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1. मल
ू ाधार च : यह शर र का पहला च है । गद
ु ा और लंग के बीच चार पंखु रय वाला यह 'आधार च ' है ।
99.9 लोग क चेतना इसी च पर अटक रहती है और वे इसी च म रहकर मर जाते ह। िजनके जीवन म भोग,
संभोग और न ा क धानता है उनक ऊजा इसी च के आसपास एक त रहती है ।
मं : लं
2. वा ध ठान च - यह वह च है , जो लंग मल
ू से चार अंगल
ु ऊपर ि थत है िजसक छ: पंखु रयां ह। अगर
आपक ऊजा इस च पर ह एक त है तो आपके जीवन म आमोद- मोद, मनोरं जन, घम ू ना- फरना और
मौज-म ती करने क धानता रहे गी। यह सब करते हुए ह आपका जीवन कब यतीत हो जाएगा आपको पता भी
नह ं चलेगा और हाथ फर भी खाल रह जाएंगे।
मं : वं
मं : रं
मं : यं
भाव : इसके स य होने पर ल सा, कपट, हंसा, कुतक, चंता, मोह, दं भ, अ ववेक और अहं कार समा त हो
जाते ह। इस च के जा त होने से यि त के भीतर ेम और संवेदना का जागरण होता है । इसके जा त होने पर
यि त के समय ान वत: ह कट होने लगता है ।
यि त अ यंत आ म व व त, सरु त, चा र क प से िज मेदार एवं भावना मक प से संतु लत यि त व
बन जाता ह। ऐसा यि त अ यंत हतैषी एवं बना कसी वाथ के मानवता ेमी एवं सव य बन जाता है ।
5. वशु ध च - कंठ म सर वती का थान है , जहां वशु ध च है और जो सोलह पंखु रय वाला है । सामा यतौर
पर य द आपक ऊजा इस च के आसपास एक त है तो आप अ त शि तशाल ह गे।
मं : हं
भाव : इसके जा त होने कर सोलह कलाओं और सोलह वभू तय का ान हो जाता है । इसके जा त होने से जहां
भख
ू और यास को रोका जा सकता है वह ं मौसम के भाव को भी रोका जा सकता है ।
मं : ऊं
कैसे जा त कर : भक
ृ ु ट के म य यान लगाते हुए सा ी भाव म रहने से यह च जा त होने लगता है ।
भाव : यहां अपार शि तयां और स धयां नवास करती ह। इस आ ा च का जागरण होने से ये सभी शि तयां
जाग पड़ती ह और यि त एक स धपु ष बन जाता है ।
अगले प ने पर कैसे जा त कर सह ार च ...
कैसे जा त कर : मल
ू ाधार से होते हुए ह सह ार तक पहुंचा जा सकता है । लगातार यान करते रहने से यह च
जा त हो जाता है और यि त परमहं स के पद को ा त कर लेता है ।
[30/05, 00:10] Sahil Kothari Training: Day 3
[30/05, 00:10] Sahil Kothari Training: बीजम से वा य-सरु ा
बीजम लाभ
कं म ृ यु के भय का नाश, वचारोग व र त वकृ त म।
ं मधम
ु ेह, दय क धड़कन म।
घं वपनदोष व दररोग म।
भं बख
ु ार दरू करने के लए।
लं पागलपन म।
वं भख
ू - यास रोकने के लए।
भगवान शव का बीज मं :-
भगवान शव का बीज मं है : – ” ”
भगवान ी व णु का बीज मं :-
भगवान ी व णु का बीज मं ” दं ” है |
जीवन म हर कार के सख
ु और ए वय क ाि त हे तु इस बीज मं वारा भगवान ी व णु क आराधना करनी
चा हए |
भगवान ी राम का बीज मं :-
हनम
ु ान जी का बीज मं :-
भगवान ी राम के परम भ त हनम
ु ान जी आराधना क लयगु के समय म शी फल दान करने वाल है | ऐसे म
बीज मं वारा उनक आराधना आपके सभी दख ु को हरने म स म है |
हनम
ु ान जी का बीज मं है : ” हं ” |
भगवान ी कृ ण का बीज मं :-
भगवान ी कृ ण का बीज मं “ ल ं ” है .
माँ दग
ु ा का बीज मं :-
शि त व प माँ दग
ु ा का बीज मं ” दं ू ”
दे वी ल मी का बीज मं :-
दे वी ल मी को वाभाव से चंचल माना गया है इस लए वे अ धक समय के लए एक थान पर नह ं कती | घर म
धन-स प त क व ृ ध हे तु माँ ल मी के इस बीज मं वारा आराधना से लाभ अव य ा त होता है |
दे वी ल मी का बीज मं है : ” ीं ” |
दे वी सर वती का बीज मं : –
रा श - ल मी मं
मेष - ॐ ऐं ल ं स :
वष
ृ भ - ॐ ऐं ल ं ीं
कक - ॐ ऐं ल ं ीं
संह - ॐ ं ीं स :
क या - ॐ ीं ऐं स :
तल
ु ा-ॐ ं ल ं ीं
विृ चक - ॐ ऐं ल ं स :
धनु - ॐ ं लंस:
मकर - ॐ ऐं ल ं ं ीं स :
कंु भ - ॐ ं ऐं ल ं ीं
मीन - ॐ ं लंस:
मथनु - ॐ ल ं ऐं स :
[04/06, 19:30] Sahil Kothari Training: * ह कम को सध
ु ारने के लए मं *
सय
ू -सय
ू ओम ी सय
ू ा नमः
च -च ओम ी च ाय नम
बु ध-बध
ु ओम ी बु धाय नमः
sukra- ॐ ी शु या नम
मंगाल- ॐ ी अनगरकाया नम
गु - ॐ ी गु वे नमः
श न- ॐ ी श न चराय नमः
ॐ हं सं हं सः
Om hansam hansaha
रोज सब
ु ह-शाम धापव
ू क इस मं क १-१ माला करने से शी ता से वा य लाभ होता है
Relieves one from the fear of death; is useful in skin diseases and blood disorders.
ं -मधम
ु ेह, दय क धड़कन म।
Is beneficial in diabetes mellitus and palpitation.
घं – वपनदोष व दररोग म।
Helps in nocturnal emissions and leucorrhoea.
भं -बख
ु ार दरू करने के लए।
Relief from fever.
ल ं -पागलपन म।
Is useful in mental disorders.
jai jai girivar raaj kishori, jai mahesh mukh chandra chakori
नरोगी व ी स प न होने के लये इस म क एक माला रोज जप कर, तो आरो यता और स पदा आती ह
Japa this mantra to remove hurdles in marriage, job or other important occasions.