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डीपीएसजी सुशांत लोक

कक्षा – नौवीं
विषय – हिंदी
अर्द्ध वार्षिक परीक्षा अ.अंक – 40
प्रश्न 1 - निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए -
संस्कृ त में एक कहावत है कि दुर्जन दूसरों के राई के समान मामूली दोषों को पहाड़ के समान बड़ा बनाकर देखता है और अपने पहाड़ के समान बड़े पापों को देखते हुए भी नहीं
देखता। सज्जन या महात्मा ठीक इससे विपरीत होते हैं। उनका ध्यान दूसरों की बजाए के वल अपने दोषों पर जाता है। अधिकांश व्यक्तियों में कोई न कोई बुराई अवश्य होती है। कोई भी
बुराई न होने पर व्यक्ति देवता की कोटि में आ जाता है। मनुष्य को अपनी बुराइयों को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए, न कि दूसरों की कमियों को लेकर छींटाकशी करने या टीका-
टिप्पणी करने का। अपने मन की परख को पवित्र करने का सबसे उत्तम साधन है-आत्मनिरीक्षण। यह आत्मा की उन्नति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। महात्मा कबीर ने कहा है कि जब मैंने मन
की पड़ताल की, तो मुझे अपने जैसा कोई बुरा न मिला। महात्मा गाँधी ने कई बार स्पष्ट रूप से कहा था-“मैंने जीवन में हिमालय जैसी बड़ी भूलें की हैं।" अपनी भूलों पर ध्यान देना या
उन्हें स्वीकार करना आत्मबल का चिह्न है। जो लोग दूसरों के सामने अपनी भूल नहीं मानते और न ही अपने को दोषी स्वीकार करते हैं, वे सबसे बड़े कायर हैं। जिसका अंतःकरण शीशे
के समान उजला है, उसे झट अपनी भूल महसूस हो जाती है। मन तो दर्पण है। मन में पाप है, तो पाप दिखाई देता है। पवित्र आचरण वाले अपने मन को देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि
अभी इसमें कोई कमी रह गई है, इसलिए वे अपने मन को बुरा कहते हैं। यही उनकी नम्रता की साधना है।
1. दूसरों के राई के समान दोषों को पहाड़ के समान कौन देखता है? 2. लेखक के अनुसार, अपने मन की परख को पवित्र किया जा सकता है -
A. सज्जन A. आत्मसम्मान द्वारा
B. महात्मा B. आत्मबल द्वारा
C. दुर्जन C. आत्मविस्मृति द्वारा
D. देवता D. आत्मनिरीक्षण द्वारा

3. महात्माओं का ध्यान किसके दोषों की तरफ़ जाता है? 4. जिन्हें अपनी भूल तुरंत महसूस हो जाती है, उनका अंतःकरण होता है -

A. सभी लोगों के A. पत्थर के समान

B. सारे संसार के B. शीशे के समान

C. के वल अपने C. हिमालय के समान

D. के वल दूसरों के D. देवताओं के समान

5. कोई भी बुराई न होने पर व्यक्ति किस कोटि में आ जाता है?


A. सभ्यों की कोटि में B. देवता की कोटि में
C. महापुरुषों की कोटि में D. समझदारों की कोटि में

प्रश्न 2 - निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प छाँटिए -
जीवात्मा संसार में आते ही भिन्नत्व को प्राप्त होता है। कोई गरीब है , कोई अमीर है। कोई - कोई तो झुग्गी - झोपडी में जन्म लेता है और पूरा जीवन अभावग्रस्त , रोग , भूख ,
शोक , अपमान की स्थिति में रहकर हर पल जीता हुआ संसार से कू च कर जाता है। कोई किस सम्पन्न घराने में जन्म लेता है , जहाँ सब सुख - सुविधाएँ , पद - प्रतिष्ठा , मान
- सम्मान का बाहुल्य होता है। किसी को दीर्घायु प्राप्त होती है , तो कोई अकाल ही कालग्रस्त हो जाता है। यह विषमता संसार में जीवात्मा के साथ कारण चाहती है , जो प्रत्यक्ष
या परोक्ष रूप में दृष्टिगोचर नहीं होती। तब साधारणतया हम सब सोचने लगते हैं कि तकदीर का ही खेल है। भाग्य प्रबल लगता है। ऐसा भी मानना पड़ता है कि आत्मा अविनाशी
है और यह विषमता हमारे साथ पूर्व जन्म के कर्मों के कारण उपस्थित है। कोई मिटटी में हाथ डालता है , तो उसके पास अपार धन हो जाता है और कई बार कोई संपन्नता कि
ऊँ चाई से ऐसा गिरता है कि सब कु छ मिटटी हो जाता है। शायद इसीलिए हम लोग तकदीर का रोना रोते हैं और भाग्य को पलटने की कई उल्टी - सीधी जुगते लगाते हैं। कई
लोग तो जादू - टोना , धागा - ताबीज , झाड़ - फूँ क या फिर किसी पाखंडी - ज्योतिषी का सहारा लेते हैं। जब ऐसे मिथ्याचार व अंधविश्वासों से कु छ नहीं होता , तो भाग्य को
प्रबल मानकर बैठ जाते हैं | मनीषी कहते हैं कि पुरुषार्थी अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करते हैं। के वल आलसी अपने भाग्य को कोसते हैं। जो परिश्रम करता है उसे लक्ष्य मिलने
की संभावना अधिक होती है। महाराज भर्तृहरि ने मनुष्यों को तीन श्रेणियों में बाँट दिया था - अधम , मध्यम और उत्तम। अधम विघनों के डर से कोई काम प्रारंभ नहीं करते।
मध्यम लोग कार्य प्रारंभ तो कर देते हैं , परंतु कोई विघ्न पड़ने पर दुखी होकर बीच में छोड़ देते हैं परंतु उत्तम लोग बार - बार कष्ट , विघ्न आने पर भी प्रारंभ किए गए काम को
नहीं छोड़ते , वरन उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। ऐसे लोग पुरुषार्थी कहलाते हैं।

1. क्या तकदीर का खेल है ? 2. भाग्य को पलटने का उचित तरीका क्या है ?


A. कोई धनाढय है और कोई दरिद्र A. जादू - टोना
B. हम सब मनुष्य हैं B. धागा - ताबीज़
C. मनुष्य विवेकी है C. झाड़ - फूँ क
D. भाग्य को कोसना D. अथक परिश्रम

3. अपने भाग्य को कौन कोसता है ? 4. महाराज भर्तृहरि ने मनुष्यों को कितनी श्रेणियों में बाँटा है-
A. आलसी A. दो
B. पुरुषार्थी B. चार
C. महाराज भर्तृहरि C. पाँच
D. उत्तम लोग D. तीन

5. .............................लोग कार्य प्रारम्भ कर , विघ्न पड़ने पर छोड़ देते हैं। रिक्त स्थान भरिए -
A. उत्तम वर्ग C. अधम वर्ग
B. मध्यम वर्ग D. कोई नहीं

प्रश्न 3 - नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए –

1. वर्णों के क्रमबद्ध तथा सार्थक मेल को कहते हैं - 2. जब शब्द वाक्य में प्रयुक्त हो जाता है तो वह कहलाता है-
A. स्वर A. पदबंध
B. शब्द B. समास
C. ध्वनि C. प्रत्यय
D. व्यंजन D. पद

3. निम्नलिखित शब्दों में से उचित स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग कीजिए - 4. किस शब्द में अनुनासिक का प्रयोग नहीं हुआ
A. ससांर है -
B. चंचल A. आँगन
C. चिड़ियाँ B. मँहगाई
D. मनोरजन C. नदियाँ
D. हंस

5. 'प्रत्यक्ष' शब्द में उपसर्ग व मूल शब्द होगा -


A. प्र + अक्ष 6. 'चतुराई' शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है -
B. प्रति + अक्ष A. आई
C. प्रत्य + अक्ष B. ई
D. प्रति + क्ष C. राई
D. अई

7. 'संभावना' शब्द किस उपसर्ग का प्रयोग हुआ है? 8.'परिवर्तन' शब्द में किस उपसर्ग का प्रयोग हुआ है ?
A. सम् A. पर्
B. सं B. परी
C. संभ् C. पर
D. संभा D. परि

9. 'दिन - दीन' का सही अर्थ देने वाला शब्द युग्म है - 10. 'नारी और नाड़ी' का अर्थ है -
A. दिवस - अमीर A. स्त्री और नब्ज
B. दिन - गरीब B. स्त्री और नाड़ा
C. दिवस - गरीब C. स्त्रि और हड्डी
D. रैना - दिन D. स्त्रि और नैना

11. 'सागर' शब्द का पर्यायवाची नहीं है -


A. सिन्धु 12. 'समीर' शब्द का पर्यायवाची है -
B. उदधि A. अनल
C. जलेश B. अनिल
D. जलज C. गिरि
D. सागर

13. 'नियमित' शब्द का विपरीतार्थक है –

A. अनियमित B. मियमित
C.प्रानीयत D. आनियमित
D. अलिखित

14. मौखिक का विलोम शब्द है -


A. लिखित
B. पठित
C. कथित

15. अहा ! कै सा सुहावना मौसम है। - अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए। 16. कु णाल अब तक बरेली से पानीपत पहुँच गया होगा। - अर्थ की दृष्टि से
A. विस्मयवाचक वाक्य वाक्य भेद बताइए।
B. आज्ञावाचक वाक्य A. विस्मयवाचक वाक्य
C. निषेधवाचक वाक्य B. आज्ञावाचक वाक्य
D. प्रश्नवाचक C. संदेहवाचक वाक्य
D. निषेधवाचक वाक्य

प्रश्न 4 - निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए -
बुढ़िया का तेईस वर्ष का लड़का शहर के पास डेढ़ बीघा भर ज़मीन में कछियारी करके परिवार का निर्वाह करता था। खरबूज़ों की दलीय बाज़ार में पहुँचाकर कभी लड़का स्वयं
सौदे के पास बैठ जाता , कभी माँ बैठ जाती। लड़का परसों सुबह मुँह - अँधेरे बेलों में से पके खरबूजे चुन रहा था। गीली मेड़ की तरावट में विश्राम करते हुए एक साँप पर लड़के
का पैर पड गया। साँप ने लड़के को डँस लिया। लड़के की माँ बावली होकर ओझा को बुला लाई। झाड़ना - फूँ कना हुआ। नागदेव की पूजा हुई। पूजा के लिए दान - दक्षिणा
चाहिए।

1. बेटे को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या क्या किया? 2. बुढ़िया के बेटे की उम्र क्या थी ?
A. ओझा को बुलाया A. बीस बरस
B. नाग -देवता पूजे B. बाइस बरस
C. दान-दक्षिणा दी C. इक्कीस बरस
D. उपर्युक्त सभी D. तेईस बरस
3. लड़के की शहर के पास कितनी ज़मीन थी ? 4. लड़का सुबह खरबूजे कहाँ चुन रहा था ?
A. एक बीघा A. पेड़ों से
B. डेढ़ बीघा B. बेलों से
C. दो बीघा C. पौधों से
D. ढाई बीघा D. झाड़ियों से

5. साँप कहाँ विश्राम कर रहा था ?


A. गीली मेड़ की तरावट में
B. गीले खेत में
C. गीली रेत में
D. गीली छत में

प्रश्न 5 - निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए -
एवरेस्ट की चोटी की नोक पर इतनी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति साथ-साथ खड़े हो सकें । चारों तरफ़ हजारों मीटर लंबी सीधी ढलान को देखते हुए उन सभी
के सामने प्रश्न अब सुरक्षा का था। उन्होंने पहले बर्फ के फावड़े से बर्फ की खुदाई कर अपने आपको सुरक्षित रूप से स्थिर किया। इसके बाद , मैं अपने घुटनों के बल बैठी ,
बर्फ़ पर अपने माथे को लगाकर मैंने 'सागरमाथे' के ताज का चुंबन लिया। बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ
लाए लाल कपड़े में लपेटा , छोटी - सी पूजा - अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता - पिता का ध्यान आया।

1. पाठ की लेखिका हैं - 2. चोटी के चारों तरफ़ क्या थी ?


A. महादेवी वर्मा A. ढलान
B. सुभद्रा कु मारी चौहान B. ऊँ चाई
C. बछेंद्री पाल C. चढ़ाई
D. अमृता प्रीतम D. हरियाली

3. बर्फ़ की खुदाई किससे की ? 4. लेखिका ने थैले से क्या निकाला ?


A. स्विज छु री से A. दुर्गा माँ का चित्र
B. फावड़े से B. हनुमान चालीसा
C. तलवार से C. गीता सार
D. भाले से D. दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा

5. आनंद के क्षण में उसे किसकी याद आई ?


A. अपने माता - पिता की
B. अपने भाई - बहनों की
C. अपने दोस्तों की
D. अपने गुरु की

प्रश्न 6 - निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए -
रहिमन निज संपत्ति बिना , कोउ न बिपति सहाय ।
बिनु पानी ज्यों जलज को , नहिं रवि सके बचाय।।
एकै साधे सब सधै , सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो , फू ले फलै अघाय।।

1. विपत्ति में कौन सहायक होता है ? 2. कमल की रक्षा कब होती है ?


A. सगे - संबंधी A. जब सूर्य निकले
B. दोस्त B. जब नदी में बाढ़ आए
C. धन - दौलत C. जब वर्षा हो
D. अपनी संपत्ति D. जब तालाब में पानी हो

3. 'जलज' शब्द का अर्थ है - B. बादल


A. कमल C. तालाब
D. सरोवर B. कार्य करने की क्षमता बढ़ती है
C. कार्य करने वाले को यश मिलता है
4. एक साथ कई कार्य करने से क्या होता है ? D. कोई भी कार्य पूरा नहीं होता
A. सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं

5. एक साथ एक कार्य करना चाहिए अपनी इस बात को सिद्ध करने के लिए कवि ने किसका दृष्टान्त दिया है ?
A. पेड़ का
B. फल का
C. धरती का
D. बादल का

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