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(अध्याय 2)

फ़सलों के त्योहार
पाठ आधाररत प्रश्न

1 प्रश्नों के सही विकल्प पर सही (✔) का निशाि लगाइए।

(i) ककस स्थाि का नतलकुट प्रनसद्ध है ? [ग ]

(क) मिेर का (ख) बड़कहया का

(ग) गया का (घ) नसलाि का

(ii) दे शभर में फ़सलों से जुड़े त्योहार मिाए जाते हैं ? [ख ]

(क) फरिरी और मार्च में (ख) जििरी से अप्रैल तक

(ग) ििंबर और कदसंबर में (घ) जुलाई से नसतंबर तक

(iii) सरहुल का जश्न ककतिे कदिों तक र्लता रहता है ? [घ ]

(क) दो कदिों तक (ख) तीि कदिों तक

(ग) पााँर् कदिों तक (घ) र्ार कदिों तक

(iv) पोंगल बिाते समय मटके के मुाँह के ऊपर क्या बााँधा जाता है ? [क ]

(क) साबुत हल्दी (ख) साबुत अदरक

(ग) गेहाँ की बानलयााँ (घ) इिमें से कोई िहीं

2 सही कथि के सामिे सही (✔) तथा गलत कथि के सामिे गलत (X) का निशाि लगाइए।

(i) जििरी के मध्य में भारत के लगभग सभी प्रांतों में फ़सलों से जुड़े त्योहार मिाए जाते हैं । (✔)

(ii) सरहुल के अिसर पर कािों में सरई का फल पहिा जाता है । (✔)

(iii) पोंगल बिािे के नलए मटके को छााँह में रखा जाता है । (x)
(iv) गुजरात में मकर-संक्ांनत के कदि पतंगों से र्ााँद ढक-सा जाता है । (x)

(v) मकर-संक्ांनत के कदि पािी में नतल डालकर स्िाि ककया जाता है । (✔)

िकचबुक ( कहं दी कक्षा-5 ] 5


3 बॉक्स में से उनर्त शब्दों का प्रयोग करके ररक्त स्थाि भररए।

पुरािे, खखर्ड़ी, प्रकृ नत, िार्ते-गाते, पखक्षयों, पतंगों, त्योहार, िए, ईंट के

(i) गुरुजी, विमला कदद्दा, आिंद जी ि खिलनमट भैया ईंट के र्ल्हे पर खखर्ड़ी बिाते ।

(ii) आकदिासी आमतौर पर प्रकृ नत की पजा करते हैं ।

(iii) पोंगल में िए धाि कटकर र्ािल निकाला जाता है ।

(iv) गुजरात में पतंगों के वबिा मकर-संक्ांनत का जश्न अधरा मािा जाता है ।

(v) घुघुनतया (कुमाऊाँ का त्योहार) में बच्र्े माला से पकिाि तोड़कर पखक्षयों को खखलाते हैं ।

4. िीर्े बाईं ओर कुछ फ़सली त्योहारों के िाम कदए गए हैं और दाईं ओर उिसे संबंनधत िस्तुओं के। प्रत्येक
त्योहार से जुड़ी सही िस्तु का नमलाि कीखजए।

(i) मकर-संक्ांनत (क) पकिािों की माला

(ii) पोंगल (ख) सरई

(iii) घुघुनतया (ग) पतंग

(iv) सरहुल (घ) साबुत हल्दी

5. गद्ांश को पढ़कर पछे गए प्रश्नों के उत्तर नलखखए।

सरहुल के कदि विशेष रूप से ‘साल' के पेड़ की पजा की जाती है । यही समय है जब साल के पेड़ों में फल
अपिे कािों में लगते हैं और मौसम बहुत ही खुशिुमा हो जाता है । स्त्री-पुरुष दोिों ही ढोल-मंजीरे लेकर
रातभर िार्ते-गाते हैं । र्ारों ओर फैली हुई छोटी-छोटी घाकटयााँ, लंबे-लंबे साल के िृक्षों का जंगल और िहीं
आस-पास बसे छोटे -छोटे गााँि। नलपे-पुते, करीिे से बुहारे और सजाए गए अपिे घरों के सामिे लोग एक
पंवक्त में कमर में बााँहें डालकर िृत्य करते हैं । अगले कदि िे िृत्य करते हुए घर-घर जाते हैं और फलों के
पौधे लगाते हैं ।

(i) सरहुल में िार्िे-गािे के दौराि कौि-कौि से िाद्-यंत्र प्रयोग में लाए जाते हैं ?

ज) सरहुल में िार्िे-गािे के दौराि ढोल-मंजीरे जैसे िाद्-यंत्र प्रयोग में लाए जाते हैं |

(ii) सरहुल में लोगों के घर कैसे कदखते हैं ?

ज) सरहुल में लोगों के घर नलपे-पुते, करीिे से बुहारे और सजाए कदखते हैं |

(iii) सरहुल में घरों के सामिे लोग ककस प्रकार से िृत्य करते हैं ?

ज) अपिे घरों के सामिे लोग एक पंवक्त में कमर में बााँहें डालकर िृत्य करते हैं ।

(iv) सरहुल में पौधा-रोपण को ककस प्रकार बढ़ािा कदया जाता है ?

ज) ‘साल' के पेड़ की पजा की जाती है और घर-घर के सामिे फलों के पौधे लगाते हुए पौधा-रोपण को
बढ़ािा दे ते हैं ।

िकचबुक ( कहं दी कक्षा-5 ] 6


अनतलघु उत्तरीय प्रश्न

1. दादी के बाल कैसे लग रहे थे ?

ज) दादी के बाल र्मकदार सफ़ेद सेमल की रुई जैसे हल्के-फुलके थे |

2. नतलकुट ककि र्ीजों से बिाया जाता है ?

ज) नतल, गुड़ और र्ीिी से नतलकुट बिाया जाता है |

3. सरहुल में र्ंदे में कौि-कौि सी र्ीजे मााँगी जाती हैं ?

ज) सरहुल में र्ंदे में मुगाच, र्ािल और नमश्री र्ीजें मााँगी जाती हैं |

4. पोंगल के कदि घरों में कौि-कौि सी फ़सलें काटकर लाई जाती हैं ?

ज) पोंगल के कदि खरीफ़ की फ़सलें र्ािल,अरहर, मसर आकद कटकर घरों में पहुाँर्ती हैं |

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. खखर्ड़ी के त्योहार के कदि केले के पत्तों पर क्या-क्या रखा गया था?

ज) खखर्ड़ी के त्योहार के कदि केले के पत्तों पर नतल, गुड़, र्ािल आकद के छोटे -छोटे ढे र रखा गया था |

2. सरहुल का साल के िृक्ष से क्या संबंध है ? अपिे शब्दों में नलखखए।

ज) मार्च-अप्रैल में आकदिासी सरहुल मािते हैं | यही समय है जब साल के पेड़ों में फल आिे लगते हैं और
मौसम बड़ा खुशिुमा हो जाता है |

3. पोंगल कैसे मिाया जाता है ?

ज) तनमलिाडु में इस कदि िए धाि से र्ािल निकालते हैं , नमट्टी का िया मटका लाकर उसके र्ारों ओर
हल्दी लगाकर िए र्ािल, दध और गुड़ डालकर धप में रखकर उफाि आिे तक रखकर पोंगल मिाया
जाता है |

दीघच उत्तरीय प्रश्न

1. खेती और फ़सलों से जुड़े कौि-कौि से त्योहार ककि-ककि प्रांतों में मिाए जाते हैं ?

ज) उत्तर प्रदे श, वबहार, मध्य प्रदे श में मकर-संक्ांनत या नतल संक्ांनत, असम में बीह, केरल में ओणम,
तनमलिाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, िारखंड में सरहुल, गुजरात में पतंग का पिच सभी खेती और फ़सलों
से जुड़े त्योहार हैं |

2. मकर संक्ांनत के कदि ककस प्रांत में पतंगों को सिाचनधक महत्ि कदया जाता है और ककस प्रकार?

ज) गुजरात में संक्ांनत के कदि पतंगों को सिाचनधक महत्ि कदया जाता है |इस कदि ककसी भी धमच, जानत
या आयु के लोग भी पतंग उड़ाता है |आसमाि की ओर िजर उठायें तो विविध आकार, रं ग-रूप की हजारों-
लाखों पतंगें सयच को ढक लेते हैं |

िकचबुक ( कहं दी कक्षा-5 ) 7

भाषा आधाररत प्रश्न

1. कदए गए शब्दों के अथच नलखखए।

(i) पाला = कोहरा, अत्यनधक ठं ड (ii) मनर्या=छोटी खाट


(iii) जोशो-खरोश= जोर-शोर से (iv) हााँक= पुकार

(v) फ़रमाइशी= विशेष रूप से अिुरोध ककया गया (vi) कड़ाहा=िृत्ताकार बड़ा बतचि

2. निम्िनलखखत िाक्यों को कहं दी में बदलकर नलखखए।

(i) केरा के पत्ता आइल की िा? ज) केले के पत्ते आए कक िहीं ?

(ii) बोल जल्दी तैयार होखस। ज) जल्दी तैयार हो जाओ |

(iii) खखर्ड़ी में अइसि ठाड़ हम पकहले कब्बो िा दे ख िी सारा दे ह किकिा दे ता!

ज) खखर्ड़ी में इस प्रकार के रोमांनर्त र्ीज हम पहले कभी िा दे खा|

3. नमलते-जुलते अथच िाले शब्दों को समािाथी अथिा पयाचयिार्ी शब्द कहते हैं ; जैसे-सरज, सयच,

आकदत्य, कदिकर आकद। रे खांककत शब्दों के स्थाि पर उिके पयाचयशब्द का प्रयोग करते हुए िाक्यों को पुिः
नलखखए।

(i) सभी एक कमरे में इकट्ठे हुए। ज) एक साथ, एकत्र

(ii) सामिे केले के कुछ पत्ते कतार में रखे हैं । ज) पंवक्त, क्म

(iii) मकर-संक्ांनत मिािे के अलग-अलग अंदाज हैं । ज) अिुमाि, िाप-तौल

(iv) मकर-संक्ांनत खुनशयों का त्योहार है । ज) पिच, उत्सि

4. कदए गए शब्द समह में से उदच शब्दों को छााँटकर नलखखए।

डु बकी, खुशिुमा, प्रकृ नत, जश्न, पंवक्त, मजा, सफ़ेद, आशीिाचदी, कहम्मत, प्रांत, ढं ग, उम्मीद

ज) खुशिुमा, जश्न, मजा, सफ़ेद, कहम्मत, उम्मीद

5 एक से अनधक अथच दे िे िाले शब्दों को अिेकाथी शब्द कहते हैं ; जैसे-किक शब्द के सोिा, धतरा,

गेहाँ आकद कई अथच हैं । िीर्े कदए गए शब्दों के अलग-अलग अथच नलखखए।

(i) िजर = दे खिा, िजर लग जािा

(ii) र्ंदा = र्ंद्रमा, विशेष कायच हे तु प्राप्त धि

(iii) पाला = कोहरा, िास्ता पड़िा

(iv) लाख = एक संख्या, एक धातु

(v) गया = जािा का भतकाल, स्थाि विशेष का िाम

8 िकचबुक ( कहं दी कक्षा-5 )

6. कदए गए गद्ांश में से संज्ञा के भेदों के आधार पर संज्ञा शब्दों को छााँटकर नलखखए।

में हम जो खखर्ड़ी मिाते थे उसकी अलग ही मस्ती हुआ करती थी। छुट्टी का कदि, िाि में बैठकर गंगा
दीकी सैर और कफर टाप पर बाल में दौड़ते हुए पतंग उड़ािा या उड़ािे की कोनशश करिा। ककतिा मजा
आता था। इधर हम पतंग उड़ाते थे और िहीं थोड़ी दर पर गुरुजी, विमला कदद्दा, आिंद जी, खिलनमट भैया
सब नमलकर ईंट से बिे र्ल्हे पर बड़े -बड़े कड़ाहों में खखर्ड़ी बिाते थे। हम भी बीर्-बीर् में अपिी पतंगों
को सस्तािे का मौका दे ते हुए मटर और प्याज छीलिे बैठ जाते। िैसी खखर्ड़ी कफर दब
ु ारा खािे को िहीं
नमली। िाकई, ढं ग कैसा भी हो, पर है ये खुनशयों का त्योहार।

(i) व्यवक्तिार्क संज्ञा : गंगा, विमला, आिंद

(ii) जानतिार्क संज्ञा : स्कल, िदी, टाप

(iii) भाििार्क संज्ञा : ढं ग, मस्ती, मजा

पाठ के आस-पास

िीर्े दी गई िगच पहे ली में दे श के विनभन्ि प्रांतों में मिाए जािे िाले फ़सली त्योहारों के िाम कदए गए हैं ।
उन्हें पहर्ािकर उि पर घेरा लगाइए। साथ ही प्रत्येक को उससे संबंनधत प्रांत के सामिे नलखखए।

(i) केरल… ओणम (ii) पंजाब… लोहड़ी

(iii) तनमलिाडु … पोंगल (iv) िारखंड… सरहुल

(v) गुजरात… पतंग पिच (vi) असम… बीह

(vii) वबहार… संक्ांनत (viii) कुमाऊाँ … घुघुनतया

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