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झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण-modified
झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण-modified
झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण-modified
अिषव्यवथिा की वद्
ृ धि के साि कृर्र् क्षेत्र की हहथसेदाऱी में कमी एक
सावषभौलमक घटना है । यह कृर्र् क्षेत्र की िकनीकी सीमाओं और आय में
वद्
ृ धि के साि मांग की संरचना में पररविषन दोनों के कारण होिा है ।
झारखंड में, कृर्र् क्षेत्र की हहथसेदाऱी में कमी केवल इसकी िकनीकी और
आधिषक सीमाओं के कारण नह़ीं है अर्पिु यह हरास इस क्षेत्र में इष्टम
प्रदशषन नह़ीं होने के कारण भी है । खेिी के क्षेत्र के र्वथिार, लसंचाई
क्षेत्रफल में वद्
ृ धि एवं उन्नि और उपयुति प्रौद्योधगकी को अपनाए जाने
से इस प्रक्षेत्र के प्रदशषन में सुिार की पयाषप्ि संभावनाएं हैं।
पूँज
ू ीगत प्राप्ततयाूँ : राज्य सरकार की पूँज
ू ीगि प्रास्प्ियों में ऋण की
वसल
ू ़ी , अन्य गैर - ऋण पूँज
ू ीगि प्रास्प्ियाूँ एवं उिार ििा सरकार की
अन्य दे नदाररयाूँ सस्म्मललि हैं । इनमें से उिार और अन्य दे नदाररयाूँ
राज्य की पज
ूँू ीगि प्रास्प्ियों का मुख्य स्रोि हैं , जो राज्य की कुल
पूँूजीगि प्रास्प्ियों का 99 प्रतिशि से अधिक है ।
गि छह वर्ों में सकल उिार की संरचना में बहुि अधिक लभन्निा नह़ीं
रह़ी है । र्पछले छह वर्ों में , NSSF और Ways and Means
Advances को छोड़कर , उिार के अन्य स्रोिों ने सकल उिार में
अपना हहथसा यिावि बनाए रखा है । राज्य सकल ऋण का लगभग
60 प्रतिशि वर्ष 2014-15 में " Deposits " से आया ििा वर्ष 2019-
20 में सकल उिार में इसकी हहथसेदाऱी लगभग 51 प्रतिशि िी और
वर्ष 2020-21 में लगभग 56 प्रतिशि होने का अनम
ु ान है । वर्ष 2014-
15 में भारिीय ररजवष बैंक से उिाऱी का हहथसा लगभग 25 प्रतिशि िा
. यह negotiated Loan का लगभग 4 प्रतिशि ििा भर्वष्य तनधि का
लगभग 4 प्रतिशि िा जबकक वर्ष 2019-20 में यह क्रमशः 24 प्रतिशि
, 5 प्रतिशि और 4 प्रतिशि िा । चालू र्वत्त ( 2020-21 BE ) में
उनके क्रमशः 24.6 प्रतिशि , 10.6 प्रतिशि और 3.7 प्रतिशि होने का
अनुमान लगाया गया है ।
संथथागत वर्वत्त
र्वत्तीय क्षेत्र , उन लोगों से स्जनके पास अधिशेर् है . से िन जट
ु ा कर
उन्हें उत्पादक क्षेत्रों में उपयोग में लािा है , जो अिषव्यवथिा की प्रगति
में बहुि महत्त्वपण
ू ष भलू मका तनभािा है । लसिंबर 2020 के अंि में राज्य
में 3203 बैंक शाखाएूँ िीं जो दे श में बैंक शाखाओं का लगभग 2.07
प्रतिशि हैं । झारखंड में बैंक शाखाओं की पहुूँच राष्ि़ीय औसि से कम
है । जहाूँ राष्ि़ीय औसि प्रति लाख आबाद़ी पर 11.8 बैंक शाखाओं का
हैं . वह़ीं झारखंड में प्रति लाख आबाद़ी पर 9.16 बैंक शाखाएूँ हैं । बैंक
शाखाएूँ ज्यादािर उन स्जलों में केंहिि हैं जो अत्यधिक शहऱीकृि हैं और
स्जनमें औद्योधगक , खनन और वाणणस्ज्यक केंि हैं । रांची , बोकारो ,
िनबाद और पव
ू ी लसंहभम
ू में खनन , औद्योधगक और वाणणस्ज्यक
गतिर्वधियों के आधितय के कारण राज्य के चार स्जलों में ह़ी लगभग
40 प्रतिशि बैंक शाखाएूँ स्थिि हैं । राज्य की राजिानी रांची में बैंक
शाखाओं का उच्चिम आच्छादन है । बैंक शाखाओं की कुल संख्या का
लगभग 15 प्रतिशि इस स्जले में स्थिि है ।
झारखंड में बैंक ऋण का काफी बड़ा भाग कमजोर वगों के ललए सस्ृ जि
ककया गया है । वर्ष 2014-15 और 2019-20 के बीच अल्पसंख्यकों को
6 प्रतिशि से अधिक अधिम हदए गए हैं , 5 प्रतिशि से अधिक
अनुसूधचि जाति को , 7 प्रतिशि से अधिक अनुसूधचि जनजाति को ,
13 प्रतिशि से अधिक महहलाओं को और समाज के अन्य कमजोर वगों
के ललए 17 प्रतिशि से अधिक ऋण हदए गए हैं ।
आत्मतनर्िर र्ारत
झारखंड में बैंक आत्मतनभषर भारि पैकेज जैसे Emergency Credit
Line Guarantee Scheme ( ECLGS ) , Credit Guarantee
Scheme for Subordinate Debt ( CGSSD ) , Interest
Subvention for MUDRA - Shishu Loans , PM SVANidhi
Scheme लागू कर रह़ी है । वे सभी लोग स्जनकी आधिषक गतिर्वधियाूँ
COVID - 19 महामाऱी के कारण बाधिि हो गयी , को कृर्र्
इन्राथितचर फंड के माध्यम से ऋण सहायिा प्रदान की जा रह़ी है ।
िामीण वर्वकास और पंचायती राज
िामीण र्वकास र्वभाग , झारखंड सरकार , िामीणों के जीवन की
समििा में गण
ु ात्मक सुिार हे िु र्वलभन्न योजनाओं को लागू करने के
ललए प्रतिबद्ि है । इन योजनाओं के द्वारा र्वभाग आजीर्वका के
अवसर , बतु नयाद़ी ढाूँचा , सामास्जक सहायिा के आच्छादन में वद्
ृ धि
कर रहा है एवं बेहिर थिानीय थवशासन के ललए उपयत
ु ि वािावरण
प्रदान कर रह़ी है । इन प्रयासों का यहाूँ के िामीण जीवन पर व्यापक
एवं साकारात्मक असर हो रहा है ।
श्यामा प्रसाद मख
ु जी रूबिन ममशन के िहि राज्य में 15 तलथटर ,
उनके ICAP और DPR के साि , र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में कायाषन्वयन
के ललए िैयार हैं । इसके ललए 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक रालश
मंजूर की गयी है । इसके र्वरुद्ि 534.25 करोड़ व्यय ककए जा चुका है
।
नगर वर्वकास
यह एक थिार्पि िथ्य है कक कथबे / शहर आधिषक र्वकास , व्यवसाय
एवं रोजगार के केंि हैं लेककन , चूंकक हमारे अधिकांश कथबे / शहर
प्राकृतिक रूप से और अतनयोस्जि िऱीके से र्वकलसि हुए हैं , वे
तनवालसयों की बढिी संख्या के ललए आवास , पानी और थवच्छिा जैसी
बतु नयाद़ी सेवाएूँ दे ने के ललए परू ़ी िरह से सस
ु स्ज्जि नह़ीं हैं । इसललए ,
इन कथबों / शहरों को र्वकलसि करने के तनरं िर प्रयासों के बावजद
ू ,
अभी भी ये उच्च आय असमानिा और जीवन की खराब गुणवत्ता के
केंि हैं
र्वलभन्न पशुिन संबंधिि उत्पादों के उत्पादन में र्पछले कुछ वर्ों में
वद्
ृ धि हुई है । राज्य में दिू के उत्पादन में वर्ष 2018-19 के थिर से
13 प्रतिशि वद्ृ धि हुई स्जसके फलथवरुप वर्ष 2019-20 में यह लगभग
25 लाख टन हो गया राज्य में अंडों का उत्पादन भी वर्ष 2018-19 में
637.86 लमललयन से बढकर वर्ष 2019-20 में 69281 लमललयन गया है
, जो कुल 9 प्रतिशि की वद्
ृ धि है । मांस का उत्पादन भी वर्ष 2019-
20 में 62.48 हजार टन से बढकर वर्ष 2020-21 में 67.25 हजार टन
हो गया है , जो लगभग 8 प्रतिशि की वार्र्षक वद्
ृ धि दशाषिा है ।
राज्य में मीठे पानी का बहुि बड़ा संसािन नह़ीं होने के बावजद
ू मत्थय
उत्पादन में हुई प्रगति सराहनीय है । मछल़ी उत्पादन के औसि वार्र्षक
वद्
ृ धि दर ( CAGR ) वर्ष 2015-16 और 2019-20 के बीच 18
प्रतिशि रह़ी है । मछल़ी का उत्पादन वर्ष 2015-16 में 115 हजार टन
िा जो बढकर वर्ष 2019-20 में 223 हजार टन हो गया । मछल़ी -
बीज उत्पादकों और मछल़ी - बीज - उत्पादन में भी ऐसा ह़ी रुझान
दे खा गया है । मत्थय बीज उत्पादकों की संख्या वर्ष 2015-16 में
4183 से बढकर वर्ष 2019-20 में 7929 हो गई और मछल़ी - बीज -
उत्पादन वर्ष 2015-16 में लगभग 162 करोड़ से बढकर वर्ष 2019-20
में 1057 करोड़ हो गयी है ।
वर्ष 2016 में , शुरूआि के पश्चाि वर्ष 2018-19 में रबी के मौसम
िक , लगभग 2.5 लाख ककसानों ने प्रिानमंत्री फसल बीमा योजना से
लाभ उठाया है अब िक लगभग 13 लाख हे तटे यर क्षेत्र का बीमा ककया
गया है ।
राज्य में भंडारण क्षमिा की क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है जो माचष 2019
िक 5.51 लाख मीहिक टन दजष की गयी माचष 2019 िक राज्य में
कोल्ड थटोरे ज क्षमिा 2 लाख मीहिक टन से अधिक िी । वर्ष 2018 के
पश्चाि लगभग 11 प्रतिशि की वद्
ृ धि के कारण माचष 2019 िक कृर्र्
र्वपणन योजना के िहि थवीकृि भंडारण क्षमिा 157316 मीहिक टन
हो गयी है । इस योजना के िहि थवीकृि गोदाम - पररयोजनाओं की
संख्या वर्ष 2017 में 24 से बढकर वर्ष 2019 िक 26 हो गयी िी ।
भंडारण क्षमिा में सुिार होने से कृर्र् उत्पादों में क्षति को रोकने में
मदद लमलेगी स्जससे फसलों की बबाषद़ी कम होगी की और कृर्र् को और
अधिक लाभकाऱी बनाया जा सकेगा ।
र्वत्तीय वर्ष 2019-20 में , AAY के लक्ष्य खाद्य सस्जसडी के रूपये में
164.85 करोड़ रुपये प्राप्ि हुआ स्जसमें से रुपये 150.36 करोड ( 91.2
प्रतिशि ) का उपयोग ककया गया । इसी िरह PHH हे िु रूपये 552.71
करोड़ लमले , स्जसमें रूपये 518.31 करोड़ ( 93.81 प्रतिशि ) उपयोग
ककया गया । हदसंबर 2020 िक र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में रुपये AAY
हे िु खाद्य सस्जसडी के रूप में आवंहटि 164.85 करोड़ रुपये 71.61
करोड़ ( 43.4 प्रतिशि ) का उपयोग ककया गया और 552.71 करोड़
रुपये PHH के ललए हदए गए , स्जसमें से 252.26 करोड़ ( 45.6
प्रतिशि ) का उपयोग ककया गया ।
पोर्ण - सरु क्षा के मामले में झारखंड भारि में Low Performing करने
वाले राज्यों में शालमल है । पाूँच साल से कम उम्र के बच्चों में थटं हटंग
( 45 प्रतिशि ) की व्यापकिा के मामले में झारखंड भारि के शीर्ष िीन
राज्यों में शालमल है । भारि में Wasting ( 29 प्रतिशि ) और
underweight ( 47.8 प्रतिशि ) के प्रसार में इसका शीर्ष रैंक है ।
2015 में कुल ( िामीण + शहऱी ) USMR 39 िा और 2017 में यह
घटकर 34 हो गया है । राज्य में एनीलमया की व्यापकिा ( 69.9
प्रतिशि ) पाूँच साल से कम उम्र के बच्चों में है ।
7-30 लसिंबर 2020 के बीच झारखंड के सभी 24 स्जलों में पोर्ण माह
मनाया गया । कुल गतिर्वधियों की संख्या 5,38,648 िी , जबकक
प्रतिभाधगयों की कुल संख्या 5,16,19,384 िी । पोर्ण ( समि पोर्ण )
में भागीदाऱी संख्या 2,83,854 ( 19 प्रतिशि ) िी और थिनपान में
यह 1.31,695 ( 9 प्रतिशि ) िी ।
उद्योग
झारखंड में िीव्र गति से औद्योगीकरण हो रहा है । चूँकू क झारखंड के
पास दे श के खतनज संपदा का लगभग 40 प्रतिशि इसके व्यापक
खतनज संसािन , खनन और िािु से संबंधिि क्षेत्रों को र्वशेर् रूप से
तनवेश के ललए आकर्षण का केन्ि बनािे हैं । उद्योग के क्षेत्र में वर्ों से
राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है । इसने राज्य के राजथव - संिह में
भी योगदान हदया है
प्रिानमंत्री मि
ु ा योजना ( पीएमएमवाई ) के माध्यम से राज्य सरकार
उद्योगों को समय पर और पयाषप्ि ऋण प्रवाह सुतनस्श्चि करने के ललए
उधचि व्यवथिा करने का प्रयास कर रह़ी है । नई पीढ़ी के इच्छुक
युवाओं के बीच उद्यमशीलिा को बढावा दे ने के उद्दे श्य से , वर्ष 2019
में 1563096 खािे खोले गए हैं , स्जसमें 4380.98 लाख के कऱीब
रालश है । सरकार MSME की पररकल्पना करके उन्हें र्वकलसि करने
की योजना बना रह़ी है ।
सामास्जक समह
ू ों में थिान , लशक्षा और िमष में असमानिा अभी भी
झारखंड में मौजूद है . स्जसे समाज के र्वलभन्न वगों के बीच की खाई
को पाटने के ललए गंभीरिा से संबोधिि करने की आवश्यकिा है ।
सामास्जक र्परालमड के नीचे अवस्थिि लोगों के मद्
ु दों को संबोधिि
करने के ललए राज्य सरकार पारं पररक उद्योग ( SFURTI ) के ललए
योजना की मदद से तलथटर र्वकास को बढावा दे रह़ी है ।
आधारर्त
ू संरचना एर्वं संचार
आिारभूि संरचना एवं संचार ककसी भी अिषव्यवथिा को र्वकास की ओर
अिसर करने के ललए आवश्यक ित्त्व है । खतनज और प्राकृतिक
संसािनों से समद्
ृ ि होने के कारण झारखण्ड में सुदृढ सामास्जक -
आधिषक र्वकास ििा दे श के सबसे िीव्र गति से बढिे राज्यों में से एक
के रूप में उभरने की अपार संभावनाएूँ मौजद
ू हैं । िेजी से सामास्जक -
आधिषक र्वकास की असीम संभावनाओं के दोहन के ललए राज्य जब से
अस्थित्व में आया है िबसे , ढाूँचागि र्वकास के साि - साि संचार के
कुशल एवं व्यापक नेटवकष के तनमाषण को बढावा हदया गया है । राज्य
में बबजल़ी उत्पादन की कुल थिार्पि क्षमिा 2515 मेगावाट है ििा
र्पछले कुछ वर्ों में कुल आवश्यकिा के अनुपाि में ऊजाष उपलजििा के
अंिर में कमी आयी है । राज्य में सड़क का सग
ु हठि नेटवकष है स्जसमें
राष्ि़ीय राजमागों की कुल लंबाई 3367 ककलोमीटर और राज्य राजमागों
की कुल लंबाई 1232 ककलोमीटर सस्न्नहहि है कई नई रे ल लाइनों को
चालू ककया गया है और हाल के वर्ों में कई नयी िे न शरू
ु की गयी हैं ।
राज्य में रे ल पररवहन के बुतनयाद़ी ढाूँचे को बढावा दे ने हे िु झारखंड के
सभी अनुभागों में पटररयों के र्वद्युिीकरण को मंजूऱी द़ी गयी है एवं
वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच कुल 525 ककलोमीटर र्वद्युिीकरण का
कायष आरम्भ ककया गया है । नए हवाई अड्डों की थिापना के साि ह़ी
मौजद
ू ा हवाई अड्डों में सि
ु ार लाकर हवाई पररवहन नेटवकष को मजबि
ू
ककया जा रहा है । कनेस्तटर्वट़ी / सबंद्ििा में सि
ु ार लाने के ललए
डडस्जटल इंडडया कायषक्रम के अंिगषि राज्य में भारि नेट पररयोजना
अपने दस
ू रे चरण में चल रहा है ििा इसके िहि 61 प्रतिशि काम पूरा
हुआ है । विषमान में 11 स्जलों के 64 प्रखंडों में कायष हो रहा है स्जससे
931 िाम पंचायिों को आच्छाहदि ककया जा रहा है सदृ ु ढ आधिषक
र्वकास के ललए र्वद्युि की तनबाषि और पयाषप्ि आपूतिष अपररहायष है ।
वर्ष 2011-12 में राज्य में कुल बबजल़ी की उपलजििा 9988.2 मेगावॉट
िी जो 3.22 प्रतिशि की औसि वार्र्षक दर ( CAGR ) से बढकर वर्ष
2019-20 में 12878.12 मेगावॉट हो गयी । 2515 मेगावॉट की कुल
थिार्पि क्षमिा में से 2276.46 मेगावॉट ( 91 प्रतिशि ) कोयला
आिाररि िापीय ऊजाष से , 8 प्रतिशि ऊजाष जल - र्वद्युि स्रोि से एवं
1.88 प्रतिशि बबजल़ी अक्षय ऊजाष स्रोिों से राज्य को उपलजि होिी है ।
वैसे तनयलमि वेिन भोगी श्लमकों में कमी आयी है जो बबना ककसी
ललणखि अनुबंि के नौकऱी कर रहे िे । वैसे तनयलमि वेिन भोगी (
Regular Wage Salaried ) अलमक , जो बबना ककसी अनब
ु ंि के ,
जो ककसी संवैितनक छुट्ट़ी के अिवा ककसी भी सामास्जक सरु क्षा लाभ
से अच्छाहदि नह़ीं िे उनमें क्रमशः 22.7 प्रतिशि , 3.6 प्रतिशि ििा
10.9 प्रतिशि की धगरावट झारखण्ड के िामीण क्षेत्र में कमी पायी गयी
है । वैसे श्लमक स्जन्हें संवैितनक छुट्ट़ी की अनुमान्यिा नह़ीं िी उनके
सामास्जक सरु क्षा के आच्छादन मापदण्ड पर झारखण्ड ििा दे श के बीच
अंिर का प्रतिशि वर्ष 2017-18 में 10 प्रतिशि से घटकर वर्ष 2018-
19 में 5 प्रतिशि हो गयी है ।
सबसे सरु क्षक्षि नौकररयों आमिौर पर अधिक लशक्षक्षि लोगों द्वारा प्राप्ि
की जािी हैं । वर्ष 2018-19 में , तनयलमि वेिन भोगी श्लमकों में
22.17 प्रतिशि थनािक िे और लगभग 6 प्रतिशि थनािक और उससे
अधिक लशक्षक्षि िे । वर्ष 2018-19 में थनािकोत्तर कामगारों में 70
प्रतिशि तनयलमि वेिन भोगी िे और 30 प्रतिशि थव - तनयोस्जि िे ।
मशक्षा
झारखंड में साक्षरिा दर में परु
ु र्ों और महहलाओं दोनों के ललए , समय
के साि सुिार हुआ है । 2001 से 2018-19 के बीच राज्य की साक्षरिा
दर में कऱीब 37 फीसद़ी की बढोत्तऱी हुई इस अवधि में पुरुर्ों की
साक्षरिा दर में कऱीब 20 फीसद़ी और महहलाओं की साक्षरिा दर में
कऱीब 70 फीसद़ी का इजाफा हुआ है । निीजिन , राज्य का ललंग -
समानिा सचू कांक 2001 में 0.58 से सि
ु रकर 2018-19 में 0.82 हो
गया है हालाूँकक झारखंड में साक्षरिा दर राष्ि़ीय औसि की िुलना में
कम है , लेककन राज्य में यह दर बढ कर राष्ि़ीय औसि के बराबर हो
रहा है । लशक्षा के अन्य आयामों में भी राज्य और राष्ि़ीय औसि के
बीच की खाई िेजी से कम हो रह़ी है ।
DoE द्वारा प्रबंधिि अधिकांश थकूलों में बहुि कम लशक्षक हैं । लगभग
16 प्रतिशि ऐसे थकूलों में केवल एक लशक्षक और 43 प्रतिशि में केवल
दो लशक्षक हैं । केवल 15 प्रतिशि में ऐसे थकूलों में 5-6 या उससे
अधिक लशक्षक हैं ।
झारखंड के अधिकांश थकूल अच्छी स्थिति में हैं शैक्षणणक वर्ष 2019-20
में , केवल माध्यलमक र्वद्यालयों में कक्षाओं का लगभग 4 प्रतिशि
और उच्चिर माध्यलमक र्वद्यालयों में 1 प्रतिशि कक्षाओं को ककसी
बड़ी मरम्मि की आवश्यकिा िी
राज्य में 24 स्जलों में 4472 सावषजतनक थवाथथ्य संथिान कायषरि हैं ,
स्जसमें 23 स्जला अथपिाल ( कुल 3493 शय्या ) 13 अनम
ु ंडल
अथपिाल ( कुल 630 शय्या ) सस्म्मललि हैं । इसके अतिररति , राज्य
में 188 सीएचसी ( Community Health Centre ) , 330 पीएचसी (
Primary Health Centre ) और 3848 एचएससी ( Health Sub
Centre ) कायषरि हैं । हालाूँकक राज्य में थवाथथ्य - सर्ु विाओं का
िनत्व महज 11 प्रति 100000 जनसंख्या िा , जो लोगों की थवाथथ्य
- आवश्यकिाओं को परू ा करने के ललए बहुि ह़ी कम है । इन संथिानों
में विषमान में कायषरि एएनएम और थटाफ नसों की कुल संख्या क्रमशः
9676 और 1173 है । इसके अलावा राज्य में केवल 1710 धचककत्सा
अधिकाऱी ििा 403 वऱीय धचककत्सा अधिकाऱी हैं ।
राज्य में इन सभी प्रािलमकिा वाले समूहों / वगों के ललए योजनाएूँ हैं
और जनसंख्या के इस हहथसे के उत्िान की हदशा में लगािार प्रयासरि
है । राज्य ने इस संबंि में कई पहल ककये हैं । महहला , बाल र्वकास
और सामास्जक सरु क्षा र्वभाग का लक्ष्य राज्य में ललंग - उत्तरदायी -
बजट िैयार करना है इस संबि
ं में , र्वभाग तनयलमि रूप से राज्य के
सभी र्वभागों की वार्र्षक योजना के ललंग उत्तरदायी बजट के उद्दे श्यों का
अनप
ु ालन कर रहा है । र्वभाग का 2020-21 का वार्र्षक बजट लैंधगक
उत्तरदायी बजट के उद्दे श्यों के अनरू
ु प है । झारखंड सरकार ने र्वत्तीय
वर्ष 2019-20 से अपने वार्र्षक बजट में बाल बजट की शरु
ु आि की है ।
महहला , बाल र्वकास और सामास्जक सरु क्षा र्वभाग इसका नोडल
र्वभाग है जो वर्ष 2020-21 से बाल बजट िैयार करने के ललए अन्य
संबंधिि र्वभागों के साि लमलकर कायष कर रहा है ।
राज्य में बाल कल्याण के र्वलभन्न उपाय जैसे राज्य पोर्ण लमशन ,
ककशोर न्याय कोर् और पोर्ण अलभयान हैं । महहलाओं और बाललकाओं
के र्वकास के ललए र्वलभन्न योजनाओं में बेट़ी बचाओ बेट़ी पढाओ ,
ककशोररयों के ललए योजना , िेजस्थवनी पररयोजना , मुख्यमंत्री
कन्यादान योजना , सामास्जक कुऱीति - तनवारण योजना , और
मख्
ु यमंत्री सक
ु न्या योजना शालमल हैं ।
इन सभी योजनाओं का मल
ू उद्दे श्य र्वलभन्न प्रािलमकिा वाले समह
ू ों के
र्वलशष्ट मद्
ु दों को संबोधिि करना और उनका सवाांगीण र्वकास
सतु नस्श्चि करना है । एक समद्
ृ ि समाज अंििः एक समद्
ृ ि
अिषव्यवथिा में बदल जािा है और इसललए झारखंड सरकार का लक्ष्य ,
समि र्वकास सतु नस्श्चि करने के ललए , जमीनी थिर पर काम करना
है ।
जनजातीय कल्याण
अनस
ु धू चि जनजाति , अनस
ु धू चि जाति और अन्य वंधचि समद
ु ाय
झारखंड राज्य की जनसंख्या का एक महत्त्वपण
ू ष हहथसा हैं । ये समद
ु ाय
, हालाूँकक , एक समान नह़ीं हैं । झारखंड के अनस
ु धू चि जनजातियों में
32 आहदवासी समूह शालमल हैं , स्जनमें से 8 र्वशेर् रूप से कमजोर
जनजािीय समह
ू ( PVTG ) हैं
झारखंड में हथिलशल्प की कुछ लोकर्प्रय ककथमें हैं- बांस लशल्प , भीर्त्त
धचन्ह , काथठ लशल्प , िािू लशल्प , गोदना . लेिा लशल्प , मख
ु ौटा
लशल्प , प्रथिर लशल्प , और वाद्य यन्त्र लशल्प ।