Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 9

अ याय 11: डेटा संचार

11.1     

    "           :              ,   ,   ,                             
      ,                             - 
                             
                   ,   ,                11.1       ,     -        
-  ,  ,                                       ,                       

Figure A: A simple network of computing devices


11.2       
                                      ,                        ,
  ,    ,                                                     B  
                

Figure B: Components of data communication


  :                                    ,   ,  ,   ,         
   
  :                                      ,  ,  ,   ,      
       ,                       
  :                       - 
               ,  ,  ,  ,  ,              
    :                                                              ,
      ,    ,    ,   ,  ,                 11.5     
  :                                                        HTTP  
        
11.3         
     ,                                                        
                    :
11.3.1  
                                       ,                
 ,                           ( 
  )       
1 KHz =1000 Hz
1 MHz =1000 KHz = 1000000 Hz
11.3.2      
                                                               
                                    ( 
  )                          :
1 Kbps=210 bps=1024 bps
1 Mbps=220 bps=1024 Kbps
1 Gbps=230 bps=1024 Mbps
1 Tbps=240 bps=1024 Gbps
उदाहरण 11.1: एक उपयोगकता 10 पृ ित 20 सेकंड क दर से एक टे ट द तावेज़ अपलोड करना चाहता है। चैनल क आव यक डेटा दर या
होगी? (मान ल क 1 पृ म 1600 वण ह और येक वण 8 िबट का है)।
हल: आव यक डेटा दर

11.4 डेटा संचार के कार


डेटा संचार दो या दो से अिधक कं यू टंग िडवाइस या नो स के बीच िस ल के प म होता है। डेटा का थानांतरण पॉइंट-टू-पॉइंट या म टीपॉइंट संचार
चैनल पर होता है। िविभ उपकरण के बीच डेटा संचार को मोटे तौर पर 3 कार म वग कृत कया जाता है: िस ले स संचार, आधा ैध संचार और पूण-
ैध संचार।
11.4.1    
                                                         
                                         ,                        
     
IoT        ,                           C                      ,   ,
  ,              

Figure C: Simplex communication


11.4.2   - 
   
                                             ,             ,      
D                     ,                                             
                  ,                                       - 
         
      - 
 - 
                                                         

Figure D: Half-duplex where communication occurs in two


different moments.
11.4.3   - 
   
                                 ,       E                          
                                             ,      ,            
                                           - 
                 -           
       ,            - 
                        
Figure E: Full duplex transmission of data
11.5    
         ,                                   - 
 - 
                  ( 
 
  )                ( 
      )                ,                       
                                                           
                 -          
11.5.1 स कट ि व चंग
स कट ि व चंग म, संचार शु होने से पहले, ेषक और रसीवर के बीच एक सम पत पथ क पहचान क जाती है। यह पथ नेटवक नो स के बीच
लंक का एक जुड़ा आ म है। सभी पैकेट कने शन के दौरान थािपत समान पथ का अनुसरण करते ह।
पहले के दन म, जब हम एक टेलीफोन कॉल करते थे, तो टेलीफोन िस टम के भीतर ि व चंग उपकरण हमारे टेलीफोन से रसीवर के टेलीफोन तक
एक भौितक पथ या चैनल का पता लगाता है। यह स कट ि व चंग का एक उदाहरण है।
11.5.2 पैकेट ि व चंग
पैकेट ि व चंग म, ेषक और रसीवर के बीच ेिषत क जाने वाली येक सूचना या संदेश को छोटे टुकड़ म तोड़ दया जाता है, िजसे पैकेट कहा
जाता है। फर इन पैकेट को नेटवक के मा यम से वतं प से ेिषत कया जाता है। एक ही संदेश के अलग-अलग पैकेट उपल धता के आधार पर अलग-
अलग माग अपना सकते ह।
येक पैकेट म दो भाग होते ह - एक हेडर िजसम गंत का पता और अ य जानकारी होती है, और मु य संदेश भाग होता है। जब सभी पैकेट गंत
पर प ंच जाते ह, तो उ ह फर से जोड़ा जाता है और पूरा संदेश रसीवर को ा होता है।
स कट ि व चंग के िवपरीत, एक चैनल पैकेट के सारण के दौरान ही पैकेट ि व चंग म त रहता है। सारण के पूरा होने पर, चैनल अ य संचार
दल से पैकेट के ह तांतरण के िलए उपल ध है।
11.6 ांसिमशन मीिडया
एक संचरण मा यम कुछ भी हो सकता है जो ोत ( ांसमीटर) और गंत ( रसीवर) के बीच िस ल या डेटा ले जा सकता है। उदाहरण के िलए, जब
हम छत के पंखे या काश ब ब को चालू करते ह, िव ुत तार वह मा यम है जो ि वच से पंखे या ब ब तक िव ुत धारा वािहत करता है। िच F म
दखाए अनुसार दो आदमी बात कर रहे ह। यहाँ मा यम वायु है।

Figure F: Two person communicating


डेटा संचार म, ांसिमशन मीिडया वे लंक ह जो दो या दो से अिधक संचार उपकरण के बीच संदेश ले जाते ह। ांसिमशन को गाइडेड या
अनगाइडेड के प म वग कृत कया जा सकता है। िच G संचार मा यम के वग करण को दशाता है।
िनदिशत संचरण म, तार/केबल से बना एक भौितक लंक होता है िजसके मा यम से संकेत के प म डेटा को नो स के बीच चा रत कया जाता
है। ये आमतौर पर धाि वक केबल, फाइबर-ऑि टक केबल आ द होते ह। इ ह वायड मीिडया के प म भी जाना जाता है।
अनगाइडेड ांसिमशन म, डेटा ऐ टेना का उपयोग करके िव ुत चु बक य तरंग के संदभ म हवा म या ा करता है। उ ह वायरलेस मीिडया के प
म भी जाना जाता है।
Figure G: Classification of communication media
                                                                  
               - 
                         :                 
11.6.1      
                         ,                                     
/     ,     ,               - 
                               
   

(A)      
    - 
                                                     ,         
                            ,      H        

Figure H: Twisted pair of cables


                                                         
               LAN                      :     - 
  (UTP)       - 
  (STP),  
   I       

Figure I: UTP Cable and STP Cable


(B) समा ीय केबल
समा ीय केबल एक अ य कार का डेटा ांसिमशन मा यम है। यह बेहतर प ररि त है और इसम मुड़ जोड़ी क तुलना म अिधक बडिव थ है। जैसा
क िच J म दखाया गया है, इसम केबल के मूल म एक तांबे का तार होता है जो इ सुलेट साम ी से िघरा होता है। इ सुलेटर आगे एक बाहरी कंड टर
(आमतौर पर एक तांबे क जाली) से िघरा होता है। इस बाहरी कंड टर को लाि टक कवर म लपेटा गया है। समा ीय केबल क सफलता क कुंजी इसका
प ररि त िडज़ाइन है जो केबल के कॉपर कोर को पयावरणीय कारक के ह त ेप के िबना डेटा को ज दी से सा रत करने क अनुमित देता है। इस कार
के केबल का उपयोग उ आवृि य के संकेत को लंबी दूरी तक ले जाने के िलए कया जाता है।
Figure J: A coaxial cable
(C)    
                      ,                     (   K)  
              
                                                               
                                                                
                                              ,           
                   

Figure K: Fiber optic cable


11.6.2 वायरलेस ांसिमशन मीिडया
बेतार संचार ौ ोिगक म, सूचना बेतार संचार ौ ोिगक म, सूचना वायु के मा यम से िव ुत चु बक य संकेत के प म या ा करती है।
वायरलेस संचार के िलए 3 KHz से 900 THz तक आवृि का िव ुतचुंबक य पे म उपल ध है (िच L)। वायरलेस ौ ोिग कयां िबना कसी भौितक
मीिडया क आव यकता के कम से लंबी दूरी म दो या दो से अिधक उपकरण के बीच संचार क अनुमित देती ह। कई कार क वायरलेस संचार
ौ ोिग कयां ह जैसे लूटूथ, वाईफाई, वाईमै स आ द।
इले ोमै े टक पे म रज (3KHz से 900THz) को 4 ेिणय (िच L) म िवभािजत कया जा सकता है - रेिडयो तरंग, माइ ोवेव, इ ारेड
तरंग और दृ य या काश तरंग, उनक आवृि रज के अनुसार। येक तरंग के कुछ गुण सारणी A म सूचीब ह। इनम से तीन बेतार संचार के िलए
उपयोगी ह।

Figure L: Electromagnetic waves spectrum


Table A: Classification of transmission waves and their properties
संचरण तरंग गुण
रेिडयो तरंग 1. आवृि रज क तरंग 3 KHz - 1 GHz
2. ओमनी- दशा मक, ये तरंग सभी दशा म घूम सकती ह
3. आवृि क रेिडयो तरंग 300KHz-30MHz लंबी दूरी क या ा कर सकती ह
4. ह त ेप के िलए संवेदनशील
5. आवृि 3-300KHz क रेिडयो तरंग दीवार म वेश कर सकती ह
6. इन तरंग का उपयोग AM और FM रेिडयो, टेलीिवजन, ताररिहत फोन म कया जाता है।
माइ ोवेव 1. आवृि रज क िव ुत चु बक य तरंग 1GHz - 300GHz।
2. यूिनडायरे शनल, केवल एक दशा म आगे बढ़ सकता है।
3. दीवार , पहािड़य या पहाड़ जैसी ठोस व तु म वेश नह कर सकता।
4. लाइन-ऑफ-िवज़न सार क आव यकता है अथात दोन संचार एंटेना एक दूसरे क दशा
म होने चािहए।
5. पॉइंट-टू-पॉइंट संचार या यूिनका ट संचार जैसे रडार और उप ह म उपयोग कया जाता
है।
6. ब त बड़ी सूचना-वहन मता दान कर।
अवर तरंग 1. आवृि रज क िव ुत चु बक य तरंग 300GHz - 400THz।
2. ब त उ आवृि तरंग।
3. दीवार जैसी ठोस व तु म वेश नह कर सकता।
4. छोटी दूरी के पॉइंट-टू-पॉइंट संचार जैसे मोबाइल-टू-मोबाइल, मोबाइल-टू- ंटर, रमोट-
कं ोल-टू-टीवी, और लूटूथ-स म िडवाइस जैसे माउस, क बोड आ द के िलए उपयोग कया
जाता है।

11.6.3 वायरलेस टे ोलॉजीज


(A) लूटूथ
लूटूथ एक छोटी दूरी क वायरलेस तकनीक है िजसका उपयोग मोबाइल फोन, माउस, हेडफोन, क बोड, कं यूटर आ द को कम दूरी पर वायरलेस
तरीके से जोड़ने के िलए कया जा सकता है। कोई भी भौितक कने शन के िबना लूटूथ-स म ंटर के साथ द तावेज़ ंट कर सकता है। इन सभी लूटूथ-
स म उपकरण म कम लागत वाली ांसीवर िचप होती है। यह िचप डेटा संचा रत करने और ा करने के िलए 2.4 GHz के िबना लाइसस वाले
सी बड का उपयोग करती है। ये िडवाइस 1 - 2 एमबीपीएस क पीड से 10 मीटर के दायरे म डेटा भेज सकते ह।
लूटूथ तकनीक म, 10 मीटर क सीमा के भीतर संचार करने वाले उपकरण एक ि गत े नेटवक का िनमाण करते ह िजसे िपकोनेट कहा जाता
है। िपकोनेट म िडवाइस मा टर- लेव कॉि फ़गरेशन म काम करते ह। एक मा टर िडवाइस एक ही समय म अिधकतम 7 स य लेव िडवाइस के साथ
संचार कर सकता है।
लूटूथ तकनीक 255 उपकरण को नेटवक बनाने क अनुमित देती है। उनम से, 8 िडवाइस एक ही समय म संचार कर सकते ह और शेष िडवाइस
िनि य हो सकते ह, मा टर िडवाइस से ित या आदेश क ती ा कर रहे ह।
(B) वायरलेस लैन
यह वायरलेस संचार का एक और तरीका है। वायरलेस लैन एक लोकल ए रया नेटवक (LAN) है, और यह इंटरनेट से जुड़ने का एक लोकि य तरीका
है। अंतररा ीय संगठन आईईईई लैन के येक अलग-अलग मानक को सं या दान करता है। वायरलेस लैन क सं या 802.11 है, और इसे लोकि य
प से वाई-फाई के प म जाना जाता है।
इन नेटवक म संचार उपकरण जैसे लैपटॉप और मोबाइल फोन के साथ-साथ एपी (ए सेस पॉइंट) नामक नेटवक िडवाइस शािमल है जो इमारत या
फश म थािपत है (िच M)। ए सेस वाइंट एक ऐसा उपकरण है िजसका उपयोग वायड राउटर, ि वच या हब से कने ट करके वायरलेस लोकल ए रया
नेटवक बनाने के िलए कया जाता है। एपी एक वायड नेटवक से जुड़े होते ह, और सभी िडवाइस एक ए सेस वाइंट के मा यम से इंटरनेट का संचार या
ए सेस करते ह। वाई-फाई उपयोगकता को नेटवक से कने ट होने के दौरान नेटवक े के भीतर घूमने क सुिवधा देता है। WLAN के कुछ लाभ
िन िलिखत ह:
• वायरलेस कने शन का उपयोग मौजूदा वायड इं ा चर को बढ़ाने या बदलने के िलए कया जा सकता है।
• मोबाइल उपकरण के िलए बढ़ी ई प ंच के प रणाम व प।
• सावजिनक थान पर इंटरनेट तक आसान प ंच दान करता है।
Figure M: Access point creating a wireless LAN

11.7 मोबाइल दूरसंचार ौ ोिगक


आज मोबाइल फोन नेटवक दुिनया म सबसे यादा इ तेमाल कया जाने वाला नेटवक है। चलते- फरते नेटवक से कने ट होने क मता कॉल या
व रत संदेश के मा यम से लोग के साथ संवाद करना ब त सुिवधाजनक बनाती है। वायरलेस कने शन के मा यम से मोबाइल फोन नेटवक का उपयोग
करके इंटरनेट का उपयोग करना भी आसान है। इसके अलावा, इंटरनेट ऑफ थं स (IoT) हम अ य माट उपकरण के साथ भी िनयं ण और संचार करने
दे रहा है।
िपछले कुछ दशक म मोबाइल नेटवक का आ कटे चर तेजी से िवकिसत आ है। मोबाइल संचार ौ ोिग कय म िविभ ऐितहािसक उपलि धय
को िविभ पी ढ़य के प म वग कृत कया गया है। इनक पहचान 1जी, 2जी, 3जी, 4जी और 5जी के प म क जाती है। आइए हम मोबाइल
दूरसंचार पी ढ़य के बारे म सं ेप म चचा कर।
पहली पीढ़ी (1G) मोबाइल नेटवक णाली 1982 के आसपास आई थी। इसका उपयोग केवल वॉयस कॉल सा रत करने के िलए कया जाता था।
कॉलर और रसीवर के बीच आवाज को ले जाने के िलए एनालॉग िस ल का इ तेमाल कया गया था।
दूसरी पीढ़ी (2G) मोबाइल नेटवक णाली 1991 के आसपास आई। एनालॉग िस ल के बजाय, वॉयस कॉल को िडिजटल प म सा रत कया
गया और इस कार बेहतर कॉल गुणव ा दान क गई। इस बढ़ी ई मता ने अिधक लोग को एक साथ बात करने क अनुमित दी, और सुर ा म
सुधार आ य क संकेत को एि ट कया जा सकता था। इसने एसएमएस और एमएमएस (म टीमीिडया संदेश) भेजने के िलए एक अित र सेवा को
भी स म कया।
तीसरी पीढ़ी (3G) मोबाइल नेटवक तकनीक 90 के दशक के अंत म िवकिसत क गई थी, ले कन इसे ावसाियक प से 2001 के आसपास पेश
कया गया था। इसने िडिजटल वॉयस और डेटा दोन सेवा क पेशकश क । 3G ने उ ह रेिडयो टावर के मा यम से इंटरनेट ए सेस दान कया जो
मोबाइल फोन को वॉयस स वस दान करते ह। इसने अिधक आवाज और डेटा मता क सुिवधा दान क । इसिलए, एक ही सी रज म एक साथ
अिधक कॉ स हो सकती ह और डेटा ांसफर क गित भी काफ तेज हो सकती है।
तेजी से डेटा क मांग हमेशा बढ़ रही है और इस कार 4 जी मोबाइल नेटवक िवकिसत ए और अब 5 जी नेटवक भी अि त व म आ गए ह। 4जी
3जी क तुलना म काफ तेज है और इसने वायरलेस अनुभव को पूरी तरह से एक नए तर पर लाकर दूरसंचार के े म ांित ला दी है। 4G िस टम
इंटरैि टव म टीमीिडया, वॉयस, वीिडयो, वायरलेस इंटरनेट और अ य ॉडबड सेवा का समथन करता है। तकनीक प से, 4G 3G क तुलना म
ब त अलग है।
पांचव पीढ़ी या 5G वतमान म िवकास के अधीन है। यह IoT और मशीन टू मशीन (M2M) संचार क सफलता के िलए एक मील का प थर िवकास
होने क उ मीद है। मशीन टू मशीन (M2M) उपकरण के बीच सीधा संचार है - वायड और वायरलेस। 5G से Gbps म डेटा ांसफर क अनुमित िमलने
क उ मीद है, जो है
4जी से भी तेज। यह भिव य के सभी उपकरण जैसे कने टेड वाहन और इंटरनेट ऑफ थं स का समथन करने म स म होने क उ मीद है।
11.8 ोटोकॉल
संचार म, ोटोकॉल मानक िनयम का एक समूह है िजसका संचार करने वाले प - ेषक, रसीवर और अ य सभी म यवत उपकरण का पालन
करने क आव यकता होती है। हम जानते ह क ेषक और रसीवर िविभ भौगोिलक थान पर रखे गए िविभ नेटवक के भाग हो सकते ह। इसके
अलावा, िविभ नेटवक म डेटा अंतरण दर िभ हो सकती है, िजसके िलए डेटा को िविभ व प म भेजने क आव यकता होती है।
11.8.1 ोटोकॉल क आव यकता
हम िविभ कारण से ोटोकॉल क आव यकता होती है जैसे वाह िनयं ण, अिभगम िनयं ण, पता, आ द। वाह िनयं ण क आव यकता तब
होती है जब ेषक और रसीवर के पास डेटा भेजने और ा करने क अलग-अलग गित होती है। िच N दशाता है क कं यूटर A गित से डेटा भेज रहा
है
1024 एमबीपीएस और कं यूटर बी 512 एमबीपीएस क गित से डेटा ा कर रहा है। इस मामले म, कं यूटर बी को कं यूटर ए को गित बेमेल के
बारे म सूिचत करने म स म होना चािहए ता क कं यूटर ए अपनी डेटा ांसिमशन दर को समायोिजत कर सके। अ यथा कुछ डेटा खो जाएगा, जैसा क
िच N म दखाया गया है।
यह तय करने के िलए ए सेस कं ोल क आव यकता है क संचार चैनल म कौन से नोड एक िवशेष समय पर उनके बीच साझा कए गए लंक तक
प ंचगे। अ यथा, य द कं यूटर एक ही लंक के मा यम से एक साथ डेटा भेज रहे ह, िजसके प रणाम व प डेटा क हािन या ाचार होता है, तो ेिषत
डेटा पैकेट टकरा जाएंगे।

Figure N: Speed mismatch between two computers can result into loss of data

ोटोकॉल भी प रभािषत करते ह:


• कं यूटर एक नेटवक पर एक दूसरे क पहचान कैसे करते ह।
• िजस प म डेटा को पारगमन के िलए प रव तत कया जाना चािहए।
• कैसे तय कया जाए क ा डेटा उस नोड के िलए है या कसी अ य नोड को अ ेिषत कया जाना है।
• यह सुिनि त करना क सभी डेटा िबना कसी नुकसान के गंत तक प ंच गए ह।
• पैकेट को कैसे पुन वि थत कर और उ ह गंत पर कैसे संसािधत कर।
य द संचार नेटवक के सभी िनयम या ोटोकॉल एक ही थान पर प रभािषत ह, तो यह सुिनि त करना ज टल हो जाता है क संचार करने वाले
प दशािनदश का पालन करते ह। इस खंड म, हम संचार म आव यक कुछ ोटोकॉल के बारे म सं ेप म बात करगे।
11.8.2 हाइपर टे ट ांसफर ोटोकॉल (HTTP)
HTTP का मतलब हाइपरटे ट ांसफर ोटोकॉल है। यह व ड वाइड वेब तक प ँचने के िलए उपयोग कया जाने वाला ाथिमक ोटोकॉल है।
टम बनस-ली ने 1989 म इंटरनेट इंजीिनय रंग टा क फोस (IETF) और व ड वाइड वेब कंसो टयम (W3C) के सहयोग से CERN म HTTP के
िवकास का नेतृ व कया।
HTTP एक अनुरोध- ित या (िजसे लाइंट सवर भी कहा जाता है) ोटोकॉल है जो TCP पर चलता है। HTTP का सामा य उपयोग एक वेब
ाउज़र ( लाइंट) और एक वेब सवर (सवर) के बीच होता है। एचटीटीपी व ड वाइड वेब से हाइपरटे ट तक प ंच क सुिवधा दान करता है, यह
प रभािषत करके क कैसे सूचना को ा िपत और सा रत कया जाता है, और वेब सवर और ाउज़र को िविभ आदेश का जवाब कैसे देना चािहए।
एक वेब पेज HTML जैसी माकअप भाषा का उपयोग करके िलखा जाता है और इसके URL के मा यम से ए सेस के िलए वेब सवर पर सं हीत
कया जाता है। एक बार जब कोई उपयोगकता एक वेब ाउज़र खोलता है और इि छत वेब पेज के यूआरएल म टाइप करता है, तो उपयोगकता मशीन
( लाइंट) और वेब सवर के बीच एक ता कक संचार लंक HTTP का उपयोग करके बनाया जाता है। उदाहरण के िलए, जब भी हम यूआरएल
http//www दज करते ह .ncert.nic.in एक ाउज़र म, यह वेब-सवर पर HTTP अनुरोध भेजता है जहां ncert.nic.in हो ट कया जाता है। वेब-सवर
से HTTP ितसाद अनुरोिधत वेब-पेज को ा करता है और भेजता है, जो आपके ाउज़र पर द शत होता है।
11.8.3 फाइल ांसफर ोटोकॉल (एफ़टीपी)
फाइल ांसफर ोटोकॉल (एफ़टीपी) एक मशीन से दूसरी मशीन म फाइल ांसफर करने के िलए इ तेमाल कया जाने वाला ोटोकॉल है। HTTP
क तरह, FTP भी लाइंट-सवर मॉडल पर काम करता है।
जब कोई उपयोगकता कसी अ य िस टम के साथ फ़ाइल थानांतरण के िलए अनुरोध करता है, तो FTP फ़ाइल तक प ँचने के िलए दो नो स के
बीच एक कने शन थािपत करता है। वैकि पक प से, उपयोगकता यूजर आईडी और पासवड का उपयोग करके मािणत कर सकता है। उपयोगकता तब
फ़ाइल का नाम और वांिछत फ़ाइल का थान िन द करता है। उसके बाद, एक और कने शन सेट हो जाता है और फ़ाइल थानांतरण सीधे दो मशीन के
बीच होता है। हालाँ क, कुछ सवर फ़ाइल तक प ँचने के िलए माणीकरण के िबना FTP लॉिगन दान करते ह।
दो णािलय के बीच फ़ाइल थानांतरण सरल और सीधा लगता है य क एफ़टीपी दो संचार उपकरण के बीच मु का यान रखता है, जैसे:
• फाइल का नामकरण करते समय िविभ स मेलन का उपयोग।
• िविभ व प म पाठ और डेटा का ितिनिध व।
• अलग िनदिशका संरचना होना
11.8.4 वाइंट टू वाइंट ोटोकॉल (पीपीपी)
पीपीपी एक संचार ोटोकॉल है जो दो संचार उपकरण के बीच एक सम पत और सीधा संबंध थािपत करता है। यह ोटोकॉल प रभािषत करता है
क कैसे दो िडवाइस एक दूसरे को मािणत करगे और एक थािपत करगे
डेटा के आदान- दान के िलए उनके बीच सीधा संबंध। उदाहरण के िलए, पीपीपी का उपयोग करके सीधे कने शन वाले दो राउटर संचार करते ह।
इंटरनेट उपयोगकता जो अपने घरेलू कं यूटर को एक मॉडेम के मा यम से इंटरनेट सेवा दाता (आईएसपी) के सवर से जोड़ते ह, वे भी पीपीपी का
उपयोग करते ह।
संचार उपकरण म इस ोटोकॉल का उपयोग करने के िलए डु ले स मोड होना चािहए। यह ोटोकॉल डेटा अखंडता को सुिनि त करता है क
पैकेट म म आएं। यह ेषक को ित त या खोए ए पैकेट के बारे म सूिचत करता है और इसे फर से भेजने के िलए कहता है।
11.8.5 साधारण मेल ांसफर ोटोकॉल (एसएमटीपी)
SMTP एक ोटोकॉल है िजसका उपयोग ईमेल सेवा के िलए कया जाता है। यह संदेश शीषलेख पर िलखी गई जानकारी का उपयोग करता है
(जैसे डाक ारा भेजे गए प पर एक िलफाफा), और ईमेल संदेश क साम ी से संबंिधत नह है। येक ईमेल हेडर म ा कता के ईमेल पते होते ह।
हेडर और बॉडी वाले ईमेल को आउटगोइंग मेल क कतार म दज कया जाता है।
एसएमटीपी ेषक काय म आउटगोइंग कतार से मेल लेता है और उ ह गंत तक प ंचाता है। जब एसएमटीपी ेषक कसी िवशेष मेल को एक या
अिधक गंत पर सफलतापूवक िडलीवर करता है, तो यह मेल क गंत सूची से संबंिधत ा कता के ईमेल पते को हटा देता है। जब वह मेल सभी
ा कता को िडलीवर कर दया जाता है, तो उसे आउटगोइंग यू से हटा दया जाता है। SMTP रसीवर ो ाम आने वाले येक मेल को वीकार
करता है और उसे उपयु उपयोगकता मेलबॉ स म रखता है।
11.8.6 ांसिमशन कं ोल ोटोकॉल (टीसीपी)/ इंटरनेट ोटोकॉल (आईपी)
TCP/IP, ांसिमशन कं ोल ोटोकॉल/इंटरनेट ोटोकॉल के िलए खड़ा है। यह मानक कृत िनयम का एक सेट है जो संचार के लाइंट-सवर मॉडल
का उपयोग करता है िजसम उपयोगकता या मशीन ( लाइंट) नेटवक म सवर ारा सेवा का अनुरोध करता है।
आईपी ोटोकॉल यह सुिनि त करता है क इंटरनेट से जुड़े येक कं यूटर या नोड को एक आईपी पता स पा गया है, िजसका उपयोग येक नोड
को वतं प से पहचानने के िलए कया जाता है। इसे िचपकने वाला माना जा सकता है जो पूरे इंटरनेट को एक साथ रखता है। टीसीपी सुिनि त करता
है क संदेश या डेटा को छोटे टुकड़ म िवभािजत कया जाता है, िजसे आईपी पैकेट कहा जाता है। इन पैकेट म से येक को इंटरनेट के मा यम से एक
राउटर से दूसरे राउटर तक एक पथ के साथ ट कया जाता है, जब तक क यह िन द गंत तक नह प ंच जाता। टीसीपी िन द आईपी पते पर पैकेट
क िडलीवरी क गारंटी देता है। यह पैकेट को ऑडर करने के िलए भी िज मेदार है ता क उ ह म से िवत रत कया जा सके।
इंटरनेट म कई अनाव यक कने शन पथ ह, िजनम बैकबोन और आईएसपी कई थान पर एक दूसरे से जुड़ते ह। तो, दो मेजबान के बीच कई
संभािवत रा ते ह। इसिलए, एक ही संदेश के दो पैकेट अलग-अलग संभािवत माग म भीड़भाड़ और अ य कारक के आधार पर दो अलग-अलग माग ले
सकते ह। जब सभी पैकेट अंततः गंत मशीन तक प ंच जाते ह, तो वे रसीवर के अंत म मूल संदेश म फर से जुड़ जाते ह।

You might also like