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संब ध नाग रक का कुछ प वारा जार कए गए भारत के सव च यायालय वारा व

​ क ल शांत
भषू ण के खलाफ वत: सं ान कायवाह (​SUO MOTU CONTEMPT PETITION (CRL.) NO.1
OF 2020 IN RE: PRASHANT BHUSHAN AND ANR) के संबंध म स धांतवाद टड।
 

उ त मामले म उ चतम यायालय ने 14.08.2020 को एक नणय कया है , िजसम, व र ठ अ धव ता


ी शांत भष
ू ण समेत, क थत वचारक अदालत क अवमानना के दोषी ह।

सव च यायालय के ऐसे नणय के जवाब म, कई नकारा मक प से उ मख ु लेख का शत कए गए


ह, िजसम आरोप लगाया गया है क सव च यायालय एक लोकतां क दे श म याय वतरण णाल
क या क आलोचना कर रहा है । ' या यक जवाबदे ह और सध
ु ार के लए अ भयान', (CJAR) ने
15.8.2020 को एक बयान जार कया है , िजसम यह इस फैसले क नंदा करता है और सव च
यायालय और येक यायाधीश से इस फैसले पर पन ु वचार करने के लए कहता है ।

हम, दे श के संब ध नाग रक, ऐसे लोग के समहू वारा इस तरह के बयान से गहराई से चं तत ह, जो
गलत तर के से खद ु को परू तरह से नाग रक समाज का त न ध व करने का दावा करते ह, और हर
अवसर का उपयोग भारतीय लोकतां क सं थान जैसे संसद, चन ु ाव आयोग, और अब, भारत का
सव च यायालय पर हार करने के लए करते ह।

हमने इस संबंध म 30 जल
ु ाई, 2020 को भारत के माननीय रा प त को एक या चका तत
ु क थी।
सं वधान और लोकतं के एकमा संर क होने का दावा करने वाले छपे हुए राजनी तक एजडा वाले
आवारा समहू को लोकतां क सं थाओं को बदनाम करने क अनम ु त नह ं द जा सकती, वशेष प से
भारत के सव च यायालय को।

यह पहल बार नह ं है जब ी शांत भष ू ण ने बना कसी आधार या सबत ू के अदालत क आप पण ू


आलोचना क है । यह भी पहला अवसर नह ं है जब उ ह ने ऐसे बयान दए ह जो वभाव से भड़काऊ थे।
CJAR, अपनी स म त म, ी शांत भष ू ण के अलावा, सु ी अ ं ध त रॉय आ द जैसे कुछ अ य लोग को
गनता है ; जो दखाता है क वे अ त र त या यक प से अपने काम के लए एक एजडे पर काम कर
रहे ह।

सव च यायालय के एक व र ठ अ धव ता के लए, यायालय क अवमानना एक ऐसी चीज है िजसे


कसी भी दबाव समह ू वारा उ चत नह ं ठहराया जा सकता है । संवधै ा नक, पेशव
े र और नै तक दा य व
के साथ काननू ी पेशा एक गंभीर यवसाय है । एक वक ल वारा पेशव े र नै तकता के स धांत का कोई भी
उ लंघन दभु ा यप ण
ू और अ वीकाय है ।

जैसा क मॉ रस बनाम ाउन ऑ फस के मामले म लॉड डे नंग ने (1970) 2 QB 114 (1970) 2


WBLR 792 के अनस ु ार सच
ू ना द , " याय के पा य म को व े पत या बा धत नह ं कया जाना
चा हए। जो लोग इस पर हार करते ह, वे हमारे समाज क नींव पर हमला करते ह।"

माननीय सव च यायालय वारा जार कए गए फैसले क CJAR और कुछ अ य दबाव समह


ू वारा
नंदा और नणय वतरण क या क आलोचना अ य धक आप जनक और अ वीकाय है । हम,
संब ध नाग रक, असमान प से स वल सोसाइट क आड़ म छपी इस तरह क म या स यता का
वरोध करते ह।

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