Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 11

MYBAPUJI

H E A LT H C A RE FO R L I FE .

HOME BLOG DOWNLOAD PDF (FREE) TOPICS AUDIO VIDEOS

HOME » BLOG » HERBS » गलोय के फायदे गुण उपयोग और नुकसान | GILOY BENEFITS AND SIDE EFFECTS IN HINDI

Search this website


गलोय के फायदे गुण उपयोग और नुकसान | Giloy Benefits and Side Effects in
Hindi
OCTOBER 27, 2018 BY ADMIN — LEAVE A COMMENT
RECENT POSTS

› वृ ाव था म ह ी टू टना ( ै चर) : ल ण और
उपचार | Haddi Tutne ke Lakshan aur ilaj

› Hydrocele ka ilaj | हाइ ोसील या है और कैसे


कर उपचार

› उ म संतान हेतु गभधारण करने के नयम और सही


Table of Contents  समय
0.1. गलोय (अमृता, गुडुची) या है ? : Giloy (Amrita) in Hindi
0.2. गलोय का व भ भाषा म नाम : › तं का शोथ ( यूराइ टस) के ल ण ,कारण और
0.3. गलोय के औषधीय गुण : इलाज | Naso ke Dard ka ilaj in Hindi
0.4. गलोय सेवन व ध और मा ा :
0.5. गलोय के फायदे व औषधीय योग : Health Benefits and Uses of Giloy in Hindi
0.5.1. गलोय से न मत उ म आयुव दक दवा (योग) : › Pushkarmul ke Fayde | पु करमूल के फायदे
0.5.2. गलोय के नुकसान : giloy side effects in hindi ,गुण ,उपयोग और नुकसान

गलोय (अमृता, गुडुची) या है ? : Giloy (Amrita) in Hindi

गलोय क गणना आयुवद ने मह वपूण, उपयोगी तथा े औष धय म क जाती है। इन दस औष धय म गलोय इतनी TOPICS

मह वपूण और गुणकारी औष ध है क आयुव दक थ भाव काश नघ टु ’ जड़ी बू टय का वणन करने वाले एक अ याय का
नाम ही गलोय (गुडूची) के नाम पर ‘गुडू या द वग:’ रखा है। इसके गुण के आधार पर सं कृत म इसको कई गुण वाचक नाम दये › मु त हद पु तक Free PDF Download
गये ह जैसे मधुपण , अमृता, अमृतव लरी, कु डली, च ल णका, छ हा, व सादनी, सोमव ली, जीव ती, रसायनी, त का
आ द। › रोग और उपचार

गलोय कोई पौधा या वृ के प म नह ब क एक ल बी बेल के प म होती है जो ब त ल बी और वष तक बनी रहती है जो › ए यू ेशर च क सा


वृ के सहारे से चढ़ती व बढ़ती है। जो गलोय नीम के वृ पर चढ़ती और रहती है उसे नीम गलोय कहते ह। नीम गलोय
औष ध के प म सबसे उ म मानी जाती है। इसके प े दय के आकार के और ल बे ड ठल वाले होते ह। फूल बारीक पीले रंग › वा य सुझाव
के झु ड के प म होते ह। फल भी लाल रंग के गु छे क तरह होते ह। इसक जड़ और का ड (तना) को उपयोग म लया जाता
है। वपाक म मधुर होने से श और आयु बढ़ाने वाली होती है और उ ण वीय होते ए भी प शामक होती है। रसायन गुण › आयुव दक दवा
वाली होने से यह स त धातु को पु करती है और शरीर को बल दे ती है। वर और जीण वर (पुराना बुखार) को र करने के
लए यह े औष ध का काम करती है। इसका वाद कड़वा होता है। › भ म व रस औष ध

गलोय का व भ भाषा म नाम : › जड़ी बूट यां

सं कृत-गुडूची । ह द - गलोय ।मराठ -गुलवेल । गुजराती-गलो। बंगला-गुलंच । तैलुग-ु त पतोगे। ता मल- श डलको ड।
› मु ा व ान
क ड़-ग ड़ बेल। पंजाब- गलो।कोकण-ग ड़वेल। गोआ-अमृतबेल । करनाटक -अमरदव ली।फ़ारसी - गलोई । इंग लश-
टनो पोरा (Tinospara).। ले टन- टनो पोरा का फो लया (Tinospara cordifolia).
› सफल जीवन के सू

गलोय के औषधीय गुण :


› वा तु
गलोय कटु , त व कषाय रस यु , वपाक म मधुर रस यु , रसायन सं ाही, उ णवीय, लघु, बलदायक, जठरा न तेज़ करने
वाली और दोष (वात, प , कफ) का शमन करने वाली, आम (आंव) यास, जलन, मेह , खांसी, एनी मया, कामला, वात र › योग और ाणायाम
(गाउट), कु , वर, मआद ा धय को न करने वाली होती है। आइये जाने गलोय का सेवन कैसे कर |
› मं व ान
गलोय सेवन व ध और मा ा :
› अ या म व ान
✦इसका चूण छोटा आधा च मच, › हद कहा नयाँ
✦पानी के साथ, काढ़ा या ताज़ा रस आधा कप,
✦ गलोय स व के प म आधा ाम से एक ाम मा ा म पानी के साथ सुबह और शाम को सेवन करना चा हए। › महान वभू तयाँ

गलोय के फायदे व औषधीय योग : Health Benefits and Uses of Giloy in Hindi › आ या मक अनुभव

❉ वर, जीण वर, मोती वर (टायफाइड) और तीन दोष का शमन करने के लए गलोय का उपयोग सव े है और नरापद
› यो तष
है। जहां तक स भव हो गलोय क ताज़ी बेल काट कर योग करना चा हए। सं ह करके रखना हो तो ी म काल के अ त और
वषा शु होने से पहले इसे खूब सुखा कर रखना चा हए इसके ऊपर क छाल हटा कर टु कड़े करके कूट पीस कर या टु कड़े
करके सं ह करना चा हए।

❉ गलोय का उपयोग कसी भी ारा कया जा सकता है कसी भी रोग के रोगी क च क सा म कया जा सकता है और
कसी भी आयु वाला कसी भी ऋतु म कर सकता है।

❉ इसका उपयोग चूण, रस स व, काढ़ा, फा ट आ द के प म अ य औष धय के साथ सहायक औष ध या अनुपान के पम


अ धकतर कया जाता है, केवल गलोय का अकेला उपयोग ब त कम होता है।

❉ जैसे भूखे के लए भोजन करना ज़ री है उसी तरह कसी भी रोग के रोगी के लए कसी भी ऋतु म, कसी भी आयु म
ब चा, जवान बूढ़ा, गभवती या सूता ी के लए गलोय का उपयोग ज़ री व हतकारी है।

❉ दोष को सामा य करना इसक व श उपयो गता है अतः धातु और वात प आ द दोष को, उनक घट-बढ़ को र कर
उ ह स यक अव था म रखना गलोय क सबसे बड़ी उपयो गता है।

❉ प कोप (ए स डट ) को शा त करने म इसका उपयोग ब त गुणकारी स होता है। इसका उपयोग नरोग भी कर
सकता है। कुछ रोग म इसके उपयोग के बारे म ववरण तुत है।

1-पाचन सं थान म गलोय के फायदे :


आजकल आहार वहार के नयम का पालन होना क ठन हो गया है जसके फल व प उदर रोग से पी ड़त रो गय क सं या
ब त बढ़ गई है। जैसे म दा न होने से अपच होना जससे खुल कर भूख नह लगना, क़ ज़ होना, प व वात (ए स डट व गैस)
का कोप होना, धीरे धीरे शरीर म कमज़ोरी आना, थोड़े से प र म से ही थकावट होना, सांस फूल जाना आ द प रणाम होते ह।
गलोय के उपयोग से भूख बढ़ती है, आहार का ठ क से पाचन होने लगता है, कमज़ोरी व न तेजता र होती है, र क शु
और र कण क वृ होती है। जससे शरीर म श क वृ होती है। इसके सेवन से प ाव नय मत होने लगता है,
यकृत क प वाहक न लका और आमाशय क े मक कला म उ प अ भ य द (भारीपन) र होता है जससे प कोप
ज य अपच और म द-म द उदर दद ब द होता है, कामला रोग म लाभ होता है, अ तसार, जीण वा हका (डीसे ) और
अ ल प (हायपर ए स डट ) रोग म लाभ होता है। इन सब वकार के र होने से, गलोय का सेवन, पाचन सं थान के लए ब त
उपयोगी स होता है और पाचनसं थान व थ बना रहता है।

2- वचा रोग म गलोय के फायदे :


गलोय वचा रोग के लए मु य औष ध मानी जाती है। इसके सेवन से वचा म जलन, खुजली, दाद, वचा पर फोड़े फु सी होना
और वातर रोग के कारण र ाव होना आ द रोग म लाभ होता है। ( और पढ़े – वचा क 6 मुख सम या और उनके
उपाय)

3-आम वात म गलोय के फायदे :


• खाया आ आहार पूरी तरह से और यथा समय न पचता हो तो इसक जानकारी मल के चकने होने और द त होते
समय पेट म मरोड़ के साथ दद होने से मलती है। इस ा ध को र करने के लए गलोय क बेल का एक टु कड़ा लगभग 10
ाम वज़न म ले कर, कूट कर, ध के साथ ठ डाई क तरह घ ट पीस कर छान ल। इसे सुबह शाम पीने और प य आहार का
सेवन करने से आम वात रोग र हो जाता है।
• आधा च मच गलोय का चूण और आधा च मच पसी स ठ दो कप पानी म डाल कर उबाल। जब पानी आधा कप बचे तब छान
कर ठ डा कर ल। यह काढ़ा सुबह शाम पीने से या गलोय के काढ़े म 2 छोटे च मच अर डी का तेल मला कर पीने से भी आम
वात रोग र होता है। ( और पढ़े – वात नाशक 50 सबसे असरकारक आयुव दक घरेलु उपचार)

4- वद धाजीण और ास रोग म गलोय के फायदे :


प का कोप बने रहने से वद ध अजीण नामक ा ध होती है जसम अपचा आहार पेट म पड़े पड़े अ ल प (हायपर
ए स डट ) क थ त न मत करता है। कड़वी ख डकार आती है और कभी कभी ास का दौरा पड़ जाता है। ऐसी थ त म
अजीण या ास क को र करने के लए उ ण-उपचार करने से हा न ही होती है। इस ा ध के उपचार के लए गलोय-स व
व कपा दक भ म 1-1 ाम, पसी काली मच छोटा आधा च मच तीन को थोड़े से घी म मला कर पे ट बना ल। इसे सुबह,
दोपहर, शाम चाट कर सेवन करने से दोन ा धय म आराम होता है।

5-शारी रक नबलता म गलोय के फायदे :


मयाद बुखार और यादा बढ़े ए वर से पी ड़त रोगी जब रोग से मु होता है तब उसका शरीर ब त कमज़ोर हो जाता है,
पाचन श म द हो जाती है जसे म दा न होना कहते ह, शरीर बला पतला हो जाता है और न भी हो तो भी कमज़ोर तो हो
ही जाता है। मन म काय करने क उमंग और तन क श म भारी कमी हो जाती है। इस थ त म गलोय स व आधा ाम (चार
र ी) और वण मा लनी वस त एक गोली पीस कर मला कर शहद के साथ सुबह शाम चाटने से, थोड़े समय म पाचन श बढ़
जाती है जससे शारी रक नबलता र होती है, शरीर पु और श शाली होता है। और चेह रे पर रौनक़ आ जाती है। ( और पढ़े
– बल वीय वधक चम कारी 18 उपाय )

6- व भ वर म गलोय के फायदे :
कसी भी कार का वर हो, गलोय स व एक ाम या गलोय चूण आधा च मच शहद के साथ सुबह शाम सेवन करना चा हए।

7- सर दद म गलोय के फायदे :
एक कार का सर दद होता है जो आधे सर म ही होता है इस लए इसे आधा सीसी कहते ह। यह सर दद सुबह सूय दय होने के
साथ शु होता है, म या ह काल तक बढ़ता जाता है और शाम होते होते दद र हो जाता है। इस ा ध को र करने के लए
गलोय स व एक ाम और मु ा प ी एक र ी (एक ाम म आठ र ी होती है) इस लए आठ ाम गलोय स व और मु ा प ी
एक ाम मला कर अ छ तरह घुटाई करके एक जान कर ल और इसक आठ पु ड़या बराबर मा ा क बना ल। एक-एक पु ड़या
सुबह सूय दय से पहले म ी मले ध या रबड़ी के साथ सेवन कर। दोपहर और रात को सोते समय सफ एक ाम गलोय स व
शहद म मला कर या शबत बनफशा के साथ ले ल। इस च क सा से थोड़े समय म । आधा सीसी का दद र हो जाता है। ( और
पढ़े – सर दद के 41 घरेलू नु खे)

8-मधुमेह म गलोय के फायदे :


आजकल एड् स रोग क तरह मधुमेह रोग के रोगी भी बड़ी तेज़ी से बढ़ रहे ह। जसका कारण भी वही है आहार- वहार का
अ नय मत और अनु चत होना जसक वजह से यकृत ( लवर) और अ याशय (प याज़) पर बराबर भाव पड़ता रहता है
और इन अंग क काय णाली वकृत हो जाती है और र म शकरा क मा ा आव यकता से अ धक बढ़ जाती है। इस थ त
को मधुमेह (डाय बट ज़) रोग कहते ह। इस रोग के लए आव यक प य-अप य का पालन करते ए गलोय का ताज़ा रस 4
च मच और पाषाणभेद चूण छोटा आधा च मच (3 ाम) फ के ध के साथ सुबह शाम लेने से लाभ होता है। ( और पढ़े – मधुमेह
के 25 रामबाण घरेलु उपचार)

9- दोष म गलोय के फायदे :


ने यो त म कमी हो जाए। तो इसे ठ क करने के लए गलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला- चार 100-100 ाम ले जौ कुट
(मोटा मोटा) कूट ल। इसे 2 च मच ले कर दो कप पानी म डाल कर उबाल। जब आधा कप बचे तब उतार कर छान ल व ठ डा
कर ल। इसम दो च चम शहद और पीपल का चूण आधा च मच डाल कर सुबह शाम पीने से थोड़े दन म ने यो त ठ क हो
जाती है।

10- हचक म गलोय के फायदे :


गलोय और स ठ का बारीक पसा आ महीन चूण 10-10 ाम एक गलास भर उबलते ए गरम पानी म डाल कर, ढक द और
ठ डा होने के लए रख द। जब ब कुल ठ डा हो जाए तब हाथ से मसलकर कपड़े से छान ल। इस व ध से तैयार कये गये पानी
को फा ट कहते ह। एक कप फा ट म एक कप ठ डा ध मला कर सुबह शाम पीने से हचक चलना ब द हो जाता है।

11- प ज वर म गलोय के फायदे :


जन य को प कोप के कारण र दर रोग होता है उनके र दर का र ाव पतला और गरम होता है। इस ाध
को र करने के लए गलोय का रस चार च मच म दो च मच शहद मला कर सुबह शाम पीना चा हए। इसके साथ गलोय स व
एक ाम और वंग भ म दो र ी शहद के साथ दोन व लेना चा हए।

12-वात ज य रोग म गलोय के फायदे :


वात कोप के कारण गैस बढ़ना, पेट फूलना, सर दद, जोड़ म दद होना आ द ा धयां होती ह। गलोय, एर ड क जड़, स ठ,
दे वदा , रा ना और हरड़इनका चूण 1-1 च मच दो कप पानी म डाल कर काढ़ा कर। पानी आधा कप रह जाए तब छान कर
ठ डा करके सुबह शाम पएं।

13-पैर क जलन म गलोय के फायदे :


गलोय और एर ड बीज क गरी- समान वज़न म ले कर दही के साथ पीस कर तलव पर लेप कर और एक घ टे बाद धो डाल।
जलन होना ब द हो जाएगा।

14-आयुव दक च क सक डॉ. एस.पी. सह ने बताया क गलोय म रोग तरोधक मता पाई जाती है। इसका योग वषम
वर, कु रोग, वात र , मेह , कृ म, पेशाब म जलन, म दा न आ द रोग म कया जाता है। डॉ. सह ने बताया क कु एवं
जीण आमवात म ताज़ी गलोय का क क 10 तोला, अन त मूल का चूण 10 तोला, 100 ाम उबले जल म डाल कर 2 घ टे
ब द पा म रख कर छान कर पीने से अ छा लाभ होता है। वषम एवं जीण वर के लए गुडूची के वाथ एवं वरस म छोट
पीपल एवं मधु मला कर पीने से लाभ होता है। उ ह ने बताया क ब वष य तथा अमृत के समान गुणकारी होने के कारण इसे
‘अमृता’ भी कहा जाता है। गलोय वरस लेने से मल -मू संब धत रोग म अ छा लाभ करता है। गलोय से अनेक आयुव दक
औष धयां भी बनाई जाती है।

गलोय से न मत उ म आयुव दक दवा (योग) :

गलोय के साथ अ य वनौष धय का योग करके बनाये जाने वाले कुछ उ म योग क मा ा, सेवन- व ध और लाभ के वषय म
सं त जानकारी तुत है।
ये योग आयुव दक औष ध | नमाता ारा न मत बाज़ार म आयुव दक औष ध व े ता के यहां बने बनाए मलते ह।
1- गलोय का शबत- इस शबत को 4 बड़े च मच भर आधा कप पानी म घोल कर सुबह शाम पीना चा हए। यह शबत वर र
करने वाला तेज़ बुखार को उतारने वाला, प कोप का शमन करने वाला और आंख, छाती, पेट व पेशाब म होने वाली जलन
र करने वाला है। इसके सेवन से पेशाब खुल कर होता है, यास व जीण वर का शमन होता है, शरीर से पसीना नकलना ब द
होता है।

2- गलोय अक- यह अक 50 म. ल. और 50 म. ल. ठ डा पानी दोन को मला कर सुबह शाम पीना चा हए। यह अक आम


वात, वात र , मेह , र प , जीण वर, प ज वर, र म गम बढ़ना और मधुमेह रोग आ द ा धय को र करता है।

3-अमृता र - गलोय को अमृता भी कहते ह इस लए इस योग का नाम अमृता र है। भोजन के तुर त बाद, आधा कप ठ डे
पानी म अमृता र 4-5 बड़े च मच डाल कर पएं। यह औष ध पुराना बुखार, वषम वर, रसर ा द धातुगत वर, यकृत और
लीहा के वर आ द सभी कार के वर र करने के लए उ म गुण करती है। इसे 1-2 मास तक सेवन करना चा हए।

4अमृता द गु गुलु- इस औष ध क 2-2 गोली गरम पानी के साथ सुबह दोपहर शाम को लेना चा हए। यह औष ध वात र ,
बवासीर, म दा न, आम वात, भग दर, मेह , र दोष, वात कोप और क़ ज़ आ द ा धयां र करती है।

5-गुडू या द तैल- गुडूची गलोय का ही नाम है इस लए इस योग का नाम गुडू या द तैल रखा गया है। इस तेल क मा लश करने
से वात र , वचा के वकार, पसीना अ धक आना, वसप, खुजली, जलन आ द ा धयां र होती ह।

6-गुडू या द वाथ- वाथ का अथ है काढ़ा। इस वाथ (काढ़ा) को दन म 3-4 बार 2-2 | बड़े च मच भर थोड़े से पानी म मला
कर पीने से सब कार के बुखार, जलन, जी मचलाना और लौट-लौट कर बुखार आना आ द ा धयां र होती ह।

7-संशमनी वट - इस वट के घटक म गलोय ही मुख है। यह वट पुराने और ह ी म जमे ए बुखार को र करती


है, एनी मया, य, खांसी, दर, धातु ाव, धातु ीणता, कमज़ोरी आ द दोष र कर शरीर म बल बढ़ाती है।यह वट कोमल
कृ त वाले, छोटे ब चे, गभवती और सव के बाद सूता ी के लए भी नरापद है और हतकारी स होती है।

गलोय के नुकसान : giloy side effects in hindi

✦ गलोय को च क सक क दे खरेख म लया जाना चा हए।


✦ गलॉय र शकरा के तर को भी कम कर सकता है।

नोट :- कसी भी औष ध या जानकारी को ावहा रक प म आजमाने से पहले अपने च क सक या स बं धत े के वशेष


से राय अव य ले यह नतांत ज री है ।
Keywords- गलोय का सेवन कैसे कर, गलोय का काढ़ा बनाने क व ध, गलोय का चूण बनाने क व ध, गलोय का रस
बनाने क व ध, गलोय घनवट के फायदे

Sharing is caring!
      
Related Posts:

गलोय
गलोय स
स वव क
के े हैहैररान
ान कर वाले 19
कर देदेनने े वाले फायदे ||
19 फायदे गलोय के े 12
गलोय क 12 अदभु फायदे || 12
अदभुतत फायदे 12 Amazing
Amazing
Benefits…
Benefits… Benefits
Benefits of
of Giloy
Giloy

अमलतास
अमलतास क फायदे ,गु
के े फायदे ,गुणण उपयोग
उपयोग और
और नुनुक सान ||
कसान पुपु जीवक
जीवक क
के े फायदे
फायदे गुगुण
ण उपयोग
उपयोग और
और नुनुक सान ||
कसान
Amaltas…
Amaltas… Putrajeevak…
Putrajeevak…

दशां
दशांगग ले
लेपप क
के े फायदे
फायदे गुगुण
ण उपयोग
उपयोग और
और नुनुक सान ||
कसान
शं
शंखखपुपु पी
पी क
के े फायदे
फायदे गुगुण
ण उपयोग
उपयोग और
और नुनुक सान |…
कसान |… Dashang…
Dashang…

रीठा
रीठा क
के े फायदे
फायदे गुगुण
ण उपयोग
उपयोग और
और नुनुक सान ||
कसान हह वा
वा क
क चू
चूणणक
के े फायदे
फायदे गुगुण
ण उपयोग
उपयोग और
और
Reetha
Reetha Benefits…
Benefits… नुनुक सान |…
कसान |…
गोरखमु
गोरखमुंड
ंडीी क
के े फायदे
फायदे गुगुण
ण उपयोग
उपयोग और
और नुनुक
कसान
सान अ
अ गग धा
धा पाक
पाक क
के े फायदे
फायदे गुगुण
ण उपयोग
उपयोग और
और
Gorakhmundi…
Gorakhmundi… नुनुक सान |…
कसान |…

FILED UNDER: HERBS


TAGGED WITH: GILOY KE FAYDE, गलोय के फायदे

Leave a Reply
Your email address will not be published.

Comment

Name

Email
Website

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

POST COMMENT

SEARCH HERE »रोग और उपचार »योग और ाणायाम SUBSCRIBE TO BLOG !! DISCLAIMER !!


VIA EMAIL
»ए यू ेशर च क सा »मं व ान इस साइट पर उपल द सभी लेख
Search this website Enter your email
»आयुव दक दवा »धम-सं कृ त और जानकारी केवल शै क उ े य
address to subscribe
के लए है। यहाँ पर द गयी
»जड़ी बूट यां »साधना क यु याँ to this blog and
»मु त पीडीएफ कताब जानकारी का उपयोग कसी भी
डाउनलोड कर Download »भ म » व ा थय के लये receive notifications
वा य संबंधी सम या या बीमारी के
Free PDF Books (Students) of new posts by
»मु ा नदान या उपचार हेतु बना वशेष
email.
»फल जीवन के सू » हद कहा नयाँ क सलाह के नह कया जाना

»महान वभू तयाँ चा हए। च क सा परी ण और


» वा य सुझाव
Email Address उपचार के लए हमेशा एक यो य
»वा तु »आ या मक अनुभव
च क सक क सलाह लेनी चा हए।

कसी भी सूचना या व ापन से ए


SUBSCRIBE नुकसान के लए यह वेबसाइट

ज मेदार नह होगी।

© Copyright - 2019-20 | mybapuji.com | Disclaimer | Terms Of Conditions | Privacy | About Us | Contact Us | DMCA




PDFmyURL.com - convert URLs, web pages or even full websites to PDF online. Easy API for developers!

You might also like