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Shri Shani Chalisa in Hindi PDF
Shri Shani Chalisa in Hindi PDF
॥ दोहा ॥
!! जय गणेश गगरिजा सुवन, मंगल किण कृ पाल,
दीनन के दुःु ख दिू करि , कीजै नाथ गनहाल,
जय जय श्री शगनदे व प्रभु , सुनहु ववनय महािाज ,
किहु कृ पा हे िवव तनय , िाखहु जन की लाज !!
!! अद्भत
ु नाथ टदखावैं लीला किैं शिु के नगश िगल ढीला,
जो पणण्डत सुयोग्य िुलवाई ववगधवत शगन ग्रह शांगत किाई,
पीपल जल शगन टदवस चढावत दीप दान दै िहु सुख पावत,
कहत िाम सुन्दि प्रभु दासा शगन सुगमित सुख होत प्रकाशा !!
॥ दोहा ॥
!! पार शगनश्चि दे व को, की हों ‘भक्त’ तैयाि,
कित पार चालीस टदन, हो भवसागि पाि !!
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