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भारत नवाचन आयोग: कतना तं एवं भावी?

drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-editorials/20-04-2021/print

यह ए डटो रयल 19/04/2021 को द हदू म का शत ले ख “The Election Commission of India


cannot be a super-government” पर आधा रत है । इसम भारत नवाचन आयोग से जुड़े व भ
प , जैस े- इसक तं ता एवं कामकाज को भा वत करने वाले अ ावधान , पर चचा
क गई है । आव कतानुस ार, यथा ान टीम के इनपुट भी शा मल कये गए ह।

भारत नवाचन आयोग एक संव ैध ा नक सं ा है । अनु े द 324 के अनुस ार, भारत के रा प त,


उपरा प त संस द एवं रा क वधानसभाओ ं के चुन ाव का अधी ण, नदशन और नयं ण
भारत नवाचन आयोग के अ धकार े म आता है ।

इस अनु े द क ा ा कई बार ायालय एवं भारत नवाचन आयोग (Election


Commission of India- ECI) के आदे श ारा क जाती रही है । इन ाखाय के अनुस ार, ECI म
न हत श कृ त म पूण है । भारत म होने वाले चुन ाव के मामले म इसके अ धकार असी मत
है । हाला क, कई ऐसे मु े और ावधान ह, जो अ ह एवं ECI के कामकाज को भा वत
करते ह।

ECI क श का ोत
सं वधान: ECI को सं वधान के अनु े द 324 के तहत श ा है ।
सव ायालय का नणय: सव ायालय ने मो हदर सह गल बनाम मु
चुन ाव आयु (1978) म कहा था क अनु े द 324 के तहत तं और न चुन ाव
सु न त करने का दा य ECI का है एवं इस काय को पूरा करने के लये ECI सभी
आव क कदम उठा सकती है ।
आदश आचार सं हता: ECI ारा जारी क जाने वाली आदश आचार सं हता (Model Code
of Conduct- MCC) राजनी तक दल , उ ीदवार और सरकार के लये एक दशा- नदश
है , जसका पालन उ चुन ाव के दौरान करना होता है । यह आचार सं हता राजनी तक
दल के बीच आम सहम त पर आधा रत है । वष 1960 म के रल सरकार ारा वधानसभा
चुन ाव के लये जारी कये गए आचार सं हता को इसक पूव पी ठका कहा जा सकता है ।
बाद म ECI ारा इसे अपनाया गया एवं प र ृ त कया गया। वष 1991 के बाद इसे स ी
से लागू कया गया।


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ECI क तं ता: ECI क तं ता को सं वधान ारा संर त कया गया है । मु
चुन ाव आयु को उसके पद से हटाए जाने का ावधान सव ायालय के ायाधीश
को हटाए जाने वाले ावधान के समान है । साथ ही, नयु के प ात् उनक सेव ा क
शत को नकारा क प से प रव तत नह कया जा सकता है ।

नवाचन आयोग क संर चना

नवाचन आयोग म मूल तः के वल एक चुन ाव आयु का ावधान था, ले कन रा प त


क एक अ धसूच ना के ज़ रये 16 अ ू बर, 1989 को इसे तीन सद ीय बना दया गया।
इसके बाद कु छ समय के लये इसे एक सद ीय आयोग बना दया गया और 1 अ ू बर,
1993 को इसका तीन सद ीय आयोग वाला प फर से बहाल कर दया गया, तब से
नवाचन आयोग म एक मु चुन ाव आयु और दो चुन ाव आयु होते ह।
नवाचन आयोग का स चवालय नई द ीम त है ।
मु नवाचन अ धकारी IAS रक का अ धकारी होता है , जसक नयु रा प त ारा
क जाती है तथा अ नवाचन आयु क नयु भी रा प त ही करता है ।
इनका कायकाल 6 वष या 65 वष क आयु (दोन म से जो भी पहले हो) तक होता है ।
इ भारत के सव ायालय के ायाधीश के समक दजा ा होता है और उनके
समान ही वेत न एवं भ े मलते ह।
मु चुन ाव आयु को संस द ारा सव ायालय के ायाधीश को हटाने क
या के समान ही पद से हटाया जा सकता है ।

ECI से संब ं धत मु े
श य का अप रभा षत होना: आदश आचार सं हता के अलावा ECI समय-समय पर उन
मु पर दशा- नदश, नदश एवं ीकरण दे त ा रहता है जो चुन ाव के दौरान उठते ह।
इस सं हता म यह न हत नह है क ECI ा कर सकता है ; इसम के वल उ ीदवार ,
राजनी तक दल एवं सरकार के लये दशा- नदश शा मल ह। इस कार ECI के पास
चुन ाव से जुड़ ी श य क कृ त और व ार को ले कर म क त बनी रहती है ।
आदश आचार सं हता को ले कर कोई कानून ी ावधान नह : ात है क आदश आचार
सं हता राजनी तक दल के बीच आम सहम त पर आधा रत है । इसके लये कोई भी
कानून ी ावधान नह कया गया है । इसके पालन हे त ु कोई वैध ा नक व ा नह है
और इसे नवाचन आयोग ारा के वल नै तक एवं संव ैध ा नक अ धकार के तहत लागू
कया जाता है ।

नोट: चुन ाव च (आर ण और आवंट न) आदे श, 1968 के पैरा 16A के अनुस ार, य द कोई
मा ता ा राजनी तक दल आदश आचार सं हता का पालन करने से मना करता है तो
आयोग उसक मा ता नलं बत कर सकता है या वापस ले सकता है । इस पर कु छ बु जीवी
तक दे त े ह क जब MCCकानून ी प से लागू नह है , तो ECI मा ता को वापस ले ने जैस ी
दं ड ा क कारवाई का सहारा कै से ले सकता है ।

अ धका रय का ानांत रण: रा सरकार के अधीन ऐसे अ धकारी, जो चुन ाव के


दौरान ECI के काय से संब ं धत होते ह, का अचानक ानांत रण भी आयोग के कामकाज
को बा धत करता है ।

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मो हदर सह गल मामले म, ायालय ने कर दया था क ECI अनु े द 324 से
तभी श ा कर सकता है जब उस वशेष वषय से जुड़ ा कोई अ कानून मौजूद न
हो। (हालाँ क, अ धका रय का ानांत रण इ ा द सं वधान के अनु े द 309 के तहत
बनाए गए नयम ारा नयं त होता है तथा नवाचन आयोग अनु े द 324 ारा ा
श के तहत इसक उपे ा नह कर सकता।)
अ कानून के साथ टकराव: MCC क घोषणा के प ात मं ी कसी भी प म व ीय
अनुद ान, जैस े- सड़क के नमाण, पेय जल सु वधाओ ं का ावधान या सरकार म कसी भी
पद पर तदथ नयु आ द क घोषणा नह कर सकते ह।
जब क, जन त न ध अ ध नयम, 1951 क धारा 123 (2) (b) के अनुस ार, कसी
भी सावज नक नी त क घोषणा या कानून ी अ धकार के योग को मु एवं
न चुन ाव म ह ेप नह माना जाएगा। इसके अलावा, चुन ाव क या को
बा धत करने वाले उ ीदवार को अयो घो षत करने क श नह है । अ धक-
से-अ धक यह संब ं धत मामले को पंज ीकृ त करने के लये नदश कर सकता है ।
साथ ही, चुन ाव चार के दौरान राजनेत ाओ ं के भड़काऊ या वभाजनकारी भाषण से
नपटने के लये पया अ धकार भी इसके पास नह ह। इसी कारण वष 2019 के आम
चुन ाव के दौरान म ECI ने सव ायालय के सम यह ीकार कया क इसके
पास पया श याँ नह है ।

न ष

ECI ने कत के त तब ता से भारतीय जनमानस के बीच लोकतां क एवं संव ैध ा नक


सं ाओ ं के त एक व ास पैद ा कया है । य प कानून ी मापदं ड के अ े म संशोधन
कया जाने क आव कता है ता क ECI मु और न चुन ाव के मा म से लोकतां क
व ा को सु न त कर सके ।

अ ास : भारत म नवाचन आयोग न के वल तं और न चुन ाव सु न त करता


है , ब लोकतां क व ा भी सु न त करता है । ट णी क जये।

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