Bimstech

You might also like

Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 3

भारत और ब टे क

drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-editorials/15-04-2021/print

यह ले ख 14/04/2021 को ‘द हदू ’ म का शत ए डटो रयल “BIMSTEC needs to reinvent itself”


पर आधा रत है । इसम BIMSTEC (ब - े ीय तकनीक और आ थक सहयोग के लये बंग ाल
क खाड़ी पहल) क मता को सी मत करने वाली बाधाओ ं पर चचा क गई है ।

हाल ही म BIMSTEC (ब े ीय तकनीक और आ थक सहयोग के लये बंग ाल क खाड़ी


पहल- ब टे क) के वदे श मं य ने एक आभासी स ेल न म वाता क । व के को वड -19
महामारी क चपेट म आने के बाद इस स ेल न क यह पहली मं मंड लीय वाता है ।

े ीय संग ठन के प म ब टे क ने मानवीय सहायता, आपदा राहत और सुर ा के े म


ब त कु छ ा कया है , जसम आतंक वाद, साइबर सुर ा और तटीय सुर ा सहयोग शा मल
ह।

हालाँ क ऐसी कई बाधाएँ ह जो इस े ीय नकाय को उसक पूण मता का दोहन करने से


सी मत करती ह।

बैठ क क मु वशेष ताएँ :

वदे श मं य ने ब टे क चाटर के मसौदे को मंज़ ूरी दे दी तथा इसको ज से ज


अपनाए जाने क सफा रश क ।
बैठ क के दौरान ीलं का म आयो जत होने वाले आगामी ब टे क शखर स ेल न म
ब टे क प रवहन कने वटी मा र ान का समथन कया गया।
भारत के उ र-पूव रा , इस मा र ान का मह पूण ह ा ह, क कई सड़क
और नदी इस े से गुज़ रते ह।
बैठ क म आपरा धक मामल म आपसी कानून ी सहायता पर क शन, राजन यक तथा
श ण अकाद मय के बीच सहयोग और कोलं बो ( ीलं का) म ब टे क ौ ो गक
ह ांत रण सु वधा क ापना से संब ं धत तीन समझौता ापन का समथन कया गया।
इस ओर भी ान आक षत कया गया क भारत म ा पत ‘ ब टे क सटर फॉर वेद र
एं ड ाइमेट ’ आपदा संब ंध ी ारं भक चेत ावनी दान करने के लये अ ाधु नक
सु वधाओ ं के साथ पूण तः काया क है ।

ब टे क का वकास:

1/3
एक उप- े ीय आ थक सहयोग समूह के प म ब टे क का गठन जून 1997 म बकॉक
म कया गया था।
ारंभ म इस संग ठन म बां ादे श, भारत, ीलं का और थाईलड शा मल थे और इसका
नाम BIST-EC या न बां ादे श, भारत, ीलं का और थाईलड इकॉनो मक को-ऑपरेशन
था।
दसंब र 1997 म ाँमार भी इस समूह से जुड़ गया और इसका नाम BIMST-EC हो गया।
इसके बाद फरवरी 2004 म भूट ान और नेप ाल भी इस समूह म शा मल हो गए।
जुल ाई 2004 म बकाक म आयो जत इसके थम स ेल न म ब टे क (बां ादे श,
भारत, ाँमार, ीलं का और थाईलड तकनीक और आ थक सहयोग) का नाम बदलकर
ब टे क (ब े ीय तकनीक और आ थक सहयोग के लये बंग ाल क खाड़ी पहल)
रखा गया।
ारंभ म ब टे क ने अ धक भू-राजनी तक मह द शत नह कया। यह इसके गठन
के पहले 20 वष म स के वल तीन शखर वाताओ ं से प रल त होता है ।
हालाँ क ब टे क ने अचानक वशेष ान आक षत कया, क साक के न य
होने के प ात भारत ने इसे े ीय सहयोग के लये अ धक ावहा रक साधन के प म
चुन ा।
अ ू बर 2016 म गोवा म नेत ाओ ं के साथ ब टे क नेत ाओ ं क आउटरीच स मट के
बाद इसने लो- ोफाइल रीजनल ु पग से आगे आकर अंत रा ीय आकषण ा कया।
मई 2019 म भारतीय धान मं ी के दू स रे शपथ हण समारोह म BIMSTEC के नेत ाओ ं को
स ा नत अ त थय के प म आमं त कया गया था न क SAARC को।
इसके तुरंत बाद वदे श मं ी ने कहा क भारत ने ब टे क म "ऊजा, मान सकता और
संभावना" का म ण दे ख ा है ।

संब चुन ौ तयाँ:

अधूरा आ थक एजडा: मु ापार समझौते का अभाव: ब टे क म मु ापार


समझौते पर वष 2004 म चचा क गई थी, ले कन अभी तक उसका कोई न ष नह
नकाला गया है ।
आंत रक ववाद: एक मज़बूत ब टे क अपने सभी सद -रा के बीच सौहादपूण और
तनाव मु प ीय संब ंध क पूव अवधारणा रखता है ।
क तु हाल के वष म भारत-नेप ाल, भारत- ीलं का और बां ादे श- ाँमार के संब ंध को
दे ख ते यह पूव अवधारणा गलत स होती है ।
इसके अलावा, नेप ाल और ीलं का दोन साक स ेल न को पुन ज वत करना चाहते ह।
परंत ु भारत का कहना है क आतंक और बातचीत एक साथ नह चल सकते।
चीन क घुस पैठ : द ण-द णपूव ए शयाई अंत र म चीन क नणायक घुस पैठ भारत
के भाव े को सी मत करती है ।
इसके अलावा एक स बां ादे शी व ान ने हाल ही म एक स ेल न म तक दया क
ब टे क ग त करेग ा य द चीन को उसके मुख वाताकार और भागीदार के प म
ीकार कया जाता है ।
ाँमार म त ापलट: ाँमार म सै त ापलट, दशनका रय क ू र कारवाई
और तरोध जारी रखने के कारण भारत के लये सीमा बंध न संब ंध ी चुन ौ तयाँ पैद ा
ह।


2/3
बैठ क म नरंत रता का अभाव: ब टे क ने त दो वष म शखर स ेल न, तवष
मं रीय बैठ क आयो जत करने क योजना बनाई थी, ले कन वष 2018 तक 20 वष म
के वल चार शखर स ेल न ए ह।
सद रा ारा ब टे क क उपे ा: ऐसा तीत होता है क भारत ने ब टे क का
उपयोग सफ तब कया है जब वह े ीय व ा बनाने म साक के मा म से सफल
नह आ है , वह अ मुख सद जैस -े थाईलड तथा ाँमार ब टे क क तुल ना म
आ सयान पर अ धक क त ह।
व ृत काय े : ब टे क का काय े ब त ापक है - इसम पयटन, सावज नक
ा , कृ ष आ द जैस े 14 े शा मल ह। ब टे क को कम े हे त ु तब होना
चा हये तथा उ म गुण व ा लाँए का यास करना चा हये।
सद रा के बीच प ीय मु े : बां ादे श सबसे वकट शरणाथ संक ट का सामना
कर रहा है , ाँमार के रखाइन ांत से रो ह ा लगातार पलायन करते रहे ह। ाँमार एवं
थाईलड के म सीमा ववाद चल रहा है ।
बीसीआईएम: एक अ उप- े ीय फोरम बां ादे श-चीन-भारत- ाँमार (BCIM) के
गठन ( जसम चीन एक स य सद है ) ने ब टे क क मता पर च लगा
दया है ।

आगे क राह:

ब टे क एफटीए: वष 2018 म फे डरेशन ऑफ इं डयन चबस ऑफ कॉमस एं ड इं ड ी के


एक अ यन ने सुझाव दया था क ब टे क को वा वक भाव ा पत करने के
लये त ाल एक ापक ापा रक समझौते क आव कता है ।
इसम व ु, सेव ाओ ं और नवेश म ापार को कवर करना; व नयामक सामंज को
बढ़ावा दे न ा; ऐसी नी तयाँ अपनाना जो े ीय मू ृंख लाएँ वक सत कर और गैर-
टै रफ बाधाओ ं को ख करना, आ द शा मल होना चा हये।
आ थक सहयोग के लये सुर ा को बनाए रखने और ठोस व ा सु न त करने क
आव कता है ।
गुज राल स ांत : चूँ क BIMSTEC एक भारत- धान ॉक है , इस संद भ म भारत गुज राल
स ांत का पालन कर सकता है , जो प ीय संब ंध म सं वहार हे त ु मागदशन दान
करता है ।

न ष
चूँ क ब टे क अगले वष अपने गठन क रजत जयंत ी मनाने वाला है , इस लये सद को
े ीय तालमेल बनाने और उपल संस ाधन का अ धकतम उपयोग करने क दशा म काम
करने क आव कता है । यह ब टे क को मज़बूत और अ धक ग तशील बनाने म सहायक
होगा।

मे ै स : ब टे क को सहयोग और े ीय एक करण के र को बढ़ाने के लये


एक बदलाव क आव कता है । चचा क जये।

3/3

You might also like