसने िगी और साथ ही मेरे
िण्ड िी गोलियों िो सहिाते ह़ुये मेरी तरफ दे खने िगी।

थोड़ी दे र ति बाजी मेरा िण्ड चसती रही और कफर मैंने बाजी िे मूँह
़ु में से अपना िण्ड ननिाि लिया और
बाजी िो हल्िा सा धक्िा दे िर बेड पे लिटा ददया और टाूँगों से पिड़िर अपनी तरफ खीूंच लिया। अब मैंने
बाजी िी टाूँगों िो थोड़ा खोिा और ख़ुद बाजी िी टाूँगों िे बीच में आ गया।

बाजी ने अपनी दोनों टाूँगों िो परी तरह खोििर अपने हाथों से पिड़ लिया तो मैंने अपना िण्ड बाजी िी
फ़ुद्दी पे रखिर सेट किया और हल्िा झटिा मारते ह़ुये अपना िण्ड फरी बाजी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ाने िगा। अब
मैं एि और झटिा मारा जजससे मेरा िण्ड फरी बाजी िी फ़ुद्दी में परा घस
़ु गया।

बाजी िे मूँह
़ु से- “आअह्ह… भाईई उनम्म्मह… धीरे ऊओह्ह…” िी आवाज आने िगी।

िेकिन मैंने अब अपना िण्ड परा बाहर ननिाििर बाजी िी फ़ुद्दी में तेज झटिे से घस
़ु ाना शरू
़ु िर ददया।

बाजी हल्िी आवाज में लससिी- “सस्सीईई… ऊओह्ह… भाईई उनम्म्मह… भाई परा घस
़ु ािर चोदो भाई…” िी
आवाज िरने िगी और मेरी गाण्ड िो अपने पाूंव और हाथ से अपनी फ़ुद्दी िी तरफ दबाने िगी और साथ ही
अपनी गाण्ड भी मेरे िण्ड िी तरफ दबाने िगी

थोड़ी दे र ति ऐसे ही मैंने बाजी िी फ़ुद्दी िा मजा लिया और कफर मैंने अपना िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी से ननिाि
लिया और खद
़ु बेड पे चढ़िर बाजी िो उल्टा लिटा ददया और अपना िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी में सेट िरिे झटिे
से घस
़ु ा ददया। बाजी भी अपनी गाण्ड िो ऊपर िी तरफ उठािर च़ुदवाने िगी, जजससे और भी मजा बढ़ गया
बाजी िी च़ुदाई िा। मैं बाजी िी फ़ुद्दी में अपनी परी जान से िण्ड घस
़ु ािर च़ुदाई िर रहा था।

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तभी मेरी नजर ननदा िी तरफ गई तो मझ
़ु े एि झटिा सा िगा, क्योंिी उस वक़्त ननदा अपना पाजामा नीचे
किए अपनी फ़ुद्दी में उूं गिी िर रही थी।

जब मैंने ननदा िी तरफ दे खा तो ननदा िी नजर भी मझ


़ु से लमिी िेकिन ननदा शमाटये बबना मेरी आूँखों में
दे खिर मश़्ु ि़ुराती रही और हल्िा सा सोफे पे ही सीधी हो गई और अपनी फ़ुद्दी में उूं गिी िरना और भी तेज
िर ददया तो मैं समझ गया कि िौंडडया परा हाट हो चि
़ु ी है । िेकिन मैं िर ि़ुछ नहीूं सिता था क्योंिी फरी
मझ
़ु े िरने नहीूं दे ती ि़ुछ भी।

ननदा िी तरफ से ये नजारा दे खते ही पता नहीूं मझ


़ु े क्या ह़ुआ कि मैंने फरी बाजी िो गाण्ड से पिड़िर थोड़ा
ऊूंचा किया और डोगी स्टाइि में िर ददया और अपनी परी जान िगािर अपना िण्ड बाजी िी फ़ुद्दी में अूंदर-
बाहर िरने िगा।

बाजी िे मूँह
़ु से- “ऊऊह्ह सन्नी मेरे भाई आअह्ह… परा घस
़ु ािर िरो प्िीज़्ज… उनम्म्मह भाई बड़ा मजा आ रहा
है सस्स्सीईई… ऊऊह्ह…” िी आवाज िे साथ ही बाजी िा जजश्म एि बार हल्िा सा िाूंपा और कफर बाजी िी
फ़ुद्दी ने मेरे िण्ड िो 3-4 बार अूंदर ही भीूंचा और कफर बाजी िी फ़ुद्दी ने पानी छोड़ ददया।

मेरी भी दहम्मत जवाब दे ने िगी और मैं भी बाजी िी फ़ुद्दी में ही फाररघ ् हो गया और साइड पे होिर िेट गया
और ननदा िी तरफ दे खा तो उसने अब अपना पाजामा ऊपर िर लिया था और वो हमारी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुरा
रही थी।

ि़ुछ दे र ति हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे । कफर मैं उठिर बैठ गया और ननदा िी तरफ दे खने िगा। िेकिन ननदा
मेरे से नजर च़ुराने िगी।

फरी बाजी भी उठिर बैठ गई और हम दोनों िी तरफ दे ख बोिी- “ननदा दे ख लिया ना तम


़ु ने? बस अब ननिि
यहाूँ से…”

ननदा उठ खड़ी ह़ुई और बोिी- “अच्छा बाजी, मैं जा रही हूँ…” और मेरी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराई और बाथरूम िे
दरवाजा िी तरफ चि दी और दरवाजा खोििर जाने से पहिे गदट न घम ़ु ािर मेरी तरफ दे खते ह़ुये आूँख मारी
और होंठों िो किस िरने िे स्टाइि में गोि िरिे किस िा इशारा िरते ह़ुये ननिि गई।

ननदा िी ये हरित बाजी ने भी दे ख िी और ननदा िे जाते ही मेरे पीछे पूंजे झाड़िर पड़ गई और बोिी- “दे खो
भाई, अभी वो बच्ची है । उसे इस सबिा ि़ुछ पता नहीूं, तम
़ु उससे दर ही रहो समझे?”

मैं बाजी िी बात सन


़ु िर हूँस ददया और बोिा- “बाजी आपिो ननदा िहाूँ से बच्ची नजर आती है ? वैसे और
बािी जब आपने दे ख ही लिया है तो मैंने उसे िोई इशारा नहीूं किया, बल्िी वो किस िा इशारा िर रही थी,
और कफर बाजी आप खद
़ु ही तो िहती हो कि घर िा सेक्स बेस्ट और सऱु क्षित है, जजसमें ना तो िोई मसिा है
और ना ज्यादा टे न्शन। तो कफर आप ननदा से मझ
़ु े क्यों दर रहने िो बोि रही हो?”

बाजी ि़ुछ दे र ति मेरी आूँखों में झाूंिती रही और कफर बोिी- “दे खो भाई अगर ननदा भी ऐसा चाहती है तो मैं
तम्
़ु हारा साथ दूँ गी। िेकिन अगर तम
़ु किसी हरामजदगी िा सोच रहे हो तो ये बात अपने ददमाग से ननिि दे ना
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समझे? और इतना बोििर साइड से अपना पसट उठाया और उसमें से टे बिेट ननिाििर पानी िे साथ खा िी
और अपने िपड़े पहनिर िेट गई।

मैं भी बाजी िे साथ ही िेट गया और अपना बाज बाजी पे रख ददया और बोिा- “बाजी आप क्यों इतनी टे न्शन
िे रही हो? मैं ऐसा ि़ुछ भी नहीूं िरूूंगा जो आप सोच रही हो, मेरे लिए तो बस आप ही िाफी हो…”

बाजी ने मेरी बात सन


़ु िर मेरी तरफ दे खा िेकिन ि़ुछ बोिी नहीूं।

मैंने िहा- “अभी ये टे बिेट किस चीज िी खा रही थी आप?”

बाजी ने िहा- “िोई मसिा ना हो जाए इसलिए ये टे बिेट िी है मैंन,े और अब अपने िपड़े पहनो और खामोशी
से सो जाओ समझे? िाफी जोर िी नीूंद आ रही है…”

मैं बाजी िी बात सन


़ु िर उठा और अपने िपड़े पहनिर सो गया। अगिी सब
़ु ह जब मेरी आूँख ख़ुिी तो दे खा कि
8:00 बज चि
़ु े थे और ननदा मझ
़ु े उठा रही थी।

मैंने ननदा िी तरफ दे खा और बोिा- क्या है ?

ननदा ने बड़े अजीब अूंदाज में िहा- भाई अम्मी और बाजी नहािर बाहर गई हैं नाश्ता िाने, और मैं नहाने जा
रही हूँ। तम
़ु भी अब उठ ही जाओ…” और इतना बोििर बाथरूम में जा घस
़ु ी।

ननदा िे बाथरूम जाते ही मैं जल्दी से उठा और बाथरूम िी तरफ गया तो दे खा कि वहाूँ बाथरूम िा दरवाजा
हल्िा सा खि
़ु ा ह़ुआ है तो मैंने झट से अपनी आूँख खि
़ु ी खझरी से िगा दी। तभी ननदा ने बाथरूम िा दरवाजा
खोि ददया तो मझ ़ु े ननदा नजर आई जो कि अपनी सिवार उतार च़ुिी थी और एि हाथ से पैंटी उतारने िे लिए
अपनी पैंटी पिड़े ह़ुये थी।

मझ
़ु े बाथरूम िे दरवाजा िे पास झि ़ु ा दे खिर ननदा थोड़ा गस्
़ु से िा ड्रामा िरते ह़ुये बोिी- “भाई ि़ुछ तो शमट
िरो? बहन हूँ मैं तम्
़ु हारी और तम
़ु हो कि घदटया इूंसान िी तरह मझ ़ु े छ़ुप िे दे ख रहे थे…”

मैं ि़ुछ नहीूं बोिा और ननदा िा ड्रामा समझते ह़ुये भी खामोशी से वावपस आ गया और आिर बेड पे बैठ गया।

तभी ननदा ने आवाज िगाई- “भाई आपिे रूम में अगर िोई तौलिया है तो दे ना प्िीज़्ज…”

मझ
़ु े गस्
़ु सा तो िाफी आया, िेकिन मैं पी गया और ि़ुछ बोिे बबना ही बाजी वािा तौलिया उठािर बाथरूम िी
तरफ चि ददया। जैसे ही बाथरूम िे दरवाजा पे पह़ुूँचा तो वहाूँ िा नजारा दे खिर तो मेरा िण्ड परा हाडट हो
गया, क्योंिी अब ननदा लसर्फाट ब्रा और पैंटी में थी जजसमें उसिी गाण्ड दे खते ही िण्ड उछािने िगा। ददि तो
िर रहा था कि सब ि़ुछ भि जाऊूँ और यहीूं इस सािी िो पटि िे गाण्ड फाड़ डाि।ूं िेकिन मैंने अपने आपिो
िूंट्रोि किया और ननदा िो आवाज दी, तो ननदा ने मेरी तरफ अपना चेहरा घम
़ु ाया और मझ
़ु े दे खिर मूँह
़ु बनाते
ह़ुये तौलिया पिड़ लिया और साथ ही दरवाजा भी बूंद िर लिया।

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मैं वावपस आिर बेड पे बैठ गया और ननदा िे नहा िेने िे बाद मैं भी नहािर तैयार हो गया। तब ति अम्मी
और बाजी ने नाश्ते िे लिए आवाज िगा दी। कफर हमने लमििर नाश्ता किया।

कफर बाजी ने िहा- “अम्मी आज सब लमििर चिते हैं चेयर लिफ्ट पे…”

अम्मी ने िहा- “नहीूं, तम


़ु सन्नी िे साथ चिी जाओ हम िि हो आए थे…”

ननदा ने िहा- “तो क्या ह़ुआ अम्मी, आज कफर चिते हैं। भाई भी चिेगा हमारे साथ…”

अम्मी ने िहा- “ठीि है िेकिन मैं वावपस आ जाऊूँगी कफर तम


़ु िोग खद
़ु ही घम कफर िे आ जाना ओिे?”

अम्मी िी बात िो सबने मान लिया और कफर हम तैयार होिर चेयर लिफ्ट िी तरफ चि ददए। दटिेट िेने िे
बाद हम िोग चेयर लिफ्ट में सवार हो गये। ननदा और फरी बाजी अम्मी िे साथ बैठ गईं तो मैं उनिे सामने
बैठ गया।

लिफ्ट िी सैर िरने िे बाद अम्मी ने िहा- “अब तम


़ु िोग घमो कफरो, मैं वावपस जा रही हूँ…” और ये बोििर
अम्मी घर िी तरफ चि दी।

हम वहाूँ िे बाजार में घमने िगे कि तभी फरी बाजी िा पाूंव मड़


़ु गया और उनिो हल्िी मोच आ गई। मैंने
और ननदा ने बाजी िो सहारा ददया और डाक्टर िे पास िे गये, जहाूँ पट्टी िरवाई और दवाई िी और बाजी िो
सहारा दे िर घर िी तरफ चि ददए। िेकिन अभी हम घर से ि़ुछ ही दर थे कि मेरी नजर अचानि अम्मी पे
पड़ी और मैं चौंि गया।

मैंने अम्मी िो अपने वािे मिान से 3 घर छोड़िर एि मिान में जाते दे खा और साथ ही लसर घम
़ु ािर फरी
और ननदा िी तरफ दे खा तो वो दोनों अपने ध्यान में थीूं। यानी बाजी फरी तो पाूंव िे ददट िी वजह से इधर-
उधर िोई ध्यान नहीूं दे पा रही थी, िेकिन ननदा जो कि बाजी िो मेरे साथ लमििर दसरी तरफ से सहारा ददए
ह़ुये थी, उसिा भी सारा ध्यान बाजी िी तरफ ही िगा ह़ुआ था।

मैंने उन दोनों िो ि़ुछ ना बताने िा फैसिा किया और बाजी िो घर िे गया, जहाूँ िाि हमारा मूँह
़ु चचढ़ा रहा
था। ननदा ने िाि िी तरफ दे खते ह़ुये िहा- “यार अब अम्मी िहाूँ चिी गई िाि िगािर?”

बाजी ने िहा- “यार जहाूँ भी होंगी आ ही जायेंगी तम


़ु क्यों टे न्शन िे रही हो?” और अपने पसट में से चाबी
ननिाििर उसिी तरफ बढ़ा दी और बोिी- “िो िाि खोिो…”

ननदा ने बाजी से चाबी िी और िाि खोि ददया। हम सब घर में इन हो गये और बाजी िो रूम में िे जािर
लिटा ददया। मैंने िहा- “बाजी आप यहाूँ आराम िरो, ननदा यहाूँ ही है । अगर किसी चीज िी जरूरत ह़ुई तो ये
यहाूँ आपिे पास ही है । मैं जरा बाहर जा रहा हूँ अभी आ जाऊूँगा…” और मैं इतना बोििर बाहर ननििने िगा।

बाजी ने िहा- “क्यों भाई जाना जरूरी है क्या?”

87
मैंने हाूँ में लसर दहिा ददया और बोिा- “जी बाजी जरूरी है । बस अभी थोड़ी ही दे र में आ जाऊूँगा मैं”

बाजी ने ओिे िहा और बेड पे आराम से िेट गई। मैं घर से ननििा और मिान िे वपछिी तरफ चि ददया
जजस तरफ सारा जूंगि था और मिान िे पीछे चिते ह़ुये उस जगह पे पह़ुूँच गया, जहाूँ मैंने अम्मी िो जाते
ह़ुये दे खा था। िेकिन अब समझ में नहीूं आ रहा था कि क्या िरूूं? तभी मेरी नजर किचेन िी खखड़िी पे पड़ी
जो कि हल्िी सी ख़ुिी ह़ुई थी। मैंने इधर-उधर दे खा तो मझ ़ु े जूंगि िे इिावा ि़ुछ भी ददखाई ना ददया तो मैंने
खखड़िी िो थोड़ा सा पश ़ु किया तो वो बबना आवाज िे खि ़ु गई। मैं झट से खखड़िी िो पिड़िर ऊपर उठा और
अूंदर घस
़ु गया।

अूंदर घस
़ु ते ही मैंने अपने आपिो किचेन में पाया तो अपने माथे पे आ जाने वािा पशीना साफ िरते ह़ुये मैं
िरजते िदमों से किचेन से बाहर हाि में झाूँिा। िेकिन वहाूँ मझ
़ु े िोई नजर नहीूं आया तो मैं किचेन से हाि
में आ गया। उस वक़्त मेरी डर िे मारे हाित िाफी खराब हो रही थी। साथ बने दोनों िमरों िी तरफ दे खा
जजनमें से एि िा दरवाजा ख़ुिा ह़ुआ था िेकिन दसरा दरवाजा बूंद था और यहाूँ एि खास बात ये थी कि ये
मिान भी हमारे मिान िी तरह ही बना ह़ुआ था िोई फिट नहीूं था दोनों में ।

अब मैंने अपने आपिो थोड़ा होसिा ददया और थोड़ा झ़ुिे ह़ुये आगे बढ़ा और उस रूम िे पास जा पह़ुूँचा,
जजसिा दरवाजा ख़ुिा ह़ुआ था। वहाूँ से मैं हल्िा सा रूम में झाूँिा तो वहाूँ भी मझ
़ु े िोई नजर नहीूं आया, तो
मैं दसरे रूम िे पास चिा गया। िेकिन यहाूँ से मझ
़ु े िोई भी ऐसी जगह नजर नहीूं आ रही थी जहाूँ से मैं अूंदर
झाूँि सिता। तभी मझ
़ु े बाथरूम िी याद आई तो झट से मैं साथ वािे रूम में गया, जहाूँ मैं दे ख च़ुिा था कि
िोई भी नहीूं है , घस
़ु गया और ये दे खिर मेरी खश
़ु ी िा िोई दठिाना नहीूं रहा कि उस रूम िी तरफ से
बाथरूम िा दरवाजा ख़ुिा ह़ुआ था।

अब मैं आगे बढ़ा और िाूँपते हाथ पाूंव से बाथरूम में झाूँि िे दे खा और खािी पािर अूंदर घस
़ु गया और साथ
वािे रूम िी तरफ जो दरवाजा ख़ुिता था उसे भी हल्िा सा ख़ुिा पािर में झट से वहाूँ गया और रूम में
झाूँिने िगा। जैसे ही मेरी नजर रूम में बेड पे िेटी अपनी अम्मी पे गई तो मझ
़ु े जोर िा एि झटिा िगा।
क्योंिी मैं अम्मी िे बारे में ऐसा सोच भी नहीूं सिता था कि िभी उनिो किसी और िे मिान में ऐसी हाित
में दे खूंगा।

अभी मैं ये सब दे ख और सोच ही रहा था कि ये सब आखखर हो क्या रहा है ? तभी मझ


़ु े अम्मी िी आवाज
सन
़ु ाई दी जो कि िह रही थीूं- “सफदर अब और कितना इूंतजार िरवाओगे? बच्चे भी वावपस आने वािे हैं…”

अम्मी िी बात खतम होते ही मझ


़ु े रूम में से किसी मदट िे बोिने िी आवाज सन
़ु ाई दी, जो अम्मी से बोि रहा
था- “जान जी, जब मैं यहाूँ तम्
़ु हारी ही खानतर आया हूँ तो क्या तम
़ु अपने बच्चों िो भी नहीूं बहिा सिती?”

अम्मी ने िहा- “अब वो बड़े हो च़ुिे हैं, उनिो बहिना इतना आसान नहीूं है…”

उस सफदर नामी शख्स ने, जजसे मैं अभी ति दे ख नहीूं पाया था, िहा- “अच्छा बाबा, अब तम
़ु अपने िपड़े
उतारो, मैं तब िोई मवी तो िगा ि।ूं ऐसे मजा नहीूं आता तम
़ु जानती हो ना?” अम्मी ने उसिी बात सन
़ु ी और
झट से अपने बािी िे िपड़े भी उतार फेंिे और अपनी िमर मेरी तरफ िर दी और साथ ही अपनी पैंटी िो भी
घट
़ु नों ति नीचे खखसिा ददया और िेट गई।
88
अम्मी िो इस तरह नजारा िरते दे खिर मझ
़ु े जो गस्
़ु सा आ रहा था, अब उसिी जगह मजे ने िे िी थी जजससे
मेरा िण्ड भी अिड़ गया था। तभी एि आदमी बेड िे पास आ गया जजसे दे खिर मझ
़ु े अपनी आूँखों पे यिीन
नहीूं आया, क्योंिी वो िोई और नहीूं मेरे मूँह
़ु बोिे माम थे जो कि अक्सर हमारे घर आया िरते थे और अम्मी
िो बाजी बाजी बोिते नहीूं थिा िरते थे। इस वक़्त वो अपनी उसी बहन िे पास नूंगे खड़े थे।

तभी अम्मी िी आवाज सन


़ु ाई दी, जो बोि रही थी- “सफदर अब क्या ड्रामा है तम्
़ु हारा? आ भी जाओ…”

सफदर अूंिि हूँसते ह़ुये अम्मी िे पास बेड पे िेट गये और उन्हें किस िरने िगे और अम्मी िी चचचयाूं दबाने
िगे। अम्मी भी सफदर अूंिि िे साथ लिपटी जा रही थीूं और उन्हें अपने साथ भीूंचती ह़ुई किस िर रही थीूं।
ि़ुछ दे र ति ये सब ही चिता रहा।

कफर अूंिि ने अम्मी िो बोिा- “चिो मेरी जान, अब तैयार हो जाओ च़ुदाई िे लिए…”

अम्मी ने अूंिि िी तरफ दे खा और मश़्ु ि़ुराती ह़ुई उल्टी होिर िेट गई।

अम्मी िो उल्टा िेटा दे खिर अूंिि हूँस ददए और बोिे- “सािी ऐसे नहीूं, अपनी गाण्ड िो जरा ऊपर उठा और
ि़ुनतया िी तरह बन जा। आज तझ
़ु े ि़ुनतया िी तरह ही चोदना है…”

अम्मी ि़ुनतया िे स्टाइि में अपनी गाण्ड ऊपर उठािर और घट़ु ने बेड पे मोड़ते ह़ुये बोिी- “सफदर अब तम
़ु में
वो बात नहीूं रही जो िभी ह़ुआ िरती थी। अब तो तम ़ु बस मझ ़ु े गरम ही छोड़ दे ते हो…”

सफदर अूंिि अम्मी िे पीछे आ गये और अम्मी िी गाण्ड िो दोनों हाथों से थोड़ा खोििर अपने िण्ड िो
अम्मी िी फ़ुद्दी पे सेट िरते ह़ुये बोिे- “सािी तम
़ु हो ही इतनी गरम कि एि बूंदे िा क्या वजद है तम्
़ु हारे
सामने…” और झटिा मारा, जजससे अूंिि िा परा िण्ड अम्मी िी फ़ुद्दी में समा गया। कफर अूंिि बार-बार
अपना िण्ड अम्मी िी फ़ुद्दी से परा ननििते, परी जोर िा झटिा मारते ह़ुये अम्मी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा दे त।े

जजससे अम्मी िे मूँह


़ु से बस- “आअह्ह… सस्सीईई… सफदर मेरी जान और जोर से िरो ऊऊह्ह… सफदर…” िी
आवाज िरती और अपनी गाण्ड िो अूंिि िे िण्ड िी तरफ धिेिने िगती।

ि़ुछ दे र ति अूंिि ऐसे ही झटिे मारते रहे और कफर अम्मी िी फ़ुद्दी से अपना िण्ड ननिाििर बेड से उतर
गये और अम्मी िो भी नीचे खीूंच लिया। कफर से ि़ुनतया बना ददया और अपना िण्ड अम्मी िी फ़ुद्दी में
घस
़ु ािर च़ुदाई िरने िगे।

अब अम्मी परी तरह गरम हो च़ुिी थीूं और सफदर अूंिि िे हर झटिे पे अपनी गाण्ड भी उनिे िण्ड िी
तरफ दबा दे ती जजससे रूम में अम्मी िी- “आअह्ह… सस्स्सीईए… ऊओह्ह… सफदर उनम्म्मह…” िे साथ ही
ठप्प्प टप्प्प िी आवाज भी गूँज रही थी।

अब तो सफदर अूंिि भी अम्मी िी चद ़ु ाई िरते ह़ुये- “आअह्ह… सिमा मेरी जान ऊऊह्ह… मेरी ि़ुनतया मैं जाने
वािा हूँन ्… ऊऊह्ह…” िी तेज आवाज िरते और साथ में अम्मी िी गाण्ड पे एि जोर िा थप्पड़ भी मारते।
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जजससे अम्मी चचल्िा उठती और- “सस्स्स्सीईई सफदर िमीने कितनी बार िहा है कि ऐसा मत किया िरो…”
और इसिे साथ ही अम्मी- “ऊऊह्ह… सफदर उनम्म्मह… मेरी जान्न ्…” िी आवाज िरते ह़ुये खामोश हो गई।

वहीूं सफदर अूंिि भी 3-4 तेज झटिों िे बाद अम्मी िी फ़ुद्दी में ही अपना पानी ननिाििर साइड पे हो गये।

उन दोनों िा िाम जैसे ही फाररघ ् ह़ुआ मैं वहाूँ खखसि गया, क्योंिी अब दोनों िो बाथरूम में ही आना था
जजससे वो मझ़ु े दे ख सिते थे। इसीलिए मैं वहाूँ से जजस रास्ते से आया था ननिि गया और घर वावपस आ
गया।

***** *****
घर आया तो सामने ही सोफे पे ननदा बैठी ह़ुई थी। मझ
़ु े घर आता दे खिर बोिी- “क्या बात है भाई, िहाूँ गये थे
इतनी जल्दी में?”

मैं हूँस ददया और बोिा- “िहीूं नहीूं यार, भिा मैंने िहाूँ जाना था? बस बाजार ति चिा गया था ि़ुछ िाम
था…” और ननदा िे िरीब ही बैठ गया और मवी दे खने िगा, जो कि ननदा ही िगाए बैठी ह़ुई थी और इसिे बाद
हमारे बीच िोई बात नहीूं ह़ुई।

हमें मवी दे खते ह़ुये 15-20 लमनट ही ह़ुये थे कि ननदा उठी और रूम िी तरफ चि दी और अभी वो रूम में गई
ही थी कि अम्मी घर में इन हो गई और मझ ़ु े हाि में बैठा दे खिर बोिी- “तम
़ु िोग इतनी जल्दी आ गये? क्या
बात है , सब ठीि तो है ना? िोई झगड़ा तो नहीूं ह़ुआ तम
़ु िोगों में?”

मैंने अम्मी िी तरफ दे खा ऊपर से नीचे ति, िेकिन ि़ुछ बोिा नहीूं।

तो अम्मी ि़ुछ परे शान से हो गई और बोिी- “क्या बात है सन्नी, तम


़ु ने जवाब नहीूं ददया मेरी बात िा?”

मैंने िहा- “नहीूं अम्मी, िोई झगड़ा नहीूं ह़ुआ। बस फरी बाजी िो थोड़ी मोच आ गई है िेकिन आप िहाूँ गई
ह़ुई थीूं?”

अम्मी मेरे सामने सोफे पे बैठ गई और बोिी- “वो बेटा बस मैं वावपस आ रही थी तो सोचा कि तम
़ु िोगों िो
तो िाफी टाइम िग जाएगा वापसी में तो थोड़ा घमने ननिि गई थी मैं…”

मैं- िेकिन अम्मी आप ने तो िहा था मेरी तबीयत ठीि नहीूं है , मैं घर जा रही हूँ।

अम्मी- हाूँ हाूँ बेटा वो… वो ऐसा है ना कि बस लसर में ददट था तो मैंने सोचा कि थोड़ा ताजा हवा खाऊूँगी तो
ठीि हो जाएगा…”

मैं- अच्छा ठीि है । िेकिन अब तो आप िी तबीयत ठीि है ना?

अम्मी- हाूँ… अब िाफी अच्छा महसस हो रहा है और तम


़ु िोगों िो कितनी दे र ह़ुई घर वावपस आए ह़ुये?
90
मैं- बस ये ही िोई एि घूंटा हो ही गया है ।

अम्मी मेरा जवाब सन


़ु ते ही उठी और अपने रूम िी तरफ जाने िगी।

मैंने अचानि अम्मी से िहा- “अम्मी ये सफदर अूंिि िब आए हैं यहाूँ?”

तो अम्मी जो कि अपने रूम में जाने िे लिए मड़


़ु चि
़ु ी थीूं, एि झटिे से मेरी तरफ घमी और फटी आूँखों से
मेरी तरफ दे खने िगीूं। मैंने उस वक़्त अम्मी िा चेहरा दे खा जो कि डर और खौफ से सफेद हो गया था। अम्मी
फटी आूँखों से मेरी तरफ दे खती रही और कफर फूँसी फूँसी आवाज में बोिी- “ि् ऽक्या िहा तम
़ु ने िऽिब दऽदे खा
यहाूँ सफदर िो?”

मैं अम्मी िो घरते ह़ुये बोिा- “क्यों क्या ह़ुआ? सफदर अूंिि िा तो आप ऐसे पछ रही हो जैसे आपिो पता ही
नहीूं है ?”

अम्मी एि झटिे से वावपस सोफे पे बैठ गई। मैंने अम्मी िी हाित पे गौर किया तो मझ
़ु े पता चिा कि अम्मी
िा सारा जजश्म हल्िे-हल्िे िाूँप रहा था और उनिी आूँखों में हल्िा पानी भी साफ नजर आ रहा था।

मैंने िहा- “अम्मी आप अभी जाओ अपने रूम में इस बारे में हम बाद में बात िरते हैं…”

अम्मी फटी आूँखों िे साथ मेरी तरफ दे खती ह़ुई अपने रूम िी तरफ चिी गई। मैं भी उठा और अपने रूम में
आ गया, जहाूँ फरी बाजी और ननदा बैठी गप्पें हाूंि रही थीूं।

मझ
़ु े रूम में आता दे खिर ननदा ने बड़े स्टाइि से अपनी आूँखें मटिाई और बोिी- “क्यों भाई मवी अच्छी नहीूं
थी क्या जो आप टीवी बूंद िरिे यहाूँ आ गये हो?”

मैं हूँस ददया और बोिा- “अरे नहीूं यार, बस वैसे ही अम्मी भी आ गई हैं तो मैंने सोचा कि थोड़ा तम
़ु िोगों िे
साथ ही गप-शप िर िूँ …”

मेरी बात सन
़ु ते ही ननदा झट से बोिी- “हमारे साथ या लसफट बाजी िे साथ गप्प िगाने आए हो आप?”

तो फरी ने ननदा िो अपनी िोहनी मारते ह़ुये िहा- “ि़ुछ तो शमट किया िरो? अभी भाई ने बताया है ना कि
अम्मी घर आ चि ़ु ी हैं और अपने रूम में हैं…”

ननदा ने िहा- “क्या यार बाजी… अम्मी िौन सा हमें खा जायेंगी? आखखर मैंने ऐसा क्या बोि ददया है जो आप
इतना गस्
़ु सा िर रही हो?”

अब मैं भी बेड पे ननदा वािी साइड पे ही दटि गया और ननदा िो िान से पिड़ते हो बोिा- “ननदा इूंसान िी
बच्ची बना िरो, हर वक़्त िी मस्ती अच्छी नहीूं होती…”

91
ननदा अपना िान मेरे हाथ से छ़ुड़ाते ह़ुये बोिी- “भाई आप बाजी िे िान ही पिड़ा िरो, मेरे नहीूं…” और हेहेहेहे
िरते ह़ुये बेड से उतरी और रूम से ननिि गई।

तब फरी और मैं एि ठूं डी ‘आअह्ह’ भरिर रह गये।

ननदा िे जाने िे बाद में बेड पे सीधा होिर बैठ गया और फरी िो धीरे -धीरे सब बता ददया। अम्मी और सफदर
अूंिि िे बारे में जो कि मैं आज दे ख चि
़ु ा था। जजसे सन
़ु िर फरी ि़ुछ दे र ति है रान और चप
़ु चाप िेटी मेरी
तरफ दे खती रही, और कफर अचानि एि झटिे से मेरी तरफ झ़ुिी और मेरे साथ लिपट गई और बोिी- “भाई
अगर ये सच है तो िसम से मजा ही आ जाएगा। हम जजस तरह चाहें , मौज मस्ती िर सिते हैं। अम्मी िा भी
िोई डर नहीूं रहे गा…”

मैंने फरी िो सीधा किया और ख़ुद से अिग किया और फरी िी तरफ दे खा तो उसिा चेहरा ख़ुशी से िाि नजर
आया और उसिी आूँखों में मझ
़ु े एि अजीब से ख़ुशी और भख नजर आई। मैंने िहा- “हाूँ फरी, तम
़ु ठीि िहती
हो। िेकिन मसिा ये है कि आखखर अम्मी से अब बात किस तरह िी जाए कि वो हमारे मसिे पे जान जाने िे
बाद हमारी तरफ से अपनी आूँखें बूंद िर िें…”

फरी मेरी बात सन ़ु िर ि़ुछ दे र खामोश रही और ि़ुछ सोचती रही और कफर मेरी तरफ दे खते ह़ुये शैतानी स्माइि
से मश़्ु ि़ुराते ह़ुये बोिी- “भाई ऐसा िरो आज िी रात आप ननदा िो यहाूँ मेरे पास रूम में भेज दे ना और खद ़ु
अम्मी िे रूम में चिे जाना बात िरने िे लिए, और अम्मी से सारी बात ख़ुििर बोि दे ना कि तम
़ु क्या ि़ुछ
दे ख चि
़ु े हो समझे?”

फरी िी बात िो समझते ह़ुये मैं बोिा- “वो तो ठीि है। िेकिन हम अपना मसिा अम्मी िो किस तरह बतायें,
जजससे अम्मी हमारे इस ररश्ते िो िबि िर िें और जो हो रहा है खामोशी से होने दें ?”

फरी मेरी बात खतम होते ही बोिी- “भाई बात ये है कि आप अम्मी िो हमारे बारे में अभी ि़ुछ नहीूं बताओगे।
क्योंिी अगर अम्मी िो अभी हमारा पता चिा तो अम्मी हमारी बात नहीूं मानेंगी और सारा खेि खराब हो
जाएगा। तम
़ु ऐसा िरो कि आज रात जब अम्मी से बात िरोगे तो अम्मी तम
़ु से डर जाएूंगी और उसिे बाद तम
़ु
रात िो अम्मी िे साथ रूम में ही सोने िे लिए िेट जाना और रात िो अम्मी पे ट्राई िरना। अगर अम्मी ने
तम्
़ु हें ि़ुछ नहीूं िहा तो िाम आसान हो जाएगा कफर अम्मी हमें भी नहीूं रोि पायेंगी…”

फरी िी बात खतम होते ही मैंने िहा- “िेकिन अगर अम्मी िे साथ मस्ती िरने से अम्मी नाराज हो गई तो
सोचो िे कफर क्या होगा?”

फरी ने िहा- “ि़ुछ नहीूं होगा। बस तम


़ु अपना डर खतम िरो। अम्मी पहिे ही तम ़ु से डरी ह़ुई होंगी और वो
िभी किसी िो ये नहीूं बता सिेंगी कि तम ़ु ने यानी उसिे बेटे ने अपनी ही सगी माूँ िो किसी गैर मदट से
चद
़ु वाता दे खने िे बाद खद
़ु भी अपनी माूँ िो चोदना चाहा है । समझे मेरे भोिे भाई, या और ि़ुछ समझना है ?”

मैंने फरी िी बात पे गौर किया तो मझ


़ु े उसिा प्िान बेहतर िगा कि अगर अम्मी खामोश रही और मैं आराम
से अपनी माूँ िो चोदने में िामयाब हो गया तो कफर अम्मी किसी भी मामिे में िभी भी नहीूं बोिेंगी और
अगर अम्मी ने मेरा िाम ना होने ददया तो ज्यादा से ज्यादा मझ
़ु े रूम से ननिि दें गी िेकिन किसी िे सामने
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ि़ुछ बोिेगी नहीूं िभी भी। जैसे-जैसे मैं फरी िे प्िान पे सोचता रहा मझ
़ु े फरी िी बात िा िायि होना पड़ा
और साथ ही एि औरत िे तौर पे अपनी बहन िे बारे में सोचा कि आखखर वो इस िाम में कितना आगे
ननिि गई है कि अब वो िण्ड िे लिए अपनी ही सगी माूँ िो भी उसिे बेटे और अपने सगे छोटे भाई से भी
च़ुदवाने िे लिए तैयार है ।

तभी फरी ने मझ
़ु से पछा- “सन्नी भाई, क्या सोच रहे हो आप?”

मैंने ठूं डी ‘आह्ह’ भरी और बोिा- “बस तम्


़ु हारे बारे में ही सोच रहा था कि तम
़ु क्या थी और क्या बनती जा रही
हो?

फरी हूँस दी, बोिी- “तो तम्


़ु हें किसने िहा था कि अपनी ही बहन िो च़ुदवाने में अपने दोस्त िी मदद िरो…"

फरी िी ये बात मेरे लिए किसी झटिे से िम नहीूं थी, क्योंिी फरी िो अभी ति ये नहीूं पता था कि िाशी ने
मेरी मदद से फरी िो चोदा था। क्योंिी उस वक़्त तो मझ
़ु े खद
़ु िो ही पता नहीूं था कि िाशी जजस िड़िी िो
चोदने वािा है वो मेरी बड़ी बहन फरी ही है ।

मेरे चेहरे पे सोच और है रानी िी िहरों िो दे खते ह़ुये फरी ने िहा- “भाई जी बात ये है कि िाशी और नीि मझ़ु े
सब बता चि ़ु े हैं कि किस तरह ये सब ह़ुआ? और वो जो उनिे घर पे पदे िे पीछे ह़ुआ, नेट पे ह़ुआ, सब पता
चि च़ुिा है मझ
़ु …
े ” और हूँसने िगी।

मैं एि ठूं डी ‘आह्ह’ भरिर रह गया और बोिा- “हाूँ बाजी, आप ने सच िहा िे ये सब मेरा ही किया धारा है …”
उसिे बाद मैंने फरी बाजी िे साथ रात िे लिए सारी प्िाननूंग िर िी। जजसिे बाद बाजी ने ननदा से अम्मी िे
सामने ही िह ददया कि आज रात िो ननदा उसिे रूम में सो जाए, क्योंिी उसे िोई जरूरत भी पड़ सिती है ,
तो ननदा उसिी मदद िर दे गी।

ननदा ने पहिे तो हमारी तरफ है रानी से दे खा िेकिन ि़ुछ बोिी नहीूं, बस हाूँ में लसर दहिा ददया और कफर मैं
रात िा इूंतजार िरने िगा।

टाइम था कि गज
़ु रे नहीूं गज
़ु र रहा था और िण्ड था कि बबठाने से नहीूं बैठ रहा था, और अम्मी थी कि जब भी
मेरी नजर उनसे लमिती, मझ
़ु े उनमें एि बबनती सी नजर आती। जैसे कि वो आूँखों ही आूँखों में मझ
़ु से माफी
माूँग रही हों, और किसी िो ि़ुछ भी ना बताने िे दरख्वास्त िर रही हों। िेकिन मैं उनसे अूंजान बना टाइम
पास िरता रहा।

कफर ननदा और अम्मी ने लमििर खाना बनाया रात िा जजसिे बाद बाजी िो भी ननदा सहारा दे िर बाहर ही िे
आई, जहाूँ हम सबने लमििर खाना खाया और खाना खाते ह़ुये मैंने ननदा और फरी बाजी िी तरफ दे खिर िहा-
“यार आज मैं तम्
़ु हें ि़ुछ बताना चाहता हूँ…”

अभी मैंने इतना ही िहा था कि अम्मी झट से बोि पड़ी- “आराम से खाना खाओ जो भी बोिना या बताना है
सब
़ु ह बता दे ना, अभी सब थि चि
़ु े हैं…”

93
अम्मी िे इस तरह मेरी बात िाटने से ननदा िाफी है रान ह़ुई िेकिन फरी बाजी अपना लसर झ़ुिािर बैठी धीमी
मश़्ु िान से खाना खाती रही।

िेकिन ननदा से बदाटश्त नहीूं ह़ुआ तो वो झट से बोि पड़ी- “अम्मी आज तो हम िहीूं गये भी नहीूं जो थि
जाते। भाई आप बताओ ना क्या बताने वािे थे…”

मैंने लसर उठािर अम्मी िी तरफ दे खा तो मझ


़ु े अम्मी िी आूँखों में साफ तौर से खौफ और परे शानी िे साथ
एि बबनती नजर आई कि प्िीज़्ज… सन्नी ि़ुछ मत बोिो।

िेकिन अब क्योंिी मेरा यूं खामोश रहना ननदा िो शि में डाि सिता था, इसलिए मैंने िहा- “यार वो मैंने
अम्मी से आज इजाजत िे िी है वहाूँ तािाब पे जाने िी और अम्मी भी वहाूँ हमारे साथ ही जायेंगी…”

मेरी बात सन
़ु िर जहाूँ ननदा िा मूँह
़ु बन गया, वहीूं अम्मी िी रुिी ह़ुई साूंस भी बहाि हो गई। क्योंिी मैंने
अम्मी िी बात मानते ह़ुये खामोशी इजख्तयार किए रखी थी और अभी ति ि़ुछ नहीूं बोिा था। िेकिन ननदा िा
मेरी बात सन
़ु िर मूँह
़ु इसलिए बन गया था कि अम्मी िे होते वहाूँ तिब पे िोई मस्ती नहीूं हो सिती थी।

खैर, हम सबने खाना खाया और ननदा बाजी िो अपने साथ रूम में िे गई और अम्मी ने बतटन उठािर किचेन
में रखे और अपने रूम में चिी गई। मैं वहीूं बैठ गया और टीवी दे खने िगा, क्योंिी मैं चाहता था कि जब मैं
अम्मी िे रूम में जाऊूँ तो िम से िम ननदा उस वक़्त सो च़ुिी हो और अम्मी िा तो मझ
़ु े यिीन था कि वो
जब ति मैं उनिे रूम में नहीूं जाऊूँगा जागती रहें गी। क्योंिी अम्मी भी मेरे साथ बात िरना चाह रही थीूं।

खैर, मैं मवी दे खता रहा और 0:30 बजे टीवी बूंद किया और धड़िते ददि िे साथ अम्मी िे रूम में चिा गया,
जहाूँ अम्मी बेड िे साथ टे ि िगािर नीचे ही बैठी ह़ुई थीूं और टीवी िे चैनेि बार-बार चें ज िर रही थीूं। जैसे
ही मैं रूम में इन ह़ुआ अम्मी ने मेरी तरफ दे खा और टीवी बूंद िर ददया।

मैंने भी रूम िा दरवाजा िाि िर ददया और अम्मी िे िरीब ही बेड पे जा बैठा, जजससे अब ि़ुछ रूम िा
मूंजर इस तरह था कि मैं बेड पे बैठा ह़ुआ था और अम्मी नीचे मेरे पैरों में बैठी ह़ुई थी। ि़ुछ दे र ति मैं अम्मी
िी तरफ दे खता रहा और अम्मी अपना लसर झि ़ु ाए मेरे पैरों में बैठी रही।

मैंने धीरे आवाज में अम्मी से िहा- “अम्मी मझ


़ु े आप से ये उम्मीद नहीूं थी कि आप हमारी इज्जत इस तरह
गैरों िे आगे नीिाम िरती कफरोगी, आपिो जरा भी शमट नहीूं आई कि आपिी दो बेदटयाूं भी हैं, और बेटा भी
है । अगर िोई गड़बड़ ह़ुई तो हम किसी िो मूँह
़ु ददखाने िे िाबबि नहीूं रहें गे। और जब ये सब मैं फरी बाजी
और ननदा िो बताऊूँगा तो उनपे आप िा ये रूप ख़ुिने िे बाद क्या हाित होगी िभी सोचा आपने?”

मेरी बात खतम होते ही अम्मी ने अपने दोनों हाथों से मेरे पाूंव पिड़ लिए और उनिी आूँखों से आूँस बहने िगे
और अम्मी रोती सी आवाज में बोिी- “प्िीज़्ज… सन्नी बेटा इस बात िो अपने ति ही छ़ुपा िो बेटा। अगर
तम्
़ु हारी बहनों िो पता चिा तो मैं उनिी नजरों से चगर जाऊूँगी बेटा, और िभी उनिे सामने अपनी आूँख भी
नहीूं उठा सिूं गी। प्िीज़्ज… सन्नी मैं माूँ हूँ तम्
़ु हारी। मझ
़ु े एि बार माफ िर दो। मैं आज िे बाद ऐसा िभी नहीूं
िरूूंगी।

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मैं ऐसे ही बैठा अम्मी िी तरफ दे खता रहा और अपने पाूंव अम्मी से छ़ुड़ाने िी िोई िोलशश भी नहीूं िी, और
ि़ुछ दे र िे बाद बोिा- “नहीूं अम्मी, मझ
़ु े फरी बाजी और ननदा िो सब बताना ही होगा। क्योंिी आप और
सफदर अूंिि िब से ये सब िर रहे हो, और अब भी अगर मझ
़ु े पता ना चिता और मैं दे ख ना िेता तो भी
पता नहीूं िब ति आप िोग हमारी आूँखों में धि झोंिते रहते और इस बात िी आगे क्या गारें टी होगी कि
आप सच में दोबारा ये सब नहीूं िरोगे?”

अम्मी ने अब भी ना तो मेरे पाूंव छोड़े और ना ही लसर उठाया और ऐसे ही बोिी- “बेटा मैं माूँ हूँ तम्
़ु हारी। मैं
तम्
़ु हारी और तम्
़ु हारी बहनों िे लसर िी िसम खाती हूँ कि आज िे बाद ऐसा िभी नहीूं िरूूंगी…”

मैंने अम्मी िो टोि ददया और बोिा- “ठीि है अम्मी, मैं सोचोंगा कि आप पे भरोसा िरते ह़ुये आपिो मोिा
ददया जाए या कफर ननदा और फरी बाजी िो बता ददया जाए? िेकिन आप ये बताओ कि आपिा और सफदर
अूंिि में ये सब िब से चि रहा है ?”

अम्मी ने अपना लसर उठािर मेरी तरफ दे खा और कफर से लसर झ़ुिा लिया और बोिेी- “सफदर िे साथ 15
साि हो गये हैं…”

मैं अम्मी िी बात सन


़ु िर है रान रह गया और बोिा- “तो क्या आप और सफदर अूंिि अब्ब िी मौत से पहिे
से ही ये सब िर रहे हो, और अब्ब िो पता भी नहीूं चिा?”

अम्मी ने अपना लसर नहीूं उठाया और खामोश बैठी रही। िेकिन मेरे पाूंव अब अम्मी ने छोड़ ददए थे।

मैंने अम्मी िी तरफ से िोई जवाब ना लमिने पे िहा- “आप बता क्यों नहीूं रही अम्मी?”

तो अम्मी ने िहा- “ये सब तम्


़ु हारे अब्ब िी इजाजत और मजी से होता रहा है…”

अम्मी िी बात सन
़ु िर मझ
़ु े एि जोर िा झटिा िगा, क्योंिी मझ
़ु े अम्मी से ऐसे किसी जवाब िी उम्मीद नहीूं
थी। जजससे मझ
़ु े झटिा सा िगा और मैं खामोश सा हो गया। अम्मी ने भी अपना लसर उठाया और मेरी तरफ
दे खती रही और कफर से लसर झि
़ु ािर खामोश हो गई और मैं भी ि़ुछ दे र ति खामोश बैठा अपनी अम्मी िी
तरफ से लमिने वािे जवाब पे गौर िरता रहा।

ि़ुछ दे र बाद मैंने एि िूंबी सी साूंस िी और बोिा- “तो क्या अब्ब और सफदर अूंिि िे इिावा भी आपने
किसी िे साथ किया है?”

अम्मी ने हाूँ में लसर दहिा ददया और बोिी- “तम्


़ु हारे अब्ब िभी िभार अपने एि-दो दोस्तों िो िे आया िरते थे
घर पे, और शराब वपया िरते थे। जजसमें वो िोग मझ
़ु े भी शालमि िर लिया िरते थे जजसिे बाद सब लमििर
मेरे साथ किया िरते थे…”

अम्मी िी बातों से मझ
़ु े हर पि नया झटिा लमि रहा था और अब अम्मी भी बबना खझझिे मझ
़ु े हर बात
बताती जा रही थीूं। मैंने िहा- “तो कफर आप किस तरह िसम खा सिती हो कि आप ऐसा िभी नहीूं िरोगी?
क्योंिी आपिो जो आदत पड़ च़ुिी है, वो आसानी से जाने वािी तो नहीूं है…”
95
अब िी बार अम्मी खामोश रही तो मैंने अम्मी से िहा- “अब आप िब ति यूं मेरे पैरों में बैठी रहोगी ऊपर आ
जाओ बेड पे और मझ
़ु े सोचने दें कि मैं क्या िर सिता हूँ आपिे लिए और इस घर िे लिए?”

अम्मी नीचे से उठी और बाथरूम चिी गई और हाथ मूँह


़ु धो िे वावपस आ गई और बेड पे बैठ गई। मैं उठा
और िाइट बूंद िरिे जीरो पावर िी िाइट ओन िर दी और बेड िी एि साइड पे िेट गया।

अम्मी बेड िी दसरी साइड िेट गई और बोिी- “सन्नी बेटा अगर तम


़ु अपनी माूँ िो माफ िर सिो तो अच्छा
है क्योंिी मैं जानबझ िे ये सब नहीूं िरती। ये सब तम् ़ु हारे अब्ब िी िगाई ह़ुई आग िा नतीजा ही है कि आज
मैं अपने ही सगे बेटे से माफी माूँग रही हूँ, मेरे लिए इस बऱु ा और क्या हो सिता है ?”

मैंने अम्मी िो िोई जवाब नहीूं ददया तो अम्मी ने िरवट बदि िे अपना चेहरा दसरी तरफ िर लिया और
अपनी गाण्ड मेरी तरफ िर िी और मैं इूंतजार िरने िगा कि अम्मी सो जायें और मैं ि़ुछ हरित िरूूं और
अब तो मझ
़ु े ि़ुछ-ि़ुछ उम्मीद भी हो चिी थी कि अम्मी मझ
़ु े ि़ुछ भी िरने से मना नहीूं िरे गी, क्योंिी अम्मी
ने खद
़ु ही मझ
़ु े बता ददया था कि वो कितनी बड़ी गश्ती हैं।

अम्मी मेरी तरफ अपनी िमर किए िेटी ह़ुई थीूं और मैं बार-बार उनिी गाण्ड िी तरफ दे खते ह़ुये अपना िण्ड
मसि दे ता था, क्योंिी मझ
़ु से अब और ज्यादा बदाटश्त नहीूं हो रहा था। िेकिन क्योंिी अभी मझ
़ु े ि़ुछ दे र
इूंतज
े ार िरना था, जजसिी वजह से मैं बड़ी मज़ु श्िि से अपने आपिो िूंट्रोि िर पा रहा था।

खैर, अम्मी िो िरवट बदि िे िेटे हो अभी िोई 5 लमनट ही ह़ुये होंगे और इस दौरान मैं ये भी जानता था
कि अम्मी अभी ति सोई नहीूं होंगी क्योंिी आज उनिा राज मझ
़ु े यानी उनिे एििौते बेटे िो पता चि चि ़ु ा
था, तो अम्मी िो नीूंद किस तरह आ सिती थी? िेकिन अब मझ
़ु में बदाटश्त खतम हो चि
़ु ी थी, जजसिी वजह
से मैंने उसी वक़्त ररस्ि िेने िा फैसिा किया, और धीरे से खखसि िे अम्मी िे िरीब हो गया।

और अम्मी िी तरफ िरवट िेते ह़ुये अपना िण्ड जो कि पहिे ही जोश से भरा ह़ुआ था, अपनी माूँ िी गाण्ड पे
टच किया और साथ ही अम्मी िो आवाज दे ने िगा- “अम्मी क्या आप जाग रही हो अभी? अम्मी-अम्मी…”

िेकिन अम्मी िी तरफ से िोई जवाब नहीूं लमिा तो मैं समझ गया कि मेरे िण्ड िे टच होते ही अम्मी सब
ि़ुछ समझ च़ुिी होंगी और अब दे खना चाहती होंगी कि मैं िहाूँ ति जाता हूँ? जजसिी कि मैं अब परवाह िरना
भी नहीूं चाहता था। अम्मी िी तरफ से िोई जवाब ना लमिने पे मैंने अपना बाज अम्मी िे ऊपर रख ददया
फैिािर, जजससे मेरा हाथ अम्मी िे बाज से होता ह़ुआ अम्मी िी चचचयों पे चिा गया।

मेरा हाथ अम्मी िी चचचयों से टच होना ही था कि मेरा परा जजश्म मजे िी एि अूंजानी िज्जत से लसहर उठा
और साथ ही मैंने अपना िण्ड अपनी माूँ िी गाण्ड पे थोड़ा जोर से दबा ददया। जजससे मेरा िण्ड अम्मी िी
गाण्ड िी दरार में सिवार िे ऊपर से ही घस
़ु गया, और साथ ही मैं अपनी अम्मी िी चचचयों िो भी हल्िे से
सहिाने िगा। जजससे मेरा मजा सातवें आसमान ति जा पह़ुूँचा। िेकिन अम्मी खामोश पड़ी ये सब होने दे रही
थी, जजससे मेरा हौसिा बढ़ता चिा गया। ि़ुछ दे र ति मैं अम्मी िी चचचयों सहिाता रहा और उसिे बाद मैंने
अपना हाथ अम्मी िी चचचयों से नीचे खखसिाया और अम्मी िी सिवार ति िे गया और हाथ से अम्मी िी
िमीज िा पल्ि हटा ददया।
96
फर अपना हाथ जैसे ही अम्मी िी सिवार में घस
़ु ाने िगा, तभी अचानि अम्मी िा जजश्म दहिा और अम्मी ने
मेरा हाथ पिड़ लिया और अपना चेहरा पीछे मेरी तरफ घम
़ु ािर दे खते ह़ुये बोिी- “सन्नी ये क्या िर रहे हो
तम
़ु ? मैं माूँ हूँ तम्
़ु हारी…”

अम्मी िी बात सन
़ु िर मझ
़ु े थोड़ा गस्
़ु सा आ गया और मैंने अपना हाथ अम्मी से छ़ुड़ा लिया और बोिा- “हाूँ…
पता है आप मेरी माूँ हो, िेकिन ये बात आपिो तब याद नहीूं होती जब आप सफदर अूंिि से चद
़ु वाने जाती
हो, या कफर अब्ब िे सामने उनिे दोस्तों से च़ुदवाया िरती थी। अगर मैंने ि़ुछ िर ददया तो आपिो हर बात
याद आने िगी है…”

अम्मी ने अपने आपिो मेरी तरफ घम


़ु ाने िी िोलशश िी जजससे कि मैं धक्िा िगने से सीधा हो गया और
अम्मी मेरी तरफ िरवट िेिर अपने हाथ िो लसर िे नीचे दटिािर जजससे अम्मी िा चेहरा मझ
़ु से ऊूंचा हो
गया। अम्मी बोिी- “दे खो सन्नी, हम माूँ बेटा हैं। मैं मानती हूँ कि मैं आज ति अपनी मजी से या तम्
़ु हारे अब्ब
िी ख़ुशी िे लिए जो ि़ुछ िरती रही हूँ गित था, िेकिन अगर तम
़ु ये चाहते हो कि मैं वो सब ि़ुछ तम्
़ु हारे
साथ िरूूं तो बेटा ये नहीूं हो सिता। क्योंिी हमारा मअ
़ु शरा और मजहब हमें इस चीज िी इजाजत नहीूं दे ता…”

अम्मी िी बात खतम होते ही मैं उठिर बैठ गया और बोिा- “मैं जानता हूँ कि ये सब गित है , और अगर
किसी िो पता चिा तो बह़ुत बऱु ा होगा और मैं मानता हूँ कि ये बह़ुत बड़ा गऩु ाह है । िेकिन जब आप आज ति
गैर मदों िे साथ गन
़ु ाह िरती आई हो, तो मझ़ु े भी इस गन ़ु ाह िा मजा िेना है । और अगर आप ने मना किया
तो याद रखना अम्मी कि मैं किसी से ि़ुछ बोिग
ूं ा तो नहीूं, िेकिन हमेशा िे लिए आपिो और घर िो छोड़िर
चिा जाऊूँगा…”

ये धमिी मैंने इसलिए दी थी कि मिान और दि


़ु ान वगैरा अब्ब मेरे नाम िर गये थे मरने से पहिे ही,
जजसिी वजह से अम्मी मझ
़ु े िभी ख़ुद से अिग नहीूं िर सिती थीूं।

मेरी बात सन
़ु िर अम्मी िे चेहरा पे परे शानी िे आसार नजर आने िगे, तो मैंने िहा- “दे खो अम्मी, बात ये है
कि आप क्या िरती थीूं, अब भी िरती रहो। िेकिन अब अब्ब िी जगह आप मझ
़ु े अपनी िाइफ में शालमि िर
िो, इसमें हम सबिा ही भिा है …”

अम्मी ि़ुछ सोच में पड़ गईं और ि़ुछ दे र बाद बोिीूं- “िेकिन सन्नी बेटा, फरी और ननदा िो अगर पता चि
गया तो मैं उनिो क्या मूँह
़ु ददखाऊूँगी?”

अम्मी िी बात से मैं ख़ुश हो गया और बोिा- “दे खो अम्मी, बात ये है कि जब ति हम िोई बे एहनतयाती नहीूं
िरें गे उन्हें िैसे पता चिेगा किसी बात िा? और अगर उन्हें ि़ुछ पता चिा भी तो वक़्त आने पे दे खा जाएगा।
जो बात अभी ह़ुई नहीूं उसिे लिए इतनी परे शानी क्यों उठाना?”

अम्मी- “िेकिन कफर भी सन्नी, ये सब गित है बेटा। आखखरिार, मैं माूँ हूँ तम़्ु हारी…” अम्मी ये बात िरते ह़ुये
ट्राउजर में खड़े मेरे िण्ड िी तरफ ही दे ख रही थी। जजससे मैंने और ज्यादा टाइम जाया िरना मन ़ु ालसब ना
समझते ह़ुये अम्मी िी तरफ िरवट िी और अपनी अम्मी िे सीने से िग गया और अपने होंठ अम्मी िे
साफ्ट होंठों पे रख ददए और किस िरने िगा।
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मैं अम्मी िो थोड़ी दे र ति किस िरता रहा जजसमें अम्मी मेरा साथ नहीूं दे रही थी। जजसिा मैंने ि़ुछ भी बऱु ा
नहीूं माना। क्योंिी मैं समझ सिता था कि अम्मी इतनी जल्दी नहीूं ख़ुिने वािी। और उठिर बैठ गया और
अम्मी िी तरफ दे खते ह़ुये हल्िा सा मश़्ु ि़ुराया तो अम्मी ने मूँह
़ु बनाते ह़ुये अपनी आूँखें बूंद िर िीूं। मैं अम्मी
िी टाूँगों िे पास खखसि आया और अपने दोनों हाथ अम्मी िी सिवार पे डािे और धीरे से नीचे खखसिाने
िगा और साथ ही मैं अम्मी िी तरफ भी दे खता जा रहा था, जहाूँ अब मझ
़ु े अपनी अम्मी िे चेहरे पे पशीना
साफ नजर आने िगा था। िेकिन अम्मी ने ना तो मेरा हाथ रोिा और ना ही अपनी आूँखें खोिी।

मैंने धीरे -धीरे अम्मी िी सिवार उतार दी, जजससे अम्मी िी चचिनी और मि
़ु ायम रानें बबल्ि़ुि नूंगी मेरे सामने
आ गईं। मैंने अम्मी िी रानों िो पिड़िर धीरे से फैिा ददया जजन्हें अम्मी ने अपस में दबा रखा था। जैसे ही
अम्मी िी रानों िो खोििर मैंने अपनी अम्मी िी फ़ुद्दी िो दे खा तो मेरा िण्ड तेजी से झटिे खाने िगा,
क्योंिी आज मैं उस औरत िी फ़ुद्दी िो दे ख रहा था, जजसिी फ़ुद्दी में से मैं ननििा था। अम्मी िी फ़ुद्दी
बबल्ि़ुि साफ थी बिों िा जरा भी नाम-ओ-ननशान ति ना था। जजसे दे खते ही मेरे मूँह
़ु में पानी भर आया और
मैं अम्मी िी टाूँगों िो परा खोिते ह़ुये बीच में आ गया और अपना लसर झ़ुिािर अम्मी िी फ़ुद्दी चाटने िगा।

अम्मी िी फ़ुद्दी जो कि पहिे ही अपने ही पानी से भीगी ह़ुई थी, और एि नमिीन सा और बड़ा अजीब सा
टे स्ट दे रही थी। मैं अपनी ज़ुबान िो ऊपर से नीचे िी तरफ चिाते ह़ुये चाटने िगा।

जजससे ि़ुछ ही दे र में अम्मी भी अपनी गाण्ड िो थोड़ा सा उठािर मेरे मूँह
़ु िी तरफ दबाने िगी और साथ ही
हल्िी आवाज में- “सस्सीईई… आअह्ह… सन्नी मत िरो ऊओह्ह… बेटा…” िी आवाज िे साथ ही मेरा लसर अपनी
फ़ुद्दी िी तरफ दबाने िगी।

मैं भी अपनी जब
़ु ान िो अम्मी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ािर चस
़ु ाई िरने िगा, जजससे अम्मी िी लससकियाूं और भी
बढ़ने िगीूं और उनिे मूँह
़ु से- “आअह्ह… सन्नी उनम्म्मह… हाूँन ् खा जाओ आज अपनी अम्मी िी फ़ुद्दी िो
ऊऊओह्ह… सन्नी ज़ुबान िो परा घस
़ु ािर चाटोओ प्िीज़्ज… हाूँन ् मजा आ रहा है बेटा उफफ्र्फ…” िी आवाज
िरने िगी।

अम्मी िी इन आवाजों से मझ
़ु े साफ पता चि रहा था कि अब अम्मी परी तरह गरम हो चि
़ु ी हैं, और िोई भी
िम्हा जजसमें अम्मी िी फ़ुद्दी पानी छोड़ने वािी है, तो मैं अचानि अम्मी िी फ़ुद्दी िो चाटना छोड़िर उठा
और अपने िपड़े उतारने िगा। अम्मी ने एि झटिे से अपनी आूँखें खोिी और मेरी तरफ दे खने िगी और जैसे
ही मैं नूंगा ह़ुआ तो अम्मी िी नजर मेरे िण्ड पे दटिी ह़ुई थी और उनिी जब
़ु ान खश़्ु ि होते होंठों पे घम रही
थी।

क्योंिी मैं भी िाफी दे र से ख़ुवारर िाट रहा था इसलिए अब और ज्यादा दे र ना िरते ह़ुये मैं कफर से अम्मी िी
टाूँगों में आ गया और अपना िण्ड अम्मी िी फ़ुद्दी पे दटिािर हल्िा सा झटिा ददया तो मेरा िण्ड अम्मी िी
गीिी फ़ुद्दी में बड़े मजे से जाने िगा, और अम्मी ने िण्ड िे घस
़ु ते ही अपनी आूँखों िो बूंद िर लिया और
नीचे से अपनी गाण्ड िो मेरे िण्ड िी तरफ दबा ददया। मैं अम्मी िा इशारा समझते ह़ुये अम्मी िी टाूँगों िो
परा फैिािर अपना वजन टाूँगों पे डाििर अपने िण्ड िो थोड़ा बाहर खीूंचते ह़ुये परी जान से झटिा ददया और
अपना िण्ड अपनी अम्मी िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा ददया।

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िण्ड िे परी जान से घस
़ु ते ही अम्मी िे मूँह
़ु से- “सस्सीईई… धीरे िरोऽऽऽ सन्नी बेटा, ऐसे क्यों िर रहे हो?
आआह्ह…” िी आवाज ननिि गई।

अम्मी िी बात सन
़ु ते ही मैंने कफर से वैसे ही झटिा ददया और बोिा- “सािी गश्ती ज्यादा नखरा ना िर जजतने
िण्ड त अपनी फ़ुद्दी में िे च़ुिी है, तझ
़ु े अब क्या फरि पड़ता है धीरे या जोर से िरने िा?”

मेरे हर झटिे से अम्मी िे मूँह


़ु से िज्जत भरी लससकियाूं ननिि रही थीूं और साथ ही अम्मी- “आअह्ह… सन्नी
बेटा आराम से िरो ज्यादा मजा आता है… ऊऊह्ह… सन्नी बह़ुत अरसे िे बाद ऐसे जवान िण्ड िा मजा लमिा
है तेरी माूँ िो बेटा आअह्ह… धीरे -धीरे परा गहराई में घस
़ु ािर चोदो बेटा उनम्म्मह…” िी आवाज िरने िगी।

और अपनी गाण्ड मेरे हर झटिे पे उछाि िे मेरे िण्ड िी तरफ भी दबाती जजससे मेरे हर झटिे िी स्पीड बढ़
जाती और कफर अम्मी ने अपनी टाूँगों िो मझ
़ु से छ़ुड़ा लिया और मझ
़ु े अपने ऊपर खीूंचिर अपनी टाूँगों िो मेरी
िमर पे िस लिया, जजससे मझ
़ु से झटिे सही से नहीूं िग रहे थे। तो अम्मी नीचे से अपनी फ़ुद्दी िो ऊपर
नीचे नघसने िगी, जजससे मैं मजे से पागि होने िगा और अम्मी िी िमीज िो ऊपर िरिे ब्रा से अम्मी िी
चचचयों िो ननिाििर चसने िगा।

तब अम्मी ख़ुद ही अपनी फ़ुद्दी िो मेरे िण्ड पे रगड़ िे मजे िेने िगी और साथ ही- “आआह्ह… सन्नी बेटा
उूं म्म्मह… बड़ा मजा आ रहा है मेरी जान… आज िे बाद अपनी अम्मी िी भख तम
़ु लमटाया िरना बेटा
उनम्म्मह… ऊऊह्ह… सन्नी मैं गई सन्नी थोड़ा जोर से मसिो मेरे मम्मों िो ऊऊह्ह… उनम्म्मह…” िी आवाज िे
साथ ही जैसे अम्मी िी फ़ुद्दी में गरम-गरम सेिाब सा आ गया और अम्मी ननढाि सी हो गई।

मैं सीधा ह़ुआ और कफर से अम्मी िी फ़ुद्दी में तेजी से अपने िण्ड िो अूंदर-बाहर िरने िगा, जजससे रूम में
थप्प-थप्प िी आवाजें गूँजने िगीूं और कफर मैं भी दो लमनट में ही अम्मी िी फ़ुद्दी में फाररघ ् हो गया और
अम्मी िे ऊपर ही चगरिर िूंबी साूंसें िेने िगा।

थोड़ी दे र हम दोनों माूँ बेटा ऐसे ही िेटे रहे और कफर अम्मी ने मझ


़ु े अपने ऊपर से हटा ददया जजससे मैं अम्मी
िी साइड में होिर िेट गया। अम्मी ने मेरी तरफ िरवट िी और अपनी एि टाूंग मेरे ऊपर रख िी और बोिी-
“क्यों सन्नी, अब खश
़ु हो न तम
़ु ? मेरे साथ ये सब िरिे अब तो तम
़ु अपनी अम्मी और बहनों िो छोड़िर नहीूं
जाओगे ना?”

मैंने भी अम्मी िी तरफ िरवट िी और अम्मी िे सीने से िग गया और बोिा- “नहीूं अम्मी, जजस तरह आप
मझ
़ु े प्यार िरती हो मैं आपिो छोड़िर जाने िा सोच भी नहीूं सिता िभी। वो तो मैं बस मजाि िर रहा था
बस…” और इतना बोिते ह़ुये अम्मी से बऱु ी तरह चचमेट गया और किस िरने िगा।

अम्मी भी मझ
़ु े किस िा जवाब किस से दे ती रही और कफर मेरे सीने पे हाथ रखिर मझ
़ु े अिग िर ददया और
बोिी- “बस सन्नी बेटा, अब और ि़ुछ नहीूं। आज िे लिए इतना ही बह़ुत है । अब सो जाओ…” और खद
़ु उठिर
अपने िपड़े िेिर बाथरूम में जा घस़ु गई।

मैं अम्मी िे बेड पे नूंगा ही पड़ा रह गया और सोचने िगा कि क्या मैंने अपनी अम्मी िे साथ ये सब जो किया
है , क्या ठीि है? तो मेरे अूंदर से जवाब आया कि हाूँ जजस तरह तम्
़ु हें और फरी बाजी िो च़ुदाई िी जरूरत है ,
99
उसी तरह अम्मी भी िण्ड िी प्यासी हैं और उन्हें भी परा हि है कि अपनी िाइफ एूंजाय िरें । ये सोच आते ही
में मत
़ु मइन हो गया और अपनी आूँखें बूंद िरिे सोने िी िोलशश िरने िगा।

मझ़ु े अपनी आूँखें बूंद किए अभी ि़ुछ ही दे र ह़ुई थी िे अम्मी रूम में आ गई और खामोशी से मेरे साथ बेड पे
िेट गई, िेकिन ि़ुछ बोिी नहीूं और खामोशी से िेटी रही। मैं भी च़ुपचाप िेटा रहा, क्योंिी मैं समझ रहा था
कि अम्मी िो ये सब जो अम्मी और मेरे बीच ह़ुआ है उसे हजम िरना मज़ु श्िि हो रहा होगा। जजस वजह से
मैंने भी अम्मी से िोई बात नहीूं िी और आूँखें बूंद किए सोता बना रहा, जजससे िब मेरी आूँख िगी मझ
़ु े पता
ही नहीूं चिा।

सब
़ु ह जब मेरी आूँख खि
़ु ी तो 9:00 से ऊपर िा टाइम हो रहा था िेकिन मैं अभी भी नूंगा ही अम्मी िे बेड पे
िेटा ह़ुआ था, िेकिन अब मेरे ऊपर अम्मी ने चादर डाि दी थी। मैं जल्दी से उठा और अपने िपड़े उठािर
बाथरूम में जा घस ़ु ा और नहािर िपड़े पहनिर बाहर ननििा तो दे खा कि बाजी फरी बाहर बैठी टीवी दे ख रही
थी। िेकिन अम्मी और ननदा िहीूं भी नजर नहीूं आ रही थीूं।

फरी मझ ़ु े दे खिर मश़्ु ि़ुराने िगी और टीवी बूंद िरते ह़ुये बोिी- “क्यों भाई क्या हाि है आपिा? िगता है रात
नीूंद ठीि से नहीूं आई मेरे भाई िो…”

मैं भी हूँस ददया और बोिा- “हाूँ यार नई जगह थी ना इसलिए…” और फरी िे िरीब ही बैठ गया और बोिा-
“अच्छा ये अम्मी और ननदा नजर नहीूं आ रहे, िहाूँ हैं दोनों?”

फरी ने िहा- “भाई अम्मी और ननदा जरा सफदर अूंिि िी तरफ गई हैं, अभी आ जायेंगी। आप बैठो मैं नाश्ता
िाती हूँ आपिे लिए। िगता है िाफी भख िग रही है आपिो?”

फरी िी बात समझते ह़ुये मैं भी हूँस ददया और बोिा- “नहीूं यार, अब ऐसी भी िोई बात नहीूं। बस थोड़ा थिा
ह़ुआ हूँ घमने कफरने से ठीि हो जाऊूँगा। बािी तम
़ु बैठो मैं ख़ुद ही नाश्ता िे िेता हूँ। तम्
़ु हारा पाूंव ठीि नहीूं
है …”

फरी ने िहा- “नहीूं तम


़ु बैठो। अब िाफी बेहतर है, हल्िी सी मोच थी अब आराम है । मैं िाती हूँ नाश्ता…” और
उठिर किचेन िी तरफ चि दी।

मेरा नाश्ता, जो कि पहिे से ही तैयार था, बाजी जल्दी से िे आई और आते ही मेरे सामने नाश्ता रखते ह़ुये
बोिी- “तो क्या रहा भाई? िहाूँ ति बात पह़ुूँची रात िो?”

मैंने नाश्ते िी तरफ हाथ बढ़ते ह़ुये िहा- “यार जो तम


़ु चाहती थी वो सब हो गया है । अब अम्मी हमारे हाथ में
हैं और अब हमें िोई मसिा नहीूं है …”

बाजी ख़ुशी से मझ
़ु े लिपट गई।

मैंने बाजी िो पीछे हटते ह़ुये िहा- यार नाश्ता तो आराम से िर िेने दो मझ
़ु े।

100
बाजी ने मझ
़ु े छोड़ ददया और बोिी- “भाई अब मजा आएगा अम्मी भी हमारा साथ दें गी। और ननदा िो िोई
मसिा ही नहीूं है हमसे…”

मैंने िहा- “हाूँ यार ये तो है । अब तम


़ु बताओ क्या प्रोग्राम है तम्
़ु हारा? क्योंिी अभी तम
़ु बाहर तो जा नहीूं
सिती, क्योंिी तम्
़ु हारा एि पऱर खराब है…”

बाजी ने िहा- “भाई मेरा खयाि है अम्मी अूंिि िो सब बता चि


़ु ी होंगी अब ति और अभी जब अम्मी और
ननदा बाहर जायेंगी घमने तो आप सफदर अूंिि िे पास चिे जाना और उनसे बात िरिे यहाूँ िे आना कफर मैं
तम
़ु और अूंिि सफदर लमििर मजा िरें गे। क्या ख्याि है ?”

मैं नाश्ता खतम िरते ह़ुये बोिा- “िगता है तम


़ु ये चेि िरना चाहती हो कि आखखरिार अूंिि सफदर में ऐसी
क्या बात है जो अम्मी उनपे कफदा हो गई हैं? िेकिन दे खना कि िहीूं मेरा ही पत्ता ना िाट जाए?”

बाजी मेरी बात सन


़ु िर हूँस दी और बोिी- “नहीूं मेरी जान, दऩु नयाूं इधर िी उधर हो सिती है िेकिन आपिी
जगह मेरे ददि से खतम नहीूं हो सिती। समझे आप? बािी बस मजे िे लिए हैं ओिे…”

मैंने बाजी िी बात पे हूँसते ह़ुये हाूँ में लसर दहिा ददया। िेकिन अभी ि़ुछ बोिा नहीूं था। तभी बाहर से अम्मी
और ननदा आ गईं और ननदा ने आते ही बाहर िे लिए प्रोग्राम बनाना शरू ़ु िर ददया। िेकिन मैंने साथ चिने से
ये बोििर माना िर ददया कि मेरी तबीयत ठीि नहीूं है । तब अम्मी और ननदा ख़ुद ही तैयार होिर बाहर िो
चि ददये।

और मैं घर से ननिििर सीधा सफदर अूंिि िी तरफ चि ददया। िेकिन जैसे ही मैं सफदर अूंिि िे घर िे
पास पह़ुूँचा तो तभी सफदर अूंिि भी घर से ननिि आए और मझ ़ु े अपने घर िी तरफ आता दे खिर खश ़ु हो
गये और बोिे- “अच्छा ह़ुआ सन्नी, तम
़ु ख़ुद ही मेरी तरफ आ गये, नहीूं तो मैं अभी तम्
़ु हारी तरफ ही आ रहा
था…”

मैं सफदर अूंिि िे पास पह़ुूँचिर बोिा- “क्यों अूंिि, िोई खास बात िरनी थी जो आप मेरी तरफ ही आ रहे
थे?”

अूंिि ने िहा- “हाूँ मेरे शेर बात तो खास ही िरनी थी तम्


़ु हारे साथ। िेकिन तम
़ु ऐसा िरो पहिे अूंदर तो आओ
बैठिर बात िरते हैं…” और मेरा हाथ पिड़िर मझ
़ु े अूंदर िे गये। दरवाजा िाि िरिे अूंिि मझ
़ु े उसी रूम में
िे गये जहाूँ मैंने अम्मी िो अूंिि से च़ुदवाते ह़ुये दे खा था।

अूंिि ने मझ
़ु े रूम में बबठा ददया और बोिे- “सन्नी मेरा खयाि है कि ये रूम हम सबिे लिए ििी है क्योंिी
यहाूँ हमारे बीच िई पदे चगर गये हैं…”

मैं अूंिि िी बात िो अच्छी तरह समझ गया िेकिन भोिा बनते ह़ुये बोिा- “क्या मतिब अूंिि? मैं समझा
नहीूं कि आप किन पदों िी बात िर रहे हैं? आप जरा ख़ुि िे बात िरो जो भी बात है …”

101
अूंिि- दे खो सन्नी बात ये है कि थोड़ी दे र पहिे तम्
़ु हारी अम्मी यहाूँ आई थी और उसने मझ
़ु े सब बता ददया है
कि तम
़ु ने िि क्या दे खा? और रात िो तम
़ु ने अपनी माूँ िे साथ क्या किया? अब बात ये है कि आगे िा क्या
इरादा है तम्
़ु हारा?”

मैं- परी तरह ख़ुि िे बात िरते ह़ुये बोिा- “अूंिि बात ये है कि अम्मी िी भी एि पेरसोनि िाइफ है जजसे
जीने िा उनिो परा हि है और मेरे खयाि में उनिे इस हि िा हमें सम्मान िरना चादहए…”

अूंिि मेरी बात से ख़ुश होते ह़ुये बोिे- “हाूँ सन्नी बेटा ये बात तो ठीि है तम्
़ु हारी। और अब जबिी तम
़ु भी
अपनी माूँ िी सेवा में िग गये हो तो मेरा और तम् ़ु हारी अम्मी िा खयाि है कि अब हमारे बीच िोई पदाट नहीूं
होना चादहए। हम जो भी किया िरें लमििर िरें …”

मैं- “हाूँ अूंिि मैं भी आप िोगों िी इस बात से सहमत हूँ। िेकिन क्या अम्मी हम दोनों िो एि साथ झेि
लिया िरें गी?”

अूंिि- “अरे यार बस एि हफ्ता ति तो सिमा िो ही बदाटश्त िरना पड़ेगा उसिे बाद तो इरम भी आ जाएगी
हमारे साथ। कफर दोनों लमििर हमें बदाटश्त िर िेंगी क्या समझे?”

मैं है रानी से अूंिि िी तरफ दे खते ह़ुये बोिा- “अूंिि इरम िौन? िहीूं आपिी बेटी तो नहीूं?”

अूंिि- हाूँ यार, मैं अपनी बेटी इरम िी ही बात िर रहा हूँ। वो मेरे और तम्
़ु हारी माूँ सिमा िे बारे में सब
जानती है और हमारे साथ लमििर िई बार मजा भी िे च़ुिी है ।

मैं है रत भरी नजरों से अूंिि िो दे खते ह़ुये बोिा- “मतिब आप मेरी अम्मी िे साथ-साथ अपनी सगी बेटी िो
भी चोद च़ुिे हैं?”

अूंिि- “अरे हाूँ यार, आजिि तो ये नामेि होता जा रहा है बाप बेटी और बहन भाई, माूँ बेटा िा सेक्स और
इस में सऱु िा भी है, िोई बदनामी िा डर भी नहीूं होता िहीूं से भी…”

मैं- “हाूँ अूंिि, बात तो आपिी ठीि है िेकिन मेरा खयाि है कि इरम िे आने ति अिेिी अम्मी िो क्यों
मस
़ु ीबत में डािा जाए? अम्मी िा साथ दे ने िे लिए किसी और िो क्यों ना लमिा लिया जाए अपने साथ, जो
इस सबिे बारे में जानती भी है और हमारे साथ लमििर मजा भी िरना चाहती है …”

अूंिि- “क्या मतिब? िौन है वो? तम


़ु किसिी बात िर रहे हो? दे खो िोई पूंगा नहीूं िर दे ना समझे?”

मैंने अपना मोबाइि ननिाि िरिे फरी बाजी िो िाि िरिे िहा- “आप सफदर साहब िे मिान पे आ जाओ…”
और िाि िट िर दी।

अूंिि ने िहा- “यार किसे बि


़ु ा रहे हो ि़ुछ बताओ तो सही?”

102
मैंने िहा- “अूंिि बस आप दे खते जाओ और एि जवान फ़ुद्दी िे मजे िे लिए तैयार हो जाओ जल्दी से, और
वो हमारा ये राज िभी किसी िो नहीूं बताएगी टे न्शन नहीूं िो आप…”

अूंिि ि़ुछ दे र सोचते रहे और कफर उठिर अिमारी में से दो गोलियाूं ननिाििर िे आए और एि मझ
़ु े दे िर
एि ख़ुद खाते ह़ुये बोिे- “तो कफर आज तम्
़ु हारी उस जवान फ़ुद्दी िा बाजा बजाते हैं लमििर…”

मैं अूंिि िी बात सन


़ु िर हूँस ददया और गोिी ननगि गया और कफर हम दोनों ही फरी बाजी िा इूंतज
े ार िरने
िगे। रूम में अब हम दोनों ही बड़ी बेसब्री से फरी बाजी िा इूंतज
े ार िर रहे थे और हमसे ज्यादा हमारे िण्ड
फरी िी फ़ुद्दी में जाने िे लिए बेताब हो रहे थे। तभी मेरे मोबाइि पे फरी िी तरफ से एस॰एम॰एस॰ आया
जजसमें बाजी ने बस इतना लिखा ह़ुआ था मैं ननिि आई हूँ दरवाजा खोििर रखो।

मैं अपनी बहन िा एस॰एम॰एस॰ पढ़िर जल्दी से उठा और भागता ह़ुआ गया और दरवाजा खोि ददया, तो बाजी
जो कि तब ति दरवाजे पे आ चि़ु ी थी झट से अूंदर आ गई। मैंने दरवाजा िाि किया और बाजी िो अपने
साथ िेिर अूंदर रूम िी तरफ चि ददया, जहाूँ सफदर अूंिि इूंतजार िर रहे थे।

जैसे ही मैं बाजी िो अपने साथ िेिर रूम में इन ह़ुआ तो अूंिि फरी बाजी िो दे खते ही बौखिा गये और
हििाते ह़ुये बोिे- “फऽफरी बेटा तम
़ु यहाूँ इस वक़्त? क्या िोई िाम था?”

तब मैं जल्दी से आगे बढ़ा और फरी बाजी िा हाथ पिड़िर अूंिि िे पास िे गया और बोिा- “अूंिि ये ही
मेरी गिटफ्रेंड है और बहन भी। आप परे शान ना हों, इसे सब पता है जो आपिे और अम्मी िे बीच है …”

अूंिि मेरी बात सन


़ु िर थोड़ी दे र ति है रत से हमारी तरफ दे खते रहे और कफर लसर झटि िे मश़्ु ि़ुरा ददए और
बोिे- “चिो अच्छा ह़ुआ कि अब ये भी हमारा साथ दे गी…”

और इतना बोिते ह़ुये मेरी बहन िे हाथ पिड़िर अपनी तरफ खीूंच लिया। जजससे मेरी बहन सफदर अूंिि िे
सीने से जा िगी, तो अूंिि ने मेरी बहन िो मश़्ु ि़ुरा िे दे खा और साथ ही अपने होंठ बाजी िे होंठों से िगा
ददए और किस िरने िगे। बाजी भी अूंिि िी रे स्पोन्स दे ने िगी।

मैंने अपनी बहन िो अूंिि से किस में मसरूफ दे खा तो मैं पीछे होिर अपने िपड़े उतारने िगा और परा नूंगा
होिर आगे बढ़ा और अपनी बड़ी बहन िे पीछे जािर उसिी िमीज ऊपर िरने िगा, तो बाजी ने भी अूंिि से
अिहदा होिर अपने हाथ ऊपर उठा ददए जजससे बाजी िी िमीज ननिि गई। अूंिि ने नीचे बैठिर मेरी बहन
िी सिवार उतार दी जजसिे बाद मेरी बहन लसफट ब्रा में हमारे सामने नूंगी खड़ी रह गई थी।

बाजी िो इस हाित में दे खिर अूंिि ने िहा- “वावव… फरी बेटा तम्
़ु हारा जजश्म सच में िाजवाब है …” और
इतना बोिते ही बाजी िो बेड पे बबठा ददया और अपने िपड़े उतारने िगे।

मैंने बाजी िो जो कि बेड पे बैठी ह़ुई थी लिटा ददया और बाजी िी टाूँगों िो फैिािर अपनी ज़ुबान अपनी बहन
िी गीिी फ़ुद्दी पे रखिर घम ़ु ाने िगा, तो बाजी िे मह
ूँ़ु से- “आअह्ह… सस्स्सीईई ऊऊह्ह भाई अूंदर घस
़ु ािर
चाटो प्िीज़्ज… उम्म्मह…” िी आवाज िरने िगी।

103
मैं भी अपनी बहन िी फ़ुद्दी में अपनी ज़ुबान घस
़ु ािर चाटना शरू
़ु िर ददया जजससे बाजी िे मूँह
़ु से-
“आऐईयईई ऊऊओह्ह… मेरे भाई खा जाओ अपनी ि़ुनतया बहन िी फ़ुद्दी िो आह्ह…” िी आवाज िरने िगी।

तभी अूंिि भी नूंगे होिर बेड पे आ गये और मेरी बहन िे चेहरे िे पास जा बैठे और फरी बाजी िे होंठों पे
अपना िण्ड घम
़ु ाने िगे, तो मेरी बहन ने भी झट से अपना मूँह
़ु खोिा और सफदर अूंिि िा िण्ड अपने मूँह
़ु
में भरिर चसने िगी।

अब एि तरफ मैं अपनी बहन िी फ़ुद्दी चाट रहा था और दसरी तरफ सफदर अूंिि मेरी बहन िे मूँह
़ु में
अपना िण्ड घस
़ु ाए च़ुसवा रहे थे। ि़ुछ दे र ति ऐसे ही चिता रहा कि अूंिि ने अचानि अपना िण्ड मेरी बहन
िे मूँह
़ु में से ननिािा और मेरी तरफ आिर बोिे- “चिो भाई सन्नी, अब हमारे िण्ड िी बारी है तम्
़ु हारी इस
गश्ती बहन िी फ़ुद्दी में जाने िी…”

सफदर अूंिि िी बात सन


़ु िर में साइड पे हो गया तो सफदर अूंिि फरी बाजी िी टाूँगों में आ गये। मैंने झट
से अूंिि िा िण्ड पिड़ा और अपनी बहन िी फ़ुद्दी पे रखिर हल्िा सा रगड़ा और कफर बाजी िी फ़ुद्दी पे
सेट िरिे हाथ हटा लिया।

सफदर अूंिि ने हूँसते ह़ुये िहा- “यार त सच में मझ़ु से भी बड़ा हरामी है…” और साथ ही परी जान से अपने
िण्ड िो मेरी बड़ी बहन िी फ़ुद्दी में घस
़ु ा ददया।

िण्ड घस
़ु ते ही बाजी िी आूँखें बूंद हो गईं और उनिे मह
ूँ़ु से- “आअह्ह… अूंिि मझ
़ु े अपनी रूं डी बनािर चोदो
ऊओह्ह… मेरी जान्न ् परा घस
़ु ा डािो मेरे अूंदर प्िीज़्ज… अूंिि जरा भी रहम नहीूं िरना मझ
़ु पे आअह्ह… फाड़
डािो आज मेरी फ़ुद्दी िो उम्म्मह…” िी आवाज िरने िगी।

बाजी िे मूँह
़ु से ननििने वािी आवाजें सन
़ु िर अूंिि भी जोश में आ गये और अपना िण्ड परा बाहर ननिाि
िर अपने परे जजश्म िी ताित से बाजी िी फ़ुद्दी में अपना िण्ड अूंदर-बाहर िरने िगे और साथ ही- “हाूँन ्
सािी ि़ुनतया, आज मैं तेरी फ़ुद्दी िो फाड़ डािग
ूं ा… सािी तेरी माूँ भी इतनी ही बड़ी गश्ती है ऊऊह्ह… सन्नी मैं
तेरी बहन िो ि़ुनतया बना डािग
ूं ा सािी िो आआह्ह… ऊऊह्ह…” िी आवाज िे साथ चद
़ु ाई िरने िगे।

अूंिि िे इन झटिों ने मेरी बहन िो भी पागि बना ददया था और वो भी नीचे से अपनी गाण्ड अूंिि िे हर
झटिे िे साथ उछाििर उनिा साथ दे ती और साथ ही उसिे मूँह
़ु से गालियों िा तफान उमड़ रहा था और वो-
“आआह्ह… हरामी फाड़ डाि मेरी फ़ुद्दी िो हरामजादे , िूंजरम मझ
़ु े भी िूंजरी बनािर चोद ऊऊह्ह बेटीचोद भड़वे
मझ
़ु े भी मेरी माूँ िी तरह ठूं डा िर हाूँन ्… और तेज और तेज िरो…” िी तेज आवाज िे साथ अूंिि से चचपिी
जा रही थी।

ि़ुछ दे र िी चद
़ु ाई िे बाद फरी िे जजश्म ने एि जोर िा झटिा लिया और वो बड़ी ननढाि सी हो गई तो
अूंिि ने भी अपना िण्ड मेरी बहन िी फ़ुद्दी से ननिाि लिया और खद
़ु बेड पे िेट गये और फरी िो अपने
िण्ड पे बबठा लिया। कफर मेरी तरफ दे खिर बोिे- “चि मेरे शेर, आ जा त भी अपनी बहन िी गाण्ड में घस
़ु ा दे
अपना ये िण्ड…”

अूंिि िी बात सन
़ु िर फरी तड़प उठी और बोिी- “नहीूं प्िीज़्ज… ये नहीूं िरना…”
104
अूंिि ने िहा- “मेरी जान रूं डी बनने चिी हो और गाण्ड मरवाने से डरती हो?”

बाजी ने िहा- “नहीूं अूंिि, ये मैंने िभी किया नहीूं है …”

अूंिि ने िहा- “चिो िोई बात नहीूं, आज िर िो। बस हल्िा सा ददट होगा और कफर मजा ही मजा है…”

और मेरी तरफ दे खिर बोिे- “चिो सन्नी वो सामने से तेि िे आओ, और बड़े आराम से िरना…”

मैं झट से उठा और साइड टे बि से तेि िे आया और अपनी बहन िे पीछे आिर बाजी िो अूंिि िे ऊपर
लिटा ददया और बाजी िी गाण्ड पे अच्छी तरह तेि िगािर और अपना िण्ड भी तेि से भरिर बाजी िी गाण्ड
पे अपना िण्ड सेट किया, तब अूंिि बाजी िो अच्छी तरह हग िर लिया और मझ
़ु े इशारा किया कि एि ही
झटिे से घस
़ु ा दो, और ख़ुद बाजी िो किस िरने िगे।

अब मैंने ज्यादा दे र ना िरते ह़ुये अपने हाथों से बाजी िी गाण्ड िो पिड़िर अपना िण्ड सेट किया और तेज
झटिा मारा, जजससे मेरा आधा िण्ड अपनी बड़ी बहन िी गाण्ड में जा घस ़ु ा। झटिा िगते ही बाजी िा जजश्म
जोर से दहिा। िेकिन अूंिि ने पिड़े रखा और बाजी िो दहिने नहीूं ददया। बाजी िे होंठ जो कि अूंिि िे हाथों
से बूंद थे जजससे ि़ुछ ज्यादा आवाज भी नहीूं ननििी। बस ‘गूँन ्-गूँन ्-हूँन ्’ िी आवाज ही ननिि रही थी।

मैंने अपना िण्ड हल्िा सा ननिाििर कफर से परी जान िा झटिा िगाया तो मेरा परा िण्ड अपनी बड़ी बहन
िी गाण्ड में जड़ ति जा घस
़ु ा, जजससे बाजी िा जजश्म बड़े जोर से तड़पा। िेकिन अूंिि पहिे ही से तैयार थे
उन्होंने बाजी िो जरा भी ना दहिने ददया। मैं भी अपने िण्ड िो ऐसे ही बाजी िी गरम गाण्ड में घस
़ु ाए उनिे
ऊपर िेट गया और पीछे से उनिी गदट न पे अपनी ज़ुबान घम
़ु ाने िगा, और बाजी िी चचचयों िे ननपिों िो भी
साइड से ननिाििर मसिने िगा।

अूंिि ने थोड़ी ही दे र में बाजी िे होंठों िो आजाद छोड़ ददया तो उनिी रोती ह़ुई आवाज ननििी- “प्िीज़्ज…
सन्नी मेरे भाई बाहर ननिािोओ ऊऊह्ह… मेरी माूँ… मैं मर गई सन्नी प्िीज़्ज… बाहर ननिािो मेरी गाण्ड फट
गई है , बह़ुत ददट हो रहा है …”

मैं बाजी िी बात समझ रहा था कि बाजी िो सच में कितनी ददट हो रही होगी, क्योंिी एि तो बाजी िा फस्टट
टाइम था गाण्ड में और ऊपर से बाजी िी फ़ुद्दी में भी अूंिि िा िण्ड घस
़ु ा ह़ुआ था। मैं बाजी िे ऊपर ऐसे ही
खामोशी से िेटा रहा और गदट न पे जब
़ु ान घम
़ु ाता रहा और चचचयों िो मसिता रहा, तो 3 लमनट बाद बाजी िा
रोना और लमन्नतें िरना बूंद हो गया। तब मैंने भी अपने िण्ड िो धीरे से पीछे खीूंचा और कफर से पश
़ु किया।

तब बाजी िे मूँह
़ु से- “आअह्ह… मादरचोद हरामी क्या िरता है ? ददट हो रहा है आग िगी ह़ुई है मेरी गाण्ड में …”

बाजी िी गाण्ड बह़ुत ज्यादा टाइट और गरम थी, जजसिी वजह से मझ ़ु े इतना मजा आ रहा था कि बस बदाटश्त
नहीूं हो रहा था। मैं ि़ुछ दे र ति बाजी िो आराम-आराम से गाण्ड में चोदता रहा, तो बाजी िी गलियाूं भी धीरे -
धीरे थम गईं।

105
तब नीचे से अूंिि ने भी अपना िण्ड दहिाना शरू
़ु िर ददया, जजससे मझ
़ु े इतना ज्यादा मजा आना शरू
़ु हो गया
कि बयान से बाहर था। क्योंिी एि तो बाजी िी गाण्ड टाइट थी, ऊपर से बाजी िी फ़ुद्दी में भी जब अूंिि िा
िण्ड मव िरता तो दह़ु रा मजा आता, क्योंिी हमारे िण्ड ऐसा िगता था कि आपस में रगड़ खा रहे हों।

हमारी इस हरित से बाजी रोने िगी और साथ ही बोिी- “भाईई प्िीज़्ज… बाहर ननिि िो बह़ुत ददट हो रहा है
साथ में जिन भी हो रही है … अूंिि प्िीज़्ज… भाई िो मना िरोऽऽ आआह्ह… अम्मी जीई बचा िोओ ऊऊह्ह…
भाई मैं मर जाऊूँगी हाईई भाईई मत िरो प्िीज़्ज… आआईईई हरालमयों मैं मर जाऊूँगी…” िी आवाज िरने िगी
और रोने िगी।

िेकिन बाजी िे इस तरह रोने और चगड़चगड़ाने से मझ


़ु े और भी मजा आ रहा था। िगभग इस तरह मैंने और
अूंिि ने मेरी बहन िो िोई 15 लमनट ति चोदा होगा कि अूंिि िे िण्ड ने पानी ननिाि ददया जजससे अूंिि
िा िण्ड नरम होिर बाहर ननिि गया।

तब मेरा िण्ड जरा आसानी और आराम से फरी बाजी िी गाण्ड में अूंदर-बाहर होने िगा, तो बाजी िे मूँह
़ु से
भी- “आआईयईई सन्नी प्िीज़्ज… अब फ़ुद्दी में डाि िो, बह़ुत जिन हो रही है ऊऊह्ह… मेरा भाई प्िीज़्ज… अब
बस िरो…”

और इसिे साथ ही जैसे ही मेरा िण्ड फरी िी गाण्ड में घस


़ु ता, फरी अपनी गाण्ड िो थोड़ा टाइट िर िेती और
ज्यों ही बाहर िो खीूंचता तो ढीिी िर दे ती। जजससे मैं पागि हो गया और तेज झटिे मारने िगा। फरी कफर
से रोने िगी, िेकिन अब मैं ि़ुछ नहीूं सन
़ु रहा था बस िगातार दो-तीन लमनट ति झटिा मारने िे बाद बाजी
िी ही गाण्ड में फाररघ ् हो गया, और कफर अपना िण्ड ननिाििर दे खा तो बाजी िी गाण्ड पे बाजी िी पोटी
और खन भी िगा ह़ुआ था, जजसे मैंने िपड़े से साफ किया और साइड में िेट गया।

थोड़ी दे र ति हम तीनों ऐसे ही पड़े रहे । कफर अूंिि उठे और नूंगे ही बाथरूम में जा घस
़ु े। उनिे जाते ही बाजी
फरी ने मेरी तरफ गस्
़ु सा भरी नजरों से दे खा और बोिी- “भाई ये क्या हो गया था तम्
़ु हें ? आज पागि तो नहीूं
हो गये थे तम
़ु ? अगर मझ
़ु े ि़ुछ हो जाता तो?”

बाजी िी बात खतम होते ही मैंने बाजी िे होंठों िो चमा और बोिा- “अरे नहीूं बाजी मैं जानता हूँ कि आप मेरी
बड़ी बहन हो और आपिो इतनी जल्दी ि़ुछ नहीूं हो सिता, और बािी आज िा ददन गज
़ु र जाने दें कफर बताना
िे इसमें मजा आया है या नहीूं? क्योंिी अभी तो आपिो ददट होगा…”

मेरी बात ने बाजी िो और भी गस्


़ु सा ददिा ददया, जजससे उनिा चेहरा िाि हो गया और वो मझ
़ु े खा जाने वािी
नजरों से घरने िगी, िेकिन बोिी ि़ुछ नहीूं। मैं भी खामोश पड़ा रहा और अूंिि िे बाथरूम से ननििने िा
इूंतज
े ार िरता रहा, और जैसे ही अूंिि बाहर ननििे मैंने बाजी से िहा- “आप पहिे बाथरूम हो आओ…”

बाजी ने िहा- “िमीने इूंसान, क्या तम


़ु अब भी समझते हो कि में खद
़ु से बाथरूम जा पाऊूँगी?”

अूंिि बाजी िी बात सन


़ु िर हूँस ददए और बोिे- “यार सन्नी, ि़ुछ तो ददमाग से भी िाम लिया िरो। जो ि़ुछ
तम
़ु ने किया है अपनी इस बेचारी बहन िे साथ, अब इसे सहारा दे िर बाथरूम खद
़ु िे जाओ इससे अिेिे नहीूं
जाया जाएगा…”
106
अूंिि िी बात से मझ़ु े एहसास ह़ुआ कि मैंने सच में बाजी िे साथ ि़ुछ ज्यादा ही ज़्यादती िर डािी है । ये
सोच आते ही मैं उठा और फरी बाजी िो सहारा दे िर बेड से उतारा और अपने साथ बाथरूम िी तरफ िे गया।
िेकिन बाजी से ठीि तरह से चिा भी नहीूं जा रहा था। बाजी िो मैं बड़ी मज़ु श्िि से बाथरूम में िे गया, जहाूँ
बाजी िो मैंने पेशाब िरवाया, उसिे बाद शावर िे नीचे खड़ा िर ददया और ख़ुद ही अच्छी तरह साबन
़ु िगािर
बाजी िा परा जजश्म साफ किया और उसिे बाद ख़ुद िो भी साफ िरिे बाजी िो रूम में वावपस िे आया।

हमारे रूम में वावपस आने ति अूंिि ने बेडशीट चें ज िर डािी थी और ख़ुद भी एि पाजामा पहन लिया था।
मैंने बाजी िो बेड पे बबठा ददया िेकिन उन्हें गाण्ड में िाफी जिन हो रही थी, तो वो िेट गई। मैंने बाजी िे
िपड़े उठािर उनिे पास िे आया और बोिा- “चिो बाजी िपड़े पहन िो…”

बाजी ने िहा- “नहीूं भाई, अभी मझ


़ु में इतनी दहम्मत नहीूं है । अभी रहने दे बाद में पहन िूँ गी…” तो मैंने भी
जजद नहीूं िी क्योंिी अब हमारे बीच बचा ही क्या था छ़ुपाने िायि?

बाजी िे िपड़े वहीूं बेड पे रखिर मैंने अपनी पैंट उठािर पहन िी और वहीूं िरीब एि चेयर पे बैठ गया। बाजी
िो िोई दो घूंटे आराम िे बाद थोड़ा आराम लमिा, तो बाजी ने उठिर िपड़े पहन लिए और तैयार हो गई। मैं
भी तैयार होिर अूंिि से बोिा- “ठीि है अूंिि, अब हम चिते हैं…” और उनिे घर से ननिि आए। िेकिन
बाजी से अब भी ठीि से नहीूं चिा जा रहा था।

हम दोनों जब घर पह़ुूँचे तो दे खा कि अम्मी और ननदा आ चि


़ु ी हैं और बैठी टीवी दे ख रही हैं। अम्मी ने हमें घर
में आते ह़ुये बड़े ही गौर से दे खा, िेकिन बोिी ि़ुछ नहीूं। मैं फरी बाजी िो जल्दी से उनिे रूम में िे गया और
बेड पे लिटा ददया।

तभी अम्मी भी हमारे पीछे ही रूम में आ गईं और बोिी- “सन्नी जरा मेरे रूम में आओ…” और इतना बोिते ह़ुये
अम्मी रूम से ननिि गई।

अम्मी िी इस बात से मैं थोड़ा परे शान हो गया था, क्योंिी अम्मी िी आवाज में गस्
़ु सा साफ महसोस हो रहा
था। अम्मी िे जाते ही मैंने बाजी िी तरफ दे खा तो बाजी ने मझ
़ु े आूँख िे इशारे से ही पऱु सिन रहने िी
दहदायत िी और जाने िो िहा, तो मैं अम्मी िे रूम िी तरफ चि ददया।

मैं रूम में से ननििा और अम्मी िे रूम िे बाहर खड़ा हो गया, क्योंिी अूंदर से मझ
़ु े ननदा िी आवाज सन
़ु ाई दे
रही थी, जजसपे मझ़ु े थोड़ी परे शानी भी ह़ुई कि आखखर ऐसी क्या बात है जो ननदा िी मौजदगी में तो अम्मी िर
सिती हैं, िेकिन फरी बाजी िे सामने उनसे बात नहीूं हो पा रही?

खैर में रूम में इन ह़ुआ तो अम्मी ने मझ


़ु े दे खिर ननदा से िहा- “तम
़ु अपनी बड़ी बहन िे पास जाओ मैंने
सन्नी से ि़ुछ बात िरना है …”

ननदा खामोशी से उठी और रूम से ननिि गई। तब अम्मी ने िहा- “दरवाजा बूंद िरिे यहाूँ आ जाओ…”

मैंने ऐसे ही किया और अम्मी िे पास चिा गया।


107
अम्मी उस वक़्त बेड िे िरीब ही खड़ी थीूं और मैं भी उनिे पास ही जािर खड़ा हो गया, तो अम्मी ि़ुछ दे र
ति मझ
़ु े घरती रही तो मैंने भी बबना डरे अम्मी िी आूँखों में झाूँिना शरू
़ु िर ददया, जजससे अम्मी िो गस्
़ु सा
आ गया और अम्मी ने अचानि ही मझ
़ु े जोर िा थप्पड़ जड़ ददया।

मझ
़ु े अम्मी िी तरफ से िोई इस तरह िे ररएक्सन िी उम्मीद नहीूं थी क्योंिी मझ
़ु े अभी पता भी नहीूं था कि
अम्मी आखखर किस बात पे गस्
़ु सा हैं, और ऊपर से ये थप्पड़? मेरी तो गाण्ड ही फट गई थी कि तभी अम्मी
धीरे आवाज में गऱु ाटते ह़ुये बोिी- “सन्नी मझ
़ु े तम
़ु से ऐसी उम्मीद नहीूं थी…”

मैं हििाते ह़ुये बोिा- “िेकिन ह़ुआ क्या अम्मी? बात क्या है? आखखर मैंने ऐसा क्या िर ददया है ?”

अम्मी- “अभी तम
़ु सफदर िे घर पे फरी िो क्यों िेिर गये थे, बता सिते हो मझ
़ु ?
े तम्
़ु हें शमट नहीूं आई?
बहन है वो तम्
़ु हारी और तम
़ु उसी िे साथ ये सब िरते हो। िब से चि रहा है ये सब?”

अम्मी िी बात सन
़ु िर मैं समझ गया कि सफदर अूंिि अम्मी िो सब ि़ुछ बता चि
़ु े हैं, और अभी अम्मी जो
गस्
़ु से में आग उगि रही हैं उसिी वजह ही ये है , तो मैं सोच में पड़ गया कि अब क्या िरूूं? किस तरह अम्मी
िा गस्
़ु सा ठूं डा िरूूं? तभी अूंिि िी एि बात मझ
़ु े याद आ गई और मैं अम्मी िी तरफ दे खिर बोिा- “अम्मी
प्िीज़्ज… आप गस्
़ु सा ना हों, और आराम से बैठ जाओ। मैं आपिो सब ि़ुछ बताता हूँ…” और अपने हाथ अम्मी
िे िूंधों पे रखिर उन्हें बबठा ददया।

अम्मी िो बेड पे बबठािर मैं ख़ुद उनिे पैरों में बैठ गया और अम्मी िी आूँखों में दे खते ह़ुये बोिा- “अम्मी ये
सब आपिे लिए िोई नया तो नहीूं, है ना? क्या आप अूंिि सफदर और उनिी बेटी इरम िे साथ लमििर
सेक्स नहीूं िरती रही हो? और अगर मैंने अपनी बहन िे साथ सेक्स िर लिया है तो िौन सी ऐसी ियामत
आ गई है दऩु नयाूं में? और अम्मी मैं आपिो अपने दोस्त से भी लमिवा सिता हूँ जो अपनी बहनों िे साथ
सेक्स िरता है, और भी िई होंगे दऩु नयाूं में?”

अम्मी मेरी बात सन


़ु िर बोिी- “हाूँ, मैं जानती हूँ कि आजिि इस दऩु नयाूं में ये सब होता है । िेकिन सन्नी
तम्
़ु हें ऐसा नहीूं िरना चादहए था। आखखरिार, ये मअ
़ु शरा क्या िहे गा हमारे बारे में ?”

अब मैंने अम्मी िा हाथ पिड़िर उनिो चमा और बोिा- “दे खो अम्मी हमें किसी िो ि़ुछ बताना ही नहीूं है तो
िोई ि़ुछ क्यों बोिेगा? और यहाूँ हम िोग आए भी तो इसीलिए हैं ना कि एूंजाय िर सिें? यहाूँ हमें िोई नहीूं
जानता है तो कफर आप इतना डर क्यों रही हैं?”

अम्मी ने एि ‘अह्ह’ भरी और बोलि- “ठीि है सन्नी, जैसा तम


़ु िोगों िो अच्छा िगे। मैं क्या िह सिती हूँ?
िेकिन क्या इस सबिा ननदा िो भी पता है?”

तो मैंने हाूँ में लसर दहिा ददया और बोिा- “जी अम्मी। िेकिन उसे लसफट मेरा और बाजी िा ही पता है और ि़ुछ
पता नहीूं है …”

अम्मी है रानी से बोिी- “तो क्या उसने िभी तम्


़ु हें मना नहीूं किया?”
108
मैंने हूँसते ह़ुये िहा- “नहीूं अम्मी, बल्िी वो तो हमें खद
़ु टाइम दे ती है मस्ती िरने िे लिए, और खद
़ु भी हमारा
सेक्स दे खिर मजा िरती है …”

अम्मी- “ठीि है सन्नी बेटा। िेकिन अब फरी िो मेरे और अपने बारे में ि़ुछ मत बताना, मैं उसिा सामना नहीूं
िर पाऊूँगी प्िीज़्ज…”

अम्मी िी बात सन
़ु िर में हूँस ददया और बोिा- “अम्मी आप क्या समझती हो कि उसे ि़ुछ पता नहीूं है? अरे
अम्मी जान सच तो ये है कि मैंने जब आपिो और अूंिि िो सेक्स िरते दे खा था तो तभी फरी िो बता ददया
था और उसी िे िहने से ही तो मैंने आपिे साथ मस्ती िी थी। और तो और उसे सफदर अूंिि और इरम िे
सेक्स िा भी पता है, अब उससे ि़ुछ भी छ़ुपा ह़ुआ नहीूं है …”

मेरी इस बात से अम्मी थोड़ा परे शान हो गई, िेकिन ि़ुछ बोिी नहीूं।

मैंने अम्मी िे हाथों िो हल्िा सा दबा ददया और बोिा- “अम्मी आप परे शान ना हों। फरी बाजी बह़ुत अच्छी हैं,
आपिो उससे ि़ुछ परे शानी नहीूं होना चादहए…” और उठते ह़ुये अम्मी िे गािों पे च़ुम्मा दे िर रूम से ननिि
आया।

मैं अम्मी िे रूम से ननिििर सीधा अपने वािे रूम में आ गया, जहाूँ बाजी अभी ति बेड पे िेटी ह़ुई थी, और
ननदा बाजी िे िरीब ही चेयर रखिर बैठी उनसे बातें िर रही थी।

मझ
़ु े रूम में आता दे खिर ननदा ने आूँखें मटिाई और बोिी- “क्या बात है भाई जान, क्या बात िरनी थी हमारी
अम्मी जान ने आपसे?”

मैं हूँसता ह़ुआ बोिा- “अरे ि़ुछ नहीूं यार, बस ऐसे ही वापसी िा पछच रही थीूं कि िब जाना है?”

और इतना बोिते ह़ुये ननदा िी चेयर िे पीछे िा खड़ा हो गया, और ननदा िी तरफ दे खने िगा, तो मेरा परा
जजश्म सनसना गया था। उस वक़्त ननदा एि जीन्स और ढीिी सी टी-शटट में थी। िेकिन जैसे ही मैंने नीचे झि
़ु
िे दे खा तो मेरी नजर सीधी ननदा िी शटट में चिी गई जहाूँ मेरी बहन िी बबना ब्रा िी चचचयाूं नजर आ रही
थीूं। मेरी तो नजर ही जैसे उसी जगह पे दटिी रह गई थी।

जजसे फरी बाजी ने दे ख लिया और बोिी- “सन्नी िहाूँ गम


़ु हो गये हो?”

मैं झट से बोिा- “नऽनहीूं तो, िहीूं भी नहीूं। यहीूं हूँ मैं तो…”

बाजी- मझ
़ु े तो िगा कि तम
़ु िहीूं और ही सैर पे चिे गये हो मझ
़ु े यहाूँ छोड़िर।

ननदा- “नहीूं बाजी, आपने भाई िो बड़ी मजबती से बाूँध रखा है, ये िहीूं नहीूं जाएगा हे हेहेहे…”

109
मैं- “फन्नी… इसमें हूँसने िी भिा क्या बात है ?” और ननदा िे पास से हटिर बाजी िे पास ही बेड पे जा
बैठा…”

ननदा- अच्छा तो भाई आप ने क्या जवाब ददया अम्मी िो?

मैं- यार अब भिा मैं क्या बोिता अम्मी िो? मैंने िह ददया है कि जब आप चाहो हम वावपस चि दें गे।

ननदा रोनी शिि बनािर बोिी- “भाई अभी यहाूँ ददन ही कितने ह़ुये हैं आए ह़ुये, और अभी से वापसी? नहीूं
भाई प्िीज़्ज… आप अम्मी िो समझाओ ना कि ि़ुछ ददन और रुिने िे लिए यहाूँ…”

फरी- क्या ननदा, तम


़ु भी बच्चों िी तरह रोने िग जाती हो? मजाि िर रहा है ये िमीना तम
़ु से, और तम
़ु ने
रोना शरू
़ु िर ददया है । ये पहिे ही अम्मी िो बोि आया होगा कि अभी ि़ुछ ददन रुिना है ।

ननदा बाजी िी बात सन


़ु िर ख़ुश हो गई और बोिी- “तो ठीि है िोव बडटस, इस ख़ुशी में मैं अब तम
़ु िोगों िे
लसर पे सवार नहीूं रहती और थोड़ा टाइम तम्
़ु हें दे रही हूँ अिेिे एूंजाय िरो…” और हे हेहेहे िरती ह़ुई रूम से
ननिि भागी।

ननदा िो रूम से जाते ह़ुये मैं पीछे से उसिो घरता रहा। क्या प्यारी िग रही थी उसिी गाण्ड टाइट जीन्स में
िसी ह़ुई और चिने से ऐसे िग रहा था कि ददि ही ननिाििर िे जाएगी। मझ ़ु े इस तरह अपनी छोटी बहन िो
पीछे से घरता पािर बाजी हल्िा सा खाूँसी, तो मैंने बाजी िी तरफ दे खा।

बाजी मश़्ु ि़ुरा रही थी और बोिी- िगता है अब ननदा िी खैर नहीूं है ।

मैं- बाजी सच पछो तो बड़ा ददि िरता है , िेकिन मैं िोई भी िाम उसिी मजी िे बबना नहीूं िरूूंगा।

बाजी- अच्छा अब क्या प्रोग्राम है ?

मैं- यार प्रोग्राम तो आपने बताना है जब बोिोगी।

बाजी- अरे भाई आज तो दहम्मत ही नहीूं है मझ


़ु में । तम
़ु आज िी रात अम्मी िो अपने साथ िे जाओ सफदर
अूंिि िी तरफ।

मैं- “क्यों जी, क्या तम


़ु ये चाहती हो कि जजस तरह तम्
़ु हें ददट उठाना पड़ा है , अम्मी िी भी ये हाित हो? तो ये
बात अपने ददमाग से ननिि दो, क्योंिी अम्मी तो इसमें ज्यादा एूंजाय िरें गी…”

बाजी है रानी से बोिी- “वो किस तरह? क्या अम्मी एि साथ दो िण्ड अपने अूंदर िे सिती हैं? क्या अम्मी ने
ख़ुद बताया तम्
़ु हें ?”

110
मैं- “नहीूं, बताया तो नहीूं। िेकिन मझ
़ु े अूंदाजा है कि अम्मी एि साथ दो िा मजा िे च़ुिी हैं और वो भी िई
बार…” अभी हम ये बातें ही िर रहे थे िे मझ
़ु े बाथरूम में पानी चगरने िी आवाज सन
़ु ाई दी तो मैंने बाजी िी
तरफ दे खा।

तो बाजी मश़्ु ि़ुरा दी और बोिी- “मेरा खयाि है कि अगर तम


़ु ननदा िो बबना िपड़ों िे दे खना चाहते हो तो ये
अच्छा मोिा है, क्योंिी इस तरफ िा दरवाजा ख़ुिा है…”

मैंने बाजी िी तरफ दे खा जो कि मझ


़ु े ही दे ख रही थी और हल्िा-हल्िा मश़्ु ि़ुरा रही थी, तो मैंने धीरे से िहा-
“िहीूं नाराज ही ना हो जाए?”

बाजी ने िहा- “यार तम


़ु बोि दे ना कि पता नहीूं था कि िोई बाथरूम में है भी या नहीूं?”

मैं उठा और बाथरूम िी तरफ चि ददया, जहाूँ से अब पानी चगरने िी आवाज भी सन


़ु ाई नहीूं दे रही थी। मैं
बाथरूम िे दरवाजे िे बाहर खड़ा हो गया जािर और एि बार बाजी िी तरफ दे खा जो कि अभी भी मेरी तरफ
ही दे ख रही थी। बाजी ने मझ
़ु े इशारे से हौसिा ददया तो मैंने एि झटिे से बाथरूम िा दरवाजा खोिा तो दे खा
िी मेरी छोटी बहन ननदा बाथरूम में नूंगी खड़ी अपना जजश्म मि रही थी।

जैसे ही दरवाजा खि
़ु ने िी आवाज सन
़ु ी ननदा ने और बाथरूम में मझ
़ु े खड़ा दे खा, तो सीधी खड़ी हो गई और
अपने हाथ अपने पीछे िरिे दीवार से िग गई और बोिी- “भाई यहाूँ मैं नहा रही हूँ आपिो दरवाजा नाि िरिे
आना चादहए था…”

मैंने एि बार लसर से पाओूं ति ननदा िो बड़े प्यार से दे खा और बोिा- “सारी यार, मझ
़ु े पता नहीूं था कि तम
़ु
नहा रही हो…” और इतना बोििर मैंने दरवाजे िो बूंद िर ददया और बाजी िे पास वावपस आ गया।

बाजी मेरी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराए जा रही थी, तो मैंने िहा- “क्या ह़ुआ इतना ख़ुश क्यों हो रही हो?”

बाजी ने िहा- “तम्


़ु हें दे खिर िग रहा है कि अगर तम्
़ु हारा बस चि जाए तो तम
़ु बेचारी ननदा िो अभी चीर िे
रख दो…”

मैं- यार क्यों मजाि उड़ा रही हो? अब ऐसा भी ि़ुछ नहीूं है ।

बाजी- अच्छा जी, तो कफर जरा बताओ तो िैसा ि़ुछ है ?

मैं- बाजी िी बातों से झझ


़ुूं िा सा गया और बोिा- “बाजी आप क्यों इतना तूंग िर रही हो? सीधी तरह बोिो ना
िे इस वक़्त मैं चिा जाऊूँ यहाूँ से…”

बाजी- यार मैंने ऐसा तो ि़ुछ नहीूं िहा है , जजससे तम


़ु इतना गस्
़ु सा िर रहे हो? मैं तो बस ये पछ रही थी कि
क्या इरादा है?

111
मैं बाजी िे पास से उठा और रूम से बाहर ननििा और अम्मी िे रूम िी तरफ चि ददया। िेकिन कफर पता
नहीूं क्या ददि में आई कि बाहर ननििा और रात 8:00 बजे ति यूं ही आवारा कफरता रहा। खाना भी मैंने बाहर
से ही खा लिया और 8:00 बजे घर वावपस आया तो दे खा कि अम्मी बाजी और ननदा िे साथ-साथ सफदर
अूंिि भी घर पे ही थे, और िाफी परे शान िग रहे थे।

मझ
़ु े घर में इन होता दे खिर अम्मी झट से बोिी- “िहाूँ चिे गये थे तम
़ु ? पता है िब से तम्
़ु हें ढूँ ढ़ रहे थे और
ऊपर से अपना मोबाइि भी साथ िेिर नहीूं गये थे तम
़ु अपने?”

अम्मी िी बात सन
़ु िर मझ
़ु े शलमिंदगी ह़ुई और अपनी बेविफी िा एहसास भी ह़ुआ तो मैं- “सारी अम्मी, बस
गिती से रह गया था घर पे, याद ही नहीूं रहा मोबाइि साथ िे जाना…” और अपने रूम िी तरफ चि ददया।

अभी मैं 3-4 िदम ही चिा था कि बाजी िी आवाज सन


़ु ाई दी, जो खाने िो पछ रही थी।

मैंने िहा- “नहीूं, मझ


़ु े नहीूं खाना। मैं खािर आया हूँ…” और टपि से अपने रूम में जा घस
़ु ा।

मैं रूम में आिर सीधा अपना िज पाजामा ननिाििर बाथरूम में जा घस
़ु ा और ड्रेस चें ज िरिे रूम में आया
और आराम िे लिए िेट गया और सोचने िगा कि मझ
़ु े जाने अूंजाने में भी ऐसी हरित नहीूं िरनी चादहए थी
जजससे कि किसी िा भी ददि दख
़ु े। ये सोच आते ही मैं उठने िगा कि चििर बाहर सबिे साथ सो जाता हूँ।

तभी बाजी और ननदा रूम में आ गईं। बाजी आते ही मझ


़ु े दे खिर बोिी- “भाई आप आज अम्मी िे रूम में सो
जाओ, क्योंिी सफदर अूंिि भी आज यहाूँ ही रुि गये हैं, तो ननदा यहाूँ मेरे साथ सो जाएगी…”

मैं हाूँ में लसर दहिाया और रूम से बाहर ननिि आया और अम्मी िे रूम में जा घस
़ु ा, जहाूँ अम्मी और सफदर
अूंिि बेड पे बैठे बातें िर रहे थे।

मझ
़ु े रूम में इन होता दे खिर सफदर अूंिि ने िहा- “क्या बात है सन्नी बेटा, किसी ने ि़ुछ िहा था तम
़ु से जो
ऐसे नाराज होिर घर से ननिि गये थे?”

मैं हूँस ददया और बोिा- “आपसे किसने बोि ददया अूंिि कि मैं किसी से नाराज होिर गया था िहीूं? बस जरा
ददि चाह रहा था घमने िो तो ननिि गया। बस मोबाइि घर भि गया था जाते ह़ुये…”

मेरी बात सन
़ु िर अम्मी ने जरा गस्
़ु से से मझ
़ु े दे खा और बोिी- “तम्
़ु हें ि़ुछ पता भी है कि यहाूँ हमारा क्या हाि
हो रहा था तम्
़ु हारी इस हरित से? ि़ुछ शमट होनी चादहए ख़ुद िो ही…”

मैं आगे बढ़ा और अम्मी िे पैरों में बैठिर अपना लसर उनिी गोदी में रख ददया और बोिा- “सोरी अम्मी, मैंने
जान िे ऐसा ि़ुछ नहीूं किया था। बस अूंजाने में हो गया। आइन्दा से खयाि रखूंगा कि ऐसा ि़ुछ ना हो…”

अम्मी ने मझ
़ु े नीचे से उठािर अपने साथ बबठा लिया और अपनी तरफ झ़ुिािर मेरा माथा चम लिया और
बोिी- “सन्नी एि तम
़ु ही तो हम माूँ बेदटयों िा सहारा हो, मत तूंग किया िरो ऐसे…”

112
अम्मी िी आूँखों में आूँस आ चि
़ु े थे जजन्हें मैंने साफ किया और अम्मी िो अपने साथ लिपटा िे कफर से माफी
माूँगी और उसिे बाद अूंिि और मैं अम्मी िो हूँसाने में िग गये। इस तरह हम रात 10:00 बजे ति हूँसी
मजाि िरते रहे, और 10:00 बजे अूंिि ने अम्मी से िहा- “जाओ दे खिर आओ जरा, दोनों सो गई हैं क्या?

अम्मी धीरे से उठी और बाथरूम िी तरफ से मेरी बहनों िे रूम में झाूँिने चिी गई।

मैंने अूंिि से िहा- अूंिि एि बात तो बताओ?

अूंिि ने मेरी तरफ दे खिर िहा- हाूँ पछो क्या बात है ?

मैंने िहा- अूंिि क्या अम्मी ने िभी एि साथ दो िा मजा लिया है?

तो अूंिि हूँस ददए और बोिे- “सन्नी तम्


़ु हारी अम्मी तीन िा एि साथ मजा िे च़ुिी है और वो भी िई बार।
घबराओ नहीूं फरी िी तरह रोएगी नहीूं सिमा बेगम…”

अभी हम ये बातें ही िर रहे थे िे अम्मी बाथरूम िा दरवाजा अपनी तरफ से िाि िरिे हमारे पास आिर बैठ
गई। अूंिि ने अम्मी िो सीधा बेड पे लिटा ददया और बोिे- “चिो जान-ए-मन आज पऱु ानी याद ताजा हो
जाए…”

तब अम्मी अूंिि िी बात सन


़ु िर मश़्ु ि़ुरा दी बोिी ि़ुछ नहीूं।

अम्मी िो लिटाने िे बाद अूंिि ने अम्मी िी सिवार में हाथ डािा और एि झटिे िे साथ मेरी माूँ िी
सिवार उतारिर एि तरफ फेंि दी और कफर अम्मी िी टाूँगों िो मोड़ ददया जजससे अम्मी िा ननचिा नूंगा
जजश्म नजर आने िगा। अम्मी िी इस तरह टाूंगें मोड़ िेने से अम्मी िी फ़ुद्दी साफ मेरी आूँखों िे सामने आ
गई थी, जो कि उनिी नरम और सफेद रानों में से बड़े प्यारी सी िग रही थी। जजसे मैं बड़े प्यार भरी ननगाहों
से दे ख रहा था।

तभी सफदर अूंिि ने एि बार कफर से अम्मी िा हाथ पिड़िर उठाया और अम्मी िी िमीज िो पिड़िर
ऊपर िो खीूंचने िगे, जजसमें अम्मी भी अपने हाथ ऊपर िरिे उनिा परा साथ दे रही थी। कफर अूंिि ने
अम्मी िी िमीज िो ननिाििर एि तरफ फेंि ददया और उसिे बाद ब्रा िा ह़ुि खोििर अम्मी िो नूंगा िर
ददया।

अम्मी िे नूंगा होते ही अूंिि ने मेरी तरफ दे खा और बोिे- “क्या बात है सन्नी बेटा, ऐसे क्यों बैठे ह़ुये हो?
चिो जल्दी से िपड़े ननिािो िहीूं हमारी सिमा जान नाराज ही ना हो जाएूं?”

सफदर अूंिि िी बात सन


़ु िर मैं हल्िा सा हूँस ददया और बोिा- “अरे नहीूं अूंिि, ऐसा ि़ुछ नहीूं होगा। आप
परे शान ना हों, हमारी सिमा रानी बह़ुत बड़ी रूं डी है , इसिी च़ुदाई सही से होनी चादहए बस कफर ये नाराज नहीूं
होगी िभी भी हमसे…” और इतना बोिते ह़ुये मैं उठ खड़ा ह़ुआ और अपने िपड़े उतारने िगा।

113
अूंिि भी खड़े हो गये और िपड़े उतारिर नूंगे हो गये। मैं िपड़े उतारते ही अपनी अम्मी िे पैरों में आ गया
और उनिी रानों िो परी तरह फैिा ददया और सफदर अूंिि िी तरफ दे खिर हल्िा सा मश़्ु ि़ुराया और कफर
झ़ुि िे अपनी अम्मी िी फ़ुद्दी पे अपनी ज़ुबान रखिर चिाने िगा। जैसे ही मेरी ज़ुबान िी नोि ने अम्मी िी
फ़ुद्दी िो छ़ुवा अम्मी िे मूँह
़ु से ‘आअह्ह… सन्नी उन्म्मह…’ िी आवाज ननििी और साथ ही मेरे लसर िे बमैंिों
में अपनी उूं गिी घम
़ु ाने िगी।

जैसे-जैसे मैं अपनी जब


़ु ान िो अपनी अम्मी िी फ़ुद्दी िे िबों में ऊपर से नीचे िी तरफ घम
़ु ाता जा रहा था
वैसे-वैसे अम्मी िे मूँह
़ु से भी लससकियाूं ननििने िी रफ़्तार और उनिा हाथ मेरे लसर पे तेज होता जा रहा था,
और वो अपने हाथ से मझ ़ु े अपनी फ़ुद्दी पे दबाते ह़ुये- “आअह्ह… सन्नी मेरे बच्चे अपनी ज़ुबान मेरी फ़ुद्दी में
घस
़ु ािर चाटो ऊऊह्ह सन्नी खा जाओ अपनी अम्मी िी फ़ुद्दी िो उफफ्र्फ… सन्नी आआह्ह… मादरचोद ि़ुत्ते और
घस
़ु ािर चाट मेरे हरामी ब्चचे…” िी आवाज भी िरती जा रही थी।

ि़ुछ दे र ति मैं बड़ी ददि जमी से अपनी अम्मी िी फ़ुद्दी चाटता रहा और कफर जरा साूंस िेने िे लिए लसर
उठािर अम्मी िी तरफ दे खा तो वहाूँ मझ
़ु े सफदर अूंिि अम्मी िी चचचयों िो अपने हाथों से मसिते और मूँह
़ु
में भरिर उनिा रस चसते ह़ुये नजर आए।

मेरे उठने िा एहसास सफदर अूंिि िो भी हो गया था और वो अम्मी िी चचचयों िो छोड़िर उठे और मेरी
तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराते ह़ुये अम्मी से बोिे- “चिो सिमा, जरा तम
़ु भी मेरे िण्ड िो थोड़ी प्यार िी सिामी दे
ही डािो…” और इतना बोिते ह़ुये सफदर अूंिि उठिर अम्मी िी चचचयों से थोड़ा आगे गदट न िे पास अम्मी िे
दोनों तरफ अपनी टाूँगों िो िरिे अपना िण्ड अम्मी िे मह
ूँ़ु िे पास िे गये, जजसे अम्मी ने बबना शमाटये ह़ुये
अपना मूँह
़ु खोििर चाटना शरू ़ु िर ददया।

मैं ि़ुछ दे र ति ऐसे ही बैठा रहा और कफर अम्मी िे चेहरे िी तरफ अपनी टाूंगें िरिे िेट गया और अम्मी िी
िण्ड च़ुसाई दे खने िगा। सफदर अूंिि ने िोई दो-तीन लमनट ति ही मेरी अम्मी से िण्ड च़ुसवाया होगा कि
अम्मी ने अूंिि िो अपने ऊपर से हटा ददया और उठिर बैठ गई और कफर हम दोनों िी तरफ दे खिर हल्िा
सा मश़्ु ि़ुराई और सफदर अूंिि िो अपनी जगह पे लिटा ददया और ख़ुद उठिर उनिे िण्ड िे ऊपर आिर
उनिा िण्ड पिड़ा और गदटन मोड़िर मेरी तरफ दे खिर हल्िा सा मश़्ु ि़ुराती ह़ुई अपनी फ़ुद्दी पे अूंिि िे िण्ड
िो सेट िरिे आराम से बैठ गई।

अम्मी बड़े आराम-आराम से सफदर अूंिि िा िण्ड अपनी फ़ुद्दी में िे रही थी और मैं पीछे से ये मूंजर बड़े
मजे से दे ख रहा था। जैस-े जैसे अूंिि िा िण्ड मेरे सामने मेरी अम्मी िी फ़ुद्दी में जा रहा था, वैस-े वैसे मेरा
जोश बढ़ता जा रहा था, और कफर अम्मी अूंिि िा परा िण्ड अपनी फ़ुद्दी में िेिर उनिे ऊपर ही िेट गई तो
अूंिि ने अम्मी िो अपनी बाहों में जिड़ लिया। इस मूंजर ने मझ
़ु े बह़ुत गरम िर ददया था और मैं अपना
िण्ड दहिाने िगा।

थोड़ी दे र ति अम्मी और सफदर अूंिि ऐसे ही एि दसरे से चचपिे िेटे रहे कफर अम्मी थोड़ा ऊपर ह़ुई और
अपने पैरों पे बैठिर अूंिि िे िूंधों पे पिड़िर ऊपर नीचे होने िगी। जैसे ही अम्मी ऊपर होती तो सफदर
अूंिि िा िण्ड उनिी फ़ुद्दी से बाहर ननििता और जैसे ही परा सप
़ु ाड़े ति बाहर आ जाता तो अम्मी एि तेज
झटिे से अपनी गाण्ड िो नीचे िी तरफ दबा दे ती, जजससे एि पच
़ु ाक्ि िी आवाज िे साथ अम्मी िी फ़ुद्दी में
अूंिि िा परा िण्ड जड़ ति समा जाता, और अम्मी िे मूँह
़ु से ‘सस्सीईई… आअह्ह…’ िी आवाज ननिि जाती।
114
सफदर अूंिि ने भी अब अपने दोनों हाथों से मेरी अम्मी िी गाण्ड िो पिड़ लिया और अम्मी जैसे ही ऊपर
होिर िण्ड िी तरफ अपनी गाण्ड िो दबाती नीचे से सफदर अूंिि भी एि तेज झटिा मारते, जजससे थप्प-
थप्प िी आवाज िे साथ अम्मी िी ‘आआअह्ह… सफदर उन्म्मह… ऊऊह्ह…’ िी आवाज ननििने िगती।

अम्मी िी सफदर अूंिि िे साथ जारी च़ुदाई और अम्मी िे मूँह


़ु से ननििने वािी िज्जत भरी आवाजों ने मझ
़ु े
दीवाना सा िर ददया, और मैंने उठिर अम्मी िा हाथ पिड़ लिया और झटिे से अपनी तरफ खीूंच लिया, तो
अम्मी भी अूंिि िे िण्ड से उतरिर मेरी तरफ आ गई। मैंने अम्मी िो अपने साथ लिपटा िे एि भरपर किस
किया और कफर अम्मी िो बेड से उतारिर उन्हें घट
़ु नों िे बि नीचे झ़ुिा ददया जजससे अम्मी िा ऊपरी जजश्म
बेड िे ऊपर आ गया तो मैंने उनिे पीछे आिर अपने िण्ड िो अम्मी िी फ़ुद्दी पे सेट किया और एि तेज
झटिा िगाते ह़ुये अपना परा िण्ड घस
़ु ा ददया।

िण्ड िे घस
़ु ते ही मेरी अम्मी िे मूँह
़ु से- “आअह्ह… सन्नी बेटा, और जोर से चोदो आज मझ
़ु े ऊऊह्ह… सन्नी
आज से मैं तम्
़ु हारी अम्मी नहीूं रही बेटा, मैं तम्
़ु हारी रखैि बन गई हूँन ् उउफफ्र्फ… जालिम क्या िण्ड है तेरा?
फाड़ दे आज अपनी माूँ िी फ़ुद्दी िो…” िी आवाज िरने िगी।

अूंिि भी अपनी जगह से खखसि िे अम्मी िे सामने हो गये और घट


़ु नों िे बि खड़े होिर अपना िण्ड अम्मी
िे मूँह
़ु िे सामने िर ददया, जजसे अम्मी ने बबना दे र किये अपने हाथ में पिड़ लिया और चसने िगी। ि़ुछ दे र
मैं ऐसे ही तेज झटिों से अम्मी िी फ़ुद्दी मारता रहा और अम्मी सफदर अूंिि िा िण्ड किसी िोिीपोप िी
तरह परे मजे से चसती रही। कफर मैंने अम्मी िो एि झटिे से पीछे हटाया और बेड से नीचे फेंि ददया, जजससे
मेरा िण्ड भी अम्मी िी फ़ुद्दी से ननिि गया।

िण्ड िे ननििते ही अम्मी उठी और मझ


़ु े नीचे लिटा ददया और मेरे मूँह
़ु पे दोनों तरफ टाूंगें िरिे बैठ गई।
अूंिि ने अम्मी िो वहीूं आगे से झ़ुिािर ि़ुनतया िी तरह िर लिया, और पीछे से अम्मी िी फ़ुद्दी में अपना
िण्ड घस
़ु ा ददया। अब मेरा लसर अम्मी िे नीचे उनिी फ़ुद्दी िे बबल्ि़ुि नीचे था और मैं नीचे से अपनी ज़ुबान
अपनी माूँ िी फ़ुद्दी पे चिाने िी िोलशश िर रहा था और ऊपर से सफदर अूंिि िा िण्ड अम्मी िी फ़ुद्दी में
अूंदर-बाहर हो रहा था।

अम्मी आगे िो झि
़ु िे मेरे िण्ड िो दहिा रही थी ओर साथ ही- “आआह्ह… सन्नी दे ख बेटा अपनी ि़ुनतया माूँ
िो दे ख… उनम्म्मह… सफदर और तेज चोदो आज मझ
़ु े मेरे बेटे िे साथ लमििर उन्म्मह ऊऊओह्ह… जान
आअह्ह…” िी आवाज िरती जा रही थी।

अम्मी िा परा जजश्म उस वक़्त हल्िा सा िाूँपने िगा था, जजससे मझ


़ु े ये समझने में जरा भी दे र नहीूं िगी कि
अम्मी िी फ़ुद्दी अब किसी भी वक़्त पानी छोड़ने वािी है , और अम्मी अूंिि िे हर झटिे पे- “आअह्ह…
सफदर और तेज िरो मेरीईई जान… मेरा होने वािा है ऊऊह्ह फाड़ डािो मेरी फ़ुद्दी िो… ि़ुनतया बना डािो मझ
़ु े
उनम्म्मह… ऊऊओ… आऐईयईई… सफदर…” िी एि तेज आवाज िे साथ ही अम्मी िा जजश्म एि बार जरा
मचिा और कफर ढीिा पड़ गया।

अम्मी ननढाि सी होिर मेरे ऊपर चगर सी गई कि तभी बद


ूं -बद
ूं मेरी अम्मी िी फ़ुद्दी से बहता पानी उनिी
रानों पे बहने िगा, जजसे मैंने चाट िे साफ िर ददया और नीचे से ननिि गया।
115
अम्मी िे नीचे से ननििते ही मैंने अम्मी िो अपनी तरफ खीूंचा और सीधा लिटा ददया और अपना िण्ड
घस
़ु ािर अपनी अम्मी िी च़ुदाई िरने िगा। तब सफदर अूंिि ने अपना िण्ड अम्मी िे मूँह
़ु में घस
़ु ा ददया और
बड़ी बेददी से अपना िण्ड अम्मी िे मूँह
़ु में अूंदर-बाहर िरने िगे।

उस वक़्त अम्मी िी हाित बड़ी िाबबि-ए-रहम िग रही थी क्योंिी एि तरफ तो मैं उनिी ताबड़तोड़ फ़ुद्दी
मार रहा था और दसरी तरफ सफदर अूंिि उनिे मूँह
़ु में अपना िण्ड घस
़ु ािर चस
़ु वा रहे थे। जजससे अम्मी िे
मूँह
़ु से घन
ूँ ्-घन
ूँ ् गिप्प्प-गिप्प्प िी आवाज ननिि रही थी, जो मझ
़ु े भी चरम िी तरफ िे जा रही थी।

िेकिन मेरे पानी छोड़ने से पहिे ही सफदर अूंिि िे मूँह


़ु से लससकियों िी आवाज ननििने िगी जो कि-
“ऊऊह्ह सिमा सािीईई चस्स िे आअह्ह… मेरा ननििने वािा है ऊऊओह्ह…” िी आवाज ननििी। और कफर
सफदर अूंिि िे जजश्म िो हल्िा झटिा सा िगा और उनिा सारा पानी अम्मी िे मूँह
़ु िे अूंदर और बाहर भर
गया, जजसे अम्मी बड़े प्यार से अपनी ज़ुबान ननिाििर अूंिि िे िण्ड िो चाट िे साफ िरने िगी।

ये मूंजर दे खिर मेरी अपनी बदाटश्त भी खतम हो गई और में भी 6-7 तेज झटिों िे साथ ही- “ऊओह्ह… अम्मी
मैं आया…” िी आवाज िे साथ अम्मी िी फ़ुद्दी में फाररघ ् हो गया, और उनिे ऊपर ही ननढाि सा होिर चगर
गया।

फाररघ ् होने िे बाद ि़ुछ दे र ति तो मैं अम्मी िे ऊपर ही िेटा रहा। कफर उठिर अम्मी िी साइड पे होिर िेट
गया, तो अम्मी साइड से एि िपड़ा उठािर अपनी फ़ुद्दी िो साफ िरिे उठी और अपने िपड़े िेिर बाथरूम
िी तरफ चि दी।

अूंिि ने िहा- “क्या ह़ुआ सिमा बेगम, िहाूँ चि दी?”

तो अम्मी ने िहा- “बाथरूम जा रही हूँ जरा साफ सफाई भी तो िरनी है ना?”

अम्मी िी बात सन
़ु िर अूंिि ने िहा- “क्यों यार क्या और इरादा नहीूं है तम्
़ु हारा?”

अम्मी ने िहा- “नहीूं जनाब अब जो भी िरना है िि ददन में िरें ग,े वो भी तम्
़ु हारे मिान पे यहाूँ नहीूं…”

अूंिि- यार सिमा, क्यों मजा खराब िर रही हो? तम्


़ु हें पता है ना मझ
़ु े कितनी उिझन होती है इस तरह?

अम्मी- जी पता है, िेकिन आप शायद भि रहे हैं कि साथ वािे रूम में फरी और ननदा भी सो रही हैं।

अूंिि- तो क्या ह़ुआ यार? उनिो क्या पता यहाूँ क्या चि रहा है? और कफर सन्नी भी तो है ना यहाूँ और फरी
भी सब जानती है तो क्यों हम बेचारों िो सिी पे िटिा रही हो तम ़ु ?

अम्मी- दे खो सफदर, माना कि फरी िो सब पता है । िेकिन ननदा तो अभी बच्ची है , वो ये सब नहीूं जानती और
मैं नहीूं चाहूं गी कि उसे ि़ुछ पता चिे। समझे आप? इसलिए अब जो िरना होगा तम
़ु दोनों िि िर िेना।

116
मैं अूंिि िा हाथ दबाते ह़ुये अम्मी से बोिा- “ठीि है अम्मी िोई बात नहीूं, आप जाओ और चें ज िरो बािी
िि दे खा जाएगा…”

अम्मी िे जाने िे बाद मैंने अूंिि से िहा- “क्या आप मेरी अम्मी से शादी िरोगे?”

तो अूंिि ने है रानी से िहा- “क्या मतिब है तम्


़ु हारा? जरा ख़ुि िे बताओ?”

मैंने अूंिि िो अपना सारा प्िान बता ददया जो कि मैं ददन भर सोचता रहा था।

तो अूंिि मेरा प्िान सन


़ु िर बोिे- “यार हो तो तम
़ु भी पक्िे हरामी, िेकिन तम्
़ु हारी अम्मी किस तरह मानेगी
शादी िे लिए…”

मैंने िहा- “अूंिि ये आप िा लसरददट है । िेकिन अगर मेरी जरूरत पड़ी तो मैं और बाजी फरी भी आप िा परा
साथ दें …”

तब अूंिि ने हाूँ में लसर दहिा ददया और सोच में गम


़ु हो गये। तभी अम्मी भी बाथरूम में से आ गई और आते
ही बेड पे सोने िो िेट गई।

मैं और सफदर अूंिि अम्मी िे दोनों तरफ नूंगे ही िेटे अपनी-अपनी सोचों में गम
़ु थे कि पता ही नहीूं चिा कि
िब नीूंद आई और मैं सो गया। मेरी आूँख खि
़ु ी तो अम्मी मझ
़ु े जगा रही थी।

मैं झट से उठा और अम्मी िी तरफ दे खिर बोिा- “जी अम्मी क्या बात है ?”

अम्मी ने िहा- “7:00 बज च़ुिे हैं और ननदा नहािर किचेन में चिी गई है । िहीूं वो यहाूँ इस रूम में हमें
उठाने ना आ जाए, इसलिए जल्दी से उठो और िपड़े पहनो नहािर। िब ति नूंगे ही पड़े रहोगे?”

मैं झट से उठा और दे खा तो अूंिि िहीूं नजर नहीूं आए। तो अम्मी ने िहा सफदर चिा गया है अपने मिान
पे। तम
़ु नहा िो।

अब तो मैं झट से िपड़े िेिर बाथरूम में चिा गया और नहािर फरी बाजी वािे रूम में घस
़ु गया जहाूँ बाजी
अपने ऊपर िम्बि लिए सो रही थी। मैं आगे बढ़ा और बाजी िे ऊपर से हल्िा सा िम्बि पिड़िर नीचे िो
सरिाया तो बाजी िी आूँख ख़ुि गई। िेकिन मेरी ये दे खिर आूँखें खि
़ु ी िी ख़ुिी रह गईं कि बाजी िी चचचयाूं
बबल्ि़ुि नूंगी थीूं। बाजी ने मेरी तरफ दे खिर हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा िे अपनी आूँखें बूंद िर िी।

ि़ुछ दे र ति मैं ऐसे ही खड़ा रहा और बाजी िो दे खता रहा और कफर एि झटिे से बाजी िा िम्बि उतार
ददया तो मझ
़ु े भी झटिा िगा, क्योंिी बाजी िम्बि िे नीचे बबल्ि़ुि नूंगी नजर आ रही थी। मैंने एि हाथ से
बाजी िी रानों िो जरा सा खोिा तो बाजी बऱु ी तरह शमाट गई और अपना चेहरा मेरी तरफ से घम
़ु ा लिया और
अपना एि हाथ चेहरे पे रखिर मझ
़ु से मूँह
़ु छ़ुपाने िगी।

117
अभी मैं बाजी िो इस हाि में दे ख ही रहा था और अपने खड़े हो जाने वािे िण्ड िो सहिा ही रहा था कि रूम
िा दरवाजा खि
़ु ा और अम्मी रूम में आ गई और बाजी िो इस हाि में दे खिर और मझ
़ु े बाजी िे पास खड़े
अपना िण्ड सहिाता दे खिर अम्मी िो थोड़ा गस्
़ु सा सा आ गया और वो जरा गस्
़ु से से बोिी- “ि़ुछ शमट लिहाज
भी है तम
़ु िोगों िो या नहीूं?”

दरवाजा ख़ुिने और अम्मी िो इस तरह अूंदर आते दे खिर बाजी ने एि झटिे से िम्बि िो कफर से अपने
ऊपर खीूंच लिया लसर से ऊपर ति।

तब अम्मी बोिी- “चिो अब ये ड्रामा बूंद िरो शमाटने िा, और जल्दी से नहािर िपड़े पहन िो…” अम्मी इतना
बोििर रूम से ननिि गई।

बाजी ने लसर से िम्बि हटािर दे खा और कफर उठते ह़ुये बोिी- “भाई दे ख तो िेते कि दरवाजा भी बूंद है या
नहीूं?” और बाथरूम िी तरफ चि दी।

बाथरूम में बाजी िे जाते ही मैं भी पीछे ही गया और बोिा- “बाजी क्या खयाि है एि साथ ही न नहा िें?”

बाजी ने िहा- पागि, चि ननिि यहाूँ से अम्मी पहिे ही गस्


़ु सा हैं।

मैंने बाजी िे पास जािर उन्हें एि किस किया और बाथरूम में से ननिि आया और बेड पे िेट गया, जहाूँ अब
से ि़ुछ दे र पहिे बाजी नूंगी सोई ह़ुई थी। ये खयाि आते ही मझ
़ु े अचानि खयाि आया कि िहीूं बाजी और
ननदा दोनों ही तो रात िो ि़ुछ िरती नहीूं रही हैं? ये खयाि आते ही मेरा िण्ड कफर से हाडट होने िगा कि हो
सिता है रात बाजी ने ननदा िे साथ मस्ती िी हो।

ि़ुछ दे र मैं अपने इस खयाि में मगन रहा और िण्ड दहिा-दहिा िे मजा िेता रहा, और कफर उठिर बाथरूम
िी तरफ चि ददया, जहाूँ से अब पानी चगरने िी आवाज बूंद हो च़ुिी थी। जैसे ही मैंने बाथरूम िा दरवाजा
खोिा तो बाजी उस वक़्त नहा च़ुिी थी और ब्रा पहन च़ुिी थी।

मझ
़ु े कफर से दरवाजा पे खड़ा दे खिर बाजी ने िहा- “क्यों िामीने, अब क्या और बेइज्जती िरवानी है मेरी
तम ़ु ने अम्मी से?” और इतना बोिते ह़ुये िमीज पहनिर बोिी- “भाई अभी अम्मी परी तरह ददि से हमारा साथ
दे ने िो तैयार नहीूं ह़ुई हैं, जरा सबर से िाम िो समझे?”

बाजी िो इस तरह भीगे बदन गीिे बािों में िपड़े पहने मेरे सामने दे खना िोई आसान िाम नहीूं था। ददि तो
चाह रहा था कि बाजी िो कफर से नूंगा िरिे िण्ड घस
़ु ा दूं िेकिन मैं ऐसा िर नहीूं सिता था इसीलिए ठूं डी
‘आअह्ह’ भरिर रह गया।

मैं वहाूँ से पिटा और बाहर आिर बैठ गया और जोर से अम्मी िो आवाज दी और बोिा- “अम्मी नाश्ता
कितनी दे र में लमिेगा?

तब अम्मी िी जगह ननदा बोिी- “भाई पहिे आप बाजी से इजाजत तो िे िो कि वो आपिो नाश्ता दे ना भी
चाहती हैं या नहीूं?” और साथ ही हे हेहेहे िरने िगी।
118
मैं थोड़ा है रान ह़ुआ कि अम्मी िी मौजोदगी में ये किस तरह शोख हो रही है? और बोिा- ननदा अम्मी िहाूँ हैं?

ननदा ने िहा- “वो जरा िरीब िी दि


़ु ान ति गई हैं अूंडे खतम हो गये थे…”

ये जानते ही िी अम्मी घर पे नहीूं हैं, मैं झट से बोिा- “वैसे यार ननदा, बाजी िी छोड़ो वो तो मझ
़ु गरीब िो
नाश्ता दे ही दे ती हैं। िेकिन तम
़ु बताओ कि दोगी या नहीूं?”

ननदा झट से बोिी- “ना बाबा, मैं नहीूं दे ने वािी। बाजी से ही बोिो वो ही दें गी। वैसे अब तो मझ
़ु े पता चिा है
िी अम्मी भी दे दे ती हैं तम्
़ु हें नाश्ता…”

ननदा िी बात से मैं समझ गया कि बाजी ने ननदा िो ये भी बता ददया है कि अब अम्मी िा भी मेरे साथ ि़ुछ
चि रहा है , तो मैंने िहा- “यार जब तम्
़ु हें पता है कि बाजी िी तरह अम्मी भी मझ
़ु े नाश्ता दे ती हैं, तो तम्
़ु हें
क्या ऐतराज है? तम
़ु भी दे दो। िसम से बड़े प्यार से िरूूंगा मैं…”

मेरी बात खतम होते ही मझ


़ु े फरी बाजी िी आवाज सन
़ु ाई दी जो िह रही थी- “क्या िरना है तम
़ु ने ननदा िे
साथ, वो भी प्यार से?”

मैं थोड़ा हड़बड़ा गया और सामने दे खा तो बाजी मेरे सामने ही खड़ी ह़ुई थी। बाजी िो दे खिर मैं हूँस ददया और
बोिा- “ि़ुछ नहीूं बाजी। ननदा से नाश्ते िे लिए बोि रहा था कि िभी-िभी वो भी दे ही ददया िरे । िब ति
आप और अम्मी मझ
़ु े दे ती रहोगी नाश्ता…” और हल्िा सा हूँस ददया।

बाजी भी हूँस दी और बोिी- “क्या अब हमारे नाश्ते से मन भर गया है तम्


़ु हारा, जो ननदा से बोि रहे हो?”

मैंने िहा- “अरे नहीूं बाजी, आप भी क्या बोिती हो। भिा ऐसा हो सिता है क्या?”

अभी हम ये बातें िर ही रहे थे कि अम्मी घर वावपस आ गई और सीधा किचेन में चिी गई। तो बाजी भी
अम्मी िे पीछे ही किचेन िी तरफ िपि िे गई और नाश्ता तैयार िरने में अम्मी िा हाथ बटाने िगी।

नाश्ता िरने िे बाद अम्मी ने फरी से िहा- “क्या तम


़ु अब ठीि हो चिने में, िोई मसिा तो नहीूं है ?”

फरी बाजी ने िहा- “नहीूं अम्मी, अब मैं कफट हूँ और िोई खास मसिा भी नहीूं होता है चिने में…”

अम्मी ने िहा- “तो कफर चिो बाजार से ि़ुछ समान िाना है घर िे लिए?”

अम्मी और फरी बाजी बाजार िे लिए ननिि गई तो मैं समझ गया कि अम्मी फरी बाजी से जरा खि
़ु े माहौि
में बात िरना चाह रही हैं, क्योंिी अब अम्मी अिेिी तो नहीूं थी जो जहाूँ मजी आई मजा िर िेती थी। अब
उनिी बड़ी बेटी भी उनिी तरह ही च़ुदक्िड़ ननििी थी, इसीलिए अम्मी चाह रही थी कि क्यों ना फरी से इस
बारे में बात िर ही िी जाए, तािी बाद में िोई परे शानी ना रहे ।

119
खैर, अम्मी और बाजी िे जाने िे बाद ननदा जो कि बतटन उठािर किचेन में िे गई थी और अब बतटन धो रही
थी और उस वक़्त घर में क्योंिी मेरे इिावा ननदा ही थी तो मैंने सोचा क्यों ना आज ननदा पे भी ट्राई मारी
जाए कि वो क्या चाहती है? ये सोचते ह़ुये मैं उठा और किचेन में चिा गया, जहाूँ ननदा बतटन धो रही थी और
बतटन धोते ह़ुये दहि भी रही थी।

ननदा िे इस तरह दहिने से उसिी गाण्ड बड़ा ही प्यारा नजारा दे रही थी। इसलिए मैं वहीूं रुि गया और अपनी
छोटी बहन िी गाण्ड िो बड़े प्यार से दे खिर ननहारने िगा। तभी ननदा िो भी एहसास ह़ुआ कि िोई किचेन में
आया है, इसी एहसास िे साथ जब उसने मड़ ़ु िर दे खा तो मझ
़ु े अपनी गाण्ड िी तरफ घरता पािर एिदम से
मेरी तरफ घम गई और बोिी- भाई क्या चि रहा है?

मैं- िऽि़ुछ नहीूं यार वो… वो बस घर में िोई भी नहीूं है ना तो सोचा कि क्यों ना तम
़ु से ही गप्प-शप िगा िूँ
बस ये सोचिर ही यहाूँ आया हूँ।

ननदा शरारती स्टाइि में- वो तो ठीि है िेकिन ये तम


़ु िब से यहाूँ खड़े हो? और मझ
़ु े पीछे से घर क्यों रहे थे?

मैं- अरे अभी आया हूँ और क्या मैं अपनी छोटी प्यारी सी बहन िो दे ख भी नहीूं सिता हूँ?

ननदा- मझ
़ु े पता है आप किन चक्िरों में हो? िेकिन मैं बता रही हूँ आपिो अभी से ही कि यहाूँ तम्
़ु हारी दाि
गिने वािी नहीूं है । फरी बाजी िे साथ अब अम्मी भी हैं उन्हें दे खा िरो ऐसे।

मैं- अच्छा जी भिा िैसे दे खता हूँ मैं अम्मी िो और फरी बाजी िो?

ननदा- भाई अभी आप जाओ यहाूँ से, मझ


़ु े िाम िरने दो। बाद में बात िर िेना जब मैं फ्री होऊूँगी।

मैं- “अच्छा बाबा मैं ही चिा जाता हूँ। क्योंिी अगर मैं ि़ुछ दे र और रुिा तो तम
़ु ि़ुछ और इल्जाम भी िगा
दोगी मझ
़ु े पे…” और हूँसता ह़ुआ किचेन से रूम में आ गया।

थोड़ी दे र िे बाद ननदा भी रूम में आ गई और बोिी- “जी भाई अब बोिो क्या बात िरनी थी आपने?”

मैं- यार ि़ुछ खास नहीूं, बस ददि चाह रहा था कि किसी च़ुड़ि
ै से बात िरूूं तो तम्
़ु हारा खयाि आ गया।

ननदा- चिो भाई मैं च़ुड़ि


ै ही भिी। इसीलिए आपसे अब ति बची ह़ुई हूँ, वरना तम्
़ु हारा क्या पता कि िब से
आूँख रखे ह़ुये हो।

मैं- आअह्ह… ननदा बेबी कितनी ख़ुशफहमी है ना तम्


़ु हें कि मैं तम
़ु पे भी िाइन मारता हूँ। तो सारी ऐसा बबल्ि़ुि
नहीूं है ।

ननदा- क्यों भाई क्या फरी बाजी मझ


़ु से ज्यादा खबसरात हैं या अम्मी?

120
मैं ननदा िी बात से चौंि गया और उसिे चेहरा िी तरफ दे खा तो जाना िे ननदा िी आूँखों में मेरी बात से
हल्िे आूँस आ गये थे। ननदा िी हाित दे खिर मैंने फौरन िहा- “बात ये है ना बेबी कि तम
़ु जजतनी प्यारी हो
उतनी ही नाज़ुि भी। इसीलिए मैं नहीूं चाहता कि मैं तम्
़ु हारे साथ ि़ुछ ऐसा वैसा िरूूं जो तम्
़ु हें नापसूंद हो अब
समझी तम
़ु ?”

ननदा मेरी बात सन


़ु िर हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा उठी और बोिी- “अच्छा जी, तम
़ु तो िह रहे थे कि मझ
़ु पे नजर नहीूं
रखते, िेकिन अब ि़ुछ और बोि रहे हो…”

मैं- हाूँ बाबा नहीूं रखता नजर, जाओ जो िरना है िर िो।

ननदा- भाई एि बात पछूं आपसे?

मैं- हाूँ पछो क्या पछना है?

ननदा- भाई आपने िभी सोचा है कि बाजी िो इस तरह इश्तेमाि िरने िे बाद उनिा भववष्य क्या होगा? क्या
उनिी शादी हो पाएगी िभी?

मैं- “मेरी जान सब होगा और फरी बाजी िी शादी भी होगी और उन्हें िोई परे शानी भी नहीूं होगी। क्योंिी बाजी
िी शादी मैं अपने दोस्त िाशी से िरवा दूँ गा। एि तो ये कि िाशी ही वो पहिा इूंसान है , जजसने बाजी िे साथ
किया था पहिी बार, और दसरा वो भी अपनी बहन िे साथ िरता है, इसलिए वो मझ
़ु े मना नहीूं िरे गा और ना
ही बाजी िे साथ िोई पूंगा िरे गा…”

ननदा- अच्छा जी तो क्या आपने भी उसिी बहन िे साथ किया है ?

मैं- क्यों बाजी ने तम्


़ु हें नहीूं बताया?

ननदा- बाजी ने तो और भी बह़ुत ि़ुछ बताया है । िेकिन आप ये जो आजिि मेरे पीछे पड़े ह़ुये हो उसिा क्या?

मैं- सोच रहा हूँ िेकिन सोचने से भिा क्या होता है? जब ति सामने से िोई रे स्पोन्स ना लमिे।

ननदा- “लमिेगा भी नहीूं मूँह


़ु धो रखो अपना…” और हे हेहेहे िरती उठिर भाग गई।

ननदा िे जाने िे बाद में सोच में पड़ गया कि अब इसिा िरूूं भी तो क्या िरूूं? क्योंिी ननदा िी बातों से साफ
िग रहा था कि वो तैयार है , िेकिन इस बात से डरती है कि बाद में शादी िे वक़्त अगर उसिे शौहर ने उसे
िूँ़ु वारी ना पािर तिाि दे दी तो वो िहीूं मूँह
़ु ददखाने िे िाबबि नहीूं रहे गी।

अम्मी और फरी बाजी भी आ गये तो मैंने अूंिि िो िाि िी और बोिा- क्या प्रोग्राम है अूंिि जी आज िा?

अूंिि ने िहा- “यार अभी आ जाओ मैंने िौन सा मना िरना है ?”

121
मैं भी हूँस ददया और बोिा- “अूंिि ये तो बताओ कि इरम िब आ रही है ?”

अूंिि ने िहा- “हाूँ यार, ये अच्छा किया तम


़ु ने याद ददिा ददया। अभी इरम भी आ रही एि घूंटे ति उसे भी
िेने जाना है …”

मैंने िहा- “चिो ये भी अच्छा ही है । वैसे अब इरम िे आने िे बाद क्या प्रोग्राम है ?”

अूंिि ने िहा- “यार अभी तम


़ु उसे जानते नहीूं हो। बस आते ही उसने बोिना है कि पापा जल्दी से घस
़ु ा दो
कफर सन
़ु ग
ूं ी…”

मैंने िहा- “तो कफर आज िा प्रोग्राम क्या होगा?”

अूंिि ने िहा- “यार जब इरम िो िेिर आऊूँगा तो तम्


़ु हें बता दूँ गा, तम
़ु आ जाना 15 लमनट रुि िे। और
कफर जब आओगे तो दरवाजा ख़ुिा लमिेगा। उसे िाि िरिे मेरे रूम में आ जाना। बािी मैं दे ख िूँ गा, और हाूँ
अपनी अम्मी िो मना िर दे ना आज िे लिए…”

मैंने ओिे िहा और िाि िट िर दी, और ख़ुश हो गया। क्योंिी आज एि और फ़ुद्दी लमिने वािी थी, वो भी
अूंिि िी जवान बेटी िी।

मैंने अम्मी िो रूम में बि


़ु ाया और अूंिि िे साथ ह़ुई बात बताई तो अम्मी ने मेरे गाि पे चट
़ु िी िाटते ह़ुये
िहा- “चि ठीि है, आज अपने अूंिि सफदर िे साथ लमििर उसिी बेटी िा मजा भी िे िो, बड़ी गरम
िड़िी है । जरा खयाि से िहीूं मेरा बेटा ही ना छीन िे मझ
़ु से…”

मैं अम्मी िी बात सन


़ु िर मश़्ु ि़ुरा ददया और बोिा- “नहीूं अम्मी, ऐसा ि़ुछ नहीूं होगा। आपिा बेटा जहाूँ मजी
मूँह
़ु मारता रहे , आएगा तो आपिे पास ही ना… िब ति बाहर मूँह
़ु मारूूंगा? आखखरिार, घर िा खाना खीूंच ही
िाता है …”

अम्मी भी हूँस दी और बोिी- “हाूँ जानती हूँ कि त मेरे लिए आए या ना आए? अपनी बड़ी बहन फरी िे लिए
तो जरूर आएगा। वैसे सन्नी बेटा एि बात पछूं तम
़ु से, बऱु ा तो नहीूं मानोगे मेरी बात िा?”

मैं- क्यों अम्मीजान ऐसी भिा िौन सी बात अब रह गई है कि आप मझ


़ु से पछो और मैं बऱु ा मान जाऊूँ?

अम्मी- बेटा वो मैं ये पछना चाह रही थी कि जब ननदा िो तम


़ु और फरी सब बता ही च़ुिे हो तो क्या िभी
तम्
़ु हारे ददि में खयाि नहीूं आया कि अपनी अम्मी या बड़ी बहन िी तरह उसिे साथ भी िरो?

मैं- अम्मी सच्ची बात तो ये है कि मेरा ददि तो बह़ुत िरता है । िेकिन मैं ि़ुछ भी उसिी मजी िे बबना नहीूं
िरना चाहता कि जजससे ननदा िा मेरे ऊपर बना ववस्वास खतम हो जाए।

अम्मी- अच्छा जी, तो मेरा शेर अब घर में बची ह़ुई आखखरी ििी िो भी फि बना िेना चाहता है?

122
मैं- अम्मी अगर आपिो अच्छा नहीूं िगा तो बता दो? मैं िभी ननदा िी तरफ ऐसी ननगाह से दे खूंगा भी नहीूं।
िेकिन साथ ही आपिो ये गा़ु रूं टी भी दे ना होगी कि ननदा घर में ये सब ि़ुछ होता दे खिर िहीूं बाहर जािर
अपनी आग नहीूं बझ
़ु ाएगी तो मेरा भी आप से वादा है कि मैं उसिी तरफ िभी बऱु ी नजर से दे खना तो बाद िी
बात है सोचूंगा भी नहीूं।

अम्मी- नहीूं बेटा, असि बात ये है कि मैं चाहती हूँ कि जब ननदा सब दे ख रही है िेकिन नाराज होने िी बजाये
हमें खि
़ु ी इजाजत दे रही है कि हम जो चाहें िर सिते हैं, तो क्यों ना उसे भी ििी से फि बना ददया जाए?
बेचारी िब ति अपनी आग में जिती रहे गी? वैसे भी इस तरह हमारा सारा डर जो कि ननदा िी तरफ से बना
ह़ुआ है, खतम हो जाएगा।

अभी मैंने अम्मी िो िोई जवाब भी नहीूं ददया था कि मेरे मोबाइि िी एस॰एम॰एस॰ टोन बज उठी। मैंने दे खा
तो सफदर अूंिि िा एस॰एम॰एस॰ था जो कि मझ
़ु े 5 लमनट ति आने िो बोि रहे थे। मैंने अम्मी िो
एस॰एम॰एस॰ ददखाया।

तो अम्मी हूँसते ह़ुये बोिी- “चि जा मजे िर। िेकिन जो मैंने िहा है सोचना जरूर?”

मैंने ओिे िहा और घर से ननिििर सफदर अूंिि िे घर िी तरफ चि ददया। अूंिि ने वादे िे मत
़ु ाबबि
बाहर िा दरवाजा िाि नहीूं किया था, िेकिन बूंद किया ह़ुआ था, जो कि मेरे जरा सा दबाने से आराम से खि
़ु
गया। तो मैं बबना आवाज किए अूंदर चिा गया। दरवाजे िो अपने पीछे िाि िरिे आगे बढ़ा और अूंिि िे
बेडरूम में जा पह़ुूँचा, जजसिा दरवाजा परा खि
़ु ा था।

दरवाजे पे पह़ुूँचते ही मझ
़ु े िाफी जोर िा झटिा िगा, क्योंिी रूम में सफदर अूंिि परे नूंगे होिर अपनी सगी
बेटी िी टाूँगों िे बीच खड़े ह़ुये थे और इरम िो बेड पे लिटािर अपना िण्ड उसिी फ़ुद्दी में घस़ु ाए चोद रहे थे।
मझ़ु े रूम िे दरवाजा पे खड़ा दे खिर इरम पहिे तो चकित रह गई, िेकिन जब अूंिि ने मझ ़ु े दे खिर मश़्ु ि़ुराते
ह़ुये िहा- “अरे सन्नी तम
़ु िैसे आ गये यार?”

मैंने िहा- “बस अूंिि अम्मी ने भेजा था कि आज िा पछ आऊूँ क्या प्रोग्राम है? िेकिन यहाूँ तो ि़ुछ स्पेशि
शो ही चि रहा है…”

मेरी बात सन
़ु िर अूंिि हूँस ददए और बोिे- “यार तेरी माूँ िो रात में दे ख िेंगे। अभी आ ही गये हो तो वहाूँ
क्यों खड़े हो? आ जाओ लमििर मजा िेते हैं…”

अूंिि िी बात सन ़ु िर इरम जो कि अभी ति अपने बाप िा िण्ड फ़ुद्दी में लिए आराम से िेटी ह़ुई थी मेरी
तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराने िगी। अूंिि िी बात सन
़ु िर मैं हूँस ददया और बोिा- “जरूर आऊूँगा। िेकिन पहिे इरम
बाजी से तो पछ िें कि उन्हें तो मेरे आने पे िोई ऐतराज तो नहीूं है ना?”

तभी इरम बाजी ने िहा- “सन्नी मझ


़ु े ऐतराज तो नहीूं है िेकिन ख़ुशी जरूर है कि तम
़ु भी हमारी तरह लसफट
मजा िरने पर ववस्वास िरने वािे ननििे। अब ज्यादा नखरे ना िरो और ये िपड़े ननिाििर एि तरफ फेंि
िे आ जाओ यहाूँ…”

123
मैंने झट से अपने िपड़े उतारिर फेंिे और बेड पे जा चढ़ा। तब इरम जरा सा पीछे िो हो गई, जजससे अूंिि
िा िण्ड उसिी फ़ुद्दी में से ननिि गया, तो वो उठिर बैठ गई और मेरे परा तने ह़ुये िण्ड िो दे खते ह़ुये
घट
़ु नों िे बि बैठ गई और कफर मेरे िण्ड िो अपने हाथ में िेिर सहिाते ह़ुये मेरी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराते ह़ुये
बोिी- “वैसे सन्नी िमाि िा हचथयार है तम्
़ु हारा?” और इतना बोिते ह़ुये एि च़ुम्मा मेरे िण्ड िी टोपी पे दे िर
हूँसी और कफर अपने दोनों हाथ मेरी गाण्ड िी तरफ घम
़ु ािर मेरी गाण्ड पे रखे और अपना मूँह
़ु परा खोििर मेरे
िण्ड िे सप
़ु ाड़े िप िो मूँह
़ु में भरिर चसने िगी।

इरम िे िण्ड चसने िे अूंदाज से मझ


़ु े शि हो रहा था कि िहीूं इरम िाि-गिट तो नहीूं बन गई है ? इसीलिए
मैंने उसिे लसर पे हाथ रखिर अपने िण्ड िी तरफ दबाते ह़ुये िहा- “अूंिि दे खो तो जरा किस तरह गश्ती िे
जैसे िण्ड चस रही है? िहीूं आपिी बेटी िोई िाि-गिट तो नहीूं बन गई?”

मेरी बात सन
़ु िर इरम ने झट से मेरा िण्ड मूँह ़ु से ननिािा और मझ़ु े घरते ह़ुये बोिी- “ज्यादा बातें नहीूं
लमस्टर। अगर मैं िाि-गिट हूँ भी तो तम्
़ु हें क्या मसिा है ? तम
़ु िौन सा पैसे दे रहे हो मझ ़ु ?
े वैसे भी मैं ये
िाम पैसों िे लिए िभी नहीूं िरती, बल्िी अपनी मजे िे लिए और अपनी पसूंद िे आदमी से िरती हूँ और
पापा िो पता है इस बारे में …”

अबिी बार मैंने िोई जवाब नहीूं ददया और उसिा लसर अपने िण्ड िी तरफ दबाया तो अूंिि समझ गये कि मैं
कफर से िण्ड चस
़ु वाना चाह रहा हूँ, तो अूंिि ने िहा- “यार इसे लिटा दो तािी दोनों लमििर मजा िर सिें…”

इरम अबिी बार अपने बाप िी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराई और बेड पे सीधी िेट गई और अपनी टाूंगें मोड़ िीूं,
जजससे उसिी फ़ुद्दी उसिे सगे बाप िे सामने ख़ुि गई।

अब मैं उसिे चेहरे िे पास हो गया और अपना िण्ड उसिे होंठों पे िगाया तो इरम मश़्ु ि़ुरा दी और मेरे िण्ड
िो चमते ह़ुये बोिी- “वैसे सन्नी तम्
़ु हारे लिए ओफर दे रही हूँ िी तम ़ु जब चाहो मेरे साथ एूंजाय िर सिते हो।
वैसे भी सिमा आूंटी िाफी बढ़ी हो चि ़ु ी हैं, अब उनमें क्या मजा आता होगा तम्
़ु हें ?”

मैंने उसिे मूँह


़ु में अपना िण्ड घस
़ु ाते ह़ुये िहा- “अभी तम्
़ु हें चोदा ही िहाूँ है जा-ए-मन जो तम
़ु ओफर दे रही
हो? अभी तो दे खना है कि तम ़ु मझ ़ु े झेि भी सिती हो कि नहीूं?” िेकिन सच ये था कि उस वक़्त मझ ़ु े एि
अजीब सी नफरत महसस होने िगी थी इरम से, पता नहीूं क्यों वो अपने आपिो मेरे सामने ि़ुछ ज्यादा ही
पोज िर रही थी जो कि मझ
़ु े अच्छा नहीूं िगा।

इरम मेरी बात सन


़ु िर मेरे िण्ड िो हाथ में पिड़िर उसपे ज़ुबान घम
़ु ाने िगी और मेरी तरफ दे खिर हल्िा-
हल्िा मश़्ु ि़ुराने िगी िेकिन मैं ि़ुछ नहीूं बोिा बस दे खता रहा कि वो िरना क्या चाहती है?

िेकिन तभी अूंिि ने जो कि अभी ति इरम िो पैरों से चाट रहे थे उठे और बोिे- “इरम बेटी चिो अब तम
़ु
मेरे ऊपर आ जाओ…”

इरम बेड से उठी तो सफदर अूंिि उसिी जगह िेट गये और इरम उनिे ऊपर मेरी तरफ मूँह
़ु िरिे अपनी
फ़ुद्दी में अपने बाप िा िण्ड सेट िरते ह़ुये बैठ गई, जजससे सफदर अूंिि िा परा िण्ड बड़े आराम से इरम
िी फ़ुद्दी िो खोिता ह़ुआ जड़ ति घस ़ु गया।
124
मैं क्योंिी सफदर अूंिि िे पैरों िी तरफ था और इरम भी मेरी तरफ ही मूँह
़ु िरिे बैठी थी तो अब इरम मेरे
िण्ड िी तरफ झ़ुिी और उसे हाथ में पिड़िर मूँह
़ु में डाििर चसने िगी और सफदर अूंिि नीचे से अपनी
बेटी िी गाण्ड िो पिड़िर ऊपर नीचे िो दबाने में िग गये।

मैं दे ख रहा था िे सफदर अूंिि िा इतना तगड़ा िण्ड िेने से भी उसे जरा भी मज़ु श्िि नहीूं ह़ुई थी, बल्िी वो
बड़े मजे से मेरा िण्ड मूँह
़ु में िेिर चसने में िगी ह़ुई थी, जो कि मझ
़ु े है रान किए जा रहा था।

अब मैंने ज्यादा है रान ना होते ह़ुये एूंजाय िरने िा फैसिा किया और इरम िे बाि पिड़िर उसिा लसर अपने
िण्ड िी तरफ जोर से दबा ददया, जजससे मेरा िण्ड िाफी ज्यादा इरम िे मूँह ़ु में गिे ति जा घस
़ु ा, तो इरम
जैसे तड़पिर अपने आपिो मझ
़ु से छ़ुड़ाने िगी। िेकिन अब ये आसान नहीूं था, क्योंिी मैंने अपनी पिड़ उसपे
िाफी टाइट िर दी थी और ख़ुद उसिे बाि और लसर िो जिड़िर अपना िण्ड उसिे मूँह
़ु में अूंदर-बाहर िरने
िगा जजससे इरम िे मूँह
़ु में से- “गूँन ्-गूँन ् ओउन ्…” िी आवाज ननििने िगी, िेकिन मैंने नहीूं छोड़ा।

मैं दे ख रहा था कि मूँह


़ु में मेरा िण्ड उसिे गिे ति जािर टिराता था और नीचे से उसिा बाप अपनी परी
जान िगािर उसिी गाण्ड िो अपने िण्ड पे ऊपर नीचे िर रहा था। इन दो तरफा हमिों ने इरम िो बौखिा
ददया था। मेरे िण्ड िी वजह से उसे साूंस िाने में भी मज़ु श्िि हो रही थी, और आूँखों में से आूँस भी ननिि रहे
थे। िेकिन हम दोनों पे इस बात िा िोई असर नहीूं हो रहा था।

जब मैंने दे खा कि इरम िा चेहरा साूंस रुिने और ददट से िाि पड़ता जा रहा है तो मैंने उसिे मह
ूँ़ु में से अपना
िण्ड बाहर ननिाि लिया और बोिा- “सािी क्या ह़ुआ अभी से ये हाि है तेरा? अभी तो मैंने तेरे मूँह
़ु में ही
डािा है बस… जब तेरी फ़ुद्दी में घस
़ु ाऊूँगा तब तेरा क्या होगा?”

इरम बस अपने पापा िे िण्ड पे बैठी उनिे घट


़ु नों पे हाथ रखे च़ुदवाती रही और साूंस ठीि िरती रही, िेकिन
बोिी ि़ुछ नहीूं। तो मैंने कफर से उसिा लसर पिड़ लिया और अपना िण्ड इरम िे मूँह
़ु में घस
़ु ाने िगा।

तब इरम ने जोर िगािर अपना मूँह


़ु घम
़ु ा लिया और बोिी- “क्यों माूँ च़ुदवा रहे हो सन्नी? मेरे साथ िौन सी
दश़्ु मनी ननिाि रहे हो तम
़ु ? िोई ऐसे भी िरता है सेक्स? जो भी िरना है आराम से िरो, मैंने िोई मना किया
है तम्
़ु हें जो तम
़ु इस तरह जबरदस्ती िर रहे हो?”

इरम िी बात सन
़ु िर मैं हूँस ददया और बोिा- “इरम जान क्या िरूूं? मझ
़ु े ऐसे ही मजा आता है, आराम-आराम
से िोई सेक्स िा मजा थोड़ा ही आता है । जो मजा जबरदस्ती में लमिता है , वो तैयार फ़ुद्दी में िण्ड घस
़ु ाने से
नहीूं आता, इसलिए तम्
़ु हें आज तो जबरदस्ती िा मजा भी िेना ही पड़ेगा…”

ि़ुछ दे र ति इरम मझ
़ु े घरती रही। कफर सफदर अूंिि िे िण्ड से उतर गई और बोिी- “ठीि है तो कफर आ
जाओ दे खती हूँ कि तम्
़ु हारे िण्ड में कितना दम है?” और बेड पे अपनी टाूंगें फैिािर िेट गई।

अब मैंने सफदर अूंिि िी तरफ दे खा जो कि मेरी तरफ दे खिर हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा रहे थे। मझ
़ु े अपनी तरफ
दे खता ह़ुआ पािर बोिे- “मेरी ख्वादहश है कि तम
़ु ही जीतो, क्योंिी मैं तो आज ति इस ि़ुनतया िी बच्ची िे
मूँह
़ु से आवाज भी नहीूं ननििवा सिा, लसवाए फस्टट टाइम िे जब इसिी सीि तोड़ी थी…”
125
मैं सफदर अूंिि िी बात सन
़ु िर हूँस ददया और बोिा- “बस तो कफर अूंिि आज आप अपनी बेटी िे चचल्िाने
िी आवाज भी सन
़ु ही िो…” और एि तरफ से इरम िी पड़ी शटट उठा िी और अच्छी तरह से उसिी फ़ुद्दी िो
रगड़-रगड़ िे अूंदर ति साफ किया, जजससे इरम िी फ़ुद्दी ख़ुश्ि हो गई। िेकिन मेरा िण्ड हल्िा-हल्िा गीिा
था इरम िे थि िी वजह से। उसिे बाद मैंने खद
़ु िो इरम िी फ़ुद्दी िे सामने रानों िे बीच सेट किया और
अपना िण्ड इरम िी फ़ुद्दी िे छे द पे रखा और इरम िी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराते ह़ुया अचानि परी जान
िगािर झटिा मारा।

इस तरह झटिा मारने से मेरा परा िण्ड तो नहीूं गया, क्योंिी इरम िी फ़ुद्दी िो मैं अच्छी तरह ख़ुश्ि िर
चि
़ु ा था। िेकिन मेरा 4” से ज्यादा िण्ड इरम िी फ़ुद्दी में घस
़ु गया। िण्ड िे घस
़ु ते ही इरम िे मूँह
़ु से
‘ससीईई’ िी बेसाख्ता आवाज ननिि गई, तो मैंने अबिी बार हल्िा सा िण्ड ननिाििर कफर से जानदार झटिा
मार ददया तो मेरा परा 7½” िण्ड इरम िी फ़ुद्दी में उतर गया। िेकिन अबिी बार इरम िे मूँह
़ु से िोई भी
आवाज नहीूं ननििी, बस इरम अपनी आूँखों िो बूंद किए अपने होंठ चबाती रही।

मैंने इसी तरह दो-तीन बार परी ताित िे झटिे मारे , तो मेरा िण्ड इरम िी फ़ुद्दी िे पानी से परी तरह गीिा
होिर आसानी से अूंदर-बाहर होने िगा, तो मैंने अपना िण्ड कफर से बाहर ननिाि लिया और िपड़े से अच्छी
तरह अूंदर ति इरम िी फ़ुद्दी िो ख़ुश्ि िरिे िण्ड िो तेज झटिे से परा घस
़ु ा ददया।

िेकिन इस बार इरम िे साथ-साथ मेरे मूँह


़ु से भी ‘सस्सीईई’ िी आवाज ननिि गई और इरम बोिी- “ससीईई
सन्नीऽऽ क्यों िर रहे हो ऐसे? जप्िज़्ज… मत िरो बह़ुत जिन हो रही है ऊऊह्ह… सन्नी हरमी मेरे साथ-साथ
तेरा िण्ड भी नछि जाएगा…”

िेकिन मैं अब बबना परवाह किए उसिी टाूँगों िो परा उसिे िूंधों िी तरफ दबािर िण्ड िो बाहर ननिािता
और कफर अपने परे वजन िे साथ इरम िे ऊपर चगरा दे ता, जजससे थप्प-थप्प िी आवाज िे साथ-साथ इरम िे
मूँह
़ु में से- “आऐईयईई पापा प्िीज़्ज… इसे रोिो उउफफ्र्फ… मेरी फ़ुद्दी अूंदर से नछि गई है हरामी िी औिाद
मत िर ऐसे ऊऊह्ह…” िी आवाज िरने िगी।

इरम िे मूँह
़ु से ननििने वािी आवाजें सन
़ु िर सफदर अूंिि मेरी गाण्ड िो सहिाने िगे और बोिे- “हाूँ सन्नी,
आज मजा आ रहा है इस ि़ुनतया िे इस तरह चचल्िाने से, वरना जब भी मझ
़ु से च़ुदवाती है सािी किसी मद
़ु ाट
िाश िी तरह पड़ी रहती है, जजससे सारा मजा ही खराब हो जाता है…”

सफदर अूंिि िी बात सन ़ु िर मैं और भी ज्यादा जोर िगाते ह़ुये बोिा- “अूंिि आज िे बाद जब भी इस
ि़ुनतया िो चोदो, इसिी फ़ुद्दी िा सारा पानी ननिाििर ख़ुश्ि िर दो, उसिे बाद दे खना िैसे चचल्िाती है …”

िोई 3-4 लमनट िे बाद अचानि इरम िा जजश्म अिड़ने िगा और वो मेरे साथ लिपटने िी िोलशश िरने
िगी। िेकिन मैंने उसिी चचचयों पे हाथ रखिर उसे कफर से नीचे दबा ददया।

तब इरम “आअह्ह… सन्नी प्िीज़्ज… मेरी जान मेरे सीने से िग जाओ उफफ्र्फ… जान मैं झड़ने वािी हूँन ् ऊऊह्ह
सन्नी ि़ुत्ते क्यों जिीि िर रहा है मझ
़ु े बहनचोद गान्ड…” िी तेज आवाज िे साथ ही इरम िा परा जजश्म एि
बार अिड़ा और कफर हल्िा-हल्िा िाूँपने िगा जजसिे बाद उसिी फ़ुद्दी में पानी िा तेज सैिाब सा आ गया।
126
इरम िे फाररघ ् होते ही मैंने अपना िण्ड बाहर ननिाि लिया, क्योंिी मैं अभी फाररघ ् नहीूं होना चाहता था।
इरम थोड़ी दे र ति िूंबी साूंसें िेती रही। उसिे बाद इरम ने अपनी आूँखें खोििर मेरी तरफ और कफर मेरे
फनफनाते ह़ुये िण्ड िी तरफ दे खा और हल्िा सा मश़्ु ि़ुरािर बोिी- “सन्नी तम ़ु सच्ची में बह़ुत बड़े हरामी हो।
पता है आज ति मझ ़ु े िोई मेरी मजी िे बबना फाररघ ् नहीूं िरवा सिा है, िेकिन तम ़ु ने िर डािा। मेरा सारा
मान तोड़ ददया है आज तम
़ु ने। बह़ुत जालिम हो…”

इरम िी बात सन
़ु िर मैं हूँस ददया और बोिा- “अभी तम
़ु ने ज़ुल्म दे खा ही िहाूँ है ? अभी तो तम
़ु दे खोगी कि
आज होना क्या ि़ुछ है तम्
़ु हारे साथ?” और साइड से िपड़े उठािर एि बार कफर से इरम िी फ़ुद्दी िो साफ
िरने िगा।

तब इरम ने ख़ुद ही िपड़ा पिड़ लिया और अपनी फ़ुद्दी साफ िरते ह़ुये बोिी- “ि़ुछ तो गीिी रहने दो, वरना
आज िे बाद एि हफ्ते ति हम दोनों ही किसी िाम िे नहीूं रहें गे…”

अबिी बार मैंने इरम िी बात मान िी, क्योंिी मझ


़ु े भी अब िण्ड पे जिन िा एहसास हो रहा था, जो कि
इरम िी ख़ुश्ि फ़ुद्दी में घस
़ु ने िी वजह से ही हो रही थी। खैर, फ़ुद्दी िो अच्छे से साफ िरिे इरम ने मझ
़ु े
अपनी जगह पे लिटा ददया और ख़ुद अपने पापा िी तरफ मूँह
़ु िरिे जो कि मेरे पैरों िी तरफ थे, मेरे िण्ड िो
अपनी फ़ुद्दी पे सेट िरते ह़ुये धीरे से मेरे िण्ड िो अपनी फ़ुद्दी में िेती ह़ुई नीचे बैठ गई। मैंने भी पीछे से
इरम िी गाण्ड पिड़ िी और उसे सहिाते ह़ुये ऊपर नीचे होने में मदद दे ने िगा।

परा िण्ड अपनी फ़ुद्दी में घस


़ु ािर इरम ने मड़
़ु िर मेरी तरफ दे खा और बोिी- “क्या खयाि है जरा प्यार से
मजा ना िरें ?”

मैंने हाूँ में लसर दहिा ददया, तो इरम ने ख़ुद िो धीरे से मेरे ऊपर चगरा लिया और अपने हाथ मेरे लसर िे
वपछिी तरफ बेड से िगािर अपनी गाण्ड िो मेरे िण्ड पे रगड़ते ह़ुये च़ुदाई िा मजा िेने िगी। िेकिन इस
तरह इरम िी च़ुदाई मेरे लिए भी बड़ी मस
़ु ीबत बन रही थी, क्योंिी शायद ये इरम िे गरम जजश्म िा िमाि
था, जो मझ
़ु से अब बदाटश्त खतम होती जा रही थी।

इस स्टाइि में मझ
़ु से दो लमनट भी िूंट्रोि नहीूं हो पाया, और मैंने इरम िो अपने ऊपर से धिेि ददया और ख़ुद
उठिर इरम िो अपने नीचे लिटा लिया और कफर से उसिी टाूंगें उठािर अपने िूंधों पे रख िीूं और अपना िण्ड
घस
़ु ािर इरम िी फ़ुद्दी मारने िगा। िेकिन क्योंिी इस बार इरम िी फ़ुद्दी ज्यादा खश़्ु ि नहीूं थी और िण्ड भी
आसानी से अूंदर-बाहर हो रहा था।

तो इरम भी अपनी गाण्ड नीचे से मेरे िण्ड िी तरफ उछिते ह़ुये बोिी- “क्या ह़ुआ मेरे हरामी राजा, गाण्ड फट
रही है क्या? और तेजी से चोद ना बहनचोद। ये तेरी माूँ िी बढ़ी फ़ुद्दी नहीीँ है जो एि दो बार में थि जाएगी।
सािे ये मेरा जवान जजश्म है , 10 बार भी माूँ चद
़ु वाएगा ना तो ताजा दम लमिेगी उफफ्र्फ सन्नी और तेज चोद
बहन िे िौड़े उउन्नम्म्मह आअह्ह… पापा इसिी गाण्ड में उूं गिी िरो, इसे बोिो तेज चोदे उउफफ्र्फ…” िी
आवाज में चचल्िा-चचल्िा िे मेरा जोश बढ़ा रही थी। जजसने इतना िाम किया कि मैं दो लमनट में ही इरम िी
फ़ुद्दी में झड़ गया और उसिे ऊपर ही िेटिर हाूँफने िगा।

127
इरम ने इसी तरह मझ
़ु े अपने साथ जिड़ लिया बाहों में और थोड़ा जोर िगािर मझ
़ु े अपने ऊपर से घम
़ु ािर
साइड में िर लिया और मेरा िण्ड ऐसे ही अपनी फ़ुद्दी में लिए मझ
़ु े किस िरने िगी। इरम िी तरफ से ये
पहिी किस थी जो उसने मझ
़ु े िी थी और वो भी िाफी जोश िे साथ।

ि़ुछ दे र मैं इरम िे साथ ऐसे लिपटा िेटा रहा और किस िरता रहा। कफर मैं पीछे हटा जजससे मेरा मऱु झाया
ह़ुआ िण्ड इरम िी फ़ुद्दी में से ननिि आया तो मैं अूंिि िी तरफ दे खिर मश़्ु ि़ुराया और बोिा- “क्यों अूंिि
मजा आया या नहीूं?”

अूंिि ने िहा- “तम्


़ु हें तो आ ही गया है िेकिन मेरा अभी बािी है…” और इतना बोिते ह़ुये इरम िो अपनी
तरफ खीूंचिर उसे अपने ऊपर आने िो िहा।

तब मैं वहाूँ से उठा और नूंगा ही बाथरूम में जा घस


़ु ा और अपने आपिो साफ सफाई िरिे जब 5 लमनट बाद
बाहर ननििा तो दे खा कि सफदर अूंिि भी इरम िी फ़ुद्दी में झड़ च़ुिे थे, और अब दोनों बाप बेटी साथ-साथ
िेटे हाूँफ रहे थे।

थोड़ी दे र ति आराम िरने िे बाद इरम उठी और मेरी तरफ दे खिर हल्िा सा मश़्ु ि़ुराते ह़ुये बोिी- “िगता है
तम्
़ु हें िाफी तज़ुबाट है सेक्स िा, जो कि अभी ति मेरे पापा िो भी नहीूं है । िसम से अभी ति जिन हो रही है
मझ
़ु े। वैसे सच्ची बात बताऊूँ तम्
़ु हें सन्नी… मजा बह़ुत आया है मझ
़ु …
े ”

मैं हूँसते ह़ुये उठा और बोिा- “िेकिन यार इरम, मझ


़ु े ि़ुछ खास मजा नहीूं आया। पता नहीूं क्यों तम
़ु ने ददि से
मेरे साथ एूंजाय नहीूं किया है …”

इरम हूँस दी और बोिी- “शरू


़ु -शरू
़ु में सचमच
़ु ऐसा ही था। िेकिन बाद में जब तम
़ु ने अपना िमाि ददखाया तब
तो मैंने ददि से ही िरवाया था ना?”

अब मैं उठा और अपने िपड़े िेिर िण्ड िो अच्छे से साफ िरता ह़ुआ िपड़े पहनने िगा।

सफदर अूंिि ने िहा- “क्या बात है सन्नी, िहाूँ जा रहे हो?”

मैंने िहा- “बस अूंिि, आप िोग अपनी मस्ती जारी रखो। मझ


़ु े ि़ुछ िाम है, बाद में आऊूँगा आप िोगों िी
तरफ…” और वहाूँ से ननिििर अपने घर आ गया, जहाूँ ननदा बाहर हाि में ही बैठी टीवी दे ख रही थी।

मझ ़ु े दे खते ही ननदा एि स्माइि दे ते ह़ुये धीरे से बोिी- “िगता है आज हमारे भाई िो िोई खजाना लमि गया
है , जो इतना ख़ुश ददखाई दे रहा है …”

मैं हूँसता ह़ुआ ननदा िे पास ही जा बैठा और बोिा- “क्यों किसी खजाने िे लमिने से ही मेरे चेहरा पे चमि आ
सिती है क्या? ि़ुछ और भी तो लमि सिता है ना?”

ननदा- अच्छा जी, तो बताओ कफर ये ि़ुछ और िहाूँ से लमिा और किसने ददया तम
़ु जैसे चाूंददस िो?

128
मैं- क्यों जेिस हो रही हो? तम
़ु क्या जानो कि क्या चीज थी? आअह्ह… िसम से मजा आ गया जब से दे खा है
और लमिा हूँ बस उसी िा खयाि ही हर वक़्त मेरी आूँखों िे सामने नाचता रहता है ।

ननदा जो कि अभी ति शोखी ददखा रही थी एिदम से मूँह ़ु बनाते ह़ुये उठी और अपने रूम में चिी गई, और
जाते ह़ुये बोिी- “भाई वैसे आपने बाजी िे साथ ज़्यादती नहीूं िी है ?”

मैं- “यार ये बात फरी से ही क्यों नहीूं पछ िेती तम


़ु ? वो तम्
़ु हें अच्छे से समझा दे गी सब ि़ुछ…”

ननदा िे जाने िे बाद मैं भी उठा और अपने रूम में आ गया, जहाूँ अब ननदा फरी बाजी िा लसर खा रही थी कि
मैं पता नहीूं िहाूँ से मूँह
़ु िािा िरवा िे आ रहा हूँ? और फरी बाजी िो मझ
़ु से सख्ती से पछना चादहए। िेकिन
फरी बाजी थी कि बेड पे बैठी हल्िा सा मश़्ु ि़ुरा रही थी। जजससे ननदा िो गस्
़ु सा आ गया और उसने ि़ुछ बोिने
िे लिए अपना मूँह
़ु खोिा ही था कि मझ
़ु पे नजर पड़ते ही बोिी- “िो आ गये आपिे नावब साहब, पछो अब
इससे िहाूँ गया था ये?”

फरी बाजी ने अब सीररयस होते ह़ुये ननदा से िहा- “यार क्यों बच्चों िी तरह ररएक्ट िर रही हो तम़ु ? जैसे
सन्नी मेरी हर ख्वादहश िा ख्याि िरता है और मझ ़ु े हर तरह िी आजादी दी ह़ुई है इसने, तो क्या इसे इस
बात िा हि नहीूं है कि अपनी िाइफ िे ि़ुछ पि अगर किसी और िे साथ भी गज
़ु रना चाहे तो गज
़ु र सिे?”

फरी िी बात सन
़ु िर ननदा िा गस्
़ु सा थम सा गया। िेकिन मझ
़ु े उसिे चेहरा पे अब भी एि नागवारी सी ददखाई
दे रही थी, जजसिा मतिब था कि ननदा िो मेरा किसी और िे साथ िरना अच्छा नहीूं िगा था। जजसिा एि
ही मतिब ननििता था कि ननदा भी जेहनी तौर पे मेरी तरफ झ़ुि रही थी, जो कि मेरे लिए सप्राटइज ही था।
क्योंिी ननदा बह़ुत हाट िड़िी थी और मैं ख़ुद भी उसिे लिए पागि ह़ुआ कफर रहा था। जजस बात िा एहसास
ननदा िो भी अच्छी तरह था कि मैं उसिे लिए क्या सोचता हूँ?

अभी ननदा ि़ुछ बोिने ही िगी थी कि अम्मी िी आवाज सन


़ु ाई दी जो ननदा िो बि
़ु ा रही थी कि वो उनिे रूम
िी अच्छी तरह झाड़-पोंछ िर दे । तो ननदा मूँह
़ु ही मह
ूँ़ु में बद
़ु बद
़ु ाती ह़ुई रूम में से ननिि गई।

बाजी ने िहा- “हाूँ तो मजा आया मेरे भाई िो इरम िे साथ?”

मैंने बऱु ा सा मूँह


़ु बनाते ह़ुये िहा- “अरे बाजी, एिदम गश्ती है सािी। िेकिन आज मैंने भी उसिी वो ठ़ुिाई िी
है कि पीछे -पीछे भागेगी मेरे…”

फरी बाजी हूँसते ह़ुये बोिी- “अच्छा जी, ऐसा क्या िर ददया मेरे शेर भाई ने?”

तब मैंने बाजी िो सारा वाकिया सन


़ु ा ददया, जो वहाूँ ह़ुआ था।

फरी बाजी ने है रानगी से िहा- “क्या मतिब? भाई तम


़ु ये िहना चाहते कि अगर वो अपनी और अपने बाप िी
मजी से िरवा रही है तो वो िाि-गिट है ?”

मैंने हाूँ में लसर दहिा ददया।


129
बाजी ने िहा- “अच्छा? तो कफर जरा एि नजर अपनी तरफ और दसरी नजर मेरी तरफ दे खिर बताओ कि हम
क्या हैं कफर? क्योंिी िरते तो हम भी मजे िे लिए ही हैं ना?”

फरी बाजी िी बात सन


़ु िर मझ
़ु े बड़ी शमट आई ख़ुद पे कि अगर हम िरें तो सब अच्छा और दसरों िो िरता
दे खते हैं तो बऱु ा भिा िहते हैं उन्हें ।

तभी बाजी ने िहा- “अच्छा, और बऱु ा महसस नहीूं िरो ि़ुछ भी और जाओ जरा अम्मी िे रूम में से ननदा िो
बि
़ु ाओ, ि़ुछ िाम है उससे…”

मैं बाथरूम िे रास्ते अम्मी िे रूम में गया िेकिन वहाूँ जो नजारा दे खा तो वहीूं ददि थामिर खड़ा हो गया।

ननदा अम्मी िे रूम िी सफाई िर चि ़ु ी थी और अब अम्मी िे बेड पे झि


़ु ी ह़ुई उसिी चादर ठीि िर रही थी।
िेकिन ननदा िे इस तरह झ़ुिने से उसिा पाजामा िाफी नीचे ति खखसि आया था और नीचे से पहनी ह़ुई
उसिी ब्िैि पैंटी िी जस्ट्रप साफ ददखाई दे रही थी और परी गाण्ड अपनी शेप में नजर आ रही थी। ननदा िी
चचिनी गाण्ड िा ये रूप दे खते ही मेरा िण्ड सिामी दे ने खड़ा होने िगा।

तभी ननदा भी चादर ठीि िरते ह़ुये उठ खड़ी ह़ुई और जैसे ही मड़


़ु ी और बाथरूम िे दरवाजा में मझ
़ु े खड़ा दे खा
तो बोिी- “क्या बात है भाई तम
़ु िब आए?” और तभी उसिी नजर मेरे खड़े होते िण्ड पे गई तो ननदा गस् ़ु सा
ददखाते ह़ुये बोिी- “भाई ि़ुछ शमट है कि नहीूं तम
़ु में? अभी-अभी अपना मह
ूँ़ु िािा िरवा िे आए हो और घर
आते ही तम ़ु कफर से मझ़ु पे िाइन मारने िगे हो?”

मैं- “अरे नहीूं ये… ये तो बस ऐसे ही… वो मैं तो तम्


़ु हें बि
़ु ाने आया हूँ कि बाजी िो ि़ुछ िाम है तम
़ु से…”

ननदा मझ़ु े खा जाने वािी नजरों से दे खते ह़ुये मेरे पास से गज


़ु रने िगी तो मैं जो कि परा रास्ता बूंद किए खड़ा
ह़ुआ था साइड िे बि ह़ुआ तो जैसे ही ननदा गज ़ु रने िगी, तभी पता नहीूं मझ़ु े क्या ह़ुआ कि मैंने ख़ुद िो थोड़ा
सा ननदा िो तरफ दबाया तो मेरा खड़ा िण्ड ननदा िे हाथ से टच हो गया, तो ननदा िो जैसे िोई झटिा िगा
हो और वो वहीूं खड़ी होिर ि़ुछ दे र मेरे िण्ड िो अपने हाथ से िगा ह़ुआ दे खती रही िेकिन कफर ि़ुछ बोिे
बबना ही ननिि गई।

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