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Sarasvati Sanskrit PDF
Sarasvati Sanskrit PDF
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सरस्वती पज
ू ा
Check List
3. Matchbox, Agarbatti
6. Puujaa Conch, Bell, One aaratii (for Karpoor), Two Aaratiis with wicks
11. Betel nuts 6, Betel nut Leaves 12, Banana Leaves 2, Mango Leaves 5-25
13. Panchaamrita - Milk, Curd, Honey, Ghee, Sugar, Tender Coconut Water
मातार्पतभ्
ृ यां नमः |
(Prostrations to our parents) सर्विदा सर्वि कायेषु नास्स्त तेषां अमङ्गलम ् |
सर्वेभ्यो दे र्वेभ्यो नमो नमः | येषां हृहदस्र्ो भगर्वान ् मङ्गलायतनो िररः ||
(Prostrations to all the Gods)
सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमो नमः |
(Prostrations to all Brahamanas - those who are in the religious
path) (When Lord Hari, who brings auspiciousness is
एतद्कमि प्रधान दे र्वताभ्यो नमो नमः | situated in our hearts, then there will be no more
inauspiciousness in any of our undertakings)
(Prostrations to Goddess Saraswathi, the main deity of this
puja)
तदे र्व लग्नं सहु दनं तदे र्व ताराबलं चंद्रबलं तदे र्व |
|| अर्र्वघ्नमस्तु ||
र्र्वद्याबलं दै र्वबलं तदे र्व लक्ष्मीपतेः तें नयऽयुगं
स्मरासम ||
सुमुखश्च एकदं तश्च कर्पलो गजकणिकः |
लंबोदरश्च र्र्वकटो र्र्वघ्ननाशो गणाधधपः || (What is the best time to worship the Lord? When our
hearts are at the feet of Lord Narayana, then the
धम्र
ू केतुगण
ि ाध्यक्षो बालचन्द्रो गजाननः | strength of the stars, the moon, the strength of
knowledge and all the Gods will combine and make it
the most auspicious time and day to worship the Lord)
नक्षिे ----- र्वासरे सर्वि ग्रिे षु यर्ा रासश स्र्ान ॐ ह्ः | करतलकरपष्ृ ठाभ्यां नमः | अस्िाय फट् ||
(touch palms and over sleeve of hands)
स्स्र्तेषु सत्सु एर्वं गुणर्र्वशेषेण र्र्वसशष्टायां
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शुभपुण्यनतर्ौ मम आत्मन श्रनु तस्मनृ त पुराणोकत
५.(२) हदग्बन्धन
फलप्राप्यर्ं मम सकुटुम्बस्य क्षेम स्र्ैयि आयुरारोग्य ( show mudras)
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११ र्वरुण पूजन १२ कलश पज
ू न
(On the second kalasha) (continue with second kalasha)
|| मुद्रा ||
आगमार्िन्तु दे र्वानां गमनार्िन्तु राक्षसाम ् |
(Show mudras as you chant )
कुर्वे घंटारर्वं ति दे र्वताह्र्वा लक्षणम ् ||
ज्ानर्ोऽज्ानतोर्वार्प कांस्य घंटान ् नर्वादयेत ् |
ननर्वीषी करणार्े ताक्षि मुद्रा | (to remove poison)
राक्षसानां र्पशाचनां तद्दे शे र्वसनतभिर्वेत ् |
अमत
ृ ी करणार्े धेनु मुद्रा | (to provide nectar - amrit)
तस्मात ् सर्वि प्रयत्नेन घंटानादं प्रकारयेत ् ||
पर्र्विी करणार्े शङ्ख मुद्रा | (to make auspicious)
(When the bell is rung, knowingly or unknowingly,
संरक्षणार्े चक्र मुद्रा | (to protect) all the good spirits are summoned and all the evil
र्र्वपुलमाया करणार्े मेरु मुद्रा | (to remove mAyA)
spirits are driven away)
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१५ आत्मशुद्धध
( Sprinkle water from sha~Nkha on puja items and devotees)
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः
र्वायव्ये अघ्यं |
द्र्वारपालक पूजां समपियासम ||
नैऋत्ये पाद्यं |
ईशान्ये आचमनीयं | ---------------------------------------------------------------------
१९ पीठ पूजा
आग्नेये मधप
ु कं |
पूर्वे स्नानीयं |
पीठस्य अधोभागे
पस्श्चमे पुनराचमनं |
आधारशकत्यै नमः ||
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आहदकूमािय नमः ||
१७ पञ्चामत
ृ पूजा
( put tulasi leaves or axataas in vessels| अनन्ताय नमः |
र्वरािाय नमः ||
Panchamrit is nectar of five ingredients -
a mixture of milk, curds, clarified butter (ghee), honey and
स्र्वणिर्वेहदकायै नमः ||
sugar)
दधधनन गौयै नमः | (curd facing east ) तन्मध्ये मिा गौयै नमः |
घत
ृ े राजीर्वमुख्यै नमः | (Ghee to the south) पीठ पूजां समपियासम ||
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मधनु न सशर्वायै नमः | ( Honey to west )
२० हदग्पालक पज
ू ा (start from east of kalasha or
शकिरायां पार्वित्यै नमः | ( Sugar to north) deity)
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इंद्राय नमः,
१८ द्र्वारपालक पूजा
अग्नये नमः,
यमाय नमः,
पूर्वद्
ि र्वारे द्र्वारधश्रयै नमः | धािे नमः| र्र्वधािे नमः|
नैऋतये नमः,
दक्षक्षणद्र्वारे द्र्वारधश्रयै नमः | चण्डाय नमः |
र्वरुणाय नमः,
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः । ध्यानात ्
I meditate upon the form of Goddess
ध्यानं समपियासम
Saraswati wearing garlands of gold and ---------------------------------------------------------------------
flowers, standing tall and high with very २४ आर्वािनं
pleasing and fully developed body. I ( hold flowers in hand)
prostrate in mind and speech to such a
चतुभज
ुि ां चन्द्रर्वणां चतुराननर्वल्लभाम ् ।
splendour.
आर्वाियासम र्वाणण त्र्वामाधश्रतानति र्र्वनाशनीम ् ॥
श्र्वेतपद्मासना दे र्वी श्र्वेतगन्धानुलेपना।
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयक
ु तां सरस्र्वत्यै नमः । दधध स्नानं
(Take a spoon of water to the Diety and
समपियासम ।।
dispose into the Arghya vessel)
--------------------------------------------------------------------- दधध स्नानानंतर शद्
ु धोदक स्नानं समपियासम ।।
२९ मधप
ु किम ् सकल पूजार्े अक्षतान ् समपियासम ।।
मधप
ु कं गि
ृ ाणेदं मधस
ु द
ू न र्वस्न्दते ।
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३०. १. ३ घत
ृ स्नानं (ghee bath)
मन्दस्स्मते मिादे र्र्व मिादे र्व समधचिते ॥
ॐ घत
ृ ं समसमक्षे घत
ृ मस्य योननघत
ि ृ े धश्रतो
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः । मधप
ु कं
घत
ृ ंर्वस्यधाम
समपियासम ॥
--------------------------------------------------------------------- अनष्ु ठधमार्वि मादयस्र्व स्र्वािाकृतं र्वष
ृ भ र्वक्षक्षिव्यं।।
३०. १ पञ्चामत
ृ स्नानं आज्यं सुरानां आिारं आज्यं यज्े प्रनतस्ष्ठतम ् ।
३०. १. १ पय स्नानं (milk bath) आज्यं पर्र्विं परमं स्नानार्ं प्रनतगह्
ृ यताम ् ।।
ॐ मधर्व
ु ात ऋतायते मधक्ष
ु रं नत ससन्धर्वः मास्ध्र्वनः ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः । नाररकेलोदक
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयक
ु तां सरस्र्वत्यै नमः | शद्
ु धोदक
उपैतु मां दे र्वसखः कीनतिश्च मणणना सि |
स्नानं समपियासम||
(after sprinkling water around throw one tulsi leaf to प्रादभ
ु त
ूि ोऽस्स्म राष्रे स्स्मन्कीनतिमद्
ृ धधं ददातु मे || ७ ||
the north)
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३२ मिा असभषेकः क्षुस्त्पपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यिम ् |
श्री सक
ू त
गन्धद्र्वारां दरु ाधषां ननत्यपुष्टां करीर्षणीम ् |
ननसमितां कंचक
ु ीं भकत्या गि
ृ ाण परमेश्र्वरी ।। ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः | कंु कुमं
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः । कंचक
ु ीं समपियासम||
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समपियासम ।।
३५.६ कज्जल
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३५.२ कण्ठ सूि
सुनील भ्रमराभसं कज्जलं नेि मण्डनं |
मांगल्य तंतुमणणसभः मुकतैश्चैर्व र्र्वरास्जतं | मया दत्तं इदं भकत्या कज्जलं प्रनतगह्
ृ यतां ||
सौमंगल्यासभर्वध्
ृ यर्ं कंठसूिं ददासमते || ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः | कज्जलं
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः |कंठसूिं समपियासम ||
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समपियासम||
३५.७ ससंदरू
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३५.३ पट्टसूिं
र्र्वद्युत ् कृशानु संकाशं जपा कुसुमसस्न्नभं |
पट्टसूिं भव्यं हदव्यं स्र्वणिपूणि कृतीयतम ् | ससन्दरू ं ते प्रदास्यासम सौभाग्यं दे हि मे धचरं ||
सौमंगल्यासभर्वद्
ृ यर्ं पत्तसूिं ददासम ते || ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः | ससन्दरू ं
समपियासम ||
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः | पट्टसूिं ---------------------------------------------------------------------
समपियासम || ३५.८ कङ्कणं
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ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयक
ु तां सरस्र्वत्यै नमः | कङ्कणं
३५.४ िररद्रा
समपियासम ||
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िररद्रा रं स्जते दे र्वी सुख सौभाग्य दानयनी | ३५. ९ नाना आभरणं
िररद्रां ते प्रदास्यासम गि
ृ ाण परमेश्र्वरर || र्वणिरूपे गि
ृ ाणेदं स्र्वणिर्वयि पररष्कृतम ् ।
अणिर्वोद्धत
ृ रत्नाढ्यं कणिभष
ू ाहद भष
ू णम ् ॥
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयक
ु तां सरस्र्वत्यै नमः | िररद्रा
समपियासम|| ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयक
ु तां सरस्र्वत्यै नमः । नाना
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आभरणानन समपियासम ||
ॐ ज्ानमद्र
ु ायै नमः । माधच पिं समपियासम ॥ kaashmira pura. I pray daily for you to
ॐ मिार्र्वद्यायै नमः । पाररजात पिं समपियासम ॥ circular motion three times or place a
flower in lieu of)
या श्रद्धा धारणा मेधा र्वाग्दे र्वी र्र्वधधर्वल्लभा ।
भकतस्जह्र्वाग्रसदना शमाहदगुणदानयनी ॥ २॥
घत
ृ र्वनतंसमायुकतं मिातेजो मिोज्ज्र्वलम ् । (Touch naivedya and chant 9 times)'ॐ'
दीपं दास्यासम दे र्वेसश सुप्रीता भर्व सर्विदा ॥
ॐ सत्यंतर्वतेन पररर्षंचासम
सर्विि अमत
ृ ोर्पधान्यमसस स्र्वािाः ||
अद्य नतष्ठनत यस्त्कस्ञ्चत ् कस्ल्पतश्चापरं धग्रिे
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयक
ु तां सरस्र्वत्यै नमः | उत्तरापोषणं
पकर्वान्नं च पानीयं यर्ोपस्कर संयत
ु ं समपियासम ||
यर्ाकालं मनुष्यार्े मोक्ष्यमानं शरीररसभः
तत्सर्वं दे र्र्वपज
ू ास्तु प्रयतां मे जगदीश्र्वरी
(let flow water from shankha)
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सुधारसं सुर्र्वपुलं आपोषणसमदं ५० मिा फलं
तर्व गि
ृ ाण कलशानीतं यर्ेष्टमप
ु भज्
ु ज्यताम ् || (put tulsi / axathaa on a big fruit)
इदं फलं मया दे र्वी स्र्ार्पतं पुरतस्तर्व |
नैर्वेद्यं गह्
ृ यतां दे र्र्व भस्कतं मे अचलां कुरु | करोद्र्वतिनकं दे र्वी मया दत्तं हि भस्कततः |
सर्वि पाप उपशमनम ् श्री सरस्र्वती पादोदकं शुभम ् || मध्ये मन्ि तन्ि स्र्वर र्वणि न्यूनानतररकत लोप
--------------------------------------------------------------------- दोष प्रायस्श्चत्तार्ं दे र्र्व नामिय मिामन्ि
६४ प्रार्िना
जपं कररष्ये ||
त्र्वमेर्व र्वाणणननणखलाश्च र्वेदा |
त्र्वम्शब्दः शस्कतश्च तदार्ि शस्कतः || ॐ गौयै नमः ॐ सशर्वायै नमः ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां
त्र्वम्ब्रह्मर्र्वद्याससपरा परे सश | सरस्र्वत्यै नमः
त्र्वाम्ब्रह्मस्कनत शरणम ् प्रपद्ये || ॐ गौयै नमः ॐ सशर्वायै नमः ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां
सरस्र्वत्यै नमः
O! Goddess Maha Saraswati, who is ॐ गौयै नमः ॐ सशर्वायै नमः ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां
worshipped by all in the world, be pleased सरस्र्वत्यै नमः
with me all the time.
मन्ििीनम ्, क्रक्रयािीनम ्, भस्कतिीनम ् ज़नादि नन |
ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः ।
इष्ट काम्यार्ि प्रयक
ु त संयगाचररत श्री सरस्र्वती पज
ू ां
सरस्र्वती दे र्वी प्रसादं सशरसा गह्
ृ णासम ॥
सम्पूणि फल र्वाप्यर्ं श्रीनारायण स्र्वरूपाय ब्राह्मणाय
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र्वायन दानं कररष्ये ॥ ६८ र्र्वसजिन पूजा
आराधधतानां दे र्वतानां पन
ु ः पूजाम ् कररष्ये ||
श्रीनारायण स्र्वरूपाय ब्राह्मणाय आर्वािन पर्व
ू क ि ॐ दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः ।
आसन गन्ध अक्षत धप
ू दीपाहद सकलाराधनै
स्र्वधचितम ् । पुनः पूजा
दग
ु ािलक्ष्मीयुकतां सरस्र्वत्यै नमः | समस्त राजोपचार
दे र्वोपचार शकत्यप
ु चार भकत्यप
ु चार
पूजां समपियासम ||
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६९ क्षमापनं
अपराध सिस्राणण क्रक्रयन्ते अिननिशं मया |
तानन सर्वािणण मे दे र्र्व क्षमस्र्व परमेश्र्वरर ||