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।। श्री श्रीराधागोिवन्ददे व जयते ।।

तुलसी प्रणाम मंत्र

वृन्दायाय तलसी देवयाय िप्रयाय केशवस्य च


िवष्णु भिक्त प्रदे देवी सत्यवत्यै नमो नमः

तुलसी प्रदक्षीणा मंत्र

यानी कानी च पापानी ब्रह्महत्यादीकानी च


तानी तानी प्रणश्यंन्ती प्रदक्षीणा पदे पदे

तुलसी चयन मंत्र

तुलसी अमृतजन्मसी सदा त्वम् केशविप्रय


केशवाथर्म् िचनोमी त्वम् वरद भव शोभने

तलसी क्षमा याचना मंत्र

चयनोद्भव दुःखं च यद् हृिद तव वतर्ते


तत्त क्षमश्व जगनमातहः वृन्दादेवी नमोस्तुते

।। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।

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