माध्यमों के अनेक साधन होने के बावजद ू भी पत्र आपसी संबंध बनाए रिने का महत्वपर् ू त साधन है । पत्र ववचारों के आदान प्रदान का एक श्रेष्ठ माध्यम है ।
पत्र दो प्रकार के होते हैं-
१.औपचाररक पत्र २.अनौपचाररक पत्र
औपचाररक पत्र- ऐसे पत्र साधारर् तौर पर उन्हें
लििें जाते हैं। जजन्हें हम जानते
पहचानते नह ं है जैस-े व्यापार , प्रधानाचायत को कंपननयों को ऑफिस में संपादकों को तथा पुस्तक ववक्रेता को। अनौपचाररक पत्र- ऐसे पत्र साधारर् तौर पर लमत्रों,
ररश्तेदारों, संबंधधयों आदद को लििे
जाते हैं। इन्हें व्यजततगत पत्र भी
कहा जाता है ।इन पत्रों में
औपचाररकता का ववशेष महत्व नह ं ह
है । औपचारिक पत्र
*मोहल्ले में सफाई के संबंध में नगि ननगम के
स्वास््य अधधकार को पत्र लिखिए।
सेवा में ,
स्वास््य अधधकार
नगर ननगम कायातिय
मेरठ,
ददनांक-
ववषय- मोहल्िे की सिाई के संबंध में ।
महोदय,
सववनय ननवेदन है फक हम सब गांधी नगर
के ननवासी हैं।हम सब मोहल्िे में बढ़ती गंदगी से
परे शान हैं। हमारे मोहल्िे में जगह-जगह कूडे के ढे र िगे हैं। जजनसे डेंग,ू मिेररया आदद जैसी बीमाररयां