Hindi Elective SR - Sec 2020-21

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हंद (ऐि छक) कोडसं या – 002

क ा 11वीं – 12वीं (2020-21)


तावना :
उ चतर मा य मक तर म वेश लेने वाला व याथ पहल बार सामा य श ा से वशेष अनश
ु ासन
क श ा क ओर उ मुख होता है। दस वष म व याथ भाषा के कौशल से प र चत हो जाता है।
भाषा और सा ह य के तर पर उसका दायरा अब घर, पास-पड़ोस, कूल, ांत और दे श से होता हुआ
धीरे -धीरे व व तक फैल जाता है । वह इस उ म पहुँच चुका है क दे श क सां कृ तक, सामािजक,
राजनी तक और आ थक सम याओं पर वचार- वमश कर सके, एक िज़ मेदार नाग रक क तरह
अपनी िज़ मेदा रय को समझ सके तथा दे श और खुद को सह दशा दे सकने म भाषा क ताकत
को पहचान सके। ऐसे ढ़ भा षक और वैचा रक आधार के साथ जब व याथ आता है तो उसे वमश
क भाषा के प म हंद क यापक समझ और योग म द बनाना सबसे पहलाउ दे य होगा।
कशोराव था से युवाव था के इस नाजक
ु मोड़ पर कसी भी वषय का चुनाव करते समय ब चे और
उनके अ भभावक इस बात को लेकर सबसे अ धक चं तत रहते ह क चय नत वषय उनके भ व य
और जी वका के अवसर म मदद करे गा क नह ं। इस उ के व या थय म चंतन और नणय
करने क वृ भी बल होती है। इसी आधार पर वे अपने मान सक, सामािजक, बौ धक और
भा षक वकास के त भी सचेत होते ह और अपने भावी अ ययन क दशा तय करते ह। इस तर
पर ऐि छक हंद का अ ययन एक सज
ृ ना मक, सा हि यक, सां कृ तक और व भ न युि तय क
भाषा के प म होगा। इस बात पर भी बल दया जाएगा क नरं तर वक सत होती हंद के अ खल
भारतीय व प से ब चे का र ता बन सके।
इस तर पर व या थय म भाषा के ल खत योग के साथ-साथ उसके मौ खक योग क कुशलता
और द ता का वकास भी ज र है।यास यह भी होगा क व याथ अपने बखरे हुए वचार और
भाव क सहज और मौ लक अ भ यि त क मता हा सल कर सके।
इस पा य म के अ ययन से :
1. व याथ अपनी च और आव यकता के अनु प सा ह य का गहन और वशेष अ ययन
जार रख सकगे।
2. व व व यालय तर पर नधा रत हंद -सा ह य से संबं धत पा य म के साथ सहज संबंध
था पत कर सकगे।
3. लेखन-कौशल के यावहा रक और सज
ृ ना मक प क अ भ यि त म स म हो सकगे।
4. रोजगार के कसी भी े म जाने पर भाषा का योग भावी ढं ग से कर सकगे।
5 यह पा य म व याथ को जनसंचार तथा काशन जैसे व भ न- े म अपनी मता
य त करने का अवसर दान कर सकता है।

उ दे य :
 सज
ृ ना मक सा ह य क सराहना, उसका आनंद उठाना और उसके त सज
ृ ना मक और
आलोचना मक ि ट का वकास करना।
 सा ह य क व वध वधाओं (क वता, कहानी, नबंध आ द), मह वपूण क वय और
रचनाकार , मुख धाराओं और शै लय का प रचय करवाना।
 भाषा क सज
ृ ना मक बार कय और यावहा रक योग का बोध तथा संदभ और समय के
अनस
ु ार भावशाल ढं ग से उसक मौ खक और ल खत अ भ यि त करना।
 वभ न ानानश
ु ासन के वमश क भाषा के प म हंद क वश ट कृ त एवं मता
का बोध करवाना।
 सा ह य क भावशाल मता का उपयोग करते हुए सभी कार क व वधताओं (धम,
जा त, लंग, वग, भाषा आ द) एवं अंतर के त सकारा मक और संवेदनशील यवहार का
वकास करना।
 दे श- वदे श म च लत हंद के प से प र चत करवाना।
 संचार-मा यम ( ट
ं और इले ॉ नक) म यु त हंद क कृ त से अवगत करवाना और
नवीन व धय के योग क मता का वकास करना।
 सा ह य क यापक धारा के बीच रखकर व श ट रचनाओं का व लेषण और ववेचन
करने क मता हा सल करना।
 वपर त प रि थ तय म भी भाषा का योग शां त के साथ करना।
 अमूत वषय पर यु त भाषा का वकास और क पनाशीलता और मौ लक चंतन के लए
योग करना।

श ण-यिु तयाँ :
इन क ाओं म उ चत वातावरण- नमाण म अ यापक क भू मका सदै व उ ेरक एवं सहायक क
होनी चा हए। उनको भाषा और सा ह य क पढ़ाई म इस बात पर यान दे ने क ज रत होगी क-
 क ा का वातावरण संवादा मक हो ता क अ यापक, व याथ और पु तक-तीन के बीच एक
र ता बन सके।
 ब च को वतं प से बोलने, लखने और पढ़ने दया जाए और फर उनसे होने वाल भूल
क पहचान करवा कर अ यापक अपनी पढ़ाने क शैल म प रवतन करे ।
 ऐसे श ण- बंदओ
ु ं क पहचान क जाए, िजससे क ा म व याथ क स य भागीदार रहे
और अ यापक भी उनका साथी बना रहे।
 भ न मता वाले व या थय के लए उपयु त श ण-साम ी का उपयोग कया जाए तथा
कसी भी कार से उ ह अ य व या थय से कमतर या अलग न समझा जाए।
 क ा म अ यापक को हर कार क व वधताओं( लंग, धम, जा त, वग आ द) के त
सकारा मक और संवेदनशील वातावरण न मत करना चा हए।
 सज
ृ ना मकता के अ यास के लए व याथ से साल म कम से कम दो रचनाएँ लखवाई
जाएँ।

आंत रक मू यांकन हे तु
वण तथा वाचन पर ा हे तु दशा नदश
वण (सुनना) (5अंक) : व णत या प ठत साम ी को सुनकर अथ हण करना, वातालाप
करना, वाद- ववाद, भाषण, क वतापाठ आ द को सुनकर समझना, मू यांकन करना और
अ भ यि त के ढं ग को समझना।
वाचन (बोलना)(5अंक) : भाषण, स वर क वता-पाठ, वातालाप और उसक औपचा रकता,
काय म- तु त, कथा-कहानी अथवा घटना सुनाना, प रचय दे ना, भावानक
ु ू ल संवाद-वाचन।

ट पणी : वातालाप क द ताओं का मू यांकन नरं तरता के आधार पर पर ा के समय ह


होगा। नधा रत 10 अंक म से 5 वण (सुनना) कौशल के मू यांकन के लए और 5 वाचन
(बोलना) कौशल के मू यांकन के लए ह गे।
वाचन (बोलना) एवं वण (सुनना)कौशल का मू यांकन :
 पर क कसी ासं गक वषय पर एक अनु छे द का प ट वाचन करे गा। अनु छे द
त या मक या सझ
ु ावा मक हो सकता है । अनु छे द लगभग 250 श द का होना चा हए।
या
पर क 2-3 मनट का य अंश (ऑ डयो ि लप) सुनवाएगा। अंश रोचक होना चा हए ।
क य/घटना पण
ू एवं प ट होनी चा हए। वाचक का उ चारण शु ध, प ट एवं वराम
च न के उ चत योग स हत होना चा हए।
 पर ाथ यानपूवक पर क/ऑ डयो ि लप को सुनने के प चात पर क वारा पूछे गए
न का अपनी समझ से मौ खक उ र दगे ।
 कसी नधा रत वषय पर बोलना : िजससे व याथ अपने यि तगत अनुभव का
या मरण कर सक।
 कोई कहानी सन
ु ाना या कसी घटना का वणन करना।
 प रचय दे ना।
( व/ प रवार/ वातावरण/ व तु/ यि त/ पयावरण/ क व /लेखक आ द)

पर क के लए अनद
ु े श :-
 पर ण से पव
ू पर ाथ को तैयार के लए कुछ समय दया जाए।
 ववरणा मक भाषा म वतमान काल का योग अपे त है ।
 नधा रत वषय पर ाथ के अनुभव-जगत के ह ।
 जब पर ाथ बोलना आरं भ करे तो पर क कम से कम ह त ेप कर।

कौशल के अंतरण का मू यांकन


(इस बात का न चय करना क या व याथ म वण और वाचन क न न ल खत यो यताएँ ह)

वण (सुनना) वाचन (बोलना)


1 प र चत संदभ म यु त श द और पद को 1 केवल अलग-अलग श द और पद के योग
समझने क सामा य यो यता है । क यो यता द शत करता है ।
2 छोटे सस
ु ंब ध कथन को प र चत संदभ म 2 प र चत संदभ म केवल छोटे सस
ु ंब ध कथन
समझने क यो यता है। का सी मत शु धता से योग करता है ।
3 प र चत या अप र चत दोन संदभ म क थत 3 अपे ाकृत दघ भाषण म अ धक ज टल
सूचना को प ट समझने क यो यता है । कथन के योग क यो यता द शत करता
है।
4 द घ कथन क शंख
ृ ला को पया त शु धता 4 अप र चत ि थ तय म वचार को ता कक
से समझने के ढंग और न कष नकाल ढं ग से संग ठत कर धारा- वाह प म तुत
सकने क यो यता है। करता है ।
5 ज टल कथन के वचार- बंदओ
ु ं को समझने 5 उ दे य और ोता के लए उपयु त शैल को
क यो यता द शत करने क मता है । वह अपना सकता है, ऐसा करते समय वह केवल
उ दे य के अनक
ु ूल सन
ु ने क कुशलता मामल
ू गल तयाँ करता है ।
द शत करता है ।

प रयोजना काय - कुल अंक 10


वषय व तु - 5 अंक
भाषा एवं तु ती - 3 अंक
शोध एवं मौ लकता - 2 अंक
 हंद भाषा और सा ह य से जड़
ु े व वध वषय / व याओं/सा ह यकार /समकाल न लेखन/वाद /
भाषा के तकनीक प / भाव/अनु योग/सा ह य के सामािजक संदभ एवं जीवन-मू य संबंधी
भाव आ द पर प रयोजना काय दए जाने चा हए ।
 स के ारं भ म ह वधाथ को वषय चुनने का अवसर मले ता क उसे शोध, तैयार और
लेखन के लए पया त समय मल सके ।
 वाचन - वण कौशल एवं प रयोजना काय का मू यांकन व यालय तर पर आंत रक
पर क वारा ह कया जाएगा।

हंद (ऐि छक)(कोड सं.002)


क ा –11वीं(वष 2020-21)
खंड वषय अंक

(क) अप ठत अंश 18
1 अप ठत ग यांश – बोध (ग यांश पर आधा रत बोध, योग, रचनांतरण, शीषक आ द पर 10
10
बहु वक पी /अ त लघू रा मक न1 अंक ( 1 x 10)
2 अप ठत का यांश पर आधा रत बोध (का यांश पर आधा रत बोध, योग, रचनांतरण, शीषक आ द
08
पर 8 बहु वक पी/अ त लघू रा मक न 1 अंक ( 1 x 8)
(ख) कायालयी हंद और रचना मक लेखन
22
(‘अ भ यि त और मा यम’ पु तक के आधार पर)
3 द गई ि थ त / घटना के आधार पर य लेखन ( वक प स हत) (द घउ र य4 अंकका शन)(4x1)
् 4
4 औपचा रक – प / ववत
ृ लेखन/ रोजगार संबंधी आवेदन प ( वक प स हत) (द घउ र य4 अंकका
4
शन)(4x1)

5 यावहा रक लेखन ( तवेदन, ेस- व ि त,प रप ,कायसूची,कायवत
ृ से संबं धत ( वक प स हत)
5
दोलघउ
ु रय न-एकतीनवएकदोअंकका (3X1)+(2X1)
6 श दकोश प रचय से संबं धत 5 बहु वक पी न 1 अंक ( 1 x 5) 5
7 जनसंचार मा यम और प का रता के व वध आयाम पर दोअंकोवालेदोलघउ
ु रय न (2X2) 4
(ग) पा यपु तक 40
(1) अंतरा भाग-1 30
(अ) का य भाग 15
8 एक का यांश क स संग या या ( वक प स हत) (द घउ र य4 अंकका शन)(4x1)
् 04
9 क वताओं क वषयव तु पर आधा रत दोलघउ
ु र य-एकतीनवएकदोअंकका)) ( वक प स हत) 05
(3X1)+(2X1)
10 क वताओं के का य स दय पर तीनअंकोवालेदोलघउ
ु रय न ( वक प स हत)(3X2) 06
(ब) ग य भाग 15
11 एक ग यांश क स संग या या (द घउ र य4 अंकका शन)(4x1)
् 04
12 पाठ क वषयव तु पर आधा रत चारलघउ
ु र य-एकतीनअंकोकावदोदोअंक के न 07
13 कसी एक लेखक/ क व का सा हि यक प रचय ( वक प स हत) (द घउ र य4 अंकका शन)(4x1)
् 04
(2) अंतराल भाग – 1 10
14 पाठ क वषयव तु पर आधा रत चारलघउ
ु र य-दोतीनअंकोकेवदो,दोअंक के न( वक प स हत) (3x2) 10
+(2x2)
(घ) (क) वण तथा वाचन 10
(ख) प रयोजना 10
कुल 100

ता वत पु तक :
1. अंतरा, भाग-1, एन.सी.ई.आर.ट ., नई द ल वारा का शत
2. अंतराल, भाग-1, एन.सी.ई.आर.ट ., नई द ल वारा का शत
3. ‘अ भ यि त और मा यम’, एन.सी.ई.आर.ट ., नई द ल वारा का शत

नोट : गजानन माधव मुि तबोध (नए क ज म कंु डल ) को छोड़कर सभी से न पूछे जाएंगे।

हंद (ऐि छक) (कोड सं. 002)


क ा –12वीं (2020-21)
खंड वषय अंक
(क) अप ठत अंश 18
1 अप ठतग यांश–बोध (ग यांशपरआधा रतबोध, योग, रचनां ण, शीषकआ दपर10 10
बहु वक पी/अ तलघू रा मक न1अंक( 1 x 10)
2 अप ठतका यांशपरआधा रतबोध (ग यांशपरआधा रतबोध, योग, रचनां ण, शीषकआ दपर8 बहु वक पी/अ त 08
लघू रा मक न1अंक( 1 x 8)
(ख) कायालयी हंद और रचना मक लेखन (अ भ यि त और मा यम पु तक के आधार पर) 22
3 दए गए नए और अ या शत वषय म से कसी एक वषय पर रचना मक लेखन( वक प स हत) 04
( नबंधना मक शन)
् (द घउ र य4 अंकका शन)(4x1)

4 कायालयी प ( वक प स हत)( नबंधना मक शन)
् (द घउ र य4 अंकका शन)(4x1)
् 04
5 क वता / कहानी / नाटक क रचना या पर आधा रत/ समाचार लेखन (उ टा परा मड शैल ) 05
परदोलघउ
ु रय न एकतीनवएकदोअंकका (3X1)+(2X1) ( वक प स हत)
6 फ चर/आलेख लेखन पर एक न ( वक प स हत) ( नबंधना मक शन)
् 04
7 व भ न मा यम के लए प कार य लेखन और उसके व वध आयाम पर 5 बहु वक पी न 1 अंक ( 1 05
x 5)
(ग) पा यपु तक 40
(1) अंतरा भाग-2 30
(अ) का य भाग 15
8 एक का यांश क स संग या या ( वक प स हत) (द घउ र य4 अंकका शन)(4x1)
् 04
9 क वताओं क वषयव तु पर आधा रत दोलघउ
ु र य-एकतीनवएकदोअंकका)) ( वक प स हत) (3X1)+(2X1) 05
10 क वताओं के का य सौ दय पर तीनअंकोवालेदोलघउ
ु र य शन
् ( वकलपस
् हत)(3X2) 06
(ब) ग य भाग 15
11 एक ग यांश क स संग या या ( वक प स हत) (द घउ र य4 अंकका शन् ) (4x1) 04
12 पाठ क वषयव तु पर आधा रत चारलघउ
ु र य-एकतीनअंकोकावदो,दोअंक के न 07
13 एक लेखक/ क व का सा हि यक प रचय ( वक प स हत) (द घउ र य4 अंकका शन
् ) (4x1) 04
(2) अंतराल भाग – 2 10
14 पाठ क वषयव तप
ु रआधा रतचारलघुउ र य-दोतीनअंकोकेवदो,दोअंक के न ( वक पस हत) (3x2) +(2x2) 10
(घ) (क) वण एवं वाचन 10
(ख) प रयोजना 10
कुल 100

ता वत पु तक :
1. अंतरा, भाग–2, एन.सी.ई.आर.ट ., नई द ल वारा का शत
2. अंतराल, भाग–2,( व वध वधाओं का संकलन),एन.सी.ई.आर.ट ., नई द ल वारा का शत
3. ‘अ भ यि त और मा यम’,एन.सी.ई.आर.ट ., नई द ल वारा का शत

नोट :- अंतरा के प य भाग से पाठ 3 – (सि चदानंद ह रानंद वा यायन अ ेय – यह द प


अकेला, मने दे खा एक बद
ंू ) व पाठ 10 – )केशवदास रामचं चं का म से ह न पछ
ू े नह
जाएंगे)।
ग य के सभी प का आकलन होगा।
हंद (ऐि छक) (कोड सं 002)क ा 11 (2020 - 2021)
म खंड द ता पर ण/ अ धगम प रणाम ान और अनु योग वशलेषण ,मू यांकनएवं सज
ृ ना मकता कुल योग
सं समझ 80 अंक
बहु वक पी बहु वक पी लघू ा मक लघू ा मक बहु वक पी लघू ा मक लघू ा मक नबंधा मक
/अ त /अ त 2 अंक 3 अंक /अ त 2 अंक 3 अंक 4अंक
लघू रा म न लघू रा म न लघू रा म न
1 अंक 1 अंक 1 अंक
क अप ठत बोध अवधारणा मक बोध, अथ हण, अनुमान ग यांश –1 x - - ग यांश –1 x - 18 अंक
(पठन लगाना, व लेषण करना, श द ान व 5= 5 अंक 5= 05 अंक
कौशल ) भा षक कौशल, सज
ृ ना मकता और प यांश- प यांश-1X4=4
मौ लकता 1X4=4अंक अंक
ख पा यपु तक यासमरण, अथ हण (भाव हण) लेखक 2 x 5 = 10 3x 6 = 18 4x3=12 40अंक
एवं के मनोभाव को समझना, श द का अंक अंक एक

यावहा रक संगानक का यांश,


ु ू ल अथ समझना, आलोचना मक (01 न (03 न
याकरण चंतन, ता ककता, सराहना, सा हि यक अंतराके प य अंतराके प य से एक

पर पराओं के प र े य म मू यांकन, भाग से 02 भाग से 01 ग यांश से

व लेषण, सज वएक
ृ ना मकता, क पनाशी ता, न अंतराके नअंतराके
काय-कारण संबंध था पत करना, ग य भाग ग य भाग से लेखक/ क व

सा यता एवं अंतर क पहचान, सेव02 न व02 न का

अ भ यि त म मौ लकता एवं जीवन अंतराल से) अंतराल से) सा हि यक

मू य क पहचान। प रचय

ग रचना मक संकेत ब दओ
ु ं का व तार अपने मत श दकोश से 2x3=6 3x1=3 4 x 2= 8 22 अंक
लेखन क अ भ यि त, सोदाहरण समझना, संबं धत (1 (1 अंक
औ च य नधारण, भाषा म वाहमयता, सेसब
ं ं धत यावहा रक यावहा रक घटना व प
सट क शैल , उ चत ा प का योग, 1x 5 = 5 लेखनसे व लेखनसे पर एक एक
अ भ यि त क मौ लकता, जना मकता अंक 2 1 न) न
एवं ता ककता जनसंचार
मा यम और
प का रतासे)
ख ड क – ान और समझ पर आधा रत - 09 अंक
ख ड ख – अनु योग पर आधा रत –14 अंक
ख ड ग – वशलेषण एवं सज
ृ ना मकता पर आधा रत –57 अंक
हंद (ऐि छक) (कोड सं 002)क ा 12 (2020 - 2021)
म खंड द ता पर ण/ अ धगम प रणाम ान और अनु योग वशलेषण ,मू यांकनएवं सज
ृ ना मकता कुल योग
सं समझ 80 अंक
बहु वक पी बहु वक पी लघू ा मक लघू ा म बहु वक पी लघू ा मक लघू ा मक नबंधा म
/अ त न/ अ त 2 अंक क न/ अ त 2 अंक 3 अंक क
लघू रा म न लघू रा मक 3 अंक लघू रा मक 4अंक
1 अंक 1 अंक 1 अंक
क अप ठत अवधारणा मक बोध, अथ हण, अनुमान ग यांश –1 x - - ग यांश –1 x - 18 अंक
बोध लगाना, व लेषण करना, श द ान व 5= 5 अंक 5= 05 अंक
(पठन भा षक कौशल, सज
ृ ना मकता और प यांश- प यांश-1X4=4
कौशल ) मौ लकता 1X4=4अंक अंक
पा यपु त यासमरण, अथ हण (भाव हण) 2 x 5 = 10 3x 6 = 18 अंक 4x3=12 40अंक
क एवं लेखक के मनोभाव को समझना, श द अंक (03 न एक

यावहा र का संगानक का यांश,


ु ू ल अथ समझना, (01 न अंतराके प य
क आलोचना मक चंतन, ता ककता, अंतराके प य भाग से 01 से एक

याकरण सराहना, सा हि यक पर पराओं के भाग से 02 नअंतराके ग यांश से

प र े य म मू यांकन, व लेषण, न अंतराके ग य भाग से वएक

सज लेखक/
ृ ना मकता, क पनाशी ता, काय-कारण ग य भाग व02 न
संबंध था पत करना, सा यता एवं सेव02 न अंतराल से) क व का

अंतर क पहचान, अ भ यि त म अंतराल से) सा हि यक

मौ लकता एवं जीवन मू य क पहचान। प रचय

रचना मक संकेत ब दओ
ु ं का व तार अपने मत प कार य 2x3=6 3x1=3 4 x 2= 8 22 अंक
लेखन क अ भ यि त, सोदाहरण समझना, लेखन और (1 यावहा रक (1 अंक
औ च य नधारण, भाषा म वाहमयता, उसके लेखनसे व 2 यावहा अ या श
सट क शैल , उ चत ा प का योग, आयाम जनसंचार रक त वषय
अ भ यि त क मौ लकता, सेसब
ं ं धत मा यम और लेखनसे व प पर
जना मकता एवं ता ककता 1x 5 = 5 प का रतासे) 1 न) एक एक
अंक न

ख ड क – ान और समझ पर आधा रत - 09 अंक


ख ड ख – अनु योग पर आधा रत –14 अंक
ख ड ग – वशलेषण एवं सज
ृ ना मकता पर आधा रत –57 अंक

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