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Lal Kitab Vastu

ज्ञान गंगा – भाग 17 .

पज
ू ा घर का वास्तु वववेचन …“घर में मंदिर बनाया जाना चादिए या नि ं .....?”

ज्ञान गंगा के वपछले अंकों में जब पज


ू ागि
ृ का वास्तु वववेचन ककया जा रिा था तो कुछ
पाठकों के सझाव आये थे कक इस बात पर चचाा की जाए कक “घर में मंदिर बनाया जाना
चादिए या नि ं .....?”

जिााँ तक प्राचीन वास्तु ग्रंथों या वास्तु िोरा शास्रों का सबंध िै विां कि ं भी इस बात का
जजक्र नि ं ममलता कक घर में मंदिर न बनाएं ! िााँ कि ं कि ं ये जजक्र जरूर िै कक फलां फलां
दिशा में मंदिर न बनाया जाए ! लेककन लाल ककताब ज्योततष गरं थ में कई जगि इस बात
का जजक्र िै कक घर में मंदिर न बनायें ! आज िम केवल प्राचीन वास्तु ग्रंथों की बात करें गे
कक वो घर में मंदिर बनाने के ववषय में क्या मत रखते िैं !

प्राचीन ग्रंथों में घर में मंदिर बनाने के मलए तो कोई मनाि नि ं की गयी िै लेककन घर में
मंदिर बानाने के ववषय में कुछ दििायतें जरूर ि गयी िैं ! इस सन्िभा में एक ववशेष बात जो
प्राचीन वास्तु ग्रंथों में कि गयी िै वो ये कक घर के मंदिर में रखी गयी धाममाक मतू तायां
अन्गुष्टकार से बड़ी नि ं िोनी चादियें ! और ये भी किा गया िै की मतू तायों को एक ववशेष
ववधध अनस
ु ार ि रखा जाना चादिए ! और इसके इलावा मंदिर के रख रखाव पर भी परू ा
ध्यान दिया जाना जरूर िोगा !

मतू तायों का ववधध अनस


ु ार रखने का अथा ये िै कक मतू तायों को अपने पररवार के दिसाब से ि
रखा जाए यानी लक्ष्मी जी की मत
ू ी रखनी िै तो वो ववष्णू जी की मत
ू ी के साथ ि राखी जाए
न कक ककसी और िे वी िे वता के साथ ! और कफर उनके छोटे बड़े िोने का दिसाब भी ध्यान में
रखना चादिए ! िादिना िाथ बड़ों का िोता िै और बायााँ छोटों का ! यानी श्री राम जी के साथ
िनम
ु ान जी की मत
ू ी रखनी िो तो िनम
ु ान जी की मत
ू ी राम जी के बाए िाथ पर ि रखी जाए
!

जिााँ तक मंदिर के रख रखाव का संबंध िै तनम्न बातों का ध्यान रखना अतत अतनवाया
बताया गया िै :-

• मंदिर में तनत्य सफाई िोनी चादिए !


• मंदिर के अन्िर अाँधेरा नि ं िोना चादिए और िवा रौशनी पण
ू ा रूप में ववद्यमान रिनी
चादिए !
• मंदिर के अन्िर मकड़ी के जले वगैरि नि ं िोने चादिए !
• मंदिर के अन्िर की ि वारों और छत पर न तो िरारे िोनी चादिए और न ि विां धय
ु ें के
धब्बे वगैरि िोने चादिए !
• मंदिर का िरवाजा सन्
ु िर व सजावट िोना चादिए !
• मंदिर के अन्िर झाडू या कंघा आदि कभी नि ं रखना चादिए !
• पज
ू ागि
ृ का द्वार बीच में िोना चादिए और उसके िोनों ओर (िायें बाएं) खखड़ककयााँ िोनी
चादियें !

( घर में मंदिर बानाने के ववषय में लाल ककताब क्या किती िै इस पर कल ववस्तत
ृ चचाा
करें गे )
ज्ञान गंगा - भाग 18
(वास्तु और लाल किताब)

पज
ू ा घर का वास्तु वववेचन …….
“घर में मंदिर बनाया जाना चादिए या नि ं .....?” क्या किती िै लालककताब !

प्राचीन वास्तु ग्रंथों या वास्तु िोरा शास्रों में कि ं भी इस बात का जजक्र नि ं ममलता कक घर
में मंदिर न बनाएं ! िााँ कि ं कि ं ये जजक्र जरूर िै कक फलां फलां दिशा में मंदिर न बनाया
जाए ! लेककन लाल ककताब इस ववषय में क्या किती िै । आज िम इसी बात पर चचाा करें गे

लालककताब ववद्या "इंसानी ककस्मत का फैसला ". मसफा उसके जन्मकंु डल के ग्रिों से ि
नि ं बजकक इसके साथ साथ उसकी मकान कंु डल और उसके द्वारा प्रयोग की गयी वस्तुयों
को भी ध्यान में रख कर करती िै ! यानी वास्तु शास्र और वस्तु शास्र लालककताब ववद्या
के मित्वपण
ू ा अंग िैं !

जिााँ तक घर में मंदिर बनाने के ववषय का सबंध िै ! कुछ लोगों का मानना िै कक लाल
ककताब किती िै की घर में मंदिर बनाना ि नि ं चादिए ! ऐसी बात नि ं िै !

लाल ककताब के अनस


ु ार कंु डल के ग्रिों की कुछ ऐसी िालतें िैं जजसके अनस
ु ार कुछ ववशेष
जातकों को घर में मंदिर बनाने से रोका गया िै और कुछ लोगों को उनकी ग्रि जस्थतत के
अनस
ु ार ववमभन्न धाममाक वस्तय
ु ों को घर में रखना या िवन आदि कक्रयायों का करना मना
ककया गया िै ! इस सम्बन्ध में जो बातें अब तक सामने आई िैं वो इस प्रकार िैं :-

• ररिायशी घर में मतू तायााँ रख कर मंदिर नि ं बनाना चादिए ! मतू तायााँ मसफा मंदिरों में ि
मब
ु ारक धगनी जाती िैं घर में नि ं ! कागज के फोटो या ककसी िे वी िे वता की तस्वीर का
कोई विम न िोगा !

यदि ककसी व्यजक्त की जन्म कंु डल में खाना नंबर २ मंिा िो रिा िो यानी विां बि
ृ स्पत
के िश्ु मन ग्रि िों तो ऐसे व्यजक्त को घर में मंदिर नि ं बनाना चादिए !
बि
ृ स्पत नंबर ७ वाले को घर में मंदिर नि ं बनाना चादिए !

कंु डल में शक्र


ु शतन इकट्ठे िो तो घर में ठाकुर जी की मत
ू ी नि ं िोनी चादिए !

• सरू ज नंबर ७ या १० िो या सरू ज शक्र


ु इकट्ठे िों तो घर मंैै जोत नि ं जलानी चादिए और
िवन भी नि ं करना चादिए !

• चंिर नंबर २ वाले को घर में घंटे घड़ड़याल नि ं रखने चादिए

• बध
ु नंबर ८ वाले को अपने शयन कक्ष की िक्षक्षणी ि वार पर धाममाक फोटो नि ं लगनी
चादिए !

• बि
ृ स्पत नंबर १० वाले को घर में जोत जलाना , रामायण मिाभारत का पाठ करना और
िवन कराना उसके मलए मंिा असर पैिा करे गा

गतांि से आगे .......

िोस्तो आज िम वास्तु के जजस पिलू पर बात करने जा रिे िैं उसका सबंध लाल ककताब
जोततश ववद्या से िै जजसे मकान ववद्या का नाम भी दिया गया िै ! और मकान ववद्या का ये
पिलू लाल ककताब इकम का एक जरूर अंग माना गया िै !

लालककताब मे जन्म कंु डल की तरि ि मकान कंु डल के ग्रि खानों मे लगाए जाते िैं ! जाये
ररिाइश या रिने की जगि या ररिायशी मकान को जनम कंु डल की तरि ि 12 ववभागों मे
बांटा गया िै !

लालककताब ववद्या का एक मित्व पण


ू ा पिलू ये भी िै कक इस इकम मे केवल जन्मकुडल के
आधार पर ि फलािे श नि ं ककया गया बजकक िस्त रे खा कंु डल और मकान कंु डल के ग्रिों
को भी उतनी ि मान्यता ि गयी िै ! और एक स्थान (फरमान पेज 410) पर तो ये भी जजक्र
िै कक मकान कंु डल के ग्रि जन्म कंु डल के ग्रिों से प्रबल प्रभाव िे ते िैं !

लाल ककताब वास्तु मे मकान कंु डल के िो मित्वपण


ू ा प्रयोग िैं ! पिला िै जनम कंु डल के
ग्रिों की िरुस्ती का जााँचना ! यातन यदि ककसी की जनम कंु डल गलत बनी िो या कोई ग्रि
उसमे गलत घर मे लग गया िो तो मकान ववद्या के मसद्धांतों से उसे सि करना ! और
िस
ू रा िै जनम कंु डल के बरु े ग्रिों के प्रभाव को मकान कंु डल मे ग्रि स्थापना के द्वारा कम
करना और अच्छे ग्रिों के प्रभाव को बढ़ाना !

लालककताब की इस उपरोक्त ववद्या को समझने के मलए इसमे दिये वास्तु मसद्धांतों को


समझना बिुत जरूर िै ! इन मसद्धांतों को आठ भागों मे बांटा गया िै !

1) “दिशायों का ज्ञान” यातन 9 ग्रि और 12 रामशयााँ ककन ककन दिशायों सच


ू क िैं

2) “मकान के ववमभन्न दिस्से “ और उनका कंु डल के खानों से सबंध ! यातन कंु डल का िर


खाना ककस चीज का सच
ू क िै !

3) घर मे 9 ग्रिों के कौन कौन से स्थान या चीजें िैं !

4) कोई मकान ककस ग्रि का िै !

5) कंु डल का िर खाना ककस ररश्तेिार के मकान को जादिर करता िै !

6) मकान के अंिर जाते वक्त या बािर आते वक्त कंु डल के खानो की तरतीब क्या िै !

7) “ मकान के कोने “ यातन मकान ककतने कोने का िै ! और उन कोनो का अच्छा बरु ा असर !

8) मकान ककतने गौशे का िै ! ( एक खास पैमाइश के अनस


ु ार मकान के गौशे तनकाले जाते िैं
) और उनका अच्छा बरु ा असर !

इन सब मसद्धांतों कक ववस्तत
ृ जानकार “ज्ञान गंगा” के आने वाले अंको मे ि जाएगी
गतांक से आगे ...........

ज्ञान गंगा के वपछले अंक मे िमने जाना कक लालककताब मे जनम कंु डल के 12 खाने और नौ
ग्रिों मे से िर ग्रि ककस ककस दिशा के सच
ू क माने गए िैं ! इस अंक मे िम जानेगे कक मकान
का कोई दिस्सा कंु डल के ककस खाने से संबंध रखता िै !

ज्ञान गंगा – भाग 20


(वास्तू और लाल किताब )

गतांक से आगे ...........

िोस्तो वपछले अंक मे िमने जाना की मकान कंु डल लालककताब वविया का एक मित्वपण
ू ा
पिलू िै ! मकान कंु डल की परू जानकार के मलए 8 बातों का ज्ञान िोना बिुत जरूर िै !

आज िम उन आठ बातों मे से पिल बात पर ववचार करें गे !

मकान कंु डल के ज्ञान के मलए सबसे पिला और जरूर पिलू िै जनम कंु डल के 12 खाने
और उन खानों का मकान कंु डल की दिशायो से सबंध ! यातन जनम कंु डल का कौन सा
खाना ककस दिशा का सच
ू क िै !

कंु डल का खाना नंबर 1 पव


ू ा दिशा का सच
ू क िै यातन Eastren Direction का कारक िै !

खाना नंबर 2 वायु कोण या Nortth-West दिशा का सच


ू क िै !

खाना नंबर 3 िक्षक्षण दिशा या south का कारक िै !

खाना नंबर 4 ईशान कोण या North-East दिशा का िै !


खाना नंबर 5 घर की पव
ू ी ि वार का कारक िै !

खाना नंबर 6 उत्तर दिशा या घर की उत्तर ि वार का कारक िै !

खाना नंबर 7 नेकृतत कोण या South-West दिशा का िै !

खाना नंबर 8 िक्षक्षणी ि वार को जाि र करता िै !

खाना नंबर 9 घर का मरकज(सेंटर) या ब्रह्म स्थान िै !

खाना नंबर 10 पजश्चम दिशा यातन West Direction का सच


ू क िै !

खाना नंबर 11 घर की पजश्चमी ि वार िै !

o और खाना नंबर 12 अजनन कोण यातन South-East दिशा का कारक िै !

अब इस मसद्धांत का िस
ू रा भाग ......यातन कोण सा ग्रि ककस दिशा का सच
ू क िै !

सरू ज पव
ू ा दिशा का , शतन पजश्चम दिशा का , मंगल िक्षक्षण का और बध
ु उत्तर दिशा के कारक
िैं ! चंिर वायु कोण यातन NW का , शक्र
ु अजनन कोण यातन South-East का , बि
ृ स्पत ईशान
कोण यातन North-East का और रािू नेकृतत कोण या South-West का कारक माना गया िै !

ये था मकान कंु डल जानने के आठ मसद्धांतों मे से पिला मसद्धांत


“दिशायों का ज्ञान” यातन 9 ग्रि और 12 रामशयााँ ककन ककन दिशायों के सच
ू क िैं !

अगले अंक मे िम जानेगे “मकान के ववमभन्न दिस्से “ और उनका कंु डल के खानों से सबंध
! यातन कंु डल का िर खाना घर की ककस चीज या ककस दिस्से का प्रतीक िै !
ञान गंगा – भाग 21
(वास्तू और लाल किताब )
गतांक से आगे ...........

ज्ञान गंगा के वपछले अंक मे िमने जाना कक लालककताब मे जनम कंु डल के 12 खाने और नौ
ग्रिों मे से िर ग्रि ककस ककस दिशा के सच
ू क माने गए िैं ! इस अंक मे िम जानेगे कक मकान
का कोई दिस्सा कंु डल के ककस खाने से संबंध रखता िै !

कंु डल का पक्का घर खाना नंबर 1 :-


मकान की चार ि वार कंु डल का खाना नंबर 1 धगना गया िै !

कंु डल का पक्का घर खाना 2 :-


मकान या मकान के दिस्से की ककस्म यातन बैठक िै िक
ु ान या िक
ु ान , ककचन िै या बेडरूम !
यातन जो ग्रि इस घर मे िोगा उस ग्रि का मत
ु लका भाग यातन यदि मंगल िो तो ककचन
बि
ृ स्पत िो तो पज
ू ा घर शक्र
ु िो तो शयन कक्ष िे खा जाएगा !

कंु डल का पक्का घर खाना 3:-


घर का सजावट सामान खाना नंबर 3 की चीज धगना गया िै !

कंु डल का पक्का घर खाना 4 :-


तै जमीन या पानी की जगि बताएगा !

कंु डल का पक्का घर खाना 5 :-


िवा रोशनी के आने का तालक
ू या रास्ते यातन खखड़ककयााँ िरवाजे रोशनिान आदि !

खाना 6 :- तै खाना का दिस्सा !

खाना 7:- सफेि या पलस्तर , मंड


ु रे या बन्ना !
खाना 8 :- छत व आग की जगि !

खाना 9 :- मकान का मरकज या िर दिस्से की अंिरूनी पैमाइश बताएगा !

खाना 10:- लोिा लकड़ी ईंट पत्थर वगैरि का मलबा जो मकान मे लगा िै ! यानी कोई मकान
ककस चीज का बना िुआ िै ये खाना नंबर 10 बतलायेगा ।

खाना 11:- मकान का माथा या मकान की जादिरिार बताएगा !

खाना 12 :- मकान आबाि िै या वीराना !

ये था मकान के ववमभन्न दिस्से और उनका कंु डल के 12 खानो से सबंध !

अब 9 ग्रि और मकान मे इन ग्रिों की चीजें !


• बि
ृ स्पत िवा के रास्ते बताएगा ।

• सरू ज रौशनी के रास्ते बताएगा !

• चंिर तै जमीन और धन िौलत का मामलक िै !

• शक्र
ु सफेि पलस्तर का सच
ू क िै !

• मंगल मिा और औरतों की आमिोंरफ्त बताएगा !

• बध
ु इिा धगिा के िमसाये बताएगा !

• शनीचर चारि वार से मत


ु लका िोगा !

• रािू छ्त्त्तो की िालत बतलाएगा !

• केतू बच्चों से मत
ु ामलका जगि बतावेगा !

...............................................
अगले अंक मे इस बात पर चचाा िोगी कक कोई मकान ककस ग्रि का िै !

ञान गंगा – भाग 22


(वास्तू और लाल किताब )
गतांक से आगे ...........

वपछले तीन अंकों मे िमने जाना कक जनमकंु डल के 12 भाव और 9 ग्रि मकान मे ककन ककन
चीजों और ककन ककन दिशायों के कारक िैं !

इस ववषय पर आगे बढ्ने से पिले एक बात साफ कर िे ना चािता िूाँ कक “कारक तत्वों का
ज्ञान” लालककताब ववद्या को सीखने की सबसे प्रथम सोपान िै ! इस बात का जजक्र इसके
मल
ू ग्रंथ अरमान 1940 के बबलकुल शरू
ु मे अरमान नंबर 4 और 6 मे िजा िै ! नौ ग्रिों और
12 भावों के कारकतत्वों का जजतना ववस्तत
ृ और सट क ज्ञान लाल ककताब मे दिया गया िै
उतना ककसी और ज्योततष ग्रंथ मे नि ं िे खा गया ! ितु नया की िर चीज या यंू कि सकते िैं
की ब्रह्मांड की िर चीज के पंचभौततक रूप का 9 ग्रिों और 12 रामशयों मे ववभाजन इस
ववद्या की अिभत
ु और अनप
ु म कला का प्रतीक िै !

I feel that Governing Aspects of Planets or Kaarkatatva of Nine Planets and 12


Houses are the most important point of laalkitab Theory .

आज िम लाल ककताब वास्तु के जजस ववषय पर चचाा करने जा रिे िैं वो िै कक “कोई मकान
ककस ग्रि का िै ” ! यातन आप जजस मकान मे रि रिे िैं वो ककस ग्रि का िै ! कोई इंसान ककस
ग्रि का िै और उसका मकान ककस ग्रि का िै ये बात इस इकम मे खास मायने रखती िै !

आइए जानते िैं कक 9 ग्रिों के घर/मकान कैसे िैं

1) बि
ृ स्पत का मकान:-
ऐसा मकान िोगा जजसका सेिन आाँगन या वेिड़ा मकान के ककसी एक तरफ िोगा ! यातन या
तो शरू
ु मे या अंत मे या िायें या बाएाँ खाल जगि छोड़ी गयी िोगी ! मकान के बीच मे सेिन
न िोगा ! मकान का िरवाजा उत्तर-िक्षक्षण का न िोगा ! पीपल का िरखत या कोई धमा स्थान
मकान के ऐन साथ या मकान मे ि िोगा !

2 सरू ज का मकान :- िरवाजा तनकलते सरू ज की तरफ िोगा ! और आाँगन या वेिड़ा मकान
के िरममयान या मरकज मे िोगा ! आग का तालक
ू भी इसी सेिन मे िोगा और िो सकता िै
कक पानी का तालक
ू भी घर से बािर तनकलते वक्त िायें िाथ पर आाँगन मे ि िो ! ऐसा
मकान चढ़ते सरू ज कक तरि का तरक्की िे ने वाला िोगा !

3) चंिर का मकान :- अव्वल तो बािर कक चारि वार के ऐन साथ लगता िुया कुआ या
िैंडपंप िोगा वरना अंिर घस
ु ते ि पानी का तालक
ू िोगा ! ये मकान सरू ज के मकान से
ममलता जल
ु ता ि िोता िै !

4) शक्र
ु का मकान :- शक्र
ु का मकान सरू ज के उलट िोगा ! मकान मे कच्चा दिस्सा जरूर
िोगा ! मकान का िरवाजा शम
ु ालन जनब
ू न यातन north-South िोगा !

5) मंगल नेक का :- मकान का िरवाजा उत्तर या िक्षक्षण की और िोगा ! कच्चा या पक्का िोने
कक कोई शता न िोगी !

6 ) मंगल बि का मकान :- मकान का िरवाजा मसफा िक्षक्षण मे िोगा ! मकान के साथ आग


या िलवाई कक भट्ट आदि का िोना या मकान के साथ कबब्रस्तान या शमसान भमू म का
िोना , या मकान के साथ ककसी लावाकि का रिना या मकान के ऊपर ककसे िरख्त का साया
पड़ना ! ये तनशातनयााँ मंगल बि के मकान की िैं !

7 ) बध
ु का मकान :- मकान के चारों तरफ खल
ु जगि छोड़ी िोगी यातन मकान चारों तरफ से
खुला िोगा ! या अकेला मकान िोगा (ढ़ानी) ! मकान के साथ चौड़े पत्तों के िरख्त (लसड़
ू ा और
शितूत के िरखत भी बध
ु के माने गए िैं )का िोना बध
ु का िोना किलाएगा ! जो मंिे असर के
िे ने वाले िोंगे !

बाकी अगले अंक मे ...

ज्ञान गंगा – भाग 23


(वास्तू और लाल किताब )
कल से आगे ...........

8) शनीचर का मकान कैसा िोगा :-


मकान का बड़ा िरवाजा पजश्चम मे िोगा ! मकान मे पत्थर का गढ़ा िोना , मकान के मख्
ु य
द्वार की ििल ज परु ानी लकड़ी (शीशम कीकर या बेर फ्लाि आदि की) की िोना , मकान के
अंिर िाखखल िोते वक्त ऐन आखखर पर िायें िाथ अंधेर कोठडी का िोना , छत पर भी परु ानी
लकड़ी का साथ िोना , मकान मे सतन
ू या वपकलरों का िोना ! ये सब शतन के मकान की
तनशातनयााँ िोंगी !

9) रािू का मकान कैसा िोगा :-


बािर से अंिर जाते वक्त इस मकान के िायें िाथ पर कोई गुमनाम गढ़ा (तैखाना ) बना िोगा
! ििल ज के नीचे से पानी का बािर तनकलना , मकान के सामने का मकान ला आबाि िोना
या विााँ ककसी ला औलाि व्यजक्त का रिना , मकान के साथ भड़भाँज
ू े कक भट्ट का िोना ,या
कोई और ककसी प्रकार कक भट्ट , गरकी या धय
ु ेँ कक जगि का िोना या गंिे पानी का गढ़ा
िोना ये सब रािू के मकान कक तनशातनयााँ िोंगी ! और िो सकता िै कक ऐसा मकान िो
जजसकी छतें तो कई बार बिल गयी िों लेककन ि वार न बिल िों !

10) केतू का मकान :-


कोने का मकान िोगा ! यातन तीन तरफ मकान एक तरफ खुला ,या तीन तरफ मकान और
एक तरफ खुला ! या खि
ु उस मकान के तीन तरफ़ों का खुला िोना , इस मकान के साथ िो
तरफ काटता ह्या रास्ता (L शेप) िोगा, या िमसाया मकान धगरा िुया या बबााि सा िोगा !
ये थे सभी ग्रिों के मकानों की ककसमें !

अगले अंक मे ................ जानेंगे की ककसी व्यजक्त की कंु डल मे लगे ककसी ग्रि का उसके
ककसी ररश्तेिार (ववशेष) के मकान से क्या तालक
ू िै !

ञान गंगा – भाग 24


(वास्तु और लालकिताब)
गतांि से आगे .........

ज्ञान गंगा के वपछले िो अंको मे िमने ये जाना कक कोई मकान ककस ग्रि की तासीर का िै !
जैसे की सरू ज का मकान परू वाभमख
ु ी िोता िै और उसका सेिन मकान के बबलकुल मध्य
स्थान मे िोता िै , पजश्चम दिशा का मकान शतन का िोता िै ......ऐसे ि िमने ये जाना कक
िर ग्रि के मकान की ववशेष जस्थततयों और िालतों के अनस
ु ार कोई घर या मकान ककस ग्रि
का िोगा !

लालककताब की ववषय वास्तु मे ये पिलू इसमलए भी मित्वपरू ण िै क्योंकक इस का सबंध


ककसी भी व्यजक्त की जनम कंु डल के ग्रिों की ग्रि िरुस्ती (सि िालत) जानने से जड़
ु ा िुया
िै ! यातन यदि ककसी का मंगल खाना नंबर 6 मे लगा िुया िै तो क्या वाकया ि वो कंु डल के
खाना नंबर 6 मे बोल रिा िै या नि ं ! कि ं वो ग्रि (ग्रि गखणत की गलती िो जाने के कारण
) खाना 5 या 7 मे तो असर नि ं िे रिा ! यदि आपको ग्रिों के घरों कक ववशेषतायों का ज्ञान
िो जाये यातन आप ये क्याफा लगा सकें कक फलां मकान ककस ग्रि का िै तो आप के मलए
ककसी भी व्यजक्त के कंु डल के ग्रिों की िरुस्ती जााँचने का काम आसान िो जाएगा !
आज िम जजस ववषय पर बात करने जा रिे िैं वो िै कक िमार जनम कंु डल का प्रत्येक घर
(1 से 12) िमारे ककस ररश्तेिार के घर का प्रतीक (Indicator) िै !

• कंु डल का खाना नंबर 1 उस घर या मकान का प्रतीक िै जो घर िमने खुि तनमााण ककया िै


! यातन िमारा खुि साखता मकान कंु डल के खाना नंबर 1 से िे खा जाएगा !

• कंु डल का खाना नंबर 2 िमारे ससरु ाल का मकान िोगा !

• कंु डल का खाना नंबर 3 िमारे भाई या ताये चाचे के मकान की िालत बताएगा !

• कंु डल का खाना नंबर 4 माता खानिान या मासी फूफी के मकान को जाि र करता िै !

• कंु डल का खाना नंबर 5 िमार औलाि के बनाए िुये मकानो का प्रतीक िोगा !

• खाना नंबर 6 नानके घर या नाना नानी के घर की िालत बताएगा !

• खाना नंबर 7 इस्तर घर या लड़ककयों कक तरफ के ररशतेिारों के घर या मकानों की िालत


बताने वाला िोगा !

• खाना नंबर 8 कंु डल वाले के जद्ि घर (यातन उसका जद्ि घर जजस शिर या स्थान पर
िो) से मत
ु लका शमशान भमू म या कबब्रस्तान कक िालत बताने वाला िोगा !

• कंु डल का खाना नंबर 9 जद्ि मकान या िमारे बजग


ु ों यातन िमारे बाप िािा द्वारा बनाए
मकान या घर की िालत को जादिर करे गा !

• कंु डल का खाना नंबर 10 उस मकान की िालत से संबंध रखता िै जजस मकान मे िम कम


से कम 3 वषा लगातार से रि रिे िोते िैं !

• कंु डल का खाना नंबर 11 वो मकान िोता िै जो िमने खर िा िै ! यातन जो िमने बना


बनाया मलया िै ! खाना नंबर 1 वो मकान था जो िमने खि
ु तनमााण ककया था ! और खाना
नंबर 11 उस मकान को जादिर करता िै जो िमने बनाया नि ं बजकक बना बनाया खर ि
ककया िै !
• कंु डल का खाना नबर 12 िमारे पड़ोमसयों के मकानों की िालत को जादिर करे गा !

इस ववषय का बाकी दिस्सा

ज्ञान गंगा – भाग 25


(वास्तु और लालकिताब)
गतांि से आगे .........

ज्ञान गंगा के इस अंक मे ये जानेगे की कोई मकान ककतने कोने का िै और कोनों के दिसाब
से ककसी मकान के अच्छे या बरु े प्रभाव क्या क्या िैं !

मकान के कोने :-
मकान बनाने से पिले मकान की तैि जमीन के कोने जरूर िे ख मलए जाएाँ की जजस प्लाट
या जमीन पर िम अपना घर बनाने जा रिे िैं वो ककतने कोने का िै ! चार कोना प्लाट
वगााकार या आयताकार प्लाट जजसके चारों कोने 90 ड़डग्री पर िों सब से उत्तम िजे पर माना
गया िै !

8-18-13-3 और 5 कोने मंिे असर के या मनिूस धगने गए िैं ! जजसके मलए किा गया िै
कक:-
8-18 -तेरि –तीन बच्चों चक
ु भज
ु ा बलि न
पांच कोना मंदिर रचे कि बबसकमाा कैसे बसे।

ऊपर वखणात 8-18.......आदि कोनो का मकान िरधगज नि ं बनाना चादिए ! इस धगनती के


कोने मकान के मलए अशभ
ु माने गायें िैं !
यातन 3 कोना ,5 कोना , 8 कोना , 13 कोना , 18 कोना मकान अशभ
ु माना गया िै !

“बच्चा चक्
ु क” का अरथ िै बीच मे से उभरा िुया यातन मछल के पेट की तरि िरममयान से
उभरा िुया मकान ! ऐसा मकान काग रे खा का असर िे गा ! ऐसे मकान मे खानिानी नसल
घटती ि जाएगी ! यातन बाबा के तीन बेटे तो बाप के 2 और अपना एक ि िोगा और आगे
बेटों कक नसल बंि िोगी !

“भज
ु ा बल ि न” का अथा िै तख्ती कक शक्ल या बाजू कटे इंसान की तरि की शक्ल , ऐसा
मकान मि
ु े ि मि
ु े या मौतें ि मौतें दिखलाएगा ! अगर इस मकान मे ककसी कक शाि िो
जाये तो जकि ि इस्तर या पतत कक मौत िो जाया करती िै !

3-13 कोना मकान मंगल बि के असर वाला िोगा ! आग और मौत के वाकया बिुत िोंगे ,
ऐसे मकान मे फांसी का वाकया भी िो सकता िै ! अचानक आफतें , लड़ाई झगड़े और
जिमतें पैिा िोती रिें गी , भाइयों को तबाि करने वाला मकान िोगा !

पााँच कोना मकान औलाि के िख


ु और बरबाि का कारण िोगा !
आठ कोना मकान अशभ
ु िोगा जजसमे मातम या िख
ु के वाकयात आम िोंगे और बीमार
का पक्का तनवास िोगा !

अठारि कोना मकान धन िौलत के मलए अशभ


ु िोगा ! सोने चांि के नक
ु सान दिखलाएगा !

चार कोना िे कुल कक उन्नतत – मसंघासन बत्तीसी बनता िो !


असर अंिर िर कमरा अपनी -पैमाइश जि
ु पर चलता िो !

पााँच कोना औलाि िो मरती – वीरान इलाका िोता िो !


मौत बीमार अंत न िे गी - सााँप छाती पर चलता िो !

बच्चा चक्
ु क से नसल िो घटती – काग रे खा फल िोता िो !
13 लगे घर आ उस फांसी - 3 भाई बंि मंिा िो !
ज्ञान गंगा – भाग 26
(लाल किताब िी वास्त)ु
गतांि से आगे .........

ज्ञान गंगा के इस अंक मे लालककताब वास्तु के एक अत्यंत मित्वपण


ू ा वास्तु सर
ू की
जानकार ि जा रि िै !

मकान के गोशे :- (मकान के िर दिस्से की अंिरूनी पैमाइश)


मकान बनने से पिले मकान के िर दिस्से की अंिरूनी पैमाइश पर ध्यान िे ना बिुत जरूर
िै ! जिां तक अंिरूनी पैमाईश का अथा िै वो िै मकान के ककसी भी कमरे की अंिरूनी िर !
यातन ि वारे छोड़ कर बाकी के क्षेर की पैमाइश ! यातन कोई कमरा ककतना लंबा िै और
ककतना चौड़ा िै ! ये कमरा मकान का कोई भी कमरा िो सकता िै जैसे शयन कक्ष , बैठक
या ड्राईङ्ग रूम , रसोई घर , स्टोर या लक्ष्मी स्थान आदि आदि ! इसके इलावा यदि आप
ककसी िक
ु ान या िफ्तर या ककसी व्यवसाय स्थल का तनमााण करने जा रिे िैं तो उसमे भी
यि सर
ू काम करे गा !

इस मसधान्त के अनस
ु ार ककसी भी कमरे की अंिरूनी पैमाइश का पैमाना फुटों , गजों या
मीटरों की बजाए मकान मामलक के िाथ की लंबाई को एक यतू नट (एक िाथ) मान कर धगना
जाएगा ! यातन िमने ये िे खना िै कक कोई कमरा ककतने िाथ लंबा और ककतने िाथ चौड़ा िै
! जो आिमी मकान बनाने जा रिा िै या जो गि
ृ स्वामी िै उसके िाथ की लंबाई को ि गि

तनमााण का आधार माना जाएगा ! यातन ये िे खा जाएगा कक फलां कमरा ककतने िाथ लंबा
और ककतने िाथ चौड़ा िै !
िाथ की लंबाई मापने का ढं ग ! इसके िो तर के िैं !

1) कोिनी (बाजू के मसरे की िड्‌


डी) से लेकर अनाममका अंगल
ु के आखीर तक की लंबाई !
2) कोिनी के मसरे के इलावा विााँ जो िस
ू र िड्‌
डी िोती िै (बाजू के मसरे पर जो जोड़ िै ) । विां
से लेकर मद्धमा के आखखर तक की लंबाई ! यि पैमाइश िरु
ु स्त और उत्तम मानी गयी िै ।

आम तौर पर ककसी िाथ की लंबाई लगभग 18 इंच की िोती िै या इसके कर ब 17 या 19


इंच भी िो सकती िै !

मान लो ककसी व्यजक्त के िाथ की लंबाई 18 इंच यातन डेढ़ फूट िै !


जो िक
ु ान वो बनाने जा रिा िै उसकी चौड़ाई 12 फुट िै और लंबाई 15 फूट !
तो अब िम किें गे कक उसकी िक
ु ान 10 िाथ लंबी और 8 िाथ चौड़ी िै !

गोशे तनकालने का तर का :- {(लंबाई + चौड़ाई) गुना 3 } -1 ÷ 8

ककसी भी कमरे /स्थान की लंबाई और चौड़ाई को जमा करके उसे 3 से गुना करें और उस मे
से 1 घटावें ! जो जवाब आए उसे 8 पर भाग िे वे और िे खें कक बाकी ककतना बचा ! जो बाकी
बचे उतने गोशे का वो स्थान/मकान धगना जाएगा !

अब ऊपर की उिािरण मे लंबाई 10 िाथ िै और चड़ाई 8 िाथ ! िोनों को जोड़ा तो िुया 18


िाथ अब इसे 3 से गुना ककया तो जवाब आया 54 इसमे से 1 कम ककया तो जवाब आया 53 ,
अब 53 को 8 पर भाग दिया तो बाकी बचे 5 यातन वो मकान 5 गोशे का मकान िोगा !

याि रिे यदि बाकी कुछ न बचे तो 8 बाकी धगना जाएगा !

इस सर
ू से िमे ये पता चल जाएगा की फलां मकान या कमरा ककतने गोशे का िै ! यातन
कोई भी स्थान 1 से 8 गोशे तक का िो सकता िै ! अब ये मकान उस गि
ृ स्वामी के मलए
ककस असर का िोगा इसका ववस्तत
ृ उकलेख अगले अंक मे ..............िोगा !
ज्ञान गंगा – भाग 27
(लाल किताब िी वास्त)ु

गतांि से आगे ......

मकान के ववमभन्न गोशों का असर ववस्तार मे बताने से पिले मैं इस बात को साफ कर िे ना
चािता िूाँ कक लाल ककताब मे दिये गए वास्तु सर
ू बिुत ि अमक
ू य और उच्च िजे के िैं !
जजनकी सि जानकार के द्वारा इंसानी जीवन मे कई अच्छे पररवतान ककए जा सकते िैं !
ववशेष तौर पर मकान की अंिरूनी पैमाइश जााँचने वाला ये सर
ू ( “मकान के गोशे” ) इस
ववद्या का एक अिभत
ु सर
ू िै जजसके सि प्रयोग के द्वारा आश्चया जनक पररणाम प्राप्त
ककए जा सकते िैं !

ज्ञान गंगा के वपछले अंक मे िमने जाना कक मकान बनाने से पिले मकान के िर दिस्से की
अंिरूनी पैमाइश पर ध्यान िे ना जरूर िै ! अंिरूनी पैमाईश के अनस
ु ार कोई मकान
/कमरा/िक
ु ान /िफ्तर/या व्यवसाय स्थल ककतने गोशे का िै इसको तनकालने का तर का
ववस्तार सदित बतया गया था ! जो कक इस प्रकार था :-
मकान की लंबाई और चौड़ाई को जमा करके उसे 3 से गुना करें और उस मे से 1 घटावें ! जो
जवाब आए उसे 8 पर भाग िे वे और िे खें कक बाकी ककतना बचा ! जो बाकी बचे उतने गोशे
का वो स्थान/मकान धगना जाएगा ! इस सर
ू के अनस
ु ार कोई भी मकान 1 से 8 गोशे तक
का िो सकता िै !

अब िम जानेगे कक इन गोशों की पैमाइश के अनस


ु ार कोई मकान ककस असर का िोगा !

आठ पर भाग िे ने से यदि 1 बाकी बचे तो िम किें गे कक ऐसा मकान मकानों मे मातनंि राजा
िर तरि से उत्तम और नेक असर का िोगा ! ऐसा मकान अच्छी सेित , उम्िा गि
ृ स्थ , बाल
बच्चों की बरकत , िन
ु यावी इज्जत मान और िर तरि के ज्ञान का प्रिान करने वाला माना
गया िै !

ऐसे घर मे रिने वाले लोग नेक सभ


ु ाओ , नेक सीरत , धमा जगत और राजिरबार मे इज्जत
मान प्राप्त करने वाले िोंगे ! इन्ि ं मसफ्तों के कारण ि ऐसे मकान को मकानों मे मातनंि
राजा किा गया िै ! िर तरफ तरक्की और बेितर िे ने वाला िोगा !

घर का तनमााण करते समय यदि पज


ू ा घर , मेिमान खाना या ड्राईङ्ग रूम , शयन कक्ष और
बच्चों के पढ़ने का कमरा इस पैमाइश का बनाया जाये तो तनश्चय ि आश्चया जनक
पररणाम िे खने को ममलेंगे !

बाकी अगले अंक मे ...............

ज्ञान गंगा भाग -28


(लाल किताब िी वास्त)ु

गतांक से आगे ..........


(मकान के गोशे)
यदि बाकी 2 बचते िों तो :- बाकी 2 बचने वाले मकान को शभ
ु असर का मकान नि ं माना
गया िै ! ऐसा मकान गर बी बेकिर और तनधानी िे गा ! औलाि की तकल फ या औलाि
तकल फ मे रिे गी ! ऐसे घर मे औरत की किर न िोगी ! गि
ृ स्थ बबााि िोगा !

यदि बाकी 3 बचते िो तो :- यदि बाकी 3 बचते िों तो ऐसा मकान िक


ु ान , व्योपार और
कारोबार या मेिमान नवाजी या बैठक खाने के मलए बिुत ि शभ
ु असर का माना गया िै !
मगर औरतों और बच्चों के मलए अशभ
ु असर का माना गया िै ! ऐसे मकानो मे मिों की
िमेशा बरकत ि रिे गी और िन
ू यावी जंग व जिल मे कामयाबी िोगी ! बाजग
ु ों के धन की
बरकत िोगी ! ऐसे मकान मे रिने वाले लोग िोसले वाले और दिल ताकत के मजबत
ू िोंगे !
अगर कोई औरत जजसके अभी बाल बच्चे पैिा न िुए िों या जो बच्चों से अलििा ि एैसे
मकान में रिे या रात को सोती रिे तो कोई बरु ा असर न िोगा। बाल बच्चों के मलये एैसा
मकान कोई फ़ायिे मंि न िोता। बाल बच्चों से रदित या बाल बच्चों के बग़ैरमसफ़ा एक
अकेल जान और उसका खाववंि इकट्ठे रिने में कोई बरु ा असर न िोगा।
अगर ककसी वजि से एैसे मकान में बाल बच्चों के साथ बच्चों वाल औरत को रिना या रात
को सोना ि पङे तो एैसे मकान में बि
ृ स्पत के जिा रं ग फूल क़ायम करें तो कोई बरु ा असर न
िोगा।

चार बाकी िों- ऐसा मकान अशभ


ु और मनिूस असर का माना गया िै ! गर बी और मजिरू
िे ने वाला मकान िै ! मजिरू भी ऐसी िोगी की दिन रात मेिनत करने के बाि भी अच्छी
खुराक नसीब न िोगी ! कई िफा तो भक
ू ा ि सोना पड़ता िै ! ककसी ने गधे का ख़याल न
ककया । खरु ाक बाज़िफ़ा तो न ममल तो न ि ममल ।

पांच बाकी िों :- तो ऐसा मकान गऊघाट िोगा , मातनि गाय िोगा। जजसमें औरत जात बाल
बच्चे वग़ैरि सब के सब सख
ु व आराम पायेंगे और शक्र
ु का परू ा और उत्तम फल िोगा !
औलाि िौलतमंि िोगी ! ऐसे घर मे रिने वाले लोग प्रमाथी यातन िस
ू रों की भलाई सोचने
वाले और िस
ू रों की भलाई करने वाले िोते िैं ! धन और पररवार िोनों बढ़ते िोंगे यातन मच्छ
रे खा का उत्तम असर साथ िोगा। मकान पीछे से चौङा और अगला दिस्स तंग मातनंि बैल िो
तो गऊघाट किलाता िै।
छः बाकी िो :- ऐसा मकान ररिाइश के मलए अशभ
ु माना गया िै ! तककया मस
ु ाकफर िोवे ।
िर िम सफर िाजजर रिे और वो भी मस
ु ीबत से भरा िुआ । न माता रिे न वपता सख
ु ी िोवें ।
न औलाि आराम पावे न ि यार िोस्त साथ िें । न गुरू भला न चंिर अच्छा बजकक केतू भी
मंिा ! िर तरफ मलाल और मस
ु ीबत का तनवास िोगा !

सात बाकी िों:- ररिायश के मलए अतत उत्तम मकान िोगा !


माया िौलत और लक्ष्मी का परू ा सख
ु िोगा ! नोि सास का झगड़ा ऐसे मकान मे न िोगा !
वो मााँ बेट की तरि ममल कर रिने वाल िोंगी ! लक्ष्मी िोगी और िोगी भी सख
ु िे ने वाल !
धन की आमिन सि ढं ग की िोगी और खचा करने का ढं ग भी उत्तम िोगा ! यातन ऐसे घर मे
सल
ु क्ष्मी का वास िोगा ! शक्र
ु की चीजें इस्तर गाये बैल गि
ृ स्थी िालत की जगत लक्ष्मी
िोगी और रात का परू ा आराम िोगा !

आठ बाकी िों:- ऐसा मकान मनिूस असर का धगना गया िै ! धन िौलत और पररवार सब
कुछ उजाड़ िे ने वाला ! सख्त बीमाररयााँ और बड़े बड़े झगड़े फसाि जिमतें िे ने वाला मकान
धगना गया िै ! धन िौलत के मोटे मोटे नक
ु सान दिखाने वाला ! मौतें मातम और तमाम
बदियााँ और तकल फ़ें इस मकान मे मौजि
ू िोंगी !

बाकी आगे ...........


आने वाले अंक मे लालककताब ज्योततष और वास्तु ववद्या के कुछ मित्वपण
ू ा योगों को
उजागर ककया जाएगा !
ज्ञान गंगा भाग -29
(लाल किताब िी वास्तु )

गतांक से आगे ............

िोस्तो ज्ञान गंगा के भाग अंक 19 से लेकर 28 तक मे वास्तु के जो मसद्धांत बताए गए िैं
उनका सबंध लाल ककताब ज्योततष से िै !

इन मसद्धांतों मे से जो ववशेष बाते उभर कर सामने आयीं िै वो इस प्रकार िैं :-

1 ) कोई मकान ककस ग्रि का िै इस बात का पता आसानी से चल जाता िै !

2) मकान के अंिर की चीजें ककस ग्रि से सबन्ध रखती िै ! जैसे रसोई मंगल की , बेडरूम
शक्र
ु का , स्नानघर चंिर का .....आदि आदि !

3) जनम कंु डल और मकान कंु डल के खाने और उनका आपसी सबंध क्या िै !

4) जनम कंु डल के खाने ककस ककस ररश्तेिार के घर से सबंध रखते िैं !

5) मकान के दिस्से और उनकी मकान के ववमभन्न दिशायों मे जस्थतत को िे ख कर जनम


कंु डल के अनस
ु ार ग्रि का असर िे खना !

६) इस ववद्या की एक मित्वपण
ू ा बात ये िै कक मकान कंु डल के मसद्धांतों को आधार बना
कर ककसी व्यजक्त के जनमकंु डल मे लगे ग्रिों की िरुस्ती जााँची जा सकती िै !

7) सातवी और सबसे मित्व परू न बात ये सामने आई िै कक मकान कंु डल का जो असर िै


उसे जन्म कंु डल के असर पर प्रबल माना गया िै ( लालककताब 1941 के पेज 410 पर ये
बात िजा िै )! जजसका अथा ये िै कक मकान कंु डल के सि तनमााण के द्वारा जनमकंु डल के
ग्रिों के मंिे असर को कम ककया जा सकता िै ! और अच्छे ग्रिों के नेक असर को बढ़ाया जा
सकता िै !

ज्ञान गंगा के इन अंकों मे िम मकान कंु डल और जनम कंु डल के ग्रिों के कुछ योगों के बारे
मे जानकार प्राप्त करें गे ! और ये भी जानेगे कक जनम कंु डल के ग्रिों की िरुस्ती मकान
कंु डल से कैसे िोगी !

जनमकंु डल और मकान कंु डल के कुछ योग :-

योग नंबर 1 :- यदि ककसी आिमी की कंु डल मे बि


ृ स्पत खाना नंबर 3 मे िो और ऐसा
आिमी घर के िक्षक्षण की कोई खखड़की रोशनिान या िरवाजा बंि करवा िे तो उस के लड़के,
लड़की या उसके खि
ु पर मौत के बराबर कष्ट आ सकता िै !

उपरोक्त योग की व्याख्या


ज्ञान गंगा भाग 21 मे िमने जाना था कक “मकान मे िवा के रास्ते बि
ृ स्पत बतलाएगा” !
यातन मकान की खखड़ककयााँ रोशन और िरवाजे ये सब िवा के रास्ते िैं और इनका कारक
ग्रि बि
ृ स्पत िै ........ जनम कंु डल का तीसरा खाना िक्षक्षण दिशा का िै ....... ककसी भी चीज
का बंि िोना खाना नंबर 8 (मौत) के मंिे असर को जादिर करता िै ....... यातन खाना नंबर 8
” बंि “ शब्ि का कारक िै !

कंु डल के खाना 3 का बिृ स्पत मकान मे “िक्षक्षण दिशा के िवा के रास्ते” बता रिा िै यातन
वो िरवाजे या खखड़ककयााँ जो मकान के िक्षक्षण मे िैं ! इनको बंि करना यातन 3 और 8 का
टकराव पैिा करना मौत जैसा मंिा असर पैिा कर िे गा !
योग नंबर 2 :- जजस व्यजक्त की जनमकंु डल के खाना नंबर 11 मे रािू िो और ऐसा आिमी
अपने घर के बािर भाग यातन माथे पर नीले रं ग का पें ट करवा ले या बािर िाथी की तस्वीर
या बत
ु स्थावपत कर िे तो धन के नक
ु सान िोने शरू
ु िो जाएाँगे !
व्याख्या
मकान का माथा या पेशानी कंु डल का खाना नंबर 11 िोता िै ........ नीला रं ग रािू का िै ......
िाथी भी रािू का िै !

योग नंबर 3 :- बध
ु नंबर 12 वाले के घर मे ईशान कोण मे आग आदि चीजों या ककचन का
स्थावपत िो जाना उसे िख
ु ों से भरपरू कर िे गा ! अंिर के जलते िुये खन
ू से तड़पता िोगा !

बाकी अनेक ऐसे योगों की व्याख्या आगे के अंकों मे ...........


ज्ञान गंगा भाग -29
(लाल किताब िी वास्तु )

गतांक से आगे ............

िोस्तो ज्ञान गंगा के भाग अंक 19 से लेकर 28 तक मे वास्तु के जो मसद्धांत बताए गए िैं
उनका सबंध लाल ककताब ज्योततष से िै !

इन मसद्धांतों मे से जो ववशेष बाते उभर कर सामने आयीं िै वो इस प्रकार िैं :-

1 ) कोई मकान ककस ग्रि का िै इस बात का पता आसानी से चल जाता िै !

2) मकान के अंिर की चीजें ककस ग्रि से सबन्ध रखती िै ! जैसे रसोई मंगल की , बेडरूम
शक्र
ु का , स्नानघर चंिर का .....आदि आदि !

3) जनम कंु डल और मकान कंु डल के खाने और उनका आपसी सबंध क्या िै !

4) जनम कंु डल के खाने ककस ककस ररश्तेिार के घर से सबंध रखते िैं !

5) मकान के दिस्से और उनकी मकान के ववमभन्न दिशायों मे जस्थतत को िे ख कर जनम


कंु डल के अनस
ु ार ग्रि का असर िे खना !

६) इस ववद्या की एक मित्वपण
ू ा बात ये िै कक मकान कंु डल के मसद्धांतों को आधार बना
कर ककसी व्यजक्त के जनमकंु डल मे लगे ग्रिों की िरुस्ती जााँची जा सकती िै !

7) सातवी और सबसे मित्व परू न बात ये सामने आई िै कक मकान कंु डल का जो असर िै


उसे जन्म कंु डल के असर पर प्रबल माना गया िै ( लालककताब 1941 के पेज 410 पर ये
बात िजा िै )! जजसका अथा ये िै कक मकान कंु डल के सि तनमााण के द्वारा जनमकंु डल के
ग्रिों के मंिे असर को कम ककया जा सकता िै ! और अच्छे ग्रिों के नेक असर को बढ़ाया जा
सकता िै !
ज्ञान गंगा के इन अंकों मे िम मकान कंु डल और जनम कंु डल के ग्रिों के कुछ योगों के बारे
मे जानकार प्राप्त करें गे ! और ये भी जानेगे कक जनम कंु डल के ग्रिों की िरुस्ती मकान
कंु डल से कैसे िोगी !

जनमकंु डल और मकान कंु डल के कुछ योग :-

योग नंबर 1 :- यदि ककसी आिमी की कंु डल मे बि


ृ स्पत खाना नंबर 3 मे िो और ऐसा
आिमी घर के िक्षक्षण की कोई खखड़की रोशनिान या िरवाजा बंि करवा िे तो उस के लड़के,
लड़की या उसके खुि पर मौत के बराबर कष्ट आ सकता िै !

उपरोक्त योग की व्याख्या


ज्ञान गंगा भाग 21 मे िमने जाना था कक “मकान मे िवा के रास्ते बि
ृ स्पत बतलाएगा” !
यातन मकान की खखड़ककयााँ रोशन और िरवाजे ये सब िवा के रास्ते िैं और इनका कारक
ग्रि बि
ृ स्पत िै ........ जनम कंु डल का तीसरा खाना िक्षक्षण दिशा का िै ....... ककसी भी चीज
का बंि िोना खाना नंबर 8 (मौत) के मंिे असर को जादिर करता िै ....... यातन खाना नंबर 8
” बंि “ शब्ि का कारक िै !

कंु डल के खाना 3 का बिृ स्पत मकान मे “िक्षक्षण दिशा के िवा के रास्ते” बता रिा िै यातन
वो िरवाजे या खखड़ककयााँ जो मकान के िक्षक्षण मे िैं ! इनको बंि करना यातन 3 और 8 का
टकराव पैिा करना मौत जैसा मंिा असर पैिा कर िे गा !
योग नंबर 2 :- जजस व्यजक्त की जनमकंु डल के खाना नंबर 11 मे रािू िो और ऐसा आिमी
अपने घर के बािर भाग यातन माथे पर नीले रं ग का पें ट करवा ले या बािर िाथी की तस्वीर
या बत
ु स्थावपत कर िे तो धन के नक
ु सान िोने शरू
ु िो जाएाँगे !

व्याख्या
मकान का माथा या पेशानी कंु डल का खाना नंबर 11 िोता िै ........ नीला रं ग रािू का िै ......
िाथी भी रािू का िै !
योग नंबर 3 :- बध
ु नंबर 12 वाले के घर मे ईशान कोण मे आग आदि चीजों या ककचन का
स्थावपत िो जाना उसे िख
ु ों से भरपरू कर िे गा ! अंिर के जलते िुये खन
ू से तड़पता िोगा !

लाल किताब िा वास्तु सूत्र :-

:- जजस व्यजक्त का सरू ज नंबर 5 में िो वि अपने घर में पज


ू ा स्थान पजश्चम में न बनाये ।
और यदि वो पजश्चम में पज
ू ा का स्थान बनाता िै तो उसकी औरत लंबा असाा उसका साथ न
िे गी । औरत से जुिाई िोगी । मर जाना, भाग जाना या तलाक िो जाना कुछ भी िो सकता
िै ।

:- केतू नंबर 11 मे िों और बच्चे मरे िुये पैिा िो रिे िों तो उसके घर की पव
ू ी ि वार मे
बि
ृ स्पत की चीजें िोंगी या विााँ पज
ू ा पाठ िोता िोगा ! उनको विााँ से िटाना िोगा !

:- यदि ककसी की कंु डल मे शतन ऊंच िालत का यातन खाना नंबर 7 मे िो और उसके घर के
अंिर पव
ू ी भाग मे खाल जगि छोड़ी ि जाये और इस जगि को कच्चा ि रखा जाये ! या
विााँ गाय रक्खी जाये तो माल िालत के मलए बिुत ि नेक और उम्िा असर पैिा िोगा !
धन की आमिन मे माया के पिाड़ खड़े िोते िोंगे ! ऐसा आिमी िस
ू रों की पालना करने वाला
िोगा !

:- यदि ककसी व्यजक्त का शतन नंबर 7 मे िो और उसका सोना दिन ब दिन कम िो रिा िो या
घर मे मौतें िो रि िों ! तो उसके घर मे पज
ू ा करने का स्थान घर की िक्षक्षणी ि वार के साथ
लगता िोगा ! पज
ू ा घर बिलवा कर पव
ू ा मे कर ि जजये

:- लाल ककताब के अनस


ु ार मकान का माथा कंु डल का खाना नंबर 11 िोता िै ! यदि रािू
नंबर 11 मे िो मकान के बािर नीले रं ग का पैंट करवाना या मकान के बािर िाथी की फोटो
या बत
ु बनवाना नक
ु सानिे ि साबबत िोगा ! यिााँ सफ़ेि या लाल रं ग करवाना रािू के मंिे
असर को िरू करे गा
:- बध
ु नंबर 3 वाले को कभी भी अपना शयन कक्ष घर के पजश्चम मे नि ं बनाना चादिए !
और यदि ककसी बध
ु नंबर 3 वाले का शयन कक्ष पजश्चम मे िोगा तो तनशानी ये िोगी कक उस
घर मे लड़ककयां ज्यािा िोंगी, मिा की अपनी कुल घटती िोगी और उसकी लड़ककयां ि
उसका धन िौलत बबााि करती िोंगी !

:- लालककताब ज्योततष के अनस


ु ार कंु डल के ग्रिों का घर की तीन चीजों से गिरा सबन्ध
िोता िै !

1 घर की बनावट
2 घर के ववमभन्न स्थानों मे रक्खी चीजें
3 और घर मे लगे सजावट सामान और पौिे !

आज िम बात करें गे मंगल खाना नंबर 4 की ! यदि ककसी जातक का मंगल नंबर 4 मे िो
और मंि िालत या मंिे असर का िो तो ऐसी िालत में :-

• उसके घर मे उसका अपना शयन कक्ष पव


ू ा दिशा मे िोना औलाि के ववघ्न बजकक
लाऔलाि तक की नौबत िे सकता िै !

• उसके घर के िक्षक्षण दिशा मे फूलों के पौिे लगाना जब


ु ान की बीमाररयााँ िे सकता िै !

• उसके घर की पव
ू ी तरफ मे गाय या मािा कुत्ता रखना या पालना उसकी औरत का जजस्म
मंिा और औलाि के सख
ु को िकका कर सकता िै !

• इसके घर के िक्षक्षणी भाग मे केले का पौिा स्थावपत िोना उस घर के ककसी सिस्य को


खून से सबंधधत बीमार िोने की पक्की तनशानी िे गा !

• यदि मंगल नंबर 4 वाले की गि


ृ स्ती इज्जत बबााि िो रि िो तो इसकी तनशानी ये िोगी
कक उसके शयन कक्ष के पव
ू ी भाग मे जो सजावट सामान रखा िै उसमें ममट्ट के खखलौने
खंड़डत िालत मे पड़े िोंगे !

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