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Hnuman Chalisa
Hnuman Chalisa
चौपाई
राम दत
ू अतुलित बल धामा
काँधे मँज
ू जनेऊ साजे॥५॥
शंकर सव
ु न केसरी नंदन
विद्यावान गन
ु ी अति चातरु
दर्ग
ु म काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥
राम दआ
ु रे तुम रखवारे
चारों जग
ु परताप तम्
ु हारा
जनम जनम के दख
ु बिसरावै॥३३॥
जै जै जै हनुमान गुसाईँ
दोहा