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ब्राह्मणों का नंगा सच

इसलिये हिन्द ू हिन्द ू कर रिा िै मूर्ख बना रिा िै सबको ?

इस पोस्ट को जरुर पढ़े िेर्क डॉ. िीरािाि यादव पीएचडी; इलििास ; बधाई
के पात्र िैं ।

आप सभी बिनो भाइयो

से अनुरोध िे दो minute का टाइम लनकाि कर ये पोस्ट जरूर पढे ।

अंग्रेजों ने भारि पर 150 वर्षों िक राज हकया ब्राह्मणों ने उनको भगाने

का िलियार बन्द आंदोिन क्यों चिाया?

जबहक भारि पर सबसे पििे िमिा मुस्स्िम शासक मीर काशीम ने 712ई.
हकया!

उसके बाद मिमूद गजनबी, मोिमंद गौरी,चन्गेज र्ान ने िमिा हकये और


हिर कुिुबदीन एबक, गुिाम वंश, िुग्िक वंश, स्र्ल्जीवंश, िोहद वंश ,हिर
मुगि आदी वन्शो ने भारि पर राज हकया

और र्ूब अत्याचार हकये िेहकन ब्राह्मण ने कोइ क्ांलि या आंदोिन निी


चिाया! हिर

अन्ग्रेजो के स्र्िाफ़ िी क्यो क्ांलि कर दी.

जालनये क्ांलि और आंदोिन की वजाि

1- अंग्रेजो ने 1795 में अलधनयम 11 द्वारा शुद्रों को भी सम्पत्ति रर्ने का


कानून बनाया।
2- 1773 में ईस्ट इं हडया कम्पनी ने रे गुिेहटग एक्ट पास हकया स्जसमें न्याय
व्यवस्िा समानिा पर

आधाररि िी। 6 मई 1775 को इसी कानून द्वारा बंगाि के सामन्ि ब्राह्मण


नन्द कुमार दे व को िांसी िुई िी।

3- 1804 अलधनीयम 3 द्वारा कन्या ित्या पर रोक अंग्रेजों नेिगाई (िडहकयों


के पैदा िोिे िी िािु में अिीम लचपकाकर, मााँ के स्िन पर धिूरे का िेप
िगाकर, एवम ् गढ्ढाबनाकर उसमें दध
ू डािकर डु बो कर मारा जािा िा

4- 1813 में त्तब्रहटश सरकार ने कानून बनाकर लशक्षा ग्रिण करने का सभी
जालियों और धमों के िोगों को अलधकार हदया |

5- 1813 में ने दास प्रिा का अंि कानून बनाकर हकया।

6- 1817 में समान नागररक संहििा कानून बनाया (1817 के पििे सजा का
प्रावधान वणख के आधार

पर िा। ब्राह्मण को कोई सजा निी िोिी िी ओर शुद्र को कठोर दं ड हदया


जािा िा।

अंग्रेजो ने सजा का प्रावधान समान कर हदया।)

7- 1819 में अलधलनयम 7 द्वारा ब्राह्मणों द्वारा शुद्र स्ियों के शुत्तिकरण पर


रोक िगाई। (शुद्रोंकी शादी िोने पर दल्
ु िन को अपने यालन दल्
ू िे के घर न
जाकर कम से कम िीन राि ब्राह्मण के घर शारीररक सेवा दे नी पड़िी िी।)
8- 1830 नरबलि प्रिा पर रोक ( दे वी -दे विा को प्रसन्न करने के लिए
ब्राह्मण शुद्रों, िी व ् पुरुर्ष दोनों को मस्न्दर में लसर पटक पटक कर चढ़ा दे िा
िा।)

9- 1833 अलधलनयम 87 द्वारा सरकारी सेवा में भेद भाव पर रोक अिाखि
योग्यिा िी सेवा का आधार स्वीकार हकया गया ििा कम्पनी के अधीन
हकसी भारिीय नागररक को जन्म स्िान, धमख, जालि या रं ग के आधार पर
पद से वंलचि निी रर्ा जा सकिा िै ।

10-1834 में पििा भारिीय त्तवलध आयोग का गठन िुआ। कानून बनाने की
व्यवस्िा जालि, वणख, धमख और क्षेत्र की भावना से ऊपर उठकर करना
आयोग का प्रमुर् उद्दे श्य िा।

11-1835 प्रिम पुत्र को गंगा दान पर रोक (ब्राह्मणों ने लनयम बनाया की


शुद्रों के घर यहद पििा बच्चा िड़का पैदा िो िो उसे गंगा में िेंक दे ना
चाहिये। पििा पुत्र ह्रष्ट-पृष्ट एवं स्वस्ि पैदा िोिा िै ।यि बच्चा ब्राह्मणों से
िड़ न पाए इसलिए पैदा िोिे िी गंगा को दान करवा दे िे िे।

12- 7 माचख 1835 को िाडख मैकािे ने लशक्षा नीलि राज्य का त्तवर्षय बनाया
और उच्च लशक्षा को अंग्रेजी भार्षा का माध्यम बनाया गया।

13- 1835 को कानूनबनाकर अंग्रेजों ने शुद्रों को कुसी पर बैठने का अलधकार


हदया।

14- हदसम्बर 1829 के लनयम 17 द्वारा त्तवधवाओं को जिाना अवैध घोत्तर्षि


कर सिी प्रिा का अंि हकया।
15- दे वदासी प्रिा पर रोक िगाई।ब्राह्मणों के किने से शुद्र अपनी िडहकयों
को मस्न्दर की

सेवा के लिए दान दे िे िे। मस्न्दर के पुजारी उनका शारीररक शोर्षण करिे
िे। बच्चा पैदा िोने पर उसे िेंक दे िे िे।और उस बच्चे को िररजन नाम
दे िे िे। 1921 को जालिवार जनगणना के आंकड़े के अनुसार अकेिे मद्रास
में कुि जनसंख्या 4 करोड़ 23 िार् िी स्जसमें 2 िार् दे वदालसयां मस्न्दरों
में पड़ी िी। यि प्रिा अभी भी दस्क्षण भारि के मस्न्दरो में चि रिी िै ।

16- 1837 अलधलनयम द्वारा ठगी प्रिा का अंि हकया।

17- 1849 में किकिा में एक बालिका त्तवद्यािय जे ई डी बेटन ने स्िात्तपि


हकया।

18- 1854 में अंग्रेजों ने3 त्तवश्वत्तवद्यािय किकिा मद्रास और बॉम्बे में
स्िात्तपि हकये। 1902 मे त्तवश्वत्तवद्यािय आयोग लनयुक्त हकया गया।

19- 6 अक्टू बर 1860 को अंग्रेजों ने इं हडयन पीनि कोड बनाया।

िाडख मैकािे ने सहदयों से जकड़े शुद्रों की जंजीरों को काट हदया ओर

भारि में जालि, वणख और धमख के त्तबना एक समान हक्लमनि िॉ िागु कर हदया |

20- 1863 अंग्रेजों ने कानून बनाकर चरक पूजा पर रोक िगा हदया

(आलिशान भवन एवं पुि लनमाखण पर शुद्रों को पकड़कर स्जन्दा

चुनवा हदया जािा िा इस पूजा में

मान्यिा िी की भवन
और पुि ज्यादा हदनों िक हटकाऊ रिे गें।

21- 1867 में बिू त्तववािप्रिा पर पुरे दे श में प्रलिबन्ध िगाने के

उद्दे श्य से बंगाि सरकार ने एक कमेटी गहठि हकया ।

22- 1871 में अंग्रेजों ने भारि में जालिवार गणना प्रारम्भ की। यि
जनगणना 1941 िक िुई । 1948 में पस्डडि नेिरू ने कानून बनाकर
जालिवार गणना पर रोक िगा दी।

23- 1872 में लसत्तवि मैररज एक्ट द्वारा 14 वर्षख से कम आयु की कन्याओं
एवम ् 18 वर्षख से कम आयु के िड़को का त्तववाि वस्जखि करके

बाि त्तववाि पर रोक िगाई।

24- अंग्रेजों ने मिार और चमार रे स्जमेंट बनाकर इन जालियों को सेना में

भिी हकया िेहकन 1892 में ब्राह्मणों के दबाव के कारण सेना में अछूिों की
भिी बन्द िो गयी।

25- रै यि वाणी पिलि अंग्रेजों ने बनाकर प्रत्येक पंजीकृ ि भूलमदार को

भूलम का स्वामी स्वीकार हकया।

26- 1918 में साऊि बरो कमेटी को भारि मे अंग्रेजों ने भेजा।

यि कमेटी भारि में सभी जालियों का त्तवलध मडडि (कानून बनाने की


संस्िा) में भागीदारी के लिए आया िा। शािू जी मिाराज के किने पर
त्तपछङो के नेिा भाष्कर राव जाधव ने एवम ् अछूिों के नेिा
डॉ अम्बेडकर ने अपने िोगों को त्तवलध मडडि में भागीदारी के लिये
मेमोरें डम हदया।

27- अंग्रेजो ने 1919 में भारि सरकार अलधलनयम का गठन हकया ।

28- 1919 में अंग्रेजो ने ब्राह्मणों के जज बनने पर रोक िगा दी िी और

किा िा की इनके अंदर न्यालयक चररत्र निी िोिा िै ।

29- 25 हदसम्बर 1927 को डा अम्बेडकर द्वारा मनु समृलि का दिन हकया।

मनु स्मृलि में शूद्रों और महििाओं को गुिाम ििा भोग की वस्िु समझा
जािा िा एक पुरूर्ष को अनलगनि शाहदयां करने का धालमखक अलधकार िै
महििा अलधकार त्तविीन ििा दासी की स्स्िलि में िी। एक - एक औरि के
अनलगनि सौिने िुआ करिी िी औरिो- शूद्रों को लसिख और लसिख गुिामी
लिर्ा िै स्जसको राक्षस मनु ने धमख का नाम हदया िै ।

30- 1 माचख 1930 को

डॉ अम्बेडकर द्वारा कािा राम मस्न्दर (नालसक) प्रवेश का आंदोिन चिाया।

31- 1927 को अंग्रेजों ने कानून बनाकर शुद्रों के सावखजलनक स्िानों पर जाने


का अलधकार हदया।

32- नवम्बर 1927 में साइमन कमीशन की लनयुत्तक्त की। जो 1928 में भारि
के अछूि िोगों की स्स्िलि की सवे करने और उनको अलिररक्त अलधकार
दे ने के लिए आया। भारि के िोगों को अंग्रेज अलधकार न दे सके इसलिए
इस कमीशन के भारि पिुाँचिे िी गांधी और िािा िाजपि राॅय ने इस
कमीशनके त्तवरोध में बिुि बड़ा आंदोिन चिाया। स्जस कारण साइमन
कमीशन अधूरी ररपोटख िेकर वापस चिा गया। इस पर अंलिम िैसिे के
लिए अंग्रेजों ने भारिीय प्रलिलनलधयों को 12 नवम्बर 1930 को िन्दन
गोिमेज सम्मेिन में बुिाया।

33- 24 लसिम्बर 1932 को अंग्रेजों ने कम्युनि अवाडख घोत्तर्षि हकया स्जसमें


प्रमुर् अलधकार लनम्न हदए----

A--वयस्क मिालधकार B--त्तवधान मडडिों और

संघीय सरकार में जनसंख्या के अनुपाि

में अछूिों को आरक्षण का अलधकार

C--लसक्र्, ईसाई और मुसिमानों की िरि अछूिों (SC/ST )को भी स्विन्त्र


लनवाखचन के क्षेत्र का अलधकार लमिा। स्जन क्षेत्रों में अछूि प्रलिलनलधर्ड़े िोंगे
उनका चुनाव केवि अछूि िी करे गें।

D--प्रलिलनलधयोंको चुनने के लिए दो बार वोट का अलधकार लमिा स्जसमें

एक बार लसिख अपने प्रलिलनलधयों को वोट दें गे दस


ू री बार सामान्य

प्रलिलनलधयों को वोट दे गे।

34- 19 माचख 1928 को बेगारी प्रिा के त्तवरुि डा अम्बेडकर ने मुम्बई

त्तवधान पररर्षद में आवाज उठाई। स्जसके बाद अंग्रेजों ने इस प्रिा को समाप्त
कर हदया।

35- अंग्रेजों ने 1 जुिाई 1942 से िेकर 10 लसिम्बर 1946 िक डाॅ


अम्बेडकर को वायसराय की कायख साधक कौंलसि में िेबर मेंबर बनाया।
िेबरो को डा अम्बेडकर ने 8.3 प्रलिशि आरक्षण हदिवाया।
36-- 1937 में अंग्रेजों ने से डॉ अम्बेडकर ने 50 भारि में प्रोत्तवंलशयि
गवनखमेंट का चुनाव करवाया।

37-- 1942 में अंग्रेजों िजार िे क्टे यर भूलम को अछूिों एवम ् त्तपछङो में

बाट दे ने के लिए अपीि हकया । अंग्रेजों ने 20 वर्षों की समय सीमा िय


हकया िा।

38- अंग्रेजों ने शासन प्रसासन में ब्राह्मणों की भागीदारी को 100% से 2.5%


पर िाकर र्ड़ा कर हदया िा। इन्िी सब वजाि से ब्राह्मणों ने अन्ग्रेजो के
स्र्िाफ़ क्ांलि शुरू कर दी क्योहक अन्ग्रेजो ने शुद्रो और महििाओं को सारे
अलधकार दे दीये िे और सब जालियो के िोगो को एक समान अलधकार
दे कर सबको बराबरी मे िाकर र्डा हकया जनजागरण िे िु ज्यादा से ज्यादा
ग्रुपों में शेयर करो ,आगे बढाओ

भारि दे श की अर्डडिा बचाओ पार्डड मुक्त भारि बनाओ

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