झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण-modified

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झारखण्ड : आर्थिक सर्वेक्षण

झारखंड का सकल राज्य घरे लू उत्पाद (जीएसडीपी) स्थिर (2011-


12) मल्
ू य पर वर्ष (2011-12) में रुपया 1,50,918 करोड़ िा। यह
2011-12 और 2014-15 के बीच 7.3 प्रतिशि की औसि वार्र्षक दर
(सीएजीआर) ििा वर्ष 2014-15 और 2018-19 के बीच 4.8 प्रतिशि
की दर से बढ़ी। वर्ष 2019-20 में 6.7% की वद्
ृ धि के आलोक में
जीएसडीपी, के 2,40,036 करोड़ होने का अनुमान है।

झारखंड के प्रति व्यस्ति आय (प्रति व्यस्ति शद्


ु ि राज्य घरे लू
उत्पाद) वर्ष 2011-12 में 41,254 रुपए िी। प्रति व्यस्ति आय 2011-
12 ििा 2014-15 के बीच प्रचललि मल्
ू य पर औसिन 11.6 प्रतिशि
ििा स्थिर मल्
ू य पर 5.7 प्रतिशि एवं 2014-15 और 2018-19 के
बीच प्रचललि मल्
ू य पर 5.9% ििा स्थिर मूल्य पर 3% की दर से बढ़ी
है । वर्ष 2019-20 स्थिर एवं प्रचललि मल्
ू य पर अनुमानि: यह क्रमश:
57,863 रुपए ििा 79,73 रुपए रह़ी हैं अिाषि ् र्पछले वर्ष की िुलना में
वर्ष 2019-20 में इसमें स्थिर मल्
ू य पर5.2% एव प्रचललि मल्
ू य पर
9.2 प्रतिसि की वद्
ृ धि दजष की गई।

र्वर्ि 2020-21 और 2021-22 में झारखंड का जीएसडीपी:- दे श के बाकी


हहथसों की िरह कोर्वड-19 ने झारखंड की अिषव्यवथिा को भी बरु ़ी िरह
प्रभार्वि ककया है । चालू र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य के जीएसडीपी,
स्थिर मल्
ू य(Real GSDP) में 6.9% और प्रचललि मल्
ू य(Nominal
GSDP) में 3.2 प्रतिशि िक संकुचन की संभावना है । इस प्रकार वर्ष
2020-21 में जीएसडीपी के स्थिर मल्
ू य पर 2,23,566 करोड़ एवं
प्रचललि मल्
ू य पर 2,44,805 करोड़ रुपए होने का अनम
ु ान है । अगले
र्वत्तीय वर्ष में स्थिति बेहिर होने का अनुमान है । वर्ष 2020-21 की
िुलना में वर्ष 2021-22 में राज्य के वाथिर्वक जीएसडीपी(Real
GSDP) में 9.5 प्रतिशि की वद्
ृ धि और अनम
ु ातनि जीडीपी में 13.6
प्रतिशि की वद्
ृ धि दजष होने की उम्मीद है । ििार्प वर्ष 2019-20 और
2021-22 के बीच वाथिर्वक(Real) एवं अनम
ु ातनि(Nominal)
जीएसडीपी की वार्र्षक वद्
ृ धि दर क्रमशः मात्र 1 प्रतिशि और 4.9
प्रतिशि ह़ी होगी।

वर्वकास दर में क्षेत्रीय(Sectoral) वर्ववर्वधता:- राज्य की अिषव्यवथिा के


िीन प्रमुख क्षेत्रों (प्रािलमक,द्र्विीयक और िि
ृ ीयक) में, वर्ष 2019-20
में िि
ृ ीयक क्षेत्र(Tertiory sector) सबसे हिव दर से बढा है । वर्ष
2019-20 में जहां प्रािलमक क्षेत्र में 2.2 प्रतिशि वद्
ृ धि दर और
द्र्विीयक क्षेत्र में 4.9 प्रतिशि की वद्
ृ धि दर का अनम
ु ान लगाया गया
है । वह़ी िि
ृ ीयक क्षेत्र में 7.9 प्रतिशि की दर से वद्
ृ धि अनुमातनि है ।
िि
ृ ीयक क्षेत्र में होटल एवं जलपान गह
ृ , संचार एवं प्रसारण सेवा, ररयल
एथटे ट, आवास गहृ ों का थवालमत्व ििा व्यवसाय वं अन्य सेवाओं जैसे
उप-क्षेत्रों में इस वर्ष 8% से अधिक वद्
ृ धि हुई है ।
वर्वकास दर में प्रक्षेत्रीय योगदान:- राज्य की र्वकास दर में िि
ृ ीयक
क्षेत्र का प्रमख
ु योगदान रहा है । इसने वर्ष 2019-20 में राज्य की
अिषव्यवथिा के र्वकास में 62.5 प्रतिशि का योगदान ककया है ।
प्रािलमक और द्र्विीयक क्षेत्रों का योगदान क्रमशः 9 और 29 प्रतिशि
रहा है ।

राज्य सकल घरे लू मल्


ू य र्वधिन(GSVA) में प्रक्षेत्रीय योगदान:- 2011-
12 और 2019-20 के बीच राज्य के GSVA में िि
ृ ीयक क्षेत्र की
हहथसेदाऱी बढ गई है , जबकक अन्य प्रक्षेत्रो में धगरावट आई है । वर्ष
2011-12 में राज्य के GSVA में कृर्र्, वातनकी और मत्थय पालन में
द्र्विीयक और िि
ृ ीयक क्षेत्रो का योगदान क्रमशः 16.1 प्रतिशि और
33.8% और 38.5 प्रतिशि िा। र्वत्तीय वर्ष 2019-20 में GSVA में
कृर्र् का हहथसा 12.6 प्रतिशि, द्र्विीयक क्षेत्र का 32.8% और सेवाओ
अिाषत्त िि
ृ ीयक का 45.8% होने का अनुमान है ।

उद्योग, जो द्वीिीयक प्रक्षेत्र ििा खनन और उत्खनन का एक संयोजन


है , का वर्ष 2011-12 में 45.4% प्रतिशि योगदान िा, जो वर्ष 2019-
20 में घटकर 41.7 प्रतिशि हो गया।

कृर्र्, वातनकी और मत्थय पालन द्र्विीयक ििा खनन और उत्खनन


क्षेत्रों में अपेक्षाकृि िीमी वद्
ृ धि और सेवा क्षेत्र में अपेक्षाकृि अधिक
वद्
ृ धि के कारण प्रक्षेत्रीय योगदान पररविषन हुआ है ।

अिषव्यवथिा की वद्
ृ धि के साि कृर्र् क्षेत्र की हहथसेदाऱी में कमी एक
सावषभौलमक घटना है । यह कृर्र् क्षेत्र की िकनीकी सीमाओं और आय में
वद्
ृ धि के साि मांग की संरचना में पररविषन दोनों के कारण होिा है ।
झारखंड में, कृर्र् क्षेत्र की हहथसेदाऱी में कमी केवल इसकी िकनीकी और
आधिषक सीमाओं के कारण नह़ीं है अर्पिु यह हरास इस क्षेत्र में इष्टम
प्रदशषन नह़ीं होने के कारण भी है । खेिी के क्षेत्र के र्वथिार, लसंचाई
क्षेत्रफल में वद्
ृ धि एवं उन्नि और उपयुति प्रौद्योधगकी को अपनाए जाने
से इस प्रक्षेत्र के प्रदशषन में सुिार की पयाषप्ि संभावनाएं हैं।

झारखंड में महं गाई :-


फरवऱी, 2015 में नई मौहिक नीति रूपरे खा को अपनाने के बाद भारि
और झारखंड में मुिाथफीति की दर कम हो गई है। र्वत्तीय वर्ष 2016-
17, 2017-18 ििा 2018-19 में झारखंड और भारि में मुिाथफीति की
दर 6% से नीचे रह़ी। महं गाई की दर, भारि और झारखंड, दोनों में
अतटूबर 2019 से बढनी शरूु हुई ििा हदसंबर 2019 में इसने भारिीय
ररजवष बैंक के 6% के ऊपऱी तनशान को पार कर ललया। ित्पश्चाि यह
लगािार बढिी रह़ी है । लसिंबर 2020 में भारि एवं झारखंड में
मुिाथफीति की दर क्रमश 7.3% ििा 7.6,अतटूबर 2020 क्रमशः 7.6
एव 8.1, नवंबर 2020 में क्रमशः6.9 एव 7.5 रह़ी हैं।

हाल के मह़ीनों में अिषव्यवथिा में मंद़ी कोर्वड-19 अिषव्यवथिा के


लॉकडाउन और आपूतिष श्ंख
ृ ला में व्यविान के कारण मुिाथफीति की दर
में वद्
ृ धि हुई है । सबसे अधिक वद् ृ धि खाद्य मुिाथफीति में हुई है । दालो
सबसे महत्वपण ू ष प्रोट़ीन वथिओ
ु ं, सस्जजयों, खाद्य, िेलों, मसालों में कई
आपूतिष झटकों के कारण खाद्य मि
ु थफीति 2 अंकों में बढ गई है । बंपर
रबी फसल, सहदषयों में होने वाल़ी सस्जजयों के उत्पादन और बाजार में
आपतू िष में वद्
ृ धि की ििा आपतू िष श्ंख
ृ ला(supply chain) में व्यविानों
में कमी के फलथवरुप आने वाले मह़ीनों में मि
ु ाथफीति की दर कम हो
सकिी है । आरबीआई द्वारा आयोस्जि मुिाथफीति - प्रत्याशा
सवेक्षण(Inflation Expection Survey) ने भी घरे लू मि
ु ाथफीति में
मॉडरे शन को इंधगि ककया है । आगे के 3 मह़ीनों की, साि ह़ी अगले 1
वर्ष की घरे लू मि
ु ाथफीति की संभावनाओं में सुिार दशाषया गया है ।

झारखंड में गरीबी:- Oxford poverty and Human Development


Initiative (OPHI) and United Nations Development
programme (UNDP) द्वारा जुलाई 2019 में जाऱी 'Global
Multidimensional Poverty Index - 2019 के अनुसार 2005-06 से
2015-16 िक 10 वर्ष की अवधि में झारखंड के लगभग 72 लाख लोग
बहुआयामी गऱीबी से बाहर आ गए है । राज्य में बहुआयामी गऱीबों का
प्रतिशि 2005-06 में 74.7 से घटकर 2015-16 में 46.5 हो गया है ।

राजकोर्ीय प्रगतत एर्वं राज्य वर्वत्त:-


ककसी अिषव्यवथिा के र्वकास को सतु नस्श्चि करने में बजट का
आकार एवं उसकी संरचना की एक महत्वपण
ू ष भलू मका होिी है । इसे
ध्यान में रखिे हुए झारखंड सरकार ने बजट के आकार को बढाने एवं
इसके बड़े अंश को पंजू ी तनमाषण एवं र्वकास की योजनाओं के ललए
आवंहटि करने का प्रयास ककया है। र्वत्तीय वर्ष 2014-15 और 2019-
20(P)के बीच बजट का आकार 12.1 प्रतिशि औसि वार्र्षक दर से बढा
िा। चालू र्वत्त वर्ष (2020-21 BE)में इसका आकार 22% बढने का
अनम
ु ान है ।

प्राप्ततया:- झारखंड की कुल प्रास्प्िया र्वत्तीय वर्ष 2014-15 और


20192-0 के बीच औसि वार्र्षक दर 12.1 प्रतिशि से बढ़ी है । इस
अवधि में राजथव प्रास्प्ि में 13.1 ििा पंज
ू ीगि प्रास्प्ि में 7.8 प्रतिशि
औसि वार्र्षक दर से वद्
ृ धि हुई. र्पछले वर्ष की िुलना में चालू र्वत्त वर्ष
( 2020-21 BE ) में लगभग 29 प्रतिशि अधिक राजथव प्रास्प्ि होने
का अनुमान है ििा पूँज
ू ीगि प्रास्प्ियाूँ लगभग 10 प्रतिशि कम होने का
अनुमान है । फलथवरूप र्पछले पांच वर्ों में जहाूँ राजथव प्रास्प्ियों की
हहथसेदाऱी बढ़ी है वह़ीं पूँूजीगि प्रास्प्ियों में कमी आये है । राज्य की
राजथव प्रास्प्ियों में कर स्रोि प्रास्प्ियों का 60 प्रतिशि से अधिक का
योगदान है एवं शेर् गैर - कर स्रोिों से प्राप्ि होिा है ।

राज्य के कर राजथव में केंि़ीय कर में राज्य का हहथसा ििा राज्य का


अपना कर राजथव सस्म्मललि हैं । 2014-15 और 2019-20 के बीच
जबकक केंि़ीय करों में राज्य की हहथसेदाऱी 16.8 प्रतिशि सीएजीआर से
बढ़ी , वह़ीं राज्य के अपने करों की औसि वार्र्षक वद्
ृ धि दर (
सीएजीआर ) केवल 10.1 प्रतिशि रह़ी । केंि़ीय करों में राज्य की
हहथसेदाऱी में यह वद्
ृ धि 14 वें र्वत्त आयोग की लसफाररशों के अिीन
केंि द्वारा अंिरण ( Devolution ) में 32 से 42 प्रतिशि की वद्
ृ धि
ििा अंिर हथिांिरण ( Inter se transfer ) में झारखंड की हहथसेदाऱी
2.802 से बढकर 3.139 होने के कारण हुई है ।
गैर - कर राजथव में राज्य का अपना गैर - कर राजथव ििा भारि
सरकार से प्राप्ि होने वाले अनद
ु ान सस्म्मललि होिे हैं । इन दोनों में
राज्य का अपना गैर - कर राजथव का हहथसा बढा है जबकक भारि
सरकार से प्राप्ि होने वाले अनुदान में कमी आयी है.

पूँज
ू ीगत प्राप्ततयाूँ : राज्य सरकार की पूँज
ू ीगि प्रास्प्ियों में ऋण की
वसल
ू ़ी , अन्य गैर - ऋण पूँज
ू ीगि प्रास्प्ियाूँ एवं उिार ििा सरकार की
अन्य दे नदाररयाूँ सस्म्मललि हैं । इनमें से उिार और अन्य दे नदाररयाूँ
राज्य की पज
ूँू ीगि प्रास्प्ियों का मुख्य स्रोि हैं , जो राज्य की कुल
पूँूजीगि प्रास्प्ियों का 99 प्रतिशि से अधिक है ।

जीएसडीपी के प्रततशत के रूप में प्राप्ततयाूँ : झारखंड की कुल प्रास्प्ियाूँ ,


जो वर्ष 2014-15 में अपने प्रचललि मल्
ू य पर जीएसडीपी ( Nominal
GSDP ) का लगभग 18 प्रतिशि िी वह वर्ष 2018-19 और 2019-
20 ( P ) में बढकर लगभग 22 प्रतिशि हो गयी ।

राज्य के अपने कर ( Buoyancy ) : झारखंड के अपने करों में 2011-


12 ििा 2019-20 के बीच औसि Buoyancy 1.1 रह़ी है । गि आठ
वर्ों में से पांच वर्ों में कर Buoyancy 1 प्रतिशि से अधिक रह़ी है ।
वर्ष 2013-14 एवं 2018-19 में यह उछाल 1.9 िक रहा िा । इन
आठ वर्ों में से मात्र िीन वर्ों में राज्य के अपने कर का Buoyancy
कम रहा वर्ष 2015-16 में इसके नकारात्मक रहने का कारण जीएसडीपी
में संकुचन जबकक वर्ष 2017-18 में अपने थवयं के करों से प्राप्ि
राजथव में संकुचन के कारण यह नकारात्मक रहा ।
राज्य का व्यय : राज्य का कुल व्यय 2014-15 और 2019-20 के
बीच 12.1 प्रतिशि की वार्र्षक चक्रवद्
ृ धि दर से बढा है । वर्ष 2014-15
में राज्य का कुल व्यय लगभग 40 हजार करोड़ रुपये िा जो 2019-20
( P ) में बढकर लगभग 70 हजार करोड़ रुपये हो गया । चालू र्वत्त
वर्ष ( 2020-21 ) में कुल व्यय लगभग 86 हजार करोड़ रुपये
अनुमातनि है ।

2014-15 और 2019-20 ( P ) के दौरान थिापना पर व्यय की िुलना


में योजनाओं पर व्यय में िेजी से वद्
ृ धि हुई है थिापना पर व्यय में
9.3 प्रतिशि की औसि वार्र्षक दर ( सीएजीआर ) से वद् ृ धि हुई वह़ीं
इस अवधि में योजनाओं पर व्यय में 14.9 प्रतिशि के औसि वार्र्षक
दर ( सीएजीआर ) से वद् ृ धि हुई अिः र्पछले कुछ वर्ों में कुल व्यय में
थिापना पर व्यय की हहथसेदाऱी जहाूँ कम हुई है वह़ीं योजनाओं पर
व्यय में वद्
ृ धि हुई है । वर्ष 2014-15 में , राज्य के बजट़ीय संसािनों
का लगभग 53 प्रतिशि थिापना पर ििा शेर् मात्र 47 प्रतिशि
योजनाओं पर व्यय ककया गया िा । शनैः - शनैः कुल संसािनों में
थिापना व्यय का अनुपाि कम हुआ है जबकक योजना व्यय में वद् ृ धि
हुई है । वर्ष 2019-20 ( P ) में राज्य के बजट़ीय संसािनों का लगभग
47 प्रतिशि थिापना में एवं योजनाओं पर शेर् लगभग 53 प्रतिशि
व्यय ककया गया िा वर्ष 2020-21 के बजट - अनम
ु ान में थिापना पर
व्यय कुल व्यय का लगभग 43 प्रतिशि है ििा शेर् 57 प्रतिशि
योजनाओं पर व्यय हे िु कणाषककि है ।

थिापना व्यय राजथव ििा पूँूजीगि दोनों मदों पर ककया जािा है ।


इसके अंिगषि लगभग 90 प्रतिशि व्यय राजथव मद अिाषि ् वेिन ,
पें शन , व्याज और अन्य प्रशासतनक खचों के भग
ु िान के ललए ककया
जािा है और शेर् रालश सावषजतनक ऋण अदायगी , ऋणों एवं अधिम के
भग
ु िान ििा पूँज
ू ीगि मद पर व्यय की जािी है । 2014-15 और
2019-20 के दौरान पूँूजीगि मद अंिगषि थिापना - व्यय राजथव मद
की िुलना में िेजी से बढा है । गि पांच वर्ों में पूंजीगि मद में
थिापना - व्यय की औसि वार्र्षक वद्
ृ धि दर ( सीएजीआर ) 18.1
प्रतिशि रह़ी है वह़ीं राजथव मद में यह केवल 8.3 प्रतिशि की दर से
बढ़ी है ।

योजनाओं पर व्यय : वर्ष 2014-15 और 2019-20 के दौरान योजनाओं


पर व्यय औसिन 14.9 प्रतिशि वार्र्षक दर से बढा । राजथव मद में
योजना – व्यय 17.3 प्रतिशि की वार्र्षक दर से बढा है जबकक इसी
अवधि में पूँज
ू ीगि मद के अंिगषि 9.3 प्रतिशि की दर से वद्
ृ धि हुई ।
योजना व्यय के इन दो घटकों की वद् ृ धि में अंिर के कारण , योजना
व्यय का हहथसा वर्ष 2014-15 में राजथव खािे में लगभग 66 प्रतिशि
से बढकर 2019-20 में लगभग 74 प्रतिशि हो गया जबकक पूँूजीगि
मद में लगभग 34 प्रतिशि से घटकर 26 प्रतिशि हो गया है । र्वत्तीय
वर्ष ( 2019-20 ) में राजथव और पूँूजी मदों में योजना व्यय क्रमशः
40.5 और 28 प्रतिशि की वद्
ृ धि अनुमातनि है । पररणामथवरूप कुल
योजना व्यय उनका हहथसा क्रमशः लगभग 79 और 21 प्रतिशि होने
का अनम
ु ान है ।

राज्य के घाटे की प्थथतत : वर्ष 2014-15 और 2019-20 के बीच


राज्य का राजकोर्ीय घाटा औसि वार्र्षक दर 4.1 प्रतिशि से बढा है ।
हालाूँकक , इस अवधि में राजकोर्ीय घाटा ज्यादािर FRBM सीमा (
राज्य के जीएसडीपी का प्रतिशि ) के भीिर बना रहा है । 2015-16 से
2017-18 के िीन वर्ों को छोड़कर , राजकोर्ीय घाटा राज्य के
प्रचाललि मल्
ू य पर ( Nominal GSDP ) के 3 प्रतिशि से कम रहा है
राज्य में प्रािलमक घाटा . जो राजकोर्ीय घाटा एवं जयाज भुगिान होिा
है . वर्ष 2015-16 को छोड़कर हमेशा 3 प्रतिशि से कम रहा है । राज्य
अधिकिर राजथव अधिशेर् राज्य रहा है । इस राजथव अधिशेर् का
उपयोग राज्य में पूँूजीगि पररसंपर्त्तयों के तनमाषण के ललए ककया गया
है ।

राज्य की दे नदाररयाूँ:- राज्य का ऋण - बोझ राजकोर्ीय घाटे में


वद्
ृ धि के फलथवरूप बढ गया है । 2014-15 और 2019-20 के बीच ,
राज्य का शद्
ु ि उिार 12.2 प्रतिशि की वार्र्षक वद्
ृ धि दर ( CAGR )
से बढा है सावषजतनक ऋण , जो 2014-15 में जीएसडीपी का लगभग
20 प्रतिशि िा , ित्पश्चाि ् इसमें िेजी से वद्
ृ धि हुई है । वर्ष 2015-
16 के पश्चाि ् यह 27 प्रतिशि से ऊपर रहा है । प्रति व्यस्ति ऋण भी
वर्ष 2014-15 के बाद लगभग दोगुना गया है । वर्ष 2014-15 में यह
लगभग रु 12 हजार रुपये से बढकर वर्ष 2018-19 में लगभग रु22
हजार ििा वर्ष 2019-20 ( P ) में लगभग रु25 हजार िा।

गि छह वर्ों में सकल उिार की संरचना में बहुि अधिक लभन्निा नह़ीं
रह़ी है । र्पछले छह वर्ों में , NSSF और Ways and Means
Advances को छोड़कर , उिार के अन्य स्रोिों ने सकल उिार में
अपना हहथसा यिावि बनाए रखा है । राज्य सकल ऋण का लगभग
60 प्रतिशि वर्ष 2014-15 में " Deposits " से आया ििा वर्ष 2019-
20 में सकल उिार में इसकी हहथसेदाऱी लगभग 51 प्रतिशि िी और
वर्ष 2020-21 में लगभग 56 प्रतिशि होने का अनम
ु ान है । वर्ष 2014-
15 में भारिीय ररजवष बैंक से उिाऱी का हहथसा लगभग 25 प्रतिशि िा
. यह negotiated Loan का लगभग 4 प्रतिशि ििा भर्वष्य तनधि का
लगभग 4 प्रतिशि िा जबकक वर्ष 2019-20 में यह क्रमशः 24 प्रतिशि
, 5 प्रतिशि और 4 प्रतिशि िा । चालू र्वत्त ( 2020-21 BE ) में
उनके क्रमशः 24.6 प्रतिशि , 10.6 प्रतिशि और 3.7 प्रतिशि होने का
अनुमान लगाया गया है ।

ऋण संर्वहनीयता ( Debt Sustainability ) :- तनम्न जीएसडीपी ऋण


अनुपाि यह इंधगि करिा है कक अिषव्यवथिा आगे ऋण ललए बबना
अपने ऋण का भुगिान करने की पयाषप्ि क्षमिा है । 35 फीसद़ी का
थिर ककसी भी अिषव्यवथिा के ललए संिारणीय होिा है । झारखंड का
प्रदशषन इस सीमा के भीिर ह़ी रहा है ।

वर्ष 2014-15 के पश्चाि ् राज्य की शोिन क्षमिा ( Servicing


Capacity ) , स्जसे राज्य की कुल राजथव प्रास्प्ियों के र्वरुद्ि भग
ु िान
ककए गए जयाज के प्रतिशि के संदभष में मापा जािा है . राज्य की
राजथव - प्रास्प्ि का 10 प्रतिशि से भी कम रह गया है । चालू र्वत्तीय
वर्ष में इसके राज्य की कुल राजथव प्रास्प्ियों का लगभग 7.5 प्रतिशि
होने का अनम
ु ान है ।

संथथागत वर्वत्त
र्वत्तीय क्षेत्र , उन लोगों से स्जनके पास अधिशेर् है . से िन जट
ु ा कर
उन्हें उत्पादक क्षेत्रों में उपयोग में लािा है , जो अिषव्यवथिा की प्रगति
में बहुि महत्त्वपण
ू ष भलू मका तनभािा है । लसिंबर 2020 के अंि में राज्य
में 3203 बैंक शाखाएूँ िीं जो दे श में बैंक शाखाओं का लगभग 2.07
प्रतिशि हैं । झारखंड में बैंक शाखाओं की पहुूँच राष्ि़ीय औसि से कम
है । जहाूँ राष्ि़ीय औसि प्रति लाख आबाद़ी पर 11.8 बैंक शाखाओं का
हैं . वह़ीं झारखंड में प्रति लाख आबाद़ी पर 9.16 बैंक शाखाएूँ हैं । बैंक
शाखाएूँ ज्यादािर उन स्जलों में केंहिि हैं जो अत्यधिक शहऱीकृि हैं और
स्जनमें औद्योधगक , खनन और वाणणस्ज्यक केंि हैं । रांची , बोकारो ,
िनबाद और पव
ू ी लसंहभम
ू में खनन , औद्योधगक और वाणणस्ज्यक
गतिर्वधियों के आधितय के कारण राज्य के चार स्जलों में ह़ी लगभग
40 प्रतिशि बैंक शाखाएूँ स्थिि हैं । राज्य की राजिानी रांची में बैंक
शाखाओं का उच्चिम आच्छादन है । बैंक शाखाओं की कुल संख्या का
लगभग 15 प्रतिशि इस स्जले में स्थिि है ।

जमा , क्रेडडट और सी - डी अनप


ु ात
राज्य में जमा रालश औसिन 9.9 प्रतिशि और र्वत्तीय वर्ष 2014-15
और 2019-20 के बीच 7.9 प्रतिशि की औसि वार्र्षक दर से बढ़ी है ।
इस प्रकार , अिषव्यवथिा में जमा और ऋण के बीच का अंिर गि वर्ों
में बढा है । दोनों के बीच यह व्यापक अंिर राज्य की अिषव्यवथिा में
कम ऋण अवशोर्ण क्षमिा का प्रिीक है । राज्य में क्रेडडट डडपॉस्जट (
C - D ) अनुपाि , र्पछले कुछ वर्ों में घटा है ।
प्राथममकता क्षेत्र के मलए अर्िम

समावेशी र्वकास को बढावा दे ने के ललए बैंकों के ललए यह अतनवायषिा है


कक वे अपने ऋण का एक हहथसा प्रािलमकिा वाले क्षेत्रों में तनदे लशि करें
। गि साढे पांच वर्ों में झारखंड में बैंकों द्वारा सस्ृ जि कुल ऋण का
50 प्रतिशि से अधिक प्रािलमकिा वाले क्षेत्र में प्रयत
ु ि ककया गया है ।

कमजोर र्वगों को अर्िम

झारखंड में बैंक ऋण का काफी बड़ा भाग कमजोर वगों के ललए सस्ृ जि
ककया गया है । वर्ष 2014-15 और 2019-20 के बीच अल्पसंख्यकों को
6 प्रतिशि से अधिक अधिम हदए गए हैं , 5 प्रतिशि से अधिक
अनुसूधचि जाति को , 7 प्रतिशि से अधिक अनुसूधचि जनजाति को ,
13 प्रतिशि से अधिक महहलाओं को और समाज के अन्य कमजोर वगों
के ललए 17 प्रतिशि से अधिक ऋण हदए गए हैं ।

ऋण और अर्िम और गैर अजिक पररसम्पवत्तयों ( एनपीए ) की र्वसल


ू ी

झारखंड में बकाया ऋणों की वसूल़ी के ललए 50 प्रतिशि से अधिक की


माूँग की वसल
ू ़ी की गयी है । राज्य में बैंकों की गैर अजषक
पररसम्पर्त्तयाूँ ( Non Performing Assets NPA ) उनके कुल बकाया
अधिमों की लगभग 6 प्रतिशि हैं । तनजी क्षेत्र के बैंकों का वसल
ू ़ी में
प्रदशषन बहुि अधिक रहा है । अिः उनका एनपीए बहुि कम रह गया है
। दस ू ऱी ओर , RRB और सहकाऱी बैंकों द्वारा वसल
ू ़ी बहुि कम हुई है
, स्जसके फलथवरूप उनका एनपीए बहुि अधिक हो गया है । ककसान
क्रेडडट काडष ( केसीसी ) का र्विरण , केसीसी का रूपे डेबबट काडष में
पररविषन और पीएम - ककसान योजना का आरं भ ककसानों को सहायिा
दे ने के उद्दे श्य से ककया गया है । इसी प्रकार , MSME प्रक्षेत्र को
प्रोत्साहन व बढावा दे ने के उद्दे श्य से रु 0 2.00 करोड़ िक जमानि
मुति ( Collateral Free ) ऋण , थटैंडअप इंडडया ऋण कायषक्रम और
प्रिानमंत्री मि
ु ा योजना ( PMMY ) को लागू ककया जा रहा है ।
झारखंड में र्वत्तीय समावेशन के ललए पीएमजेडीवाई . पीएमजेजेवाई ,
पीएमएसबीवाई , एपीवाई आहद ( PMJDY , PMJJY , PMSBY ,
APY , etc. ) जैसी योजनाएूँ वैसे लोगों के र्वत्तीय समावेशन के ललए
प्रारं भ की गयी हैं जो बैंककग सेवाओं से आच्छाहदि नह़ीं हैं । र्वत्तीय
समावेशन के र्वथिार के ललए बैंक शाखाओं और बैंककंग आउटलेट्स का
र्वथिार भी ककया जा रहा है ।

आत्मतनर्िर र्ारत
झारखंड में बैंक आत्मतनभषर भारि पैकेज जैसे Emergency Credit
Line Guarantee Scheme ( ECLGS ) , Credit Guarantee
Scheme for Subordinate Debt ( CGSSD ) , Interest
Subvention for MUDRA - Shishu Loans , PM SVANidhi
Scheme लागू कर रह़ी है । वे सभी लोग स्जनकी आधिषक गतिर्वधियाूँ
COVID - 19 महामाऱी के कारण बाधिि हो गयी , को कृर्र्
इन्राथितचर फंड के माध्यम से ऋण सहायिा प्रदान की जा रह़ी है ।
िामीण वर्वकास और पंचायती राज
िामीण र्वकास र्वभाग , झारखंड सरकार , िामीणों के जीवन की
समििा में गण
ु ात्मक सुिार हे िु र्वलभन्न योजनाओं को लागू करने के
ललए प्रतिबद्ि है । इन योजनाओं के द्वारा र्वभाग आजीर्वका के
अवसर , बतु नयाद़ी ढाूँचा , सामास्जक सहायिा के आच्छादन में वद्
ृ धि
कर रहा है एवं बेहिर थिानीय थवशासन के ललए उपयत
ु ि वािावरण
प्रदान कर रह़ी है । इन प्रयासों का यहाूँ के िामीण जीवन पर व्यापक
एवं साकारात्मक असर हो रहा है ।

झारखंड की िामीण आबाद़ी का अनप


ु ाि , वर्ष 2011 की जनगणना के
अनस
ु ार , 76 प्रतिशि है ििा 47 प्रतिशि से स्अ कक िामीण जनसंख्या
कायषशील आयु वगष के अंिगषि है । झारखण्ड में 43.6 प्रतिशि िामीण
पुरुर् िामीण क्षेत्रों से शहऱी क्षेत्रों की ओर पलायन करिे हैं और कुल
पुरुर् प्रवसन में से 15.6 प्रतिशि पलायन रोजगार - संबंिी कारणों से
होिे हैं । अिः झारखंड के िामीण क्षेत्रों के र्वकास पर बल हदया जाना
अपेक्षक्षि है ।

झारखंड सरकार द्वारा िामीण रोजगार में वद्


ृ धि के ललए िीन नयी
योजनाएूँ - बबरसा हररि िाम योजना , नीलाम्बर पीिाम्बर जल समद्
ृ धि
योजना और वीर शह़ीद पोटो हो खेल र्वकास योजना - वर्ष 2020 में
घोर्र्ि की गयी हैं , परं िु िामीण र्वकास की सभी योजनाओं में
मनरे गा सबसे महत्त्वपण
ू ष योजना रह़ी है । राज्य में मनरे गा की प्रगति
काफी प्रभावशाल़ी रह़ी है और इससे िामीणों के ललए बहुि सारे
आजीर्वका के अवसरों का सज ृ न हुआ है । झारखंड में मनरे गा के िहि
जनवऱी 2021 में 103.72 लाख पंजीकृि श्लमक हैं , स्जनमें से 41.11
लाख श्लमक सकक्रय श्लमक हैं । राज्य में कुल सकक्रय श्लमकों में से
एसट़ी और एससी श्लमकों का अनप
ु ाि क्रमशः 27.64 प्रतिशि और 10
प्रतिशि है । र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में ( जनवऱी 2021 िक ) रोजगार
के 961 लाख से अधिक मानव हदवस सस्ृ जि हुए हैं जो र्वत्तीय वर्ष
2019-20 में सस्ृ जि 642 लाख मानव हदवस की िल ु ना में 49.73
प्रतिशि अधिक है । र्वत्तीय वर्ष 2020-21 ( जनवऱी 2021 िक ) में
कुल 100 हदन मजदरू ़ी करने वाले पररवारों की संख्या में भी वद्
ृ धि हुई
है जो र्वत्तीय वर्ष 2019-20 के 30,089 के र्वरुद्ि वर्ष 2020-21 (
जनवऱी 2021 िक ) में यह 49,093 है । र्वत्तीय वर्ष 2020-21 के
दौरान मनरे गा में लगभग 9.2 हजार हदव्यांगों ( Differently abled )
ने काम ककया है । औसि मजदरू ़ी दर भी र्वत्तीय वर्ष 2019-20 के
170.98 रु 0 से बढकर वर्ष 2020-21 में 193.98 रु 0 हो गयी है ।
र्वत्तीय वर्ष 2019-20 में काम करने वाले पररवारों और व्यस्तियों की
कुल संख्या क्रमशः 16.26 लाख और 21.86 लाख िी , जबकक र्वत्तीय
वर्ष 2020-21 में यह क्रमशः 29.41 लाख और 40.22 लाख हो गयी है

र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में 31.01.2021 िक के प्रतिवेदनानस


ु ार , ललए
गए कायों की कुल संख्या ( नये व पव
ू ष से कायषरि - Spill over सहहि
) 12.59 लाख है , स्जसमें से 3.88 लाख ( 31 प्रतिशि ) से अधिक
कायष पूणष एवं 8.63 लाख ( 69 प्रतिशि ) जाऱी हैं । मनरे गा के िहि
स्जलावार उदव्यय एवं उपलस्जि दोनों के दृस्ष्टकोण से धगररडीह शीर्ष पर
है एवं ित्पश्चाि ् गढवा और पलामू की उपलस्जि है ।

वर्ष 2000 में प्रिानमंत्री िाम सड़क योजना ( PMGSY ) के िहि


झारखंड में अभी िक 25.5 हजार ककलो - मीटर से अधिक िामीण
सड़कों को परू ा ककया जा चक
ु ा है जो भारि में इस कायषक्रम के िहि
परू ़ी की गयी िामीण सड़कों की कुल लंबाई का 3.96 प्रतिशि है ।
थवीकृि ककए गए कुल कायों ( 7,561 ) में से 86.5 प्रतिशि से अधिक
( 6,541 ) नव संपकषिा ( New Connectivity ) के कायष हैं । र्वत्तीय
वर्ष 2020-21 में फरवऱी 2021 िक लगभग 1,145 ककलोमीटर िामीण
सड़कें पूऱी की गयी हैं । र्वत्तीय वर्ष 2016-17 ििा वर्ष 2020-21 के
दौरान िामीण सड़कों की पूणष की गयी लंबाई ( ककलोमीटर में ) के
मामले में िीन स्जला गम
ु ला . पस्श्चम लसंहभम
ू और पव
ू ी लसंहभम
ू शीर्ष
पर हैं ।

प्रधानमंत्री आर्वास योजना - िामीण ( पीएमएवाई - जी ) के िहि , वर्ष


2022 िक कुल 12,72,916 घरों का तनमाषण करने के लक्ष्य के र्वरुद्ि
झारखंड में 7,51,571 घरों का तनमाषण हो चक
ु ा है । पीएमएवाई - जी
के ललए झारखंड का कुल तनिाषररि उदव्यय रु 0 5,347 करोड़ है । इस
योजना के िहि 93 प्रतिशि से अधिक पंजीकृि लाभाधिषयों को घर की
थवीकृति द़ी गई है ििा इन थवीकृि घरों में से लगभग 63 प्रतिशि को
पूरा भी कर ललया गया है ।

राष्ट्रीय सामाप्जक सहायता कायिक्रम के िहि झारखंड में 20.76 लाख


से अधिक लाभािी पंजीकृि हैं । इनमें से 38.3 प्रतिशि पुरुर् है और
61.2 प्रतिशि महहलाएूँ हैं । लगभग 95 प्रतिशि लाभाधिषयों का आिार
सत्यापन ( Aadhaar Verification ) हो चक
ु ा है ििा लगभग 92
प्रतिशि ने डीबीट़ी के माध्यम से लाभ प्राप्ि ककया है । झारखंड में
NSAP के िहि लगभग 63.3 प्रतिशि लाभािी पें शन भोगी हैं स्जनमें
से वद्
ृ िों , र्विवाओं एवं र्वकलांग पें शनरों का अनुपाि क्रमशः 77.1
प्रतिशि , 22.4 प्रतिशि और 2 प्रतिशि है ।

श्यामा प्रसाद मख
ु जी रूबिन ममशन के िहि राज्य में 15 तलथटर ,
उनके ICAP और DPR के साि , र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में कायाषन्वयन
के ललए िैयार हैं । इसके ललए 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक रालश
मंजूर की गयी है । इसके र्वरुद्ि 534.25 करोड़ व्यय ककए जा चुका है

थिानीय िाम - थिर के र्वकास पर चार अलग - अलग योजनाएूँ ,


सांसद आदशष िाम योजना ( SAGY ) , प्रिान मंत्री आदशष िाम
योजना ( PM - AGY ) , मुख्यमंत्री थमाटष िाम पंचायि योजना (
CM - SGY ) एवं MLA आदशष िाम योजना ( AGY ) को िामीण
र्वकास र्वभाग , झारखंड द्वारा " झारखंड एकीकृि आदशष िाम योजना
( JIGAY ) " में समाहहि ककया गया है 18.01.2021 िक , सांसद
आदशष िाम योजना के िहि , चयतनि िाम पंचायिों की कुल संख्या
65 है स्जनमें से 50 िाम पंचायिों ने वीडीपी ( VDP ) िैयार करके
एसएजीवाई पोटषल पर अपलोड भी कर हदया है । िाम र्वकास योजनाओं
( वीडीपी ) के िहि कुल 4,356 गतिर्वधियों की आयोजना की गयी है
स्जसके र्वरुद्ि 2,223 कायष पण
ू ष हो गए हैं , ििा 537 प्रगति पर हैं ।
िामीण र्वकास र्वभाग के ित्वाविान में झारखंड राज्य आजीर्वका
संविषन सोसाइट़ी का गठन ककया गया है जो राज्य में गऱीबी - तनवारण
- योजनाओं ( DAY - NRLM व अन्य ) के सच
ु ारू रूप से कायाषन्वयन
के ललए एक र्वशेर् उद्दे श्यीय वाहन ( Special Purpose Vehicle )
के रूप में कायष करिा है । यह सोसाइट़ी वैसे र्वलभन्न कायषक्रमों को
कक्रयास्न्वि कर रहा है जो राज्य में आजीर्वका कायषक्रमों में गऱीबी
उन्मूलन , महहला सशतिीकरण , इस्तवट़ी और थवालमत्व पर अनवरि
थिायी प्रभाव डालिे हैं । महहलाओं को गऱीबी की सीमाओं को िोड़ने
और उनके पररवारों को तनिषनिा एवं अभाव बचाने में जेएसएलपीएस की
भलू मका रह़ी है । राज्य के सभी 24 स्जलों में इसकी पहुूँच है । इसका
असर राज्य के 263 प्रखण्डों में गहन , संसािन प्रखण्ड एवं घरे लू
र्वकलसि मॉडल ( या साझेदाऱी ) के िहि है । 31 अतटूबर 2020 िक
, 26,776 गांवों के 31.79 लाख से अधिक पररवारों ( Households )
में से गहठि 2.53 लाख से अधिक थवयं सहायिा समूह को
जेएसएलपीएस के िहि आच्छाहदि ककया गया है

द़ीनदयाल उपाध्याय िामीण कौशल योजना ( DDU - GKY ) , जो


राष्ि़ीय िामीण आजीर्वका लमशन का भाग है , के िहि 2014 से अब
िक 43.5 हजार से अधिक युवाओं को प्रलशक्षक्षि ककया गया है और
उनमें से 18 हजार से अधिक यव
ु ाओं को रोजगार भी लमल चक
ु ा है ।

पंचायिी राज संथिा िामीण र्वकास की ऱीढ हैं जो सिि ् र्वकास के


ललए िामीण र्वकास और िामीण प्रबंिन पर महत्त्व दे ने की आवश्यकिा
को रे खांककि करिी हैं । झारखंड में पंचायिी राज प्रणाल़ी अब बेहिर
ढं ग से कायषरि हैं और झारखंड पंचायि राज अधितनयम , 2001 के
लागू होने के पश्चाि पंचायिीराज संथिानों ( PRI ) ने महत्त्वपण
ू ष प्रगति
भी की है । पंचायिों एवं उनके प्रतितनधियों को सेवाओं के प्रभावी
अंिरण माध्यम से अपने अधिकारों और किषव्यों से अवगि कराकर
उनका सशतिीकरण ककया जा रहा है िाकक वे अपने उत्तरदातयत्वों के
अनुरुप बेहिर सेवाएं दे ने के साि ह़ी अपने समि र्वकास की योजना
बनाने में सक्षम हो सकें ।

विषमान में , पंचायि राज संथिाओं के अंिगषि , झारखंड में 24 स्जला


पंचायि , 264 उप - स्जला पंचायि , 263 मध्यविी पंचायि , 4,364
िाम पंचायि , 51 शहऱी तनकाय और एक छावनी बोडष ( रामगढ ) हैं ।
माचष 2018 को इन पंचायिों के तनवाषधचि प्रतितनधियों की संख्या
60,782 है , स्जनमें से 30,757 ( 50.6 प्रतिशि ) महहलाएं हैं ।
महहलाओं के ललए झारखंड में पंचायि की 50 प्रतिशि सीटें आरक्षक्षि हैं
। विषमान में िाम पंचायि थिर पर तनवाषधचि प्रतितनधियों की संख्या
54,807 है जो कुल तनवाषधचि प्रतितनधियों का 90 प्रतिशि है । इसी
प्रकार , प्रखंड पंचायि और स्जला पंचायि थिर पर क्रमशः 5,432 ( 9
प्रतिशि ) और 543 ( 1 प्रतिशि ) तनवाषधचि प्रतितनधि हैं ।

पंचायि राज व्यवथिा को मजबि


ू करने के ललए िेरहवें र्वत्त आयोग (
TFC ) के िहि झारखंड को 1,832.05 करोड़ रु . के र्वरुद्ि
1,594.17 करोड़ रुपये का अनुदान र्वमुति ककया गया । चौदहवें र्वत्त
आयोग ( FFO ) के िहि , झारखंड को कुल अनुदान के रूप में
6,046.74 करोड़ रुपये आवंहटि ककए गए . स्जसमें से 5442.07 करोड़
रुपये मल
ू अनुदान ििा प्रदशषन - अनुदान के िहि 604.67 करोड़ रुपये
सस्न्नहहि िे परं िु केवल कुल 3,323.93 करोड़ रुपये वाथिर्वक रुप से
र्वमुति ककए गए स्जसमें मल
ू अनद
ु ान के िहि 3,205.36 करोड़ रुपये
ििा प्रदशषन अनद
ु ान के िहि 118.57 करोड़ शालमल िे ।

आधिषक र्वकास ििा सामास्जक न्याय के उद्दे श्य से िाम पंचायिों के


ललए उपलजि संसािनों का उपयोग कर िाम पंचायि र्वकास योजना (
GPDP ) िैयार करना अतनवायष है । 2019-20 के ललए GPDP िैयार
करने के ललए जन अलभयान ( Peoples ' Plan Campaign ) के
िहि आयोस्जि िाम सभाओं की कुल संख्या 4349 ( 99.20 प्रतिशि )
िी । समन्वयकों के फीडबैक ( Facilitator's Feedback ) के अनस
ु ार
अनुमोहदि जीपीडीपी की कुल संख्या 2519 ( 57.50 प्रतिशि ) िी ।

नगर वर्वकास
यह एक थिार्पि िथ्य है कक कथबे / शहर आधिषक र्वकास , व्यवसाय
एवं रोजगार के केंि हैं लेककन , चूंकक हमारे अधिकांश कथबे / शहर
प्राकृतिक रूप से और अतनयोस्जि िऱीके से र्वकलसि हुए हैं , वे
तनवालसयों की बढिी संख्या के ललए आवास , पानी और थवच्छिा जैसी
बतु नयाद़ी सेवाएूँ दे ने के ललए परू ़ी िरह से सस
ु स्ज्जि नह़ीं हैं । इसललए ,
इन कथबों / शहरों को र्वकलसि करने के तनरं िर प्रयासों के बावजद
ू ,
अभी भी ये उच्च आय असमानिा और जीवन की खराब गुणवत्ता के
केंि हैं

भारि की 2011 की जनगणना के अनस


ु ार झारखंड राज्य में शहऱीकरण
का कुल थिर 24.05 प्रतिशि है । भारि में पेयजल , थवच्छिा और
आवास की स्थिति पर हाल ह़ी में प्रकालशि एनएसएस ररपोटष के अनस
ु ार
( ररपोटष संख्या 584 , सवेक्षण जल
ु ाई के दौरान ककया गया िा , Dec
2018 ) झारखंड में केवल 27.3 प्रतिशि घरों में नल के द्वारा (
Piped Water ) पीने के पानी की आपूतिष उनके अपनी आवासीय
इकाइयों में होिी है ।

पीने के पानी के प्रमख


ु स्रोि की दरू ़ी के मामले में 52.1 प्रतिशि घरों में
उनके आवासीय इकाइयों के भीिर उनका स्रोि है , जबकक 2.4 प्रतिशि
पररवारों को पीने के पानी के ललए अपने पररसर के बाहर 0.5 से 10
ककमी की यात्रा करनी पड़िी है । झारखंड में केवल 54.9 प्रतिशि शहऱी
घरों में उनका अपना थनानागार हैं । इसी िरह , लगभग 67.8 प्रतिशि
पररवार खाना पकाने के ललए ईंिन के रूप में एलपीजी का उपयोग कर
रहे हैं । राज्य में लगभग 21.8 प्रतिशि घरों में भलू मगि जल तनकासी
की व्यवथिा है और लगभग 34.7 प्रतिशि पररवार कचरा तनपटारा के
ललए सामद
ु ातयक डंर्पंग थपॉट के अलावा एक सामान्य थिान का उपयोग
करिे हैं । झारखंड के शहऱी क्षेत्रों में घरों की संरचना के प्रकार के संदभष
में , लगभग 93.9 प्रतिशि घरों के पतके मकान हैं । राज्य में DAY
NULM की प्रगति काफी अच्छी है । र्वत्त वर्ष 2020-21 में हदसंबर
2020 िक 10,440 सदथयों वाले लगभग 1044 नए एसएचजी का
गठन ककया गया है और 208 एसएचजी को Revolving Fund लमला है

र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में , र्वक्रेिाओं के सवेक्षण के ललए 51 शहरों का


चयन ककया गया है । हदसंबर 2020 िक , बायोमीहिक सवेक्षण में
लगभग 17,921 र्वक्रेिाओं की पहचान की गयी है । इनमें से 1,095
र्वक्रेिाओं को अपना आईडी काडष लमल गया है और 2,751 ने उनके
नाम से मल
ू बचि खािा खोल हदया है । हदसंबर 2020 िक , झारखंड
के 45 कथबों / शहरों के 95 आश्य घरों में शहऱी बेघरों के ललए बेड की
कुल संख्या 2,178 है । रांची ( 218 ) के बाद अधिकिम उपलजि
बबथिर में जमशेदपुर ( 146 ) और दे विर ( 145 ) हैं । PMAY & U
के िहि , झारखंड 21 फरवऱी , 2021 िक 67,899 घरों को पूरा करने
में सक्षम रहा है ।

इस अवधि के दौरान 405 पररयोजना – प्रथिावों पर र्वचार ककया गया


एवं 1.98 लाख से अधिक घरों को मंजरू ़ी द़ी गयी । राज्य को इसी
अवधि के दौरान केंि़ीय सहायिा के रूप में 1,800,89 करोड़ रुपये लमले
हैं | SBM - U में भी राज्य अच्छी प्रगति कर रहा है और योजना के
शभ
ु ारं भ के बाद से राज्य में 2.18 लाख से अधिक व्यस्तिगि घरों में
शौचालय का तनमाषण ककया गया है

इसी िरह , 7.123 ( सीट ) सामद


ु ातयक और सावषजतनक शौचालयों का
तनमाषण पूरा हो चुका है । अपलशष्ट प्रबंिन के संदभष में , कुल वाडों में
से 95 प्रतिशि से अधिक डोर - टू - डोर अपलशष्ट संिह सर्ु विाओं के
अंिगषि आिे हैं और 80 प्रतिशि से अधिक में स्रोि अलगाव भी हो रहा
है । झारखंड में उत्पाहदि कुल कचरे का लगभग 60 प्रतिशि संसाधिि
भी होिा है ।

पीएम थवतनधि के िहि , झारखंड में लक्षक्षि लाभाधिषयों की कुल संख्या


75,000 है और 21 फरवऱी 2021 को इस योजना के िहि ऋण के
ललए लगभग 39,400 आवेदन प्राप्ि हुए हैं । प्राप्ि आवेदनों की कुल
संख्या में से , 43.4 प्रतिशि के ऋण थवीकृि ककए हैं और उनमें से
36.7 प्रतिशि को संर्विरण भी हुआ है । कुल थवीकृि और र्विररि
रालश रुपये क्रमश : 17.02 करोड़ और रु 0 14.7 करोड़ है ।

आवेदकों की कुल संख्या में से 80 से अधिक लसफष िीन गतिर्वधियों में


लगे हुए हैं फाथट फूड और खाद्य पदािष , फल और सस्जजयों , कपड़ा
और हिकरघा आइटम ।

कृवर् और संबद्ध गततवर्वर्धयाूँ


झारखंड की िामीण आबाद़ी का मख्
ु य आिार कृर्र् है । कुल कायषबल
का लगभग 43 प्रतिशि भाग कृर्र् और संबद्ि गतिर्वधियों पर तनभषर
है । इस क्षेत्र के महत्त्व को दे खिे हुए राज्य ने लगािार इस प्रक्षेत्र में
उत्पादन और उत्पादकिा सुिार लाने का प्रयास ककया है । इस प्रक्षेत्र में
र्पछले पाूँच वर्ों के दौरान , खऱीफ और रबी दोनों फसलों के उत्पादन
में वद्
ृ धि दे खी गयी है , हालाूँकक उत्पादन के रुझानों में उिार - चढाव
भी दे खा गया है । पशुिन प्रक्षेत्र से संबंधिि दि
ू मांस और अंडे जैसे
उत्पाद के साि - साि बागवानी की फसल और सस्जजयों के उत्पादन में
भी र्पछले कुछ वर्ों में वद्
ृ धि हुई है । कृर्र् और संबद्ि गतिर्वधियों
को बढावा दे ने के ललए राज्य ने अपनी लसंचाई - क्षमिा को मजबि ू
करने , ऋण प्रदान करने के ललए र्वथिाऱीकरण करने और योजनाओं
की शरु
ु आि करने की हदशा में पहल की है । कृर्र् क्षेत्र में फसल़ी -
ऋण के साि - साि टमष - लोन की रालश में लगािार वद्
ृ धि हुई है ििा
इसमें उपलस्जि लक्ष्य से अधिक हुई है । गोदाम संबि ं ी पररयोजनाओं की
संख्या के साि राज्य के भंडारण क्षमिा में भी सि
ु ार हुआ है ।

वर्ष 2018-19 के अपवाद को छोड़कर र्वगि पाूँच वर्ों में ( 2019-20


िक ) . राज्य में खऱीफ फसल - उत्पादन में लगािार वद्
ृ धि हुई है ।
वर्ष 2020-21 में 4581.954 हजार टन का प्रिम अधिम अनम ु ातनि है
। रबी फसलों का कुल उत्पादन वर्ष 2018-19 में 314 हजार टन िा जो
कक वर्ष 2019-20 में 45 प्रतिशि बढकर 455 हजार टन हो गया है ।

फलों का उत्पादन वर्ष 2015-16 में लगभग 961 हजार मीहिक टन से


र्पछले 5 वर्ों में 5 प्रतिशि के औसि वार्र्षक दर ( CAGR ) से
बढकर वर्ष 2019-20 में 1153 हजार मीहिक टन हो गया है । सस्जजयों
का उत्पादन वर्ष 2015-16 और 2019-20 के बीच लगभग 1.26
प्रतिशि की औसि वार्र्षक दर ( CAGR ) से बढकर वर्ष 2015-16 में
लगभग 3374 हजार टन के थिर से बढकर 2019-20 में 3592 हजार
टन हो गया है ।

र्वलभन्न पशुिन संबंधिि उत्पादों के उत्पादन में र्पछले कुछ वर्ों में
वद्
ृ धि हुई है । राज्य में दिू के उत्पादन में वर्ष 2018-19 के थिर से
13 प्रतिशि वद्ृ धि हुई स्जसके फलथवरुप वर्ष 2019-20 में यह लगभग
25 लाख टन हो गया राज्य में अंडों का उत्पादन भी वर्ष 2018-19 में
637.86 लमललयन से बढकर वर्ष 2019-20 में 69281 लमललयन गया है
, जो कुल 9 प्रतिशि की वद्
ृ धि है । मांस का उत्पादन भी वर्ष 2019-
20 में 62.48 हजार टन से बढकर वर्ष 2020-21 में 67.25 हजार टन
हो गया है , जो लगभग 8 प्रतिशि की वार्र्षक वद्
ृ धि दशाषिा है ।
राज्य में मीठे पानी का बहुि बड़ा संसािन नह़ीं होने के बावजद
ू मत्थय
उत्पादन में हुई प्रगति सराहनीय है । मछल़ी उत्पादन के औसि वार्र्षक
वद्
ृ धि दर ( CAGR ) वर्ष 2015-16 और 2019-20 के बीच 18
प्रतिशि रह़ी है । मछल़ी का उत्पादन वर्ष 2015-16 में 115 हजार टन
िा जो बढकर वर्ष 2019-20 में 223 हजार टन हो गया । मछल़ी -
बीज उत्पादकों और मछल़ी - बीज - उत्पादन में भी ऐसा ह़ी रुझान
दे खा गया है । मत्थय बीज उत्पादकों की संख्या वर्ष 2015-16 में
4183 से बढकर वर्ष 2019-20 में 7929 हो गई और मछल़ी - बीज -
उत्पादन वर्ष 2015-16 में लगभग 162 करोड़ से बढकर वर्ष 2019-20
में 1057 करोड़ हो गयी है ।

वर्ष 2016 में , शुरूआि के पश्चाि वर्ष 2018-19 में रबी के मौसम
िक , लगभग 2.5 लाख ककसानों ने प्रिानमंत्री फसल बीमा योजना से
लाभ उठाया है अब िक लगभग 13 लाख हे तटे यर क्षेत्र का बीमा ककया
गया है ।

राज्य में भंडारण क्षमिा की क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है जो माचष 2019
िक 5.51 लाख मीहिक टन दजष की गयी माचष 2019 िक राज्य में
कोल्ड थटोरे ज क्षमिा 2 लाख मीहिक टन से अधिक िी । वर्ष 2018 के
पश्चाि लगभग 11 प्रतिशि की वद्
ृ धि के कारण माचष 2019 िक कृर्र्
र्वपणन योजना के िहि थवीकृि भंडारण क्षमिा 157316 मीहिक टन
हो गयी है । इस योजना के िहि थवीकृि गोदाम - पररयोजनाओं की
संख्या वर्ष 2017 में 24 से बढकर वर्ष 2019 िक 26 हो गयी िी ।
भंडारण क्षमिा में सुिार होने से कृर्र् उत्पादों में क्षति को रोकने में
मदद लमलेगी स्जससे फसलों की बबाषद़ी कम होगी की और कृर्र् को और
अधिक लाभकाऱी बनाया जा सकेगा ।

कृर्र् और उसके संबद्ि क्षेत्र को बढावा दे ने के ललए राज्य द्वारा


र्वलभन्न योजनाएूँ कायाषस्न्वि की जा रह़ी हैं । र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में
दो नई योजनाएूँ शरू
ु की गयी हैं प्रिानमंत्री फसल बीमा योजना के
थिान पर 100 करोड़ रुपये के कुल उद्व्यय से झारखण्ड राज्य फसल
राहि योजना ििा 2000 करोड़ रुपये के कुल उदव्यय से झारखंड
सरकार ऋण माफी योजना , जो ऋण में छूट से संबंधिि है , प्रारं भ की
गयी है । अब िक 32 लाख ककसानों ने प्रिानमंत्री ककसान योजना के
िहि पंजीकरण कराया है ििा लगभग 1557 करोड़ रुपये र्वमत
ु ि ककए
गए हैं । झारखंड लमल्क फेडरे शन को और सुदृढ करने हे िु राष्ि़ीय डेयऱी
र्वकास बोडष के साि समझौिा ज्ञापन ( MoU ) अन्य योजनाओं में
शालमल है इसके अलावा , दे वघर , साहे बगंज और पलामू में प्रत्येक हदन
50 हजार ल़ीटर की क्षमिा वाले िीन नए डेयऱी संयंत्र प्रगति के उन्नि
चरण में हैं पशुिन - ट़ीका - उत्पादन के ललए राूँची के कांके में 28
करोड़ रुपये के जीएमपी / जीएलपी प्रयोगशाला ( GMP / GLP Lab )
का तनमाषण प्रगति पर है ।

खाद्य एर्वं पोर्ण सरु क्षा


खाद्य सरु क्षा सभी लोगों के ललए भोजन की उपलजििा और पहुूँच
सतु नस्श्चि करिी है । पोर्ण सरु क्षा एक समद
ु ाय की आवश्यक पोर्क
ित्वों िक पहुूँच है , न कक यह केवल कैलोऱी की प्रास्प्ि िक सीलमि है
यद्यर्प पोर्ण मापदं डों पर झारखंड की प्रगति सबसे अच्छी नह़ीं है ,
ििार्प खाद्य सरु क्षा में इसकी प्रगति बहुि उत्साहजनक है ।

2018-19 में चावल का उत्पादन 28.94 लाख टन िा और 2019-20 में


यह बढकर 31.92 लाख टन हो गया । 2018-19 में खऱीद लक्ष्य के
णखलाफ लक्ष्य उपलस्जि 612 प्रतिशि िी और 30 लसिंबर 2020 को
दजष आूँकड़ों के अनुसार , लक्ष्य उपलस्जि 127.5 प्रतिशि िी जो
उल्लेखनीय है । 30.09.2020 िक . 2.54 लाख टन की कुल खऱीद में
से , FCI ने 0.71 लाख टन और राज्य एजेंलसयों ने 1.83 लाख टन की
खऱीद की है ।

एफसीआई के अतटूबर 2020 के ललए फूड बुलेहटन के अनस


ु ार , चावल
का विषमान थटॉक 3.16 लाख मीहिक टन है और केंि़ीय पूल के िहि
राज्य में गेहूूँ का 0.24 लाख MT है पीडीएस के माध्यम से र्विरण के
ललए राज्य के डडपो में चावल , गेहूूँ , नमक और चीनी का विषमान
थटॉक क्रमशः 23 करोड़ ककलोिाम , 4 करोड़ ककलोिाम , 78 लाख
ककलोिाम और 50 लाख ककलोिाम है ।

नवंबर , 2020 िक एफसीआई के पास उपलजि संिहण केन्िों की


संख्या 45 है और भंडारण क्षमिा 3.92 लाख टन है , स्जसमें से 3.34
लाख टन विषमान थटॉक होस्ल्डंग है । इस प्रकार कुल भंडारण क्षमिा
का 85 प्रतिशि उपयोग में है । राज्य कुल 256 डडपो बना रहा है
स्जनकी भंडारण क्षमिा 2.19,523 मीहिक टन है । अतिररति भंडारण
क्षमिा तनमाषण के ललए PEG ( Private Entrepreneurs Guarantee
) योजना के िहि , 2020-2021 ( 30.06.2020 िक ) के दौरान
0.20 मीहिक टन क्षमिा बनाई गई है ।

राज्य में 25,549 पीडीएस डीलर और कुल 24,281 उधचि मल्


ू य के
दक
ु ान ( Fair Price Shops ) हैं । पीएचएच और एएवाई िहि
56,85,690 काडषिारक हैं , जो 2,61,00,521 पररवार के सदथयों को
अच्छाहदि करिे हैं । िीन काडषिारकों की कुल संख्या 91,583 है जो
2,20,219 पररवार के सदथयों को अच्छाहदि करिे हैं । सफेद राशन
काडषिाररयों की संख्या 4,53,100 है जो 17,62,669 सदथयों को
अच्छाहदि करिे हैं अब िक , 96.15 प्रतिशि राशन काडों को
आिारयत
ु ि Aadhar Seeded ) ककया गया है ।

अप्रैल 2020 से 11 जनवऱी 2021 िक 1,09,70,11,355 ककलोिाम ,


चावल की 14,65,23,012 ककिा , गेहूूँ 4,67,68.544 ककलोिाम , नमक
, 59,00,685 ककलोिाम , और 5,81,89,801 ल़ीटर को तनयलमि
र्विरण योजनाओं के िहि र्विररि ककया गया है । इसी िरह ,
83,89,92,094 ककलोिाम , चावल , 6,40,72,059 ककलो गेहूूँ ,
2,50,29,361 ककलोिाम चना और 1,42,98,340 ककिा , पीएमजीकेवाई
के िहि राज्य में 2020 से नवंबर 2020 िक दाल का र्विरण भी
ककया गया है ।
1 पैकेट , स्जसमें 2 ककलो चड़
ू ा , 500 िाम गड
ु , 500 िाम चना
स्जसका प्रति पैकेट मल्
ू य 110 / - िा , उसका COVID - 19 के दौरान
जरूरिमंद लोगों के बीच र्विरण ककया गया ।

र्वत्तीय वर्ष 2019-20 में , AAY के लक्ष्य खाद्य सस्जसडी के रूपये में
164.85 करोड़ रुपये प्राप्ि हुआ स्जसमें से रुपये 150.36 करोड ( 91.2
प्रतिशि ) का उपयोग ककया गया । इसी िरह PHH हे िु रूपये 552.71
करोड़ लमले , स्जसमें रूपये 518.31 करोड़ ( 93.81 प्रतिशि ) उपयोग
ककया गया । हदसंबर 2020 िक र्वत्तीय वर्ष 2020-21 में रुपये AAY
हे िु खाद्य सस्जसडी के रूप में आवंहटि 164.85 करोड़ रुपये 71.61
करोड़ ( 43.4 प्रतिशि ) का उपयोग ककया गया और 552.71 करोड़
रुपये PHH के ललए हदए गए , स्जसमें से 252.26 करोड़ ( 45.6
प्रतिशि ) का उपयोग ककया गया ।

पोर्ण - सरु क्षा के मामले में झारखंड भारि में Low Performing करने
वाले राज्यों में शालमल है । पाूँच साल से कम उम्र के बच्चों में थटं हटंग
( 45 प्रतिशि ) की व्यापकिा के मामले में झारखंड भारि के शीर्ष िीन
राज्यों में शालमल है । भारि में Wasting ( 29 प्रतिशि ) और
underweight ( 47.8 प्रतिशि ) के प्रसार में इसका शीर्ष रैंक है ।
2015 में कुल ( िामीण + शहऱी ) USMR 39 िा और 2017 में यह
घटकर 34 हो गया है । राज्य में एनीलमया की व्यापकिा ( 69.9
प्रतिशि ) पाूँच साल से कम उम्र के बच्चों में है ।

7-30 लसिंबर 2020 के बीच झारखंड के सभी 24 स्जलों में पोर्ण माह
मनाया गया । कुल गतिर्वधियों की संख्या 5,38,648 िी , जबकक
प्रतिभाधगयों की कुल संख्या 5,16,19,384 िी । पोर्ण ( समि पोर्ण )
में भागीदाऱी संख्या 2,83,854 ( 19 प्रतिशि ) िी और थिनपान में
यह 1.31,695 ( 9 प्रतिशि ) िी ।

झारखंड में 2019-20 और 2020-21 के दौरान पोर्ण अलभयान के िहि


बच्चे और माि ृ थवाथथ्य को बेहिर बनाने के ललए कई गतिर्वधियों की
गयीं । रूट़ीन ट़ीकाकरण ( 0 से 1 वर्ष ) में 10 जानलेवा बीमाररयों के
णखलाफ 3,42.539 बच्चों को अप्रैल , 2020 से 2021 लसिंबर िक
ट़ीकाकृि ककया गया । JMSSPM के िहि 9 मह़ीने से 5 साल िक के
बच्चों को र्वटालमन ए सप्ल़ीमेंट द्र्व - वर्ीय चक्र के माध्यम से
नवम्बर से हदसम्बर- 2019 के बीच र्विररि ककया गया ।

उद्योग
झारखंड में िीव्र गति से औद्योगीकरण हो रहा है । चूँकू क झारखंड के
पास दे श के खतनज संपदा का लगभग 40 प्रतिशि इसके व्यापक
खतनज संसािन , खनन और िािु से संबंधिि क्षेत्रों को र्वशेर् रूप से
तनवेश के ललए आकर्षण का केन्ि बनािे हैं । उद्योग के क्षेत्र में वर्ों से
राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है । इसने राज्य के राजथव - संिह में
भी योगदान हदया है

झारखंड में उपलजि प्राकृतिक संसािन का उपयोग परू ़ी िरह से रोजगार


सज
ृ न और लोगों के जीवन थिर में सुिार के ललए नह़ीं ककया गया है
इसे दृस्ष्टगि रखिे हुए झारखंड सरकार द्वारा नयी औद्योधगक और
तनवेश प्रोत्साहन नीति पर बल रहा है जो कक रोजगार सज
ृ न पर ध्यान
केंहिि करिी है । ये राज्य में रोजगार के अवसरों को बढाएगी और
साि ह़ी साि एक अनक
ु ू ल पयाषवरणीय प्रणाल़ी का तनमाषण भी करे गी जो
कक झारखंड में उद्योगों को अलभनव और वैस्श्वक थिर का बनािी है ।

व्यवसाय करने की सरलिा ( Ease of doing Business ) व्यापार के


माहौल को बेहिर बनाने और तनवेशकों का र्वश्वास बढाने में महत्त्वपण
ू ष
भूलमका तनभािी है । व्यवसाय करने की सरलिा के सूचकांक में सुिार
हे िु Single Window System के माध्यम से शासन को अधिक कुशल
और प्रभावी बनाने के ललए मौजूदा तनयमों के सरल़ीकरण और
युस्तिकरण और आईट़ी के प्रयोग पर जोर हदया गया है । ' व्यापार
करने की सरलिा के सूचकांक के अनुसार झारखण्ड राज्य का प्रदशषन
अच्छा है । वर्ष 2015 में , झारखण्ड का प्रदशषन इस सच
ू कांक पर िीसरे
नम्बर पर िा । विषमान में , झारखण्ड अन्य राज्यों की िल
ु ना में 6 वें
थिान पर है । झारखंड ने MSMEs में भाऱी वद्
ृ धि दे खी है और इसे
और अधिक प्रौद्योधगकी - चाललि बनाकर , राज्य इस क्षेत्र को मजबूि
करना इस्च्छि है । राज्य ने MSME के भीिर उभरिे क्षेत्र जैसे खाद्य
प्रसंथकरण हथिकरघा और हथिलशल्प का भी संज्ञान ललया है ।

प्रिानमंत्री मि
ु ा योजना ( पीएमएमवाई ) के माध्यम से राज्य सरकार
उद्योगों को समय पर और पयाषप्ि ऋण प्रवाह सुतनस्श्चि करने के ललए
उधचि व्यवथिा करने का प्रयास कर रह़ी है । नई पीढ़ी के इच्छुक
युवाओं के बीच उद्यमशीलिा को बढावा दे ने के उद्दे श्य से , वर्ष 2019
में 1563096 खािे खोले गए हैं , स्जसमें 4380.98 लाख के कऱीब
रालश है । सरकार MSME की पररकल्पना करके उन्हें र्वकलसि करने
की योजना बना रह़ी है ।

झारखंड दे श में िसर रे शम ( गैर - शहिूि रे शम ) का सबसे बड़ा


उत्पादक है , स्जसका कुल उत्पादन में 76.4 प्रतिशि हहथसा है ।
JHARCRAFT न केवल दे श में बस्ल्क र्वदे शों में भी एक ब्ांड के रूप
में उभरा है । ये क्षेत्र सीिे िौर पर ललंग सशतिीरण और क्षेत्रीय संिल
ु न
के मद्
ु दों को प्रभार्वि करिे हैं । हालांकक , यह दे खा गया है कक
हथिकरघा और बुनकर पररवारों का एक बड़ा हहथसा प्रति माह रुपये
5000 से कम कमािा है ।

सामास्जक समह
ू ों में थिान , लशक्षा और िमष में असमानिा अभी भी
झारखंड में मौजूद है . स्जसे समाज के र्वलभन्न वगों के बीच की खाई
को पाटने के ललए गंभीरिा से संबोधिि करने की आवश्यकिा है ।
सामास्जक र्परालमड के नीचे अवस्थिि लोगों के मद्
ु दों को संबोधिि
करने के ललए राज्य सरकार पारं पररक उद्योग ( SFURTI ) के ललए
योजना की मदद से तलथटर र्वकास को बढावा दे रह़ी है ।

उत्पादकिा और िकनीकी कौशल बढाने ििा िामीण काऱीगरों की


कुशलिा एवं क्षमिा में वद्
ृ धि के ललए , र्वलभन्न क्षेत्र जैसे कक बाूँस
हथिलशल्प , सोने और चांद़ी के आभूर्ण , अगरबत्ती और शहद
मिम
ु तखी जैसे समह
ू ों को लागू ककया जा रहा है इसका उद्दे श्य इन
तलथटर र्वकासों के माध्यम से पारं पररक उद्योग के काऱीगर और
िामीण उद्यलमयों के ललए तनरं िर रोजगार सस्ृ जि करना है । राज्य
सरकार का लक्ष्य इन तलथटरों को र्वकलसि करके उनकी उत्पादकिा को
बढाना ििा तलथटर र्वकास के माध्यम से MSME की उत्पादन क्षमिा
एवं उत्पादकिा को बढाना है ।

आधारर्त
ू संरचना एर्वं संचार
आिारभूि संरचना एवं संचार ककसी भी अिषव्यवथिा को र्वकास की ओर
अिसर करने के ललए आवश्यक ित्त्व है । खतनज और प्राकृतिक
संसािनों से समद्
ृ ि होने के कारण झारखण्ड में सुदृढ सामास्जक -
आधिषक र्वकास ििा दे श के सबसे िीव्र गति से बढिे राज्यों में से एक
के रूप में उभरने की अपार संभावनाएूँ मौजद
ू हैं । िेजी से सामास्जक -
आधिषक र्वकास की असीम संभावनाओं के दोहन के ललए राज्य जब से
अस्थित्व में आया है िबसे , ढाूँचागि र्वकास के साि - साि संचार के
कुशल एवं व्यापक नेटवकष के तनमाषण को बढावा हदया गया है । राज्य
में बबजल़ी उत्पादन की कुल थिार्पि क्षमिा 2515 मेगावाट है ििा
र्पछले कुछ वर्ों में कुल आवश्यकिा के अनुपाि में ऊजाष उपलजििा के
अंिर में कमी आयी है । राज्य में सड़क का सग
ु हठि नेटवकष है स्जसमें
राष्ि़ीय राजमागों की कुल लंबाई 3367 ककलोमीटर और राज्य राजमागों
की कुल लंबाई 1232 ककलोमीटर सस्न्नहहि है कई नई रे ल लाइनों को
चालू ककया गया है और हाल के वर्ों में कई नयी िे न शरू
ु की गयी हैं ।
राज्य में रे ल पररवहन के बुतनयाद़ी ढाूँचे को बढावा दे ने हे िु झारखंड के
सभी अनुभागों में पटररयों के र्वद्युिीकरण को मंजूऱी द़ी गयी है एवं
वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच कुल 525 ककलोमीटर र्वद्युिीकरण का
कायष आरम्भ ककया गया है । नए हवाई अड्डों की थिापना के साि ह़ी
मौजद
ू ा हवाई अड्डों में सि
ु ार लाकर हवाई पररवहन नेटवकष को मजबि

ककया जा रहा है । कनेस्तटर्वट़ी / सबंद्ििा में सि
ु ार लाने के ललए
डडस्जटल इंडडया कायषक्रम के अंिगषि राज्य में भारि नेट पररयोजना
अपने दस
ू रे चरण में चल रहा है ििा इसके िहि 61 प्रतिशि काम पूरा
हुआ है । विषमान में 11 स्जलों के 64 प्रखंडों में कायष हो रहा है स्जससे
931 िाम पंचायिों को आच्छाहदि ककया जा रहा है सदृ ु ढ आधिषक
र्वकास के ललए र्वद्युि की तनबाषि और पयाषप्ि आपूतिष अपररहायष है ।
वर्ष 2011-12 में राज्य में कुल बबजल़ी की उपलजििा 9988.2 मेगावॉट
िी जो 3.22 प्रतिशि की औसि वार्र्षक दर ( CAGR ) से बढकर वर्ष
2019-20 में 12878.12 मेगावॉट हो गयी । 2515 मेगावॉट की कुल
थिार्पि क्षमिा में से 2276.46 मेगावॉट ( 91 प्रतिशि ) कोयला
आिाररि िापीय ऊजाष से , 8 प्रतिशि ऊजाष जल - र्वद्युि स्रोि से एवं
1.88 प्रतिशि बबजल़ी अक्षय ऊजाष स्रोिों से राज्य को उपलजि होिी है ।

वर्ष 2009-10 और 2018-19 की अवधि के दौरान कुल बबजल़ी आपतू िष


की स्थिति से पिा चलिा है कक चरम समय ( Peak Period of
Demand ) मांग में 8 प्रतिशि और इस दौरान बबजल़ी की उपलजििा
में 99 प्रतिशि की औसि वार्र्षक की दर से ( सीएजीआर ) वद्
ृ धि हुई
है , अिाषि मांग की चरम अवथिा ( Peak Period ) में बबजल़ी
उपलजििा के आभाव में कमी आयी है । िामीण क्षेत्रों की र्वद्यि
ु ीकरण
की स्थिति को दृस्ष्टगि रखिे हुए द़ीन दयाल उपाध्याय िाम ज्योति
योजना ( DDUGJY ) के िहि सभी 383 थवीकृि गांवों का
र्वद्युिीकरण पूणष कर ललया गया है । 33/11 केवी के 108 थवीकृि
नए सब थटे शन में से 63 थिार्पि ककए जा चुके हैं , 89 का संविषन
कायष परू ा हो गया है ििा शेर् 20 का संविषन कायष माचष 2021 िक
परू ा ककया जाएगा । िांसफामषर र्विरण , फीडर पि
ृ तकरण , एलट़ी
लाइनों ििा 11 केवी लाइन में प्रगति लक्ष्य के तनकट है जो DDUGJY
योजना के िहि उपलस्जि को रे खांककि करिी है । राज्य में सड़क
पररवहन नेटवकष के स्थिति अंिगषि राष्ि़ीय राजमागों की कुल लंबाई वर्ष
2018 में 2649 ककलोमीटर से बढकर वर्ष 2020 में 27 प्रतिशि की
वद्
ृ धि के साि 3367 ककलोमीटर हो गयी है ििा अन्य सड़क पीडजल्यूडी
( आरसीडी अंिगषि स्जसकी लंबाई वर्ष 2018 में 11709 ककलोमीटर िी
, 9 प्रतिशि की वद्
ृ धि के साि , वर्ष 2020 में 12736 ककलोमीटर हो
गयी है ।

राज्य में कई नई लाइनों को चालू कर ििा कई का दोहऱीकरण कर रे ल


नेटवकष का र्वथिार ककया गया है । हाल के वर्ों में रे ल पररवहन में
प्रमख
ु उपलस्जियों में 436 ककलोमीटर नई लाइनें बबछाने और वर्ष 2014
से 2019 के बीच 259 ककलोमीटर के दोहऱीकरण या िीसऱी लाइन की
थिापना शालमल है । यह नयी लाइनों के बबछाने में 100 प्रतिशि से
अधिक ििा दोहऱीकरण या िीसऱी लाइन की थिापना में 500 प्रतिशि
से अधिक की वद्
ृ धि की संभावना है ।

र्पछले वर्ों में कुल माल ढुलाई में लगािार वद्


ृ धि हुई है जो राज्य में
माल की आवाजाह़ी में रे लवे की बढिी भूलमका और योगदान को दशाषिा
है । रे ल द्वारा माल ढुलाई वर्ष 2014-15 में 124 लमललयन टन से
बढकर वर्ष 2018-19 में 155 लमललयन टन हो गयी है और इसके
पररणामथवरूप वर्ष 2014-15 और 2018-19 के बीच राजथव में 33.4
प्रतिशि की वद्
ृ धि हुई है । रे लवे थटे शनों पर सर्ु विाओं में सि
ु ार पर
जोर के रूप में , 31 थटे शनों पर वाई - फाई ( Wi - Fi ) सर्ु विा द़ी
जा रह़ी है और 147 थटे शनों पर पीओएस ( Pos ) मशीनें लगाई गयी
हैं ।

दे वघर और िालभूमगढ में नए हवाई अड्डों की थिापना कर ििा राूँची


में मौजद
ू ा बबरसा मड
ंु ा हवाई अड्डे को र्वकलसि कर हवाई पररवहन को
सदृ
ु ढ ककया जा रहा है । नागररक उड्डयन मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय
कनेस्तटर्वट़ी योजना ( RCS ) - UDAN के अंिगषि दम
ु का और बोकारो
हवाई अड्डों को , आरसीएस मागों - दम
ु का - पटना , दम
ु का - रांची ,
दम
ु का - कोलकािा बोकारो - पटना और बोकारों - कोलकािा में
तनिाषररि उड़ान संचालन के ललए , र्वकलसि ककया जा रहा है ।

आईट़ी आिाररि संचार नेटवकष को मजबूि करने हे िु झारखंड राज्य


सूचना और संचार नेटवकष योजना ( झारनेट ) 20 कायष प्रगति पर िा
जो कक जनवऱी 2021 िक पूऱी हो गयी है । यह नेटवकष राज्य भर में
लगभग 1700 कायाषलयों को कनेस्तटर्वट़ी प्रदान करिा है झारनेट में
सभी थिरों पर लगभग 3000 आईपी फोन और 5300 डेटा उपयोगकिाष
हैं सेवाओं के प्रभावी और कुशल प्रतिपादन को सतु नस्श्चि करने के ललए
सरकार ने कॉमन सर्वषस सेंटरों ( CSCs ) को आईट़ी आिाररि
बुतनयाद़ी ढाूँचे से सुसस्ज्जि ककया है । कुल 19066 में कॉमन सर्वषस
सेंटसष ( CSCs ) शुरू ककए गए ििा 12101 CSCs कायाषत्मक हैं ।
भारि ब्ॉडबैंड नेटवकष लललमटे ड के िहि पररयोजना की प्रगति के
आकलन से यह ज्ञाि हुआ है कक यह अब िक 142 प्रखंडों में
आच्छाहदि हुआ है ििा 2769 िाम पंचायिों में ओएफसी बबछाने का
कायष भी परू ा हो चक
ु ा है । राज्य में ऑस्प्टकल फाइबर नेटवकष की कुल
लंबाई 7960.713 ककमी है ।

इस प्रकार , राज्य ने अपने बुतनयाद़ी ढाूँचे और संचार नेटवकष के आिार


को मजबूि करने और इनमें कलमयों को दरू करने में काफी प्रगति की है
। हालाूँकक , प्रगति की गति बनाए रखने , अिषव्यवथिा को उच्च
र्वकास - पि की ओर ले जाने ििा लक्ष्यों को प्राप्ि करने के ललए
सिि प्रयास करने की आवश्यकिा है ।

श्रम एर्वं तनयोजन


आवधिक श्म बल सवेक्षण ( Periodic Labour Force Survey ) जो
एनएसएसओ द्वारा श्म बल डेटा की उपलजििा के ललए आयोस्जि
ककया जािा है के अनस
ु ार आयु वगष 15-59 वर्ष के बीच के लोगों के
ललए बेरोजगाऱी की दर वर्ष 2017-18 में 8.1 प्रतिशि से घटकर 2018-
19 में 5.5 प्रतिशि हो गयी जो है । वर्ष 2017-18 और 2018-19 के
यूतनट थिर के आूँकड़ों के अलावा , पीएलएफएस की त्रैमालसक बल
ु ेहटन
हदसंबर 2018 , माचष 2019 , जून 2019 , जन
ू 2019 , लसिंबर
2019 , हदसंबर 2019 और माचष 2020 को समाप्ि होने वाल़ी तिमाह़ी
के पहले ह़ी जाऱी ककए जा चुके हैं । इस आूँकड़े से पिा चलिा है कक
जल
ु ाई - लसिंबर 2019 से जनवऱी - माचष 2020 िक अम बल की
भागीदाऱी दर में वद्
ृ धि हुई है । इस अवधि में शहऱी झारखंड में 15 वर्ष
और उससे अधिक आयु वगष के परु ु र्ों के ललए श्म बल की भागीदाऱी
7.8 प्रतिशि और शहऱी झारखंड में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के
महहलाओं के ललए श्म बल की भागीदाऱी 25 प्रतिशि से बढ़ी है ।

15 वर्ष और उससे अधिक आयु वगष के ललए , बेरोजगाऱी दर झारखंड


के शहर क्षेत्र में समान रह़ी है , जबकक पूरे भारि में 5 प्रतिशि की
कमी हुई है । 15 वर्ष से अधिक आयु वगष की महहलाओं के ललए
बेरोजगाऱी दर में 5.8 प्रतिशि की कमी आयी है । झारखंड के शहर क्षेत्र
में पुरुर्ों और महहलाओं और राष्ि़ीय थिर पर पुरुर्ों और महहलाओं के
श्म बल भागीदाऱी दर के बीच का अंिर जुलाई - लसिंबर 2019 और
जनवऱी - माचष 2020 के बीच बहुि कम हो गया है ।

वर्ष 2017-18 और 2018-19 में कई गतिर्वधियों में लगे कामगारों में


कृर्र् क्षेत्र में काम करने वाले प्रमुख कामगार ( Principal Status
Workers ) कई अन्य आधिषक गतिर्वधियों में Subsidiary Status
Workers के रूप में कायषरि हैं इनमें से आिे से अधिक तनमाषण क्षेत्र में
लगे हुए हैं । वर्ष 2018-19 में र्वलभन्न गतिर्वधियों में लगे उन लोगों
में ऐसे अलमक जो 93.62 प्रतिशि श्लमक तनमाषण क्षेत्र में एक प्रमख ु
कायषकिाष के रूप में काम कर रहे हैं , 66.67 प्रतिशि श्लमक र्वतनमाषण
और खनन में प्रमख
ु कायषकिाष के रूप में काम कर रहे हैं और 71.88
प्रतिशि श्लमक हैं जो सेवा क्षेत्र में प्रमुख कायषकिाष के रूप में काम कर
रहे हैं वे कृर्र् के क्षेत्र में Subsidiary Status Workers के रूप में
कायषरि हैं ।

वैसे तनयलमि वेिन भोगी श्लमकों में कमी आयी है जो बबना ककसी
ललणखि अनुबंि के नौकऱी कर रहे िे । वैसे तनयलमि वेिन भोगी (
Regular Wage Salaried ) अलमक , जो बबना ककसी अनब
ु ंि के ,
जो ककसी संवैितनक छुट्ट़ी के अिवा ककसी भी सामास्जक सरु क्षा लाभ
से अच्छाहदि नह़ीं िे उनमें क्रमशः 22.7 प्रतिशि , 3.6 प्रतिशि ििा
10.9 प्रतिशि की धगरावट झारखण्ड के िामीण क्षेत्र में कमी पायी गयी
है । वैसे श्लमक स्जन्हें संवैितनक छुट्ट़ी की अनुमान्यिा नह़ीं िी उनके
सामास्जक सरु क्षा के आच्छादन मापदण्ड पर झारखण्ड ििा दे श के बीच
अंिर का प्रतिशि वर्ष 2017-18 में 10 प्रतिशि से घटकर वर्ष 2018-
19 में 5 प्रतिशि हो गयी है ।

सबसे सरु क्षक्षि नौकररयों आमिौर पर अधिक लशक्षक्षि लोगों द्वारा प्राप्ि
की जािी हैं । वर्ष 2018-19 में , तनयलमि वेिन भोगी श्लमकों में
22.17 प्रतिशि थनािक िे और लगभग 6 प्रतिशि थनािक और उससे
अधिक लशक्षक्षि िे । वर्ष 2018-19 में थनािकोत्तर कामगारों में 70
प्रतिशि तनयलमि वेिन भोगी िे और 30 प्रतिशि थव - तनयोस्जि िे ।

िामीण झारखंड में तनभषरिा अनुपाि ( Dependency Ratio ) अधिक


है , जो वर्ष 2017-18 और 2018-19 में 60.5 प्रतिशि और 63.4
प्रतिशि है , जबकक शहऱी झारखंड में तनभषरिा अनप
ु ाि 2017-18 और
2018-19 में क्रमशः 46.2 एवं 41.5 प्रतिशि है । आकस्थमक श्लमकों
के ललए प्रतिहदन मजदरू ़ी के मामले में झारखंड 5 वें थिान पर है ।
हहमाचल प्रदे श छत्तीसगढ , पस्श्चम बंगाल और केरल झारखंड से बेहिर
प्रदशषन करने वाले राज्य हैं । बाकी राज्य झारखंड की िुलना में अच्छा
प्रदशषन नह़ीं कर रहे हैं । िामीण झारखंड में प्रति हदन पुरुर् का वेिन
केवल 0.6 प्रतिशि बढा है जबकक िामीण भारि में पुरुर्ों के ललए यह
औसिन 5.5 प्रतिशि िक बढा है । महहलाओं के मामले में , िामीण
झारखंड में प्रति हदन मजदरू ़ी में 2.12 प्रतिशि की कमी आई है जबकक
िामीण भारि में यह 11.34 प्रतिशि बढ़ी है । िामीण झारखंड में
महहलाओं के वेिन में कमी और िामीण भारि में महहलाओं के वेिन में
वद्
ृ धि के कारण भारि की िुलना में झारखंड के ललए पुरुर् और महहला
वेिन के बीच की खाई बढ गयी है ।

मशक्षा
झारखंड में साक्षरिा दर में परु
ु र्ों और महहलाओं दोनों के ललए , समय
के साि सुिार हुआ है । 2001 से 2018-19 के बीच राज्य की साक्षरिा
दर में कऱीब 37 फीसद़ी की बढोत्तऱी हुई इस अवधि में पुरुर्ों की
साक्षरिा दर में कऱीब 20 फीसद़ी और महहलाओं की साक्षरिा दर में
कऱीब 70 फीसद़ी का इजाफा हुआ है । निीजिन , राज्य का ललंग -
समानिा सचू कांक 2001 में 0.58 से सि
ु रकर 2018-19 में 0.82 हो
गया है हालाूँकक झारखंड में साक्षरिा दर राष्ि़ीय औसि की िुलना में
कम है , लेककन राज्य में यह दर बढ कर राष्ि़ीय औसि के बराबर हो
रहा है । लशक्षा के अन्य आयामों में भी राज्य और राष्ि़ीय औसि के
बीच की खाई िेजी से कम हो रह़ी है ।

साक्षरिा दर में सुिार का एक महत्वपूणष कारण थकूल - लशक्षा के सभी


थिरों पर छात्रों का प्रभावशाल़ी नामांकन है । विषमान में , लगभग 75
लाख छात्र थकूल लशक्षा के र्वलभन्न चरणों में नामांककि हैं । 2019-20
में , झारखंड में थकूल - लशक्षा के ललए GER प्रािलमक थिर पर 100
प्रतिशि से अधिक है , लेककन उच्च प्रािलमक थिर पर 100 प्रतिशि से
कम है माध्यलमक और उच्चिर माध्यलमक थिर पर GERs 2019-20
में क्रमश : 60 प्रतिशि और 40 प्रतिशि है । GER की िरह NER भी
प्रािलमक एवं उच्च प्रािलमक थिरों पर अधिक है लेककन माध्यलमक और
उच्च माध्यलमक थिरों पर बहुि कम है प्रािलमक और प्रारं लभक थिर पर
एनईआर 90 प्रतिशि से िोड़ा ऊपर है और ऊपऱी प्रािलमक थिर पर
2019-20 में 90 प्रतिशि से िोड़ा कम है । लेककन माध्यलमक और
उच्चिर माध्यलमक थिरों पर यह 40 प्रतिशि से भी कम है ।

अनुसूधचि जाति और अनुसूधचि जनजाति , जो शैक्षक्षक रूप से एक


समय में वंधचि िे , िेजी से बाकी समुदायों के बराबर हो रहे है ।
लशक्षा के सभी थिरों पर SC और ST का GER राज्य के GER से
अधिक है ।

प्रमोशन , ड्रॉप आउट और र्वद्यािी की सफलिा दर अिाषि ् उच्चिर


थिर पर छात्रों की प्रोन्नति , माध्यलमक और उच्च माध्यलमक थिर की
िुलना में प्रािलमक , उच्च प्रािलमक और प्रािलमक थिर के बीच अधिक
पायी गयी । लशक्षा के सभी थिरों पर लड़ककयों की उन्नति दर लड़कों
की िल
ु ना में िोड़ी अधिक है ।

2017-18 में झारखंड में लगभग 49 हजार थकूल िे । उनकी संख्या


2019-20 में घटकर लगभग 45 हजार हो गयी है इस िरह र्पछले दो
वर्ों में इसमें 7.4 प्रतिशि की कमी आयी है । इनमें से अधिकांश थकूल
सह - शैक्षक्षक हैं और लशक्षा र्वभाग ( DoE ) द्वारा प्रबंधिि हैं ।

DoE द्वारा प्रबंधिि अधिकांश थकूलों में बहुि कम लशक्षक हैं । लगभग
16 प्रतिशि ऐसे थकूलों में केवल एक लशक्षक और 43 प्रतिशि में केवल
दो लशक्षक हैं । केवल 15 प्रतिशि में ऐसे थकूलों में 5-6 या उससे
अधिक लशक्षक हैं ।

झारखंड के अधिकांश थकूल अच्छी स्थिति में हैं शैक्षणणक वर्ष 2019-20
में , केवल माध्यलमक र्वद्यालयों में कक्षाओं का लगभग 4 प्रतिशि
और उच्चिर माध्यलमक र्वद्यालयों में 1 प्रतिशि कक्षाओं को ककसी
बड़ी मरम्मि की आवश्यकिा िी

अधिकांश DoE प्रबंधिि थकूल पीने के पानी , शौचालय , पथ


ु िकालय
और बबजल़ी कनेतशन जैसी सर्ु विाओं से सस
ु स्ज्जि हैं । 2019-20 में ,
इस िरह के थकूलों में से लगभग 98 प्रतिशि में पीने के पानी की
सर्ु विा है . 9 प्रतिशि लड़कों के ललए कायषरि शौचालय हैं , 97.6
प्रतिशि लड़ककयों के ललए अलग कायषरि शौचालय हैं , लगभग 95
प्रतिशि में पथ
ु िकालय हैं और लगभग 91 प्रतिशि में बबजल़ी कनेतशन
है । इसी िरह , लगभग 58 प्रतिशि थकूलों में खेल के मैदान हैं ,
लगभग 37 प्रतिशि में चारद़ीवाऱी है और 64 प्रतिशि में रैंप ( RAMP
) हैं । केवल 0.23 फीसद़ी थकूलों में कोई तलास रूम नह़ीं है

2016-17 में लशक्षकों की संख्या 118557 िी जो 2019-20 में मात्र


0.6 प्रतिशि बढकर 119238 हो गयी है । पुर्पल - लशक्षक अनुपाि (
PTR ) में भी राज्य ने सुिार ककया है 2014-15 में यह 46.1 िा जो
2019-20 में घटकर 378 हो गया । छात्रों के सीखने के पररणामों में
प्रभावशाल़ी सि ु ार हुआ है । कक्षा आठवीं के गणणि को छोड़कर , सभी
र्वर्यों में सभी वगों के छात्रों ने वर्ष 2015 में अपने लशक्षण - थिर की
िुलना में , 2017 में अपने प्रदशषन में सि
ु ार ककया है ।
सरकार ने राज्य में थकूल़ी लशक्षा के नामांकन , प्रतििारण और गण
ु वत्ता
में सि
ु ार के ललए कई कदम उठाये हैं । उच्च लशक्षा पर अणखल भारिीय
सवेक्षण ( AISHE ) 2018-19 के अनस
ु ार झारखंड में 25
र्वश्वर्वद्यालय हैं , जो दे श के लगभग 2.5 प्रतिशि है । इनमें से दस
र्वश्वर्वद्यालय राज्य के सावषजतनक र्वश्वर्वद्यालय हैं ििा 9 तनजी
र्वश्वर्वद्यालय हैं । झारखंड में न िो कोई Open University है और
न ह़ी कोई Dual Mode University है ।

2010-11 में राज्य का सकल नामांकन अनुपाि ( Gross Enrolment


Rate ) केवल 7.5 प्रतिशि िा । वर्ष 2018-19 में यह बढकर 19
प्रतिशि हो गया । हालाूँकक , यह अभी भी राष्ि़ीय GER के 26.3
प्रतिशि से नीचे है । उच्च लशक्षा में लैंधगक असमानिा है एसट़ी को
छोड़कर , ललंग - समिा - सच
ू कांक सभी के ललए 1 से कम रह गया है
। यद्यर्प ललंग - असमानिा में , र्पछले कुछ वर्ों में िीरे - िीरे सि
ु ार
हुआ है ।

उच्च मशक्षा में छात्र - मशक्षक अनुपात : अणखल भारिीय औसि की


िल
ु ना में झारखंड के र्वश्वर्वद्यालयों और कॉलेजों में छात्र - लशक्षक
अनप
ु ाि अपेक्षाकृि अधिक है । 2018-19 में झारखंड के रे गल
ु र मोड
वाले महा र्वद्यालयों और र्वश्वर्वद्यालयों में छात्र - लशक्षक अनुपाि
73 िा , जो अणखल भारिीय अनुपाि 29 से दोगुने से भी ज्यादा है
सरकार ने उच्च लशक्षा के जीईआर को बढाने और उच्च लशक्षा की
गुणवत्ता में सि
ु ार के ललए कई पहल ककया हैं ।
व्यार्वसातयक और तकनीकी मशक्षा:-
2013-14 में प्रदे श में िीस पॉल़ीटे स्तनक संथिान िे , स्जनमें कुल
8820 सीटें िीं । यह संख्या 2018-19 िक बढकर 43 हो गई है
स्जसमें कुल 11,575 सीटें हैं । इसके अलावा सरकाऱी , तनजी या
पस्जलक पाटष नरलशप मोड में संचाललि इंजीतनयररंग संथिानों में सीटों की
संख्या 5854 िी जो वर्ष 2018-19 में बढकर 9433 हो गयी ।

झारखंड कौशल वर्वकास ममशन सोसाइटी : झारखंड कौशल र्वकास


लमशन सोसाइट़ी द्वारा चलाए जा रहे र्वलभन्न कायषक्रमों के िहि
विषमान में एक सौ पचपन कौशल प्रलशक्षण केंि सकक्रय हैं । उनका
उद्दे श्य सालाना 1,13,460 प्रलशक्षुओं को प्रलशक्षक्षि करना है । विषमान
में 180521 , युवाओं का पंजीकरण झारखंड कौशल र्वकास लमशन
सोसाइट़ी के िहि ककया गया है |

व्यावसातयक / िकनीकी लशक्षा औपचाररक संथिानों के बाहर भी होिी है


। झारखंड में लगभग 2 प्रतिशि लोग- 3.4 प्रतिशि पुरुर् और 06
प्रतिशि महहलाएूँ , औपचाररक संथिानों के बाहर व्यावसातयक /
िकनीकी प्रलशक्षण प्राप्ि कर चुके हैं ।

थर्वाथ्य एर्वं पोर्ण


लशशु मत्ृ यु दर ( प्रति 1000 जीर्वि जन्म ) और 5 वर्ष से कम लशशु
के मत्ृ यु दर ( प्रति 1000 जीर्वि जन्म ) को कम करने में झारखंड ने
उल्लेखनीय प्रगति की है । लशशु मत्ृ यु दर में 2011-15 से 2016-20
की अवधि के दौरान 34 से कम होकर 31 हो गयी ििा 5 वर्ष से कम
लशशु के मत्ृ यु दर में इसी अवधि के दौरान 49 से कम होकर 45 हो
गयी । राज्य में संथिागि प्रसव के थिर में सुिार ििा ट़ीकाकरण दरों
में वद्
ृ धि भी हुई है । पूवी लसंहभम
ू और रामगढ को छोड़कर स्जनमें 50
प्रतिशि से कम का आच्छादन हुआ . अन्य सभी स्जलों ने संथिागि
प्रसव में अच्छा प्रदशषन ककया है । िामीण क्षेत्रों में संथिागि प्रसव के
ललए तनजी अथपिाल के बजाय सावषजतनक अथपिाल को प्रािलमकिा द़ी
जािी है , जबकक शहऱी क्षेत्रों में चुने जाने वाले अनुपाि में , तनजी
अथपिाल ििा सावषजतनक अथपिाल के चयन में िोड़ा ह़ी िुलनात्मक
अंिर है । प्रसवपव
ू ष एवं प्रसवोत्तर दे खभाल , जो माि ृ और लशशु थवाथथ्य
का एक महत्त्वपण
ू ष संकेिक है . से ज्ञाि होिा है कक जहाूँ 96 प्रतिशि
महहलाओं को प्रसवपूवष दे खभाल - सुर्विा प्राप्ि हुई वह़ीं प्रसवोत्तर
दे खभाल का थिर मात्र 77 प्रतिशि िा अिाषि ् प्रसवोत्तर दे खभाल को
अपेक्षाकृि कम महत्त्व हदया गया है । CNNS द्वारा एकत्र ककए गए
नमूना - आूँकड़ों के आिार पर , 5 वर्ष से कम आयु के 36 प्रतिशि
बच्चे थटस्न्टं ग ( Stunting ) , 29 प्रतिशि वेस्थटं ग ( Wasting ) ििा
43 प्रतिशि कम वजन ( underweight ) के लशकार िे । इनसे यह भी
ज्ञाि होिा है कक लड़कों की िल
ु ना में लड़ककयों कुपोर्ण से अधिक
िलसि िीं । शहऱी क्षेत्रों की िुलना में िामीण क्षेत्रों में बच्चे अधिक
कुपोर्र्ि िे ।
झारखंड में अथपिाल में भिी ( Hospitalization ) से संबंधिि मामलों
में औसि धचककत्सा व्यय िामीण क्षेत्रों की िल
ु ना में शहऱी क्षेत्रों में
काफी अधिक िा । भिी रोगी ( in - patient ) दे खभाल में औसि
अपने पॉकेट के खचष ( out of pocket expenditure ) िामीण और
शहऱी दोनों क्षेत्रों के तनजी अथपिालों में तनथसंदेह अधिक िा , इसके
बाद ह़ी िमाषिष /िथट / एनजीओ द्वारा संचाललि अथपिाल आिे िे ।
बाह्य रोगी दे खभाल के मामले में औसि धचककत्सा व्यय शहऱी क्षेत्रों की
िल
ु ना में िामीण क्षेत्रों में कम िा , हालांकक यह िामीण और शहऱी
दोनों क्षेत्रों में ह़ी राष्ि़ीय औसि से अधिक िा तनथसंदेह , िामीण और
शहऱी दोनों क्षेत्रों में ककसी भी अन्य प्रतिष्ठान की िल
ु ना में तनजी
अथपिालों में खचष अधिक है आश्चयषजनक नह़ीं है कक िामीण और
शहऱी दोनों क्षेत्रों में लोगों का एक बड़ा भाग अनौपचाररक बाह्य रोगी
दे खभाल प्रदािाओं पर आधश्ि है ।

राज्य में 24 स्जलों में 4472 सावषजतनक थवाथथ्य संथिान कायषरि हैं ,
स्जसमें 23 स्जला अथपिाल ( कुल 3493 शय्या ) 13 अनम
ु ंडल
अथपिाल ( कुल 630 शय्या ) सस्म्मललि हैं । इसके अतिररति , राज्य
में 188 सीएचसी ( Community Health Centre ) , 330 पीएचसी (
Primary Health Centre ) और 3848 एचएससी ( Health Sub
Centre ) कायषरि हैं । हालाूँकक राज्य में थवाथथ्य - सर्ु विाओं का
िनत्व महज 11 प्रति 100000 जनसंख्या िा , जो लोगों की थवाथथ्य
- आवश्यकिाओं को परू ा करने के ललए बहुि ह़ी कम है । इन संथिानों
में विषमान में कायषरि एएनएम और थटाफ नसों की कुल संख्या क्रमशः
9676 और 1173 है । इसके अलावा राज्य में केवल 1710 धचककत्सा
अधिकाऱी ििा 403 वऱीय धचककत्सा अधिकाऱी हैं ।

राज्य में कुल थवाथथ्य कायषकिाष का घनत्व भी कम ( प्रति 10000


जनसंख्या 1.9 ) िा । राज्य के सभी 24 स्जलों में थवाथथ्य कायषकिाषओं
की र्वलभन्न कोहटयों के घनत्व में भाऱी असमानिा है ।

पेयजल एर्वं थर्वच्छता


थवाथथ्य और सेहि के मद्
ु दे पयाषप्ि जल आपूतिष और कुशल थवच्छिा
प्रणाललयों से तनकटिा से संबंधिि हैं । थवच्छ जल और थवच्छिा
सेवाओं की समान पहुूँच झारखंड के ललए प्रािलमकिा है । झारखंड ने
पहले ह़ी खल
ु े में शौच मत
ु ि राज्य का दजाष हालसल करने में उल्लेखनीय
प्रगति की है । आवास और शहऱी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोस्जि
थवच्छिा सवेक्षण 2020 में झारखंड ने भारि के 100 शहऱी थिानीय
तनकायों ( यूएलबी ) के बीच सवषश्ेष्ठ प्रदशषन वाले राज्य का दजाष प्राप्ि
कर शानदार उपलस्जि हालसल की है । पूवी लसंहभूम नगर तनगम
जमशेदपरु ने 3-10 लाख आबाद़ी वाले शहर श्ेणी के िहि लसट़ीजन
फीडबैक में पहला थिान प्राप्ि ककया है ।

झारखंड सभी के ललए पानी और थवच्छिा सेवाओं िक पहुूँच सुतनस्श्चि


करने के ललए प्रतिबद्ि है । झारखंड र्पछले कुछ वर्ों से बहुि
आक्रामक िऱीके से दर्ू र्ि जल स्रोिों का पऱीक्षण कर रहा है ।
साहहबगंज जैसे कुछ स्जलों में आसेतनक के दर्ू र्ि स्रोि बहुि कम हो
गए हैं , स्जससे पिा चलिा है कक जल - उपचार - थिर में अत्यधिक
प्रगति हुई है ।

थवच्छ भारि लमशन की शरु


ु आि के बाद र्पछले 5 वर्ों में प्रमख

उपलस्जियों के बावजूद , कई चुनौतियां बनी हुई हैं । झारखंड में केवल
10.73 प्रतिशि घरों में पाइप्ड वाटर सप्लाई ( Pws ) की पहुंच है , जो
कक राष्ि़ीय औसि 33.47 प्रतिशि से काफी नीचे है ।

स्जलों के भीिर पाइप्ड जलापूतिष की पहुूँच में महत्त्वपूणष असमानिाएूँ हैं


। झारखंड के ललए पानी की आपतू िष की ऐसी असमानिा भी एक धचंिा
का र्वर्य है । कम बजट़ीय आवंटन और अप्रयत
ु ि िन भी केंहिि
लक्ष्यों को प्राप्ि करने में बािक हैं । इस वर्ष के ललए NRDWP फंड
आवंटन 572.24 करोड़ है , जबकक केवल 143.06 करोड़ रुपये जाऱी
ककए गए हैं । इसके अलावा लगािार दो वर्ों के ललए . अनपेक्षक्षि िन
200 करोड़ से अधिक है ।

महहला , बाल - वर्वकास एर्वं सामाप्जक सुरक्षा


महहलाएं , बच्चे , बढ
ू े और हदव्यांग ककसी भी समाज में सबसे कमजोर
समह
ू ों में से एक हैं । यह िथ्य कक महहलाएं राज्य की लगभग 50
प्रतिशि आबाद़ी का हहथसा हैं और कुल कायषबल का 10.3 प्रतिशि ,
यह जरूऱी है कक इस आिी आबाद़ी के उत्िान के ललए योजनाएूँ हों ।

लशक्षा की स्थिति पर र्वचार करिे समय 6-14 वर्ष की आयु समह


ू में
थकूल की उपस्थिति में कोई लैंधगक असमानिा नह़ीं है , लेककन 15-17
वर्ष आयु वगष में है , जहां 69 प्रतिशि लड़कों की िल
ु ना में 65 प्रतिशि
लड़ककयाूँ थकूल जािी है साक्षरिा के संदभष में 15-49 आयु वगष की
केवल 59 प्रतिशि महहलाएूँ ह़ी हैं , जबकक समान आयु वगष के 80
प्रतिशि पुरुर्ों की िुलना में और झारखंड में 15-49 आयु वगष की केवल
16 प्रतिशि महहलाओं ने थकूल़ी लशक्षा के 12 या अधिक वर्ष पूरे ककए
है ।

लगभग 71 प्रतिशि महहलाएूँ एनीलमक हैं और एनीलमया का प्रभाव


र्वशेर् रूप से िामीण क्षेत्रों की महहलाओं , थिनपान कराने वाल़ी
महहलाओं , थकूल न गयीं महहलाओं और अनस
ु ूधचि जनजाति की
महहलाओं में अधिक है । 6 से 59 मह़ीने के उम्र के बच्चों में एक बड़ा
अनुपाि ( 70 प्रतिशि ) एनीलमक है । झारखंड सरकार ने केंि सरकार
के साि लमलकर महहलाओं के उत्िान के ललए कई योजनाएं शरू
ु की हैं

महहलाओं के साि बच्चे भी एक और कमजोर वगष हैं स्जन पर र्वशेर्


ध्यान दे ने की आवश्यकिा होिी है । इसके अलावा , बाल थवाथथ्य ,
लशक्षा में तनवेश से द़ीघाषवधि में लाभ होिा है । वद्
ृ ि और हदव्यांग एक
और ऐसा वगष है स्जन्हें र्वशेर् दे खभाल की आवश्यकिा है ।

राज्य में इन सभी प्रािलमकिा वाले समूहों / वगों के ललए योजनाएूँ हैं
और जनसंख्या के इस हहथसे के उत्िान की हदशा में लगािार प्रयासरि
है । राज्य ने इस संबंि में कई पहल ककये हैं । महहला , बाल र्वकास
और सामास्जक सरु क्षा र्वभाग का लक्ष्य राज्य में ललंग - उत्तरदायी -
बजट िैयार करना है इस संबि
ं में , र्वभाग तनयलमि रूप से राज्य के
सभी र्वभागों की वार्र्षक योजना के ललंग उत्तरदायी बजट के उद्दे श्यों का
अनप
ु ालन कर रहा है । र्वभाग का 2020-21 का वार्र्षक बजट लैंधगक
उत्तरदायी बजट के उद्दे श्यों के अनरू
ु प है । झारखंड सरकार ने र्वत्तीय
वर्ष 2019-20 से अपने वार्र्षक बजट में बाल बजट की शरु
ु आि की है ।
महहला , बाल र्वकास और सामास्जक सरु क्षा र्वभाग इसका नोडल
र्वभाग है जो वर्ष 2020-21 से बाल बजट िैयार करने के ललए अन्य
संबंधिि र्वभागों के साि लमलकर कायष कर रहा है ।

राज्य में बाल कल्याण के र्वलभन्न उपाय जैसे राज्य पोर्ण लमशन ,
ककशोर न्याय कोर् और पोर्ण अलभयान हैं । महहलाओं और बाललकाओं
के र्वकास के ललए र्वलभन्न योजनाओं में बेट़ी बचाओ बेट़ी पढाओ ,
ककशोररयों के ललए योजना , िेजस्थवनी पररयोजना , मुख्यमंत्री
कन्यादान योजना , सामास्जक कुऱीति - तनवारण योजना , और
मख्
ु यमंत्री सक
ु न्या योजना शालमल हैं ।

राज्य में वद्


ृ िों और र्वकलांगों के ललए कई सामास्जक सरु क्षा योजनाएूँ
हैं जैसे कक थवामी र्ववेकानंद तनश्चलिा थवावलम्बन प्रोत्साहन योजना ,
मख्
ु यमंत्री राजकीय वद्
ृ िावथिा पेंशन योजना , आहदम जनजाति समह

के ललए मख्
ु यमंत्री राज्य योजना , मख्
ु यमंत्री राज्य र्विवा सम्मान पेंशन
योजना ।

इन सभी योजनाओं का मल
ू उद्दे श्य र्वलभन्न प्रािलमकिा वाले समह
ू ों के
र्वलशष्ट मद्
ु दों को संबोधिि करना और उनका सवाांगीण र्वकास
सतु नस्श्चि करना है । एक समद्
ृ ि समाज अंििः एक समद्
ृ ि
अिषव्यवथिा में बदल जािा है और इसललए झारखंड सरकार का लक्ष्य ,
समि र्वकास सतु नस्श्चि करने के ललए , जमीनी थिर पर काम करना
है ।

जनजातीय कल्याण
अनस
ु धू चि जनजाति , अनस
ु धू चि जाति और अन्य वंधचि समद
ु ाय
झारखंड राज्य की जनसंख्या का एक महत्त्वपण
ू ष हहथसा हैं । ये समद
ु ाय
, हालाूँकक , एक समान नह़ीं हैं । झारखंड के अनस
ु धू चि जनजातियों में
32 आहदवासी समूह शालमल हैं , स्जनमें से 8 र्वशेर् रूप से कमजोर
जनजािीय समह
ू ( PVTG ) हैं

एसट़ी की उच्च सघकिा वाले स्जलों में आमिौर पर अनस


ु ूधचि जाति
की जनसंख्या कम होिी है । अन्य समुदायों की िरह . झारखंड में
अल्पसंख्यक समद
ु ायों की उपस्थिति के बारे में अंिर - स्जला लभन्निा
है । सरकाऱी रोजगार के संदभष में अनुसूधचि जनजाति ( 3.49 प्रतिशि
) की िल
ु ना में अनस
ु धू चि जाति के अधिक प्रतिशि ( 5.08 प्रतिशि )
सरकार के साि तनयोस्जि है । झारखंड में केवल 8.2 प्रतिशि एससी
पररवारों के पास वेिन आिाररि रोजगार है जबकक एसट़ी पररवारों के
ललए यह आंकड़ा और भी कम है । इस समुदाय में से केवल 6.08
प्रतिशि पररवार के सदथय ह़ी वेिन आिाररि नौकऱी में है ।

कल्याण र्वभाग ने वर्ष 2019-20 के दौरान आवासीय हाई थकूलों


अवसंरचनात्मक पुथिकालय सुर्विाओं के तनमाषण के ललए एक योजना
बनायी िी । प्रािलमक , माध्यलमक और वररष्ठ माध्यलमक िेड में पढने
वाले , और आधिषक रूप से कमजोर एससी , एसट़ी और ओबीसी
पररवारों से संबंधिि कक्षा 1 से कक्षा 10 िक के छात्र - छात्राओं को
उनकी शैक्षक्षक लागि की भरपाई करने के ललए छात्रवर्ृ त्त द़ी जािी है ।

लशक्षा की गुणवत्ता में सुिार लाने के उद्दे श्य से , कल्याण र्वभाग ने


वर्ष 2019-20 के दौरान चतु नंदा आवासीय र्वद्यालयों में आईसीट़ी (
ICT ) प्रयोगशालाओं की थिापना के माध्यम से आवासीय हाई थकूलों
में ई - लतनांग कायषक्रम शरू
ु करने की योजना बनायी है ।

संिाल परगना के आहदवालसयों के बीच थवाथथ्य स्थिति खराब है । वे


अतसर समाज की मख्
ु यिारा से बाहर रहे हैं ििा धचककत्सा सर्ु विा भी
उनकी पहुूँच से दरू रह़ी है । इस बाि को ध्यान में रखिे हुए , कल्याण
र्वभाग द्वारा पहाडड़या क्षेत्र में थवाथथ्य सेवा उप - केंि की थिापना की
गयी िी , स्जसमें पीवीट़ीजी ( PVTG ) समद
ु ाय को थवाथथ्य सेवाएं
प्रदान की जािी है ।

संिाल परगना के चार स्जलों में उधचि संरचनात्मक इकाइयों और


थवाथथ्य कमषचाररयों के साि 18 पहाडड़या थवाथथ्य उपकेंि हैं , स्जनमें
एक सहायक नसष , एक लमडवाइफ , एक एमएचडजल्यू और एक
आहदवासी धचककत्सक थवाथथ्य सेवाएूँ प्रदान करने के ललए साप्िाहहक
भ्रमण करिे हैं । यह समुदाय , र्वशेर् रूप से पहाडड़या आहदवासी है ।

पयाषप्ि आवासीय सुर्विाएूँ सुतनस्श्चि करने के ललए , राज्य द्वारा कई


आवासीय योजनाओं , जैसे बबरसा आवास योजना शह़ीद िाम र्वकास
योजना आहद , को प्रायोस्जि है । राज्य ने अब िक जो सफलिा
हालसल की है , वह लक्ष्य हालसल करने और आगे बढने के ललए प्रेरणा
का स्रोि है । थिानीय समद
ु ाय को सशति बनाना , आजीर्वका की
सरु क्षा के ललए सिि सि
ु ार को बढावा दे ना ििा आहदवासी एवं अन्य
वंधचि समद
ु ायों के जीवन की गण
ु वत्ता में समि सि
ु ार यह जनजािीय
कल्याण से संबंधिि अन्य उद्दे श्य में शालमल है ।

इसके अलावा राज्य , प्रायोजकों और कौशल र्वकास , कल्याण गरु


ु कुल
, कौशल कॉलेजों , झारखंड जनजािीय सशतिीकरण और आजीर्वका
पररयोजना ( UTELP ) , एकीकृि प्राकृतिक संसािन प्रबंिन , गऱीबी
में कमी , हाडषकोर गऱीब पररयोजना को लक्षक्षि करने आहद जैसे
आजीर्वका कायषक्रमों का भी आयोजन करिा है । इसके अतिररति राज्य
द्वारा खेल के क्षेत्र ििा अल्पसंख्यक समद
ु ाय के ललए कई पहल ककये
जािे है ।

प्राकृततक संसाधन : र्वन , खतनज एर्वं जल


संसाधन
झारखंड ' शजद वनों से आच्छाहदि भूलम के क्षेत्र को दशाषिा है । इसललए
, वथिि
ु ः प्रिीकात्मक रूप से , झारखंड जंगलों से जड़
ु ा हुआ है ISFR
2019 में प्रकालशि नवंबर 2017 से जनवऱी 2018 की अवधि के IRS
ररसोसष सैट -2 LISS III उपिह के आूँकड़ों के अनस
ु ार , राज्य में
फॉरे थट कवर 23,611.41 वगष ककमी है जो राज्य के भौगोललक क्षेत्र का
29.62 प्रतिशि है । वन कैनोपी - घनत्व में , राज्य में बहुि घने वन (
वीडीएफ ) के िहि 2,603.20 वगष ककमी ( 3.27 प्रतिशि ) है , मध्यम
थिर के वन ( एमडीएफ ) 11,320.85 वगष ककमी ( 14.20 प्रतिशि )
है ििा ओपन फॉरे थट ( ओएफ ) के िहि 9,687.36 वगष ककमी (
12.15 प्रतिशि ) है ) ।

झारखंड अपने वन - आवरण में लगािार वद्


ृ धि दे ख रहा है । वर्ष
2017-2019 के आकलन - अवधि के बीच राज्य में कुल 77 वगष ककमी
गैर - वन भलू म को वन - भलू म में रूपांिररि ककया गया है । इसमें 58
वगष ककमी वीडीएफ . एमडीएफ , ओएफ और 19 वगष ककमी . Scrub
का है VDF और MDF में 5 और 1 वगष ककमी की वद्
ृ धि हुई है ,
जबकक OF में 52 वगष ककमी की वद्
ृ धि हुई है । यहाूँ यह भी
उल्लेखनीय है कक झारखंड के आहदवासी स्जलों में वन - आवरण में
वद्
ृ धि हुई है ।

अणखल भारिीय जनजािीय स्जलों में REA / GW में 741 वगष


ककलोमीटर की धगरावट दजष की गयी है , जबकक , झारखंड में 15 वगष
ककलोमीटर की वद्
ृ धि दजष की गयी है । राज्य में वन - आच्छादन में
वद्
ृ धि के मुख्य कारण मुख्यमंत्री जन वन योजना , नद़ी महोत्सव ,
वह
ृ ि वक्ष
ृ ा रोपन अलभयान और क्षतिपरू क वनीकरण ( CAMPA )
योजनाएूँ हैं ।

झारखंड ( 2009 ) में CAMPA के लागू होने के बाद से कुल 4,178


हे तटे यर वन भलू म गैर - वन उपयोगों के ललए मोड़ द़ी गयी है हालांकक ,
इसी अवधि के दौरान , कुल 1,03,406 हे तटे यर भलू म को भी वक्ष
ृ ारोपण
के िहि कवर ककया गया है ।
झारखंड जैव र्वर्वििा और वन्य जीवन में काफी समद्
ृ ि है । झारखंड
में 177 पौिे - प्रकार की प्रजातियाूँ उपलजि हैं और इसमें 111 पेड़ -
प्रजातियाूँ , 40 जड़ी - बहू टयों और 26 झाडड़याूँ - प्रजातियाूँ शालमल हैं ।
यहाूँ पर वन्यजीवों के संरक्षण को भी उधचि महत्व हदया गया है और
विषमान में राज्य में एक राष्ि़ीय उद्यान और ग्यारह वन्यजीव
अभ्यारण्य हैं स्जनका क्षेत्रफल 2,182.11 वगष ककमी है |

झारखंड में खतनजों का बड़ा भंडार है और दे श के कुल खतनज संसािनों


में इसका लगभग 40 प्रतिशि हहथसा है । झारखंड को कोयला भंडार में
पहला थिान , लोहा में दस
ू रा , कॉपर अयथक ररजवष में िीसरा ,
बॉतसाइट ररजवष में 7 वां थिान प्राप्ि है । दे श में झारखंड राज्य प्राइम
कोककंग कोल का एकमात्र उत्पादक है । र्वत्त वर्ष 2020-21 में , कुल
15,691 परलमट जाऱी ककए गए हैं और राज्य में 1,104 प्रमख
ु और लघु
खानों पर ( 11.11.2020 िक ) रॉयल्ट़ी के रूप में 2.296 . 96 करोड़
रुपये संिहहि ककए गए हैं ।

रॉयल्ट़ी संिह के संदभष में , िनबाद ( 563.73 करोड़ रुपये ) शीर्ष पर


है और इसके बाद चाईबासा ( 497.74 करोड़ रुपये ) और चिरा (
274.13 करोड़ रुपये ) दस
ू रे और िीसरे थिान पर हैं । अन्य खतनजों के
अलावा , राज्य ने 2015-16 से 2017-18 के बीच 36 ककलोिाम सोने
का उत्पादन भी ककया है । 2018-19 में खतनजों से कुल राजथव -
संिह रुपये 5,97,8.97 करोड़ और 2019-20 में यह रुपये 5,16,5.82
करोड़ है ।
भू-जल संसािनों के नवीनिम अनम
ु ानों के अनस
ु ार , झारखंड में 6.21
बबललयन तयबू बक मीटर ( बीसीएम ) की वार्र्षक प्रतिपतू िष भलू म जल
संसािन और शद्
ु ि भज
ू ल उपलजििा 5.69 बीसीएम है । झारखंड ने
अपने भूजल का लसफष 27.73 प्रतिशि र्वकलसि ककया है । CWMI -
2019 के अनस
ु ार , गैर - हहमालयी राज्यों के रूप में वगीकृि 17
राज्यों के समूह में झारखंड का रैंक 17 वौं है और र्पछले वर्ष से इसके
रैंक में कोई पररविषन नह़ीं हुआ है ।

हालाूँकक वर्ष 2015-16 और 2017-18 के बीच इसका थकोर 5.18 बढ


गया है । र्वत्तीय वर्ष 2015-16 में , झारखंड का थकोर 100 में से
28.4 िा । र्वत्तीय वर्ष 2016-17 में यह 33.6 िक सुिरा और र्वत्तीय
वर्ष 2017-18 में भी 33.6 पर रहा ।

31 माचष 2018 को बबजल़ी की थिार्पि उत्पादन क्षमिा 1.36 गीगावॉट


है स्जसमें िमषल ऊजाष से 1.20 गीगावॉट और हाइड्रो ऊजाष से 0.13
गीगावॉट शालमल है । ऊजाष सांस्ख्यकी 2019 की ररपोटष के अनस
ु ार ,
झारखंड में अक्षय ऊजाष की अनम
ु ातनि क्षमिा 18,489 मेगावॉट है और
यह 31 माचष 2018 को दे श में उपलजि कुल अनम
ु ातनि क्षमिा का
1.69 प्रतिशि है 31.03.2017 और 31.03.2018 को झारखंड में धिड
इंटरएस्तटव ररन्यए
ू बल पावर की थिार्पि क्षमिा क्रमशः 27.32 मेगावॉट
और 36.12 मेगावॉट है । इस प्रकार , 32.21 प्रतिशि की वद्
ृ धि यहाूँ
दे खी जा सकिी है ।
पयिटन , कला - संथकृतत , खेल एर्वं यर्व
ु ा कायि
2014-15 को छोड़कर , सभी वर्ों में राष्ि़ीय पयषटकों की आमद में
हमेशा सकारात्मक वद्
ृ धि दर रह़ी है । 2014-15 में राष्ि़ीय पयषटकों की
संख्या में 1 प्रतिशि की धगरावट आयी है । 2018 में राष्ि़ीय पयषटकों
की संख्या में भाऱी वद्
ृ धि हुई है 2013 से सभी लगािार वर्ों में झारखंड
में अंिराषष्ि़ीय पयषटकों की आमद में सकारात्मक वद् ृ धि दर रह़ी है ।
भारिीय पयषटक मख्
ु य रूप से श्ावण ( अगथि ) मह़ीने के दौरान राज्य
का दौरा करिे हैं । 2019 में , अगथि के मह़ीने में राष्ि़ीय पयषटकों में
41.2 प्रतिशि की वद् ृ धि हुई । जबकक अगथि के मह़ीने में िेजी से
बढने के बाद राष्ि़ीय पयषटकों की आमद लसिंबर के मह़ीने में बहुि कम
हो जािी है , अंिरराष्ि़ीय पयषटकों की आमद जून के मह़ीने को छोड़कर
जब यह अपने सबसे तनचले थिर पर होिा है , और जनवऱी और
अगथि में जब यह अपने चरम पर होिी है , लगभग परू े साल समान
रूप से र्विररि रहिा है ।

घरे लू और अंिराषष्ि़ीय पयषटक-प्रवाह में प्रत्येक राज्य की प्रतिशि


हहथसेदाऱी में लभन्निा है । हालाूँकक , कुछ राज्यों में घरे लू पयषटक प्रवाह
में बहुि अधिक प्रतिशि हहथसेदाऱी है । उन राज्यों और इसके र्वपऱीि
के ललए अंिराषष्ि़ीय प्रवाह आवश्यक नह़ीं है । घरे लू पयषटक प्रवाह में ,
िलमलनाडु , उत्तर प्रदे श , कनाषटक , आध्र प्रदे श , महाराष्ि और
िेलंगाना शीर्ष 5 राज्यों में हैं । झारखंड घरे लू पयषटक प्रवाह में 13 वें
थिान पर है । अंिरराष्ि़ीय पयषटक प्रवाह में , िलमलनाडु महाराष्ि उत्तर
प्रदे श , हदल्ल़ी , राजथिान और पस्श्चम बंगाल शीर्ष 5 राज्यों में हैं ।
झारखंड अंिराषष्ि़ीय पयषटक प्रवाह में 17 वें थिान पर है । पयषटन उन
क्षेत्रों में से एक है , जो कोर्वड -19 महामाऱी से प्रभार्वि हैं , झारखंड
में भी पयषटन इस महामाऱी से काफी प्रभार्वि रहा है ।

कला एर्वं संथकृतत


झारखंड का जनजािीय समद
ु ाय अपनी समद्
ृ ि सांथकृतिक परम्परा और
र्वलभन्न कलारूपों के कारण झारखंड के सांथकृतिक पररदृश्य को प्रभार्वि
करिा है । इस प्रदे श की , और र्वशेर्कर यहाूँ के आहदवासी समाज की
कला , संथकृति एवं जीवन शैल़ी ' प्रकृति मनुष्य एवं आत्मा
' (Nature - Man - Spirit ) के बीच के सामंजथय के द्वारा
प्रभार्वि होिी है । झारखंड के जीवन , कला एवं संथकृति में इस कारण
से प्रकृति का एक अलभन्न योगदान है ।

झारखंड में हथिलशल्प की कुछ लोकर्प्रय ककथमें हैं- बांस लशल्प , भीर्त्त
धचन्ह , काथठ लशल्प , िािू लशल्प , गोदना . लेिा लशल्प , मख
ु ौटा
लशल्प , प्रथिर लशल्प , और वाद्य यन्त्र लशल्प ।

झारखंड के छऊ नत्ृ य की एक र्वलशष्ट पहचान है और यूनथ


े को ने वर्ष
2010 में हे ररटे ज डांस में नत्ृ य के इस रूप को शालमल ककया । 03
सरकाऱी संथिान चल रहे हैं जहाूँ लगभग 300 र्वद्याधिषयों को र्वलभन्न
थिानीय नत्ृ य के रूप में प्रलशक्षण लमल रहा है । पयषटन , कला संथकृति
, खेल और यव
ु ा मामलों के र्वभाग झारखंड की लोक कला और संथकृति
संरक्षक्षि करने और जीर्वि रखने के ललए र्वलभन्न समारोहों / मेलों में
र्वलभन्न योजनाओं जैसे- सब
ु ह - सवेरा सनीपरब भादो महोत्सव ,
आहदवासी महोत्सव और सांथकृतिक कायषक्रमों का संचालन ककया जािा
है ।

खेलकूद एर्वं युर्वा वर्वकास


पयषटन , कला संथकृति , खेल और यव
ु ा मामलों के र्वभाग द्वारा
लगभग 89 डे - बोडडांग केंि और 36 आवासीय केंि थवीकृि और चल
रहे हैं स्जसमें लगभग 2994 प्रलशक्षु उच्च थिऱीय खेल प्रलशक्षण प्राप्ि
कर रहे हैं । इस र्वभाग को एक थपोट्षस यूतनवलसषट़ी लमल़ी है स्जसके
अगले र्वत्तीय वर्ष से शुरू होने की संभावना है । यह ध्यान दे ने योग्य है
कक झारखंड सरकार एवं Central Coal Fields के ित्त्वाविान में चल
रहे JSSPS नामक एक खेल अकादमी में लगभग 445 प्रलशक्षुओं को
बेहिर खेल प्रलशक्षण के ललए नामांककि ककया गया है ।

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