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30 BHK:- ि तीय माखन चोरी (मेरे

िम भी साधू संत ही हे )
राग :-
आजु, सखी! मिन-खंभ िनकट ह र, जहँ गोरस कौ गों री।
िनज ितिबंब िसखावत ौ ं िससु, गट करै जािन चोरी।।

ेम उमँिग धीरज न र ौ, तब गट हँ सी मुख मोरी।


सूरदास भु सकुिच िनर ख मुख, भजे कंु ज की खोरी।।
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તને આજ થી સરદાર બના યો ….આપડી મંડળી નો ….
राग :-भीमपलासी
िवचार कर ह र संग ाल ।
चो र माखन खा सब िमिल बाल।।
यह सुनत सब सखा हरषे।
हँ िस पर र दे त तारी दे हे ।।

कहाँ तुम यह बु पाई,


ाम चतुर सौ ंह क र नँदराइ।।
सूर भु िमिल ाल-बालक।
तामलवेदी नाच ही बाल ।।
-------------------------------------------------(પાછળ જુ વો )
ાર ે ગોપી પાસે માખણ ચોરી કરવા ય
राग :-
गोकुल धाम िबरज का वासी का ा न िकशोर
कोई कहे िचतचोर कोई कहे ता माखन चोर
चोर चोर माखन चोर यही हे माखन चोर .गोकुल धाम

मटकी फोड़ी िजसने हमारी वो और नही ं कोई और


चोर चोर माखन चोर यही हे माखन चोर .गोकुल धाम

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