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सीखने की संप्राप्तियााँ

(कक्षा: छठी – दसवीं)


(Learning Outcomes)
कक्षा - छठी
601) हहंदी भाषा पढ़ने एवं लिखने के प्रति रुचि हदखािे हैं।
602) हहंदी के वर्णों, मात्राओं, संयुक्िाक्षरों को पुस्िक से पढ़िे हैं और उन्हें स्वयं लिखने का पुनः अभ्यास
करिे हैं।
603) मात्राओं के कारर्ण आई उच्िारर्ण-लभन्न्िा को ध्यान दे कर पढ़िे हैं।
604) हहंदी में आए 'र' के ववववध रूपों- कृपा, कमम, क्रम को ध्यान दे कर पढ़िे हैं।
605) अध्यापक द्वारा ककए गए पुस्िक की कवविाओं के आदर्म वािन का यथावि अनुकरर्ण करिे
हैं।
606) पुस्िक के गद्य पाठ- कहानी, िेख, एकांकी के र्ब्दों को जोड़-जोड़कर पढ़िे हैं।
607) पाठ के अभ्यास में हदए गए ररक्ि स्थान की पूतिम, सरि प्रश्नों के उत्तर पाठ में से खोजकर कर
िेिे हैं।
608) व्याकरर्ण संबंधी ववववध ववषय जैसे- एकविन से बहुविन, लिंग बदिो, ववपरीि र्ब्द आहद स्वयं
लिखने का प्रयास करिे हैं।
609) पंजाबी भाषा से लभन्न मात्राओं , वर्णो और र्ब्दों को सीख कर लिखने से उत्साहहि होिे हैं। जैसे-
ਕੱ ਚਾ-कच्िा, ਫੱ ਲ-फूि, ਸ਼੍ਰੀ-श्री आहद।

610) भाषा की बारीककयों के प्रति ध्यान आकवषमि करिे हैं।


611) अध्यापक के सहयोग से ककसी एक ववषय पर तनबंध रिना करिे समय लमििे जुििे ववषयों
पर स्वयं पंप्क्ियााँ लिख िेिे हैं। जैसे- 'मेरी गाय' तनबंध के साथ मेरा कुत्ता अथवा अन्य कोई पाििू
पर्ु-पक्षी पर लिखना।
612) अध्यापक द्वारा श्यामपट्ट पर लिखे प्राथमना-पत्र का अनुकरर्ण िेखन करिे हैं। लमििे-जुििे
ववषय पर स्वयं पत्र लिख िेिे हैं। जैसे:- ज़रुरी काम अथवा बीमारी की छुट्टी का पत्र।

कक्षा - सािवीं
701) हहंदी भाषा पढ़ने लिखने के लिए ववद्याथी उत्साह एवं िगन हदखािे हैं।
702) हहंदी के संयुक्िाक्षरों- क्ष, त्र, ज्ञ, द्व, द्य, श्र आहद की बनावट को समझने िगिे हैं और उनका
प्रसंगानुसार र्ुद्ध रूप लिखिे हैं।
703) मात्राओं के कारर्ण आई उच्िारर्ण-लभन्निा को ध्यान दे कर पढ़िे हैं और इस कारर्ण आए अथम-
भेद केप्रति सिेि होिे हैं।

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704) हहंदी में आए 'र' के ववववध रूपों- कृपा, कमम, क्रम को ध्यान दे कर पढ़िे हैं और इनके मूि स्वरूप
को समझने की कोलर्र् करिे हैं।
705) पुस्िक की कवविाओं का अनुकरर्ण एवं स्विंत्र वािन दोनों करिे हैं।
706) पुस्िक के गद्य पाठ- कहानी, िेख, एकांकी को िय के साथ पढ़ने का अभ्यास करिे हैं।
707) पाठ के अभ्यास में हदए गए प्रश्न-उत्तर, ररक्ि-स्थान, मुहावरों- िोकोप्क्ियों, अर्द्
ु ध-र्ुद्ध की पाठ
में से स्वयं खोज करके अपने भाषा ज्ञान का प्रदर्मन करिे हैं।
708) व्याकरर्ण संबंधी ववववध ववषय जैसे- एकविन से बहुविन, लिंग बदिो, ववपरीि र्ब्द, भाववािक
संज्ञा तनमामर्ण, समानाथमक र्ब्दों को समझकर उनमें तनहदम ष्ट पररविमन कर पाने की कोलर्र् करिे हैं।
709) पंजाबी भाषा के र्ब्दों के हहंदी-रूप जानने में रुचि हदखािे हैं और उन्हें लिखने का प्रयास करिे
हैं। जैसे: - ਨ ਿੰ ਮ-नीम, ਟਾਹਲੀ-र्ीर्म, ਹਣ-अब आहद।

710) भाषा की बारीककयों को समझने की कोलर्र् करिे हैं।


711) ववद्यािय अथवा अपने आस-पास घटी घटनाओं पर खुद वाक्य रिना करने का प्रयास करिे हैं।
जैसे: -आाँखों दे खा मैि, मेरी कक्षा का कमरा, दीपाविी आहद।
712) प्राथमना पत्र के साथ लमत्र, ररश्िेदार को पत्र लिखने योग्य हो जािे हैं। इस िरह औपिाररक एवं
अनौपिाररक पत्रों में भेद करने िगिे हैं। पत्रों में अपने तनजी वविारों का समावेर् करिे हैं।
सीखने की संप्राप्तियों (Learning outcomes) पर आधाररि अभ्यास के प्रश्न

कक्षा - आठवीं
801. हहंदी में बोिने और लिखने के लिए यत्नर्ीि
802. संयुक्िाक्षरों – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, आहद की बनावट को समझना
803. मात्राओं के कारर्ण आई उच्िारर्ण-लभन्निा को ध्यान दे कर पढ़ना
804. भाषा में आए ‘र’ के ववववध रूपो को समझना
805. पुस्िक की कवविाओं का पूर्णम हाव-भाव, िय, ववराम के साथ वािन
806. पुस्िक के गद्य पाठ – कहानी, तनबंध, एकांकी को प्रभावी ढं ग से पढ़ना
807. पाठ के अभ्यास में हदए गए प्रश्न-उत्तर, ररक्ि स्थान, मुहावरों-िोकोप्क्ियों, अर्ुद्ध-र्ुद्ध आहद को
स्वयं खोजना
808. ववववध व्याकरणर्णक संदभों के उदाहरर्ण दे खकर स्वयं उनके तनयमों को समझना
809. पंजाबी-हहंदी के व्याकरणर्णक अंिर को समझना िथा उसी के अनुरूप र्ब्दों को पढ़-लिख िेना
810.भाषा की बारीककयों को समझना और सही र्ब्दों का िुनाव करना
811. ववद्यािय िथा अपने आस-पास घटी घटनाओं पर अपने मौलिक वविार रखना
812. प्राथमना पत्र के साथ लमत्र, ररश्िेदार को पत्र लिखने योग्य हो जाना
813. पत्र िेखन में बाँधी-बाँधाई भाषा का प्रयोग न करके अपने मौलिक वविारों को प्राथलमकिा दे ना

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कक्षा - नौवीं
901. सामाप्जक मुद्दों ( जेंडर भेद, जाति भेद,ववलभन्न प्रकार के भेद ) पर कायमक्रम सुनकर/दे खकर
अपनी राय व्यक्ि करिे हैं।
902. अपने आस- पड़ोस के िोगों, स्कूिी सहायकों या स्कूिी साचथयों की आवश्यकिाओं को कह और
लिख पािे हैं।
903. पाठ्य पुस्िक के अतिररक्ि नई रिनाओं के बारे में जानने /समझने को उत्सुक हैं और उन्हें
पढ़िे हैं।
904. अपनी पसंद की अथवा ककसी सुनी हुई रिना को पस्
ु िकािय या अन्य स्थान से ढूाँढ़कर पढ़ने
की कोलर्र् करिे हैं।
905. समािारपत्र, रे डडयो और टे िीववज़न पर प्रसाररि होने वािे ववलभन्न कायमक्रमों, खेि, किल्म, साहहत्य
- संबंधी समीक्षाओं, ररपोटों को दे खिे, सुनिे और पढ़िे हैं।
906. दे खी-सुनी, सुनी-समझी, पढ़ी और लिखी घटनाओं/ रिनाओं पर स्पष्टिया मौणखक एवं लिणखि
अलभव्यप्क्ि करिे हैं।
907. दस
ू रों द्वारा कही जा रही बािों को धैयम से सुनकर उन्हें समझिे हुए अपनी स्पष्ट राय व्यक्ि
करिे हैं।
908. अपने अनुभवों, भावों और दस
ू रों की राय, वविारों को लिखने की कोलर्र् करिे हैं।
909. ककसी सुनी, बोिी गई कहानी, कवविा अथवा अन्य रिनाओं को रोिक ढं ग से आगे बढ़ािे हुए
लिखिे हैं।
9010. सामाप्जक मुद्दों पर ध्यान दे िे हुए पत्र, नोट िेखन इत्याहद कर पािे हैं।
9011. पाठ्य पुस्िकों में र्ालमि रिनाओं के अतिररक्ि, जैसे - कवविा, कहानी, एकांकी, गद्य-पद्य की
अन्य ववधाओं को पढ़िे-लिखिे हैं और कवविा की ध्वतन और िय पर ध्यान दे िे हैं।
9012. संगीि, किल्म, ववज्ञापनों खेि आहद की भाषा पर ध्यान दे िे हैं। जैसे - उपयुमक्ि ववषयों की
समीक्षा करिे हुए उनमें प्रयुक्ि रप्जस्टरों का उपयोग करिे हैं।
9013. भाषा-साहहत्य की बारीककयों पर ििाम करिे हैं, जैसे - ववलर्ष्ट र्ब्द भंडार, वाक्य - संरिना, र्ैिी
- संरिना, मौलिकिा आहद।
9014. अपने आस-पास के रोज़ाना बदििे पयामवरर्ण पर ध्यान दे िे हैं िथा पयामवरर्ण संरक्षर्ण के लिए
सिेि होिे हैं।
9015. अपने साचथयों की भाषा, उनके वविार, व्यवहार, खान-पान, पहनावा संबंधी प्जज्ञासा को कहकर
और लिखकर व्यक्ि करिे हैं।
9016. हस्िकिा, वास्िुकिा, खेिीबाड़ी के प्रति अपनी रुचि व्यक्ि करिे हैं िथा इनमें प्रयुक्ि होने वािी
भाषा को जानने की उत्सुकिा रखिे हैं।
9017. जाति, धमम, रीति ररवाज़, जेंडर आहद मुद्दों पर प्रश्न करिे हैं।
9018. अपने पररवेर् की समस्याओं पर प्रश्न िथा साचथयों से बाििीि/ ििाम करिे हैं।

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9019. सभी ववद्याथी अपनी भाषाओं की संरिना से हहंदी की समानिा और अंिर समझिे हैं।

कक्षा – दसवीं
1001 अपने पररवेर्गि अनुभवों पर अपनी स्विंत्र राय मौणखक एवं लिणखि रूप में व्यक्ि करना।
1002 अपने आस पास और स्कूि के साचथयों की जरूरिों को अपनी भाषा में अलभव्यक्ि करना।
1003 आाँखों से न दे ख सकने वािे साथी की पाठ्य सामग्री को उपिब्ध कराने के संबंध में पुस्िकािय
अध्यक्ष को तनवेदन करना।
1004 न बोि सकने वािे साथी की बाि को समझकर अपने र्ब्दों में बिाना
1005 नई रिनाएाँ पढ़कर उन पर अपने पररवार एवं साचथयों से बाििीि करना
1006 संिार माध्यमों से प्रसाररि /प्रकालर्ि रूप की रिनाओं को मौणखक एवं लिणखि हटतपर्णी करना।
1007 अपने अनुभवों एवं कल्पनाओं को सज
ृ नात्मक ढं ग से लिखना।
1008 कवविा या कहानी की पुनः रिना करना।
1009 औपिाररक पत्र को अपने आस पास की समस्याओं को ध्यान में रखकर लिखना।
1010. रोज़मराम की घटनाओं को अपने भाषा में काल्पतनक और सज
ृ नात्मक प्रयोग करिे हुए लिखना।
1011. पाठ्य पुस्िकों के इिावा अन्य कवविा, कहानी, एकांकी को पढना - लिखना और मंिन करना।
1012. भाषा साहहत्य की बारीककयों पर ििाम करना।
1013. ववववध साहहप्त्यक ववधाओं के अंिर को समझना और उनके स्वरूप का ववश्िेषर्ण करना।
1014. ववववध साहहप्त्यक ववधाओं को पढ़िे हुए व्याकरणर्णक संरिनाओं पर ििाम करना।
1015. प्राकृतिक एवं सामाप्जक मुद्दों, घटनाओं के प्रति अपनी प्रतिकक्रया को बोिकर या लिखकर प्रकट
करना।
1016. कफल्म एवं ववज्ञापनों को दे खकर उनकी समीक्षा लिखना, दृश्य माध्यम की भाषा का प्रयोग करना।
1017. पररवेर्गि भाषा प्रयोगों पर प्रश्न करना।
1018. अपने पररवेर् को बेहिर बनाने की कोलर्र् में सज
ृ नात्मक िेखन करना।

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