ICSE IX & X Lesson 1 Sanskar and Bhavna Workbook Answers

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संस्कार और भावना

Lesson 1

ननम्ननिनित प्रश्नों के उत्तर दीनिए।

I. "वहीं उसकी निसरानी......................पता भी न िगे"।


क) कौन ककसके घर गई थी और क्यों?
िााँ कु िार के घर गई थी, क्योंकक अनवनाश और पत्नी उन से अिग रहता है,
उनके बारे िें िानने के निए उधर गई थी।

ि) वहााँ उसे ककसने क्या बताया?


कु िार के घर िें उसका निसरानी ने िााँ से बताया कक तुम्हारा बेटा बहुत बीिार
था। वह िरते िरते बचा है।

ग) उसका बेटा उससे अिग क्यों रहता है? वक्ता उससे क्यों नहीं नििने िाता?
िााँ का बेटा अनवनाश ने अपनी शादी एक बंगािी िडकी से कर िी है निसे की
दूसरी िानत की (नविातीय) होने के कारण िां अपनी बहु के रूप िें स्वीकार नहीं
करती। इसनिए उसका बेटा उससे अिग रहता है।
पुराने संस्कारों िें आस्था रिने वािी िां की इच्छा के अनुकूि शादी न होने कारण
रूकिवादी िां अपने बेटे अनवनाश और पत्नी को नििने नहीं िाता।

घ) ‘वे बहुत सिझाते थे,.................वणणन कीनिए।


‘वे’ शब्द का प्रयोग अनवनाश के नपता के निए ककया गया है। िब अनवनाश
बचपन िें कभी बीिार हो िाता था तो िााँ कई कदनों तक न िाती थी, न सोती
थी। तब अनवनाश के नपता उसे बहुत सिझाते थे और नाराज़ भी हो िाते थे।

II. "अपराध और ककसका है! सब िुझी को दोष देते है"।


क) वक्ता और श्रोता कौन-कौन है? पररचय दीनिए।
वक्ता अनवनाश की िााँ है और श्रोता अतुि की पत्नी है।
िााँ का पररचय: िााँ अनवनाश और अतुि के ििताियी िााँ है। वह रूकियों,
िानतवाद और धिण िें नवश्वास करती है। वह अपनी बडी बहु नविातीय होने के
कारण उसे स्वीकार नहीं करती। वह आदशण, कतणव्यननष्ठ, ििताियी िााँ की सच्ची
िूर्तत है। अपने बडे िडके अनवनाश की बीिारी के बारे िें सुनकर वह व्याकु ि हो
िाती है।
उिा िां के छोटे बेटे अतुि की पत्नी है। वह संस्काररत, आदशणवादी और धार्तिक
पररवार की बहु है। बडों के प्रनत उसके हृदय िें सम्िान और प्रेि की भावना है।

ि) वक्ता अपने ककस अपराध की ओर संकेत कर रहा है?


वक्ता यानी िां अपने यह अपराध की ओर संकेत कर रहा है कक अनवनाश और
उसकी पत्नी को घर से बाहर ननकाि निया और अपने ही बेटे की बीिारी का पता
भी नहीं िो उस बीिारी की विह से िरते-िरते बचा था।

ग) सब वक्ता को ककस बात के निए दोष देते थे?


सब अतुि और अनवनाश की िां को दोषी कहते हैं, क्योंकक प्राचीन संस्कारों िें
बांधी हुई िां आधुननक सिाि िें पिे अपने बेटे अनवनाश की नविातीय पत्नी को
स्वीकार नहीं करती और उसे घर से ननकाि देती है। िेककन अनवनाश के िरणासन्न
बीिार होने पर उसकी पत्नी द्वारा उसकी सेवा ककये िाने पर िोग िां को ही
दोषी ठहराते हैं।

घ) निसरानी ने वक्ता को ककसके बारे िें क्या बताया?


निसरानी ने िााँ से अनवनाश के पत्नी की प्रशंसा की। उसने िााँ से कहा कक बडी
बहु अत्यंत पररश्रनि एंव स्वानभिानी है। उसने अपने पररश्रि के बि पर अपने पनत
को स्वस्थ कर निया और अके िे ही अपने िीवन की सिस्या का सािना ककया।
III. िाया ििता ककसी को...........................ननिणि था।
क) वक्ता कौन है? उन्होंने शब्द का प्रयोग ककनके निए ककया गया है?
वक्ता िााँ है, िो अनवनाश और अतुि की िाता िी है। ‘उन्होंने’ शब्द का प्रयोग
अनवनाश और अतुि के नपता के निए प्रयोग ककया गया।

ि) ‘इनका बाप भी.....................आ गई?’


वक्ता, िााँ ने अतुि के नपता के बारे िें बता रही है। बचपन िें िब अतुि के
बीिार होने पर उस से बचने की कोई आशा न थी तब अतुि के नपता उसे धरती
पर निटाने के निए स्थान बनाने िगे। उन्हें ककसी प्रकार की व्याकु ि नहीं थी।

ग) वक्ता के बेटों ने.................................और क्यों?


वक्ता के बेटों ने िााँ से इस बात के निए कोसा था कक बडी बहु के नवषय िें
िातािी अच्छे नवचार नहीं रिती थी। दूसरी िानत होने के कारण वे अक्सर उसे
नीची श्रेणी की ओर नविातीय बोिकर उसके प्रनत अपनी घृणा को व्यक्त करती थी।
उसके कारण उनका बेटा उनसे अिग रहता था और उनसे नििने भी नहीं िाता
था।

घ) िााँ का हृदय पररवतणन कब हुआ और कै से?


िब अनवनाश को हैिा हुआ था तब उसकी पत्नी अपने प्राण देकर पनत को बचा
निया है परं तू िब िााँ को िबर नििा कक अनवनाश ठीक हो गया है पर उसकी
पत्नी बीिार हो गई। यह सुनकर िााँ के ह्रुदय पररवतणन हुआ।

४) "दुननया ने दााँतों तिे उाँ गिी दबाकर................ननदा की है"

क) उपयुणक्त अवतरण का संदभण निनिए।


उपयुणकत अवतरण का संन्दभण यह है कक अनवनाश और अतुि की िां ने अतुि के
नपता के संबंध िें अपनी छॊटी बहु उिा से कह रहा है।

ि) दुननया ने ककसके संबंध िें दााँतों तिे उाँ गिी दबाकर क्या कहा था और क्यों?
दुननया ने अतुि के नपता के संबंध िें दााँतों तिे उाँ गिी दबाकर कहा था कक ये
कै सा बाप है िो अपने बेटे की गंभीर कदशा पर रोता तक नहीं है। क्योंकक बचपन
िें िब अतुि के बचने के कोई आशा न थी तब अतुि के नपता उसे धरती पर
निटाने के निए स्थान बनाने िगे। उन्हें ककसी प्रकार की व्याकु िता नहीं थी।

ग) बाप बेटों की ककस सिानता का उल्िेि ककया गया है?


बाप और बेटे की यह सिानता का उल्िेि ककया गया है कक दोनों िाया-ििता से
िुक्त थे। हर बात िें राष्ट्र-प्रेि की बात ककया करते थे।

घ) िााँ के चररत्र की प्रिुि नवशेषताओं का उल्िेि कीनिए।


िााँ रीनत-ररवाज़ॊं से बााँधी हुई परम्परागत नारी है। वह रूकियों, िानतवाद एवं
धार्तिक परम्पराओं िें नवश्वास रिती है। िााँ अपनी पुरानी िान्यताओं के कारण
अपनी नविातीय बहु को स्वीकार नहीं करती है।

५) ‘हााँ, बहुत भोिी िाता िी बहु..............िन करता है।’


क) उपयुणक्त पंनक्तयों िें .....................वणणन कीनिए।
उत्तर: उपयुणक्त पंनक्तयों िें अनवनाश की पत्नी के बारे िें बात की िा रही है।
नम्रता, िाधुयण तथा आत्िसम्िान िैसे नवशेष गुण उसके व्यनक्तत्व को और भी
गररिािय बना देते हैं। अपने पररवार तथा सास की उपेक्षा को उसने िौन रहकर
सह निया और अपने स्वाभीिान की रक्षा करते हुए अपने पनत की िी-िान से
देिभाि की।

ि) उिा अनवनाश के बहु के घर क्यों और कब गई थी?


एक कदन िब िााँ गुस्सा होकर बहुत दुिी थी तब उिा ने भाभी के पास गई थी।
क्योंकक उिा को िााँ के कदि तोडना पाप िगता है। िााँ बेटे के संबन्ध अटू ट होता
है उसिें ककसी तरह का अवरोध पाप ही है। िााँ से िब बेटा अिग होता है तब
िााँ का हृदय टू ट िाता है।
ग) उिा की बात सुनकर िााँ की क्या प्रनतकिया हुई?
उिा की बात सुनकर िााँ की यह प्रनतकिया हुई कक वह आश्चयण चककत हुआ,
क्योंकक उिा कभी भी अनवनाश के पत्नी के बारे िें उनसे बताया नहीं।

घ) उिा ने अनवनाश की बहु को क्या सुझाव कदया था?


उिा ने अनवनाश की बहु को यह सुझाव कदया कक अब भी सब कु छ ठीक हो
सकता है, अगर तुि बडे भैया को छोड दे , िााँ के हृदय तोडना अत्याचार है।
उस अत्याचार को दूर करने के निए यकद प्राण भी देने पडें तो वह भी कि है।

६) सोचो, तुि स्वयं पत्नी हो।.......................प्यार करती हुाँ।

क) वक्ता और श्रोता कौन-कौन है? ककसे ककसकी कौन-सी बात बुरी िगी और
क्यों?
वक्ता अनवनाश की पत्नी और श्रोता उिा है। उिा को अनवनाश की पत्नी कक बात
बुरी िगी क्योंकक उसने उिा से कहा कक तुिने िेरी तरह पनत का वरण नहीं ककया
है किर भी तुि अपने पनत को प्यार करती हो उसे छोड नहीं सकती हो।

ि) श्रोता ने वक्ता की बात सुनकर क्या उत्तर कदया?


उिाने अनवनाश की पत्नी की बात सुनकर यह उत्तर कदया कक सब पनत्नयााँ अपने
पनतयों को प्यार करती है, िैं भी करती हुाँ, प्राणों से अनधक प्यार प्यार करती
हुाँ।

ग) वक्ता के चररत्र की नवशेषताओं का उल्िेि कीनिए।


अनवनाश की पत्नी एक बंगािी िनहिा है निससे अनवनाश को पनत के रूप िें
वरण ककया है। वह अपनी ससुराि से अिग रहती है तो भी अपनी ससुराि वािों
का बहुत आदर करती है। वह एक स्वानभिानननन और पनवत्रता स्त्री है िो अपने
पनत के नबिार होने पर भी-िान से उनकी रक्षा करती है, वहााँ तक कक उनकी
सेवा करते-करते स्वयं भी बीिार पड िाती है पर ककसी से सहायता नहीं िााँगती।

घ) अनवनाश क्यों अिग....................िाती थी?


अनवनाश ने एक बंगािी युवती से नववाह ककया था। िााँ इस नविातीय नववाह के
नििाि थी,ंं इसनिए उन्होंने बहु को अपनाने से इनकार कर कदया था। इसनिए
अनवनाश को अपना घर छोडकर अपनी पत्नी के साथ अिग घर िेकर रहना पडा।
िााँ अनवनाश से नििने इसनिए नहीं िाती क्योंकक वह अपने संस्कारों से सिझौता
नहीं करना चाहतीं। एक नविातीय बहु को स्वीकार कर िेना उनके संस्कारों तथा
नसद्धातों के नवरुद्ध है। इसनिए वह चाहकर भी अनवनाश से नििने नहीं िातीं

७) "नहीं भाभी! िैं...........................आओ अंदर चिें"।


क) वक्ता और ......................कथन कहा?
वक्ता उिा और श्रोता अनवनाश की पनत्न है। अनवनाश की पत्नी ने उिा को अपने
पनत अतुि को छोडने के निए कहा था तब उपयुणक्त वाक्य वक्ता ने कहा।
ि) भाभी कौन है? ............दीनिए।
भाभी अनवनाश की पनत्न, वह देिने िें बडी भोिी िगती है, बहुत प्यारी और
सुंदर है। उसके हृदय िें अपनों के निए असीि स्नेह है। वह अपनी पनत से बिकर
संसार िें ककसी अन्य को नहीं िानती। अपने पनत के निए वह अपने प्राण तक
न्योछावर करने को तैयार है।
ग) अनवनाश ..................प्रभाव पडा?
अनवनाश की पत्नी का उिा पर यह प्रभाव पडा कक उिा का अंतिणन कााँपने िगे
और उनको देित ही िोनहनन-सी छा िाती थी।
घ) उिा ......................कीनिए।
उिा घर के छोटे बेटा अतुि की पत्नी है। वह आधुननक नवचारों की होने पर भी
सास का सम्िान करती है और उनकी बात िानती है। वह पररवार को िोडकर
रिना चाहती है तथा सिझदार स्त्री है। वह तकण शीि, उदार, संवेदनशीि,
पनतव्रता, नववेकशीि तथा बडों को सम्िान देने वािी नारी है। उिा दूसरी की
प्रशंसा करना िानती है अत: कह सक्ते है कक उिा एक आदशण भारतीय नारी है।

८) ‘कहते है.......................िुक्त हो सकी’।

क) चेतन से...................कीनिए।
यहां चेतन शब्द िन के निए आया है और अचेतन आत्िा के निए। िब िनुष्य
चेतना िें होता है और िन ननणणय करने या न करने की अवस्था िें होता है तो
वह अवस्था चेतन कहिायेगी। चेतन िन नननष्िय होता है और कभी कभी ही
अपनी आवाज़ ननकािता है। कभी कभी िनुष्य कहते है कक यह िेरी आत्िा की
आवाज़ है। वह आवाज़ अचेतन िन की ही िायेगी।

ि) ‘तुि एक दुसरे के ......................ककया गया है?


‘तुि एक दूसरे के प्रनत निचे’-एक दूसरे शब्दों का प्रयोग इधर उिा और अतुि
का, अनवनाश और उसकी पत्नी के निए ककया गया है।

ग) रक्त के निचाव .................क्यों कहा है?


ये शब्द िां ने अपनी छोटी बहु उिा से कहा। अनवनाश और अतुि दोनों भाई भाई
है। दोनों िें रक्त का संबंध है। अिग-अिग रहने के बावज़ूद वह दोनों एक दूसरे के
प्रनत निचे।

घ) वक्ता ककन .........................स्पष्ट कीनिए।


वक्ता यानन िााँ पुराने रीनत ररवाज़ों पर अन्ध नवश्वास करके उन्हीं के अनुसार अपने
नवचारों को बना िेना। इन पुराने रूकिवादी नवचारों को अपने दैननक कायण किापों
का िागण दशणक बना िेने से उनके िक्ष्य की पूर्तत िें बाधा पडती है और कायणक्षेत्र
सीनित हो िाता है।

९) हााँ, उसी ने कहा था................................इसनिए


पाप है।
क) प्रस्तुत अवतरण की वक्ता िााँ है, वह छोटी बहु उिा से बातें कर रही है।
उिा और अतुि अनवनाश को देिने गये थे, इस बात का िब िााँ को पता चिता
है तो वह दुिी होती है कक वह अपने संस्कारों िें बाँधने तथा रूकिवाद बातों िें
िाँ सी रहने के कारण अपने बेटे से नििने नहीं िा पा रही है। तब उिा से कहती
है कक अनवनाश ने उससे कहा था की " िााँ यकद अपनी संतान का पािन पोषण
करती है तो यह उसकी नैनतक नज़म्िेदारी है।" िााँ ने अपने प्रेि की दुहाई देकर
उस पर अपना अनधकार रिना चाहा तब उपयुणकत कथन अनवनाश ने िााँ से कहा।

ि) वक्ता ने ककसे क्या सिझाया था?


वक्ता ने अनवनाश से प्रेि की दुहाई देते हुए सिझाया कक संतान का पािन पोषण
करना तथा उन्हें अच्छा संस्कार देना िााँ बाप का नैनतक कतणव्य हैं।
ग) संतान का पािन................रटप्पणी कीनिए।
िां-बाप का नैनतक कतणव्य अपने बच्चों का पािन -पोषण करना एंव उन्हें नशनक्षत
कर ककसी रोज़गार के िायक बना देना है। बच्चों का पािन -पोषण िां बाप का
नैनतक कतणव्य है तो है ही िेककन वे नसिण नैनतक कतणव्य िानकर ही इसका पािन
नहीं करते बनल्क बडे िाड-प्यार से अपने बच्चों को पािते है और उनके सुिद
भनवष्य की कािन करते है।

घ) वक्ता के ......................स्पष्ट कीनिए।


बच्चों का पािन पोषण करना और उन्हें पिाना नििाना िां-बाप का नैनतक कतणव्य
है। अपना कतणव्य पूरा करके उन्हें अपने तरीके से िीवन नबताने दें। अपने ऋण से
िुक्त होकर संतोष प्राप्त करें और अपने बच्चों से उसके बदिे कु छ प्राप्त करने की
कािना न रिें। बच्चों से अनधक िोह रिना अशानन्त का कारण बनता है।

१०) ननिणि ही नहीं.......................तुि िें नहीं है, िााँ!


क) वक्ता और......................क्यों कहा?
वक्ता अतुि और श्रोता िााँ है, अतुि ने िां को ननिणि ,कायर और किज़ोर
इसनिए बताया कक वह पुराने संस्कारों िें पिी हुई है और उन प्राचीन संस्कारों को
तोडने की शनक्त उसके अन्दर नहीं है।

ि) एकांकी िें ......................प्रकट कीनिए।


कदए गए एकांकी िें एक पुत्र अपनी िाता के नििाि िाकर नविातीय नववाह
करता है। इस कारण से उसे अपने िीवन िाता और अपने पररवार से अिग
रहना पडता है, साथ ही नई बहु ससुराि िें सम्िान एवं उसका सुि प्राप्त नहीं
पाता है।

ग) िााँ अतुि के ..............हो िाती है?


िााँ को अपने रूकिवादी संस्कार छोडने पडे। उन्हें तब बहुत कष्ट हुआ िब उन्होंने
अपने पुत्र अनवनाश की बीिारी का सिाचार निसरानी से सुना और यह भी सुना
कक अनवनाश की बहू ने कदन रात सेवा करके उसके प्राण बचाये। उन्हें तब धक्का
िगा कक वह िााँ है और उन्हें अपने ही पुत्र की बीिारी का पता ककसी दूसरे से
चिा। दूसरी बात बहू ने सेवा करके उसके प्राण बचाये िबकक ऐसे सिय पर उन्हें
अपने पुत्र के पास होना चानहए था। उनके िन िें पहिे से ही ग्िानन थी और
पुत्र से अगाध प्रेि था। इसनिए िब उन्होंने सुना कक अब अनवनाश की पत्नी
गंभीर रूप से बीिार और उसके न बचने पर शायद उनका पुत्र भी नहीं बचेगा
तब वह अपने रूकिवादी संस्कारों की िंिीर को तोडकर िे क देती है। अपने पुत्र
और पुत्रवधू के यहााँ िाने की तैयार हो िाती है।

११)निन बातों का हि........................कर िेते हैं।


क) उपयुणक्त कथन का आशय स्पष्ट कीनिए।
पुराने संस्कारॊं तथा रूकिवादी नवचारों िें िकडी होने के कारण अनवनाश तथा
अतुि की िां के हृदय िें ननिणिता आ गई थी। इसनिए वह अपने बडे िडके
अनवनाश तथा उसकी नविातीय पत्नी को अपने घर िें स्वीकार न कर सकी और
वह उससे अिग रहने िगे। ककतू एक सिय ऐसा आया कक िब िां का ननिणि
हृदय वात्सल्य भावों से ओत- प्रोत हो गय और िां-बेटे के बीच संस्कारों की
दीवार ििणर होकर बैठ गई।
ि) संस्कार और भावना ......................ककया गया है?
इस एकांकी िें िानवीय संबधों के िूल्यों को उिागर ककया गया है। िााँ अपने बेटे
के िीवन को सुरनक्षत रिने के निए अपनी पुरानी िान्यताओं से सिझोता करती है।
वह दूसरी िाती की बहु को स्वीकार कर िेने का ननणणय िेती है।
घ) work book No. 6
१२) इससे अनधक िोह है........................उसका नहीं है।
क) वक्ता कौन है?..................कहा है?
प्रस्तुत अवतरण की वक्ता िााँ है वह छोटी बहु उिा से बातें कर रही है। उिा और
अतुि अनवनाश को के घर गए थे, इस बात का िब िां को पता चिता है तो
वह दुनि होकर उपयुणक्त कथन को कहते है।
ि) इससे अनधक ....................कहा है।
अनवनाश ने एक बार िां से कहा कक िां बाप का नैनतक कतणव्य अपने बच्चों का
पािन पोषण करना एवं उन्हें नशनक्षत कर ककसी रोिगार के िायक बना देना है।
अपने ऋण से िुक्त होकर संतोष प्राप्त करें और अपने बच्चों से उसके बदिे कु छ
प्राप्त करने की कािना न रिें, बच्चों से अनधक wिोह रिना अशांनत का कारण है।
ग) वक्ता के अनुसार..................क्या चाहते है?
वक्ता के अनुसार सभी िाता और नपता अपने संतान पर संपूणण अनधकार चाहते हैं।
वे चाहते है कक अपने संतान के िीवन के िै सिे िे सके तथा उनके बच्चे अपने
संस्कारों को स्वीकार करें ।

घ) वक्ता ने डाककन.................उसका नहीं है?


वक्ता ने ‘डाककन’ शब्द अनवनाश की पत्नी के निए ककया गया है। वक्ता ने ऐसा
इसनिए कहा कक उन्हें यह एहसास हो गया था कक वास्तव िें दोष उसकी बहु
का नहीं अनपतु उनका बेटा का दोष है। क्योंकक उसने उस नविातीय िडकी से
नववाह की थी। अत: इसी प्रकार उनके ििता एवं पुत्र प्रेि के सािने उनके
संस्कार न रटक पाए और संस्कारों पर भावना की नविय हुई।

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