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Vision Ias Gs 4 Value Addition Material
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तवषय सूची
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1. भूतमका (Introduction)________________________________________________________________________ 3
2.1. प्रमुख शब्दावतलयााँ: तवश्वास, मूल्य, मानदंड, तसद्ांि, नैतिकिा, नीतिशास्त्र __________________________________ 6
3.4. तवश्वबंधि
ु ा संस्तकृति और शहरीकरण के संदभा में नैतिक संघषा ___________________________________________ 21
6.1. मूल्य तवकतसि करने में पररवार, समाज िथा शैक्षतणक संस्तथाओं की भूतमका _________________________________ 27
6.1.1. मूल्य तवकतसि करने में पररवार िथा समाज की भूतमका __________________________________________ 27
6.1.2. मूल्य तवकतसि करने में शैक्षतणक संस्तथाओं की भूतमका ____________________________________________ 28
9. तवगि वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्तट सीरीज में पूछे गए प्रश्न___________________________________________ 33
10. तवगि वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्तट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स स्तटडीज ________________________________ 48
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1. भू तमका (Introduction)
जजमेंट एट नूरम्बगा नामक एक ऐतिहातसक फफल्म में मुख्य नायक प्रधान न्यायाधीश डेन हेवड
ु के
सम्मुख एक ऄजीब करिन पररतस्तथति थी। वह जमानी के चार न्यायाधीशों से संबद् एक मुकदमे की
सुनवाइ करने जा रहे एक न्यायातधकरण के ऄयकयक्ष थे। अर प यह था फक आन चारों न्यायाधीशों ने
तहटलर के नाजी शासन के दौरान कु छ समूहों (यहूफदयों, समलैंतगकों अफद) की बलाि नसबंदी और
जािीय नरसंहार क बढावा देने के तलए ऄपने पदों का ईपय ग फकया था। वहीं दूसरी ओर, यह िका
फदया जा रहा था फक चूंफक न्यायाधीश और तसतवल सेवक कानून नहीं बनािे हैं, बतल्क बस ऄपने देश के
कानूनों क कायाातन्वि करिे हैं, आसतलए ईन्हें दंतडि नहीं फकया जाना चातहए। ऐसे में सवाल यह था फक
क्या सचमुच वे ईक्त ऄन्याय और क्रूरिा के तलए ईत्तरदायी थे, जबफक राज्य मशीनरी का ईनके तवरूद्
भलीभांति ईपय ग फकया जा सकिा था? या 'ऄपने किाव्यों के तनवाहन' का बहाना बस एक पदाा था
तजसके पीछे वे ऄपने नैतिक और कानूनी ईत्तररदातयत्व से पल्ला झा स सकिे थे? खैर ज भी ह , ईधर
शीि-युद् में िीव्रिा अ रही थी, तजसके कारण क इ भी यह नहीं चाहिा था फक जमानी में क इ और
मुकदमा चले, क्योंफक आससे नकारात्मक ल कमि बन सकिा था। ऄिः यह ऄपेक्षा की जा रही थी फक
न्यायातधकरण द्वारा न्यायाधीशों क कारावास का दंड फदए तबना ररहा कर फदया जाएगा। ऄिः
न्यायातधकरण के समक्ष दुतवधा यह थी फक क्या ऄिीि क भूल जाना और ईसे जाने देना सही था या
आस प्रकार के ऄमानवीय कृ त्यों के कायाान्वयन क बढावा देने वाले सभी न्यायाधीशों क दंतडि करना
सही था? मुकदमा यह फदखाने के तलए जारी रहा फक "संकट की तस्तथति में, यहााँ िक फक ऄसाधारण,
करूणावान और समानुभूति रखने वाले ल ग भी कल्पना से परे जघन्य ऄपराध करने से ऄपने अपक
नहीं र क सकिे हैं।" न्यायाधीश हेवुड दबाव के अगे नहीं झुके और मुकदमे में ईसके गुण-द षों के
अधार पर ईन ल गों के तवरुद् सुनवाइ जारी रखने का तनणाय तलया तजनके तवरूद् सरकार द्वारा
प्राय तजि क्रूरिा और ऄन्याय में सचेि भागीदारी का अर प तसद् फकया जा सकिा था।
2005 में ऄफगातनस्तिान में, यू.एस. नेवी सील के एक कमांड माका स लुट्रेल क एक दुतवधा का सामना
करना प सा - “फक क्या ईन तनद ष नागररकों क मार देना चातहए, तजनपर ईनके दल के सातथयों क
यह संदह
े था फक वे ईनके छु पे ह ने का स्तथान बिा देंग,े या ईन्हें जाने देना चातहए”। ऐसी तस्तथति का
सामना करिे हुए, ईसने ईन्हें जाने देने का तनणाय तलया। कु छ घंटों बाद, ईन्हें िातलबान ने घेर तलया
और हमला कर फदया। लुट्रेल बच गया और बाद में ईसने स्तवीकार फकया फक यह प्रेम, तवश्वास और अशा
की ईसकी इसाइ मान्यिाएं थीं, तजन्होंने ईस पल ईसका मागादशान फकया। हालांफक, ईसने यह भी कहा
फक, काश ईसने ऄपने दल के सातथयों की बाि सुनी ह िी और ऄपना तनणाय बदल फदया ह िा। अइये,
ऄब हम जम्मू कश्मीर की एक घटना से आसकी िुलना करें । 2016 में मानवातधकार के गंभीर ईल्लंघन
के एक अर पी मेजर ग ग इ ने पत्थरबाजी करनेवाली भी स से एक व्यतक्त क पक स तलया और
सैन्यक्मयों क खिरा वाले क्षेर से सुरतक्षि रूप से बाहर तनकालने के तलए ईसका मानव ााल के रूप
में ईपय ग फकया। सेना की जााँच में ईन्हें तनद ष िहराया गया, लेफकन यहााँ सवाल यह है फक क्या मेजर
ग ग इ क व्यतक्त के प्राण के ऄतधकार का ईल्लंघन करिे हुए, एक व्यतक्त के जीवन क खिरे में डालने
का ऄतधकार था? ईपर क्त व्णि 2005 एवं 2016 की आन द नों घटनाओं क देखें ि , तनश्चय हीं
लुट्रेल या ग ग इ द्वारा तलए गए तनणायों की ऄंिहीन अल चना की जा सकिी है। लेफकन यह अल चना
िका संगि रूपरे खा में की जानी चातहए। वे मागादशाक कारक क्या थे तजसके चलिे ईन्ह ने ऐसा तनणाय
तलया? पश्च दृति के लाभ के साथ, क्या बेहिर फकया गया ह िा?
सावाजतनक िौर-िरीकों या अचार-तवचार के मायकयम से व्यक्त ह िे हैं। मानदंड समाज में ययवस्तथा
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प्रदान करिे हैं। ईदाहरण के तलए, पारं पररक समाज में, यह एक मानदंड है फक पुर क ऄपने तपिा
के अदेश का पालन करना चातहए और ईसकी आच्छाओं क पूरा करना चातहए।
मानदंडों के ऄनुरूप न चलना दंड क अक्षि करिा है। यह दंड नीचा देखे जाने, ईपहास, डांट-
फटकार, बतहष्कार, प्रायतश्चि अर पण अफद के रूप में ह सकिा है। कानून मानदंडों के तवकास
का ईत्तरविी चरण हैं, जहां समाज ने ऄपने सदस्तयों से ऄपेतक्षि और ऄनापेतक्षि व्यवहार की शिों
क संतहिाबद् फकया है। तवचतलि ल गों पर कानूनी न्यायालय में मुकदमा चलाया जािा है और
िदनुसार दंतडि फकया जािा है। यह यकयान रखना महत्वपूणा है फक फकसी व्यतक्त के तलए, मानदंड
बाह्य रूप से अर तपि ह िे हैं जबफक तवश्वास और मूल्य अंिररक ह िे हैं। मानदंड व्यवहार के
तवतशि मागादशाक हैं जबफक मूल्य के वल ऄप्रत्यक्ष मागादशान प्रदान करिे हैं।
तसद्ांि (Principles)
मूल्य, तवश्वास, नैतिकिा एक व्यतक्त से दूसरे ययतक्त के तलए ऄलग-ऄलग ह िे हैं। नीतिशास्त्र भी
ऄलग-ऄलग समुदायों और संस्तकृतियों में तभन्न-तभन्न ह सकिी है। जबफक, तसद्ांि प्रकृ ति में
सावाभौतमक तनयम या कानून ह िे हैं। तसद्ांि सावाभौतमक सत्य और मानकों, जैस-े तनष्पक्षिा,
सत्यिा, समानिा, न्याय आत्याफद के तवषय में ह िे हैं।
नैतिकिा (Morals)
नैतिकिा क्या सही या क्या गलि है, क्या स्तवीकाया या क्या ऄस्तवीकाया है, आसके संबंध में व्यतक्त या
समूह का तवश्वास है। जहां एक ओर नैतिकिा यह तनधााररि करिा है फक सही अचरण क्या है, वहीं
दूसरी ओर यह व्यतक्तगि फदक्सूचक, व्यतक्तगि चयन भी है। नैतिकिा सदाचरण का तसद्ांि है
तजसका ईपय ग हम मानव चररर की ऄच्छाइ या बुराइ का अकलन करने के तलए करिे हैं।
नैतिकिा अचरण के प्रचतलि मानक हैं ज ल गों क समूह में सहकारी रूप से रहने में समथा बनािे
हैं। ऄतधकिर ल ग नैतिक रूप से काया करिे हैं और सामातजक फदशातनदेशों का पालन करिे हैं।
सही या गलि के प्रति ईदासीन ल गों क नैतिकिा-तनरपेक्ष (amoral) कहा जािा है, जबफक बुरा
कमा करने वाले ल गों क ऄनैतिक (immoral) कहा जािा है।
समय के साथ नैतिकिा पररव्िि ह सकिी है। ऐतिहातसक रूप से, धमा नैतिकिा का महत्वपूणा
स्र ि रहा है। नए ज्ञान के साथ व्यतक्त की नैतिकिा बदल सकिी है। ईदाहरण के तलए,
समलैंतगकिा क ऄप्राकृ तिक माना गया है और आसतलए यह ऄनैतिक कृ त्य है, लेफकन यह ऄब
तवश्व भर में ऄतधकातधक स्तवीकृ ति प्राप्त करिा जा रहा है। कु छ नैतिकिाएं समय और संस्तकृ तियों से
श्रेष्ठ ह िी हैं। ईदाहरण के तलए, स्तवाथापरायणिा क ऄनैतिक माना जािा है, जबफक तनष्िा और
सत्यवाफदिा क नैतिक माना जािा है।
यहााँ यकयान देने वाली बाि यह है फक, चूंफक नैतिकिा सामान्यि: व्यतक्तगि पसंद ह िी है, आसतलए
आसमें वस्तिुतनष्ििा की कमी ह िी है। आस प्रकार, नैतिकिा सुसंगि काया की गारं टी नहीं देिी है।
वास्तितवक व्यवहार के दौरान एक व्यतक्त ऄपनी नैतिकिाओं से तवचतलि ह सकिा है। यहां
वस्तिुतनष्ििा से अशय कृ त्यों में सुसंगििा से है। व्यतक्त तभन्न-तभन्न संदभों में ऄलग-ऄलग चयन
कर सकिा है, जैस-े एक व्यतक्त नकल करने के कृ त्य क ऄनैतिक मान सकिा है, लेफकन जब ईसे
ऄवसर फदया जाए ि वह परीक्षा में नकल कर सकिा है। आसतलए नैतिकिा वह तवश्वास है ज
सही मानी जािी है लेफकन यह ऄतनवाया नहीं फक व्यतक्त ऄपने कृ त्यों में ईसे ऄपनाये। ज बाि
नैतिक रूप से सही ह सकिी है वह वस्तिुतनष्ि रूप से सही नहीं भी ह सकिी है।
तनधााररि फकया जािा है, जैस-े फकसी बहुस्तिरीय आमारि का तनमााण भौतिकी के तसद्ांिों के
अधार पर फकया जािा है। नीतिशास्त्र वह स्तथान है जहां क इ व्यतक्त नैतिक तसद्ांिों के तवषय में
ऄयकययन करिा है। नैतिकिा आस ज्ञान का ऄभ्यास है। आस प्रकार नीतिशास्त्र वे तनयम हैं ज फकसी
समूह (जैस-े डॉक्टरों, वकीलों, पुतलसक्मयों, सांस्तकृ तिक समूह या समाज) के सभी सदस्तयों के
अचरण क तनयंतरि करिे हैं। नैतिकिा वे मानदंड हैं ज क इ व्यतक्त स्तवयं ऄपने तलए स्तथातपि
करिा है। नीतिशास्त्र िथा नैतिकिा द नों क अचरण तनयमों में सतम्मतलि फकया जा सकिा है ,
तजसमें कानून द्वारा दबाव बनाया जा सकिा है। ऄन्यथा, नैतिकिा व्यतक्तगि प्रस्तथापना से संबद्
ह जाएगी तजसकी प्रकृ ति व्यतक्त-तनष्ठ (subjective) ह िी है क्योंफक यह प्रत्येक व्यतक्त के तलए
तभन्न ह िी है। जबफक नीतिशास्त्र, समाज की सामूतहक प्रस्तथापना से संबद् है िथा यह नैतिकिा
की ऄपेक्षा ऄतधक वस्तिुतनष्ठ (objective) है।
नैतिकिा वे तसद्ांि हैं ज फकसी व्यतक्त क फकसी काया की ईपयुक्तिा या ऄनुपयुक्तिा के तवषय में
मागादशान करने में सहायिा करिे हैं। नीतिशास्त्र ईतचि अचरण के तसद्ांि हैं- ऄथााि् फकसी
पररतस्तथति में फकसी व्यतक्त के व्यवहार करने का ईतचि िरीका क्या ह ना चातहए। आस ऄंिर क
स्तपि रूप से हम बचाव पक्ष के वकील के मामले से ज सकर समझ सकिे हैं। एक वकील हत्या क
एक चनदनीय काया समझ सकिा है, तजसके तलए कि र सजा का प्रावधान ह िा है। परं िु बचाव
पक्ष के प्रतितनतध क तनष्पक्ष ह ना प सिा है िथा ईसकी पेशव
े र नीतिशास्त्र ईससे ऄपेक्षा रखिी है
जहां िक ईसकी क्षमिा ह , ईसे ऄपने मुवफिल की रक्षा करनी चातहए, भले ही ईसे ज्ञाि ह फक
ईसका मुवफिल द षी है। प्रत्येक व्यतक्त, यहां िक फक अिंकवादी भी, न्यायालय में एक तनष्पक्ष
जााँच/सुनवाइ के हकदार ह िे हैं, परं िु फकसी कं गारू क टा (गैर-कानूनी न्यायालय) या मॉब जतस्तटस
(भी स िंर का न्याय) के ऄधीन नहीं।
फकसी व्यतक्त के नैतिकिा क नीतिशास्त्र के व्यापक तनयमों द्वारा ऄवगि कराया जा सकिा है। यह
मानना फक च री करना गलि है, लेफकन ह सकिा है फक आस तवचार की ईत्पतत्त दूसरों की तनजी
संपतत्त का सम्मान करने के नीतिपरक तसद्ांि से हुइ ह । द तभन्न-तभन्न गैर-कानूनी कृ त्यों में
संतलप्त एक तसतवल कमाचारी का ईदाहरण लें। ऄपना किाव्य तनभाने के तलए ररश्वि लेना भ्रिाचार
तनवारण ऄतधतनयम के िहि एक ऄपराध है। यह तसतवल सेवा नीतिशास्त्र का ईल्लंघन भी है।
दूसरी िरफ, जहााँ तववाहेत्तर संबध
ं में शातमल ह ना व्यतभचार कानूनों के िहि दंडनीय ऄपराध है,
वहीं यह नैतिक पिन का एक ईदहारण भी है। आसी प्रकार, एक पुतलस ऄतधकारी पर तवचार करें
ज नशीली दवाओं के ईपभ ग में शातमल ह । समाज ऐसे व्यतक्त क ख़राब नैतिकिा वाला व्यतक्त
मानिा है। आसके ऄतिररक्त, कानून एवं व्यवस्तथा क बनाए रखने के तलए तजम्मेदार ऄतधकाररयों
का नशा करना एक ऄनैतिक कृ त्य भी है। आसके ऄतिररक्त, तवभाग से ऐसी गतितवतधयों में ऄपनी
सहभातगिा के तवषय में जानकारी क तछपाना, तवभागीय नीतिशास्त्र का ईल्लंघन भी ह गा। ऄंि
में, कानून के ऄंिगाि प्रतिबंतधि पदाथों का ईपभ ग करना भी गैर-कानूनी कृ त्य है।
एक और ईदाहरण लें। प्रत्येक समाज एक तनतश्चि अचार संतहिा ऄथााि् ऄपने सदस्तयों के तलए
नीतिशास्त्र में तवश्वास कर सकिा है। एक व्यतक्त आनमें से कु छ संतहिाओं से सहमि या ऄसहमि ह
जब हम नीतिशास्त्र के तनधाारकों की बाि करिे हैं ि हम ईन कारकों की चचाा करिे हैं तजन्हें हम
ईस िका संगि ाााँचे में तबिा पाएं। वे कारक ईस रीति या व्यवहार का सृजन करिे हैं तजसके
ऄनुसरण की ऄपेक्षा समाज ऄपने सदस्तयों से करिा है। बहुि सारे कारक आन नैतिक तसद्ांिों के
तनधाारक ह सकिे है, जैसे:
इश्वर और धमा (God and Religion)
इश्वर और धमा से संबंतधि नीतिशास्त्र सावाभौम िथा अदशा नैतिक मानदंडों की वकालि करिे हैं।
धा्मक ग्रंथों में यह ईल्लेख ह िा है फक एक व्यतक्त क कै से व्यवहार करना चातहए िथा समाज क
कै सा ह ना चातहए। ईदाहरण के तलए, आसाइ नैतिकिा पतश्चम में अदशा व्यतक्तगि व्यवहार के
महत्वपूणा स्र िों में से एक है। भारि में ‘राम राज्य’ की ऄवधारणा शासन की एक प्रणाली से कहीं
ऄतधक एक नैतिक समाज से संबतं धि है। धमा अधाररि नीतिशास्त्र के स्र ि क इश्वर (या इश्वरीय
कथन) से संबद् फकया जािा है, जैस–े इश्वर ऐसा कहिे हैं आसतलए यही ऄनुकरणीय है, इश्वर की
आच्छाओं का ऄनुपालन ही ऄच्छे जीवन का मागा है। हालांफक, हमें नीतिशास्त्र क धमा से सम्बद्
कर नहीं देखना चातहए, क्योंफक ईस तस्तथति में नीतिशास्त्र के वल धा्मक ल गों पर ही लागू ह गा।
फकन्िु नीतिशास्त्र ि नातस्तिक व्यतक्तयों के व्यवहार पर भी लागू ह िा है। आसके ऄतिररक्त जब हम
वैज्ञातनक श ध की बाि करिे हैं ि पािे हैं फक धमा के स्र ि मानव िक ही सीतमि हैं। आस प्रकार,
यह संदभा, तस्तथति िथा ऄनुभव पर अधाररि रहा है िथा आसमें रुरट एवं सुधार की भी गुज
ं ाआश
शेष रहिी है।
मानव ऄंिःकरण/ऄंिराात्मा/तववेक िथा ऄंिःप्रज्ञा/ऄंिदृता ि (Human Conscience and Intuition)
आसके समथाकों के ऄनुसार, ज ऄच्छा है वह आसतलए ऄच्छा है फक वह ऄच्छा ही है। आसकी
ऄच्छाइ िथा बुराइ क प्रमातणि फकए जाने या ईतचि िहराए जाने की अवश्यकिा नहीं है। आसके
ऄनुसार ऄच्छाइ िथा बुराइ का पिा ऄंिदृता ियुक्त नैतिक ज्ञान के सहारे लगाया जा सकिा है।
अधारभूि नैतिक सत्य ईस व्यतक्त के समक्ष स्तवयं प्रकट ह जािा है ज ऄपने मन क नैतिक तवषय
पर के तन्िि करिा/करिी है। कृ पया यकयान दें फक ऄंिःप्रज्ञा से युक्त एक व्यतक्त के ऄनुसार नैतिक
सच्चाइ की प्रातप्त युतक्तयुक्त िकों के अधार पर या फकसी ऄज्ञाि भावना के अधार पर नहीं की जा
सकिी। ईनकी ऄनुभूति नैतिक तवषयों पर यकयान के तन्िि करने से ही संभव है। यह ऄनुभूति के
‘ऄहा!’ क्षण की भांति ही है।
ऄंिःकरण िथा ऄंिःप्रज्ञा के मयकय ऄंिर (Difference between Conscience and Intuition):
मनुष्य ऄपने द्वारा ऄ्जि ज्ञान िथा ऄपने जीवन में प्राप्त ऄनुभव के ऄनुसार व्यवहार करिा है।
हमारा चेिन मन पहले फकसी भी तस्तथति का सफक्रय मूल्यांकन करिा है ईसके पश्चाि् तनणाय लेिा
है। हालांफक, हमारा ऄवचेिन मन हमारे सभी पूवा के ऄनुभवों िथा तनणायों का भंडार ह िा है।
यद्यतप, हम ऄपने ऄवचेिन मन क सफक्रयिा से जागृि नहीं करिे हैं, िथातप, लाक्षतणक रूप से
ऄत्यतधक िीव्र गणनाएं हमारे मतस्तिष्क में मौजूद ह िी हैं ज हमें यह बिािी हैं फक क्या करना
चातहए ऄथवा क्या नहीं करना चातहए।
फकसी भी चीज क सहजिा से समझने की क्षमिा क ऄंिःप्रज्ञा (intution) कहिे हैं, आसमें चेिन
िका की अवश्यकिा नहीं ह िी है। हालांफक हमारी ऄंिःप्रज्ञा पूणा रूप से यादृतच्छक (स्तवाभातवक
रूप से) प्रिीि ह िी है, परं िु सदैव ऐसा नहीं ह िा है। ईदाहरण के तलए, एक व्यतक्त फक्रके ट मैच
देख रहा है और वह देखिा है फक जब भी सतचन मुस्तकुरािा है ि वह अईट ह जािा है। ऄगली
बार, यफद वह व्यतक्त सतचन क बल्लेबाजी करिे समय मुस्तकु रािे हुए देख ले, ि संभविया ईसे
यही लगेगा फक ऄब सतचन अईट ह जाएगा। आसी क ऄंिःप्रज्ञा कहिे हैं। हालांफक, यह पूणि
ा ः
यादृतच्छक ह िा है, ज फक हमारे पूवा के ऄनुभवों, ऄवल कनों या ऄन्य द्वारा दी गइ जानकारी पर
अधाररि ह िी है। आसतलए ऄंिःप्रज्ञा में फकसी भी प्रकार का नैतिक तवकल्प शातमल नहीं ह िा है,
यह के वल एक ऄपेक्षा का ही पररणाम है।
ऄंिःकरण (Conscience) वस्तिुिः सही ऄथवा गलि के प्रति एक व्यतक्त की नैतिक समझ ह िी है,
तजसे फकसी व्यतक्त के व्यवहार हेिु एक मागादशाक के रूप में देखा जािा है। यह भी हमारे ऄनुभवों
िथा ज्ञान के भंडार से हीं संचातलि ह िा है। प्रायः आसे तववेक की पुकार के रूप में संद्भि फकया
जािा है। मनुष्य के तववेक की आस पुकार में तवस्तिृि िार्क्रककिा शातमल ह भी सकिी है ऄथवा नहीं,
परं िु यह तस्तथति के ईतचि ऄथवा ऄनुतचि के िौर पर तनणाय देने पर कें फिि ह िी है ऄथााि् आसमें
नैतिक तवकल्प शातमल ह िा है। ऄंिःकरण क स्तवेच्छा से दबाया भी जा सकिा है।
ह सकिा है एक व्यतक्त क ऄपने ऄंिःकरण के तवरुद् क इ कायावाही करनी प से, क्योंफक व्यतक्त क
ऄपने से ईच्च प्रातधकारी के कारण भी ऐसा तवकल्प चुनना प स सकिा है ऄथवा ईसे वांतछि
कायावाही के तवरुद् भय फदखा कर भी ऐसा कराया जा सकिा है । आससे ऄंिःकरण के संकट
(crisis of conscience) का ईद्गम ह िा है।
संस्तकृ ति (Culture)
फकसी व्यतक्त के नैतिक तसद्ांिों पर संस्तकृति िथा तजस देश में वह तनवास करिा या करिी है, का
भी प्रभाव प सिा है। ईदाहरण के तलए, पाश्चात्य संस्तकृ ति व्यतक्त प्रधान प्रिीि ह िी है जबफक
भारिीय संस्तकृति सावाभौतमकिा िथा बहुलवाद के मूल्यों पर अधाररि है। सातहत्य िथा ग्रन्थ भी
व्यतक्त के अचरण क प्रभातवि करिे हैं। ईदाहरण के तलए – वैफदक सातहत्य, बौद् सातहत्य
आत्याफद।
समाज (Society)
फकसी भी समाज में ल ग वस्तिि
ु ः नैतिक मानदडडों क ही स्तवीकार करिे हैं। िथातप हमें नैतिकिा
क समाज के स्तवीकृ ि मान्यिाओं के अधार पर नहीं परखना चातहए क्योंफक एक समाज नैतिकिा
से पथभ्रि भी ह सकिा है। सम्पूणा समाज या आसका एक ब सा भाग नैतिक रूप से भ्रि भी ह
सकिा है। ईदाहरण के तलए, नाजी जमानी िथा स्तटातलन के समय के रूस ने ऄपने नागररकों पर
रहन-सहन के ख़ास मानदडड अर तपि फकए िथा ईन्हें ईन तसद्ांिों के बारे में तवश्वास फदलाने की
चेिा भी की गयी। समाज के प्रभावशाली वगा की स्तवीकृ ति के कारण ही भारि में जाति प्रथा
हजारों वषों से चलिी अ रही है। आसके ऄतिररक्त ऐसे बहुि से तवषय हैं तजन पर सामातजक
सहमति नहीं बन पािी। ऄिः नीतिशास्त्र क हमेशा समाज के स्तवीकृ ि मान्यिाओं से ज सकर नहीं
देखा जा सकिा।
पररवार, तशक्षक िथा जीवन के ऄनुभव (Family, Teachers and life experiences)
मािा-तपिा, पररवार िथा तशक्षक एक बच्चे की मूल्य प्रणाली क अकार देिे हैं। ईनके व्यवहार,
अचरण िथा तशक्षाओं के ऄनुसार बच्चों के जीवन के मागा तनधााररि ह िे हैं। वस्तिि
ु ः सामान
पररवार में सामान धमा, रीति-ररवाजों िथा परम्पराओं का पालन फकया जािा है। यद्यतप कु छ ल ग
ऄपने मािा-तपिा के तवश्वासों, धारणाओं िथा तवचारों से स्तवयं क मुक्त कर ऄपनी आच्छानुसार
ऄपने तसद्ांिों के समुच्चयों का चयन करिे देखे जािे हैं। ईदाहरण के तलए, क इ बालक स्तवयं िथा
से संबंतधि तवतधयााँ दासप्रथा क ऄनैतिक घ तषि करिी हैं। दूसरी ओर, दासप्रथा क प्रतिबंतधि
कर सबक समान ऄतधकार देने वाली तवतधयााँ सही मायने में तवतध िथा नीतिशास्त्र की सुसग
ं ििा
क प्रद्शि करिी हैं। (तवतध िथा नीतिशास्त्र के बीच संबंधों का तववरण पहले ही तवस्तिार से फदया
जा चुका है।)
नेित्ृ व (Leadership)
फकसी समाज, संगिन या देश का नेिृत्व यह तनधााररि करने में सहायिा करिा है फक ईसके
ऄनुयाआयों या प्रशंसकों का अचरण नैतिक है या नहीं। ईदाहरण के तलए, भारिीय ल किांतरक,
ईदार, पंथ-तनरपेक्ष िथा सतहष्णुिापूणा परम्पराएं हमारे पूवज
ा ों िथा अधुतनक भारिीय समाज के
तनमाािाओं के द्वारा हमें प्रदत्त एक ईपहार है। हालांफक, नेित्ृ व के भी ऄनैतिक अचरणों में तलप्त
ह ने की संभावनाएं ह िी हैं। लेफकन यह स्तवयं नेिृत्वकिााओं के गुणों पर तनभार करिा है। आस
प्रकार, नेिृत्वकिााओं के ऄनुसरण का ऄथा सदा नैतिक ह ना ही नहीं ह सकिा।
दशान या दाशातनक मान्यिाएं (Philosophies)
तभन्न-तभन्न दाशातनक िथा तचन्िक ऄलग-ऄलग नैतिक तसद्ांिों क मानने वाले ह िे हैं।
ईदाहरणस्तवरुप, एक पररणामवादी (consequentialist) के तलए फकसी कायावाही में नीतिशास्त्र
का तनधाारण ईसके पररणामों के अधार पर ह िा है, जबफक फकसी किाव्यवादी (किाव्य-परक)
(deontologist) के तलए यह स्तवयं ईस कृ त्य की प्रकृ ति पर तनभार ह िा है। आस प्रकार, फकसी
व्यतक्त के नैतिक मूल्य वस्तिुिः ईसके बौतद्क तवकास के दौरान ईसके संपका में अए दाशातनक
मान्यिाओं के द्वारा प्रभातवि होंगे।
संतवधान (Constitution)
तवतभन्न देशों का संतवधान भी ईनके समाज की नैतिक प्रवृतत्त क स्तथातपि करने का एक िरीका है।
ईदाहरण के तलए – जहााँ ऄतधकांश देशों के संतवधान में समानिा, जवाबदेही और ल किांतरक
मूल्य प्रतिचबतबि ह िे हैं, वहीं कु छ देशों के संवैधातनक ाााँचे में तनरं कुशिा, ऄति हस्तिक्षेप और गैर-
सहभातगिापूणा मूल्य प्रतिचबतबि ह िे हैं।
चूंफक तवतध, समाज, धमा अफद नैतिक मागा से भटक सकिे हैं, आसतलए ययतक्ि क ऄपने नैतिक
मानकों का तनरं िर परीक्षण करने की अवश्यकिा ह िी है, तजससे यह सुतनतश्चि फकया जा सके फक
वे ईतचि और ऄच्छी िरह से स्तथातपि हैं। नैतिक बनने के तलए ऄपने नैतिक तवश्वासों और ऄपने
नैतिक अचरणों का तनरं िर ऄयकययन करने और यह सुतनतश्चि करने के तलए प्रयासरि रहने की
अवश्यकिा ह िी है फक हम ऄपनी फदनचयााओं में आसका पालन करें । आसतलए व्यतक्त स्तवयं
नीतिशास्त्र के सबसे महत्वपूणा तनधाारकों में से एक है, जैस-े हर ययतक्त फकसी तनद ष की हत्या,
गभापाि करने या बाल श षण क ऄनैतिक मानिा है या ईसके प्रति गहन ऄंिब ध रखिा है।
यफद हम नैतिक मुद्दों क संब तधि करने के कौशल क महत्ता दें ि आन्हें सीख और तवकतसि कर
सकिे हैं। अवश्यकिा आस बाि की है फक हम नैतिक समस्तयाओं से ययवहार करने की ऄपनी पद्ति
क ऄपने द्वारा सामना की जाने वाली तवतशि तस्तथतियों हेिु सवाश्रेष्ठ कायाप्रणाली तवकतसि करने
की तनरं िर जारी रहने वाली प्रफक्रया के रूप में देखें। आसके तलए अवश्यकिा यह ह िी है फक हम
(Consequences of Ethics)
नीतिशास्त्र के पररणाम का ऄथा नैतिक तसद्ांिों द्वारा तनदेतशि मानवीय
गतितवतधयों/कायावातहयों/फक्रयाकलापों के पररणाम से है। आसका ऄथा यह है फक क इ गतितवतध
(फक्रयाकलाप/कायावाही) फकिनी ऄच्छी या बुरी थी, आसका तनधाारण ईसके पररणाम करिे हैं।
फकसी भी कायावाही के पररणाम क ईक्त कायावाही के पररणामस्तवरूप ह ने वाले मानवीय सुख,
दुख, पी सा, खुशी अफद से मापा जा सकिा है। मानवीय फक्रयाकलाप/कायावाही के पररणाम फकसी
ययतक्त क कु छ चीजें करने या नहीं करने के तलए प्रेररि या तनषेध करिे हैं। ईदाहरण के तलए–
मािा-तपिा ऄपने बच्चों क ईपहारों का लालच देकर करिन पररश्रम करने के तलए प्रेररि करिे हैं।
मानवों में सामान्य रूप से ऄपनी कायावातहयों के मायकयम से ऄपना अनंद बढाने की प्रवृतत्त ह िी
है। लेफकन, कु छ ल ग दीघाकातलक पररणामों का तवचार फकए तबना ऄल्पकातलक सुख क वरीयिा
देिे हैं जबफक कु छ ल ग भतवष्य में दीघाकातलक अनंद सुतनतश्चि करने के तलए ऄस्तथायी दुख झेलने
क वरीयिा देिे हैं। ईदाहरण के तलए– क इ व्यतक्त स्तवास्तथ्य लाभों की ऄनदेखी करिे हुए ऄत्यतधक
मीिा खाने की ऄपनी प्रवृतत्त क संिुि कर सकिा है या ऄपनी स्तवाद ल लुपिा के वशीभूि ह
सकिा है, तजससे भतवष्य में ईसक दुख झेलना प स सकिा है। ऄन्य ययतक्त भतवष्य में र गमुक्त
जीवन सुतनतश्चि करने के तलए तनयतमि रूप से व्यायाम कर सकिा है और अत्म संयम का
ऄभ्यास कर सकिा है।
लेफकन, मानवीय कायावातहयों के पररणामों का ऄनुमान लगाना करिन है।
कृ पया यकयान दीतजए फक “पररणामवाद” (Consequentialism) ‘नीतिशास्त्र के पररणाम’ का
के वल एक भाग मार है। पररणामवाद एक नैतिक तसद्ांि है तजसका यह कहना है फक फकसी
कायावाही क ईस ऄवस्तथा में नैतिक माना जाना चातहए यफद आसके फलस्तवरुप ऄच्छे पररणाम
ईत्पन्न ह िे हों।
नैतिक तसद्ांि क्या है? यह एक दाशातनक तसद्ांि है ज हमें नैतिक तनणाय के ऄनुशीलन
(व्यवहार) क समझने, समझाने और संभवि: मागादशान करने का प्रयास करिा है। नैतिक तसद्ांि
व्यतक्तयों, समाज या संस्तकृ तियों के नैतिक तवश्वासों का के वल वणान मार नहीं है। नीतिशास्त्र पर
तवचार करने वाला एक व्यतक्त तनम्नतलतखि प्रश्नों के ईत्तर देने का प्रयास करिा है:
A. नैतिकिा की प्रकृ ति और ईसकी तस्तथति (The very nature and status of morality):
क्या नैतिकिा वही है तजसकी बाि धमा (या इश्वर) करिा है? या यह तनयमों का एक ऐसा
समुच्चय है तजसे मनुष्य ने ऄपने पारस्तपररक तहिों क पूरा करने हेिु ऄपने तलए ऄतभकतल्पि
फकया है? ि ऐसे में सवाल यह है फक फफर, नीतिशास्त्र, आसकी पररभाषा और आसकी पररतध
वास्तिव में क्या है?
B. नैतिक तनणाय की प्रकृ ति और ईसका ऄथा (The nature and meaning of moral
judgments): क्या नैतिक तनणायों की प्रकृ ति के वल भावनात्मक ह िी है ऄथााि् क्या वे
ईतचि और िका संगि ह ने के बजाये के वल हमारी भावनाओं और आच्छाओं क व्यक्त करिे हैं?
क्या नैतिक तनणायों क सावाभौतमक रूप से सत्य या ऄसत्य के रूप में वगीकृ ि फकया जा
सकिा है या फफर वे के वल संदभा पर तनभार ह िे हैं? ईदाहरण के तलए, यह सुतवख्याि है फक
प्रश्न)। यह नैतिक तसद्ांिों के ईद्भव और ऄथा का ऄन्वेषण करिा है। ईदाहरण के तलए, जब हम जैव-
नीतिशास्त्र (bioethics) की बाि करिे हैं, ि ऄतधनीतिशास्त्र सही या गलि के प्रश्नों का ईत्तर नहीं
देगा। बतल्क यह चचाा की जा रही समस्तया के मूलभूि ऄथा एवं प्रकृ ति क पररभातषि करने का प्रयास
करिा है। यहााँ यह परीक्षण करे गा फक ‘यह पूछने का ऄथा क्या है फक क्या जेनरे टक ररसचा नैतिक रूप से
स्तवीकाया हैं या नहीं?’ ‘जेनेरटक आंजीतनयररग के नैतिक स्तवरूप का तनधाारण करने में हमें फकन स्र िों पर
कायावाही की नैतिकिा का तनधाारण ईसके पररणामों, पररणति या फलों से फकया जािा है। फकसी
कायावाही के पररणाम तजिने ऄच्छे ह िे हैं, वह कायावाही ईिनी ऄच्छी मानी मानी जािी है।
ईपय तगिावाद (Utilitarianism) आसका एक रूप है। यह कहिा है फक ल गों क ईपय तगिा में
वृतद् करनी चातहए। आसे मानव कल्याण या भलाइ के रूप में मापा जा सकिा है। सुखवाद
(hedonism) में यह कहा जािा है फक ल गों क ऄपने सुख में वृतद् करनी चातहए। आस प्रकार,
आनके ऄनुसार, ज कायावातहयााँ सुख या कल्याण में बढ त्तरी करिी हैं और कि या पी सा में कमी
करिी हैं वे नैतिक हैं।
किाव्यवादी/किाव्यतवज्ञान/किाव्य-परकिावादी दृतिक ण (Deontological approach): आस
क्योंफक वे सही हैं और गलि काया से दूर रहना चातहए क्योंफक वे गलि हैं। कु छ कृ त्य ऄपने अप ही
ऄनैतिक ह िे हैं, जैस-े ल गों की हत्या करना, च री करना, झूि ब लना अफद। प्राकृ तिक ऄतधकार
तसद्ांि (Natural Rights Theory) (थॉमस हॉब्स और जॉन लॉक द्वारा सम्थि) यह मानिा है
फक मनुष्य क तनरपेक्ष प्राकृ तिक ऄतधकार प्राप्ि हैं। सावाभौतमक ऄतधकार के ऄथा में ये नैतिकिा
की प्रकृ ति में तनतहि हैं और मानव कायों या तवश्वासों पर तनभार नहीं हैं। ये ऄंििः ऐसे ऄतधकारों
के रूप में तवकतसि हुए हैं तजन्हें हम अज मानव ऄतधकार कहिे हैं। आमैनुएल काडट का तनरपेक्ष
अदेश (Categorical Imperative), नैतिकिा की ज स क मानविा की िका संगि क्षमिा मे
तनतहि करिा है और कु छ ऄनुल्लंघनीय नैतिक कानूनों का दावा करिा है। काडट का यह तनरूपण
किाव्यवादी है और वह िका प्रस्तिुि करिा है नैतिक रूप से सही काया करने हेिु ल गों क किाव्य
भावना के ऄनुसार काया करना ह गा और काया करने वाले ययतक्त के प्रय जन (अशय/नीयि) ही
ईसे सही या गलि बनािे हैं, कायों के पररणाम नहीं। सरल रूप से कहा जाए ि तनरपेक्ष अदेश
समान पररतस्तथतियों में सदैव समान अचरण करे गा। सगुगुण नीति-शास्तर न के वल व्यतक्तगि
कायावातहयों की ईपयुक्ििा और ऄनुपयुक्ििा की समस्तया का समाधान करिा है, ऄतपिु यह ऐसी
तवशेषिाओं और व्यवहारों के प्रति मागादशान भी प्रदान करिा है ज ऄच्छा ययतक्त प्राप्ि करने का
प्रयास करे गा। आस प्रकार, आसके ऄनुसार, ऄच्छे समाज का तनमााण करने के तलए ल गों क
सच्चररर बनने में सहायिा की जानी चातहए। यद्यतप गुणों की सूची में समय के साथ पररविान
(prescriptive rules) क ऄस्तवीकार करिा है। आस दृतिक ण के ऄनुसार सही और गलि वस्तिुिः
पररतस्तथति पर तनभार करिा है क्योंफक क इ भी सावाभौतमक नैतिक तनयम या ऄतधकार नहीं है।
आस प्रकार, प्रत्येक पररतस्तथति तवतशष्ट ह िी है और तवतशष्ट हल के पार ह िी है।
इश्वर क ईत्तरदायी िहराया जािा है, ऄथााि् नैतिक तनयमों का एकमार स्र ि इश्वर है। आसके
ऄनुसार इश्वरीय कथन नैतिक हैं। आस प्रकार, ऄपने जीवन में नैतिक ह ने का ऄथा है - इश्वरीय
वास्तितवक जीवन की पररतस्तथतियों में लागू करने का प्रयास करिा है, जैसे फक यह तववादास्तपद तवषयों,
सामान्यि: क्या (पहला प्रश्न) पर तवचार फकया जाना चातहए। ऄभी हमारे ज दातयत्व हैं, ईनसे
तनपटने के तलए, पहले सामान्यि: आस बाि पर तवचार करना अवश्यक माना जािा है फक ये हमारे
किायय क्या हैं। ईदाहरण के तलए, क्या हमारा पयाावरणीय दातयत्व विामान समय में तवश्व में रहने
वाले मनुष्यों के प्रति है या भतवष्य की पीफढयों के तलए है या पाररतस्तथतिकी िंर की देख-भाल
करने के संदभा में फकसी भी मानवीय लाभ से तनरपेक्ष, स्तवयं पयाावरण के तवतभन्न घटकों के तनतमत्त
है? ऄलग-ऄलग नैतिक दृतिक ण आस मूलभूि प्रश्न का तनिांि तभन्न-तभन्न ईत्तर देिे हैं और आसने
तनिांि तभन्न पयाावरणीय नीतिशास्त्र के ईद्भव का मागा प्रशस्ति फकया है।
पाररतस्तथतिकीय मूल्य भारिीय परं परा के ऄंग रहे हैं जहां मानव जाति के प्रति ऄपनी सेवाओं के
तलए प्रकृ ति क पूणा सम्मान फदया गया था। बाबा अम्टे जैसे तवतभन्न पयाावरणतवदों ने भी
पाररतस्तथतिकीय संिुलन और वन्यजीव संरक्षण के संबंध में जागरूकिा फै लाइ। ईनका मानना था
फक मनुष्य क प्रकृ ति के साथ सामंजस्तय स्तथातपि कर रहना चातहए, न फक प्रकृ ति का श षण करके ।
ईन्होंने ल गों क संधारणीय तवकास का प्रतिमान ऄपनाने के तलए प्रेररि फकया ज मानव जाति
और प्रकृ ति द नों के तलए लाभप्रद ह गा। कु छ पाररतस्तथतिकीय मूल्य आस प्रकार हैं:
o संधारणीयिा: यह सुतनतश्चि करने के तलए कदम ईिाए जाने चातहए फक हम प्रदूषण के स्तिर
क कम करें और प्राकृ तिक संसाधनों के ऄपयययपूणा ईपभ ग में कमी लाएाँ।
o सह-ऄतस्तित्व: आसके ऄंिगाि पौधों और वन्यजीवों के साथ सह-ऄतस्तित्व िथा ईनसे मनुष्य के
समान ययवहार करने की बाि की गयी है।
o संरक्षण: प्राकृ तिक तवकल्प ाू ंाकर संसाधनों क संरतक्षि करने पर बल।
o पयाावरण-कें फिि: नैतिक तसद्ांिों क मनुष्य और ईसकी अवश्यकिाओं के चारों ओर ही नहीं
बतल्क पयाावरण और ईसकी अवश्यकिाओं के चारों ओर भी यकयान कें फिि करना चातहए।
o सामूतहकवाद के साथ-साथ व्यतक्तवाद (Collectivism as well as individualism): यह
व्यतक्तगि मानवीय फक्रयाकलाप/कायावाही के महत्व क मान्यिा प्रदान करिे हुए संरक्षण
सुतनतश्चि करने के तलए सामूतहक प्रयास की बाि करिा है।
o समग्रिा (Holistic): पयाावरण का समग्र रूप से संरक्षण फकया जाना चातहए, न फक टु क सों
और भागों में तजसका पररणाम संरक्षण के प्रयासों की बबाादी ह िी है।
व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र वस्तिुिः व्यावसातयक माहौल में लागू ह ने वाले नैतिक तसद्ांिों के
समुच्चय क तनरूतपि करिा है। यह फकसी संगिन की सभी गतितवतधयों और व्यतक्तयों पर लागू
ह िा है। कइ फमें ऄपने संगिन में तनय तजि ल गों के कायों का मागादशान करने के तलए तवस्तिि
ृ
अचार संतहिा तवकतसि करिी हैं। आस प्रकार, व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र क आन अचार
संतहिाओं की सामग्री और प्रभावशीलिा का ऄयकययन कहा जा सकिा है।
व्यापाररक संस्तथाएं तजन गतितवतधयों में संलग्न ह िी हैं, ईनके प्रति ईनका नैतिक ईत्तरदातयत्व
ह ना चातहए। ईदाहरण के तलए - ऄपने कमाचाररयों से ऄच्छा ययवहार करने का ईत्तरदातयत्व,
तजस पयाावरण से वे संसाधन प्राप्ि करिे हैं ईसके प्रति सम्मान का ईत्तरदातयत्व, ईपभ क्ताओं पर
ऄपने ईत्पाद के प्रभाव के प्रति ईत्तरदातयत्व अफद। कॉप रे ट प्रतिष्ठा कॉप रे ट के संचालन में
ऄपनाइ गइ नैतिकिा के स्तिर पर तनभार करिी है। व्यापार में नैतिक ययवहार के कु छ ईदाहरण आस
प्रकार ह सकिे हैं:
o दूसरों क ध खा देन,े छल करने या चालाकी से काम तनकालने के तलए प्रल तभि न ह ना।
o बाजार और संगिनों की रचना करने वाले कानूनों और तवतनयमों का भावना के साथ-साथ
ऄक्षरश: पालन करना।
चूंफक, कानून सभी व्यापाररक ययवहारों क ऄच्छाफदि नहीं कर सकिे हैं। ऄिः ऐसे में कानून कइ
बार कु छ बािों क ऄतलतखि छ स देिे हैं, तजसका सदुपय ग/दुरुपय ग फकया जा सकिा है। यहीं
व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र अिा है। जब बाजार बाह्यिाओं या ऄपूणा सूचना के कारण
तवफल ह रहा ह िब फकसी व्यावसातयक/व्यापाररक प्रतिष्ठान क बाजार का श षण नहीं करना
चातहए।
ईपभ क्ताओं के संबध
ं में व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र (Business ethics with respect to
consumers)
ईपभ क्ताओं के साथ ऄपने ययवसाय में फमों क कु छ नैतिक ययवहारों का पालन करना चातहए, जैसे:
स्तवास्तथ्य देखभाल और फामाा अफद जैसी वस्तिुओं एवं सेवाओं के ईत्पादन में आसका ईपभ ग करने
वाले ईपभ क्ताओं की सुरक्षा सुतनतश्चि करने के तलए मानकों क बनाए रखना।
तवज्ञापनों में ईपभ क्ताओं क ईत्पाद का वास्तितवक पररचय देना।
गैर-कानूनी रूप से प्राप्त ऄंगों, दवाओं अफद जैसे ऄनुतचि ईत्पादों की तबक्री नहीं करना। ऐसी
गतितवतधयााँ मानव क के वल लाभ का एक साधन मानिी हैं।
कमाचाररयों के संबध
ं में व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र (Business ethics with respect to
employees)
ऄपने कमाचाररयों से ययवहार करिे समय फमों क तनम्नतलतखि ित्त्वों का यकयान रखना चातहए:
गैर-भेदभाव (Non-discrimination): कमाचाररयों से काम के संबंध में ईनकी य ग्यिा के अधार
पर यथ तचि ययवहार करना चातहए।
कमाचाररयों क ईनके प्रयासों के ऄनुरूप भुगिान करना (Pay commensurate to their
efforts): कमाचारी क संगिन की सफलिा के प्रति ईसके द्वारा फकए गए य गदान के ऄनुसार
भुगिान फकया जाना चातहए।
न ट: व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र के ऄन्य पहलुओं का "कॉप रे ट प्रशासन" शीषाक के ऄंिगाि
तवस्तिार से वणान फकया जाएगा।
प्रबंधन में नीतिशास्त्र के समावेश क नैतिक प्रबंधन कहिे हैं ऄथााि् ययतक्त क प्रबंधन में बुरी
पररपारटयों से बचना चातहए। प्रबंधकीय नीतिशास्त्र वस्तिुिः कायास्तथल पर पररचालन में संलग्न
प्रबंधक के अचरण क तनदेतशि करने वाले मानकों का एक समुच्चय है। आस ईद्देश्य के तलए क इ
भी कानून या तनयम िैयार नहीं फकए गए हैं। आसके बजाए, कं पनी द्वारा ऄपने प्रबंधकों का
मागादशान करने के तलए नीतिशास्त्रीय संतहिाएाँ िैयार की जािी हैं। यह सामान्यि: मूलभूि
अचरण के संबंध में साझा मूल्यों, तसद्ांिों और कं पनी की नीतियों का एक सेट ह िा है िथा
कमाचाररयों, कं पनी और ईसके तहिधारकों के प्रति प्रबंधक के किाव्यों क रे खांफकि करिा है। आनकी
ऄप्रविानीयिा के बावजूद भी, कं पनी की कु छ अचार नीति की ईपेक्षा करने वाले प्रबंधकों से पद
छ सने के तलए कहा जा सकिा है। प्रबंधकीय नीतिशास्त्र के कु छ ईदाहरण- कं पनी की चीजों का
व्यतक्तगि आस्तिम
े ाल न करना, व्यतक्तगि ईपय ग के तलए कं पनी के टेलीफ न या कै ब सेवा का
आस्तिेमाल न करना, तशकायिें व्यक्त करने के तलए ऄपने ऄधीनस्तथों क ईतचि ऄवसर प्रदान करना,
तहिों के संघषा की फकसी भी तस्तथति की पूवा घ षणा करना (जैसे - तवक्रेिाओं से ईपहार स्तवीकार
करना) अफद।
कृ पया यकयान दें: व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र और नैतिक प्रबंधन (प्रबंधकीय नीतिशास्त्र) द नों
में थ सी तभन्निा हैं। व्यावसातयक नीतिशास्त्र वस्तिुिः व्यावसातयक कायावाही से प्रभातवि पक्षों से
जु सा है। यह फकसी ईद्यम के तनणाय तनमााण और कायावाही का एक मानक है। जबफक नैतिक प्रबंधन
कमाचाररयों और ऄन्य तहिधारकों से ययवहार करने में प्रबंधकों के तलए व्यतक्तगि ययवहार के
मानकों के साथ ऄतधक संबंध रखिा है।
यह भी यकयान दें: नीतिशास्त्र का प्रबंधन एक ऄलग तवषय है। नीतिशास्त्र के प्रबंधन का ऄथा वस्तिि ु ः
नैतिक ययवहार के ऄनुपालन हेिु सभी के तलए तसद्ांिों का एक समुच्चय या संतहिा िैयार करने
से है। आसके चलिे एक ययतक्त नैतिक रूप से ऄच्छा तनणाय लेने के तलए तहिों के टकराव और
दुतवधाओं से तनपटिा है, आसी िरह व्यतक्त नैतिक मागा की फदशा में अगे बढने के तलए ऄपने कायों
क तनदेतशि करने और ऄपने ऄंि:करणक क संिुि करने का प्रबंध करिा है।
संसाधनों के तलए संघषा: ल ग तवश्वव्यापी संस्तकृति का ऄनुसरण करिे हुए शहरी क्षेरों में प्रवास
कर रहे हैं। आसके कारण शहरी क्षेरों की जनसंख्या में तवशाल वृतद् हुइ है िथा भूतम, जल,
ऄवसंरचना आत्याफद के संदभा में संसाधनों की कमी देखने क तमली है। आस प्रकार, स्तवच्छ जल िक
ऄतधकांश ल गों की पहुाँच में कमी अइ है, स सकों पर भी स में वृतद् हुइ है िथा कइ ल ग मतलन
बतस्तियों में रहने के तलए तववश हैं।
समाज का सलाद बाईल बनाम मेतल्टग पॉट मॉडल (Salad bowl vs Melting pot model of
society): तवश्वव्यापीकरण के कारण कइ संस्तकृतियों ने ऄपनी पहचान ख दी है और तवश्व की
प्रभुत्वशाली संस्तकृ तियां आन्हें ईत्िर त्िर ऄपने ऄंदर समातवि करिी जा रही हैं।
वैतश्वक बनाम क्षेरीय मूल्य: मेचल्टग पॉट मॉडल के तवर ध में, क्षेरीय और स्तथानीय संस्तकृ तियां
वैश्वीकरण की प्रतिफक्रया के रूप में ऄपनी संस्तकृति पर मजबूिी से दावा कर रही हैं।
सांस्तकृ तिक तवतवधिा बनाम सांस्तकृतिक टकराव: आन क्षेरों में ईपलब्ध ऄवसर तवतभन्न पृष्ठभूतम और
संस्तकृ तियों के ल गों क यहां लािे हैं और ईन्हें आनके संपका में अने में सक्षम बनािे हैं। लेफकन कभी-
कभी आस तवतवधिा से संघषा ह िा है जब कु छ ल ग नइ संस्तकृति के तलए खुले नहीं ह िे हैं।
द नों के मयकय क इ द्वैि संबंध नहीं ह सकिा, क्योंफक नैतिकिा एक सगुगुण जीवन क बढावा देिी
है। ऄिः यह द नों के तलए समान रूप से लागू ह िी है। एक व्यतक्त ज ऄपने सावाजतनक जीवन में
ऄनैतिक है, ईससे शायद ही ऄपने तनजी जीवन में नैतिक ह ने की ऄपेक्षा की जा सकिी है िथा
आसी प्रकार ज व्यतक्त ऄपने तनजी जीवन में ऄनैतिक है, ईससे शायद ही ईसके सावाजतनक जीवन
में नैतिक ह ने की ऄपेक्षा की जा सकिी है। तजस िरह से एक तसतवल कमाचारी ऄपने पररवार में
मतहलाओं के साथ व्यवहार करिा है, ईससे हम ऄनुमान लगा सकिे हैं फक वह ऄपने मतहला
सहक्मयों के साथ कै से व्यवहार करिा ह गा या फफर हम यह भी ऄनुमान लगा सकिे हैं फक ईसके
द्वारा कायाातन्वि नीतियां चलग तनरपेक्ष हैं या नहीं। यफद हम महान व्यतक्तत्वों के ईदाहरण लें ि
हम पाएंगे फक ईनके , ऄपने सावाजतनक एवं तनजी जीवन क अाँकने के समान मानदंड थे, ईदाहरण
सुधार ह सके । आस प्रकार आस मामले में, कु छ स्तिर िक, जैसे जैसे वे द नों ऄपनी बािों क साझा
करना अरं भ करिे हैं, ईनके मयकय संबंध तनजी ह िे जािे हैं।
यह बहुि महत्वपूणा है फक व्यतक्तगि िथा पेशेवर नीतिशास्त्र के मयकय क इ मिभेद नहीं ह क्योंफक
यह कु छ ल गों के तवचारों में तनराशा, ऄपराध या भ्रम एवं तवसंगति का कारण ह सकिा है। ये
द नों ही एक दूसरे क अकार देिे हैं िथा ईन्हें मजबूिी प्रदान करिे हैं। व्यतक्तगि तवकास के तलए,
ईन्हें एक दूसरे के समनुरूप ह ना चातहए। परं िु ऄत्यतधक समनुरूपिा तवचारों िथा पररविानों की
तनश्चलिा का कारण बन सकिी है, ईदाहरण के तलए - यफद सावाजतनक सेवाओं मे लगा क इ भी
व्यतक्त सुधार के तलए ईन्मुख नहीं ह गा िथा विामान समाज के समनुरूप ही रहेगा, ि सामातजक-
सांस्तकृ तिक पररविानों क लाना करिन ह गा।
हालांफक, सावाजतनक जीवन में नैतिकिा का ऄतधक महत्व है िथा सावाजतनक जीवन में आसकी
मांग भी ह िी है क्योंफक सावाजतनक जीवन में अप सदैव ऄपनी व्यतक्तगि नैतिकिा का ऄनुसरण
नहीं कर सकिे हैं। ईदाहरण के तलए – तनजी िौर पर अप गभापाि क नैतिक रूप से गलि मान
सकिे हैं, परं िु यफद अप एक डॉक्टर हैं, ि अपक ऄपने पेशेवर नैतिकिा का ऄनुपालन करिे हुए
अपक कइ बार गभापाि में संलग्न ह ना प सिा है। आस िरह की दुतवधाएाँ प्राकृ तिक हैं परं िु हमें
ऄपने तनजी िथा पेशेवर भूतमका के मयकय एक रे खा खींचने की अवश्यकिा है। सावाजतनक रूप से
भूतमका तनभाने पर हमें ऄपने व्यतक्तगि जीवन क पृथक करने िथा दृढिा से पेशेवर अचार
संतहिा का ऄनुसरण करने की अवश्यकिा ह िी है।
सरल नहीं है। हालांफक, ईतचि एवं तनष्पक्ष तविरण प्रफक्रया सुतनतश्चि करके वास्तिव में एक नैतिक
समाधान पर पहुंचने का दावा फकया जा सकिा है।
क इ भी दृतिक ण सावाभौतमक नहीं ह िा या क इ भी ऐसा दावा नहीं फकया जा सकिा ज द ष
रतहि न ह । ऄतधकिम अनंद प्राप्त करने का लक्ष्य फकसी ऄन्य व्यतक्त के मूल ऄतधकारों के हनन
का कारण बन सकिा है। किाव्य पालन के प्रति दृढिा नकारात्मक पररणामों का कारण भी बन
सकिी है; हालांफक ऐसे में तनणाय लेने वाले व्यतक्त पर ईन पररणामों की तजम्मेदारी कम ह
जाएगी। ऄंिि गत्वा, सगुगुणी क पुरस्तकृ ि करके िथा दुराचारी क दंतडि कर सामान्य खुशी
(अनंद) में वृतद् की जा सकिी है।
न्याय का िात्पया है फक तबना फकसी भय या पक्षपाि के ज सही है, ईसका चयन करना। तनणाय की
प्रफक्रया फकसी भी पूवााग्रह से मुक्त ह नी चातहए। फकसी व्यतक्त या वगा की ओर पूवााग्रह नहीं ह ना
चातहए। हालांफक, तजस दृतिक ण या तवतध क ऄपनाया जा रहा है, वह प्रत्येक ऄवस्तथा में
एकसमान नहीं ह सकिा है। आसका ऄथा यह है फक यफद ईपय तगिावादी दृतिक ण ने फकसी एक
मामले में सव त्तम पररणाम फदए हैं, ि आसका अशय यह नहीं है फक अगे के प्रत्येक तनणाय के तलए
भी वही पसंदीदा दृतिक ण ह । एक व्यापक, बहुअयामी तवश्व दृतिक ण फकसी व्यतक्त क एक
सूतचि िथा न्यायसंगि तनणाय लेने में सक्षम बनािा है। ऄनुभव में तवतवधिा ह ने पर एक व्यतक्त
दूसरों की पररतस्तथतियों एवं समस्तयाओं क बेहिर समझ सकिा है। ऐसे में, ऄन्य संस्तकृतियों िथा
समाजों के प्रति रुतच क बढावा देने का प्रयास फकया जाना चातहए। आस प्रकार, एक िका संगि एवं
न्यायसंगि तनणाय पर पहुंचा जा सकिा है। ये तनणाय तहिलाभों क पहचानने में सक्षम ह ने चातहए
िथा ईन तहिलाभों क ऄतधकिम करने का लक्ष्य ह ना चातहए। साथ ही साथ, द षों क पहचानने
एवं ईनके न्यूनीकरण का भी लक्ष्य ह ना चातहए।
6.1. मू ल्य तवकतसि करने में पररवार, समाज िथा शै क्ष तणक सं स्तथाओं की भू तमका
प्राप्त हुअ है, ि वहीं दूसरी ओर, कु छ मूल्यों के साथ मानवीय दुबालिाओं के कारण समझौिा
फकया गया है।
कभी-कभी पररवार स्तवयं ही आस प्रखर प्रतिस्तपधी दुतनया में ऄपने बच्चों क स्तवाथी ह ने की सीख
देिा है, जैस-े तवतभन्न प्रतिय तगिाओं में ऄयवल बने रहने के तलए द स्तिों के साथ न ट्स या
जानकारी क साझा न करने की सीख। कइ बार यह बच्चे के तहि में ह सकिा है, परं िु ऄंििः, यह
स्तव-तहि के मूल्य क ही जन्म देिा है िथा ईसे सहय ग व साझा करने के मूल्यों क न ऄपनाने की
सीख देिा है। यह दशाािा है फक फकस प्रकार एक अधुतनक पररवार के मूल्य पारं पररक पररवार के
मूल्यों से ऄलग हैं। भतवष्य में ह सकिा है फक यही मूल्य पारं पररक मूल्य बन जाएं।
िथातप, यह अवश्यक नहीं फक ब से ह ने के पश्चाि् भी बच्चों के मूल्य मािा-तपिा या पररवार से
सीखे गए मूल्यों के समान ही रहें। ऄन्य मायकयमों, जैस-े मीतडया, तशक्षा व्यवस्तथा, तमर,
फक्रयाकलाप अफद एवं सबसे उपर, अत्म-मूल्यांकन से प्रभातवि ह कर वह कु छ मूल्यों का त्याग
भी कर सकिे हैं।
प सा है। आसतलए, मानवीय सहायिा के लक्ष्यों क प्राप्त करने के तलए सद्भाव, सतहष्णुिा, शांति
और सहानुभूति के मायकयम से तवकतसि तवश्व की अवश्यकिा है। मूल्यों की तशक्षा आन लक्ष्यों क
प्राप्त करने में सहायिा करिी है। स्तकू ल में, छार अवश्यक रूप से तनम्नतलतखि मूल्यों क सीखिा है:
o सहय ग (Cooperation): तवद्यालयों में 6-7 घंटों िक ऄपने सहपारियों के साथ बैिना बच्चों क
सभी क हमेशा साथ लेकर चलने की सीख देिे हैं।
o नए ल गों के साथ ऄंिःफक्रया (Interaction with new people): यहां बच्चा पहली बार यह
सीखिा है फक तजन्हें अप पहले से नहीं जानिे ईनके साथ फकस प्रकार तमरिा की जािी है।
o वैचाररक तवतवधिा (Diversity of views): तवतभन्न तवश्वासों, ऄतभवृतत्तयों और मूल्यों वाले
ऄलग-ऄलग ल गों की ईपतस्तथति और ईनसे संपका के कारण यह मूल्य तवकतसि ह िा है।
तशक्षक महान ऄनुकरणीय ययतक्त ह िे हैं और ईनके काया/फक्रयाकलाप बच्चों पर ब सा प्रभाव छ सिे
हैं, क्योंफक यहााँ बच्चों की अयु आिनी कम ह िी है फक वे आनके प्रति ऄतधक सुभेद्य माने जािे हैं।
आसी प्रकार ऄन्य बच्चों के काया/फक्रयाकलाप भी दूसरे बच्चों पर ऄपना प्रभाव छ सिे हैं। तशक्षा
मानवीय मूल्यों क सीखने की फदशा में एक व्यवतस्तथि प्रयास है। संक्षेप में, सभी तशक्षा मानव
व्यतक्तत्व के सभी अयामों - बौतद्क, शारीररक, सामातजक और नैतिक का तवकास करिी है। हाल
के वषों में, शैक्षतणक प्रणाली में मूल्यों के संकट के कारण, 'मूल्य तशक्षा' (value education) शब्द
शैतक्षक संस्तथानों और शैक्षतणक समुदाय में ल कतप्रय शब्द बन गया है।
2015
1. ‘पयाावरणीय नैतिकिा’ का क्या ऄथा हैं? आसका ऄयकययन करना फकस कारण महत्वपूणा है?
पयाावरणीय नैतिकिा की दृति से फकसी एक पयाावरणीय मुद्दे पर चचाा कीतजए।
2. तनम्नतलतखि के बीच तवभेदन कीतजए
(a) तवतध और नैतिकिा
(b) नैतिक प्रबंधन और नैतिकिा का प्रबंधन
(c) भेदभाव और ऄतधमानी बरिाव
(a) “कमज र कभी माफ नहीं कर सकिे; क्षमाशीलिा ि िाकिवर का ही सहज गुण है।”
(b) “हम बच्चे क असानी से माफ कर सकिे हैं, ज ऄंधरे े से डरिा है; जीवन की वास्तितवक
तवडंबना ि िब है जब मनुष्य प्रकाश से डरने लगिे हैं।”
4. “सामातजक मूल्य, अ्थक मूल्यों की ऄपेक्षा ऄतधक महत्वपूणा हैं।” राष्ट्र की समावेशी संवृतद् के
संदभा में ईपर क्त कथन पर ईदाहरणों के साथ चचाा कीतजए।
2016
1. स्तपि कीतजए फक अचारनीति समाज और मानव का फकस प्रकार भला करिी है।
2. महात्मा गांधी की साि पापों की संकल्पना की तववेचना कीतजए।
3. भारि के संदभा में सामातजक न्याय की जॉन रॉल्स की संकल्पना का तवश्लेषण कीतजए।
2017
1. ‘‘ब सी महात्वाकांक्षा महान चररर का भावावेश (जुनन
ू ) है। ज आससे संपन्न हैं वे या ि बहुि
ऄच्छे ऄथवा बहुि बुरे काया कर सकिे हैं। ये सब कु छ ईन तसद्ांिों पर अधाररि है तजनसे वे
तनदेतशि ह िे हैं।’’ - नेप तलयन ब नापाटा। ईदाहरण देिे हुए ईन शासकों का ईल्लेख कीतजए
तजन्होंने (i) समाज व देश का ऄतहि फकया है, (ii) समाज व देश के तवकास के तलए काया
फकया है।
2. ‘‘मेरा दृढ तवश्वास है फक यफद फकसी राष्ट्र क भ्रिाचार मुक्त और सुंदर मनों वाला बनाना है,
ि ईसमें समाज के िीन प्रमुख ल ग ऄंिर ला सकिे हैं। वे हैं तपिा, मािा एवं तशक्षक।‘‘ -
ए.पी.जे. ऄब्दुल कलाम। तवश्लेषण कीतजए।
3. विामान समय में नैतिक मूल्यों का संकट, सद्-जीवन की संकीणा धारणा से जु सा हुअ है।
तववेचना कीतजए।
ट्रांसपेरेंसी आं टरनेशनल तहिों के संघषा क ईस तस्तथति के रूप में पररभातषि करिा है, जहााँ
एक व्यतक्त या एक प्रतिष्ठान तजसके तलए वे काया करिे हैं (सरकार, व्यवसाय, मीतडया
अईटलेट या नागररक समाज संगिन अफद), वे ऄपने पदों से संबंतधि किाव्यों व मांगों िथा
ऄपने तनजी तहिों के मयकय चयनात्मक द्वन्द का सामना करिे हैं।
OECD फदशा-तनदेश तनम्नतलतखि के मयकय ऄंिर स्तथातपि करिे हैं:
तहिों का वास्तितवक संघषा: एक सरकारी ऄतधकारी के विामान किाव्यों एवं ईत्तरदातयत्वों
िथा ईसके तनजी तहिों के मयकय प्रत्यक्ष संघषा।
तहिों का अभासी संघषा: जहााँ यह प्रकट ह िा है फक एक सरकारी ऄतधकारी के तनजी
तहि ईसके किाव्यों के तनष्पादन क ऄनुतचि रूप से प्रभातवि कर सकिे हैं, परन्िु ऐसा
वास्तिव में नहीं ह िा।
तहिों का संभातवि संघषा: जहााँ एक सरकारी ऄतधकारी के तनजी तहि आस प्रकार के ह िे
हैं फक यफद ऄतधकारी भतवष्य में प्रासंतगक अतधकाररक ईत्तरदातयत्वों में शातमल ह ने
वाला है ि तहिों का संघषा दृतिग चर ह गा।
करने वाले नीतिगि तनणायों क शातमल कर सकिा है, तजस व्यवसाय में फकसी कमाचारी
शेयर ह िा है ऄथवा ऄपने स्तवातमत्व वाली भूतम के मूल्य क प्रभातवि करने के तलए एक
सामान्य य जना तवकतसि करने वाले एक सरकारी कमाचारी की भूतमका क आसमें
शातमल फकया जािा है। यह वास्तितवक तहि संघषा की तस्तथति में िब बदल जािी है, जब
कभी कमाचारी महत्वपूणा लाभ के एक सुऄवसर हेिु ित्पर ह िा है।
iii) प्रछन्न सूचना (Information Peddling)
वैसे अतधकारी तजनके पास गुप्त िौर पर ऐसी सूचना ह िी है ज सामान्य जन हेिु
ईपलब्ध नहीं ह िी और वे ऐसी सूचना का प्रय ग ऄपने मौफिक या ऄन्य फकसी लाभ के
तलए करिे हैं, ि वे प्रछन्न सूचना के द षी ह िे हैं। यहााँ मुख्य कारक ऄतधकारी िक
सूचना की ईपलब्धिा िथा आस िक तवशेषातधकृ ि पहुंच हैं। तहिों का वास्तितवक संघषा
िब ईपतस्तथि ह िा है जब सूचना ऄत्यतधक ग पनीय ह िी है िथा तजनके पास ईक्त
सूचना की ग पनीयिा बनाए रखने हेिु तजम्मेदारी ह िी है, और वे आसका दुरूपय ग
करिे हैं।
iv) तवत्तीय लेन-देन (Financial Transactions)
तवत्तीय लेन-देन िब संघषा में पररव्िि ह जािा है जब एक ल क सेवक का प्रत्यक्ष और
ऄप्रत्यक्ष तवत्तीय तहि ह िा है ज सेवा के ईत्तरदायी काया तनष्पादन के साथ प्रत्यक्ष रूप
से टकरािा है। तहिों का वास्तितवक संघषा काफी हद िक िब ईपतस्तथि ह िा है जब एक
ऄतधकारी फकसी तनणाय पर प्रत्यक्ष रूप से व्यतक्तगि तनयंरण रखिा है ज ईसके तलए
महत्वपूणा तनजी लाभ ईत्पन्न करे गा। यह प्रछन्न प्रभाव से तभन्न है तजसमें ऄतधकारी जााँच
में पररणामों क प्रभावशाली रूप से तनयंतरि करिा है। ईदाहरणाथा, एक सतचव ज
ऄपने स्तवातमत्व के ऄधीन एक ऄतवकतसि भूतम के तनकट एक नए तवमानपत्तन की
ऄवतस्तथति क प्रभातवि कर सकिा है।
v) ईपहार एवं सत्कार (Gifts and Entertainment)
ईपहारों एवं सत्कार की मांग या ईन्हें स्तवीकार करना संघषा का सृजन करिा है, यफद ये
मद एक सरकारी कमाचारी के किाव्यों के तनष्पक्ष सम्पादन क प्रभातवि करिे हैं। तहिों के
2. प्रशासतनक नीतिशास्त्र से अप क्या समझिे हैं? प्रशासतनक व्यवस्तथा के प्रभावी संचालन हेिु
आसकी अवश्यकिा क्यों है?
ईत्तर:
प्रशासतनक नीतिशास्त्र की ऄनेक पररभाषाएं तनम्नतलतखि हैं:
प्रशासतनक नीतिशास्त्र क ल क प्रशासकों हेिु नैतिक मानदंडों और अवश्यकिाओं के
एक संग्रह के रूप में माना जािा है, तजसका ईद्देश्य ईनकी व्यावसातयक गतितवतधयों क
सामान्य तहिों की रक्षा और नैतिक मूल्यों के प्रभावी प्रय ग हेिु प्रेररि करना है।
आसका काया कमाचाररयों के संबंधों क मानदंडों, अचरणों एवं कायावाही के साधनों द्वारा
तवतनयतमि करना िथा ल क प्रशासन से जु से कमाचाररयों के ऄंिःकरण में नैतिक ित्वों
का समावेश करना है।
सामान्यिः आस बाि पर बल फदया जािा है फक सरकारी कमाचारी प्रबंधकीय तनणायों हेिु
नैतिक मानकों क स्तथातपि करें , आन मानकों का तवश्लेषण करें िथा तन्मि तनणायों हेिु
व्यतक्तगि और व्यासातयक ईत्तरदातयत्व वहन करे ।
प्रशासतनक नीतिशास्त्र ल क प्रशासन से जु से कमाचाररयों िथा वररष्ठ प्रबंधकों की गतितवतधयों
के सभी नैतिक पहलुओं का ऄयकययन करिी है। यह िीन मौतलक ित्वों क शातमल करिी है:
मूल्य (Values): स्तविंरिा, न्याय, इमानदारी, तनष्ठा, िटस्तथिा, ईत्तरदातयत्व आत्याफद
वगा, जाति, नस्तल, धमा, चलग, राष्ट्र, संस्तकृति और परम्पराओं से संबद् ईनके कु छ सहपािी ह िे
हैं, तजनसे वे संपका स्तथातपि करिे हैं, और यह ईन्हें भतवष्य की चजदगी का प्रथम ऄनुभव देिा
है तजसमें ईन्हें तवतभन्न समूहों से सम्बंतधि आन ल गों में से एक ह ना है। यह ईन्हें ऄपने चार
और के तवश्व के प्रति ऄपने दृतिक ण क एक अकार देने में मदद करिा है। कायों क समाप्त
करने की समय सीमा ह िी है, प्रदशान ईन्मुख जीवन के तलए परीक्षाएं जरूरी हैं,
श्रेणीकरण/मूल्यांकन यह फदखािे हैं फक ऄसल जीवन में फकसी व्यतक्त का ईसके प्रदशान के
अधार पर मूल्यांकन फकया जाएगा और ईसे पुरस्तकृ ि फकया जाएगा, आस प्रकार तवद्यालय
तवश्व का एक सूक्ष्म तचर दशाािे हैं। पुनः तवद्यालयों और कॉलेजों में तवतभन्न प्रकार की
प्रफक्रयाओं और वािाालाप से बच्चे पहली बार पररतचि ह िे हैं, और आस प्रकार से वह ईन्हें
चररर-तनमााण और मूल्यों के तवकास हेिु ऄत्यंि महत्वपूणा संस्तथान बना देिी हैं।
तवद्यालयों और कॉलेजों की भूतमका:
तवद्यालय मुख्यिः एक शैतक्षक संस्तथान ह िे हैं, ज सामान्यिः तनधााररि प्रफक्रया के मायकयम से
व्यवतस्तथि तशक्षा क बढावा देिे हैं। तवद्यालय की भूतमका यह ह िी है प्रत्येक छार ऄपनी
ऄतधकिम शैक्षतणक क्षमिा क प्राप्त कर पाए। सभी कक्षाओं में साथाक मारा में फदए जाने
वाले कक्षाकाया (स्तकू लवका ) का ईद्देश्य बच्चों क समस्तयाओं के हल ाू ाँाने का तवशेषज्ञ बनाना
ह िा है। ये ऐसे गुण हैं ज बच्चे के वयस्तक जीवन के लगभग हरे क व्यतक्तगि और व्यावसातयक
पहलू में काम अिे हैं। आसतलए, शैतक्षक गुणों के ऄलावा, समस्तया क सुलझाने का गुण एक
अवश्यक जीवन कौशल है।
तवद्यालय बच्चों क ईनके सातथयों और तशक्षकों के साथ सकारात्मक संपका स्तथातपि करने में
एक महत्वपूणा भूतमका तनभािा है। वे ऄच्छे संबंधों के लाभ के बारे में सीखिे हैं और कक्षा
िथा क्री साक्षेर द नों जगहों पर बािचीि के मायकयम से आन्हें और तवकतसि करिे हैं। आस प्रकार
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तवद्यालय ईन्हें दूसरे बच्चों और वयस्तकों से सुस्तपि ांग से जु सने का ऄवसर प्रदान करिे हैं।
तवद्यालय तसफा पढने, तलखने और गतणि की तशक्षा नहीं देिा, बतल्क शुरुअि से ही बच्चों क
दया, सम्मान, सहानुभतू ि और सत्यतनष्ठा के बारे में सीखने में मदद करने पर यकयान देिा है।
शुरुअि में तवद्यालय बच्चों क "ब लने के तलए ऄपना हाथ ख सा करने" और "ऄपने हाथ क
ऄपने िक सीतमि रखने" जैसे बुतनयाद पािों की तशक्षा देिे हैं।
बाद में यह गुण नैतिक और सामातजक मुद्दों के बारे में िार्क्रकक बहस के रूप में तवकतसि ह िा
है। जब एक व्यतक्त हाइ स्तकू ल ईत्तीणा करिा है, ईस समय ईसके पास ऄपने तवश्वासों, मूल्यों
और वह ऄपने अप क कै से देखिा है, आनपर ऄच्छी पक स ह नी चातहए। यह सब ईसे
तजम्मेदार और अत्मतवश्वास से पूणा आंसान बनाने में मदद करिा है। टीम भावना, नेिृत्व,
अज्ञाकाररिा और ऄनुशासन व्यतक्तत्व के कु छ ऄन्य लक्षण हैं, ज तवतभन्न गतितवतधयों के
मायकयम से स्तकू लों द्वारा तसखाए जािे हैं।
तजस प्रकार से तशक्षक बच्चों से संवाद करिे हैं और बच्चों के मयकय पारस्तपररक व्यवहार क
प्र त्सातहि करिे हैं, वह प्रत्येक बच्चे के तवकास क महत्वपूणा ांग से प्रभातवि करिा है। ऄिः
हर स्तिर पर गुणवत्तापूणा पारस्तपररक व्यवहार क सुतनतश्चि करना ऄत्यंि महत्वपूणा है। आसके
तलए ऐसी अशा की जािी है फक तवद्यालय ऄपने छारों के चररर-तनमााण के तलए नीतियों क
प्रकातशि करें और समय-समय पर छारों के चररर का अंकलन करें । तशक्षकों और कमाचाररयों
से सामान्य व्यवहार की ईम्मीद क भी आसमें शातमल कर सकिे हैं।
आसके ऄलावा, पाठ्यक्रम का एक तहस्तसा मूल्यों की तशक्षा के तलए सम्पि ह ना चातहए।
महान नेिाओं, समाज सुधारकों और महान हतस्तियों के जीवन पर अधाररि व्याख्यान और
कायाक्रमों क बढावा फदया जाना चातहए और ईन्हें प्रकृ ति में सिही रखने की बजाय आस
प्रकार से िैयार फकया जाना चातहए फक वह छारों के जीवन पर ऄतधकिम प्रभाव डाल सकें ।
ऄच्छे चररर वाले छारों क पुरस्तकृि और सराहना की जानी चातहए; यह दूसर क भी वैसा
ही व्यवहार करने के तलए प्र त्सातहि करे गा।
तशक्षकों क छारों के सम्मुख ऄपने अप क एक अदशा के रूप में पेश करना चातहए, और
ऄपने किाव्यों के प्रति पूणि
ा यः इमानदार और सम्पि ह ना चातहए।
छारों क स शल मीतडया, आं टरनेट, म बाआल फ न अफद के संबंध में प्रौद्य तगकी के बढिे
प्रय ग से ईभरिी हुइ नैतिक दुतवधाओं के बारे में तसखाया जाना चातहए।
ज्येष्ठों और कतनष्ठों (सीतनयसा व जूतनयसा) के मयकय सौहादापण
ू ा और रचनात्मक संबंध, फकसी
छार की मजबूि और िेजी से चररर-तनमााण की प्रफक्रया के तलए एक महत्वपूणा ित्व है,
जबफक आसकी कमी से संघषा (रै चगग आत्याफद के रूप में), िनाव और श षण जैसी कइ
समस्तयाएं ईत्पन्न ह िी हैं।
नैतिकिा वस्तिि
ु ः सही और गलि के प्रति व्यतक्त का अत्म-ब ध ह िा है, ज व्यतक्त के पररवेश
और संबद् सामातजक, सांस्तकृ तिक, धा्मक और राजनैतिक वािावरण के ऄनुसार पररव्िि
ह िी रहिी है। आसके ऄलावा एक गूढ व वस्तिुतनष्ठ नैतिक सत्य का ऄतस्तित्व भी ह िा है ज
भौग तलक पररतस्तथति, आतिहास या संस्तकृति से तनरपेक्ष ह िा है। मनुष्य ने ऐतिहातसक रूप से
कु छ वस्तिुतनष्ठ नैतिक तसद्ान्िों क पहचाना है। ये तसद्ान्ि संस्तकृति, स्तथान और आतिहास का
ऄतिक्रतमि करिे हैं। वह तसद्ान्ि ज यह कहिा है फक नैतिकिा पररतस्तथतियों पर तनभार
ह िी है, नैतिकिा क सापेतक्षक िौर पर देखिा है और यह आसके तलए महत्वपूणा तनतहिाथा
रखिी है फक हम कै से ऄपने जीवन क संचातलि व समाज क संगरिि करिे हैं और दूसरों के
साथ व्यवहार करिे हैं।
मान लीतजए अप फकसी के साथ नैतिक ऄसहमति रखिे हैं। ईदाहरण के तलए, आस बाि पर
ऄसहमति फक क्या एक ऐसे समाज में रहना सही है जहााँ धन की वह मारा, तजसके साथ अप
पैदा हुए, वह प्राथतमक तनधाारक है फक अप फकिने धनी ह सकिे हैं? आस बहस का ऄनुशीलन
करने में अप यह मान लेिे हैं फक अप आस मुद्दे पर सही हैं और आस तवषय पर वािाालाप करने
वाला अपका भागीदार गलि है। जबफक अपका भागीदार यह मान लेिा है फक अप बहुि
ब सी भूल कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में, अप द नों यह मान लेिे हैं फक अप में से क इ एक ही
सही ह सकिा है। हालांफक, ये द नों परस्तपर तवर धी नैतिक तवश्वास सत्य ह सकिे हैं।
फकन्िु कु छ नैतिक कायावातहयां सृतजि/व्युत्पन्न पररतस्तथतियों पर तनभार ह िी हैं। जैसे फक
नैतिक कृ त्य (जैसे फक हत्या) क कभी-कभी तनतश्चि पररतस्तथतियां में ईतचि िहराया जािा है
(जैसे एक तनरपराध बालक के जीवन की रक्षा करिे समय)। सांस्तकृ तिक रूप से अत्म तनभार
समाजों का ऄयकययन करिे समय, मानवतवज्ञातनयों ने यह पाया है फक 80 प्रतिशि से ऄतधक
ल ग बहुतववाह की स्तवीकृ ति प्रदान करिे हैं। कु छ संस्तकृतियााँ कन्याओं का तववाह िरुणावस्तथा
या और ईससे कम ईम्र में ही कर देिी हैं। आथ तपया के कु छ भागों में अधी कन्याओं का ईनके
15वें जन्मफदन से पहले तववाह कर फदया जािा है।
कु छ तवद्वानों का मि है फक नैतिक तभन्निा ऄतिरं तजि हैं- ल ग वस्तिुिः मूल्यों के बारे में
सहमि ह िे हैं फकन्िु ईनके िथ्यात्मक तवश्वास या जीवन पररतस्तथतियां ऄलग ह िी हैं तजसके
कारण वे तभन्न प्रकार से व्यवहार करिे हैं।
तवज्ञान के तवपरीि, नैतिकिा का क इ सुपररतचि/सुस्तथातपि मानक नहीं है ज ऄसहमति की
तस्तथति में आसे परीतक्षि, सुतनतश्चि और सही करने हेिु प्रय ग फकया जा सके ।
ऄिः तजस पर हमें यकयान देने की अवश्यकिा है, वह है- नैतिक प्रतिफलों की तवतवधिा ज
तनतश्चि प्रकरणों में ईत्पन्न ह िी है और ईतचि नैतिक कारणों के अधार पर नैतिक तसद्ान्िों
क लागू करने का प्रय जन व संभावना। हमें नैतिक तनणाय की अवश्यकिा ह िी है न फक
के वल ऐसे तसद्ान्िों की ज फक के वल एक तनगमनात्मक ऄनुप्रय ग या तवतशि सिही ऄंिज्ञाान
के रूप में हों।
हमारे प्रमुख तहि ईन िरीकों में हैं तजनकी हमें तवर धी तवचारों के बारे में स चने या ईसके
तलए ाांचा िैयार करने में अवश्यकिा ह िी है िाफक हम ऄपनी िका शतक्त का ईपय ग कर
िीक प्रकार से ईससे तनपटने में सफल ह सकें । नैतिक द्वंद्वों पर तवचार करने के तलए कु छ
प्रभावशाली तनमााण घटक डब्ल्यू. डी. रॉस की ‘‘प्रथम दृष्या किाव्य’’ (prima facie duty)
दाशातनक, धमाशास्त्री और सामाज तवज्ञानी वस्तिुतनष्ठ मूल्यों क पहचाने की क तशश करिे हैं
तजससे फक सापेक्षिावादी खिरों क पहले से भांपा जा सके ।
नैतिकिा और नीतिशास्त्र (एतथक्स) एक ही तसिे के द पहलू हैं। नैतिकिा ‘तनयम’ हैं (यफद
अप माने ि ) तजनसे व्यतक्त ऄपने ऄनुभव, ज्ञान, पालन प षण और अस पास के माहौल
अफद के मायकयम से व्यतक्तगि रूप से बंधे हुए हैं, दूसरी िरफ नीतिशास्त्र वे तनयम हैं तजन्हें हम
फकसी तवतशि सामातजक समूह के अधार पर ऄपनािे हैं, और तजससे हम स्तवयं क सम्बद्
करिे हैं। जनसंख्या के ऄतधकांश तहस्तसे के तलए नैतिकिा और नीतिशास्त्र एक दूसरे से संरेतखि
ह िे हैं। सरल रूप से कहा जाए ि ऄतधकिर ल ग ऄपने अप क ईन समूहों से संबद् करना
चुनिे हैं तजनके साथ वे ऄपना िादात्म्य ऄनुभव करिे हैं।
झूि ब लना नीतिशास्त्र के तवरुद् है, लेफकन एक जीवन क बचाने के तलए तनतश्चि रूप से
नैतिक है। ईदाहरण के तलए, ऄत्यतधक नैतिक ल गों के ऐसे कइ ईदाहरण हैं तजन्होंने यहूफदयों
की जान बचाने के क्रम में नातजयों से झूि ब ला था। कइ पेशेवर हमेशा नैतिक दुतवधा में रहिे
हैं, जैस-े पुतलस ऄतधकारी। यफद ईनका ईच्चिर ईद्देश्य जान बचाना ह ि ईनका कृ त्य नैतिक
है, भले ही कभी-कभी साधन ऄनैतिक ह सकिे हैं। कइ बार वे पुतलस ऄतधकारी ही स्तवयं क
यह स च ध खा देने का प्रयास करिे हैं फक ईनका कृ त्य न्यायसंगि है जबफक वह नहीं ह िा।
ऄथााि,् यफद अप व्यतक्तगि रूप तवश्वास करिे हैं फक एक तवशेष कृ त्य ईतचि है, यह जरूरी
नहीं फक वह नीतिशास्त्र से संगि भी ह । फकसी भ सकाउ राजनीतिक प्रसंग क ही लें , जैस-े
युद्, गभापाि और मानवातधकार।
ऄतनवायािः, क इ भी काया तजसे ऄनुशीलन हेिु व्यतक्त चुनिा है, फकन्िु सामातजक समूह के
द्वारा ईस पर त्यौररयााँ चढायी जािी हैं, आसके ईदाहरण का काया करिा है। एक मार पूवा-
अवश्यकिा यह है फक वे व्यतक्त ज काया तनष्पाफदि करिा है, आसके ईतचि ह ने का तवश्वास
करिा ह । तहटलर और नेप तलयन आसके ऄन्यिम ईदाहरण हैं। द नों (ऄति संभव) ऄपने
कृ त्यों के नैतिक रूप से ईतचि ह ने का तवश्वास करिे थे, लेफकन दुतनया ने ईन्हें ऄनैतिक
नेिाओं के रूप में हातशए पर धके ल फदया।
प्रणाली के अधार पर ईसे तवतशि बनािी हैं। ईदाहरण के तलए, अत्मरक्षा में प्रहार करना
एक बाि है और तबना फकसी ईकसावे के प्रहार करना दूसरी बाि है। आस प्रकार पररतस्तथतियां
ही मानवीय कायावाही की नैतिकिा क तनधााररि करिी हैं।
परन्िु आसके ऄतिरक्त, प्रत्येक कायावाही के द ऄन्य ित्व भी हैं, ज मानवीय कायावाही की
नैतिकिा क तनधााररि करिे हैं – मानवीय कायावाही की प्रकृ ति/प्रय जन और मानवीय
कायावाही का यकयेय – के वल पररतस्तथतियां ही नहीं।
एक कायावाही, तजसका प्रय जन ईसकी प्रकृ ति से ही ऄनुपयुक्त है, ईसे न ि पररतस्तथतियां
और न ही प्रय जन ईत्कृ ि बना सकिे हैं। ईदाहरण के तलए एक झूि प्रय जन या पररतस्तथतियों
के तवद्यमान ह ने पर भी ऄसत्य ही रहेगा। पररतस्तथतियां ईसे के वल कम ऄनुपयुक्त बना
सकिी हैं, परन्िु ईत्कृ ि कदातप नहीं। पररतस्तथतियों क एकमार पैमाना मान लेने के चलिे
यहााँ एक और समस्तया प्रस्तिि
ु ह िी है ज नैतिकिा क व्यतक्ततनष्ठ और सापेक्ष बना देिी है
(झूि ब लना, पररतस्तथतियों के अधार पर ऄनुपयुक्त या कम ऄनुपयुक्त ह सकिा है)।
आसी प्रकार एक कायावाही, तजसका प्रय जन ही ऄनुपयुक्त है, ईसे न ि ईद्देश्य और न ही
पररतस्तथतियां ईत्कृ ि बना सकिी हैं। ईदहारण के तलए, फकसी तनधान ऄसहाय व्यतक्त क दान
देना, ईसके ईद्देश्य के कारण ईपयुक्त है, परन्िु यफद यही दान फकसी तनराश्रय क कु छ
ऄनुपयुक्त कायावाही कराने हेिु प्र ल भन के रूप में फदया जा रहा है ि आसे ऄनैतिकिा का ही
नाम फदया जायेगा।
आस प्रकार, पररतस्तथतियां ही मानवीय कायावाही की नैतिकिा की परख करने का एकमार
पैमाना नहीं है, ऄतपिु ईद्देश्य, पररतस्तथतियां और प्रय जन तमल कर आसका तनणाय करिे हैं।
6. अधुतनक समाज में तवतधक ाांचे का आसके नैतिक ाांचे के साथ ऄसंगि और पूरक संबध
ं द नों
हैं। ईदाहरणों के साथ चचाा कीतजए।
यह मानवीय तववेक पर अधाररि है। ककिु मानवीय तववेक द षपूणा ह सकिे हैं।” रटप्पणी
कीतजए। अपके तलए नैतिकिा का क्या ऄथा है?
देशों िथा मानवातधकार कायाकिााओं के द्वारा ऄनैतिक करार फदया जा रहा है, जबफक बहुि से
ऐसे भी देश और व्यतक्त हैं ज आसे फकसी जघन्य ऄपराध के तलए दडडात्मक न्याय के रूप में
ईतचि िहरािे हैं। आस प्रकार, तववेक के अधार पर क इ कृ त्य नैतिक या ऄनैतिक ह सकिा है।
प्रतिफदन हमारा सामना बहुि सी ऐसी दुतवधाओं से ह िा है जहां तववेक सामातजक तनयमों
िथा अचारों से टकराव की तस्तथति ईत्पन्न कर देिा है। नवीन सूचना के अधार पर तववेक में
बदलाव भी अ सकिा है, पररणामस्तवरूप यह रुरटपूणा ह जा सकिा है। आसतलए, यह कहना
सत्य है फक पूणि
ा ः तववेक पर छ स फदए जाने पर नैतिकिा रुरटयुक्त बन सकिी है।
नैतिकिा क सही और गलि या ऄच्छे िथा बुरे व्यवहार के बीच भेद से संबंतधि तसद्ांि के
िौर स्तवीकार फकया जा सकिा है। यह मूल्यों िथा अचरण के तसद्ांिों की एक तवतशि
प्रणाली है। सामान्य िौर पर, आन तसद्ांिों क समाज द्वारा तवस्तिि
ृ रूप में स्तवीकार कर तलया
जािा है, फकन्िु, ह सकिा है वे फकसी व्यतक्त के व्यतक्तगि मानदंड हों तजन्हें वह सदाचारपूणा
मानिा ह ।
मेरे तलए भी, नैतिकिा का ऄथा ऄच्छे क बुरे से पृथक करने के तलए ऄपनाया गया एक
तववेकपूणा रुख है। िथातप, आसमें नवीन िथ्यों िथा वैकतल्पक दृतिक णों के तलए स्तथान ह ना
चातहए ज मानव बुतद् के तक्षतिज का तवस्तिार करिे हैं। ईदाहरण के तलए, सवार सत्य ब लने
क नैतिक करार फदया जािा है। फकसी व्यतक्त के द्वारा भी आसे नैतिक समझा जािा है। यद्यतप,
फकसी व्यतक्त के तलए ज परे शानी में फकसी की सहायिा करने क और ऄतधक नैतिकिापूणा
मानिा है, आसके तलए झूि ब लने की अवश्यकिा ह ने पर झूि ब ल भी सकिा है।
8. वे तवतभन्न स्र ि क्या हैं तजनके मायकयम से मनुष्य ऄपने कायावाही की सत्यिा का परीक्षण कर
सकिा है? चचाा कीतजए फक सावाजतनक जीवन के संदभा में स्तपि और व्यावहाररक मागादशान
नैतिक तनणाय तनमााण में आन स्र िों की वांछनीयिा पर बल देिे हुए ईत्तर समाप्त कीतजए।
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ईत्तर:
कानून और तववेक मागादशान के वे द स्र ि हैं तजनके मायकयम से मनुष्य ऄपनी कायावाही की
नैतिकिा का परीक्षण कर सकिा है। स्तपि और व्यावहाररक मागादशान प्रदान करने में ये स्र ि
तवशेष रूप से सावाजतनक प्रशासकों के तलए महत्वपूणा हैं।
i) कानून, तनयम और तवतनयम
कानून के नैतिक संकेिाथा ह िे हैं। यह ल गों क काया करने या काया करने से ऄपने क ऄलग
रखने के तलए प्रेररि करिा है और दातयत्व अर तपि करिा है। आसे न के वल न्याय तचि ह ना
चातहए, बतल्क आसका ब झ भी समान रूप से डालना चातहए। आसके साथ ही, यह सावाजतनक
शुभ, न फक तनजी शुभ, के तलए ह िा है। तवतनयम प्रायः कानून की व्याख्या (स्तपि) करने में
अवश्यक नहीं है, ये तनजी लाभ के तलए भी ह सकिे हैं। ईदाहरण के तलए, संसाधनों अफद के
कु शल ईपय ग के तलए संगिन के भीिर बनाए गए तनयम।
ii) ऄंिःकरण (Conscience)
यह व्यतक्त की सही और गलि की नैतिक भावना है, तजसे फकसी व्यतक्त के व्यवहार के तलए
मागादशाक के रूप में काया करने वाले के िौर पर देखा जािा है। जहााँ कानून फकसी कायावाही
के तवषय में सामान्य तनयम ह िा है, वहीं तववेक तवतशि कायावाही के तलए व्यावहाररक
तनयम तनधााररि करिा है। तववेक, कानून या तनयम क तवतशि कायावाही के प्रति लागू करिा
ईपलब्ध सूचनाओं पर तनभार ह िे हैं। कानून, तनयम और तवतनयम आनके तलए ऄतिररक्त
मागादशान प्रदान करिे हैं।
कभी-कभी दीवानी कानून की स्तपि घ षणाओं क भी तनयम नकार देिे हैं। जहां वररष्ठ
ऄतधकारी आस प्रकार के तनयमों का ईल्लंघन करने के तलए ऄधीनस्तथ क दंतडि कर सकिा है,
वहीं यफद तनयम दीवानी या प्राकृ तिक कानून के तवपरीि ह , ि ह सकिा है फक ईल्लंघन
करने वाले ने नैतिक रूप से काया फकया ह । आसतलए, प्राकृ तिक या दीवानी कानूनों का
ईल्लंघन करने वाले तनयमों से बचा जाना चातहए।
प्रायः यह माना जािा है फक के वल तनयम और तवतनयम सावाजतनक प्रशासकों के तलए
ऄपयााप्त हैं। तवशेष कायावाही के दौरान तबना तववेक के आन कानूनों और तनयमों क लागू
करने से, सावाजतनक प्रशासक एक महत्वपूणा ित्व से चूक जािे हैं। तववेक फकसी तवतशि
कायावाही के दौरान कानून, तनयम और नैतिकिा के ऄन्य मानदंड लागू करने में सहायिा
करिा है।
सभी सावाजतनक प्रशासकों क ऄक्सर तववेकानुसार तनणाय लेने प सिे हैं और ऐसे में तववेक
महत्वपूणा भूतमका तनभािा है।
क पथप्रदशाक बनने की अवश्यकिा है। ईदाहरण के तलए, भारि में सफाइ क बढावा
देने के तलए कइ राजनीतिक नेिा अगे अए हैं और ईन्होंने समाज के तलए ईदाहरण
स्तथातपि करने का प्रयास फकया है।
प्रभावशाली ययतक्त: ल ग ऄतभनेिाओं, ईद्यतमयों, वक्ताओं आत्याफद का ऄन्धानुकरण करिे
हैं। ये ल ग सरलिापूवका समाज के तप्रि तजम्मेदारी का भाव जगा सकिे हैं। ईदाहरण के
तलए, सरकार खुले में शौच की समस्तया के तवरुद् संघषा करने एवं कर भुगिानों क
प्र त्सातहि करने के तलए ऄतभनेिाओं का ईपय ग करिी है।
ऄतधकारों और किाव्यों के संबध
ं में जागरूकिा: विामान समय में यह ऄत्यंि अवश्यक है
फक ल ग ऄपने किाव्यों क भी ईतचि महत्व दें। ईदाहरण के तलए, हाल ही में ईच्चिम
न्यायालय ने यह माना फक यफद क इ ययतक्त तनवााचन के समय मि नहीं करिा है ि ईसे
सरकार पर प्रश्न ईिाने का क इ ऄतधकार नहीं है।
10. महान व्यतक्तत्व (ग्रेट लीडसा) का जीवन हमें ऄनेकों प्रकार से प्रेररि करिे हैं। अपके उपर फकस
व्यतक्तत्व का तचरस्तथायी प्रभाव प सा है और फकस प्रकार? अपके द्वारा ईस व्यतक्तत्व से
अत्मसाि फकए गए एक ईत्कृ ष्ट गुण एवं एक तसतवल सेवक ह ने में ईसके महत्व का ईल्लेख
कीतजए।
दृतिक ण:
ययाख्या कीतजए फक अपके जीवन पर फकस महान व्यतक्तत्व का तचरस्तथायी प्रभाव प सा है
और क्यों।
ईनके व्यतक्तत्व में शातमल ऐसे ईत्कृ ि मूल्यों का ईल्लेख कीतजए तजन्हें अपने अत्मसाि
फकया ह ।
तसतवल सेवाओं में ईन मूल्यों के महत्व की भी ययाख्या कीतजए।
ईत्तर:
डा. ए.पी.जे. ऄब्दुल कलाम, तवश्व में भारि के राष्ट्रपति बनने वाले प्रथम वैज्ञातनक के रूप में
जाने जािे हैं। फकन्िु ईनके ययतक्तत्व की महानिा मार पद-प्रतिष्ठा के मायकयम से ययाख्यातयि
नहीं की जा सकिी। ईन्होंने ऄन्य ययतक्तयों क उाँचे स्तवप्न देखने के तलए प्रेररि फकया एवं
ऄपना ईदाहरण प्रस्तिुि कर मागादशान फकया। ईन्होंने ऄपनी तवचारधारा क के वल ययतक्तगि
तवकास िक सीतमि नहीं फकया, ऄतपिु आसे ऄपने देश एवं सम्पूणा तवश्व के कल्याण हेिु
तवस्तिाररि फकया।
डॉ. ए.पी.जे. ऄब्दुल कलाम की तवतशििाएाँ एवं क्षमिाएाँ ईनके जीवन में समातवष्ट थीं।
ईन्होंने हमें परं परा से हटकर तवचार करने, नव न्मेष करने एवं परीक्षण करने के तलए साहस
प्रदान फकया। ईन्होंने हमें बारं बार स्तमरण कराया फक ऄसफलिाओं से एवं आस तवचार से कभी
भयभीि नहीं ह ना चातहए फक ल ग क्या स चेंगे। ईनका मानना था फक ऄसफल परीक्षणों के
तबना नया ज्ञान प्राप्ि नहीं ह सकिा।
ईन्होंने ऄपने कायों के प्रति लगन, समपाण एवं दृढ तनश्चय के गुण प्रद्शि फकए। ईनका
दृतिक ण तवकतसि एवं प्रगतिशील भारि का तनमााण करना था और ईन्होंने हमें ऄपने आसी
दृतिक ण के ऄनुसार प्रेररि फकया। ईनमें नेिृत्व के ईल्लेखनीय गुण थे। ऄपनी टीम के नेिा के
रूप में वह ऄसफलिा क स्तवीकार करने में सबसे अगे रहिे थे, फकन्िु सफलिा का श्रेय
सवाप्रथम ऄपनी टीम क देिे थे।
ऄगाध करुणा से ईत्पन्न ईनकी ऄिुलनीय तवनम्रिा थी। आस प्रकार का गुण ल क सेवकों द्वारा
भी ऄपने जीवन में अत्मसाि फकया जाना चातहए।
वह प्रत्येक भारिीय से ऄपनी पूणा क्षमिा का ऄनुभव करने एवं देश िथा तवश्व के कल्याण में
य गदान देने की ऄपेक्षा रखिे थे। ईन्होंने कहा - “अकाश की ओर देख । हम ऄके ले नहीं हैं।
सम्पूणा ब्रमाणाडड हमारा तमर है और स्तवप्न देखने वालों एवं ईसे साकार करने हेिु प्रयासरि
रहने वालों क सव त्िम पररतस्तथतियााँ प्रदान करने की य जना बनाने में संलग्न रहिा है।”
ल क सेवक में तवनम्रिा का गुण महत्वपूणा है। आसका ऄथा स्तवयं की महत्ता के संबंध में शालीन
एवं तवनीि दृतिक ण रखने का गुण है। तवनम्र ल कसेवक यह सुतनतश्चि करने के तलए ऄन्य
ल गों से आनपुट प्राप्ि करने का प्रयास करिा है फक ईनके पास सभी वांतछि िथ्य हैं और वे
आस प्रकार के तनणाय ले रहे हैं ज समाज के तवतभन्न संभागों के तहिों की दृति से सव त्िम हैं।
भारि के प्रसंग में यह और भी ऄतधक महत्वपूणा ह जािा है जहााँ औपतनवेतशक तवरासि एवं
आसके संभ्रान्ि संवगा के ऄति सूक्ष्म ऄनुपाि के कारण ल क सेवक प्राय: स्तवयं क ऄति-तवतशि
मानने की मानतसकिा, प्रभुत्व, ययतक्तवाद क प्रद्शि करिे हैं एवं तनणाय प्रफक्रया में
सावाजतनक भागीदारी की ईपेक्षा करिे हैं।
तवनम्रिा प्रद्शि करने का एक बेहिर ईपाय तपछली गलतियों क स्तवीकार करना और आन
गलतियों क शासन के तवतभन्न ऄवयवों हेिु सीख लेने के ऄवसरों के रूप में प्रय ग करना है।
जब संस्तथाएाँ और नेिा ऄपनी गलतियों क स्तवीकार करिे हैं, ि वे ऄन्य ल गों के तलए भी
प्रत्येक ल क सेवक क ल गों क के न्ि में रखने, ईनकी अवश्यकिाओं के प्रति ईत्तरदायी ह ने,
ईनकी आच्छाओं का सम्मान करने एवं और ईनके प्रति जवाबदेह ह ने की अवश्यकिा ह िी है।
आसके तलए ल क सेवकों क ऄपने य गदानों की दृति से तनस्तवाथा, ऄपने तनणायों में समावेशी,
ऄपने व्यवहार में तवनम्र एवं ऄपनी गतितवतधयों की दृति से ऄनुकरणीय एवं प्रेरणास्तपद ह ना
चातहए।
10. तवगि वषों में Vision IAS GS में स टे स्तट सीरीज में पू छे
गए प्रश्न: के स स्तटडीज
(Previous Year Vision IAS GS Mains Test Series Questions: Case Studies)
11. अप एक प्रतशक्षु संवाददािा (ररप टार) के रूप में, सत्िाधारी दल की राज्य आकाइ द्वारा
अय तजि एक राजनीतिक कायाक्रम में संवाददािाओं के एक छ टे से समूह के साथ गए हैं।
कायाक्रम के बाद रातर-भ जन में अपसे सतम्मतलि ह ने के तलए कहा गया। रातर-भ जन के
दौरान अपने यकयान फदया फक सत्िाधारी दल के कु छ सदस्तयों क शराब पर सी जा रही थी।
ईस राज्य में कु छ महीनों पहले शराब के सेवन क ऄवैध घ तषि फकया गया था और पूरे राज्य
में कि रिापूवक
ा आस पर प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है। अपके समूह के ऄन्य संवाददािाओं ने
आस मुद्दे क ऄनदेखा फकया और अपक भी आसे ऄनदेखा करने के तलए कहा। हालांफक, अपक
यह स्तपष्ट रूप से ज्ञाि था फक कानून का पालन नहीं फकया जा रहा था।
प्रतिबंतधि पदाथों के ऄवैध सेवन की ररप र्टटग से प्रशासन क िस्तकरी पर ऄंकुश लगाने एवं
कानून के बेहिर फक्रयान्वयन में मदद तमलेगी। फकसी ऄवैध घटना का साक्षी ह ने पर, महज
एक दशाक न बने रहकर आसके तखलाफ अवाज ईिाने का तनणाय, परकाररिा के तसद्ांिों-
सत्यिा और तनष्पक्षिा एवं एक नागररक के रूप में मेरे किाव्य का समथान करिा है। पाटी के
सदस्तयों द्वारा शराब के सेवन से पाखंड का स्तपि पिा चलिा है। सत्यतनष्ठा युक्त सरकार की
स्तथापना के तलए आस िरह के पाखंड क तनतश्चि रूप से तनयंतरि फकया जाना चातहए।
12. रमेश ज फक एक बहुि-ही मेहनिी व्यतक्त है, ऄपने पररवार में पैसा कमाने वाला एकमार
व्यतक्त भी है। ईसने कइ वषों से एक िेल कं पनी की स्तथानीय संबद् आकाइ में काया फकया है
और ईस कं पनी के स्तथानीय सुतवधा के प्रबंधक सुरेश के साथ एक मजबूि एवं तवश्वसनीय
संबधं स्तथातपि फकया है। हाल ही में सुरेश ने कं पनी के कॉप रे ट परामशी आंजीतनयर के रूप में
तनयुतक्त हेिु रमेश के नाम की ऄनुशस
ं ा की है, यह पद तस्तथर अय के साथ ही साथ ऄतधक
तजम्मेदारी का पद ह गा। एक ऄनौपचाररक बािचीि के दौरान सुरेश 1960 के दशक में
घरटि एक घटना का ईल्लेख करिा है, तजसमें कं पनी की लापरवाही के कारण 10,000 गैलन
पेट्र कै तमकल्स का स्तथानीय पयाावरण में ररसाव ह गया था, लेफकन ईस समय ईसके कारण
क इ क्षति ज्ञाि नहीं हुइ थी और प्रेस क आस ररसाव की क इ जानकारी नहीं दी गयी थी। जब
रमेश ईल्लेख करिा है फक राज्य के कानून के ऄनुसार ईसे िेल ररसाव (तस्तपल्स) की सभी
घटनाओं क दजा कराना अवश्यक है ि सुरेश ईसे याद फदलािा है फक ईस घटना क इ हातन
नहीं हुइ थी और ईसे पुन: स्तमरण करािा है फक वह ऐसा परामशी आं जीतनयर नहीं रख सकिा
ज ग पनीयिा का सम्मान नहीं करिा ह ।
तनतहि तहिधारक
रमेश, सुरेश, िेल कं पनी, सरकार और अम जनिा।
व्यतक्त है और ईसकी अय का स्र ि तस्तथर नहीं है; वह ऄपनी नौकरी गाँवाने की तस्तथति में नहीं
है। लेफकन, यफद वह आस नौकरी क लेिा है, ि वह घटना की ररप र्टटग में तनतहि जन तहि के
प्रति ईदासीनिा फदखा रहा है।
कं पनी में ईसे ऄपने तवरुद् प्रतिर ध का सामना करना प स सकिा है, क्योंफक कं पनी ने
ऄब िक आस घटना की ररप टा दजा नहीं की है।
iv) तववसल ब्ल ऄर बन जाए और घटना क ईजागर कर दे
गुण:
वह एक तजम्मेदार नागररक के रूप में राज्य के कानूनों का पालन करिे हुए ऄपने कायों
क सुतनतश्चि करे गा।
यफद बाद में आस प्रकार का क इ प्रतिकू ल प्रभाव ईत्पन्न ह ि वह पयाावरण और ल गों के
जीवन क ज तखम से बचाने में सक्षम ह गा।
द ष:
वह ऄपनी नौकरी ख देगा िथा सुरेश के साथ ईसके संबंध स्तथायी रूप से समाप्त ह
सकिे हैं।
(c) सव त्तम कायावाही
तस्तथति की गंभीरिा क समझिे हुए, मैं सरकार क घटना की सूचना प्रदान करने हेिु वररष्ठ
ऄतधकाररयों क समझाने का प्रयास करूाँगा, ज पयाावरण और जनिा क हुइ क्षति का
अकलन कर सकिे हैं। आसका िात्पया यह है, फक ऄपरातधयों क ईनके कायों के तलए दंतडि
फकया जाएगा। दूसरों क कानून के शासन का पालन करने हेिु प्रेररि करने का ईदाहरण भी
प्रस्तिुि फकया जा सके गा। हालांफक, आसका पररणाम यह ह सकिा है फक मैं ऄपनी नौकरी गाँवा
दू।ाँ साथ ही यह यह यकयान फदया जाना अवश्यक है, फक आस िरह के मामलों में जनिा के तहि
सवाातधक महत्वपूणा हैं, तजसके साथ फकसी भी कीमि पर समझौिा नहीं फकया जा सकिा है।
13. मानव पर नैदातनक परीक्षण (clinical trials) के तवतनयम और प्रफक्रयाएं राष्ट्र दर राष्ट्र तभन्न
हैं। एक ईभरिे बाय मेतडकल क्षेर के रूप में स्तटेम सेल श ध के तलए मानवीय परीक्षणों हेिु
स्तवीकृ ति की अवश्यकिा ह िी है और आसे चुनौतियों का सामना करना प सिा है। अप
वैज्ञातनकों के एक दल के नेित्ृ वकिाा हैं तजन्होंने एक नइ रटश्यू आं जीतनयररग तसस्तटम तवकतसि
फकया है ज हृदय के ईत्तकों (रटश्यूज) क पुनः पैदा करने हेिु अशावान साधन नजर अिा है।
आस तसस्तटम का पहले ही जानवरों पर परीक्षण फकया जा चुका है और ईसके ऄच्छे पररणाम
तमले हैं। गंभीर हृदय र गों से जूझिे लाखों ल गों क आससे ऄत्यतधक लाभ ह गा यफद यह
आलाज ईनके तलए शी्र ईपलब्ध करा फदया जाए। हालांफक आसके वातणज्यीकरण से पूवा
मानव पर नैदातनक परीक्षण करने की अवश्यकिा ह िी है। यह भी ज्ञाि है फक आसके
वातणतज्यक रूप से (बाजार में) ईपलब्ध ह ने से पूवा देश में तवतनयम संबध
ं ी कि र वािावरण
के कारण मानवीय परीक्षण और ऄंतिम स्तवीकृ ति में वषों लग जाएंग।े वहीं दूसरी ओर बहुि से
गरीब राष्ट्रों में नैदातनक परीक्षण संबध
ं ी तवतनयम ाीले हैं और शी्र स्तवीकृ ति संभव है। अपके
बहुि-से प्रतिद्वंद्वी भी नैदातनक परीक्षण हेिु प्रायः ऐसे राष्ट्रों का रुख करिे हैं जहां वे
ऄतधकाररयों क ररश्वि दे कर शी्र स्तवीकृ ति प्राप्त कर लेिे हैं।
दी गइ पररतस्तथति के ऄनुसार तनम्नतलतखि प्रश्नों के ईत्तर दीतजएः
(a) नैदातनक परीक्षण के दौरान ईभरने वाले नौतिक मुद्दों की पहचान कीतजए।.
(b) दी गइ ईपयुक्त
ा पररतस्तथति में, क्या अप मानवीय परीक्षणों क फकसी िीसरे देश में
स्तथानांिररि करना पसंद करें गे जहां तवतनयम ाीले हैं? ऄपने चयन हेिु कारण दीतजए।
(c) नैतिक संघषा क कम करने एवं नइ दवाआयों हेिु स्तवीकृ ति की प्रफक्रया क िीव्र करने के
तलए मानक प्रफक्रया का एक प्रारूप सुझाआए।
र गों से पीत सि ल गों की सहायिा करे गी। वातणतज्यक रूप से ईपलब्ध ह ने से पहले, आसे
मनुष्यों पर नैदातनक परीक्षणों से गुजरना ह गा, आसके तलए सख्ि तनयमों का पालन करना
ह गा। वैकतल्पक रूप से, गरीब देशों में कमज र तवतनयमन के चलिे िेजी से मानव परीक्षण
होंगे िथा ईन्हें स्तवीकृ ति भी तमलेगी िथा कइ प्रतिस्तपधी ररश्वि देकर यह काम कर रहे हैं।
(a) नैदातनक परीक्षण स्तवेच्छा व्यक्त करने वाले मनुष्यों पर एक प्रकार का परीक्षण है। ज यह
देखने के तलए फकया जािा है फक अम जनिा पर व्यापक तचफकत्सा का ईपय ग करने के तलए
नइ तचफकत्सीय ईपचार क मंजूरी दी जानी चातहए या नहीं। तवतभन्न नैतिक मुद्दों में
तनम्नतलतखि सतम्मतलि हैं:
व्यापक जनसंख्या के कल्याण के तलए इमानदारी पूवाक नैदातनक परीक्षण करने का
नैतिक किाव्य।
मानविा ऄपने अप में एक यकयेय है (गांधीजी)। थ से से भुगिान के एवज में आिना ब सा
ज तखम लेने के तलए समाज के तनचले स्तिर के ल गों का ईपय ग करना मानविा का
ऄपमान है। आससे सामान्य जनसाँख्या के स्तवास्तथ्य में सुधार ि ह सकिा है, लेफकन
श षण के रूप में लागि भी बढ सकिी है, ज मौि का भी कारण बन सकिी है औऱ वह
गलि ह गा।
सूतचि सहमति के संबंध में गरीब देशों की नैतिक चचिाएं।
तचफकत्सा तवतशि ल काचारों द्वारा तनयंतरि ह िी है, तजसमें तचफकत्सक का पहला यकयान
स्तवास्तथ्य और र गी के जीवन पर ह ना चातहए। ईसे ऐसा कु छ भी नहीं करना चातहए
तजससे र गी का स्तवास्तथ्य खराब ह जाए। नैदातनक परीक्षण लंबे समय में तचफकत्सक-
र गी संबंधों की प्रामातणक नींव क कमज र बना सकिे हैं।
(b) विामान मामले में, वैज्ञातनकों ने ह्रदय के उिकों क पुनजीतवि करने की एक नइ िकनीक
तवकतसि की है, तजससे ऐसे लाखों ल गों क महत्वपूणा जीवन तमलेगा ज गंभीर ह्रदय र ग से
पीत सि हैं। हालांफक, गरीब और तवकासशील देशों के ाीले तनयम िथा भ्रि शासन वैज्ञातनकों
क आन देशों में ऄपनी प्रय गशालाओं क ख लने और परीक्षण करने क तववश करिे हैं। आस
प्रकार के अचरण के गुण और द ष तनम्नानुसार हैं:
गुण
गरीब देशों में लागि कम है। आसतलए, तवकतसि तचफकत्सीय ईपचार सस्तिा ह गा।
ईदाहरण के तलए, भारि में नैदातनक परीक्षण का खचा ऄमरीका के नैदातनक परीक्षण के
खचा से दस गुना कम ह सकिा है।
िीसरी दुतनया में ऐसे मरीजों की ईपलब्धिा की संभावना ऄतधक है ज पहले कभी ऐसे
परीक्षणों से नहीं गुजरे हैं या पहले से ही फकसी दवा का ईपय ग नहीं कर रहे हैं।
पररणामों में सुधार ह सकिा है। ऐसी समस्तयाओं से बचने के तलए, ऐसे ल गों के समूह से
ज ऄनुसंधान से जु से नहीं हैं, एक स्तविंर समीक्षा करवाना अवश्यक है।
सूतचि सहमति: व्यतक्त (तजस पर ट्रायल ह रहा है) क ऄयकययन के तववरण के संबंध में
बिाना चातहए। ईन्हें स्तवेच्छा से भाग लेने और सूतचि सहमति देने हेिु सहमि ह ना
चातहए।
व्यतक्त के प्रति सम्मान: सूचना की ग पनीयिा क बनाए रखकर तनयतमि स्तवास्तथ्य
तनगरानी करने से तवश्वास तमलेगा।
अंक से साझा करना: ऄिीि के श धों के अंक से दूसरों के तलए ईपलब्ध ह ने चातहए।
आससे समान दवाओं के नए परीक्षणों क करने की अवश्यकिा नहीं ह गी तजससे दवाओं
के ऄनुम दन की प्रफक्रया िेज ह गी। आस ईपतनयम क डेटा एक्सक्लुतसतवटी (data
exclusivity) पर WTO की वािाा में सुतनतश्चि फकया जाना चातहए।
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तवषय सूची
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5. भावनात्मक (संवग
े ात्मक) बुति/समझ/बुतिमत्ता: भावनाओं और बुतिमत्ता का समेकन ____________________________ 10
5.2. डेतनयल गोलमैन द्वारा प्रदत्त भावनात्मक बुतिमत्ता (या संवेगात्मक बुति) का मॉडल ___________________________ 11
6. बुति लतधध (आं टेतलजेंस कोशेंट) बनाम भावनात्मक लतधध (आमोशनल कोशेंट) पर एक दृति__________________________ 13
16. तवगत वषों में संघ लोक सेवा अयोग (UPSC) द्वारा पूछे गए प्रश्न ________________________________________ 23
17. तवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न _________________________________________ 23
18. तवगत वषों में संघ लोक सेवा अयोग (UPSC) द्वारा पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज _______________________________ 28
19. तवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज ________________________________ 29
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भावनाएं जरटल प्रततक्रियाएँ होती हैं जो प्रसन्न ता, िोध, दु:ख अक्रद जैसी गहन व्यतितनष्ठ ऄनुभूतत और
साथ ही भावनात्मक ऄतभव्यतियों एवं भावनात्मक जानकारी को समझने की क्षमता/क्षमताओं ऄथायत्
दूसरों की भावनात्मक प्रततक्रियाओं को "समझने" की क्षमता को समातवि करती हैं। दूसरे शधदों में,
भावनाओं को प्रायः क्रकसी व्यति या क्रकसी चीज के प्रतत तनददेशतशत ऄनुकूल या प्रततकू ल गहन ऄनुभूतत
के रूप में समझा जाता है।
कु छ तसिांतकारों द्वारा भावनाओं की व्याख्या अंतररक या बाय घ घटनाओं के प्रतत पृथक और सुसंगत
प्रततक्रियाओं के रूप में की गइ है तजनका जीव के तलए तवशेष महत्व होता है। वे जैतवक रूप से प्रदत्त
और ितमक तवकास का पररणाम होती हैं, क्योंक्रक ईहहोंने प्राचीन और सामतयक समस्याओं के प्रतत
संतोषप्रद समाधान प्रदान क्रकए हैं तजनका सामना हमारे पूवयजों ने क्रकया है। आसतलए, वे मानव मतस्तष्क
के ऄतनवायय संघटक हैं। यह सुस्थातपत तय य है क्रक मनुष्यों के तलए भावनाओं के तबना जीना लगभग
ऄसंभव है।
हालांक्रक, आस तय य पर कोइ मतैक्य नहीं है, लेक्रकन प्रायः यह माना जाता है क्रक जरटल प्रततक्रियाओं के
रूप में भावनाओं के तीन प्रमुख ऄवयव होते हैं। ये हैं:
(i) हमारे शरीर के भीतर दैतहक पररवतयन (physiological changes within our bodies): जैस-े
प्रसहनता, रुतच, संतोष, प्रेम तथा आनके सदृश कु छ भावनाएं जो सुखद और लाभप्रद होती हैं, ईहहें
सकारात्मक भावनाएं कहा जाता है। वे नइ संभावनाओं के द्वार खोलती हैं और हमारे व्यतिगत
संसाधनों का सृजन करती हैं।
दूसरी ओर, नकारात्मक भावनाएं ऐसी काययवातहयों से संबि होती हैं तजहहोंने हमारे पूवयजों को ऄपना
जीवन बचाने, जैसे क्रक बच तनकलने, अिमण करने अक्रद में संभवत: सहयोग क्रकया। नकारात्मक
भावनाएं भी मूल्यवान और रचनात्मक हो सकती हैं। ईदाहरण के तलए, तनरं तर कि क्रकसी व्यति को
सहायता मांगने, संबंध सुधारने या जीवन में नइ क्रदशा खोजने के तलए प्रेररत कर सकता है।
यह एक स्वाभातवक प्रवृतत्त है क्रक लोग सकारात्मक भावनाओं का अनहद ईठाते हैं जबक्रक नकारात्मक
भावनाओं से तवपतत्त के तौर पर व्यवहार करते हैं।
(Concept of Intelligence)
“बुतिमत्ता का ईपयुि संकेत ज्ञान नहीं ऄतपतु कल्पना-शति है” – ऄल्बटय अआंस्टीन।
“मुझे पता है क्रक मैं बुतिमान हँ, क्योंक्रक मुझे पता है क्रक मैं कु छ नहीं जानता हँ” – सुकरात।
बुतिमत्ता को वस्तुतः तार्ककक रूप से सोचने, ऄथयपण
ू य ढंग से काययवाही करने और ऄपने पररवेश से
प्रभावी ढंग से तनपटने की एक व्यति की क्षमता के रूप में पररभातषत क्रकया जाता है। दूसरे शधदों में ,
यह एक ऐसा मानतसक गुण है तजसमें ऄनुभवों से सीखने, नवीन पररतस्थततयों के प्रतत ऄनुकूतलत होने,
भावात्मक (ऄमूतय) ऄवधारणाओं को समझने व ईनको संभालने तथा क्रकसी के पररवेश का
कु शलतापूवकय प्रयोग करने के तलए ज्ञान का ईपयोग करने की क्षमता समातहत होती है। आसकी व्याख्या
प्रायः सूचना को ऄनुभव करने या ईसका ऄनुमान लगाने और क्रकसी पररवेश या संदभय में ऄनुकूल
व्यवहार करने के तलए आसे ज्ञान के रूप में संधाररत करने की क्षमता के रूप में की जा सकती है।
यद्यतप, तवतभहन ऄनुसंधानकतायओं ने ऄपनी पररभाषाओं में बुतिमत्ता के तवतभहन पहलुओं पर जोर
क्रदया है, तथातप ईन सबने बुतिमत्ता के मौतलक अधार के रूप में कु छ प्रकार की संज्ञानात्मक उजाय पर
जोर क्रदया है। यह संज्ञानात्मक अधार ही व्यति को ईसकी क्षमताओं का प्रभावी ढंग से ईपयोग करने
में समथय बनाता है। हालांक्रक, बाद के कु छ तवचारकों ने तकय संगतता को बुतिमत्ता के सवायतधक महत्वपूणय
ऄवयव मानने पर जोर देना छोड़ क्रदया।
हावडय गाडयनर ने बहु बुतिमत्ता तसिांत (Theory of Multiple Intelligences) की चचाय की। यह
तसिांत बुतिमत्ता के तवतभहन प्रकारों की तवद्यमानता के तवषय में चचाय करता है, जो ऄतनवायय रूप से
सहसंबि नहीं होती हैं। प्रत्येक व्यति में ईनका छोटा ऄंश तवद्यमान होता है। हालांक्रक, समय के साथ
प्रत्येक व्यति एक क्षेत्र को ऄतधक पररपूणत
य ा से तवकतसत कर लेता है तथा बाद में वह क्षेत्र दूसरे क्षेत्रों
का स्थान ग्रहण कर लेता है। आस प्रकार एक व्यति तवश्लेषणात्मक अधार पर ऄर्तजत क्रकये तबना भी
भावनात्मक बुतिमत्ता धाररत कर सकता है। मूलतः ईहहोंने सात तवतभहन प्रकार की बुतिमत्ताएं
प्रस्तातवत की थीं लेक्रकन बाद में ईहहोंने ऄपनी सूची में नैसर्तगक (naturalistic) और ऄतस्तत्वपरक
बुतिमत्ता (existential intelligence) को भी जोड़ा।
भाषायी बुतिमत्ता (Linguistic Intelligence): वैसे लोग तजनमें भाषायी बुतिमत्ता तवकतसत
होती है, वे मौतखक और तलतखत दोनों रूपों में स्वयं को व्यि करने की बेहतर क्षमता प्रदर्तशत
करते हैं।
तार्ककक बुतिमत्ता (Logic Intelligence): प्रबल तार्ककक बुतिमत्ता वाले लोग ऄत्यंत सरलता से
गतणत तथा तकय -शास्त्र के प्रश्न हल कर सकते हैं।
प्रायोतगक बुतिमत्ता (Kinesthetic Intelligence): प्रायोतगक बुतिमत्ता का संबंध शारीररक
ऄतभव्यति से होता है। ऐसे लोगों को स्थान, दूरी, गहराइ तथा अकार की बहुत ऄच्छी समझ
होती है। शरीर पर ऄपेक्षाकृ त ऄतधक तनयंत्रण होने के कारण ऐसा व्यति सटीकता तथा सरलता से
जरटल गतततवतधयों को संचातलत कर सकता है।
तत्रतवमीय बुतिमत्ता (Spatial Intelligence): तजनकी तत्रतवमीय बुतिमत्ता ऄतधक होती है वे
2D और 3D तचत्र बनाने तथा ईनकी कल्पना करने में सक्षम होते हैं। गेममग, वास्तुकला, मल्टी-
मीतडया तथा ऄंतररक्ष प्रौद्योतगकी क्षेत्र के पेशव
े र लोग ईच्च स्तर की तत्रतवमीय बुतिमत्ता प्रदर्तशत
करते हैं।
संगीतात्मक बुतिमत्ता (Musical Intelligence): संगीतात्मक बुतिमत्ता एक दुलभ
य क्रकस्म की
बुतिमत्ता है। ऐसी क्षमता वाले लोग ध्वतन तथा संगीत को सुन कर तवतभन्न स्वरूपों तथा सुरों को
पहचान लेते हैं।
ऄंतवैयतिक बुतिमत्ता (Interpersonal Intelligence): ऄंतवैयतिक बुतिमत्ता वाले लोग
व्यावहाररक होते हैं तथा दूसरों के प्रतत तज़्मेदारी की गहरी भावना प्रदर्तशत करते हैं। वे शांत-
तचत्त होते हैं, ईहहें सुनने तथा बोलने दोनों की कला अती है, क्रकहतु ईन सबसे ऄतधक ईनमें ऄपने
ज्ञान का प्रयोग कर पाने तथा दूसरों को प्रभातवत करने की क्षमता होती है। तजहहें जहमजात नेता
समझा जाता है, वे वही लोग होते हैं तजनमें ऄंतवैयतिक बुतिमता होती है। ऄंतवैयतिक
बुतिमत्ता वाले लोग दूसरों में तछपे गुणों को पहचान कर ईसे सतह पर लाने की कला भी जानते
हैं।
ऄंतःवैयतिक बुतिमत्ता (Intrapersonal Intelligence): ऄंतःवैयतिक बुतिमत्ता ईन लोगों का
लक्षण है जो स्वयं से ऄत्यंत गहराइ जुड़े होते हैं। ऐसे लोग सामाहयतः स्वयं में तसमटे होते हैं क्रकहतु
ऄपने समकक्षों में ईनका बड़ा मान होता है। बुतिमत्ता के सात प्रकारों में से प्रत्येक में,
ऄंतःवैयतिक बुतिमत्ता सबसे दुलयभ होती है।
आस प्रकार, बुतिमत्ता की तार्ककक गतणतीय ऄवधारणा वाले एकाश्म बुतिमत्ता संबंधी पूवयवती
ऄवधारणा ने बहु बुतिमत्ता के तसिांत का मागय प्रशस्त क्रकया। ऄंतवैयतिक तथा ऄंतःवैयतिक
बुतिमत्ता संबंधी गाडयनर की ऄवधारणा बुतिमत्ता को समझने तथा ईस पर अधाररत सातहत्य की
व्याख्या करने में बहुत प्रभावशाली तसि हुइ। आहहीं से सामातजक बुतिमत्ता तथा ऄंततः भावनात्मक
बुतिमत्ता की धारणा सामने अयी।
बाद में, टफ्ट तवश्वतवद्यालय के रॉबटय स्टनयबगय ने बुतिमत्ता संबंधी ऄपनी ट्राइअर्ककक तसिांत
(Triarchic Theory) को सामने रखा तजसमें यह तकय प्रस्तुत क्रकया गया क्रक बुतिमत्ता संबंधी पूवयवती
पररभाषाएं ऄतत संकीणय हैं क्योंक्रक वे ईन बुतिमत्ताओं पर अतित हैं तजहहें IQ टेस्ट द्वारा परखा जा
सकता है। आसके स्थान पर, स्टनयबगय का मानना है क्रक बुतिमत्ता के प्रकारों को तीन ईपवगों:
तवश्लेषणात्मक (analytic), रचनात्मक (creative) तथा व्यवहाररक (practical) में तवभातजत क्रकया
जा सकता है। ईहहोंने यह भी तकय क्रदया क्रक बुतिमत्ता संबंधी परीक्षणों में रचनात्मकता को ईपेतक्षत
क्रकया जाना गलत था तथा ऄहय महत्वपूणय तवशेषताएं यथा संज्ञानात्मक प्रक्रियाएं, तनष्पादन संबंधी
ऄवयव, तनयोजन तथा तनणयय-प्रक्रिया संबंधी कौशल आत्याक्रद भी हैं।
बुतिमत्ता के ट्राइअर्ककक तसिांत के तवतभन्न पहलुओं के मुख्य कायय तनम्नतलतखत हैं:
(i) ऄवयवभूत – तवश्लेष्णात्मक बुतिमत्ता (Componential – Analytical Intelligence):
तवश्लेष्णात्मक बुतिमत्ता को क्रकताबी बुतिमत्ता के तौर पर संदर्तभत क्रकया जाता है। बुतिमत्ता का यह
को व्यवधान (ईदाहरण के तलए: तवचतलत करने वाली ईत्तेजना, जैसे घबराहट वाली अवाज) से
सरं तक्षत रखना चातहए (ईदाहरण के तलए: कु छ तय यों को याद रखने जैसी जानकारी मतस्तष्क में बनाये
रखना)।
पर्परागत रूप से यह माना जाता था क्रक गैर-संज्ञानात्मक होने के कारण भावनाएं संज्ञानात्मक
प्रक्रियाओं को सुकर नहीं बना सकती। वास्तव में, यह माना जाता था क्रक भावनाएं संज्ञानात्मक कायय के
प्रततकू ल होती हैं, क्योंक्रक वे गहन ऄनुभूतत होती हैं। आस प्रकार, अरं भ में धारणा यह थी क्रक भावना
और बुतिमत्ता के मध्य या तो कोइ स्बहध नहीं है या नकारात्मक स्बहध है। ईदाहरण के तलए, जब
हम िोध या ऄवसाद जैसी नकारात्मक भावना ऄनुभव कर रहे होते हैं, तो पहेली हल करने या ऄच्छे
तनणयय करने जैसे रचनात्मक कायों को करना बहुत करठन हो जाता है।
हालाँक्रक, मेयर और सालोवी ने भावनात्मक बुतिमत्ता की ऄवधारणा में भावनाओं और बुतिमत्ता के
बीच नकारात्मक स्बहध को ऄस्वीकार कर क्रदया। यह ऄनुभव क्रकया गया क्रक हमारी सोच या तनणयय
लेने में भावनाएं मागायवरोध नहीं हैं। यह हमें भावनात्मक बुतिमत्ता के तवषय की ओर ले जाती है।
आसतलए संभव हो पाता है क्योंक्रक भावनाएं प्रेरणादायक उजाय होती हैं, ऄतः यक्रद वांतछत
भावनाएं ईत्पन्न की जाएँ तो कायय की क्रदशा में क्रकए जाने वाले प्रयास सुसाध्य हो जाते हैं। आसके
ईदाहरण हैं- स्वयं को या दूसरों को क्रकसी कायय के तलए प्रेररत करना, जैस-े पढ़ाइ पर ध्यान के तहित
करना जब ऐसा करना करठन लग रहा हो; या क्रकसी तनावपूणय तस्थतत को तबना िोतधत हुए
प्रबंतधत करना अक्रद।
5.2. डे तनयल गोलमै न द्वारा प्रदत्त भावनात्मक बु तिमत्ता (या सं वे गात्मक बु ति) का
मॉडल
(Model of Emotional Intelligence by Daniel Goleman)
गोलमैन ने भावनात्मक बुतिमत्ता (या संवेगात्मक बुति) की ऄवधारणा को 1999 में और ऄतधक
पररष्कृ त क्रकया:
पांच घटकों वाला मॉडल (Five Components Model)
अत्म-जागरूकता (Self-awareness): यह व्यतिगत मनोदशा, भावनाओं और प्रेरणाओं को
पहचानने और ईनका दूसरों पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने की क्षमता है। अत्म-जागरूकता के
प्रमाण हैं: अत्म-तवश्वास, यथाथयवादी अत्म-मूल्यांकन और स्व-तवरोधात्मक हास्य की भावना।
अत्म-जागरूकता वस्तुतः व्यति द्वारा स्वयं की भावनात्मक तस्थतत की जाँच करने, ईसे ठीक से
पहचनाने और नाम देने की क्षमता पर तनभयर करता है।
अत्म-तवतनयमन (Self-regulation): यह तवघटनकारी अवेगों और मनोदशाओं को तनयंतत्रत
करने या पुनर्तनददेशतशत करने की क्षमता है और तनणयय को तनलत्बत करने ऄथवा कायय करने से
पहले सोचने की प्रवृतत्त है। अत्म-तवतनयमन के प्रमाण हैं: तवश्वसनीयता और सत्यतनष्ठा; ऄस्पिता
व्यवहार करने में सहायता करता है। समानुभूतत के प्रमाण हैं: प्रततभा सृजन और ईसे बनाए रखने
की क्षमता, दूसरों की संस्कृ तत के प्रतत संवेदनशीलता अक्रद। यहाँ ध्यान में रखने वाली महत्वपूणय
बात यह है क्रक समानुभूतत में अवश्यक रूप से करुणा सत्मतलत नहीं होती है। समानुभूतत का
‘ईपयोग’ करुणा या तनष्ठु र व्यवहार के तलए क्रकया जा सकता है। वैसे सीररयल क्रकलर, जो
िृंखलाबि ढंग से ऄपने जीवन-सातथयों से तववाह करते हैं और ईनकी हत्या कर देते हैं, ईनमें कू ट-
कू ट कर समानुभूतत कौशल भरा हो सकता है!
सामातजक दक्षता (Social skills): आसमें स्बहधों को प्रबंतधत करने और नेटवकय बनाने की दक्षता
तथा तालमेल स्थातपत करने के तलए साझा अधार खोजने की क्षमता स्मतलत होती है।
सामातजक दक्षता के प्रमाण हैं: पररवतयन लाने,समझाने बुझाने, तवशेषज्ञता सृतजत करने और टीम
का नेतृत्व करने में प्रभावशीलता।
आस प्रकार भावनात्मक बुतिमत्ता (या संवेगात्मक बुति) का गोलमैन का मॉडल ऄतधक व्यापक है तथा
यह क्रकसी सामातजक व्यवस्था, तवशेषकर शासन एवं प्रशासन के प्रभावी रूप से कायय करने हेतु बहुत
ईपयुि है।
के क्रदलों को ईद्वेतलत करने की क्षमता थी। ईहहोंने वायदा क्रकया क्रक जो भूतम “दमन की अग से
ईबल रही है” ईसे “स्वतहत्रता और हयाय” के शीतल जल स्रोत में पररवर्ततत क्रकया जा सकता है।
पहचानने, समझने और प्रबहधन की अवश्यकता थी। मार्टटन लूथर ककग ने ऄपनी भावनाओं के
प्रबहधन और दशयकों की भावनाओं को जगा कर ईहहें काम पर लगाने के ऄद्भुत कौशल का प्रदशयन
क्रकया। ककग ने “तववेक एवं भावना, िोध और अशा का पूरी तरह से एक संतुतलत नारा” प्रस्तुत
क्रकया। ईनके ददय और िोध का तमतित स्वर लोगों के सुरों से मेल खाता था।
भारतीय राष्ट्रीय अहदोलन में गाँधीजी का योगदान भी आसी प्रकार का था। भारत छोड़ो अहदोलन
की पूवय संध्या पर ईनके “करो या मरो” के नारे ने भारतीय जनमानस को ईत्तेजना से भर क्रदया,
फलस्वरूप मानव आततहास का एक व्यापक जनअहदोलन देखने को तमला। भावनात्मक बुतिमत्ता
से स्वयं के और दूसरों की भावनाओं के प्रबहधन का कौशल प्राप्त होता है।
IQ, या बुति लतधध, क्रकसी व्यति की बुति/बुतिमत्ता को अँकने के तलए तडज़ाआन क्रकए गए कइ
मानकीकृ त परीक्षणों में से एक से व्युत्पन्न (प्राप्त) सांख्यात्मक प्राप्तांक (numerical score) है। यह
से हीं तवकतसत नहीं है, तो ईसमें ईच्च IQ तवकतसत नहीं क्रकया जा सकता है।
दूसरी ओर, EQ, कोइ सांख्यात्मक प्राप्तांक नहीं है। EQ, भावनात्मक लतधध का प्रतीक है, जो
भावनात्मक बुतिमत्ता (Emotional Intelligence: EI) के प्रतत क्रकसी व्यति की स्वाभातवक क्षमता के
स्वस्थ या ऄस्वस्थ तवकास के सापेक्ष पररमाण को दशायता है। समान EI स्तर वाले दो व्यतियों में EQ
का स्तर तभन्न हो सकता है, क्योंक्रक EQ सामाजीकरण का ईत्पाद है। EQ का तवकास माता-तपता,
तशक्षकों अक्रद से प्राप्त भावनात्मक तशक्षाओं से होता है।
EQ को काययस्थल पर सफलता का एक बेहतर संकेतक माना जाता है। ऄपने असपास के लोगों को
समझने, समानुभूतत व्यि करने और संबंध जोड़ने की क्षमता के कारण, ईच्च EQ वाले लोग अमतौर
पर महान नेता और टीम लेयर बनते हैं। गोलमैन के ऄनुसार, काययस्थल पर तमलने वाली सफलता,
लगभग 80% या आससे ऄतधक EQ पर तनभयर करती है और लगभग 20% या ईससे कम IQ पर तनभयर
करती है। पररणामस्वरूप, ईच्च IQ वाले कइ व्यति जीवन में सफल नहीं हो पाते, जबक्रक आसके
तवपरीत, ऄतधकांश सफल लोगों का EQ ईच्च होता है। अज ऄतधकांश व्यवसायों की सफलता, दूसरों के
संकेतों को समझने और ईनके प्रतत ईतचत प्रततक्रिया व्यि करने की हमारी क्षमता पर तनभयर करती है।
सबसे बुतिमान लोग ही जीवन में सबसे सफल या सबसे संति
ु नहीं होते हैं। ऐसे लोग भी हैं जो
शैक्षतणक दृति से बहुत बक्रढ़या हैं परं तु क्रफर भी काम पर या ऄपने व्यतिगत संबंधों में, सामातजक रूप
से ऄक्षम और ऄसफल रहते हैं। जीवन में सफल होने के तलए के वल बुति लतधध (IQ) ही ऄपने अप में
पयायप्त नहीं है। क्रकसी का IQ ईसे महातवद्यालय में तो ले जा सकता है, परं तु यह के वल भावनात्मक
बुतिमत्ता ही है जो ऄंततम परीक्षाओं या साक्षात्कार के दौरान तनाव और भावनाओं को प्रबंतधत करती
है।
IQ मुख्य रूप से अनुवंतशक होता है। हालांक्रक, ब्रेन-फ़ू ड और मानतसक क्षमता को बढ़ाने वाले ऄभ्यासों,
जैस-े पहेतलयों, पार्तश्वक मचतन समस्याओं और समस्या तनवारण तकनीकों, के माध्यम से क्रकसी व्यति
के IQ को आसकी ईच्चतम क्षमता तक ले जाने के तलए कइ तरीके ईपलधध हैं जो अपको लीक से हटकर
सोचने में सक्षम बनाते हैं। दूसरी तरफ, EQ वस्तुतः IQ और ईन सभी ऄहय क्षमताओं, तजनसे कोइ
व्यति ऄहय सवोत्कृ ि गुणों से संपन्न होता है, ईसको प्रभावी रूप से ईपयोग करने की क्षमता है। आस
प्रकार, IQ एक वाहन की भांतत होता है, परं तु यह EQ ही है जो गंतव्य को तनधायररत करता है। ऄतः,
ईच्चतम संभातवत तवकास तक पहुंचने में IQ की तुलना में EQ ऄतधक महत्वपूणय है।
की भावना, एवं ऄच्छी िवण क्षमता पैदा करता है। ऄनुकूल स्बहध स्थातपत करने के तलए आन
गुणों की अवश्यकता होती है।
ईच्च भावनात्मक बुतिमत्ता वाले लोग ऄतधक समानुभूततपूणय होते हैं, क्योंक्रक भावनात्मक बुतिमत्ता
के तलए दूसरों की भावनाओं तथा ईनके दृतिकोणों को समझना अवश्यक होता है।
ग़लततयों से सीखना, क्योंक्रक भावनात्मक बुतिमत्ता वाले लोग तनश्चयात्मक, साहसी तथा ऄपने
कृ त्यों का दातयत्व स्वीकार करने वाले होते हैं। आसतलए, भावनात्मक बुतिमत्ता से लोगों में
ग़लततयों को दोहराने की प्रवृतत्त कम हो जाती है।
अलोचना से लाभ: क्रकसी को भी नकारात्मक अलोचना ऄच्छी नहीं लगती, क्रकहतु अपको मालूम
होना चातहए क्रक सकारात्मक अलोचना हमें सीखने का ऄवसर प्रदान करती है तथा तनराधार होने
पर भी, यह अपको दूसरों की तवचार-प्रक्रिया से ऄवगत कराती है। नकारात्मक फीडबैक तमलने
पर अप ऄपनी भावनाओं पर काबू रख स्वयं से पूछते हैं, क्रक “मुझमें और ऄतधक सुधार कै से हो
सकता है?"
आससे रचनात्मकता संवर्तित होती है, क्योंक्रक ऐसी माहयता है क्रक रचनात्मकता, सकारात्मक
भावनाओं का पररणाम होती है। दूसरी ओर, भावनात्मक बुतिमत्ता के कारण हमें ऄपने तनाव के
स्तर को तनयंतत्रत रखने तथा तवपरीत पररतस्थततयों में अशावादी बने रहने में सहायता तमलती है।
पररवतयनों को बेहतर ढंग से प्रबंतधत क्रकया जा सकता है। ऐसा आसतलए है क्रक तहतधारक
सामाहयतः पररवतयन को स्वीकार नहीं करना चाहते तथा ईच्च भावनात्मक बुतिमत्ता वाला व्यति
ऄहय तहतधारकों को समझा-बुझा कर एकमत कर लेता है।
कायय-स्थल पर भावनात्मक रूप से बुतिमान लोगों द्वारा बेहतर सहयोग तथा समहवय का
वातावरण तनर्तमत क्रकए जाने के कारण शति की खींच-तान संबंधी खेल कम होते हैं।
स्वयं को भावनात्मक नुकसान से बचाना (Protecting oneself from emotional
sabotage): भावनात्मक बुतिमत्ता का एक नकारात्मक पक्ष भी होता है – यथा ऐसे व्यति ऄपने
व्यतिगत ईद्देश्यों को अगे बढ़ाने या क्रकसी ऄहय स्वाथय-पूणय कारण से ऄहय लोगों की भावनाओं के
साथ चालाकी भरा तखलवाड़ कर सकते हैं। आसतलए स्वयं को आससे बचाने के तलए ऄपनी
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अवश्यकता अधारभूत स्तर की चीज़ होती है, यथा सुरक्षा, ईत्तरजीतवता तथा भरण-पोषण। ईन
चीज़ों की पूर्तत हो जाने पर हम ऄहय अवश्यकताओं या आच्छाओं की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
“आच्छा” का ऄथय है एक बड़ा घर, एक ऄच्छी कार, स्माटय फ़ोन आत्याक्रद। ईत्तरजीतवता या जीने के
तलए हमें ईन चीज़ों की अवश्यकता नहीं होती, बतल्क ईनकी आच्छा हमारी पसंद के ऄनुसार तथा
समाज में ईनके महत्व के ऄनुसार ईठती है। भावनात्मक रूप से बुतिमान लोग आन दोनों चीज़ों के
बीच के ऄंतर को समझते हैं, तथा आच्छा पूर्तत से पहले अवश्यकताओं को महत्व देते हैं।
सक्षम बनाने के तलए अत्म-स्मान और ऄंतवैयतिक कौशल की अवश्यकता होती है। सफल
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स्बहधों के तनमायण के तलए अपको साथयक तरीके से दूसरों से जुड़ने और स्बि होने के कौशल की
अवश्यकता होती है।
दबाव में शांततचत्त बने रहते हैं: ऄच्छे नेता करठन पररस्थततयों में भी िोध पर तनयहत्रण रखते हैं।
दूसरों को प्रोत्सातहत करते हैं: आस ऄभ्यास के तलए एक प्रमुख घटक दूसरों के योगदान को
पहचानना स्मतलत है। ईनकी भागीदारी के तलए पुरस्कृ त करने से लोगों को हमारी टीम का ऄंग
बनने के तलए प्रेररत करने में बहुत सफलता तमलती है। जो नेता दूसरों को प्रोत्सातहत करते हैं ईहहें
न के वल यह जानने की अवश्यकता होती है क्रक लोग कै सा महसूस करते हैं बतल्क ईनके साथ
स्बहध बनाने में भी सक्षम होना अवश्यक है।
के स स्टडीज़
दो तसतवल सेवकों की कहानी आस मबदु को तवस्ताररत करे गी। रतव और सुनील के पास एक जैसी
योग्यता हैं, दोनों ऄग्रणी स्कू लों और तवतश्वद्यालयों से ईत्कृ ि ऄंक प्राप्तकताय है ईहहोंने एक प्रतशक्षु के रूप
में एक समान पेशेवर प्रतशक्षण प्राप्त क्रकया है, परहतु जैसे ही वे नव-तनयुि मतजस्ट्रेट की ऄपनी
स्बतहधत पोमस्टग पर पहुंचते हैं, सभी समानताएं गायब हो जाती हैं। हालाँक्रक ऄकादतमक रूप से
ईत्कृ ि रतव का मानना था की यह ईनकी प्रशासतनक और तकनीकी प्रवीणता थी जो ईनके कायय के तलए
सबसे महत्त्वपूणय थी। हालाँक्रक, सुनील रतव से ऄकादतमक रूप से ईत्कृ ि तो नहीं था परहतु ऄंतवैयतिक
रूप से बहुत कु शल था। नौकरी पर कु छ वषों के पश्चात रतव को एक बेहतर प्रशासक के रूप में देखा
गया और हर छह महीने बाद स्थानांतररत क्रकया जाता था। सुनील की एक ऐसे व्यति के रूप में
पहचान बन गयी थी जो एक टीम में ऄच्छी तरह से कायय कर सकता था और पहल कर सकता था,
ऄपने काम के तलए पयायप्त समय समर्तपत कर रहा था, ऄपने सह-ऄतधकाररयों, पररयोजनाओं और
तचहताओं से ऄवगत था और वह जानता था टीम में स्वीकृ तत प्राप्त करने के तलए सबसे प्रभावी तरीका
लोगों की सहायता करना था। रतव यह ऄनुभव करने में तवफल रहा क्रक ईसके कायय का एक महत्त्वपूणय
ऄंग स्बहध तवकतसत करने की क्षमता था। ईनके ऄतधकाररयों को पता था क्रक वह प्रशासतनक रूप से से
कु शल था परहतु टीम में कायय करने की क्षमता में ईसका तवश्वास कम था। शैतक्षक योग्यताओं में रतव के
बेहतर होने के बावजूद सुनील ने भावनात्मक बुतिमत्ता दक्षता का ईत्कृ ि प्रदशयन क्रकया।
ऄनुयातययों को आस हद तक प्रभातवत क्रकया क्रक वे “ग्भीर रूप से सोचना बंद कर के वल भावनाओं में
बहते थे।” जो नेता भावनाओं में तनपुण हो जाते हैं, वे हमारे सोचने-तवचारने की शति को हर लेते हैं।
यक्रद ईनके मूल्य हमारे मूल्यों से तभन्न है तो पररणाम तवनाशकारी हो सकते हैं।
जीवन में सफलता सामातजक रूप से सफल होने पर तनभयर करती है, और सामातजक सफलता का एक
बड़ा भाग EQ पर तनभयर करता है। लेक्रकन बढ़ते हुए शोध प्रदर्तशत करते हैं, EQ का ईपयोग ‘जीत-
हार’ के साथ ‘जीत-जीत’ के पररणामों के रूप में तनयोतजत करने के तलए क्रकया जा सकता है। बेशक,
लोग EQ का ईपयोग हमेशा कु रटल कायों के तलए ही नहीं करते हैं, ऄतधकतर मौकों पर भावनात्मक
कौशल का ईपयोग लक्ष्य प्रतत का के वल एक ईपकरण या साधन है।
EI का ईपयुि स्तर ईन मामलों में ‘ऄंतसंबंधों’ को समझने की क्षमता की मांग करता है, जो ऄस्बि
हैं, परहतु एक साथ तमल कर सावयजतनक नीतत या पररयोजना के पररणामों को प्रभातवत करते हैं। आस
प्रकार, भावनात्मक बुतिमत्ता को प्रशासतनक हयाय का एक घटक होना चातहए और आसे ‘रचनात्मक
आस ईदाहरण से, यह स्पि है क्रक कै से सहकर्तमयों या ऄधीनस्थों में ईपयुि भावना पैदा कर करठन
लक्ष्यों को पूरा करने का चमत्कार क्रकया जा सकता है। मूल तवचार यह है क्रक भावनाएं हमारे व्यवहार
के तलए ईत्साहवधयक हैं, आसतलए भावनात्मक बुतिमत्ता हमें भावनाओं का प्रबहधन करने और ईहहें
बनाए रखने में सक्षम बनाती हैं।
17. तवगत वषों में Vision IAS GS में स टे स्ट सीरीज में पू छे
गए प्रश्न
(Previous Year Vision IAS GS Mains Test Series Questions)
करते हैं तथा ईसे व्यवहार में लाते हैं। जब कोइ व्यति ऄपनी भावनाओं के साथ ईपयुि
व्यवहार करता है तो वह ऄपेक्षाकृ त ऄतधक ऄच्छा तनणयय लेने में सक्षम होता है। ऄपनी
भावनाओं से व्यवहार करने में व्यति तजतना ही कु शल होगा, ईसके द्वारा और ऄतधक सही
तनणयय लेने की संभावना ईतनी ही ऄतधक होगी।
भावनात्मक समझ को व्यति की ऐसी योग्यताओं के रूप में पररभातषत क्रकया जाता है जो ईसे
एक साथयक लक्ष्य की प्रातप्त हेतु भावनाओं की ऄनुभूतत, तवचारपूवयक ईनका ईपयोग करने,
ईहहें समझने तथा ईनका प्रबंधन करने में समथय बनाती हैं। जब क्रकसी तनणयय प्रक्रिया में
भावनाओं का समावेश क्रकया जाता है तो ईहहें भावनात्मक समझ में तनतहत योग्यताओं द्वारा
संसातधत क्रकया जाता है। तनणयय में ऄलग-ऄलग मात्रा में ऄनुभूतत तथा भावनाओं का ईपयोग
क्रकया जाता है।
ईदाहरण के तलए, ऄत्यतधक िोध की तस्थतत का सामना करते हुए व्यति तकय संगत तथा
ऄनेक चरणों वाली प्रक्रिया को छोड़, िोध के वशीभूत होकर कोइ ऄनैततक तनणयय ले सकता
है। क़ानून का प्रवतयन करने वाली एजेंतसयों के ईदाहरण लें, शत्रुतापूणय या प्रततकू ल वातावरण
में वे बदले की कारवाइ में संलग्न हो सकती हैं।
आसतलए तसतवल सेवाओं में भावनात्मक समझ, भावनाओं को साथयक पररणाम प्राप्त करने हेतु
प्रबंतधत करने में लाभ पहुंचाती है। आसतलए, ईच्च भावनात्मक समझ वाले व्यति ऄपने तनणयय
प्रक्रिया पर िोध या रोष जैसी नकारात्मक भावनाओं के प्रभाव को कम कर सकते हैं। रोष या
िोध को तसफय ऄड़चनों के रूप में ही नहीं हटाया जाता है बतल्क तनणयय की गुणवत्ता को बढ़ाने
हेतु भी ईनका ईपयोग क्रकया जाता है। आसतलए, भावनात्मक रूप से समझदार तसतवल सेवा
का पररणाम तवतशि रूप से तब ऄपेक्षाकृ त ऄतधक ईत्कृ ि तनणययों के रूप में सामने अ सकता
है जब ऄतधक नकारात्मक भावनाएं तनणययों को प्रभातवत करने की चेिा करती रहती हैं।
2. क्या भावनात्मक बुतिमत्ता सांस्कृ ततक जड़ों से प्रभातवत होती है? भारतीय समाज की
भावनात्मक बुतिमत्ता को अप पतश्चमी समाज की भावनात्मक बुतिमत्ता से क्रकस प्रकार
पृथक करें ग।े
दृतिकोण:
क्रकस प्रकार भावनात्मक बुतिमत्ता सांस्कृ ततक मूल्यों से प्रभातवत होती है, चचाय कीतजए।
भारत तथा पतश्चमी सहदभय में भावनात्मक बुतिमत्ता के ऄनुप्रयोग में ऄंतर स्पि कीतजए।
ईत्तर:
भावनात्मक बुतिमत्ता ऄपनी तथा दूसरों की भावनाओं की पहचान तथा ईनके प्रबंधन करने
की क्षमता है। तवतभन्न ऄध्ययनों के ऄनुसार भावनात्मक बुतिमत्ता की क्षमता का एक भाग
व्यति के भीतर जहम से ही होता है जबक्रक दूसरा सीखने तथा ऄनुभव द्वारा पररवर्ततत क्रकया
जा सकता है; यह दूसरा भाग संस्कृ तत से प्रभातवत होता है तथा व्यवहारों को समझने के तलए
संरचना, क्रदशातनददेशश, दृतिकोण तथा तनयम प्रदान करता है।
हालांक्रक भावनाओं को सावयभौतमक व्यवहार के रूप में जाना जाता है, तथातप शोधकतायओं का
मानना है क्रक ईन तरीकों तजनके द्वारा भावनाओं को ऄनुभव, ऄतभव्यि, समझा तथा
तवतनयतमत क्रकया जाता हैं, को सांस्कृ ततक मानदंडों से प्रभातवत क्रकया जा सकता है।
सकारात्मक और नकारात्मक भावों को पहचानकर तथा यह तय कर क्रक भावों को कब
ऄतभव्यि क्रकया जाना चातहए तथा ईहहें क्रकस प्रकार प्रदर्तशत क्रकया जाना चातहए अक्रद के
माध्यम से संस्कृ तत भावनात्मक कायय पितत को प्रभातवत करती है।
कइ नृजातीय ऄध्ययनों से यह संकेत तमलता है क्रक सामातजक पररणामों में सांस्कृ ततक
तवतभन्न ता ईपतस्थत होती हैं; तवशेष तौर पर तब जब भावों का मूल्यांकन क्रकया जाए।
समतिवादी संस्कृ ततयों में िोध, प्रेम, हताशा अक्रद जैसी भावनाओं की स्पि ऄतभव्यति
ऄतशि मानी जाती हैं तथा सावयजातनक रूप से ऄवांछनीय होती हैं जबक्रक यही व्यतिवादी
भावनात्मक बुतिमत्ता, भारतीय दशयन परं परा में ऄहतर्तनतहत है जो भावनाओं की शतिशाली
प्रकृ तत पर जोर देती है। आन भावनाओं को एक सामंजस्यपूणय जीवन के तलए प्रयुि क्रकये जाने
की अवश्यकता है। ईदाहरण के तलए भगवत गीता में भावनात्मक रूप से बुतिमान व्यति को
तस्थतप्रज्ञ (भावनात्मक रूप से तस्थर व्यति) कहा गया है।
भगवान िी कृ ष्ण के ऄनुसार तस्थतप्रज्ञ व्यति वह होता है जो क्रकसी भी अपदा में तस्थर
रहता है तथा धैयय के साथ ऄच्छे या बुरे पररणाम का सामना करता है। वह क्रकसी भी
पररतस्थतत से ऄपनी आच्छानुसार भावनात्मक रुप से स्बि या ऄस्बि होने की शति
धारण करता है।
भारतीय तथा पतश्चमी दाशयतनक परं पराओं में तनम्नतलतखत ऄंतर देखे जा सकते हैं:
पतश्चमी दृतिकोण मुख्यतः आस पर ध्यान कें क्रित करता है क्रक हम ऄपने असपास के
व्यतियों से क्रकस प्रकार ऄपने व्यवहार को प्रबंतधत करें जबक्रक भारतीय दृतिकोण का
मोक्ष से संबंतधत ईद्देश्य भी है। आसके ऄनुसार हम ऄपने धमय का ऄनुसरण कर तथा अत्म
तनयंत्रण कर मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। यह ऄंततम पररणामों की मचता न कर मतस्तष्क को
संतुतलत रखने की तशक्षा भी प्रदान करता है।
भारत में व्यति ऄपने समूह के साथ ऄहयोहयातित संबंध (समतिवादी संस्कृ तत) रखता है
जबक्रक पतश्चम में व्यति स्वतंत्र है (व्यतिवादी संस्कृ तत) तथा ऄपने वैयतिक ईद्देश्य एवं
आच्छाओं को ऄतधक महत्व प्रदान करता है।
भारतीय कमयचारी अमतौर पर नेतृत्व की एक ऄतधक तनददेशतशत तथा कायय ईहमुख प्रकृ तत
को प्राथतमकता देते हैं जबक्रक पतश्चमी प्रबंधक सहभातगता मूलक प्रकृ तत को।
3. भावनाओं को, तजहहें पहले तनणयय लेने में एक ऄतार्ककक कारक माना जाता था, ऄब तनणयय
का महत्वपूणय कारक माना जाता है। आस संबध
ं में, तनम्नतलतखत प्रश्नों का ईत्तर दीतजए:
(a) ऄपने कतयव्यों के तनवयहन में पुतलसकर्तमयों और सशस्त्र बलों द्वारा सामना क्रकए जाने वाले
तीव्र दबाव और कायय संबध
ं ी तनाव (occupational stress) का मुकाबला करने में
भावनात्मक प्रज्ञता (Emotional Intelligence) क्रकस प्रकार सहायता कर सकती है?
(b) लोक सेवा में भावनात्मक प्रज्ञता कौशल को समातवि करने और अंकलन करने संबध
ं ी
कु छ मचताएं क्या हैं?
दृतिकोण:
भावनात्मक प्रज्ञता (आमोशनल आंटेतलजेंस: EI) का संतक्षप्त तववरण दीतजए।
कायय संबंधी तनाव और दबाव से तनपटने में पुतलसकर्तमयों और सशस्त्र बलों की EI क्रकस
प्रकार सहायता करती है, समझाएँ।
लोक सेवा में भावनात्मक प्रज्ञता कौशल का समावेश एवं मूल्यांकन करते समय ईत्पन्न होने
वाली कु छ मचताओं को सूचीबि कीतजए।
ईत्तर:
भावनात्मक प्रज्ञता (EI), तनाव दूर करने, प्रभावी ढंग से संवाद करने, दूसरों के प्रतत
सहानुभूतत प्रकट करने, चुनौततयों पर काबू पाने और संघषय ख़त्म करने के तलए ऄपनी
भावनाओं के साथ ही दूसरों की भावनाओं की सकारात्मक ढंग से पहचान करने, ईपयोग में
लाने, समझने और प्रबंतधत करने की क्षमता है।
भावनाओं को पहले एक ऄतार्क कक कारक माना जाता था। ऐसा माना जाता था क्रक ये
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तार्कककता को तवकृ त करती हैं और आस प्रकार तनणयय लेने की प्रक्रिया को प्रभातवत करती हैं।
हालांक्रक, EI को माहयता तमलने के बाद भावनाओं को तनणयय लेने की प्रक्रिया का महत्वपूणय
तहस्सा माना जाने लगा। लोक सेवकों के सामने कायय के दौरान कइ बार ऐसी पररतस्थततयाँ अ
जाती हैं जो अबादी के कमजोर वगों से स्बंतधत होती हैं। आन पररतस्थततयों में सही तनणयय
लेने के तलए भावनाओं की समझ जरूरी होती है। आस प्रकार, EI अवश्यक है। यह तार्ककक
कारकों पर अधाररत तनणययों से तवशुि भावनात्मक तनणययों या ईत्तेजना में तलए गए तनणययों
को ऄलग करने में मदद करती है।
(a) पुतलस ऄतधकाररयों व सशस्त्र बलों के सदस्यों को पररवार और तमत्रों से ऄलगाव,
प्रततकू ल माहौल (तवशेषकर ईन क्षेत्रों में जहाँ लोग ऄपनी तैनाती का तवरोध करते हैं), कठोर
तनयमों के ऄनुपालन और व्यावसातयक पदानुिम, ऄत्यतधक काययभार, भूतमका की ऄस्पिता,
तनवायह की ऄत्यंत तनम्न दशाओं, युिक्षेत्र में जान का खतरा/धमकी अक्रद कारकों के कारण
व्यावसातयक तनाव का सामना करना पड़ता है।
ऐसी तस्थततयों में, EI ईहहें दबाव और तनाव का सामना करने में सहायता प्रदान कर सकती
है। EI के मुख्य स्तंभ हैं:
अत्म-जागरूकता: आसमें शारीररक दबाव डालने वाले कायों को करते समय ऄपनी
भावनात्मक और मानतसक तस्थतत को जानना शातमल है। आसके ऄततररि आसमें तनाव से
बचने के तलए प्रयास क्रकये जाते हैं तथा ऄततशय कदम ईठाने से बचा जाता है। आन
ऄततशय कदमों का एक ईदाहरण ऄतधकाररयों के अत्महत्या करने की हातलया खबरें हैं।
अत्म-प्रबंधन: आसका तात्पयय अवश्यकता से ऄतधक काम के घंटे, अपातकालीन तस्थतत
अक्रद करठन पररतस्थततयों में स्वयं को तनयंतत्रत करने की क्षमता से है।
सामातजक जागरूकता: आसमें साथी ऄतधकाररयों, तवशेषकर ऄधीनस्थों के साथ-साथ
नागररकों की तशकायतों का तनपटारा करते समय ईनके प्रतत सहानुभूततपूणय रवैया
ऄपनाना शातमल है।
संबध
ं प्रबंधन: आसका ऄथय पेशेवर और व्यतिगत संबंधों के बीच संतल
ु न बनाए रखना
और शारीररक रूप से ईपतस्थत न होने पर भी ऄपने पररवार को भावनात्मक रूप से
समथयन देने की क्षमता तवकतसत करना है।
आसके ऄततररक्त, ऐसी संघषयपण
ू य तस्थततयों में जहाँ जनता में ऄतधकाररयों के प्रतत ऄतवश्वास
की तस्थतत होती है वहाँ EI मुि व्यवहार स्थातपत करने तथा तवरोधी दृतिकोणों का अदर
करने में सहायता कर सकती है।
हालांक्रक, यह ध्यान क्रदया जाना चातहए क्रक पुतलस कर्तमयों और सशस्त्र बलों के सदस्यों के
कतयव्यों में ईतचत ऄनुपात में बल प्रयोग करना शातमल है। यह कानून और व्यवस्था बनाए
रखने के तलए जरूरी है। आसके साथ ही आन बलों में अदेशों की िृंखला (chain of
command) बनाए रखने के तलए पदानुितमत नेतृत्व भी अवश्यक है। आसतलए, आन बलों में
EI की समझ को आन मापदंडों के ऄनुसार ही तैयार क्रकया जाना चातहए।
(b) लोक सेवाओं में EI का समावेश और मूल्यांकन करने से स्बंतधत कु छ मचताएँ हैं। आनमें
तनम्नतलतखत सत्मतलत हैं:
EI का मापन: हालांक्रक, EI का मापन करने के तलए मेयर-सालोवी-कारुसो EI परीक्षण
(MSCEIT), वोंग का EI पैमाना आत्याक्रद जैसे परीक्षण ईपलधध हैं, लेक्रकन ईनकी वैधता
संक्रदग्ध है क्योंक्रक आनके पररणामों को वस्तुतनष्ठ और तवश्वसनीय नहीं माना जाता है।
2. एक तनजी कं पनी ऄपनी दक्षता, पारदर्तशता और कमयचारी कल्याण के तलए तवख्यात है।
यद्यतप कं पनी का मातलक एक तनजी व्यति है, तथातप ईसका एक सहकाररता वाला अचरण
है जहाँ कमयचारी स्वातमत्व की भावना रखते हैं। कं पनी में लगभग 700 कार्तमक तनयुि हैं और
ईहहोंने स्वेच्छापूवक
य संघ न बनाने का तनणयय तलया है।
ऄचानक एक क्रदन सुबह एक राजनीततक पाटी के 40 अदमी ज़बरदस्ती फै क्ट्री में घुस अए
और फै क्ट्री में नौकरी माँगने लगे। ईहहोंने प्रबंधन और कमयचाररयों को धमक्रकयाँ और गातलयाँ
भी दीं। कमयचाररयों का मनोबल तगरा। यह स्पि था क्रक जो लोग ज़बरदस्ती घुस अए थे, वे
कं पनी के वेतन-पत्रक में होना चाहते थे और साथ ही साथ पाटी के स्वयंसेवक/सदस्य बने
रहना चाहते थे।
कं पनी इमानदारी के ईच्च मानकों को बनाए रखती है और तसतवल प्रशासन, तजसमें कानून
प्रवतयन ऄतभकरण भी शातमल है, का कोइ ऄनुग्रह नहीं करती। आस प्रकार के प्रसंग सावयजतनक
क्षेत्रक में भी घटते हैं।
(a) मान लीतजए क्रक अप कं पनी के मुख्य काययकारी ऄतधकारी (सी. इ. ओ.) हैं। अप ईपिवी
भीड़ के गेट के ऄंदर जबरन घुस अने और कं पनी पररसर के भीतर धरना देने की तारीख को
प्रचंड़ तस्थतत के तनष्प्रभावन के तलए क्या करें ग?
े
19. तवगत वषों में Vision IAS GS में स टे स्ट सीरीज में पू छे
गए प्रश्न: के स स्टडीज
(Previous Year Vision IAS GS Mains Test Series Questions: Case Studies)
1. अप एक ऄतत महत्वपूणय रे लवे जंक्शन के प्रभारी ऄतधकारी हैं। यह रे लवे जंक्शन व्यापार और
वातणज्य का एक मागय है। अपके तजले में तपछले कु छ सताह से कृ षक-ऄशांतत की
पररतस्थततयाँ बनती जा रही हैं। राजनीततक और तजले के (स्थानीय) नेताओं के साथ क्रकसानों
की वाताय का कोइ पररणाम नहीं तनकला है और यह ऄशांतत एक ऐसी ऄवस्था में पहुँच गइ है
क्रक ऄब वे स्टेशन के तनकट रे ल की पटररयों पर धरने का अयोजन कर तवरोध प्रदशयन कर रहे
हैं। आस प्रकार वे सभी ट्रेनों के संचालन को बातधत करने में सफल हो गए हैं। आस व्यवधान के
कारण लेटफामय पर प्रतीक्षारत यातत्रयों को भी काफी परे शानी का सामना करना पड़ रहा है।
(a) अपकी तात्कातलक काययवाही क्या होगी?
(b) भावनात्मक बुतिमत्ता आस मुद्दे से तनपटने हेतु एक साधन का कायय कै से कर सकती है?
(c) भतवष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृतत्त रोकने के तलए अप कौन-से कदम ईठाएंग?
े
दृतिकोण:
आस तस्थतत में ऄपनी तात्कातलक काययवाही का ईल्लेख कीतजए।
आस मुद्दे से तनपटने हेतु भावनात्मक बुतिमत्ता के महत्व का वणयन कीतजए।
तत्पश्चात भतवष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृतत्त रोकने हेतु अपके द्वारा ईठाए जाने वाले
कदमों पर प्रकाश डातलए।
ईत्तर:
(a) रे लवे स्टेशन के एक ऄतधकारी होने के नाते मेरा कतयव्य यह सुतनतश्चत करना है क्रक
वतयमान में जारी तवरोध के कारण रे ल संचालन प्रभातवत न हो। मैं यह सुतनतश्चत करूँगा क्रक
ऄनुनय, चेतावनी और ईपलधध ऄहय सभी वैधातनक साधन का ईपयोग कर रे लवे पटररयों को
खाली करवाया जाए। तजला प्रशासन की सहायता से यह भी सुतनतश्चत करूँगा क्रक आस
महत्वपूणय रे लवे जंक्शन के सुचारू संचालन में बाधा ईत्पन्न न हो। आसके ऄततररि, मैं यह भी
सुतनतश्चत करूँगा क्रक वतयमान तस्थतत के बारे में यातत्रयों को समय पर संचार ईपलधध कराने
के साथ ही स्टेशन पर जल, तचक्रकत्सा सहायता अक्रद जैसी बुतनयादी सुतवधाएं सुतनतश्चत कर
कम से कम ऄसुतवधा का सामना करना पड़े। स्टेशन पर यातत्रयों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा
जाएगा।
(b) भावनात्मक बुतिमत्ता ईपयुि
य तस्थतत से तनपटने हेतु बहुत महत्वपूणय है।
भावनात्मक बुतिमत्ता व्यति को तस्थर और शांततचत्त बनाए रखने में सहायक है। तजला
प्रशासन, नाराज प्रदशयनकारी, यातत्रयों और रे लवे के वररष्ठ ऄतधकाररयों के मध्य
समहवय, के कारण ऐसी तस्थतत में भारी मानतसक दबाव ईत्पन्न होने की संभावना रहती
है।
ऐसे में ऄतधकारी को भीड़ की भावनाओं के साथ समानुभूतत तथा िु ि एवं अशंक्रकत
क्रकसान प्रदशयनकाररयों का तवश्वास जीतना चातहए। ईसे भारी अर्तथक हातन, अम
जनता की ऄसुतवधा और संभातवत कानूनी पररणाम को बहस का अधार बनाते हुए
2. अप एक क्रफल्म तनमायण क्पनी में मुख्य काययकारी ऄतधकारी (CEO) हैं। यह क्पनी कु छ
समय से तवत्तीय रूप से ऄच्छा प्रदशयन नहीं कर रही है। अपकी क्पनी ऄब ऄपनी अगामी
क्रफल्म पर तनभयर है। यह क्रफल्म शीघ्र ही ररलीज (प्रदर्तशत) होने वाली है। आस क्रफल्म में
तवश्वसनीय ऄतभनेताओं को तलया गया है। आस क्रफल्म के ररलीज होने के पूवय ही व्यापार-
पंतडतों ने ऄनुमान लगा तलया है क्रक यह क्रफल्म तहट होगी।
हालांक्रक, अप एक तवतचत्र पररतस्थतत का सामना कर रहे हैं, क्योंक्रक क्रफल्म में सत्मतलत एक
ऄतभनेता एक ऐसे पड़ोसी देश का नागररक है तजसके साथ संबध ं तबगड़ गए हैं और युि जैसी
तस्थतत बनी हुयी है। हालांक्रक जब क्रफल्म को क्रफल्माया जा रहा था तब राजनीततक माहौल
तभहन था। ऄब स्थानीय राजनीततक पाटी के नेतत्ृ व में, ईस ऄतभनेता को प्रततस्थातपत करने
या ऄतभनेता को प्रततस्थातपत न करने पर क्रफल्म ररलीज होने पर ही प्रततबंध लगाये जाने के
संबध
ं में जनता में व्यापक स्तर पर मांग ईठ रही है।
ऄब जबक्रक अप देश की मनोदशा एवं क्रफल्म को ईसके वतयमान स्वरूप में जारी करने से
जनता में होने वाली प्रततक्रियाओं से ऄवगत हैं, क्रकहतु साथ ही अप यह भी जानते हैं क्रक
क्रफल्म की आस ऄवस्था में ईस ऄतभनेता को प्रततस्थातपत करना व्यवहायय नहीं है क्योंक्रक
क्रफल्म में ईसकी पयायत भूतमका है। तसनेमा जगत में एक वगय ऐसा भी है जो नहीं चाहता क्रक
अप स्थानीय पाटी की धमक्रकयों को देखते हुए समझौता करें , क्योंक्रक यह वाक् एवं
ऄतभव्यति की स्वतंत्रता और साथ ही कलात्मक रचनात्मकता से भी समझौता होगा।
(a) अपको कौन-से तवकल्प ईपलधध हैं?
(b) प्रत्येक तवकल्प का मूल्यांकन कीतजए और ईसके गुणों और ऄवगुणों को बताआए।
(c) अप कौन-सी काययवाही का ऄनुसरण करें गे और क्यों?
दृतिकोण:
कं पनी के सीइओ के रूप में अप के पास ईपलधध तवकल्प बताआए।
ईपलधध तवकल्पों के गुणों और ऄवगुणों का मूल्यांकन कीतजए।
ऄपनी कारय वाही कारणों के साथ बताआए।
ईत्तर:
आस मामले में शातमल मुद्दे हैं:
कं पनी के सीइओ के रूप में कॉपोरे ट तहतों की सुरक्षा।
3. अप और अपका तमत्र दोनों एक महानगर में एक साथ रह रहे हैं और तसतवल सेवा परीक्षाओं
की तैयारी कर रहे हैं। अप ऄपने दैतनक लक्ष्यों को पूरा करने की प्रक्रिया का ईतचत प्रबंधन
कर लेते हैं क्रकहतु अप देखते हैं क्रक अपका तमत्र परीक्षा का दबाव सहने में ऄसमथय है। परीक्षा
में ईत्तीणय न होने का भय एवं ऄपने पररवार की ऄपेक्षाओं को पूरा न कर पाने की मचताएं ईसे
और भी ऄतधक ऄवसादग्रस्त कर रही हैं। समय के साथ सभी चीजों में अपके तमत्र की रुतच
समाप्त होती जा रही है और वह प्राय: ऄपना लक्ष्य प्राप्त न कर पाने पर अत्महत्या करने की
बात करता है। वह कइ बार खाना भी नहीं खाता है और बाहर घूमने जाने के तलए कहने पर
कमरे के ऄंदर ही रहना पसंद करता है। जब अपने एक पेशव े र डॉक्टर की सलाह ली तो
डॉक्टर ने अपके तमत्र का नैदातनक परीक्षण कर ईसे नैदातनक ऄवसाद (तक्लतनकल तडप्रेशन)
से पीतड़त बताया। आस बात से ऄवगत होते हुए क्रक अपके तमत्र को पेशव े र परामशय एवं
मनोतचक्रकत्सीय देखभाल की अवश्यकता है, अप ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले ईसके माता-
तपता से तमलने गए। पेशव े र परामशय का सुझाव देने पर ईहहोंने न के वल अपकी बातों को
तसरे से नकार क्रदया ऄतपतु बार-बार यही दोहराते रहे क्रक ईसे कु छ नहीं हुअ है। ईहहोंने
कठोरतापूवक य ईल्लेख क्रकया क्रक अपके द्वारा आस मामले की चचाय करने से लोगों को मनगढ़ंत
बातें बनाने का ऄवसर ही तमलेगा। जब अप ईनसे तवनम्रतापूवक य तनवेदन करते हैं क्रक क्रकसी
के मानतसक स्वास्य य की ईपेक्षा करना बुतिमत्तापूणय कायय नहीं है तब भी वे अपकी ईपेक्षा
करते हैं। अपके तमत्र के माता-तपता ईसकी तस्थतत को तवफलता का संकेत मानते हैं और ईसे
(अपके दोस्त को) वापस घर बुलाने का तनणयय करते हैं जहां वह ऄपनी तैयारी जारी रख
सकता है। यक्रद अपका तमत्र ऄपने घर वापस जाता है तो अप ईस पररतस्थतत में ईत्पन्न होने
वाली समस्या की गंभीरता से ऄवगत हैं। अप यह भी जानते हैं क्रक मानतसक स्वास्य य के
संबध
ं में बहुत कम जागरूकता है एवं आसका समाधान आसकी ईपेक्षा करना नहीं बतल्क आससे
तनपटने के तलए अवश्यक ईपाय करना है।
(a) तमत्र के कल्याण के तलए मचततत एवं तसतवल सेवक बनने की अकांक्षा रखने वाले व्यति
के रूप में, जो भतवष्य में जनता के तलए नीततयों की रूपरे खा तय कर सकता है और तजसकी
ईनके प्रतत नैततक तज्मेदारी होती है; ऐसी तस्थतत में अपके पास कौन-से तवकल्प ईपलधध
है?
(b) आनमें से प्रत्येक तवकल्प का मूल्यांकन कीतजए और कारण बताते हुए वह तवकल्प चुतनए
जो अप ऄपनाएंग।े
रहा है। मैं भी ईसके दैतनक लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करूँगा, जो ईसे परे शान कर रहे है
और ईसके तनाव का कारण रहे हैं। आसके ऄलावा, मैं ईसे ऄपने लक्ष्यों को छोटे-छोटे कायों में
तोड़ने के तलए भी सुझाव दूग
ं ा।
ऄहत में, मेरे तमत्र द्वारा आस परीक्षा में की जा रही कड़ी मेहनत की प्रशंसा की जानी चातहए,
आस बारे में मेरे तमत्र के माता-तपता को जागरूक करूंगा।
प्रततयोगी परीक्षाएं बेहद तनावपूणय और मानतसक दबाव वाली होती है, एक परीक्षाथी को
आस वक़्त मचता या ऄवसाद का सामना करना पड़ सकता है और आसके साथ ऄहय स्वास्य य
तवसंगतत की तरह ही व्यवहार क्रकया जाना चातहए। जो व्यति ऄवसाद से ग्रस्त हैं ईसके
तमत्र/साथी/ररश्तेदार अक्रद के रूप में हमें यह सुतनतश्चत करना चातहए क्रक ईपचार के प्रत्येक
चरण में तनदान के साथ व्यति के तलए तस्थतत को सामाहय करने और ईसका समथयन करने के
तलए हम ऄपना सवयिेष्ठ योगदान दें।
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तवषय सूिी
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1.4. शासन व्यवस्था में शुतिता सुतनतित करने के तिए ाअवश्यक ाईपाय ________________________________________ 9
1.5 शासन व्यवस्था में शुतिता में सुधार हेतु ाऄन्य सुझाव__________________________________________________ 18
2.2. िोक सेवा हेतु मागषदशषक तसद्ाांत (Principles Guiding Public Service) _______________________________ 22
3. तवगत वषों में सांघ िोक सेवा ाअयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न (Past Year UPSC Questions) _______________________ 25
4. तवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न (Vision IAS Test Series
Questions) _______________________________________________________________________________ 25
5. तवगत वषों में सांघ िोक सेवा ाअयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज (UPSC: Case Studies) ____________________ 30
6. तवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज (Vision IAS
Test Series Questions: Case Studies) ________________________________________________________ 32
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"यदद हम भारत को भ्रष्टािार मुत नह नना सकते, तो देश को 2020 तक तवकतसत ननाने की
पररकल्पना एक स्वप्न ही रह जाएगी।” - डा. ए. पी. जे. ाऄब्दुि किाम
नोट: ाआस ाऄध्याय में हमने UPSC-CSM तसिेनस एवां CSM के तवगत वषों के प्रश्नों को ध्यान में
रखते हुए Probity के तिए “शुतिता” शब्द का प्रयोग दकया है। हािाांदक UPSC-CSM तसिेनस एवां
CSM 2014 {प्रश्न सांख्या 2 (b)} में ाआसके तिए क्रमशाः “ाइमानदारी” एवां “सत्यतनष्ठा” जैसे शब्दों का
प्रयोग हुाअ है।
शासन व्यवस्था में शुतिता वस्तुताः सरकार के तवतभन्न ाऄांगों के औतित्य और िररत्र से सांनतां धत है दक
या ाआनमें प्रदक्रयागत न्याय-तनष्ठा का पािन दकया जाता है, भिे ही ाआन सांसथानों
् में व्यति कायष करते
हों। ाआसके तहत नैततक और पारदशी दृतष्टकोण को ाऄपनाया जाता है तथा शासन प्रदक्रया की सूक्ष्म जाांि
की ाऄनुमतत प्रदान की जाती है। शुतिता (प्रोतनटी) से ाअशय मात्र नेाइमान ननने से तवरत रहना ही नह
है योंदक ाआसका तनधाषरण व्यतिगत और सामातजक मूल्यों जैसी ाऄमूतष पहिुओं के माध्यम से दकया
जाता है। िोकतांत्र में शुतिता (प्रोतनटी) वस्तुताः तवतध के समक्ष समानता के तसद्ाांत का पािन तथा
नागररकों के प्रतत नेताओं के ाऄतधकारों एवां कतषव्यों का सममान करती है।
ाआसके तवपरीत, शुतिता (प्रोतनटी) एक सामातजक ाऄपेक्षा है तजसकी माांग नागररकों द्वारा ाऄपने तनणषय-
कताष एवां राज्य के ाऄांग के प प में कायषकताषओं से की जाती है। यह ाऄपेक्षा दकस सीमा तक पूरी की जाती
है ाआसका तनणषय करने के तिए मानदांडों का तनधाषरण दकया जाता है तथा ाआनमें प्राय: तीन िीजें
सतममतित होती हैं: “जवानदेही” (accountability), “पारदर्शशता” (transparency) और
“ाऄनुदक्रयाशीिता” (responsiveness)। साथ ही ाआसमें यह साझा तवश्वास भी सतममतित होता है दक
ाआन मानदांडों को ाऄपनाने से भ्रष्टािार मुि एवां सक्षम शासन सांभव होगा। हािााँदक के वि मानदांडों का
तनधाषरण ाऄपने ाअप में, नैततक व्यवहार को सुतनतित नह करता, ाआसके तिए सामातजक जीवन में
शुतिता (प्रोतनटी) और सत्यतनष्ठा की सुदढ़ृ सांस्कृ तत की ाअवश्यकता होती है। नैततक व्यवहार का सार
के वि मानदांडों में तनतहत नह है, ाऄतपतु ाईसे दक्रया प प में पररणत करने और ाईसके ाईल्िांघन के तवरुद्
प्रततनांधों का ाअदेश जारी करने में है।
ाआससे तववेकपूणष और नैततक पररणाम प्राप्त होते हैं एवां समय के साथ तवश्वास का सृजन होता है।
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यद्यतप शुतिता से सांनांतधत मत और तसद्ाांत स्पष्ट एवां भिीभाांतत पररभातषत हैं, तथातप ाईन्हें कायाषतन्वत
करने हेतु यथाथषपूणष ाअकार प्रदान करने का ाईत्तरदातयत्व सरकार का है। ाआसतिए भिे ही शासन
व्यवस्था में शुतिता ाऄपनाने हेतु ाइमानदारी (honesty) एवां वस्तुतनष्ठता (objectivity) के महत्व के
तवषय में थोड़ी ाऄसहमतत हो, ककतु जो िीज प्रामातणकता एवां वस्तुतनष्ठता िाती है, और सनसे नढ़कर
ाईन्हें प्रततददन तनणषय प्रदक्रया में ाऄमि में िाती है वह सरकार की ाआच्छाशति, सांस्थाओं के साम्यष, और
हमारे नागररकों की सामातजक िेतनाFor को ाऄत्यतधक प्रेररत दकए जाने की ाअवश्यकता है तजसे न तो
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व्यतिगत जीवन में स्थान प्राप्त है न ही सामातजक जीवन में। यह सत्य है दक राज्य को तवतभन्न क्षेत्रों
से पििन की वतषमान प्रदक्रया तजसमें ाआसने कभी भी प्रवेश नह दकया या तजनमें यह कु शितापूवषक
प्रदशषन करने में सक्षम नह है, भ्रष्टािार की सांभावनाओं को कु छ सीमा तक कम कर सकती है, िेदकन
भिे ही मुि नाजार ाऄथषव्यवस्था की ओर पिातयत हो जाएां, तन भी औद्योतगक गतततवतध पर प्रततनांधों
से तभन्न ाऄथषव्यवस्था का तवतनयमन होना िातहए। शासन व्यवस्था की ाअवश्यकताएां ाऄन खरीदों ,
ाऄनुनांधों ाअदद मामिों में युतियुि हस्तक्षेप की माांग करती हैं।’
तद्वतीय प्रशासतनक सुधार ाअयोग (2nd ARC) ने ाऄपनी िौथी ररपोटष (शासन में नैततकता) में
भ्रष्टािार और राजनीतत के ाऄपराधीकरण के नीि गठजोड़ की व्याख्या करते हुए भ्रष्टािार पर ाअगे
सतवस्तार वणषन दकया है। िुनावी प्रदक्रया में ाऄपरातधयों की भागीदारी "भारतीय राजनीततक व्यवस्था
का कमज़ोर तनन्दु", कही जाती है जो “कानूनों के खुिाअ
े म ाईल्िांघन, सेवाओं की तनम्नस्तरीय गुणवत्ता,
राजनीततक, समूह, वगष, साांप्रदातयक या जाततगत ाअधार पर कानून तोड़ने वािों की सुरक्षा, ाऄपराधों
की जाांि में पक्षपातमूिक हस्तक्षेप, मामिों के तनम्नस्तरीय ाऄतभयोजन, काइ वषों तक ििने वािे
ाऄतभयोग, न्यातयक प्रदक्रया की ाईच्ि िागत, नड़ी सांख्या में मामिों को वापस िेना, ाऄतववेकपूणष प प से
पैरोि प्रदान दकए जाने जैसी तस्थततयााँ” ाईत्पन्न करती है, तजन्हें भ्रष्टािार के सनसे महत्वपूणष कारणों
के प प में सूिीनद् दकया जाता है।
ाअयोग ने पुतिस को सांभातवत प्रततद्वांदी के स्थान पर सहयोगी के प प में प पाांतररत होने की भी ििाष
की है और ाआसे “ाऄपरातधयों को राजनीतत में ाअकर्शषत करने वािी ाऄत्यांत सममोहक िुन
ां क” कहा है।
राजनीततक दिों को सांदर्शभत करते हुए ाअयोग ने ाआस ओर ध्यान ाअकर्शषत दकया है दक धननि और
नाहुनि का ाईपयोग करके वोटों को दकस प्रकार प्राप्त दकया जा सकता है और िुनाव पर ाऄततशय मात्रा
में दकए जाने वािे ाऄवैध व ाऄनुतित व्यय की ओर सांकेत दकया है तथा ाआसे भ्रष्टािार का मूि कारण
नताया है। ाआस पृष्ठभूतम के तवरुद्, ARC ने ऐसे ाऄपराधों का वगीकरण दकया है तजन्हें भ्रष्टािार
तनवारण ाऄतधतनयम के ाऄांतगषत िाए जाने की ाअवश्यकता है, ये तनम्नतितखत हैं:
पद की शपथ का जाननूझकर ाईल्िांघन के प प में होने वािा सांतवधान और िोकताांतत्रक सांस्थाओं
का घोर तवकृ ततकरण।
दकसी व्यति का ाऄनुतित प प से पक्ष िेकर या व्यति को क्षतत पहुाँिाकर प्रातधकार का दुरुपयोग।
न्याय में ाऄवरोध ाईत्पन्न करना।
सावषजतनक धन का ाऄपव्यय।
भारत के सन्दभष में, ARC ने ऐसे तीन महत्वपूणष कारकों को सूिीनद् दकया है तजन्होंने पद के दुरुपयोग
में वृतद् की है:
1.4. शासन व्यवस्था में शु तिता सु तनतित करने के तिए ाअवश्यक ाईपाय
भ्रष्टािार तनवारण ाऄतधतनयम, 1988 में भ्रष्टािार तनवारण ाऄतधतनयम, 1947, ाअपरातधक कानून
सांशोधन ाऄतधतनयम, 1952 और भारतीय दांड सांतहता की धारा 161 से 165-A (सांशोधनों सतहत)
सतममतित हैं। यह ाऄतधतनयम िोक सेवकों को पररभातषत करता है तथा भ्रष्टािार या ररश्वतखोरी में
सांतिप्त िोक सेवकों को दांतडत करने का प्रावधान करता है। ाआस ाऄतधतनयम में िोक सेवकों के साथ
भ्रष्टािार या ररश्वतखोरी में सांतिप्त व्यति को भी दांतडत करने का प्रावधान है।
ाआस ाऄतधतनयम के तहत दकन ाऄपराधों हेतु दांड का प्रावधान दकया गया है?
जन कोाइ िोक सेवक ाऄपने ाअतधकाररक कतषव्य के दौरान दकसी व्यति के तनजी तहत के तिए ाईसके
पक्ष में कायष करता है तथा नदिे में वेतन के ाऄततररत धनरातश या ाईपहार स्वीकार करता है।
जन कोाइ िोक सेवक दकसी ऐसे व्यति से तजसके साथ ाईसका व्यवसातयक या ाअतधकाररक सांनांध
है, तनना भुगतान दकए कोाइ ाईपहार स्वीकार करता है।
जन कोाइ िोक सेवक ाअपरातधक कदािार का दोषी है, जैस-े ाअतधकाररक कतषव्य के दौरान कु छ
िोगों के पक्ष में कायष करने के तिए तनयतमत प प से ररश्वत स्वीकार करना।
यदद कोाइ व्यति ाऄपने तनजी सांनध
ां का ाईपयोग करके या ाऄवैध या भ्रष्ट तरीकों के माध्यम से िोक
सेवक को प्रभातवत करने के नदिे धनरातश या ाईपहार स्वीकार करता है, तो ऐसे व्यति को भी
दांतडत दकया जा सकता है।
ऐसे ाअपरातधक कृ त्यों के तिए िोक सेवक की सहायता करने वािे व्यति को भी दांतडत दकया जा
सकता है।
ाआस ाऄतधतनयम में हुए हातिया सांशोधन के ाऄनुसार ाईपहार या ररश्वत देने वािे व्यति को भी
दांतडत दकया जाएगा।
तवश्वतवद्यािय ाऄनुदान ाअयोग के कमषिाररयों, कें द्र या राज्य सरकारों से तवत्तीय सहायता प्राप्त करने
वािे सांस्थानों के कु िपततयों, प्रोिे सरों और वैज्ञातनकों, यहाां तक दक स्थानीय प्रातधकरणों के
ाऄतधकाररयों सभी को िोक सेवक घोतषत दकया गया है। भिे ही 'सावषजतनक कतषव्यों' का तनष्पादन
करने वािे साांसदों और तवधायकों का िोक सेवक की पररभाषा में स्पष्ट प प से ाईल्िे ख नह दकया गया
है, परन्तु ाआस ाऄतधतनयम की ाआस प्रकार व्याख्या की गाइ है दक ाआसमें वे भी सतममतित हैं (िािू प्रसाद
यादव को IPC के साथ-साथ PCA की तवतभन्न धाराओं के ाऄधीन दोषी ठहराया गया है)।
भ्रष्टािार तनवारण ाऄतधतनयम में 2018 में हुए सांशोधन
िोक सेवकों के भ्रष्टािार से सांनतां धत ाऄपराधों को तवतनयतमत करने वािे प्राथतमक कानून के प प में
भ्रष्टािार तनवारण ाऄतधतनयम, 1988 में ररश्वतखोर िोक सेवकों को दांतडत करने का प्रावधान है।
ररश्वत देने वािे को के वि ररश्वत िेने वािे को ‘ाईकसाने’ या सहायता करने के तिए दांतडत दकया जा
सकता है। ाआसके ाऄततररत, यदद ररश्वत देने वािा ररश्वत िेने वािे के तवप द् गवाही देने के तिए
सहमत हो जाता है, तो वह दांड से नि जाता है। काइ वषों से यह ाऄनुशस
ां ा की जाती रही है दक
ररश्वतखोरी के प्रकरणों से प्रभावी ढांग से तनपटने के तिए, के वि ररश्वतखोरी के माांग पक्ष (ाऄथाषत
ररश्वत िेने वािे) को दांतडत करना पयाषप्त नह है नतल्क ररश्वतखोरी के ाअपूर्शत पक्ष (ाऄथाषत ररश्वत देने
वािे) को भी समान प प से दांतडत दकया जाना िातहए। यह सोि ाऄांतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ददखााइ देती
है: यूनााआटेड नेशांस कन्वेंशन ाऄगेंस्ट करप्शन, 2005 और तिटेन का एांटी िााआनरी एट, 2010 ररश्वत
देने और िेने को एक समान ाऄपराध मानता है। ाअगे कु छ सांशोधनों का ाईल्िेख दकया गया है।
सांशोतधत धारा 8 के ाऄांतगषत, ररश्वत देने के ाऄपराध को स्पष्ट प प से पहिाना गया है। ाआसमें िोक
सेवकों को भ्रष्ट कृ त्य करने के प्रिोभन के प प में ररश्वत देना या देने का वादा करना सतममतित है। यह
ाअवश्यक नह है दक यह ररश्वत प्रत्यक्ष प प से ही दी जाए। ाआसे दकसी ाऄन्य व्यति को ाऄवश्य ददया
जाना िातहए, हािाांदक यह तनतित प प से ितक्षत िोक सेवक हो सकता है, साथ ही यह कोाइ ाऄन्य
व्यति भी हो सकता है। धारा 8 के ाऄांतगषत दांतडत दकए जाने हेतु यह ाअवश्यक है दक यह ाअिरण दकसी
प्रयोजन हेतु दकया गया हो।
तजतना स्वयां ाऄपराध महत्वपूणष है ाईतना ही धारा 8 (1) का परां तुक भी महत्वपूणष है जो ररश्वत देने के
तिए "तववश" होने वािे व्यतियों की रक्षा करने के तिए एक महत्वपूणष ाऄपवाद का ाईपनांध करता है।
यह वतषमान सामातजक वास्ततवकताओं की स्वीकृ तत है जहाां िोक सेवक ाऄपने कतषव्य तनष्पादन हेतु
ाअक्रामक प प से ाऄनुतित ाऄनुग्रह की मााँग करने के तिए ाऄपनी तस्थतत का िाभ ाईठाते हैं। यह तवधेयक
ाआस सांनांध में एक ाऄपवाद की व्यवस्था करता है- यदद ररश्वत देने के तिए तववश दकया जाने वािा कोाइ
व्यति कानून प्रवतषन ाअतधकाररयों को सात ददनों के भीतर ाआस घटना की सूिना देता है, तो ाईसे दांतडत
नह दकया जाएगा।
यह ाऄपवाद ाईत्पीतड़त ररश्वतदाता और ाऄनुतित िाभ प्राप्त करने के तिए नेाइमान तरीके से कायष करने
वािे व्यति के नीि ाऄांतर करने का प्रयास करता है। धारा 8 के तहत एक ाऄन्य महत्वपूणष ाऄपवाद दूसरे
"जािसाजी" (ये ाआस क्षेत्र में जािसाजी के मामिे कहिाते हैं) के दीघषकातिक ाईपयोग की रक्षा करता है।
ाआसतिए, ाअपरातधक जााँि में सहायता करने के तिए चस्टग ऑपरे शन करने वािें व्यतियों पर ाऄतभयोग
नह ििाया जा सकता है।
धारा 13 (d) के ाऄनुसार, दकसी िोक सेवक को ाअपरातधक कदािार का दोषी माना जाता था, यदद
वह "िोक सेवक के प प में कायषकाि के दौरान, दकसी व्यति से तनना दकसी िोक तहत के कोाइ मूल्यवान
िीज़ या ाअर्शथक िाभ प्राप्त करता है।"
हािाांदक, दकसी िोक सेवक द्वारा ननााइ गाइ कोाइ भी नीतत / की गाइ ाऄनुशांसा / तिया गया तनणषय
ाऄतनवायष प प से कु छ सांस्थाओं को िाभातन्वत करे गा और कु छ सांस्थाओं पर प्रततकू ि प्रभाव डािेगा।
ाआसतिए ाआस प्रावधान की व्याख्या दकसी ाअतधकारी के प्रयोजन को प्रश्नगत करने और पररणामस्वप प
ाईसे परे शान करने हेतु की जा सकती है। ाआस प्रकार ाआस ाईपधारा को समाप्त करना एक सही कदम था
और नाइ ाईपधारा िोक सेवक के ाअपरातधक कदािार को ाआस प्रकार पररभातषत करती है:
“यदद वह नेाइमानी से या धोखाधड़ी से िोक सेवक के प प में ाईसे सौंपी गाइ या ाईसके ाऄधीन दकसी
सांपतत्त को दुर्शवतनयोतजत करता है या ाऄन्यथा ाऄपने ाईपयोग में िाता है या दकसी ाऄन्य व्यति को
ऐसा करने की ाऄनुमतत देता है; या
यदद वह जाननूझकर ाऄपनी पदावतध के दौरान गैर-कानूनी तरीके से तनजी ाअर्शथक िाभ प्राप्त
करता है और ाईसकी ाअय के ज्ञात स्रोतों से ाऄसांगत ाअर्शथक सांसाधनों या सांपतत्त पर ाईसका या
ाईससे सांनांतधत दकसी भी व्यति का कब्जा है या ाईसकी पदावतध के दौरान दकसी भी समय कब्जा
रहा है, तजसके तिए िोक सेवक सांतोषजनक प प से तववरण नह दे सकता है।”
ये प्रावधान तवतशष्ट हैं और ाआन प्रावधानों के तहत 'प्रयोजन' और 'प्रततिि' ाऄपराध के ाअवश्यक घटक
के प प में सतममतित हैं, जो पूणत
ष या ाईतित है, और वास्ततवक ाऄपरातधयों को पकड़ने के तिए पयाषप्त हैं।
ाइमानदार नौकरशाहों की सुरक्षा (धारा 13, 17A और 19 में सांशोधन): नीततगत तनणषय प्रकृ तत में
भतवष्य से सांनांतधत होते हैं। ये तनणषय िोक तहत में और नुतद् के ाऄनुप्रयोग के साथ तिए जाने िातहए। ये
तनणषय मनमाने या तनजी तहतों को पूरा करने वािे नह होने िातहए। हािाांदक, ाआनके प्रयोजन सवोत्तम
होते हुए भी, ाआनके पररणाम ाआष्टतम से कम हो सकते हैं। पिदशष िाभ के साथ, ाआनका नाद के िरण में
मूल्याांकन दकया जा सकता है और दूतषत ाआरादों हेतु वास्ततवक नीयत को प्रश्नगत दकया जा सकता है।
ाईदाहरण के तिए हो सकता है दक कािे धन पर ाऄांकुश िगाने या प्राकृ ततक सांसाधनों के ाअनांटन के तिए
नीतत तैयार करने जैसे कदमों से भतवष्य में कु छ नुकसान हो, िेदकन ाऄप्रत्यातशत जोतखमों के भय से
शासन व्यवस्था को पांगु नह ननाया जा सकता है। तवतभन्न पहिों की सििता हेतु और ाआनसे वाांतछत
पररणाम प्राप्त करने हेतु, वररष्ठ ाऄतधकाररयों को ाअश्वासन ददया जाना िातहए दक ाईनके द्वारा तिए गए
दकसी भी ाअर्शथक तनणषय का काइ वषों नाद दूसरा ाऄनुमान नह िगाया जाएगा और ाईन्हें सेवातनवृत्त हो
जाने के िमने समय नाद भी जााँि सांनांधी कारष वााइ और ाऄतभयोजन का िक्ष्य नह ननाया जाएगा। ाऄभी
तक व्यवस्था में ऐसा घरटत नह हुाअ था और कु छ प्रकरणों में ाऄतधतनयम के प्रावधानों का ाईपयोग
ाइमानदार नौकरशाहों पर ाऄतभयोग ििाने के तिए दकया जा रहा था। ऐसे प्रकरणों से तनपटने वािी
धारा 13 की ाऄस्पष्टता दूर कर दी गाइ है और ाअपरातधक कदािार के सांनांध में स्पष्टता सुतनतित कर दी
गाइ है।
ाआसी प्रकार, एक नाइ धारा 17A में ाअतधकाररक कायों या कतषव्यों के तनवषहन के दौरान िोक सेवक
द्वारा की गाइ ाऄनुशस
ां ाओं और तिए गए तनणषय से सांनांतधत ाऄपराधों की जााँि-पड़ताि को शातमि दकया
गया है। ऐसी कायषवातहयों के तिए, सक्षम प्रातधकारी द्वारा पूवष स्वीकृ तत ाअवश्यक है, तसवाय ाआसके दक
जन व्यति को रां गे हाथों पकड़ा जाता है। धारा 19 सेवातनवृत्त नौकरशाहों तक भी ाआस सुरक्षा का
तवस्तार करती है।
सहयोग प्रदान करता है। यह ाऄतधतनयम मात्र RTI ाअवेदन दातखि करने से सांनांतधत नह है नतल्क
मुद्दों, प्रकरणों पर वाद-तववाद, ििाष ाअदद भी ाअरां भ करता है। यह ाऄतधतनयम खुिे समाज के तिए एक
मागष के प प में कायष कर रहा है तथा साथ ही प्रश्न पूछने की सांस्कृ तत का तवकास कर रहा है।
ाआसके महत्व पर प्रकाश डािते हुए, तद्वतीय ARC ने कहा है दक RTI सुशासन की प्रमुख कुां जी (मास्टर
की) है। RTI शासन व्यवस्था में जवानदेही सुतनतित करने तथा सावषजतनक कायाषियों में भ्रष्टािार एवां
ाऄक्षमता को कम करने में सहायता करता है। यह शासन और तनणषयण में िोगों की भागीदारी हेतु समथष
ननाता है।
RTI ाऄतधतनयम, गोपनीयता एवां तनयांत्रण के प्रशासतनक िररत्र एवां सांस्कृ तत को मूि प प से पररवर्शतत
करने तथा शासन में खुिप
े न, पारदर्शशता एवां ाईत्तरदातयत्व के एक नए युग के प्रवेश हेतु ाऄतधतनयतमत
दकया गया है। ाऄपने ाईद्देश्यों की पूर्शत की दृतष्ट से ाआस ऐततहातसक कानून का प्रभाव पहिे से ही पूणषताः
ददखााइ दे रहा है। भतवष्य में एक जागप क एवां सहभागी जनता सूिना प्राप्त करने के तिए ाआस
ाऄतधतनयम का ाऄतधकातधक सहारा िेगी तजसके पररणामस्वप प सावषजतनक कायाषियों में शुतिता और
पारदर्शशता में वृतद् होगी।
(iii) तव्हसि ब्िोाऄसष सांरक्षण ाऄतधतनयम (WBPA), 2014
(Whistle Blowers Protection Act, 2014)(WBP Act)
िोक तहत प्रकटीकरण ाऄतधतनयमों (Public Interest Disclosure Acts) का ाऄतधतनयमन, काइ
पतिमी देशों में भ्रष्टािार का सामना करने और गैरकानूनी गतततवतधयों के सूिनादाताओं की रक्षा करने
के ाईद्देश्य से ाऄपनाए गए तवतभन्न ाईपायों में से एक है। ाआन ाऄतधतनयमों को िोकतप्रय प प से तव्हसि-
ब्िोाऄर ाऄतधतनयम कहा जाता है। भारत ने 2014 में ाआसका ाऄपना सांस्करण ाऄतधतनयतमत दकया। यह
ाऄतधतनयम िोक सेवकों द्वारा दकए गए भ्रष्टािार के कृ त्यों, सत्ता या तववेकातधकार का जाननूझकर
दुरुपयोग, या दांडनीय ाऄपराधों के तवप द् िोक तहत प्रकटीकरण प्राप्त करने और जााँि करने के तिए एक
तांत्र का प्रावधान करता है। सामान्यत: ाआस प्रकार के ाऄतधतनयम के ाईद्देश्य हैं:
िोगों को ाईनके ाअसपास होने वािे भ्रष्ट कृ त्यों को नज़राऄांदाज नह करने तथा सांनांतधत प्रातधकारी
को ाआसकी सूिना देने हेतु प्रोत्सातहत कर िोक सेवकों के मध्य जवानदेतहता सुतनतित करना;
तव्हसि-ब्िोाऄसष को पदच्युतत और ाईत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करना और ाईनकी पहिान की रक्षा
करना;
ऐसी सूिना प्राप्त करने वािा सक्षम एवां स्वतांत्र प्रातधकारी/तांत्र/ाऄतधकारी का प्रावधान करना;
यह सुतनतित करना दक तवद्वेषी कमषिाररयों द्वारा व्यतिगत तशकायत या ाऄसांतोष को सांतष्ु ट करने
के तिए तव्हसि-ब्िोाआां ग की सुतवधा का दुरुपयोग नह दकया जाए।
WBPA, 2014 की मुख्य तवशेषताएां:
यह तव्हसि-ब्िोाऄर को पररभातषत करता है। ाआस ाऄतधतनयम के ाऄनुसार तव्हसि-ब्िोाऄर के तहत
सरकारी ाऄतधकाररयों के ाऄततररि ाऄन्य व्यति भी सतममतित होते हैं तथा ये व्यति ाऄपने कायष
तनष्पादन की प्रदकया के दौरान ाऄपने ाअस-पास होने वािे भ्रष्टािार को प्रकट करते हैं। ाआसके तहत
ाऄन्य व्यति या गैर-सरकारी सांगठन भी सतममतित हैं।
ाआसके तहत तव्हस्ि-ब्िोाऄर की गोपनीयता ननाये रखने सांनांधी प्रावधान दकये गए हैं।
यह तशकायतकताष या दकसी जााँि-पड़ताि में सहायता प्रदान करने वािे व्यति के ाईत्पीड़न के
तवप द् सुरक्षा प्रदान करता है। यह ाअवश्यक है योंदक तव्हसि-ब्िोाऄर, तनयतमत प प से ाईत्पीड़न
के तवतभन्न प पों, यथा- तनिांनन, प्रोन्नतत रोकना, चहसा और हमिे की धमकी ाअदद का सामना
करते हैं। यह कानून सक्षम प्रातधकाररयों को ाईन्हें सुरक्षा प्रदान करने की शति प्रदान करता है,
ाआसके तहत पुतिस सुरक्षा और ाईत्पीड़न करने वािों को दांतडत करना सतममतित है।
नातधत करे गा। ाईदाहरण के तिए, यदद सरकारी ाऄतधकारी को ाऄपने कायष तनष्पादन के सामान्य क्रम में
गित कायष की जानकारी प्राप्त होती है तो प्रासांतगक सूिना तक पहुांिने के तिए ाईन्हें RTI ाऄतधतनयम
की ाअवश्यकता नह होगी तथा यदद वह सूिना RTI (धारा 8 के कारण) के तहत प्रदान नह की जा
सकती है, तो ाईन क्षेत्रों में भ्रष्टािार का प्रकटीकरण नह दकया जायेगा। ाईदाहरण के तिए, सशस्त्र निों
के तिए हतथयारों की खरीद में या परमाणु ाउजाष सांयांत्रों के तनमाषण में भ्रष्टािार की तशकायतें ाआस धारा
के कारण सांभवताः प्रकट नह हो पाएगी।
यह सुतनतित करने के तिए दक राष्ट्रीय सुरक्षा और सत्यतनष्ठा से सांनांतधत सांवेदनशीि जानकारी से
समझौता न हो, ऐसे प्रकटीकरणों को पूणष छू ट प्रदान करने के नजाय सरकार ाआनके तिए ाऄततररि
सुरक्षा ाईपायों का प्रस्ताव कर सकती थी जैसे दक तशकायतकताष के तिए सक्षम प्रातधकारी के समक्ष
सीिनांद तििािे में तशकायत दजष कराने को ाअवश्यक ननाना ाअदद।
(iv) नेनामी िेनदेन (तनषेध) ाऄतधतनयम, 1988 तथा नेनामी िेनदेन (तनषेध) सांशोधन
ाऄतधतनयम, 2016
{Prohibition of Benami Property Transactions (PBPT) Act 1988 and Benami
Transactions (Prohibition) Amendment (BTPA) Act 2016}
PBPT ाऄतधतनयम 1988 के तहत “नेनामी िेनदेन” को ऐसे िेनदेन के प प में पररभातषत दकया जाता
है जहााँ सांपतत्त एक व्यति को स्थानाांतररत कर दी जाती है। जनदक कोाइ दूसरा व्यति ाआसका भुगतान
करता है। BTPA ाऄतधतनयम 2016, 1988 के ाऄतधतनयम की ाऄपेक्षा काइ मामिों में नेहतर है, यथा:
यह नेनामी िेनदेन की पररभाषा को नेनामी के मानदांड पर खरा ाईतरने वािे ाऄन्य िेनदेन से जोड़
कर ाईसे सांशोतधत करता है, जैस-े सांपतत्त का िेनदेन जहााँ:
o िेनदेन काल्पतनक नाम पर दकया जाता है,
o जहााँ स्वामी, सांपतत्त के स्वातमत्व की जानकारी से ाऄतभज्ञ है या ाईसकी जानकारी से ाआनकार
करता है, या
o जहााँ सांपतत्त का मूल्य िुकाने वािा व्यति ाऄज्ञात हो तथा ाईसका पता न िगाया जा सका हो।
यह नेनामी िेनदेन से सांनांतधत पूछ-ताछ या जाांि करने के तिए िार प्रातधकरणों की स्थापना
करता है: (i) प्रवतषक ाऄतधकारी (ाआतनशीएटटग ऑदिसर), (ii) ाऄनुमोदन ाऄतधकारी (ाऄप्रूचवग
ऑदिसर), (iii) प्रशासक (एडतमतनस्रेटर) तथा (iv) तनणाषयक प्रातधकारी (ाऄजूडके टटग ऑदिसर)।
यह नेनामी िेनदेन में प्रवेश के तिए ाऄथषदडिड तनधाषररत करता है।
यह वास्ततवक स्वामी द्वारा नेनामीदार से नेनामी पायी गयी सांपतत्त की पुनाः प्रातप्त को भी तनषेध
करता है।
नेनामी सांपतत्त सरकार द्वारा तनना कोाइ मुाअवज़ा प्रदान दकए ज़ब्त की जा सकती है।
ाआसमें कु छ मामिों में ाऄपवाद भी प्रदान दकए गए हैं, यथा पररवार के दकसी तनकटतम सदस्य के नाम
पर सांपतत्त की खरीद।
(v) के न्द्रीय सतकष ता ाअयोग (Central Vigilance Commission: CVC)
CVC की स्थापना 1964 में की गाइ थी। ाआसकी स्थापना प्रशासन में सत्यतनष्ठा (ाआां टेतग्रटी) ननाए रखने
सांनांधी मुद्दों के सांनांध में सरकार को परामशष देने के ाईद्देश्य से गरठत सांथानम सतमतत की ाऄनुशांसाओं के
ाऄनुप प की गाइ थी। CVC का ाऄतधकार क्षेत्र सभी िोक-सेवकों तथा के न्द्रीय सावषजतनक क्षेत्रक के
ाईपक्रमों, राष्ट्रीयकृ त नैंकों तथा स्वायत्तशासी सांगठनों के कमषिाररयों तक तवस्ताररत है।
CVC मामिों को या तो प्रत्येक तवभाग के के न्द्रीय सतकष ता ाऄतधकारी (CVO) या CBI को सौंप
सकता है। CVC या CVO दकसी िोक सेवक के तवरुद् कारष वााइ की ाऄनुशांसा करता है, दकन्तु दकसी
िोक सेवक के तवरुद् दकसी ाऄनुशासनात्मक कारष वााइ के तनणषय का ाऄतधकार ाईस तवभाग के प्रातधकारी
के पास ही सीतमत रहता है।
तसतवि सेवा ाअयोग नोडष (Civil Services Commission Board)
ाआसके ाऄततररि, तनयुतियों, स्थानान्तरण, ाईच्च पदों पर नहािी का तनरीक्षण करने तथा ग़िती करने
वािे ाऄतधकाररयों के तवरुद् ाऄनुशासनात्मक कारष वााइ हेतु दकसी तसतवि सेवा ाअयोग नोडष का गठन
राजनीततक हस्तक्षेप को तनयांतत्रत करने के तिए ाअवश्यक है।
के न्द्रीय सतकष ता ाअयोग के सुझाव
के न्द्रीय सतकष ता ाअयोग के ाअयुि श्री एन. तवट्टि के द्वारा एक और तविार ददया गया दक भ्रष्टािार
मुि शासन को प्रत्येक व्यति का मूि ाऄतधकार ननाया जाना िातहए। ाआसके प्रावधानों को सांतवधान के
भाग III में समातवष्ट दकया जाना िातहए तादक िोग मूि ाऄतधकार के प प में ाआसकी माांग कर सकें । साथ
ही ाआसे भाग IV में भी समातहत दकया जाना िातहए तादक राज्य ाआन मागष-दशषक तसद्ाांतों के ाऄनुसार
क़ानून नना कर ाईस पर ाऄमि कर सके । ाआस कदम से शुतिता (प्रोतनटी) तथा सत्यतनष्ठा (ाआां टेतग्रटी) में
वृतद् होगी, नशते मूि ाऄतधकारों को िागू करने के तौर-तरीकों तथा सांस्थागत व्यवस्था को कायाषतन्वत
दकया जाए।
टी. एस. ाअर. सुिमडियम तथा ाऄन्य ननाम भारतीय सांघ वाद में सवोच्च न्यायािय ने एक तसतवि सेवा
नोडष की स्थापना हेतु तनदेश ददया। यातिकाकताषओं ने तवतभन्न भारतीय तसतवि सेवाओं की स्वतांत्रता
का समथषन करने के तिए तथा ाईन्हें राजनीततक हस्तक्षेप से मुि कराने के तिए न्यायािय से एक स्पष्ट
ाअदेश की माांग की तजससे दक कें द्र तथा राज्य सरकार द्वारा तवतभन्न समीक्षा सतमततयों (होता सतमतत
सतहत) की तनम्नतितखत ाऄनुशस
ां ाओं को कायाषतन्वत दकया जा सके :
राजनीततज्ञों द्वारा िोक सेवकों को ददए जाने वािे मौतखक तनदेशों को ाऄतनवायष प प से तितखत
प प में दजष दकया जाए;
वररष्ठ तसतवि सेवा तनयुतियाां एक तनयत ाऄवतध के तिए की जानी िातहए; तथा
पद स्थापन पर परामशष देने के तिए एक तसतवि सेवा नोडष की स्थापना की जानी िातहए।
ाआस वाद के प्रमुख तनणषयों में तनम्नतितखत सतममतित थे:
भारतीय प्रशासतनक सेवा (IAS), ाऄन्य ाऄतखि भारतीय सेवाओं के ाऄतधकारी तथा ाऄन्य तसतवि
सेवक मौतखक तनदेशों का पािन करने को नाध्य नह हैं, योंदक ाआनसे “तवश्वसनीयता में कमी
ाअती है”।
ाऄतखि भारतीय सेवाओं (IAS, IFS तथा IPS) के ाऄतधकाररयों के स्थानान्तरण तथा पद-स्थापन
की ाऄनुशांसा के तिए राष्ट्रीय स्तर पर कै तननेट सतिव तथा राज्य स्तर पर मुख्य सतिवों की
ाऄध्यक्षता में एक तसतवि सेवा नोडष की स्थापना।
समूह ‘नी” के ाऄतधकाररयों का स्थानान्तरण तवभागाध्यक्षों (HoDs) के द्वारा दकया जाएगा।
तसतवि सेवकों के स्थानान्तरण तथा पद स्थापन सांनांधी मामिों में मुख्यमांत्री के ाऄततररि दकसी
ाऄन्य मांत्री का हस्तक्षेप नह होगा।
ओमनुड्समैन का पद सृतजत दकया। वतषमान में, िगभग 140 देशों में ओमनुड्समैन का पद ाऄतस्तत्व में
है। ाआस पद का भारतीय स्वप प िोकपाि तथा िोकायुि ाऄतधतनयम, 2013 के ाऄनुसार है।
यह ाऄतधतनयम कु छ सावषजतनक पदातधकाररयों के तवरुद् भ्रष्टािार के ाअरोपों तथा ाईनसे जुड़े हुए
मामिों की जााँि के तिए िोकपाि सांस्था की स्थापना की व्यवस्था हेतु प्रयास करता है।
िोकपाि तथा िोकायुि तवधेयक, 1968 कहा जाने वािा प्रथम िोकपाि तवधेयक 1966 में
“नागररकों की तशकायतों के तनवारण की समस्या” पर ARC की ररपोटष की ाऄनुशांसाओं के ाअधार पर
प्रस्तुत दकया गया था। दकन्तु िोकसभा भांग होने के कारण तवधेयक व्यपगत हो गया। तत्पिात, कु छेक
नार पुनाः प्रस्तुत दकए जाने के नावज़ूद 2011 तक िोकपाि तवधेयक सांसद से पाररत नह कराया जा
सका। 2011 में तवशाि सावषजतनक तवरोध-प्रदशषनों के नीि भ्रष्टािार तवरोधी ाअन्दोिन के नेता ाऄन्ना
हज़ारे के नेतृत्व में जन िोकपाि तवधेयक का प्रस्ताव प्रस्तुत दकया गया। िोकपाि तवधेयक, 2011 के
सरकारी सांस्करण तथा नागररक समाज द्वारा प्रस्तातवत जन िोकपाि तवधेयक में कु छ परस्पर तवरोध
के चनदु मौजूद थे। ाऄांतताः, िोकपाि तथा िोकायुि ाऄतधतनयम, 2013 पाररत दकया गया जो जनवरी
2014 से िागू दकया गया। राजस्थान, तनहार, कनाषटक तथा ाऄन्य काइ राज्यों ने ाआस क़ानून को
ाऄपनाया तथा ाआसे कायाषतन्वत दकया है तथा राज्य स्तर पर िोकायुि के पद की स्थापना की है।
िोकपाि तवधेयक के सांसद में पाररत दकए जाने के नाद भी, भ्रष्टािार से तनपटने से सांनांतधत मुद्दों को
ाईठाने वािे ाऄनेक सहायक तवधेयक ाऄन भी सांसद में िांतनत हैं। तसटीजन िाटषर तथा ाआिेरॉतनक िोक
सेवा प्रदायगी, सावषजतनक खरीद ाआत्यादद से सांनांतधत तवधेयक सांसद में िांतनत हैं। ाआन तवधेयकों के
पाररत होने जाने के पिात् िोकपाि के पद के समक्ष प्रततददन दजष की जाने वािी प्रशासतनक
ाऄकु शिता तथा भ्रष्टािार से सांनतां धत तशकायतों की सांख्या में कमी सुतनतित होगी। साथ ही, यद्यतप
क़ानून का प्रवतषन भ्रष्टािार को तनयांतत्रत करने की ददशा में प्रथम िरण होता है, तथातप क़ानून की
प्रभातवता वस्तुताः ाईसके कायाषतन्वत दकए जाने के तरीके पर तनभषर करती है।
िोकपाि, भ्रष्टािार तनवारण ाऄतधतनयम, 1988 (PCA) के तहत तनम्नतितखत पदातधकाररयों द्वारा
दकए गए ाऄपराध की जााँि कर सकता है:
तनर्ददष्ट सांरक्षण के साथ प्रधानमांत्री,
वतषमान तथा भूतपूवष के न्द्रीय मांत्री,
वतषमान तथा भूतपूवष साांसद,
वगष A, B, C, D के ाऄतधकारी,
सांसद के ाऄतधतनयम द्वारा स्थातपत या कें द्र सरकार द्वारा तवत्तपोतषत या तनयांतत्रत दकसी कां पनी,
सोसााआटी या दकसी न्यास के कमषिारी।
व्यतियों के ऐसे सांघ के कमषिारी जो (i) सरकार से तवत्तीय सहायता प्राप्त करते हों, तथा तजनकी
वार्शषक ाअय एक तनधाषररत रातश से ाऄतधक हो; या (ii) सावषजतनक ाऄनुदान प्राप्त करते हों तथा
वार्शषक ाअय एक तनधाषररत रातश से ाऄतधक हो या प्रततवषष 10 िाख से ाऄतधक तवदेशी तवत्तीय
प्रधानमांत्री के तवरुद् पूछताछ कै मरे की तनगरानी में की जानी िातहए तथा िोकपाि की समपूणष
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पीठ के दो-ततहााइ नहुमत द्वारा स्वीकृ त की जाएगी। ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों, नाह्य एवां ाअांतररक सुरक्षा,
िोक व्यवस्था, नातभकीय ाउजाष तथा ाऄांतररक्ष मामिों से सांनांतधत तशकायतों पर प्रधानमांत्री के
तवरुद् जााँि नह की जा सकती है।
िोकायुि के क्षेत्रातधकार में मुख्यमांत्री, मांत्री, तवधायक, राज्य सरकार के सभी कमषिारी, तथा कु छ
तनजी सांस्थाओं (धार्शमक सांस्थाओं सतहत) को भी सतममतित दकया जाना िातहए।
िोकपाि की पूछताछ शाखा को तशकायतों के ाऄनुमोदन के 60 ददनों के भीतर जााँि करने की
ाअवश्यकता है। जााँि ररपोटष को स्वीकार करने पर िोकपाि (i) जााँि का ाअदेश देगा; (ii)
तवभागीय कारष वााइ की प्रदक्रया ाअरां भ करे गा; या (iii) मामिे को नांद करे गा तथा तशकायतकताष के
तवरुद् झूठा तथा तनरथषक तशकायत के तिए कारष वााइ ाअरमभ करे गा। जााँि की प्रदक्रया 6 माह के
भीतर पूरी कर िी जाएगी। िोकपाि, मुकदमे के तनणषय हेतु स्थातपत तवशेष न्यायािय के समक्ष
ाऄपनी ाऄतभयोजन शाखा (चवग) के माध्यम से मुकदमे का ाअरमभ करे गा। मुकदमे की कारष वााइ
ाऄतधकतम 2 वषष के भीतर पूरी कर िी जाएगी। तवधेयक में िोकायुि के तिए भी समान प्रदक्रया
का ाईल्िेख दकया गया है।
ाईसके पररणामस्वप प दकसी व्यति को हातन पहुाँिती है या सावषजतनक सांपतत्त को हातन पहुाँिती है,
तो ऐसे िोकसेवक के तवप द् कारष वााइ की जा सकती है।
ऐसे वाद में ाऄनुकरणीय क्षततयााँ ाऄतधतनणीत की जा सकती हैं जहााँ िोक सेवक की कारष वााइ
तनरपवाद प प से दमनकारी, मनमानी या ाऄसांवैधातनक है।"
हािाांदक, दुरािार के काइ मामिों में यह तकष ददया जाता है दक सवोच्च न्यायािय द्वारा ाआस ाअधार पर
‘’सरकार को स्वयां को ाऄनुकरणीय क्षतत का भुगतान करने के तिए तनदेतशत करना ाऄनुमन्य नह है
योंदक सरकार का मांत्री सरकार का ाऄांग होता है और ाआसतिए सरकार को स्वयां को क्षतत का भुगतान
करने के तिए तनदेतशत नह दकया जा सकता है।
ाऄमेररकी नागररक को दकसी भी वैध ाईद्देश्य के तिए ाईत ररपोटों का ाईपयोग करने का ाऄतधकार
प्राप्त है तथा साथ ही यह ाऄतधतनयम तनर्ददष्ट ाऄतधकाररयों द्वारा ाआन ररपोटों की समीक्षा और जााँि
करने का प्रावधान करता है।
जवानदेतहता में वृतद् करने और भ्रष्टािार की समस्या पर ाऄांकुश िगाने के तिए भारत में भी ऐसा ही
प्रावधान दकया जा सकता है। ाईदाहरणस्वप प भारत में तसतवि सेवा ाअिरण तनयम तवद्यमान हैं। ाआन
तनयमों को एतथस एट के प प में साांतवतधक दजाष देने से नेहतर कायाषन्वयन सुतनतित होगा।
तथातप, कानून का होना मात्र ाआसके ाऄनुपािन की गारां टी प्रदान नह करता है। ाऄतनच्छु क िोग सदैव
कानून से निने के तरीके खोजेंग।े डोनल्ड रमप (ाऄमेररका के 45वें राष्ट्रपतत) ाआसका सवोत्तम ाईदाहरण
हैं। ाईन्होंने काइ वषों तक ाऄपने कर तववरण का प्रकटीकरण नह दकया जनदक यह ाऄमेररका में ाईच्चतम
पद हेतु प्रततस्पधाष करने वािे सभी ाईममीदवारों के तिए एक सुस्थातपत परां परा है।
(iv) ाअपरातधक न्यातयक प्रणािी का सुदढ़ृ ीकरण (Strengthening of criminal judicial system)
जैसा दक ििाष की गाइ है, के वि कानूनों का तनमाषण करना ही पयाषप्त नह है। कानून का भय वस्तुताः
कानून के ाईल्िांघन की घटना को कम करने एवां कानून के ाईल्िांघन को हतोत्सातहत करने हेतु पयाषप्त
प्रततनांधात्मक प प में सुस्थातपत होने िातहए। शासन व्यवस्था में शुतिता सुतनतित करने के तिए
न्यातयक प्रणािी का सुदढ़ृ ीकरण करना सवाषतधक महत्वपूणष ाअवश्यकता है। ाअपरातधक न्यातयक
प्रणािी में पुतिस/जााँि एजेंसी, ाऄतभयोजन एजेंसी, ाऄतधविा, साक्ष्य और ाऄांतत: न्यायपातिका
सतममतित है।
न्याय तक पहुाँि ाआस तसद्ाांत पर ाअधाररत है दक िोगों को कानून के ाईतित ाऄनुप्रयोग पर भरोसा करने
में सक्षम होना िातहए और कायाषन्वयनकारी एजेंतसयों द्वारा ाऄपना कायष ाऄत्यांत सत्यतनष्ठा के साथ
दकया जाना िातहए। हािाांदक, वास्ततवकता में कु छ ाऄवरोधक कारक तवद्यमान हैं, जैसे:
पुतिस/जााँि एजेंतसयों पर ाऄत्यतधक नोझ।
तवशेष प प से जरटि ाऄपराधों में ाऄतभयोज्यता तसद् करने के तिए ाअधुतनक ाईपकरणों की कमी।
नागररकों के नीि ाऄपने ाऄतधकारों के सांनांध में जागप कता का ाऄभाव।
तवतधक सहायता तक महाँगी पहुाँि।
न्यायतनणषयन की जरटिता, जो िांनी तवतधक कायषवाही को ाअवश्यक ननाती है।
न्यायपातिका में ररतियााँ और वादों का नोझ सांभािने के तिए ाऄपयाषप्त िॉतजतस्टक।
ाऄतभजात वगष, राजनेताओं और नौकरशाही के मध्य ाईपतस्थत गठजोड़ ाऄसर ाअम ाअदमी तक
न्याय की प्रदायगी को नातधत करता है।
ाआस प्रकार की समस्याओं से तनपटने के तिए वतषमान में हमें पारदशी तांत्र और न्यातयक सदक्रयता के
ाऄनुसरण में िीक से हटकर कायष करने की ाअवश्यकता है। जनतहत यातिका और समुदाय ाअधाररत
पुतिचसग (जैसे ाऄमेररका, तिटेन में है) कु छ ाऄन्य तवतधयााँ हैं।
शुतिता (प्रोतनटी) से सुशासन के तवकास में सहायता तमिती है तजससे न के वि सावषजतनक सांसाधनों
का प्रभावी ाईपयोग सुतनतित होता है ाऄतपतु ाईच्चतर सामातजक-ाअर्शथक और मानव तवकास का भी
मागष प्रशस्त होता है। ाआस प्रकार, शुतिता में सत्यतनष्ठा की सांस्कृ तत ाऄांततनर्शवष्ट करने हेतु तवतभन्न पहिें
ाअरमभ करना, सशि तवतधयों का ाऄतधतनयमन करना और ाईनका प्रभावी कायाषन्वयन सुतनतित करना
ाऄत्यांत ाअवश्यक है।
हमारे पूवष प्रधानमांत्री श्री मनमोहन चसह ने शासन में नैततकता के महत्व पर नि ददया और कहा दक
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"एक समाज के प प में, हमें वह स्तर तवकतसत करना िातहए जहााँ शुतिता जीवन शैिी का ाऄतभन्न ाऄांग
नन जाती है तथा जहााँ ाइमानदारी एक सामान्य ाऄपेक्षा होती है। यदद व्यति में सत्यतनष्ठा का गुण
तवद्यमान है, तो ाऄन्य नातें महत्व नह रखती हैं तथा यदद व्यति में सत्यतनष्ठा का गुण तवद्यमान नह है
तन भी ाऄन्य नातें महत्व नह रखती हैं। मैं दृढ़ता से मानता ूँ ाँ दक हमें िोक सेवक के प प में सत्यतनष्ठा
का व्यतिगत मानक तनधाषररत करना होगा और यह सांदश े शीषष स्तर से तनििे स्तर की ओर प्रसाररत
होना िातहए, न दक दूसरी तरि। सत्यतनष्ठा, तनष्पक्षता और योग्यता के मूल्य हमारी तसतवि सेवाओं के
मागषदशषक तसद्ाांत हैं।"
सांसदीय िोकतांत्र में 'सामूतहक ाईत्तरदातयत्व' के ढाांिे के भीतर राजनीततक कायषकाररणी और तसतवि
सेवाओं के नीि ाईत्तरदातयत्वों की स्पष्ट सीमा तय करने की ाअवश्यकता है। ाआसका साधारण सा यह
ाऄथष है दक एक नार मांत्रािय द्वारा तनणषय िे तिए जाने के नाद, नेता ाऄथाषत् मांत्री को ाआसके तिए
ाईत्तरदायी ठहराया जाना िातहए। तांत्र ऐसा होना िातहए दक घोटािे को दांड से मुि नह दकया जा
सके या के वि नौकरशाहों को दांतडत करके ाआस मामिें को समाप्त नह दकया जा सके - घोटािे के तिए
ाईत्तरदायी 'नड़ी मछिी' को भी दांतडत दकया जाना िातहए। ाऄतधकाररयों द्वारा तिए गए तनणषयों को
भतवष्य में प्रश्नगत करने या ाईन्हें ाअपरातधक षडयांत्र के मामिे के प प में देखने की समभावना तसतवि
सेवाओं को सवाषतधक पांगु ननाती है। दुरािार का ाईत्तरदातयत्व त्वररत प प से तसद् की जानी िातहए
और दोषी को दृष्टाांग योग्य दांड से दांतडत दकया जाना िातहए।
(ii) पेशव
े र एवां वैयतिक सत्यतनष्ठा का सांरक्षण (Preservation of Professional and Personal
Integrity)
पेशेवर मूल्य वररष्ठों के सांददग्ध सांगठनात्मक या व्यतिगत ाअदेशों से ाऄतधक प्रनि होने िातहए। ाआसके
तिए स्व-तवतनयमन, ज्ञान, ाअत्म-तनयांत्रण, एक तनतित सीमा तक स्वायत्तता और व्यतिगत स्वतांत्रता
तथा सावषजतनक तहतों एवां सावषजतनक तवश्वास के प्रतत तनजी तहतों को कम महत्व देने ाअदद की
ाअवश्यकता होती है।
(iii) तववेक (Prudence)
तववेक के तिए ज्ञान, तवशेषज्ञता और तवशेष पररतस्थततयों के सांनांध में नीततपरक समझ के ाअधार पर
तनजी तहत, सावषजतनक एवां सामुदातयक तहतों के ाऄधीन होने िातहए। तनणषय प्रदक्रया या प्रशासक के
प प में कायष करने के दौरान व्यति को पहिे सावषजतनक तवश्वास और नागररकों के तहतों के सांनध
ां में
ाऄवश्य सोिना िातहए तथा तत्पिात ाऄपने सांनांध में सोिना िातहए। सामांजस्यपूणष समुदायों का
तनमाषण करने और सामातजक नुरााआयों पर ाऄांकुश िगाने हेतु प्रत्येक समय िोकतहत को नढ़ावा ददया
जाना िातहए।
(v) नीततपरक ाअिार सांतहता (Code of Ethics)
िोक प्रशासन में नीततपरक ाअिार सांतहता (CoE), िोक सेवा ाअिार के मागषदशषक कानूनों, तनयमों,
तवतनयमों और मानदांडों का तितखत और ाऄतितखत सांग्रह या व्यवस्था है।
प्राय: यह तकष ददया जाता है दक CoE से नैततकता का प्रसार होगा तथा तत्पिात सन सांतहतानद्
दकया जाएगा। हािाांदक, यह ाऄवाांतछत है योंदक ाआससे नौकरशाही में तनतष्क्रयता की तस्थतत ाईत्पन्न हो
जाएगी। पुनाः, स्पष्टता और कठोरता के ाऄभाव ने िाभ ाईठाने एवां निाव के काइ मागष ाईत्पन्न दकए हैं।
सांतहतानद् नीततपरक ाअिार सांतहता से वस्तुतनष्ठता में वृतद् होगी। कु छ नीतत सांतहता में ाऄनैततक
व्यवहारों पर प्रततनांध ाअरोतपत दकये जाते हैं, जनदक ाऄन्य CoE, िोक सेवकों के प्रतत ाअकाांक्षापूणष
होती हैं तथा ाईनके मागषदशषन का कायष करती हैं।
(vi) सकि गुणवत्ता प्रनांधन की भावना का समावेशन {(Internalization of a sense Total
नागररक, सांप्रभुता के स्रोत हैं तथा सनसे महत्वपूण,ष वे जवानदेतहता की मााँग करने वािे करदाता हैं।
ाऄताः ाईनके साथ ाआसी के ाऄनुसार व्यवहार दकया जाना िातहए तथा ाईन्हें के वि नाजार के ाईपभोिा या
ग्राहक ही नह माना जाना िातहए। सुभेद्य िोगों की ाईपेक्षा करते हुए के वि कु छ के िाभ पर ध्यान
कें दद्रत करने वािी िोक सेवा के प्रतत दृतष्टकोण को सदक्रय प प से हतोत्सातहत दकया जाना िातहए।
गरीन समर्शथत तवकास नीततयाां के वि तभी समावेशी होंगी जन गरीनों को तवकास प्रदक्रया में
तहतधारक ननाया जाएगा और न दक तन जन वे के वि पुनर्शवतररत िाभ के प्राप्तकताष होंगे। नाजार
िोक सेवा का तवकल्प नह हैं। ाआसके नजाय, मजनूत प्रशासन, िोक सेवा और ाईत्तरदातयत्व पूणष
नागररकता ाअदद, व्यापार-ाऄनुकूि पररवेश, नाजारों के सुिाप पररिािन, प्रभावी िोकतांत्र और
सामातजक शाांतत हेतु ाऄतनवायष शतष हैं।
िोक सेवकों का प्राथतमक ाईत्तरदातयत्व कानून का प्रवतषन, तवतभन्न सावषजातनक सेवाओं, जैस-े भोजन,
स्वास््य, तशक्षा, ाअपदाओं के दौरान राहत ाअदद की व्यवस्था करना है। साथ ही, वे तववादों के तनपटान
और ाऄनुनांधात्मक दातयत्वों के प्रवतषन के तिए भी ाईत्तरदायी हैं। ये कतषव्य वस्तुताः तवतभन्न तवधानों के
ाऄांतगषत प्रदत्त शति का ाऄन्य नागररकों के ाउपर प्रयोग करने हेतु ाअवश्यक हैं, तजसका तसतवि सेवक
कानून के ाऄांतगषत प्राप्त प्रातधकार के माध्यम से प्रयोग करते हैं। साथ ही िोक सेवक सरकार के कायषक्रमों
और नीततयों को भी कायाषतन्वत करते हैं। ाआसके तिए एक तनतित िररत्र, न्याय और तनष्पक्षता की
भावना, पारदर्शशता और ाईत्तरदातयत्व की ाअवश्यकता होती है। प्रशासतनक न्याय प्रदान करने में सक्षम
होने के तिए, समािोिनात्मक चितन की क्षमता और तनष्पक्षता एवां प्रदक्रयाओं के प्रतत सममान
ाअवश्यक गुण हैं तजन्हें सभी िोक सेवाओं के कु शि प्रदायगी के तिए पािन दकया जाना िातहए।
1. िोक-जीवन में 'सत्यतनष्ठा’ (प्रोतनटी) से ाअप या ाऄथष ग्रहण करते हैं? ाअधुतनक काि में ाआसके
ाऄनुसार ििने में या करठनााआयााँ हैं? ाआन करठनााआयों पर दकस प्रकार तवजय प्राप्त कर सकते
हैं?
2. िोक-सेवा के सन्दभष में 'जवानदेही' का या ाऄथष है? िोक-सेवकों की व्यतिगत और सामूतहक
3. ाऄसर कहा जाता है दक तनधषनता भ्रष्टािार की ओर प्रवृत्त करती हैं। परन्तु, ऐसे भी
ाईदाहरणों की कोाइ कमी नह है, जहााँ समपन्न एवां शतिशािी िोग नड़ी मात्रा में भ्रष्टािार में
तिप्त हो जाते हैं। िोगों में व्याप्त भ्रष्टािार के ाअधारभूत कारण या हैं? ाईदाहरण के द्वारा
टी. ाअाइ., सदक्रय मीतडया और तवतधक याांतत्रकत्वों के प्रनिन जैसे तवतभन्न ाईपायों के नावजूद
(ख) ाआस खतरे का मुकानिा करने के तिए और ाऄतधक प्रभावी रणनीततयााँ सुझााआए।
5. ‘‘भ्रष्टािार सरकारी राजकोष का दुप पयोग, प्रशासतनक ाऄदक्षता एवां राष्ट्रीय तवकास के मागष
1. नीततशास्त्र, भ्रष्टािार के तवरुद् पहिी रक्षा पांति है, जनदक कानून का प्रवतषन ाईपिारात्मक
एवां प्रततदक्रयात्मक है। ाईतित ाईदाहरणों के साथ ाईि कथन का परीक्षण कीतजए।
दृतष्टकोण:
भ्रष्टािार तनवारण में नीततशास्त्र एवां कानून के महत्व की व्याख्या कीतजए।
ाईि कथन की सतवस्तार व्याख्या कीतजए एवां ाईदाहरण सतहत ाआसका औतित्य तसद्
कीतजए।
ाईत्तर:
नीततशास्त्र वस्तुताः ाईतित एवां ाऄनुतित ाअिरण के सांनांध में भिी-भााँतत स्थातपत मानकों को
सांदर्शभत करती है, जो सामान्य प प से हमारे ाऄतधकारों, दातयत्वों, तनष्पक्षता या तवतशष्ट
गुणों का तनधाषरण करती है दक हमें या करना िातहए। कानून सामान्यताः नैततक ढाांिे पर
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ाअधाररत होते हैं एवां ाईनका िक्ष्य समाज में िोगों के ाऄनुतित या ाऄनैततक व्यवहार को
तनयांतत्रत करते हुए सामातजक व्यवस्था स्थातपत करना होता है।
कानून व्यति पर सरकार द्वारा ाऄतधरोतपत मानकों एवां तनयमों के नाह्य समुच्िय के प प में
कायष करता है। कानून की ाऄवज्ञा करने वािा व्यति तनधाषररत ाऄथषदड
ां और सजा का भागी
होता है, ाआस प्रकार कानून िोगों को गैर-ाऄनुपािन से तवरत करता है। कानूनों में सामातजक
ाऄनुज्ञा एवां स्वीकृ ततयााँ समातहत होती हैं और ाआस प्रकार वे समाज की सुिारु कायषप्रणािी में
महत्वपूणष भूतमका का तनवाषह करते हैं। समृद् एवां शतिशािी व्यतियों द्वारा मोटे तौर पर
कानूनों का ाईल्िांघन दकए जाने का त्य समाज में नैततकता के मूिभूत ाऄभाव का सांकेत देता
है।
नीततशास्त्र व्यति के तिए ऐसी तस्थततयों में भी ददशातनदेशक यांत्र का कायष करती है जहााँ
कानून भी ाऄपनााइ जाने वािी कायष प्रणािी के सांनांध में मौन होता है। ाआसका एक तवतशष्ट
ाईदाहरण प्रशासक की भूतमका है, जहाां तववेकातधकार का प्रयोग करने की ाअवश्यकता होती
है। तववेकातधकार भ्रष्टािार के तिए पयाषप्त ाऄवसर प्रदान करता है और नैततक दृतष्ट से कमजोर
व्यति सामाज कल्याण की कीमत पर भी धन-ाऄर्शजत करने की प्रवृतत्त का सरितापूवक
ष
तशकार हो सकता है। ाआसतिए सांनांतधत तवषय पर कोाइ कानून तवद्यमान न होने पर भी
नीततशास्त्र भ्रष्टािार के तवरुद् पहिी रक्षा पांति है।
एक ाऄन्य ाईदाहरण िें, सांभव है दक सरकार यह तनर्ददष्ट करने हेतु कानून न ननाए दक दकसी
जागरुक सांगठन ाआन ाईपायों को कानूनों द्वारा ाऄतनवायष घोतषत न दकए जाने पर भी ध्यान में
रखेगा।
नीततशास्त्र सभी समुदायों के तिए भ्रष्टािार को रोकने हेतु मजनूत सुरक्षा पांति के प प में कायष
करती है, जनदक कानून प्रततदक्रयात्मक होते हैं और के वि ाईपिार के प प में कायष करते हैं।
भ्रष्टािार को समूि नष्ट करने का स्थााइ समाधान के वि नैततकता के ाअांतररक समावेश द्वारा
ही प्राप्त होगा, यह ाईपितब्ध नाह्य प प से ाअरोतपत निों के माध्यम से प्राप्त नह हो सकती।
नाह्य व्यवस्थाएाँ के वि पुरस्कार या सजा देने की प्रवृतत्त तक ही प्रभावी होती है, जनदक
दृतष्टकोण:
सवषप्रथम, पारदर्शशता की ाऄवधारणा की व्याख्या कीतजए। ाआसके नाद खुिी सरकार
ाअांकड़ा प्रप पों में और पुनप्रषयोग पर प्रततनांधों के तनना तैयार कर िोगों को ाईपिब्ध करााइ
जाए। पारदर्शशता तांत्र में िोगों के ाऄनुरोधों पर सूिना का तवतरण और सरकारी तनकायों
द्वारा सदक्रयता से ाईनका प्रकाशन ाऄतनवायष प प से शातमि दकया जाना िातहए। तनजी
सांस्थाओं के नारे में महत्वपूणष सूिना सीधे तौर पर ाऄथवा सरकारी तनकायों के माध्यम से
ाईपिब्ध करााइ जानी िातहए।
ककतु खुिी सरकार के दो ाऄन्य ाअवश्यक तत्व हैं, वे हैं - सहभातगता एवां ाईत्तरदातयत्व।
और ाऄपने तनणषयों तथा कायषकिापों का तववरण देते और दातयत्व िेते हुए, जनता के प्रतत
और नागररक की ाअकाांक्षाओं के ाऄनुप प सरकारी सेवक ाऄपने दातयत्व को पूरा कर रहे हैं या
नह ाआसकी जाांि करने के तिए सूिना का मुि प्रवाह होता हो। जवानदेही के सभी िार घटक
ाऄथाषत् ाईत्तरदातयत्व, ाऄनुमोदन, प्रततकार और प्रणािी में सुधार, सरकार की तजममेदारी
सुतनतित करते हैं। ाऄांतताः सहभागी नजट तनमाषण, नागररक िेखा परीक्षण द्वारा भ्रष्टािार पर
तनगरानी ाअदद के प प में शासन की प्रदक्रया में नागररकों की सहभातगता ाआसे (खुिी सरकार
को) एक खुिे समाज की एक प्रजाताांतत्रक सांस्कृ तत का प प देती है, तजसकी ओर प्रत्येक ाईदार
3. यद्यतप कतषव्यों के प्रभावी तनवषहन के तिए तववेकातधकार ाअवश्यक है, ककतु यह प्रशासन के
सभी स्तरों में भ्रष्टािार का भी एक प्रमुख कारक है। रटप्पणी कीतजए। ाआस प्रसांग में कु छ ऐसे
ाईपाय सुझााआए तजनके माध्यम से भ्रष्टािार में ाऄतधकतम कमी करते हुए ाईत्तरदातयत्वों का
सुिारु कायाषन्वयन सुतनतित दकया जा सके ।
ाऄांत में, ाईत्तरदातयत्वों का सुिाप दक्रयान्वयन सुतनतित करते हुए भ्रष्टािार में ाऄतधकतम
व्यतिपरक सांतुतष्ट के ाऄधीन दकसी व्यति की नजरनांदी तथा ाऄन्य काइ कायष जैसे व्यति के
ाऄतधकारों को गांभीरतापवषक प्रभातवत करने वािे कदम ाअदद ाआन तववेकाधीन शतियों में
सतममतित हैं। ाईनके कायों की सूिी व्यापक प्रकृ तत की है।
प्रशासतनक तववेकातधकार की समस्या जरटि है। पूणष तववेकातधकार के प्रशासन के दावे और
ाआसके ाईतित प्रयोग के व्यतियों के दावों के नीि तनरां तर सांघषष होता रहा है। ाऄन प्रश्न यह
ाईठता है दक ाआसे दकस प्रकार तनयांतत्रत दकया जा सकता है।
ाआसे दो प्रकार से तनयांतत्रत दकया जा सकता है: पहिा न्यातयक और दूसरा गैर-न्यातयक। ाआन्हें
तनयांतत्रत करने के नहुत सारे तरीके हैं।
न्यातयक तनयांत्रण
न्यायपातिका को दो चनदुओं पर ध्यान कें दद्रत करना िातहए। सवषप्रथम, ाईसे तवधातयका को
प्रदान करे , और दूसरा चनदु यह है दक तववेक के ाऄधीन दकए गए प्रत्येक कायष को न्यातयक
समीक्षा के दायरे के ाऄांतगषत ाअना िातहए। ाआस प्रकार न्यायपातिका तववेकाधीन शतियों के
दुरुपयोग को तनयांतत्रत करने में ाईल्िेखनीय भूतमका तनभा सकती है।
भारत के ाईच्चतम न्यायािय ने ाऄपने तवतभन्न तनणषयों में व्यवस्था दी है दक:
ाऄनुसार ाऄथाषत् कानून के ाऄनुसार न दक ाऄपनी ाआच्छा के ाऄनुसार प्रयोग दकया जाना
िातहए।
ाआसे मनमाना, ाऄस्पष्ट और काल्पतनक नह , नतल्क कानून और तवतनयम के दायरे में होना
िातहए।
ाआसका ऐसी सीमा के भीतर प्रयोग दकया जाना िातहए तजसमें ाऄपने कतषव्य का तनवषहन
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गैर-न्यातयक तनयांत्रण
हमें ऐसे तनयमों का समावेश करना िातहए तजनका पािन तववेकातधकार का प्रयोग करने
वािे ाऄतधकारी के तिए ाऄतनवायष हो। यदद तवधातयका तववेकातधकार को तनयांतत्रत करने वािे
क़ानून में ाआस प्रकार के मानदांड ननाए रखने में तविि रहती है, तो प्रत्यायोतजत तवधायन की
सहायता से प्रशासन द्वारा ाईन माांनदांडों का समावेश दकया जाना िातहए। ाअिरण सांतहता
और नीततपरक ाअिार सांतहता जैसे तांत्र सुतनतित करते हैं दक तववेकातधकार का प्रयोग करते
समय ाअत्म ाऄनुशासन का पािन दकया जाए। CVC, CBI, िोकपाि ाअदद जैसे तवतभन्न
सांस्थान यह सुतनतित करते हैं दक तववेकातधकार के दुरुपयोग की घटना सामने ाअए और ऐसे
ाऄतधकारी को दतडिडत दकया जाए। ऐसे कदम ाऄांतताः भतवष्यगामी तनवारक के तौर पर कायष
करते हैं।
ाऄत: ाईपरोि तांत्र के माध्यम से, तववेकातधकार के दुरुपयोग पर ाऄांकुश िगाया जा सकता है,
तथा प्रशासतनक तनणषय िेते समय ििीिापन भी ननाए रखा जा सकता है।
तनभषर रहने वािे िोगों को निाने के तिए कु छ करने की प्रेरणा देता है। ाऄन्ताःकरण से वह
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महसूस करती है दक ाईसके तमत्रों द्वारा िुप रहने का ददया गया परामशष ाईतित नह है, यद्यतप
वह ाईसके कारण नह नता सकती है। वह सोिती है दक ाअप एक नुतद्मान व्यति हैं तथा वह
ाअपका परामशष पूछती है।
(a) िुप रहना ाईसके तिए नैततक प प से सही नह है, यह दशाषने के तिए ाअप या तकष
प्रस्तुत कर सकते हैं?
(b) ाअप ाईसे कौन-सा रास्ता ाऄपनाने की सिाह देंगे और यों देंग?
े
3. तवत्त मांत्रािय में एक वरीय ाऄतधकारी होने के नाते, सरकार द्वारा घोतषत दकए जाने वािे
कु छ नीततगत तनणषयों की गोपनीय एवां महत्त्वपूणष सूिना की ाअपको जानकारी तमिती है।
ाआन तनणषयों के भवन एवां तनमाषण ाईद्योग पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। यदद भवन
तनमाषताओं को पहिे ही यह जानकारी तमि जाती है, तो वे ाईससे नड़े िाभ ाईठा सकते हैं।
तनमाषताओं में से एक ऐसा है तजसने सरकार के तिए ाऄच्छी गुणवत्ता का काफ़ी काम दकया है
और वह ाअपके ाअसन्न वररष्ठ ाऄतधकारी का घतनष्ठ है तजन्होंने ाअपको ाईि सूिना का ाईस
तनमाषता को ाऄनावृत करने के तिए सांकेत भी ददया है।
(a)ाअपके पास या-या तवकल्प ाईपिब्ध हैं?
(b) प्रत्येक तवकल्प का मूल्याांकन करके नतााआए दक ाअप कौन-सा तवकल्प िुनग
ें ।े ाईसके कारण
भी नतााआए।
1. सांध्या ने हाि ही में ाऄपना नीकॉम पूरा दकया था और ाऄपनी ड्रीम जॉन को ध्यान में रखते
हुए एक सावषजतनक क्षेत्र के नैंक में कायष करने हेतु ाऄपनी तनयुति को िेकर ाऄत्यांत ाईत्सातहत
थी। ाऄपने शुरुाअती ददनों में ाईसने ाऄनुदान की रातश के कु प्रनांधन और त्रुरटपूणष ाअनांटन को
नोरटस दकया। ाईसके कु छ सहकमी भी ाऄपने व्यतिगत कायों हेतु नैंक की सांपतत्त, जैस-े कार,
सामग्री ाअदद का प्रयोग कर रहे थे।
हािााँदक सांध्या को सनसे ज्यादा हैरानी कायाषिय में होने वािी भती के तरीकों को देख कर
हुाइ। नौकररयों के ाअवेदकों को परीक्षा में नैठना होता था तजसकी तनगरानी नैंक के कमषिारी
करते थे। सांध्या ने देखा दक परीक्षा तनयांत्रक ही स्वयां ाअवेदकों को नक़ि करवा रहे थे योंदक
ाआन ाअवेदकों को पहिे से ही िुन तिया गया था। पूवष ियतनत नहुत से ाआन ाअवेदकों में से काइ
नैंक के कायषरत कमषिाररयों के तमत्र थे।
सांध्या ने जो देखा था, ाईसने ाईसे महेश को नताया जो दक शाखा का सहायक प्रनांधक हैं और
जो शाखा प्रनांधक के नाद तद्वतीय स्थान के पद पर है। महेश ने सांध्या से कहा दक ाअपने “न ह
कु छ सुना, न ह ाअपने कु छ देखा और ाअप कु छ कहेंगी भी नह ”। ाआसे िेकर सांध्या एकदम
हैरान थी, के वि भ्रष्टािार के कारण से ही नह नतल्क ाआस कारण से भी दक ाआसे जाननूझकर
दनाया जा रहा था।
सांध्या दुतवधा की तस्थतत में थी। ाईसे ाऄपने ाऊणों की भरपााइ के तिए नौकरी की ाऄत्यांत
ज़रुरत थी और ाईसे यह कायष पसांद भी ाअ रहा था। ाईसे ाआस नात की भी चिता थी दक एक
वषष से भी कम समय के ाऄांदर ही नौकरी छोड़ना गित होगा, साथ ही यह भतवष्य में दकसी
सरकारी सांस्थान में नौकरी की समभावना को भी धूतमि कर देगा। वह , दूसरी तरि वह
भ्रष्टािार के ाआस माहौि में ाऄत्यांत ही ाऄसहज महसूस कर रही थी।
(a)सांध्या के पास में कौन.कौन-से तवकल्प ाईपिब्ध हैं?
(b)ाआन तवकल्पों में से सभी का मूल्याांकन कीतजए और ाईतित कारण नताते हुए ऐसे तवकल्प
का िुनाव कीतजए जो ाअपको स्वीकायष हो।
ाईत्तर:
सांध्या एक तवतित्र दुतवधा में है जहाां वह ाऄपनी नौकरी भी नह छोड़ना िाहती, दकन्तु
भ्रष्टािार के िांगुि में िां से ऐसे कायाषत्मक माहौि का मूक दशषक भी नन कर नह रह सकती।
स्पष्ट है दक ाआस मुद्दे को ाऄनदेखा करना सावषजतनक खजाने को नहुत नड़ा नुकसान पहुांिाएगा
तथा नैंक की कायषप्रणािी में ाऄकु शिता ाईत्पन्न करे गा। िूाँदक सांध्या ाआस मुद्दे को महेश के सामने
िाकर ाईसका समाधान पाने में ाऄसिि रही थी, ाऄताः ाआस तस्थतत में शाखा प्रनांधक को ाआस
मुद्दे के नारे में ररपोटष करने का तनणषय सवाषतधक ाईपयुि प्रतीत होता है।
सांध्या के पास ाईपिब्ध कु छ तवकल्प तनम्नतितखत हैं:
(a) िूाँदक ाआस मामिे से ाईस पर कोाइ प्रत्यक्ष ाऄसर नह पड़ता, तथा ाआस समनन्ध में ाईठाया
गया कोाइ कदम व्यतिगत प प से ाईस पर तवपरीत प्रभाव नह डािेगा। ाऄताः वह ाआस मुद्दे को
पूरी तरह दरदकनार कर सामान्य तरीके से ाऄपना कायष जारी रख सकती है।
तवकल्प (c) ाआस नात पर तविार करते हुए दक सांध्या को ाऄपने ाऊण का भुगतान करना है
तथा ाआस प्रकार का कोाइ भी कदम ाईसके नायोडाटा में ाऄच्छा प्रभाव नह छोड़ेगा तथा यह
ाईसके भतवष्य पर तवपरीत ाऄसर डािेगा, नौकरी से त्यागपत्र देना सुसांगत नह प्रतीत होता।
हो सकता है ाआससे सांध्या दकसी भी प्रकार की भतवष्य की परे शानी से नि जाए, दकन्तु यह
कदम ाईसे ाआससे भी नड़ी परे शानी में धके ि देगा, योंदक ाईसकी नौकरी तो जायेगी ह , ाईसके
पररवार की ाअजीतवका पर भी नुरा ाऄसर पड़ेगा। ाआसके ाऄततररि, ऐसे दकसी भी कदम का
ाऄथष होगा पररतस्थतत से पिायन करना तथा दूसरों की गिततयों के तिए स्वयां को दतडिडत
करना।
तवकल्प (d) यह तवकल्प भी एक सांभातवत तवकल्प मात्र ही प्रतीत होता है, दकन्तु तव्हसि
ब्िोचवग भी एक दुधारी तिवार के सामान है तथा ाआसका प्रयोग तभी दकया जाना िातहए
जन ाऄन्य सारे तवकल्प ाअजमाए जा िुके हों। हो सकता है, मुद्दे को शाखा प्रनांधक की तनगाह
में िाये जाने पर वह ाआसमें सांतिप्त व्यतियों के तखिाि कड़ी कारवााइ करे । तनना ाआस कदम
2. नड़े िमष प्राय: वृहद् ाऄवसांरिना पररयोजनाओं को समयनद् प प से पूरा करने के तिए प्राय:
ाईप-सांतवदा (सन-कॉन्रैट) प्रदान करती हैं। ाअप हाि ही में ाआन सांतवदाओं को प्रदान करने हेतु
एक तजममेदार प्रनांधक के तौर पर ाआस प्रकार की एक िमष में सतममतित हुए हैं। तपछिे
ररकाडों को देखने पर ाअपको ज्ञात होता है दक तपछिे कु छ वषों में सभी सांतवदाएाँ एक
तवतशष्ट िमष X को दी गयी हैं। ाअपके वररष्ठ (सीतनयर) ने एक भावी सांतवदा को ाईसी िमष को
प्रदान करने के तिए ाअपसे कहा है। यद्यतप नाध्यकारी न होते हुए भी, िमष ाईप-सांतवदात्मक
कायों को प्रततस्पधी नोतियों के ाअधार पर प्रदान करने की प्रदक्रया का पािन करती रही है।
ाआसका ाईद्देश्य यह सुतनतित करना होता है दक सांिािनों एवां तवत्त के सांनध
ां में सवाषतधक
ाईपयुत िमष को सांतवदा प्राप्त हो। जन ाअप ाऄपने वररष्ठ से ाआसकी ििाष करते हैं तो वह जोर
देता है दक कमपनी X को कमपनी के तवतधक मानदडिडों के ाऄनुसार तनयुत दकया गया है और
दकसी भी ाअतधकाररक तनयम का ाईल्िांघन नह दकया गया है। ाअप X िमष के मातिक से
सांपकष करने का तनणषय करते हैं। ऐसा करने के नाद, ाअपको ज्ञात होता है दक वह ाअपके वररष्ठ
ाऄतधकारी का भतीजा है, और ाईस िमष में ाअपके वररष्ठ की भी तहस्सेदारी (शेयर) हैं।
दृतष्टकोण:
ाआस प्रकरण में तनतहत नैततक मुद्दों का ाईल्िेख कीतजए।
मूल्याांकन कीतजए दक ाअपके वररष्ठ ाऄतधकारी का िमष X के मातिक से ररश्ते और कां पनी
में एक शेयरधारक होने की जानकारी के कारण तहतिाभ की तस्थतत ाईत्पन्न हुाइ है या
नह ।
ऐसी तस्थतत में सांतवदा प्रदान करने के तरीके का ाईनके गुणों और ाऄवगुणों सतहत ाईल्िेख
करते हुए सुझाव दीतजए।
ाआस पररदृश्य में ाऄपनी सांभातवत कायषवाही का ाईल्िेख कीतजए।
ाईत्तर:
नुतनयादी त्य: ाआस तस्थतत में, वह कां पनी जहाां मैं काम करता ूँ ाँ, नार-नार एक तनजी िमष X
को प्रततस्पधी तनतवदा का ाअयोजन दकये तनना ाईप-सांतवदा प्रदान कर रही है। कां पनी की
प्रदक्रयाओं के ाऄनुसार ाआस प्रततस्पधी तनतवदा का ाअयोजन दकया जाना िातहए। मामिा तहतों
के टकराव के मुद्दे पर प्रकाश डािता है, योंदक िमष X का मातिक मेरे वररष्ठ ाऄतधकारी का
भतीजा है और वह िमष का एक शेयरधारक भी है।
प्रमुख तहतधारक:
मैं स्वयां, योंदक मैं कां पनी का प्रनांधक ूँ ाँ और सांतवदा प्रदान करने की तजममेदारी मेरी है।
मेरे वररष्ठ ाऄतधकारी, जो िमष X के एक शेयरधारक हैं और साथ ही साथ ाईस कां पनी के
एक कमषिारी हैं जहाां मैं काम करता ूँ ाँ।
3. ाअप एक देश में तेि का ाऄन्वेषण करने के तिए िगााइ जाने वािी ाऄांतराषष्रीय नोिी
(नीिामी) में भारत का प्रतततनतधत्व कर रहे हैं। ाआस पररयोजना के तिए ाऄन्य धनी देश भी
नोिी िगा रहे हैं। ाअप सुतनतित हैं दक तेि ाऄन्वेषण के तिए ाअपकी नोिी ाऄन्यों से नेहतर
और साथ ही सस्ती भी है और तनतित ही ाअप नोिी जीत िेंग।े ाअप नोिी जीत िेंग।े
नीिामी से एक ददन पूवष ाअपको ज्ञात होता है दक ाऄन्य देश सिि होने के तिए ाऄतधकाररयों
को ररश्वत देने समेत ाऄन्य काइ तरीके ाऄपना रहे हैं। ाईस (गृह) देश के कु छ ाऄतधकाररयों ने भी
ाअपसे सांपकष दकया है और भारत को ाआस नोिी में तवजय प्राप्त कराने का ाअश्वासन देने के
नदिे कु छ माांगें रखी हैं। ाअप घरे िू ाअर्शथक एवां रणनीततक तनतहताथों की दृतष्ट से ाआस नोिी
के महत्व से ाऄवगत हैं। ाईपयुष त सूिना के ाअधार पर तनमनतितखत प्रश्नों के ाईत्तर दीतजए।
(a) तनर्ददष्ट कीतजए दक ाआस तस्थतत में ाअप दकस/दकन नैततक दुतवधा/दुतवधाओं का सामना
करते हैं।
(b) या ाऄांतराषष्ट्रीय िेन-देन में नैततक चिताएाँ सिमुि मायने रखती हैं या वे घरे िू तहतों की
तुिना में गौण (तद्वतीयक) हैं?
(c) ाईपयु
ष त तस्थतत में ाअपकी कायषवाही या होगी? गुणों और ाऄवगुणों सतहत ाईसका
औतित्य तसद् कीतजए।
दृतष्टकोण:
ाईन नैततक दुतवधाओं की पहिान कीतजए तजनका सामना ाअप कर रहे हैं।
ाऄांतराषष्ट्रीय िेनदेन के समक्ष घरे िू तहत में नैततक चिताओं के महत्व पर प्रकाश डातिए।
दिर ाईस कायषवाही की योजना का ाईल्िेख कीतजए तजसका ाअप पािन करें गे। तनणषय में
तनतहत गुणों और दोषों को ध्यान में रखते हुए ाआसे ाईतित तसद् कीतजए।
ाईत्तर:
(a) ाआस प्रकरण में तवद्यमान तस्थतत तनम्नतितखत नैततक दुतवधाएाँ प्रस्तुत करती हैं:
ररश्वत देने ननाम ाइमानदार नने रहने और ररश्वत ाऄदायगी के प्रिोभन से निे रहने की
दुतवधा।
o पहिी कायषवाही द्वारा भारत को नीिामी जीतने में मदद तमि सकती है, िेदकन यह
एक ाऄनैततक कायषवाही होगी और ाआससे िांने समय में, जन सि सावषजतनक प प से
नाहर ाअएगा तन देश की छतव खरान हो सकती है। ाआसका नोिी िगाने की प्रदक्रया
में शातमि ाऄन्य देशों के साथ भारत के सांनांधों के ाउपर प्रततकू ि पररणाम पड़ेगा।
ाआसके ाऄिावा, यह एक स्वस्थ प्रततस्पधाष, समान ाऄवसर और नवािार के प्रततकू ि
पर यह हमारे देश की भावी पीदढ़यों के ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों को खतरे में डाि देगा।
ाआसके ाऄिावा, मात्र एक ाऄनुनांध हमारे देश के तिए ाआतना महत्वपूणष नह हो सकता दक हम
ाऄपने नैततक मानकों और दीघषकाि से ननाए रखे गए ाईच्च मूल्यों का त्याग कर दें। ाआसके
ाऄिावा, भ्रष्टािार समृतद् की वास्ततवक न व कभी नह हो सकती है। ाआससे ाईत्पन्न िाभ पूरे
समाज को भ्रष्ट नना देगा।
ाईतल्ितखत कायषवाही का पािन करके , मैं गृह देश के शासन में तवश्वास प्रदर्शशत कप ाँगा, ाऄपने
नैततक मूल्यों को ननाए रखूाँगा तजससे वहााँ नोिी प्रदक्रया के तनष्पक्ष होने की सांभावना ाऄतधक
हो जाएगी। िूांदक भारत की तनतवदा नेहतर और सस्ती है, यही भारत की सििता सुतनतित
करे गी। यह ाईस देश के िोगों के मध्य हमारे देश के तिए सद्भावना ाईत्पन्न करे गी; ाऄांतराषष्ट्रीय
िेनदेन में भ्रष्टािार के तखिाि एक सही तमसाि कायम करे गी। कु ि तमिाकर, यह सदािार
की ददशा में एक सही कदम सातनत होगा तजसकी ाईममीद हम ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों में करते हैं।
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तिषय सूिी
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1. ऄतभरुति (Aptitude)
र्ृष्ठभूतम
हम तनश्चयर्ूिक
व यह नहीं कह सकते हैं कक एक व्यति कु छ तनतश्चत गतततितधयों/कायों/व्यिसायों के
तलए कु छ खास कौशल या प्रिृतत्त के साथ जन्म लेता है। हम के िल आतना कह सकते हैं कक कु छ कायों के
तलए प्राथतमकताएं तिकतसत करने में ककसी व्यति के शैशि काल से ही हुए ऄनुभिों की महत्िर्ूणव
भूतमका ऄिश्य होती है। आसके ऄततररि, दो व्यति यकद समान ऄनुभिों से गुजरें तो ईनमें सदैि एक
जैसी भािनात्मक एिं व्यिहारात्मक ऄनुकिया ईत्र्न्न नहीं होगी। आसके साथ ही ककसी तितशष्ट घटना से
तितभन्न व्यति तितभन्न प्रकार के ऄनुभि प्राप्त करते हैं। प्रत्येक व्यति िास्ततिकता को ऄर्नी दृतष्ट से
देखता है, ऄर्ने र्ूिव ज्ञान और ऄनुभि के अधार र्र ईस र्र प्रततकिया करता है और ऄंत में ईससे
तन्कषव रूर् में के िल िही ऄनुभि प्राप्त करता है जो िह ईतित समझता है। आस प्रकार हमारे र्ुराने
ऄनुभि हमारे ितवमान दृतष्टकोण का तनमावण करते हैं और हमारी प्रिृतत्त का तिकास करते हैं कक भति्य
में हमारी प्रततकिया कै सी होगी। ईदाहरण के तलए, जब बलात्कार जैसा जघन्य ऄर्राध घरटत होता है
तो कु छ लोग र्ीतड़ता को दोषी हराते हैं तथा ऄन्य लोग र्ुतलस, र्ररिार और समाज अकद को
तजम्मेदार मानते हैं। घटना िही है ककन्तु ऄलग-ऄलग लोग आसे ऄलग-ऄलग ढंग से देखते हैं। आसके
ऄततररि, ऄलग-ऄलग लोग एक ही घटना से ऄलग-ऄलग प्रकार की सीख प्राप्त करते हैं। संभि है कक
कोइ व्यति कानून और व्यिस्था में सुधार करने के ईद्देश्य से र्ुतलस बल का भाग बनना िाहे तो कोइ
ऄन्य व्यति र्ीतड़ता की दुदश
व ा से द्रतित हो जाए और र्ुनिावस कें द्र खोलने को तैयार हो जाए। संभि है
कक कोइ मतहलाओं के व्यार्क मुद्दों के तलए ऄतभयान िलाने का आच्छु क हो और कोइ ऄन्य व्यति के िल
मतहलाओं की स्ितंत्रता को प्रततबंतधत करना िाहे। व्यार्क तथ्य यह है कक – हमारे ऄनुभि हमारी
तििार प्रणाली को तितशष्ट रूर् से अकार प्रदान करते हैं। यह ऄििेतन तििार प्रणाली हमारी
िरीयताओं को अकार प्रदान करती है और आस प्रकार ऄंतत: भति्य में ककसी घटना के प्रतत ऄनुकिया
करने की हमारी कायवप्रणाली को प्रभातित करती है (ककन्तु तनधावररत नहीं करती)।
र्ररभाषा और व्याख्या
ऑक्सफोडव तडक्शनरी के ऄनुसार, ‘ऄतभरुति’ कु छ करने की स्िाभातिक क्षमता या स्िाभातिक प्रिृतत्त
है। यहााँ र्र ‘स्िाभातिक’ (natural) शधद आसके (ऄतभरुति के ) साधारण ऄथव 'जन्म से’ (by birth) के
बजाये व्यति के जीिन के संर्ूणव ऄनुभिों को ऄतधक संदर्भभत करता है। मुक्केबाजी के तलए ऄतभरुति
धारण करने िाले व्यति को, यकद अिश्यक प्रतशक्षण प्रदान ककया जाए, तो िह ईस क्षमता को
ऄत्यतधक तिकतसत कर सकता है। दूसरी ओर, यकद ककसी व्यति में मुक्केबाजी के तलए ऄतभरुति ही नहीं
है तो ईसे िाहे ककतना भी प्रतशक्षण प्रदान ककया जाए कफर भी ईसके प्रदशवन में कोइ भी प्रशंसनीय
सुधार नहीं अ सकता। ऄतभरुति ऐसी र्ैदाआशी या ऄर्भजत क्षमताओं और ऄन्य तिशेषताओं का संयोजन
है, जो ककसी तिशेष क्षेत्र में प्रिीणता तिकतसत करने में व्यति की क्षमता की संकेतक मानी जाती हैं।
यह ककसी तिशेष क्षेत्र में कौशल ऄथिा ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता या यो्यता को संदर्भभत करती है,
में एक व्यति र्ास ऄल्र् या ककसी भी प्रकार का र्ूिव प्रतशक्षण नहीं है, के तलए एक तनतश्चत सीमा तक
ऄतधक ऄथिा कमतर सुर्ररभातषत र्ैटनव या व्यिहार के ऄतभग्रहण हेतु एक व्यति की क्षमता या
र्ररकतल्र्त सामथ्यव के रूर् में र्ररभातषत ककया जा सकता है।’ साधारण शधदों में, ऄतभरुति ऐसे
ऄतभलक्षणों का समूह है जो ककसी तिशेष क्षेत्र में प्रिीणता प्राप्त करने के तलए व्यति की क्षमता के सूिक
माने जाते हैं। आस प्रकार आसका भति्यिादी संदभव होता है। दूसरी ओर कौशल को प्रतशक्षण के माध्यम
से प्राप्त ककया जाता है। ऄतभरुति कौशल नहीं है। कौशल ऄर्भजत ककया जाता है और प्रतशक्षण एिं
ऄतधगम के माध्यम से ईसे तनरं तर ईन्नत ककया जाता है। ऄतभरुति र्हले से तिद्यमान होती है ककन्तु आसे
र्ोतषत ककया जा सकता है।
जैसा कक शुरू में ही बताया जा िुका है कक ‘ऄतभरुति न तो र्ूणत
व ः जन्मजात (innate) होती है और न
ही र्ूणत
व ः ऄर्भजत’। यह कु छ सीमा तक जन्मजात होती है, ककन्तु साथ ही यह जन्मजात और अस-र्ास
के र्ररतस्थततयों के ऄंतसंबंध का ईत्र्ाद भी होती है। ऄतभरुति का स्तर सभी व्यतियों में एकसमान
नहीं होता है। प्रत्येक व्यति में ककसी तितशष्ट कायव के तलए कु छ ऄतभरुति होती है; ककन्तु लोगों में ककसी
तितशष्ट कायव हेतु ऄतभरुति का स्तर तभन्न-तभन्न होता है। ईदाहरण के तलए, ऄनेक लोग सशस्त्र बलों में
ऄतधकारी बनना िाहते हैं ककन्तु ईनमें से के िल कु छ ही लोग ऄर्ने प्रयास में सफल हो र्ाते हैं। ऐसा
आसतलए है क्योंकक गुणों के र्ूिव तनधावररत समुच्िय के अधार र्र सशस्त्र बलों हेतु सेिा ियन बोडव
(SSB) द्वारा ऄसफल ऄभ्यर्भथयों को ऄर्ेतक्षत ऄतभरुति के मामले में दूसरों की तुलना में कमतर अंका
जाता है। ऄतभरुति ककसी के द्वारा प्रदर्भशत की जाने िाली िरीयता मात्र नहीं है। यह कु छ ऐसे गुणों को
धारण करना है जो ककसी व्यति को ककसी कायव में दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदशवन करने में सहायता
करते हैं।
रक्षा या र्ुतलस सेिाओं में ऄतधकारी बनने के तलए ककसी व्यति में शारीररक ि मानतसक दोनों प्रकार
की ऄतभरुतियों का होना अिश्यक है। ऄच्छा तखलाड़ी बनने के तलए व्यति को मनोप्रेरणा (psycho-
motor) समन्िय संबंधी ऄतभरुति की अिश्यकता होती है। जब व्यति ऐसे व्यिसाय में होता है जो
ईसकी ऄतभरुति के ऄनुरूर् नहीं है तो समस्या ईत्र्न्न होती है। एक व्यति के िल आसतलए किके टर
बनना िाहे कक ईसके तर्ता बेहतरीन किके टर थे, तो हो सकता है कक िह श्रे् तम प्रदशवन करने में
सक्षम न हो सके जब तक कक ईसमें स्ियं ही ईस खेल के तलए अिश्यक ऄतभरुति न हो। यह सदैि याद
रखना िातहए कक ऄतभरुति भािी संभािनाओं को देखती है। हालांकक, यह ितवमान तस्थतत - ितवमान में
तिद्यमान और भति्य की संभािनाओं के संकेतक माने जाने िाले लक्षणों (तितशष्टताओं) के र्ैटनों, को
संदर्भभत करती है।
ऄतभरुति को सामान्यतः शारीररक या मानतसक ऄतभरुति के रूर् में िगीकृ त ककया जाता है।
शारीररक ऄतभरुति (ऄतभक्षमता) से तात्र्यव कु छ तितशष्ट कायव को सफलतार्ूिवक संर्न्न करने के तलए
अिश्यक शारीररक तिशेषताओं से है। ईदाहरण के तलए, सशस्त्र बलों को शारीररक तिशेषताओं के एक
कु छ तिशेषज्ञों का मानना है कक तसतिल सेिकों में तीन प्रकार की ऄतभरुतियााँ होनी िातहए: बौतिक,
भािनात्मक और नैततक। ये ऄतभरुतियााँ तसतिल सेिक को र्ेशेिर मूल्यों की प्रातप्त में सक्षम बनाती हैं।
बौतिक ऄतभरुति यह सुतनतश्चत करती है कक संबंतधत तसतिल सेिक तकव संगत ढ़ंग से तििार करे ,
ईद्देश्यर्ूणव रूर् से कारव िाइ करे और ऄर्ने अस-र्ास के र्ररिेश के साथ प्रभािी ढंग से व्यिहार करे ।
आस प्रकार, आसे साधन-ऄतभमुख ऄतभरुति (means oriented aptitude) माना जा सकता है।
भािनात्मक ऄतभरुति ऄर्ने सहकर्भमयों, ऄधीनस्थों और जनता के साथ तसतिल सेिकों के प्रभािी
अिरण को सुतनतश्चत करती है। आस प्रकार आसे व्यिहार-ऄतभमुख ऄतभरुति (behavior oriented
aptitude) माना जा सकता है।
नैततक ऄतभरुति में िांछनीय मूल्यों, जैस-े न्याय, सहानुभूतत, करुणा अकद को सतम्मतलत ककया जाता
है। आसे तसतिल सेिाओं के तलए बुतनयादी मूल्य भी कहा जाता है और यह सुतनतश्चत करती है कक
तसतिल सेिक ऄर्ने कतवव्यों का तन्र्ादन न के िल कु शलता से ऄतर्तु जनतहत को ध्यान में रखते हुए
प्रभािी ढंग से भी करें । आस प्रकार आसे लक्ष्य-ऄतभमुख ऄतभरुति माना जा सकता है।
लोगों की कइ बातों में रुति होती है, लेककन आसका ऄथव यह नहीं है कक ईनके र्ास ईसके तलए ऄतभरुति
है। ककसी को किके ट बहुत र्संद हो सकता है– लेककन टेलीतिजन र्र देखने के स्थान र्र मैदान र्र आसे
खेलना बहुत ऄलग बात है। ककसी व्यति में ऄच्छी कमेंट्री करने की ऄतधक ऄतभरुति हो सकती है या
लेखन कौशल हो सकता है और ईसके बाद कोइ व्यति ऐसा व्यिसाय िुन सकता/सकती है तजसमें
ईसकी रूति और ऄतभरुति मेल खाती हो, जैस-े कमेंट्रेटर या खेल र्त्रकार बनना।
ऄतभरुति को प्राय: मानतसक क्षमता के ऐसे तितश्ट ईर्समुच्िय का प्रतततनतधत्ि करने िाला माना
जाता है जो तिशेष रूर् से तशक्षा और रोजगार के संबंध में, व्यति की क्षमता के तिषय में ईर्योगी
जानकारी प्रदान करता हो। क्षमता बुतिमत्ता के बहुत तनकट होती है। यह ितवमान से संबंतधत होती है।
यह कौशल, ऄभ्यासों (अदतों) और शतियों का ऐसा संयोजन है जो व्यति में ितवमान में तिद्यमान है
और ईसे कु छ करने में सक्षम बनाता है। ऄतभरुति यह संकेत करती है कक व्यति क्या सीखने/करने में
सक्षम होगा और क्षमता आसका प्रमाण प्रस्तुत करती है कक कोइ व्यति ितवमान में (या भति्य में तबना
ऄततररि प्रतशक्षण के ) क्या करने में सक्षम है। व्यािहाररक दृतष्टकोण से, ककसी व्यति ने र्हले से जो
माना जाता है कक व्यतियों को प्राप्त होने िाले कु छ ऄनुभि, ऄतभरुति का मार्न करने के दौरान आसमें
िृति कर देते हैं।
ईदाहरण के तलए, तसतिल सेिाओं के तलए ककसी ईम्मीदिार की ऄतभरुति का र्रीक्षण करने के
प्रयोजन से अयोतजत की जाने िाली तसतिल सर्भिसेज ऄतभरुति र्रीक्षण (CSAT) र्रीक्षा ऄभ्यास न
करने िाले ईम्मीदिारों की तुलना में ऄभ्यास करने िालों के तलए बेहतर स्कोर प्रदर्भशत करे गी। यह
ईम्मीदिारों को तसतिल सेिक बनने के बाद ऄनुभि ककए जाने िाले दबाि की र्ररतस्थतत में लाकर
(सीतमत समय में ऄनेक प्रश्नों को हल करिाकर) ऄतभरुति का र्रीक्षण करती है। आसके ऄततररक्त, तजस
व्यति ने आसका ऄभ्यास ककया है ईसके तलए यह र्ररक्षण ईसकी तैयारी और र्ररश्रम को बताते हैं, जो
र्ुन: एक तसतिल सेिक में िांछनीय तिशेषताएं होती हैं। आसतलए यद्यतर् आसका प्रयोजन ऄतभरुति का
मार्न करना होता है लेककन यह क्षमता का भी मार्न करती है। आस प्रकार कु छ मनोिैज्ञातनकों के
ऄनुसार क्षमता में ऄतभरुति एिं ईर्लतधध समाति्ट होती है। क्षमता संदर्भभत करती है कक व्यति अज
क्या कर सकता है। यह एक तनतश्चत समय र्र, ककसी कायव का तन्र्ादन करने की शति होती है।
ऄतभरुति भति्य में ईतित प्रतशक्षण प्रदान ककए जाने र्र, व्यति में कु छ कायव करने हेतु तिद्यमान
जन्मजात क्षमता होती है। बुतिमत्ता का प्रमुख ऄियि ऄर्ने ितवमान र्ररिेश में तकव संगत रूर् से
तििार करने, ईद्देश्यर्ूणव कायव करने एिं प्रभािी रूर् से व्यिहार करने की क्षमता है। बुतिमत्ता का
कायवक्षत्र
े व्यार्क होता है क्योंकक यह सामान्य मानतसक क्षमता से संबंतधत होती है। दूसरी ओर,
ऄतभरुति का कायवक्षेत्र संकीणव होता है – यह कायव-तितशष्ट होती है। यह ककसी व्यति द्वारा भति्य में
ककसी कायव को सम्र्न्न करने की एक तितशष्ट क्षमता को संदर्भभत करते हुए, बुतिमत्ता को तितभन्न
ऄतभलक्षणों में तिभातजत करती है। आस प्रकार, ऄतभरुति बुतिमत्ता के समान नहीं होती है। एक समान
बौतिक स्तर (IQ) िाले दो लोगों की ऄतभरुति तभन्न-तभन्न हो सकती है, ईदाहरण के तलए, एक की
ऄतभरुति िैज्ञातनक बनने की और दूसरे की ईर्न्यासकार बनने की हो सकती है।
ऄतभरुति भति्य में ईतित प्रतशक्षण प्रदान ककए जाने र्र, व्यति में कु छ कायव करने हेतु तिद्यमान
जन्मजात क्षमता होती है। ऄतभिृतत्त िस्तुतः लोगों (स्ियं को सतम्मतलत करते हुए), तिषय-िस्तुओं या
समस्याओं का स्थायी ि सामान्य मूल्यांकन होता है। यह एक तितश्ट प्रकार से व्यिहार करने की
प्रिृतत्त ऄथावत् ककसी तनतश्चत तििार, िस्तु, व्यति, या तस्थतत के प्रतत सकारात्मक या नकारात्मक
ऄनुकिया करने की प्रिृतत्त होती है। ऄतभिृतत्त को कु छ ऄथों में र्ररिर्भतत ककया जा सकता है, लेककन
यकद ऄतभरुति र्हले से तिद्यमान नहीं है तो ईसे तिकतसत नहीं ककया जा सकता, क्योंकक यह जन्मजात
(स्िाभातिक) क्षमता भी है।
मूल्य, ऄतभरुति से आस दृतष्ट से तभन्न होते हैं कक मूल्यों के माध्यम से ककसी िस्तु या कायव के महत्ि के
स्तर का बोध होता है। मूल्यों का ईद्देश्य यह तनधावररत करना होता है कक कौन-सा कायव सिवश्र्े है या
कौन-सी जीिन शैली सिोत्तम है। यद्यतर् मूल्य "सकारात्मक" या "नकारात्मक" हो सकते हैं, जैस-े
कमजोर िगव के प्रतत सहानुभूतत सकारात्मक है जबकक ऄर्नी ही जातत को सिोच्ि मानना नकारात्मक
है। लेककन अम तौर र्र मूल्यों का सन्दभव सकारात्मक और िांछनीय मूल्यों के रूर् में ही तलया जाता है।
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ऄतः, िे सही अिरण एिं एक ऄच्छा जीिन व्यतीत करने का आस रूर् में तनधावरण करते हैं कक ककसी
ईच्च, या कम से कम ऄर्ेक्षाकृ त ईच्ि मूल्यर्रक कायव को नैततक रूर् से "ऄच्छा" माना जा सकता है।
आसी प्रकार तनम्न मूल्यर्रक कायव, या कु छ हद तक ऄर्ेक्षाकृ त तनम्न मूल्यर्रक कायव को “बुरा” माना जा
सकता है। आसतलए, मूल्यों को ईर्युि कायविातहयों या र्ररणामों से संबंतधत व्यार्क िरीयताओं के रूर्
में र्ररभातषत ककया जा सकता है। आस प्रकार, मूल्य ककसी व्यति के सही और गलत के तििेक या क्या
“ईतित होना िातहए” को प्रततबबतबत करते हैं। "सभी के तलए समान ऄतधकार", "ईत्कृ ष्टता प्रशंसा की
ऄतधकारी है" तथा "लोगों के साथ अदर और गररमा के साथ व्यिहार ककया जाना िातहए" अकद मूल्यों
का प्रतततनतधत्ि करते हैं।
मूल्यों में ऄतभिृतत्त और व्यिहार को प्रभातित करने की प्रिृतत्त होती है। मूल्यों के प्रकारों में
नीततर्रक/नैततक मूल्य, सैिांततक/िैिाररक (धार्भमक, राजनीततक) मूल्य, सामातजक मूल्य एिं
सौन्दयवर्रक मूल्य सतम्मतलत हैं। ऄगले खण्ड में हम "तसतिल सेिाओं के तलए बुतनयादी मूल्यों" र्र ििाव
करें गे।
मूल्य, मानदंडों के िे समुच्चय होते हैं तजनके अधार र्र हम ककसी कायव के ईतित या ऄनुतित होने की
जांि करते हैं। मूल्यों के ऄनेक प्रकार हैं और ईन्हें एक र्दानुिम में रखा जा सकता है। ईदाहरण के
तलए, गांधी जी ने सत्य को र्रम (सिोच्च) मूल्य माना और ईसके बाद ऄबहसा को स्थान कदया। तसतिल
सेिाओं से संबंतधत मूल्य ककसी संस्कृ तत के संदभव में प्रासंतगक होते हैं, यथा- लोकतांतत्रक संस्कृ तत
सािवजतनक तिश्वास के तसिांत र्र अधाररत है ऄथावत् संप्रभु शति जनता में तनतहत होती है। जनता ने
आस शति को राज्य को सौंर् रखा है तजसका ईर्योग राज्य ऄर्ने ऄतधकाररयों (तनयुि तथा तनिावतित)
के माध्यम से जनता के सिोत्तम तहत में करता है। मूल्य, समय के संदभव में भी प्रासंतगक या ऄप्रासंतगक
हो सकते हैं ऄथावत् िे तिकतसत होते रहते हैं। ईदाहरण के तलए, तसतिल सेिाओं में ितवमान में कामकाज
संबंधी र्ररिेश को ईन्नत बनाने र्र ध्यान कदया जा रहा है जबकक र्ूिव में ऐसा नहीं था।
तसतिल सेिक महत्िर्ूणव ईत्तरदातयत्िर्ूणव (तिश्वास संबंधी) र्द धारण करते हैं। ईन्हें व्यार्क ऄतधकार
प्राप्त होते हैं तथा ईनके तिशेष कतवव्य भी होते हैं क्योंकक ईन्हीं र्र समुदाय द्वारा सौंर्े गए संसाधनों को
प्रबंतधत करने का ईत्तरदातयत्ि होता है। िे समुदाय को सेिाएं प्रदान करते हैं और सेिाओं का तितरण
करते हैं तथा सामुदातयक जीिन के प्रत्येक र्हलू को प्रभातित करने िाले तनणवय भी लेते हैं । आसके
िलते, समुदाय को यह ऄर्ेक्षा करने का ऄतधकार होता है कक तसतिल सेिक न्यायर्ूिक
व , तन्र्क्ष ढ़ंग से
तथा दक्षता से कायव करें ।
यह अिश्यक है कक समुदाय का तसतिल सेिा की तनणवय-तनमावण प्रकिया की सत्यतनष्ठता में तिश्वास हो।
स्ियं तसतिल सेिा के भीतर भी यह सुतनतश्चत ककया जाना अिश्यक है कक तसतिल सेिकों के तनणवय
और कायविातहयों से तात्कातलक सरकार की नीततयााँ तथा सरकारी सेिक के रूर् में समुदाय द्वारा
ऄर्ेतक्षत मानक प्रततबबतबत हों। ध्यातव्य है कक तसतिल सेिकों से ईत्तरोत्तर अने िाली राजनीततक
सरकारों के तहत कायव करते हुए दक्षता, ऄनुकियाशीलता तथा भेदभाि-रतहत होने के एकसमान
मानकों को बनाए रखने की ऄर्ेक्षा; हमारी लोकतांतत्रक राजव्यिस्था की कायवर्ितत का मुख्य तत्ि है।
एक लोकतंत्र में, ककसी कु शल तसतिल सेिा में मूल्यों का ऐसा समुच्चय ऄिश्य तनतहत होना िातहए जो
आसे ऄन्य व्यिसायों से र्ृथक करता हो। सत्यतनष्ठा, लोक सेिाओं के प्रतत समर्वण भाि, भेदभाि-रतहत
होना, राजनीततक तटस्थता, ऄनातमता आत्याकद ककसी भी कु शल तसतिल सेिा के तितशष्ट तत्ि होते हैं।
तसतिल सेिकों को संतिधान तथा तितध को बनाए रखना होता है; आसतलए ईन्हें ऄर्ने अिरणों को
तनदेतशत करने हेतु कु छ मूल्यों की अिश्यकता होती है। संतिधान, तितध, तनयम तथा तितनयम तसतिल
सेिकों में आन ऄर्ेतक्षत मूल्यों का समािेश करते हैं। आसके प्रभािी कियान्ियन हेतु यह अिश्यक है कक
स्ियं तसतिल सेिक आन मूल्यों में तिश्वास करें तथा आन्हें व्यिहार में भी ऄर्नाएं। आसके ऄततररि, ईन
र्ररतस्थततयों में जहां तििेकाधीन तनणवय लेने होते हैं, िहां भी यह ऄर्ेक्षा की जाती है कक तसतिल सेिक
तिनीत नारायण तनणवय में न्यायमूर्भत जे. एस. िमाव द्वारा सािवजतनक जीिन में नैततकता को लेकर
तनम्नतलतखत तििार व्यि ककए गए, “सािवजतनक र्द धारक को शतियााँ के िल सािवजतनक तहत में
ईर्योग करने हेतु प्रदान की जाती हैं। आसतलए, िे लोगों के तिश्वास के तहत र्द धारण करते हैं। ऄत:
ककसी भी तसतिल सेिक का न्याय के मागव से तिितलत होना तिश्वासघात के समान है तथा ऐसे मामलों
को नज़रऄंदाज़ कर कदए जाने की ऄर्ेक्षा ईनसे कड़ाइ से तनर्टा जाना िातहए।”
भारत में, नैततक मानदंडों का ितवमान समुच्चय के न्द्रीय तसतिल सेिा (अिरण) तनयमािली, 1964 में
तनतहत अिरण तनयमािली है तथा आसके समान तनयम ऄतखल भारतीय सेिाओं ऄथिा तितभन्न राज्य
सरकारों के कमविाररयों र्र लागू हैं। अिरण तनयमािली में व्यिहार संतहता तजसमें कु छ साधारण
मानदंड, यथा- ‘सत्यतनष्ठा बनाए रखना तथा कतवव्यों के प्रतत र्ूणव समर्वण भाि’, सरकारी कमविाररयों
को ऄनुतित अिरणों से दूर रहना अकद सतम्मतलत हैं। सामान्यत: यह सरकारी कमविाररयों के तलए
ऄिांतछत समझी जाने िाली तितशष्ट गतततितधयों को सूिीबि करता है। यह अिरण तनयमािली
नैततक संतहता की स्थार्ना नहीं करती है। लोक सेिा तिधेयक, 2007 के मसौदा में, नैततक संतहता के
तिकास हेतु अिश्यक प्रथम िरण की ऄनुशंसा की गयी है। आसमें लोक सेिा संबंधी मूल्यों को एक ऐसे
मूल्यों समुच्चय के रूर् में िर्भणत ककया गया है जो लोक सेिकों को ईनके कतवव्यों के तनिवहन में तनदेतशत
करते हैं। ये तनम्नतलतखत हैं:
i. देशभति तथा राष्ट्रीय तहतों को बनाए रखना;
iii. तन्र्क्षता, भेदभाि-रतहत, इमानदारी, कमव ता, तिनम्रता तथा र्ारदर्भशता; तथा
'इमानदारी', और 'ककसी व्यति के कायों की सत्यता या र्ररशुिता' हैं। संगतता से अशय तस्थतत से
तनरर्ेक्ष रहते हुए एकसमान होना है। ककसी एक कदन शांत और रिनात्मक तरीके से तनणवय लेने िाले
और दूसरे कदन जल्दीबाजी में तनणवय लेने िाले व्यति को संगत नहीं कहा जा सकता है। नेतत्ृ िकताव
ऄर्ने दृतष्टकोण में ऐसे समय में भी तस्थर बने रहते हैं जब तस्थतत ईसके प्रततकू ल हो (कृ र्या यह ध्यान दें
कक संगतता ऄनम्यता नहीं है)।
इमानदारी, सत्यता और ककसी के कायों की र्ररशुिता, ऄच्छे मंतव्य और तििार की मांग करती है।
दूसरों के साथ कोइ व्यति ककतना इमानदार और सच्िा है, यह ईसके मंतव्य र्र तनभवर करता है –
आसतलए कायों को व्यति के शधदों के साथ समन्ितयत होना िातहए और शधदों को व्यति के तििारों के
साथ समन्ितयत होना िातहए। आसतलए, सत्यतन् ा में तििार, िाणी एिं कायों में आस प्रकार की
संगतता का एक महत्िर्ूणव घटक शातमल होता है तजससे कक व्यति की अदशव तस्थतत और ईसकी
िास्ततिक तस्थतत के बीि कोइ ऄंतर न रह जाए; ऄथावत् हमारी सोि के ऄनुसार अिरण का जो
िांछनीय तरीका है तथा जो हमारा िास्ततिक अिरण है, ईनके बीि का ऄंतर समाप्त हो जाए। यह
व्यतित्ि की िह तिशेषता है तजसकी हम प्रशंसा करते हैं, क्योंकक आसका ऄथव है कक व्यति के र्ास एक
नैततक कद्दशवक है जो ककसी भी र्ररतस्थतत में ऄनुतित मागव नहीं कदखाता। आसका ऄथव अदशों, अस्था,
मानदंडों, मान्यताओं और व्यिहार का एकीकरण भी है। आसतलए, र्ूणव सत्यतन् ा िाला व्यति कभी भी
प्रलोभन और बाह्य दबाि से प्रभातित नहीं हो सकता, क्योंकक िह ऄर्नी ऄंतरात्मा के ऄनुरूर् ही
ऄनुकिया करता है। ध्यान दें कक भौततक िस्तुएं भी सत्यतन् ा को प्रदर्भशत कर सकती हैं - यकद अर्
ककसी जजवर र्ुराने र्ुल से गुजर रहे हैं जो हिा के प्रिातहत होने र्र झूलने लगता है तो अर् आसकी
संरिनात्मक सत्यतन् ा (ऄखंडता) र्र संदह
े कर सकते हैं।
सारतः, सत्यतन् ा का अशय तसिांतों का र्ालन करने से है। यह तीन िरणीय प्रकिया है: अिरण के
ईतित तरीके का ियन; आस ियन के संगत कायवकरण - यहां तक कक जब ऐसा करना ऄसुतिधाजनक या
लाभहीन हो ऐसी तस्थतत में भी; तथा प्रत्यक्ष रूर् से घोतषत करना कक अर्का मत क्या है। तदनुसार,
सत्यतनष्ठा को नैततक भािना, प्रततबिताओं के प्रतत दृढ़ता, तिश्वसनीयता के समतुल्य माना जा सकता
है। ये तीनों समान रूर् से महत्िर्ूणव हैं- िोर ऄर्ने तििारों और कायों में संगत हो सकता है, र्रन्तु
ईसका नैततक मानदंड तनम्न स्तर का होता है और ईसने सही कायव नहीं िुना होता है। यहााँ यह महत्ि
है’ आसका र्ता लगाने प्रयास ककया ऄथिा नहीं, तो शायद हम र्ाएंगे कक ईसने ऐसा नहीं ककया। ककसी
सत्यतनष्ठ है तो यह ईसके कायों, शधदों, तनणवयों, र्िततयों और र्ररणामों के माध्यम से लोगों को स्र्ष्ट
रूर् से कदखना िातहए। जब अर् 'ऄखंड' एिं सुसंगत होते हैं तो अर्का व्यतित्ि एकसमान रहता है।
ककसी भी र्ररतस्थतत में अर् ऄर्ना एक समान व्यतित्ि प्रस्तुत करते हैं। अर् ऄर्ने व्यतित्ि का कोइ
भी ऄंश कहीं छोड़कर नहीं अते- अर् 'काम करते समय', 'र्ररिार के साथ' या 'सामातजक रूर् में'
तभन्न-तभन्न नहीं होते हैं तथा प्रत्येक समय एक ही व्यति ऄथावत् सदैि ‘के िल अर्’ होते हैं।
हर समय सौ प्रततशत संर्ण
ू व होना कर न है। आसतलए जब हम ककसी व्यति के सत्यतन् ा संबंधी
मानदंडों को संदर्भभत करते हैं तो हम तिशेषक के रूर् में ‘ईच्च’ और ‘तनम्न’ शधदों का ईर्योग करते हैं।
हाफोन (Halfon) सत्यतन् ा को, नैततक जीिन के ऄनुगमन के प्रतत व्यति के समर्वण और आस प्रकार
के जीिन की मांगों को समझने के प्रयास में ईनके बौतिक ईत्तरदातयत्ि के रूर् में संदर्भभत करते हैं। िह
तलखते हैं कक एक सत्यतनष्ठ व्यति:
“…नैततक दृतष्टकोण को ऄंगीकृ त करता है जो ईसे ऄिधारणात्मक रूर् से स्र्ष्ट होने, तार्ककक रूर् से
तस्थर रहने, प्रासंतगक ऄनुभिजन्य साक्ष्य से ऄिगत होने और प्रासंतगक नैततक मान्यताओं को स्िीकार
करने के साथ-साथ ईनका मूल्यांकन करने का अग्रह करता है। सत्यतन् व्यति आन प्रततबंधों को ऄर्ने
उर्र अरोतर्त करते हैं क्योंकक िे न के िल ककसी भी नैततक दृतष्टकोण को ऄर्नाने, बतल्क जो सिोत्तम
है ईसका र्ालन करने की प्रततबिता का ऄनुगमन करने के प्रतत तिन्तनशील होते हैं।”
नोलन सतमतत द्वारा तसतिल सेिक के तलए सत्यतन् ा को तनम्नतलतखत रूर् में र्ररभातषत ककया गया
है: ‘सािवजतनक र्दधारकों को स्ियं को बाहरी व्यतियों या संग नों के प्रतत ककसी भी ऐसे तित्तीय या
ऄन्य दातयत्ि के ऄधीन नहीं रखना िातहए जो ईन्हें ईनके अतधकाररक कतवव्यों के तन्र्ादन को
प्रभातित करे ’। यह देखा जा सकता है कक एक सत्यतन् तसतिल सेिक होने के तलए (i) ककसी व्यति का
नैततक मानदंड ईच्च होना िातहए (ii) ईसे ऄर्ने ईद्देश्यों के प्रतत इमानदार होना िातहए, (iii) तनणवय
लेने की प्रकिया में सुसंगत होना िातहए - ईसे न के िल इमानदार और सत्यिादी होना िातहए, बतल्क
ईसे ऐसा समझा भी जाना िातहए। यह सािवजतनक तिश्वास की अधारतशला है, जो सािवजतनक
र्दधारण करने िाले व्यति के तलए अिश्यक है। ईन्हें ऄर्ने तलए, ऄर्ने र्ररिार या ऄर्ने तमत्रों के
तलए तित्तीय या ऄन्य भौततक लाभ प्राप्त करने के तलए न तो कोइ ऐसा कायव करना िातहए न ही ईनके
र्क्ष में स्िाथविश तनणवय लेने िातहए। ईन्हें ककसी भी तहत और संबंध की घोषणा और तत्संबंधी
समाधान प्रस्तुत करना िातहए।
यह इमानदारी से ककस प्रकार तभन्न है?
इमानदारी: आसका ऄथव तथ्यों को ईसी रूर् में बनाए रखना है, तजस रूर् में िे हैं, ऄथावत् सत्य को बनाए
रखना है। यकद अर् सत्य बोलते हैं, तो अर् इमानदारी का गुण रखते हैं। इमानदार होने का ऄथव ककसी
भी प्रकार से झू न बोलने, िोरी न करने, धोखा न देने या छल न करने के तिकल्र् का ियन करना
होता है।
तो, कोइ भी व्यति ककसी एक कायव में इमानदार हो सकता है, लेककन सत्यतनष्ठा के तलए ईसे ऄर्ने
समग्र अिरण में सत्यतनष्ठ होने की अश्यकता होती है।
सत्यतनष्ठा के तबना इमानदारी: सत्यतनष्ठा व्यति से िुनौतीर्ूणव र्ररतस्थततयों का सामना करने की मांग
करती है। ईदाहरण के तलए, महाभारत के युि में ऄजुवन भ्रतमत था कक क्या धमव/सच्चाइ/कत्तवव्य का
र्ालन करना िातहए या संबंधों/लगाि का ऄनुसरण करना िातहए। कत्तवव्य (जो सही कायव है) और
लगाि के बीि आस प्रकार का संघषव यह तनधावररत करने का महत्िर्ूणव र्रीक्षण है कक व्यति की
सत्यतन् ा ईच्च है या तनम्न है। िहीं दूसरी ओर इमानदारी के तलए आस प्रकार के संदभव की अिश्यकता
नहीं होती है। व्यति ऄतनिायव रूर् से सत्यतनष्ठा प्रदर्भशत ककए तबना भी दैतनक जीिन में इमानदार हो
सकता है। सत्यतनष्ठा का ऄथव नैततक िररत्र की सुदढ़ृ ता के साथ-साथ इमानदारी है - सत्यतनष्ठा में
इमानदारी के ऄततररि कु छ और भी शातमल होता है। इमानदारी और सत्यतनष्ठा के बीि बड़ा ऄंतर
यह है कक व्यति सत्यतन् ा के तलए अिश्यक गहन बितन और ईसके र्ररलतक्षत होने के तबना भी र्ूरी
तरह से इमानदार हो सकता है। इमानदार व्यति ककसी बात के सही या गलत के ऄतग्रम तनधावरण के
तबना भी सत्यतार्ूिवक यह बता सकता है कक िह ककसे मानता है। ईदाहरण के तलए, कोइ व्यति कहे कक
"सभी एथलीट छल करते हैं" और िह िास्ति में आस कथन में तिश्वास भी करता हो तो यह इमानदारी
है। लेककन, यह तनधावररत करने का प्रयास नहीं करना कक यह दािा सही है या नहीं, सत्यतन् ा की कमी
को दशावता है। आस प्रकार, कोइ व्यति सत्यतन् हुए तबना भी इमानदार हो सकता है।
सत्यतन् ा के प्रकार
उर्र प्रस्तुत सत्यतनष्ठा का तििार नैततक ईद्देश्य और एक समग्र सद्गुण के रूर् में सत्यतन् ा का िणवन
करता है। ईदारता जैसे गुण हमें ककसी तितशष्ट तििार की ओर ले जाते हैं। ककन्तु सत्यतन् ा के गुण में
तिशेष रूर् से ऐसा कु छ भी नहीं होता जो आसे धारण करने िाले को ककसी तितशष्ट तििार की ओर
प्रेररत करे । तथातर्, सत्यतन् ा एक तिलक्षण गुण है जो ककसी भी तितशष्ट ऄतभप्रेरणा और तििारों से
संबंतधत नहीं है। यह एक तिशेष प्रकार की तिशेषता और समूहबि ऄिधारणा है और आस प्रकार आसमें
ऄनेक ऄतभप्रेरणाएं और तििार सतम्मतलत हैं।
िूंकक सत्यतनष्ठा में तितभन्न प्रततबिताओं और मूल्यों का प्रबन्धन सतम्मतलत होता है। ऄतः यह कहा जा
सकता है कक सत्यतनष्ठा के ऐसे तितभन्न प्रकार ककसी व्यति की समग्र सत्यतनष्ठा, या ईसकी व्यतिगत
सत्यतनष्ठा की तभन्न-तभन्न ऄतभव्यतियााँ मात्र हैं। हालााँकक, कभी-कभी यह कहा जाता है कक ककसी व्यति
में बौतिक सत्यतनष्ठा तो है र्रन्तु ईसके र्ास व्यतिगत सत्यतनष्ठा की कमी है या व्यतिगत सत्यतनष्ठा
की तुलना में बौतिक सत्यतनष्ठा ऄतधक है। यकद यह सत्य है और सत्यतनष्ठा के ईन प्रकारों में मौतलक
भेद है तजनकी जीिन के एक क्षेत्र या ककसी ऄन्य क्षेत्र में मांग होती है तो समग्र सत्यतनष्ठा या व्यतिगत
सत्यतनष्ठा कमजोर र्ड़ सकती है। हालााँकक, मानिीय क्षमता और िगीकरण की अिश्यकता के कारण
या लोगों के जीिन के तितभन्न भागों को मनोिैज्ञातनक रूर् से र्ृथक करने के तलए हम तितभन्न प्रकार
की सत्यतनष्ठाओं का तनधावरण कर सकते हैं, जैसे:
i. नैततक सत्यतनष्ठा: आसका ऄथव ईन मानकों में संगतता और इमानदारी से है, तजनका ईर्योग कोइ
व्यति दूसरों के साथ-साथ स्ियं के ईतित या ऄनुतित होने का अकलन करने के तलए करता है। यह
सत्यतनष्ठा का सिावतधक व्यार्क प्रकार है तथा यही उर्र िर्भणत व्यतिगत सत्यतनष्ठा भी है।
ii. र्ेशि
े र सत्यतनष्ठा: आसका तात्र्यव संबंतधत र्ेशे की नैततक संतहता, मानदंडों, मानकों और मूल्यों का
ऄनुर्ालन करने से है। आस प्रकार आसका सम्बन्ध ईस र्ेशेिर से है जो ऄर्ने ियतनत र्ेशे में तनरं तर और
स्िेच्छार्ूिक
व तनधावररत कदशातनदेशों के ऄंतगवत कायव करता है।
र्ेशेिर सत्यतनष्ठा नैततक सत्यतनष्ठा से कमजोर होती है। ईदाहरण के तलए, यह तकव कदया जा सकता है
कक र्ेशेिर सत्यतनष्ठा का र्ालन करने िाले व्यति का ईत्तरदातयत्ि ऄिव-नैततक होता है या िे िास्ततिक
रूर् से नैततक नहीं होते हैं क्योंकक आस प्रकार की नैततकता र्ेशे का अंतररक तिषय है। तथातर्, यह
स्िीकायव प्रतीत होता है कक र्ेशेिर सत्यतनष्ठा को नैततक जीिन जीने हेतु एक महत्िर्ूणव योगदान के रूर्
में समझा जाना बेहतर होगा। र्ेशेिर सत्यतनष्ठा ककसी र्ेशेिर क्षेत्र के तलए तितशष्ट तो होती है, र्रन्तु
नैततकता से र्ूणत
व ः स्ितंत्र नहीं होती।
iii. बौतिक सत्यतनष्ठा: बौतिक सत्यतनष्ठा’ र्द, बुति की सत्यतनष्ठा और बुतिजीिी की सत्यतनष्ठा के
मध्य की एक ऄस्र्ष्ट तस्थतत को िर्भणत करता है। व्यार्क ऄथव में, बौतिक सत्यतनष्ठा तििार करने में
सक्षम प्रत्येक व्यति र्र लागू होती है और आसतलए यह ऄत्यतधक सामान्य हो जाती है। तितशष्ट रूर् से
समझने हेत,ु बौतिक सत्यतनष्ठा एक ऄकादतमक गुण के रूर् में सत्यतनष्ठा है। बुतिजीतियों में बौतिक
गुणों, जैस-े इमानदारी, तन्र्क्षता, िस्तुतस्थतत का सम्मान करने और अलोिनात्मक तििारों के तलए
खुलेर्न के स्तरों में तभन्नता हो सकती है। ऐसे में बौतिक सत्यतनष्ठा को एक ऐसे व्यार्क गुण के रूर् में
माना जा सकता है जो आन व्यतिगत गुणों को सक्षम बनाए, ईनके मध्य ईतित संतल
ु न बनाए रखे और
ईन्हें बढ़ािा दे। ईदाहरण के तलए, सुकरात बौतिक सत्यतनष्ठा िाले व्यति का एक ईत्कृ ष्ट ईदाहरण हो
सकता है। ईनमें सत्य और ज्ञान की खोज करने की प्रततबिता थी और ईन्होंने स्ियं र्र लग रहे अक्षेर्ों
के बािजूद ऄर्नी बौतिक सत्यतनष्ठा को बनाए रखा। बौतिक सत्यतनष्ठा की ऄिधारणा के कें द्र में रहने
िाले कु छ सामान्य रूर् से ईद्धृत बौतिक सद्गुण तनम्नतलतखत हैं – इमानदारी, साहस, तन्र्क्षता,
र्ररमाण में तिद्यमान हो सकते हैं। साथ ही, बौतिक सत्यतनष्ठ व्यति से तितभन्न प्रकार के कायों की
ऄर्ेक्षा की जा सकती है; ईदाहरण के तलए- सातहत्यक िोरी का तिरोध करना, प्रततिादों को न दबाना
और सहायता के तलए सदैि अभार व्यि करना। आस प्रकार यह कहा जा सकता है कक बौतिक
सत्यतनष्ठा िह गुण है जो ककसी व्यति को बौतिक कायों की तितभन्न मांगों को संतुतलत करने और आन
सद्गुणों को ईतित िम में ऄतभव्यि करने में सक्षम बनाता है।
जाने की सम्भािना है। हालााँकक, ऐसा सोिने का कोइ कारण नहीं है कक िह के िल तभी सफल हो
सकता है जब िह ऄर्ने घर को छोड़ देगा। ककसी भी मामले में, ईसकी कलात्मक सत्यतनष्ठा के संबंध में
हमारा मूल्यांकन ईसे व्यतिगत/नैततक सत्यतनष्ठा की कमी से दोषमुि नहीं करता है।
नैततक मूल्य, तजन्हें कलाकार द्वारा तनर्भमत या प्रोत्सातहत ककया जाता है, कलात्मक सत्यतनष्ठा र्र
तििार करने हेतु प्रासंतगक होते हैं। आस प्रकार, तिशेष रूर् से कलात्मक सत्यतनष्ठा के मानकों के ईच्च
होने की तस्थतत में कलात्मक और नैततक सत्यतनष्ठा का ऄततव्यार्न हो सकता है। दूसरी ओर, ऄत्यतधक
दबाि की तस्थततयों में कलात्मक और नैततक सत्यतनष्ठा में टकराि भी ईत्र्न्न हो सकता है। र्ररस्थततयााँ
भी तभन्न-तभन्न होती हैं और ईनके साथ सत्यतनष्ठा में कर नाइ और ईसके गुणों को लेकर हमारे अकलन,
दोनों में तभन्नता हो सकती है। एक सिवसत्तािादी (totalitarian) राज्य में ररर्ोर्टटग करने िाला एक
र्त्रकार र्यावप्त दबाि में होता है। ईसे ऄर्ने कायों में कु छ समझौते करने र्ड़ सकते हैं। कोइ व्यति
ऄर्नी नैततक सत्यतनष्ठा को कलात्मक सत्यतनष्ठा से ऄतधक अाँक सकता है – संभि है कक ईसके द्वारा
कोइ समझौता ककया गया हो तजससे एक कलाकार (र्त्रकार) के रूर् में ईसकी सत्यतनष्ठा प्रभातित हुइ
हो।
सत्यतनष्ठा के स्रोत
सत्यतनष्ठा एक ऐसा मूल्य है, तजसे ककसी बाहरी तनयंत्रण के माध्यम से लागू नहीं ककया जा सकता है
क्योंकक आसके स्रोत लाभ-हातन के तकों के तिर्रीत नैततक तकों र्र अधाररत होते हैं।
सत्यतनष्ठा को कै से तिकतसत ककया जाए?
हालााँकक, हमारे व्यिहार के तलए एक मागवदशवक के रूर् में सत्यतनष्ठा का स्रोत नैततक तकव होता है,
र्रन्तु यह एक मूल्य है तजसे ऄन्य मूल्यों की भांतत तिकतसत ककया जा सकता है। ईनमें कु छ की ििाव
नीिे की गयी है:
i. मॉडल लर्ननग के माध्यम से: यकद ककसी युिा नि तनयुि व्यति की र्हली र्ोबस्टग एक इमानदार
ऄतधकारी के ऄधीन की जाती है, तो एक ऄच्छे रोल मॉडल के द्वारा तनदेशन प्रदान ककए जाने के कारण
ईसके इमानदार बने रहने की संभािना ऄतधक होगी।
ii. र्ुरस्कार और दंड: नए तिकतसत मूल्य को सुदढ़ृ बनाने हेतु िमशः ईतित व्यिहार को र्ुरस्कृ त और
ऄनुतित व्यिहार को दंतडत ककया जाना िातहए। आसे ‘र्ुरस्कार एिं दंड’ की नीतत कहा जाता है।
iii. संिद
े नशीलता प्रतशक्षण: आस प्रकार के प्रतशक्षण के ऄंतगवत, ककसी व्यति को भूतमका-तनिवहन के
माध्यम से िांतछत मूल्यों को तसखाया जाता है, ताकक िह आनके मध्य के सूक्ष्म ऄंतरों को समझ सके ।
के तलए नैततक संतहता की संस्तुतत की गइ थी। आस संतहता में व्यार्क तसिांत शातमल होंगे, तजनका
ऄनुर्ालन सभी सहभातगयों को करना होगा। आससे संबंतधत ररर्ोटें प्रदान की जाएंगी तजनका मूल्यांकन
तिभागाध्यक्ष द्वारा ककया जाएगा।
िस्तुतनष्ठता से तात्र्यव है- तथ्यों ऄथावत् साक्ष्यों के साथ जुड़े रहना। आसका ऄथव साक्ष्यों द्वारा तनदेतशत
होना और यह मानना कक कोइ घटना सत्य के ईतना ही समीर् होगी, तजतने ईसके समथवन में साक्ष्य
होंगे। यह व्यति की िह तिशेषता है तजसमें तथ्यों र्र तििार-तिमशव एिं ईन्हें प्रस्तुत करते समय व्यति
के तनणवय व्यतिगत भािनाओं या तििारों से प्रभातित नहीं होते हैं। आसका ऄथव तबना ककसी र्ूिावग्रह,
व्यतिगत मान्यताओं, भािनाओं या बाह्य प्रभाि के तथ्यों के अधार र्र तन्र्क्ष रूर् से ककसी तस्थतत
का अकलन करना है। आसतलए यह तकव संगत और ऄतधकांशतः प्रकृ तत में ऄनुभिजन्य होती है। यह
व्यतितनष्ठता, ऄथावत् भािनाओं, मूल्यों, मनोभािों अकद के तिर्रीत है। व्यिहार में तसतिल सेिकों को
सािवजतनक तनयुतियां करने, े के देने या र्ुरस्कार और लाभ के तलए लोगों को ऄनुशंतसत करने सतहत
सािवजतनक दातयत्िों का तनिवहन करते हुए यो्यता के अधार र्र तनणवय करना िातहए।
आसकी अिश्यकता क्यों है?
तसतिल सेिक स्र्ष्ट रूर् से र्ररभातषत तनयमों के अधार र्र ऄर्ने कतवव्यों का तनिवहन करते हैं। ये
तनयम ईनके ईत्तरदातयत्िों का तनधावरण करते हैं और साथ ही आनके तनिवहन हेतु अिश्यक ऄतधकार भी
प्रदान करते हैं। ककसी लोक र्द में िैधता और सािवजतनक तिश्वास ऄन्तर्भनतहत होता है क्योंकक आसमें
तनतहत ईत्तरदातयत्ि और ऄतधकार तनरं कुश नहीं होते हैं (मैक्स िेबर की लीगल-रै शनल ऄथॉररटी)।
आसतलए लोक र्द र्र असीन होने के तलए अिश्यक है कक व्यति तनणवय तनमावण में स्िेच्छािारी होने
के स्थान र्र तार्ककक हों। तकव संगतता र्ूिावग्रहों के बजाय तथ्यों र्र अधाररत होती है, दूसरे शधदों में
व्यति के मतस्त्क को ककसी र्ूिव-तनधावररत धारणाओं से प्रभातित हुए तबना खुले कदमाग से तथ्यों का
अकलन करना िातहए। र्ूिावग्रह हमें तििेकशून्य बना देते हैं और तनणवय लेने एिं ईनके तन्र्ादन में
बाधक के रूर् में कायव करते हैं। नोलन सतमतत ने िस्तुतनष्ठता के महत्ि को तनम्नतलतखत प्रकार से िर्भणत
ककया है:
‘लोक र्द के कत्तवव्य ऄथावत् तनयुतियां करने, ऄनुबंध प्रदान करने, लाभ की ऄनुशंसा करने अकद समेत
तनणवय लेने की शतियााँ ईसके धारक में तनतहत होती हैं। यो्यता के ऄततररि ककसी भी ऄन्य मानदंड
र्र ियन की ऄनुमतत नहीं दी जा सकती है। तनणवय तकव अधाररत एिं अिेग रतहत होने िातहए।
कायवकारी ऄर्नी प्रत्येक कायविाही के तलए स्ि-प्रेररत तकव प्रदान करने की न्यायर्ातलका की र्रं र्रा का
ऄनुकरण कर सकते हैं। तकों को ररकाडव करने की अिश्यकता ही ऄर्ने अर् में एक बड़ा रक्षोर्ाय है,
जो तनणवयकताव को व्यतितनष्ठ होने से रोकता है।’
आसे कै से सुतनतश्चत ककया जाता है?
िस्तुतनष्ठता को सुतनतश्चत करने हेतु तसतिल सेिकों से कु छ तलतखत तनयमों, तितनयमों और कानूनों के
अधार र्र कायव करने की ऄर्ेक्षा की जाती है ताकक तििेकातधकारों को समाप्त या कम ककया जा सके ।
ईन तस्थततयों में जहााँ तििेकातधकार से तनणवय तलए जाने हैं, तनणवय तथ्यों र्र अधाररत होने िातहए न
कक व्यतिगत मान्यताओं या ककसी ऄन्य तििार र्र।
समर्वण िस्तुत: ककसी तिशेष गतततितध, व्यति या कारण के प्रतत ऄर्ने समय, ध्यान ऄथिा स्ियं को
र्ूणत
व ः संलग्न करने में सक्षम होने का गुण है। यह ककसी और्िाररक बाह्य माध्यम के तबना व्यतिगत
आच्छा और ऄंतःकरण के अधार र्र ककसी कायव को संर्न्न करने की प्रततबिता है। हालााँकक िास्ति में
समर्वण, प्रततबिता से तभन्न है। जहााँ प्रततबिता में और्िाररक रूर् से बाध्यता/तििशता शातमल होती
है, िहीं समर्वण कतवव्य की भािना से तनदेतशत होता है तथा राज्य या समाज के अदशों से प्रेररत होता
है। आस प्रकार समर्वण व्यति के ककसी और्िाररक प्रततबिता या बाह्य र्ुरस्कार की ऄनुर्तस्थतत में भी
ऄर्ने कायव में संलग्न रहने को सुतनतश्चत करता है।
तसतिल सेिाओं में, समर्वण व्यति को सािवजतनक कल्याण/तहत के तििार से एकीकृ त कर देता है। आस
प्रकार समर्वण यह सुतनतश्चत करता है कक तसतिल सेिक के कतवव्य की भािना ईसके अतधकाररक
ईत्तरदातयत्ि के साथ एकीकृ त हो तथा आसके र्ररणामस्िरूर् तसतिल सेिक ऄरुतिकर, ऄिांतछत,
थकानभरे या शत्रुतार्ूणव र्ररिेश में भी ऄर्ना कायव जारी रख सके । ऐसा आसतलए होता है क्योंकक
ईसका कतवव्य ईसका ईद्देश्य बन जाता है और िह ‘कांट’ के “कतवव्य के तलए कतवव्य” के तसिांत को
िास्ततिकता में िररताथव करता है।
िस्तुतः जनता तथा राष्ट्र के प्रतत सेिा भािना तथा बतलदान की भािना सािवजतनक सेिा के अिश्यक
तत्ि हैं और तसतिल सेिकों को आस तथ्य से प्रोत्सातहत और प्रेररत होना िातहए कक िे ऄर्ना जीिन एक
महान ईद्देश्य के तलए समर्भर्त कर रहे हैं (यकद ईन्होंने आसका भाग बनना िुना है)।
आसकी अिश्यकता क्यों है?
i. आसके तबना तसतिल सेिकों के तलए जरटल र्ररतस्थततयों में ऄर्ने कतवव्यों का तनिवहन करना कर न
होगा।
ii. तसतिल सेिकों को ईनके कायव में प्रभािी और लोगों के प्रतत सहानुभूतत र्ूणव बनाने के तलए।
iii. संतिधान में ईतल्लतखत अदशों, जैस-े न्याय, समानता अकद को प्राप्त करने के तलए।
आसे कै से तिकतसत करें ?
लोक सेिा के प्रतत समर्वण एक प्रकार से ऄतभरुति के समान है। आसतलए यह ऄन्तः प्रेरणा का एक घटक
है, जो यकद ईर्तस्थत नहीं है तो तिकतसत करना कर न है। हालााँकक समर्भर्त तसतिल सेिाएाँ सुतनतश्चत
करने के तलए तनम्नतलतखत ईर्ाय ककये जा सकते हैं:
i. र्रीक्षा र्ितत को आस प्रकार तनधावररत ककया जाना िातहए कक सम्भातित रूर् से तनयोतजत होने
िाले सदस्यों के दृतष्टकोण का अकलन ककया जा सके ।
ii. जनसंख्या के तितभन्न िगों द्वारा सामना की जाने िाली समस्याओं एिं ईनके सम्बन्ध में तसतिल
सेिकों के संभातित योगदान अकद से सम्बंतधत संिद
े नशीलता का प्रतशक्षण प्रदान करके ।
आसका अशय है- ककसी व्यति की र्ररतस्थतत को ईसके र्ररप्रेक्ष्य से समझना। साधारण शधदों में,
समानुभूतत का ऄथव स्ियं को ककसी ऄन्य व्यति की तस्थतत में रखकर ईसके द्वारा सामना की जाने िाली
र्ररतस्थततयों की ऄनुभूतत प्राप्त करना है।
कभी-कभी आसे सहानुभूतत (sympathy) मान तलया जाता है, लेककन यह सहानुभूतत से आस ऄथव में
तभन्न है कक सहानुभूतत सामातयक रूर् से स्ितः प्रिृत्त होती है और मुख्य रूर् से संज्ञानात्मक र्हलू
(cognitive aspect) को समाति्ट करती है। ईदाहरण के तलए, शीतऊतु की िषाव िाली रातत्र में एक
तनधवन व्यति को देखकर अर् ईसके तलए कु छ करने की सोिेंग,े लेककन अिश्यक नहीं कक अर् कु छ करें
भी। अर् दया या र्श्चातार् व्यि करते हुए ईसकी र्ररतस्थतत के प्रतत सहानुभूतत रख सकते हैं। लेककन
समानुभूतत आससे कहीं ऄतधक तीव्र होती है क्योंकक आसमें संज्ञानात्मक र्हलू के ऄततररक्त भािनाएं भी
शातमल होती हैं। ककसी व्यति के प्रतत समानुभूतत रखने का ऄथव है कक अर् ईस र्ररतस्थतत को ईसके
र्ररप्रेक्ष्य से देखने में सक्षम हैं और अर्को ईसकी र्ररतस्थततयों एिं कर नाआयों का ज्ञान है। अर् एक
ऄमूतव या तनर्भलप्त भाि से समानुभूतत नहीं रख सकते – अर्को यह ज्ञान होना िातहए कक िह कौन है,
िह क्या करने का प्रयास कर रहा है और क्यों कर रहा है। आसतलए, यह अर्को ईसकी समस्याओं,
कारणों एिं र्ररणामों को समझकर ईनकी ऄनुभूतत करने में सक्षम बनाती है। आस प्रकार, यह
सहानुभूतत से एक कदम अगे है। समानुभूतत, सहानुभूतत की तुलना में ऄतधक सशक्त ऄतभिृतत्त है, ऄत:
यह व्यिहार का बेहतर संकेतक है।
आस ऄंतर को समझने के तलए जलिायु र्ररितवन र्र तििार ककया जा सकता है। तिकतसत देश बढ़ते
समुद्री जलस्तर एिं तार्मान के कारण ईत्र्न्न तात्कातलक खतरों का सामना कर रहे तिकासशील देशों
के साथ बेहतर रूर् से सहानुभतू त रख सकते हैं। हालााँकक, कइ र्रस्र्र तिरोधी ईद्देश्यों (तनधवनता
ईन्मूलन बनाम र्याविरण संरक्षण) को र्ूरा करने के तलए संघषवरत तिकासशील देशों की र्ररतस्थतत में
स्ियं को रखने की तिकतसत देशों की क्षमता के ऄभाि के कारण जलिायु र्ररितवन से तनर्टने और
र्यावप्त जलिायु-संबंधी तित्तर्ोषण प्रदान करने हेतु अिश्यक ईर्ायों को कियातन्ित करने में धीमी
प्रगतत हुइ है। ऄतः आस र्ररप्रेक्ष्य में तिकतसत देशों में समानुभूतत का ऄभाि देखा गया है।
आसकी अिश्यकता क्यों है?
नौकरशाही प्रणाली आतनी जरटल हो गइ है कक तनयमों के ऄनुर्ालन के माध्यम से प्राप्त ककए जाने
िाले साध्य के स्थान र्र तनयमों का ऄनुर्ालन करना ही स्ियं में साध्य बन गया है। लोगों के
कल्याण के तलए कायव करने के स्थान र्र ऄतधकांश समय और्िाररकता संबंधी कायवकलार्ों में
व्यतीत हो जाता है।
समानुभूतत हमें ऄन्य लोगों की भािनाओं को समझने में सहायता करती है। आसतलए, स्ियं की
भािनात्मक समझ (EI) को तिकतसत करने हेतु व्यति को समानुभूतत की अिश्यकता होती है।
समानुभूतत का ऄभाि सामातजक ऄशांतत तथा मतहलाओं/ऄल्र्संख्यकों/बच्िों/कदव्यांग जनों के
प्रतत ऄसतह्णुता का कारण बन सकता है क्योंकक समानुभूतत के ऄभाि में हम ईनकी िास्ततिक
समस्याओं और तितशष्ट अिश्यकताओं को नहीं समझ सकते।
समािेशी तिकास की ओर ऄग्रसर होने के तलए समानुभूततर्ूणव तसतिल सेिा ितवमान समय की
अिश्यकता है।
आसे ककस प्रकार तिकतसत ककया जा सकता है?
संिद
े नशीलता का प्रतशक्षण: भूतमका तनिवहन संबंधी ऄतभनय (नाट्य-कला अकद) के माध्यम से
स्ियं को ऄन्य लोगों की र्ररतस्थततयों में रखकर तििार करना।
3.5. सं िे द ना (Compassion)
यह ककसी ऄन्य व्यति की र्ीड़ा या तिर्तत्त के प्रतत दुःख और दया की भािना है, तजसमें आस र्ीड़ा को
कम करने की आच्छा भी शातमल होती है। आस प्रकार, समानुभूतत के तिर्रीत, संिेदना न के िल दूसरों
की समस्याओं को समझने का प्रयास है ऄतर्तु ईन्हें कम करने की सकिय आच्छा भी है। आस प्रकार, यह
समानुभूतत से एक कदम अगे है, क्योंकक आसमें प्रबल कायविाही संबंधी घटक भी शातमल होता है।
आसकी अिश्यकता क्यों है?
लोगों एिं लोक सेिकों के मध्य ऄलगाि की भािना को कम करने हेतु यह अिश्यक है, क्योंकक
संिेदना के ऄभाि में लोक सेिकों के तलए कमजोर और दबे-कु िले लोगों के तलए कु छ कर र्ाना
कर न होगा।
सामान्यत: भारतीय समाज कमवफल के तसिांत में तिश्िास करता है। आसतलए यकद कोइ व्यति
तनधवन या शारीररक रूर् से ऄक्षम है तो हम यह मानते हैं कक यह ईसके स्ियं के कमों का र्ररणाम
है। संिेदना के ऄभाि में हम ककसी व्यति की ितवमान र्ररतस्थतत से बाहर तनकलने में ईसकी
सहायता करने हेतु प्रयत्नशील नहीं होंगे।
आसका तिकास ककस प्रकार ककया जाए?
कमजोर और दबे-कु िले लोगों के घरों, मतलन बतस्तयों अकद का दौरा करके प्रत्यक्ष रूर् से ईनसे
संबंतधत सूिना प्राप्त करनी िातहए।
संिेदनशीलता का प्रतशक्षण कदया जाना िातहए।
धार्भमक तशक्षाओं, जैस
े - बौि धमव के िार अयव सत्य (दु:ख का ऄतस्तत्ि, आसका कारण, आसका
तनरोध, आसके तनरोध का मागव) अकद के माध्यम से।
लोक सेिकों, राजनीततज्ञों और न्यायर्ातलका के तलए तन्र्क्ष होना ऄत्यंत महत्िर्ूणव हो जाता है,
क्योंकक सामान्यत: आनके द्वारा ऐसे तनणवय तलए जाते हैं जो एक व्यति या व्यतियों के समूह को लाभ
ऄतधग्रहण ककया जाएगा? िे शहर के बाह्य क्षेत्र की भूतम र्र कृ तष करने िाले ककसान हो सकते हैं या ये
भूतम ऄनुसूतित जातत की जनसंख्या िाला एक र्ुरिा हो सकता है ऄथिा ये ककसी धार्भमक संस्था की
भूतम हो सकती है। तजला मतजस्ट्रेट की ककसी समूह के प्रतत स्ियं की बिताएं या िरीयताएाँ हो सकती हैं,
लेककन तनणवय तन्र्क्ष मानदंड, और सबसे महत्िर्ूणव रूर् से र्ररयोजना की अिश्यकताओं के अधार
र्र करना होगा - िह के िल भूतम स्िामी के अधार र्र तथ्यों का मूल्यांकन या तनयमों के ऄनुप्रयोग में
र्क्षर्ात नहीं कर सकता/सकती। प्रभातित लोगों के मत का र्ता लगाया जाना िातहए तथा भूतम
ऄतधग्रहण ऄतधतनयम के ऄंतगवत स्थातर्त प्रकिया के ऄनुरूर् ईनकी अर्तत्तयों का समाधान ककया जाना
िातहए।
लोक सेिकों के तलए तन्र्क्षता तनम्नतलतखत दो तितभन्न स्तरों र्र कायव करता है:
राजनीततक तन्र्क्षता (Political Impartiality)
िूंकक, तन्र्क्ष होना र्ूणव रूर् से ककसी मामले के गुण-दोषों र्र अधाररत होता है, आसतलए आसमें लोक
सेिक को स्ियं की व्यतिगत राय र्र तििार ककए तबना, तितभन्न राजनीततक धारणाओं िाली सरकारों
की समान रूर् से सेिा करना ऄंतर्भनतहत होता है। एक लोक सेिक को आस प्रकार कायव करना होता है
जो ईसके तलए तनधावररत हैं तथा साथ ही ईसे मंतत्रयों के तिश्वास को भी बनाए रखना िातहए। आसका
अशय यह भी है कक लोक सेिक द्वारा राजनीततक गतततितध के संबंध में ईसके तलए तनधावररत प्रततबंधों
का ऄनुर्ालन ककया जाएगा। साथ ही, लोक सेिकों र्र मंतत्रयों के 'तििारों’ का बिाि करने का कोइ
दातयत्ि भी नहीं होता है, लेककन मंतत्रयों द्वारा तलए गए ‘तनणवयों’ का कियान्ियन लोक सेिकों को र्ूणव
िस्तुतनष्ठ और भेदभाि-रतहत होकर तथा स्ियं की सिोत्तम क्षमताओं के साथ करना िातहए।
सािवजतनक तन्र्क्षता (Public Impartiality)
सािवजतनक रूर् से तन्र्क्ष होने का अशय यह है कक एक लोक सेिक स्ियं के तलए तनधावररत
ईत्तरदातयत्िों का तनिवहन तन्र्क्ष, न्यायोतित, िस्तुतनष्ठ और न्यायसंगत रूर् से करता है। ईसे आस
प्रकार कायव नहीं करना िातहए जो तितश्ट व्यतियों या तहतों के तिरुि ऄन्यायर्ूणव तरीके से र्क्षर्ात
या भेदभाि करता हो। सािवजतनक तन्र्क्षता का तसिांत भारतीय संतिधान में प्रततष्ठातर्त यो्यता,
समानता ि न्याय के मूल्यों से भी व्युत्र्न्न होता है।
दूसरे शधदों में, तन्र्क्ष होने का अशय यह है कक लोक सेिक को खरीद, भती, सेिाओं के तितरण जैसे
कायों सतहत ऄर्ने अतधकाररक कायों के तन्र्ादन हेतु के िल मेररट (यो्यता या गुणों) के अधार र्र
ही तनणवय करना िातहए।
गैर-तरफदारी (Non-Partisanship)
गैर-तरफदारी को राजनीततक तटस्थता (अगे तिस्तृत तििरण प्रस्तुत ककया गया है) भी कहा जा सकता
है। गैर-तरफदारी से यह तन्कषव तनकलता है कक लोक ऄतधकारी को ऄर्ना कायव ककसी राजनीततक दल
के भय के तबना या र्क्षर्ात रतहत होकर करना िातहए, भले ही ईसका ककसी राजनीततक तििारधारा
के प्रतत दृढ़ तिश्वास क्यों न हो। प्रशासक के मूल्यों का स्रोत संतिधान होना िातहए न कक ककसी
राजनीततक दल का दशवन। आससे यह सुतनतश्चत हो सके गा कक राजनीततक र्ररितवन के बािजूद लोक
सेिक राजनीततक कायवकाररणी को समान रूर् से ऄर्नी सेिाएाँ प्रदान करते रहेंगे।
तटस्थता एक संकीणव ऄिधारणा है, क्योंकक आसका सरोकार के िल राजनीततक कायवकाररणी के साथ
लोक ऄतधकाररयों के संबंध से है तथा आसे गैर-तरफदारी भी कहा जाता है। जबकक, तन्र्क्ष होना एक
व्यार्क शधद है तथा आसका सरोकार लोक ऄतधकाररयों के ईनके संर्ूणव र्ररिेश के साथ संबंध से है,
तजसके ऄंतगवत न के िल राजनीततक कायवकाररणी बतल्क ऄन्य तहतधारक ऄथावत् जनता भी शातमल है।
व्यािहाररक रूर् से यह कहा जा सकता है कक गैर-तरफदारी एक प्रकार की ऄतभिृतत्त है, जबकक
तन्र्क्षता का संबध ककसी तिशेष र्ररतस्थतत में ककए जाने िाले व्यिहार से ऄतधक होता है।
आनकी अिश्यकता क्यों है?
i. आनसे लोक सेिा की कायवप्रणाली के प्रतत जनता में तिश्वसनीयता एिं भरोसा ईत्र्न्न होता है।
ii. ये लोक सेिकों को के िल सक्षम बनने के स्थान र्र साहसी बनाती हैं, ताकक िे नीतत, कानून अकद के
संबंध में प्रासंतगक प्रश्नों को ई ा सकें । सक्षम होने और साहसी होने के मध्य ऄंतर यह है कक सक्षमता यह
सुतनतश्चत करती है कक लोक सेिक कायों का सही प्रकार से तन्र्ादन करें , जबकक साहसी होना यह
सुतनतश्चत करता है कक िे सही कायों का तन्र्ादन करें ।
iii. आनसे समाज के तितभन्न िगों के मध्य समानता और न्याय सुतनतश्चत होता है।
iv. ये तसतिल सेिाओं का मनोबल बढ़ाती हैं तथा ईसकी प्रभािकाररता और दक्षता सुतनतश्चत करती हैं,
क्योंकक आनसे यह सुतनतश्चत हो सके गा कक ककसी लोक सेिक का स्थानांतरण, र्दस्थार्न (र्ोबस्टग)
अकद ककन्हीं बाह्य कारकों के स्थान र्र के िल यो्यता के अधार र्र ही ककया जाए।
आन्हें ककस प्रकार सुतनतश्चत ककया जाता है?
i.के न्द्रीय तसतिल सेिा (अिरण) तनयमािली, 1964 और ऄतखल भारतीय सेिाएं (अिरण)
तनयमािली, 1968: लोक सेिा में सत्यतनष्ठा बनाए रखने के तलए अिरण तनयमािली को 1964 में
ऄतधसूतित ककया गया था, तजसके ऄंतगवत लोक सेिकों के तलए ऄर्ने कतवव्य का र्ूणव तनष्ठा के साथ
तन्र्ादन करने हेतु कु छ कदशा-तनदेशों का तनधावरण ककया गया है तथा लोक सेिकों को जनता के साथ
व्यिहार के िम में ककसी प्रकार की तिलंबकारी युतियों का प्रयोग न करने तथा ररश्वत लेने आत्याकद
जैसी ककसी भी प्रकार ऄनुतित गतततितधयों से दूर रहने का तनदेश कदया गया है। आसके ऄंतगवत
तन्र्क्षता और गैर-तरफदारी स्िाभातिक रूर् से तनतहत हैं।
ii.यद्यतर् हमारे र्ास लोक सेिकों के तलए ईनके कतवव्य का तनिवहन करने के संबंध में कु छ कदशा-तनदेशों
के रूर् में अिरण तनयमाितलयााँ तिद्यमान हैं, तथातर् िे नैततक अिार संतहता के रूर् में ऐसे मूल्यों
और नैततक तसिांतों का तनधावरण नहीं करती हैं जो लोक सेिकों को लोक सेिा के साथ न्याय करने हेतु
ऄर्ने व्यतित्ि में अत्मसात करने िातहए।
iii.नैततक अिार संतहता, 1997: यह भारत में लोक सेिकों के तलए नैततक अिार संतहता लागू करने
हेतु की गइ प्रथम र्हल थी, तजसे शासन व्यिस्था को बेहतर बनाने की कदशा में एक कदम माना गया
था। आस संतहता की मुख्य तिशेषताएं तनम्नतलतखत थीं:
तितध के शासन को बनाए रखना तथा मानिातधकारों का सम्मान करना।
लोगों के साथ ऄर्ने अिरण तथा ऄर्ने कतवव्यों के तनिवहन के िम में िस्तुतनष्ठता एिं र्ारदर्भशता
बनाए रखना।
सेिा मामलों के संदभव में र्ूणव रूर् से तन्र्क्ष होना।
सरदार र्टेल ने स्ितंत्रता र्ूिव की तसतिल सेिा संरिना को बनाए रखने का समथवन करते हेतु संतिधान
सभा में तनम्नतलतखत तििार व्यि ककए थे:
“आस बात र्र बल कदए जाने की शायद ही कोइ अिश्यकता है कक एक कु शल, ऄनुशातसत और संतुष्ट
तसतिल सेिा, जो ऄर्ने र्ररश्रम और इमानदारी से ककए गए कायव के र्ररणामस्िरूर् ऄर्नी
संभािनाओं के प्रतत अश्वस्त होती है, िह लोकतांतत्रक व्यिस्था के ऄंतगवत समथव प्रशासन के तलए एक
सत्तािादी शासन की तुलना में ऄतधक अिश्यक है। सेिाएं राजनीततक दलों से उर्र होनी िातहए और
हमें यह सुतनतश्चत करना िातहए कक भती में ऄथिा ईनके ऄनुशासन और तनयंत्रण में राजनीततक
हस्तक्षेर् को यकद र्ूरी तरह समाप्त न ककया जा सके तो ईन्हें न्यूनतम ककया जाए।”
तसतिल सेिा की तटस्थता राजनीततक तन्र्क्षता को संदर्भभत करती है। जैसे उर्र र्ररभातषत ककया
गया है, तन्र्क्षता एक व्यार्क ऄिधारणा है, जबकक तटस्थता तितशष्ट रूर् से तसतिल सेिकों और
सरकारों/राजनेताओं के मध्य संबध
ं ों को संदर्भभत करती है। आसके ऄततररि न्याय में तन्र्क्षता का ऄथव
है न्यातयक तनणवय का र्क्षर्ातर्ूणव न होना। तटस्थता का तात्र्यव राजनीततक कायवर्ातलका को तथ्यों,
प्रततर्ुतष्ट, तििार अकद प्रदान करने में र्क्षर्ाती न होना, साथ ही, सरकार द्वारा अदेतशत कायों का
कमव ता से र्ालन करना, िाहे शासन ककसी भी दल का हो। आसका तात्र्यव यह है कक लोक ऄतधकारी के
रूर् में कायव करते हुए, एक तसतिल सेिक राजनीततक रूर् से तन्र्क्ष और गैर-र्क्षर्ाती रहेगा। ईसे एक
प्रकार से राजनीततक बंध्याकरण (political sterilization) के रूर् से कायव करना है ऄथावत् नौकरशाहों
को राजनीततक र्ररितवनों से ऄप्रभातित रहना िातहए। आसके तिर्रीत ईन्हें प्रदत्त नीतत को यथाित
तबना ककसी व्यतिगत तििारधारा के कायावतन्ित करना है।
मौतलक तििार यह है कक राजनीततक कायवर्ातलका ही जनता की राय का प्रतततनतधत्ि करती है क्योंकक
ईसका िुनाि ितवमान सािवजतनक मुद्दों के प्रतत ईनके समथवन या तिरोध के अधार र्र ही होता है।
कानून और नीततयााँ र्रामशव प्रकिया का ही र्ररणाम हैं, तजनमें राजनीततक कायवर्ातलका, संबंतधत
ऄतधकारी और तहतधारक सतम्मतलत होते हैं। एक बार तैयार होने के र्श्चात, ईन्हें तसतिल सेिकों और
राज्य की कायवर्ातलका द्वारा कायावतन्ित ककया जाता है। आसतलए नीतत तनधावरण का तिशेषातधकार
के िल राजनीततक कायवर्ालक को ही प्राप्त है और तसतिल सेिकों का कायव ईसे तबना कोइ प्रश्न ककए
कायावतन्ित करना है। प्रशासतनक भाषा में आसे राजनीतत-प्रशासन तद्वभाजन (politics-
administration dichotomy) का नाम कदया जाता है। आसके साथ ही नौकरशाह को राजनेता को
सही राह कदखाने या इमानदारी से ऄर्नी राय प्रस्तुत करने में संकोि नहीं करना िातहए। ईसका कायव
राजनेता का ‘तर्ट् ू ’ या ‘प्रततबि नौकरशाह’ (बाद में व्याख्या की गयी है) बन कर कायव करना नहीं है।
तद्वतीय प्रशासतनक सुधार अयोग की 10िीं ररर्ोटव में तनम्नतलतखत तििार प्रस्तुत ककए गए हैं:
“तसतिल सेिा का यह तटस्थ दृतष्टकोण, दुभाव्यिश ितवमान में ऄब मायने नहीं रखता है, तिशेष रूर् से
राज्य स्तर र्र सरकारों में र्ररितवन प्रायः तसतिल सेिकों के बार-बार स्थानांतरण का कारण बनता है।
तसतिल सेिकों के , सही या गलत कारणों से राजनीततक व्यिस्था से संबि होने के कारण राजनीततक
तटस्थता ऄब एक स्िीकायव मानदंड नहीं रह गया है। ऐसी धारणा है कक ऄतधकाररयों को संघीय
सरकार में भी ईर्युि र्द र्ाने हेतु राजनेताओं से संबंध बनाना एिं ईनका संरक्षण प्राप्त करना र्ड़ता
है। र्ररणामस्िरूर् अम धारणा में आसे तसतिल सेिाओं के राजनीततकरण के रूर् में देखा जाता है।
आसमें अगे कहा गया है कक:
महत्िर्ूणव हैं – संस्कृ तत, समाज और र्ररिेश तजसमें ककसी का र्ालन-र्ोषण हुअ है, तशक्षा प्रणाली
तजसमें व्यति तशतक्षत होता है अकद। भारत में तसतिल सेिा में ऄतधकांश लोग शहरी मध्यम िगव से अते
हैं, िहीं राजनीततक िगव ऄतधक तितिध है। यद्यतर्, नौकरशाही का िररत्र र्ररिर्भतत हो रहा है, लेककन
यह र्ररितवन ऄत्यंत मंद है। राजनीततक कायवर्ातलका के ऄतधकांश सदस्य, तिशेषकर राज्य स्तर र्र
ग्रामीण और कृ तष क्षेत्र से अते हैं, शीषव और मध्यम स्तर के प्रशासक शहरी मध्यम या ईच्च मध्यम िगव से
अिश्यकताओं के ऄनुरूर् न हों तो प्रशासन द्वारा ईनके तलए ईर्युि नीतत का समथवन ककया जाना
िातहए। आस सन्दभव में, हमारे र्ूिव प्रधानमंतत्रयों में से एक ने कहा था, “तिकासशील देशों में, तसतिल
सेिकों को िास्ततिक रूर् से तटस्थ होने के तलए, ईन्हें तनधवनों का र्क्ष लेना िातहए।”
हालााँकक, यह स्मरण रखना िातहए की तटस्थता, प्रजातंत्र के ऄन्य अदशों की भांतत ही एक अदशव
तसिांत है, ऄब िूंकक यह मात्र एक ‘अदशव’ है आसतलए यह ऄर्नी र्ूणत
व ा के साथ तिद्यमान नहीं हो
सकता। र्रन्तु आसका ऄथव यह नहीं है कक हम आसका आस कारण मात्र से र्ररत्याग कर दें। तजस प्रकार
लोकतंत्र की ऄनुर्तस्थतत व्यतिगत ऄतधकारों के तिनाश का कारण बनती है, िैसे ही तटस्थता की
ऄनुर्तस्थतत सािवजतनक प्रशासन के कायवकरण में ऄराजकता का कारण बनती है। यह अदशव, ईतित
सांस्कृ ततक संदभव में सदैि र्ालन करने यो्य है।
प्रततबि नौकरशाही (Committed Bureaucracy)
आसे दो र्ररप्रेक्ष्यों में समझा जा सकता है:
i. सकारात्मक: आसका तात्र्यव है कक तसतिल सेिकों को राष्ट्र ि संतिधान के ईद्देश्यों के प्रतत प्रततबि
होना िातहए और यकद िे िास्ति में सामातजक र्ररितवन लाना िाहते हैं तो ईन्हें राजनीततक
कायवर्ातलका के कायविम और प्रयोजन में तिश्वास होना िातहए। आस प्रकार के प्रततबि नौकरशाह को
ऄर्ने कायवकरण में र्क्षर्ात करने की अिश्यकता नहीं है, ईसे के िल ऄर्ने राजनीततक ऄतधकारी के
मनो-मतस्त्क को समानुभूतत द्वारा समझने और राजनीततक रूर् से ऄनुकियाशील होने की अिश्यकता
है। आसतलए, ईसे सत्ताधारी दल के राजनीततक दशवन के ऄनुरूर् तकनीकी र्रामशव देने की अिश्यकता
है।
ii. नकारात्मक: आसका तात्र्यव राजनीततकृ त नौकरशाही से है, जहााँ प्रशासन के िल सत्ताधारी दल के
संकुतित तहतों के तलए ही कायव करता है। ईदाहरण के तलए, नाजी जमवनी में प्रशासतनक व्यिस्था की
कायव-र्ितत।
सामान्यतः, प्रततबि नौकरशाही को नकारात्मक ऄथव में तलया जाता है – एक ऐसी नौकरशाही जो
संतिधान, तनयम और कायावलय तनयमािली के ऄनुसार कायव करता है। कभी-कभी, यह तसतिल सेिा
सकियता (civil services activism) को बढ़ािा देता है।
के न्द्रीय तसतिल सेिा (अिरण) तनयमािली, 1964 और ऄतखल भारतीय सेिा (अिरण) तनयमािली
1968 में तसतिल सेिकों की तटस्थता सुतनतश्चत करने के तलए तनम्नतलतखत प्रािधान ककए गए हैं:
सरकारी कमविाररयों को राजनीतत में भाग नहीं लेना िातहए।
ईन्हें राजनीततक दलों को िुनािी िंदा/सहायता नहीं देनी िातहए।
िे मतदान कर सकते हैं, र्रन्तु ऄन्य लोगों को ऄर्नी प्राथतमकता नहीं बतानी िातहए।
ईन्हें स्ियं, ऄर्ने िाहन ऄथिा घर र्र ककसी िुनािी प्रतीक को प्रदर्भशत नहीं करना िातहए।
सरकारी ऄनुमतत के तबना, ईन्हें रै तलयों और प्रदशवनों में भाग नहीं लेना िातहए।
तटस्थता के समक्ष िुनौततयााँ
स्थानातंरण, र्द स्थार्न (र्ोबस्टग) और ऄन्य सेिा शतों के तलए एक स्ितंत्र संस्था का ऄभाि है।
फलस्िरूर्, तसतिल सेिक ऄर्नी र्संद की र्ोबस्टग और ऄन्य भत्तों को प्राप्त करने के तलए स्ियं को
ककसी दल के साथ संरेतखत कर लेते हैं।
सरकारी कायवकरण में गोर्नीयता, आसके िलते राजनीततक कायवर्ातलका और तसतिल सेिक
ऄर्नी ऄिैध तुतष्ट के तलए ग जोड़ कर लेते हैं।
एक ही सेिा के ऄंतगवत और ऄंतर-सेिा प्रततद्वंकदता: प्रत्येक सरकारी सेिा में भाषा, धमव, जातत
और क्षेत्र के अधार र्र तितभन्न गुट तिद्यमान हैं। ऄर्ने-ऄर्ने गुट के तलए र्दोन्नतत और भत्ते प्राप्त
करने के तलए िे राजनेताओं की आच्छाओं के अगे झुक जाते हैं।
प्रततबि नौकरशाही की गलत धारणा, तजसमें तसतिल सेिक ककसी तिशेष राजनीततक दल के
राजनीततक एजेंडे को र्ूरा करने का प्रयास करते हैं।
िुनाि और भ्रष्टािार: मंतत्रयों को ऄर्ने िुनाि ऄतभयान के तित्त र्ोषण के तलए ऄत्यतधक धन की
अिश्यकता होती है, आसतलए िे ऄर्नी सुतिधानुसार ऄधीनस्थों को िरीयता देते हैं। साथ ही ईन
ऄतधकाररयों को र्संद नहीं करते जो स्ितंत्र और स्र्ष्ट राय देते हैं।
आस मूल्य क्षरण की रोकथाम कै से करें ?
सिोच्च न्यायालय के तनदेशानुसार, सेिा मामलों में तन्र्क्षता और राजनीततक तििारधारा से र्रे
स्ितंत्र रूर् से तििार करने हेतु स्ितंत्र तसतिल सेिा बोडों की स्थार्ना की जानी िातहए।
अतधकाररक कायवप्रणाली में र्ारदर्भशता लाने के तलए, ग जोड़ को तोड़ने के तलए तथा ऄग्रसकिय
प्रकटीकरण के तलए RTI ऄतधतनयम को गम्भीरतार्ूिवक कायावतन्ित करना।
ककसी स्ितंत्र तनकाय द्वारा तसतिल सेिकों के प्रभािी प्रदशवन मूल्यांकन और आसे ईनकी र्दोन्नतत,
प्रोत्साहन और ऄन्य सेिा शतों से संबि करना।
सतह्णुता के ऄंतगवत व्यतियों को ईनके धार्भमक या संिैधातनक ऄतधकारों के प्रयोग की स्िीकृ तत प्रदान
करना सम्मतलत है। यह ईस स्र्ेक्ट्रम का मध्य बबदु है तजसका तिस्तार तनषेध/ऄस्िीकृ तत से लेकर
स्िीकृ तत तक है। ईदाहरण के तलए, एक शाकाहारी आस बात से सहमत हो सकता है कक जानिरों को
खाना गलत है। हो सकता है ऐसा व्यति मांसाहार को ऄर्ने जीिन में कभी भी स्िीकार नहीं करे । कफर
भी, ऐसा संभि है कक िह दूसरों को मांस खाने से रोकना न िाहे।
यह हमें संिेदनशील मामलों में संयतमत रहने का र्ा तसखाती है। सतह्णुता को ईन लोगों के प्रतत
न्यायसंगत और िस्तुतनष्ठ दृतष्टकोण के रूर् में र्ररभातषत ककया गया है, तजनकी जीिनशैली ककसी ऄन्य
व्यति/समुदाय से तभन्न होती है। यह ईस कौशल को संदर्भभत करता है जो व्यति को सभी के साथ
तसतिल सेिकों की ऄनातमकता या र्हिान जातहर ककये तबना कायव करने को र्ारं र्ररक रूर् से हमारी
संिैधातनक व्यिस्था का एक महत्िर्ूणव तसिांत माना गया है। मंत्रीगण के न्द्रीय कायवर्ातलका के
र्दानुिम में शीषव र्र तस्थत होते हैं और संसद के प्रतत ईत्तरदायी होते हैं। िे न के िल ऄर्ने अिरण एिं
कायों के तलए बतल्क ईनके नेतत्ृ ि िाले तिभागों के साथ-साथ ईनका संिालन करने िाली स्थायी
कायवर्ातलका समूह के कृ त्यों के तलए भी जिाबदेह होते हैं। ऄतः तसतिल सेिकों की कोइ स्ितंत्र तस्थतत
(राष्ट्रर्तत शासन लागू होने के ऄततररि) नहीं होती है। िे राजनीततक कायवर्ातलका के नेतृत्ि में एक
टीम के रूर् में कायव करते हैं।
ऄनातमकता का तसिांत आस बात र्र बल देता है कक स्थायी कायवर्ातलका को ऄर्नी र्हिान जातहर
ककए तबना कायव करते रहना िातहए। दूसरे शधदों में, ईन्हें स्ियं को सािवजतनक रूर् से प्रदर्भशत करने से
बिना िातहए। आसका ऄथव है कक ककसी कायव को करने या न करने, दोनों का र्ूणव ईत्तरदातयत्ि
राजनीततक कायवर्ातलका का होता है। कायवर्ातलका ईर्लतधधयों का श्रेय तथा ऄसफलताओं का
ईत्तरदातयत्ि स्िीकार करती है। िुनािी व्यिस्था के माध्यम से जनता राजनीततक कायवर्ातलका या
कायवर्ातलका का प्रतततनतधत्ि करने िाले राजनीततक दलों को र्ुरस्कृ त या दतण्डत करती है। स्थायी
कायवर्ातलका को राजनीततक कायवर्ातलका के समग्र तनदेशन में कायव करना होता है। राजनीततक
कायवर्ातलका के र्ास स्थायी कायवर्ातलका से न के िल कायव करिाने बतल्क ईसे र्ुरस्कृ त या दतण्डत करने
का र्ूणव ऄतधकार होता है। आस व्यिस्था के तहत ईत्तरदातयत्ि आस प्रकार से तितररत होता है कक जहां
जिाबदेतहता
जिाबदेतहता का ऄथव लोक ऄतधकाररयों को ईनके व्यिहार के तलए जिाबदेह और ईस संस्था, तजससे िे
ऄर्ना प्रतधकार प्राप्त करते हैं, के प्रतत प्रततकियाशील बनाना है। सािवजतनक र्दधारक ऄर्ने तनणवयों
और कायों के तलए ईत्तरदायी होते हैं और ईन्हें आसे सुतनतश्चत करने िाली अिश्यक समीक्षा के तलए
ऄर्ने अर्को प्रस्तुत करना िातहए। जिाबदेतहता का ऄथव लोक ऄतधकाररयों के प्रदशवन को मार्ने हेतु
मानदंड स्थातर्त करने के साथ-साथ आनके ऄनुर्ालन को सुतनतश्चत करने हेतु एक र्यविेक्षण तंत्र
स्थातर्त करना है।
लोक सेिाओं में यह एक तितधक ऄिधारणा है, क्योंकक आसकी रूर्रे खा तितध द्वारा तनतश्ित की गइ है।
अदशव रूर् से आसमें तनम्नतलतखत तीन ऄिधारणाएाँ सतम्मतलत हैं:
i. ईत्तरदेयता (Answerability) : आसका ऄथव है कक कोइ व्यति कानूनी रूर् से ऄर्ने कृ त्यों और
िूकों/गलततयों के संबंध में ईत्तर देने के तलए बाध्य है।
ii. प्रितवनीयता (Enforceability): आसका ऄथव है कक संबंतधत तसतिल सेिक यकद ऄर्ने अतधकाररक
कतवव्यों के तनिवहन में दोषी र्ाया जाता है तो िह कानून के ऄनुसार दंतडत ककए जाने का र्ात्र है।
iii. तशकायत तनिारण (Grievance redressal): आसका ऄथव है कक र्ीतड़त व्यति की तशकायतों की
सुनिाइ और समाधान के तलए र्यावप्त संस्थागत तंत्र होना िातहए।
जिाबदेतहता सरकार, ईसकी एजेंतसयों और सरकारी ऄतधकाररयों को ईनके तनणवयों और कायों के
संबंध में जानकारी प्रदान करने तथा ईन्हें जनता और जिाबदेतहता का र्यविेक्षण करने िाले संस्थानों के
समक्ष ईतित हराने के दातयत्ि को संदर्भभत करती है।
प्रितवनीयता का अशय यह है कक जनता या जिाबदेतहता तय करने के तलए ईत्तरदायी संस्थाएाँ
ऄर्राधी र्क्ष को प्रततबंतधत कर सकती हैं या ईल्लंघनकारी व्यिहार के तलए कोइ समाधान प्रदान कर
सकती हैं। आस प्रकार, जिाबदेतहता तय करने िाली तितभन्न संस्थाएं आन दोनों िरणों में से ककसी एक
या दोनों के तलए ईत्तरदायी हो सकती हैं। र्ारदर्भशता के तबना जिाबदेतहता का कु छ भी ऄथव नहीं है।
सािवजतनक क्षेत्र में र्ूणव और सही जानकारी के तबना जिाबदेतहता का मूल्य कु छ नहीं होगा।
जिाबदेतहता के िल 'ककसके प्रतत' और 'कै से' नहीं है, बतल्क यह 'ककस तलए' भी है। र्ारदर्भशता के माध्यम
से 'ककस तलए' सम्बन्धी र्हलू प्रदान ककया जाता है। यही कारण है कक र्ारदर्भशता और जिाबदेतहता का
ऄतधकांशत: एक साथ सन्दभव तलया जाता है।
कृ त्यों और ऄकमवण्यता के तलए लोक सेिकों की जिाबदेतहता सुतनतश्चत करने िाली संस्थाएं
i. संग नात्मक स्तर र्र संग न का प्रमुख।
ऄर्ने अतधकाररक कतवव्यों के तनिवहन के संबंध में सरकारी ऄतधकाररयों से प्रश्न करने के तलए
तहतधारकों का क्षमता तनमावण। ईदाहरण के तलए, MGNREGA के ऄंतगवत सामातजक
लेखार्रीक्षा की ऄिधारणा।
भ्रष्टािार रोकथाम ऄतधतनयम जैसे कानूनों का प्रभािी कायावन्ियन।
तज़म्मेदारी
आसका ऄथव स्ियं के प्रतत ईत्तरदायी होने से है, ऄथावत् अंतररक ईत्तरदातयत्ि। यह एक नैततक
ऄिधारणा है तजसमें व्यति ऄर्ने सभी कायों के तलए स्ियं के प्रतत ईत्तरदायी महसूस करता है, भले ही
ककसी भी कानून के ऄंतगवत ईसके तलए ईत्तरदातयत्ि न तय की गयी हो। यह जिाबदेही से ऄतधक
तिरस्थायी होती है क्योंकक यह नैततक तकव र्र अधाररत होती है। तज़म्मेदारी का तनिवहन करने िाला
व्यति सदा ईतित कायव करता है, भले ही ईसके कायों की तनगरानी करने के तलए िहां कोइ भी न हो,
क्योंकक िह स्ियं को ऄर्ने प्रतत ईत्तरदायी मानता है। आसमें व्यति ऄर्ने कायों और तनणवयों की र्ूरी
तजम्मेदारी ग्रहण करता है।
हालांकक, आन शधदों का र्रस्र्र एक दूसरे के स्थान र्र ईर्योग ककया जाता है, लेककन आन दोनों के मध्य
एक सूक्ष्म ऄंतर तिद्यमान है। जिाबदेतहता व्यति को ईसके द्वारा ककए गए कायों या तनणवयों के
र्ररणामों के तलए जिाबदेह बनाती है। आसके तिर्रीत, तज़म्मेदारी का र्ररणाम से अिश्यक रूर् से
कोइ संबंध नहीं होता है। साथ ही, जिाबदेतहता व्यति से ईसके द्वारा ककये गये कृ त्यों के तलए
ईत्तरदेयता की मांग करती है। आसके तिर्रीत, तज़म्मेदारी के ऄंतगवत एक व्यति से भरोसेमंद होने की
ऄर्ेक्षा की जाती है तथा ईसे सौंर्े गए कायव को र्ूरा करने के तलए ईसर्र तिश्वास ककया जाता है।
सृजन हेतु प्रतशक्षण, भूतमका तनिवहन अकद के माध्यम से नैततक, नीततशास्त्रीय मूल्य अकद प्रदान करने
की अिश्यकता होती है।
ऐसे कायव में तिफलता ऄर्ररहायव है तजसमें ऄतनतश्चतता तिद्यमान हो और ऄर्ूणव जानकारी के अधार
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र्र तनणवय तलया गया हो। तसतिल सेिकों का कायव प्रयासों की संभातित तिफलता से हार मान लेना
नहीं है बतल्क ऄसफलता के कारणों का ऄिलोकन करना और भति्य के तनणवयों में सुधार लाने के तलए
नकारात्मक प्रततर्ुतष्ट (negative feedback) को सतम्मतलत करने के तलए एक तंत्र तिकतसत करना
है। सकारात्मक दृतष्टकोण, भािनाओं को प्रबंतधत करने की क्षमता और अशािादी होना नम्य व्यतियों
के प्रमुख गुण हैं।
i. भ्रष्टािार तथा जन सेिा (जो ककसी भी प्रशासतनक प्रणाली के तलए सिवप्रमुख है) की ऄनुर्तस्थतत।
ii. प्रशासन जनता की अिश्यकताओं के प्रतत ईदासीन बन जाता है, क्योंकक यह संबि राजनीततक दलों
के ईद्देश्यों को र्ूरा करने का प्रयास करता है।
iii. आसके र्ररणामस्िरूर् मेररटोिे सी (जहां यो्यता को र्ुरस्कृ त ककया जाता है और सभी सेिा शतें
यो्यता के िस्तुतन् मूल्यांकन र्र अधाररत होती हैं) का तिनाश होता है। आसतलए, स्थानांतरण,
तैनाती आत्याकद तसतिल सेिक की क्षमता के बजाय र्ूणवतः संबिताओं से तनदेतशत होती हैं। आसके
र्ररणामस्िरुर् ऄक्षमता, ऄप्रभातिता एिं मनोबल का ऄभाि ईत्र्न्न होता है।
iv. आससे लोक सेिाओं में जन सामान्य का तिश्वास कम हो जाता है, तजससे लोक सेिाओं की
तिश्वसनीयता को क्षतत र्हुाँिती है।
(आस तिषय में ऄतधक जानकारी के तलए, 'लोक प्रशासन में नैततकता’ िाले नोट्स को देखें।)
मूल्यों का समािेशन: समािेशन की तितशष्ट तितधयों के तलए ईर्युवक्त प्रत्येक व्यतिगत मूल्य का संदभव
लीतजए।
4. तिगत िषों में Vision IAS GS में स टे स्ट सीरीज में र्ू छे
गए प्रश्न
(Previous Year Vision IAS GS Mains Test Series Questions)
1. कमजोर िगों के प्रतत संिद
े ना का मूल्य नम्यता का समािेश करके लोक सेिक के कायवकरण
की सीमाओं को बढ़ाता है, र्रन्तु यह िस्तुतनष्ठता के तसिांत को कमजोर करता है। ििाव
ईन्हें अगे बढ़ाने की िाह रख सकता है। साथ ही, यकद ईसके तनणवय अगे िलकर गलत तसि
होते हैं तो तनयमों की ऄनदेखी करने के तलए ईसे ऄनुशासनात्मक कारव िाइ का भी सामना
करना र्ड़ सकता है। आस प्रकार, आससे द्वंद्व की तस्थतत बन सकती है।
ऐसी तस्थतत में, तनम्नतलतखत तिकल्र्ों का ऄनुसरण ककया जा सकता है:
ऄर्ने तििेक के ऄनुसार कायव करना और यह तनणवय करना कक ऐसी ककसी भी प्रकार की
कोइ कारव िाइ अिश्यक है ऄथिा नहीं।
तििार-तिमशव करना कक संिद
े ना की भािना से की गइ कायविाही जनता के ऄतहत में
नहीं है।
तनयमों से तििलन न्यूनतम होना िातहए और ककसी भी प्रकार के तििलन होने की
तस्थतत में ईससे िररष्ठ ऄतधकाररयों को ऄिगत कराना िातहए और यकद समयाभाि हो
तो कोतशश की जानी िातहए की सूिना को यथासंभि शीघ्रतार्ूिवक संप्रेतषत कर कदया
जाए।
ऄनुभि से सीखने का ईर्योग तनयम अधाररत तंत्र तनर्भमत करने के तलए ककया जाना
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िातहए ताकक ऐसी कोइ तस्थतत भति्य में ऄर्ने तलए या ककसी ऄन्य ऄतधकारी के तलए
द्वंद्व की तस्थतत ईत्र्न्न न करे ।
2. सत्यतनष्ठा के तबना इमानदारी संभि है, लेककन इमानदारी के तबना सत्यतनष्ठा संभि नहीं है।
क्या अर् आससे सहमत हैं? ईदाहरणों के साथ ऄर्ने मत का औतित्य तसि कीतजए।
दृतष्टकोण:
इमानदारी और सत्यतनष्ठा का ऄतभप्राय स्र्ष्ट कीतजए।
व्याख्या कीतजए कक िे ककस प्रकार संबंतधत हैं और आनमें से कौन-सा ऄतधक महत्िर्ूणव है
और क्यों।
ईदाहरण दीतजए।
ईत्तर:
इमानदारी और सत्यतनष्ठा को प्राय: एक दूसरे का समानाथी माना जाता है लेककन ईनके ऄथव
में तभन्नता है। सत्यतनष्ठा ऄतधक समग्र दृतष्टकोण प्रदान करती है, तजसका अशय दृढ़ नैततक
तसिांतों और अिरण के ऄनुर्ालन से है।
एक इमानदार व्यति के तनम्नतलतखत लक्षण होते हैं:
दूसरों के साथ ईदारतार्ूणव व्यिहार और न्यायतप्रयता;
ऄसत्य नहीं बोलना, धोखा न देना, िोरी न करना तथा अिरण में सादगी; एिं
तलए गये तनणवयों के राजनीततक तनतहताथों को साझा करने के माध्यम से र्ूणव प्रकटीकरण
करना।
ऐसी संस्कृ तत का तनमावण करना जो खुले, इमानदार और नैततक व्यिहार को प्रोत्सातहत
करती हो।
लोगों के साथ ककसी राजनीततक, सामातजक, जनसांतख्यकीय, भौगोतलक र्ररतस्थतत या
र्ूिावग्रह के तबना भेदभाि रतहत व्यिहार करना।
ककसी भी र्ररतस्थतत में, सत्यतन् व्यति सदैि इमानदारी के मूल्य को स्ितः बनाए रखता है।
ये सभी क्षमताएाँ तमलकर ककसी लोक सेिक को न के िल दूसरे व्यति के शातधदक संप्रष
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े ण
ऄतर्तु शधदों के र्ीछे छु र्ी भािनाओं को समझने में भी सक्षम बनाती हैं। ककसी ऄन्य व्यति के
तििारों, ईसकी ऄनुभूततयों और भािनाओं को समझने का प्रयास करना तथा भािनात्मक
बुतिमत्ता के साथ संप्रष
े ण करना तिश्वास के सृजन की अधारतशला है।
ये गुण सफल तसतिल सेिकों में देखे जा सकते हैं। आन्हें ईस समय देखा जा सकता है जब
नागररक लोक सेिक के साथ खुलकर ऄर्नी समस्याओं, िुनौततयों और ऄिसरों को साझा
करते हैं। आसे कु छ बेहतर करने का दृतष्टकोण तिकतसत करने हेत,ु नागररकों के साथ ऄर्ने
संबंध का ईर्योग कर नागररकों की भािनात्मक तस्थतत के प्रबंधन में सहायता करने की लोक
सेिक की क्षमता में देखा जा सकता है। सिवश्रेष्ठ लोक सेिक ककसी व्यति की ऄनुभूतत को
महसूस कर सकते हैं तथा समस्याओं का समाधान करने के तलए ईसके साथ-साथ ऄन्य लोगों
से संप्रष
े ण करने हेतु ऄर्नी ईच्च भािनात्मक बुतिमत्ता का ईर्योग करने की क्षमता का लाभ
ई ाते हैं।
6. तसतिल सेिाओं में तटस्थता से अर् क्या समझते हैं? एक तसतिल सेिक के तलए तटस्थता
सिावतधक महत्िर्ूणव अधारभूत मूल्यों में से एक क्यों है?
दृतष्टकोण:
ईत्तर में तनम्नतलतखत भाग समातिष्ट होने िातहए:
o तसतिल सेिाओं में तटस्थता की व्याख्या कीतजए।
o तसतिल सेिाओं में आस मूल्य के क्या लाभ हैं?
तसतिल सेिाओं में तटस्थता ने यो्यता अधाररत प्रणाली के तिकास में सहयोग ककया है।
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7. 'िस्तुतनष्ठता' और 'तटस्थता' तसतिल सेिा के अधारभूत मूल्यों में से हैं। ईदाहरणों सतहत ििाव
कीतजए।
दृतष्टकोण:
ऄर्ने ईत्तर को िस्तुतनष्ठता और तटस्थता का ऄथव स्र्ष्ट करते हुए प्रारं भ कीतजए। आसके
ऄततररक्त, ििाव कीतजए कक कै से आन मूल्यों को तसतिल सेिाओं के अधारभूत मूल्यों के
रूर् में माना जाता है। साथ ही लोकतांतत्रक व्यिस्था में आनके महत्ि को दशावआए। साथ
ही आस तथ्य को भी रे खांककत कीतजए कक ये सरकार में तिश्वास तनर्भमत करने तथा ईसकी
दक्षता में सुधार करने में ककस प्रकार सहायता करते हैं। ऐसे र्ररतस्थततयों के ईदाहरण
दीतजए तजनमें आन मूल्यों का ऄनुकरण ककया जाना िातहए।
ईत्तर:
तसतिल सेिा के मूल्य ऐसे स्िीकृ त तसिांत और मानक हैं तजनका र्ालन करने की ऄर्ेक्षा लोक
सेिकों से की जाती है। िे अंतररक नैततक कद्दशवक की तरह कायव करते हैं और लोक सेिकों
को तिशेष रूर् से सािवजतनक कतवव्य और व्यतिगत तहत के बीि तिरोध या दुतिधा की तस्थतत
का सामना करने ि सािवजतनक तहत में तनणवय लेने हेतु मागवदशवन प्रदान करते हैं।
तसतिल सेिा के कइ ऄन्य मूल्यों में दो के न्द्रीय मूल्य, यथा- िस्तुतनष्ठता एिं तटस्थता
सतम्मतलत हैं। यूनाआटेड ककगडम के तसतिल सेिा कोड में िस्तुतनष्ठता को र्ररभातषत करते
सटीक रूर् से प्रस्तुत करे गा; मामलों में मेररट के अधार र्र तनणवय लेगा; तथा तिशेषज्ञ और
र्ेशेिर सलाह र्र ईतित ध्यान देगा। िह सलाह प्रदान करने या तनणवय लेते समय अिश्यक
तथ्यों या प्रासंतगक तििारों की ईर्ेक्षा नहीं करे गा या तनणवय तलए जाने के बाद तनणवय के
ऄनुसार की जाने िाली कारव िाआयों को करने से आन्कार करके या ऄलग रह कर नीततयों के
कियान्ियन को तिफल नहीं करे गा।
अत्मतनष्ठ तििारों, जैस-े भािनाओं, र्ूिावग्रहों, व्यतिगत रुतियों अकद के अधार र्र तलए गए
तनणवय के स्थान र्र िस्तुतनष्ठ तनणवय के सफल होने और ईसके द्वारा सािवजतनक तहत की र्ूर्भत
ककए जाने की संभािना सदैि ऄतधक होती है। भारत जैसे संसदीय लोकतंत्र में, जहां एक
सामान्य राजनेता का मागवदशवन तिशेषज्ञ तसतिल सेिक द्वारा ककया जाता है, यह मूल्य बहुत
महत्िर्ूणव हो जाता है। यह मंत्री को अश्िस्त करता है कक तसतिल सेिक सािवजतनक तहत में
सलाह दे रहा है और ईसका कोइ गुप्त एजेंडा नहीं है। जनता सरकार के तनणवयों की गुणित्ता
के संदभव में अश्वस्त होगी और भले ही तलए गए तनणवय ऄर्ेतक्षत र्ररणाम प्रदान न करें ,
सरकारी तनणवयों की इमानदारी और प्रयोजन के संदभव में लोगों के मध्य भ्रम नहीं ईत्र्न्न
होगा।
तटस्थता को ऄर्ने कतवव्य का तनिवहन करते समय तसतिल सेिक की ओर से ककसी भी प्रकार
की राजनीततक संबिता या र्ूिावग्रह की ऄनुर्तस्थतत के रूर् में संदर्भभत ककया जाता है। एक
तसतिल सेिक को भेदभाि-रतहत होकर कायव करना होता है तथा राजनीततक कायवर्ातलका
द्वारा तनधावररत नीततयों के तकव संगत ऄनुप्रयोग से र्ेशेिर रूर् से स्ियं को संबि रखना होता
है।
तटस्थता का तसिांत यह सुतनतश्चत करता है कक लोक सेिक भय या र्क्षर्ात के तबना नैततक
अिरण का र्ालन कर सके । लोकतंत्र में सरकार सािवजतनक तनतध के न्यासी के रूर् में कायव
करती है तथा यह तनरं कुश नहीं होती है। साथ ही यह सुतनतश्चत करती है कक नागररकों को
ईनके ऄतधकार प्रदान ककए जाएाँ। यह एक भेदभाि-रतहत नागररक प्रशासन द्वारा सुतनतश्चत
ककया जा सकता है। िस्तुतनष्ठता के समान, यह राजनीततक कायवर्ातलका को अश्वस्त करती है
कक तसतिल सेिकों द्वारा गुण-दोषों र्र अधाररत स्ितंत्र, स्र्ष्ट और तन्र्क्ष सलाह प्रदान की
जा रही है और िह सलाह गैर-राजनीततक प्रकृ तत की है। तटस्थ प्रशासक सत्ताधारी दल की
तििारधारा को अगे बढ़ाने के स्थान र्र समाज के िृहत्तर तहत में सलाह देने के तलए बेहतर
तस्थतत में होगा। नागररक अश्वस्त रहते हैं कक िाहे जो भी राजनीततक दल सत्ता में हो,
शासन संतिधान और तितध के शासन के ऄनुरूर् ही होगा। यह र्ररितवन के साथ तनरं तरता
को भी सुतनतश्चत करती है ऄथावत् सरकारें र्ररिर्भतत हो सकती हैं लेककन प्रशासन और
नीततयों में व्यार्क रूर् से तनरं तरता तिद्यमान रहती है।
प्रतत तटस्थता के रूर् में समझ तलया जाता है ऄथावत् लोक सेिक ऄर्ने मूल्यों र्र अधाररत
तनणवयों एिं नीततगत मूल्यांकनों र्र तिश्वास नहीं करते बतल्क राजनीततक कायवर्ातलका के
अदेशों का ऄंधानुकरण करने लगते हैं। आसतलए सकारात्मक तटस्थता का र्ालन करने की
अिश्यकता होती है। तसतिल सेिा में यह मूल्य आसे स्ितंत्र और तन्र्क्ष बनाता है, साथ ही
साथ यह ऐसे मूल्यों की मांग भी करता है जो समाज को लाभातन्ित करें । आस मूल्य के तहत
तसतिल सेिा राजनीततक कायवर्ातलका के ऄनैततक तनणवयों के प्रतत तनत्िय नहीं होती है।
स्र्ेक्ट्रम अिंटन या कोयला धलॉक नीलामी के मामलों में, िस्तुतनष्ठता और तटस्थता की कमी
देखी गयी तजसके कारण सािवजतनक कोष को ऄर्ार क्षतत हुइ। नौकरशाहों ने राजनीततक
कायवकाररणी के साथ सां -गां कर ली और ऐसे तनणवय सुझाए जो मेररट र्र अधाररत नहीं
थे ऄतर्तु सत्ताधारी दल का तहतसाधन करने के प्रयोजन से थे। यकद िस्तुतनष्ठता और
तटस्थता के तसिांत का ऄनुर्ालन ककया गया होता तो सािवजतनक तनतध के साथ-साथ शासन
में लोक तिश्वास की भी क्षतत नहीं होती।
आस प्रकार, ये अधारभूत मूल्य सुशासन को समथवन प्रदान करते हैं और तसतिल सेिा द्वारा
संर्न्न की जाने िाली सभी गतततितधयों में यथासंभि ईच्चतम मानकों की ईर्लतधध को
सुतनतश्चत करते हैं। यह ईर्लतधध बदले में तसतिल सेिा को मंतत्रयों, संसद, जनता एिं
लाभार्भथयों का सम्मान प्राप्त करने और ईसे बनाए रखने में सहायता करती है।
8. ऄतभरुति से अर् क्या समझते हैं? तसतिल सेिा के तलए ककस प्रकार की ऄतभरुति को
महत्िर्ूणव माना जाता है? एक तसतिल सेिक बनने हेतु यो्य होने के तलए अर्ने कौन-से
तसतिल सेिक के तलए ऄतनिायव है। ईदाहरण स्िरूर्, तजला प्रशासन में भ्रष्टािार तिरोधी
कानूनों को लागू करने, जहां भ्रष्टािार जीिन शैली का एक ऄंग बन गया है, तथा अर्दाग्रस्त
क्षेत्र में राहत और बिाि कायों का संिालन करने जैसे कायों के तलए व्यति को दृढ़ आच्छा-
शति के साथ ऄत्यंत सािधान और सिेत रहने की अिश्यकता होती है। कमव ता तसतिल
सेिकों को दातयत्िों का तनिवहन करने के तलए ऄत्यंत महत्िर्ूणव है लेककन आस मूल्य को
तिकतसत करना भी ईतना ही ऄतधक कर न है क्योंकक अधुतनक जीिन शैली की प्रिृतत्त क ोर
र्ररश्रम के स्थान र्र सुख-सुतिधा को ऄतधक महत्ता देने की है।
हालांकक, आस तरह के मूल्य को तसतिल सेिकों में तनम्नतलतखत तरीकों से तिकतसत ककया जा
सकता है:
रोल मॉडल का ऄनुकरण करके : ऐसे कइ लोक व्यतित्ि रहें हैं तजन्होंने ऄर्ने सेिा काल
मे कमव ता के ऄनुकरणीय ईदाहरण प्रस्तुत ककए हैं। ईदाहरण के तलए- इ. श्रीधरन,
टी.एन. शेषन, जे. बलगदोह अकद। ऐसे व्यतित्िों के कायों के तिषय में तसतिल सेिकों को
जागरुक करके आन्हें ईनके तलए रोल मॉडल के रूर् में प्रस्तुत ककया जाना िातहए।
कायवतन्र्ादन में ईत्कृ ष्टता का प्रदशवन करने िाले तसतिल सेिकों को सामातजक मान्यता:
ऐसे मूल्यों को धारण करने िाले तथा कायवक्षेत्र में ईनका प्रदशवन करने िाले व्यतियों को
र्हिान कदलाना और र्ुरस्कृ त करना। यह सहकमी तसतिल सेिकों को ऐसे मूल्यों को
ऄर्नाने के तलए प्रेररत करे गा।
तसतिल सेिक को र्यावप्त स्िायत्तता प्रदान करना: राजनीततक दबाि से मुति, तसतिल
सेिक को सकिय रूर् से ऄर्ने कायव तन्र्ादन में संलग्न होने के तलए प्रेरणा प्रदान करे गी।
र्यावप्त संसाधन प्रदान करना: कमव ता हेतु न के िल व्यतिगत आच्छाशति की अिश्यकता
होती है ऄतर्तु कायव को र्ूरा करने के तलए सूिना और साधनों के रूर् में संसाधनों की
भी अिश्यकता होती है। र्यावप्त संसाधनों के प्रािधान के माध्यम से कमव ता को
व्यािहाररक मूल्य के रूर् में तिकतसत करने हेतु ऄनुकूल र्ररतस्थतत का तनमावण होगा।
दृतष्टकोण:
संिेदना के ऄथव को र्ररभातषत करते हुए ईत्तर अरम्भ कीतजए।
ििाव कीतजए कक ककस प्रकार संिद
े ना ख़़ुशी प्रदान करती है।
व्याख्या कीतजए कक ककस प्रकार संिेदना लोक सेिाओं के तलए प्रासंतगक है।
ईर्युक्
व त बबदुओं के अधार र्र तन्कषव प्रस्तुत कीतजए।
ईत्तर:
संिेदना को ऐसी ऄनुभूतत के रूर् में र्ररभातषत ककया जाता है जो दूसरों को र्ीड़ाग्रस्त
देखकर जाग्रत होती है और यह ऄनुभूतत अर्को र्ीतड़त व्यति को कष्ट से मुति कदलाने के
तलए ऄतभप्रेररत करती है। यह "दूसरों के कल्याण की तनःस्िाथव बिता" है। संिेदना में
समानुभूतत की भािना के अधार र्र कारव िाइ समातिष्ट होती है। आसमें स्ियं और दूसरों को
सतम्मतलत ककया जाता है और आस प्रकार आसमें सभी को खुश करने की क्षमता तिद्यमान होती
है। संिेदना हमें खुशी प्रदान करती है, आसका एक कारण यह है कक यह हमारे संकीणव स्ि के
दृतष्टकोण को व्यार्कता प्रदान करती है। साथ ही दूसरों के प्रतत समानुभूतत से प्रेररत होकर
ककए गए हमारे कायव, तनम्नतलतखत के माध्यम से दूसरों को खुशी प्रदान करते हैं:
5. तिगत िषों में Vision IAS GS में स टे स्ट सीरीज में र्ू छे
गए प्रश्न: के स स्टडीज़
(Previous Year Vision IAS GS Mains Test Series Questions: Case Studies)
1. अर्को भारत के एक तजले में तजला कलेक्टर के रूर् में तनयुक्त ककया गया है। अर्को यह
सूिना दी गइ है कक एक धार्भमक समुदाय के कु छ सदस्यों द्वारा ईतित ऄनुमतत प्राप्त ककए
तबना सािवजतनक भूतम र्र एक संरिना का तनमावण ककया गया है। सािवजतनक भूतम र्र ककसी
भी स्थायी धार्भमक संरिना के तनमावण को ऄस्िीकृ त करने संबध
ं ी भारत के सिोच्ि न्यायालय
के कदशातनदेशों को ध्यान में रखते हुए, अर् आसे हटाने र्र तििार कर रहे हैं। हालांकक,
संबतं धत समुदाय के नेताओं ने अर्को यह तनिेदन करते हुए संरिना की ऄनुमतत देने का
ऄनुरोध ककया है कक यह के िल महीने भर िलने िाले धार्भमक ईत्सि के तलए तनर्भमत की गयी
है। आसके ऄततररक्त, ईनका कहना है कक कोइ ऄन्य तनकटिती धार्भमक स्थान नहीं है जहां
समुदाय के सदस्य ऄर्ने ईत्सि का अयोजन कर सकें । अर्के िररष्ठ ऄतधकारी और क्षेत्र के
राजनीततक नेता भी ईनके तििारों का समथवन करते हैं। हालांकक, अर्को आस बात का संदह
े
है कक ईत्सि समाप्त होने के बाद, बड़े र्ैमाने र्र समुदाय के सदस्यों की भागीदारी के कारण
सािवजतनक भूतम से धार्भमक संरिना को हटाना सरल नहीं होगा।
i. मामले का िस्तुतनष्ठ और व्यतितनष्ठ तिश्लेषण कीतजए।
ii. ऐसी तस्थतत में अर् क्या करें ग?
े
ईत्तर:
िस्तुतनष्ठ तिश्लेषण
भारत का संतिधान धमव के अधार र्र भेदभाि ककए बगैर, तितध के समक्ष सभी के प्रतत
समान व्यिहार का प्रािधान करता है। आस प्रकार, संबंतधत धार्भमक समुदाय के साथ
ककसी भी प्रकार का तिशेष व्यिहार नहीं ककया जाना िातहए।
एक तसतिल सेिक के रूर् में ककसी ऄतधकारी को सिोच्ि न्यायालय के कदशातनदेशों का
र्ालन करना िातहए क्योंकक भारत में सिोच्च न्यायालय द्वारा की गइ व्याख्या ऄंततम
और बाध्यकारी है।
यकद िह कानून का ईल्लंघन करता है तो ईसे आस प्रकार के ईल्लंघन हेतु ऄर्ने िररष्ठ को
ईत्तर देना होगा।
धार्भमक समुदाय भी भारतीय जनसंख्या का भाग हैं। आसतलए, ईनके रीतत-ररिाजों और
मान्यताओं का सम्मान ककया जाना िातहए।
व्यतितनष्ठ तिश्लेषण
भारत में धमव लोगों के जीिन में महत्िर्ूणव भूतमका तनभाता है। ऐसे में यकद धार्भमक संरिना
हटा दी जाती है, तो कारव िाइ को सांप्रदातयक रूर् कदया जा सकता है। िूंकक हमारा
धमवतनरर्ेक्ष मॉडल सभी धमों का समान रूर् से सम्मान करता है, आसतलए ईनकी भािना का
भी सम्मान ककया जाना िातहए। आसके साथ ही तसतिल सेिा से संबंतधत नेतृत्ि का गुण भी
ककसी भी समुदाय तिशेष में ऄतिश्वास और बैर र्ैदा न करने की मांग करता है।
कायविाही
प्रथम दृतष्टकोण
सिवप्रथम, समुदाय के नेताओं को सहमत ककया जाना िातहए कक यद्यतर् तजला प्रशासन ईनके
धमव के मूल्यों और रीतत-ररिाजों का र्ूणव रूर् से सम्मान करता है, तथातर् संरिना को हटाना
र्ड़ेगा।
यकद नेता सहमत नहीं होते हैं, तो आस मामले र्र िररष्ठ ऄतधकाररयों के साथ ििाव की जानी
िातहए कक क्या ऐसा कोइ प्रातधकरण है जो आसकी ऄनुमतत दे सकता है। यकद ऐसा संभि
नहीं है, तो ईस संरिना को हटाना ही श्रेयस्कर कदम होगा।
यकद संरिना को हटाना संभि नहीं है, तो मुझे देखना होगा कक क्या कानून और व्यिस्था को
ध्यान में रखते हुए और समुदाय के नेताओं की सहायता से ईत्सि में भाग लेने िाले लोगों की
संख्या सीतमत ककया जा सकता है? यकद यह संभि है तो ईस समुदाय को ईत्सि का अयोजन
करने की ऄनुमतत दी जा सकती है, क्योंकक यकद सतम्मतलत लोगों की संख्या बहुत ऄतधक नहीं
है तो संरिना को बाद में हटाया जा सकता है। यकद यह संभि नहीं है, तो संरिना को हटा
कदया जाना िातहए।
तद्वतीय दृतष्टकोण
सरकारी भूतम र्र सामुदातयक गतततितधयों को अयोतजत ककया जा सकता है र्रन्तु ईसके
तलए ईतित ऄनुमतत लेने की अिश्यकता होती है। आसतलए मैं ईस समुदाय से तलतखत रूर् से
अिश्यक ऄनुमतत लेने के तलए कँाँगा।
तजला ऄतधकारी के रूर् में मेरा यह दातयत्ि है कक तजले में कानून व्यिस्था और शांतत बनी
रहे और साथ ही समुदाय की भािनाओं को े स भी न र्हुंिे। आसतलए आस प्रकार का संतुलन
बनाए रखने के तलए ईत्सि के महीने तक ऄनुमतत प्रदान कर दी जाएगी। हालााँकक, ईसके बाद
धार्भमक समुदाय के प्रभािशाली और महत्िर्ूणव सदस्यों के साथ िाताव के अधार र्र ईतित
प्रकियाओं का ऄनुर्ालन करते हुए नगरर्ातलका ऄतधतनयम के ऄंतगवत संरिना को ध्िस्त कर
कदया जाएगा, ताकक शांतत भंग न हो।
2. अर् एक तनयामक एजेंसी में एक आकाइ के तनदेशक हैं, तजसे संभातित रूर् से हातनकारक
िातणतज्यक रसायनों के ईर्योग की तनगरानी करने का दातयत्ि सौंर्ा गया है। अर्के
र्यविक्ष
े ण के ऄधीन कतन् र्ररयोजना प्रबंधक गीता एक व्यार्क स्र्ेक्ट्रम िाले कीटनाशक
का ऄध्ययन करने के तलए ईत्तरदायी है तजसका न के िल छोटे खाद्यान्न ईत्र्ादक ककसानों
और कर्ास ईत्र्ादक ककसानों द्वारा कृ तष में, बतल्क र्शुधन क्षेत्र में एतनमल स्प्रे (animal
spray) के रूर् में भी ईर्योग ककया जाता है। ईसे यह तनधावररत करने का ईत्तरदातयत्ि सौंर्ा
गया है कक आस ईत्र्ाद को बाजार से हटाया जाना िातहए या नहीं। एक सामातजक कायविम
में, गीता की भेंट तसिाथव नामक एक व्यति से होती है। गीता को बाद में यह ज्ञात होता है कक
तसिाथव ईस कीटनाशक तनमावता की मुब
ं इ शाखा का प्रतततनतध है। तसिाथव से कइ बार तमलने
के बाद, गीता का ईसके प्रतत कु छ लगाि हो जाता है और िह आस संबध
ं को और अगे बढ़ाना
िाहती है। हालांकक, गीता ऄनुभि करती है कक ईनकी व्यािसातयक भूतमकाओं ने ईसके तलए
तहतों का संभातित संघषव ईत्र्न्न कर कदया है और िह अर्को आस तस्थतत के संबध ं में बताने
का तनणवय करती है। िह तसिाथव से तमलना जारी रखना िाहती है और कहती है कक िह
ऄर्ने व्यािसातयक और तनजी जीिन के मध्य र्ृथकता बनाए रखने के तलए ऄर्ने अर्को
र्यावप्त र्ररर्क्व मानती है। गीता दृढ़ता से कहती है कक तसिाथव के तलए ईसकी भािनाएं ककसी
भी प्रकार से ईसके व्यािसातयक तनणवय को प्रभातित नहीं करें गी; िास्ति में ईसने और
तसिाथव ने कभी भी प्रश्नगत रसायन के संबध
ं में ििाव तक नहीं की है। ऐसी तस्थतत में अर्
क्या करें ग?
े अर्के द्वारा ऄर्ने तलए ईर्लधध तिकल्र्ों का मूल्यांकन करते समय, तनणवय लेने
के तलए संदभव बबदु के रूर् में कौन-से नैततक तनयम और तसिांत अर्के मतस्त्क में ईत्र्न्न हो
सकते हैं?
दृतष्टकोण
आस प्रकरण में नैततक तस्थतत ऄतधक स्र्ष्ट नहीं है। क्या गीता ने कु छ भी ऐसा ककया है जो
र्ेशेिर नैततकता का ईल्लंघन करता है? तसिाथव के साथ ईसके संबंधों के कारण, ऄर्ने
कतवव्यों के तनिवहन में िस्तुतन् ता बनाए रखना ईसके तलए थोड़ा कर न हो भी सकता है और
संभितः नहीं भी; क्योंकक लोगों की आस प्रकार के तनािों का प्रबंधन करने की क्षमता तभन्न-
तभन्न होती है। ऐसे में अर्का ईत्तरदातयत्ि क्या है? क्या अर्के तलए ऄर्ने संग न के भीतर
संभातित ऄनैततक अिरण की एक झलक से भी बिना ऄतधक महत्िर्ूणव है या ऄर्ने
कमविारी के तनजी जीिन की स्ितंत्रता के ऄतधकार का समथवन करना ऄतधक महत्िर्ूणव है?
क्या गीता र्र तब तक भरोसा ककया जाना िातहए जब तक कक ईसका व्यिहार ऄन्यथा न
हो? ऄर्ने तिकल्र्ों का र्रीक्षण कीतजए और एक ईर्युि तन्कषव दीतजए।
ईत्तर:
प्रथम दृतष्टकोण
मुझे आस संबंध में तििार करना होगा कक आस ऄत्यतधक संिद े नशील तस्थतत का ईतित प्रबंधन
कै से ककया जाए। ऐसे में कु छ तिकल्र् तत्काल ही मेरे समक्ष ईत्र्न्न हो सकते हैं:
i. गीता को तसिाथव से तमलना बंद करने का अदेश देना।
ii. ईसे दूसरे कायव में स्थानांतररत कर देना।
iii. आस प्रकरण र्र ऄर्ने िररष्ठ से ििाव करना।
iv. गीता र्र तिश्वास करना कक ईसके द्वारा ऄर्ने संबंध से प्रभातित हुए तबना कायव ककया
जायेगा।
आसके ईर्रांत में तनम्नतलतखत संभातित र्ररणामों र्र तििार कर सकता ँाँ:
गीता त्यागर्त्र दे सकती है।
रसायन की जााँि संबंधी प्रगतत में तिलंब हो सकता है।
मीतडया द्वारा आस प्रकरण को ई ाया जा सकता है।
रसायन के संबंध में र्क्षर्ातर्ूणव तनणवय तलया जा सकता है तजसके जनता के तलए गंभीर
र्ररणाम हो सकते हैं।
यकद मेरे द्वारा सूतित ककए तबना आस संबंध के तिषय में मेरे िरर् को र्ता िलता है तो
मुझ र्र गैर-तज़म्मेदारीर्ूणव अिरण का अरोर् लगाया जा सकता है।
जैस-े जैसे मैं तिकल्र्ों और ईनके संभातित र्ररणामों का मूल्यांकन करूंगा, तनणवय तक
र्हुंिने के तलए संदभव बबदु के रूर् में तितभन्न नैततक तनयम और तसिांत मेरे मतस्त्क में
ईत्र्न्न हो सकते हैं, यथा:
"मुझे ऄर्ने र्यविेक्षण के ऄधीन कायवरत ऄधीनस्थों के साथ तन्र्क्ष होना िातहए।"
क्या मैं आस तस्थतत का समाधान ककसी तभन्न र्ितत से करता यकद आसमें मेरा कोइ र्ुरुष
ऄधीनस्थ सतम्मतलत होता?
"ककसी हातन की संभािना से भी बिना।"
भले ही गीता िस्तुतन् ि र्ेशि
े र तरीके से कायव करे , लेककन यकद आस प्रकरण को
मीतडया द्वारा ई ाया जाता है तो क्या मेरे संग न की तिश्वसनीयता का क्षरण होगा?
"इमानदारी सिोत्तम नीतत है।"
यकद मैं ऐसी कोइ भी कारव िाइ करता ँाँ तजसे गीता, दंड या ऄतिश्वास के रूर् में समझे, तो
क्या आससे मेरे कमविाररयों द्वारा ककया जाने िाला इमानदार संिाद हतोत्सातहत होगा? क्या
सिवप्रथम, मैं र्ता करूाँगा कक संग न की अिार संतहता या नीततर्रक अिार संतहता स्र्ष्ट
रूर् से आस प्रकार के संबंधों का तनषेध करती है या नहीं। यकद ऐसा है तो मैं गीता को आस
संदभव में सूतित करूाँगा। मैं ईसे तनयामकीय कायों में तटस्थ रहने के महत्ि को भी
समझाउंगा। आसके ऄततररि ईसे ककसी ऄन्य तिभाग में स्थानांतररत करने के तिकल्र्ों र्र
तििार करूंगा। यकद कोइ ऄन्य समाधान नहीं तमलता है तो मैं ईससे संबंध और र्द के मध्य
ककसी एक का ियन करने के तलए कँाँगा।
यकद कोइ संतहता आस प्रकार के संबंध के तिषय में कहीं भी ईल्लेख नहीं करती है, तब भी मेरा
यह दातयत्ि होगा कक स्िायत्तता और तन्र्क्षता के साथ तनयामकीय कायव संर्न्न हों। आस
ईत्तरदातयत्ि के तहत, मैं तसिाथव की कं र्नी के ईत्र्ाद का तनरीक्षण कायव गीता के बजाय
ककसी ऄन्य ऄतधकारी को स्थानांतररत कर दूग
ं ा।
3. एक कतनष्ठ कमविारी ऄर्नी िृि मां की देखभाल करने के तलए तिशेष छु ट्टी लेने के र्श्चात
हाल ही में कायव र्र लौट अइ है। तित्तीय कारणों से िह र्ूणक
व ातलक कायव करना िाहती है।
ईसे ऄर्नी मां की ईतित देखभाल के तलए व्यिस्था करने में कर नाआयों का सामना करना
र्ड़ रहा है, तजसके कारण िह टीम की महत्िर्ूणव बै कों (सामान्यत: प्रत्येक कदन के अरं भ में
होने िाली) में ऄनुर्तस्थत रहती है और ईसे कायावलय को समयर्ूिव छोड़ कर जाना र्ड़ता है।
िह ऄर्ने कायव में ऄत्यतधक तनर्ुण है लेककन ईसकी ऄनुर्तस्थतत से ईसके स्ियं के साथ-साथ
ईसके सहकर्भमयों र्र भी ऄततररि कायवभार का दबाि र्ड़ रहा है। अर् ईसके प्रबंधक होने के
नाते आस बात से ऄिगत हैं कक आस कारण से कायव की तनरं तरता र्र दबाि बढ़ रहा है। ईसके
एक र्ुरुष सहकमी द्वारा आस प्रकार की रटप्र्तणयां की जाने लगी हैं कक "एक मतहला का स्थान
घर में है" तथा प्रत्येक संभि ऄिसर र्र ईसे कमजोर तसि करने का प्रयास कर रहा है तथा
यह तस्थतत ईस र्र और ऄतधक दबाि ईत्र्न्न कर रही है। अर् आस तस्थतत से ककस प्रकार
तनर्टेंग?
े
ईत्तर:
अधारभूत तसिांत
i. सत्यतन् ा: मुझे आसमें शातमल सभी लोगों के प्रतत तन्र्क्ष होना िातहए और इमानदारी-
र्ूिवक कायव करना िातहए।
ii. गोर्नीयता: मेरा कतवव्य है कक मैं सतम्मतलत स्टाफ की गोर्नीयता बनाए रखूाँ।
iii .र्ेशि
े र व्यिहार: मेरे द्वारा आस प्रकार कायविाही की जानी िातहए कक मेरे, मेरे र्ेशे की या
मेरे द्वारा ककये जाने िाले कायव की ऄिमानना न हो सके ।
प्रासंतगक तथ्यों की र्हिान करना
कं र्नी की नीततयों (यकद अिश्यक हो तो तितधक सहायता के साथ), प्रयोज्य तितधयों और
तितनयमों र्र तििार ककया जाना िातहए।
प्रभातित र्क्षों की र्हिान करना
i. कतन् स्टाफ
1. (a) लोक सेिा के संदभव में तनम्न शधदों से अर् क्या समझते हैं?
(i) सत्यतनष्ठा
(ii) ऄध्यिसाय
(iv) प्रततबिता
(b) दो ऐसे ऄन्य गुण बताआए तजन्हें अर् लोक सेिा के तलए महत्िर्ूणव समझते हैं। ऄर्ने ईत्तर
का औतित्य समझाआए।
2. तिश्वसनीयता और सहन-शति के सद्गुण लोक सेिा में ककस प्रकार प्रदर्भशत होते हैं?
ईदाहरण के साथ स्र्ष्ट कीतजए।
3. क्या कारण है कक तन्र्क्षता और ऄर्क्षर्ातीयता को लोक सेिाओं में, तिशेषकर ितवमान
(a) र्ारदर्भशता
(b) जिाबदेही
5. समझौते से र्ूणव रूर् से आनकार करना सत्यतनष्ठा की एक र्रख है। आस संदभव में िास्ततिक
जीिन से ईदाहरण देते हुए व्याख्या कीतजए।
1. मान लीतजए कक अर्के तनकट तमत्रों में से एक, जो स्ियं तसतिल सेिा में जाने के तलए
प्रयत्नशील है, िह लोक-सेिा में नैततक अिरण से सम्बतन्धत कु छ मुद्दे र्र ििाव करने के तलए
अर्के र्ास अता है। िह तनम्नतलतखत तबन्दुओं को ई ाता है:
(i) अज के समय में, जब ऄनैततक िातािरण काफ़ी फै ला हुअ है, नैततक तसिान्तों से तिर्के
रहने के व्यतिगत प्रयास, व्यति के कै ररयर में ऄनेक समस्याएाँ र्ैदा कर सकते हैं। ये र्ररिार
के सदस्यों र्र कष्ट र्ैदा करने और साथ ही साथ स्ियं के जीिन र्र जोतखम का कारण भी बन
(ii) जब आतने ऄतधक लोग गलत साधनों को ऄर्ना रहे हैं और तंत्र को भारी नुकसान र्हुंिा
रहे हैं, तब क्या फकव र्ड़ेगा। यकद के िल कु छ-एक लोग ही नैततकता की िेष्टा करें , िे ऄप्रभािी
ही रहेंगे और तनतश्चत रूर् से ऄनन्तः तनराश हो जाएंगे।
(iii) यकद हम नैततक सोि-तििार के बारे में ऄतधक बतंगड़ बनाएंगे तो क्या आससे देश की
अर्भथक ईन्नतत में रुकािट नहीं अएगी? ऄसतलयत में, ईच्च प्रततस्र्धाव के ितवमान युग में, हम
तिकास की दौड़ में र्ीछे छू ट जाने को सहन नहीं कर सकते।
(iv) यह तो समझ अता है कक भारी ऄनैततक तौर-तरीकों में हमें फं सना नहीं िातहए, लेककन
छोटे-मोटे ईर्हारो को स्िीकार करना और छोटी-मोटी तरफदाररयां करना सभी के ऄतभप्रेरण
में िृति कर देता है। यह तंत्र को और भी ऄतधक सुिारू बना देता है। ऐसे तौर-तररकों को
ऄर्नाने में गलत क्या है?
ईर्रोि दृतष्टकोण का समालोिनात्मक तिश्लेषण कीतजए। आस तिश्लेषण के अधार र्र ऄर्ने
तमत्र को अर्की क्या सलाह रहेगी?
2. कल्र्ना करें कक अर् एक सामातजक सेिा योजना की कियातन्िती के कायव प्रभारी हैं, तजससे
बूढ़ी एिं तनराश्रय मतहलाओं की सहायता प्रदान करनी है। एक बूढ़ी एिं ऄतशतक्षत मतहला
योजना का लाभ प्राप्त करने के तलए अर्के र्ास अती है। यद्यतर्, ईसके र्ास र्ात्रता के
मानदंडों को र्ूरा करने िाले काग़जात कदखाने के तलए नहीं हैं। र्रन्तु ईससे तमलने एिं ईसे
सुनने से अर् यह महसूस करते हैं कक ईसे सहायता की तनतश्चत रूर् से अिश्यकता है। अर्की
जााँि में यह भी अया है कक िास्ति में िह दयनीय दशा में तनरातश्रत जीिन व्यतीत कर रही
है। अर् आस धमवसंकट में हैं कक क्या ककया जाए। ईसे तबना अिश्यक कागजात के योजना में
सतम्मतलत ककया जाना, तनयमों का स्र्ष्ट ईल्लंघन होगा। ईसे सहायता के तलए मना करना
भी तनदवयता एिं ऄमानिीय होगा।
(a) क्या अर् आस धमवसक
ं ट के समाधान के तलए कोइ तार्ककक तरीका सोि सकते हैं?
ऐसी घटनाओं को ऄर्ने िररष्ठों की नज़र में लाया। र्रन्तु, आस र्र ईसको ऄर्नी अाँखें, कान
और मुख बंद रखने और आन सभी िीज़ों को नज़रऄंदाज़ करने की सलाह दी गइ। यह बताया
गया कक सब ईच्चतर ऄतधकाररयों की तमलीभगत से िल रहा था। आससे रामेश्वर का भ्रम टू टा
और िह व्याकु ल रहने लगा। िह सलाह के तलए अर्के र्ास अता है।
ऐसे तितभन्न तिकल्र् सुझाआए, जो अर्के तििार में, ऐसी र्ररतस्थतत में रामेश्वर के तलए
ईर्लधध हैं। आन तिकल्र्ों का मूल्यांकन करने और सिावतधक ईतित रास्ता ऄर्नाने में अर्
ईसकी ककस प्रकार सहायता करें गे?
VISIONIAS
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तिषय सूची
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4.2. भारत और ऄन्य देशों/संगठनों में नैततक मानकों की ितामान तथथतत ________________________________________ 8
4.2.1. कें द्रीय तसतिल सेिा (अचरण) तनयमािली, 1964 _______________________________________________ 8
4.2.2. नीततपरक अचार संतहता हेतु प्रथम पहल- मइ 1997 _____________________________________________ 8
4.2.3. लोक सेिा मूल्यों के तलए तितीय पहल- लोक सेिा तिधेयक, 2006____________________________________ 9
4.2.4. यूनाआटेड ककगडम (United Kingdom) _____________________________________________________ 10
4.2.5. अर्थथक सहयोग एिं तिकास संगठन ________________________________________________________ 11
4.2.6. संयुक्त राष्ट्र (United Nations)___________________________________________________________ 12
5. लोक सेिकों में नैततक मानकों के पतन के कारण ईत्पन्न समथयाएं ___________________________________________ 13
10.2. तितीय प्रशासतनक सुधार अयोग की चौथी ररपोटा - शासन में नैततकता ___________________________________ 37
12. तिगत िषों में Vision IAS GS मेंस टेथट सीरीज में पूछे गए प्रश्न _________________________________________ 40
13. तिगत िषों में Vision IAS GS मेंस टेथट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स थटडीज ________________________________ 50
14. तिगत िषों में संघ लोक सेिा अयोग (UPSC) िारा पूछे गए प्रश्न _________________________________________ 56
15. तिगत िषों में संघ लोक सेिा अयोग (UPSC) िारा पूछे गए प्रश्न: के स थटडीज ________________________________ 56
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4.2. भारत और ऄन्य दे शों/सं ग ठनों में नै ततक मानकों की िता मान तथथतत
ईन्हें आस प्रकार अचरण करना चातहए कक जन सामान्य का यह तिश्वास बना रहे कक ईनके िारा
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तलए गए तनणाय या ईनके िारा की गइ ऄनुशंसाएं िथतुतनष्ठ एिं पारदशी हैं तथा सत्तासीन
राजनीततक दल, थियं या ककसी तीसरे पक्ष को ऄनुतचत लाभ प्रदान करने की कदशा में काया नहीं
ककया जाना चातहए
सरकार िारा जनतहत में तनर्थमत नीततयों, तनणायों और कायािातहयों को लोक सेिकों िारा कु तठठत
होकर या ईसमें शातमल न होकर, ईसे ऄप्रभािी करने का प्रयास नहीं करना चातहए
जहां लोक सेिा में ककसी कमाचारी के पास आसके ईतचत अधार ईपलब्ध हैं कक ईच्चतर प्रातधकारी
िारा ईससे ऄिैध या तनधााररत तनयमों एिं तितनयमों के तिरुद् काया करने को कहा जा रहा है तो
ईसे आन तनदेशों के कियान्ियन को ऄथिीकृ त कर देना चातहए
तहतों का संघषा: लोक सेिा में कमाचाररयों को ऄग्रतलतखत पररतथथततयों में तनणाय लेने से बचना
चातहए:
o जहां जनतहत की लागत पर ककसी भी तिशेष व्यतक्त या दल को लाभ पहुंचाने संबंधी काया
ककया जाना हो;
o जनतहत और तनजी तहत के मर्धय संघषा की तथथतत में तहतों के ककसी भी प्रकार का संघषा होने
पर
ईन्हें सेिा मामलों या तनजी लाभों के संबंध में राजनेताओं और बाहरी लोगों से संपका न रखते हुए
ऄपनी थितंत्रता, गररमा और भेदभाि-रतहत व्यिहार को बनाए रखना चातहए ऄपने कै डर के
भीतर ऐसा व्यिहार करने िाले व्यतक्तयों के तिरुद् ऄनुशासनात्मक कायािाही करने के साथ-साथ
ईन्हें रोकने हेतु सहकर्थमयों के दबाि का प्रयोग करना चातहए
नागररकों के प्रतत जिाबदेही:
o जन सामान्य की लोक सेिाओं में तनयुक्त कमाचाररयों तक प्रभािी पहुँच होनी चातहए तथा
सेिा की गुणित्ता, समयबद्ता, तशष्टता, लोक ऄतभतिन्यास के मार्धयम से जन सामान्य के
प्रतत जिाबदेही सुतनतित करना तथा ईत्तरदायी सरकार के तलए जन सहभातगता को
प्रोत्सातहत करने एिं नागररक समूहों के साथ भागीदारी हेतु तत्पर रहना चातहए
o ईन्हें जन प्रतततनतधयों के प्रतत ऄपने व्यिहार में दृढ़, न्यायोतचत और इमानदार होना चातहए
o ईन्हें नागररकों की तशकायत के त्िररत तनिारण के तलए ईनके ऄतधकार को थिीकार और
प्रितान के दातयत्ि को थिीकार करना चातहए
ईन्हें सािाजतनक पररसंपतत्तयों और लोक तनतध के प्रतत चचततत होना चातहए और ईसकी हातन एिं
ऄपव्यय से बचना चातहए ईसे थियं के तनयंत्रणाधीन लोक तनतध का प्रभािी और कु शल ईपयोग
सुतनतित करना चातहए
अतधकाररक पद का दुरुपयोग न करना: लोक सेिाओं में तनयुक्त कमाचाररयों को योग्यता अधाररत
तनणाय लेने का ईत्तरदातयत्ि सौंपा गया है, क्योंकक िे तजम्मेदारी युक्त पद पर असीन होते हैं ईन्हें
ककसी भी व्यतक्त को ऄपने या ककसी ऄन्य के तलए तित्तीय या ऄन्य व्यिथथाओं का लाभ पहुंचाने
हेतु ऄपने अतधकाररक पद का दुरुपयोग नहीं करना चातहए
यह संतहता ऄन्य मुद्दों से भी संबंतधत है, जैस-े सािाजतनक रटप्पणी, अतधकाररक सूचना जारी करना,
लोक सेिाओं की समेककत भूतमका और व्यािसातयकता एिं सहयोग के मार्धयम से तनरं तर सुधार अकद
(Second Initiative for Public Service Values- Public Service Bill, 2006)
2006 में कार्थमक तिभाग िारा एक लोक सेिा तिधेयक का मसौदा तैयार ककया गया था आस तिधेयक
में लोक सेिाओं के तलए बुतनयादी मूल्यों, नीततपरक अचार संतहता, प्रबंधन संतहता अकद को सूचीबद्
ककया गया था आसका ईद्देश्य लोक सेिाओं को पेशेिर, राजनीततक रूप से तटथथ, योग्यता अधाररत
तथा जिाबदेह बनाना है लोक सेिकों को तनदेतशत करने िाले प्रमुख मूल्य तनम्नतलतखत हैं:
दुव्यािहार से तनपटने हेतु ईपयुक्त प्रकियाएं और प्रततबंधों को तनधााररत ककया जाना चातहए
संयुक्त राष्ट्र संघ िारा भ्रष्टाचार की समथया के पररप्रेक्ष्य में कदसंबर 1996 में, आं टरनेशनल कोड ऑफ़
कं डक्ट फॉर पतब्लक ऑकफतसयल को ऄंगीकृ त ककया गया था आस संतहता की प्रमुख तिशेषताएं
तनम्नतलतखत हैं:
राष्ट्रीय कानून िारा पररभातषत लोक पद, एक तिश्वास का पद होता है तजसमें जनतहत में काया
करने का कताव्य ऄंतर्थनतहत होता है आसीतलए लोक ऄतधकाररयों की परम तनष्ठा सरकार की
लोकतांतत्रक संथथाओं के मार्धयम से ऄतभव्यक्त ईनके देश के जनतहतों के प्रतत होगी
लोक ऄतधकाररयों िारा यह सुतनतित ककया जायेगा कक िे ऄपने कताव्यों और कायों का तितधयों
या प्रशासतनक नीततयों के ऄनुसार कु शलतापूिाक, प्रभािी तरीके से तथा सत्यतनष्ठा के साथ
तनष्पादन करें गे ईनके िारा तनरं तर यह भी सुतनतित करने का प्रयास ककया जायेगा कक
सािाजतनक संसाधनों (तजनके तलए िे ईत्तरदायी हैं) को प्रभािी और कु शल तरीके से प्रशातसत
ककया जा रहा है
लोक ऄतधकाररयों को ऄपने कायों के तनष्पादन में और तिशेष रूप से लोगों के साथ ऄपने संबध
ं ों
के तनधाारण में सतका , न्यायोतचत और तनष्पक्ष होना चातहए ईन्हें कभी भी ककसी समूह या व्यतक्त
के साथ ककसी भी प्रकार का ऄनुतचत पक्षपातपूणा व्यिहार नहीं करना चातहए या ककसी व्यतक्त या
समूह के तिरुद् ऄनुतचत रूप से भेदभाि प्रकट नहीं करना चातहए आसके ऄततररक्त, ईनके िारा
ऄपनी शतक्त और प्रातधकार का दुरुप्रयोग नहीं ककया जाना चातहए
करने और ईन्हें लोक सेिकों पर लागू करने संबंधी कमजोर संथथागत तंत्र भी ईत्तरदायी हैं नैततक
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रूप से सक्षम तनणाय तनमााण प्रकिया को संथथागत थिरूप प्रदान करने, सरकार को पक्षपात रतहत
परामशा प्रदान करने और ऄंततः, पेशेिर ईत्तरदातयत्ि, अत्म-ऄनुशासन और तितध के शासन का
समथान करने िाली एक 'नैततक संथकृ तत' थथापना के तलए निीन प्रौद्योतगककयों को ऄपनाए जाने
की अिश्यकता है
नैततक मूल्यों और सत्यतनष्ठा को प्रोत्सातहत करने िाली प्रशासतनक कायाप्रणातलयों और प्रकियाओं
को तिकतसत करना: तसथटम िारा ऄनुकरणीय मॉडल को प्रोत्सातहत ककया जाना चातहए तथा
सम्पूणा नौकरशाही हेतु लोक सेिकों की सिोत्तम कायाप्रणातलयों और ऄनुकरणीय कायािातहयों को
प्रसाररत करने की प्रकिया को भी शातमल करना चातहए आसके ऄततररक्त, लोक सेिाओं में बढ़ते
निाचार की संभािनाओं के ऄनुरूप प्रदशान मूल्यांकन प्रणातलयों को भी निीकृ त ककया जाना
चातहए
लोक सेिक तनम्नतलतखत के मर्धय संघषा की तथथतत में थियं को दुतिधा में पाते हैं:
लोक प्रशासन के तितभन्न मूल्यों के मर्धय नैततक दुतिधा, जैस-े दक्षता बनाम जिाबदेही;
अचरण संतहता के तितभन्न पहलुओं के मर्धय - कताव्यों के तनष्पादन के तलए पुरथकार ऄथिा ईपहार
थिीकार करना;
व्यतक्तगत मूल्य बनाम िररष्ठों के तनदेश या सरकारी तनदेश;
पेशेिर नैततकता बनाम एक पयािेक्षक/प्रातधकारी िारा जारी ककसी ऄन्यायपूणा अदेश का
ऄनुसरण; एिं
ऄथपष्ट या प्रततथपधी जिाबदेही, जैस-े तिभाग ऄथिा समाज के प्रतत
लोक प्रशासन में नैततक दुतिधाओं से तनपटने की प्रकिया को एकीकृ त करने िाले मौतलक तसद्ांतों या
मानदंडों के समूह में तनम्नतलतखत शातमल हैं:
प्रशासन की लोकतांतत्रक जिाबदेही;
तितध का शासन और िैधता का तसद्ांत;
पेशेिर सत्यतनष्ठा; तथा
नागररक समाज के प्रतत ऄनुकियाशीलता
आन्हें लोक प्रशासन में नीतत संबध
ं ी तका की ऄतनिायाताओं के ALIR (ईत्तरदातयत्ि, िैधता, सत्यतनष्ठा,
ऄनुकियाशीलता) (Accountability, Legality, Integrity, Responsiveness) मॉडल के रूप में
िर्थणत ककया जा सकता है
लोक ऄतधकारी न के िल कानून ऄथिा सािाजतनक नीतत का कायाान्ियन करते हैं, बतल्क ऄपने कताव्यों
के तनिाहन के दौरान िे लोगों के जीिन के तितभन्न पक्षों को प्रभातित करने िाले तनणाय भी लेते हैं जन
कल्याण का मुद्दा प्रशासतनक तििेकातधकार के ईतचत ईपयोग ऄथिा दुरुपयोग पर काफी हद तक
तनभार करता है
संबद्ताओं, ऄथिा यहां तक कक व्यतक्तगत ईन्नतत के अधार पर ककया जाता है आससे ज्ञात तथ्यों की
ऄिहेलना की जाती है तथा तका संगत तनणाय तनमााण को नकारात्मक रूप से प्रभातित ककया जाता है
ऐसे में सभी तनधााररत तनयमों, तितनयमों और प्रकियाओं का पालन करने पर भी तििेकपूणा चयन को
ऄनैततक या भ्रष्ट माना जा सकता है
ऄतधकांश ऄतधकारी, लोक पद के तलए अिश्यक ईच्च मानकों का ऄनुपालन करते हैं और जन सामान्य
के कल्याण को बढ़ािा देने के तलए समर्थपत रहते हैं हालांकक, लोक सेिकों के नैततक मानकों को पूणातः
समाज से प्रत्यक्ष रूप से संबंतधत ककया जाता है यकद कु छ लोगों िारा यह थिीकार ककया जाता है कक
ककसी सरकारी ऄतधकारी से शीघ्र प्रततकिया प्राप्त करने (ऄथाात् शीघ्रतापूिाक ऄपना काम कराने) के
तलए कु छ अर्थथक ऄथिा ऄन्य प्रोत्साहन प्रदान करना अिश्यक है, और ऄतधकारी ईक्त प्रोत्साहन को
थिीकार करता है, तो यहाँ कु छ लोगों के दृतष्टकोण से ऄतधकाररयों और जनता के नैततक अचरण के
मानकों के मर्धय सांमजथय तिद्यमान पाया जाता है लेककन यह समाज में भ्रष्टाचार के ईच्च सतहष्णुता के
थतर को प्रदर्थशत करता है और यकद समाज िारा यह ऄपेक्षा की जाती है कक सरकार कु छ लोगों के तहतों
के बजाय जन तहत में संचातलत हो, तो आस प्रिृतत्त का त्याग ककया जाना चातहए
भाइ-भतीजािाद (लोक पदों पर ररश्तेदारों और/या तमत्रों की तनयुतक्त ऄथिा ईनके पक्ष में काम करना,
तजससे योग्यता/तनष्पक्षता के तसद्ांत की ऄिहेलना हो सकती हैं) से लोक सेिा की गुणित्ता में कमी अ
सकती है आसके कारण संघ-भाि एिं तिश्वास की समातप्त तथा प्रशासतनक भ्रष्टाचार में िृतद् होती है
साथ ही नीतत तनमााताओं के साथ ऄपने व्यतक्तगत संबंधों और सरलता से पदच्युत या ऄन्यों िारा
प्रततथथातपत न ककए जाने के कारण तनयंत्रण ईपायों को तिकृ त करके कु छ चुचनदा लोगों के चयन करने
क्षमता का तिकास होता है
अतधकाररक सूचनाएं सामान्यतः संिेदनशील प्रकृ तत की होती हैं और ऐसी सूचना के प्रकटीकरण का
पररणाम ऄव्यिथथा, भ्रष्ट कायाप्रणाली या कु छ व्यतक्तयों के तलए ऄनुतचत मौकद्रक लाभ के रूप में हो
सकता है सािाजतनक घोषणा से पूिा ककसी भी तततथ की अतधकाररक सूचना का खुलासा प्रकियात्मक
तनदेश का ईल्लंघन है और यह एक नैततक दुतिधा भी हो सकती है
चूंकक लोक सेिक, सािाजतनक नीततयों का कायाान्ियन करते हैं, आसतलए ईन्हें ऄपने िररष्ठ ऄतधकाररयों,
न्यायालयों और जन सामान्य के प्रतत ऄपने अतधकाररक कायों हेतु जिाबदेह होना चातहए तथातप,
नीतत तनमााताओं को प्रायः परथपर-तिरोधी ईत्तरदातयत्िों का सामना करना पड़ता है ईन्हें ऄपने िररष्ठ
ऄतधकाररयों के साथ-साथ समाज के प्रतत भी ऄपनी तनष्ठा प्रदर्थशत करनी पड़ती है ईन्हें सामान्य जन
के पक्ष और तहत में काया करने की थितंत्रता प्राप्त होती है, परन्तु ईन्हें ऄपने कायों के तलए ऄपने िररष्ठों
और समाज के प्रतत भी ऄिश्य ईत्तरदायी होना चातहए
ईपयुाक्त संदर्थभत संभातित संघषा के क्षेत्रों के ऄततररक्त, ऄन्य समथयागत क्षेत्रों, जहां नैततक दुतिधाएं
करना एक मानिीय ऄतभिृतत्त है, तजसके कारण आसका पूणातः ईन्मूलन करना ऄसंभि है’ ऄतः आस
प्रकार के थपष्ट धारणा के मार्धयम से भ्रष्टाचार की घटनाओं को कम ऄथिा प्रततबंतधत करने का पूणा
प्रयास ककया जाता है
अचरण संतहता िथतुतः तसद्ांतों और तनयमों का एक समुच्चय है, जो सामातजक संथथानों को ऄपने
तहतधारकों के प्रतत तथा तहतधारकों (तिशेष रूप से कमाचाररयों) को संथथा और एक-दूसरे के प्रतत
व्यिहार करने संबंधी पद्तत को शातसत करते हैं
संतहता, के िल ईन तनदेशों के ऄनेक समुच्चयों में से एक है तजसके ऄधीन संगठन और व्यतक्त काया करते
हैं कं पतनयां, कानून के ऄधीन होती हैं और कानून के मार्धयम से ईनका अचरण तनधााररत ककया जा
सकता है
आस प्रकार, संतहताएँ सामान्यतः नैततक अचरण, जैस-े सत्यतनष्ठा के साथकाया करना और दूसरों के
ऄतधकारों का सम्मान करना अकद से संबंतधत तििरण हैं लेककन संतहताओं के मार्धयम से ऐसे व्यिहार
रखते हुए व्यिसाय करती हैं सािाजतनक क्षेत्र के कइ संगठन भी ऐसा करते हैं आंजीतनयररग,
एकाईं रटग, तचककत्सा और तितधक जैसे व्यिसायों में ऐसी संतहताएँ ऄपनायी जाती हैं
तनयुतक्तयों में तहतों का संघषा; तिशेष रूप से पररिार िारा संचातलत कं पतनयों में तनदेशक मंडल
जैसे पदों पर तनयुतक्त के मामले में ऐसा देखा जा सकता है
लेखापरीक्षा प्रकिया में सत्यतनष्ठा- कइ कं पतनयों को ऄपनी बैलस
ें शीट में धोखाधड़ी करते हुए
पाया गया है ईतचत लेखा परीक्षा करना और ककसी भी प्रकार के ईल्लंघन का पता लगाना लेखा
परीक्षकों का काया है, तजसमें िे ऄनेक मामलों में तिफल रहे हैं
आनसाआडर ट्रेचडग और शेयर की कीमतों में हेरफे र
बाजारों में व्यिसायी समूहन (काटालाइज़ेशन) और हेरफे र
सरकारी नीततयों को ऄपने पक्ष में प्रभातित करने हेतु लॉचबग
पक्षपात: आसका ऄथा यह है कक तनयोक्ता पदोन्नतत और बोनस के संबंध में ककसी तिशेष व्यतक्त का
पक्ष ले सकता है और थपष्ट रूप से ऄन्य पात्र कमाचाररयों की ईपेक्षा कर सकता है तनयोक्ता के आस
अचरण को ऄत्यतधक ऄनैततक माना जाता है
लैंतगक ईत्पीड़न को कानूनी/नैततक/अचरण की दृतष्ट से सही नहीं माना जा सकता है, चाहे ऐसा
कायाथथल पर हो ऄथिा ईससे बाहर ककसी कमाचारी का लैंतगक ईत्पीड़न ऄथिा ऐसे ऄपराधों में
शातमल लोगों के तिरुद् कायािाही करने से बचना अकद सभी को यहाँ ऄक्सर कठोरता से िर्थजत
ककया जाता है
तबना ककसी सूचना के कमाचारी को बखााथत करना कु छ मामलों में, बजट प्रबंधन जैसे कारणों से
कं पतनयां कमाचाररयों की संख्या को कम करने के तलए बड़े पैमाने पर छं टनी के तिकल्प का चयन
करती हैं आस तरह के कदम कम से कम एक माह ऄथिा दो माह की पूिा सूचना एिं नोरटस के
पिात ईठाए जाने चातहए, ताकक व्यतक्त नौकरी के ऄन्य तिकल्पों की खोज का सके ककसी भी
प्रकार के भ्रम से बचने के तलए नोरटस देकर कमाचाररयों को ईतचत समय प्रदान ककया जाना
चातहए संगठन छोड़ने के पिात कमाचारी के भतिष्य तनतध और ग्रेच्युटी का भुगतान करने में
ऄनािश्यक तिलम्ब पेशि
े र नैततकता का ईल्लंघन है
संसाधनों का दुरुपयोग करना, ईदाहरणाथा: कं पनी के खचा पर ऄनािश्यक फ़ोन कॉल करना अकद
कं पनी की संपतत्त को घर ले जाना: कु छ कमाचारी घर पर ईपयोग करने हेतु कं पनी के ईपकरण
तथा थटेशनरी का सामान, जैस-े थटेपलर, तपन, कागज़ आत्याकद ले जाते हैं
ऄनुमत संख्या से ऄतधक छु रियां लेना नीततपरक अचार संतहता के ईल्लंघन को दशााता है आससे न
के िल कं पनी को क्षतत पहुँचती है बतल्क कमाचारी की छति भी ख़राब होती है
मशीनरी का ऄनुतचत ईपयोग: कु छ कमाचारी कं पनी के कं प्यूटर एिं चप्रटर का ईपयोग ऄत्यतधक
चप्रट अईट्स, ऄतधक डाईनलोचडग और ऄनािश्यक नेट सर्फफग आत्याकद के तलए करते हैं
यात्रा भत्ता का लाभ ईठाना: यह ईन कमाचाररयों पर लागू होता है जो तनरं तर यात्राएं करते रहते
हैं, जैस-े माके रटग प्रोफे शनल नीततपरक अचार संतहता के ऄततररक्त व्यािहाररक ज्ञान के ऄनुसार
भी व्यतक्तगत लाभों के तलए ऐसा नहीं करना चातहए
कं पनी के तनयमों एिं तितनयमों का ईल्लंघन करना: सामान्यतः ककसी भी संगठन के तनयमों एिं
शतों को थिीकार करना प्रकिया में शातमल होने का एक भाग माना जाता है आन तनयमों में से
ककसी एक का भी ईल्लंघन करने से कं पनी एिं कमाचारी के मर्धय ऄिांछनीय समथयाएं ईत्पन्न हो
सकती हैं कं पनी की गोपनीयता की नीतत को बनाए रखने में तिफलता भी तनयमों के ईल्लंघन का
एक प्रकार है प्रत्येक कं पनी की ऄपनी एक गोपनीयता संबंधी नीतत होती है ककसी भी संगठन में
कायारत कमाचारी का यह ईत्तरदातयत्ि होता है कक िह कं पनी से संबंतधत डेटा और ऄन्य तििरण
को ककसी ऄन्य कं पनी/प्रततिंिी संगठन को प्रदान न करें
अपतत्तजनक संचार: कमाचाररयों को कायाालय में अपतत्तजनक भाषा का ईपयोग करने की
ऄनुमतत नहीं होती है परं तु जब कोइ भी घटना कं पनी के बाहर घरटत होती है, तब ईसपर ककसी
भी प्रकार से तिचार नहीं ककया जाता है
कइ संगठनों हेतु काया करना: सामान्यतः कं पतनयां ऄपने कमाचाररयों को एक से ऄतधक संगठनों में
काया करने हेतु प्रततबंतधत करती हैं, तिशेषतः प्रततथपधी कं पनी िारा जहां संगठन की गोपनीय
सूचना का ईपयोग ककया जा सकता है आससे कमाचारी की ईसके तनयोक्ता के प्रतत तनष्ठा पर प्रश्न
ईठता है
कं पनी के तलए तनधााररत दैतनक समय पर व्यतक्तगत काया करना: कमाचारी िारा सप्तातहक कदनों
का ऄत्यतधक समय नौकरी पर व्यतीत करने के कारण प्रायः िे कं पनी के तलए तनधााररत दैतनक
समय पर व्यतक्तगत काया करने का प्रयत्न करते हैं आसमें कं पनी की फोन लाआन िारा डॉक्टर से
समय लेना, तनयोक्ता के कं प्यूटर एिं आं टरनेट कनेक्शन िारा छु रियों के तलए यात्रा हेतु अरक्षण
करना ऄथिा यहां तक कक कं पनी के तलए तनधााररत समय में फ्रीलांस साआड तबज़नेस हेतु फ़ोन
कॉल करना आत्याकद शातमल हैं
ऄन्य व्यतक्त िारा ककए गए काया का श्रेय लेना: प्रायः कमाचारी ककसी िथतु का माके रटग कैं पेन
तैयार करने, नए ईत्पादों को तिकतसत करने ऄथिा सेिाओं में सुधार करने हेतु टीम के रूप में काया
करते हैं; परं तु ऐसा कम ही पाया जाता है कक समूह का प्रत्येक व्यतक्त एक समान रूप से ऄंततम
ईत्पाद में ऄपना संपण
ू ा योगदान करता है यकद कोइ भी कमाचारी प्रततकू ल पररतथथततयों में ऄपने
सह-कर्थमयों साथ नहीं देता है तो आससे ऄन्य कमाचाररयों में िेष की भािना ईत्पन्न हो सकती है
यह तथथतत तब भी ईत्पन्न हो सकती है, जब सभी कमाचारी समान श्रेय को थिीकार करते हैं, चाहे
ईत्कृ ष्ट तरीका यह है कक आस प्रकार की पररतथथतत को ईत्पन्न नहीं होने कदया जाना चातहए टीम
के सभी सदथयों को आस बात पर बल देना चातहए कक प्रत्येक सदथय को कु छ तितशष्ट काया सौंपे
जाए ताकक संबद् तरीके से पररयोजना को पूणा ककया जा सके आस बात पर भी र्धयान कें कद्रत ककए
जाने की अिश्यकता है कक काया का श्रेय पूरी टीम को कदया जाएगा न कक ककसी एक व्यतक्त को
तथा यह ईस टीम लीडर का नैततक दातयत्ि है कक ककसी भी प्रकार की कमी रहने पर ईसकी
तजम्मेदारी ले {प्रोफे सर सतीश धिन (तत्कालीन आसरो ऄर्धयक्ष) ने डॉ. ए. पी. जे ऄब्दुल कलाम
की ऄगुअइ िाली टीम िारा प्रथम सैटेलाआट लॉन्च हहीकल तमशन की तिफलता को थिीकार करते
हुए आस गुण का प्रदशान ककया }
ईत्पीड़क व्यिहार: प्रायः कमाचाररयों को यह ज्ञात नहीं होता है कक एक सहकमी िारा ऄन्य
सहकमी का मानतसक, लैंतगक ऄथिा शारीररक रूप से ईत्पीड़न करने पर क्या कारा िाइ की जानी
चातहए कमाचारी को यह भय रहता है कक यकद िह ऄपने िररष्ठ को ईत्पीड़न की तशकायत करता
है, तो ऄपनी नौकरी को गंिा सकता है साथ ही िह आस बात को लेकर भी चचततत रहता है कक
यकद िह ककसी सहकमी की ऄन्य सहकमी के प्रतत ऄनुपयुक्त व्यिहार की तशकायत करता है, तो
ईसे ईपद्रिी कहा जाएगा आस नैततक दुतिधा का समाधान करने की ईतचत तितध ईन सदथयों पर
तनभार करती है जो कं पनी की कमाचारी हैंडबुक को तैयार करते हैं आस पुतथतका में तितशष्ट रूप से
थपष्ट शब्दों में तलखा जाना चातहए कक ईत्पीड़न संबंधी व्यिहार या ऄपने सहकर्थमयों की ऄनुतचत
कायों की सूचना देने िाले कमाचारी को दंतडत नहीं ककया जाएगा
पूिा से ही थथातपत ऄनुकरणीय सुरक्षा ऄतभलेख के बािजूद एक रासायतनक कारखाने में एक घातक
दुघाटना घरटत हो जाती है तजसमें एक व्यतक्त की मृत्यु हो जाती है दुघाटना के कारणों को ज्ञात करने
हेतु की गइ जांच िारा भतिष्य में होने िाली आस प्रकार की दुघाटनाओं को रोकने हेतु ईपाय सुझाए गए
हैं हालांकक, आन पररितानों को कायाातन्ित करना ऄत्यतधक महंगा होगा CEO के समक्ष संयंत्र को बंद
करने का तिकल्प तिद्यमान हैं तजसके पररणामथिरूप सैकड़ों नौकररयों की हातन हो सकती है, या दूसरी
कोइ भी मूल्य महान नहीं हो सकता है तजसे व्यतक्त के जीिन पर प्राथतमकता प्रदान की जा सके लेककन
यकद हम आस तसद्ांत को ऄक्षरशः व्यिहार में लागू करें गे तो दैतनक जीिन बातधत हो जाएगा आसका
ऄनुसरण करने से यह तथ्य सामने अता है कक यकद कार दुघाटना में प्रतत िषा के िल एक व्यतक्त की ही
मृत्यु होती है तो िैसी तथथतत में सभी प्रकार के तनजी पररिहन पर प्रततबंध लगा कदया जाए ऄतः, जहां
हम मौतखक रूप से आस धारणा का समथान करते हैं कक मानि जीिन ऄपररमेय है, िहीं व्यािहाररक
रूप से, आस धारणा से ऄसंगत तनणाय तलए जाते हैं आस पररदृश्य में, अर्थथक रूप से व्यिहाया समाधानों
एक खोजी संिाददाता को भ्रष्टाचार के एक मामले के संबंध में जानकारी प्राप्त होती है तजसमें ककसी
प्रतततष्ठत कं पनी के बोडा के सदथय िारा कइ लाख रुपये के भूतम खरीद सौदे में फ्री हॉतलडे थिीकार
ककया गया है ऄर्धयक्ष िारा पहले ही बोडा के संबंतधत सदथय से िाताा की जा चुकी है, तजसने तत्काल
ऄपने पद से आथतीफा देने का प्रथताि रखा है संयोग से, आस सौदे को ऄंततम रूप नहीं कदया जा सका
और आस प्रकार ककसी भी प्रकार की हातन नहीं हुइ ररपोटार फोन पर ऄर्धयक्ष से आस ऄफिाह की
िाथततिकता के संबंध में जानकारी प्राप्त करता है आस तथथतत में यकद ऄर्धयक्ष िारा भ्रष्टाचार के आस
मामलें की जानकारी प्रदान की जाती है तो आसके पररणामथिरूप कं पनी के शेयरों की कीमतों में
तगरािट हो सकती है यहाँ ऄर्धयक्ष सच्चाइ को थिीकार कर सकता है या संिाददाता को ऄहातनकर
थपष्टीकरण के मार्धयम से गलत सूचना (एक 'सफे द झूठ') प्रदान कर सकता है
यह प्रकरण तसद्ांतों और पररणामों के मर्धय संघषा का एक ईदाहरण है नैततक तसद्ांत के संदभा में, झूठ
बोलना सदैि गलत होता है हालांकक, िाथततिक जीिन में एक ऐसी पररतथथतत ईत्पन्न होती है जहां
सत्य बोलने के मूल्य को चुकाने के तलए हम तैयार नहीं होते हैं आसे एक अदशा ईदाहरण िारा थपष्ट
ककया जा सकता है- कु ल्हाड़ी तलए हुए कोइ हत्यारा अपसे यह पूछता है कक 'िह ककस मागा से गया है?'
आस पररतथथतत में सत्य के ऄततररक्त ऄन्य कोइ भी प्रततकिया एक झूठ होगी आस पररतथथतत में ककसी
एक प्रयोगशाला ईपकरण तितनमााण कं पनी में एक मानि संसाधन प्रबंधक को कं पनी के कायाबल में से
एक ऄतधक िररष्ठ सदथय के संबध
ं में करठन तनणाय का सामना करना पड़ता है ईसकी सेिातनिृतत्त में
के िल दो िषा शेष हैं, िह व्यतक्त ऄत्यतधक तज़म्मेदारी और समपाण के साथ काया करता है लेककन ईसकी
काया दर में ऄत्यतधक तगरािट अ गइ है तजसके कारण ऄन्य श्रतमक ईसकी तशकायत करना प्रारं भ कर
देते हैं कं पनी के प्रतत समपाण यह दशााता है कक प्रबंधक िारा कं पनी के तहत में सबसे बेहतर तनणाय
तलया जायेगा और ईस व्यतक्त को कं पनी से तनकाल कदया जायेगा एक ऄतधक मानिीय कायािाही यह
भी हो सकती है कक ईसे ऐसे ऄनुभाग में थथानांतररत कर कदया जाए जहां ईत्पादकता की कमी को
नोरटस करने की कम संभािना हो
यह प्रकरण दुतिधा का एक ईदाहरण है, जो भूतमकाओं के मर्धय संघषा के कारण ईत्पन्न हुइ है एक
प्रबंधक भी ककसी डॉक्टर के समान कु छ कताव्यों और दातयत्िों को थिीकार करता है, जो ईसकी भूतमका
के तलए तनधााररत हैं आसके तलए ककसी को भी बार्धय नहीं ककया जाता हम ऄपने पेशे संबंधी भूतमका
का तनिाहन करने के तलए थितंत्र होते हैं और ऄपने कायों के अधार पर ऄपनी पहचान का तनमााण
करते हैं लेककन एक मानि की तथथतत के िल एक भूतमका से कहीं ऄतधक होती है प्रबंधक भी एक
ईत्तरदायी नागररक, एक िफादार पतत/पत्नी एिं देखभाल करने िाला माता-तपता, एक सभ्य मानि
होता है आन भूतमकाओं में तिशेष प्रकार के दातयत्ि तनतहत होते हैं, तजनमें संघषा ईत्पन्न करने की क्षमता
होती है सैद्ांततक प्रततकिया कक 'ककसी व्यतक्त का ऄपनी कं पनी के प्रतत समपाण सभी पररतथथततयों में
आस प्रकार के तनणाय का सामना करने िाले प्रत्येक व्यतक्त के तलए, एक थपष्ट तनधाारक चबदु होता है
लेककन यह पूिा में ही तनधााररत नहीं ककया जा सकता है कक िह चबदु कौन-सा है ऐसी पररतथथतत में हमें
एक तिकल्प का चयन करना होता है और ईसके ऄनुरूप काया करना होता है हम ऄपने तनणाय के पक्ष
में तका प्रथतुत कर सकते हैं, लेककन ईपलब्ध तिकल्पों के मर्धय साथाक तुलना ककये तबना तलया गया कोइ
के स 4
एक तनयोक्ता X लंबे समय से कं सचल्टग तबज़नेस का संचालन कर रही है और ईसे आसे प्रबंतधत करने में
सहायता करने हेतु ककसी ऄन्य व्यतक्त को तनयुक्त करने की अिश्यकता है िह कइ व्यतक्तयों का
साक्षात्कार लेती है और ऄंततः नौकरी के तलए ईम्मीदिार Y का चयन करती है तजसे ऄगले सप्ताह से
काया प्रारं भ करने के तलए कहा जाता है आस बीच, X का तमत्र ईसे फोन करके आस पद हेतु एक
ऄत्यतधक प्रततभाशाली और योग्य व्यतक्त Z की तसफाररश करता है हालांकक X ईसके िारा सुझाए गए
व्यतक्त के तलए मना कर देती हैं Z ईतचत बायो डेटा के साथ अता है और तनयोक्ता िारा ईसे पसंद कर
तलया जाता है आस पररतथथतत में दुतिधा यह ईत्पन्न हो जाती है कक ककस प्रकार के व्यतक्त का चयन
ककया जाए जो व्यिसाय के तलए सिाातधक योग्य है या नैततक रूप से ऐसे व्यतक्त को चयतनत ककया जाये
तजसे पहले तनयुक्त कर तलया गया है
ईपयुाक्त मुद्दे का समाधान व्यिसाय में नैततक दुतिधाओं के तीन मूलभूत प्रश्नों को संदर्थभत करके ककया
जा सकता है
क्या यह तितध सम्मत है? तनजी कं पतनयां ककसी भी प्रकार के भती तनयमों को मानने हेतु बार्धय
नहीं हैं हालांकक, ईन्हें प्राकृ ततक न्याय के तनयमों का पालन करना होता हैं तनतित रूप से िे
ऄपनी पसंद के ईम्मीदिारों को चयतनत और ऄथिीकार कर सकती हैं हालांकक, भती के बाद ईसे
ऄथिीकार करना प्राकृ ततक न्याय के तसद्ांतों का ईल्लंघन करता है, तजसका पररणाम न्यायालय
कायािातहयों के रूप में सामने अ सकता है न्यायालय में तका प्रथतुत ककए जा सकते हैं, लेककन कफर
भी, यह न्यायाधीशों िारा तनधााररत ककया जायेगा कक िे कं पनी के ऄतधकार को (तनयुक्त करने या
सौंपी जा चुकी है और ईसे तनयुक्त करने से तनयोक्ता X यह महसूस कर सकती है कक िह सही काया
कर रही है
के स 5
की अिश्यकता होगी ईद्यमी ऄब नैततक दुतिधा में है कक क्या िे ऄपने ग्राहकों को ऄतधक बेहतर
सेिाएं प्रदान करें या ऄपने कमाचाररयों के प्रतत तनष्ठािान बने रहें तजन्होंने कं पनी की प्रगतत में सहयोग
ककया है आस तथथतत में दुतिधा यह है कक यहाँ न तो ग्राहक और न ही कमाचारी पीतड़त होने के भागी हैं
और ऄब ऄंततम तनणाय ईद्यमी िारा तलया जाना है
समाधान: आस तथथतत में तीन प्रश्नों को रे खांककत ककया जा सकता हैं:
क्या यह तितध सम्मत है? आस तनणाय को कं पनी के िररष्ठ ऄतधकाररयों और कं पनी की नीततयों के
साथ सत्यातपत ककए जाने की अिश्यकता है कं पनी िारा ऄपने कमाचाररयों के साथ ककए गए
समझौते के अधार पर दोनों िैधातनक रूप से सही हो सकते हैं
क्या यह संतुतलत है? संगठनात्मक लक्ष्यों और व्यतक्तगत लक्ष्यों को संतुतलत ककया जाना चातहए
संगठन को बाजार में बने रहने के तलए लाभ और ग्राहकों की संतुतष्ट दोनों की अिश्यकता होती है
नइ तकनीक को ऄपनाने से आन दोनों में िृतद् होने की सम्भािना है कोइ भी व्यतक्त रोज़गार की
तनतितता और ईतचत पाररश्रतमक प्राप्त करने का प्रयास करता है आस तथथतत के ईत्पन्न होने से पूिा
ये दोनों लक्ष्य परथपर समन्ितयत थे और दोनों के तलए लाभ की तथथतत तिद्यमान थी ककन्तु
ितामान तथथतत में आनके मर्धय संघषा ईत्पन्न हो गया है तनणाय कताा को िफादारी को पुरथकृ त एिं
सम्मातनत करने तथा लागत में कमी एिं ऄतधक ग्राहक-संततु ष्ट के मार्धयम से संभातित लाभ में
िृतद् के तिकल्प के मर्धय चयन करना होगा
कं पनी की प्रगतत में िृतद् करना और ईसे ऄतधक थिचातलत थिरूप प्रदान करने में कु छ भी
ऄनुतचत नहीं है तकनीकी तपछड़ापन कं पनी के तिकास में बाधक होता है, ऄतः तकनीक को
ऄपनाना गलत तिकल्प नहीं होगा हालांकक, तनयोक्ता को ऄपने मानि संसाधन का ईपयोग करने
और ईन्हें ऄपनी प्रततष्ठा बनाए रखने के तलए ऄन्य क्षेत्रों में थथानांतररत करने के तलए कदम ईठाना
चातहए, क्योंकक बड़े पैमाने पर छंटनी के कारण कं पनी की छति को रोजगार बाजार में एक बड़े
ये दो मामलें, व्यिसातयक नैततक दुतिधाओं के तितशष्ट ईदाहरण हैं जीिन के समान ही व्यिसाय में
कु छ तनणाय करना ऄत्यतधक करठन होता है, लेककन यह थमरण रखना चातहए कक - अपको िही करना
है जो अपको करने के तलए कहा गया है - आस प्रकार की दुतिधाओं के समाधान की कोइ ऄतनतित
तितध नहीं है!
नीततशास्त्र में प्रयुक्त तितध, भौततकी में तितध की ऄिधारणा से तभन्न हैं, जो कारा िाइ के एक सामान्य
ऄथिा थथायी तरीके को सूतचत करती है नीततशास्त्र में, तितध एक नैततक ऄिधारणा है ईदाहरण के
तलए, आसे आस रूप में पररभातषत ककया गया है कक "यह सामान्य शुभ के कारण के रूप में एक अदेश है
और आसे समुदाय की देखभाल करने िाले व्यतक्त िारा प्रचाररत ककया जाता है " (सेंट थॉमस एकिनास)
Lex (लेक्स) शब्द (लैरटन में ‘तितध’ हेतु प्रयुक्त शब्द) िथतुतः लैरटन शब्द ligare (तलगर) से बना है,
तजसका ऄथा "बांधना" होता है यह लोगों को काया करने ऄथिा न करने हेतु प्रेररत करता है यह एक
दातयत्ि भी अरोतपत करता है आसके ऄततररक्त, यह एक कारा िाइ को थथातपत करता है तजसका
ऄनुसरण ककया जाना चातहए साथ ही, तितध मानि प्रकृ तत के ऄनुरूप होनी चातहए तथा मानि प्रकृ तत
को तितधयों का ऄनुपालन करने के तलए भौततक एिं नैततक रूप से समथा होनी चातहए आसे के िल
न्यायोतचत ही नहीं होना चातहए, बतल्क सभी पर समान रूप से लागू भी होनी चातहए आसके
ऄततररक्त, यह ‘सामान्य शुभ’ के तलए है न कक तनजी लाभ के तलए
हालांकक, ककसी से भी तितध के ऄनुपालन की ऄपेक्षा करने से पूिा आसे तितध तनमााताओं िारा प्रख्यातपत
ककया जाना चातहए ऄथिा आसके संबंध में समुदाय को जानकारी होनी चातहए यकद तितध तनमााता
तितध के ऄतथतत्ि को प्रख्यातपत या प्रचाररत नहीं करते हैं, तो नागररकों िारा आसका ऄनुपालन नहीं
ककया जायेगा तथा तितध तनमााता आसके ऄनुपालन की ऄपेक्षा नहीं कर सकें गे
सेंट थॉमस एकिनास (13िीं सदी के दाशातनक ि इसाइ संत) ने तितभन्न प्रकार की तितधयों का एक
प्रतसद् िणान प्रथतुत ककया ईन्होंने धमाशास्त्र से व्युत्पन्न शाश्वत तितध (eternal law), जो इश्वर को
िह्ांड के ऄतधपतत के रूप में दशााता है, तथा लौककक ऄथिा सामतयक तितधयों के मर्धय तुलना ककया
शाश्वत तितध िह तितध है जो ऄनंतकाल तक बनी रहती है, ऄथाात् मनुष्य या ऄन्य जीिों के ऄतथतत्ि के
साथ या ईसके तबना यह सदैि तिद्यमान होती हैं शाश्वत तितध इश्वर की आच्छा है यह ऄगली श्रेणी
ऄथाात् दैिीय तितध (Divine law) के रूप में प्रकट होती है दैिीय तितध, शाश्वत तितध से व्युत्पन्न
तितध है तजसे तितभन्न पतित्र पुथतकों के मार्धयम से इश्वरीय अदेशों के रूप में मनुष्यों के तलए 'प्रकातशत'
ककया गया है ककन्तु यकद इश्वर ने आन तितधयों को तनर्थमत ककया है तो ईसने मनुष्यों िारा ईन्हें जानने
का एक तरीका भी ऄिश्य तनर्थमत ककया होगा ितामान में प्रत्येक मनुष्य आन पतित्र पुथतकों को न तो
पढ़ सकता है / न ही पढ़ता है / न ही हर कोइ इश्वर में तिश्वास करता है आसतलए, थॉमस एकिनास
कहते हैं कक इश्वर ने मनुष्य को ऄंतज्ञाान के साथ-साथ तका के अधार पर प्रकृ तत से आन तितधयों को प्राप्त
है हम ईन चीजों से बचते हैं जो हमारे ऄतथतत्ि को क्षतत पहुंचा सकती हैं आसी प्रकार, सभी प्रातणयों
को ऄपने ऄतथतत्ि को तनरं तर बनाए रखने के तलए प्रजनन की अिश्यकता होती है यह थिाभातिक भी
है
प्राकृ ततक तितध की ऄिधारणा को थॉमस हॉब्स ने अगे बढ़ाया, तजन्होंने आसे 'एक अदेश या सामान्य
तनयम' के रूप में िर्थणत ककया, तजसकी ईत्पतत्त बुतद् िारा होती है “आसके िारा एक व्यतक्त को ऐसा
करने के तलए िर्थजत ककया जाता है जो ईसके जीिन के तलए तिनाशकारी है ” हॉब्स ने ''अधारभूत
शुभ’' की ऄिधारणा को भी अगे बढ़ाया, तजसकी हम आच्छा रखते हैं, जैस-े शांतत, सुख, कृ तज्ञता
आत्याकद आसतलए कोइ भी काया जो शांतत के ऄनुसरण का ईल्लंघन करता है या सुख में बाधा ईत्पन्न
करता है ऄथिा तजससे कृ तज्ञता प्राप्त नहीं होती है ईसे प्राकृ ततक तितध का ईल्लंघन माना जाएगा यहाँ
यह थपष्ट हो जाना चातहए कक यह प्राकृ ततक तितध राजा या सरकार जैसे सक्षम प्रातधकारी िारा तनर्थमत
नहीं है आसतलए, आस शब्द के सबसे कठोर ऄथा में भी ककसी प्रकार के शासन का प्रािधान नहीं है
प्राकृ ततक तितध के सकारात्मक मानि तितध के साथ संबंध पर तिचार कीतजए सर एडिडा कोक 17िीं
शताब्दी के एक प्रतसद् ऄंग्रज
े तितधिेत्ता थे तजन्होंने ऄमेररकी िांतत को ऄत्यतधक प्रभातित ककया था
ऄमेररकी थितंत्रता की ईद्घोषणा को प्राकृ ततक तितध (मनुष्य के ऄतधकारों के रूप में) के दथतािेज के
रूप में भी माना जाता है ऄमेररकी िांततकारी नेताओं के तलए, 'तितध' का ऄथा सर एडिडा कोक की
पररपाटी और ईतचत बुतद् से था कोक ने तितध को "पूणा बुतद् (perfect reason)" माना, जो ईन
चीजों को अदेश देती है जो ईतचत एिं अिश्यक हैं तथा तिपरीत चीजों को प्रततबंतधत करती है ” कोक
या आच्छा से सिोत्तम है कोक के ऄनुसार, प्राकृ ततक तितध "िह है जो इश्वर िारा मानिीय प्रकृ तत के
सृजन के समय ही ईसके संरक्षण और तनदेशन के तलए ईसके हृदय में ऄंतर्थनतिष्ट कर दी गइ थी "
सकारात्मक तितध दो प्रकार की होती है: दैिीय और मानिीय यकद सकारात्मक तितध का रचतयता
इश्वर है, तो िह दैिीय सकारात्मक तितध है यकद सकारात्मक तितध का मूल स्रोत मानि है, तो यह एक
मानिीय सकारात्मक तितध है यहां हम मानि और सकारात्मक शब्दों का ईपयोग परथपर एक-दुसरे के
तलए कर रहें हैं 'तितध को प्रभािी’ बनाने हेत,ु आसे तितधित ऄतधतनयतमत, थिीकाया और कियातन्ित
ककया जाना चातहए सकारात्मक तितध भी समय के साथ तिकतसत हइ है आसके ऄंतगात आस प्रकार की
तितध होती है जो तितध-तनमााताओं की थितंत्र आच्छाशतक्त पर तनभार करती है और कु छ बाह्य प्रतीकों
िारा प्रख्यातपत की जाती हैं
एकिनास ने यह बताया कक सभी मानि ऄथिा सकारात्मक तितध को प्राकृ ततक तितध के ऄनुरूप
तनधााररत ककया जाना था एक ऄनुतचत तितध ऄपने शब्द के पूणा ऄथा में तितध नहीं है यह के िल तितध
की 'प्रतीतत (appearance)' को बनाए रखता है क्योंकक आसे एक तितध के समान ईतचत रूप से तनर्थमत
और लागू ककया जाता है, लेककन यह थियं ‘तितध का तिकृ त रूप’ होता है प्राकृ ततक तितध का न के िल
तितभन्न तितधयों के नैततक मूल्य के अधार पर तनणायन करने हेतु ईपयोग ककया जाता है, बतल्क यह
तनधााररत करने के तलए भी ककया जाता है कक ईन तितधयों का ऄथा क्या है
प्राकृ ततक तितध के साथ समथया
प्राकृ ततक तितध का तसद्ांत हमें अधारभूत शुभ प्रदान करता है आन अधारभूत शुभों को जानने के तलए
पतित्र पुथतकों की अिश्यकता नहीं होती है हमारी सहज प्रिृतत्त हमें अधारभूत शुभों का ज्ञान प्रदान
करती है तथा बुतद् के अधार पर हम आन अधारभूत शुभों से प्राकृ ततक तितध को व्युत्पन्न करते हैं िे ही
काया ईतचत हैं जो प्राकृ ततक तितध के ऄनुरूप हैं ऄब, ईत्तरजीतिता की थिाभातिक प्रिृतत्त पर तिचार
कीतजए मैं जीतित रहना चाहता हं और ऄन्य सभी लोग भी ऐसा ही चाहते हैं आसतलए, बुतद् के
मार्धयम से, मैं एक प्राकृ ततक तितध को व्युत्पन्न कर सकता हं कक हत्या की ऄनुमतत प्रदान नहीं की जानी
चातहए, क्योंकक हत्या ईत्तरजीतिता के अधारभूत शुभ से समझौता करती है हालांकक, सभी जीतित
प्रातणयों के तलए हत्या एक प्राकृ ततक ऄनुिम है, जैस-े खाद्य श्रृंखला में आसतलए, आस अधार पर
ऄसंगतत तिकतसत होती है कक कोइ प्राकृ ततक तितध की ककस प्रकार से व्याख्या करता है
आसके ऄततररक्त, मान लीतजए कक प्राकृ ततक तितध िारा हत्या को प्रततबंतधत ककया गया है साथ ही,
सभी प्रातणयों का ऄतधकार होने कारण प्रजनन को एक मूलभूत शुभ माना जाता है तो आस संदभा में
गभापात के बारे में तिचार कीतजए? यकद प्राकृ ततक तितध मानिातधकारों का अधार है, तो गभापात एक
मानि ऄतधकार नहीं हो सकता है, क्योंकक यह हत्या का तनषेध करने िाली प्राकृ ततक तितध का ईल्लंघन
करता है आस प्रकार, इसाइ और आथलाम दोनों धमों में गभा तनरोधक ईपाय तनतषद् हैं आसी प्रकार, ईन
लोगों के संबंध में अपका क्या तिचार है जो प्रजनन हेतु लैंतगक रूप से ऄसक्षम हैं? ऄथिा िे समलैंतगक
युगल हैं? आस प्रकार के मामलों में प्राकृ ततक तितध का तसद्ांत तिफल रहता है सामान्यतः, आनकी
व्याख्या के साथ-साथ आनके कियान्ियन के तरीकों के संबंध में समथया तिद्यमान है आसतलए,
व्यािहाररक ऄथा में, प्राकृ ततक तितध को सकारात्मक मानि तितध के नैततक चररत्र को तनधााररत करने
हेतु नैततक मागादशाक के रूप में ईपयोग ककया जाता है
अधुतनक संदभा में तितध, सकारात्मक मानिीय तितध की समानाथी है तितध िह बुतनयादी नैततक
मानदंड हैं तजसे समाज के सभी व्यतक्तयों से ऄनुपालन की ऄपेक्षा की जाती है समाज में आनके ईल्लंघन
के तिरुद् कु छ प्रततबंध अरोतपत ककए गए हैं, जो कक सामान्यतः यथोतचत रूप से प्रितानीय दंड के रूप
में तिद्यमान होते हैं तितध िारा कारा िाइ करना और कारा िाइ न करना दोनों को तनयंतत्रत ककया जाता
है ऄथाात् कु छ ऐसी तितधयां तनर्थमत की गइ हैं जो ‘क्या नहीं ककया जाना चातहए’ से संबंतधत हैं, जैस-े
हत्या; िहीं कु छ ऐसी तितधयां तनर्थमत की गइ हैं जो 'क्या ककया जाना चातहए’ से संबंतधत हैं, जैस-े
मोटर िाहनों का पंजीकरण यद्यतप तितध मानि बुतद् िारा व्युत्पन्न एक ऄर्धयादेश ऄथिा तनयम है, जो
ककसी भी तितनयम या साधारण तनयम के तुल्य नहीं है तितनयम और तनयम तितभन्न तितधयों के
तनतहताथा को तितशष्ट संदभा के ऄंतगात समझने में सहायता करते हैं
तितध का मुख्य ईद्देश्य सामान्य शुभ और सामातजक कल्याण को प्रोत्सातहत करने के साथ-साथ
व्यतक्तगत ऄतधकारों को संरक्षण प्रदान करना हैं स्रोत के अधार पर तितध को कायाातन्ित करने का
ऄतधकार, क्षेत्रातधकार से संबद् व्यतक्तयों ऄथिा तितधक रूप से समुदाय के प्रभारी व्यतक्तयों के पास
होता हैं यकद तितध के क्षेत्रीय तिथतार को देखा जाए तो यह सामान्यतः तितध तनमााता के ऄतधकार क्षेत्र
के बाहर लागू नहीं होती है, जैस-े भारतीय कानून यूरोप में लागू नहीं होते हैं हालांकक, कु छ तितधयों
का थिरुप ऄंतरााष्ट्रीय क्षेत्रातधकार िाला हो सकता है (ईदाहरणाथा- साआबर सुरक्षा कानून, देश छोड़
चुके ऄपरातधयों को दंतडत करने हेतु कराधान संबंधी कानून अकद) यू.एस. प्रेतजडेंतशयल प्राआमरी का
एक रोचक ईदाहरण आस ऄंतर को ऄतधक थपष्ट करने में सहायता करे गा 1992 के प्रेतजडेंतशयल
प्राआमरी के ईम्मीदिार तबल चक्लटन से पूछा गया था कक क्या ईन्होंने कभी ड्रग्स का सेिन ककया है तब
ईन्होंने प्रत्युत्तर में कहा कक ईन्होंने कभी भी ड्रग्स का सेिन कर संयुक्त राज्य ऄमेररका के ककसी भी
तितध का ईल्लंघन नहीं ककया है तत्पिात ईनसे पूछा गया कक क्या ईन्होंने ड्रग्स का सेिन करके ऄन्यत्र
थथान की तितध का ईल्लंघन ककया है, आसके प्रत्युत्तर ईन्होंने कहा कक जब िे ऑक्सफोडा तिश्वतिद्यालय
(आं ग्लैंड) में एक छात्र थे तब एक बार माररजुअना (गांजा) का सेिन ककया था ईन्होंने यह भी कहा कक
संयुक्त राज्य ऄमेररका की तितध आं ग्लैंड में ककसी भी ऄमेररकी नागररक/व्यतक्त पर लागू नहीं होती है
आस तिभेद के बािजूद, 1992 के िसंत के दौरान अयरलैंड में घरटत एक घटना पर तिचार कीतजए
एक चौदह िषीय अयररश लड़की ईसके साथ हुए कतथत दुष्कमा के पररणामथिरूप गभािती हो जाती
है िह और ईसके माता-तपता गभापात कराने हेतु आं ग्लैंड गए थे, क्योंकक गभापात को अयररश संतिधान
(अयरलैंड) में प्रततबंतधत ककया गया है (आसे मइ, 2018 में एक जनमत संग्रह िारा तनरथत कर कदया
गया) अयररश ऄटॉनी जनरल ने आस मामले को डबतलन तथथत ईच्च न्यायालय के समक्ष प्रथतुत ककया
न्यायालय ने तनणाय कदया कक अयररश संतिधान चौदह िषीय लड़की को आं ग्लैंड में ककसी भी थथान पर
गभापात कराने से प्रततबंतधत करता है आस तनणाय के तिरुद् अयरलैंड के ईच्चतम न्यायालय में यातचका
दायर की गइ और न्यायालय िारा आस तनणाय की समीक्षा की गइ हालाँकक, आसने तनणाय कदया था कक
युिा लड़की को गभापात हेतु आं ग्लैंड जाने का संिैधातनक ऄतधकार प्राप्त नहीं है, लेककन आसने (अयरलैंड
के ईच्चतम न्यायालय) यह तनणाय कदया कक िह गभापात करिा सकती थी क्योंकक ईसके िारा अत्महत्या
की धमकी दी जा रही थी ऄतः ईसके जीिन के ऄतधकार को भ्रूण के जीिन के ऄतधकार पर
प्राथतमकता प्रदान की गइ थी
की अिश्यकता नहीं होती है; मानि बुतद् थियं में ही सही और गलत का तनणाय करने में सक्षम है,
(प्रयोजनिाद एक नैततक तसद्ांत है तजसके ऄनुसार आस संसार में प्रत्येक िथतु की ईपतथथतत का एक
प्रयोजन है ऄथाात् कु छ पररघटनाओं को ईनकी ईपतथथतत के कारण की ऄपेक्षा प्रयोजन के संदभा में
बेहतर तरीके से पररभातषत ककया जा सकता है) सूचना, चचतन, मूल्यांकन, तनणाय और कायािाही
नैततकता के तनधाारण के मानदंड हैं यह दृतष्टकोण औतचत्यपूणा है और साथ ही आस तथ्य के तलए एक
िैध प्रततकिया भी है कक सभी तितधयों एिं तनयमों का ज्ञान होना लगभग ऄसंभि है
जहां कताव्य-परकतािादी (Deontologist) यह मानते हैं कक तितध एिं तितनयम ऄपयााप्त हैं, िहीं िे
नैततकता पर अधाररत लोक प्रशासकों के तलए प्रमुख मागादशान के रूप से तितधयों एिं तनयमों पर भी
र्धयान कें कद्रत करते हैं ऄंतःकरण के ऄभाि में ककसी भी तितशष्ट काया हेतु आन तितधयों एिं तनयमों को
लागू करना, लोक प्रशासकों में एक महत्िपूणा तत्ि की ऄनुपतथथतत को दशााता है ऄतः ऄब ईतचत और
ऄनुतचत का तनणाय करने के संदभा में हम ऄंतःकरण का एक तंत्र के रूप में परीक्षण करें गे
(यह तिशेष खंड पैरट्रक जे.शीरन िारा रतचत पुथतक ‘एतथक्स आन पतब्लक एडतमतनथट्रेशन’ से तलया
गया है ऄंत:करण के तिषय का तििरण ऄतधक साधारण शब्दों में ऄन्य नोट्स यथा नीततशास्त्र एिं
मानिीय सह-संबंध और साथ ही साथ शासन व्यिथथा में इमानदारी में भी कदया गया है तनम्नतलतखत
खंड ऄंतःकरण का सतिथतार और शैतक्षक दृतष्टकोण प्रथतुत करता है )
यद्यतप तितध मानि जातत से परे नैततकता के तसद्ांतों पर र्धयान के तन्द्रत करती है, तथातप ऄंतःकरण
मानि मतथतष्क के भीतर तिराजमान होता है जो मनुष्यों के कायों की नैततकता को तनधााररत करता है
ऄंतःकरण मतथतष्क का एक तिशेष काया है जो तब संपाकदत होता है जब बुतद् एक तिशेष काया की
व्यािहाररक तनणाय है
कताव्य-परकतािादी पररप्रेक्ष्य से ऄंत:करण का संबंध तनणाय से है जो कक बुतद् का एक काया है यह
ऄनुभूतत या संिेग नहीं है बतल्क एक बौतद्क तनणाय से संबद् है यह एक तिशेष काया के दृतष्टकोण से
एक तनणाय भी है ऄंत:करण के अधार पर ऄतीत के कायों या भािी कायों की नैततकता को र्धयान में
रखते हुए एक व्यािहाररक तनणाय तलया जा सकता है
ऄंत:करण तितध से तभन्न है तितध कायािातहयों के संदभा में एक सामान्य तनयम तनर्ददष्ट करती है, जबकक
ऄंत:करण तितशष्ट कायों हेतु तितशष्ट तनयम तनधााररत करता है ऄंत:करण तितशष्ट कायािाही हेतु
तितशष्ट तितध या तनयम को अरोतपत करता है, आसीतलए यह तितध से ऄतधक व्यापक है कु छ लोगों का
कहना है कक तजस प्रकार पेंरटग के तलए िश अिश्यक होती है ईसी प्रकार तितध के तलए ऄंत:करण
अिश्यक होता है
प्रयोजनिादी (teleology) दृतष्टकोण से ऄंत:करण काफी हद तक ऄहंिादी पहचान को मूता रूप देने के
समान होता है, जहां ‘कु छ ऄथों में प्रत्येक ऄहंिाद एक नीततपरक अचार संतहता होती है ’ यकद ऄहंिाद
और ऄंत:करण समान या समरूप हैं तो लोगों के पास एक तितशष्ट कृ त्य (ऄतीत या ितामान) का
प्रयोजन तनधााररत करने तथा ईसी क्षण ईस कृ त्य की नैततकता का अकलन करने की क्षमता होती है
प्रयोजन और नैततकता दोनों का अकलन करते हुए दोनों दृतष्टकोणों में चचतन शातमल होता हैं जहाँ
एक एक तितशष्ट कृ त्य के तलए तितध के अरोपण में कताव्य-परकतािादी ऄंतःकरण का ईपयोग करते हैं,
िहीं प्रयोजनिादी ककसी कायािाही के प्रयोजन या नैततकता तसतद् हेतु ककसी तितशष्ट तितध के ऄनुप्रयोग
को थिीकार नहीं कर सकते हैं यह प्रकिया सभी मनुष्यों िारा बाल्यािथथा से ही तिकतसत “मूल्य
तितभन्न साधनों के साथ समान प्रकियाओं का प्रयोग करती हैं नैततक तनणाय तभन्न हो सकते हैं, परन्तु
चूँकक दोनों ईपागमों में समान मानिीय बुतद् शातमल होती है ऄत: नैततक तनणाय प्राय: समान ही बने
रहते हैं
मानि जातत में तितभन्न प्रकार के ऄंत:करण तिद्यमान हो सकते हैं प्रथम, एक शुद् ऄंत:करण है,
तजसका तात्पया तथ्य के ऄनुरूप तनणाय के होने से है तनणाय, कायािाही के प्रतत तितध का एक ईतचत या
सटीक ऄनुप्रयोग है एक ऄंत:करण तब दोषपूणा होता है जब तनणाय दोषपूणा होता है क्योंकक
व्यािहाररक तनणाय कायािाही पर ऄनुतचत रूप से तितध को लागू करता है दोषपूणा तनणाय
परजेय/ऄपराजेय रूप में गलत हो सकता है (परजेय दोषपूणा का ऄथा है कक तजसे सही ककया जा सकता
ऄथाात् जो ऄपराजेय नहीं है)
ऄंत:करण ऄसंकदग्ध (तनर्थििाद), संशयात्मक ऄथिा संभातित (certain, doubtful or probable)
तीनों हो सकता है ऄंत:करण को तब ऄसंकदग्ध माना जाता है जब ककसी कायािाही की नैततकता के
संबंध में तलया गए तनणाय में त्रुरट की कोइ संभािना तिद्यमान नहीं रहती है त्रुरट की कोइ संभािना
तिद्यमान न होने में तातविक ऄसंकदग्धता सतम्मतलत नहीं होती है, लेककन यहाँ सामान्यतः ककसी भी
साधारण व्यतक्त को तनणाय (ऄसंकदग्ध ऄंत:करण पर अधाररत) के संबंध में कोइ संदह
े नहीं होता है यह
ऄसंकदग्धता (तनतितता) ईतचत और दोषपूणा दोनों प्रकार के ऄंत:करण पर लागू हो सकती है एक
लगभग तनतित होता है कक तनणाय सही है, हालांकक यह (तनणाय) दोषपूणा हो सकता है
ii. ऄसंकदग्ध (तनर्थििाद) ऄंत:करण का ऄनुसरण करने के तलए व्यतक्त बार्धय है भले ही िह ऄंत:करण
दोषपूणा हो ईदाहरणाथा- यकद मुझे यह पूणा तिश्वास है कक ककसी ऄन्य व्यतक्त के जीिन की रक्षा
हेतु झूठ बोलना नैततक रूप से ईतचत है तो मैं झूठ बोलने के तलए बार्धय हँ
iii. एक संशयात्मक ऄंत:करण के ऄनुसार काया करना नैततक रूप से कभी भी ईतचत नहीं होता है
जानबूझकर कर ऄनतभज्ञ बने रहना क्षमा योग्य नहीं होता क्योंकक व्यतक्त को संशय के समाधान
हेतु कु छ प्रयास ऄिश्य करना चातहए यकद समाधान के तलए ककया गया प्रयास ऄसफल हो जाता
है तो “लेक्स डु तबया नॉन ओतब्लगेट” (lex dubia non obligat ऄथाात् एक संशयात्मक तितध
बार्धयकारी नहीं होती) कियाशील हो जाता है
एक तितध संशयात्मक कब होती है? आसके संबंध में तनम्नतलतखत चार तसद्ांत लागू होते हैं तथा कताा
सिाातधक ईपयुक्त तसद्ांत का ऄनुसरण करने हेतु थितंत्र है:
i. एक तितध संशयात्मक होती है तथा यह बार्धयकारी नहीं होती है, जब थितंत्रता के तिपक्ष के बजाय
थितंत्रता के पक्ष में ऄतधक संभातित साक्ष्य ईपलब्ध होते हैं यह ‘प्रसंभाव्यिाद (probabilism)’
कहलाता है ईदाहरणाथा- एक व्यतक्त एक तततथ के संबंध में संशय की तथथतत में चार कै लें डरों को
देखता है तीन कै लेंडर एक समान कदिस की ओर संकेत करते हैं तथा चतुथा एक तभन्न कदिस की
ओर संकेत करता है िह व्यतक्त तीन कै लेंडरों िारा तनर्ददष्ट ऄथिा आससे तनगतमत तततथ का
ऄनुसरण कर सकता है यकद यह ऄतधक थितंत्रता सुतनतित करती है
ii. प्रसंभाव्यिाद का दूसरा संथकरण थपष्ट करता है कक एक व्यतक्त थितंत्रता के पक्ष में एक तिकल्प का
ऄनुसरण कर सकता है, बशते कक थितंत्रता के पक्ष में ईपलब्ध करिाए गए साक्ष्य ठोस रूप से
संभातित होने चातहए, भले ही थितंत्रता के तिरुद् साक्ष्य ऄतधक सम्भाव्य हो आसी ईदाहरण में,
व्यतक्त चतुथा कै लेंडर िारा तनर्ददष्ट समय का ऄनुसरण कर सकता है, भले ही ऄन्य तीन संख्यानुसार
ऄतधक सम्भाव्य साक्ष्य प्रथतुत कर रहे हो
iii. प्रसंभाव्यिाद का एक ऄन्य संथकरण सम-प्रसंभाव्यिाद (equiprobabilism) है जो यह दशााता है
कक एक व्यतक्त थितंत्रता के पक्ष में कदए गए मत का ऄनुसरण कर सकता है यकद दोनों पक्षों के
साक्ष्य समान रूप से संतुतलत है ईपयुाक्त ईदाहरण में यकद दो कै लेंडर एक समान कदिस को
प्रदर्थशत करते हैं तथा ऄन्य दो तभन्न कदिस को आं तगत करते हैं तो व्यतक्त ककसी भी तिकल्प का
चयन कर सकता है
लेने और तिरोध करने िाले साक्ष्यों पर बतल्क तितध की गंभीरता, तितध के तिरुद् काया करने का
कारण, तितध की कठोर व्याख्या का ऄनुसरण करने से ईत्पन्न ऄसुतिधा तथा ऄतधक थितंत्रता को
प्रथतुत करने िाले तिकल्पों के चयन हेतु कारकों के औतचत्य पर भी तिचार करना चातहए
कु छ तितधयाँ संशयात्मक हो सकती हैं संशयात्मक तितध का तात्पया ऄथपष्ट रूप से तनर्थमत तितध
से है तजसकी गलत व्याख्या की संभािना तिद्यमान रहती है तथा िह लोगों के समक्ष एक से ऄतधक
तिकल्प प्रथतुत करती है ये ऄंत:करण के तसद्ांतों हेतु ऄततररक्त कदशा-तनदेशों के रूप में काया
करती हैं परन्तु ऄंत:करण के संबध
ं में यहाँ एक ऄंततम प्रश्न यह शेष रह जाता है: कक क्या लोगों के
पास ईनकी जीिन की ऄिथथा या शैतक्षक तथथतत के ऄनुसार ईतचत ऄंत:करण रखने हेतु ऄततररक्त
दातयत्ि हैं? लोक प्रशासन की शब्दािली के ऄनुसार एक मुख्य प्रश्न यह है कक: क्या लोक प्रशासक
ऄपने ईत्तरदातयत्िों के ऄनुसार ऄपने ऄंत:करण को तिकतसत करने हेतु बार्धय हैं? ऄन्य संदभों में,
प्रबंधन के ऄंतगात ऄन्य व्यतक्तयों की सहायता से कायों को संपन्न कराना शातमल होता है आसके
ऄनुसार प्रबंधन का ऄथा है कक ‘काया का ईतचत प्रकार से तनष्पादन हो रहा है’ यहां तका कदया
जाता है कक ‘काया का ईतचत रीतत से तनष्पादन हो रहा है, तसक्के का के िल एक पहलू है’ प्रबंधन के
ऄंतगात यह भी शातमल होना चातहए कक ईतचत काया का तनष्पादन हो ईतचत काया क्या है?, िे
यकद लोक प्रबंधक न के िल काया को ईतचत रीतत से तनष्पाकदत करते हैं, ऄतपतु ईतचत काया का भी
तनष्पादन करते हैं तो ईनके पास ऄपनी जीिन की ऄिथथा के ऄनुसार थियं के ऄंत:करण को तिकतसत
करने का एक दातयत्ि भी होगा यह न के िल प्रबंधन तसद्ांत एिं व्यिहार बतल्क नैततक तसद्ांत एिं
व्यिहार को भी शातमल करता है यकद प्रबंधक दोनों ही प्रकार की ऄिधारणाओं के ऄनुसार काया नहीं
करते हैं तो िे न के िल ऄप्रचतलत होने का बतल्क िाथततिक प्रबंधकीय ईत्तरदातयत्िों की ईपेक्षा करने
का भी जोतखम ईठाते हैं यकद प्रबंधक तशक्षक और ऄर्धयापक हैं तथा यकद िे ऄन्यों को तशतक्षत करने की
ऄपनी भूतमकाओं की पूर्थत करना चाहते हैं तो ईन्हें नौकरी के दोनों पहलुओं को ऄतनिाया रूप से सीखना
चातहए
ऄंत:करण को तिकतसत और ऄद्यतन करने हेतु दो चरम पररतथथततयों से बचना अिश्यक है प्रथम,
ऄंत:करण पर ककसी भी प्रकार से र्धयान न देना ऄथाात् क्या ईतचत है और क्या ऄनुतचत आसे समझने का
प्रयास न करना ऄथिा सम्भितः ईतचत और ऄनुतचत में कोइ रूतच प्रदर्थशत न करना कु छ लोक
प्रबंधक आस तिशेषता को प्रदर्थशत करते हैं तितीय, िह व्यतक्त जो गंभीर काया या िैसे काया जो गंभीर
नहीं है, का ईतचत रीतत से तनष्पादन या ईतचत काया तनष्पादन में तिभेद करने में ऄसमथा है कु छ लोक
प्रबंधक हैं तजन्हें आस व्याख्या में शातमल ककया जा सकता हैं ऄंत:करण की ऄिधारणा के ऄनुसार ऐसी
कोइ भी चरम तथथतत नहीं है, तजसके ऄंतगात मानिीय कायािाही की नैततकता पर व्यािहाररक तनणाय
शातमल हैं
8.3. तनष्कषा (Conclusion)
ककसी कायािाही की प्रकृ तत पर तनभार होने के ऄततररक्त, आसके पररणाम एिं ईद्देश्य, तितध, तनयम और
ऄंत:करण िथतुतः ईक्त कायािाही के ईतचत/सही एिं ऄनुतचत/गलत होने का तनधाारण करने में
मागादशान प्रदान करते हैं हालांकक, एक लोक प्रशासक को तितध, तनयम और ऄंत:करण से मागादशान
और तनयम कताव्य-परकतािादी दृतष्टकोण से ईतचत अदशा तसद्ांत प्रतीत होने पर भी आसमें ऄनेक दोष
हो सकते हैं प्रयोजनिादी दृतष्टकोण यह थिीकार करता है कक नैततक तनणायों सतहत ऄन्य लगभग सभी
को संचातलत करने हेतु ऄनेक नागररक तितधयां, तनयम, तितनयम, न्यातयक तनणाय तथा ऄतभमत
तिद्यमान हैं एक लोक प्रशासक के तलए सभी कानूनों और तनयमों की जानकारी रखना िाथति में
ऄसंभि है
ईतचत और ऄनुतचत पर तिचार करते हुए लोक प्रशासकों को तनष्पाकदत कायािाही ऄथिा तनष्पाकदत
होने िाले कायािाही की प्रकृ तत, कायािाही के तलए तिद्यमान पररतथथततयां तथा कायािाही के ईद्देश्य के
संबंध में ईनके व्यिथथापन की जानकारी होती है साथ ही कानून, तनयम और तितनयम ऄततररक्त
मागादशान प्रदान करते हैं ककसी तितशष्ट कायािाही की नैततकता के तनधाारण हेतु तितधयों, तनयमों और
ऄन्य मानदंडों के ऄततररक्त प्रत्येक व्यतक्त के पास ऄंत:करण तिद्यमान होता है धमा एिं धमाशास्त्र िारा
प्रदत्त तिचारों को महत्ि कदए तबना सभी लोक प्रशासकों को तििेक अधाररत प्रशासतनक तनणाय लेने
चातहए तनथसंदह
े आनमें नीततशास्त्र के अधार पर कु छ पररितान ककए जा सकते हैं परन्तु यकद ऐसा
होता है तो यह लोगों को जीिन के प्रत्येक पहलू को प्रभातित करे गा आस प्रकार तितध, तनयम और ऄन्य
मानदंड आस संबंध में बेहतर होते हैं और मानिीय बुतद् नैततकता के अकलन हेतु एक सैद्ांततक ढांचा
प्रथतुत कर सकती है
व्यिथथा में नागररकों एिं राज्यों के ऄतधकारों के संदभा में तनणाय लेने में सक्षम बनाता है
दूसरे शब्दों में, ये दोनों एक साथ, सरकार को आसके कायाकाल के दौरान जिाबदेह बनाए रखने के तलए
तनरं तर पयािेक्षण करते रहते हैं
से लोक सेिक की पररभाषा के तहत शातमल ककया जाना चातहए आसी प्रकार, आस ईद्देश्य के तलए
सरकार िारा ऄतधसूतचत सोसायटी पंजीकरण ऄतधतनयम के तहत सभी सहकारी सतमततयों और
संथथाओं को भी शातमल ककया जाना चातहए
तनिाातचत लोक सेिक ऄपने दैतनक कायों में महत्िपूणा तििेकाधीन शतक्तयों का ईपयोग करते हैं ,
ii. लोक ऄतधकाररयों हेतु तका संगतता को अिश्यक बना कदया जाना चातहए ताकक तिचार-
तिमशा में िृतद् हो सके ;
iii. लोक ऄतधकाररयों िारा ऄपने अतधकाररक ईत्तरदातयत्िों के तनष्पादन में सत्यिाकदता
ऄपनाइ जानी चातहए;
iv. लोक ऄतधकाररयों को प्रकियात्मक सम्मान प्रदर्थशत करना चातहए; तथा
v. लोक ऄतधकाररयों को संगठनात्मक ईद्देश्यों को तनष्पाकदत करने हेतु चयतनत साधनों के
प्रयोग को तनयंतत्रत करना चातहए
10.2. तितीय प्रशासतनक सु धार अयोग की चौथी ररपोटा - शासन में नै ततकता
तितीय प्रशासतनक सुधार अयोग (2007) ने ऄपनी चौथी ररपोटा में नैततकता के मुद्दे को शातमल
ककया तथा यह थिीकार ककया कक, “मानक तनयमों के रूप में नैततक व्यिहार का ममा सुथपष्ट शब्दों
और ऄतभव्यतक्तयों में नहीं होता बतल्क ईस पर कारा िाइ ककए जाने में, ईल्लंघन के तलए दंड
तनधााररत करने में, ईल्लंघन के अरोपों की जांच करने के तलए सक्षम ऄनुशासतनक तनकायों की
थथापना करने, शातथतयों को तत्काल लागू करने तथा एक इमानदार संथकृ तत तिकतसत करने में
होता है ”
ऄपनी तिथतृत ऄनुशंसाओं में आसने राज्य िारा चुनािों का अंतशक तित्त पोषण; दल-बदल तिरोधी
कानून को सुदढ़ृ करने तथा मंतत्रयों, तिधानमंडलों, न्यायपातलका और लोक सेिकों के तलए नैततक
संतहता का सुझाि कदया है
भ्रष्टाचार को तनयंतत्रत करने हेतु आसने भ्रष्टाचार तनिारण ऄतधतनयम के प्रािधानों को कठोर बनाए
जाने का प्रथताि ककया है यह भ्रष्ट लोक सेिकों को क्षततपूर्थत के भुगतान हेतु ईत्तरदायी बनाने,
ऄिैध रूप से प्राप्त संपतत्त के जब्ती और त्िररत सुनिाइ के तलए अिश्यक है (िषा 2018 में
भ्रष्टाचार तनिारण ऄतधतनयम में ककए गए संशोधनों को जानने के तलए ‘शासन व्यिथथा में
ऄनुशस
ं ा की है आसके साथ ही ऄनुच्छेद 309 के ऄंतगात थिेच्छाचारी कायािाही के तिरुद्
लोक सेिकों की सुरक्षा हेतु एक तिधान बनाए जाने की अिश्यकता पर भी बल कदया है
o अयोग िारा दुभाािनापूणा तशकायतों से इमानदार लोक सेिकों की सुरक्षा हेतु कु छ ईपायों का
भी सुझाि कदया गया है
o आसअयोग ने कार्थमक प्रशासन पर ऄपनी 10िीं ररपोटा में लोक सेिा मूल्यों की व्यिथथा करने
तथा एक नीततपरक अचार संतहता तनधााररत करने पर पुन: बल कदया है
o आस नीततपरक अचार संतहता में शातमल होंगे: सत्यतनष्ठा, तनष्पक्षता, लोक सेिा के प्रतत
के स थटडी-1
इ. श्रीधरन, जो ‘मेट्रो मैन’ के नाम से प्रतसद् हैं, ऄनेक कारणों से सफल प्रशासक रहे हैं
दूरदर्थशता: ईनके लक्ष्य के िल समय सीमा में काया को पूणा करने तक ही सीतमत नहीं थे बतल्क
आष्टतम समाधानों तक पहुंचने पर भी के तन्द्रत थे पररयोजना की ऄत्यािश्यकता को समझते हुए
ईन्होंने मेट्रो पररयोजना की समय सीमा को तीन िषा कम कर कदया था
तनणाय तनमााता: 1990 के दशक में जब िे कोंकण रे लिे पररयोजना के प्रमुख थे, ईस दौरान 1993
से 1994 के मर्धय गोिा के चार बार मुख्यमंत्री बदले परन्तु िे राजनीततक दबाि में नहीं अए
तथा पररयोजना को समय पर पूणा ककया
समयतनष्ठा: समय की पाबंदी DMRC की तितशष्टता है आसतलए यकद एक कमाचारी पांच तमनट
भी देरी से अता है तो आसे अधे कदन के समय के रूप में नोट ककया जाता है DMRC में तनणाय भी
शीघ्र तलए जाते हैं ईदाहरणाथा- 2,000 करोड़ रूपए तजतने बड़े टेंडसा को भी ककसी भी सरकारी
प्रकिया या लेखा परीक्षण से िंतचत ककए तबना 15-20 कदनों के भीतर थिीकृ तत प्रदान कर दी
जाती है
इमानदारी: DMRC देश की ईन कु छ तिशाल ऄिसंरचना पररयोजनाओं में से एक है तजसे
भ्रष्टाचार के कलंक से मुक्त माना जाता है सभी नए DMRC कमाचारी भी पदभार सम्भालते
समय इमानदारी की शपथ लेते हैं
के स थटडी-2
िर्थगज कु ररयन ने भारत (जहाँ बच्चे दूध के ऄभाि के कारण ऄल्प-पोतषत थे) को सबसे बड़ा दुग्ध
ईत्पादक बनने में सहायता की थी िे भारत में दुग्ध सहकारी अन्दोलन के प्रिताक थे आस अन्दोलन ने
ककसानों को सशक्त ककया तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रचनात्मक सामातजक पररितान अरम्भ ककया था
ईन्होंने एक प्रसंथकरण संयत्र
ं थथातपत करने हेतु श्री तत्रभुिनदास पटेल की थिेच्छा से सहायता की
थी ईनके आस कदम ने ऄमूल (AMUL) की थथापना का मागा प्रशथत ककया कु ररयन के नेतृत्ि के
तहत ऄमूल ने ऄन्य दुग्ध सहकारी संथथाओं के साथ सहयोग ककया और तीव्र गतत से तिथतार
ककया
ऄमूल लाभदायक तथथतत में अगे बढ़ रहा था, जब िषा 1964 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री
लाल बहादुर शास्त्री एक नए पशु-चारे संयंत्र के ईद्घाटन हेतु अणंद की यात्रा पर अए थे ईन्होंने
कु ररयन से ईनकी सफलता के रहथय के संबंध में पूछा था कु ररयन ने िर्थणत ककया की आस सफलता
का कारण ऄमूल का थिातमत्ि ककसानों के पास होना है तथा आसका तनिाातचत ककसान
प्रतततनतधयों िारा संचातलत होना है
शास्त्री कदल्ली िापस अए तथा सम्पूणा देश में गुजरात की सफलता को दोहराने हेतु अणंद में
राष्ट्रीय डेयरी तिकास बोडा (NDDB) की थथापना की कु ररयन को आसका ऄर्धयक्ष तनयुक्त ककया
आसके ऄततररक्त, पेशेिर प्रबंधकों हेतु ग्रामीण ईत्पादकों के संगठनों की अिश्यकता की प्रततकिया
में कु ररयन ने ककसानों को पेशेिर समथान प्रदान करने तथा ईन्हें ईनकी पूणा तिकास क्षमता प्राप्त
1. व्यतक्तगत मान्यताएं और मूल्य ककसी व्यतक्त के अत्मतनष्ठ ईत्तरदातयत्ि को तनधााररत करते हैं,
जबकक कायाात्मक पयाािरण िथतुतनष्ठ ईत्तरदातयत्ि को तनदेतशत/थिरूप प्रदान करता है दोनों
के मर्धय ऄनुरूपता प्रशासतनक तनणायों में िथतुतनष्ठता के लक्ष्य को साकार करने के तलए
ऄपररहाया है तिश्लेषण कीतजए
दृतष्टकोण:
चूँकक प्रश्न का सम्पूणा तिषय तनणाय तनमााण में िथतुतनष्ठता से संबंतधत है, ऄतः सिाप्रथम िर्थणत
कीतजए कक प्रशासतनक तनणायों में िथतुतनष्ठता की अिश्यकता क्यों है
तत्पिात आसके घटकों की व्याख्या करते हुए तका दीतजए कक कै से सम्पूरकता तनष्पक्ष तनणाय
तनमााण में सहायक है
ऄंत में तनणाय तनमााण में िथतुतनष्ठता को सुतनतित करने हेतु कु छ ईपाय सुझाआए
ईत्तर:
तनणाय तनमााण में िथतुतनष्ठता का सम्बन्ध, ज्ञात िैध साक्ष्यों (प्रासंतगक तथ्य, सटीक अंकलन,
तार्दकक ऄनुमान और दृतष्टकोण) के अधार पर ककए गए कायों से है तनणाय कतााओं को तनणाय
तनमााण प्रकिया में िथतुतनष्ठ होने का तिशेष दातयत्ि सौंपा गया है, क्योंकक :
प्रथम, िे समुदाय िारा ईन्हें प्रदत्त संसाधनों के प्रबंधन के तलए ईत्तरदायी हैं;
तितीय, िे समुदाय को सेिाएं प्रदत्त एिं तितररत करते हैं और समुदाय, आन सेिाओं के
तलए भुगतान करता है तजसका ईपयोग लोक सेिकों िारा ककया जाता है; तथा
तृतीय, िे सामुदातयक जीिन के सभी पहलुओं को प्रभातित करने िाले महत्िपूणा तनणाय
लेते हैं
िथतुतनष्ठ ईत्तरदातयत्ि का सम्बन्ध थियं पर बाहर से अरोतपत ऄपेक्षाओं से होता है, जबकक
अत्मतनष्ठ ईत्तरदातयत्ि का सम्बन्ध ईन दातयत्िों से है तजनके तलए व्यतक्त थियं एक
तज़म्मेदारी का ऄनुभि करता है
िथतुतनष्ठ ईत्तरदातयत्ि के तहत दो पहलू शातमल हैं: अरोतपत दातयत्ि और जिाबदेतहता
लोक सेिकों को ईनके पद के अधार पर संतिधान, तिधातयका, िररष्ठों, ऄधीनथथों और
संगठनात्मक और सामातजक मांगों से ईत्पन्न होता है, िही व्यतक्ततनष्ठ ईत्तरदातयत्ि हमारी
थियं की तनष्ठा, तििेक और पहचान से सम्बंतधत तिश्वासों में तनतहत होता है प्रशासतनक
भूतमका के तनिाहन के दौरान व्यतक्ततनष्ठ ईत्तरदातयत्ि ऄपने ऄनुभि के साथ तिकतसत पेशेिर
ककसी काया को एक तितशष्ट तरीके से करने हेतु ऄपनी ऄंतरात्मा िारा बार्धय ककए जाते हैं, न
कक आसतलए कक हम ककसी पयािेक्षक या तितध िारा ऐसा करने के तलए बार्धय हैं ऄथाात्
व्यतक्त, ईसके तिश्वासों, मूल्यों और चररत्र तजन्हें ककसी काया को तितशष्ट रूप से करने की
प्रिृतत्त के रूप में समझा जाता है, िारा तनर्थमत अतंररक प्रेरणा के िारा तनदेतशत/बार्धय होता
है ”
तनणायन प्रकिया में िथतुतनष्ठता को सुतनतित करने हेतु, व्यतक्ततनष्ठ ईत्तरदातयत्ि एिं
िथतुतनष्ठ ईत्तरदातयत्ि में सामंजथय थथातपत ककया जाना चातहए मूल्य और तिश्वास कु छ
तितशष्ट व्यिहारों के प्रतत झुकाि ईत्पन्न करते हैं ऄथाात्, ‘हम क्या तिश्वास करते हैं और ईस
तिश्वास के प्रतत कै सा ऄनुभि करते हैं’, यह हमारे चररत्र को प्रभातित करता है यह बदले में
हमारे अचरण को एक अकार देता है और हमारे कायों के मागादशान में सहायता करता है
हमारे कायों को िथतुतनष्ठता प्रदान करने हेतु ईन्हें बाहर से अरोतपत दातयत्िों के समरूप
होना चातहए, ऄन्यथा ऄसंतुलन के पररणामथिरूप ऄक्षमता, भ्रष्टाचार, तानाशाही और भाइ-
भतीजािाद को बढ़ािा तमलेगा
ऄतः यह अिश्यक है कक प्रबंधन कायाप्रणाली एिं प्रतशक्षण, नैततक लोक सेिा संबंधी मूल्यों
पर अधाररत होने चातहए ईपयुाक्त मूल्यों के समाजीकरण से सतत और सशक्त अंतररक
तनयंत्रण में िृतद् होगी, जो प्रशासकों को एक तनधााररत पैटना में तििेक के प्रयोग की ऄनुमतत
प्रदान करे गा यह पैटना ऄपेक्षाकृ त पूिाानुमय
े होगा और आसतलए सहयोतगयों के मर्धय तिश्वास
का तनमााण करे गा नैततक प्रकिया ही िह मार्धयम है तजसके िारा ईत्तरदातयत्ि के अतंररक
स्रोत, बाह्य मांगो से संबद् होते हैं
2. "प्रशासतनक नीततशास्त्र के साथ मुख्य समथया यह है कक: ऄपने लक्ष्यों को पूरा करने के तलए
संगठन की क्षमता से समझौता ककए तबना ऄतधकाररयों के तलए ऄसहमतत प्रकट करने के
दायरे को ककस प्रकार बढ़ाया जाए ” आस कथन का मूल्यांकन कीतजए और भारतीय प्रशासन
के संदभा में कु छ ईपायों का सुझाि दीतजए
ईत्तर:
प्रशासतनक नीततशास्त्र से तात्पया संगठन में नैततक तसद्ांतों के अधार पर ऄतधकाररयों के
अचरण को तनधााररत करने से है व्यापक रूप से नैततक तसद्ांत (a) ईन ऄतधकारों और
कताव्यों को तनर्ददष्ट करते हैं तजनका व्यतक्तयों िारा सम्मान ककया जाना चातहए, जब िे ईन
तरीकों से काया करते हैं तजसके िारा िे ऄन्य व्यतक्तयों और समाज के कल्याण को
गंभीरतापूिक
ा प्रभातित करते हैं; और (b) सामूतहक प्रथाओं और नीततगत व्यिथथा को
कोइ कायािाही या नीतत प्रत्येक व्यतक्त के तहत में काया करती है ऄथिा क्या आसे प्रत्येक व्यतक्त,
पता होता है, िारा थिीकार ककया जा सकता है नैततक तनणाय ककसी व्यतक्त के तनणाय लेने
और व्यतक्तयों या व्यतक्तयों के समूह के तनणाय लेने की संभािना का ऄनुमान लगाते हैं
प्रशासतनक नीततशास्त्र का यह मानना कक संगठनों में व्यतक्त नैततक तनणाय ले सकते हैं और
नैततक तनणायों का प्रयोजन भी बन सकते हैं प्रशासन के दो सामान्य तिचार - प्रशासकों को
या तो ककसी संगठन की नीततयों का ऄनुपालन करना चातहए या पद का पररत्याग कर देना
चातहए तथा प्रशासकों को ऄपने संगठनों के गलत कायों के तलए नैततक रूप से ईत्तरदायी नहीं
ठहराया जाना चातहए - ईपरोक्त धारणाओं को ऄथिीकार करते हैं और आससे प्रशासतनक
नीततशास्त्र ऄसंभि सा लगने लगता है आस प्रकार के तिचारों को देखते हुए कक कै से लोग
आसकी गलत व्याख्या कर डालते हैं, आनमें सुधार लाया जा सकता है तजससे प्रशासतनक
नीततशास्त्र संभि लगने लगता है, भले हीं आसे ऄपनाने का थिरूप तभन्न हो
यहाँ सबसे बड़ी चुनौती प्रशासन की प्रकृ तत से जुड़ी है जो नैततक तनणाय लेने की प्रथा पर
लगाम लगती है आसमें दो मुख्य अपतत्तयां कदखायीं देती हैं- पहली प्रमुख अपतत्त तनणायकताा
से संबंतधत है (ऄथाात् कौन तनणाय ले सकता है); दूसरी प्रमुख अपतत्त तनणाय के तिषय से
संबंतधत है (ऄथाात् ककसके तलए तनणाय तलए जा रहे हैं) पहली अपतत्त के बारे में दृढ़तापूिाक
यह कहा जाता है कक प्रशासकों को तटथथता की भािना से काया करना चातहए और ईन्हें
ऄपने नैततक तसद्ांतों का पालन नहीं करना चातहए बतल्क संगठन के तनणायों और नीततयों का
ऄनुपालन करना चातहए यह तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा है दूसरी अपतत्त के बारे में
दृढ़तापूिक
ा यह कहा जाता है कक के िल प्रशासकों को ही नहीं बतल्क संगठन (आसके
औपचाररक ऄतधकाररयों) को ऄपने तनणायों और नीततयों के तलए ईत्तरदायी ठहराया जाना
चातहए यह संरचना की नीततपरक ऄिधारणा है यहाँ दोनों को नैततक कहा जा सकता है
क्योंकक यह कु छ मानदंडों को व्यक्त करता है और अचरण को तनधााररत करता है लेककन
आसमें न तो नीततशास्त्र ऄथिा न ही नैततकता सतम्मतलत होती है, क्योंकक आनमें से प्रत्येक
नैततक तनणाय की दोनों पूिाधारणाओं - या तो एक व्यतक्त तनणाय लेता है या एक व्यतक्त के
तलए तनणाय तलए जाते हैं - में से एक को ऄथिीकार करते हैं
तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा (The Ethics of Neutrality)
प्रशासतनक नीततशास्त्र के पारं पररक तसद्ांत और व्यिहार में यह कहा गया है कक प्रशासकों
को ऄपने िररष्ठ ऄतधकाररयों के अदेशों तथा सरकार और एजेंतसयों (जहां िे सेिारत हैं) की
नीततयों का पालन करना चातहए आस तिचार के ऄनुसार, प्रशासक आस ऄथा में नैततक रूप से
तटथथ होते हैं कक िे थितंत्र रूप से नैततक तनणाय नहीं लेते हैं ईनसे ऄपने थियं के ककसी भी
नैततक तसद्ांतों पर काया करने की ऄपेक्षा नहीं की जाती है, लेककन ईनके िारा कायाान्ियन
हेतु प्रभाररत अदेशों और नीततयों में जो भी तसद्ांत दृतष्टगत होते हैं, िे ईन्हें प्रभातित करते
हैं
तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा में पररितान, व्यतक्तगत नैततक तनणाय हेतु कु छ काया-क्षेत्र
ऄनुसार, प्रशासक ऄपने तिचारों को अगे बढ़ा सकते हैं, ऄपने िररष्ठ ऄतधकाररयों के साथ
तिचार कर सकते हैं और नीतत तनमााण की प्रकिया में सुझािों के प्रततभागी बन सकते हैं
लेककन एक बार तनणाय या नीतत के ऄंततम थिरूप धारण कर लेने के पिात सभी प्रशासक
एकसमान हो जाते हैं और इमानदारी से नीतत को अगे बढ़ाते हैं आसके ऄततररक्त, ऄसहमतत
संथथा के भीतर और संथथा के प्रकियागत तनयमों के ऄनुसार होनी चातहए
की जा सकती हैं:
पहला, चूंकक यह नीततपरक ऄिधारणा प्रशासकों के तििेक को कम करके अंकती है, ऄतः यह
नागररकों िारा प्रशासकों की जिाबदेतहता को बातधत करती है प्रशासकों का तििेक संगठन
में तितध-तनमााताओं या िररष्ठ ऄतधकाररयों की अकांक्षाओं से परे चला जाता है आस भ्रम को
सुदढ़ृ करके कक प्रशासक थितंत्र नैततक तनणाय का प्रयोग नहीं करते हैं, यह ईनके कइ तनणायों
के पररणामों के तलए बाह्य ईत्तरदातयत्ि से ईन्हें पृथक करता है
दूसरी प्रमुख अपतत्त आस दािे पर कें कद्रत है कक पद-धारण संगठन िारा तनधााररत पद के
कताव्यों के तलए सहमतत प्रदान करना है हालांकक नागररकता की तुलना में पद का पररत्याग
करना असान हो सकता है, लेककन ऄनेक ऄतधकाररयों के तलए यह आतना करठन है कक ऐसा
करने में तिफलता संगठन िारा ककये गए सब कु छ की थिीकृ तत को आं तगत करने के तलए
तनधााररत नहीं ककया जा सकता है ऄतधकांश सरकारी कमाचाररयों के तलए, ईनके तनतहत
ऄतधकार (जैस-े पेंशन और िररष्ठता) और नौकरी कौशल (प्राय: तनजी क्षेत्र में थथानांतररत
करने योग्य नहीं) ऄपनी तथथतत को बनाए रखने के तलए सशक्त प्रोत्साहन प्रदान करते हैं यहां
तक कक यकद िे ऄपने थियं के तितभन्न तसद्ांतों के तलए ऄपने कररयर के साथ समझौता करने
के तलए तैयार होंगे, तब भी िे ऄपने पररिारों के प्रतत ऄपनी तजम्मेदाररयों को नजरऄंदाज
नहीं कर सकते हैं
तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा के समथाक आस पर बल दे सकते हैं कक जो ऄतधकारी ऄपने
पद के कताव्यों को पूरा नहीं कर सकते हैं ईन्हें पद का पररत्याग कर देना चातहए, हालांकक
ऐसा करना करठन हो सकता है लेककन नागररक के तौर पर हमें प्रशासतनक नीततशास्त्र के
एक सामान्य तसद्ांत के रूप में आसका समथान करने से पूिा तिचार करना चातहए
यकद आस तिचार को तनरं तर ऄभ्यास में लाया जाता है, तो लोक कायाालयों में शीघ्र ही ऐसे
लोग ऄतधक होंगे तजनके पास सरकार िारा तलए गए तनणाय से ऄसहमत होने का कोइ कारण
नहीं होगा सुदढ़ृ नैततक दृढ़ तिश्वास िाले व्यतक्त कायाालय में काया करने की ऄपेक्षा पद का
पररत्याग कर देंगे और हम ईन लोगों की सेिाओं से िंतचत हो जाएंगे, जो सािाजतनक जीिन
में सिाातधक योगदान कर सकते हैं
चूंकक हम तसद्ांतिादी व्यतक्तयों को ईनके पद से बेदखली नहीं करना चाहते हैं, आसतलए हमें
यह समझना चातहए कक सरकार की नीततयों से ऄसहमत होने के बािजूद पद पर बने रहने के
तलए ऄच्छे नैततक कारण हो सकते हैं यह मान्यता तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा पर
अपतत्तयों की तीसरी व्यिथथा को आं तगत करती है - यह लोक कायाालय की नैततक
पररतथथततयों को सरल बनाती है यह हमें ऄतधकाररयों को ईनके नैततक तसद्ांतों और संगठन
की नीततयों के मर्धय संगतता का अकलन करने की ओर ले जाती है यकद तसद्ांत और
नीततयां एक-दूसरे के ऄनुरूप हैं, तब आनका ऄनुपालन करना चातहए यकद एक-दूसरे से
रूप में अपका ऄपने सहयोतगयों, संथथा और सरकार के प्रतत दातयत्ि होता है ककसी संगठन
में पद थिीकार करके और सामूतहक कायों का दातयत्ि लेकर, अप दूसरों को ऄपने तनरं तर
सहयोग के मार्धयम से तिश्वास करने का कारण प्रदान करते हैं यकद अप संगठन में ऄपनी
भूतमका को तनरं तर बनाए रखेंगे तब अपके सहयोगी पररयोजनाएं प्रारं भ करते हैं, जोतखम
तिकृ त करती है, िह कारा िाइ को दो तिकल्पों अज्ञाकाररता ऄथिा पद-त्याग तक सीतमत कर
देती है ऄसहमतत के तितभन्न प्रकार (शांत तिरोध से लेकर ऄिैध प्रततरोध तक) पद पर बने
रहने में संगत हो सकते हैं आनमें से कु छ, तनतित रूप से चरम पररतथथततयों को छोड़कर
नैततक रूप से ऄनुतचत हो सकते हैं, लेककन तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा यहां पर कोइ
मागादशान प्रदान नहीं करती है क्योंकक यह पहले से ही संगठन के तनणायों खासकर "ऄंततम
की ऄन्य नीततयों में क्या ऄंतर अएगा? नीतत ककस हद तक ईन समूहों के नीततशास्त्र का
ईल्लंघन करती है तजनके तलए िे बार्धय हैं (जैस-े तितधक ऄथिा तचककत्सा पेशे के तसद्ांत)?
ये तिचार न के िल यह तनधाारFor
रत करते हैं कक ककसी ऄतधकारी को संगठन की नीतत का तिरोध
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करने के तलए ईतचत ठहराया गया है, बतल्क िे यह भी आं तगत करने में सहायता करते हैं कक
तिरोध व्यक्त करने के तलए ऄतधकारी के ऄसहमतत के तरीकों को भी ईतचत ठहराया जा
सकता है एक ऄतधकारी के ऄसहमतत को और ऄतधक ईतचत ठहराया जा सकता है, यकद िह
ऄतधकारी ऄतधक ईतचत तरीके से श्रेष्ठ मार्धयमों का ईपयोग करने में सक्षम है ऄसहमतत के
तरीकों को ईत्कृ ष्ट से मर्धयम तक तनरं तरता के साथ रखा जा सकता है तनम्नतलतखत चार
प्रकार की ऄसहमतत आस तनरं तरता की सीमा का िणान करती है तथा कु छ और मुद्दों को
ईठाती है कक ककसी भी प्रकार की ऄसहमतत पर तिचार ककया जाना चातहए:
पहला, कु छ ऄसहमतत ऐसी होती हैं जहाँ व्यतक्त संगठन के भीतर एक अतधकाररक तिरोध
दजा करता है लेककन कफर भी िह नीतत को लागू करने में सहायता करता है, ऄथिा िह
संगठन में कोइ और काया सौंपे जाने की मांग करता है यह ऄतधकाररयों को संगठन के िारा
प्रथतातित नीतत में सकिय भागीदारी से दूर रहने और संगठन की थिीकाया प्रकियाओं के
ऄनुसार ऐसा करने तक ईसके तिरोध को तनरं तर रखने की ऄनुमतत प्रदान करे गा
दूसरा, ऄसहमतत का एक तरीका यह है कक ऄतधकारी ऄपने ज्ञान के अधार पर, लेककन ऄपने
िररष्ठ ऄतधकाररयों की आच्छाओं के तिरुद्, संगठन के बाहर ऄपना तिरोध प्रदर्थशत करते हैं
जबकक िे ऄपनी नौकररयों का संतोषजनक तरीके से तनष्पादन करते हैं आस प्रकार की
ऄसहमतत सामान्यत: कु छ प्रभािशाली मानकों के ऄतथतत्ि पर, आसकी प्रभािकाररता के
साथ-साथ आसकी िैधता पर तनभार करती है, तजससे ऄसहमतत प्रकट करने िाले संगठन के
बाहर ऄपील कर सकते हैं जब कोइ ऄसहमत होता है तो ईसके तलए पेशेिर नीततशास्त्र
ऄथिा यहां तक कक कानून भी पयााप्त नहीं हो सकते हैं, क्योंकक दोनों की कै से व्याख्या की
जाए आसे लेकर िह ऄसहमत होता है, लेककन ऐसे मानकों की ऄपील करने से कम से कम
लोगों को आस बात को लेकर अश्वथत ककया जा सकता है कक ईक्त सािाजतनक नीतत के संबंध
में कम से कम िह ऄतधकारी ऄपने तनजी तििेक पर ऄपने कायाालय को कु छ थोपे जाने की
ऄनुमतत नहीं दे रहा है जब ऄसहमतत प्रकट करने िाले ऄतधकारी लोकतांतत्रक ढंग से
तनिाातचत ऄतधकाररयों का तिरोध करते हैं, तब ईन्हें ईन तरीकों का प्रयोग करना चातहए कक
िे ईन तसद्ांतों का बचाि कर रहे हैं जो सभी नागररकों का समथान करते हैं
तीसरा, ऄसहमतत का तीसरा तरीका नीतत के प्रतत खुला ऄिरोध ईत्पन्न करना है ईदाहरण
के तलए, ऄतधकारी संगठन िारा नीतत को अगे बढ़ाने के तलए अिश्यक ज्ञान या तिशेषज्ञता
के ईपयोग को प्रततबंतधत कर सकते हैं और आस पर कदम ईठाने को ऄथिीकृ त कर कदया जाता
है ताकक ऄन्य लोगों िारा आसे अगे न बढ़ाया जा सके ऄथिा नीतत को समाप्त करने की
कोतशश कर रहे बाहरी लोगों को सूचना और ऄन्य प्रकार की सहायता प्रदान ककया जाता है
कु छ ऄतधकारी कम समय के तलए आस रणनीतत को ऄपना सकते हैं, लेककन संगठन सामान्यतः
ऄसहमतत प्रकट करने िालों को ऄलग कर सकते हैं, ऄन्य ऄतधकाररयों की नौकरी में तनयोजन
हेतु खोज कर सकते हैं और संगठन के बाहर ईत्पन्न होने िाले ककसी भी तिरोध का सामना
करने के तलए ऄपने बाहरी समथान को संगरठत कर सकते हैं ऐसी ककसी भी घटना में,
ऄसहमतत प्रकट करने िाले की संगठन के भीतर ऄतधक प्रभाि बनाए रखने की संभािना नहीं
होती है ऐसे में ऄसहमतत प्रकट करने िाले की प्रभातिता और तनरं तरता ऄतधक साथाक होनी
चातहए
हैं लेककन िे एजेंसी की नीततयों को प्रभातित नहीं करते हैं; और ऄन्य लोग ऄंततः एक प्रमुख
सरकारी नीतत को पररिर्थतत करते हुए प्रेस ऄथिा जनता को सूचना प्रकातशत करते हैं
{चौथे प्रकार की ऄसहमतत की चचाा हेतु कु छ ऄन्य मुद्दे}
कभी-कभी अतधकाररक ऄिज्ञा और नागररक ऄिज्ञा के मर्धय एक समानता देखी जाती है
ऄनेक लोकतांतत्रक तसद्ांतकारों का मानना है कक लोकतंत्र में नागररक कानून या नीतत को
पररिर्थतत करने के ईद्देश्य से के िल कु छ तरीकों से और कु छ शतों के तहत कानून का ईल्लंघन
करना ईतचत है नागररकों को (i) सािाजतनक रूप से काया करना चातहए; (ii) ककसी भी
प्रकार की चहसा नहीं करना चातहए; (iii) ऄन्य नागररकों िारा साझा तसद्ांतों के तलए ऄपील
करनी चातहए; (iv) घोर ऄन्याय के तिरुद् ऄपनी चुनौती को तनदेतशत करना चातहए; (v)
कानून तोड़ने से पहले तिरोध के सभी सामान्य चैनल का ईपयोग करने का प्रयास करना
चातहए; और (vi) ऐसी नीतत की ऄिज्ञा के तलए योजना बनानी चातहए ताकक यह ऄन्य
नागररकों के संयोजन के साथ लोकतांतत्रक प्रकिया की तथथरता को बातधत न कर सके
यहां तक कक यकद कोइ यह तिचार करता है कक नागररक ऄिज्ञा ईतचत है, तो कोइ भी आस
बात से सहमत नहीं हो सकता कक अतधकाररक ऄिज्ञा की अिश्यकता है ऄतधकारी
नागररकों के समान ऄतधकारों का दािा नहीं कर सकते हैं और यह कहा जा सकता है कक यहाँ
समानता सामान्य रूप से नहीं होती है लेककन समानता तिपरीत कारण के साथ नहीं हो
सकती है सरकार के गलत कायों के चरम मामलों में, हमें नागररकों को ऄनुमतत देने की
ऄपेक्षा ऄतधकाररयों को ऄिज्ञा के तलए ऄतधक दायरा प्रदान करना चातहए आन मामलों में
यह तका कदया जा सकता है कक नागररक ऄिज्ञा के तलए मानक तथथततयां ऄतधकाररयों के तलए
ऄत्यंत सीतमत हैं यकद हम ईदाहरण के तलए आस बात पर बल देते हैं कक यकद ऄिज्ञा हमेशा
सािाजतनक रूप से की जाती है, तो हम िाथततिकता में सरकार की बहुत मूल्यिान अलोचना
ऄिज्ञा के साथ-साथ ऄसहमतत के ऄन्य रूपों के संबंध में महत्िपूणा काया ईन मानदंडों को
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तिकतसत करना है जो यह तनधााररत करने में सहायता कर सकते हैं कक तितभन्न पररतथथततयों
में प्रत्येक कब ईतचत है तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा ईस काया को ऄनािश्यक बनाती
है तजस प्रशासन में नैततकता संभि है लेककन, जैसा कक हम देखते हैं कक प्रशासतनक तटथथता
न तो संभि है और न ही िांछनीय
3. प्रशासतनक नीततशास्त्र के समक्ष ऄतधक प्रत्यक्ष चुनौती ईन लोगों िारा प्रथतुत की जाती है जो
यह मानते हैं कक तनजी जीिन में नैततकता पूरी तरह से संभि है ककन्तु िे आस बात को
ऄथिीकृ त करते हैं कक यह संगठनात्मक जीिन में भी संभि है "मूल्यांकन कीतजए
ईत्तर:
प्रशासतनक नीततशास्त्र के समक्ष एक बड़ी बाधा यह तिचार है कक नैततक तनणाय समग्र रूप में
संगठन ऄथिा सरकार के तलए होना चातहए संरचना की नीततपरक ऄिधारणा यह दािा
करती है कक, चाहे प्रशासकों के पास थितंत्र नैततक तनणाय लेने की कु छ संभािना हो, कफर भी
ईन्हें सरकार के ऄतधकांश तनणायों और नीततयों के तलए नैततक रूप से ईत्तरदायी नहीं
ठहराया जा सकता है ईनका व्यतक्तगत नैततक ईत्तरदातयत्ि के िल ऄपने कायाालय के तितशष्ट
कताव्यों तक तिथतृत है तजसके तलए िे तितधक रूप से ईत्तरदायी हैं
नैततक तनणाय, नैततक संथथा का पूिाानम
ु ान करता है ककसी पररणाम (अईटकम) के तलए
ककसी की प्रशंसा करने ऄथिा दोषारोपण करते समय हमें ऄतनिायातः आस पर तिचार करना
चातहए कक व्यतक्त कारा िाइ के तलए नैततक रूप से ईत्तरदायी है ऄतनिायातः हमें यह मानना
चातहए कक (1) ईस पररणाम हेतु व्यतक्त की कायािाही ऄथिा कायािाही न करना ईत्तरदायी
है ; और (2) व्यतक्त ने क्षम्य ऄज्ञानता या बार्धयता के तहत काया नहीं ककया है दैतनक जीिन
में, हम कभी-कभी नैततक अलोचना को प्रततबंतधत करते हैं क्योंकक हम मानते हैं कक कोइ
व्यतक्त आन मानदंडों में से एक या दोनों को संतुष्ट नहीं करता है सािाजतनक जीिन में, तिशेष
रूप से संगठनों में, नैततक ऄतभकतााओं की पहचान करने की समथया, तनणाय ऄथिा नीतत के
तलए नैततक रूप से ईत्तरदायी व्यतक्तयों की खोज करने की समथया, तनणाय ऄथिा नीतत की
नैततकता का अकलन करने की समथया के समान करठन हो जाती है यहां तक कक यकद हमारे
पास संगठनात्मक प्रकिया में पररणाम हेतु ईत्तरदायी सभी ऄतभकतााओं के संबध
ं में पूणा
सूचना ईपलब्ध है, तब भी हमें आस संबंध में ऄसमंजस हो सकता है कक आसके तलए
ईत्तरदातयत्ि का िणान ककस प्रकार ककया जाए चूंकक कइ लोग ककसी संगठन के तनणायों और
नीततयों के तलए तितभन्न तरीकों से योगदान करते हैं, आसतलए तसद्ांततः हम यह तनधााररत
नहीं कर पाएंगे कक कौन ईन तनणायों और नीततयों के तलए नैततक रूप से ईत्तरदायी है आसे
"कइ लोगो की समथया" कहा जाता है तथा ऐसी धारणा है कक यह नैततक संरचना के तहत
समाधान करने योग्य नहीं है
संगठनों में व्यतक्तगत ईत्तरदातयत्ि को शातमल करने की संभािना को ऄथिीकृ त करने और आस
प्रकार प्रशासतनक नीततशास्त्र की संभािना को कमजोर करने के तलए तनम्नतलतखत तीन तका
कदए गए हैं:
प्रथम, यह तका कदया जाता है कक ककसी भी संगठनात्मक पररणाम के तलए कोइ भी व्यतक्त
थियं एक अिश्यक या पयााप्त कारण नहीं होता प्रत्येक ऄतधकारी का योगदान रथसी के धागों
के समान होता है िे एक-साथ काया करते हैं तथा कोइ भी ऄके ले काया नहीं कर सकता है,
लेककन ककसी एक के तबना काया ककया जा सकता है
एक दूसरा तका व्यतक्तगत ईद्देश्य ऄथिा प्रयोजन और सामूतहक पररणामों के मर्धय के ऄंतर को
आं तगत करता है ईदाहरण के तलए, ितामान में तितभन्न संगठनों में, हम यह भी कह सकते हैं
करने का आरादा नहीं रखता है; कफर भी तनयुतक्तयों और प्रगतत का प्रततरूप ऄभी भी कु छ
ऄल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाता है यहां हमें पैटना या नीतत की चनदा करनी चातहए
(आसतलए तका ककया जाता है), लेककन हम आसके तलए ककसी भी व्यतक्तगत ऄतधकारी पर
नैततक रूप से दोषारोपण नहीं कर सकते हैं
एक तीसरा तका भूतमका की अिश्यकताओं पर बल देता है पद से जुड़े कताव्यों और बड़े
संगठनों के दैतनक कायाकलापों के तलए व्यतक्तगत कारा िाआयों की अिश्यकता होती है, जो
थियं में ऄहातनकर या यहां तक कक कु छ ऄथों में ऄतनिाया है, लेककन ये तमलकर कइ बार
ऄतहतकारी तनणायों और नीततयों का तनमााण करने के तलए अपस में सहयोग करते हैं यद्यतप
संगठन की नीतत नैततक रूप से ऄनुतचत है, कफर भी यहाँ प्रत्येक व्यतक्त िारा ऄपने पद की
अिश्यकताओं के ऄनुसार ऄपने नैततक कताव्य का तनिाहन ककया गया है, लेककन यहाँ आनका
सामूतहक योग व्यतक्तगत कायािाही की तुलना में तनकृ ष्टतर होता है
यकद हम आन तकों को थिीकार करना चाहते है, तो हमें नैततक ऄंकुश के बंधन से ऄनेक दोषी
ऄतधकाररयों को मुक्त करना होगा आससे लोकतांतत्रक जिाबदेही के क्षय होने की संभािना है
आन तकों का ईत्तर ककस प्रकार कदया जा सकता है ताकक संगठनों में व्यतक्तगत ईत्तरदातयत्ि
बनाए रखा जा सके ?
सिाप्रथम, हमें ऄतधकाररयों के नैततक ईत्तरदातयत्ि का अकलन के िल ईस अधार पर नहीं
करना चातहए तजस ऄनुपात में िे पररणाम में ऄपने योगदान को साझा करते है
"ईत्तरदातयत्ि एक बाल्टी के समान नहीं होता है कक यकद ईसमें से कु छ को ऄलग कर कदया
जाए तब भी ईसमें कु छ शेष रहता ही है " यकद 10 ठगों के तगरोह की तपटाइ से एक बूढ़े
अदमी की मृत्यु हो जाती है, तो हम प्रत्येक ठग को हत्या के के िल 1/10 िें भाग के तलए
दंतडत नहीं करते हैं (भले ही ककसी एक ठग का मारना ईसकी मौत के तलए पयााप्त कारण न
हो) अगे, ईत्तरदातयत्ि का तनधाारण करते समय हमें न के िल ईन कृ त्यों पर तिचार करना
चातहए जो ईनके िारा ककए गए हैं, बतल्क ईन कृ त्यों पर भी तिचार करना चातहए जो ईन्होंने
नहीं ककए हैं संगठनों के संदभा में हम प्रायः ईन तिशेष दोषों को आं तगत कर सकते हैं जो
तितशष्ट व्यतक्तयों के तलए िर्थणत और पररणाम के मर्धय महत्िपूणा ऄंतर तनधााररत करते हैं
दोषों के प्रततरूप ऄतग्रम रूप में ऄनुमातनत एिं तनर्ददष्ट ककए जा सकते हैं
व्यतक्तगत प्रयोजन और सामूतहक पररणाम के मर्धय के ऄंतर को आं तगत करने िाले दूसरे तका के
बल को कम ककया जा सकता है यकद हम ऄतधकाररयों के नैततक ऄपराधों का अकलन करते
समय पररणामों की तुलना में प्रयोजन को कम महत्ि देते हैं, कम से कम ईन दो संदभों में
जहाँ "प्रयोजन" को सामान्यत: ईद्देश्य और प्रत्यक्ष लक्ष्य के रूप में समझा जाता है
हम िैध रूप से सामान्य नागररकों की तुलना में लोक पदों को एक ईच्च मानक के साथ धारण
कर सकते हैं हम यह ऄपेक्षा कर सकते हैं कक ऄतधकाररयों को लोक पद के सामान्य दातयत्िों
के कारण अंतशक रूप से पररणामों की तिथतृत श्रृंखला को र्धयान में रखना जाना चातहए
ऄतधक लोगों के कल्याण के तिषय में, ऄतधकाररयों को ऄपने कायों के पररणामों को प्राप्त
करने के तलए ऄसाधारण प्रयास करना चातहए जबकक ऄतधकारी एक या दो बार तका संगत
दािा प्रथतुत कर सकते हैं कक ईन्हें एक ऄतहतकारी पररणाम की ऄपेक्षा नहीं थी, जबकक
ईन्होंने ऄपनी ओर से संपण
ू ा प्रयास ककया था ऐसे में ईत्तरदातयत्ि से बचने हेतु ईनके िारा
आस छू ट का ईपयोग करने की तनम्न सीमा होनी चातहए रोजगार में भेदभाि के ईदाहरण के
संबंध में, हमारा मानना कक ऄतधकाररयों को यह समझना चातहए कक ईनकी संगठनात्मक
प्रकियाएं (सामातजक बलों के साथ संयुक्त) ऄभी भी कर्थमयों के तनणायों में ऄन्यायपूणा
पररणाम दे रही हैं; यकद िे आसका समाधान करने के तलए कदम नहीं ईठाते हैं तो िे ऄन्याय के
तलए अंतशक रूप से ईत्तरदायी हो जाते हैं
दोषारोपण के ईपरोक्त तका की तुलना में दोषारोपण ककये जाने का मागा प्रशथत करता है
लोक ऄतधकाररयों पर तजम्मेदारी डालते िक़्त हमें यह भी र्धयान रखना चातहए कक यह
व्यतक्तयों को न कक पदों को संबद् करता है आसे पूणता : ककसी व्यतक्त िारा धाररत पद से
संबंतधत ककसी भी भूतमका से तनधााररत नहीं ककया जा सकता है, ऄतपतु यह समय के साथ
एक व्यतक्त का ऄनुसरण करती है व्यतक्तगत ईत्तरदातयत्ि की आन तिशेषताओं को कभी-कभी
ईपेतक्षत ककया जाता है लोक ऄतधकाररयों को एक भूतमका में ऄनैततक (या ऄक्षम) प्रदशान के
तलए तजम्मेदार ठहराया जाता है ककन्तु पुनः िे पुरानी भूतमका का त्याग कर नइ भूतमका के
साथ नइ योजना का अरं भ करते है ऐसे बदनाम लोक ऄतधकाररयों का पुन: नये काया क्षेत्र में
अने पर व्यतक्तगत ईत्तरदातयत्ि को समाप्त करके ईन्हें नयी भूतमका देकर समथान ककया जाता
है
प्रशासतनक नीततशास्त्र संभि है, कम से कम दो प्रमुख सैद्ांततक तिचार जो आसकी संभािना
का तिरोध करते हैं, िे प्रभािशाली नहीं हैं हमें न तो तटथथता की नीततपरक ऄिधारणा को
थिीकार करने के तलए बार्धय होना चातहए जो थितंत्र नैततक तनणाय को कमजोर कर सकती है,
न ही संरचना की नीततपरक ऄिधारणा को, जो संगठनों में व्यतक्तगत नैततक एजेंसी की
ईपेक्षा करती है यह ज्ञात करने के तलए कक प्रशासतनक नीततशास्त्र संभि है, यह कदखाना
अिश्यक नहीं है कक आसे िाथति में ककस प्रकार थथातपत ककया जाए लेककन यह समझना
अिश्यक है कक क्यों प्रशासतनक नीततशास्त्र न के िल ऄभ्यास की कदशा में बतल्क ऄभ्यास में
ऄथापूणा तिषय-िथतु तनधााररत करने की कदशा में एक अिश्यक कदम के रूप में संभि है
1. अप एक तज़ले में युिा तजलातधकारी हैं, जहाँ पर तनजी नशा मुतक्त के न्द्रों की संख्या में तेज़ी से
िृतद् हो रही है ये कें द्र ऄनैततक ढंग से संचातलत होने हेतु जाने जाते हैं और ईनके व्यापार के
मॉडल में पुनः नशे के तशकार होने िाले पीतड़तों के तलए तिशेष प्रािधान शातमल हैं यद्यतप
ये कें द्र ऄत्यतधक शुल्क लेते हैं कफर भी ये पीतड़तों के पररिारों को एक अशा प्रदान करने हेतु
प्रतसद् हैं और नशे में तलप्त लोगों के संथथानीकरण से कानून व्यिथथा सुतनतित हुइ है जो कक
पडोसी तज़लों में तिद्यमान नहीं है
तनम्नतलतखत तिकल्पों का समाज के तितभन्न तहतधारकों पर ईनके सकारात्मक और
नकारात्मक प्रभािों के अधार पर तिश्लेषण कीतजए:
(a) सभी तनजी पुनिाास के न्द्रों को पूणत
ा ः बंद ककया जाना
(b) सरकारी के न्द्रों की थथापना हेतु धन की ईपलब्धता के तलए ईच्च ऄतधकाररयों को प्राथाना
ककया जाना
(c) आस मामले की गंभीरता से जाँच करने के तलए एक तचककत्सा दल का गठन और ईसकी
ररपोटा के बाद ही कायािाही करना
(d) पहले की भांतत के न्द्रों को संचातलत रहने देना
ईत्तरः
नशा मुतक्त के न्द्र व्यसनी के पररिार को कु छ समय के तलए राहत प्रदान करने के साथ-साथ
व्यापक थतर पर समाज को आनके िारा चोरी, डकै ती अकद रूपों में ईत्पन्न की जाने िाली
संभातित सुरक्षागत चुनौततयों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं हालांकक यह भी महत्िपूणा है कक
व्यसनी थियं भी पीतड़त होते हैं और आन्हें थियं ही पररिार और िृहत्तर रूप से समाज के
सहयोग की अिश्यकता होती है
ऄतः सभी पुनिाास के न्द्रों को बन्द ककया जाना जैसा कक तिकल्प (a) में व्यक्त ककया गया है, से
लाभ की बजाय हातन ऄतधक होगी पररिार और सम्बतधयों के पास कोइ तिकल्प नही रहेगा
और व्यापक रूप से जानकारी के ऄभाि में, व्यसनी के भार के कारण समाज को अर्थथक और
मनोिैज्ञातनक तनाि झेलना पड़ेगा तथा ऄव्यिथथा की तथथतत ईत्पन्न हो सकती है
सरकारी के न्द्र की थथापना, जैसे कक तिकल्प (b) में प्रथतातित ककया गया है, एक थिागतयोग्य
कदम हैं क्योंकक ये के न्द्र ऄन्य तनजी के न्द्रों के तलए अदशा के रूप में का काया करें गे साथ ही,
सरकारी के न्द्रों में लागू संशोतधत काया प्रणाली के संबंध में जनमत का तनमााण होगा और जन
सामान्य िारा तनजी क्षेत्र के के न्द्रों से भी समान काया प्रणाली लागू करने की मांग की जाएगी
तिकल्प (c) के ऄनुसार, ऄकियाशील रहतें हुए के िल तचककत्सकीय जांच ररपोटा की प्रतीक्षा
करने के गम्भीर पररणाम हो सकते हैं यह ऄप्रत्यक्ष रूप से तनजी के न्द्रां िारा सम्पाकदत
भ्रष्टाचारों को बढ़ािा देगा, तनम्नथतरीय ईपचार से ईत्पन्न गम्भीर चुनौततयों की ऄिहेलना
और ऄप्रत्यक्ष रूप से तीव्रता से बढ़ते तनजी नशामुतक्त के न्द्रों के कदाचारों को प्रोत्सातहत
करे गा
तिकल्प (d) के ऄनुसार के न्द्रों को तबना ककसी बाधा के संचातलत होने देना, एक प्रशासक
िारा ऄपने नैततक और व्यािसातयक ईत्तरदातयत्ि का तनिाहन न करना होगा
मर्धयम ऄितध में, सरकारी के न्द्रों के तनमााण को प्रोत्सातहत करने के साथ-साथ, नशे की
समथया के दुष्प्रभािों के बारे में जागरूकता एिं तशक्षा के प्रसार िारा समथया के मूल कारण
सरकारी और तनजी दोनों तरह के के न्द्रों में तनधााररत ककए जाने की अिश्यकता है साथ ही,
तचककत्सा तिशेषज्ञों की टीम को तनयुक्त कर समथया के कारणों को समाप्त करने हेतु
समानान्तर रूप से काया करना भी समान रूप से महत्िपूणा है
2. अपको हाल ही में एक शहर के नगर तनगम के तनदेशक के रूप में तनयुक्त ककया गया है एक
संयक्त
ु तनदेशक जो अयु में अपसे ऄतधक िररष्ठ है और छह माह में सेिातनिृत होने िाला है,
मनोभािपूिका एक ऄत्यंत महत्िपूणा नगर तनयोजन पररयोजना पर काया कर रहा है तजसके
सफल समापन से िह ऄपने शेष सेिातनिृत्त जीिन हेतु एक तचरथथायी प्रततष्ठा ऄर्थजत कर
सके गा तनगम की एक नितनयुक्त मतहला तसतिल ऄतभयंता तजसने आस क्षेत्र में एक ऄग्रणी
प्रमुख संथथान से प्रतशक्षण प्राप्त ककया है, संयक्त
ु तनदेशक हेतु ऄसुरक्षा का कारण बन गइ है
क्योंकक ईसे आस बात का तनरं तर भय है कक ईस मतहला को ईसके सभी प्रयासों का श्रेय तमल
जाएगा ईसने ईस मतहला के प्रतत एक ऄप्रततरोधी अिामक व्यिहार ऄपना तलया है तथा
िह ईस मतहला से संचार में भी ऄतशष्ट है मतहला ऄतभयंता लतित ऄनुभि करती है जब
संयक्त
ु तनदेशक ऄन्य कमाचाररयों के समक्ष ईसे डांटते हैं, ईससे बात करते समय ऄपना थिर
प्रबल कर लेते हैं तथा ईसे ऄपमातनत करने का कोइ ऄिसर नहीं छोड़ते िह भी संयक्त
ु
तनदेशक से भयभीत हो सकती है, क्योंकक कायाालय में ईसका एक दीघा कायाकाल रहा है,
तजस कायाात्मक क्षेत्र में िह काया कर रही है ईसमें संयक्त
ु तनदेशक को प्रत्यक्ष ऄनुभि प्राप्त है
तथा पूििा ती तनदेशकों िारा भी ईसका पक्ष तलया गया था िह यह ऄनुभि भी कर सकती है
कक आस मामले में ईसके पास कोइ रक्षोपाय नहीं है अप पूिि ा ती संगठनों में ईसके ईत्कृ ष्ट
ऄकादतमक और कररयर ररकॉडा से भलीभांतत ऄिगत हैं परन्तु भय आस बात का है कक संयक्त ु
तनदेशक के पक्ष से यह एक पक्षीय ऄहम् का संघषा आस महत्िपूणा पररयोजना में ईस मतहला
ऄतभयंता के ऄतत अिश्यक योगदान तथा ईसके भािनात्मक कल्याण को गंभीरतापूिक ा
संकटग्रथत कर देगा ऄभी-ऄभी अपको यह जानकारी प्राप्त हुइ है कक िह पदत्याग की योजना
बना रही हैं अप आस पररथथतत को कै से तनयंतत्रत करें ग?
े
ईत्तर:
संयक्त
ु तनदेशक को यह समझाने में सहायता करना कक
मतहला ऄतभयंता को ईसके काया का श्रेय नही कदया जायेगा एक तनदेशक के रूप में
संयुक्त तनदेशक को यह अश्वासन देते हुए अप यह सुतनतित करें गे कक संयुक्त तनदेशक के
रूप में ईनकी ऄर्धयक्षता में संचातलत पररयोजना हेतु ईन्हें ईनके काया का ईतचत श्रेय
प्रदान ककया जाए
यकद ईनके कारण िह त्याग-पत्र दे देती है और ईसने प्रकिया में एक तशकायत दजा
करिाइ है तो यह संयुक्त तनदेशक के कररयर पर एक दाग हो सकता है
आसकी बजाय ईन्हें ऄधीनथथों की एक बेहतर टीम बनाने में सहायता करनी चातहए जो
सेिातनिृत्त होने के पिात् भी ईन्हें ईच्च सम्मान का भागीदार बनाएगा तथा जो तनगम के
प्रतत ईनका महत्िपूणा योगदान तसद् होगा
चूँकक मतहला ऄतभयंता का पूिि ा ती संगठनों में एक ईत्कृ ष्ट ऄकादतमक और कररयर
ररकॉडा रहा है और ईसके पास बेहतर क्षमताएं भी हैं, ऄत: ईन्हें ईसकी क्षमताओं का
ऄहसास कराने में ईसकी सहायता करनी चातहए ईन्हें ईसके प्रतत एक ऄच्छे तशक्षक की
भूतमका तनभानी चातहए क्योंकक िे ईसके िररष्ठ हैं तथा ईस कायाात्मक क्षेत्र में तजसमें िह
काया कर रही है ईसमें प्रत्यक्ष ऄनुभि भी रखते हैं तभन्न ऄथों में यह ईनका व्यािसातयक
दातयत्ि भी है
यह भी कक मतहला ऄतभयंता के प्रतत ईनका व्यिहार और दृतष्टकोण गैर-पेशेिर तथा
ऄनुतचत है
3. अप भारतीय पुतलस सेिा के एक ऄतधकारी हैं तजन्हें हाल ही में एक शहर में तनयुक्त ककया
गया है, जहां ऄपराध की दर काफी ऄतधक है कायाालय में पहले कु छ कदनों में अपका सामना
व्यापक ऄनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार और तनयमों की ऄनदेखी से होता है एक कदन अप कु छ
लोगों को शहर में लाए जा रहे एक ऄिैध दिा की बड़ी खेप के साथ पकड़ लेते हैं श्री X, जो
कक थथानीय राजनेता हैं, अपको फ़ोन करते हैं और कहते हैं कक दिा की खेप को ईनकी
सहमतत के साथ ले जाया जा रहा था िह अपको यह भी बताते हैं कक अप सभी संकदग्ध
लोगों को मुक्त कर दें और आस बारे में कोइ प्रथम सूचना ररपोटा (FIR) दजा न करें ईनकी
सलाह न मानने पर िह अपको गंभीर पररणाम भुगतने की धमकी देते हैं आसके ऄलािा, िह
अपके तिभाग में अपके िररष्ठ ऄतधकारी और ऄन्य भी कइ लोगों के साथ ऄपने सम्बन्ध होने
ऐसा कृ त्य ितामान समथया को ठीक करने के तलए एक सकारात्मक कदम नहीं हो सकता
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ऄथाात् यह तिद्यमान कानून और व्यिथथा की तथथतत तथा साथ ही तनयमों एिं तितनयमों का
बड़े पैमाने पर ईल्लंघन है अप आस प्रकरणगत दिा की खेप की ऄिैधता के बारे में ऄपने
िररष्ठ ऄतधकाररयों और साथ ही साथ राजनेता को जानकारी दे सकते हैं कफर भी यकद िे
संकदग्धों को मुक्त करने और प्राथतमकी दजा न करने की हठ करें तो ईनकी संतलप्तता थपष्ट हो
जाती है
तिकल्प ii:
तलतखत अदेश की मांग करना एक तनिारक का काया कर सकती है, क्योंकक िररष्ठ िैसा करने
को मना कर सकते हैं ककन्तु, कृ त्य की ऄिैधता को थपष्ट रूप से संप्रेतषत करना महत्िपूणा है
कृ त्य की ऄिैधता को जानकर िररष्ठ ऄतधकारी आस प्रकार के अदेश जारी करने से दूर रह
सकता है
कृ त्य की ऄिैधता को जानकर भी यकद िररष्ठ एक तलतखत अदेश जारी करता है तो दातयत्ि
अप पर अ जाता है जहाँ तक अपकी पहल का सिाल है, तलतखत अदेश अपको
ऄतभयोज्यता से बचा सकता है प्रश्न ककए जाने पर अप प्रथतुत कर सकते हैं कक अपने अदेशों
के ऄंतगात काया ककया यह सम्भितः तकनीकी रूप से सही हो सकता है ककन्तु यह नैततक रूप
से सही नहीं है और ईत्तरदातयत्ि के पररत्याग के समान है पररणामात्मक रूप से आस तिकल्प
का ऄनुपालन करना कृ त्य को ऄिैध और साथ ही साथ ऄनैततक बना देता है आस पर
न्यायालय में प्रश्न ककया जा सकता है और यह बचाि कक अप अदेशों के ऄंतगात काया कर रहे
थे, िहां कोइ अधार नहीं रख सकता है आसी प्रकार, यह तिकल्प तजले में कानून और
व्यिथथा को सही रूप से सुतनतित नहीं करता है
तिकल्प iii:
जब िररष्ठ ऄतधकारी से संिाद तिफल हो जाए तो ईसके िररष्ठ से बात करना सुतिचाररत
कृ त्य का तार्दकक रूप से थिाभातिक पररणाम प्रतीत होता है अपको ईनका परामशा मांगते
समय थपष्ट रूप से और तनष्पक्षता से तथथतत की व्याख्या करनी चातहए नतीज़तन िररष्ठ
ऄतधकारी के िररष्ठ िारा अपके िररष्ठ को तनयंतत्रत ककया जा सकता है तथा अपको कताव्य
की मांग के ऄनुसार ईतचत प्रकिया ऄपनाने में सहयोग प्राप्त हो सकता है हालांकक, दूसरी
ओर यह अपके प्रतत अपके िररष्ठ ऄतधकारी का कोप भाजन भी बना सकता है और िह
अपके तिरुद् एक दुभाािना भी पाल सकता है
आस तिकल्प का दूसरा पहलू िररष्ठ ऄतधकारी के िररष्ठ की पद्तत पर तनभार करता है यकद
िह भी राजनेता और अपके िररष्ठ से सहमत है तो यह कदम प्रततकू ल हो सकता है और
अपके उपर दिाब और ऄतधक बढ़ा सकता है यकद ऐसा होगा तो यह तिद्यमान कानून और
व्यिथथा की तथथतत की चचता का समाधान भी नहीं करे गा
तिकल्प iv:
मीतडया को जानकारी देने का तिकल्प व्यापक रूप से समथत जनता के प्रतत थपष्टता और
ऄनुकियात्मकता से मेल खाता है मीतडया का एक युतक्तयुक्त ईपयोग आस प्रकार, ऄिैध कृ त्यों
के तखलाफ तितधित कानूनी कायािाही के तहतधारकों के दायरे में तिथतार करते हुए, राजनेता
और संतलप्त िररष्ठ ऄतधकाररयों पर सािाजतनक दबाि में िृतद् कर सकता है आसी प्रकार,
मीतडया जागरूकता, ऄतधकाररयों और सरकारी तंत्र में तिश्वास ईत्पन्न करने में सहायक हो
सकता है ककन्तु एक सनसनीखेज दृतष्टकोण का ऄनुपालन या मीतडया का ऄपररपि दृतष्टकोण
(ऄन्य तिकल्पों / संप्रष
े ण के साधनों की छानबीन के पूिा) के साथ ईपयोग करना संभितः
प्रततघात कर सकता है और यकद राजनेता ने दबाि बनाने की काया प्रणाली का ऄनुसरण
1. "के िल कानून का ऄनुपालन की काफ़ी नहीं है, लोक सेिक में, ऄपने कताव्यों के प्रभािी पालन के
तलए, नैततक मुद्दों पर एक सुतिकतसत संिेदन-शतक्त का होना भी अिश्यक है " क्या अप सहमत
हैं? दो ईदाहरणों की सहायता से थपष्ट कीतजए, जहाँ (i) कृ त्य नैततकतः सही है, परन्तु िैध रूप से
सही नहीं है तथा (ii) कृ त्य िैध रूप से सही है परन्तु नैततकतः सही नहीं है
2. ऄंतरााष्ट्रीय थतर पर, ऄतधकांश राष्ट्रों के बीच तिपक्षीय संबंध, ऄन्य राष्ट्रों के तहतों का सम्मान ककए
तबना थियं के राष्ट्रीय तहतों की प्रोन्नतत करने की नीतत के िारा तनयंतत्रत होते हैं आससे राष्ट्रों के
बीच िंि और तनाि ईत्पन्न होते हैं ऐसे तनािों के समाधान में नैततक तिचार ककस प्रकार सहायक
हो सकते हैं? तितशष्ट ईदाहरणों के साथ चचाा कीतजए
3. "मैक्स िेबर ने कहा था कक तजस प्रकार के नैततक प्रततमानों को हम व्यतक्तगत ऄंतरात्मा के मामलों
पर लागू करते है, ईस प्रकार के नैततक प्रततमानों को लोक प्रशासन पर लागू करना समझदारी नहीं
है आस बात को समझ लेना महत्िपूणा है कक हो सकता है की राज्य के ऄतधकारी तंत्र के पास ऄपनी
थियं की ऄतधकाररतंत्रीय नैततकता हो " आस कथन का समालोचनात्मक तिश्लेषण कीतजए
4. ऄनुशासन में सामान्यतः अदेश पालन और ऄधीनता तनतहत है कफर भी यह संगठन के तलए प्रतत-
ईत्पादक हो सकता है चचाा कीतजए
2. खनन, बांध एिं ऄन्य बड़े पैमाने की पररयोजनाओं के तलए अिश्यक भूतम ऄतधकांशतः
अकदिातसयों, पहाड़ी तनिातसयों और ग्रामीण समुदायों से ऄर्थजत की जाती है तिथथातपत
व्यतक्तयों को कानूनी प्रािधानों के ऄनुसार मौकद्रक मुअिजा कदया जाता है कफर भी, भुगतान
16. सं द भा (References)
Ethics in Public service by Richard A. Chapman
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VISIONIAS
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www.visionias.in
ऄतभवृति
तवषय सूची
For More Visit -http://pdf4exams.org
2.1. कमजोर वगों के प्रतत ऄतभवृति (Attitude Towards Weaker Sections) _______________________________ 12
5.1. ऄतभवृति हमारे तवचार और व्यवहार को ककस प्रकार प्रभातवत करती है? ___________________________________ 27
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7. तवगत वषों में संघ लोक सेवा अयोग (UPSC) द्वारा पूछे गए प्रश्न _________________________________________ 36
8. तवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न __________________________________________ 37
9. तवगत वषों में संघ लोक सेवा अयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज________________________________________ 41
https://t.me/pdf4exams
1. ऄतभवृ ति (Attitude)
1.1. ऄतभवृ ति का ऄथथ (Meaning of Attitude)
ऑक्सफोडथ शब्दकोष ऄतभवृति को ‘ककसी तवषय पर तवचार करने या ऄनुभव करने के तनयत तरीके ’ के
रूप में पररभातषत करता है। कै तम्िज शब्दकोष आसे ‘ककसी वस्तु या यति के तवषय में ऄनुभव या मत
या ईसके द्वारा प्रेररत व्यवहार करने के तरीके ’ के रूप में पररभातषत करता है। आन पररभाषाओं के
बावजूद, ऄतभवृति की व्यापक रूप से स्वीकायथ ककसी पररभाषा पर पहंचना करठन है। मुख्य रूप से
ऐसा आसतलए है क्योंकक ऄतभवृति एक ऄमूतथ गुण है, यह ऐसा कु छ है तजसे हम प्रत्यि रुप से देख नहीं
सकते। हम के वल व्यवहार से आसका ऄनुमान लगा सकते हैं। दूसरी करठनाइ यह है कक ‘ऄतभवृति’ शब्द
का तवतवध प्रकार से ईपयोग ककया जाता है।
ऄतभवृति, ककसी तवषय-वस्तु के प्रतत ऄनुकूल या प्रततकू ल रूप से व्यवहार करने की सीखी गयी और
तचरस्थायी प्रवृति (enduring predisposition) है। यह तवषय-वस्तु कोइ घटना, कोइ व्यति, कोइ
वस्तु या व्यति या िमशः ऐसी घटनाओं, व्यतियों, या वस्तुओं के वगथ हो सकते हैं।
*रटप्पणी: ऄतभवृतियों पर सबसे समकालीन पररप्रेक्ष्य यह भी ऄनुमतत देते हैं कक लोग एक ही तवषय
वस्तु के प्रतत एक ही समय में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही ऄतभवृतियों को धारण ककए हए
ककसी तवषय वस्तु के प्रतत तवरोधी (conflicted) या ईभयवृति (ambivalent) के भी हो सकते हैं।
आसका ऄथथ यह है कक यद्यतप यह ऄपेिाकृ त स्थाइ है, तथातप यह गारं टी नहीं है कक समान तवषय वस्तु
या घटनाओं के तलए ऄतभवृति समान ही होगी। कइ बार लोग ककसी तवषय वस्तु के प्रतत ईभयवृति या
यहां तक कक तवरोधी दृतष्टकोण भी धारण ककए रहते हैं। यही मुख्य कारण है तजसके कारण लोग ऄसंगत
व्यवहार करते हैं। कोइ व्यति जो चॉकलेट पसंद करता है वह कभी-कभी चॉकलेट ऄपनी लालसा को
संतुष्ट करने के तलए चॉकलेट खा सकता है और दूसरे समय वह व्यति स्वास््य चचताओं के कारण
चॉकलेट नहीं खाने का चयन करता है। ऄतधकतर समय व्यवहार ऄसंगत होता है, क्योंकक ऄतभवृति
ऄपने अप में ईभयवृति दशाथती है।
ऄतभवृति महत्वपूणथ है क्योंकक यह सामातजक और भौततक तवश्व के तवषय में लोगों की धारणाओं को
अकार प्रदान करती है और प्रत्यि व्यवहार को प्रभातवत करती है। ईदाहरण के तलए, ऄतभवृति दूसरों
के प्रतत तमत्रता और शत्रुता, सहायता देने और प्राप्त करने, ऄल्पसंख्यकों के प्रतत व्यवहार अकद को
प्रभातवत करती है। ऄतभवृतियाुँ बहत नाटकीय रूप से, मानवता के तवरुद् ककए जाने वाले ऄपराधों
सतहत कइ चहसक हमलों के मूल में तवद्यमान होती हैं।
ऄतभवृति के शास्त्रीय दृतष्टकोण के ऄनुसार आसके 3 ऄवयव होते हैं: संज्ञानात्मक, भावात्मक, और
व्यवहारात्मक। यह ऄतभवृति का सबसे प्रभावशाली मॉडल है। (तजसे ऄतभवृति का ABC मॉडल भी
कहा जाता है)। आसके ऄनुसार, ऄतभवृति में तनम्नतलतखत तीन ऄवयव होते हैं:
संज्ञानात्मक ऄवयव (Cognitive component: C ऄवयव): आसका संदभथ तवश्वासों, तवचारों और
गुणों से होता है तजसे हम ककसी तवषय वस्तु के प्रतत संबद् करते हैं। कइ बार व्यतियों की
ऄतभवृति तवषय-वस्तु के प्रतत ईनके द्वारा संबद् ककए जाने वाले नकारात्मक और सकारात्मक
गुणों पर अधाररत हो सकती है। दूसरे शब्दों में, आस ऄवयव में ऄतभवृति का तवश्वास भाग
समातवष्ट होता है। ईदाहरण के तलए, यह तवश्वास की X समाज के सदस्यों में Y प्रकार की
तवशेषताएं पाइ जाती हैं।
भावात्मक ऄवयव (Affective or Affection component: A ऄवयव): आसका संबंध ककसी
ऄतभवृति संबंधी तवषय वस्तु से संबंतधत भावनाओं या भावों से होता है, ऄथाथत ककसी तवषय वस्तु
के प्रतत सकारात्मक या नकारात्मक भावनाएं तजसके तलए हम ऄपनी ऄतभवृति धारण कर रहे हैं।
भावात्मक ऄनुकियायें ऄतभवृतियों को कइ प्रकार से प्रभातवत करती हैं। कइ लोग मकतड़यों से
डरते हैं या अतंककत रहते हैं। तो आस नकारात्मक भाव के ऄनुकिया स्वरूप कोइ व्यति मकतड़यों के
प्रतत नकारात्मक ऄतभवृति तवकतसत कर सकता है।
व्यवहारात्मक ऄवयव (Behavioural component; B ऄवयव): आसका संबंध ऄतभवृति संबंधी
ककसी तवषय-वस्तु के तवषय में भूतकाल के व्यवहारों या ऄनुभवों से होता है। यह ऄतभवृति संबं धी
ककसी तवषय-वस्तु के प्रतत ककसी तनतित प्रकार से व्यवहार करने की प्रवृति होती है। ईदाहरण के
तलए यकद हम ककसी व्यति को पसंद नहीं करते हैं, तो हमारे द्वारा सभा में ईसे ऄनदेखा करने की
संभावना होती है। यह लोगों को ऄतभवृति धारक की तपछली गतततवतधयों के अधार पर ईसकी
ऄतभवृतियों का ऄनुमान लगाने में सहायता करता है।
हालांकक आस मॉडल को अमतौर पर ईपयोग ककया जाता है, लेककन प्रायोतगक ऄनुसंधान द्वारा यह
तसद् नहीं होता है। ककसी एक तवतशष्ट ऄतभवृति से संबद् तवचार, भावनाओं, और व्यवहारगत अशयों
ऄतभवृतियाुँ व्यति के तलए तवतभन्न कायथ करती हैं। आन्हें मोटे तौर पर तनम्नतलतखत प्रकार से वगगीककृ त
ककया गया है:
रख सकता है। लोगों, वस्तुओं, या घटनाओं के प्रतत हम कइ प्रकार के पूवाथग्रहों ग्रतसत होते हैं। तो जब
हम ककसी ऄतभवृति संबंधी ‘तवषय वस्तु’ का सामना करते हैं तो, हममें ईन तवषय वस्तुओं के प्रतत एक
तवतशष्ट प्रकार से ऄपनी राय बनाने की प्रवृति होती है, हालांकक आसकी कोइ गारं टी नहीं है कक ऐसी
राय ईतचत ही हो।
आस प्रकार की ऄतभवृतियाुँ प्रगतत हेतु ऄनुकूल पररवेश में सही ज्ञान प्रदान करके पररवर्ततत की जा
सकती हैं। ईदाहरण के तलए, यह तवश्वास कक मतहलाएं कु शल वाहन चालक नहीं होती हैं, हममें ईनके
प्रतत पूवाथग्रह की तवतशष्ट भावनाओं को जन्म देता है, जो बदले में ईन्हें वाहन चालन करते हए देखने पर
हमारे यवहार को प्रभातवत करता है। यह ऄतभवृति पूवथधाररत तवश्वासों के तवपरीत प्रमाण प्रदान
करके और और तकथ शति का ऄनुप्रयोग कर पररवर्ततत की जा सकती है।
कु छ ऄतभवृतियाुँ लोगों को ऄपने अत्मसम्मान या ऄहम् की रिा करने में सहायता कर सकती हैं। लोग
भार कम करने या ऄपने अप को मनोवैज्ञातनक ितत से बचाने के तलए कु छ रिात्मक कायथ प्रणातलयों
का ईपयोग करते हैं। जब हम हताशा या दुभाथग्यशाली होते हैं, तो हम आस पररतस्थतत को ऄस्वीकार
करने की मनोदशा में होते हैं या ितत को युतिसंगत स्वरुप देने का प्रयास कर रहे हो सकते हैं। यह
ऄतभवृति का ऄहम् रिात्मक कायथ है। जब कोइ व्यति यह ऄनुभव करता है कक कोइ तवतशष्ट ऄतभवृति
ईसके स्वरूप को बलात पररवर्ततत कर सकती या संकटग्रस्त कर सकती है, तो ईस तस्थतत में यह प्रतीत
होता है। ईदाहरण के तलए, वृद् लेककन स्वस्थ व्यति शारीररक सहायता प्राप्त करने से आं कार कर सकता
है। आस प्रकार की ऄतभवृतियाुँ व्यति को मनोवैज्ञातनक संकट से सुरिा करने या अत्म सम्मान को
बढ़ाने में सहायता करती हैं। ऐसा करने के तलए मनोवैज्ञातनक िततयों वाली घटनाओं या सूचना को
कम ितत कारक या संकट कारक तरीकों से नइ भूतमका प्रदान कर दी जाती है। यह ऄतनवायथ रूप से
जुटाने में सहायता करता है। क्योंकक यह ज्ञान हमारी ऄतभवृति के प्रतत भली भाुँतत ऄनुकूल बैठता है
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यह ककसी व्यति की अशावादी दशा को संदर्तभत करता है। कइ ऄध्ययनों के ऄनुसार, आस प्रकार की
ऄतभवृति वाले लोग जीवन में प्रसन्न रहते हैं और ईन लोगों की तुलना में ऄतधक सफल होते हैं तजनके
ऄन्दर यह प्रवृति नहीं हैं। एक सकारात्मक ऄतभवृति अपको जीवन के दैतनक मामलों का सरलता से
सामना करने में मदद करती है।
सकारात्मक ऄतभवृति तनम्नतलतखत तरीकों से प्रकट होती है:
सकारात्मक और रचनात्मक सोच।
कदमाग की यह दशा रचनात्मक सोच के तलए ऄनुकूल है - यह जोतखम का अकलन करने को
प्रोत्सातहत करती है, यह नवाचार के तलए अवश्यक है।
चीजों को करने और लक्ष्यों को पूरा करने के तलए प्रेरणा और उजाथ प्रदान करती है।
खुश होने की एक ऄतभवृति।
यह सकारात्मक ऄतभवृति के लगभग तवपरीत है, क्योंकक यह तनराशावाद ईत्पन्न करता है। आस प्रकार
की ऄतभवृति पीड़नोन्मादी व्यवहार का ईत्पन्न करता है जहां हर जगह हम नकारात्मकता ही देखते हैं।
आ सको रोका जाना चातहए।
नकारात्मक ऄतभवृति तनम्नतलतखत तरीकों से प्रकट होती है:
नकारात्मक और तवनाशकारी सोच तथा रचनात्मक सोच में बाधा ईत्पन्न करती है।
यह चीजों को करने, जोतखम ईठाने और लक्ष्यों को पूरा करने के तलए प्रेरणा और उजाथ को समाप्त
करती है।
आस ऄतभवृति को धाररत करने वाला व्यति दुखी और ऄप्रसन्न रहता है।
कदमाग की नकारात्मक दशा कइ तरीकों से हातनकारक है, जैसे कक:
हमेशा तवफलता की ईम्मीद करना। पररणामतः, व्यति ककसी लक्ष्य को प्राप्त करने के तलए ऄपना
पूणथ प्रयास नहीं करता है।
ऄतभवृति धारक के तलए दुष्प्रेरणादायक।
यह व्यति को बाधाओं का सामना करने के बजाय दृढ़ता से ईसे छोड़ने के तलए प्रेररत करता है।
यह अत्म अलोचना और पीड़नोन्माद पैदा करता है।
यह अत्म-सम्मान और अत्मतवश्वास को कम करता है।
आस वजह से आस ऄतभवृति को धारण करने वाला के वल समस्या पर कें कद्रत रहता है न कक ईसके
समाधान की तलाश करता है।
चूंकक यह तनराशावाद ईत्पन्न करता है आसतलए यह ऄवसरों को लगभग समाप्त कर देता है।
आस प्रकार, नकारात्मक ऄतभवृति तनराशावाद और तवफलता की ओर ले जाती है, जो ककसी के जीवन
पर प्रततकू ल प्रभाव डाल सकता है। यह ककसी व्यति के सम्पूणथ पररवेश और घर या कायथस्थल पर ईसके
संबंधों को प्रभातवत करता है। नकारात्मक ऄतभवृति वाले व्यति की सामन्य तवशेषता िोध, संदह
े और
तनराशा है। आस तरह की ऄतभवृति एक तसतवल सेवक के तलए ऄतधक हातनकारक है, क्योंकक वे तवतभन्न
तरह के खींचतान और दबावों के साथ करठन वातावरण में काम करते हैं।
यहां तटस्थ का ऄथथ ऄपिपात (impartial)l या तनष्पि (unbiased) नहीं है। आसका ऄथथ सामान्य रूप
से ऄसंलग्न है। ककसी का ककसी के प्रतत एक तटस्थ ऄतभवृति हो सकती है ऄथाथत जो आसे सकारात्मक या
नकारात्मक दोनों तरह से पयाथप्त महत्व न दे। सामान्य रूप से तटस्थ ऄतभवृति होने का ऄथथ है एक ऐसा
व्यतित्व तजसकी तवशेषता ईदासीन या भावहीन होना है। हालांकक, कोइ हमेशा ऄनजान या ईदासीन
नहीं हो सकता है; तनणथय नहीं लेने को ऄतनतित काल तक जारी नहीं रखा जा सकता है। एक तटस्थ
ऄतभवृति की कु छ ऄतभव्यतियां तनम्नतलतखत हैं:
ईपेिा (Ignorance): ककसी के पास राजनीततक मुद्दों के प्रतत तटस्थ ऄतभवृति हो सकती है। जो
भी सामान्य सामातजक या राजनीततक समस्या हो, वे संतुष्ट होते हैं कक ईनके पास आसका समाधान
नहीं है।
ईदासीनता (Indifference)
पृथकता (Detachment)
भावहीनता (Unemotional)
संतुतलत (एक सकारात्मक तवशेषता) Balanced (a positive trait)
ककसी व्यति का वास्ततवक चररत्र ऐसे लोगों के प्रतत ईसके व्यवहार में स्पष्ट होता है जो न तो प्रततशोध
लेने की तस्थतत में होते हैं और न ही कोइ प्रततफल देने की। गरीबी, वंचन, भेदभाव और ऐसी तस्थततयों
को कायम रखने वाले ऄन्य कारकों के प्रतत हमारी ऄतभवृततयों से हमारा सुतवधाहीन, गरीब या हातशए
वाले लोगों के प्रतत व्यवहार तनधाथररत होता है। आस तरह के कारकों के प्रतत सकारात्मक दृतष्टकोण,
स्वाभातवक रूप से, व्यति की सहानुभूतत और देखभालपरक प्रकृ तत को प्रदर्तशत करता है। यह कमजोर
और हातशए वाले वगों के प्रतत संवेदना का प्रतीक है। यह दृतष्टकोण लोक सेवकों के तलए ऄत्यंत
वांछनीय है क्योंकक हातशए पर रह रहे लोगों का समावेशन या बतहष्कार करने की शति ईनके पास
होती है।
सवोदय
‘सवोदय’ शब्द का ऄथथ है: 'सावथभौतमक ईन्नतत' या 'सबकी प्रगतत'। यह शब्द पहली बार राजनीततक
ऄथथव्यवस्था पर जॉन रतस्कन के तनबंध, "ऄनटू कदस लास्ट" के मोहनदास गांधी द्वारा 1908 में ककये
गए ऄनुवाद के शीषथक के रूप में ऄपनाया गया, और बाद में गांधी जी ने ऄपने राजनीततक दशथन के
अदशथ के तलए आस शब्द का ईपयोग ककया। बाद में भारतीय ऄचहसावादी कायथकताथ तवनोबा भावे जैसे
गांधीवादी ने स्वातंत्र्योिर भारत के सामातजक अंदोलन के नाम के रूप में आस शब्द का प्रयोग ककया।
भारतीय समाज के सभी स्तरों तक अत्मतनभथरता और समानता की पहुँच सुतनतित करना आस
सामातजक अंदोलन का लक्ष्य था।
गांधी जी ने सवोदय की ऄवधारणा को प्रस्तुत ककया, जो तीन बुतनयादी तसद्ांतों पर अधाररत था:
ककसी व्यति का तहत सावथजतनक तहत में तनतहत है।
ककसी ऄतधविा के कायथ का वही मूल्य होता है जो ककसी नाइ के कायथ का होता है क्योंकक
सबको ऄपने कायथ से ऄपनी अजीतवका का ऄजथन करने का ऄतधकार होता है।
एक श्रतमक का जीवन ऄथाथत ककसी कृ षक का जीवन और ककसी तशल्पकार का जीवन ही
वास्तव में जीने योग्य जीवन है।
सवोदय के तसद्ांत
आसमें कोइ कें द्रीकृ त प्रातधकरण नहीं होगा, और गांवों में राजनीततक और अर्तथक पररवेश
होगा।
राजनीतत सिा का साधन नहीं होगी बतल्क सेवा का साधन होगी और राजनीतत लोकनीतत
के तलए जगह बनाएगी।
सभी लोग प्यार, बंधुता, सत्य, ऄचहसा और अत्म-त्याग की भावना से भरे होंगे। समाज
ऄचहसा की बुतनयाद पर कायथ करे गा।
बहमत का शासन और दलीय व्यवस्था नहीं होगी और समाज बहमत की तनरं कुशता जैसी
बुराइ से मुि होगा।
सवोदय समाज आस शब्द के वास्ततवक ऄथथ में समाजवादी है। सभी ईद्यमों के एक ही नैततक,
सामातजक और अर्तथक मूल्य होंगे। व्यति के व्यतित्व के तवकास का पूणथ ऄवसर ईपलब्ध
रहेगा।
सवोदय समाज समानता और स्वतंत्रता पर अधाररत है। आसमें ऄनैततक प्रततस्पधाथ, शोषण
और वगथ-तवद्वेष के तलए कोइ जगह नहीं है।
सवोदय का तात्पयथ सभी की ईन्नतत है। सभी व्यतियों को व्यतिगत श्रम करना चातहए और
ऄपररग्रह के अदशथ का पालन करना चातहए। तभी ‘प्रत्येक से ईसके काम के ऄनुसार और
प्रत्येक को ईसकी अवश्यकताओं के ऄनुसार’ का लक्ष्य प्राप्त करना संभव हो सके गा।
शोषण का साधन और सामातजक भेदभाव और घृणा का स्रोत- तनजी संपति नहीं होगी। आसी
प्रकार, लाभ का ईद्देश्य समाप्त हो जाएगा, मालगुजारी और ब्याज भी समाप्त हो जाएगा।
सवोदय अंदोलन सत्य, ऄचहसा और अत्म-त्याग पर अधाररत है।
सवोदय अंदोलन सभी लोगों के कल्याण में ऄतवश्वसनीय तवश्वास वाले व्यतियों को एक
साथ लाने हेतु अवश्यक वातावरण को बनाने के तलए एक इमानदार और साहसी प्रयास
करता है।
व्यतिगत लाभ कम होगा। प्रत्येक गुण का तवकास एक-दूसरे पर तनभथर करता है। यकद सभी
गुणों में थोड़ा सुधार हअ है, तो व्यति ऄतधक लाभ प्राप्त करे गा
एक लोक सेवक कानूनों को लागू करने और नीततयों, तनयमों और तवतनयमों को आस तरह से लागू करने
के तलए बाध्य है जो न के वल 'न्यायसंगत और तनष्पि' हो बतल्क पारदशगीक भी हो और आसे लागू करते
समय भयरतहत और तनष्पि रहना चातहए। यह 'कानून के शासन' की सच्ची भावना में ककया जाना
चातहए तजस पर लोकतांतत्रक राजनीतत का अधार है। ईन्हें संतवधान में तनतहत नागररकों के मौतलक
ऄतधकारों से ऄवगत होना चातहए और 'ऄंत्योदय के माध्यम से सवोदय' की सच्ची भावना में कमजोर
और तनचले स्तर के लोगों के तवकास को बढ़ावा देने के तलए सहानुभूतत की सकिय ऄतभवृति को
तवकतसत करना चातहए।
सतहष्णुता और करुणा ककसी लोक सेवक को न के वल बुतद् बतल्क भावना के साथ भी नेतृत्व करने में
सिम बनाती है। वे ककसी के चररत्र और सकारात्मक संबंधों के मौतलक घटक हैं जो कमजोर वगों की
अवश्यकताओं को पूरा करने के तलए अवश्यक हैं (जो सावथजतनक सेवाओं पर सबसे ऄतधक तनभथर हैं)।
ईदाहरण के तलए, यकद एक कलेक्टरे ट में कदव्यांग लोगों के तलए तशकायत तनवारण बैठक अयोतजत की
जानी है, तो एक ऄतधकारी तजसके पास सहानुभूतत ऄतभवृति है, यह सुतनतित करे गा कक पहंच के तलए
रैं प / तलफ्ट अकद जैसी ईतचत व्यवस्था की जाए, ऄन्यथा, ऐसी बैठक करने का कोइ ईद्देश्य पूणथ नहीं
होगा। आस कमजोर और हातशए वाले वगों के प्रतत सकारात्मक दृतष्टकोण के माध्यम से तवकतसत होने
वाली आस जरूरी समझ की कमी ऄिम और ऄपवजथनात्मक सावथजतनक प्रशासन और सेवा तवतरण को
जन्म देती है, जो ऄंततः ऄराजकता और पतन का कारण बन सकती है।
जैसा कक पहले पररभातषत ककया गया है, ऄतभवृति, ऄनुकूल या प्रततकू ल रूप से व्यवहार करने के तलए
स्थायी पूवाथग्रह है। हालांकक, प्रत्येक ऄतभवृति नैततकता से जुड़े प्रश्नों या पररतस्थततयों से संबंतधत नहीं
है। ईदाहरण के तलए सेब या संतरे के प्रतत ककसी व्यति की पसंद या नापसंद में नैततकता का कोइ प्रश्न
नहीं है। लेककन ककसी व्यति का शाकाहारी या मांसाहारी होना ईसके तलए नैततक तवचार हो सकता है।
आसी तरह, कोइ व्यति आलेक्रॉतनक माध्यम की ऄपेिा नकद में लेनदेन करने के प्रतत ऄनुकूल ऄतभवृति
रख सकता है। आसके बारे में नैततक या ऄनैततक कु छ भी नहीं है। हालांकक, यकद नकद लेनदेन की ईसकी
आच्छा सरकार से ऄपनी अय तछपाने के ईद्देश्य से प्रेररत है तब यह नैततकता का प्रश्न हो सकता है। आसी
प्रकार, लोकतंत्र के प्रतत ऄतभवृति या कमजोर वगों के प्रतत ऄतभवृति की प्रच्छन्न भावना नैततक होगी।
आस प्रकार नैततक ऄतभवृति को ऐसे रूप में पररभातषत ककया जा सकता है जो "सही" और "गलत" क्या
है, के नैततक दृढ़ तवश्वासों पर अधाररत है। यह नैततकता के बारे में ककसी के तवचार, नैततक त्रुरटयों
(ईसके द्वारा की गयी या ककसी ऄन्य के द्वारा की गयी) के बारे में ईसकी ऄतभवृति और नैततक मुद्दों के
चलग सापेि भी हो सकती हैं। ईदाहरण के तलए, ररश्वत के प्रतत मतहलाओं की तुलना में पुरुषों में कम
नकारात्मक दृतष्टकोण हो सकता है। आसी तरह, मतहलाओं में ऄपनी पसंद के कपड़े पहनने की अजादी के
प्रतत ऄतधक ईन्मुि ऄतभवृति हो सकती है।
* कृ पया ध्यान दें: 'नैततक ऄतभवृति' शब्द की एक और व्याख्या वह है जहां हम 'नैततक' शब्द के साथ
मूल्य को जोड़ते हैं। यहां 'नैततक ऄतभवृति' का ऄथथ ककसी व्यति की ऐसी ऄतभवृति है तजसे नैततक या
ऄच्छा या स्वीकायथ माना जाता है। चूंकक नैततकता व्यतिपरक होती है, आसतलए ककसी व्यति में कु छ
ऄंतर्तनतहत गुण होते हैं जो यह तनधाथररत करते हैं कक वह नैततक है या नहीं। नैततक ऄतभवृति से संबतं धत
सामान्यतः ऐसे चार गुण हैं:
1. सम्मान (Reverence): आसका तात्पयथ ऄत्यतधक अदर है। ककसी दूसरे व्यति का सम्मान करना,
ईसके तवचारों और व्यवहार का सम्मान करना नैततक व्यति की पहचान मानी जाती है।
2. तनष्ठा (Faithfulness): आसका ऄथथ है वफादार बने रहना और ककसी व्यति द्वारा ककसी व्यति में
ककये गए तवश्वास को रखना।
3. सत्यता या सत्यतनष्ठा (Veracity or truthfulness): सच्चा और इमानदार होना नैततक होने के
साथ जुड़ा एक और गुण है।
4. दयालुता (Goodness): यह ईदारता, प्रेम, देखभाल, सहानुभूतत आत्याकद जैसे गुणों वाले व्यति
का व्यापक रूप से समावेशी चररत्र है।
नैततक ऄतभवृति का महत्व या प्रभाव
मनुष्यों के भीतर सही होने और पसंद ककये जाने की अकांिा होती है। आस प्रकार, नैततक मुद्दों के प्रतत
ऄतभवृतियाुँ मजबूत होती हैं और दृढ़ता से व्यि की जाती हैं। ईदाहरण के तलए, ककसी व्यति के ऄंदर
बेइमानी या झूठ बोलने के प्रतत आतनी ऄतधक नकारात्मक ऄतभव्यति हो सकती है कक वह सत्यतनष्ठा के
तलए व्यतिगत संबंधों को भी खतरे में डाल सकता है।
नैततक ऄतभवृति सुतवधाजनक और तनषेधात्मक दोनों हो सकती है। वे ककसी जरूरतमंद की मदद करने
(altruism), सामातजक सेवा आत्याकद जैसे कायों के तलए सुतवधाजनक होती हैं। आसके ऄलावा, ऄनैततक
मानी जाने वाली कियाओं जैसे व्यतभचार, स्टॉककग, धोखाधड़ी आत्याकद के तलए तनषेधात्मक होती हैं।
चूंकक ऄतभवृति ककसी व्यति के व्यवहार से तनकटता से सम्बंतधत होती है, आसतलए नैततक ऄतभवृतियाुँ
नैततक व्यवहार को सहज बनाने में सहायता करती हैं क्योंकक वे नैततक रूप से सही तनणथयों पर पहंचने
में मदद करती हैं।
राजनीततक ऄतभवृति ककसी राजनीततक मुद्दे के प्रतत प्रवृति या पसंद/नापसंद है। ककसी मुद्दे को
राजनीततक मुद्दे के रूप में पररभातषत करने के तवतभन्न तरीके हो सकते हैं।
1. सरल ऄथों में, राजनीततक ऄतभवृति राजनीततक व्यवस्था, पार्टटयों या ईनकी तवचारधारा के प्रतत
लोगों की ऄतभवृति को संदर्तभत करती है। कोइ व्यति रूकढ़वादी, ईदारवादी, कें द्रवादी या ककसी
ऄन्य के रूप में स्वयं की पहचान कर सकता है। आसी तरह, कोइ राजनीततक दल भी आनमें से ककसी
के रूप में ऄपनी पहचान व्यि कर सकता है। हालांकक, ये ऄतभवृतियाुँ तवश्लेषण करने के तलए
बहत ऄस्पष्ट हैं। राष्ट्रपतत प्रणाली या संसदीय प्रणाली या ऄतधनायकत्व प्रणाली सकारात्मक या
नकारात्मक ऄतभवृति रखने के रूप में वगगीककृ त करने हेतु बहत व्यापक हैं और आसीतलए ये ऄस्पष्ट
हैं।
2. व्यापक ऄथों में, राजनीततक ऄतभवृति का ऄथथ सावथजतनक जीवन के तवतशष्ट मुद्दों के प्रतत व्याप्त
ऄतभवृति से है। ऄथथव्यवस्था, रोजगार, मतहलाओं, ऄसमानता, जातत व्यवस्था, मतदान प्रणाली
आत्याकद जैसे तवतशष्ट मुद्दों के प्रतत सापेतिक ऄतभवृतियाुँ रखना आन्हें एक व्यापक श्रेणी में संयोतजत
करने की तुलना में ज्यादा बेहतर है। ईदाहरण के तलए, ककसी तथाकतथत रूकढ़वादी पाटगीक के साथ
जुड़ा हअ कोइ व्यति ऄलग-ऄलग तवचारधारा के लोगों के प्रतत सतहष्णु ऄतभवृति रख सकता है।
वास्तव में, तवशेष रूप से भारत के राजनीततक दलों को पतिमी अधार पर वामपंथी या
दतिणपंथी खांचे में तवभातजत नहीं ककया जा सकता है। भारत में कोइ भी राजनीततक दल स्वयं
को स्पष्ट रूप से ककसान तवरोधी या श्रतमक तवरोधी नहीं घोतषत कर सकता है। आसतलए, व्यापक
श्रेतणयों के बजाय तवतशष्ट मुद्दों के संबंध में राजनीततक ऄतभवृतियों का ऄध्ययन करना बेहतर है।
यह राजनीततक ऄतभवृतियाुँ हैं जो यह तनधाथररत करती हैं कक लोग राजनीततक प्रकिया में कै से भाग
लेते हैं, वे ककन्हें वोट देते हैं, और वे ककन राजनीततक दलों का समथथन करते हैं। पररवार, धमथ, जातत,
नस्ल, और िेत्र सतहत कइ कारक हैं जो सतम्मतलत रूप से राजनीततक ऄतभवृतियों और व्यवहार में
योगदान देते हैं।
यह तकथ कदया जाता है कक राजनीततक तनणथय का तवकास नैततक तवकास के एक तहस्से का प्रतततनतधत्व
करता है और राजनीततक और नैततक तशिा काफी हद तक समान है, खासकर तब जब आसे व्यापक
पररप्रेक्ष्य में देखा जाता है। आस पररप्रेक्ष्य से, राजनीततक संस्कृ तत समाज में मूल्य प्रणाली तनधाथररत
करती है। जबकक, संकीणथ ऄथों में, राजनीततक संस्कृ तत एक व्यतिपरक मनोवैज्ञातनक घटना है जो
व्यतियों और राजनीततक व्यवस्था के बीच पारस्पररक प्रकिया में प्रकट होती है।
स्कू ल या तशिा संस्थान: ये ईत्कृ ष्टता, प्रततस्पधाथ, समयबद्ता एवं समग्र रूप से जीवन की ओर
ऄतभवृति ऄंतर्तनतवष्ट करने के महत्वपूणथ साधन हैं।
ऄनुकरणीय व्यतित्व: ये ऐसे व्यति हैं तजन्हें हम पसंद करते हैं और सकारात्मक रूप से पहचानते
हैं। तभन्न-तभन्न व्यतियों के ऄनुकरणीय व्यतित्व तभन्न-तभन्न होते हैं, जैसे एक यति ऄपने तपता
को ऄपना ऄनुकरणीय व्यतित्व मान सकता है, ककसी ऄन्य के तलए ऄपनी रूतच के िेत्र का प्रमुख
यति हो सकता है अकद। हम ऄपने ऄनुकरणीय व्यतित्वों की ऄतभवृतियों के साथ ईनका
ऄनुकरण करने का प्रयास करते हैं। कृ पया ध्यान दीतजए कक ककसी िेत्र में तवशेषज्ञ होना ऄतनवायथ
रूप से ऄनुकरणीय व्यतित्व होने के तलए पयाथप्त नहीं है। ऄनुकरणीय व्यतित्व कोइ ऐसा
यति होता है जो ऄपनी गतततवतधयों के माध्यम से प्रेररत करने में सिम होता है। जो लोग ऄपने
िेत्र में प्रमुख होते हैं और यापक स्तर पर लोकतप्रय होते हैं वे सामान्यता ऄनुकरणीय व्यतित्व
माने जाने वाले लोग होते हैंl ईदाहरण के तलए स्टीफन हॉककग को लीतजए - वह न के वल भौततकी
के तवशेषज्ञ थे ऄतपतु ऐसे यति भी थे तजन्होंने ऄपनी पुस्तकों, व्याख्यानों या यूं कहें कक ऄपने
जीवन के माध्यम से लाखों लोगों को आस तवषय में रुतच लेने के तलए प्रेररत ककया था।
4. ऄतभवृ ति पररवतथ न
ऄतभवृति पररवतथन, ऄवांतछत ऄतभवृति को वांतछत ऄतभवृति में रूपांतररत करने की प्रकिया को
संदर्तभत करता है। यहां यह स्पष्ट होना चातहए कक वांछनीय और ऄवांछनीय सही या गलत के संबध
ं में
मतावलोकन (वैल्यु जजमेंट) नहीं है। ककसी के तलए वांछनीय ईसके तलए ऄच्छा होता है लेककन दूसरों
द्वारा बुरा माना जा सकता है। ऄतभवृतिक पररवतथन का ऄथथ ऄपनी आच्छा के ऄनुसार ककसी ऄन्य की
सही या गलत क्या है, की धारणा को पररवर्ततत करना है। ईदाहरण के तलए, व्यति X लैपटॉप में
लाआनक्स से ऄतधक चवडोज ऑपरे टटग तसस्टम पसंद करता है। व्यति Y, X की ऄतभवृत्ा को बदलना
चाहता है क्योंकक Y स्वयं लाआनक्स पसंद करता है। यह लाआनक्स को चवडोज़ से बेहतर होने के संबध
ं में
कु छ भी नहीं कहता है (ऄथाथत वैल्यु जजमेंट)। यह के वल Y की आच्छा है। ईसके तलए चवडोज़ के प्रतत
वरीयता ऄवांछनीय है, और आसतलए वह X की ऄतभवृति ऄपनी पसंद के ऄनुसार बदलना चाहता है।
चूंकक ऄतभवृतियां सीखी जाती हैं, आसतलए वे न सीखी हइ, पुन: सीखी हइ या पररवर्ततत भी हो सकती
हैं। ऄनुनय या सामातजक प्रभाव के माध्यम से ऄतभवृति में पररवतथन ककया जा सकता है।
आसका ऄथथ ककसी बात को करने या पर तवश्वास करने के तलए ककसी को मनाने या राजी होने की किया
या प्रकिया है। ऄनुनय प्रभाव के तलए यापक पद है, जो ककसी व्यति की मान्यता, ऄतभवृति, अशय,
ऄतभप्रेरणा या व्यवहार को प्रभातवत कर सकता है। यह ऐसी प्रकिया है तजसका ईद्देश्य सूचना,
भावनाएं या तकथ या आनका संयोजन संप्रेतषत करने के तलए तलतखत या बोले गए शब्दों का ईपयोग
करके ककसी व्यति (या समूह) की ककसी घटना, तवचार, वस्तु या ऄन्य व्यति (यों) के प्रतत ऄतभवृति या
व्यवहार को बदलना होता है।
यह व्यतिगत लाभ की ऄतभलाषा में प्राय: ईपयोग ककया जाने वाला साधन भी है, जैसे चुनाव
प्रचार,तविय सेवा, या ककसी वाद के तलए वकालत में। आसे लोगों का व्यवहार या ऄतभवृति बदलने के
तलए ऄपने व्यतिगत या तस्थततपरक संसाधनों के ईपयोग के रूप में भी ऄथाथतन्वत ककया जा सकता है।
ऄतभवृतत का तनमाथण और पररवतथन दो ऄलग कियाएं नहीं हैं - वे एक दूसरे से संयुि रूप से जुड़े हए हैं।
लोग सदैव ऄपनी ऄतभवृततयों को बदलती अवश्यकताओं और तहतों के ऄनुरूप ऄपनाने, संशोतधत
करने या त्यागने वाले होते हैं।नइ ऄतभवृतत की स्वीकृ तत आस बात पर तनभथर करती है कक संप्रष
े क कौन
है, संचार कै से प्रस्तुत ककया जाता है, संदश
े प्राप्तकताथ द्वारा संचार को ककस प्रकार ऄनुभव ककया जाता
है,संप्रष
े क की तवश्वसनीयता, और ककन पररतस्थततयों में सूचना की प्रातप्त हइ है।
ऄतभवृतत बदलती है जब :
कोइ व्यति ककसी नइ सूचना को ककसी ऄन्य या मीतडया के माध्यम से प्राप्त करता है - संज्ञानात्मक
पररवतथन।
ऄनुभव के प्रत्यि माध्यम से ऄतभवृतत पररवतथन - प्रभावी पररवतथन।
ककसी व्यति का सामान्य से ऄलग व्यवहार करने के तलए मजबूर होना - व्यवहाररक पररवतथन।
प्रोत्साहक या ऄनुनय कताथ को एक ऐसे ईद्देश्य का चयन करने की अवश्यकता है जो ईसके दशथकों के
तलए यथाथथवादी हो।
प्रेरणा के पांच सामान्य ईद्देश्यों को नीचे सूचीबद् ककया गया है।
ऄनुनय के कें द्रीय मागथ में व्यति को अंकड़ें प्रस्तुत ककए जाते हैं और अंकड़ों का मूल्यांकन और
ऄतभवृति पररवतथनकारी तनष्कषथ पर पहुँचने के तलए प्रेररत ककया जाता है। पिपोषण के समथथन में
प्रस्तुत सूचना के वास्ततवक गुणों के ककसी व्यति के सतकथ और चचतनशील तवचारण से ऄनुनय
पैदा होने की संभावना होती है। ऄतभवृति पररवतथन का पररणाम तुलनात्मक रूप से स्थायी,
प्रततरोधी और व्यवहार का भतवष्य सूचक होगा।
ऄतभवृति पररवतथन के पररधीय मागथ का ईपयोग तब ककया जाता है जब संदश
े प्राप्तकताथ की तवषय
में बहत कम या कोइ रूतच नहीं होती है और / या संदश
े को संसातधत करने की ऄपेिाकृ त कम
िमता होती है। तवस्तार सातत्य के तनचले तसरे पर होने के नाते, प्राप्तकताथ द्वारा पूरी तरह से
सूचना का परीिण नहीं ककया जाता है। पररधीय मागथ के साथ, ईनकी सामान्य धारणा (ईदाहरण
के तलए "यह सही/ऄच्छा लगता है"), संदश
े के प्रारं तभक भागों, ऄपनी स्वयं की मनोदशा,ऄनुनय
संदभथ के सकारात्मक और नकारात्मक संकेतों आत्याकद पर तनभथर होने की ऄतधक संभावना होती
है। व्यति को ऄंतवथस्तु नहीं बतल्क स्रोत को देखने के तलए प्रोत्सातहत ककया जाता है। पूरी तरह से
आस पर सोच-तवचार करने के तलए बहत ऄतधक श्रम ककए तबना क्या तनणथय करना और / या
तवश्वास करना है आसका हमें ईिर देने के तलए तवश्वसनीयता तनम्न प्रयास और कु छ तवश्वसनीय
तरीका है। ऐसा सामान्यत: मशूरर हतस्तयों वाले अधुतनक तवज्ञापनों में देखा जाता है। यह ककसी
व्यति के आस महत्वपूणथ पहलू पर तनभथर करता है- कक वे 'संज्ञानात्मक रूप से कमजोर' हैं और
शॉटथकट का ईपयोग करते हैं और ऄनुमान (ऄथाथत तवस्तृत / तवश्लेषणात्मक प्रकिया के बजाय
त्वररत समस्या समाधान) पर भरोसा करते हैं।
3. सुस्पष्ट भाषा और ऄकाट्य साक्ष्य के साथ तस्थतत को सुदढ़ृ करना (Reinforce positions with
vivid language and compelling evidence): प्रत्यायन को साक्ष्य के प्रस्तुतत की अवश्यकता
होती है - कइ रूपों में मजबूत डेटा (कहातनयां, अलेख, तचत्र, रूपक और ईदाहरण)। प्रत्यायक को
तचत्रालेख (ग्राकफक्स) को पूरा करने वाली सुस्पष्ट भाषा का ईपयोग करके तस्थतत को जीवंत बनाने की
अवश्यकता होती है।
प्रत्येक व्यति प्रत्यातयत होने के तलए ऄततसंवेदनशील होता है; प्रत्यायन एक ऐसी प्रकिया है तजसका
ईद्देश्य ककसी व्यति की ऄतभवृति और/या ककसी तवचार, घटना, व्यति या वस्तु के प्रतत ईसके व्यवहार
को बदलना है। व्यापक रूप से यकद कहा जाए तो प्रभावी प्रत्यायन के तलए वांछनीय स्रोत
(तवश्वसनीयता का होना), वांतछत संदश
े की तवशेषतायें (भय, तववेकपूणथ और भावनात्मक ऄपील) होनी
चातहए। ऄतधक तवस्तृत रूप में, प्रत्यायन को प्रभावी होने के तलए तनम्नतलतखत बातें होनी चातहए:
जब ककसी यति की भावनाएं, तवचार या व्यवहार दूसरों से प्रभातवत होते हैं तो सामातजक प्रभाव
होता है। सामातजक प्रभाव कइ रूप ग्रहण करता है और ऄनुपालन, समाजीकरण, सहकमगीक दबाव,
अज्ञाकाररता, नेतृत्व, ऄनुनय में देखा जा सकता है। हालांकक, तनम्नतलतखत सामातजक प्रभाव के तीन
व्यापक प्रकार हैं।
ऄनुपालन तब होता है जब लोग दूसरों के साथ सहमत होते हैं, लेककन वास्तव में ऄपनी ऄसहमत
राय तनजी रखते हैं। यह व्यवहार में पररवतथन है, लेककन अवश्यक रूप से ऄतभवृति में नहीं।
पहचान तब होती है जब लोग पसंद ककए जाने वाले और सम्मातनत व्यति से प्रभातवत होते हैं जैसे
राजनेता, गुरु, प्रतसद् हस्ती।
समावेशन तब होता है जब लोग कोइ मान्यता या व्यवहार स्वीकार करते हैं और सावथजतनक रूप
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येल तवश्वतवद्यालय के प्रोफे सर स्टेनली तमलग्राम (1961) ने अज्ञापालन का ऄध्ययन करने के तलए
एक प्रयोग प्रारं भ ककया। जैसा कक उपर कदखाया गया है, प्रततभागी (तशिक) प्रश्नों की एक श्रृंखला को
ऄन्य "प्रततभागी" (तशिाथगीक) से पूछेगा। तशिकों को एक प्रातधकरण (प्रयोगकताथ) द्वारा तनदेतशत ककया
गया कक जब भी तशिार्तथयों द्वारा गलत जवाब कदया जाए तो तशिार्तथयों को तबजली का झटका
(shock) कदया जाए। सीखने वाला कोइ प्रततभागी नहीं था, लेककन वास्तव में वह एक ऄतभनेता था
जो तबजली के झटके से चोट पहंचने का नाटक करता था और बटन दबाए जाने पर ददथ से तचल्लाता
था।
पररणाम? 60 प्रततशत से ऄतधक प्रततभातगयों को घातक स्तर (450 वोल्ट) तक झटके कदए गए।
क्योंकक प्रततभागी के पीछे, एक डॉक्टर था, जो यह कहता रहेगा कक अगे बढ़ो" ... वोल्टेज बढ़ाओ,
व्यति मरे गा नहीं।"
1. ईिरदातयत्व की कमी, अपके तववेक को ऄततव्यातपत या ओवरराआट करती है: डॉक्टर
अतधकाररक व्यति है। व्यतिगत प्रततभागी का तववेक ऄतधक शतिशाली होता है, जब प्रततभागी
सोचता है कक "यह मेरा ईिरदातयत्व नहीं है, मैं के वल अदेशों का पालन कर रहा ूरं"।
2. अतधकाररक व्यति अपके तववेक को ऄततव्यातपत कर सकता है: तहटलर एक महान विा था; वह
मात्र एक भाषण से भीड़ को ऄपने पि में कर सकता था।
3. सहकमगीक-दबाव अज्ञापालन से ऄतधक शतिशाली है: यकद दो प्रततभागी हैं, तो यकद दूसरा
प्रततभागी आस तवषय के तलए तबजली के झटके देने से आनकार करता है और कमरे से बाहर चला जाता
है तो पहला प्रततभागी भी कमरे से बाहर जा सकता है।
ऄतभवृतिक पररवतथन के तलए व्यति के भावनात्मक पहलू को ऄपील के एक साधन के रूप में प्रयोग
ककया जाता है। वास्तव में, भावना ऄनुनय और सामातजक प्रभाव में एक प्रमुख घटक है। ऄतभवृत्ा पर
शोध ने भी संदश
े ों के भावनात्मक घटकों का महत्व प्रकट ककया है। ऄतभवृति का ABC मॉडल तीन
घटकों पर बल देता है- संज्ञानात्मक (ऄथाथत हम क्या समझते हैं), भावनात्मक (हम भावनात्मक रूप से
कै से जुड़ते हैं) और व्यवहारात्मक (हम कै से कायथ करते हैं)। भावना संज्ञानात्मक प्रकिया, या तजस प्रकार
तजसकी कल्पना करना अनंदकारी होता है लेककन साक्ष्य या त्य पर अधाररत नहीं होता है), तो यह
तार्ककक भ्रांतत बन जाता है। कामनापूणथ तवचारणा या चापलूसी या घृणा को ऄपील से ऄतभवृति में
के वल एक ऄस्थायी पररवतथन लाया जा सकता है। भतवष्य में आससे वांतछत ऄतभवृति के तवपरीत
ऄतभवृति के तवकास का भी मागथ प्रशस्त हो सकता है। आसतलए, ऄके ले भावनाओं को ऄपील
ऄतभवृिात्मक पररवतथन का संधारणीय अधार नहीं बन सकता है। त्यों का मूल्यांकन संदश
े को वैधता
प्रदान करता है और आस प्रकार यह ऄतभवृति बदलने का ऄतधक स्थायी तरीका है।
ऄनुनय या सामातजक प्रभाव के पररणाम युतियों, ईद्देश्यों तथा संदभों तजनमें वे तनतहत हैं, के प्रकारों
के अधार पर ऄच्छे, खराब एवं तनकृ ष्ट हो सकते हैं। पररणामों के आन प्रकारों की चचाथ नीचे की गइ है:
बुरे प्रभावक वैध एवं वांछनीय लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु करठन पररश्रम कर सकते हैं, परन्तु ईनमें ककसी
को सफलतापूवक
थ प्रभातवत करने हेतु कौशल का ऄभाव होता है। ईनकी कायथशैली लोगों को यह
ऄनुभव कराने का कारण बनती है कक ईन्हें ऄनुपयुि अतधकाररक तनयमों के माध्यम से दंतडत या मूखथ
बनाया जा रहा है, ईन सभी को प्रसन्न करने हेतु जो ऄप्रभावी कदखाइ देते हैं। आस मामले में ईद्देश्य
तवशुद् है परन्तु साधन ऄप्रभावी हैं। ईदाहरणाथथ बाध्यकारी बंध्याकरण के साथ पररवार तनयोजन को
प्रोत्सातहत करना जैसा कक अपातकाल के दौरान हअ था।
तवतध : ला-तपयरे ने ईस समय चीन तवरोधी भावनाओं के व्याप्त होने के कारण एक चीनी जोड़े के साथ
भेदभावपूणथ व्यवहार ककए जाने और ईसे देखने की ऄपेिा से ऄमेररकी होटलों का दौरा ककया। ईस
समय एतशयाआयों के तवरुद् व्यापक पूवाथग्रह था और और नस्लीय भेदभाव के तवरुद् कोइ कानून नहीं
थे। ईन्होंने 67 होटलों और 184 रे स्टोरें ट का दौरा ककया। ईनके लौटने के छह महीने बाद बाद, ईन्होंने
तजन प्रततष्ठानों का दौरा ककया था ईन्हें एक पत्र भेजा, तजसमें यह पूछा गया था कक क्या वे चीनी
ऄतततथयों को स्वीकार करें गे।
पररणाम: तजन प्रततष्ठानों का ईन्होंने दौरा ककया था ईनमें से के वल एक प्रततष्ठान ने ईन्हें ऄस्वीकृ त
ककया और अमतौर पर ईनके साथ तवनम्रतापूणथ व्यवहार ककया गया था। ईस पत्र का ईत्तर देने वाले
128 प्रततष्ठानों में से 91% ने कहा कक वे चीनी ऄतततथयों को स्वीकार करने के तलए तैयार नहीं थे।
हमारा व्यवहार और हमारी ऄतभव्यि ऄतभवृतियाुँ तभन्न होती है क्योंकक दोनों ऄन्य प्रभावों से
प्रभातवत हो जाते हैं। लेककन हम यकद हमारे व्यवहार पर ऄन्य प्रभावों को तनरस्त कर सकें - ऄन्य सभी
तवषय वस्तुओं को समान बना सकें - तो ऄतभवृतियों से बहत सटीकता पूवक
थ व्यवहार का पूवाथनुमान
लगाया जा सकता है। तनम्नतलतखत चबदु ईन पररतस्थततयों की तवस्तार पूवक
थ व्याख्या करते हैं तजनके
ऄंतगथत लोगों द्वारा ऄपनी ऄतभवृतियों के ऄनुसार व्यवहार करने की ऄतधक से ऄतधक संभावना होती
है।
ईच्च ऄतभवृति- व्यवहार सुसंगतता की एक महत्वपूणथ शतथ यह है कक ऄतभवृति मजबूत और स्पष्ट हो।
ऄतभवृतियों की िमता व्यतिगत तनतहताथों; प्रत्यि ऄनुभव के माध्यम से गरठत; ऄत्यतधक
ऄंतःस्थातपत ऄतभवृतियों, पर तनभथर करती है ऄथाथत् वे लोगों द्वारा धारण ककए जाने वाले ऄन्य
तवश्वासों से संबद् होती हैं।
ऐसी ऄतभवृतियाुँ तजन तक स्मृतत की पहंच ऄतधक होती है वे व्यवहार को ऄतधक प्रबलता पूवक
थ
प्रभातवत करती हैं। ककसी ऄतभवृति तक स्मृतत की पहंच है या नहीं आसका तनधाथरण करने वाला एक
प्राथतमक कारक यह है कक ईसे ककतने बारं बार ऄतभव्यि ककया जाता है। जब ऄतभवृतियाुँ ऄतधकातधक
बारं बार ऄतभव्यि ही जाती हैं तो वे और ऄतधक प्रबल हो जाती हैं। ऄथाथत् ककसी ऄतभवृति को
ऄतभव्यि करने की तजतने ऄतधक ऄवसर अपके तमलते हैं, ईस ऄतभवृति को अप ऄपने तलए ईतना ही
ऄतधक महत्वपूणथ मानते हैं।
प्रमुख तवशेषता या ख़ातसयत, तवशेष रूप से महत्वपूणथ होने का गुण है। ऄतधकांश तस्थततयों में, कइ
तवतभन्न ऄतभवृतियाुँ व्यवहार के तलए प्रासंतगक हो सकती हैं। प्रमुख तवशेषता, तवशेष रूप से ईस समय
महत्वपूणथ होती है जब ऄतभवृति बहत सुदढ़ृ नहीं होती है। प्रमुख तवशेषता का संदभथ आस त्य से है कक
यति के सभी तवश्वासों कोiaऄपने संज्ञानात्मक िेत्र में समान महत्ता प्राप्त नहीं होती है। वह ऄपने
कु छ तवश्वासों के प्रतत ऄतधक तीव्रता से जागरूक हो सकता है, वे ईसके तवचारों में ऄतधक सहजतापूवथ
ऄपनी ईपतस्थतत दजथ कर सकते हैं, ईन्हें ऄतधकातधक बार वाणी के माध्यम से यक्त ककया जा सकता
है, एक शब्द में कहें तो वे प्रमुख होते हैं। मान लीतजए ककसी व्यति कु छ ऐसी वस्तुओं का नाम लेने के
6.1. के स स्टडी 1
गंगा ऄल्सेक टेनोलोलॉजीज के तलए काम करने वाली सॉफ्टवेयर आंजीतनयर है। वह ऄपनी प्रततस्पधगीक फमथ
नोवाटेक्स तसस्टम्स से नौकरी का प्रस्ताव पाकर रोमांतचत थीं। वह नोवाटेक्स की ईद्योग ऄग्रणी और
अदशथ तनयोिा के रूप में बहत सराहना करती थी। तजस पद का ईसे प्रस्ताव तमला था, ईसकी ईसे
हमेशा से ही चाह थी। ऄपने पतत तवष्णु से ईसने आस प्रस्ताव पर चचाथ की। तवष्णु ने कु छ प्रश्न ईठाए,
तजन्होंने ईसे परे शानी में डाल कदया। तवष्णु ने ईससे तजस बड़ी पररयोजना पर वह काम कर रही थी
ईसके संबंध में पूछा। ईसने ईसे याद कदलाया कक आस पररयोजना को प्रारं भ करने में वह प्रमुख प्रेरक
थी। ईसने कहा, यकद तुम आस समय ऄल्सेक को छोड़ देती हो, तो वे बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।
तवष्णु ने अश्चयथ के साथ पूछा कक क्या ईसका आस समय जाना कं पनी और पूरी पररयोजना टीम को
तनराश करने वाला नहीं होगा।
ईसने ऄल्सेक में ऄच्छा काम ककया है और कं पनी ने ईससे ऄच्छा यवहार ककया है। मुद्दा यह है कक
अपके तलए क्या करना सही है, न कक कं पनी क्या करे गी या नहीं करे गी। दोनों प्रततस्पधगीक फमें हैं। यह
पाला बदलने जैसा है। यह के वल कं पनी के प्रतत तनष्ठा नहीं है, बतल्क तजन लोगों के साथ अप काम
करते हैं ईनके प्रतत भी तनष्ठा है। नोवाटेक्स को तुरंत ककसी की अवश्यकता है। लेककन ईन्होंने प्रस्ताव
के संबंध में सोच-तवचार करने के तलए ईसे कु छ और समय कदया। यह गंगा के तलए एक एक बहत बड़ा
ऄवसर है। तवष्णु के साथ ईसकी बातचीत ने ईसे परे शानी में डाल कदया और वह सोचने लगी कक क्या
वह ऐसे प्रस्ताव को स्वीकार करके सही काम करे गी, तजसे वह बहत समय से चाहती है।
गंगा को क्या करना चातहए ? ककन अदशों, दातयत्वों और प्रभावों को ईसे ध्यान में रखना चातहए।
क्या सब कु छ छोड़ देना और नोवाटेक्स में चले जाना गंगा का गैर-पेशेवर व्यवहार होगा ? क्या
आससे वह सत्यतनष्ठा की कमी प्रदर्तशत करे गी ? क्या एकाएक नौकरी छोड़कर जाना ईसके कै ररयर
को नकारात्मक रूप से प्रभातवत कर सकता है?
क्या नइ कं पनी में पदभार ग्रहण करना नैततक रूप से गलत है, नैततक रूप से ईतचत है या नैततक
रूप से अवश्यक है? गंगा के तवकल्पों का परीिण कीतजए।
ईपयुक्
थ त प्रश्नों का ईिर देने के तलए तनम्नतलतखत पर तवचार कीतजए
प्रासंतगक त्य क्या हैं?
1. गंगा ऄल्सेक के तलए काम करने वाली सॉफ्टवेयर आं जीतनयर है, लेककन वतथमान में वह ऐसी नौकरी
में नहीं है तजसे वह हमेशा से चाहती रही है।
2. ईसे नोवाटेक्स से एक प्रस्ताव तमलता है, लेककन ईसका पतत ईसे याद कदलाता है कक आस समय वह
ऄल्सेक के तलए ककतनी महत्वपूणथ है।
3. ईसने प्रततस्पधगीक फमों में पाला बदलने वाले ऄपने सहयोतगयों के संबंध में टीका-रटप्पणी की।
नीतत शास्त्रीय मुद्दे क्या हैं?
1. क्या गंगा को आस त्य के बावजूद नोवाटेक्स में सतम्मतलत हो जाना चातहए कक वह वतथमान
पररयोजना के पीछे प्रेरक बल है ?
2. गंगा को ककस अधारों को ध्यान में रखते हए तनणथय लेना चातहए ?
संभव समाधान
वतथमान में, गंगा का वतथमान तनयोिा ईसे शीषथ तनष्पादक मानता है और ईनका व्यवहार गंगा के प्रतत
ऄच्छा है। एक प्रततस्पधगीक कं पनी ईसे लेना चाहती है। गंगा को ईनके प्रस्ताव को सुनने एवं ईस पर
तवचार करने का ऄतधकार है।
वह ऄल्सेक में ऄपने कै ररयर की उंचाआयों को छू चुकी है और नोवाटेक्स द्वारा प्रस्तातवत ललचाने वाला
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6.2. के स स्टडी 2
अप सड़क अयोग के आं जीतनयटरग प्रबंधक हैं तजसका प्राथतमक ईत्तरदातयत्व तजला सड़क की सुरिा
है। सड़क के एक तनतित तहस्से में आसके ककनारे लगे वृिों से दुघथटनाग्रस्त होकर तवगत सात वषों में कम
से कम प्रतत वषथ 1 व्यति की मृत्यु हइ है। कइ ऄन्य दुघथटनाएुँ भी हइ हैं। सड़क के ऄसुरतित खंड के
संबंध में दो मुकदमे भी दायर ककए गए थे, लेककन आसतलए खाररज हो गए क्योंकक चालकों ने 45 मील
प्रतत घंटे की सीमा का ईल्लंघन ककया था। अप ऄनुशस
ं ा करते हैं कक सड़क चौड़ी की जाए, तजसके
पररणामस्वरूप लगभग 30 पुराने पेड़ काट कदए जाएंगे। पयाथवरणीय समूह तवरोध करते हैं और पेड़ों
को बचाने के तलए 150 लोगों द्वारा हस्तािररत यातचका दायर करते हैं। आस मुद्दे के दोनों पिों पर
सावथजतनक बहस होती है।
"चचाथ कीतजए कक अप आस चबदु पर कै से अगे बढ़ेंगे।"
सामातजक मूल्य: आस तस्थतत से तवतभन्न प्रकार के सामातजक मूल्य संबंतधत हैं। समाज मानव जीवन को
महत्व देता है, आसतलए यह सड़क चौड़ा करने और पेड़ों को काटने का पि लेगा। समाज कानूनों के
पालन को भी महत्व देता है। चूंकक यह तकथ कदया जा सकता है कक दुघथटनाग्रस्त होने वाले लोगों की गतत
ऄतधक थी, आस प्रकार वे कानून का ईल्लंघन कर रहे थे।
तजन कदमों का मैं ऄनुसरण करूुँगा
1. सवथप्रथम, मैं जनता को सूतचत करने के तलए सावथजतनक बैठक अयोतजत करूुँगा। यह ध्यान कदया
जाना चातहए कक यातचका लगाने वाले लोगों की न्यूनतम संख्या प्रभातवत लोगों का एक बहत
छोटा-सा तहस्सा है (शहर में 60,000 तक, आसतलए सड़क चौड़ा करने के पि में एक मूक बहमत
हो सकता है)। समझाउंगा कक तकनीकी रूप से सबसे ऄच्छा समाधान सड़क को चौड़ा करना ही
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क्यों है।
2. तजले को सड़क को चौड़ा करना चातहए और आष्टतम सुरिा के तलए मागथ से सटे पेड़ों को हटा देना
चातहए।
3. तजले को तवस्थातपत पेड़ों को ऄन्य सावथजतनक संपति (ईद्यान, अकद) में स्थानांतररत करने पर
तवचार करना चातहए, यकद संभव हो और दोगुनी संख्या में पेड़ लगाना चातहए।
यह समाधान सावथजतनक सुरिा (जो मानव नीततशास्त्र है) और पयाथवरण संरिण (जो पयाथवरणीय
नीततशास्त्र का भाग है), दोनों को समायोतजत करता है।
6.3. के स स्टडी 3
तपछले महीने नागररक तनवारण से तनपटने के दौरान अपके एक कमथचारी ने तनष्पादन में भारी
तगरावट प्रदर्तशत की थी। हालांकक यह तगरावट तपछले छह महीनों से चली अ रही थी, लेककन यह
तपछले महीने के दौरान तवशेष रूप से तीव्र थी और अपको बहत सी तशकायतें तमली थीं। आसके
ऄततररक्त, वह देर से अने लगी थी, तजससे ऄपने काम से बहत कुं ठाग्रस्त लगती थी। ईसकी कुं ठा
कायाथलय में वातावरण प्रभातवत कर रही थी क्योंकक वह लोकतप्रय कमथचारी थीं और तपछले दो वषों से
कं पनी के तलए काम कर रही थी।
व्यतित्व/चररत्र और ईसके मूल्यों और संगठनात्मक मूल्यों के अधार पर ककसी व्यति द्वारा की जाने
वाली कायथवाही तनम्नतलतखत है। अप क्या तवकल्प चुनग
ें े साथ ही ऄपने चयतनत तवकल्प का औतचत्य
दशाथआये।
1. मैं ईसे बातचीत के तलए बुलाउंगा और समस्या का स्रोत पता लगाने का प्रयास करूुँगा। मैं
समझाउंगा कक यह व्यवहार आससे जुड़े सभी लोगों के तलए बुरा है और ईसमें वह भी सतम्मतलत है।
मैं आस शतथ पर ईसकी सहायता करने की ऄपनी सच्ची आच्छा व्यि करूुँगा कक वह मेरे साथ काम
करे , न कक मेरे तवरूद्।
2. पदावनत करना सवाथतधक ईपयुि समाधान है। ईसके कोइ ऄन्य पद देना श्रेयस्कर रहेगा तथा
ईसको ऑकफस के बैक-एन्ड कायथ सौंपै जा सकते है। कमथचाररयों का मापन ईपलतब्धयों द्वारा ककया
जा रहा है और यकद वह अवश्यकताएं पूरी नहीं करती है तो मेरे पास कोइ तवकल्प नहीं होगा।
आसके ऄततररक्त वह कमथचाररयों में एक सम्मातनत कमथचारी है और मुझे ईसे ऄन्य सभी
कमथचाररयों को तबगाड़ने या ईसके जैसा व्यवहार करने से रोकना होगा।
3. मैं नकारात्मक माहौल के संबंध में बात करने के तलए कमथचाररयों की बैठक बुलाउुँगा और यह
सुतनतित करूुँगा कक वह कमथचारी वहां न हो ताकक कोइ ऄस्वीकृ तत न हो।
4. वह तपछले दो वषों से काम कर रही है। साथ ही हो सकता हैं, की कु छ कारणों से वो ऄपना
सवोत्तम प्रदान नहीं कर पा रही है। चूुँकक जरूरत के ऄनुसार संवेदनशीलता मेरे काम का तहस्सा
है, ऄत: ईसे आस मामले में कु छ तशतथलता प्रदान करनी होगी।
6.4. के स स्टडी 4
एक सहकमगीक अपको कमतर करके अंक रहा है। आस समय अपके तवभाग में ईसका सबसे कम वररष्ठ पद
है और कम ऄनुभवी है। हालांकक, ईसकी प्रभावशाली ऄकादतमक ईपलतब्धयां हैं और वह बहत
प्रततभाशाली है। अपको सूतचत ककया जाता है कक वह कु छ ईन प्रातधकारों को प्राप्त करने का आच्छु क हैं
जो वतथमान में अपके पास हैं।
6.5. के स स्टडी 5
डायमंड मचेंट स्टोर में हीरे की एक घड़ी चोरी हो जाती है। तवनय द्वारा CCTV टेप के ऄध्ययन के
अधार पर घड़ी की साज-संभाल करते हए देखा गया एकमात्र व्यति अभूषण सेल्समैन संतोष था,
हालांकक यह ठीक-ठीक नहीं तनधाथररत ककया जा सकता था कक क्या संतोष ने ही घड़ी चुराइ है। ऄन्य
कमथचाररयों के तवपरीत वह झूठ पकड़ने वाले परीिण में भी तवफल रहा था। तवद्या प्रबंधक है और वह
ध्यान देती है कक संतोष के अवेदन में दोष है और तपछले कायथ ऄनुभव के साथ सुसंगत नहीं है। यकद
तवनय ने सुझाव नहीं कदया होता तो ईसने संतोष के अवेदन में ऄतनयतमतताओं को नहीं देखा होता।
वह यह भी नहीं सोचती है कक यकद संतोष ने घड़ी चुराइ है तो ईसे काम जारी रखने देना ईतचत नहीं
है। हालांकक, वह महसूस करती है कक पाररतस्थततक साक्ष्य के बावजूद दोषी तसद् न होने तक वह
तनदोष है।
नीततशास्त्रीय मुद्दे क्या हैं?
1. चोरी के संदह
े वाले कमथचारी की सेवा समातप्त के तलए सामान्यत: ईपयुि अधार क्या हैं?
2. यकद ककसी तनयोिा के पास ऄत्यतधक सशि पाररतस्थततक साक्ष्य हैं कक कोइ कमथचारी चोरी का
दोषी है, लेककन साक्ष्य तनणाथयक नहीं हैं तो क्या ईन कारकों के अधार पर कमथचारी की सेवा
समातप्त नीततशास्त्रीय कदम है जो स्वयं से सेवा समातप्त का वास्ततवक कारण नहीं हैं?
3. चोरी के संदह
े वाले कमथचाररयों के नैततक ऄतधकार क्या हैं?
1. तवद्या
2. तवनय
3. संतोष
4. स्टोर के सभी ऄन्य कमथचारी
संभव तवकल्प क्या हैं?
संतोष को ईसके अवेदन पत्र में तवसंगततयों के अधार पर तनकालना।
कु छ नहीं करना
बोझ अएगा? कौन लाभातन्वत होगा और ककस पर प्रभाव पड़ेगा यकद वह नहीं है? लाभ और
प्रभाव का कौन-सा तवतरण सवाथतधक न्यायोतचत है?
3. यकद तवद्या कागजी बारीकी के कारण संतोष को तनकाल देती है, तो क्या ईसे आसका पालन करते
हए स्टोर के अभूषण तवभाग के ऄन्य सदस्यों की भी जांच करनी चातहए?
यकद संतोष ने वास्तव में घड़ी चुराइ है, तो क्या ईसके तलए रोजगार में बने रहना ईतचत होगा?
2014
1. सामातजक समस्याओं के प्रतत व्यति की ऄतभवृति (एटीटयूड) के तनमाथण में कौन-से कारक
प्रभाव डालते है ? हमारे समाज में ऄनेक सामातजक समस्याओं के प्रतत तवषम ऄतभवृतियाुँ
व्याप्त है। हमारे समाज में जातत प्रथा के बारे में क्या-क्या तवषम ऄतभवृतियाुँ अपको कदखाइ
देती हैं, आन तवषम ऄतभवृतियों के ऄतस्तत्व को अप ककस प्रकार स्पष्ट करते है?
2015
1. लोक सेवकों की ऄपने कायथ के प्रतत प्रदर्तशत दो ऄलग-ऄलग प्रकारों की ऄतभवृतियों की
पहचान ऄतधकारी तंत्रीय ऄतभवृति और लोकतांतत्रक ऄतभवृतत के रूप में की गइ है।
(a) आन दो पदों के बीच तवभेदन कीतजए और ईनके गणों-ऄवगुणों को बताआए।
(b) ऄपने देश का तेजी के तवकास की दृतष्ट से बेहतर प्रशासन के तनमाथण के तलए क्या दोनों में
संतल
ु न स्थातपत करना संभव है?
2016
1. सामातजक प्रभाव और ऄनुनय स्वच्छ भारत ऄतभयान की सफलता के तलए ककस प्रकार
योगदान कर सकते है? (150 शब्द)
2. जीवन, कायथ, ऄन्य व्यतियों एवं समाज के प्रतत हमारी ऄतभवृतियाुँ अमतौर पर ऄनजाने में
पररवार एवं ईस सामातजक पररवेश के द्वारा रूतपत हो जाती है, तजसमें हम बड़े होते हैं।
ऄनजाने में प्राप्त आनमें से कु छ ऄतभवृतियाुँ मूल्य ऄक्सर अधुतनक लोकतांतत्रक एवं
समतावादी समाज के नागररकों के तलए ऄवांछनीय होते हैं।
(a) अज के तशतित भारतीयों में तवद्यमान ऐसे ऄवांछनीय मूल्यों की तववेचना कीतजए।
(b) ऐसी ऄवांछनीय ऄतभवृतियों को कै से बदला जा सकता है तथा लोक सेवाओं के तलए
अवश्यक समझे जाने वाले सामातजक-नैततक मूल्यों को अकांिी तथा कायथरत लोक सेवकों में
ककस प्रकार संवर्तधत ककया जा सकता है?
2017
1. नैततक अचरण वाले युवा लोग सकिय राजनीतत में शातमल होने के तलए ईत्सुक नहीं होते है।
ईनको सकिय राजनीतत में ऄतभप्रेररत करने के तलए ईपाय सुझाआए। (150 शब्द)
1. राष्ट्रों की एक-दूसरे के प्रतत ऄतभवृति को तवतनयतमत करने में नैततकता का प्रभाव ऄत्यल्प
होता है, आसके कारणों की चचाथ कीतजए?
ईिर: स्थानीय पररचालनों की तुलना में ऄंतरराष्ट्रीय संबंधों के तनधाथरण हेतु नैततक तनणथय-तनमाथण
ऄतधक चुनौतीपूणथ हो सकता है। आसका तात्पयथ यह है कक राष्ट्रों की ऄतभवृति को तवतनयतमत
करने में नैततकता का प्रभाव बहत कम पड़ता है। आसके कु छ कारण तनम्नतलतखत हैं:
तवदेश नीतत का तनमाथण करना सरकारों का ईिरदातयत्व होता है। आस प्रकार तवदेश
नीतत तनमाथण में नैततक तवचारों पर ध्यान कदया जाना सरकार पर तनभथर करता है, न कक
ककसी व्यति ऄथवा नागररकों पर (हालांकक बेहतर ढंग से संचातलत लोकतंत्र में लोगों
की आच्छा को सरकार द्वारा ऄतभव्यि ककया जाता है)।
सरकार एक एजेंट है, सवोपरर नहीं है। आसका प्राथतमक दातयत्व समाज के तहतों को
सुतनतित करना है, तजनका यह प्रतततनतधत्वक करता है न कक नैततक अवेगों का,
तजसका ईस समाज के व्यतिगत तत्वों द्वारा ऄनुभव ककया जाता है।
राष्ट्र-राज्य की ऄवधारणा प्राय: देश के सैन्य सुरिा, िेत्रीय एकता एवं ऄखंडता तथा
लोगों के कल्याण से संबंतधत होती है। आन एवं ऄन्य प्राथतमकताओं के कारण नैततकता
की ऄवधारणा सामान्यतया कम महत्वपूणथ हो जाती है।
राष्ट्रीय ऄतस्तत्व की ऄपररहायथ अवश्यकताओं को शायद ही कभी "ऄच्छे" ऄथवा "बुरे"
के संदभथ में वगगीककृत ककया जाता है।
नैततकता का कोइ ऄंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकायथ मानदंड नहीं है, तजसके अधार पर कोइ
भी सरकार नैततक तसद्ांतों के अधार पर कायथ करने की ऄपील कर सकती हो।
संस्कृ तत-संचातलत नैततकता राष्ट्रों के मध्य तभन्न होती है, तजससे ऄंतरराष्ट्रीय िेत्र में कायथ
करते हए एक राष्ट्र के नीतत तनमाथताओं के तलए सख्त नैततक संतहता का पालन करना
करठन हो जाता है।
नैततक दुतवधा (Ethical dilemma) तब ईत्पन्न होती है जब तवदेश नीतत तनमाथताओं को
ऐसे कायों को को ककया जाना तनधाथररत करना होगा जो कक ईस देश में नैततक रूप से
ऄस्वीकायथ है, परन्तु ऄन्य देश में ऄपेतित और अवश्यक है।
तवदेशी नीततयों के तनमाथण के पिात नैततकता कम होने ऄथवा समाज के ऄनुरूप न होने
पर ईन्हें लागू ककया जाना तवपरीत प्रभाव ईत्पन्न करे गा।
2. "जो यह कहते हैं कक धमथ का राजनीतत से कोइ सम्बन्ध नहीं है, वे नहीं जानते कक धमथ होता
क्या है।” आस कथन की व्याख्या करें । साथ ही, भारतीय सन्दभथ में राजनीततक दृतष्टकोण के
तनमाथण में धमथ की भूतमका की जांच करें ।
दृतष्टकोण:
यह ईद्रण महात्मा गांधी का है जो लोगों के राजनीततक और नैततक दृतष्टकोण के गठन में
धमथ के महत्व को रे खांककत करता है। ईिर को तनम्न प्रकार से गरठत ककया जा सकता है:
कथन और आसकी पूवथधारणा की तवस्तृत व्याख्या करें ।
आस बात पर तवचार करें कक ककस प्रकार धमथ ने भारत में राजनीततक दृतष्टकोण को
अकार देने में महत्वपूणथ भूतमका तनभाइ है।
ऄतस्तत्व बनाए रखती है, धमथ समाज में सिा के तवतरण में ऄब भी ऄत्यंत महत्वपूणथ भूतमका
तनभाता है। आसतलए, यह तवचार कक राजनीतत धार्तमक तवचारों से तनरापद है, भारतीय
समाज के सामातजक-राजनीततक जीवन में धमथ की शतिशाली भूतमका की ऄज्ञानता तुल्य है।
यह कहा जा सकता है कक धमथ अज भी भारत में लोगों के बड़े वगथ के राजनीततक दृतष्टकोण को
मूल रूप से तनर्तमत करता है।
यद्यतप पररवार, जातत, नस्लवाद, िेत्र, वृति जैसे कइ तवतभन्न कारक हैं जो लोगों के सामान्य
राजनीततक दृतष्टकोण का तनधाथरण करते हैं, लेककन भारतीय पररप्रेक्ष्य में धमथ ने ऐततहातसक
रूप से बड़ी महत्वपूणथ भूतमका तनभाइ है। आस तस्थतत के तवतभन्न सतन्नतहत कारण तनम्नतलतखत
हैं:
तवतवधतापूणथ सामातजक संरचना के बाद भी तवतवध ऄल्पसंख्यक धार्तमक समुदायों की
ऄपेिा एक धमथ के प्राबल्य ने सामातजक-राजनीततक जीवन में धार्तमक पहचान को
महत्वपूणथ बना कदया।
औपतनवेतशक दौर में समाज को धार्तमक-राजनीततक अधार पर तवभातजत करने हेतु
धार्तमक पहचान पर बल कदया गया था। तभी से भारत के राजनीततक पररदृश्य में धमथ
एक महत्वपूणथ सामातजक शति बन गया।
धमथ समाज का नैततक ढांचा प्रदान करता है जो राजनीततक कायों को भी प्रभातवत
करता है। जैसे गौ-मांस के प्रयोग को प्रततबंतधत करना, समाज में नारी की भूतमका
अकद।
राजनीततक स्वाथों हेतु धार्तमक पहचानों का ईपयोग करना ऄपेिाकृ त सरल है क्योंकक वे
पुरातन हैं और जनता पर ऄनुनादी प्रभाव पैदा करते हैं या सरलता से ईनकी समझ में
अ जाते हैं।
3. "ऄनुनय से समाज सुचारू रूप से काम करता है जबकक ऄवपीड़न आसे ठहराव की तस्थतत में
ला देता है।" समाज में पररवतथन लाने के तलए प्रभावकारी भूतमका के तौर पर ऄनुनय की
प्रभावशीलता की तुलना ऄवपीड़न के साथ करें । समाज से वतथमान सामातजक बुराआयों को
दूर करने में लोक सेवक ककस प्रकार ऄनुनय का ईपयोग कर सकते हैं?
दृतष्टकोण:
प्रश्न का मूल तवषय दूसरों को प्रभातवत करने और समाज में पररवतथन लाने में ऄनुनय के
महत्व की तुलना ऄवपीड़न के साथ करना है। ईिर की संरचना तनम्नतलतखत प्रकार से तनर्तमत
की जा सकती है:
संिेप में ऄनुनय और ऄवपीड़न को पररभातषत करें ।
ईदाहरण देते हए ईन तस्थततयों का परीिण करें तजसमें ऄनुनय ऄवपीड़न की तुलना में
ऄतधक ईिम रणनीतत तसद् होती है।
तृतीय, ऐसे कु छ तरीकों/ईपायों का सुझाव दें तजसके माध्यम से लोक सेवक कु छ तवशेष
सामातजक बुराआयों को दूर करने के तलए ऄनुनय का ईपयोग कर सकें ।
हमारे तवचार और कायथ ऄन्य लोगों से प्रभातवत होते हैं चाहे हम तनतष्िय रूप ईनके व्यवहार
का ऄवलोकन कर रहे हों या सकिय रूप से ईनके ऄनुरोध का ऄनुपालन कर रहे हों। दैतनक
जीवन में हम या तो ऄपनी अवश्यकताओं को पूरा करने के तलए या कफर लोगों के तवचारों
और मान्यताओं में पररवतथन लाने हेतु ईन्हें समझाने में ऄनुनय का ईपयोग करते हैं। आस
प्रकार, ऄनुनय दूसरों के दृतष्टकोण/धारणाओं में पररवतथन लाने का सचेत प्रयास है। आसमें
'हृदय और मन' जीतने का प्रयास ककया जाता है। आसके द्वारा व्यति की ऄतभवृति, ऄतभप्रेरणा
या व्यवहार पर प्रभाव डाला जाता है। वहीं दूसरी ओर ऄवपीड़न, बल या धमकी का ईपयोग
करके कु छ करने हेतु ककसी को बाध्य करना है। आसका तनतहताथथ यह है कक कायथ व्यति की
आच्छा के तवरुद् होता है।
ऄवपीड़न की तुलना में ऄनुनय की प्रभावशीलता
ऄनुनय, व्यति की सोच, हृदय व मन में पररवतथन लाने पर तनभथर करता है। यह स्वेच्छा
से लोगों के तवश्वास या कायों में पररवतथन लाने की अवश्यकता पर बल देता है। वहीं
दूसरी ओर ऄवपीड़न में धमकी, शति, दड का ईपयोग होता है ताकक व्यति तदनुसार/
गैर-स्वैतच्छक रूप से कायथ करने के तलए तववशता का ऄनुभव करे ।
ऄनुनय की रणनीततयों में प्रेरणादायी ऄपील, परामशथ और सहयोग सतम्मतलत होता है।
ये समाज में पररवतथन लाने के लोकतांतत्रक तरीके हैं। तजन लोगों को मनाया जाता है, वे
एक साथ ककसी और तवशेष कारथ वाइ करने के तलए अंतररक रूप से प्रेररत होते हैं।
जबकक, ऄवपीड़न व्यति को बलपूवथक, अरोतपत और ऄलोकतांतत्रक तरीके से पररवतथन
स्वीकार करने के तलए तववश करता है।
हालांकक ऄनुनय की प्रकिया में ऄतधक समय लग सकता है तथातप, आसमें प्रततशोध या
बदला लेने की ऄवधारणा का स्थान नहीं होता। ऄनुनय के साधनों के ऄतधक स्थायी और
ऄतधक बेहतर होने की संभावना होती है। जबकक वहीं धौंस कदखाकर बाध्य करने पर,
प्रततकार करना और पहला ऄवसर तमलते ही ईसे नहीं मानना मानव का स्वभाव है।
ईदाहरण: जनसंख्या तनयंतत्रत करने के िम में पररवार तनयोजन के ईपायों को ऄपनाने के
तलए लोगों का मन बदलने के तलए, ऄनुनय ऄवपीड़न की तुलना में ऄतधक प्रभावी तकनीक है
क्योंकक पररवार तनयोजन के तरीके ऄपनाने से समाज में तवतभन्न समुदायों की सामातजक-
सांस्कृ ततक और धार्तमक भावनाएं प्रभातवत होती हैं। यकद ऄवपीड़न का ईपयोग ककया जाता
है तो कइ लोग प्रततकार करते हैं (जैसा कक 1976-77 में स्पष्ट हअ था जब पररवार तनयंत्रण
के ईपायों को लोगों की सामातजक-सांस्कृ ततक और धार्तमक भावनाओं की ईपेिा करते हए
लोगों पर थोपा गया था)।
वे तरीके तजसका लोक सेवकों द्वारा ऄनुनय के रूप में ईपयोग ककया जा सकता है-
सरकार के सभी स्तरों पर कायथरत लोक सेवक पयाथप्त तववेकातधकार और प्रातधकार का
ईपभोग करते हैं और प्रायः लोगों के जीवन पर ईनका महत्वपूणथ प्रभाव पड़ता है। वे
नीततयों के तवकास, करों के यय और सेवाओं के तवतरण को प्रभातवत करते हैं।
यकद तववेकपरक/तार्ककक ऄनुनय का त्यों और तकों के साथ ईपयोग ककया जाता है,
बुजुगों, मतहला संगठनों अकद जैसे समाज के सभी तहतधारकों से तवचार-तवमशथ ककया
जाता है तो तसतवल सेवक समाज में पररवतथन लाने के तलए कारथ वाइ के तवशेष तवकल्प
का चयन पारस्पररक सहमतत से कर सकते हैं। ईदाहरण- जब भी बातलका तशशु जन्म
लेती है तो लोगों/पररवार का दृतष्टकोण बदलने के तलए "बेटी के साथ सेल्फी" जैसी नवीन
तकनीकों को बढ़ावा देना।
1. अप अइ.ए.एस. ऄतधकारी बनने के आच्छु क हैं और अप तवतभन्न चरणों को पार करने के बाद
व्यतिगत सािात्कार के तलए चुन तलए गए हैं। सािात्कार के कदन जब अप सािात्कार स्थल
की ओर जा रहे थे तब अपने एक दुघथटना देखी जहाुँ एक माुँ और बच्चा जो कक अपके
ररश्तेदार थे, दुघथटना के कारण बुरी तरह से घायल हए थे। ईन्हें तुरंत सहायता की
अवश्यकता थी। अपने ऐसी पररतस्थतत में क्या ककया होता? ऄपनी कायथवाही का औतचत्य
समझाआए।
2. हमारे देश में, ग्रामीण लोगों का कस्बों और शहरों की ओर प्रवसन तेजी के साथ बढ़ रहा है।
वह ग्रामीण और नगरीय, दोनों िेत्रों में तवकट समस्याएुँ पैदा कर रहा है। वास्तव में, तस्थतत
यथाथथ में ऄप्रबन्धनीय होती जा रही है। क्या अप आस समस्या का तवस्तार से तवश्लेषण कर
सकते है और आस समस्या के तलए तजम्मेदार न के वल सामातजक-अर्तथक, वरन् भावनात्मक
और ऄतभवृतिक कारकों को बता सकते है? साथ ही, स्पष्ट रूप से ईजागर कीतजए कक क्यों ?
(a) तशतित ग्रामीण युवा शहरी िेत्रों में स्थानांतररत होने की कोतशश कर रहे हैं;
(b) भूतमहीन तनधथन लोग नगरीय मतलन बतस्तयों में प्रवसन कर रहे हैं;
(c) यहाुँ तक कक कु छ ककसान ऄपनी जमीन बेच रहे हैं और शहरी िेत्रों में छोटी-मोटी
नौकररयाुँ लेकर बसने की कोतशश कर रहे हैं।
अप कौन-से साध्य कदम सुझा सकते हैं, जो हमारे देश की आस गम्भीर समस्या का तनयंत्रण
करने में प्रभावी होंगे?
3. अप एक पंचायत के सरपंच है। अपके िेत्र में सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक प्राआमरी
स्कू ल है। स्कू ल में ईपतस्थत होने वाले बच्चों को कदवस-मध्य भोजन (तमड-डे मील) कदया जाता
है। हेडमास्टर ने ऄब भोजन तैयार करने के तलए एक नया रसाइया तनयुि कर कदया है। परं तु
जब यह पता चला कक रसोआया दतलत समुदाय का है, ईच्च जाततयों के बच्चों में से लगभग
अधों को ईनके माुँ-बाप भोजन करने की आजाजत नहीं देते हैं। फलस्वरूप स्कू ल में बच्चों की
ईपतस्थतत तेजी से घट गइ। आसके पररणामस्वरूप कदवस-मध्य भोजन की योजना को समाप्त
करने और ईसके बाद ऄध्यापन स्टाफ को हटाने और बाद में स्कू ल को बंद करने की संभावना
पैदा हो गइ।
(a) आस संघषथ पर काबू पाने ओर सही एवं सुखद वातावरण बनाने की कु छ साध्य रणनीततयों
पर चचाथ कीतजए।
(b) ऐसे पररवतथनों को स्वीकार करने के तलए सकारात्मक सामातजक सुखद वातावरण बनाने
हेतू तवतभन्न सामातजक खंडों और ऄतभकरणों के क्या कतथव्य होने चातहए?
4. हाल में अपको एक तजले के तजला तवकास ऄतधकारी के तौर पर तनयुि ककया गया है। ईसके
बाद जल्दी ही अपने पाया कक अपके तजले के ग्रामीण आलाकों में लड़ककयों को स्कू ल भेजने के
मुद्दे पर काफी तनाव है। गाुँव के बड़े महसूस करते हे कक ऄनेक समस्याएुँ पैदा हो गइ है
क्योंकक लड़ककयों को पढ़ाया जा रहा है और व घर के सुरतित वातावरण के बाहर कदम रख
रही है। ईनका तवचार यह है कक लड़ककयों की न्यूनतम तशिा के साथ जल्दी से जल्दी शादी
परं परा से लड़को का ऄपना िेत्र रहा है, और पुरूषों में बेरोजगारी में वृतद् कर रही है। युवा
पीढ़ी महसूस करती है कक वतथमान युग में, लड़ककयों को तशिा और रोजगारी तथा जीवन-
तनवाथह के ऄन्य साधनों के समान ऄवसर प्राप्त होने चातहए। समस्त आलाका वयोवद्ों और
युवाओं के बीच तथा ईससे अगे दोनों पीकढयों में स्त्री-पुरूषों के बीच तवभातजत है। अपकों
पता चलता है कक पंचायत या ऄन्य स्थानीय तनकायों में या व्यस्त चौराहों पर भी, आस मुद्दे
पर गरमागरम वाद-तववाद हो रहा है। एक कदन अपकों सूचना तमलती है कक एक ऄतप्रय
घटना हइ है। कु छ लड़ककयों के साथ छेड़खानी की गइ जब वे स्कू लों के रास्ते में थी। आस
घटना के फलस्वरूप कइ सामातजक समूहों के बीच झगड़े हए और कानून तथा व्यवस्था की
समस्या पैदा हो गइ। गरमागरम वाद-तववाद के बाद बड़े-बूढों ने लड़ककयों को स्कू ल जाने की
ऄनुमतत न देने और जो पररवार ईनके हक्म का पालन नहीं करते हे, ऐसे सभी पररवारों का
सामातजक बतहष्कार करने का संयुि तनणथय ले तलया।
(a) लड़ककयों की तशिा में व्यवधान डाले तबना, लड़ककयों की सुरिा को सुरतित करने के
(b) पीकढयों के बीच संघषों में समरसता सुतनतित करने के तलए अप गाुँव के वयोवद्ों की
1. अप एक ऐसे तजले में तजला मतजस्रेट हैं जहां बड़ी संख्या में रांसजेंडर रहते है। यद्यतप आस
समुदाय के तवरूद् भेदभाव सुतवकदत है, तथातप यात्री ईनके हाथों, तवशेषकर यातायात
जंक्शनों पर ऄतधकातधक ईत्पीड़न की तशकायत करते हैं, जहां रांसजेंडर ऄतधकांशतः भीख
मांगने में शातमल होते हैं। कभी-कभी, आससे यातायात प्रबंधन की समस्या भी पैदा होती है।
आस संबध
ं में अपको कइ तशकायतें तमली हैं और आसे हल करने के तलए शीघ्र कारथ वाइ करनी
है। हालांकक, रांसजेंडर संघ के एक समूह का कहना है कक भीख मांगना ईनकी अजीतवका का
एकमात्र स्रोत है। आस तस्थतत को देखते हए, तनम्नतलतखत प्रश्नों के ईिर दीतजए:
(a) आस प्रकरण से जुड़े नैततक मुद्दों का वणथन कीतजए। रांसजेंडर लोगों के प्रतत जनसामान्य के
सामान्य दृतष्टकोण और ईसके कारणों पर चचाथ कीतजए।
(b) ऐसी तस्थतत में क्या संभव कारथ वाइ की जा सकती है? ईनके गुणों और ऄवगुणों पर चचाथ
कीतजए।
दृतष्टकोण:
मुद्दे से संबंतधत नैततक पिों और रांसजेंडर के प्रतत लोगों के भेदभावपूणथ दृतष्टकोण के
कारणों पर चचाथ कीतजए।
सम्भातवत कारथ वाइ के गुणों और दोषों पर चचाथ कीतजए।अप कु छ दीघथकातलक समाधान
सुझाकर तनष्कषथ पर पहंच सकते हैं।
कदए गये प्रकरण में समाज के वंतचत वगों के मुद्दें सतम्मतलत हैं। यह मुद्दा भेदभाव के ईन
प्रततस्पधाथत्मक तहतों से संबंतधत है, तजनका रांसजेंडरो को सामना करना पड़ता है, जैसे
अजीतवका बनाम सुतवधा: रांसजेंडरों द्वारा भीख मांगने से यातत्रयों को ऄसुतवधा होती
है और ऄततररि समस्याएं जैसे यातायात में भीडभाड अकद पैदा होती हैं। जहाुँ एक ओर
रांसजेंडरों की सामातजक-अर्तथक तस्थततयाुँ ईन्हें भीख मांग कर जीतवकोपाजथन करने के
तलए तववश करती हैं और वहीं कइ बार ईनकी गतततवतधयाुँ अम जनता के तलए
ऄसुतवधाजनक हो जाती हैं।
रांसजेंडरों से भेदभाव बनाम यातत्रयों का ईत्पीड़न: सामान्य रूप से समाज दोनों मागों
पर नहीं चल सकता है, ऄथाथत,् जनसंख्या के एक वगथ हेतु समुतचत अय ऄर्तजत करने के
तवकल्पों को सीतमत करना और साथ ही ईसी समय ईनके द्वारा अजीतवका ऄर्तजत करने
के तलए ईपयोग ककए जा रहे सीतमत साधनों पर अपति करना।
वंतचत वगों के तहतों की रिा हेतु नागररकों द्वारा पंजीकृ त तशकायतों पर कारथ वाही करने
के तलए कलेक्टर की प्रततबद्ता: चूंकक बड़ी संख्या में तशकायतें दजथ की गयी हैं, आसतलए
यह कलेक्टर का कतथव्य है कक रांसजेंडरों की अजीतवका के ऄतधकार की सुरिा हेतु
संतल
ु न बनाते हए आस संकट को तनयंतत्रत करने की तजम्मेदारी ले।
समाज में तजसे ‘सामान्य’ माना जाता है, वे ईससे तभन्न हैं।
प्राचीन समय से ईनके साथ हर जगह चलग अधाररत भेदभाव एक सामान्य बात हो गइ
है। ईन्हें मनुष्य के रूप में देखने के स्थान पर मनोरं जन की वस्तु के रूप में देखा जाता है।
ऄपने पररवार और समाज द्वारा त्याग कदए जाने से वे अजीतवका के तुच्छ साधनों की
ओर ईन्मुख होते हैं। मूल कारण समझे तबना लोग ईनको नीचा समझने लगते हैं। चलग
पहचान की बदलती ऄवधारणा को समाज गलत तरीके से समझता है।
हो गये हैं, यह ऄनुभव ककये तबना ही ईन्हें त्याग कदया गया है, न कक वे स्वयं एकांत पसंद
करते हैं।
(b) सम्भातवत कारथ वाही का मागथ:
आस तवषय पर ध्यान न दें क्योंकक भीख मांगना रांसजेंडर के तलए अजीतवका का मुद्दा है।
गुण: आससे रांसजेंडर के तलए यातायात जंक्शनों पर धन एकत्र करने का मागथ खुला
रहेगा।
दोष : आसका ऄथथ कतथव्य की ईपेिा करना होगा और दीघाथवतध में आससे न ही रांसजेंडर
और न ही समान्य जनता का भला होगा। आसके ऄततररि भीख मांगना एक ऄपराध है।
जान-बूझकर भीख मांगने की ऄनुमतत देना ईनसे तमली-भगत होगी। आसके ऄलावा यह
यातत्रयों को हो रही वास्ततवक समस्या का समाधान भी नहीं करता है।
यातत्रयों के ईत्पीड़न में तलप्त रांसजेंडरों को कठोर चेतावनी देना। आसके ऄततररि
यातायात चौराहों पर पुतलस बल तैनात कर आस संकट को रोकना।
गुण : यह रांसजेंडरों द्वारा ककये जा रहे ईत्पीड़न और यातायात की समस्या पर भी रोक
लगा सकता है।
दोष : आससे रांसजेंडरों की अजीतवका पर प्रततकू ल प्रभाव पड़ सकता है जो मुख्य रूप से
भीख मांगने पर तनभथर करती है और समान्य जनता द्वारा ईनसे भेदभाव ककया जाता है।
चूंकक आस िेत्र में रांसजेंडरों की समस्या ऄतधक है, आसतलए आससे कानून-व्यवस्था की
समस्या भी ईत्पन्न हो सकती है।
रांसजेंडरों के मुद्दे पर लोगों को संवद
े नशील बनाने के साथ-साथ ईनके पुनवाथस के ईपायों
के साथ कौशल तवकास और व्यवसातयक प्रतशिण योजनाओं के कायाथन्वयन हेतु एक
सतमतत की स्थापना और यातायात चौराहों के तलए कदशा-तनदेश जारी करना।
गुण: रांसजेंडर समुदाय के तलए यह वैकतल्पक रोजगार के ऄवसर प्रदान करे गा। वास्तव
में, आस प्रकार का ऄवसर प्रदान ककये जाने से वे प्रसन्नता से ऄपने कायथ में पररवतथन कर
लेंगे। आससे नागररकों की तशकायतों का भी समाधान होगा और दीघाथवतध में, रांसजेंडर
समुदाय को समाज में सम्मानीय स्थान प्राप्त हो सकता है।
दोष: यह दीधाथवतध में पररणाम देने वाला कदम है। आससे ऄल्पावतध में रांसजेंडरों की
अय के स्रोत में बाधा अ सकती है। यह कदम आस धारणा को भी बल देगा कक सामान्य
समाज के ऄतधकार वंतचत वगों के ऄतधकारों से ऄतधक मूल्यवान हैं।
यद्यतप अम जनता को राहत प्रदान करना मह्वपूणथ है ककतु रांसजेंडर समुदाय के
दृतष्टकोण के साथ भी सहानुभूतत होनी चातहए, ऄन्यथा लम्बे समय तक यह स्थायी
समाधान नहीं होगा और यथातस्थतत बनी रहेगी। कु छ मामलों में सवोच्च न्यायालय द्वारा
ईन्हें तवशेष सुतवधाप्रदान ककये जाने के कदशा-तनदेशों से आस समुदाय को समाज की
मुख्यधारा में शातमल करने में सहायता प्राप्त होगी।
2. अप एक ऐसे राज्य में तसतवल सेवक के रूप में तैनात हैं जहां हाल ही में चुनाव हए थे। नव
तनवाथतचत मुख्यमंत्री ने ऄपने कइ चुनावी ऄतभयानों के साथ-साथ चुनाव घोषणापत्र में शराब
पर प्रततबंध लगाने का वादा ककया था, तजसकी राज्य की मतहलाओं ने व्यापक रूप से प्रशंसा
की थी और समथथन कदया था। ऄपने चुनावी वादे को पूरा करते हए, मुख्यमंत्री ने राज्य में
शराब की तबिी पर पूणथ प्रततबंध का अदेश कदया है। प्रततबंध के बाद, प्रततबंध की व्यवहायथता
पर सवाल ईठाए गये हैं और क्या सरकार को कइ लोगों द्वारा तजसे व्यतिगत पसंद के तवषय
बताया गया है, ईस मुद्दे पर हस्तिेप करना चातहए।
(a) आस मामले में तहतधारक कौन हैं और प्रततबंध से वे ककस प्रकार प्रभातवत हैं?
तहतधारक तहत
कं पनी/ईच्च कं पनी का तहत प्रतत कमथचारी अने वाली लागत कम करके लाभ ऄतधकतम
प्रबंधन करना होता है। मतहला कमथचारी की तस्थतत में मातृत्व ऄवकाश की लागत
कं पनी को वहन करनी पड़ती है। आसतलए, ईच्चस्तरीय प्रबंधन मतहला
ईम्मीदवारों की भतगीक करने से बचना चाहता है।
भतगीक प्रबंधक मेरी पहली रूतच चलग से तनरपेि होकर सूचीबद् पदों के तलए ईपयुि
(स्वयं) ईम्मीदवारों की भतगीक करने में है। ऐसी तस्थतत में मेरी दुतवधा ऄन्यायपूणथ
नीततयों के तवरूद् खड़ा होते हए प्रबंधन से टकराव से बचना है।
मतहला ईनका तहत कं पनी में नौकरी पाने का तनष्पि ऄवसर प्राप्त करने में तनतहत
ईम्मीदवार होता है। दीघथकाल में, वे भतगीक और पदोन्नतत में समानता और सुरतित
कामकाजी वातावरण की ऄपेिा करती हैं।
(b) दुतवधा: ईच्चस्तरीय प्रबंधन का अदेश स्वीकार करना और ककसी मतहला ईम्मीदवार का
चयन करने से बचना बनाम तनष्पि रूप से चलग तनरपेि होकर ईपयुि ईम्मीदवार की
तनयुति करना।
आसके ऄततररि, मुझे तसफथ चलग तवशेष के कारण बेहतर ईम्मीदवार को न भतगीक करने की
परे शानी से जूझना पड़ सकता है। आससे ईत्पादकता में कमी अएगी और कं पनी के तलए
दीघथकातलक लागत बढ़ जाएगी। आससे जुड़ी एक और दुतवधा आस समाज में मौजूद लैंतगक
पूवाथग्रह है। आसका कारण समानता के तवचार के साथ तपतृसिात्मक रवैये का टकराव है। आस
पररतस्थतत को बदलने की जरुरत है। कायथस्थल पर लैंतगक तवतवधता को बढ़ावा देना
महत्वपूणथ है; हालांकक, कं पनी द्वारा कदए गए वतथमान तनदेश आस तसद्ांत के तवरूद् जाते हैं।
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2.6. सरकारी गोपनीयता ऄतधतनयम, 1923 से सम्बंतधत मुद्दे (ARC से ईद्धृत) _________________________________ 14
7. तिगत िषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न___________________________________________ 29
8. तिगत िषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज _________________________________ 46
9. तिगत िषों में संघ लोक सेिा अयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न__________________________________________________ 51
10. तिगत िषों में संघ लोक सेिा अयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज _______________________________________ 51
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1. पररचय (Introduction)
"जो समाज स्ियं ऄपना तनयंत्रक बनना चाहता है, ईसे ज्ञान की शति से स्ियं को समथत बनाना
चातहए"।
- जेम्स मैतडसन
एक पररपक्व लोकतंत्र में पारदर्शशता और सूचना साझाकरण (ऄथातत् सूचना का अदान-प्रदान)
सुशासन के दो सबसे महत्िपूणत स्तंभों की रचना करते हैं। पारदर्शशता और सूचना साझाकरण,
सरकारी कायातलयों में जिाबदेतहता एिं तिश्वास के सृजन हेतु महत्िपूणत साधन हैं। सुशासन की
स्थापना हेतु ये दोनों ऄपररहायत हैं- चाहे िह पररयोजनाओं का समय पर तनष्पादन हो, या
भ्रष्टाचार ऄथिा शति के तनरं कुश प्रयोग के तिरुद्ध लड़ाइ हो। ये नागररकों को सशि बनाते हैं,
साितजतनक मामलों में ईनकी भागीदारी को बढ़ािा देते हैं, सहभागी लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं
और जन कें क्रित शासन का सूत्रपात करते हैं।
औपतनिेतशक काल के दौरान, शासन व्यिस्था का प्राथतमक ईद्देश्य अम जन पर तनयंत्रण स्थातपत
करना तथा आसे और मजबूत करना था एिं जनता के कल्याण की बजाय एक 'शोषणकारी
ऄथतव्यिस्था' संचातलत करना था। भले ही प्रशासन की प्रणाली 'तितध के शासन' और 'तितध द्वारा
स्थातपत प्रक्रिया' पर अधाररत थी, परं तु प्रशासन में न के िल भारतीयों के प्रतत ऄतिश्वास था,
बतल्क आसने तनरं तर ईनके तहतों को भी कमजोर क्रकया और ईनकी प्रगतत की ईपेक्षा की, जैसा क्रक
दादाभाइ नौरोजी के 'धन बतहगतमन का तसद्धांत (ड्र्रेन थ्योरी)’ और रोमेश चंि दत्त (भारत का
अर्शथक आततहास) के लेखन द्वारा स्पष्ट रूप से प्रस्तुत क्रकया गया। ऄंग्रेजों ने सरकारी गोपनीयता
ऄतधतनयम, 1923 एिं ऄन्य कानूनों के माध्यम से गोपनीयता की संस्कृ तत का समथतन क्रकया। ये
सरकार के तलए अम जनता को सूचना तक पहाँच प्राप्त करने से आनकार करने के एक सुतिधाजनक
साधन बन गए। आस प्रकार, शासन व्यिस्था में भागीदारी का ऄतधकार िह मुख्य अधार था तजस
पर हमारे स्ितंत्रता अंदोलन की शुरुअत हइ - तजसका सामान्य तसद्धांत ईत्तरदातयत्ि और िैधता
के साथ शति का प्रयोग करना था।
स्ितंत्रता के पश्चात्, यद्यतप गोपनीयता की औपतनिेतशक तिरासत को बहत कम समथतन तमला,
तथातप ये कानून यथाित बने रहे। हालांक्रक, समय के साथ तनरं तर मुखर होते नागररक समाज और
जागरूक नागररक िगत, और ऄतधक लोकतंत्रीकरण और शासन प्रक्रिया में खुलापन हेतु तितभन्न
तकों के साथ दबाि डाल रहे हैं। ऐसे में, पारदर्शशता सुतनतश्चत करने और अम जन की सूचनाओं
तक साितभौतमक पहाँच स्थातपत करने हेतु महत्िपूणत कदम ईठाए गए हैं। आस संदभत में, सूचना का
ऄतधकार ऄतधतनयम, 2005 को खुलापन एिं जिाबदेतहता को बढ़ािा देने िाला सबसे शतिशाली
ईपकरण माना जा सकता है। तितभन्न तहतधारकों के मध्य अाँकड़ों की पहाँच और सुगम्य साझाकरण
में िृतद्ध करने तथा िैज्ञातनक, अर्शथक एिं सामातजक तिकास संबंधी ईद्देश्यों हेतु अाँकड़ों की
ईपलब्धता को बढ़ाने के तलए राष्ट्रीय डेटा साझाकरण और ऄतभगम्यता नीतत (National Data
Sharing and Accessibility Policy: NDSAP), 2012 का तनमातण क्रकया गया। e-गिनेंस
और m-गिनेंस के रूप में भारत में तडतजटल प्रौद्योतगक्रकयों का तीव्र तिस्तार लोगों को जागरूक,
सूतचत और सशि बनाने के ईद्देश्य में योगदान कर रहा है।
2. पारदर्शशता (Transparency)
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'सूचना की स्ितंत्रता’ को साितजतनक तनकायों द्वारा संघरटत सूचना तक पहाँच के ऄतधकार के रूप में
पररभातषत क्रकया जा सकता है। यह ऄतभव्यति की स्ितंत्रता के मौतलक ऄतधकार का एक ऄतभन्न ऄंग
है, जैसा क्रक 1946 में संयुि राष्ट्र महासभा के संकल्प 59 तथा मानि ऄतधकारों की साितभौतमक
घोषणा (1948) के ऄनुच्छेद 19 द्वारा मान्यता प्राप्त है। आस ऄनुच्छेद के ऄनुसार, ऄतभव्यति की
स्ितंत्रता के मौतलक ऄतधकार में "मीतडया के क्रकसी भी माध्यम से और सीमाओं पर ध्यान क्रदए तबना
सूचना और तिचारों को मांगने, प्राप्त करने और प्रकट करने की स्ितंत्रता समातहत है।’ (संयुि राष्ट्र)
सूचना का ऄतधकार एक िैतश्वक पररघटना है। ऄतधकांश लोकतांतत्रक देशों ने सूचना के ऄतधकार को
क्रकसी न क्रकसी रूप में मान्यता प्रदान की है। आसे नागररक और राजनीततक ऄतधकारों पर ऄंतरातष्ट्रीय
प्रसंतिदा,1966 (International Covenant on Civil and Political Rights, 1966) और
1969) सतहत ऄन्य ऄंतरातष्ट्रीय प्रमुख दस्तािेजों में ऄतभव्यति की स्ितंत्रता के ईपतसद्धांत के रूप में भी
प्रततष्ठातपत क्रकया गया है।
भारत में, 1982 में सिोच्च न्यायालय ने यह तनणतय क्रदया क्रक सरकारी कामकाज के सन्दभत में सूचना का
प्रकटीकरण एक तनयम होना चातहए और गोपनीयता को मात्र एक ऄपिाद के रूप में प्रयोग क्रकया
जाना चातहए। 1986 में, श्री कु लिाल बनाम जयपुर नगर तनगम िाद में, सिोच्च न्यायालय ने स्पष्ट
तनदेश क्रदया क्रक संतिधान के ऄनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त िाक् एिं ऄतभव्यति की स्ितंत्रता स्पष्ट रूप से
सूचना का ऄतधकार है, क्योंक्रक बगैर सूचना के नागररकों द्वारा िाक् एिं ऄतभव्यति की स्ितंत्रता का
पूणत
त या ईपयोग नहीं क्रकया जा सकता है।
सितप्रथम जनता पाटी सरकार द्वारा अपातकाल के पश्चात् (जब आस सरकार ने तनजी और पक्षपातपूणत
प्रयोजनों हेतु सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से संबंतधत मुद्दे का समाधान करने तथा सरकारी
गोपनीयता ऄतधतनयम, 1923 पर पुनर्शिचार करने का िादा क्रकया था) सरकारी गोपनीयता
ऄतधतनयम, 1923 में संशोधनों पर राजनीततक रूप से चचात की गइ तथा तत्पश्चात् िी.पी. ससह
सरकार द्वारा आस मुद्दे को ईठाया गया। हालांक्रक, क्रकसी भी प्रकार के पररिततन की ऄनुशस
ं ा नहीं की
गइ।
ऄरुणा रॉय और तनतखल डे के नेतृत्ि में एक जन संगठन MKSS (मजदूर क्रकसान शति संगठन) के
द्वारा राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में तिकास पररयोजनाओं के बारे में सूचना के ऄतधकार हेतु अंदोलन
अरम्भ क्रकया गया। 1996 में, कइ ऄन्य नागररक समाज समूहों में से एक सूचना के जन ऄतधकार के
तलए राष्ट्रीय ऄतभयान (National Campaign for People’s Right to Information: NCPRI)
का गठन क्रकया गया। आस ऄतभयान का ईद्देश्य सूचना के ऄतधकार को तिधायी स्िरूप प्रदान करना था।
आस सम्बन्ध में WTO और ऄन्य बहपक्षीय एजेंतसयों की भूतमका भी स्िीकार की जानी चातहए।
हालांक्रक ये संस्थान, संप्रभु कायतक्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहे थे, परन्तु आन्होंने RTI को तितभन्न 'सहायता
पहला राज्य बना। राजस्थान ने िषत 2000 में सूचना का ऄतधकार ऄतधतनयम ऄतधतनयतमत क्रकया,
तथा कें ि सरकार द्वारा िषत 2003 में सूचना की स्ितंत्रता ऄतधतनयम प्रस्तुत क्रकया गया। सूचना की
स्ितंत्रता ऄतधतनयम, 2003 ने जनता के सूचना के ऄतधकार को ऄंगीकार नहीं क्रकया और यहााँ तक की
आसने न्यातयक ऄपील प्रक्रिया हेतु कोइ प्रािधान नहीं क्रकया था। ऄपीलें सरकारी तिभागों में ही लंतबत
रहने लगीं एिं आस ईद्देश्य हेतु कोइ स्ितंत्र तनकाय स्थातपत नहीं क्रकया गया।
2005 के RTI ऄतधतनयम में आस ऄंतराल को समाप्त क्रकया गया तथा सूचना के ऄतधकार के प्रचालन के
तलए तितधक ढांचे का प्रािधान क्रकया गया। आस ऄतधतनयम की प्रस्तािना में ईल्लेख क्रकया गया क्रक यह
ऄतधतनयम क्रकसी नए ऄतधकार का सृजन नहीं करता है, बतल्क सूचना के मौतलक ऄतधकार को प्रभािी
बनाने हेतु के िल मशीनरी प्रदान करता है। आसने कें ि और राज्य स्तर पर सूचना अयुिों की व्यिस्था
का प्रािधान क्रकया और प्रत्येक तिभाग में जन सूचना ऄतधकाररयों के पदों की स्थापना की। (अगे आस
ऄतधतनयम का सतिस्तार िणतन क्रकया गया है)।
पारदर्शशता को बढ़ािा देने के ईद्देश्य में राजनीततक महत्ि और बढ़ते ऄंतरातष्ट्रीय तहतों के बािजूद,
िततमान में आस शब्द की पररभाषा पर कोइ अम सहमतत नहीं है। आस प्रकार, पारदर्शशता एक
बहअयामी ऄिधारणा है।
क्रिस्टोफर हड व्यापक रूप से आसे खुलेपन के तसद्धांत के रूप में पररभातषत करते हैं, तजसके तहत
सरकार की सामान्य प्रणाली के पूिातनम
ु ेय होने और आसके मनमाने ढंग से संचातलत होने के बजाय
प्रकातशत तनयमों और तितनयमों के ऄनुसार संचातलत होने की ऄपेक्षा की जाती है।
तिश्वनाथ और कॉफमन (1999) ने पारदर्शशता को "सभी प्रासंतगक तहतधारकों के तलए सुलभ,
सामतयक एिं तिश्वसनीय सूचना के प्रिाह में िृतद्ध के रूप में पररभातषत क्रकया है। " यह पररप्रेक्ष्य न
के िल सूचना की ईपलब्धता पर बल देता है, बतल्क आसकी तिश्वसनीयता और पहाँच पर भी बल देता है।
तद्वतीय प्रशासतनक सुधार अयोग ऄपनी प्रथम ररपोटत, सूचना का ऄतधकार: सुशासन के तलए मास्टर
कुं जी में पारदर्शशता को आस प्रकार पररभातषत करता है:
'...अम जनता तक सूचना की ईपलब्धता और सरकारी संस्थानों के कामकाज के संबंध में स्पष्टता'’
एक पारदशी प्रणाली में, क्रकसी भी सरकारी योजना के तलए लाभार्शथयों का चयन स्पष्ट रूप से ज्ञात
और साितजतनक रूप से संप्रते षत मानदंडों पर अधाररत होगा; यह भी ज्ञात होगा क्रक आन तनयमों और
ईतरने िाले पररिारों और व्यतियों को क्या लाभ तमलेंगे, ये लाभ कब प्राप्त होंगे, क्रकस कीमत या
आस बात को स्पष्टता से समझा जाना चातहए क्रक पारदर्शशता, सूचना साझाकरण से पृथक है। सूचना
साझाकरण में के िल लोगों को प्रासंतगक सूचना या डेटा प्रदान करना शातमल है, जबक्रक पारदर्शशता एक
ऄत्यंत व्यापक ऄिधारणा है। पारदशी शासन प्रणाली में, तनणतय लेने के मानदंड, प्रक्रियाओं और
प्रणातलयों से संबंतधत जानकारी सभी के तलए खुले तौर पर ईपलब्ध होती है। पारदर्शशता के तलए
सूचना साझाकरण ऄपररहायत है।
आसतलए, हम कह सकते हैं क्रक व्यापक रूप से, पारदर्शशता से अशय न के िल खुलप
े न, पहाँच और सूचना
की तिश्वसनीयता के स्तर से है बतल्क सरकार द्वारा कायत करने की शैली और नीतत तनमातण हेतु सहमत
प्राथतमकताओं से भी है, तजसमें प्रशासतनक तनकायों द्वारा कानूनों और तितनयमों के प्रशासन और
कायातन्ियन के तलए पूिातनुमय
े और तनष्पक्ष प्रणाली शातमल है।
एक अंतररक मूल्य है। तपछले कु छ दशकों से, प्रशासन में पारदर्शशता का सूत्रपात करने हेतु शुरू क्रकये
गये अंदोलनों को, ईत्तरदायी और तजम्मेदार सरकार के तलए तथा भ्रष्टाचार को समाप्त करने एिं
अतधकाररक कततव्य के नाम पर दण्ड मुति की संस्कृ तत को समाप्त करने हेतु पारदर्शशता को अिश्यक
शतत मानने िाले ऄंतरातष्ट्रीय एिं घरे लू दबाि समूहों से बल तमला है। िास्ति में, पारदर्शशता को ऄब
सुशासन के मूल तसद्धांत के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। यह तितध द्वारा स्थातपत नीतत,
तनयमों और प्रक्रियाओं का ईल्लंघन कर सत्ता के 'मनमाने' प्रयोग करने के तिरुद्ध साितजतनक तनयंत्रण है।
यह कायतकारी तनणतय तनमातण में संशोधन और सुधार को प्रोत्सातहत करती है।
आसके संबंध में, तद्वतीय प्रशासतनक सुधार अयोग के ऄनुसार:
'सूचना तक पहाँच, समाज के गरीब और कमजोर िगों को साितजतनक नीततयों और कायों के बारे में
सूचना की मांग करने और आसे प्राप्त करने हेतु सशि बनाती है, आस प्रकार यह ईनका कल्याण सुतनतश्चत
करती है। सुशासन के तबना, तितभन्न तिकासशील योजनाओं के अरं भ के बािजूद भी नागररकों के
जीिन की गुणित्ता में सुधार नहीं अ सकता है। सुशासन के चार तत्ि होते हैं- पारदर्शशता,
जिाबदेतहता, पूिातनुमय
े ता और भागीदारी।'
आसके ऄततररि, तद्वतीय प्रशासतनक सुधार अयोग यह कहता है क्रक:
'सूचना का ऄतधकार, सरकारी ररकॉडत को साितजतनक जााँच हेतु प्रस्तुत करता है। यह नागररकों को यह
जानने के तलए सक्षम बनाता है क्रक सरकार क्या करती है और क्रकतनी प्रभािी ढंग से करती है तथा आस
प्रकार यह सरकार को और ऄतधक जिाबदे ह बनाता है। सरकारी संगठनों में पारदर्शशता ईन्हें ऄतधक
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प्रोत्सातहत करती है। मतदाताओं की संसाधनों के अबंटन और पुनर्शितरण से लेकर बाजार ऄिरोधों
एिं प्रततबंधों, कर एिं सतब्सडी भार अक्रद से संबंतधत सरकारी कायों और प्रक्रियाओं में गहरी
क्रदलचस्पी होती है। ये कारक न के िल बाजार गतततितधयों के अर्शथक प्रदशतन को प्रभातित करते हैं
बतल्क यह मतदाता द्वारा िततमान नीतत तनमातताओं को क्रदए जाने िाले राजनीततक समथतन को भी
तनधातररत कर सकते हैं। ऄतधक पारदर्शशता जनता को दंड के तितधक, प्रशासतनक या चुनािी माध्यमों
द्वारा सक्षम बनाकर राजनीततक भ्रष्टाचार के ऄनुपात को कम करने में मदद कर सकती है। पारदशी
शासन व्यिस्था से साितजतनक तिश्वास में िृतद्ध होती है तथा सरकारी कायों को िैधता प्राप्त होती है।
सूचना िह मुिा है जो प्रत्येक नागररक के तलए सामातजक जीिन एिं समाज के शासन व्यिस्था में भाग
लेने हेतु अिश्यक है। नागररकों की सूचना तक पहंच तजतनी ऄतधक होगी, समुदाय की अिश्यकताओं
के प्रतत सरकार ईतनी ही ऄतधक ऄनुक्रियाशील होगी। सूचना के बगैर, व्यति एक नागररक के रूप में
ऄपनी तजम्मेदाररयों और ऄतधकारों का पयातप्त रूप से प्रयोग नहीं कर सकता है या सूतचत तिकल्प का
चयन नहीं कर सकता है।
सूचना, तनधतन समुदायों को ईनके समक्ष ईपतस्थत पररतस्थततयों का सामना करने हेतु सशि बना
सकती है तथा ऄल्प तिशेषातधकार प्राप्त लोगों एिं ईनकी सरकारों के मध्य तिद्यमान ऄसमान शति
संरचना को संतुतलत करने में मदद कर सकती है। आस संतल
ु न में सूचना एक महत्िपूणत कारक है तजसका
प्रभािी ढंग से ईपयोग करने हेतु ईसका सामतयक, प्रासंतगक, सटीक और पूणत होना ऄतनिायत है।
साितजतनक सेिा प्रदायगी की व्यिस्था को प्रभािी बनाने हेतु पारदर्शशता अिश्यक है, तजससे नागररक
आतना सक्षम हो सकते हैं क्रक िे ऄपने दािों का प्रयोग कर सकें । हालांक्रक, के िल यह पता होना क्रक
ऄपेतक्षत लाभार्शथयों के ऄतधकार क्या हैं तथा आसे ईन्हें प्रदान करने का ईत्तरदातयत्ि क्रकसे प्राप्त है, यह
ऄपेतक्षत लाभार्शथयों तक साितजतनक सेिाओं की पयातप्त और प्रभािी प्रदायगी सुतनतश्चत करने के तलए
काफी नहीं है। ऄतः शासन प्रणाली में एक जिाबदेही तंत्र का ऄन्तर्शनतहत होना अिश्यक है। आस
प्रकार, सुशासन के तलए जिाबदेतहता और पारदर्शशता एक दूसरे से तनकटता से सम्बद्ध हैं।
पारदर्शशता ऄथिा खुलापन, तजसकी स्िाभातिक पररणतत पारदशी शासन व्यिस्था है, में तनम्नतलतखत
अधारभूत घटकों की ऄपेक्षा की जा सकती है:
सूचना साझाकरण या सूचना तक पहाँच;
सूचना का ऄतधकार कानून: नागररकों द्वारा मााँगी जाने िाली सूचना तक ईसकी पहाँच सुतनतश्चत
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तितभन्न शासी तनकायों, संगठनों और अम जनता के मध्य डेटा का अदान-प्रदान सूचना साझाकरण
कहलाता है। सूचना तक पहाँच, आसका एक ऄत्यंत महत्िपूणत और शायद सबसे बड़ा ईपसमुच्चय है।
सूचना के ऄतधकार और आसके संबंतधत पहलू व्यापक रूप से स्िीकृ त ि ऄंगीकृ त मानिातधकार
दस्तािेजों, जैस-े मानिातधकारों की साितभौतमक घोषणा, नागररक और राजनीततक ऄतधकारों पर
ऄंतरातष्ट्रीय प्रसंतिदा (International Covenant on Civil and Political Rights) तथा अर्शथक,
Economic, Social and Cultural Rights) के रूप में ऄतभव्यि क्रकये गए हैं।
भारतीय संसद ने भी ‘सूचना का ऄतधकार ऄतधतनयम, 2005’ (RTI Act, 2005) के माध्यम से आस
ऄतधकार को संस्थागत स्िरुप क्रदया है। आस कानून में सरकारी सूचनाओं से सम्बंतधत नागररक ऄनुरोधों
का यथासमय ईत्तर देना ऄतनिायत बनाया गया है।
आसके ऄततररि, भारत में संसदीय पररचचातएाँ टेलीतिजन पर प्रसाररत की जाती हैं, सरकारी
लेखापरीक्षा की ररपोटत प्रकातशत होती है तथा व्यापक रूप से तितभन्न नीततगत मुद्दों पर सरकार की
तस्थतत का िेबसाआट, रे तडयो और सोशल मीतडया के माध्यम से तिज्ञापन क्रकया जाता है। हाल ही में,
सरकार ने ओपन डेटा गिनतमेंट (ODG) को बढ़ािा देने के तलए data.gov.in िेबसाआट लॉन्च की है।
सहभागी शासन व्यिस्था बॉटम-ऄप ऄप्रोच (ऄथातत् अधार से अरम्भ कर शीषत की ओर बढ़ने के
दृतष्टकोण) के माध्यम से शासन व्यिस्था में पारदर्शशता लाने के तितभन्न साधनों में से एक है। यह
स्थानीय स्ि-शासी तनकायों को शतियां प्रदान कर शतियों के तिके न्िीकरण को सुतनतश्चत करता है।
ऐसे तिकें िीकरण के माध्यम से यह ज़मीनी स्तर पर तनणतय-तनमातण की प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी
सुतनतश्चत करने पर बल देता है। स्ितंत्रता-पूित ऄितध में, गांधी जी के सुशासन के दृतष्टकोण का अशय
ऄतनिायत रूप से लोकतांतत्रक तिके न्िीकरण ही था, तजसका ऄथत ग्राम पंचायतों और राजनीततक
पदानुिम में सबसे तनचले स्तर पर तस्थत लोगों को शतियां प्रदान करना है।
73िें और 74िें संतिधान संशोधन ऄतधतनयमों ने पंचायतों और शहरी स्थानीय तनकायों को संिध
ै ातनक
प्रतस्थतत प्रदान की है। िास्ति में यह एकमात्र महत्िपूणत देशव्यापी पहल है तजसका ईद्देश्य शासन के
सहभागी स्िरूप के माध्यम से शासन व्यिस्था में पारदर्शशता ऄपनाकर ईसमें सुधार करना है। लोग
ऄब स्ियं को प्रभातित करने िाले मुद्दों से सम्बंतधत तनणतयन की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
हालांक्रक, आस सन्दभत में सुधार की ऄत्यतधक सम्भािनाएाँ मौजूद हैं, क्योंक्रक आस शासकीय ढााँचे के तलए
ऄभी ऄपनी ऄभीष्ट क्षमता प्राप्त करना शेष है। सरकारी ऄतधकाररयों की ऄतनच्छा, तित्तीय स्ितंत्रता
XI और XII के और ऄतधक तिषय आन तनकायों को हस्तांतररत क्रकए जा रहे हैं। चौदहिें तित्त अयोग ने
भी आनके पयातप्त तित्तपोषण के तलए सुझाि क्रदए हैं।
सहभागी शासन व्यिस्था की क्रदशा में की गइ कु छ ऄन्य पहलें तनम्नतलतखत हैं:
सामातजक लेखापरीक्षा (Social Audit): यह तितभन्न शासी तनकायों के कामकाज की तनगरानी
और मूल्यांकन हेतु नागररकों को प्रदान क्रकया गया एक शतिशाली ईपकरण है। 1990 के दशक में
MKSS ने 'जन सुनिाइ' के रूप में आसका अरम्भ क्रकया था। ऄब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण
रोजगार गारं टी ऄतधतनयम जैसे कानूनों में सामातजक लेखा परीक्षा को ऄतनिायत कर क्रदया गया है।
आस प्रकार की लेखा परीक्षाओं ने नागररक भागीदारी में िृतद्ध के साथ-साथ व्यिस्था में जााँच एिं
संतल
ु न सुतनतश्चत करने में सहायता की है। ईदाहरणाथत- अंध्र प्रदेश में, प्रदेश-व्यापी सामातजक
लेखा परीक्षाओं के दौरान व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी के मामले सामने अये तजसके पररणामस्िरूप
लगभग 7,000 ऄतधकाररयों पर प्रशासतनक या अपरातधक अरोप तनधातररत क्रकये गए। आसके
साथ ही सामतजक लेखापरीक्षा की यह ऄिधारणा पयातिरणीय लोकतंत्र और शासन व्यिस्था में
भी प्रिेश कर चुकी है।
तनिासी कल्याण संघ (Resident Welfare Associations: RWAs): आसमें समाज के तिचारों
को शातमल करने या बुतनयादी नागररक कायों के तलए तनणतय लेने की शति को नागररकों को
हस्तांतररत करने हेतु राज्य-तितशष्ट प्रोत्साहन शातमल हैं। 'जनभागीदारी' को बढ़ािा देने के तलए
अम नागररकों को शातमल करने के ऄपने ईद्देश्य तथा ईसके कायातन्ियन के तलए आन पहलों की
सराहना की गइ है।
क्रदल्ली सरकार की भागीदारी योजना के ऄंतगतत समुदाय को ऄपने संबतं धत क्षेत्र की तज़म्मेदारी
लेने के तलए संगरठत करने हेतु मातसक बैठकों का अयोजन क्रकया जाता है तथा आसमें RWAs के
माध्यम से नागररक प्रत्यक्ष रूप से सतम्मतलत होते हैं। तिकास के सम्बन्ध में तथा ऄन्य पररिततनों
की योजना बनाते समय राज्य से जुड़ी संस्थाओं के तलए ये RWAs संपकत के प्रथम सबदु के रूप में
कायत करते हैं।
के रल का पीपुल्स प्लान कैं पेन (People’s Plan Campaign: PPC) तिकें िीकृ त तनयोजन
(1996) से सम्बंतधत एक प्रयोग था। आसके ऄंतगतत स्थानीय सरकारों को जनता की प्रत्यक्ष
भागीदारी के साथ ऄपनी स्ियं की पंच िषीय योजनाएं बनाने हेतु तनदेतशत क्रकया गया। आस
प्रक्रिया के तलए राज्य के तिकास बजट से समुतचत धन का भी हस्तांतरण क्रकया गया था। हालांक्रक,
तदुपरांत आस योजना को समाप्त कर क्रदया गया।
ईत्तरदेयता (Answerability) ऄथातत् शासन व्यिस्था की तितभन्न संस्थाओं हेतु ईनके कायतिातहयों
viii. राज्यों में लोकायुि (तजन राज्यों ने प्रासंतगक कानूनों को ऄतधतनयतमत क्रकया है)।
आन संस्थानों द्वारा ईपयोग क्रकए जाने िाले साधनों/तंत्रों में शातमल हैं:
i. सूचना का ऄतधकार ऄतधतनयम;
iii. सीतमत पररमाण में, सामातजक लेखा परीक्षा/ नागररकों की तनगरानी सतमततयों/तनगरानी तनकायों
iv. प्रदशतन प्रबंधन प्रणाली, दंड और पुरस्कार, ईच्च ऄतधकाररयों द्वारा ऄनुशासनात्मक प्रक्रियाएं;
v. तनयन्त्रक एिं महालेखापरीक्षक (CAG) और ऄन्य तनकायों द्वारा तिभागीय/ अंतररक लेखा परीक्षा;
तितभन्न तनकायों द्वारा तनम्नतलतखत रूप में ईत्तरदातयत्ि का तनधातरण क्रकया जाता है:
संतिधान, कानून और कायतकारी तनयमों द्वारा जो सरकारी कमतचाररयों के तलए ‘क्या करें ’ (do’s)
और ‘क्या न करें ’ (dont’s) का तनधातरण करते हैं तथा शासन व्यिस्था में मनमानी को कम करते
हैं।
संसद, न्यायपातलका, के न्िीय सतकत ता अयोग (CVC), लोकपाल आत्याक्रद जैसे संस्थान यह
सुतनतश्चत करते हैं क्रक जब भी लोक सेिक तितध के शासन के तिरुद्ध कोइ कायत करें तो सुधारात्मक
कारत िाइ की क्रदशा में कदम ईठाए जाएं।
नागररक समाज, गैर सरकारी संगठन (NGOs), मास मीतडया और नागररक ऄतधकाररयों पर
ऄच्छे प्रदशतन के मानकों को लागू करने के तलए महत्िपूणत तत्ि बन गए हैं। ईन्होंने ऄतधकाररयों के
तनणतयों पर प्रश्न पूछना अरम्भ कर क्रदया है और सरकार को जिाबदेह बनाए रखने में सक्रिय
भूतमका तनभा रहे हैं। तीव्र संचार और 24x7 समाचार के तडतजटल युग में, मीतडया (सामातजक
और पारं पररक दोनों) शतियों के िैध प्रयोग पर नज़र रखने का एक प्रमुख साधन बन गयी है।
शासन व्यिस्था में ईत्तरदातयत्ि को बढ़ािा देने के तलए हाल ही में की गईं कु छ पहलें:
i. प्रगातत (PRAGATI): यह ऄग्रसक्रिय शासन और समयबद्ध कायातन्ियन हेतु एक बह-ईद्देशीय, बह-
तिध (multi-modal) प्लेटफ़ॉमत है। PRAGATI एक तितशष्ट समेकनकारी और संिादात्मक मंच है। आस
मंच का ईद्देश्य अम अदमी की तशकायतों को संबोतधत करना तथा साथ ही भारत सरकार के
महत्िपूणत कायतिमों और पररयोजनाओं के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा लागू पररयोजनाओं की
तनगरानी और समीक्षा करना है। PRAGATI मंच ऄतद्वतीय रूप से तीन निीनतम प्रौद्योतगक्रकयों;
तडतजटल डेटा प्रबंधन, िीतडयो कॉन्रें ससग और भू-स्थातनक प्रौद्योतगकी को एक साथ लाता है। यह
सहकारी संघिाद की क्रदशा में एक ऄतद्वतीय संयोजन भी प्रदान करता है क्योंक्रक यह भारत सरकार के
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सतचिों और राज्यों के मुख्य सतचिों को एक मंच पर लाता है। साथ ही, आसके माध्यम से प्रधानमंत्री
संबंतधत कें िीय और राज्य ऄतधकाररयों के साथ मुद्दों की तिस्तृत जानकारी और ज़मीनी तस्थतत के
सम्बन्ध में यथाथत एिं निीनतम जानकारी के साथ चचात करने में समथत हैं। यह इ-गिनेंस और सुशासन
में एक ऄतभनि पररयोजना है।
ii. तनष्पादन प्रबंधन प्रभाग (Performance management division): कें ि सरकार ने सरकारी
तनणतयों के बेहतर पररणामों पर नज़र रखने और ईन्हें प्रोत्साहन देने के तलए आस प्रभाग को अरम्भ
क्रकया है। यह पररणाम के अधार पर प्रदशतन पर नज़र रखने के ईद्देश्य से सभी मंत्रालयों के ऄतधकाररयों
के तलए स्पष्ट क्रदशा-तनदेशों का तनधातरण करता है। िस्तुतः यह अिश्यक है क्रक तनणतयन में देरी की
प्रिृतत्त को रोकने का प्रयास क्रकया जाए ताक्रक तितभन्न मुद्दों का त्िररत समाधान क्रकया जा सके । यह
प्रत्येक तनणतय को ऄतधक तीव्रता से ऄपने तकत संगत तनष्कषत तक पहंचने में सहायता करे गा।
iii. गिनतमटें इ-माके ट प्लेस (Government e-market place): गिनतमेंट इ-माके टप्लेस (GeM) का
लक्ष्य सरकार के मंत्रालयों/तिभागों, PSUs, स्िायत्त तनकायों अक्रद द्वारा िस्तुओं और सेिाओं की
खरीद के तरीके को पररिर्शतत करना है। यह सरकार के तितभन्न मंत्रालयों और एजेंतसयों द्वारा िस्तुओं
और सेिाओं की खरीद को सुतिधाजनक बनाने के तलए एक प्रौद्योतगकी संचातलत मंच है। GeM एक
पूणत
त या पेपरलेस, कै शलेस और प्रणाली संचातलत इ-माके ट प्लेस है जो न्यूनतम मानि आं टरफे स के साथ
सामान्य ईपयोग में अने िाली िस्तुओं और सेिाओं की खरीद को सक्षम बनाता है।
पारदर्शशता और ईत्तरदातयत्ि से संबंतधत तिषयों को ऄब गारं टीकृ त सेिा प्रदायगी ऄतधतनयम जैसे
कायतिमों में राज्यों द्वारा तेजी से ऄपनाया जा रहा है, जहााँ सेिा प्रदायगी हेतु तनधातररत समय सीमा के
बाद होने िाले क्रकसी भी तिलम्ब के तलए (सरकारी ऄतधकाररयों के तलए) दंड का प्रािधान है। यह RTI
ऄतधतनयम में क्रकए गए प्रािधान के समान है और आसे क्रदल्ली, राजस्थान, तबहार एिं मध्य प्रदेश जैसे
राज्यों में ऄपनाया गया है।
तहहसल-ब्लोआं ग का ऄथत प्रायः संगठन के सदस्यों द्वारा ऄपने तनयोिाओं के तनयंत्रण में संचातलत ऄिैध
या ऄनैततक प्रथाओं को ऐसे व्यतियों या संगठनों के समक्ष प्रकट करने से है जो सुधारात्मक कारत िाइ
करने में सक्षम हो सकते हैं। तहहसल ब्लोऄर संरक्षण से अशय व्यति को सूचना का खुलासा करने की
ऄनुमतत देने से है, हालांक्रक यहााँ प्रातधकार प्राप्त लोगों के प्रततशोध के प्रतत ईनकी (तहहसल ब्लोऄर)
सुभेद्यता तिद्यमान होती है।
संसद ने तहहसल ब्लोऄर प्रोटेक्शन एक्ट, 2014 पाररत क्रकया है, जो तहहसल ब्लोऄर की पहचान को
सुरतक्षत रखने के तलए एक तंत्र प्रदान करता है। आस कानून के ऄनुसार, कोइ भी लोक सेिक या कोइ
ऄन्य व्यति ऄथिा कोइ गैर-सरकारी संगठन, के न्िीय सतकत ता अयोग के सम्मुख भ्रष्टाचार, शति के
दुरुपयोग या लोक सेिक द्वारा क्रकए जा रहे अपरातधक कृ त्यों का साितजतनक तहत में प्रकटीकरण कर
सकता है। हालांक्रक, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंतधत सूचनाओं को ऄतधतनयम के दायरे से बाहर रखा गया है।
2014 के मौज़ूदा कानून के दायरे से राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता, ऄखंडता, राज्य की सुरक्षा या अर्शथक
तहतों के मुद्दों को बाहर करने के तलए आसमें संशोधन के ईद्देश्य से एक नये तिधेयक - तहहसल ब्लोऄसत
प्रोटेक्शन (संशोधन) तिधेयक, 2015 - को संसद में प्रस्तुत क्रकया गया है। आन प्रािधानों को RTI
ऄतधतनयम की तजत पर अकार क्रदया गया है। यह तिधेयक लोकसभा द्वारा पाररत कर क्रदया गया है और
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यह ऄब राज्यसभा में लंतबत है। ('शासन व्यिस्था में इमानदारी' िाले नोट्स में आस मुद्दे का तिस्तार से
तिश्लेषण क्रकया गया है।)
पारदर्शशता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के तसद्धांतों, क्रकसी व्यति की गोपनीयता और प्रततस्पद्धात के दौर में
सरकारी कायातलयों को सूचना ऄग्रसक्रिय रूप से प्रकातशत करनी चातहए या मात्र तिशेष ऄनुरोध
पर सूचना प्रदान करनी चातहए; तथा
सूचना प्रदान करने की लागत क्रकसे िहन करनी चातहए (साितजतनक कायातलय बनाम पहाँच की
मााँग करने िाले)।
भारत में पारदर्शशता के सम्बन्ध में नीततयां तितधक रूप से तो लागू हैं क्रकन्तु क्रफर भी ईनके िास्ततिक
कायातन्ियन और तितरण में भ्रष्टाचार, ऄनुपतस्थतत, ईदासीनता, ऄक्षमता, प्रभािहीनता या पूणत
तिफलता की तस्थतत बनी हइ है। आन तिफलताओं के कें ि में ईत्तरदातयत्ि का एक सुव्यितस्थत संकट
तिद्यमान है। कु छ पयतिक्ष
े कों का कहना तो यह भी है क्रक आं तडयन स्टेट, आसके संस्थानों और आन संस्थानों
को तनयंतत्रत करने िाले तनयमों को संरतचत ही आस प्रकार क्रकया गया है क्रक ईत्तरदातयत्ि से बचा जा
सके ।
2005 में RTI ऄतधतनयम के ऄतधतनयतमत होने के बािजूद खुलापन और ईत्तरदातयत्ि तय करने के
मध्य ऄंतराल ऄभी भी बना हअ है। RTI ऄतधतनयम, 2005 के ऄतधदेश के ऄनुसार, साितजतनक क्षेत्र
के संगठनों द्वारा सक्रिय प्रकटीकरण ऄभी भी भारत में व्यापक रूप से प्रचतलत नहीं है। आसके ऄततररि,
भारत में RTI कायतकतात और तहहसल ब्लोऄसत सुभेद्य हैं और तनरं तर जीिन के खतरे का सामना कर रहे
हैं। आसके ऄततररि, तहहसल ब्लोऄर संरक्षण ऄतधतनयम में संशोधन, तहहसल ब्लोऄसत के मौजूदा संरक्षण
में कमी लाने िाला प्रतीत होता है। (आसका तिस्तृत िणतन अगे क्रकया गया है)।
राजनीततक दल RTI ऄतधतनयम, 2005 के दायरे में नहीं अते हैं। राजनीततक तित्त पोषण में
की है। सिोच्च न्यायालय, ईच्चतर न्यायपातलका को RTI ऄतधतनयम के दायरे में लाने के तलए और
सिोच्च न्यायालय तथा ईच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संपतत्त के प्रकटीकरण के प्रािधान के सन्दभत में
ऄतनच्छु क है। ऐसे में यह स्पष्ट क्रकया जाना चातहए क्रक यद्यतप न्यायालय की कायतिाही या तनणतय सदैि
साितजतनक डोमेन में रहे हैं, क्रकन्तु न्यायपातलका को RTI के दायरे में लाने का यह अशय कदातप नहीं
है।
आसके कायतकलापों या कायतकलाप से सम्बंतधत पररिततनों, सांतत्य या तनणतय के बारे में प्रत्येक ‘क्या, कै से
और क्यों’ जैसे प्रश्नों का ईत्तर जानने का ऄतधकार है। सूचना का ऄतधकार भारत के संतिधान के
ऄनुच्छेद 19(1)(a) के ऄंतगतत मौतलक ऄतधकारों के दायरे में अता है और यह 2005 के RTI
ऄतधतनयम द्वारा सांतितधक अधार पर सुतनतश्चत क्रकया गया है। भारत में, लोक शति (कायतकारी,
तिधायी या न्यातयक शति) के प्रयोग में पारदर्शशता की संस्कृ तत तिकतसत होनी चातहए। ऐसी संस्कृ तत
को बढ़ािा क्रदया जाना चातहए और गोपनीयता एिं रहस्य को मात्र ऄपिाद स्िरुप हीं प्रयोग क्रकया
जाना चातहए।
भारत सरकार इ-गिनेंस को बढ़ािा देने के तलए तडतजटल प्रौद्योतगक्रकयों को तेजी से ऄपना रही है
तजसके पररणामस्िरूप प्रशासन में पारदर्शशता को बढ़ािा तमल रहा है। हालांक्रक, आस बात पर ध्यान
क्रदया जाना चातहए क्रक इ-गिनतमेंट का यह तात्पयत हमेशा खुली सरकार नहीं होती है। यक्रद कोइ
सरकारी एजेंसी तडतजटल ररकॉडत ऄपनाती है, तो िह िास्ति में दक्षता का लाभ प्राप्त कर सकती है भले
अरम्भ की है, क्रकन्तु ऄभी भी ईनमें से ऄतधकांश पहलों के डेटाबेस साितजतनक रूप से सुलभ नहीं कराए
गए हैं। साितजतनक रूप से सुलभ डेटाबेसों में से भी कु छ ही डेटा पुन: प्रयोज्यता, असान पहंच और
बोधगम्यता की दृतष्ट से खुले हए हैं। िास्ति में ऄपररष्कृ त डेटा का प्रकाशन करना पयातप्त नहीं है। ओपन
गिनतमेंट डेटा की प्रासंतगकता को सुतनतश्चत करने के तलए, सरकार और तसतिल सोसायटी संगठनों दोनों
द्वारा अम लोगों और िंतचत समुदायों के तहत में आनका लाभ ईठाने हेतु ईतचत तंत्र की स्थापना की
जानी चातहए। आस क्रदशा में ईठाए गए ठोस कदम भारत में तनकट भतिष्य में ओपन डेटा के स्िप्न को
साकार करने में सहायक होंगे।
2.6. सरकारी गोपनीयता ऄतधतनयम, 1923 से सम्बं तधत मु द्दे (ARC से ईद्धृ त )
(Issues with the Official Secrets Act, 1923 (Excerpts from ARC)
Secrets Act: OSA), शासन व्यिस्था में गोपनीयता के सभी मामलों को ऄतभशातसत करता है। यह
कानून बड़े पैमाने पर सुरक्षा मामलों से संबंतधत है तथा जासूसी, राजिोह और राष्ट्र की एकता एिं
ऄखंडता पर ऄन्य हमलों से तनपटने हेतु एक रुपरे खा प्रदान करता है। हालांक्रक, लोगों के प्रतत
औपतनिेतशक काल (जब आसे कायाततन्ित क्रकया गया था), के कारण यह सभी पर लागू होने िाला
तितधक प्रािधान बन गया एिं व्यािहाररक रूप से शासन से जुड़ा लगभग प्रत्येक मुद्दा, गोपनीयता के
दायरे में अने लगा। तसतिल सेिा अचरण तनयम, 1964 के द्वारा आस प्रिृतत्त को और बल तमला क्योंक्रक
आसके द्वारा प्रातधकार के तबना क्रकसी अतधकाररक दस्तािेज के संचार को प्रततबंतधत कर क्रदया गया।
आसके ऄततररि 1872 में ऄतधतनयतमत, भारतीय साक्ष्य ऄतधतनयम की धारा 123, तिभाग प्रमुख
(तजसे आस सन्दभत में तििेकातधकार प्राप्त है) की ऄनुमतत के तबना ऄप्रकातशत अतधकाररक ररकॉडत से
साक्ष्य देने पर रोक लगाती है।
लोकतंत्र में, जनता संप्रभु होती है और तनिाततचत सरकार एिं ईसके कायतकतात जनता के सेिक होते हैं।
यह तिचार-तिमशत द्वारा तनर्शमत सरकार और कानून के ढांचे के भीतर एक खुली सरकार होती है।
आसतलए पारदर्शशता शासन व्यिस्था के सभी मामलों में अदशत के तौर पर संस्थातपत होनी चातहए।
हालांक्रक, यह एक सिततिक्रदत तथ्य है क्रक राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभातित करने िाले कु छ संिेदनशील
मामलों को प्रकट न क्रकया जाना व्यापक लोक तहत में होता है। आसी प्रकार, मंतत्रमंडल का सामूतहक
ईत्तरदातयत्ि मंतत्र-पररषद की बैठकों में साितजतनक मुद्दों पर तनबातध पररचचात की मांग करता है, जो
ही यह जानने का ऄतधकार नहीं होना चातहए क्रक ईस तनणतय प्रक्रिया के दौरान कै तबनेट कक्ष में क्रकन
बातों पर तिचार क्रकया गया। RTI, ऄतधतनयम राज्य के मामले में आन अिश्यकताओं को तचतननत
करता है और ऄतधतनयम की धारा 8 ऐसे सभी मामलों को प्रकटीकरण से छू ट प्रदान करती है।
"सरकारी गोपनीयता ऄतधतनयम, 1923 में ईपधारा (1) के ऄनुसार ऄनुज्ञेय क्रकसी छू ट में क्रकसी बात
के होते हए भी क्रकसी लोक ऄतधकारी को सूचना तक पहाँच ऄनुज्ञात की जा सके गी, यक्रद सूचना के
ऄतधतनयम के िे प्रािधान जो धारा 8(1) के छू ट सम्बन्धी प्रािधानों के साथ द्वन्द की तस्थतत में होने के
बाद भी सूचना के प्रकटन की ऄनुमतत प्रदान करते हैं; ईन्हें आस ऄतधतनयम की धारा 22 के ऄंतगतत ऄन्य
"आस ऄतधतनयम के ईपबंध सरकारी गोपनीयता ऄतधतनयम ,1923 और तत्समय प्रिृत्त क्रकसी ऄन्य
तितध में या आस ऄतधतनयम से ऄन्यथा क्रकसी तितध के अधार पर प्रभाि रखने िाले क्रकसी दस्तािेज में
ईससे ऄसंगत क्रकसी बात के होते हए भी प्रभािी होंगे"।
आस प्रकार, ईपयुति धारा की आस भािना के अधार पर, यक्रद RTI ऄतधतनयम के ऄंतगतत सूचना
प्रकटीकरण को स्िीकार क्रकया गया है तो OSA आस सूचना के प्रकटीकरण को ऄिरोतधत नहीं करे गा।
क्योंक्रक आनके कारण ऐततहातसक रूप से गोपनीयता और गैर-प्रकटीकरण की संस्कृ तत ही पोतषत हइ है,
जो क्रक सूचना के ऄतधकार की मूल भािना के तिरुद्ध है। यहााँ तक क्रक ऐसी सूचना के प्रकटीकरण से भी
आन्कार क्रकया जा सकता है तजसका राष्ट्रीय सुरक्षा से कोइ संबंध नहीं है (यक्रद साितजतनक कमतचारी द्वारा
ईसके पद धारण करने के अधार पर ईस सूचना तक पहाँच स्थातपत की गयी हो)। आस तरह के ऄनुदार
और कठोर प्रकृ तत के प्रािधानों ने स्पष्ट रूप से गोपनीयता की संस्कृ तत को सृतजत क्रकया है।
हालांक्रक, िततमान तस्थततयों में सूचना का ऄतधकार ऄतधतनयम ईन प्रािधानों पर ऄतधरोतपत होता है
तजन्हें सरकारी गोपनीयता ऄतधतनयम द्वारा खुद को प्रकटीकरण से मुि नहीं क्रकया गया है, तथातप
िास्ततिक तस्थतत यही है क्रक तितध की पुस्तकों में ईपतस्थत OSA ऄपने िततमान स्िरूप में एक प्रकार
का ऄराजकतािाद है।
आसतलए, राष्ट्रीय सुरक्षा की अिश्यकता को ध्यान में रखते हए और आसके अधार पर प्रोत्सातहत
गोपनीयता की संस्कृ तत के समापन हेतु तद्वतीय ARC ने ऄनुशंसा की है क्रक सरकारी गोपनीयता
ऄतधतनयम, 1923 को समाप्त क्रकया जाए तथा आसके स्थान पर राष्ट्रीय सुरक्षा ऄतधतनयम (1980) में
एक ऄध्याय जोड़ा जाये तजसमें अतधकाररक गोपनीयता से संबंतधत प्रािधान शातमल हों। हालांक्रक,
एक जागरुक नागररक के तलए क्रकसी लोकतां तत्रक समाज में अगे बढ़ने हेतु सूचना ऑक्सीजन के समान
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अिश्यक है। भारत में सूचना का ऄतधकार (RTI) न्यातयक घोषणाओं के माध्यम से तिकतसत क्रकया
गया था और बाद में सूचना का ऄतधकार ऄतधतनयम, 2005 के माध्यम से आसे ईतचत स्िरुप क्रदया
गया। िततमान में यह ऄतधतनयम भारत के नागररकों के जानने के ऄतधकार को बढ़ािा देने तथा ईसकी
रक्षा करने के तलए ऄग्रणी साधन बन गया है।
आसके महत्ि को रे खांक्रकत करते हए, तद्वतीय ARC में कहा गया है क्रक RTI सुशासन की मुख्य कुं जी है।
RTI प्रशासन में जिाबदेही सुतनतश्चत करने तथा साितजतनक कायातलयों में भ्रष्टाचार और ऄक्षमता को
कम करने में मदद करता है। यह शासन व्यिस्था और तनणतयन में लोगों की भागीदारी सुतनतश्चत करता
है।
भारत में, औपतनिेतशक शासन से अरम्भ गोपनीयता की संस्कृ तत ने ऄतनयंतत्रत भ्रष्टाचार को बढ़ािा
क्रदया है। सरकार के कामकाज में खुलेपन और ईत्तरदातयत्ि की कमी ने न के िल ऄक्षमता ईत्पन्न की
बतल्क तनधतनता के सभी रूपों को भी यथाित बनाये रखा। RTI ऄतधतनयम, सुशासन में बाधा ईत्पन्न
करने िाले भ्रष्टाचार के ईन्मूलन के तलए दो सबसे महत्िपूणत ईपकरणों ऄथातत् पारदर्शशता और
ईत्तरदातयत्ि को एक साथ लेकर अता है।
यह ऄतधतनयम एक सामान्य व्यति को क्रकसी तिशेष साितजतनक सेिा का लाभ ईठाने के ईसके
ऄतधकार को जानने में सक्षम बनाता है तथा कहीं कोइ तशकायत हो तो ईसके तनिारण हेतु सशि
बनाता है। आसमें 'सुनिाइ और ईपभोिा तशक्षा का ऄतधकार' भी शातमल है, ऄथातत् आसके तहत
ईपभोिा को ईसके ऄतधकारों के बारे में तशतक्षत क्रकया जाना भी शातमल है। िास्ति में यह "सहभागी,
पारदशी और ईत्तरदायी शासन" के तकत पर अधाररत है। सूचना के ऄतधकार ऄतधतनयम के तहत
सरकारी कमतचाररयों के अचरण पर भी सिाल ईठाया जा सकता है और आस प्रकार ईन्हें ईत्तरदायी
बनाया जाता है।
RTI, सहभागी तिकास को बढ़ािा देन,े लोकतांतत्रक शासन को सशि बनाने और साितजतनक सेिाओं
की प्रभािी प्रदायगी की सुतिधा के तलए एक ईपकरण बन गया है। आसका ज्ञान अधाररत समाज में
(तजसमें हम अज रहते हैं) सूचना का ऄतधग्रहण और ईसके अिेदन के बारे में सूतचत तनणतय लेने की
प्रक्रियाओं पर व्यापक प्रभाि पड़ता है, तजसके पररणामस्िरूप समग्र ईत्पादकता में िृतद्ध के रूप में
महत्िपूणत लाभ प्राप्त होता है। आस प्रकार, आस ऄतधतनयम का ईद्देश्य शासन व्यिस्था में खुलापन,
पारदर्शशता और जिाबदेही को बढ़ािा देना है।
RTI ऄतधतनयम के क्रियान्ियन ने तिशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में तिकास प्रक्रिया में संिद
े नशीलता,
ईत्तरदातयत्ि और जिाबदेही का सूत्रपात क्रकया है। यह सरकार-प्रायोतजत कायतिमों के कायातन्ियन और
साितजतनक ऄतधकाररयों के कामकाज में देरी को तनयंतत्रत करने हेतु ऄत्यतधक महत्िपूणत है। RTI,
लोगों को अगे अने और तितभन्न कल्याणकारी योजनाओं के सन्दभत में हइ प्रगतत पर सिाल ईठाने के
तलए प्रेररत कर रहा है और आस प्रकार यह भारत के सिाततधक तपछड़े क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाि ला
रहा है।
सूचना का ऄतधकार (RTI), अम नागररकों के तलए ईनके ऄतधकारों की लड़ाइ हेतु एक महत्िपूणत
हतथयार बन गया है। यह अश्चयतजनक नहीं है क्रक RTI ऄतधतनयम का प्रयोग बहधा ईन क्षेत्रों में क्रकया
जा रहा है जहााँ लोगों को िैसी चीजों के तलए लड़ना पड़ रहा है, तजन पर ईनका ही ऄतधकार है। आस
ऄतधतनयम ने ऄपने क्रियान्ियन के दस िषत पूरे कर तलए हैं तथा आस ऄितध में ऄतधतनयम ने सरकारी
प्रणाली के कामकाज के तरीकों और तिचारों में महत्िपूणत पररिततन क्रकये हैं।
आस ऄतधतनयम से पहले भी, RTI का समथतन करने िाली न्यातयक घोषणाओं ने सामान्य लोगों में प्रश्न
पूछने की संस्कृ तत को प्रोत्सातहत क्रकया है। अम लोगों के जीिन में RTI के प्रभािों को पररलतक्षत करने
िाली सफलता की कु छ कहातनयां तनम्नतलतखत हैं:
i. RTI के माध्यम से करदाताओं के धन के ईपयोग का पयतिक्ष
े ण क्रकया जा रहा है: राजमागत
पररयोजनाएं, बैंक ऊण, फसल बीमा योजनाएं, साितजतनक तितरण प्रणाली अक्रद ऐसी प्रत्येक
व्यिस्था, जहााँ साितजतनक तनतध का ईपयोग क्रकया जाता है, RTI के दायरे में अती है। RTI के
प्रयोग से, आनसे सम्बंतधत बहत सी ऄतनयतमतताओं का पता लगा है और बहत से घोटालों को
सामने लाया गया है।
iii. एक ऄन्य मामले में, एक ररक्शाचालक से आं क्रदरा अिास योजना के तहत ऄपने गृह तनमातण के
अिेदन को अगे बढ़ाने के बदले पांच हज़ार रुपये की मांग की गयी, जबक्रक ईसे अिेदन क्रकये पांच
िषत बीत चुके थे। यह सामातजक-अर्शथक योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के स्तर का प्रत्यक्ष ईदाहरण
है। ऄंततः ईस ररक्शाचालक ने एक NGO की सहायता से RTI अिेदन दजत क्रकया तथा आसके
ईपरांत ईसे योजना के तहत 15000 रुपये की पहली क्रिस्त प्राप्त हइ।
iv. ऐसे कइ ईदाहरण हैं जहां लोग, RTI ऄतधतनयम से लाभातन्ित हए हैं तथा भ्रष्टाचार साथ ही साथ
भ्रष्ट लोगों का खुलासा हअ है और ईन्हें दंतडत क्रकया गया है। िास्ति में RTI लोगों को सशि बना
रहा है, ताक्रक िे कायतपातलका को ईसके कायों के प्रतत तथा देश के संसाधनों का ईपयोग करने के
तरीकों के प्रतत ईत्तरदायी ठहरा सकें ।
कार्शमक और प्रतशक्षण तिभाग ने RTI के प्रिततन और कायातन्ियन से सम्बंतधत मुद्दों का अकलन करने
हेतु एक क्षेत्र सिेक्षण (2008 में)अयोतजत क्रकया। आसके द्वारा तनम्नतलतखत तनष्कषत प्राप्त हए:
RTI ऄतधतनयम की धारा 26 में ईल्लेख क्रकया गया है क्रक सम्बंतधत सरकारें , लोगों, तिशेषकर
िंतचत समुदायों में आस ऄतधतनयम के तहत पररकतल्पत ऄतधकारों के प्रयोग से संबतं धत समझ
तिकतसत करने हेतु कु छ शैक्षतणक कायतिमों का तनमातण एिं अयोजन कर सकती हैं:
हालााँक्रक सिेक्षण के ऄनुसार यह भी ज्ञात हअ क्रक ईत्तर देने िालों में से के िल 15 प्रततशत
लोग ही RTI ऄतधतनयम से पररतचत थे। आस सिेक्षण के दौरान, यह भी देखा गया क्रक आस
जागरुकता के प्रमुख स्रोतों में मास मीतडया चैनल, यथा- टेलीतिज़न चैनल, समाचार पत्र
आत्याक्रद एिं लोगों के द्वारा अपस में बातचीत से प्रचार शातमल है।
आसके साथ ही यह भी देखा गया क्रक िंतचत िगों, यथा- मतहलाओं, ग्रामीण जनसंख्या तथा
सामातजक रूप से तपछड़ी जाततयों, यथा- SC/ST/OBCs में जागरुकता का स्तर तिशेष रूप
से कम है।
ध्यातव्य है क्रक सम्बंतधत सरकारों तथा साितजतनक प्रातधकरणों द्वारा क्रकये जाने िाले प्रयास,
िेबसाआट्स पर तनयमों और ऄक्सर पूछे जाने िाले प्रश्नों (FAQs) के प्रकाशन तक ही सीतमत रहे
हैं। ये प्रयास RTI ऄतधतनयम के सम्बन्ध में व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता के प्रसार में सहायक
नागररकों के तलए ऄसुतिधाजनक है। आसके ऄततररि, नकद के माध्यम से शुल्क एकत्र करने
की ऄतनिायतता के कारण अिेदनकतात का राज्य में होना अिश्यक हो जाता है, जबक्रक
ऄतधतनयम में ऐसी कोइ भी बाध्यता नहीं अरोतपत की गयी है।
आसके ऄलािा, सिेक्षण से यह भी ईजागर हअ है क्रक लोक सूचना ऄतधकारी (PIO) के
कायातलय के माध्यम से अिेदन जमा करना अिेदन का सबसे प्रचतलत तरीका है, ऄतः
ऄितस्थतत तििरण और PIOs के ईपलब्धता समय के साथ "ईतचत संकेतक" भी महत्िपूणत
है। हालााँक्रक, 85 प्रततशत सूचना की मांग करने िालों ने कहा क्रक सम्बंतधत PIO की
ऄितस्थतत से सम्बंतधत कोइ संकेतक ईपलब्ध नहीं था। आस कारण ईन्हें एक RTI अिेदन के
एक ऐसे देश में जहााँ साक्षरता दर ऄत्यंत कम (74.04%) है, प्रातधकरणों का यह कततव्य है क्रक
िे लोगों को ईनके ऄतधकारों की प्रातप्त हेतु सहायता प्रदान करें ; क्रकन्तु सिेक्षण के पररणाम यह
नहीं दशातते हैं। आससे ज्ञात होता है क्रक RTI अिेदन जमा करने की प्रक्रिया नागररकों की
अिश्यकताओं और सुतिधा को ध्यान में रखते हए तैयार नहीं की गइ है।
iv. RTI अिेदन और PIO के ईत्तरों के तलए मानक प्रारूप (Standard forms for RTI
चुनौती है क्योंक्रक न तसफ़त ईनकी संख्या काफी ऄतधक है, बतल्क प्रायः ऄलग-ऄलग पदों पर
ईनका स्थानांतरण भी क्रकया जाता है। प्रतशक्षण संस्थानों में प्रतशक्षण से सम्बंतधत संसाधनों
की ऄनुपलब्धता भी ऄिरोध ईत्पन्न करती है। बड़ी संख्या में गैर-लाभकारी संगठन भी मौजूद
हैं जो अतधकाररक / गैर-अतधकाररक क्षमताओं में प्रतशक्षण प्रदान कर रहे हैं - ये ऄप्रयुि
संसाधन हैं तजनका ईपयोग क्षमता तनमातण के तलए क्रकया जा सकता है।
महाराष्ट्र के राज्य सूचना अयोग ने ऄपनी 10िीं ररपोटत में स्पष्ट रूप से कहा है क्रक-
'यह देखा गया है क्रक ऄतधकांश PIOs और AAs, सूचना के ऄतधकार ऄतधतनयम के अिेदनों का
ईपयुि ढंग से ईत्तर देने या सूचना प्रदान करने के तरीकों से ऄनतभज्ञ हैं। आसके ऄततररि AAs के
अदेशों की प्रायः ऄनदेखी भी कर दी जाती है।'
RTI प्रयोगकतातओं ने प्रायः यह तशकायत की है क्रक ईनके अिेदनों में मांगी गयी सूचनाओं को प्रायः
तुच्छ अधारों पर नकार क्रदया जाता है। आस समस्या का मुख्य कारण सरकारी कायातलयों में PIOs और
AAs (ऄपीलीय प्रातधकारी) की बढ़ती संख्या भी है। प्रारम्भ में, जब यह ऄतधतनयम लागू हअ था तो
कु छ ही PIOs और AAs थे, तजनमें से ऄतधकांश िररष्ठ ऄतधकारी थे तथा ईनके द्वारा आस ऄतधतनयम
का गंभीरता से क्रियान्ियन क्रकया गया। िततमान में, PIOs और AAs की संख्या में िृतद्ध होने से
ऄतधतनयम के क्रियान्ियन की गुणित्ता पर नकारात्मक प्रभाि पड़ा है।
आसके ऄततररि, साितजतनक प्रातधकरणों द्वारा RTI ऄतधतनयम की धारा 6(3) और धारा 7(9) का
प्रायः दुरुपयोग क्रकया जाता है।
आस सिेक्षण में प्रदर्शशत मुद्दों के ऄततररि यह पाया गया है क्रक प्रभुत्िशाली लोगों के तिरुद्ध सूचना की
मांग करने पर RTI कायतकतातओं का जीिन संकट में पड़ जाता है। ये पररतस्थततयां सूचना मांगने िाले
लोगों को तनरुत्सातहत करती हैं तथा RTI ऄतधतनयम 2005 के मूल ईद्देश्य को कमज़ोर करती हैं।
आसके ऄततररि ऄप्रभािी ररकॉडत प्रबंधन प्रणाली और क्षेत्रीय कायातलयों से सूचना एकत्र करने के चलते
RTI अिेदनों की प्रॉसेससग में देरी हो जाती है। सबसे महत्िपूणत बात यह है क्रक आस सन्दभत में
सूचीकरण (cataloguing), ऄनुिमण (indexing) और व्यितस्थत भंडारण (orderly storage) जैसी
प्रक्रियाओं का भी ऄभाि है जो RTI ऄतधतनयम के ऄंतगतत सूचना ऄनुरोध के मामले में त्िररत बदलाि
के तलए महत्िपूणत है। यहां तक क्रक ऄतभलेखों के संग्रहण के दौरान सुस्पष्ट सूचना की पुनप्राततप्त भी एक
चुनौती है। ऐसा संभितः प्रासंतगक एिं यथोतचत सूचना के बजाय एक साथ बड़ी मात्रा में ऄपररष्कृ त
सूचनाएाँ प्रदान करने की प्रिृतत्त के कारण होता है।
आसके साथ ही कइ बार लोक प्रातधकरणों के पास अधारभूत ऄिसंरचना का भी ऄभाि होता है। RTI
के क्रियान्ियन के ऄंतगतत PIOs द्वारा अिेदनकतात को फोटोकॉपी, सॉफ्ट कॉपी आत्याक्रद माध्यमों से
सूचना प्रदान करने की अिश्यकता होती है। जहााँ एक ओर तजला स्तर पर ये सुतिधाएाँ असानी से
ईपलब्ध हो जाती हैं, िहीं प्रखंड/पंचायत स्तरों पर सूचनाओं की प्रातप्त एक चुनौती है।
िस्तुतः तपछले एक दशक में RTI ऄतधतनयम द्वारा प्राप्त महत्िपूणत लाभ यह है क्रक आस ऄतधतनयम ने
सरकारी जिाबदेतहता सुतनतश्चत करने हेतु संपूणत देश में एक शांततपूणत जन अंदोलन का सूत्रपात क्रकया
है। RAAG (RTI एसेस्मेंट एंड एनातलतसस ग्रुप) की ररपोटत के ऄनुसार प्रततिषत RTI ऄतधतनयम के
ऄंतगतत औसतन, 4-5 तमतलयन अिेदन क्रकये जाते हैं। हालााँक्रक आसके कु छ नकारात्मक पररणाम भी
देखने को तमले हैं। ऄब तक करीब 40 ऐसे कायतकतातओं की हत्या की जा चुकी है तजन्होंने ऐसी महत्िपूणत
सूचनाओं की मांग की थी तजसमें सरकार के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा होने की संभािना थी।
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आसके कारण सूचना कायतकतातओं को संरक्षण प्रदान करने के तलए ऄनुपूरक कानूनों यथा तहहसल ब्लोऄर
संरक्षण कानून का ऄतधतनयमन अिश्यक हो गया।
आस सन्दभत में एक तहहतसल ब्लोऄर संरक्षण तिधेयक, 2011 प्रस्तुत क्रकया गया तजसने 2 िषों तक राज्य
सभा में लंतबत रहने के पश्चात् ऄंततः मइ 2014 को राष्ट्रपतत के हस्ताक्षर के पश्चात ऄतधतनयम का रूप
ले तलया। पुनश्च तहहसल ब्लोऄर संरक्षण (संशोधन) तिधेयक, 2015 ने जनतहत में अिश्यक सूचना का
प्रकटीकरण करने िाले सूचना ऄतधकार कायतकतातओं की सुभेद्यता से संबंतधत सचताओं को नए तसरे से
ईत्पन्न कर क्रदया है। तहहसल ब्लोऄर संरक्षण कानून का मूल ईद्देश्य व्यापक जनतहत में गलत कायत के
सम्बन्ध में सूचना का प्रकटीकरण करने िाले नागररकों को सुरक्षा प्रदान करना था। क्रकन्तु ये संशोधन
आस कानून की कठोरता को कम करते हैं। संशोधन, तहहसल ब्लोऄर को सरकारी गोपनीयता ऄतधतनयम
के ऄंतगतत ऄतभयोजन के दायरे में लाकर ईन्हें प्राप्त प्रततरक्षा को समाप्त करते हैं।
आस तिधेयक में पहले के ऄनेक प्रािधानों की कठोरता को कम कर क्रदया गया है तथा RTI ऄतधतनयम
की धारा 8(1) के तहत छू ट प्राप्त सभी चीजों को तहहसल-ब्लोआं ग के दायरे से बाहर रखा गया है। आस
प्रकार ऄब क्रकसी भी संिेदनशील जानकारी के प्रकटीकरण को पूणत
त ः प्रततबंतधत कर क्रदया गया है।
RTI बेहतर शासन का एक ईपकरण है। यह तसतिल सेिाओं द्वारा साितजतनक सेिाओं के बेहतर तितरण
को सुतनतश्चत करने के तलए व्यिस्था एिं प्रक्रियाओं में सुधार हेतु ऄग्रसक्रिय ईपायों की मांग करता है
और आसे तनणतय तनमातण के सम्बन्ध में हस्तक्षेप या ऄिरोध के रूप में नहीं देखा जाना चातहए।
2005 के सूचना के ऄतधकार कानून ने हमारी शासन संस्कृ तत में अमूलचूल पररिततन क्रकये हैं तथा
राज्य की सभी एजेंतसयों को स्थायी रूप से प्रभातित क्रकया है। आस कानून का प्रभािी कायातन्ियन
तनम्नतलतखत तीन मौतलक पररिततनों पर तनभतर करता है:
गोपनीयता की प्रचतलत संस्कृ तत से खुलेपन की एक नइ संस्कृ तत की ओर;
िैयतिक तानाशाही से ईत्तरदातयत्ि युि प्रातधकरण की ओर; तथा
एकपक्षीय तनणतय प्रक्रिया से सहभागी शासन की ओर।
ये पररिततन बड़े पैमाने पर संस्थानों, परं पराओं और प्रथाओं, कानूनों एिं प्रक्रियाओं में पररिततन तथा
जनता एिं सरकारी कमतचाररयों की पयातप्त भागीदारी पर तनभतर करते हैं। साितजतनक ऄतधकाररयों को
सही जानकारी के स्ितः प्रेररत प्रकटीकरण के प्रतत संिेदनशील होना चातहए। आसके साथ ही साितजतनक
कमतचाररयों के बीच गोपनीयता की औपतनिेतशक मानतसकता की समातप्त हेतु ईनके अचरण में
पररिततन की अिश्यकता है। िास्ति में, सरकार को ऄतधकतम प्रकटीकरण के तसद्धांतों को ऄपनाने की
क्रदशा में ऄग्रसर होना चातहए और ऄतधकाररयों को सूचना प्रकातशत करने के ऄपने दातयत्ि को महसूस
करना चातहए।
साितजतनक तनकायों में ‘खुली सरकार’ की ऄिधारणा को प्रोत्साहन प्रदान करने के तलए ऄतभनि तंत्र
का ईपयोग क्रकया जाना चातहए। ईन्हें सूचना तक पहंच की सुतिधा प्रदान करनी चातहए। ईनकी बैठकों
को जनता के तलए खुला कर देना चातहए। सूचना ऄनुरोधों को तीव्रता से और तनष्पक्ष रूप से संसातधत
क्रकया जाना चातहए और सूचना प्रकटीकरण से आंकार करने पर स्ितंत्र समीक्षा ईपलब्ध होनी चातहए।
व्यतियों को सूचना की मांग करने से रोका नहीं जाना चातहए। आसके ऄलािा, RTI कायतकतातओं और
तहहसलब्लोऄसत के तलए सुरतक्षत पररिेश सुतनतश्चत क्रकया जाना चातहए। RTI के प्रयोग के सन्दभत में,
अमजन के मध्य अत्मतिश्वास ईत्पन्न करना महत्िपूणत है।
यह ऄिसंरचना हमारे िततमान शासन व्यिस्था और सेिा तितरण प्रततमान में िांततकारी पररिततन
लाने के तलए ICT का लाभ ईठाएगी। आसके तलए सरकार द्वारा ईठाइ गइ कु छ पहलें तनम्नतलतखत हैं:
i. सोशल मीतडया
सोशल मीतडया प्रशासन को बेहतर बनाने के तलए मागत प्रदान करती है। यह सूचना के सुगम
प्रकाशन और तीव्र प्रसार को संभि बनाती है। यह पारदर्शशता को बढ़ािा देती है जो सरकार
के प्रतत नागररकों की सद्भािना को सुदढ़ृ कर सकती है। नागररकों के तलए सोशल मीतडया में
सरकारी सूचना को ऄंतः स्थातपत करके यह सरकार के तलए ऄब ऄप्रत्यातशत पहाँच और
िास्ततिक समय में संपकत करने के साधन ईपलब्ध कराती है। सरकार और ईसके ऄतधकाररयों
तक पहाँच को अरम्भ करते समय, यह समुदाय संचातलत पहलों के तलए नइ संभािनाएं
ईत्पन्न करती है। सरकार के तलए यह साितजतनक प्रिृतत्तयों, व्यापक सामातजक रुझानों का
पूिातनुमान तथा क्रकसी तिषय पर तेज़ी से साितजतनक मत प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती
है।
नागररक तनकायों तथा महानगरीय ऄतधकाररयों ने लोगों से िातात करने के तलए सोशल
मीतडया का ईपयोग करना प्रारं भ कर क्रदया है। कु छ मामलों में, क्षेत्रों में सूक्ष्म बदलािों के
तलए लोगों से प्रततक्रिया मांगी जाती है। ईदाहरण के तलए, क्रदल्ली और बंगलुरु पुतलस तट्िटर
और फे सबुक पर सक्रिय है। क्रदल्ली नगर तनगम के फे सबुक पेज ने 1500 से ऄतधक तशकायतें
संतचत कीं हैं तजनमें से ऄतधकांश का प्राथतमकता के अधार पर समाधान क्रकया गया है।
हालांक्रक, आसका एक नकारात्मक पक्ष भी है। हाल ही में, दी न्यूयॉकत टाआम्स ने ऐसे ईदाहरणों
की सूचना दी जहााँ पारदर्शशता ने 'भ्रामक समाचारों' (fake news’) को बढ़ािा क्रदया। तथ्य
अतखर तथ्य ही होते हैं क्रकन्तु िे व्याख्या के तलए खुले होते हैं। ईदाहरण के तलए कै तम्िज
एनातलरटका (एक तिरटश राजनीततक परामशत फमत) का मामला, जो जनमत को प्रभातित
करने तथा ईसे अकार देने के तलए रणनीततक संचार के साथ व्यापक डेटा माआसनग और
तिश्लेषण का ईपयोग करता था। ऐसे मामले नागररकों के तलए गोपनीयता और खुलप े न के
मध्य संतुलन की मांग करते हैं। ठीक यही तकत सरकारों में गोपनीयता और खुलेपन के तलए भी
आस्तेमाल क्रकया जा सकता है।
ii. राष्ट्रीय इ-शासन योजना (National e-Governance Plan: NGeP)
आस योजना का ईद्देश्य शासन को 'सरल (Simple), नैततक (Moral), ईत्तरदायी
(Accountable), ऄनुक्रियाशील (Responsive) और पारदशी (Transparent)'
(SMART) बनाने के तलए ICT का क्रियान्ियन करना है। यह सम्पूणत देश में इ-शासन से
सम्बंतधत प्रयासों को एक सामूतहक दृतष्टकोण और सामूतहक ईद्देश्य के ऄंतगतत एकीकृ त करता
है।
इ-गिनेंस शासन प्रणाली में पारदर्शशता और ईत्तरदातयत्ि को सुदढ़ृ करती है। आसके तहत
सरकार से संबंतधत लगभग सभी सूचनाएं आं टरनेट पर ईपलब्ध करायी जाती हैं। जब भी
नागररकों को आसकी अिश्यकता हो िे आस सूचना तक पहाँच सकते हैं। ICT सूचना को छु पाने
की संभािनाओं को कम करने के तलए ऑनलाआन सूचना ईपलब्ध कराने में सहायता करती है।
एक बार शासी प्रक्रिया को पारदशी बना क्रदया जाए तो ईसके पश्चात सरकार स्ितः ही
ईत्तरदायी बन जाती है।
हालांक्रक, इ-सरकार 'इ' (ऄथातत् आलेक्ट्रॉतनक) के बारे में नहीं बतल्क 'सरकार' के बारे में है। यह
न के िल कं प्यूटर और िेबसाआटों के संदभत में है, बतल्क सरकार के पररिततन, सरकारी
तितरण तंत्र के बारे में है ताक्रक सरकार को ऑटो-पायलट (स्िचातलत) मोड पर रखा जा सके ।
iii. गिनतमटें इ-माके टप्लेस (Government e-Marketplace: GeM)
GeM एक स्पेशल पपतज तहहकल (तिशेष प्रयोजन िाहन) है, तजसका ईद्देश्य सरकारी
मंत्रालयों और तिभागों, साितजतनक क्षेत्र के ईपिमों और के न्ि सरकार के ऄन्य शीषत स्िायत्त
तनकायों द्वारा सामान्य ईपयोग की िस्तुओं एिं सेिाओं की ऑनलाआन खरीददारी को
सुतिधाजनक बनाकर साितजतनक खरीद में पारदर्शशता, दक्षता और गतत को बढ़ाना है। यह इ-
बोली-प्रक्रिया, ररिसत इ-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के ईपकरण प्रदान करता है ताक्रक
सरकारी ईपयोगकतातओं को ईनके धन के तलए सिोत्तम मूल्य प्राप्त हो सके ।
ट्रांसपेरेंसी आं टरनेशनल (TI) ने इ-गिनेंस को और ऄतधक प्रभािी बनाने के तलए तनम्नतलतखत
ऄनुशस
ं ाएाँ की हैं:
o पुतलस, न्यायपातलका, पररिहन और संपतत्तयों के पंजीकरण सतहत सभी साितजतनक
तिभागों का कम्प्यूटरीकरण।
o सभी साितजतनक खरीद और ऄनुबंधों में इ-खरीद का प्रारं भ।
o नागररकों को सेिाओं के तितरण हेतु 'टच स्िीन तसस्टम' का अरम्भ।
o साितजतनक तशकायतों के तनिारण के तलए 'लोकिाणी' सॉफ्टिेयर की प्रततकृ तत।
o शासन के बुतनयादी ढांचे को सुदढ़ृ करना और इ-गिनेंस के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
आस प्रकार, इ-गिनेंस को शासन में सुधार के तलए एक प्रभािी ईपकरण माना जाता है।
6. तनष्कषत (Conclusion)
तनष्कषततः यह कहना गलत नहीं होगा क्रक साितजतनक सूचनाओं की प्रातप्त लोगों का ऄतधकार है तथा
लोगों से संबतं धत कायत साितजतनक रूप से ही क्रकये जाने चातहए। आसके साथ ही, यह भी सुतनतश्चत
क्रकया जाना चातहए क्रक साितजतनक ऄतधकाररयों को लोकतहत में तलए गए सद्भािनापूणत तनणतयों के
तलए ऄतभयोतजत क्रकये जाने के भय के तबना एक मुि िातािरण में कायत करने की ऄनुमतत दी जाए।
एक दोधारी तलिार के रूप में RTI: लोकतंत्र में RTI की ऄपनी सीमाएं हैं। एक प्रबुद्ध नागररक को
RTI का ईपयोग लोकतंत्र को सुदढ़ृ बनाने में करना चातहए न क्रक राज्य के कामकाज में बाधा डालने के
साधन के रूप में। RTI से संबंतधत कायतकरण के तलए एक ऄनुकूल पररिेश की अिश्यकता है। आसे
सहयोगी संस्थानों एिं शासन प्रणाली की भी अिश्यकता है ऄन्यथा व्यिस्था से होने िाला ररसाि
ऄराजकता की तस्थतत ईत्पन्न कर सकता है और राज्य की िैधता को कमजोर बना सकता है।
प्रासंतगक, समयबद्ध एिं सटीक सूचना साितजतनक तहत के तलए महत्िपूणत हैं तथा साथ ही लोकतंत्र के
सुचारू संचालन के तलए भी अिश्यक हैं। ईपयुति िर्शणत समस्त रणनीततयों का ईद्देश्य िृहत
लोकतांतत्रक भागीदारी और नागररक जुड़ाि के माध्यम से शासन व्यिस्था में सुधार करना है। हमारे
लोकतंत्र के कायतिाहकों के रूप में सरकारी नेताओं को साितजतनक तहत में िृतद्ध करने हेतु सूचनाओं तक
बेहतर पहंच और सूचना तथा ईस सूचना के तनितचन के साधनों का ईपयोग सुतनतश्चत करना चातहए।
सरकार की खुली पहलें लोगों को यह जानने में सक्षम बनाती हैं क्रक सरकार क्या कर रही है। आसके साथ
ही ये पहलें तनणतय तनमातण की प्रक्रिया में भागीदारी सुतनतश्चत करती हैं तथा सरकारों को ऄपने
समुदायों के नागररक जीिन से पूणततः संबद्ध करती हैं। ICT और आं टरनेट हमारे सूचना लोकतंत्र के आन
महत्िपूणत तत्िों को प्रोत्सातहत करते रहेंगे क्योंक्रक आससे नागररक ऄतधक सूचना-संपन्न बनेंगे और
साितजतनक नीतत तनमातण की प्रक्रिया में तथा ईत्तरदातयत्ि के ऄन्य मानकों में भागीदारी करने में सक्षम
होंगे।
चूंक्रक आस रे मिकत के ऄनुपालन एिं आसके लाभों के तलए ऄभी भी ऄपनी लतक्षत क्षमता प्राप्त करना शेष
है, ऄतः आसमें सुधार की सम्भािनाएाँ तिद्यमान हैं। तनयोजन और तनणतय तनमातण में तसतिल सोसाआटी
की प्रभािी भागीदारी में बाधा डालने िाले कारणों में सरकारी ऄतधकाररयों की ऄतनच्छा, तित्तीय
स्ितंत्रता का ऄपयातप्त ढांचा और नागररकों के मध्य जागरूकता की कमी आत्याक्रद प्रमुख हैं। हालांक्रक,
सकारात्मक पक्ष यह है क्रक िततमान तस्थततयों में लोग ऄपने ऄतधकारों के प्रतत तथा समाज एिं राष्ट्र के
प्रतत ऄपने ईत्तरदातयत्ि को लेकर ऄतधक मुखर हए हैं। आसके फलस्िरूप सरकारें ईनकी अिाज़ों को
सुनने और ईसके ऄनुसार कायत करने के तलए बाध्य हइ हैं।
सरकार का काम आतना व्यापक तथा जरटल होता है क्रक आसकी शतियों तथा गतततितधयों पर
क्रकसी तनयंत्रण की अिश्यकता सदैि होती है। जिाबदेतहता से यह सुतनतश्चत होता है क्रक
सरकारी ऄतधकाररयों के द्वारा क्रकए जाने िाले कायत तथा तलए गए तनणतय तनगरानी का
तिषय हैं ताक्रक यह गारं टी दी जा सके क्रक सरकारी पहलें ऄपने ईद्देश्यों पर खरी ईतरें गी तथा
तजस समुदाय के लाभ के तलए ईन्हें अरम्भ क्रकया गया है, ईसकी अिश्यकताओं के प्रतत
ईपयुि ऄनुक्रिया करें गी। आस प्रकार बेहतर शासन व्यिस्था की स्थापना और तनधतनता को
कम करने में मदद तमलती है। यह तनयंत्रक व्यिस्था जिाबदेतहता की तितिध प्रणातलयों के
माध्यम से प्रदान की जाती है। जिाबदेतहता की पारं पररक प्रणातलयों में तिधायी तनयंत्रण,
प्रशासकीय तनयंत्रण, न्यातयक ईपचार, तिभागीय श्रेणीिम, तनगरानी व्यिस्थाएं आत्याक्रद
सतम्मतलत हैं। हालााँक्रक ऐसी तनयंत्रण प्रणातलयााँ प्रायः कायत हो जाने के बाद जांच कर पाती हैं
तथा कायत की महत्िपूणत ऄिस्थाओं में कम प्रभािी होती हैं। आससे सेिा प्रदायगी की गुणित्ता
प्रभातित होती है।
तिश्व बैंक सामातजक जिाबदेतहता को नागररक भागीदारी पर अधाररत एक जिाबदेह
व्यिस्था (ऄथातत् तजसमें सामान्य नागररक और नागररक समाज जिाबदेही के ऄनुपालन में
प्रत्यक्ष या ऄप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी करते हैं) के तनमातण की ओर ऄग्रसर एक दृतष्टकोण के
रूप में पररभातषत करता है। यह नागररकों, नागररक समाज, गैर-सरकारी संगठनों तथा ऄन्य
तहतधारकों को संबद्ध करती है। ये तहतधारक क्रकसी तितशष्ट पररयोजना, कायतिम या नीतत
की तनगरानी या मूल्यांकन में संलग्न होते हैं, संसाधनों पर तनयंत्रण में भागीदार होते हैं,
फीडबैक प्रदान करते हैं तथा अिश्यकता होने पर सुधार कायों में भी संलग्न होते हैं। आस
प्रकार ये स्थानीय स्तर पर नागररकों को बेहतर सेिाओं की मांग के तलए गततशील करते हैं,
तजससे सेिाएं और ऄतधक प्रभािी तथा अर्शथक रूप से लाभप्रद हो जाती हैं। आससे सुशासन
की स्थापना सुतनतश्चत होती है तथा समुदाय को भागीदारी, स्िातमत्ि तथा सशिीकरण का
बोध होता है।
तितभन्न स्थानों पर क्रियातन्ित सामातजक जिाबदेही के कु छ ईदाहरणों में तनम्नतलतखत
सतम्मतलत हैं:
सहभागी तनयोजन तथा नीतत तनमातण (के रल, िाज़ील, बांग्लादेश);
सहभागी बजट तिश्लेषण (गुजरात);
सहभागी व्यय तनगरानी व्यिस्था (युगांडा, क्रदल्ली, राजस्थान);
नागररक सिेक्षण/नागररक ररपोटत काडत (बंगलुरु, महाराष्ट्र, युिेन, क्रफलीपींस,
पाक्रकस्तान);
नागररक ऄतधकार-पत्र (अन्ध्र प्रदेश, कनातटक); और
सामुदातयक स्कोरकाडत (मलािी, महाराष्ट्र, अंध्र प्रदेश)।
यह बात सु-स्थातपत है क्रक जिाबदेतहता की सामातजक प्रणातलयााँ शासन व्यिस्था में सुधार
करने, तिकास की गतत में तीव्रता लाने, बेहतर सेिा तितरण तथा सशिीकरण के माध्यम से
प्रभािपूणत व्यिस्था का तनमातण करने में योगदान कर सकती हैं। आन पद्धततयों तथा साधनों के
ऄततररि तनिातचन संबंधी सुधारों के तलए ऄतभयान, जन तहत यातचका, सामातजक लेखा
परीक्षा, स्ितंत्र मूल्यांकन आत्याक्रद साधन भी जिाबदेही सुतनतश्चत करने में सहायक होते हैं।
राज्य स्तर पर नागररकों की ऄतधक सक्रिय भागीदारी सुतनतश्चत करने के तलए प्रायः जनता
दरबार तथा मोहल्ला सभाओं का अयोजन क्रकया जाता है।
सहभातगता के सुतनतश्चत होने की तस्थतत में ये पहलें ऄतधक प्रभािी तसद्ध होती हैं। आससे भी
ऄतधक महत्िपूणत रूप से िे यह सुतनतश्चत करती हैं क्रक एक अिश्यकता अधाररत बॉटम-ऄप
दृतष्टकोण ऄपनाया जाएगा ताक्रक अधारभूत स्तर की समस्याओं का प्रभािी ढंग से समाधान
हो सके । आन प्रणातलयों से पारदर्शशता लाने, समय-बद्ध सेिा प्रदायगी, नीतत तनमातण,
कायातन्ियन तथा मूल्यांकन के चरण में साितजतनक भागीदारी, ऄतधक सािधानी ि ऄंततम
सबदु तक पहाँच सुतनतश्चत करने में सहायता तमली है, साथ ही नौकरशाही के दृतष्टकोण में
बदलाि भी अया है।
2. देश में शासन व्यिस्था में सुधार लाने में सूचना के ऄतधकार (RTI) की सफलता का मूल्यांकन
कीतजए। परीक्षण कीतजए क्रक तजन ईद्देश्यों के तलए आसे लाया गया था, क्या यह ईनको पूरा
कर पाया है?
दृतष्टकोण:
शासन व्यिस्था में सुधार, प्रशासन में नैततकता तथा लोगों के सशतिकरण में ‘सूचना के
ऄतधकार (RTI)’ के प्रभािों को रे खांक्रकत कीतजए।
ऄगले भाग में आसके क्रियान्ियन के दौरान सामने अने िाली चुनौततयों पर चचात
कीतजए।
कु छ ईपाय सुझाते हए तनष्कषत दीतजए।
ईत्तर:
RTI ऄतधतनयम के क्रियान्ियन के 10 िषत पूरे हो गए हैं तथा िततमान में प्रततिषत कम से कम
50 लाख RTI अिेदन क्रकए जा रहे हैं। आस कानून के तनम्नस्तरीय क्रियान्ियन की तमाम
तशकायतों के बाद भी लोगों ने आस कानून को ऄभूतपूित महत्ि प्रदान क्रकया है। संभितः आसका
कारण यह है क्रक RTI एक अम भारतीय नागररक को िास्ततिक सशतिकरण तथा ईम्मीद
का भाि प्रदान करता है।
ईपलतब्धयााँ
RTI ने नागररकता तथा सक्रियता की एक नइ ऄिधारणा का तिकास क्रकया है क्योंक्रक
आसके द्वारा सिाल पूछने की संस्कृ तत को प्रोत्सातहत क्रकया गया है। RTI के माध्यम से
व्यति साितजतनक तितरण प्रणाली, तनजीकरण की पहल, पेंशन, सड़क मरम्मत, तबजली
कनेक्शन, दूरसंचार की तशकायतों अक्रद से संबंतधत मुद्दों पर जानकारी मांग रहे हैं।
यह ऄफसरशाही के कु कृ त्यों का कड़ा प्रततरोध करता है और आसतलए भ्रष्टाचार को कम
करने का एक शतिशाली ईपकरण है।
हालांक्रक आस कानून से तनतश्चत रूप से साितजतनक तनकायों में ऄतधक पारदर्शशता अइ है, परंतु
ऄभी भी जिाबदेही समुतचत रूप से नहीं बढ़ी है।
संगठनों की एक बड़ी संख्या ऐसी है तजन्हें "लोक प्रातधकरण" की पररभाषा के तहत
समातिष्ट क्रकया जाना चातहए था परं तु ये संगठन ऄतधतनयम के तहत समातिष्ट होने हेतु
स्ियं सक्रिय रूप से अगे नहीं अए हैं।
कइ बार प्रदत्त सूचना गुणित्तापूणत नहीं होती हैं, तजसके कारण अिेदक को मजबूरन
अगे ऄपील करनी पड़ती है; िहीं ऄनेक मामलों में सूचना 30 क्रदनों के भीतर प्रदान नहीं
की जाती है। आस प्रकार की प्रिृतत्तयााँ आस कानून को प्रयोग करने की प्रेरणा को समाप्त
कर देती हैं तथा कानून प्रिततन संस्थाओं पर बोझ डालती हैं।
आससे ईनका अचरण यथा-तस्थतत बनाए रखने िाला हो जाता है। साितजतनक छान-बीन
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अर्शथक एिं राजनीततक प्रक्रियाओं में प्रभािशाली सहभातगता के तलए सूचना का समुतचत
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5. व्यति के उपर व्यति द्वारा शासन करने िाली एक सरकार के गठन में सबसे बड़ी समस्या
सितप्रथम सरकार को आस योग्य बनाने की होती है क्रक िह शातसतों पर तनयंत्रण कर सके और
आसके बाद स्थान अता है स्ि-तनयंत्रण हेतु स्ियं को बाध्य करने का। भारत में लोक सेिाओं
की जिाबदेतहता के पररप्रेक्ष्य में रटप्पणी कीतजए।
दृतष्टकोणः
प्रस्तुत कथन ईस पेचीदगी और जरटल माहौल की बात की करता है तजसमें लोक
प्रशासकों को कायत करना पड़ता है। ऄतः ईत्तर में सितप्रथम कथन को तिस्तारपूितक
समझाया जाना चातहए।
ईत्तर का ऄगला भाग सरकार द्वारा स्ियं को तनयंतत्रत करने की बाध्यता पर के तन्ित
होना चातहए। अंतररक जिाबदेतहता की ऄिधारणा को स्पष्ट रूप से रे खांक्रकत क्रकया
जाना चातहए।
ईपयुति तबन्दुओं को ईदाहरणों के साथ तिस्तारपूिक
त प्रस्तुत कीतजए।
ईत्तरः
मनुष्य यक्रद देिदूत होते तो क्रकसी सरकार की अिश्यकता नहीं होती। यक्रद देिदूत मनुष्यों पर
शासन करें तो क्रकसी बाह्य तनयंत्रण या सरकार की अिश्यकता नहीं होगी। लोगों पर
तनभतरता तनःसन्देह सरकार पर प्राथतमक तनयंत्रण है, क्रकन्तु तितभन्न ऄनुभिों से मनुष्य जातत
ने ऄततररि सािधातनयों की अिश्यकता महसूस की है। आसतलए सरकार का यह कततव्य है
क्रक िह ऐसे ढााँचों, संस्थाओं और प्रक्रियाओं का तनमातण करे जो समाज में प्रभािी कानून और
व्यिस्था सुतनतश्चत कर सकें ।
दूसरी तरफ, स्ितििेक के साथ तनणतय और जिाबदेतहता क्रकसी भी सरकार के तलए िास्ततिक
चुनौततयााँ हैं। यद्यतप भारत में प्रशासतनक शतियों को तनयंतत्रत रखने हेतु अंतररक और बाह्य
प्रक्रियाओं के साथ-साथ उध्िातधर और क्षैततज जिाबदेतहता की धारणाएं स्िाभातिक रूप से
तिद्यमान हैं, तथातप तपछले 60 िषाां में ईनके कायातन्ियन ने यह प्रदर्शशत क्रकया है क्रक
ऄतधकांश प्रक्रियाओं का पालन करने की बजाय ईनका ईल्लंघन क्रकया गया है।
िततमान युग में, सूतचत नागररकों और नागररक समाज की ईत्साहपूणत सहभातगता के कारण
यद्यतप बाह्य जिाबदेतहता प्रक्रियाएाँ, जैस-े सामातजक लेखा परीक्षा और नागररक घोषणापत्र
सामान्य बातें हो गयी हैं, क्रफर भी अंतररक जिाबदेतहता प्रक्रियाओं (जैसे- कायत तनष्पादन
मूल्यांकन) में जिाबदेतहता को सुतनतश्चत करने के एक ईपकरण के रूप में कायत करने के तलए
िस्तुतनष्ठता और ईत्प्रेरण का ऄभाि होता है। ईदाहरण के तलए संस्थाओं की अंतररक
सतकत ता सतमततयों का गठन शति के दुरुपयोग को रोकने हेतु क्रकया गया है, क्रकन्तु िे भी ईसी
प्रकार के तनयमों और प्रक्रियाओं का तशकार हैं और आसतलए जिाबदेतहता को सुतनतश्चत करना
एक सुदरू स्िप्न प्रतीत होता है।
7. "राजनीतत में भागीदारी करने से आं कार करने के दंड में से एक यह है क्रक अप ऄपने से तुच्छ
द्वारा शातसत होते हैं। व्याख्या कीतजए। हमारे देश में राजनीततक भागीदारी बढ़ाने के तलए
क्रकये जा सकने िाले कु छ ईपायों का सुझाि दीतजए।
दृतष्टकोण:
ईद्धरण में ईच्चतर राजनीततक मूल्यों को बनाए रखने के तलए राजनीततक भागीदारी की
महत्िपूणत अिश्यकता के पररप्रेक्ष्य में तिचार प्रस्तुत क्रकए गए हैं। तदनुसार, ईत्तर को तनम्न
प्रकार से गरठत क्रकया जाना चातहए:
ईत्तर के प्रथम भाग में क्रदए गए कथन की व्याख्या की जानी चातहए और राजनीतत में
ऄच्छे लोगों की अिश्यकता पर प्रकाश डालना चातहए।
दूसरे भाग में देश में राजनीततक भागीदारी को बढ़ाने के ईपायों का सुझाि क्रदया जाना
चातहए।
ईत्तर:
जब शासक स्ियं सही हो तो स्िाभातिक रूप से लोग ईसके पथ का ऄनुगमन करते हैं। यक्रद
लापरिाह लोगों द्वारा शासन क्रकया जा रहा है तो शातसत लोग कष्ट में रहेंगे। यक्रद कोइ
राजनीतत में भागीदारी करने से आं कार करता है तो िह िस्तुतः दूसरों के तलए, कदातचत कम
योग्य लोगों के तलए ऄपने उपर शासन करने का मागत प्रशस्त करता है। यक्रद गुणिान लोग
राजनीतत में भागीदारी से ऄस्िीकार कर देते हैं तो अपरातधक पृष्ठभूतम और जनता के प्रतत
ईदासीन रिैया रखने िाले लोगों को राजनीततक पदानुिम में सबसे उपर बैठने का ऄिसर
प्राप्त हो जाता है। आससे जनता के बीच राजनीतत के प्रतत और ऄतधक तिरति पैदा हो सकती
है। िह व्यति जो ऄपने गुणों के कारण सरकार या शासन चलाता है, ईसकी तुलना ध्रुि तारे
से की जा सकती है, जो ऄपनी तस्थतत बनाए रखते हए ऄन्य तारों को ऄपने चारों ओर घूमने
देता है। िह शासन को ऄतधक नैततक, ऄतधक प्रभािी और प्रेरणादायक बना सकता है।
राजनीततक भागीदारी बढ़ाने के तलए क्रकए जा सकने िाले कु छ ईपाय:
बाहबल का प्रयोग रोकने हेतु क्रकए गए चुनाि सुधार मतहलाओं को चुनािी राजनीतत में
भागीदारी करने हेतु प्रोत्सातहत कर सकते हैं।
धन-बल का ऄत्यतधक प्रयोग रोकने के ईद्देश्य से क्रकए गए चुनाि सुधार, सुतिधाहीन
व्यति के तलए चुनािी राजनीतत में धनिानों से प्रततस्पधात करने हेतु ऄतधक ऄिसर
ईत्पन्न कर सकते हैं।
संसद और तिधान सभाओं में मतहलाओं के तलए कोटा तनधातररत करना राजनीतत में
मतहलाओं की बड़ी भागीदारी हेतु बड़ा प्रोत्साहन हो सकता है।
राजनीततक गतततितधयोंFor
को और ऄतधक नैततक बनाने तथा राजनीततक दलों के ऄतधक
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पारदशी तरीके से काम करने से राजनीतत के प्रतत लोगों के दृतष्टकोण में पररिततन अ
सकता है, जो आसे व्यापार के रूप में देखते हैं, साथ ही आससे लोगों में व्याप्त ईदासीनता
में भी कमी अ सकती है। राजनीततक दलों को स्ियं को RTI ऄतधतनयम के ऄंतगतत लाना
चातहए।
राजनीततक दल के कायतकतातओं और दल के नेताओं की राय को और ऄतधक महत्ि प्रदान
करने के तलए दल में अंतररक लोकतंत्र को बढ़ािा क्रदया जाना चातहए। यह कायतकतातओं
को और ऄतधक सजग और सक्रिय बना सकता है। लोकतंत्र की भािना को प्रबल करने
हेतु तितभन्न तिचारों का सम्मान क्रकया जाना चातहए।
तद्वतीय प्रशासतनक सुधार अयोग ने सांसदों, तिधायकों और मंतत्रयों हेतु एक अचार-
संतहता की ऄनुशंसा की है। हमारे राजनीततज्ञों के बीच नैततक मूल्यों की स्थापना हेतु आन
ऄनुशस
ं ाओं को ऄिश्य ऄंगीकृ त क्रकया जाना चातहए। नैततक राजनीतत युिाओं के तलए
अकषतण का कें ि बन सकती है।
दोषी राजनीततज्ञों को दतण्डत करने और ऄच्छे राजनीततज्ञों को प्रोत्सातहत करने के तलए
एक समुतचत और प्रभािी िानूनी व्यिस्था होनी चातहए।
ईत्तरदातयत्ि की सुतनतश्चतताFor
हेतु जन सामान्य या नागररक समाज प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से
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भागीदारी करता है”। आसमें नागररकों के ऄतधकारों और दातयत्िों, दोनों को रे खांक्रकत क्रकया
जाता है ताक्रक यह ऄपेक्षा की जा सके और सुतनतश्चत क्रकया जा सके क्रक सरकार साितजतनक
तहत को ध्यान में रख कर कायत करती है।
परम्परागत ईत्तरदातयत्ि व्यिस्थायें, ईत्तरदातयत्ि की सुतनतश्चतता हेतु सरकारी तंत्रों पर
तनभतर करती हैं। अतंररक व्यिस्थाएं, यथा- तिभागीय पदानुिम िस्तुतः पूिातग्रह, पक्षपात
और बदले की भािना से प्रभातित हो सकती हैं। बाह्य व्यिस्थाओं का एक ईतार-चढ़ाि से
युि आततहास है। राजनैततक हस्तक्षेप और स्िायत्तता की कमी के कारण CVC, लोकायुि
आत्याक्रद बहत प्रभािी तसद्ध नहीं हो पाए हैं। िहीं, न्यायपातलका और CAG का प्रदशतन
ऄपेक्षाकृ त ईत्कृ ष्ट रहा है। आसके ऄततररि, ईत्तरदातयत्ि के स्तरों और तितधयों को तनधातररत
करने में परम्परागत प्रणातलयााँ जन-सामान्य को सतम्मतलत नहीं करतीं। साथ ही, परम्परागत
प्रणातलयााँ ‘पोस्ट-हॉक’ प्रकृ तत की हैं यथा िे ऄतधकाररयों द्वारा कारत िाइ करने के पश्चात् ही
की गयी कारत िाइ के औतचत्य की जांच कर सकती हैं। आस प्रकार गलत तो पहले ही हो चुका
होता है और आससे राजकोष को हातन भी हो चुकी होती है।
नागररकों को प्रदशतन की तनगरानी, पारदर्शशता की मांग और ईन्नयन तथा सरकारी
तिफलताओं और ऄनुतचत कृ त्यों के प्रकटीकरण अक्रद में संलग्न कर सामातजक
ईत्तरदातयत्ि संबंधी प्रणातलयााँ साितजतनक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के तिरुद्ध एक शतिशाली
साधन हैं। आस प्रकार, यह सेिा तितरण की गुणित्ता में सुधार करता है।
ईन्नत शासन व्यिस्था के ऄततररि, यह नागररकों का सशतिकरण भी करता है। आस
पररप्रेक्ष्य में सशतिकरण का ऄथत एक व्यति द्वारा आतच्छत कायों और पररणामों में
प्रभािी तिकल्प चुन पाने की क्षमता से है। सहभागी साितजतनक नीतत तनमातण,
साितजतनक व्यय की तनगरानी तथा नागररक ररपोटत काडत जैसी प्रणातलयााँ नागररकों को
तनणतय प्रक्रिया का एक ऄंग बनाकर ईन्हें क्षमता प्रदान करती हैं जो ऄन्यथा, ऄतधकांश के
तलए संभि नहीं हो पाता।
तहतधारकों की संलग्नता तथा अम-सहमतत से तनणतय तलए जाने के कारण िे क्रकसी
तनणतय की ऄसफलता की संभािना को कम करते हैं। आस प्रकार, ऐसे समय में जब
तिकें िीकरण और सिाततधक तनचले स्तर तक ऄतधकारों का प्रत्यायोजन प्रभािी तिकास
का सूत्र बन चुका है, यह लोकतंत्र को सशि बनाने का एक माध्यम है।
सामातजक ईत्तरदातयत्ि को ऄतधक प्रभािी बनाने हेतु तसतिल सेिक तनम्न कदम ईठा सकते
हैं:
सामातजक ईत्तरदातयत्ि प्रणातलयााँ संस्थागत स्िरूप प्रदान क्रकए जाने के पश्चात
सिाततधक प्रभािी तसद्ध होती हैं। अदशत रूप में, यह तितध तनमातण द्वारा व्यिहार में लाया
जा सकता है। यद्यतप तसतिल सेिक स्ियं के स्तर पर नागररकों और नागररक समाज को
संलग्न और संगरठत करने हेतु व्यिस्थाएं तिकतसत कर सकते हैं।
ईपयुि अंकड़े/सूचना को कायतरूप में ईपयोगी बनाने हेतु ईसकी व्याख्या और तिश्लेषण
क्रकया जाना चातहए। यह साथतक पररणामों की प्रातप्त में ईपयोगी तसद्ध होगा तजनका
ईपयोग तहतधारकों के साथ संिाद स्थातपत करने में क्रकए जा सकता है।
सामातजक ईत्तरदातयत्ि को सक्षम बनाने हेतु सूचना का प्रसार तथा ईसके तिषय में
साितजतनक चचात को प्रोत्सातहत क्रकया जाना चातहए।
नागररकों को ईनके ऄतधकारों तथा दातयत्िों का ज्ञान कराना, आससे सामातजक
ईत्तरदातयत्ि में सुधार होता है।
10. RTI को सुशासन की मास्टर कुं जी करार क्रदया गया है। हमारे देश के प्रशासन और शासन
व्यिस्था को ऄतधक नैततक और ईत्तरदायी बनाने में RTI की भूतमका पर प्रकाश डातलए।
दृतष्टकोण:
सुशासन की कुं जी के रूप में RTI की संतक्षप्त भूतमका दीतजए।
आसके पश्चात् प्रशासन और शासन को और ऄतधक नैततक बनाने में आसकी भूतमका के
संबंध में बताआए।
तत्पश्चात् ऄंत में प्रशासन और शासन व्यिस्था को ईत्तरदायी बनाने में RTI की भूतमका
पर चचात कीतजए।
ईत्तर:
तद्वतीय प्रशासतनक सुधार अयोग ने RTI को सुशासन की मास्टर कुं जी कहा है, क्योंक्रक आसके
पररणामस्िरूप पारदर्शशता, खुलापन, सहभागी लोकतंत्र तथा जन-कें क्रित शासन को बढ़ािा
तमला है। आससे हमारे प्रशासन और शासन व्यिस्था की संस्कृ तत में एक महत्िपूणत बदलाि
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अया है।
हमारे देश के प्रशासन और शासन व्यिस्था को और ऄतधक नैततक बनाने में आसकी महत्िपूणत
भूतमका तनम्नतलतखत कारणों से है:
सक्रिय RTI कायतकतातओं द्वारा आसका ईपयोग कर सरकारी कमतचाररयों और राजनेताओं
के कायों पर प्रश्न ईठाने की संभािना के कारण ईन पर ऄप्रत्यक्ष दबाि बना रहता है। आस
प्रकार, आससे पारदर्शशता को प्रोत्साहन तमलता है और मत पेटी जिाबदेतहता के तिपरीत
प्रशासन और सरकार की ऄपने तनणतयों के प्रतत तनरं तर जिाबदेतहता बनी रहती है।
सरकारी संस्थाओं एिं ईनके कायों के प्रतत नागररकों के तिश्वास में िृतद्ध होती है। कु छ ही
समय पहले, पतश्चमी रे लिे में एक RTI अिेदन के पश्चात्, ईसके द्वारा पेंशन की देय
रातश का ब्याज सतहत फास्ट ट्रैक भुगतान का मामला कमजोर िगत को न्याय क्रदलाने में
RTI के महत्ि को ईजागर करता है।
भ्रष्टाचार पर तनयंत्रण: देश के सबसे बड़े घोटाले, जैस-े 2G घोटाला, कोयला घोटाला
अक्रद को सामने लाने में RTI का बहत ही महत्िपूणत योगदान रहा है।
भाइ-भतीजािाद को समाप्त करना: िषत 2013 में एक RTI अधाररत जांच से पता चला
क्रक बहत से सांसदों ने ऄपने तनकट सम्बतन्धयों, जैस-े तपता, बच्चे, पतत/पत्नी को ऄपने
‘व्यतिगत सहायक’ के रूप में तनयुि कर रखा था ताक्रक आस ईद्देश्य के तलए स्िीकृ त
रातश पररिार में ही रहे और कइ सांसदों ने तो DOPT (कार्शमक तिभाग) के मानकों का
ईल्लंघन करते हए ईन्हें ऄपने व्यतिगत स्टाफ के रूप में तनयुि कर रखा था। आस ररपोटत
ने राज्य सभा की नैततक सतमतत और सरकार को आसमें हस्तक्षेप करने के तलए प्रेररत
क्रकया क्रक िे मंतत्रयों द्वारा की जा रही आस तरह की कायतप्रणाली को समाप्त कर सके ।
व्यिस्था के ईत्तरदातयत्ि में िृतद्ध करने में तनम्नतलतखत रूप से आसकी ऄत्यतधक महत्िपूणत
भूतमका है:
समय से सूचना तक पहाँच: आस ऄतधतनयम के ऄंतगतत सभी सूचना को सुव्यितस्थत ढंग से
रखने, सभी दस्तािेजों को ऄद्यततत रखने और समुतचत संग्रहण तथा समय से पुनः प्रातप्त
की व्यिस्था के प्रािधान क्रकये गये हैं। आससे ईत्तरदातयत्ि में िृतद्ध होती है, क्योंक्रक
ररकार्डसत के संग्रहण में लगने िाला समय कम हो जाता है।
नागररकों की बेहतर सहभातगता: नागररकों के पास सभी तथ्यों की जानकारी होने से िे
तनणतय प्रक्रिया में बेहतर तरीके से योगदान कर सकते हैं। आससे नागररकों में प्रश्न पूछने
की संस्कृ तत की शुरुअत हइ है।
िततमान समय में पारदर्शशता में िृतद्ध एक मानक बन गया है। सरकार द्वारा खदानों एिं
स्पेक्ट्रम की इ-नीलामी का तनणतय हमारे देश के शासन और प्रशासन में तनरं तर हो रहे
पररिततन को ईजागर करता है।
45 से ऄतधक RTI ईपयोगकतातओं की हत्या आस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है क्रक यह ऄतधतनयम
क्रकस प्रकार तनतहत तहतों के तलए संकट बन गया है। यह सरकार की तनरं कुश शति के तिरुद्ध
िंतचत िगत हेतु एक शतिशाली हतथयार बन गया है।
आसके तलए कु छ स्ितंत्र एजेंतसयां होनी चातहए जहााँ तहहसल ब्लोऄर बेतझझक रूप से मामलों
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12. पारदर्शशता के ईच्च मापदंडों का पालन प्राय: गोपनीयता बनाए रखने के कत्ततव्यों के प्रतत संघषत
ईत्पन्न करता है। ऐसी पररतस्थततयों के दौरान कत्ततव्यों के प्रभािी तनितहन में लोक सेिकों
द्वारा सामना की जाने िाली समस्याओं को ईदाहरणों सतहत सतिस्तार बताआए। साथ ही,
ऐसी तस्थततयों में तनणतय संबध
ं ी मागतदशतन प्रदान करने िाले नैततक ढांचे की चचात कीतजए।
दृतष्टकोण:
भूतमका में यह व्याख्या कीतजए क्रक सरकारी कमतचारी का कत्ततव्य है क्रक िह जनतहत का
समथतन करे और समाज के व्यापक तहत के तलए कायत करे ।
पारदर्शशता के महत्ि की चचात कीतजए।
तनजता के मुद्दे और RTI ऄतधतनयम में गैर-प्रकटीकरण के ऄन्य प्रािधानों के साथ-साथ
गोपनीयता की अिश्यकता पर चचात कीतजए।
ऄपने ईत्तर में एक सरकारी कमतचारी की दैतनक कायत पद्धतत से ऐसे ईदाहरण दीतजए
तजसमें पारदर्शशता के साथ गोपनीयता की भी अिश्यकता होती है।
ईत्तर के समापन में व्याख्या कीतजए क्रक सरकारी कमतचारी को सदैि पारदर्शशता के मूल्यों
का तब तक समथतन करना चातहए जब तक क्रक ऄत्यतधक मजबूत कारणों से गोपनीयता
बनाये रखने की ऄतनिायत अिश्यकता न हो।
ईत्तर:
लोक सेिक जनता के प्रतत ईत्तरदायी होते हैं, आसतलए ईन्हें ऄत्यतधक तजम्मेदारी, सत्यतनष्ठा
और न्यायपूणत तरीके से ऄपने कत्ततव्यों का तनितहन करना चातहए। ईन्हें ऄपने कततव्यों का
तनितहन करते समय जनतहत और समाज की व्यापक भलाइ को ही सिोपरर रखना चातहए,
तजसके तलए पारदर्शशता और गोपनीयता के परस्पर तिरोधी मूल्यों के मध्य एक सूक्ष्म संतल
ु न
बनाये रखने की अिश्यकता होती है।
पारदर्शशता, नागररकों को ईन तिषयों, तजनसे िो प्रभातित होते हैं, पर ऄपने तिचार रखकर
तनणतय प्रक्रिया को प्रभातित करने और तनणतय तनमातण में संलग्न व्यतियों को ईत्तरदायी बनाये
रखने में सक्षम बनाती है। एक लोक सेिक को ऄपने संस्थान की कायतप्रणाली में पारदर्शशता
रखनी पड़ती है, ताक्रक अम जनता को आसकी जानकारी हो क्रक संगठन तक कै से पहंचा जाए।
जनता के प्रतत ईत्तरदातयत्ि सुतनतश्चत करने हेतु ईन्हें ऄपने संस्थान के तित्तीय लेन-देन में भी
ऄत्यंत पारदर्शशता रखनी होती है।
गोपनीयता:
सरकारी कमतचाररयों को कानून के ऄंतगतत गोपनीयता के ऄपने कत्ततव्यों का तनितहन करते हए
सरकार में पारदर्शशता के मूल्य को भी सुतनतश्चत करने का प्रयास करना चातहए। पूणत खुलापन
और पारदर्शशता सम्भि नहीं है। सरकार को संतधयों और समझौता िातातओं में होने िाली
मंत्रणाओं के संदभत में एिं राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से भी गोपनीयता की अिश्यकता होती है।
एक मूल्य के रूप में गोपनीयता को प्रायः पारदर्शशता के तलए बाधक माना जाता है, परन्तु आसे
यक्रद सकारात्मक तरीके से समझा जाए तो आससे तिश्वास का भी सृजन होता है। मान लीतजए
क्रक एक मंत्री ऄपने सतचि को यह बता देता है क्रक सरकार काले धन और भ्रष्टाचार से लड़ने के
तलए बड़ी मूल्य िाली मुिा का तिमुिीकरण करने की योजना बना रही है। कानून के ऄंततगत
और जनतहत में यह अिश्यक है क्रक सतचि गोपनीयता बनाये रखे। यक्रद िह आस जानकारी
को प्रकट कर देता है तो मंत्री का ईस पर तिश्वास भंग हो जायेगा जो क्रक स्िस्थ कायत संचालन
संबंधों के तलए तहतकर नहीं है।
लोक सेिकों की नागररकों की तनजी जानकारी तक पहंच होती है, ऄत: आसका ऄत्यंत
सािधानी से प्रयोग क्रकया जाना चातहए। ईदाहरण के तलए, एक कर ऄतधकारी, नागररकों की
िार्शषक अय की जानकारी को साितजतनक नहीं कर सकता है।
यहााँ तक क्रक, पारदर्शशता के नये युग का सूत्रपात करने िाले RTI ऄधतनयम की धारा 8 में भी
गोपनीयता और तनजता के महत्ि को मान्यता प्रदान की गयी है।
नैततक रुपरे खा:
लोक सेिक को प्रासंतगक कानूनों, तनयमों और तितनयमों की जानकारी होनी चातहए और
ईसे आनका ऄक्षरश: पालन करना चातहए।
ईसे ईसके समक्ष ईपतस्थत समस्या के संबंध में ऄपने ऄंतःकरण की अिाज पर भी
तिचार करना चातहए।
ऐसा करते समय, ईसे ऄपने तनणतय को जनतहत और समाज के व्यापक तहत की कसौटी
पर भी कस लेना चातहए।
सामान्यतः, जब तक गोपनीयता बनाए रखने के तलए ऄत्यतधक मजबूत कारण मौजूद न
हों, ईसे तनजता का सम्मान करते हए पारदर्शशता का पक्ष लेना चातहए।
िततमान समय में लोक सेिकों के ऄनेक कत्ततव्य हैं जो प्रायः जरटल और प्रायः तिरोधाभासी
प्रतीत होते हैं, परन्तु सफल लोक सेिक ऄपनी बहल भूतमकाओं को समझते हैं और स्ियं को
आस हेतु तैयार रखते हैं। िे जानते हैं क्रक जब तक जनतहत और कानून गोपनीयता बनाए रखने
हेतु बाध्य नहीं करते, पारदर्शशता ही एक सामान्य कसौटी है।
2. ऄपनी चुनाि डयूटी के दौरान अपने नकदी से भरा एक िाहन पकड़ तलया। जााँच करने पर
अपको पता चला क्रक, िाहन क्षेत्र के एक बहत लोकतप्रय राजनेता का है और यहााँ तक क्रक
एतग्जट पोल ईसकी जीत कीForभतिष्यिाणी कर रहे हैं। नेता िाहन छोड़ने के तलए अप पर
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दबाि बना रहे हैं। सलाह लेने के तलए अपने ऄपने िररष्ठ ऄतधकारी से संपकत करने की
कोतशश की, क्रकन्तु ईनसे संपकत नहीं हो सका।
(a) अपके पास ईपलब्ध तिकल्प क्या हैं?
(b) अप क्या कायतिाही करें ग?
े
दृतष्टकोण:
यह एक प्रशासतनक चुनौती है, तजसमें छात्र को, "राजनीततक दबाि" के उपर "कत्ततव्य की
भािना" को चुनने के अधार पर अाँका जाता है। ईत्तर में छात्र द्वारा कायतिाही के गुणों ि
दोषों के अंकलन के अधार पर क्रकसी तितशष्ट कायतिाही के चयन के पीछे तनतहत तकत और
कारण की स्पष्ट रूप से चचात की जानी चातहए।
ईत्तर:
प्रस्तुत प्रकरण में एक चुनाि ऄतधकारी एक लोकतप्रय राजनेता के ऄत्यंत दबाि में है, जो
ईसके कततव्यों में बाधा ईत्पन्न कर रहा है। यह पररतस्थतत एक प्रशासतनक चुनौती को दशातती
है जहााँ ऄतधकारी को राजनेता के ऄतधकारों को चुनौती क्रदए बगैर, ऄपने कत्ततव्य का पालन
करने के तलए एक ईतचत तिकल्प तलाशना है।
नीचे दी गयी कायतिाही के तिकल्प ईसके समक्ष हैं:
चूाँक्रक िररष्ठ ऄतधकारी ऄभी पहंच से बाहर हैं, ऄतः तनणतय लेने की तज़म्मेदारी स्ियं ऄतधकारी
पर ही है।
(a) प्रत्यक्ष रूप से नेता के अदेशों को मानने से आंकार करना
प्रशासतनक व्यिस्था में एक ऄधीनस्थ के रूप में ऄपने िररष्ठों के अदेशों का पालन करना
ऄतधकारी का कततव्य है, क्रकन्तु ऐसा तब तक क्रकया जाना चातहए जब तक ऐसे अदेश ईसे
ईसकी कततव्य की समझ और चेतना से तिचतलत न करें । चूाँक्रक नेता ने ईसे ईसके कततव्य से
हटकर कायत करने को कहा है, ईसको मना करना ईसकी शुतचता और इमानदारी को प्रदर्शशत
करे गा। हालांक्रक, आस अकतस्मक और जल्दबाज़ी में क्रकये गये व्यिहार से संगठन में समस्याएं
ईत्पन्न हो सकती है जो ऐसे महत्िपूणत समय पर आसकी कायतशल
ै ी को प्रभातित कर सकता है।
(b) नेता के अदेशों को स्िीकार कर लेना
नेता के अदेशों का अाँख बंद करके पालन करने से ऄतधकारी की ऄपने कतनष्ठों तथा जनता के
मध्य छति ख़राब होगी। ऄतधकारी को न तसफत ऄपनी तजम्मेदारी को इमानदारी से तनभाना
होता है, बतल्क यह भी सुतनतश्चत करना होता है क्रक संगठन की साितजतनक छति धूतमल न हो।
आसके ऄलािा ऄधीनस्थों को तनष्पक्ष चेतना के साथ, ऄपने कततव्यों के पालन हेतु ईनके
मनोबल को बढ़ािा देना भी ज़रूरी होता है; ऄन्यथा आससे संगठन में भ्रष्टाचार को बढ़ािा
तमलेगा।
(c) सिोत्तम कायतिाही यह होगी क्रक नेता को यह समझाया जाए क्रक छापामारी के दौरान
जब्त धन सरकारी प्रततभूतत में जमा कर क्रदए गए हैं, और तसफत तलतखत अदेश ही ईसे ईस
रुपए के पैकेट प्राप्त करने में मदद कर सकता है। आसके ऄततररि नेता को यह भी समझाएं क्रक
ईसे स्ियं को मीतडया से बचाना भी मुतश्कल होगा और ऐसा कोइ भी कायत नेता की छति को
धूतमल कर सकता है और साथ ही समग्र रूप से संगठन की छति भी धूतमल होगी।
3. अप देश के सबसे तनधतन तजलों में से एक तजले के तजलातधकारी हैं। व्यापक तनधतनता एिं
ऄस्िास्थ्यकर पररतस्थततयों के कारण तजले में स्िास्थ्य संबध
ं ी बहत सारी समस्याएं व्याप्त हैं।
तजले में कइ तनजी तचक्रकत्सक अकर बस गए हैं और लाभदायक व्यिसाय चला रहे हैं। ऐसी
iii. प्रकरण में हस्तक्षेप करने से आन्कार कर देना – आस तस्थतत में हस्तक्षेप करने से मना कर
देने से, मैं सांसद की नाराजगी से बच जाउाँगा। यह भतिष्य में मेरे कररयर के तलए
लाभदायक तसद्ध हो सकता है। क्रकन्तु िास्ति में एक तजलातधकारी के रूप में, मैं ऄपनी
तजम्मेदारी से भाग रहा हं। यह मेरी दृढ़ता की कमी को प्रदर्शशत करता है। साथ ही
तचक्रकत्सक हड़ताल पर जा सकते हैं या क्रफर ऄपनी तशकायत के समाधान के तलए
1. लोक-सेिा के सन्दभत में 'जिाबदेही' का क्या ऄथत है? लोक-सेिकों की व्यतिगत और सामूतहक
3. हाल में हइ कु छ प्रगततयााँ, जैसे क्रक सूचना का ऄतधकार (अर० टी० अइ०) ऄतधतनयम,
पारदर्शशता और जिाबदेही लाने में सहायक सातबत हो रही हैं। क्रफर भी, यह भी देखा जा रहा
है क्रक कभी-कभार आन साधनों का दुरुपयोग क्रकया जाता हैं। एक ऄन्य नकारात्मक प्रभाि यह
है क्रक ऄतधकारीगण ऄब शीघ्र तनणतय लेने से डरते हैं। आस तस्थतत का तिस्तारपूितक तिश्लेषण
कीतजए और सुझाआए क्रक आस तद्वभाजन का हल क्रकस प्रकार तनकाला जा सकता है। सुझाआए
क्रक आन नकारात्मक प्रभाि को क्रकस प्रकार न्यूनतमीकृ त क्रकया जा सकता है।
अर० टी० अइ०, सक्रिय मीतडया और तितधक यांतत्रकत्चों के प्रबलन जैसे तितभन्न ईपायों के
पररकल्पना करता है। ऄतधतनयम अमतौर पर कदातचत मनमाना प्रशासतनक व्यिहार एिं
कायों पर रोक लगाने में कायतरत है। क्रकन्तु एक पी.अइ.ओ. के रूप में अपने देखा है क्रक कु छ
ऐसे नागररक हैं जो ऄपने तलए यातचका फाआल करने के बजाय दूसरे तहतधारकों के तलए
यातचका फाआल करते हैं और आसके द्वारा ऄपने स्िाथत को अगे करते हैं। साथ-साथ ऐसे
अर.टी.अइ. भरने िाले कु छ लोग भी हैं जो तनयतमत रूप से अर.टी.अइ. यातचकाएाँ भरते
रहते हैं और तनणतयकतातओं से पैसा तनकलिाने का प्रयास करते हैं। आस प्रकार की अर.टी.अइ.
गतततितधयों ने प्रशासन के कायतकलापों पर प्रततकू ल प्रभाि डाला है और सम्भितः तिशुद्ध
यातचकाओं को जोख़तम में डाल क्रदया है तजनका लक्ष्य न्याय प्राप्त करना है। िास्ततिक और
2. तित्त मंत्रालय में एक िरीय ऄतधकारी होने के नाते, सरकार द्वारा घोतषत क्रकए जाने िाले
कु छ नीततगत तनणतयों की गोपनीय एिं महत्त्िपूणत सूचना की अपको जानकारी तमलती है।
आन तनणतयों के भिन एिं तनमातण ईद्योग पर दूरगामी प्रभाि पड़ सकते हैं। यक्रद भिन
तनमातताओं को पहले ही यह जानकारी तमल जाती है, तो िे ईससे बड़े लाभ ईठा सकते हैं।
तनमातताओं में से एक ऐसा है तजसने सरकार के तलए ऄच्छी गुणित्ता का काफ़ी काम क्रकया है
और िह अपके असन्न िररष्ठ ऄतधकारी का घतनष्ठ है तजन्होंने अपको ईि सूचना का ईस
तनमातता को ऄनािृत करने के तलए संकेत भी क्रदया है।
(b) प्रत्येक तिकल्प का मूल्यांकन करके बताआए क्रक अप कौन-सा तिकल्प चुनेंगे। ईसके
कारण भी बताआए।
अिेदन तमलता है। सूचना एकत्र करने के बाद ईसे पता चलता है क्रक िह सूचना स्ियं ईसी के
कमतचारी भी सहभागी थे। सूचना प्रकट होने पर स्ियं ईसके तथा ईसके ऄन्य तमत्रों के तिरुद्ध
ऄनुशासतनक कायतिाही हो सकती है, तजसमें दंड भी संभातित है। सूचना प्रकट न करने या
अंतशक या छद्मािररत सूचना ईपलब्ध कराने पर कम दंड या दंड-मुति भी तमल सकती है।
PIO ऄन्यथा एक इमानदार ि कततव्यतनष्ठ व्यति है पर यह तितशष्ट तनणतय, तजसके सम्बन्ध में
RTI अिेदन क्रदया गया है, गलत तनकला। िह ऄतधकारी अपके पास सलाह के तलए अया है।
नीचे सुझािों के कु छ तिकल्प क्रदए गए हैं। प्रत्येक तिकल्प का गुण-दोष के अधार पर मूल्यांकन
कीतजए :
(i) PIO आस मामलें को ऄपने ज्येष्ठ ऄतधकारी को ईसकी सलाह के तलए संदर्शभत करे और
(ii) PIO छु ट्टी पर चला जाए और मामले को ऄपने ईत्तरातधकारी (कायातलय में) पर छोड़ दे
(iii) PIO सच्चाइ के साथ सूचना प्रकट करने ि ऄपनी जीतिका पर ईसके प्रभाि पर मनन
(iv) PIO ईन सहयोतगयों, जो आस तनणतय को लेने में सहभागी थे, से परामशत करे और ईनकी
11. सं द भत (References)
1. Website of Right to Information - http://rti.gov.in/
Commission
Delhi
VISIONIAS
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www.visionias.in
निषय सूची
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निगत िषों में संघ लोक सेिा अयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज __________________________________________ 22
निगत िषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स स्टडी _____________________________________ 24
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*नोट : आस अलेख का ईद्देश्य निद्यार्थथयों को यह बताना नहीं है दक दकसी ददए गए के स स्टडी में
ईनचत ननणणय क्या है। ऄनपतु आस अलेख का ईद्देश्य निद्यार्थथयों को के स स्टडी का एक तार्ककक और
संरनचत तरीके से ईत्तर देने में सहायता करना है तादक तकण संगत सुसंगतता बनी रहे तथा प्रश्न का कोइ
भी भाग ऄनुत्तररत न रहे। के स स्टडी के ईत्तर में न के िल समाधान प्रदान दकए जाने की अिश्यकता
होती है बनकक यह भी व्याख्या दकए जाने की अिश्यकता होती है दक एक तकण संगत ढांचे (फ्रेमिकण ) में
ऄन्त्य निककपों की तुलना में ऄमुक निककप बेहतर क्यों है। यह अलेख ईस तकण संगत ढांचे को निकनसत
करने में निद्यार्थथयों की सहायता करे गा तथा सम्भितः के स स्टडी का शीघ्रतापूिक
ण और सही तरीके से
ईत्तर देने में ईनका मागणदशणन भी करे गा।
पररचय (Introduction)
लोगों को समय-समय पर करिन निककपों का सामना करना पड़ता है। दकसी व्यनि के नलए एक
मोबाआल फोन का चयन करना एक करिन निककप हो सकता है, परन्त्तु आसके नननहताथण व्यनिगत स्तर
तक ही सीनमत होते हैं। नीनतगत मामले, जैसे दक कु छ सेिाओं का लाभ ईिाने हेतु अधार काडण को
ऄननिायण बनाया जाए ऄथिा नहीं, करिन ननणणय होते हैं, नजनके निशाल जनसंख्या के नलए व्यापक
नननहताथण होते हैं। हो सकता है दक अपके द्वारा चुना गया एक मोबाआल फ़ोन दूसरे मोबाआल फ़ोन की
तुलना में सभी पहलुओं के मामले में ऄननिायण रूप से बेहतर नहीं हो, परन्त्तु यहााँ एक तकण संगत
स्पष्टीकरण होना चानहए दक ऄन्त्यों की बजाए आसका चयन क्यों दकया गया है। एक लोक सेिक के रूप
में अपसे व्यापक प्रभािकारी ननणणय लेने की ऄपेक्षा की जाएगी। अपको शीघ्रता से ननणणय ननमाणण के
योग्य होना चानहए जो न्त्यायोनचत और ननष्पक्ष हो साथ ही निनध एिं नीनतगत रूप से भी सही हो।
नििेक और तार्कककता एक न्त्यायोनचत और ननष्पक्ष ननणणय के नलए अिश्यक हैं। अपको ईपलब्ध
निककपों के गुण और दोषों का निश्लेषण करने में समथण होना चानहए और तब ऄपने ननणणय के रूप में
ईनमें से सिोत्तम निककप को प्रस्तुत करना चानहए।
परीक्षा में के स स्टडी सामान्त्यत: अपसे एक नननित नस्थनत में कायण करने की ऄपेक्षा करते हैं। साथ ही
आसमें ऄन्त्य नहतधारक भी सनम्मनलत होते हैं। दकसी पररनस्थनत में शानमल प्रत्येक व्यनि या
संस्था/ननकाय के निनभन्न ईद्देश्य और प्रयोजन होते हैं नजन्त्हें िे संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। ईनके
ऄपने व्यापक नहत और प्राथनमकताएं होती हैं। कइ बार आन नहतों में अपसी संघषण की नस्थनत भी ईत्पन्न
हो जाती है।
नैनतक मुद्दों से संबंनधत चचाणएाँ प्राय: ईन पररनस्थतयों द्वारा संचानलत होती हैं जो ईनचत कायण करने के
ननधाणरण में हमारी योग्यताओं के समक्ष चुनौनतयााँ ईत्पन्न करती हैं। हमसे नैनतक ननणणय लेने की ऄपेक्षा
की जाती है जो आतने सरल और स्पष्ट नहीं होते या ऐसी रणनीनत को प्रदर्थशत करने िाले नहीं होते जो
भनिष्य में नैनतक बाधाओं को न्त्यन
ू तम करते हों।
चूंदक प्रत्येक के स स्टडी स्ियं में ऄनद्वतीय होता है, ऄत: ईनका प्रभािी रूप से ईत्तर देने हेतु हम एक
सुव्यिनस्थत दृनष्टकोण का प्रयोग कर सकते हैं। ईत्तर देने हेतु एक ढांचे (फ्रेमिकण ) की चचाण नीचे की गइ
है जो नैनतक और व्यािहाररक समाधान तक पहंचने तथा ईन्त्हें स्पष्ट ऄथों में प्रस्तुत करने में अपकी
सहायता करे गा।
निश्लेषण हेतु फ्रेमिकण (Framework for Analysis)
के स स्टडी एक ऐसी नस्थनत प्रस्तुत करता है नजसमें कु छ नैनतक दुनिधाएं नननहत होती हैं। एक नैनतक
दुनिधा में दो संभानित निककप शानमल होते हैं नजनमें से कोइ भी सुस्पष्ट रूप से स्िीकायण ऄथिा
ऄनधमान्त्य नहीं होता। ईदाहरणाथण- यह भलीभांनत जानते हए दक यदद मैं सड़क दुघणटना में दकसी व्यनि
ऄनुभि होगा, मुझे क्या करना चानहए? यदद के िल यही प्रश्न ‘पूछा गया’ है (जैसे दक पेपर IV में एक
के स स्टडी) तो हम ऄत्यनधक नैनतक तरीके से आसका ईत्तर दे सकते हैं, हालााँदक िास्तनिक नस्थनत में
हमारी प्रनतदिया ऄनधक स्िाथणपण
ू ण हो सकती है। घायल व्यनि को ऄस्पताल ले जाने से ईसके जीिन
को बचाया जा सकता है और यह सबसे ऄनधक महत्िपूणण होना चानहए। परन्त्तु यह ऄनुभि करते हए
दक मुझे आसके बाद पुनलस के द्वारा ईत्पीड़ण का सामना करना पड़ सकता है मैं ऄपना निचार बदल
सकता हाँ। मैं स्ियं को यह निश्वास ददलाने का प्रयत्न कर सकता हाँ दक कोइ ऄन्त्य व्यनि ईसे ऄस्पताल ले
जा सकता है तथा यह निचार मुझे ऄपने कतणव्य से निमुख होने का प्रयास कर सकता है। निनभन्न
निककपों में से कोइ भी एक सुस्पष्ट रूप से स्िीकायण नहीं होते और ये निककप कु छ दोषों से युि होते हैं।
एक संपूणण और तार्ककक समाधान हेतु आन दोषों की पहचान करना ऄत्यंत महत्िपूणण हो जाता है। यह
ऄत्यािश्यक है क्योंदक एक लोक सेिक के रूप में अपसे एक पररनस्थनत को सम्पूणत
ण ा से ननपटने की
ऄपेक्षा की जाती है। दकसी व्यनि से यह जानने की ऄपेक्षा की जाएगी दक ईसके ईत्तरदानयत्ि क्या हैं
और साथ ही साथ ईनके ननिणहन करने हेतु क्या ईसके पास पयाणप्त शनि और प्रानधकार हैं?
आसी प्रकार, लोक सेिा में भ्रष्टाचार का साक्षी एक इमानदार कमणचारी नहहसल ब्लोविग के माध्यम से
दुष्कृ त्यों को ईजागर करने हेतु बाध्य हो सकता है, परन्त्तु यह निचार ईसके कररयर को खतरे में डाल
सकता है। िह दबाि के अगे झुक सकता है जो ईसके कररयर प्रोन्नयन में लाभप्रद हो सकता है, परन्त्तु
यह अंतररक मतभेद ईत्पन्न करे गा। भ्रष्टाचार समाज के साथ ही ऄथणव्यिस्था के नलए भी एक रोग की
भांनत है। सामान्त्यतया यह सिणर व्याप्त है। हालााँदक आसे ऄथणव्यिस्था के कु शल संचालन हेतु ऄननिायणता
के रूप में स्िीकार दकया गया है (नद्वतीय प्रशासननक सुधार अयोग के ऄनुसार)। क्या एक लोक सेिक के
नलए भ्रष्टाचार की घटनाओं की आस प्रकार ऄनदेखी करना पयाणप्त रूप से औनचत्यपूणण हो सकता है?
सिणथा नहीं।
ऄब चूदं क ऄनधकांश निद्याथी आन गुणों और दोषों को पहचानते हैं। तो ऐसे प्रश्न यह है दक ऄपने ईत्तर
को प्रस्तुत करने का सही तरीका क्या हो सकता है?
सिणप्रथम यह पहचान करना अिश्यक होता है दक के स स्टडी प्राथनमक रूप से ननम्ननलनखत दो पहलुओं
की जांच करती हैं:
1. दकसी मुद्दे के बारे में अपकी जागरूकता तथा आस संबंध में अपकी शनियों एिं कतणव्यों और
िहां पूिण निद्यमान ननयमों की जानकारी, तथा
2. अप दकस प्रकार तार्कककता के साथ ऄपनी दलीलें प्रस्तुत करते हैं।
तकण (logic) एिं दलीलों (arguments) के महत्ि को नीनतशास्त्र में कम करके नहीं अंका जा सकता
है। नजसने भी आस परीक्षा (नसनिल सेिा परीक्षा) की संपूणण रूप से तैयारी की है, ईस व्यनि को दी गइ
के स स्टडी में क्या ऄ्छा करना है (The Right to do), आसका कु छ ज्ञान ऄिश्य होता है। दफर भी
ऄभ्यर्थथयों के प्राप्तांक ईच्च नभन्नता को दशाणते हैं। तकण एिं प्रस्तुतीकरण के मध्य ऄंतर नननहत होता है।
लगभग सभी व्यनि दुघणटनाग्रस्त पीनड़त (ईपरोि िर्थणत) की सहायता करना चाहते हैं। परं तु कोइ भी
आस बात का िणणन नहीं करता दक ऐसी पररनस्थनत में क्या कदम ईिाए जाने की अिश्यकता है। अपके
द्वारा यह भी समझाया जाना चानहए दक अपने ऄमुक कायणिाही (course of action) का चयन क्यों
दकया है, ऄन्त्य मौजूदा निककपों का क्यों नहीं।
आसके ऄनतररि, एक नसनिल सेिक द्वारा सामना की जाने िाली लगभग सभी नस्थनतयों के नलए कु छ
दृष्टांत ऄिश्य होते हैं। ऄनधकांश समय, ऐसे कु छ ननयम होते हैं जो ईनकी कायणिाही को ननदेनशत करते
हैं। के िल कु छेक मुद्दों में ही नििेक का प्रयोग दकया जाना चानहए। के स स्टडी िैसी समस्याओं को प्रकट
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करते हैं जहां तथ्यों, ननयमों, तकों एिं मूकयों पर अधाररत स्ियं द्वारा नलए गए ननणणय हेतु दलील
प्रस्तुत करना होता है। अपके ननणणयन हेतु दलीलों को एक न्त्यायसंगत ढांचे के ऄंतगणत होना चानहए।
आस प्रकार के न्त्यायसंगत ढांचे के नलए न के िल अपके ऄनधकार, कतणव्यों एिं ईत्तरदानयत्िों बनकक
अपके प्रानधकार की भी अिश्यकता होती है। लोक ननमाणण निभाग में कायणरत एक आंजीननयर एक
पुनलस ऄनधकारी या नजला मनजस्रेट नहीं हो सकता है। एक सामान्त्य व्यनि दकसी ऄन्त्य व्यनि को
अदेश नहीं दे सकता है। एक नजला मनजस्रेट नीनत-ननमाणण नहीं कर सकता है।
“िकडण डेिलपमेंट ररपोटण 2015: माआं ड, सोसाआटी एंड नबहेनियर” ननणणय-ननमाणण के ननम्ननलनखत तीन
महत्िपूणण नसद्ांतों को रे खांदकत करती है:
1. स्ितः/यन्त्रित सोचना (Thinking Automatically): ऄनधकांश मानिीय सोच
स्ितः/यन्त्रित होती है और जो कु छ भी नबना िोस प्रयास के मनस्तष्क में अता है, यह ईसी
पर ननभणर करती है।
2. सामानजक रूप से सोचना (Thinking socially): लोग ननतांत सामानजक होते हैं और
सामानजक नेटिकों एिं मानदंडों से प्रभानित होते हैं।
3. मेंटल मॉडल (माननसक अदशण) के साथ सोचना (Thinking with mental models):
ऄनधकांश लोग निीन नसद्ांतों की खोज नहीं करते हैं, बनकक िे ऄपने ऄनुभिों की व्याख्या
करने हेतु स्ियं के समाज द्वारा धाररत मेंटल मॉडल एिं साझा आनतहास का ईपयोग करते हैं।
दकसी ननणणय तक पहाँचने हेतु ननणणय-ननमाणण का कोइ भी मॉडल पयाणप्त नहीं है। यदद कोइ व्यनि िाहन
चला रहा है तो ईसे त्िररत एिं सहज ननणणयन की अिश्यकता होती है। परं तु यदद कोइ नसनिल सेिक
नीनत-ननमाणण हेतु ईत्तरदायी है, तो ईसे नभन्न-नभन्न पहलुओं के ऄनुरूप कायण करना होगा, जैसे दक-
तौर पर सुधार करने में सहायता नमलेगी, परं तु साथ-साथ छारों की सीखने की क्षमताओं पर भी
निचार दकया जाना चानहए और छारों को ईनकी योग्यता के ऄनुसार एिं पसंदीदा क्षेर में ईत्कृ ष्टता
प्राप्त करने हेतु पयाणप्त ऄिसर प्रदान दकए जाने चानहए। आसनलए, निनभन्न पररनस्थनतयों को ध्यान में
रखने ऄथिा ईनपर निचार करने से बेहतर मेंटल मॉडल को निकनसत करने में सहायता नमल सकती है।
के स स्टडी का ईत्तर नलखते समय, व्यनि को एक नसनिल सेिक के मेंटल मॉडल को ऄपनाना चानहए।
एक के स स्टडी नननित रूप से व्यनि द्वारा नलए जाने िाले ननणणयों की श्ृंखला होती हैं। आस प्रकार,
आसके माध्यम से ऄभ्यथी को एक नननित भूनमका, नजम्मेदारी और शनि प्रदान की जाती है। ऄतः ईत्तर
देने के दौरान ऄभ्यथी को निनभन्न दृनष्टकोणों से सोचने में सक्षम होना चानहए।
दूसरा, अप एक िररष्ठ नसनिल सेिक हैं (ऄनधकांश मामलों में या दफर स्ियं को ईनके जैसा मान सकते
हैं, ऄतः ईस प्रकार की गुणित्ता अपके ईत्तर में प्रनतवबनबत होनी चानहए) नजसकी ननष्ठा सिणप्रथम
भारत के संनिधान तथा निनभन्न कानूनों एिं ननयमों के प्रनत होनी चानहए। व्यनि को सरकार द्वारा
ननधाणररत एजेंडे के ननिणहन हेतु कतणव्यबद् होना चानहए, परन्त्तु यदद ददए गए अदेश संनिधान / कानून /
ननयमों के निरुद् हैं, तो नसनिल सेिक द्वारा स्ियं आनका ननिणहन न करने के ऄनतररि ऄपने निनधक-
तार्ककक दायरे के ऄंतगणत दकसी ऄन्त्य के द्वारा भी आनका ननिणहन करने से रोकने का प्रयास करना
चानहए।
तीसरा, दी गइ नस्थनत में भी अप एक नेता हैं, नजसका ईत्तरदानयत्ि ईनचत कायण करना, ऄपनी टीम
हेतु ननधाणररत लक्ष्यों की प्रानप्त और अपके कायों के प्रनत जिाबदेह होना है। जिाबदेही न के िल सरकार
(राजनीनतक कायणकारी) बनकक न्त्यायपानलका के साथ-साथ लोगों के प्रनत भी होनी चानहए। आस करिन
परीक्षा प्रदिया का ईद्देश्य यह जांच करना है दक क्या कोइ व्यनि ननधाणररत लक्ष्यों की प्रानप्त को
सुनननित करने के साथ-साथ दबाियुि पररनस्थनत में ननणणय लेने तथा न्त्यायसंगत एिं ननष्पक्ष रूप से
शनियों का प्रयोग करने हेतु ईपयुि है ऄथिा नहीं।
संभानित चुनौनतयां क्या हो सकती हैं, ईन पर निचार करना, आसके साथ ही प्रत्येक निचार की खानमयों
की पहचान करना एिं कारण िाइ में सुधार करना सनम्मनलत है।
ईत्तर की संरचना (Structure of the Answer)
के स स्टडीज दकसी भी क्षेर, यथा- प्रशासननक, निज्ञान/नचदकत्सा, खेल, कॉपोरे ट आत्यादद से हो सकती
हैं। हालांदक, आसमें नहतों के संघषण का होना सामान्त्य बात है नजसका ननणणय ननमाणणकताण द्वारा सामना
दकया जाता है और ऄनधकांश समय अपको एक निककप का चयन करना पड़ता है। प्रश्न-पर में, या तो
संभानित निककपों की एक सूची होती है, नजनमें से प्रत्येक का मूकयांकन ईनके गुणों एिं दोषों के अधार
पर करना होता है या पहले स्ियं निककपों का ननमाणण करना होता है और तत्पिात ईनके गुणों एिं
दोषों का मूकयांकन करना होता है। ऄंत में, कायणिाही की एक तार्ककक योजना प्रस्तुत करनी होती है।
हम शुरुअत में यह स्पष्ट करना चाहते हैं दक के स-स्टडी की कोइ भी संरचना पूणत
ण या सही नहीं होती है।
निनभन्न लोग ऄपनी-ऄपनी सुनिधा के ऄनुसार निनभन्न निनधयों का प्रयोग करते हैं और पूणत
ण ः ननष्पक्ष
रहते हैं। आससे सम्बंनधत कोइ ईत्तर या ईत्तर प्रारूप अदशण नहीं होता है। िास्ति में, नीनतशास्त्र के प्रश्न-
पर में समय की बाधा के कारण एक अदशण ईत्तर नलखने की सम्भािना काफी संकुनचत हो जाती है।
हालांदक, ऄभ्यास और स्माटणनेस के साथ, दकसी भी के स स्टडी को रुरटहीन तरीके से हल दकया जा
सकता है। कु छ सिोत्तम ऄभ्यास हैं, नजनका पालन दकया जा सकता है, ईदाहरण के नलए:
सामान्त्य दुनिधाओं, संघषों/द्वंद्वों, मूकयों और दृष्टांतो की पूि-ण स्मृनत अधाररत सूची रखने के
साथ अप ईत्तर की पुनरण चना शीघ्रता से कर सकते हैं।
ईत्तर में एक तार्ककक प्रिाह को बनाए रखना - यह कम समय में एक तकण संगत समाधान पर
पहंचने में सहायता करता है।
दुनिधाओं के समाधान हेतु निनभन्न तरीकों के गुणों एिं दोषों की पहचान करना। के िल दोषों
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की पहचान करने के पिात् ही आनका िास्ति में समाधान दकया जा सकता है। यह ईत्तर का
तकण संगत पहलू है। यहां कोइ व्यनि ईन नसद्ांतों और मूकयों की सापेक्ष िरीयता प्रदर्थशत कर
सकता है नजन्त्हें दकसी नस्थनत को संभालने के नलए िह ईपयोग करता है।
ईत्तर की ऄ्छी संरचना क्या होनी चानहए? यह के स स्टडी के प्रारूप पर ननभणर करता है। यहां हम एक
निस्तृत प्रकार के के स स्टडी पर निचार कर रहे हैं नजसमें अपको (लेखक) ननणणय ननमाणणकताण की
भूनमका दी गइ है और अपको ईपलब्ध निनभन्न निककपों के बारे में नलखना है और ऄंत में ईन्त्हें गुणों
और दोषों के अधार पर चयन करना है।
ईदाहरण के नलए, एक ऐसी नस्थनत का सन्त्दभण लें नजसमें लोक ननमाणण निभाग (PWD) में भती हए
एक नए आंजीननयर (यानी अप) द्वारा प्रबंधकीय स्तर पर भ्रष्ट अचरण देखा जाता है। अपको ज्ञात हअ
है दक प्रमानणत गुणित्ता की ऄपेक्षा कम गुणित्ता की सामग्री के ईपयोग के साथ-साथ ऄनैनतक तरीके से
ऄनुबध
ं प्रदान दकए गए हैं। अपको पता चला है दक यहां तक दक शीषण प्रबंधन भी भ्रष्ट अचरण में
संनलप्त है। कदाचार की जांच से संबद् ऄनधकाररयों को अपके द्वारा बार-बार प्रस्तुत की गइ ऄपील में
कोइ ददलचस्पी नहीं है और अपको सलाह दी जाती है दक अप प्रशासननक मामलों में हस्तक्षेप न करें
और चुप रहें। आस नस्थनत में अपको क्या करना चानहए?
आसका ईपशीषणक क्या होना चानहए? - ईत्तर की सामान्त्य संरचना:
1. प्रकरण के तथ्यों की पहचान करना: यह कायण बहत महत्िपूणण है, क्योंदक यह पूिाणग्रहों और
रूदढ़िाददता से तथ्यों को ऄलग करने में सहायता करता है जो हमारे मनस्तष्क में निद्यमान हो सकते हैं।
कइ बार, जब हम ऐसे प्रश्न में 'राजनेता' शब्द का प्रयोग होते देखते हैं, तब हमारे ऄंदर ईनके साथ भ्रष्ट
ऄभ्यासों को जोड़ने की प्रिृनत्त निद्यमान हो सकती है। हालांदक, यदद के स स्टडी में ईनके द्वारा दकए गए
दकसी ऄनुनचत कायण का ईकलेख नहीं दकया गया है, तो हम आसे सत्य नहीं मान सकते हैं। ऄपने ईत्तर में,
हमें अशािादी संभािना का पता लगाना चानहए- परन्त्तु यह एक संभािना है, कोइ तथ्य नहीं।
2. पररनस्थनत से जुड़े नहतधारकों एिं ईनके नहतों की पहचान करना: यह कायण निनभन्न लोगों (स्ियं
सनहत) या संस्थानों को पहचानने में सहायता करता है जो दकसी भी कायणिाही की दशा में प्रभानित
होंगे। आन लोगों के प्रायः नभन्न-नभन्न दकन्त्तु कभी-कभी साझा एिं कभी-कभी निरोधाभासी नहत होते हैं।
यद्यनप ऄंत में ननणणय पूणत
ण ः गुणों के अधार पर नलया जाना होता है न दक व्यनिगत या दकसी समूह की
प्राथनमकताओं के अधार पर, तथानप निनभन्न नहतधारकों के नहतों की पहचान करने से नस्थनत की
व्यापकता को समझने और ऄनधक तकण संगत ननणणय लेने में सहायता नमलती है।
3. नैनतक दुनिधाओं की पहचान करना: यह के स स्टडी का मुख्य पहलू है। नैनतक दुनिधा एक ऐसी
नस्थनत है जहााँ दो कायणिानहयों के मध्य दकसी एक का चयन करना करिन होता है तथा नजनमें से प्रत्येक
मध्य ननणणय ननमाणण की एक समस्या है, नजनमें से कोइ भी स्पष्ट रूप से स्िीकायण या बेहतर नहीं है।
ईदाहरण के नलए, एक सैननक को नैनतक दुनिधा का सामना करना पड़ सकता है: हमलें के दौरान ऄपने
नपता के जीिन को बचाने के नलए ऄपने कतणव्य को छोड़े या ऄपने कतणव्य का पालन करें ?
एक बार जब हम निनभन्न नहतधारकों और ईनके नहतों की पहचान कर लेते हैं, तो दुनिधा की पहचान
करना असान हो जाता है - मुझे X कायण करना चानहए या Y, क्या मुझे B मूकय की तुलना में A मूकय
को ऄनधक िरीयता देनी चानहए, या मुझे व्यनि 1 को लाभ देना चानहए या 2 को? ऐसे निककपों में से
कोइ भी एक स्पष्ट रूप से सही नहीं होता है, परन्त्तु आन निककपों मे से एक का चयन करना अिश्यक
होता है तथा चयन के पीछे नननहत तकण को स्पष्ट करना भी अिश्यक होता है।
कृ पया ध्यान दीनजए- दकसी भी नैनतक दुनिधा को मूकयों के संघषण के रूप में प्रस्तुत दकया जाना चानहए
न दक कायणिाही के पररणामी संघषण के रूप में, ऄथाणत् X (जो मूकय A को िरीयता देने का पररणाम है)
बनाम Y (जो मूकय B का पररणाम है) करने के बजाय मूकय B बनाम मूकय A को िरीयता देना।
ईपयुणि िर्थणत सैननक की पररनस्थनत में, आसका मतलब यह होगा दक यहााँ नैनतक दुनिधा िस्तुतः पेशेिर
कतणव्य बनाम व्यनिगत ईत्तरदानयत्ि के मध्य है न दक ऄपने नपता की सहायता करने बनाम ऄपने पद
पर बने रहने के मध्य। जब हम कायणिाही के बारे में नलखते हैं, तो समस्या नििरण में पहले से मौजूद
तथ्य को दोहराते हैं।
4. कायणिाही की निनभन्न योजनाओं, ईनके गुणों एिं दोषों की पहचान करना: एक बार जब हम
दुनिधाओं को सूचीबद् करने में सक्षम हो जाते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है दक हम कौन-सी संभानित
कायणिाही का चयन करें गे। साधारण शब्दों में, यह दूसरे मूकयों की तुलना में एक निशेष मूकय और
पररणामी कायणिाही को ईच्च प्राथनमकता देना है। यदद हम ईपयुणि िम का पालन करने और नैनतक
दुनिधाओं की पहचान कर पाने में सक्षम हो जाते हैं तो सूरबद् कायणिाही को तैयार करना असान हो
जाता है।
गुणों और दोषों को नलखते समय, छारों को सलाह दी जाती है दक िे पररणामों (यानी घटनाओं) के
साथ-साथ मूकयों पर भी ध्यान कें दित करें । ये पररणाम िो नहीं होते जो ईस के स स्टडी में ददए गए हैं,
ऄनपतु ये ऐसी घटनाएाँ होती हैं, नजनके तब घरटत होने की ईच्च संभािना होती है जब अप एक निशेष
कायणिाही का चयन कर लेते हैं सैननक के मामले में, कतणव्य के ननिणहन संबंधी निककप का चयन करना
िस्तुतः शरु के निफल होने तथा राष्ट्र की रक्षा करने की ईच्च संभािना को प्रदर्थशत करता है तथा
देशभनि को सिोच्च गुण के रूप में प्रनतनबनम्बत करता है और यह कतणव्य के प्रनत प्रनतबद्ता की भािना
को भी दशाणता है। आस मामले में दोष यह है दक ईस सैननक के नपता के जीिन की हानन की सम्भािना
हो सकती है, नजसके साथ अजीिन नपता के प्रनत ऄपने ईत्तरदानयत्ि का ननिणहन न करने का अंतररक
ऄनप्रय बोध सदैि बना रहेगा।
कु छ भी नहीं करना या पद से आस्तीफा देना भी एक ननणणय है जो कइ छार ईत्तर में नलखते हैं। यह कोइ
नैनतक ननणणय नहीं है क्योंदक यह पररनस्थनत का समाधान नहीं करता है, ऄनपतु आससे के िल पररणामों
में निलम्ब होगा, अंतररक निसंगनतयां ईत्पन्न होंगी। पुनः यह चयन एक कमजोर ि स्िाथी व्यनित्ि को
दशाणता है।
5. ननणणय ननमाणण- कायणिाही की पहचान करना: एक बार जब हम ददए गए ऄथिा सूरबद् (ननरुनपत)
कायणिानहयों के गुणों और दोषों की पहचान कर लेते हैं, तो ये हमें ददशा प्रदान करते हैं दक दकन
कायणिानहयों का चयन दकया जाए। एक बार हमारे द्वारा दकसी योजना का चयन कर नलया जाता है,
के रूप में, अपसे न के िल सही काम करने की ईम्मीद की जाएगी, बनकक ईत्पन्न होने िाली रुरटयों को
सीनमत करने की भी ईम्मीद की जाएगी। अप, ऄपने द्वारा नलए गए ननणणय हेतु लोगों के साथ-साथ
सरकार, न्त्यायपानलका और ऄपने िररष्ठ ऄनधकाररयों के प्रनत ईत्तरदायी होते हैं। अपसे निनभन्न
निद्यमान संभािनाओं में से चयननत ननणणय के संदभण में जानकारी होने एिं आसकी व्याख्या की ऄपेक्षा
की जाती है। क्या अपका ननणणय ईनचत प्रदिया के माध्यम से दकया गया है या यह मनमाने ढंग या
स्िे्छा से दकया गया है? क्या यह तटस्थता, िस्तुननष्ठता और ननष्पक्षता के नसद्ांतों पर अधाररत है
या क्या यह पूिाणग्रहों पर अधाररत है? आसके ऄनतररि, भले ही यह सभी ननयमों और निननयमों को
पूरा करता हो, दफर भी यहााँ यह प्रश्न अएगा दक क्या आसके कु छ दोष या हानन हैं? अप दोषों और
हाननयों को कम करने की योजना कै से बनाते हैं? जब अप ऄपने ननणणय की व्याख्या कर रहे होते हैं तो
यह सभी जानकारी अिश्यक है।
6. ननष्कषण: नननहत मूकयों को प्रदर्थशत करने के साथ ईत्तर को समाप्त करना ईपयुि है। छार ननधाणररत
मूकयों के बारे में कु छ पंनियां जोड़ सकते हैं - संिैधाननक और नसनिल सेिा मूकय, जैस-े सहानुभनू त,
सािणजननक सेिा के प्रनत समपणण, बंधुता, करिन पररनस्थनतयों में नेतृत्ि, संिेदनशीलता और ऄन्त्य
संस्कृ नतयों के प्रनत लगाि अदद।
प्रयास करूंगा।
6. ननष्कषण
ईपयुणि कारण िाइ का ऄनुपालन करने के दौरान मैंने पद के प्रनत कतणव्य और साथ ही ऄपने
व्यनिगत मूकयों का ननिणहन दकया है। यह करिनाइ के समय दृढ़ता को दशाणता है, साथ ही साहस,
ननःस्िाथणता और इमानदारी आत्यादद गुणों का भी प्रदशणन होता है। आससे दकसी भी व्यनि के
सिाणगीण गुणों की पहचान होती है, निशेषकर ऐसा व्यनि जो सािणजननक कायाणलय में कायणरत
हो।
ईदाहरण 2
अप, देश की शीषण IT फमों में से एक में प्रबंधक के पद पर कायणरत हैं। अपको अगामी
पररयोजना के नलए नए लोगों को भती करने का कायण सौंपा गया है। अप यह पाते हैं दक
कं पनी ने सरकार द्वारा पाररत नए मातृत्ि ऄनधननयम को ध्यान में रखते हए मनहला
ईम्मीदिारों को भती नहीं करने के ननदेश ददए हैं। अपको यह ऄत्यनधक ऄन्त्यायपूणण लगता है
और लोगों के साथ ईच्च प्रबंधन के समक्ष ऄपना निरोध दजण कराते हैं, लेदकन िे दृढ़ हैं क्योंदक
िे सभी ऄनािश्यक लागतों को कम करना चाहते हैं।
आस जानकारी के अधार पर, ननम्ननलनखत प्रश्नों का ईत्तर दीनजए:
(a) आस नस्थनत में शानमल नहतधारकों और ईनके नहतों की पहचान कीनजए।
(b) आस पररदृश्य में भती करने िाले प्रबंधक द्वारा सामना की जाने िाली दुनिधाएं क्या हैं?
(c) अपके समक्ष ईपलब्ध निनभन्न निककप कौन-से हैं? अप दकसका ऄनुसरण करें गे और
क्यों?
दृनष्टकोण:
भती करने िाला प्रबंधक, कं पनी, मनहला ईम्मीदिारों, सरकार और समाज जैसे निनभन्न
नहतधारकों और ईनके नहतों को सूचीबद् कीनजए।
अपके द्वारा सामना की जाने िाली दुनिधा की चचाण कीनजए।
ईपलब्ध निककपों की सूचीबद् कीनजए, दी गइ पररनस्थनतयों और नैनतक अचरण के अलोक
में प्रत्येक का निश्लेषण कीनजए और ईस निककप का चयन कीनजए नजसे अप ऄनुसरण कर
सकते हैं।
ईत्तर: (a)
नहतधारक नहत
कं पनी / ईच्च कं पनी का नहत लागत को कम करके ऄनधकतम लाभ प्राप्त करना है। मनहला
प्रबंधन कमणचाररयों के मामले में मातृत्ि ऄिकाश की लागत कं पनी द्वारा िहन की जानी है।
आसनलए ईच्च प्रबंधन मनहला ईम्मीदिारों को भती करने से बचना चाहता है।
भती करने मेरा प्राथनमक नहत लैंनगक निभेद से तटस्थ होकर सूचीबद् पदों के नलए योग्य
िाला प्रबंधक ईम्मीदिारों का चयन करना है। ऄन्त्यायपूणण नीनतयों का निरोध करते हए प्रबंधन के
(स्ियं) साथ संघषण की नस्थनत से बचना, ऐसी पररनस्थनत में सामना की जाने िाली दुनिधाएं
हैं।
मनहला ईनका नहत एक ननष्पक्ष ऄिसर प्राप्त करने में है नजससे ईन्त्हें कं पनी में नौकरी प्राप्त हो
ईम्मीदिार सके । लंबे समय से िे भती प्रदिया एिं पदोन्ननत में समानता की ऄपेक्षा के साथ एक
सुरनक्षत कामकाजी पररिेश की भी ऄपेक्षा रखती हैं।
सरकार और ये नहतधारक कायणस्थल पर लैंनगक समानता के नलए प्रयासरत हैं; आसके नलए यह
(b) दुनिधा: ईच्च प्रबंधन के अदेश को स्िीकार करना और दकसी भी मनहला ईम्मीदिार की भती नहीं
करना बनाम लैंनगक रूप से तटस्थ होकर एक ईपयुि ईम्मीदिार की ननयुनि करना।
आसके ऄनतररि, मैं वलग निशेष के मुद्दे के कारण एक योग्य ईम्मीदिार की भती न करने
संबंधी दुनिधा का भी सामना कर सकता हाँ। आससे ईत्पादकता में कमी अएगी नजससे कं पनी
को दीघाणिनधक लागत का सामना करना पड़ेगा। नपतृसतात्मक दृनष्टकोण के कारण संबंनधत
दुनिधा समाज में लैंनगक पूिाणग्रह का प्रमुख मुद्दा है, यह समानता और प्रगनतशील निचारों का
निरोधाभासी है जो पररितणन की मांग करते हैं। कायणस्थल पर लैंनगक निनिधता को बढ़ािा
देना महत्िपूणण है; हालांदक, कं पनी द्वारा ददए गए ितणमान ननदेश आस नसद्ांत के निरुद् हैं।
(c) निनभन्न ईपलब्ध निककप:
1. मनहला ईम्मीदिारों की भती न करना: यद्यनप मैं आस निककप के चयन के कारण ईच्च
प्रबंधन के साथ संघषण की नस्थनत से बचूंगा, तथानप यह मूलभूत मानि ऄनधकारों और
संनिधान में िर्थणत समानता के नसद्ांतों के निपरीत होगा। यह कइ योग्य ईम्मीदिारों को
बाहर कर देगा और ईम्मीदिारों की संख्या को सीनमत करे गा। यह लघु दृनष्टकोण और संकीणण
माननसकता की ईपज है।
2. िस्तुननष्ठ ढंग से और नबना दकसी भेदभाि के ईपयुि ईम्मीदिार का चयन करना: यह
सुनननित करे गा दक सबसे सक्षम और योग्य ईम्मीदिार नौकरी के नलए चयननत दकए जाएंगे।
मेरे द्वारा ऄनुसरण दकया जाने िाला निककप: यहााँ संघषण कोइ ईपाय नहीं है; हााँ, ऄनुनय एक
ईपाय हो सकता है। ऄनुनय के नलए सिाणनधक ईपयुि तरीका ऄनभिृनत्तक पररितणन है, जो
तात्कानलक रूप से ऄत्यनधक करिन है। दकन्त्तु यदद मैं िस्तुननष्ठता के साथ यह सानबत कर
सका दक मनहला कमणचाररयों की ननयुनि से संबंनधत लागत पुरुषों की तुलना में ऄनधक नहीं
है और ईत्पादकता लैंनगक रूप से स्ितंर है, तो मैं ऄनभिृनत्तक पररितणन की प्रदिया अरं भ
करने में सक्षम हो जाउंगा। मैं HR निभाग से सहायता प्राप्त करूाँगा। यदद अिश्यक हअ, तो
आस मामले को कं पनी के प्रबंधन बोडण के समक्ष भी रखूाँगा।
भती के संबंध में, मुझे ईम्मीदिारों के मूकयांकन में िस्तुननष्ठ होना चानहए तथा लैंनगक
पक्षपात करने से बचना चानहए। ईनका मूकयांकन ईनकी क्षमता के साथ-साथ नौकरी की
अिश्यकता पर अधाररत होगा। यदद नौकरी की प्रकृ नत दकसी लैंनगक अिश्यकता की मांग
नहीं करता है, तो ऄनुनचत ननदेशों पर ऄनधक ध्यान नहीं देना चानहए और ये िास्ति में
कं पनी की नीनतयों के निपरीत हो सकते हैं। मैं HR को आस प्रकार के सुझािों के बारे में ररपोटण
करूंगा क्योंदक लैंनगक निभेद न के िल गैरकानूनी है, बनकक कं पनी की संगिनात्मक संस्कृ नत
और सामानजक छनि को भी क्षनत पहंचाता है। आसके ऄनतररि, मैं ऄपने सहयोनगयों, निशेष
रूप से मेरे संगिन में कायणरत मनहलाओं को सनम्मनलत कर लैंनगक-संिद
े नशीलता ऄनभयान
अरं भ करूंगा। ऐसा करके मैं गााँधीजी के आस मंर को दक ‘िो बदलाि खुद में लाआए नजसे अप
दुननया में देखना चाहते हैं’ को कायम रखने में सफल रहाँगा।
ईदाहरण 3
अप एक युिा नसनिल सेिक हैं। अपको एक जनजातीय बाहकय नजले में ननयुि दकया जाता
है, जो मादफया द्वारा ऄिैध खनन हेतु कु ख्यात है। िे राजनीनतक अकांक्षाओं िाले स्थानीय
जनजातीय बाहबनलयों को ररश्वत देकर आस क्षेर के ननधणन जनजातीय लोगों पर ऄपनी शनि
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1. नजले में होने िाले ऄिैध खनन से राज्य के साथ-साथ स्थानीय समुदाय को भी हानन
पहाँचती है। आससे के िल कु छ चुवनदा लोगों (खनन मादफया, स्थानीय बाहबली और
राज्य के भ्रष्ट कमणचाररयों) को ही लाभ पहाँचता है। खनन मादफया के निरुद् सख्त
कायणिाही करना एक प्रशंसनीय कदम है, आसके साथ स्थानीय लोगों को निश्वास में लेना
भी ईतना ही अिश्यक है। एक प्रशासक के रूप में न के िल तात्कानलक एिं स्पष्ट ईद्देश्यों
को ही लनक्षत करना चानहए बनकक मामले की पूणत ण ा से भी ईसे ऄिगत होना चानहए।
ऄतः प्रशासन में स्थानीय निश्वास में िृनद् करने हेतु पयाणप्त जागरूकता संबंधी पहल के
नबना, ऄिैध गनतनिनधयों के ईन्त्मल
ू न की ददशा में दकए गए प्रयास व्यथण हो जाएंगे। आसके
ऄनतररि प्रयासों में निफल होने से न के िल सरकार में जनजातीय लोगों के अत्मनिश्वास
में कमी अएगी बनकक आस प्रकार की दकसी भी भािी कारण िाइ में जनजातीय लोगों के
सहयोग को प्राप्त करना भी करिन हो जाएगा। ऄन्त्य शब्दों में, स्थानीय लोगों के भय को
मैरीपूणण ढंग से दूर दकया जाना चानहए।
2. स्थानीय बाहबली दो चीजों पर ननभणर करते हैं- पहली, ऄिैध गनतनिनधयों द्वारा नित्त
पोषण और दूसरी, स्थानीय जनसंख्या एिं राज्य के मध्य ऄलगाि। यद्यनप ऐसे लोग
स्पष्टतया स्थानीय जनसंख्या का प्रनतनननधत्ि करते हैं, परं तु ईनकी िास्तनिक
महत्िाकांक्षाओं को भी ईजागर करना चानहए। आन्त्हे स्थानीय जनसंख्या के बीच िैधता
प्राप्त होती है और राज्य द्वारा आनके निरुद् दकसी भी प्रकार की कारण िाइ से सरकार एिं
लोगों के मध्य ऄलगाि ईत्पन्न होने का जोनखम बना रहता है। ऄतः आनके साथ
ध्यानपूिक ण और व्यिनस्थत तरीके से ननपटा जाना चानहए।
3. आस मामले में िास्तनिक मुद्दा ऄिैध खनन का है, नजस पर रोक लगानी चानहए, ऄतः
यह कोइ काकपननक मामला नहीं है। मुझे अत्मनिश्वास के साथ काकपननक मामले का
ननपटारा करना चानहए और नजसका प्रभाि मेरे प्रदशणन पर न पड़े। िास्ति में, मुझे आस
प्रकार के प्रयासों में बाधाओं का सामना करने हेतु तैयार रहना चानहए। ‘ऄनुसूनचत जानत
एिं ऄनुसूनचत जनजानत (ऄत्याचार ननिारण) ऄनधननयम’ आस प्रकार की फजी FIR को
रद्द करने के नलए ईच्च न्त्यायालय की सहायता करता है। कानूनी तौर पर मुझे दकसी भी
प्रकार से वचनतत होने की अिश्यकता नहीं है। यद्यनप राज्य में चुनािी माहौल होने के
कारण सरकार अगे बढ़कर निपक्ष से ननपटने का प्रयत्न कर सकती है। जैसा दक ईपरोि
िर्थणत दकया गया है, मामले के आस चरण में एक रूकािट यही है दक यह न के िल
मीनडया को मामले से दूर कर देगा बनकक स्थानीय बाहबनलयों को िैधता प्रदान करे गा
और स्थानीय जनसंख्या एिं राज्य के मध्य ऄलगाि में भी िृनद् करे गा। यहााँ जो नैनतक
मुद्दा ईभर कर अता है, िह यह है दक आस प्रकार की पररनस्थनत में कोइ व्यनि प्रेररत एिं
प्रनतबद् कै से रह सकता है - जहां ईसके ननयोिा, साथी एिं ऄन्त्य प्रभािशाली लोग
कनथत रूप से ईसके निरुद् षड्यंर करते हैं?
आस मामले के समाधान हेतु ईनचत कायणिाही के ऄंतगणत ननम्ननलनखत कदम शानमल होंगे:
1. मादफया की ऄिैध गनतनिनधयों के निरुद् एक सुदढ़ृ न्त्यानयक िाद तैयार दकया जाना
चानहए। स्थानीय बाहबनलयों के साथ-साथ सरकारी कमणचाररयों को किर करने हेतु
जांच-पड़ताल का दायरा व्यापक होना चानहए। जांच एिं ऄनभयोजन एजेंनसयों द्वारा
पूणण सहयोग के साथ, आस मामले का शीघ्र समाधान दकया जा सकता है तथा ऄपरानधयों
को सबके समक्ष ईजागर दकया जा सके गा। आससे तथ्यों को कें ि में लाया जा सके गा और
नननित रूप से जनता का मत पररिर्थतत करने में सहायता करने के साथ ही राजनीनतक
सहयोग (सरकार एिं निपक्ष दोनों) को भी सुनननित दकया जा सके गा।
एक अपदा प्रिण राज्य है नजसमें ऄक्सर भूस्खलन, दािानल, मेघ निस्फोट, अकनस्मक बाढ़
और भूकंप अदद अते रहते हैं। आनमें से कु छ मौसमी हैं और ऄक्सर ऄननुमय
े हैं। अपदा का
पररणाम हमेशा ऄप्रत्यानशत होता है। एक मौसम के दौरान, एक मेघ निस्फोट के कारण
निनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन हए नजनमें ऄत्यनधक दुघणटनाएं हइ। सड़कों, पुलों और निद्युत्
ईत्पादी यूननटों जैसी बुननयादी संरचना को बृहत् क्षनत पहंची। आसके फलस्िरूप 1,00,000
गए। नजम्मेदारी के अपके क्षेर में फं से हए लोगों में िररष्ठ नागररक, ऄस्पतालों में मरीज,
मनहलाएं और बच्चे, पदयारी, पयणटक, शासक पाटी के प्रादेनशक ऄध्यक्ष ऄपने पररिार सनहत
पड़ोसी राज्य के ऄनतररि मुख्य सनचि और जेल में कै दी शानमल थे।
राज्य के नसनिल सेिा ऄनधकारी के तौर पर अपका अदेश क्या होगा नजसमें अप आन लोगों
को बचाएंगे और क्यों? ऄपने ईत्तर के पक्ष में तकण दीनजए।
समाधान:
यह प्रकरण राहत कायण हेतु पीनड़तों में से चयन के संदभण में एक चुनौतीपूणण नस्थनत तथा नैनतक
दुनिधा प्रस्तुत करता है। ऐसी नस्थनत में मैं “सुभेद्यता का पररमाण और सभी मनुष्यों का
समान अदर” जैसे नैनतक नसद्ांत का पालन करूंगा। ददए गए प्रकरण में पहचाने गए समूह
स्ियं निनिध हैं और आसनलए सभी समूहों को एक समूह एक रूप में स्िीकार कर कायणिाही
नहीं की जा सकती। सुभेद्यता का मामलों की अिृनत के अधार पर अकलन दकया जा सकता
है। आसनलए बेहतर सक्षम मनहलाओं और बच्चों पर जरूरतमंद और ननस्सहाय िररष्ठ नागररकों
को प्राथनमकता दी जाएगी।
तदनुसार, बचाए जाने िाले लोगों का एक ननम्ननलनखत सामान्त्य िम होगा:
1. ऄस्पताल में मरीज: चूाँदक िे पहले से ही नचदकत्सा पयणिेक्षण के ऄधीन हैं, ऄत: ईनका
नचदकत्सा ईपचार जारी रखने तथा ईनका जीिन बचाने हेतु बचािकताण को सिणप्रथम
ईन पर ही ध्यान के नन्त्ित करना होगा।
2. मनहलाएं और बच्चे (पयणटक, प्रादेनशक ऄध्यक्ष के पररिार के सदस्यों और कै ददयों सनहत):
ये नद्वतीय ऄत्यनधक सुभेद्य समूह हैं नजन्त्हें बचाए जाने की अिश्यकता है। मनहलाओं को
संकट की नस्थनत में तथा बचाि कायण के पिात् नचदकत्सीय ईपचार में प्रथमत: बच्चों की
देखभाल करनी पड़ती है।
3. िररष्ठ नागररक (पयणटक, प्रादेनशक ऄध्यक्ष के पररिार के सदस्यों और कै ददयों सनहत):
ऄगले िम में आन्त्हें बचाने की अिश्यकता है क्योंदक िे ऄपने स्िास्थ्य के साथ समझौता
दकए नबना लम्बी प्रतीक्षा ऄिनध को सहन नहीं कर सकते।
4. पयणटक: बचाि ऄनभयान का ऄगला कदम पयणटकों को शानमल करता है क्योंदक ईनके
पररिार के सदस्य ईनकी नस्थनत के संबंध में वचताग्रस्त हो सकते हैं तथा ईन्त्हें घर िापस
जाना होता है।
5. जेल में कै दी: िे आस नस्थनत में दोहरी कै द में हैं, यथा- एक जेल द्वारा और दूसरा प्रकृ नत
द्वारा पीनड़त के रूप में। यदद ईन्त्हें िहीं छोड़ ददया जाता है तो आस बात की नगण्य
**िकडण डेिलपमेंट ररपोटण (WDR) में ईनकलनखत ननणणय-ननमाणण की तीनों प्रणानलयों पर व्याख्या (यह
यह हमें समस्याओं को साधारण बनाने तथा ईन्त्हें एक संकीणण ढांचे से देखने हेतु प्रेररत करता है। हम
निश्व के संबंध में हमारी धारणाओं पर अधाररत सूचना ऄंतरालों को भरने का प्रयास करते हैं तथा
स्ित: मनस्तष्क में अए निचारों और मान्त्यताओं पर अधाररत पररनस्थनतयों का मूकयांकन करते हैं नजन्त्हें
हम महत्ि प्रदान नहीं करते। एक नसनिल सेिक में तथ्यों के शीघ्र और ईनचत मूकयांकन तथा
पररनस्थनतयों को समझने का सामथ्यण होना चानहए। दकसी कायण ननष्पादन के दौरान आस संबंध में सचेत
रहने की अिश्यकता है दक कहीं ईस पररनस्थनत की रुरटपूणण छनि तो ननर्थमत नहीं की जा रही है। एक
कार चालक के रूप में दकसी व्यनि को तुरंत ननणणय लेने की अिश्यकता होती है, परन्त्तु एक नसनिल
सेिक के रूप में देश के नलए नीनत ननमाणण में िह के िल सहज बोध तथा ऄपरीनक्षत धारणाओं पर ही
ननभणर नहीं रह सकता।
तथा सामानजक मानदंडों द्वारा प्रभानित होता है। ऄनधकांश व्यनि आस बात पर ध्यान देते हैं दक ईनके
अस-पास के लोग क्या कर रहें हैं और िे ईनके समूहों हेतु कै से ईपयुि हैं तथा िे लगभग स्ित: दूसरों
के व्यिहार का ऄनुकरण करते हैं। ऄनधकतर लोगों के पास ननष्पक्षता और पारस्पररकता हेतु सामानजक
प्राथनमकताएं होती हैं तथा िे एक सहयोगात्मक चेतना से सम्पन्न होते हैं। ये निनशष्टताएं ऄ्छे और बुरे
दोनों प्रकार के सामूनहक पररणामों में महत्िपूणण भूनमका का ननष्पादन कर सकती हैं, यथा- एक समाज
में निश्वास में िृनद् करने तथा भ्रष्टाचार को बढ़ाने दोनों हेतु ऄपेनक्षत सहयोग की अिश्यकता होती है।
प्राय: एक सशतण सहयोगी के रूप में व्यिहार करते हैं ऄथाणत् लोग तब तक सहयोग करते हैं जब तक
दूसरे ईनके साथ सहयोगात्मक होते हैं। एक नसनिल सेिक के रूप में एक व्यनि या एक समूह से
सहयोग प्राप्त करना अिश्यक हो सकता है, परन्त्तु एक प्रनतदान (quid-pro-quo) ईस सहयोग का
सुदढ़ृ करने में समाजों का नेतृत्ि कर सकते हैं। ये प्रनतमान िांछनीय तथा साथ ही साथ ऄिांछनीय भी
हो सकते हैं। जब िे निश्वास और साझे मूकयों को सुदढ़ृ करते हैं तब सामानजक सहयोग अिश्यक हो
जाता है। दूसरी ओर कु छ सामानजक व्यिहारों को स्ित: सुदढ़ृ करना प्रजातीय और नृजातीय पृथक्करण
का पररणाम हो सकता है। आसनलए लोक निश्वास में कमी करने िाली पररनस्थनतयों से बचने हेतु
प्राथनमकताओं के “अनधकाररक नसद्ांतों” के एक संग्रह की अिश्यकता होती है, नजन्त्हें सामान्त्यतया
कायणकारी ननयमािली में ननधाणररत दकया गया है। ईदाहरणाथण नसनिल सेिा अचरण ननयम,1964,
लोग जब वचतन करते हैं तब िे सामान्त्यतया ईन ऄिधारणाओं को रे खांदकत नहीं करते नजनका ईन्त्होंने
स्ियं ऄनिष्कार दकया है। आसकी बजाए िे ईनके समुदायों द्वारा ननर्थमत ऄिधारणाओं, श्ेनणयों,
ऄनभज्ञानों, प्रनतकृ नतयों, रूदढ़बद् धारणाओं, प्रेरणाथणक अख्यानों और निश्वािलोकनों का प्रयोग करते
हैं, ऄथाणत् िे ईनके ऄनुभिों की व्याख्या करने हेतु ईनके समाजों से अहृत मेंटल मॉडल और साझे
आनतहास का प्रयोग करते हैं। मेंटल मॉडल आस नस्थनत को भी प्रभानित करते हैं दक व्यनि क्या ऄनुभि
करते हैं तथा ईन्त्हें जो ऄनुभि हअ है ईसकी व्याख्या िे कै से करते हैं।
मेंटल मॉडल संस्कृ नत से ईत्पन्न होते हैं। संस्कृ नत, प्रयोजन की परस्पर संबंनधत योजनाओं के एक संचय
के रूप में ननर्थमत होती है नजसका लोग कायण संपादन और निककप चयन में प्रयोग करते हैं। मेंटल
मॉडल, सामानजक मान्त्यताएं और प्रथाएं व्यनियों में प्राय: गहन रूप से समानहत हो जाते हैं। हम
सामानजक पहलुओं को अत्मसात करने की ओर प्रिृत होते हैं तथा ईन्त्हें “ऄपररहायण सामानजक तथ्यों” के
रूप में स्िीकार कर लेते हैं- ईदाहरणाथण “ईच्च” और “ननम्न” जानतयों की धारणा। लोगों के मेंटल मॉडल
ईनकी आस समझ को अकार प्रदान करते हैं दक जीिन में क्या ईनचत है, क्या स्िभानिक है तथा संभि
है। आसके प्रनतफल में सामानजक संबंध और संरचनाएं सामानजक तौर पर ननर्थमत “सामान्त्यबोध” का
तथ्यों के रूप में स्िीकार करते हैं तथा ननणणय ननमाणण में ईनका प्रयोग करते हैं।
चूाँदक मेंटल मॉडल ककनचत लोचशील होते हैं ऄत: हस्तक्षेप ईन्त्हें निकासात्मक और नैनतक ईद्देश्यों को
प्रोत्सानहत करने हेतु लनक्षत कर सकते हैं। व्यनियों के पास नभन्न-नभन्न और प्रनतस्पधी मेंटल मॉडल होते
हैं नजनका िे दकसी भी पररनस्थनत को प्रभानित करने हेतु प्रयोग कर सकते हैं, नजस दकसी अदशण का िे
प्रयोग करते हैं िह आस पर ननभणर करता है दक कौन सा संदभण ईसे सदिय करता है। व्यनियों को वचतन
के निीन मागों को तलाशने और निश्व की िैकनकपक समझ निकनसत करने हेतु प्रेररत करना मेंटल
मॉडल के ईपलब्ध समूह का निस्तार कर सकता है और आस प्रकार निकास में एक महत्िपूणण भूनमका
ननभा सकता है।
ऄनेक मामलों में (जैसा दक पूिण में ईनकलनखत दकया गया है) एक दी गइ पररनस्थनत में प्रचनलत नीनतयों
और ननयमों को लागू करने का प्रश्न ईत्पन्न होता है। ऐसी दकसी पररनस्थनत से ननपटने हेतु एक
ऄग्रसदिय माननसकता ऄननिायण है जो तथ्यों और निनधयों के मूकयांकन की क्षमता से सुसनित हो तथा
सकारात्मक एिं नकारात्मक दोनों पररणामों का पूिाणनम
ु ान लगाने में समथण हो। ननयम और नीनतयााँ
सामानजक मूकयों पर स्थानपत दकए गए हैं। नैनतक मुद्दे तब ईभरते हैं जब कायणसाधकता और संनक्षप्त
रीनत को तकण संगत ननणणय पर िरीयता दी जाती है, जो स्िाथणपरायणता, नहत संघषण, चररर के एक प्रश्न
तथा न के िल मूकयों के एक संघषण बनकक क्या ईनचत है और क्या ऄनुनचत आन दोनों के मध्य ऄंतर स्पष्ट
करने में एक दुबल
ण चररर को भी प्रनतवबनबत करते हैं।
जीिनयापन नहीं कर पाते। आन लोगों के पास बाज़ार की अिश्यकतानुसार दकसी दूसरे धंधे
में लगने का कौशल भी नहीं होता है। िे अनखरकार कम मज़दूरी िाले अिर्थजक (प्रिासी)
श्नमक बन जाते हैं। आसके ऄलािा, ईनके सामुदानयक जीिन के परम्परागत तरीके
ऄनधकांशतः समाप्त हो जाते हैं। ऄतः निकास के लाभ ईद्योगों, ईद्योगपनतयों एिं नगरीय
समुदायों को चले जाते हैं, जबदक निकास की लागत आन गरीब ऄसहाय लोगों पर डाल दी
जाती है। लागतों एिं लाभों का यह ऄनुनचत नितरण ऄनैनतक है।
यदद अपको ऐसे निस्थानपत व्यनियों के नलए ऄ्छे मुअिज़े एिं पुनःिास की नीनत का
मसौदा बनाने का कायण ददया जाता है, तो अप आस समस्या के सम्बन्त्ध में क्या दृनष्टकोण रखेंगे
एिं अपके द्वारा सुझाइ गइ नीनत के मुख्य तत्त्ि कौन-कौन से होंगे?
4. सरस्िती यू.एस.ए. में सूचना प्रौद्योनगकी की एक सफल पेशेिर थी। ऄपने देश के नलए कु छ
करने की राष्ट्र-भािना से प्रेररत होकर िह िापस भारत अइ। ईसने ग़रीब ग्रामीण समुदाय के
नलए एक पािशाला ननमाणण के नलए एक-जैसे निचारों िाले कु छ नमरों के साथ नमलकर एक
गैर-सरकारी संगिन बनाया।
पािशाला का लक्ष्य नाममार की लागत पर ईच्च स्तरीय अधुननक नशक्षा प्रदान करना था।
ईसने जकदी ही पाया दक ईसे कइ सरकारी एजेनन्त्सयों से ऄनुमनत लेनी होगी। ननयम एिं
प्रदियाएाँ काफी ऄस्पष्ट एिं जरटल थीं। ऄनािश्यक देररयों, ऄनधकाररयों की किोर प्रिृनत्त एिं
घूस की लगातार मााँग से िह सबसे ज़्यादा हतोत्सानहत हइ। ईसके एिं ईस जैसे दूसरों के
ऄनुभि ने लोगों को सामानजक सेिा पररयोजनाओं को लेने से रोका हअ है।
स्िैन्छक सामानजक कायण पर सरकारी ननयन्त्रण के ईपाय अिश्यक हैं। परन्त्तु आन्त्हें
बाध्यकारी या भ्रष्टरूप में प्रयोग में नहीं नलया जाना चानहए। अप क्या ईपाय यह सुनननित
करने के नलए सुझाएाँगे दक नजससे अिश्यक ननयन्त्रण के साथ नेक आरादों िाले इमानदार गैर-
सरकारी संगिन के प्रयासों में बाधा नहीं अए?
1. अपको एक माओिाद प्रभानित नजले में एक नजला नशक्षा ऄनधकारी (DEO) के रूप में
ननयुि दकया गया है। साक्षरता नमशन पर कायण करने हेतु अपको निशेष रूप से ईत्तरदानयत्ि
सौंपा गया है। नशक्षा ररपोटण के पिन और क्षेरीय दौरे के पिात, अपको यह ज्ञात होता है दक
निद्यालय न जाने िाले बच्चों की संख्या में काफी िृनद् हइ है तथा छारों एिं नशक्षकों के मध्य
ऄनभप्रेरणा का भी ऄभाि है। यद्यनप कु छ मूलभूत ऄिसंरचनाएं पहले से ही निद्यमान हैं,
तथानप आन निद्यालयों में छारों को अकर्थषत करने में प्रमुख बाधाओं के ऄंतगणत नशक्षा के प्रनत
स्थानीय लोगों की ऄनभिृनत्त और निद्यालयों में बच्चों को भेजने संबध
ं ी सुरक्षा जोनखम भी
सनम्मनलत हैं। आन पररनस्थनतयों को ध्यान में रखते हए, ननम्ननलनखत प्रश्नों का ईत्तर दीनजए:
ईच्च नशक्षा के नलए ऄिसरों की कमी है क्योंदक ईन क्षेरो में महानिद्यालयों की पयाणप्त
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की जाती है, जो एक छार के पूणणतः ऄनधगम पर ध्यान कें दित करने में सहायता करता
है।
पररिेश (आकोनसस्टम) ननर्थमत करना: जैसे दक निद्यालयी नशक्षा पूणण करने िाले छारों के
पास बेहतर अजीनिका के ऄिसर ईपलब्ध होने चानहए ऄथिा ईनके पास निनभन्न
महानिद्यालयों में नामांकन के नलए सुलभ निककप निद्यमान होने चानहए।
छारिृनत्त: यह सुनननित करना दक मेधािी छार धन के ऄभाि के कारण निद्यालयों और
महानिद्यालयों में नामांकन से पीछे न रह जाए।
निद्यार्थथयों का लक्ष्यीकरण: निद्यालय न जाने िाले छारों, ऄनाथ बच्चों, अंतररक रूप से
निस्थानपत अदद को एक पृथक दृनष्टकोण के साथ लनक्षत दकया जाना चानहए क्योंदक ये
समान समूह के ऄंतगणत शानमल नहीं हैं। निद्यालयों में बच्चों को अकर्थषत करने हेतु नमड
डे मील योजना, स्टेशनरी का नन:शुकक नितरण जैसे साधनों का ईपयोग दकया जाना
चानहए।
ननरं तर ननगरानी: जिाबदेही सुनननित करने हेतु स्थानीय प्रशासन में ननगरानी प्रकोष्ठों
का ईपयोग और ईच्च ऄनधकाररयों को ररपोर्टटग करना सुनननित दकया जाना चानहए।
नशक्षक प्रनशक्षण: ईन्त्हें न के िल योग्य होना चानहए बनकक बच्चों द्वारा सामना की जाने
िाली पररनस्थनतयों के प्रनत भी संिेदनशील होना चानहए।
जागरूकता ईत्पन्न करना: सांस्कृ नतक और सामुदानयक गनतनिनधयों और पोस्टर एिं
पचों तथा सामुदानयक रे नडयो अदद का ईपयोग करके जागरूकता ईत्पन्न करना।
ये समाधान, सुशासन और धन के कु शल ईपयोग के साथ नमलकर नशक्षा के प्रनत ऄनभिृनत
और व्यिहाररक में पररितणन सुनननित करें गे।
करना पसंद करें गे जहां निननयम किोर न हो? ऄपने चयन हेतु कारण दीनजए।
(c) नैनतक संघषण को कम करने और नइ दिाओं हेतु स्िीकृ नत की प्रदिया को तीव्र करने के
नलए मानक प्रदिया का एक प्रारूप सुझाआए।
दृनष्टकोण:
मानिीय नैदाननक परीक्षण पर एक संनक्षप्त पररचय दीनजए और आसमें नननहत नैनतक मुद्दों की
पहचान कीनजए।
प्रयोगशाला के स्थान पररितणन के गुणों ि दोषों पर चचाण कीनजए और स्िदेश से प्रयोगशाला
के स्थानांतरण पर ऄपना ऄंनतम ननणणय बताआए।
नैनतक संघषण को कम करने और नइ दिाओं हेतु स्िीकृ नत की प्रदिया को तीव्र करने के नलए
मानक प्रदिया का एक प्रारूप सुझाआए।
ईत्तर:
प्रस्तुत प्रकरण का सारांश: मैं एक टीम का प्रमुख हाँ, नजसने एक निीन प्रणाली निकनसत की है
और यह प्रणाली हृदय रोग से पीनड़त लोगों की सहायता करे गी। आसे िानणनज्यक रूप से
ईपलब्ध होने से पूिण आसका मानिों पर नैदाननक परीक्षण करना अिश्यक है, नजसके नलए
किोर ननयमों का पालन करना होगा। िैकनकपक रूप से, ननधणन देशों में कमजोर निननयमन के
पररणामस्िरूप त्िररत मानि परीक्षण और स्िीकृ नत प्रानप्त होती है तथा कइ प्रनतस्पधी ररश्वत
देकर यह काम कर रहे हैं।
(a) नैदाननक परीक्षण, स्िे्छा व्यि करने िाले मनुष्यों पर दकया जाने िाला परीक्षण है जो
यह देखने के नलए दकया जाता है दक अम जनता पर व्यापक नचदकत्सा का ईपयोग हेतु
नइ नचदकत्सा निनध को स्िीकृ नत दी जा सकती है ऄथिा नहीं। आसमें सनम्मनलत निनभन्न
नैनतक मुद्दे ननम्ननलनखत हैं:
सिणप्रथम नैनतक कतणव्य यह है दक व्यापक जनसंख्या के ककयाण हेतु नैदाननक परीक्षणों
को इमानदारी के साथ दकया जाना चानहए।
ननम्निगीय लोगों का परीक्षण हेतु प्रयोग करना मानिता का ऄपमान है। यद्यनप आससे
सामान्त्य जनसंख्या के स्िास्थ्य में सुधार हो सकता है, परं तु शोषण के रूप में लागत, जो
मृत्यु का भी कारण बन सकती है, ऄतः यह ऄत्यंत वनदनीय है।
ननधणन देशों में सूनचत सहमनत के संबंध में कु छ नैनतक वचताएं निद्यमान हैं।
नचदकत्सा निनशष्ट लोकाचारों द्वारा ननयंनरत होती है, नजसमें एक नचदकत्सक का पहला
ध्यान रोगी के स्िास्थ्य एिं जीिन पर होना चानहए। ईसे ऐसा कु छ भी नहीं करना
चानहए, नजससे रोगी का स्िास्थ्य ख़राब हो जाए। नैदाननक परीक्षण दीघाणिनध के नलए
नचदकत्सक-रोगी के मूल संबंधों को कमजोर कर सकते हैं।
(b) मौजूदा मामले में, िैज्ञाननकों ने ह्रदय उतकों की पुनः ईत्पनत्त हेतु एक निीन तकनीक
निकनसत की है, जो दक गंभीर ह्रदय रोग से पीनड़त लाखों लोगों को एक नि जीिन प्रदान
करे गी। हालांदक, ननधणन एिं निकासशील देशों में असान निननयमों एिं भ्रष्ट शासन ने
िैज्ञाननकों को आन देशों में ऄपनी प्रयोगशाला खोलने और आन देशों में परीक्षण करने के नलए
अकर्थषत दकया है। आस प्रकार के अचरण के गुण एिं दोष ननम्ननलनखत हैं:
गुण :
ननधणन देशों में लागत कम है, ऄतः यहााँ पर ईन्नत नचदकत्सीय ईपचार सस्ता होगा।
ईदाहरण के नलए, भारत में नैदाननक परीक्षणों हेतु लागत ऄमेररका में नैदाननक
परीक्षणों हेतु लागत की तुलना में दसिां भाग है।
तृतीय निश्व में ऐसे रोनगयों की ईपलब्धता की संभािना ऄनधक है, जो पहले कभी ऐसे
परीक्षणों से नहीं गुजरे ऄथिा पहले से ही दकसी दिा का ईपयोग नहीं कर रहे हैं।
निकासशील देश ईन्नत नचदकत्सा निज्ञान से लाभानन्त्ित होते हैं और निीनतम दिाओं
तक पहाँच प्राप्त होती है।
निननयामक स्िीकृ नतयों की सुगमता के कारण निकासशील देशों में नैदाननक परीक्षणों की
प्रदिया त्िररत रूप से सम्पन्न हो सकती है। आससे नचदकत्सीय ईपचार के निकास ऄिनध
को कम दकया जा सकता है।
यह गंभीर ह्रदय रोगों से पीनड़त लोगों के नलए त्िररत ईपचार ईपलब्ध कराएगा।
दोष :
सहमनत: ऄनधकतर ननधणन देशों के लोग ऄनुबंध को समझे नबना तथा ऄन्त्तर्थननहत
जोनखमों को जाने नबना ही ऄपनी सहमनत दे देते है क्योंदक प्रायः िे ऄनुबंध निदेशी
भाषाओं में नलखे होते हैं।
अर्थथक बाध्यता: कभी-कभी लोगों को ननधणनता के कारण नैदाननक परीक्षणों हेतु ऄपना
शरीर बेचने के नलए नििश होना पड़ता है। पनिमी नचदकत्सा के प्रनत ऄंधनिश्वास भी
ईनके ननणणयन में एक महत्िपूणण भूनमका ननभाता है।
खराब स्िास्थ्य सेिा प्रणाली: नैदाननक परीक्षणों में जोनखम बहत ऄनधक होता है।
यद्यनप तृतीय निश्व में ननम्नस्तरीय स्िास्थ्य सेिा प्रणाली के कारण जरटलतापूणण मामलों
में ईनकी सुभेद्यता में िृनद् हो सकती है तथा ईनके शरीर पर दकये गए प्रयोगों द्वारा
निनभन्न दुष्प्रभाि भी ईत्पन्न हो सकते हैं।
तृतीय निश्व के देशों से प्राप्त अंकड़ों की निश्वसनीयता भी ऄपयाणप्त ननरीक्षण के कारण
संदह
े के दायरे में हैं।
अदद को समानहत करके ईन्त्हीं सुरक्षा ईपायों और सािधाननयों का ईपयोग करूंगा, नजन्त्हे
निकनसत देशों में ईपयोग दकया जाता है। मैं यह सुनननित करूंगा दक दकसी भी प्रकार की
ऄिैध प्रदिया न ऄपनाइ जाए और दकसी भी ईकलंघन के निरुद् सख्त कारण िाइ की जाए।
आस प्रकार, नजन लोगों ने मुझ पर निश्वास दकया है, मैं ईन लोगों के सुरक्षा और ककयाण से
समझौता दकए नबना में ईन्त्हें ऄत्यनधक लाभ सुनननित करने में सक्षम हो जाउंगा।
(c) एक मानक प्रदिया की रुपरे खा:
सामानजक मूकय: ऄध्ययनों से शोधकताणओं को यह तय करने में सहायता प्राप्त होनी
चानहए दक लोगों के स्िास्थ्य और ककयाण को सुधारा जा सकता है।
िैज्ञाननक िैधता: शोध से ईपयोगी पररणाम प्राप्त होने और ज्ञान में िृनद् ऄपेनक्षत है
शोधकताणओं को ऄपने प्रयोगों को यथासंभि ऄ्छे से नडजाआन करना चानहए।
ईनचत व्यनि का चयन: शोधकताणओं को पररक्षण के नलए लोगों का चयन करने तथा यह
ननणणय लेने में ननष्पक्ष होना चानहए दक ऄध्ययन में कौन लोग शानमल हो सकते हैं।
ऄनुकूल जोनखम लाभ ऄनुपात: शोध के नैनतक होने के नलए, प्रदिया के जोनखम को
लोगों को होने िाले लाभ और / या समाज को प्राप्त महत्िपूणण निीन ज्ञान द्वारा संतुनलत
दकया जा सकता है।
स्ितंर समीक्षा: शोधकताण कभी-कभी ईन ईपायों की ऄनदेखी करते हैं नजनसे शोध
पररणामों में सुधार हो सकता है। आस प्रकार की समस्याओं से बचने के नलए, शोध से
ऄसंबद् लोगों के समूह द्वारा एक स्ितंर समीक्षा करना अिश्यक होना चानहए।
सूनचत सहमनत: ऄध्ययन के नििरण के बारे में लोगों को बताया जाना चानहए। ईन्त्हें
स्िे्छा से भाग लेने एिं सूनचत सहमनत प्रदान करने के नलए सहमत होना चानहए।
नजनके उपर परीक्षण दकया जाना है ईनका सम्मान: सूचना की गोपनीयता को बनाए
रखने के साथ ननयनमत स्िास्थ्य ननरीक्षण से लोगों में निश्वास का सृजन दकया जा सकता
है।
डाटा साझाकरण: निगत शोध कायों के डेटा को ऄन्त्य लोगों को भी ईपलब्ध कराया
जाना चानहए। यह समान दिाओं हेतु नए परीक्षणों की अिश्यकता को समाप्त कर देगा,
ऄतः नजससे दिा संबंधी स्िीकृ नत की प्रदिया तीव्र हो जाएगी। आस ईपननयम को डेटा
एक्सक्लूनसनिटी पर WTO िाताणओं में भी सुनननित दकया जाना चानहए।
गुण
चूंदक यह लंबे समय पूिण घरटत हअ था और आससे कोइ भी प्रभानित नहीं हअ था,
गुण
ऐसी घटनाओं की ररपोटण करना राज्य कानूनों के प्रनत सम्मान को दशाणता है।
सुरेश के साथ रमेश के व्यनिगत संबंध भी ऄप्रभानित रहेंगे ।
यह ररसाि के प्रभाि के अकलन के नलए एक निस्तृत जांच का कारण बन जाएगा।
दोष
यह रमेश और सुरेश दोनों के पेशि
े र कररयर के नलए खतरे ईत्पन्न कर सकता है।
3. ऄपने िररष्ठ या ननदेशक से आस संबध
ं में बात करना
गुण
यह िररष्ठों एिं ननदेशक को अिश्यक कदम ईिाकर ऄपनी प्रारं नभक रुरटयों को सही
करने के नलए ईनचत कारण िाइ करने का ईनचत ऄिसर प्रदान करता है।
यह दशाणता है दक रमेश सभी ईपलब्ध निककपों को ननष्पाददत करने का प्रयत्न कर रहा है
जहां िह नागररक के रूप में ऄपने मूकयों और नजम्मेदाररयों को न्त्यायसंगत सानबत कर
सकता है।
दोष
ईसे ऄपने निरुद् कं पनी में निरोध का सामना करना पड़ सकता है क्योंदक कं पनी ने ऄब
तक आस घटना को ररपोटण नहीं दकया है।
4. नहहसल ब्लोऄर बनना और घटना का प्रकटीकरण
गुण
एक नजम्मेदार नागररक की तरह िह राज्य कानूनों को पालन करने के प्रनत ऄपनी
प्रनतबद्ता को सुनननित करे गा।
यदद बाद में कोइ प्रनतकू ल प्रभाि पड़ता है, तो िह पयाणिरण को बचाने और लोगों के
िह ऄपनी नौकरी खो सकता है और सुरेश के साथ ऄपने संबंधों को स्थायी रूप से समाप्त
कर सकता है।
(c) सिाणनधक ईनचत कायणिाही
मामले की गंभीरता को देखते हए मैं िररष्ठों को आस घटना की ररपोटण सरकार से करने के नलए
सहमत करने का प्रयत्न्न करूंगा, जो पयाणिरण और जनता को हइ क्षनत का अकलन कर सकें ।
आसका यह भी पररणाम होगा दक ऄपरानधयों को ईनके कायों के नलए दंनडत दकया जाएगा।
यह निनध के ननयम का पालन करने के नलए एक ईदाहरण भी स्थानपत करे गा। हालांदक,
आसका पररणाम यह भी हो सकता है दक मैं ऄपनी नौकरी खो सकता हं। साथ ही, यह ध्यान
ददया जाना चानहए दक ऐसे मामलों में सािणजननक नहत सिाणनधक महत्िपूणण है नजनसे दकसी
भी कीमत पर समझौता नहीं दकया जा सकता है।
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