िम भी साधू संत ही हे ) राग :- आजु, सखी! मिन-खंभ िनकट ह र, जहँ गोरस कौ गों री। िनज ितिबंब िसखावत ौ ं िससु, गट करै जािन चोरी।।
ेम उमँिग धीरज न र ौ, तब गट हँ सी मुख मोरी।
सूरदास भु सकुिच िनर ख मुख, भजे कंु ज की खोरी।। ------------------------------------------------------------------ તને આજ થી સરદાર બના યો ….આપડી મંડળી નો …. राग :-भीमपलासी िवचार कर ह र संग ाल । चो र माखन खा सब िमिल बाल।। यह सुनत सब सखा हरषे। हँ िस पर र दे त तारी दे हे ।।
कहाँ तुम यह बु पाई,
ाम चतुर सौ ंह क र नँदराइ।। सूर भु िमिल ाल-बालक। तामलवेदी नाच ही बाल ।। -------------------------------------------------(પાછળ જુ વો ) ાર ે ગોપી પાસે માખણ ચોરી કરવા ય राग :- गोकुल धाम िबरज का वासी का ा न िकशोर कोई कहे िचतचोर कोई कहे ता माखन चोर चोर चोर माखन चोर यही हे माखन चोर .गोकुल धाम