Professional Documents
Culture Documents
Mardarshan#marxism/मार्क्सवाद 1 PDF
Mardarshan#marxism/मार्क्सवाद 1 PDF
मार्क्सवाद का अर्स
मार्क्सवाद की ववशेषताएं
1. मार्क्सवाद पज
ं ीवाद के ववरूद्ध एक प्रततक्रक्या है ।
2. मार्क्सवाद पंजीवादी व्यवस्त्था को ्माप्त करने के
लर्ये ह ्
ं ात्मक ्ा्नो का प्रयोग करता है ।
3. मार्क्सवाद प्रजातांरीय ्ंस्त्था को पज
ं ीपततयो की
्ंस्त्था मानते है जो उनके दहत के लर्ये और श्रलमको
के शोर्ण के लर्ए बनायी गयी है ।
4. मार्क्सवाद धमस ववरोधी भी है तथा धमस को जनता की
अफीम कहा है न्ज्के नशे में र्ोग उं घते रहते हैं ।
5. मार्क्सवाद अंतरासष्ट्रीय ्ाम्यवाद मे ववचवा् करते हे ।
6. ्माज या राज्य में शा्कों और शोवर्तों में
पंजीपततयों और श्रलमको में वगस ्ंघर्स अतनवायस है ।
7. मार्क्सवाद अततररर्कत मल्य के ल्द्धांत द्वारा
पंजीवाद के जन्म को स्त्पष्ट्ट करता हे ।
मार्क्सवाद के स्द्ांत
1. मार्क्स के अन्
ु ार पज
ं ीवादी ्माज में अल्प्ंख्यक
पंजीपतत वगस बहु्खंयक श्रलमको पर शा्न करता है
जबक्रक, श्रलमको की तानाशाही में बहु्ंख्यक श्रलमक
वगस अल्प्ंख्यक पज
ं ीपततयो पर शा्न करे गा। इ्
प्रकार यह पजीवादी शा्न की तर्
ु ना में अर्धक
र्ोकतान्न्रक होगा।
2. श्रलमकों के अर्धनायकवादी शा्न में तनजी ्म्पवि
का उन्मर्न क्रकया जायेगा और उत्पादन और
ववतरण के ्ाधनो पर राज्य का एकार्धकार हो
जायेगा।
3. श्रलमकों की तानाशाही में पंजीपतत वगस को बर्पवसक
दबा ददया जायेगा, न्ज््े भववष्ट्य में वह पुन: ल्र
न उठा ्के।
4. श्रलमको की तानाशाही की न्स्त्थतत में राज्य एक
्ंक्मणकार्ीन व्यवस्त्था है । ्ंक्मणकार् में राज्य तो
रहे गा, क्रकन्तु जब पज
ं ीपतत वगस को ्मर् रूप ्े
नष्ट्ट कर ददया जायेगा अथासत वगीय व्यवस्त्था
्माप्त कर दी जाएगी तो राज्य स्त्वयंमेव ्माप्त हो
जायेगा।
मार्क्सवाद की उपयर्क
ुस त आलोचना के तनष्कषसस्वरूप क ा
जा ्कता है क्रक ्ाम्यवाद अथवा मार्क्सवाद ववचव की
्ब्े बडी ववध्वं्क शन्र्कत है। ववचव में स्त्थायी शांतत की
व्यवस्त्था की तब तक आशा नही की जा ्कती जब तक
क्रक ्ाम्यवादी ववचारधारा में ववचव कल्याण तथा र्ोकतंर
के लर्ए आवचयक ्ंशोधन न कर लर्ये जायें’’