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हररयाणा की मख्

ु य नददयाॉ, सहायक नददयाॉ और बाॊध से सॊबन्धधत जानकारी


BY – Haryana Magazine

हरयमाणा भें भुख्म रूऩ से दो प्रकाय की नददमों का सभूह है | प्रथभ वे हैं, जो याज्म की सीभाओॊ के सभीऩवती ऺेत्रों भें प्र्वादहत हैं मा कबी यही
थी तथा दस
ू यी वे हैं , जो छोटी नददमों के रूऩ भें हरयमाणा के दक्षऺणी बाग भें प्रवादहत है |
हररयाणा की मुख्य नददयाॉ, सहायक नददयाॉ और बाॊध से सॊबन्धधत जानकारी
नदी उद्गम स्थऱ प्रवेश ऱाभान्धवत न्जऱे सहायक ववऱुन्तत/ समादहत बाॊध/ झीऱ/ बैराज
नददयाॊ
यमुना मभुनोत्री (UK) करेसय मभुनानगय, सोम्फ, फ़यीदाफाद के हथथनी कॊु ड (ताजेवारा),
फॊदयऩूॊछ ( मभुनानगय) कयनार, सोनीऩत, ऩथयारा, फूढ़ी हसनऩुय से उत्तय अॊगऩुय फाॊध (फ़यीदाफाद),
ऩानीऩत, प्रदे श भें प्रवेश ककशाऊ फाॊध, ये णुका फाॊध,
फ़यीदाफाद, ऩरवर कय जाती है | रखवाय फाॊध, चेक डैभ
(सोम्फ नदी)
घग्घर डगशाई (शशभरा) कारका (ऩॊचकुरा) ऩॊचकुरा, अॊफारा, झाझया, शसयसा के फाद वीमयाज फाॊध (ओटू,
दहभाचर प्रदे श कैथर, फ़तेहाफाद, कौशल्मा मह याजस्थान भें शसयसा), कौशल्मा फाॊध
शसयसा प्रवेश कय ववरुप्त (ऩॊचकुरा), चभारा फाॊध,
हो जाती है | डॊगयना फाॊध, दीवानवारा फाॊध
सरस्वती आददफद्री (शसयभौय) अॊफारा अॊफारा, कुरुऺेत्र, टाॊगयी, सॊगरूय (ऩॊजाफ) भें सेननसा झीर
दहभाचर प्रदे श कैथर भायकॊडा, घग्घय नदी भें
छुटाॊग शभर जाती है |
मारकॊडा नाहन (दहभाचर) अम्फारा अॊफारा, कुरुऺेत्र, यण, फेगना, सेननसा झीर सेननसा झीर
(अरुना) कैथर नकटी (सयस्वती नदी)
टाॊगरी भोयनी दहल्स ऩॊचकुरा से ही अॊफारा, कुरुऺेत्र, फशरमारी, दक्षऺण भें
(डाॉगरी) (ऩॊचकुरा) उद्गभ होता है कैथर आभयी छ्जज्जुभजया तक,
कपय भर
ु ाना के
ऩास भायकॊडा भें
शभर जाती है
चेतॊग नदी शशवाशरक मभुनानगय मभुनानगय, याऺी (याका)
(दहभाचर) कुरुऺेत्र, कयनार,
जीॊद, कैथर
राऺी (राका) शाहऩुय भैदानी ऺेत्र मभुनानगय रड़वा के ऩास
(मभुनानगय) चेतॊग नदी भें
सादहबी फहयोड़ ऩहाड़ी, कोट काशसन ये वाड़ी ये वाड़ी, गुरुग्राभ सोता, नततयऩुय, भसानी भसानी फैयाज (धारूहे ड़ा)
जमऩुय फाककननमा गाॉव, धारूहे ड़ा तक
नारा, इॊदौयी होते हुए नजफ़गढ़
नारा झीर भें
सम्भादहत
इॊदौरी नह
ू (भेवात की भेवात भेवात मह सादहबफ नदी
ऩहाड़ी) भें शभर जाती है |
कृष्णावती जमऩुय (याजस्थान) दक्षऺणी हरयमाणा ये वाड़ी, झज्जय, फहयोड़ नारे भें
भहे न्द्र्गढ़ सभादहत हो जाती
है |
दोहन नीभ का थाना ये वाड़ी ये वाड़ी औय बफरोचऩुय के ऩास
(जमऩुय औय ढोसी भहे न्द्र्गढ़ सादहबफ नदी भें
की ऩहाड़ड़माॉ) शभर जाती है |

नददयों का वववरण इस प्रकार से है -


यमुना :
मभुना, गॊगा की प्रभुख सहामक नदी है | मह सदा प्रवादहत होने वारी वारी नददमों भें शाशभर है | मह याज्म की ऩूवी सीभा ऩय रगते अॊफारा,
कुरुऺेत्र, कयनार, सोनीऩत व फ़यीदाफाद जजरों के साथ रगकय फहती है | इसके अनतरयक्त मह हरयमाणा औय उत्तय- प्रदे श के भध्म सीभा
ववबाजन का कामक बी कयती है | इसका ननकास उत्तयाखॊड याज्म के गढ़वार दहभारम भें जस्थत फॊदयऩॊछ
ू के ऩजचचभी ढार ऩय मभन
ु ोत्री दहभनद
से 6330 भी की ऊॊचाई से होता है तथा मह ताजेवारा के उत्तय भें करेसय के नजदीक हरयमाणा के मभन ु ानगय जजरे से होती हुई हरयमाणा भें
प्रवेश कयती है | मह 320 ककभी की दयू ी तम कयने के फाद पयीदाफाद के हसनऩयु नाभक स्थान से उत्तय प्रदे श के अरीगढ़ भें प्रवेश कयती है |
सरस्वती नदी :
मह नदी ऋग्वेदकारीन है , औय सदानीया नदी अफ फयसाती नदी फनकय यह गमी है | वषाक के भौसभ भें मह दहभाचर प्रदे श के शसयभौय जजरे की
फपीरी ऩहाड़ड़मों से ननकरती है तथा रोय, बवानीऩयु , फार छप्ऩय, खेड़ा, ऩेहोवा, शसयसा आदद ऺेत्रों से होती हुई अॊत भें घग्गय व भायकॊडा नददमों के
सहमोग से बटनेय (याजस्थान) भें प्रवेश कय जाती है | इस स्थान के फाद प्राम: मह रुप्त हो जाती है | इस ऋग्वेदकारीन स्वरूऩ कापी ववशार था
तथा उस सभम मह अयफ सागय भें जाकय शभरती थी |
घग्गर नदी :
मह नदी शशभरा के सभीऩ डगशाई नाभक स्थान जजसकी ऊॊचाई 1927 भी की ऊॊचाई से ननकरती है | मह नदी कारका नाभक स्थान से हरयमाणा
भें प्रवेश कय ऩॊचकुरा, अॊफारा, कैथर, फ़तेहाफाद व शसयसा को ऩाय कय हनुभानगढ़ के ऩास याजस्थान भें जाकय रुप्त हो जाती है | इस नदी का
स्वरूऩ भौसभी है तथा इसे अऩने प्रवाह भें सयस्वती नदी के सहमोग से भायकॊडा व टाॊगड़ी नदी का जर बी प्राप्त होता है |
मारकॊडा नदी :
इस नदी का ननकास दहभाचर प्रदे श भें नाहन के नजदीक शशवाशरक ऩहाड़ड़मों से होता है | मह गॊगा- शसॊधु जर ववबाजक की एक छोटी नदी है ,
जो सदादानी औय फैगवा नाभक नारों के सहमोग से अॊफारा व कुरुऺेत्र जजरों को ऩाय कयती हुई सयस्वती नदी भें शभर जाती है |
सादहबी नदी :
हरयमाणा के दक्षऺण बाग भें फहने वारी प्रभुख नदी सादहफी का ननकास जमऩुय के उत्तय भें रगबग 113 ककभी की दयू ी ऩय जस्थत भनोहयऩुय व
जीतगढ़ के सभीऩ भेवात (फहयोड) की ऩहाड़ड़मों से होता है | कोट- काशसभ के सभीऩ ये वाड़ी जजरे से इस नदी का हरयमाणा भें प्रवेश होता है |
इसके फाद मह खरीरऩुय एवॊ ऩटौदी को ऩाय कयती हुई राहोयी गाॉव के सभीऩ झज्जय भें प्रवेश कयती है , जो आगे खेड़ी सुल्तान से गुजयते हुए
गुड़गाॊव जजरे भें प्रवेश कयती है | अॊत भें मह कुतानी गाॉव, योहतक से गुजयकय मभन
ु ा नदी भें शभर जाती है |
इॊदौरी नदी :
इस नदी का उद्गभ नूह के सभीऩ भेवात की ऩहाड़ड़मों से होता है | इॊदौयी ककरे के साथ फहकय चरने के कायण इसे इॊदौयी नदी कहा जाता है |
इसकी एक शाखा ये वाड़ी जजरे की सीभा ऩय सादहफी नदी से शभरती है तथा दस
ू यी शाखा ऩटौदी के ननकट सादहफी नदी से शभर जाती है |
कृष्णावती नदी :
सादहफी नदी के उद्गभ स्थर के ननचरे बाग से ही इस नदी का बी ननकास होता है जो नीभयाणा, कोसरी, ये वाड़ी, झज्जय, सयु े दट व छुछकवास
आदद ऺेत्रों भें होती हुई अॊत भें फहयोड नारे भें शभरकय रप्ु त हो जाती है |
दोहान नदी :
इस भौसभी नदी का ननकास ढोंसी नाभक स्थान से होता है तथा मह भहें द्रगढ़ से गज
ु यकय ये वाड़ी भें आकाय रप्ु त हो जाती है |
टाॊगड़ी नदी :
इस भौसभी नदी का ननकास भोयनी की ऩहाड़ड़मों से होता है , जो अॊफारा जजरे भें उभरा नारे को साथ रेकय आखखयाय भायकॊडा नदी भें शभर
जाती है |
आऩगा नदी :
सयस्वती की तयह मह नदी बी प्राचीनकार की प्रशसद्ध नदी है , जो आज फयसाती नारा फनकय यह गमी है | इसे ननचरी खाॊड कहकय बी ऩुकाया
जाता है | दहयन्द्रमवनत, तैतयणी व भॊदाकनी इसकी प्रभुख शाखा है |
द्रशद्न्तत नदी :
मह नदी प्राचीनकार की मह सदानीया थी जो की वतकभान भे साभान्द्रम फयसाती नारा फनकय यह गमी है | प्राचीनकार भें मह कुरुऺेत्र की दक्षऺणी
सीभा का ननभाकण कयते हुए सभुद्र तक जाती थी | कुछ इनतहासकायों का भानना है की मह आधनु नक याका नदी का ही रूऩ है |

Note – हभायी टीभ ने इस जानकायी को ऩूयी तयह से त्रदु ट यदहत फनाने की कोशशश की है , कपय बी अगय दी गई जानकायी भें कोई त्रदु ट है तो
हभें तयु ॊ त हभायी ईभेर आईडी haryanamagazine@gmail.com मा WhatsApp No. 9992061785 ऩय सथू चत कयें औय त्रदु ट को दरु
ु स्त
कयने भें हभायी भदद कयें ।

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