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गरीबी chapter-5
गरीबी chapter-5
गरीबी
(Poverty)
Lecture & Notes Made by Rajveer ( Nitin Arora)
Chapter-5
www.AroraIAS.com
अगर आपको लग रहा है की नोट्स मिल जाने से लेक्चर नहीीं दे खने पढ़े गे तो आप गलत सोच रहे है , लेक्चर
िें हर टॉपपक को गहराई से उदाहरण के साथ सिझाया गया है जो सींभव नहीीं की हि वो उदाहरण नोट्स िें दे
...बाकी सिझदार के मलए इशारा काफी है ...
गरीबी (Poverty)
• गरीबी का अथथ है वह स्थथती जब ककसी व्यस्क्त को जीवन की ननम्नति आधार भत
ू
जरूरत- भोजन, वथर, एवीं आवास भी उपलब्ध नहीीं हो पाते ।
• िनष्ु य जब बनु नयादी आवश्यकताओीं की पनू तथ की स्थथती िें नहीीं होता तब उसे गरीब की श्रेणी
िें गगना जाता है ।
• प्रोफेसर अिर्तयथ सेन के अनुसार, गरीबी क्षिताओीं का अभाव है ।
• सींयुक्त राष्र पवकास कायथक्रि (UNDP) * अनुसार, गरीबी बहुआयािी होती है ।
• अथाथत ् जीवन थतर और अन्य नागररक, साींथकृनतक, आगथथक, राजनीनतक एवीं सािास्जक अगधकारों
से सम्पन्न जीवन थतर के मलए आवश्यक सींसाधनों, के क्षिताओीं, सुरक्षा और शस्क्त के ननरीं तर
अभाव से ग्रथत िानव जीवन की दशा गरीबी है ।
ग़रीबी रे खा
• गरीबी रे खा भारत िें गरीबी के आकलन के मलये एक बेंचिाकथ की तरह काि करती है ।
• गरीबी रे खा आय के उस न्यूनति थतर को कहते हैं स्जससे कि आिदनी होने पे इींसान अपनी
बुननयादी ज़रूरतों को पूरा करने िें असिथथ होता है ।
• भारत िें सिय-सिय पर इस ग़रीबी रे खा को तय ककया जाता है ।
• साल 2014 िें , ग्रािीण इलाकों िें 32 रुपए प्रनतददन और कथबों/शहरों िें 47 रुपए प्रनतददन के
दहसाब से गरीबी रे खा तय की गई थी।
• ग़रीबी रे खा को लेकर अलग-अलग समिनतयों की अलग अलग राय है ।
• तें दल
ु कर फॉम्युल
थ े िें 22 फीसदी आबादी को गरीब बताया गया था
• जबकक सी. रीं गराजन फॉम्यल
ुथ े ने 29.5 फीसदी आबादी को गरीबी रे खा से नीचे िाना था।
Analysis
गगनी गण
ु ाींक (Gini Coefficient)
• गगनी गण
ु ाींक को वषथ 1912 िें इटै मलयन साींस्ख्यकीपषद् कोरे डो गगनी ने पवकमसत ककया था।
गगनी गुणाींक आय िें पवतरण की पवषिता को िापने की सबसे प्रचमलत पवगध है , जो आय के
प्रर्तयेक युग्ि के वीच आय अतर को िाप करती है ।
• इस टाथक फ़ोसथ का गठन िाचथ 2015 िें हुआ था स्जसे जून 2015 तक अपनी ररपोटथ सौंपनी
थी.
• इसका िुख्य उद्दे श्य गरीबी उन्िूलन तथा गरीबी रे खा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों
को बेहतर जीवन प्रदान करने के मलए उपाय प्रथतुत करना है .
• नीनत आयोग के उपाध्यक्ष अरपवन्द पानगड़िया की अध्यक्षता िें गरीबी उन्िूलन हे तु बनाई
गयी टाथक फ़ोसथ ने मसतींबर 2016 को प्रधानिींरी कायाथलय (पीएिओ) िें अपनी ररपोटथ सौंपी.
• इस टाथक फ़ोसथ के सझ
ु ाव अनुसार गरीबी रे खा से नीचे रह रहे लोगों की पहचान करने के मलए
एक अलग समिनत की थथापना की जानी चादहए.
• इसिें राज्यों को गरीबी रे खा से नीचे रहने लोगों की पहचान करने के मलए भी सुझाव ददए गये
हैं.
• इस ररपोटथ िें राज्यों एवीं अन्य थटे कहोल्डरों सदहत नयी समिनत के गठन हे तु एक नये
सींपवधान के ननिाथण के मलए भी कहा गया. इसिें गरीबों की पहचान हे तु चार बबन्दओ
ु ीं को
सुझाया गया है :
पहला: इसिें तें डुलकर समिनत द्वारा ननधाथररत की गयी गरीबी रे खा को ही िाना गया है .
दस
ू रा: इसिें रीं गराजन अथवा अन्य उच्च ग्रािीण और शहरी गरीबी रे खा की ओर िु़िने के
सींकेत ददए गये हैं.
तीसरा: इसिें ननचले पायदान पर िौजद
ू जनसींख्या के 30 प्रनतशत लोगों के पवकास पर गौर
करना.
चौथा: इसिें पोषण, आवास, पेयजल, साफ-सफाई, बबजली और कनेस्क्टपवटी आदद घटकों के
आधार गरीबी की पहचान सनु नस्श्चत की जाएगी.
आींक़िे क्या कहते हैं?
• सींयुक्त राष्र पवकास कायथक्रि यानी UNDP द्वारा जारी िल्टी डायिें शनल पावटी इींडेक्स-2018
के िुताबबक, 2005-06 से लेकर 2015-16 के बीच भारत िें 27 करो़ि से ज़्यादा लोग गरीबी
से बाहर आ गए हैं।
• इसे एक अच्छे सींकेत के रूप दे खा जा रहा है ।
• साल 2011 की जनगणना के आधार पर दे श की क़रीब 22 फीसदी आबादी गरीबी रे खा के
नीचे जी रही है ।
• ये भारत सरकार का आगधकाररक आींक़िा है ।
• वल्डथ इनइक्वैमलटी लैब के िुताबबक़ भारत िें िहज़ 1 फीसदी लोगों की आय साल 1980 से
2019 के बीच छह फीसदी से बढ़कर 21 फीसदी हुई है ।
• इस आधार पर ये कहा जा सकता है कक ग़रीबी कि होने के साथ-साथ आगथथक असिानता िें
बढ़ोत्तरी हुई है ।
• आपको बता दें कक वल्डथ इनइक्वैमलटी लैब दनु नया के अलग अलग दहथसों िें आगथथक असिानता
पर शोध करने वाली एक सींथथा है ।
• वक़्त के साथ गरीबी िें किी तो आयी है लेककन ग्रािीण क्षेरों िें गरीबी िें किी की दर अभी
भी धीिा ही है ।
• शहरी क्षेरों की 13.7% के िक़
ु ाबले ग्रािीण भारत की लगभग 26% आबादी गरीब है ।
ग़रीबी के कारण
सािान्य तौर पर बताए जाने वाले कारण
• जनसींख्या पवथफोट
• सीमित सींसाधन
• सम्बींगधत सींथथाओीं की अक्षिता
• भ्रष्टाचार
• अमशक्षा
• ग़ल
ु ािी का असर
असल कारण
• लोग ग़रीब इसमलए हैं क्योंकक उन्हें पवकल्प चुनने की पूरी आगथथक आज़ादी नहीीं है।
• हिारे यहााँ ग़रीबी की असल प्रकृनत क्या है , इसी की सिझ नहीीं है ।
• ग़रीबी राजनीनत का िुद्दा बनकर रह गई है । कोई भी राजनीनतक पाटी इस 'िुद्दे ' को पूरी
तरह ख़र्ति नहीीं करना चाहती।
• उदासीन राजनीनतक और सािास्जक ढााँचे िसलन जानत और धिथ के बींधन।
• सींसाधनों का पूरी तरह से दोहन न हो पाना।
• कृपष िें कि उर्तपादकता।
• तब से इसका उपयोग 100 से अगधक पवकासशील दे शों िें तीव्र गरीबी को िापने के मलए ककया
जाता है ।
• ग्लोबल MPI प्रनतवषथ UNDP और OPHI द्वारा जारी ककया जाता है और पररणाि उनकी वेबसाइट
पर प्रकामशत होते हैं।
सींकेतक
• नीनत आयोग (NITI Aayog) की ररपोटथ के अनुसार, 10 सींकेतकों के तहत प्रगनत का अनुिान लगाता
है
✓ पोषण
✓ बाल िर्तृ यु दर
✓ थकूली मशक्षा
✓ पवद्यालय उपस्थतगथ
✓ खाना पकाने का ईंधन
✓ थवच्छता
✓ पीने का पानी
✓ बबजली
✓ आवास सींपपत्त
वैस्श्वक थतर पर
• MPI को पव
ू ,थ िध्य और दक्षक्षण एमशया, यरू ोप, लैदटन अिेररका और कैररबबयन, उप-सहारा अफ्रीका
और प्रशाींत के 75 दे शों से दे खा गया।
• यह ररपोटथ पाींच अरब लोगों को कवर करने वाली बहुआयािी गरीबी िें वैस्श्वक रुझानों की एक
व्यापक तथवीर प्रदान करने के मलए थी।
• ररपोटथ िें पाया गया है कक चार दे शों भारत आिेननया, ननकारागुआ और उत्तरी िैसेडोननया ने 5.5
से 10.5 वषों िें अपने MPI को आधा या अगधक घटा ददया है ।
वैस्श्वक पररदृश्य
• ररपोटथ के िुताबबक, 1 करो़ि 30 लाख लोग बहुआयािी गरीबी िें रहते हैं। वैस्श्वक MPI िें
थवाथ्य, मशक्षा और रहने की स्थथनत का आकलन करने के मलए इथतेिाल ककए जाने वाले दस
िें से कि से कि पाींच िीदरक 80 प्रनतशत से अगधक वींगचत हैं।
• बहुआयािी गरीबी का बोझ 18 वषथ से कि उम्र के बच्चों पर भारी प़िता है , जो बहुसींख्यक
वींगचतों िें से आधे का प्रनतननगधर्तव करते हैं।
• 2000 और 2019 के बीच 75 िें से 65 दे शों ने सवेक्षण िें अपनी बहुआयािी गरीबी दर को
काफी हद तक कि ककया।
टीका
• 10 दे शों िें 60 प्रनतशत बच्चे दटकारदहत है । डीटीपी 3 के मलए टीकाकरण नहीीं ककए गए
लगभग 40 प्रनतशत बच्चे चार दे शों भारत, नाइजीररया, पाककथतान और इींडोनेमशया िें रहते थे।
भारत िें गरीबी
• ररपोटथ के अनुसार, अध्ययन ककए गए 75 दे शों िें से 65 ने अपने MPI िूल्य को कि कर ददया
है और 50 दे शों ने गरीबी िें रहने वाले लोगों की सींख्या को भी कि कर ददया है।
• भारत िें लगभग 273 मिमलयन लोग बहुआयािी गरीबी से बाहर ननकल चुके हैं। इसिें यह भी
कहा गया है कक तीन दक्षक्षण एमशयाई दे श भारत, बाींग्लादे श और नेपाल अपने MPI िूल्य को
कि करने के मलए 16 सबसे तेज दे शों िें से एक थे। जुलाई 2019 िें जारी वैस्श्वक बहुआयािी
गरीबी सूचकाींक (MPI) 2019 से तैयार ककए गए थे।
• थटडी के ित
ु ाबबक, 2005-06 िें भारत िें 55.1 प्रनतशत लोग बहुआयािी गरीबी के अधीन थे,
जो 2015-16 िें घटकर 27.9 प्रनतशत पर आ गया।
• 2015-16 तक अभाव की तीव्रता 43.9 प्रनतशत थी, जबकक गींभीर बहुआयािी गरीबी के तहत
जनसींख्या 8.8 प्रनतशत थी।
• थटडी के अनुसार, भारत िें 37.7 करो़ि लोग 2018 तक बहुआयािी गरीबी के अधीन थे।
बहुआयािी गरीबी और टीकाकरण के बीच सींबध ीं
• ररपोटथ िें बहुआयािी गरीबी और टीकाकरण के बीच सींबध ीं पर भी प्रकाश डाला गया
है । डडप्थीररया, टे टनस, और पटुथमसस (DTP3) टीकों की तीन खरु ाक प्राप्त करने वाले बच्चों के
प्रनतशत का उपयोग इस बात के सींकेत के रूप िें ककया गया था कक ककतने दे श ननयमित
टीकाकरण प्रदान कर रहे थे।
टीका
• ररपोटथ िें यह भी कहा गया है कक अगधक आबादी वाले पवकासशील दे श उच्च प्रनतरक्षण कवरे ज
प्राप्त करने के बावजूद ब़िी सींख्या िें अमशक्षक्षत बच्चों िें योगदान दे सकते हैं।
• ररपोटथ ने भारत को एक उदाहरण के रूप िें उद्धत
ृ ककया जहाीं 2.6 मिमलयन बच्चों को “कि-
टीकाकरण” ककया गया था।
• सािास्जक कारक– आगथथक और वाणणस्ज्यक के अलावा, सािास्जक कारक भी हैं जो भारत िें
गरीबी उन्िूलन िें बाधा हैं। इस सींबध
ीं िें कुछ अ़िचनें वींशानुक्रि, जानत व्यवथथा, कुछ परीं पराओीं
आदद के ननयि हैं।
• राजनीनतक कारक– लगभग दो शतास्ब्दयों के मलए बिदटश उपननवेश और भारत पर शासन ने
भारत की अथथव्यवथथा की प्रकृनत को नक
ु सान पहुींचाया है ।
सरकार के प्रयास
• प्रधानिींरी जन धन योजना: इस योजना के तहत आगथथक रूप से वींगचत लोगों को तिाि पवत्तीय
सेवाएाँ िुहैय्या कराई जाती हैं।
• इसिें बचत खाता, बीिा, ज़रुरत के िुताबबक़ क़ज़थ और पें शन जैसी सेवाएाँ शामिल हैं।
• ककसान पवकास पर योजना: एक तरह का प्रिाण पर होता है , स्जसे कोई भी व्यस्क्त खरीद
सकता है ।
• इसे बॉन्ड की तरह प्रिाण पर के रूप िें जारी ककया जाता है ।
• इस पर एक तय शुदा ब्याज मिलती है ।
• इसके ज़ररए ककसान 1000, 5000 तथा 10,000 रुपए िल्
ू यवगथ िें ननवेश कर सकते हैं।
• इससे जिाकत्ताथओीं का धन क़रीब 100 िहीनों िें दोगन
ु ा हो सकता है ।
• दीन दयाल उपाध्याय ग्राि ज्योनत योजना: ये योजना ग्रािीण क्षेरों को बबजली की ननरीं तर
आपूनतथ दे ने के मलए शुरू ककया गया है ।
• िहार्तिा गाींधी राष्रीय ग्रािीण रोज़गार गारीं टी अगधननयि: इस योजना के तहत दे श भर के गााँवों
िें लोगों को 100 ददनों के काि की गारीं टी दी गई है । ग्रािीण इलाक़ों िें ग़रीबी कि करने िें
ये योजना काफी िददगार साबबत हुई है ।
• प्रधानिींरी आवास योजना: इस योजना का उद्दे श्य 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है ।
इस के मलए सरकार 20 लाख घरो का ननिाथण करवाएगी, स्जसिें 65% ग्रािीण क्षेरों िें हैं।
• राष्रीय िातर्तृ व लाभ योजना: इस योजना के तहत गरीबी रे खा से नीचे की स्जींदगी बसर करने
वाले पररवार की गभथवती िदहलाओीं को लाभ के रूप िें एकिुश्त रामश प्रदान की जाती है ।
• थवच्छ भारत अमभयान: इस अमभयान के तहत 2019 तक यानी िहार्तिा गाींधी की 150वीीं
जयींती तक भारत को थवच्छ बनाने का लक्ष्य ककया गया है ।
• प्रधानिींरी िद्र
ु ा योजना: इस योजना का िख्
ु य उद्दे श्य था पढ़े -मलखे नौजवानों को रोजगार प्रदान
करना।
• आयष्ु िान भारत: इस योजना के ज़ररए 10 करो़ि से ज्यादा पररवारों के लगभग 50 करो़ि लोगों
को िफ्
ु त इलाज मिल सकेगा।
• प्रधानिींरी ककसान सम्िान ननगध: पीएि ककसान योजना के तहत ककसानों को 3 ककश्त िें 6
हजार रुपए की रकि दी जाती है ।
• सभी लोगों की आधारभत ू न्यन
ू ति सेवाओीं की पहुाँच सनु नस्श्चत हो सके इसके मलये ननम्नमलणखत
योजनाओीं को प्रारीं भ ककया गया है :
• प्रधानिींरी जन-धन योजना;
• सभी के मलये आवास योजना;
• प्रधानिींरी जन आरोग्य योजना;
• आयुष्िान भारत।
आजीपवका और कौशल सींबध
ीं ी कायथक्रि:
• प्रधान िींरी फसल बीिा योजना;
• राष्रीय मशक्षुता कायथक्रि;
• राष्रीय ग्रािीण और शहरी आजीपवका मिशन।
Current updates
भारत िें गरीबी की स्थथनत दशाथती VNR ररपोटथ
• हाल ही िें ‘नीनत आयोग’ ने सतत ् पवकास, 2020 को लेकर डडस्जटल िाध्यि से आयोस्जत
सींयक्
ु त राष्र उच्च थतरीय राजनीनतक िींच (United Nations High-level Political Forum-HLPF)
पर दस
ू री ‘थवैस्च्छक राष्रीय सिीक्षा’ (Voluntary National Review-VNR) जारी की है ।
प्रिख
ु बबींद:ु
• VNR सिीक्षा ररपोटथ थवैस्च्छक रूप से दे शों द्वारा थवयीं तैयार की जाती है , स्जसका उद्दे श्य
‘सतत पवकास एजेंडा’ को लागू करने िें मिली सफलताओीं और चुनौनतयों सिेत इस सींबींध िें
प्राप्त सभी अनभ
ु वों को साझा करने की सपु वधा प्रदान करना है ।
• ‘सतत ् पवकास लक्ष्य’- 1 अथाथत गरीबी की सिास्प्त (NO POVERTY) है , स्जसका लक्ष्य गरीबी को
इसके सभी रूपों िें हर जगह से सिाप्त करना है ।
• VNR ररपोटथ िें प्रथतत
ु अनि
ु ान, जल
ु ाई 2019 'बहुआयािी गरीबी सच
ू काींक' (Multidimensional
Poverty Index- MPI) के आधार पर तैयार ककये गए थे।
• छत्तीसगढ़ िें 39.9 प्रनतशत लोग गरीबी रे खा के नीचे हैं, जबकक अींडिान और ननकोबार द्वीप
सिूह िें यह िार 1 प्रनतशत है ।
गरीबी का िदहलाकरण (Feminisation of Poverty):
• गरीबी का िदहलाकरण, पवशेष रूप से ग्रािीण क्षेर की एक और चुनौती है ।
• गरीबी परु
ु षों की तल
ु ना िें िदहलाओीं को अगधक प्रभापवत करती है क्योंकक िदहलाओीं के पास
सींसाधनों तक सीमित पहुाँच होती है , चाहे वह खाद्य और पोषण सींबींधी सुरक्षा हो, या थवाथ्य
दे खभाल और सावथजननक सेवाओीं तक पहुाँच या सींपपत्त िें थवामित्त्व हो।
तीव्र शहरीकरण:
• तीव्र नगरीकरण अपने साथ अनेक आगथथक सींभावाओीं के साथ अनेक चुनौनतयााँ लेकर आया है ।
• आवास, बुननयादी ढााँचे, रोज़गार और अन्य आगथथक अवसरों तथा सेवाओीं िें िाींग-आपूनतथ अींतराल
लगातार बढ़ रहा है ।
िानव सींसाधन पवकास:
• नवीन ज्ञान और प्रौद्योगगकी कौशल, कायथ और रोज़गार की पारीं पररक सींरचनाओीं को बहुत तेज़ी
से बदल रही हैं, अत: मशक्षा और कौशल पवकास को पन ु जीपवत करने की आवश्यकता है ।
• वकथफोसथ का यह दहथसा काफी गरीब है और गरीबी िें जीवन यापन कर रहा है । यदद इन्हें
सींसाधन िुहैया कराए जाएाँ, इनकी आय दोगुनी हो जाए तथा िाींग आधाररत पवकास पर ध्यान
ददया जाए तो शायद दे श से गरीबी ख़र्ति हो सकती है ।
ननष्कषथ:
• भारत को SDG लक्ष्य-1 की प्रास्प्त की ददशा िें अपने प्रयासों को अगधक तेज़ी से चलाने की
आवश्यकता है ।
• SDG लक्ष्य- 1 के तहत लक्ष्यों की प्रास्प्त िें तेज़ी लाने िें ननजी क्षेर, नागररक सिाज और
‘सहकारी सींघवाद’ प्रिुख भूमिका ननभा सकते हैं।
केस थटडी
12 मिमलयन पररवारों के गरीबी उन्िल
ू न का प्रयास
• केंद्र सरकार केंद्रीय ग्रािीण पवकास िींरालय के तहत सींचामलत कौशल आधाररत िनरे गा
(Mahatma Gandhi National Employment Guarantee Act-MGNREGA) योजना के िाध्यि से
लगभग 12 मिमलयन पररवारों के गरीबी उन्िूलन का प्रयास कर रही है ।
• इस पहल के अींतगथत प्रनतवषथ िनरे गा के तहत काि करने वाले 50 मिमलयन पररवारों िें से .4
से .5 मिमलयन पररवारों के एक सदथय को 35-40 ददन का कौशल प्रमशक्षण दे कर उन्हें उप -
कुशल श्रमिक बनाया जाएगा स्जससे वे भपवष्य िें अकुशल श्रमिक न बने रहें ।
• यह प्रमशक्षण िनरे गा के 100 कायथ ददवसों के अधीन ही ददया जाएगा, साथ ही िज़दरू ी के
नुकसान की भरपाई के मलये वज़ीफा (stipend) भी ददया जाएगा।
• यह प्रमशक्षण दीनदयाल उपाध्याय ग्रािीण कौशल योजना (DDU-GKY), राष्रीय ग्रािीण
आजीपवका मिशन (NLRM), बैंकों द्वारा चलाए जाने वाले थवरोज़गार कायथक्रिों, आदद के िाध्यि
से प्रदान ककया जाएगा।
• कािगारों को कृपष पवज्ञान केंद्रों (KVK) से सलींग्न कर फल वाली फसलों को उगाने, कलि बााँधने
(Grafting) और बागवानी करने का प्रमशक्षण ददया जाएगा स्जससे वे िनरे गा के अनतररक्त भी
जीपवकोपाजथन कर सकें।
• इस पहल का उद्दे श्य अगले 5 से 6 वषथ िें िनरे गा के तहत रोज़गार प्राप्त करने वाले 2
मिमलयन पररवारों के कि-से-कि 1 सदथय को उप-कुशल श्रमिक (semi skilled) बनाना और
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