योगासन के सामान्य नियम

You might also like

Download as docx, pdf, or txt
Download as docx, pdf, or txt
You are on page 1of 3

4 Aasan for Young and Fit Life

इस वीडियो में आसन क्रमशः सर्वांगासन, हलासन, चक्रासन और शीर्षासन को करने की विधि दी गई है।

इन चार आसनों को करने से समस्त शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, तंत्रिका तंतर् (Nervous System) सक्रिय होता है,
रोग प्रतिरोधक में वृद्धि होती है, फेंफड़ों और हृदय की क्षमता बढ़ती है, तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) से मुक्ति मिलती है,
जिनको प्रतिदिन और नियमित रूप से करने से, जवान और फिट रह सकते हैं।

इन आसनों को करने के सामान्य नियम और सावधानियों नीचे दी गई हैं।

*सामान्य नियम:*

1.योगाभ्यास खाली पेट या अल्पाहार लेकर ही करें और कमजोरी महसूस होने पर गुनगुने पानी में थोड़ी सा शहद मिलाकर लें।

2.अभ्यास आरामदायक स्थिति में शरीर और सांस के सजगता के साथ करना चाहिए।

3.अभ्यास के दौरान, स्वास ना रोकें , जब तक कि विशेष रूप से ऐसा करने के लिए आपसे ना कहा जाए।

इन सभी आसनों को 1-2 मिनट या अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करें।

4.अच्छे परिणाम आने में कु छ समय लगता है, इसलिए धैर्य के साथ, लगातार और नियमित रूप से अभ्यास करते रहें।

5.अभ्यास के 20-30 मिनट के बाद ही स्नान करें/आहार ग्रहण करें।

6.प्रत्येक अभ्यास की कु छ सावधानियां होती हैं, उनको ध्यान में रखकर ही अभ्यास करें।

*योगाभ्यास की सावधानियां:*

1. सर्वांगासन

यदि आपको निम्न में से कोई समस्या है तो सर्वांगासन करने से पूर्व अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें: गर्भावस्था, माहवारी, उच्च
रक्तचाप, ह्रदय रोग, ग्लूकोमा, स्लिप डिस्क, स्पोंडिलोसिस, गर्दन में दर्द या गंभीर थाइरोइड की समस्या
हलासन

1.यदि गर्दन पर चोट हो या आप डायरिया और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हो तो ये ना करें।

2.महिलाएं गर्भावस्था और मासिक धर्म के पहले दो दिनों में इस आसन का अभ्यास ना करें।

3.यदि हाल ही में आप को किसी प्रकार की रीढ़ की हड्डी के विकार (स्पाइनल डिसऑर्डर) हो तो इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

चक्रासन

पीठ की समस्याएं,कंधों की चोट,गर्भावस्था उच्च या निम्न रक्तचाप में ये आसन ना करें।

शीर्षासन

1.किसी भी संतुलन है मुद्रा का प्रदर्शन करते समय, सुनिश्चित करें कि आप इसे स्थिरता के लिए एक दीवार के करीब करते हैं।

2.हमेशा अपनी गर्दन के प्लेसमेंट के प्रति सचेत रहें।

3.आपके शरीर का पूरा वजन हाथों, गर्दन और कं धों में मांसपेशियों द्वारा समर्थित होता है। यदि आपको स्पॉन्डिलाइटिस है, तो इस आसन को शुरू करने से पहले
अपने योग प्रशिक्षक से बात करें।

4.दिल की स्थिति, चक्कर, उच्च रक्तचाप वाले लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।

5.इसके अलावा, योग आसन करते समय अपनी सांस को कभी भी रोककर न रखें।

You might also like