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ज्योतिष और उसके भाव

भाव 2,3,11,12=दःु ख

भाव 1,4,5,9,10=सुख

भाव 6,7,8 =दःु ख

ऊपर दःु ख, नीचे दःु ख ।मध्य में सख


ु समाया ।जब कंु डली कानिरीक्षण करते हे तो दःु ख भाव सात हे , व सख
ु भाव चार हे । सख
ु की
कामनाये सभी करते हे ।

दःु ख कोई नही चाहता है ,ज्योतिष शास्त्र कहता हे कि यह सम्भव नही ।इस संसार में सख
ु कम हे , दःु ख ज्यादा ।

इसी तरह ग्रहो के सन्दर्भ में बात करे तो,

सूर्य,मंगल,शनि,राहु=4 दःु ख।

शुक्र, गुरु, केतु =3 सुख

चंद्र +बुध दोनों सुख दःु ख।

इनमे भी सख
ु दःु ख सामान हे । परन्तु दःु ख अधिक हे ।

जब शुभ ग्रह, सुख भाव में होंगे तो सुख मिलेगा ।पाप ग्रह दःु ख भाव में होंगे तो दःु ख की प्राप्ति रहे गी ही।

पहला भाव:- 31 से/33 वर्ष


तक।
2 रा भाव:- 34 से36 वर्ष।
3 रा भाव:- 37 से39 वर्ष।
चौथा भाव:- 40 से45 वर्ष ।
5 वांभाव:- 46 से51 वर्ष।
6 ठा भाव:- 52 से57 वर्ष।
7 वा भाव:- 58 से65 वर्ष।
8 वां भाव:- 66 से अंत तक।
नवम भाव:- 1 से24 वर्ष तक I
10 वां भाव 25 से26 वर्ष तक।
:-
11 वां भाव:- 27 से28 वर्ष।
12 वां भाव:- 29 से30 वर्ष।
अच्छे व बरु े वर्ष का निर्धारण कर दे ता हे ।सुख दःु ख के रूप में भावों के रूप में , ग्रहो की गति के अनुसार सम्पूर्ण विश्व निरन्तर
दे खता रहे गा व दे ख रहाहै ।

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