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EMC - Communication Part 1
EMC - Communication Part 1
नीचे दिए गए चित्र को दे खिए। ये सब किस बारे में बात कर रहे होंगे?
➤ रवि, मिनी, नरगिस और सर्बजीत एक-दस ू रे को अपने नाम की कहानी बता रहे हैं। अपने नाम के बारे में आप
क्या सोचते हैं? अपने नाम से संबधि
ं त कोई चित्र बनाइए या चित्र चिपकाइए:
➤ अपने किसी साथी को फ़ोन करके उसे अपने नाम की कहानी बताइए।
● यदि यही बात किसी नए साथी को बतानी होती तो क्या उसे अपने नाम की कहानी बताना मश्कि
ु ल
होता या आसान? क्यों?
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● अपने बारे में बात करना आसान नहीं होता पर यदि ईमानदारी से अपनी बात रखी जाए तो सन ु ने वाला
व्यक्ति ध्यान से बात सन
ु ता है । क्या आपको लगता है , यह बात ठीक है ? क्यों या क्यों नही?
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पिछली गतिविधि में आपने अपनी बात को कहने के बारे में समझा। आइए अब समझते हैं सन
ु ने के बारे में !
STATE COUNCIL OF EDUCATIONAL RESEARCH AND TRAINING
(An Autonomous Organisation of Education Department, Govt. of NCT Delhi)
VARUN MARG, DEFENCE COLONY, NEW DELHI - 110024
क्या करना है ? जीवन की किसी उनकी बात सन ु कर उसे दोनों की बात ध्यान से
महत्त्वपर्ण
ू घटना के बारे उन्हीं के शब्दों में , वैसे ही सनु नी है ।
में सोचना है जब वे खशु , हाव-भाव प्रयोग करते हुए
उदास, परे शान या फिर से बताना है ।
उत्साहित थे। यदि वे उस
घटना के बारे में आपको
बताने में सहज हैं तो उस
घटना के बारे में बताएँगे।
कई बार हमें ऐसा लगता है कि हम दस ू रों की बात ध्यान से सनु ते हैं, पर यदि सन
ु ी गई बात को ही फिर से बताने
को कहा जाए तो शायद हम वैसा ही न बता पाएँ । इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे हमारा ध्यान कहीं और
होना या बोलने वाले की बात काटकर अपनी बात कहने की जल्दी करना। इसलिए बातचीत के समय परू ा ध्यान
वहीं होना ज़रूरी है । यदि कोई हमारी बात सन ु ते हुए ऐसा करे तो हम अपनी बात ठीक से बता भी नहीं पाते।
अपनी बात किसी को बताते हुए भी हमारा परू ा ध्यान बातचीत में ही होना चाहिए।
➤किसी से बात करते हुए आप सन ु ने और कहने में किन बातों का ध्यान रखेंगे?
सोचिए, अपने परिवार के सदस्यों के साथ या फ़ोन पर अपने दोस्तों के साथ बात करने का अभ्यास कीजिए और
अपना अनभु व साझा कीजिए।