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ChaturshashtiYoginis-Stotras-v1-2020-04-05 - To Share
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Date : 05-04-2020.
श्री गणेशाय नमः।
This Book Contains –
॥ एक आवश्यक सचू ना ॥
इस माध्यम से दी गयी जानकारी का मख्ु य उद्देश्य ससर्फ उनलोगों तक देवी-
देवताओ ं के स्तोत्र , कवच आसद का ज्ञान सरल शब्दों में देना-पहचुँ ाना है,
जो इसको जानने-सीखने के इच्छुक है ।
यह ससर्फ देखने-सनु ने-पढ़ने-और-सीखने के उद्देश्य से बनाई गयी है ।
वेद - शास्त्र, ग्रंथों और अन्य पस्ु तकों मे सदया हआ बहमल्ू य ज्ञान देखने-पढ़ने-
सनु ने-समझने-जानने और सजं ो कर सरु सित रखने योग्य है ।
पर इस जानकारी का गलत तरीके से उपयोग, या प्रयोग आपका नक ु सान कर
सकता है । अतः सावधान रहें ।
इससे होने वाले सकसी भी तरह की लाभ-हासन के सलये हम सजम्मेवार नही होंगे ।
(धन्यवाद )\
॥ आवाहन मंत्र ॥
ओम्आवाहयाम्यहं देवी योष्टिनीं परमेश्वरीम्।
योिाभ्यासेन संतिा परं-ध्यान समष्टिता ॥ * योिा-अभ्यासेन
ष्टदव्य-कण्डल-संकाशा, ष्टदव्य-ज्वाला-ष्टत्रलोचना ।
मूर्ततमती ह्यमूताा च उग्रा च ैवोग्ररूष्टपणी* ॥ *च-ऐव-उग्ररूष्टपणी
अनेक-भाव-संयक्ता, संसाराणाव-ताष्टरणी । *संसार-आणाव
यज्ञे कवान्त ष्टनर्तवघ्नं श्रेयो यच्छ्न्न्त मातर: ॥
अब िंि, अक्षत, िूप, दीप, न ैवेद्य, फल, लाल फू ल आष्टद से पूजन करें ।
इनकी पूजा-जप आष्टद में अष्टिकतर लाल रंि की वस्त का प्रयोि होता है ।
ऐसा तन्त्रों में वर्तणत है।
॥ चतुःषष्टि योष्टिनी-पूजन ॥
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः िंिम समप ायाष्टम । (चन्दन आष्टद िंि चढायें )
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः अक्षत समप ायाष्टम ।
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः पष्पं समप ायाष्टम ।
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः िूपम आघ्रापयाष्टम ।
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः दीपं दशायाष्टम । *समप ायाष्टम
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः नवेद्य ं समप ायाष्टम ।
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः आचमनीयं जलं समप ायाष्टम ।
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः ऋत फलांष्टन समप ायाष्टम ।
ू म समप ायाष्टम ।
ॐ चतुःषष्टि योष्टिनीभ्यो नमुः तांबल
64-Yogini-Stotra-Havan- e2Learn By VRakesh
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॥ मानष्टसक-पूजन ॥
ॐ "लं " पृथ्वी-तत्वात्मकं िन्धं, श्री चतुःषष्टि योष्टिनी-देवता-प्रीतये समप ायाष्टम नमुः ।
ॐ "हं" आकाश-तत्वात्मकं पष्पं श्री चतुःषष्टि योष्टिनी-प्रीतये समप ायाष्टम नमुः ।
ॐ "यं" वाय-तत्वात्मकं िूपम् श्री चतुःषष्टि योष्टिनी-प्रीतये आघ्रापयाष्टम नमुः ।
ॐ "रं" अष्टि-तत्वात्मकं दीपं श्री चतुःषष्टि योष्टिनी-प्रीतये दशायाष्टम नमुः ।
ॐ "वं" अमृत-तत्वात्मकं महान ैवेद्य ं श्री चतुःषष्टि योष्टिनी-प्रीतये ष्टनवेदयाष्टम नमुः ।
ॐ "वं" जल-तत्वात्मकं महान ैवेद्य ं श्री चतुःषष्टि योष्टिनी-प्रीतये ष्टनवेदयाष्टम नमुः ।
ॐ "सं" सवा-तत्वात्मकं सवोपचारार्थे ताम्बूलं श्री चतुःषष्टि योष्टिनी-प्रीतये
समप ायाष्टम नमुः ॥ (*सवोपचारपूजां =सवा-उपचार-पूजां)
देवी-का कवच ( माता दगु ाफ, काली, चन्डी-कोई भी) अवश्य पाठ करें ।
इत्यावाह्य=इत्य-आवाह्-य
ा येत =िन्ध-अष्टदष्टभ-पूजये
॥ िन्धाष्टदष्टभपूज ा त ॥