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क ा

11 समाजशा
एनसीईआरटी न-उ र
पाठ - 8 पयावरण और समाज

1. पा र थितक से आपका या अिभ ाय है? अपने श द म वणन क जए।

उ र- पा र थितक : यह येक समाज का नीव होती है। 'पा र थितक ' श द से अिभ ाय एक ऐसे जाल से है जहाँ भौितक और
जैिवक यव थाएँ तथा ि याएँ घिटत होती ह और मानव भी इसका एक अंग होता है।
िकसी भी थान क पा र थितक पर वहाँ के भूगोल तथा जलमंडल क अंतःि याओं का भी भाव पड़ता है।
उदाहरणत : म थलीय देश म रहने वाले जीव-जंतु अपने आपको वहाँ क पा र थितय के अनु प; जैसे रेतीली िम ी अथवा
कम वषा. पथरीली तथा यादा तापमान म अपने आप ढाल लेते ह।

2. पा र थितक सफ ाकृितक शि य तक ही सीिमत य नह है?

उ र- पा र थितक सफ ाकृितक शि य तक ही सीिमत नह है य िक-

पा र थितक म मानव के ारा क गई ि याओ से प रवतन आया है। पयावरण के ाकृितक कारक; जैसे- मानवीय
ह त ेप क वजह से अकाल या बाढ़ क थित आिद क उ प भी होती है।
पा र थितक य प रवतन कई बार ाकृितक तथा मानवीय कारण म अंतर करना बहत मु कल होता है।
मनु य के ह त ेप के ारा पयावरण क थित म िव व यापी तर पर तापमान म वृि के कारण जलवायु म भी प रवतन
हआ है।
निदय के ऊपरी े म जंगल क अंधाधुध कटाई निदय म बाढ़ क थित को और बढ़ा देती है।
कृिष भूिम जहाँ िम ी तथा पानी के बचाव के काय चल रहे ह , खेत और पालतू पशु, कृि म खाद तथा क टनाशक का
योग, यह सब प प से मनु य ारा कृित म िकया गया प रवतन है।
मनु य ारा िनिमत िविभ त व हमारे चार ओर पूरी तरह से िवधमान है।
शहर के िनमाण म यु सीमट, ईटं , कं ट, प थर, शीशा और तार हालाँिक ाकृितक संसाधन ह, परंतु िफर भी ये
मनु य क कलाकृित के उदाहरण ह।

3. उस दोहरी ि या का वणन कर जसके कारण सामा जक पयावरण का उ व होता है?

उ र- दोहरी ि या का वणन इस कार है, जसके कारण सामा जक पयावरण का उ व होता है

जैवभौितक पा र थितक और मनु य के ह त ेप क अ तःि या के मा यम से सामा जक पयावरण का उ व होता है।

कृित समाज को आकार देती है तथा समाज भी कृित को आकार दान करता है, इस कार यह एक-दस
ू रे के पूरक है,
अतः यह दो-तरफा ि या है। उदाहरणत: संधु-गंगा क उपजाऊ भूिम गहन कृिष के लए उपयु है। इसक उ च
उ पादक मता के कारण यहाँ घनी आबादी का े बसा है और अित र उ पादन से गैर कृिष ि याकलाप आगे चलकर
जिटल अ ध िमक समाज तथा रा य को ज म देते ह।
मानव के जीवन और सं कृित को आकार देने वाले ये पा र थितक के उदाहरण ह।
ठीक इसके िवपरीत, राज थान के म थल केवल पशुपालक को ही सहारा दे पाते ह। वे अपने पशुओं के चारे क खोज
म इधर-उधर भटकते रहते ह तािक उनके पशुओं को चारा िमलता रहे।
िनजी प रवहन पुँजीवादी उपयोगी व तु का एक ऐसा उदाहरण है जसने जीवन तथा भू- य दोन को बदल िदया है।
शहर म वायु दषू ण तथा भीड़भाड़, े ीय अगड़े, तेल के लए यु और िव व यापी तापमान म वृि , गािड़य के
पयावरण पर होने वाले भाव के कुछ एक उदाहरण ह।
दस
ू री ओर, पूँजीवादी सामा जक संगठन ने भी िव वभर क कृित को आकार िदया है।

4. सामा जक सं थाएँ कैसे तथा िकस कार से पयावरण तथा समाज के आपसी र त को आकार देती ह?

उ र- सामा जक सं थाएँ िन न ल खत कार से पयावरण तथा समाज के आपसी र त को आकार देती ह :

सामा जक संगठन ारा आकार पयावरण तथा समाज के म य अंतःि या के ारा संगिठत होता है।
उ पादन ि या के ारा संसाधन पर िनयं ण म वग करण से संबं धत है।
भूिम तथा जल संसाधन का यि गत वािम व इस बात का िनणय करगे िक अ य लोग को िकन िनयम तथा शत के
अधीन इन संसाधन के उपयोग का अ धकार ा हो।
यिद वन पर सरकार का आ धप य है तो यह िनणय लेने का अ धकार भी सरकार का ही होगा िक या वन को प े पर
िकसी लकड़ी के कारोबार करने वाली कंपनी को देनी चािहए अथवा ामीण को जगल से ा होने वाले व य उ पाद क
सं िहत करने का अ धकार हो।
कृिषहीन मज़दरू एवं य का ाकृितक संसाधन से संबध
ं पु ष क तुलना म िभ होता है।
पूँजीवादी मू य ने कृित के उपयोगी व तु होने क िवचारधारा को पोिषत िकया है। इस संदभ म कृित को एक व तु के
प म प रवितत कर िदया गया है और इसे लाभ के लए खरीदा अथवा बेचा जा रहा है। उदाहरण के लए, िकसी नदी के
बहिवक पीय सां कृितक अथ ; जैसे : उपयोिगतावादी, धािमक, पा र थितक य तथा स दयपरकता क आव यकता को
ख म कर िकस उ मकता के लए पानी को हािन या लाभ क ि से बेचने का करोबार बना िदया गया है।
ासंिगक ान क यव था के अित र पयावरण तथा समाज के संबध
ं उसके सामा जक मू य तथा ितमान म भी
ितिबंिबत होते ह।
सामा जक संगठन के ारा इस िवचार को भािवत िकया जाता है िक िविवध सामा जक समूह िकस तरह अपने आपको
पयावरण से जोड़ते ह।
धािमक मू य ने कई सामा जक समूह का नेतृ व िकया है तािक धािमक िहत और िविभ िक म को संर ण हो सक
और अ य यह मान सक िक उ ह अपने िहत के लए पयावरण म प रवतन करने का दैवीय अ धकार ा है।
कई देश ने समानता और याय के समाजवादी-मू य को थािपत करने हेतु बड़े-बड़े ज़म दार से उजड़ी जमीन को
छीनकर उ ह पुनः भूिमहीन िकसान म िवत रत कर िदया है।

5. पयावरण यव था समाज के लए एक मह वपूण तथा जिटल काय य ह?

उ र- पयावरण यव था समाज के लए एक मह वपूण तथा जिटल काय ह इसके कारण इस कार है :

पयावरण बंधन एक किठन काय माना जाता है।


मानव के संबध
ं पयावरण के साथ और अ धक गहरे हो गए ह।
इसक ि याओं क भिव वाणी और ितरोध करना भी बहत मु कल है।
बढ़ते औ ोगीकरण क वजह से संसाधन का दोहन बहत तेज गित से हो रहा है। यह पा र थतीक तं क अनेक तरह
से भािवत िकया है।
जस समाज म हम रह रहे है वह बहतजो खम भरा ह। हम ऐसी तकनीक और व तुओ ं का इ तेमाल करते ह, जनके
संबध
ं म हम पूरी जानकारी नह है।
जिटल औ ोिगक तकनीक तथा संगठन क यव थाएँ बेहतरीन बंधन के लए अिनवाय ह। ये अ धकांशतः गलितय के
ित कमज़ोर तथा सुभे होते ह।
औ ोिगक पयावरण म घिटत नािभक य िवपदा; जैसे-भोपाल क औ ोिगक दघ
ु टना, चेरनोिबल, यूरोप म फैली 'मैड
काऊ' बीमारी इसके खतर को दशाते ह।

6. दषू ण संबं धत ाकृितक िवपदाओं के मु य प कौन-कौन से ह?

उ र- दषू ण संबं धत ाकृितक िवपदाओं के मु य प िन न ल खत ह :

वायु दषू ण के मु य ोत, उ ोग तथा वाहन से िनकलने वाली जहरीली गैस तथा घरेल ू उपयोग के लए लकड़ी तथा
उ ोग से होने वाले दषू ण माना जाता ह।
वायु दषू ण ामीण तथा शहरी े क एक मु य सम या मानी जा रही है। इससे वास और सेहत संबध
ं ी अ य
बीमा रयाँ तथा मृ यु भी हो सकती है।
िव व वा य संगठन के अनुमान के अंतगत, भारत म घरेल ू दषू ण से 600,000 लोग 1998 के दौरान मरे। अकेले
ामीण े म मरने वाले लोग क सं या 500,000 के करीब थी।
आं त रक दषू ण जो क खाना बनाने वाले ईध
ं न से होता है जो खम भरा ोत है। यह िवशेषकर ामीण घर के लए सच
है। यहाँ खाना बनाने के लए हरी-भरी लकिड़य का योग, अनुपयु चू हे तथा हवा के िन कासन क अ यव था ामीण
मिहलाओं के सेहत पर बुरा असर डालते ह।
नदी और जलाशय से संबं धत दषू ण भी एक मह वपूण सम या है। शहर विन दषू ण से भी सत है। कई शहर म यह
िववाद यायालय के अधीन है। धािमक तथा सामा जक अवसर पर उपयोग िकए जाने वाले लाउड पीकर, राजनीितक
चार, वाहन के होने और यातायात एवं िनमाण काय इसके मुख ोत ह।
7. संसाधन क ीणता से संबं धत पयावरण के मुख मु कौन
े -कौन से ह?

उ र- संसाधन क ीणता से संबं धत पयावरण के मुख मु इस


े कार ह :

संसाधन क ीणता का अथ है-अ वीकृत ाकृितक संसाधन का इ तेमाल करना एवं यह पयावरण क एक गंभीर
सम या है।
निदय पर बाँध बना िदए गए ह तथा इनके बहावो क िदशा बदल दी गई है। इस वजह से पयावरण के जल बे सन को जो
ित पहँची है उसक भरपाई करना बहत मु कल है।
स पूण भारत म भूजल के तर म लगातार कमी होना, िवशेषकर पंजाब, ह रयाणा और उ र देश म एक गंभीर सम या
है।
भूजल के समान मृदा क ऊपरी परत का िनमाण हज़ार साल के प चात होता है। पयावरण के कु बंधन; जैसे-पानी का
जमाव, भू कटाव तथा खारेपन इ यािद क वजह से कृिष संसाधन भी ख म होते जा रहे ह।
शहर म थत जलाशय को भर िदया गया है तथा उस पर िनमाण काय स प होने के कारण ाकृितक जल िनकासी के
साधन को न िकया जा रहा है।
जंगल, घास के मैदान एवं आ भूिम जो िक जैिवक िविवध आवास के उदाहरण ह, ऐसे अ य मु य संसाधन ह, जो बढ़ती
कृिष क वजह से ख म होने क कगार पर आ खड़े हए ह।
मृदा क ऊपरी सतह के िवनाश के लए भवन-िनमाण के लए ईटं का उ पादन भी ज मेदारी है।

8. पयावरण क सम याएँ समा जक सम याएँ भी ह। कैसे? प क जए।

उ र- पयावरण क सम याएँ समा जक सम याएँ भी ह य िक:

पयावरण के ारा होने वाली सम याएँ अनेक समूह को भािवत करती हई िदखाई देती ह।
सावजिनक ाथिमकताएँ तय क ि या समाजशा ीय अ ययन के ारा यह ात होती है तथा िकस तरह इ ह आगे
बढाया जाता है। यापक प से उनका लाभदायक होना किठन है। साथ ही, जनिहत के काय ं क र क नीितयाँ
राजनीितक तथा आ थक प से शि शाली वग ं के लाभ क र ा करती ह, या गरीब एवं राजनीितक प से कमजोर वग ं
को नुकसान पहँचाती ह।
यि अपने आपको पयावरण क आपदाओं से बचाने या उस पर िवजय ा करने के लए िकस हद तक जा सकता है
इसका पता सामा जक प र थित और शि इस बात पर िनभर होता है।
गुजरात रा य के क छ म जहाँ पानी क अ य धक कमी है, वहाँ संप िकसान ने अपने खेत म नकदी फसल क संचाई
के लए नलकूप क गहरी खुदाई पर काफ धन खच िकया है। जब वषा नह होती है तब गरीब ामीण के कुएँ सूख जाते
ह तथा उ ह पीने तक के लए पानी नह िमलता है।
इस थित म ऐसा माना जाता है िक लहलहाते खेत मानोिकसानो का मज़ाक उड़ा रहे होते ह। कुछ पयावरण संबध
ं ी िचंतन
कभी-कभी िव व यापी िचंतन बन जाते ह। परंतु यह स य है िक इसका संबध
ं िकसी िवशेष सामा जक समूह से नह रहता
है।
9. सामा जक पा र थितक से या अिभ ाय है?

उ र- सामा जक पा र थितक से िन न ल खत अिभ ाय है :

सामा जक पा र थितक ारा यह दशाया जाता है िक सामा जक संबध


ं िवशेष प से संप तथा उ पादन के संगठन
पयावरण से संबं धत सोच तथा यास को आकार देते ह।
पयावरण तथा समाज के आपसी संबध
ं म बदलाव पयावरण संबं धत सम याओं को सुलझाने का एक उपाय है। इसका
अिभ ाय यह है क अनेक समूह के म य संबध
ं म बदलाव तथा पु ष और ी, ामीण और शहरी लोग, ज़मीदार तथा
मज़दरू के सरोकार म बदलाव।
सामा जक संबध
ं म प रवतन से पयावरण बंधन के लए िविभ ान यव थाओं और ानतं का ज म होगा।
िविभ सामा जक वग ं के लोग पयावरण संब धत मामल को िभ कार से परखते और समझते ह।
व य िवभाग उ ोग के लए अ धक मा ा म बाँस का िनमाण करेगा। इसका उ े य अ धक से अ धक राज व ा करना
होगा। साथ ही व य िवभाग बाँस का िनमाण बाँस के टोकरे बनाने वाले कारीगर के लए बाँस के उपयोग से अलग प म
देखेगा। उनक िचयाँ और िवचारधाराएँ पयावरण संबध
ं ी मतभेद को ज म देती ह। इस कार पयावरण संकट क जड़े
सामा जक असमानताओं म देखी जा सकती ह।

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