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Hindi B Sec 2020-21
Hindi B Sec 2020-21
व्याकरण ब दिं ु
कक्षा 9िीिं
शधद और पद
शधद षवचार : श्रुततसमभभन्नार्थिक शधद, पयायिवाची, षवलोम शधद
उपसगि एवां रत्यय
अर्थि की दृजटि से वातय-भेद
कक्षा 10िीिं
पदबांध
रचना के आधार पर वातय रूपाांतर
शधदों के अवलोकन द्वारा सामाभसक शधदों का षवग्रह तर्था पहचान
मह
ु ावरों और उनका रयोग
अलांकार की पहचान एवां रयोग
श्रिण (सन
ु ने) और िाचन ( ोलने) की योग्यताएाँ
रवाह के सार्थ बोली िाती हुई हहांदी को अर्थिबोध के सार्थ समझना।
हहांदी शधदों का ठीक उच्चारण करना तर्था हहांदी के स्वाभाषवक अऩत
ु ान का रयोग करना।
सामान्य षवषयों पर बातचीत करना और पररचचाि में भाग लेना।
हहांदी कषवताओां को उर्चत लय, आरोह-अवरोह और भाव के सार्थ पढ़ना।
सरल षवषयों पर कुछ तैयारी के सार्थ दो-चार भमनि का भाषण दे ना।
हहांदी में स्वागत करना, पररचय और धन्यवाद दे ना।
हहांदी अभभनय में भाग लेना।
श्रिण (सन
ु ना)– 2.5 अिंक (ढाई अिंक) ि िाचन ( ोलना) -2.5 अिंक (ढाई अिंक) का परीक्षण : कुल 5 अिंक (पााँच
अिंक)
परीक्षक षवद्यार्र्थियों से कषवता तर्था कहानी पाठ करें गे।
परीक्षक ककसी रासाांर्गक षवषय पर एक अनच्
ु छे द का स्पटि वाचन करे गा। अनच्
ु छे द तथ्यात्मक या
सझ
ु ावात्मक हो सकता है । अनच्
ु छे द लगभग 80-100 शधदों का होना चाहहए।
या
परीक्षक 1 -1 2 भमनि का श्रव्य अांश (ऑडियो जतलप) सन
ु वाएगा। अांश रोचक होना चाहहए। कथ्य /घिना
1
पण
ू ि एवां स्पटि होनी चाहहए। वाचक का उच्चारण शद्ध
ु , स्पटि एवां षवराम र्चह्नों के उर्चत रयोग सहहत
होना चाहहए।
परीक्षार्थी ध्यानपव
ू क
ि परीक्षक/ऑडियों जतलप को सन
ु ने के पश्चात ् परीक्षक द्वारा पछ
ू े गए रश्नों
का अपनी समझ से मौखखक उत्तर दें गे।
कौिलों के अिंतरण का मल
ू यािंकन
श्रिण (सन
ु ना) िाचन( ोलना)
1 षवद्यार्थी में पररर्चत सांदभों में रयत
ु त शधदों और 1 षवद्यार्थीकेवल अलग-अलग शधदों और पदों के रयोग
पदों को समझने की सामान्य योग्यता है । की योग्यता रदभशित करता है ।
2 छोिे सस
ु ब
ां द्ध कर्थनों को पररर्चत सांदभों में समझने 2 पररर्चत सांदभो में केवल छोिे सस
ु ब
ां द्ध कर्थनों का
की योग्यता है । सीभमत शद्ध
ु ता से रयोग करता है ।
3 पररर्चत या अपररर्चत दोनों सांदभों में कर्र्थत सच
ू ना 3 अपेक्षक्षत दीघि भाषण में िहिल कर्थनों के रयोग की
को स्पटि समझने की योग्यता है । योग्यता रदभशित करता है ।
4 दीघि कर्थनों की श्रांख
ृ ला को पयािप्त शद्ध
ु ता से समझता 4 अपररर्चत जस्र्थततयों में षवचारों को ताककिक ढां ग से
है और तनटकषि तनकाल सकता है । सांगहठत कर धारा रवाह रूप में रस्तत
ु कर सकता है ।
5 िहिल कर्थनों के षवचार-त्रबांदओ
ु ां को समझने की 5 उद्देश्यऔर श्रोता के भलए उपयत
ु त शैली को अपना
योग्यता रदभशित करता है । सकता है ।
पठन कौिल
पढ़ने की योग्यताएाँ
हहांदी में कहानी, तनबांध, यात्रा-वणिन, िीवनी, पत्र, िायरी आहद को अर्थिबोध के सार्थ पढ़ना।
पाठयवस्तु के सांबध
ां में षवचार करना और अपना मत व्यतत करना।
सांदभि साहहत्य को पढ़कर अपने काम के लायक सच
ू ना एकत्र करना।
पहठत सामग्री के षवभभन्न अांशों का परस्पर सांबध
ां समझना।
पहठत वस्तु का साराांश तैयार करना।
भाषा, षवचार एवां शैली की सराहना करना।
साहहत्य के रतत अभभरुर्च का षवकास करना।
शलखने की योग्यताएाँ
भलखते हुए व्याकरण-सम्मत भाषा का रयोग करना।
हहांदी के पररर्चत और अपररर्चत शधदों की सही वतिनी भलखना।
षवराम र्चह्नों का समर्ु चत रयोग करना।
लेखन के भलए सकक्रय (व्यवहारोपयोगी) शधद भांिार की वषृ द्ध करना।
रभावपण
ू ि भाषा तर्था लेखन-शैली का स्वाभाषवक रूप से रयोग करना।
उपयत
ु त अनच्
ु छे दों में बाांिकर भलखना।
रार्थिना पत्र, तनमांत्रण पत्र, बधाई पत्र, सांवेदना पत्र, आदे श पत्र,ई मेल,एस.एम.एस आहद भलखना
और षवषवध रपत्रों को भरना।
षवषवधस्त्रोतों स्रोतो से आवश्यक सामग्री एकत्र कर एक अभीटि षवषय पर अनछ
ु े दभलखना।
दे खी हुई घिनाओां का वणिन करना और उन पर अपनी रततकक्रया रकि करना।
पढ़ी हुई कहानी को सांवाद में तर्था सांवाद को कहानी में पररवततित करना।
समारोह और गोजटठयों की सच
ू ना और रततवेदन तैयार करना।
भलखने में मौभलकता और सििनात्मकता लाना।
रचनात्मक अशभव्यक्तत
अनच्
ु छे द लेखन
पण
ू त
ि ा – सांबर्ां धत षवषय के सभी पक्षों को अनच्
ु छे द के सीभमत आकार में सांयोजित करना
क्रमबद्धता – षवचारों को क्रमबद्ध एवां तकिसांगत षवर्ध से रकि करना
षवषय-केजन्ित – रारां भ से अांत तक अनच्
ु छे द का एक सत्र
ू में बांधा होना
समाभसकता– सीभमत शधदों में यर्थासांभव परू ी बात कहने का रयास, अनावश्यक बातें न करके
केवल षवषय सांबद्ध वणिन-षववेचन
पत्र लेखन
अनौपचाररक पत्र षवचार-षवमशि का िररया जिनमें मैत्रीपण
ू ि भावना तनहहत, सरलता, सांक्षक्षप्त और
सादगी के सार्थ लेखन शैली
औपचाररक पत्रों द्वारा दै नहां दनी िीवन की षवभभन्न जस्र्थततयों में कायि, व्यापार, सांवाद, परामशि,
अनरु ोध तर्था सझ
ु ाव के भलए रभावी एवां स्पटि सांरेषण क्षमता का षवकास
सरल और बोलचाल की भाषाशैली, उपयत
ु त, सिीक शधदों के रयोग, सीधे-सादे ढां ग से स्पटि और
रत्यक्ष बात की रस्ततु त
रारूप की आवश्यक औपचाररकताओां के सार्थ सस्
ु पटि, सल
ु झे और क्रमबद्ध षवचार आवश्यक तथ्य,
सांक्षेप और सम्पण
ू त
ि ा के सार्थ रभावाजन्वतत
विज्ञापन लेखन
विज्ञावपत िस्तु / विषय को केंद्र में रखते ु ए
षवज्ञाषपत वस्तु के षवभशटि गण ु ों का उल्लेख
आकषिक लेखन शैली
रस्ततु त में नयापन, वतिमान से िुड़ाव तर्था दस
ू रों से भभन्नता
षवज्ञापन में आवश्यकतानस
ु ार नारे (स्लोगन) का उपयोग
(षवज्ञापन लेखन मे बॉतस, र्चत्र अर्थवा रां ग का उपयोग अतनवायि नहीां)
सिंिाद लेखन
दो या दो से अर्धक लोगों के बीच होने वाले वातािलाप/ बातचीत षवषय, काल्पतनक या ककसी वाताि को
सन
ु कर यर्थार्थि पर आधाररत सांवाद लेखन की रचनात्मक शजतत का षवकास, कहानी, नािक, कर्ल्म और
िीवी सीररयल से लें।
पात्रों के अनक
ु ू ल भाषा शैली
शधद सीमा के भीतर एक दस
ू रे से िुड़े सार्थिक और उद्देश्यपण
ू ि सांवाद
वतता के हाव-भाव का सांकेत
सांवाद लेखन के अांत तक षवषय/मद्द
ु े पर वाताि परू ी
सच
ू ना लेखन
ककसी षवशेष सच
ू ना को साविितनक करना, कम शधदों में औपचाररक शैली में भलखी गई सांक्षक्षप्त िानकारी
जिसमें लेखन में
उद्देश्य की स्पटिता
आम बोलचाल की भाषा और सरल वातयों का रयोग
स्पटि शीषिक, मख्
ु य तथ्य/ षवषय वस्त,ु उपयोगी सांपकि सत्र
ू के सार्थ स्पटि सांरेषण क्षमता
सिंदेि लेखन(िभ
ु कामना, पिव-त्यौ ारों एििं वििेष अिसरों पर हदए जाने िाले सिंदेि)
षवषय से सांबद्धता
सांक्षक्षप्त और सारगभभित
भाषाई दक्षता एवां रस्ततु त
रचनात्मकता/सि
ृ नात्मकता
कक्षा 9िीिंह द
िं ी‘ ’–परीक्षाओिं े तु पाठ्यक्रम विननदे िन 2020-21
परीक्षा भार विभाजन
विषयिस्तु उप भार कुल भार
1 अपहठत गद्याांश(र्चांतन क्षमता एवां अभभव्यजततकौशल पर अतत लघत्ू तरात्मक
10
एवां लघत्ू तरात्मक रश्न पछ
ू े िाएांग)े
i अपहठत गद्याांश (100 से 150 शधदों के) (1x2=2) (2x4=8) 10
2 व्याकरण
पाठ्यपस्
ु तक में हदए गए भाषा-अध्ययन के आधार पर (1x16)
i शधद और पद(2 अांक) 02
ii अनस्
ु वार (1 अांक), अनन
ु ाभसक (1 अांक) 02
iii उपसगि (2 अांक), रत्यय (2 अांक) 04
16
iv शधद-षवचार 06
(षवकल्प सहहत)
स परू क पाठ्यपस्
ु तक सांचयन भाग – 1 06
अ सांकेत त्रबांदओ
ु ां पर आधाररत समसामतयक/व्यावहाररक िीवन से िड़ु े हुए 06
सहहत)
इ नारा – लेखन (स्लोगन लेखन) 20-30 शधदों में षवषय से सांबर्ां धत लेखन 05
ननधावररत पस्
ु तकें :
1. स्पिव, भाग–1, एन.सी.ई.आर.िी., नई हदल्ली द्वारा रकाभशत नवीनतम सांस्करण
2. सिंचयन, भाग–1, एन.सी.ई.आर.िी., नई हदल्ली द्वारा रकाभशतनवीनतम सांस्करण
ब काव्य खांि 11
1 पाठ्यपस्
ु तक स्पशि के काव्य खांि के आधार पर लघु रश्न (2x3) 06
2 कषवता की समझ पर आधाररत एक तनबांधात्मक रश्न (5 x1) 05
(षवकल्प सहहत)
स परू क पाठ्यपस्
ु तक सांचयन भाग – 2 06
परू क पाठ्यपस्
ु तक सांचयन के तनधािररत पाठों से दो रश्न रश्न पछ
ू े िाएगें 06
(3x2)
4 लेखन
अ सांकेत त्रबांदओ
ु ां पर आधाररत समसामतयक एवां व्यावहाररक िीवन से िुड़े हुए 6
ककन्ही तीन षवषयों में से ककसी एक षवषय पर 80 से 100 शधदों में अनच्
ु छे द
(6x1)
26
ब औपचाररक षवषय से सांबर्धत पत्र।(5x1) (षवकल्प सहहत) 5
ननधावररत पस्
ु तकें :
1. स्पिव, भाग–2, एन.सी.ई.आर.िी., नई हदल्ली द्वारा रकाभशत नवीनतम सांस्करण
2. सिंचयन, भाग–2, एन.सी.ई.आर.िी., नई हदल्ली द्वारा रकाभशतनवीनतम सांस्करण