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कृततपत्रत्रका- 1

Seat No.
16/03/2021
2021 HINDI LOKBHARATI (15) (SECOND OR THIRD LANGUAGE) (H)

Time : 3 Hours (Pages 15) Max. Marks : 80

(कम ककए गए पाठ्यक्रम पर आधाररत)


सच
ू नाएँ :- (1) सूचनाओं के अनुसार गद्य, पद्य, पूरक पठन तथा भाषा अध्ययन (व्याकरण)
की कृततयों में आवश्यकता के अनस
ु ार आकृततयों में ही उत्तर
लिखना अपेक्षित है |
(2) सभी आकृततयों के लिए पेन का ही प्रयोग करें |
(3) रचना ववभाग में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखने के लिए आकृततयों की
आवश्यकता नहीं है |
(4) शुद्ध, स्पष्ट एवं सुवाच्य िेखन अपेक्षित है |

विभाग 1- गद्य : 20 अंक

1. (अ) ननम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गईं सूचनाओं के अनुसार कृनतयाँ


कीजिए : 8
उमा : (तेि आिाि में ) जी हााँ, और हमारी बेइज्जती नहीं होती जो आप
इतनी दे र से नाप-तौि कर रहे हैं ?
शंकर : बाबू जी, चलिए |
गो. प्रसाद : क्या तुम कॉिेज में पढी हो ? (रामस्िरूप चप
ु )
उमा : जी हााँ, मैं कॉिेज में पढी हूाँ | मैंने बी.ए. पास ककया है | कोई पाप
नहीं ककया, कोई चोरी नहीं की और न आपके पुत्र की तरह िड़ककयों
के होस्टि में ताक- झााँककर कायरता ददखाई है | मुझे अपनी
इज्जत, अपने मान का खयाि तो है िेककन इनसे पूतछए कक ये ककस
तरह नौकरानी के पैरों में पड़कर अपना माँह
ु तछपाकर भागे थे |
रामस्िरूप : उमा, उमा !
गो. प्रसाद : (िडे होकर गुस्से में ) बस हो चक
ु ा | बाबू रामस्वरूप आपने मेरे साथ
दगा ककया | आपकी िड़की बी.ए. पास है और आपने मझ
ु से कहा था
कक लसर्फ मैदिक तक पढी है | (दरिािे की ओर बढ़ते हैं |)
उमा : जी हााँ, जाइए, जरूर चिे जाइए ! िेककन घर जाकर जरा यह पता
िगाइएगा कक आपके िाड़िे बेटे के रीढ की हड्डी भी है या नहीं –
याने बैकबोन, बैकबोन - [बाबू गोपाि प्रसाद के चेहरे पर बेबसी का
गस्
ु सा है और उनके िडके के रुिासापन | दोनों बाहर चिे िाते हैं |
उमा सहसा चप
ु हो िाती है |]

(1) संिाि पूर्ण कीजिए : 2

गद्यांश में आए पात्र

(2) कारण लिखखए : 2

(i) उमा का तेज आवाज में बोिना ---------------

(ii) शंकर नौकरानी के पैरो में पड़कर माँह


ु तछपाकर भागा ---------------

(3) गद्यांश के आधार पर तालिका पण


ू फ कीजजए : 2

प्रत्यय घदटत शब्द प्रत्यय


1) ....................... ............
2) ....................... ............

(4) 'िड़ककयों का लशक्षित होना आवश्यक’ इस ववषय पर 25 से 30 शब्दों में

अपने ववचार लिखखए | 2


. (आ) ननम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृनतयाँ
कीजिए : 8

सुबह साढे पााँच-पौने छह बजे ककसी ने दरवाजा खटखटाया | नींद टूटी | मैंने

बड़ी तेज आवाज में कहा - "दे र रात को आया हूाँ, सोना चाहता हूाँ, सोने दो |"

यह सोचकर कक कोई नौकर चाय िेकर आया होगा जगाने |

िेककन दरवाजे पर दस्तक कर्र पड़ी | झाँुझिाता जोर से त्रबगड़ने के मूड़ में

दरवाजे की तरर् बढा बड़ाबड़ाता हुआ | दरवाजा खोिा | पाया, बाबू जी खड़े हैं | हमें

कुछ न सूझा | मार्ी मााँगी | बेध्यानी में बात कह गया हूाँ | वे बोिे- "कोई बात

नहीं, आओ-आओ | हम िोग साथ- साथ चाय पीते हैं |"

हमने कहा- "ठीक है !"

बस जल्दी-जल्दी हाथ-माँह
ु धो चाय के लिए टे बि पर जा पहुाँचा | िगा, उन्हें

सारी रामकहानी मािूम है पर उन्होंने कोई तकफ नहीं ककया | न कुछ जादहर होने

ददया |

कुछ दे र बाद चाय पीते-पीते बोिे- "अम्मा ने कहा, तुम िोग आ गए हो पर

तुम कहते हो रात बड़ी दे र से आए | कहा चिे गए थे ?"

जवाब ददया- "हााँ, बाबू जी ! एक जगह खाने पर चिे गए थे |"

उन्होंने आगे प्रश्न ककया- "िेककन खाने पर गए तो कैसे ? जब मैं आया तो

कर्एट गाड़ी गेट पर खड़ी थी | गए कैसे ?"

कहना पड़ा- "हम इंपािा शेवरिेट िेकर गए थे |"

(1) कृतत पण
ू फ कीजजए : 2

िेखक ने दरवाजा खोिा, तो ये हुआ


(2) ऐसे दो प्रश्न बनाइए जजनके उत्तर तनम्नलिखखत शब्द हों : 2

(i) इंपािा शेवरिेट

(ii) खाने पर

(3) तनम्नलिखखत शब्दों के वचन बदि कर लिखखए : 2

शब्द पररवततफत रुप


1) रात .................
2) दरवाजा .................
3) गाड़ी .................
4) िोग .................

(4) 'जीवन में अनुशासन की आवश्यकता' ववषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने ववचार

लिखखए | 2

(इ) ननम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृनतयाँ

कीजिए : 4

पिाश बबूि के समान गोंद उत्पन्न करने वािा वि


ृ है | इसके गोंद को िाख या कमरकस
भी कहते हैं| इस बहुपयोगी वि
ृ के ववलभन्न अंगों का उपयोग औषधध तनमाफण के साथ-साथ
अन्य कायो में भी ककया जाता है | पिाश की िकड़ी से छोटे -छोटे तख्ते, कुएाँ के चाक आदद
बनाए जाते हैं | इसका तना बेडौि होता है | अत: इसका उपयोग बड़े कामों में नहीं ककया
जाता| पिाश की िकड़ी जिाने के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है | इसका कोयिा शीघ्र आग
पकड़ िेता है | इसका उपयोग गनपावडर के रूप में ककया जाता है | पिाश के र्ूि पानी में
घि
ु कर केसररया रं ग दे ते हैं | र्ूिों को रातभर पानी में लभगोकर अगिे ददन उबािकर छान
िेते हैं| यह पानी त्वचा को ककसी भी प्रकार की हातन नहीं पहुाँचाता क्योंकक इसमें रसायन नहीं
होते |

(1) आकृतत पूणफ कीजजए : 2

(1) पिाश की िकड़ी से बनाई जानेवािी वस्तूएाँ

पररच्छे द में ददए गए गोंद उत्पन्न करनेवािे दो वि


(2) 'वि
ृ ों का महत्व' इस ववषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने ववचार लिखखए | 2

विभाग 2- पद्य : 12 अंक

2. (अ) ननम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृनतयाँ

कीजिए : 6

मेरे तो धगररधर गोपाि, दस


ू रो न कोई

जाके लसर मोर मुकट, मेरो पतत सोई

छााँडड़ दई कुि की कातन, कहा कररहै कोई ?

संतन दिग बैदठ-बैदठ, िोक िाज खोई |


अाँसुवन जि सींधच-सींधच प्रेम बेलि बोई |

अब तो बेि र्ैि गई आणाँद र्ि होई ||

दध
ू की मथतनयााँ बड़े प्रेम से त्रबिोई |

माखन जब कादढ लियो छाछ वपये कोई ||

(1) जोडड़यााँ लमिाइए : 2

अ उत्तर आ
आाँसओ
ु ं के जि से छोड़ दी ।
कुि की मयाफदा आनंद र्ि
प्रेम बेि िोक िाज खोई ।
संत संगतत के कारण प्रेम की बेि सींधच ।
प्रेम से त्रबिोई ।

(2) (i) पद्यांश में प्रयुक्त शब्दयुग्म िूाँढकर लिखखए : 2

(1) ..............

(2) ..............

(ii) तनम्नलिखखत अथफ के शब्द पद्यांश से िूाँढकर लिखखए :

(1) वंश - ...................

(2) मयाफदा - ....................

(3) उपयक्
ुफ त पद्यांश की प्रथम चार पंजक्तयों का सरि अथफ 25 से 30 शब्दों

में लिखखए | 2

(आ) ननम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सच


ू नाओं के अनस
ु ार कृनतयाँ

कीजिए : 6
अद् धफरात्रत्र को घर से कोई जो आाँगन को आता,

शन्
ू य गगन मंडि को िख यह मन में है भय पाता |

तारे तनपट मिीन चंद ने पांडुवणफ है पाया,

मानो ककसी राज्य पर है , राष्िीय कष्ट कुछ आया |

धतनयों को है मौज रात-ददन हैं उनके पौ-बारे ,

दीन दररद्रों के मत्थे ही पड़े लशलशर दख


ु सारे |

वे खाते हैं हिव


ु ा-पड़
ू ी, दध
ू -मिाई ताजी,

उन्हें नहीं लमिती पर सूखी रोटी और न भाजी |

(1) जीवन-शैिी में अंतर स्पष्ट कीजजए : 2

धनी तनधफन

(i) -------------------------- --------------------------

(2) पद्यांश में से वविोम शब्दों की जोडड़यााँ िूाँढकर लिखखए : 2

(i) .......... x ..........

(ii) .......... x ..........

(3) अंततम चार पंजक्तयों का सरि अथफ 25 से 30 शब्दों में लिखखए | 2


विभाग 3 - परू क पिन : 8
अंक

3. (अ) ननम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृनतयाँ

कीजिए : 4

"भ्रष्टाचार एक ऐसा ककड़ा है जो दे श को घुन की तरह खा रहा है | इसने सारी

सामाजजक व्यवस्था को धचंताजनक जस्थतत में पहुाँचा ददया है | सच कहा जाए तो यह

दे श के लिए किंक है ... |" अधधकाररयों के चेहरे पर हिकी-सी मुसकान और उत्सुकता

छा गई | उसके तकफ में उन्हें रुधच महसूस होने िगी | दस


ू रे अधधकारी ने प्रश्न ककया-

"ररश्वत को आप क्या मानते हैं ?"

“यह भ्रष्टाचार की बहन है जैसे ववशेष अवसरों पर हम अपने वप्रयजनों, पररधचतो,

लमत्रों को उपहार दे ते हैं | इसका स्वरूप भी कुछ-कुछ वैसा ही है िेककन उपहार दे कर हम

केवि खलु शयों या कतफव्यों का आदान-प्रदान करते है | इससे अधधक कुछ नहीं जबकक

ररश्वत दे ने से रुके हुए कायफ, दबी हुई र्ाइिें, टिती हुई पदोन्नतत, रोकी गई नौकरी आदद

में इसके कारण सर्िता हालसि की जा सकती है |”

(1) आकृतत में लिखखए : 2

(i) यह भ्रष्टाचार की बहन है -

(ii) यह दे श को घुन की तरह खा रहा है -

(iii) उसके तकफ में अधधकाररयों को यह महसस


ू होने िगी-

(iv) खलु शयों या कतफव्यों का आदान-प्रदान यह दे कर करते हैं -

(2) 'भ्रष्टाचार एक किंक' ववषय पर 25 से 30 शब्दो में अपने ववचार लिखखए | 2


(आ) ननम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृनतयाँ

कीजिए : 4

चितीं साथ

पटररयााँ रे ि की

कर्र भी मौन |

लसतारे तछपे

बादिों की ओट में

सूना आकाश |

तम
ु ने ददए

जजन गीतों को स्वर

हुए अमर |

(1) कृतत पूणफ कीजजए : 2

(i) स्थान लसतारों के तछपने का पररणाम

(ii) रे ि की पटररयों की ववशेषताएाँ

(2) 'ववरोधी जस्थततयों में तनराश नहीं होना चादहए' ववषय पर अपने ववचार 25 से 30 शब्दों

में लिखखए | 2
विभाग 4 – भाषा अध्ययन (व्याकरर्) : 14 अंक

4. सूचनाओ के अनुसार कृनतयाँ कीजिए : 14

(1) तनम्नलिखखत वाक्य में अधोरे खांककत शब्द का शब्दभेद पहचानकर लिखखए : 1

भारत दे श महान है |

(2) तनम्नलिखखत अव्ययों में से ककसी एक अव्यय का अथफपण


ू फ वाक्य में प्रयोग

कीजजए : 1

(i) की ओर

(ii) धीरे -धीरे

(3) कृतत पूणफ कीजजए : 1

शब्द संधध-विच्छे द संधध प्रकार


स्वाथफ .................... ...................

अथिा

.................. द:ु + बि ...................

(4) तनम्नलिखखत वाक्यों में से ककसी एक वाक्य की सहायक किया पहचानकर उसका

मूि रूप लिखखए : 1

(i) तम
ु परू ा आराम िेकर परू ी तरह ठीक हो जाओ ।

(ii) मन ने तन पर प्रततबंध िगा ददया ।

सहायक किया मि
ू किया
............................... ................................
(5) तनम्नलिखखत में से ककसी एक किया का प्रथम तथा द्ववतीय प्रेरणाथफक रूप

लिखखए : 1

कक्रया प्रथम प्रेरर्ाथणक रूप द्वितीय प्रेरर्ाथणक रूप


जीतना ............................ .............................

चिना ............................ .............................

(6) तनम्नलिखखत मह
ु ावरों में से ककसी एक मह
ु ावरे का अथफ लिखकर वाक्य में प्रयोग

कीजजए : 1

(i) माँह
ु िटकाना -

(ii) दाद दे ना –

अथिा

अधोरे खांककत वाक्यांश के लिए कोष्ठक में ददए मुहावरों में से उधचत मुहावरे का

चयन करके वाक्य कर्र से लिखखए :

(र्ूिा न समाना , गिा भर आना)

प्रकाश को नौकरी लमि जाने पर वह बहुत प्रसन्न हुआ ।

(7) तनम्नलिखखत वाक्यों में से ककसी एक वाक्य में प्रयक्


ु त कारक धच्न पहचानकर

उसका भेद लिखखए : 1

(i) उमा ने यह पें दटंग बनाई है ।

(ii) बहन मदहिाओं को लशिा दें ।

(8) तनम्नलिखखत वाक्य में यथास्थान उधचत ववरामधच्नों का प्रयोग करके वाक्य कर्र

से लिखखए : 1

िाड़िी ने कहा- नहीं यह मेरे दहस्से की हैं ।


(9) तनम्नलिखखत वाक्यों में से ककन्हीं दो वाक्यों का कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार

काि पररवतफन कीजजए : 2

(i) हम उसका प्रयोग करें गे |

(अपण
ू फ भूतकाि)

(ii) सरकार एक ही टै क्स िगाती है |

(सामान्य भववष्यकाि)

(iii) छापामारों ने कवव से िमा मााँगी थी |

(पूणफ वतफमानकाि)

(10) (i) तनम्नलिखखत वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखखए : 1

मैंने कोई पाप नहीं ककया और न ही कोई चोरी की है |

(ii) तनम्नलिखखत वाक्यों में से ककसी एक वाक्य का अथफ के आधार पर दी गई

सूचनानुसार पररवतफन कीजजए : 1

(1) तम्
ु हें अपना काम खद
ु करना चादहए | (आज्ञाथफक वाक्य)

(2) मैं आज रात खाना खाऊाँगा | (तनषेधाथफक वाक्य)

(11) तनम्नलिखखत वाक्यों में से ककन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके कर्र से लिखखए : 2

(i) मैं मानू की साथ जाएगा |

(ii) आश्रम ककसी एक धमफ में चीपका नहीं होगा |

(iii) शाम का वक्त खझि ककनारे टहि रहे थे |


विभाग 5 – रचना विभाग (उपयोजित िेिन) : 26 अंक

सूचना :- आिश्यकतानुसार पररच्छे द में िेिन अपेक्षित है |

5. सूचनाओं के अनुसार िेिन कीजिए : 26

(अ) (1) पत्रिेिन :

तनम्नलिखखत जानकारी के आधार पर पत्रिेखन कीजजए : 5

माधव / माधवी काळे , कवे रोड, अकोिा से अपने लमत्र / सहे िी रोहन / रोदहणी

दे शपांड,े ३०, मरीन ड्राईव, मुंबई को परीिा में प्रथम आने पर बधाई दे ते हुए पत्र

लिखता /लिखती है |

अथिा

उमेश/ उमा जाधव, सरस्वती नगर, नागपुर से अपने िेत्र के ववद्युत अलभयंता

को त्रबजिी का त्रबि अधधक आने की लशकायत करते हुए पत्र लिखता / लिखती

है |

(2) तनम्नलिखखत गद्यांश पढकर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजजए, जजनके उत्तर गद्यांश

में एक-एक वाक्य में हों : 4

प्रेम एक ऐसी अिौककक शजक्त है , जजससे मनुष्य को अनंत िाभ होते हैं,

प्रेम से मानलसक ववकार दरू होते हैं, ववचारों में कोमिता आती है , सद्गण
ु की

सजृ ष्ट होती है , दख


ु ों का नाश और सुखों की वद्
ृ धध होती है और यहााँ तक कक

मनष्ु य की आयु भी बढती है | प्रेम ही मनष्ु य को साहसी, धीर और सहनशीि


बनाता है | माता अपने बच्चों के लिए अनंत कष्ट सहती है और स्वयं सब

प्रकार के दख
ु भोगकर उसे सख
ु दे ती है | माताओं को बहुधा ऐसी अवस्था में

रहना पड़ता है | जजसमें यदद प्रेम का सहारा न हो, तो वे बहुत शीघ्र बीमार हो

जाए, पर यह प्रेम उन्हें रोगी होने से बचाता है | उिटे शुद्ध प्रेम उन्हें बलिष्ठ

और सुंदर बनाता है | ववना प्रेम के अच्छी सुख-सामग्री हमें ततनक भी प्रसन्न

नहीं कर सकती, पर प्रेम की सहायता से हम त्रबना ककसी सुख-सामग्री के भी

परमसुखी हो सकते हैं |

(आ) (1) ित्त


ृ ांत िेिन 5

ववकासरत्न माध्यलमक ववद्यािय, सोिापरु में आयोजजत 'भाषण प्रततयोधगता'

कायफिम का रोचक वत्त


ृ ांत िेखन 60 से 80 शब्दों में लिखखए|

(वत्त
ृ ांत मे स्थि, काि, घटना का उल्िेख होना अतनवायफ है |)

अथिा

कहानी िेिन :

तनम्नलिखखत मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उधचत

शीषफक दीजजए तथा सीख लिखखए :

शहर - चारों ओर ऊाँची इमारतें – हररयािी का अभाव - हररत िांतत का

आवाहन - िोगों का मदद हे तु आगे आना - वि


ृ ारोपण हे तु पौधे ववतरण –

संकल्प – पररणाम |
(2) विज्ञापन िेिन : 5

तनम्नलिखखत जानकारी के आधार पर ‘सरु िा के साथ छात्रों की यात्रा’ ववषय पर

50 से 60 शब्दों में ववज्ञापन तैयार कीजजए :

सम
ु ग
ं ि यात्रा कंपनी ववशेषताएाँ संपकफ, ई-मेि

(इ) ननबंध िेिन : 7

तनम्नलिखखत ववषयों में से ककसी एक ववषय पर 80 से 100 शब्दों में तनबंध

लिखखए :

(1) जीवन में गरू


ु का महत्व

(2) अपना स्वास््य अपने हाथ

(3) पेड़ की आत्मकथा |

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