भावनाओं का यह है चीर-हरण, अन्याय का है विवरण, कागज़ के टुकड़ों के आगे, न बंद कर अपनी आँखे। कन्या संग दुर्व्यवहार न कर, नहीं तो खुली हुई हैं सलाखें। दहेज प्रथा एक कु प्रथा है, यह है एक भयंकर पाप, इसका अवश्य मिलेगा श्राप। दहेज प्रथा है एक अभिशाप, पैसों के खातिर भावनाएँ न तोड़ें, इंसान मारकर धन न जोड़ें। प्रेम-शान्ति से रहें सब, दहेज प्रथा का नाश करें अब। बेटी बहु को समझो एक तार, और करो एक सा व्यवहार। आखिर वह भी तो किसी की बेटी है ना यार, गौर करो इस पर एक बार।