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STATE COUNCIL OF EDUCATIONAL RESEARCH AND TRAINING

(An Autonomous Organisation of Education Department, Govt. of NCT Delhi)


VARUN MARG, DEFENCE COLONY, NEW DELHI - 110024

Entrepreneurship Mindset Worksheet


Name of the Student: __________________ Name of the teacher: __________ Class: __
Date: ___ Subject: EMC Worksheet No. 7 Youtube: https://bit.ly/EMC_worksheet_7

प्रभावी संचार (Effective Communication)- PART 1


पिछले सप्ताह हमने अपनी क्षमता के अनरू ु प करियर के बारे में समझा था। किसी भी करियर में प्रभावी संचार
करना महत्त्वपर्ण
ू है । इसके लिए सबसे पहले ध्यान से सन
ु ना और स्पष्ट रूप से बोलना सीखना होगा।

नीचे दिए गए चित्र को दे खिए। ये सब किस बारे में बात कर रहे होंगे?

रवि: “ मेरा जन्म रविवार के दिन हुआ था, इसलिए मेरा


नाम रवि रखा गया।”
मिनी: “मेरी बड़ी बहन का नाम टिनी है तो मेरा नाम मिनी
रखा गया।”
नरगिस, “ मेरी दादी को नरगिस के फूल बहुत पसंद हैं
इसलिए मेरा नाम नरगिस रखा गया।”
सर्बजीत, “ मेरे पिता जी के मामा जी की याद में मेरा नाम
सर्बजीत रखा गया।”

➤ रवि, मिनी, नरगिस और सर्बजीत एक-दस ू रे को अपने नाम की कहानी बता रहे हैं। अपने नाम के बारे में आप
क्या सोचते हैं? अपने नाम से संबधि
ं त कोई चित्र बनाइए या चित्र चिपकाइए:

➤ आपके नाम की कहानी क्या है ? अपने परिवार के सदस्यों से पछि


ू ए। आपने अपने नाम की कहानी जानने के
लिए उनसे क्या प्रश्न पछ
ू े ? यहाँ लिखिए:
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➤ अपने किसी साथी को फ़ोन करके उसे अपने नाम की कहानी बताइए।

अब इन प्रश्नों के बारे में सोचकर लिखिए:

● आपने जिस साथी से बात की, उसे ही क्यों चन


ु ा? क्या अपने बारे में उसे बताना आसान था? क्यों?
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● यदि यही बात किसी नए साथी को बतानी होती तो क्या उसे अपने नाम की कहानी बताना मश्कि
ु ल
होता या आसान? क्यों?
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● अपने बारे में बात करना आसान नहीं होता पर यदि ईमानदारी से अपनी बात रखी जाए तो सन ु ने वाला
व्यक्ति ध्यान से बात सन
ु ता है । क्या आपको लगता है , यह बात ठीक है ? क्यों या क्यों नही?
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पिछली गतिविधि में आपने अपनी बात को कहने के बारे में समझा। आइए अब समझते हैं सन
ु ने के बारे में !
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➤ इस गतिविधि को परिवार के 2 अन्य सदस्यों के साथ मिलकर करना है ।

पहला सदस्य आप स्वयं दस


ू रा सदस्य

क्या करना है ? जीवन की किसी उनकी बात सन ु कर उसे दोनों की बात ध्यान से
महत्त्वपर्ण
ू घटना के बारे उन्हीं के शब्दों में , वैसे ही सनु नी है ।
में सोचना है जब वे खशु , हाव-भाव प्रयोग करते हुए
उदास, परे शान या फिर से बताना है ।
उत्साहित थे। यदि वे उस
घटना के बारे में आपको
बताने में सहज हैं तो उस
घटना के बारे में बताएँगे।

गतिविधि के बाद क्या अपने बारे में बात क्या सन


ु ी गई बात को क्या सन
ु ी हुई बात को वैसा
सोचें , आपस में चर्चा करें करना आसान था? क्यों फिर से हू-ब-हू बताना ही बताया जा सका?
और लिखें या क्यों नहीं? आसान था? क्यों या क्यों
नहीं? आप इन दोनों को बेहतर
आप अपनी बात को और रूप से अपनी बात कहने
बेहतर रूप से कैसे बता आप बात को और ध्यान और बात सन ु ने के लिए
सकते थे? से सन
ु ने के लिए क्या कर क्या सलाह दें गे?
सकते थे?

कई बार हमें ऐसा लगता है कि हम दस ू रों की बात ध्यान से सनु ते हैं, पर यदि सन
ु ी गई बात को ही फिर से बताने
को कहा जाए तो शायद हम वैसा ही न बता पाएँ । इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे हमारा ध्यान कहीं और
होना या बोलने वाले की बात काटकर अपनी बात कहने की जल्दी करना। इसलिए बातचीत के समय परू ा ध्यान
वहीं होना ज़रूरी है । यदि कोई हमारी बात सन ु ते हुए ऐसा करे तो हम अपनी बात ठीक से बता भी नहीं पाते।
अपनी बात किसी को बताते हुए भी हमारा परू ा ध्यान बातचीत में ही होना चाहिए।

➤किसी से बात करते हुए आप सन ु ने और कहने में किन बातों का ध्यान रखेंगे?
सोचिए, अपने परिवार के सदस्यों के साथ या फ़ोन पर अपने दोस्तों के साथ बात करने का अभ्यास कीजिए और
अपना अनभु व साझा कीजिए।

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