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आधुनिक इतिहास PRE नोट्स #VICS
आधुनिक इतिहास PRE नोट्स #VICS
1. पतु तगाि
• यरोलपयन देशों में सवतप्रथम पुततगािी भारत आए वास्कोलिगामा ने यरोप से भारत के लिए समुद्री
मागत की खोज की।
• वास्कोलिगामा ने गुजराती पथ प्रदशतक अब्दुि मजीद की सहायता से के प ऑफ गुि होप का
चक्कर िगाते हुए 17 मई 1498 को कािीकट के प्रलसद्ध बंदरगाह कप्पकिाब पर अपना बेडा
उतारा।
• कािीकट के लहदं राजा जमोररन ने उसका स्वागत लकया।
• वास्कोलिगामा कािी लमचत िेकर अपने हेक्टर नामक जहाज से पुततगाि वापस गया और 60 गुना
िाभ प्राप्त लकया।
• पेट्रो एिवारेज कै िाि 1500 ई. में भारत पहच
ुं ने वािा दसरा पतु तगािी था।
पुततगािी गवनतर
2. अल्फास
ं ो िी अल्बक
ु कत (1509 – 1515 ई.)
• इसने 1530 ई. में गोवा को भारत में पुततगािी राज्य की औपचाररक राजधानी बनाया।
• पुततगालियों ने सामुलद्रक भारतीय साम्राज्य को एस्तादो द इंलिया नाम लदया।उन्होंने लहंद
महासागर से होने वािे व्यापार को लनयंलत्रत करने और उस पर कर िगाने का प्रयास लकया।
2. िच
3. अग्रं ेज
• लसतबं र 1599 ई. में िंदन में कुछ व्यापाररयों ने िॉित मेयर की अध्यक्षता में एक सभा का
आयोजन लकया। इन व्यापाररयों ने पवत के देश के साथ व्यापार करने के उद्देश्य से 1599 ई. में एक
कंपनी का गठन लकया।
• इस कंपनी का नाम “गवनतर एिं कंपनी ऑफ मचेंट ऑफ द िंदन ट्रेलिंग इन ट इंसटत इंिीज” रखा
गया।
• इग्ं िैंि की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने 31 लदसबं र 1600 ई. में एक आज्ञा पत्र द्वारा इसे 15 विों
के लिए पवी देशों के साथ व्यापार करने का अलधकार लदया।
• कंपनी के प्रबंध के लिए एक सलमलत की व्यवस्था की गई इसमें एक लनदेशक एक उपलनदेशक
और 14 अन्य सदस्य थे। यही सलमलत बाद में कोटत ऑफ िायरेक्टसत के नाम से जानी गई।
• कै प्टन हॉलकंस के नेतृत्व में हेक्टर नामक प्रथम अंग्रेजी जहाज 1608 इसवी में सरत बंदरगाह पर
पहुंचा।
• 1698 ई. में इंग्िैंि के राजा लवलियम तृतीय ने एक अन्य कंपनी स्थालपत की | जो इंलग्िश कंपनी
ट्रेलिगं इन द ईस्ट के नाम से प्रलसद्ध हईु ।
• इस कंपनी ने अपने लिए व्यापाररक सुलवधा प्राप्त करने के उद्देश्य से सर लवलियम नाररश को
औरंगजेब की दरवार है राजदत के रूप में भेजा।
• कंपनी ने 1715 ई में जॉन सरमन की अध्यक्षता में कोिकाता से एक दत मंिि मुगि दरबार में
भेजा।
• इस दत मंिि में एिवित स्टीफेनसन, लवलियम हैलमल्टन नामक सजतन और ख्वाजा सेहूदत नामक
• इससे फर्रतखलशयर अंग्रेजों से प्रसन्न होकर 1717 ई. में एक शाही फरमान जारी लकया लजसके
अंतगतत……..
1. ₹3000 वालितक कर के बदिे में कंपनी को बग ं ाि में मक्त
ु व्यापार करने की छट लमि गई।
2. ₹10000 वालितक कर देने के बदिे में कंपनी को सरत में सभी कर से मुक्त कर लदया गया।
3. मुंबई में कंपनी द्वारा ढािे गए लसक्कों को संपर्त मुगि राज्य में चिाने की आज्ञा लमि गई।
• िईु 14 वें के मंत्री कॉल्बटत ने सरकार की सहायता से 1664 ई. में भारत से व्यापार करने के लिए
प्रथम फ्ांसीसी कंपनी कंपनी द इंिेंस ओररयंतिेस की स्थापना की।
• भारत में फ्ांसीलसयों की पहिी कोठी फ्ैं क कै रो द्वारा सन 1668 ई. में सरत में स्थालपत की गई।
• 1672 ई. में फ्ांसीलसयों ने मद्रास के लनकट सेंट टोमे को जीत लिया।
• अग्रं ेज समलथतत िचों ने 1693 ई. में फ्ांसीलसयों से पांलिचेरी िे लिया परंतु1697 ई. में ररजलवक
की सलं ध द्वारा इसे वापस िौटा लदया।
• फ्ास ं ीलसयों ने 1725 ई. में माहे पर और 1739 ई. में कराईकि पर अलधकार कर लिया।
• पांलिचेरी को 1701 ई.में पवत की फ्ांसीलसयों की सभी बलस्तयों का मुख्यािय बनाया गया तथा
फ्ालं सस मालटतन को भारत में फ्ास ं ीसी मामिे का महालनदेशक बनाया गया।
• फ्ांसीसी गवनतर िुप्िे के समय में फ्ांसीसी प्रभुत्व की स्थापना हुई।
• तात्कालिक कारर् – अंग्रेज कै प्टन बनेट के नेतृत्व में कुछ फ्ांसीसी जहाजों पर अलधकार कर
िेना।
• बाद में िप्िे ने मद्रास के गवनतर मोसत को आत्मसमपतर् के लिए मजबर कर लदया। कै प्टन
पैरािाइज के नेतृत्व में फ्ांसीसी सेना ने सेंट थॉमस के युद्ध में कनातटक के नवाब अनवरउद्दीन को
परालजत लकया।
• यरोप में अंग्रेजों और फ्ांसीलसयों के बीच ऑलस्ट्रया में िडे जा रहे उत्तरालधकार युद्ध की समालप्त
• तत्कािीन कारर् – क्िाइव और वाटसन द्वारा बगं ाि लस्थत चंद्रनगर पर अलधकार की िािसा।
वांण्िीवाश नामक लनर्ातयक िडाई में 1760 ई. में आयरकट की सेना ने िािी के नेतृत्व में
फ्ांसीसी सेना को परालजत लकया।
• कनातटक के ततृ ीय यद्ध
ु का समापन पेररस की सलं ध के साथ सपं न्न हआ
ु और साथ ही 1763 ई. में
सप्त विीय युद्ध भी समाप्त हो गया।
• 1651 ई. में सासु जाने अग्रं ेजों को ₹3000 वालितक के बदिे लबहार बगं ाि तथा उडीसा में मफ्ु त
व्यापार की अनुमलत दी।
• सबेदार azeem-o-shaan ने 1698 ई. में कंपनी को सुतानाती कलिकता और गोलवंदपुरी की
जमींनदारी दे दी।
• मुशीद कुिी खााँ को औरंगजेब ने 1700 में बंगाि का दीवान बनाया तथा 1717 ईस्वी में वह
बंगाि का सबेदार बन गया।
• इसने यरोलपयों की तुिना मधुमलक्खयों से की और कहा की यलद इन्हें न छे डा जाए तो शहद देंगी
और यलद छे डा जाए तो काट काट कर मार िािेंगे |
• इसके लवरोलधयों में पलर्तया के नवाब शौकतगंज, घसीटी बेगम तथा उसका सेनापलत मीरजाफर
शालमि था |
• ब्िैक होि त्रासदी इसके समय की प्रमुख घटना थी।
बक्सर का युद्ध
• 22 अक्टबर 1764 को हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने अवध के नवाब शुजाउदौिा
मुगि सम्राट शाह आिम लद्वतीय और मीर कालसम की संयुक्त सेना को परालजत लकया।
• क्िाइव ने 1765 ईस्वी में अवध के साथ संलध की लजसे इिाहाबाद की संलध के नाम से जाना
जाता है।
पज
ं ाब
• लसख 12 छोटे-छोटे समहों में सगं लठत थे उन समहों को लमसि कहा जाता था।
मराठा राज्य
• 12 अप्रैि 1680 ई. को लशवाजी की मृत्यु के पश्चात मुगि सत्ता को सबसे महत्वपर्त चुनौती
मराठा राज्य से लमिी।
• लशवाजी के पौत्र साहू को औरंगजेब ने 1689 से कै द कर रखा था।
• साहू को 1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के बाद ररहा लकया गया।
• साहू और ताराबाई के बीच गृह युद्ध के कारर् मराठा सरदारों ने लकसी ना लकसी का पक्ष िेना
शरू
ु लकया। लजसके कारर् मराठा सरदार की एक नई व्यवस्था ने जन्म लिया लजसका नेता राजा
साहू का पेशवा बािाजी लवश्वनाथ था।
• इसे नाना साहब के नाम से भी जाना जाता है जो बाजीराव प्रथम का पत्रु था।
• इसके शासनकाि में मराठों और अहमद शाह अब्दािी की सेनाओ ं का पानीपत में 14 जनवरी
1761 ई. को सामना हुआ लजसमें मराठा सेना परी तरह से परालजत हो गई।
• इस यद्ध
ु में लवश्वास राव और सदालशव राव भाऊ की मृत्यु हो गई।
यद्ध
ु अवलध पेशवा गवनतर जनरि सलं ध
प्रथम आंग्ि मराठा 1775 – 82 ई. माधवराव वारेन हेलस्टंग्स सािबाई की संलध
युद्ध
लद्वतीय आंग्ि 1803 – 05 ई. बाजीराव जॉजत बािो एवं राजघाट की संलध
मराठा युद्ध लद्वतीय वेिेजिी
तृतीय आंग्ि मराठा 1817 – 1818 बाजीराव िॉित हेलस्टंग्स पना की सलं ध
युद्ध ई. लद्वतीय
मैसर
हैदर अिी
• 1780 ई. में हैदर अिी ने अंग्रेज जनरि जॉजत बेिी को परालजत कर अकातट पर अलधकार कर
लिया
• 1781 ई. में अंग्रेज जनरि आयर कट ने पोटोनोवा के युद्ध में हैदर अिी को परालजत लकया।
• 1782 ई. में अपने लपता हैदर अिी की मृत्यु के बाद मैसर की राजगद्दी पर बैठा।
• इसने श्गृं ेरी में शारदा देवी की मलतत के लिए धन लदया।
• टीप ने श्ीरंगपट्टनम में स्वतंत्रता का वृक्ष िगाया और जैकोलबन क्िब की स्थापना की।
• टीप सुल्तान की यह अत्यंत लप्रय उलक्त है लक
“एक शेर की तरह एक लदन जीना बेहतर है िेलकन भेड की तरह िबं ी लजदं गी जीना अच्छा नहीं
है।“
यद्ध
ु काि मैसर गवनतर कारर् सलं ध लवशेि
शासक
प्रथम आंग्ि मैसर 1767 – हैदर िॉित अग्रं ेजों की मद्रास की दलक्षर् भारत का प्रथम
यद्ध
ु 69 ई. अिी वेरेल्स्ट आक्रामक नीलत सलं ध शासक था जो अग्रं ेजों
से परालजत नहीं हुआ।
लद्वतीय आंग्ि 1780 – हैदर वारेन माहे पर मंगिौर की हैदर अिी की मृत्यु के
मैसर यद्ध
ु 84 ई. अिी हेलस्टंग्स अलधकार सलं ध बाद टीप सल्ु तान के
नेतृत्व में युद्ध हुआ।
तृतीय आंग्ि 1790 – टीप िॉित त्रावर्कोर पर श्ीरंगपट्टनम टीप सुल्तान की लस्थलत
मैसर युद्ध 92 ई. सुल्तान कॉनतवालिस आक्रमर् की संलध कमजोर हो गई।
चतुथत आंग्ि मैसर 1799 ई. टीप िॉित मैसर की टीप की मृत्यु पुनः मैसर
युद्ध सल्ु तान वेिेजिी सहायक में वालियार वंश की
सलं ध स्थापना
• लजन क्षेत्रों पर अग्रं ेजों का प्रत्यक्ष शासन स्थालपत हुआ उन्हें तीन प्रेलसिेंलसयों में बाटं ा गया बगं ाि,
मद्रास और बंबई।
• 1853 ई. में लबहार के पलश्चमी क्षेत्र को बंगाि प्रेलसिेंसी से अिग कर पलश्चमोत्तर प्रांत का नाम
लदया गया।
• प्रशासलनक व्यवस्था एवं अराजकता के कारर् 1772 ई. तक आलथतक आलस्थरता इतनी बढ़ गई
इसके सुधार के लिए संसद को हस्तक्षेप करना पडा।
भारत का संवैधालनक लवकास
•रे गुलेटिंग एक्ि - 1773 ई.
•विट्स इंडिया एक्ि - 1784 ई.
ब्रिटिश ईटि इंडिया
•चािट र एक्ि - 1793 ई.
कंिनी के अंतगटत
•चािट र एक्ि - 1813 ई.
(1773 – 1853)
•चािट र एक्ि - 1833 ई.
•चािट र एक्ि - 1853 ई.
✓ सरकार ने कंपनी के आलथतक, प्रशासलनक एवं सैलनक कायों पर संसद के आंलशक लनयंत्रर्
के लिए यह एक्ट िाया।
✓ कंपनी के िायरेक्टरों की सख् ं या 24 कर दी गई।
✓ इस एक्ट के अंतगतत मद्रास एवं मुंबई प्रेलसिेंसी को कोिकाता प्रेलसिेंसी के अंतगतत कर
लदया गया।
✓ लजसका प्रमुख एक गवनतर जनरि होता था।
✓ वारेन हेलस्टंग्स प्रथम गवनतर जनरि बना।
✓ गवनतर जनरि की पररिद में 4 सदस्य थे
फ्ांलसस,बारबेि,क्िैवररंग तथा मानसान।
✓ कोिकाता में एक सप्रु ीम कोटत की स्थापना की गई लजसमें एक मख् ु य न्यायाधीश तथा तीन
अपर न्यायाधीश होते थे।
✓ एलिजा इम्पे को मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।
• यह एक्ट लिलटश प्रधानमंत्री यंगर पीट द्वारा प्रस्तुत लकया गया था।
• इस एक्ट का उद्देश्य कंपनी पर लिलटश क्रॉउन का लनयंत्रर् बढ़ाना था।
• इस एक्ट के माध्यम से कंपनी के व्यापाररक एवं राजनैलतक लक्रयाकिापों को अिग अिग
कर लदया गया।
A. कंपनी का व्यापाररक कायत – बोित ऑफ िायरे क्टर
• बोित ऑफ कंट्रोि (लनयंत्रक मंिि) की स्थापना की गई। फित: कंपनी पर दोहरा लनयंत्रर्
स्थालपत हआ ु ।
• बोित ऑफ कंट्रोि में 6 सदस्य होते थे इसके अंतगतत 4 सदस्य लिलटश प्रीवी काउंलसि से
चुने जाते थे।
• लपट्स इलं िया एक्ट के लववाद को िेकर िॉित नाथत एवं फॉक्स की लमिी जुिी सरकार को
त्यागपत्र देना पडा।
• यह पहिा और अंलतम अवसर था जब लकसी भारतीय मामिे पर लिलटश सरकार लगर गई
हो।
• इसका उद्देश्य कॉनतवालिस को भारत के गवनतर जनरि पद के लिए तैयार करना था।
• गवनतर जनरि लवशेि अवस्था में पररिद के लनर्तय को रद्द कर सकता था तथा उन्हें िाग भी
कर सकता था।
• इस अलधलनयम में गवनतर जनरि को प्रधान सेनापलत की शलक्तयां प्रदान की गई।
• के वि चीन के साथ व्यापार एवं चाय का एकालधकार छोडकर भारत में लिलटश कंपनी का
व्यापारी की एकालधकार समाप्त हो गया।
• अथातत कुछ प्रलतबंधों के साथ समस्त अंग्रेजों को भारत से व्यापार करने की खुिी छट प्राप्त
हो गई।
• लशक्षा के लवकास के लिए ₹100000 वालितक लदया जाना लनलश्चत हआ ु ।
• ईसाई लमशनरी को धमत प्रचार करने की अनुमलत
• बंगाि के गवनतर जनरि को भारत का गवनतर जनरि बना लदया लजसमें सभी नागररक एवं
सैन्य शलक्तयां लनलहत थी।
• िॉित लवलियम बेंलटक भारत का प्रथम गवनतर जनरि बना।
• गवनतर जनरि की कायतकाररर्ी में लवलध आयोग का गठन लकया गया।
• लवलध आयोग का प्रथम अध्यक्ष िॉित मैकािे को लनयुक्त लकया गया।
• इस अलधलनयम ने पहिी बार एक ऐसी सरकार का लनमातर् लकया लजसका लिलटश आलधपत्य
वािे संपर्त भारतीय क्षेत्रफि पर्त लनयंत्रर् था।
• कंपनी का चाय व चीन के साथ व्यापार प्रलतबंलधत हो गया।
• मद्रास और बबं ई के गवनतरों को लवधालयका संबध ं ी शलक्त से वलं चत कर लदया गया।
• कें द्रीय तथा प्रांतीय लवधान मंििों में भारतीय सदस्यों को वालितक बजट पर बहस करने तथा
सरकार से प्रश्न पछने का अलधकार लदया गया।
• गैर सरकारी सदस्यों की लनयलु क्त हेतु अप्रत्यक्ष लनवातचन का प्रावधान लकया गया।
• गैर सरकारी सदस्य बजट पर संशोधन का प्रस्ताव एवं मतदान में भाग नहीं िे सकते थे।
• इस अलधलनयम का सबसे महत्वपर्त प्रावधान चुनाव पद्धलत की शुर्रआत करनी थी।
• द्वैध शासन के अंतगतत कंपनी दीवानी और लनजामत के कायों का लनष्ट्पादन भारतीयों के माध्यम
प्रारभ
ं लकया।
फालमिंग लसस्टम (इजारेदारी व्यवस्था) के अंतगतत कंपनी लकसी क्षेत्र या लजिे के भ- क्षेत्र से राजस्व
वसिी की लजम्मेदारी उसे सौंपती थी जो सबसे अलधक बोिी िगाता था।
1. तीन कलठया प्रथा – लबहार के चपं ारर् लजिे में लकसानों को इस प्रथा के अंतगतत अग्रं ेज नीि बगानों
से अनुबंध के तहत अपनी भलम के 3/ 20 भाग पर नीि की खेती करनी पडती थी।
2. ददनी प्रथा – इस प्रथा के अंतगतत लिलटश व्यापारी भारतीय उत्पादकों, कारीगरों, लशलल्पयों आलद
को लनलमतत माि प्राप्त करने के लिए अलग्रम अथवा पेशगी के रूप में धन देते थे।
दादा भाई नौरोजी, महादेव गोलवदं रानािे, आरसी दत्त, गोपाि कृष्ट्र् गोखिे, गोपाि सिु मण्यम
अयंगर, पृथ्वी चंद्र राय
धन का बलहगतमन लसद्धांत
• सवतप्रथम दादा भाई नौरोजी ने अपनी पस्ु तक िेब्ट्स ट इलं िया में इस लसद्धातं का प्रलतपादन
लकया।
• गृह व्यय भी धन की लनकासी का एक माध्यम था लजसमें अलधकाररयों को वेतन तथा पेंशन देना।
• भारत में रेि लनमातर् में लिलटश पंजी पर िाभांश 10% था।
ननस्चचत समय िर
करना दे ने िर जमीन 1792 ईटिी में कनटल बागानी कृवष को
दारी नीलाम रीि ने सिटप्रथम बढािा
बारामहल स्जले में
लागू
• लिटेन में औद्योलगक क्रांलत के बाद भारत एक बाजार के रूप में पररवलततत हो गया
• उन्नीसवीं सदी के आरभं िक दशकों में देश के प्रत्येक िाग में यह आिास भकया जाने लगा भक
समाज भिछडा हुआ है और इसमें सुधार लाना आवश्यक है।
• सामाभजक कुरीभियों और अंधभवश्वासों ने धाभमिक भवश्वासों का रूि धारण कर भलया था अिः
देश के प्रत्येक िाग और प्रत्येक धाभमिक समुदाय में सामाभजक सुधार के जो आंदोलन प्रारंि हुए
वे धाभमिक सुधार की िी आंदोलन थे।
1. राजा राममोहन राय और ब्रह्म समाज
2. प्राथिना समाज
• स्वामी दयानंद सरस्विी का जन्म 1824 ई. में गुजराि में हुआ था।
• उनके बचिन का नाम मूल शंकर था।
• इन्होंने ही सविप्रथम स्वराज शब्द का प्रयोग भकया था िथा भहंदी को राष्ट्रिाषा के रूि में स्वीकार
भकया था।
• सत्याथि प्रकाश
• िाखर्ं खर्ं न
• वेद िाष्ट्य िूभमका
• अिैि मि का खर्ं न
• िंच महायज्ञ भवभध
• वल्लिाचायि मि का खंर्न
• ऋग्वेद िाष्ट्य
• गौकरुणाभनभध।
4. स्वामी भववेकानंद और रामकृष्ट्ण भमशन
• उन्नीसवीं सदी के चौथे दशक में बगं ाल के बभु िजीभवयों में एक रेभर्कल ग्रिु सगं भठि हआ
ु । इस
आंदोलन को यंग बंगाल आंदोलन के नाम से जाना गया है भजसके प्रवििक हेनरी भवभवयन
र्ेरेभजओ थे।
• यह फ्ांसीसी क्ांभि से प्रिाभवि थे िथा इन्होंने भहंदू कॉलेज में 1826 – 21 ई. िक िढाया।
• र्ेरोभजयो को सुरेंद्रनाथ बनजी ने बंगाल में आधुभनक सभ्यिा का अग्रदूि एवं अिनी जाभि का
भििा माना है।
• इनके प्रमुख अनुयायी राम गोिाल घोष, कृष्ट्ण मोहन बनजी िथा महेश चंद्र घोष थे।
• भर्रोभजयो ने एके र्भमक एसोभसएशन िथा सोसायटी फॉर द एक्वीजीशन ऑफ जनरल नॉलेज,
एग्ं लो इभं र्यन भहदं ू एसोभसएशन, बगं भहि सिा और भर्बेभटंग क्लब का गठन भकया।
6. एनी बेसेंट और भथयोसॉभफकल सोसायटी
• एनी बेसेंट ने 1898 ई. में बनारस में सेंरल भहंदू कॉलेज की स्थािना की थी| भजसे वषि 1916 ई. में
मदन मोहन मालवीय ने बनारस भहदं ू भवश्वभवद्यालय के रूि में भवकभसि भकया।
• इनकी भवचारधारा को दैव भवज्ञान के नाम से जाना जािा है।
• एनी बेसेंट कांग्रेस के 33 वें अभधवेशन कोलकािा 1917 में प्रथम मभहला अध्यक्षा बनी थी।
• इन्होंने भहंदू धमि के प्रसार प्रचार के भलए मद्रास में भहंदू सम्मेलन का आयोजन भकया।
• भथयोसोभफकल सोसायटी की स्थािना 1875 ई. में न्यूयॉकि में मैर्म हेलेना ब्लॉवाट्सकी िथा
कनिल हेनरी अलकॉट ने की थी।
• 1883 ई. में मद्रास (चेन्नई) के भनकट आर््यार नामक स्थान िर भथयोसोभफकल सोसायटी का
मुख्यालय बनाया गया।
• 1893 ई. में आयरीश लेर्ी मभहला एनी बेसेंट ने िारि में भथयोसोभफकल सोसायटी का कायििार
संिाला।
• एनी बेसेंट ने वषि 1915 ई. में आयरलैंर् की होम रूल लीग की िजि िर िारि में होमरूल लीग की
स्थािना की।
• इस सोसाइटी से जुडे अन्य भहंदू नेिा र्ॉक्टर िगवान दास िथा एस सुब्रमण्यम अय्यर प्रमुख है।
• सर सैयद अहमद खान का जन्म 1817 ई. में भदल्ली में हुआ था।
• 1857 ई के भवद्रोह के समय यह कंिनी की न्याभयक सेवा में कायिरि करिे हुए राज िि बने रहे।
• इन्होंने कुरान िर टीका भलखी। इन्होंने िहजीब उल अखलाक िभत्रका का प्रकाशन भकया िथा
देशिि एसोभसएशन की स्थािना की।
• अलीगढ आंदोलन का प्रवििन अहमद खान ने इस्लाम में व्याप्त सामाभजक कुरीभियों के भवरुि
भकया।
• 1864 ई. में सैयद अहमद खान ने साइंभटभफक सोसाइटी की स्थािना की।
• 1875 ई. में अलीगढ में मोहम्मर्न एग्ं लो ओररएटं ल स्कूल की स्थािना की भजसे वषि 1920 ई. में
अलीगढ मुभस्लम भवश्वभवद्यालय बनाया गया।
• भचराग अली, अल्िाफ हुसैन हाली, नजीर अहमद और मौलाना भशब्ली नोमानी अलीगढ
आदं ोलन के प्रमख ु नेिा थे।
• 1889 ई. में िंजाब के काभदयान नामक स्थान िर भमजाि गुलाम अहमद ने अहमभदया आंदोलन की
शरुु आि की।
• इसने भजहाद का भवरोध और इस्लामी िलाक िथा बहु ित्नी भववाह का समथिन भकया था।
3. देवबंद आंदोलन
• 1867 ई. में उत्तर प्रदेश के सहारनिरु भजले के देवबदं स्थान िर कुरान िथा हदीस की भशक्षाओ ं के
प्रसार के भलए एक मदरसे की स्थािना की गई।
• इस मदरसे की स्थािना मोहम्मद काभसम ननौिी एवं रशीद अहमद गंगोही के िारा की गई थी।
• देवबदं शाखा ने िारिीय राष्ट्रीय काग्रं ेस का समथिन भकया लेभकन सैयद अहमद खान के िारा
बनाई गई िारिीय देशिि सिा िथा मोहम्मद एग्ं लो ओररएटं ल एसोभसएशन के भवरुि फिवा
जारी भकया।
4. िारसी सुधार आंदोलन
• 1851 ई. में नौरोजी फरदोनजी, दादा िाई नौरोजी िथा एस एस बंगाली ने रहनुमाई मजदयासन
सिा की स्थािना की
• इस सिा ने रास्ि गोफ्िार नामक िभत्रका चलायी।
• दादा िाई नौरोजी िारि के भििामह (ग्रैंर् ओल्र् मैन ऑफ़ इंभर्या) के नाम से भवख्याि है।
• 1807 ई. में इन्होंने इग्ं लैंर् में ईस्ट इभं र्या एसोभसएशन बनाया भजससे इभं र्या िभत्रका का प्रकाशन
होिा था।
5. भसख सुधार आंदोलन
• भसखों में धाभमिक सुधार की शुरुआि 19वीं शिाब्दी में अमृिसर में खालसा कॉलेज की स्थािना
से हुई थी।
• भसख धमि सुधार आंदोलन के अग्रदूि दयालदास है भजनके अनुयायी भनरंकारी कहलाए।
भनम्न जाभि आदं ोलन एवं अछूिों िारा आदं ोलन
1. सत्यशोधक समाज
• भनम्न जाभि आदं ोलन की शरुु आि सविप्रथम महाराष्ट्र में हुई वहां िर इसका नेिृत्व ज्योभिबा फुले
ने भकया।
• ज्योभिबा फुले ने भनम्न जाभियों के कल्याण के भलए 1872 ई. में सत्यशोधक समाज की स्थािना
की।
• 1920 के दशक में रामास्वामी नायकर उफि िेररयार ने इस आंदोलन की शुरुआि की।
• िेररयार िारा िभमल रामायण की रचना की गई।
• आत्मसम्मान आंदोलन में भबना ब्राह्मण की सहायिा से भववाह करना मंभदरों में जबरन प्रवेश और
मनुस्मृभि जलाना गभिभवभधयां शाभमल थी।
3. वायकोम सत्याग्रह
• 1924 ई. में अंबेर्कर ने मुंबई में दभलि संस्थान बभहष्ट्कृि भहिकाररणी सिा की स्थािना की।
• इसका उद्देश्य सवणि भहंदुओ ं िथा अछूिों में सामाभजक समिा के भसिांि का प्रचार करना था|
भजसके भलए समाज समिा संघ की स्थािना की गई।
• 1942 ई. में अबं ेर्कर ने अनस ु भू चि जाभि िररषद की स्थािना की।
• इन्होंने ऑल इंभर्या भर्प्रेस्र् क्लास एसोभसएशन (अभखल िारिीय दभलि वगि संघ) की स्थािना
की।
6. महात्मा गांधी
• बाल हत्या प्रथा : बाल हत्या की प्रथा राजिूिों एवं बंगाल में अभधक प्रचभलि थी
• 1795 ई. में बगं ाल भनयम 21 और 1804 ई. में भनयम 3 के िहि इस कुप्रथा को रोकने का व्यािक
प्रयास भकया गया।
1. बाल भववाह
इसके भवरुि सविप्रथम आंदोलन राजा राममोहन राय ने भकया। के शव चंद्र सेन वह
बहरामजी मालाबारी के प्रयास से 1872 ई. में देशी बाल भववाह अभधभनयम िाररि भकया गया।
इस अभधभनयम में 14 वषि से कम आयु की बाभलकाओ ं िथा 18 वषि से कम आयु के बालकों
के भववाह को प्रभिबभं धि भकया गया। एच एस बगं ाली के प्रयासों के फलस्वरूि 1891 ई. में
भब्रभटश सरकार ने एज ऑफ कंसेंट एक्ट िाररि भकया भजसमें 12 वषि से कम आयु की कन्याओ ं
के भववाह िर प्रभिबंध लगाया गया।
िारि में सिी प्रथा का प्रथम उल्लेख 510 ई. के एरण अभिलेख में भमलिा है।
सविप्रथम 15वीं शिाब्दी में कश्मीर के शासक भसकंदर ने सिी प्रथा को बदं कराया था।
िुििगाली वायसराय अल्बुककि ने 1510 ई में गोवा में इस प्रथा को बंद करवाया था। राजा
राममोहन राय ने सिी प्रथा का भवरोध करिे हुए भब्रभटश सरकार से इसे िणू ििः बदं करवाने का
अनुरोध भकया था। राजा राममोहन राय के प्रयासों से ही लॉर्ि भवभलयम बेंभटक ने 4 भदसंबर
1829 को भनयम 17 के िहि बंगाल में सिी प्रथा िर रोक लगाई।
3. भवधवा िनु भविवाह
िारिीय समाज में भस्त्रयों की दयनीय भस्थभि को देखिे हएु सविप्रथम ईसाई भमशनररयों
ने 1819 ई. में कोलकािा में िरुण स्त्री सिा की स्थािना की। 1849 ई. में जे र्ी बैथुन (भशक्षा
िररषद के अध्यक्ष) िारा कोलकािा में बाभलका भवद्यालय की स्थािना की गई।
स्त्री भशक्षा के भलए सवािभधक प्रयास ईश्वर चद्रं भवद्यासागर ने भकए । उन्होंने बगं ाल में
लगिग 35 बाभलका भवद्यालय स्थाभिि भकए| 1854 ई. में गभठि भशक्षा आयोग चाल्सि वुर्
भर्स्िैच में िी स्त्री भशक्षा िर भवशेष बल भदया गया। प्रो. र्ी के कवे ने स्त्री भशक्षा को बढावा देने
के भलए 1916 ई. में िुणे में प्रथम िारिीय मभहला भवश्वभवद्यालय की स्थािना की थी। 1926 ई.
में मभहलाओ ं के उत्थान के भलए अभखल िारिीय मभहला संघ की स्थािना हुई। राष्ट्रीय भशक्षा
नीभि 1986 ई. में लडभकयों की भशक्षा िर भवशेष नीभि बनाई गई थी।
5. दास प्रथा
िारिीय समाज में प्रचभलि दास प्रथा को बंद करने के भलए 1823 ई. में भलस्टर
स्टैन्होि ने इग्ं लैंर् के र््यक
ू ऑफ़ ग्लास्टर से अनरु ोध भकया था। भजसके फलस्वरूि दासों के
भनयािि को बंद कर भदया गया। 1833 ई. चाटिर एक्ट िारा भब्रभटश सरकार ने दासिा िर िूणि
प्रभिबंध लगाया िथा इस प्रभिबंध को 1843 ई. में संिूणि िारि में लागू भकया गया। 1860 ई. में
दासिा को िारिीय दर्ं सभं हिा के िारा अिराध घोभषि कर भदया गया।
➢ देश के भजन प्रदेशों में भब्रभटश शासन का भवस्िार हुआ वहां लोगों िारा इसका भवरोध भकया
गया।
➢ इन भवरोध में मख्
ु य रूि से कृषक श्रभमक और भवभिन्न प्रदेशों की जनजाभियों ने िाग भलया।
A. भकसान आंदोलन
• भब्रभटश शासन की राजस्व व्यवस्था ने मध्यस्थों की एक नई श्रेणी भवकभसि की।बढिे हुए लगान
के कारण भकसान उधार लेने को बाध्य हुए भजसे साहूकारों के एक नए वगि का उदय हुआ।
• इन भकसान आंदोलनों का उद्देश्य सामंि शाही बंधनों को िोडना लगान बढाने बेदखली
ब्याजखोरी इत्याभद के भखलाफ आवाज उठाना था।
• मोिला के रल की मालाबार क्षेत्र में रहने वाले और अरब एवं मलयाली मुसलमान थे।
• यह अभधकिर छोटे भकसान और व्यािारी थे।
• भब्रभटश सरकार ने िू स्वाभमयों के अभधकार का भवस्िार करके उच्च जािीय भहंदू नम्बूदरी एवं
नायर िू स्वाभमयों की शभि बढा दी थी भजसके कारण या भवद्रोह हुआ।
• इस भवद्रोह ने साप्रं दाभयक रूि ले भलया।
• महात्मा गांधी ,अबुल कलाम आजाद और भखलाफि आंदोलन के नेिा शौकि अली ने
मोिला भवद्रोभहयों का समथिन भकया।
• यह बंगाल के काश्िकारों िारा नील बागान माभलकों के भखलाफ 1859 ई. में भकया गया
भवद्रोह था।
• स्थानीय नेिा भदगंबर भवश्वास और भवष्ट्णु भवश्वास ने इस भवद्रोह का नेिृत्व भकया।
• 1860 ई. िक यह आदं ोलन बगं ाल के भवभिन्न क्षेत्रों में काफी िेजी से फैला भजसके कारण
नील के सिी कर खाने बंद हो गए।
• नील भवद्रोह को बंगाल के बुभिजीभवयों, धमि प्रचारकों, छोटे जमींदारों और महाजों का िी
सहयोग प्राप्त हआु ।
• भहंदू िेभरयट के संिादक हररिंद्र मुखजी और नील दििण नाटक के रचनाकार दीनबंधु भमत्र ने
नील बागान माभलकों के अत्याचारों का खुला भचत्रण भकया।
• नील भवद्रोह िारिीय भकसानों का िहला सफल भवद्रोह था।
• यह भवद्रोह बगं ाल के िाबना भजले में जमींदारों िारा लगान की अत्यभधक वभृ ि के कारण
हुआ।
• िाबना क्षेत्र िटसन की खेिी के भलए भवख्याि था।
• िावना भवद्रोह के प्रमखु नेिा ईशान चद्रं राय के शव चद्रं राय और शि ं ू िाल थे।
• बंभकम चंद्र चट्टोिाध्याय िथा आरसी दत्त िाबना आंदोलन के समथिक थे
• सरकार िारा इस भवद्रोह के कारणों और प्रकृभि की जांच करने के भलए भनयुि आयोग ने
गरीबी और इसके िररणाम स्वरूि भकसानों की ऋणग्रस्ििा को ही भवद्रोह का एकमात्र कारण
बिाया।
• इस आयोग की संस्िुभि के आधार िर 1885 ई. में सरकार ने बंगाल टेनेंसी एक्ट िाररि भकया
भजसमें यह प्रावधान भकया गया भक भकसानों की जमीनों को जब्ि नहीं भकया जाएगा।
• इस आदं ोलन में भहदं ू िथा मसु लमानों ने साप्रं दाभयक सौहाद्रि का िररचय भदया।
• इस भवद्रोह का प्रमख
ु कारण रैयिवारी िू राजस्व व्यवस्था थी भजसमें भकसान करों के िारी
बोझ के साथ-साथ साहूकारों के चंगुल में िी फँ स गए।
• करों में 50% की वृभि के कारण कृषक समस्याएं चरम िर िहुंच गई।
• गुजराि के खेडा भजले में फसल खराब होने के बाद िी भकसानों से लगान की वसूली की जा
रही थी।
• 22 माचि 1918 ई. को गांधी ने इसके भखलाफ आंदोलन भकया और भकसानों को लगान अदा
न करने का सुझाव भदया| यह गांधी का प्रथम वास्िभवक भकसान सत्याग्रह था।
3 एक आंदोलन 1921 – 22 ई.
• इस आदं ोलन का मख् ु य कारण जमींदारों िारा की गई अत्यभधक लगान वृभि एवं गैर काननू ी
रूि से खेिों को छीना जाना था।
• इस आंदोलन का नेिृत्व मदारी िासी एवं सहदेव ने भकया था।
• सरू ि के बारदोली िालुका में वषि 1928 ई. में भकसानों िारा लगान न अदायगी का आंदोलन
चलाया गया भजसमें कुनबी िाटीदार जाभि के िस्ू वामी भकसान और कालीिराज की
जनजाभि के लोगों ने भहस्सा भलया।
• सरकार ने ब्रूमफील्र् और मैक्सवेल को बारदोली मामले की जांच का आदेश भदया। जांच
ररिोटि में बढी हुई 30% लगान दर को अवैध करार भदया गया।
• सरकार ने लगान को घटाकर 6.03% कर भदया।
• यहां की मभहलाओ ं ने वल्लि िाई िटेल को सरदार की उिाभध से भविूभषि भकया।
• सभवनय अवज्ञा आंदोलन की समाभप्त के बाद 11 अप्रैल 1936 ई. को लखनऊ में अभखल
िारिीय भकसान सिा की स्थािना की गई।
• स्वामी सहजानदं सरस्विी इसका अध्यक्ष िथा एन जी रगं ा को इसका महासभचव भनयिु
भकया गया।
• इस सम्मेलन में िू राजस्व की दर को 50% कम करने िथा भकसान संगठनों को मान्यिा देने
की मागं रखी गई।
• यह आंदोलन बंगाल का सबसे सशि आंदोलन था।इस आंदोलन िारा बटाई दारों ने यह
मांग की भक उन्हें उिज का 1 / 3 िाग प्रदान भकया जाए।
• यह जोिदारों के भवरुि बटाईदारों का आदं ोलन था।
• इस आंदोलन का नेिृत्व कम्िाराम और िवन भसंह ने भकया।
प्रमख
ु भकसान आदं ोलनों का सभं क्षप्त भववरण
आदं ोलन /सगं ठन/ सस्ं थािक /अध्यक्ष / नेिा वषि प्रिाभवि क्षेत्र
भवद्रोह
चंिारण and खेडा महात्मा गांधी 1917 and भबहार and गुजराि
सत्याग्रह 1918
उत्तर प्रदेश भकसान सिा गौरी शंकर भमश्र, इंद्र नारायण 1918 उत्तर प्रदेश
भिवेदी
अवध भकसान सिा बाबा रामचंद्र 1920 उत्तर प्रदेश
एका आंदोलन मदारी िासी 1921 - 22 उत्तर प्रदेश
भबहार भकसान सिा स्वामी सहजानंद सरस्विी 1929 भबहार
कृषक प्रजा िाटी अकरम खान अब्दुरिहीम खान 1929 बंगाल
फजलुल हक
प्रथम िारिीय भकसान एनजी रंगा 1938 आंध्र प्रदेश
स्कूल
अभखल िारिीय स्वामी सहजानदं सरस्विी 1936 लखनऊ
भकसान सिा
1. सन्यासी भवद्रोह
• 1760 ई. में बंगाल में इस आंदोलन की शुरुआि िीथि स्थानों िर लगाया जाने वाला प्रभिबंध के
कारण हआु ।
• इसइस आंदोलन नेिृत्व किाि के ना सरकार िथा दजी नारायण थे।
• बंभकमचंद्र रभचि आनंदमठ नामक उिन्यास में इस भवद्रोह का वणिन भकया गया है।
2. चुआर भवद्रोह
• इस भवद्रोह की शुरुआि बंगाल के भमदनािुर भजले में िूभम कर एवं अकाल से उत्िन्न आभथिक
सक
ं ट के कारण हआ ु ।
• इस भवद्रोह का नेिृत्व 1798 ई. में दुजिन भसंह िथा जगन्नाथ ने भकया था।
• अग्रं ेजों िारा छोटानागिुर िथा भसंहिूम भजले से िथा मुंर्ा आभदवाभसयों को बेदखल भकए
जाने के कारण जनजाभियों ने 1820 – 22 ई. में प्रभिरोध भकया।
• बंगाल के ित्कालीन िराहार राजा जगन्नाथ ने आभदवाभसयों की भवद्रोह में सहायिा की।
• मर्ुं ा भवद्रोह 1824 ई. में प्रारि
ं हआ
ु िथा 1895 ई. में भबरसा मर्ुं ा के नेित्ृ व में अिने चरम िर
िहुंचा।
• मुंर्ो की िारंिररक िूभम व्यवस्था खूँटकट्टी में िररवििन के भवरुि मुंर्ा भवद्रोह की शुरुआि
हईु ।
• इस भवद्रोह को उल्गुन के नाम से जाना जािा है।
• 3 फरवरी 1900 ई. को भबरसा मुंर्ा को भगरफ्िार कर भलया गया िथा रांची जेल में इनकी है
जैसे मृत्यु हो गई।
4. िील भवद्रोह
• 1825 ई. में िभिमी घाट क्षेत्र में िीलो िारा या भवद्रोह भकया गया।
• इस भवद्रोह का प्रमुख कारण कृभष संबंधी िरेशाभनयां थी जो अंग्रेजों िारा िैदा की गई थी।
• सेवा राम ने इस भवद्रोह का नेिृत्व भकया।
5. अहोम भवद्रोह
• 1828 ई. में जब भब्रभटश साम्राज्य में असम के अहोम क्षेत्र को अंग्रेजी राज में भमलाने का
प्रयास भकया िब गोमधन कुँवर के नेित्ृ व में अहोम लोगों ने भवद्रोह भकया
6. कोल भवद्रोह
• 1831 ई. में छोटा नागिरु क्षेत्र में कोल आभदवाभसयों की जमीन छीनकर मस
ु लमान एवं भसख
कृषकों को देने के कारण यह भवद्रोह हुआ।
• बुिो िगि, गंगा नारायण ने इस आंदोलन का नेिृत्व भकया।
7. खासी भवद्रोह
• अिने साम्राज्य के भवस्िार के भलए जब 1822 ई. में अंग्रेजों ने खासी िहाभडयों से एक सडक
बनाना प्रारि
ं भकया िब यह भवद्रोह शरू ु हआ ु ।
• राजा िीरथ भसंह ने इस भवद्रोह को नेिृत्व प्रदान भकया।
9. राम्िा भवद्रोह
• यह आंदोलन 1830 – 1807 ई. के बीच रायबरे ली के सैयद अहमद के नेिृत्व में हुआ।
• इसका उद्देश्य इस्लाम धमि में आई बुराइयों को दूर करके हजरि मोहम्मद से संबंभधि मूल
इस्लाम धमि को िुनस्थािभिि करना था।
• िारि में इसका मुख्य कें द्र िटना था।
• सैयद अहमद ने अिने अनुयाभययों को शस्त्र धारण करने की प्रेरणा दी और िंजाब में भसखों के
राज्य के भवरुि भजहाद की घोषणा की।
• इस भवद्रोह में भवलायि अली और इनायि अली ने िाग भलया था।
• यह भवद्रोह बंगाल की फरीदिुर से शुरू हुआ भजसका नेिृत्व शररयािुल्लाह और उसके िुत्र
दादू भमयां ने भकया।
• यह भवद्रोह 1838 – 1857 ई. िक चलिा रहा और अंि में बहावी आंदोलन से जुड गया।
• िारि के श्रभमक आंदोलनों का प्रारंि आधुभनक उद्योगों की स्थािना के साथ शुरू होिा है । रेलवे
का भनमािण इस भदशा में प्रथम कदम था | आधुभनक उद्योगों के उदय के साथ ही कर खानों में
अनेक बरु ाइयां जैसे – काम की अभधक घटं े, आवास की उभचि व्यवस्था ना होना, कम वेिन,
अत्यभधक सुरक्षा आभद समस्याओ ं उिडी।
• 1877 ई. में नागिुर भस्थि एप्रं ेस भमल के श्रभमकों ने अिने वेिन की दरों के भवरुि हडिाल का
आयोजन भकया।
• आरंभिक भदनों में राष्ट्रवादी नेिाओ ं का रुझान श्रभमक आंदोलन के प्रभि उदासीन था।
• राष्ट्रवादी नेिा इस समय के वल उन्हीं मुद्दों से लडना चाहिे थे भजसमे समूचे देश की िागीदारी हो |
कामगार भहिवधिक सिा (वषि 1909) सामाभजक सेवा संघ (1911) कोलकािा मुद्रक (1905),
िारिीय रेल कमिचारी एकीकृि सोसाइटी (1897) आभद प्रारभं िक श्रभमक आदं ोलन से जडु ी
संस्थाएं थी।
• 1870 ई. में बंगाल के शभश िाद बनजी ने श्रभमकों का एक क्लब स्थाभिि भकया और िारि
श्रमजीवी नामक िभत्रका का प्रकाशन भकया | 1890 ई. में एन एम लोखर्ं े ने मबुं ई भमल हैंर्
एसोभसएशन की स्थािना की भजसे आंभशक रूि से िारि का िहला श्रभमक संघ माना जािा है।
• इस समय का एकमात्र समाचार ित्र मराठा ही भमल श्रभमकों की ररयायतों के भलए वकालि करिा
था।
• िारि का िहला आधुभनक श्रभमक संगठन बी िी वाभर्या िारा गभठि मद्रास श्रभमक संघ वषि
1918 ई. था।
• 16 अक्टूबर 1905 ई. को बंगाल भविाजन के भदन श्रभमकों ने समूचे बंगाल में हडिाल रखी।
• स्वदेशी आंदोलन के दौरान नेिाओ ं ने स्थाई रेर् यूभनयन, हडिालों, कानून की सहयोग, िथा कोष
एकत्र करने जैसे अभियानों में उत्साह िूविक िाग भलया।
• हडिालों मजदूरों की सिाओ ं को भबभिन चद्रं िाल, भचिरज ं न दास िथा भलयाकि हुसैन जैसे
राष्ट्रवादी नेिाओ ं ने संबोभधि भकया।
• स्वदेशी आंदोलन के दौरान 4 बडे नेिाओ ं ने अभश्वनी कुमार दत्त, प्रिाि कुमार राय चौधरी,
प्रेमिोष बोस िथा अिूवि घोष ने अिने को सभक्य श्रभमक आंदोलन को समभििि भकया।
• वषि 1920 ई. में एन एम जोशी, जोसेफ बैिभटस्टा िथा लाला लाजिि राय के प्रयासों से अभखल
िारिीय रेर् यूभनयन कांग्रेस (AITUC) की स्थािना हुई।
• इसका प्रथम अभधवेशन लाला लाजिि राय की अध्यक्षिा में वषि 1920 ई. में मुंबई में हुआ
दीवान चमनलाल इसके महामंत्री बने।
• इसके िीसरे और चौथे अभधवेशन की अध्यक्षिा भचिरज ं न दास ने की थी।
• वषि 1929 ई. के नागिुर अभधवेशन में जब जवाहरलाल नेहरू ऑल इंभर्या रेर् यूभनयन कांग्रेस
(AITUC) के अध्यक्ष थे िो इसका दो िागों में भविाजन हो गया मुख्य मुद्दा यह था भक एटक
(AITUC) अग्रं ेजों िारा भनयि ु रायल कमीशन ऑन लेबर का बभहष्ट्कार करेगी या नहीं।।
• वषि 1931 ई. में दूसरा भविाजन हुआ इस बार साम्यवाभदयो ने एटक (AITUC) छोड भदया िथा
रेर् रेर् यूभनयन कांग्रेस (RTUC) बनाई।
• रेर् रेर् यूभनयन के प्रमुख नेिाओ ं में रणदेव देशिांर्े, बंभकम मुखजी िथा िूिेंद्र दत्त शाभमल थे।
और इनके प्रयासों से वषि 1933 ई. में राष्ट्रीय मजदूर संघ एवं िररसंघ (NTUF) की स्थािना हुई।
• बीसवीं शिाब्दी के िीसरे दशक में मजदूर आंदोलनों िर वामिंथी भवचारधाराओ ं की िकड
मजबूि हुई।
• वषि 1927 ई. के आरि ं में देश के अलग-अलग िागों में भवभिन्न कम्यभु नस्टों ने अिने को वकि सि
एर्ं िीजेंट्स िाटी (कामगारों और भकसानों की िाटी) के रूि में संगभठि भकया।
• इसके प्रमुख नेिा थे श्रीिाद अमृि र्ांगे, मुजफ्फर अहमद, िूरन चंद्र जोशी िथा सोहन भसंह जोर।
• कामगार भकसान िाटी काग्रं ेस के अदं र ही वामिथ ं ी गटु के रूि में काम करिी थी।
• वषि 1930 ई. िथा वषि 1936 ई. के दौरान मजदूर वगि का आंदोलन सभवनय अवज्ञा आंदोलन के
साथ जुडा हुआ था।
• भििीय भवश्व युि के भवरोध में आई एन ए मुकदमा िथा वषि 1942 ई. में िारि छोडो आंदोलन के
दौरान गाध ं ीजी और अन्य नेिाओ ं की भगरफ्िारी के भवरोध में देशिर के मजदूरों ने आदं ोलन
भकया।
• 34 वें नेभटव इन्फेंरी बैरकिुर बंगाल के भसिाही मंगल िांर्े ने 29 माचि 1857 ई. को अंग्रेज
अभधकारी साजेंट ह्यस ू न को गोली मार दी एवं लेभफ्टनेंट बाग की िी हत्या कर दी।
• 8 अप्रैल 1857 ई. को मगं ल िांर्े को फांसी दे दी गई।
• 24 अप्रैल 1857 ई. को मेरठ में िैनाि देसी घुडसवार सेना के 99 भसिाभहयों ने चबी वाले कारिूस
का प्रयोग करने से इंकार कर भदया।
• इनमें से िचासी सैभनकों को 10 वषि की सजा सुनाई गई भजसके भवरोध में 10 मई 1857 को मेरठ
के िारिीय सैभनकों ने भवद्रोह कर भदया।
• 12 मई 1857 को इन भवद्रोभहयों ने भदल्ली िर अभधकार कर के मुगल शासक को नेिा स्वीकार
भकया।
• 1850 ई. के धाभमिक लनयोग्यिाअभधभनयम (ररभलभजयस लिजेभबभलटी एक्ट) िारा ईसाई धमि ग्रहण
करने वाले लोगों को अिनी िैिृक संिभत्त का हकदार माना गया साथ ही उन्हें नौकररयों में
िदोन्नभि भशक्षण संस्थाओ ं में प्रवेश की सुभवधा प्रदान की गई।
• र्लहौजी की राज्य हडि नीभि या व्यिगि नीभि िथा आभथिक नीभियों के कारण िारिीयों की
दयनीय भस्थभि इत्याभद के कारण यह भवद्रोह प्रारंि हुआ।
• भवद्रोह का ित्कालीक कारण चबी वाले कारिूस का प्रयोग था
भवद्रोह िर इभिहासकारों के मि
इभिहासकार मि
सर जॉन लॉरें स यह िूणििः एक भसिाही भवद्रोह था।
सर जॉन नीले भवद्रोह िूणििः देशिभि रभहि स्वाथि िूणि सैभनक भवद्रोह था भजसका न कोई
नेिृत्व था और न कोई जनसमथिन।
िी रॉबटिसन अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी का भवद्रोह के वल एक सैभनक भवद्रोह था भजस का
िात्काभलक कारण चबी युि कारिूस था
टी आर होम्स यह सभ्यिा एवं बबिरिा का सघं षि था।
र्ब्ल्यू टेलर जेम्स आउरम यह अंग्रेजो के भवरुि भहंदू मुसलमानों का षर््यंत्र था
रीज यह ईसाई धमि के भवरुि एक धमि यि ु था।
रॉबटिस यह वस्िुिः मुभस्लम षर््यंत्र था।
एस.एन सेन भवद्रोह धमि के भलए लडाई के रूि में प्रारंि हुआ वह स्विंत्रिा संग्राम के रूि में
समाप्त हआ ु ।
अशोक मेहिा भवद्रोह का स्वरूि राष्ट्रीय था।
वी र्ी सावरकर एक सभु नयोभजि राष्ट्रीय स्वित्रं िा सग्रं ाम था।
आर सी मजूमदार िथाकभथि प्रथम राष्ट्रीय संग्राम ना िो प्रथम ना ही राष्ट्रीय और ना ही स्विंत्रिा
संग्राम था।
भवभिन चद्रं ा भवद्रोह भवदेशी शासन से राष्ट्र को मि ु कराने का िभि िण ू ि प्रयास था।
जवाहरलाल नेहरु दुगािदास भसिाही भवद्रोह नहीं अभििु स्विंत्रिा प्राभप्त के भनभमत्त िारिीय जनिा का
बंधोिाध्याय सैयद अहमद संगभठि संग्राम था।
खान
कें द्र भवद्रोही नेिा भवद्रोह का भदन सैन्य अभधकारी समििण का भदन
भदल्ली बहादुर शाह, बख्ि 11 मई 1857 भनकल्सन हर्सन 20 भसिंबर 1857
खान
कानिुर नाना साहब, िात्या 5 जून1857 कॉभलन कैं िबेल भदसंबर 1857
टोिे
लखनऊ बेगम हजरि महल 4 जनू 1857 कॉभलन कैं िबेल 31 माचि 1858
झांसी लक्ष्मीबाई, िात्या 4 जून 1857 जनरल ह्यूरोज 17 जून 1858
टोिे
जगदीशिरु कुंवर भसंह, अमर 12 जून 1857 मेजर भवभलयम भदसंबर 1858
दानािुर भसंह टेलर
फैजाबाद मौलवी जनू 1857 जनरल रेनार्ि जनू 1858
अहमदुल्लाह
इलाहाबाद भलयाकि अली जनू 1857 कनिल नील 1858
बरेली खान बहादुर जून 1857 भबसेण्ट आयर 1858
महारानी भवक्टोररया ने एक राजाज्ञा जारी की गवनिर जनरल कै भनंग ने 1 नवंबर 1858 ई. को इलाहाबाद
में एक दरबार लगाया और उसमें महारानी की राजाज्ञा िढकर सुनाई। भजसमें घोषणा की गई भक
िारिीय राजाओ ं के अभधकार सुरभक्षि रहेंगे िथा अब अंग्रेजी राज्य में नए क्षेत्र शाभमल नहीं भकए जाएगं े।
• गवनिर जनरल को अब वायसराय कहा जाने लगा।
• 1869 ई. में स्वेज नहर खुल जाने से िूमध्य सागर और लाल सागर एक दूसरे से जुड गए इससे इंग्लैंर्
स्थानीय स्वशासन
• 1687 ई. में कोटि ऑफ़ र्ायरेक्टसि के आदेश िर मद्रास में म्यभू नभसिल कॉरिोरेशन का गठन हुआ।
• 1870 ई. में लॉर्ि मेयो िारा भवत्तीय भवकें द्रीकरण की प्रभक्या प्रारंि की गई िथा स्थानीय
स्वशासी संस्थाओ ं के भलए कुछ मदें भनधािररि की गई।
• ररिन को िारि में स्थानीय स्वायत्त सस्ं थाओ ं का जनक कहा जािा है।
• 1919 ई. के िारि शासन अभधभनयम के िारा स्थानीय स्वशासन को राज्य के भवषय के अंिगिि
शाभमल कर भदया गया िथा इसे हस्िािं ररि भवषय माना गया।
• 1807 ई. में भवल्सन िारा िहली बार आयकर लगाया गया और बजट प्रस्ििु भकया गया।
सेना का िुनगिठन
• िारिीय सैभनकों को िोिखानों और शास्त्रागारों से अलग रखने का भनणिय भलया गया । यूरोिीय
सैभनकों की संख्या में िी वृभि की गई । िारिीय सैभनकों और यूरोिीय सैभनकों का अनुिाि 2:1
रखा गया। बाद में इसे बढाकर 5:2 कर भदया गया।
• 1853 ई. के अभधभनयम िारा भसभवल सेवा प्रभियोभगिा िरीक्षा का प्रावधान भकया गया। यह
िरीक्षा इंग्लैंर् में होिी थी िथा इसका माध्यम अंग्रेजी था।
• 1859 ई. में िरीक्षा के भलए आवश्यक अभधकिम आयु कम करके 22 वषि कर दी गई भजसे
घटाकर 1877 में भलटन 19 वषि कर भदया।
• एभचंसन कमीशन 1886 ई. प्रांिीय भसभवल सेवा से संबंभधि है।
• 1912 ई. में भसभवल सेवा िर भलंगटन कमीशन का गठन भकया गया। इसे रॉयल कमीशन के नाम
से िी जाना जािा है।
• 1923 ई. में लॉर्ि ली ने ROYAL कमीशन का गठन भकया भजसने लोक सेवा आयोग के गठन
की अनुशंसा की।
• िारिीय राज्यों को प्रिस ु त्ता के भसिािं के अिं गिि भब्रभटश सरकार के अधीन बनाया गया।
• 1 जनवरी 1877 ई. को महारानी भवक्टोररया ने िारि की साम्राज्ञी की िदवी धारण की थी। इस
समय िारि के कई क्षेत्रों में अकाल िडा था।
• 1872 ई. में जब िहली बार जनगणना की गई िो उस समय िारि की आबादी 20 करोड 60
लाख थी।
• 1901 में यह आबादी बढकर 28 करोड 30 लाख हो गई।
• िारि में रेलवे भनमािण की भदशा में प्रथम प्रयास लॉर्ि र्लहौजी 1848 – 56 ई. िारा भकया गया
था।
• िारि में रेलवे लाइन लाने वाले अग्रणी व्यभि रोलैंर् मैकर्ोनाल्र् स्टीफेनसन थे।
• िारि में रेल लाइन भबछाने का प्रथम प्रस्िाव मद्रास में 1831 ई. में आया था । भजसमें रेल के
भर्ब्बे को घोडों से खींचने का प्रस्िाव रखा था।
• िारि की प्रथम रेलगाडी 16 अप्रैल 1853 ई. को मुंबई से थाने के बीच चलाई गई थी।
• 1854 ई. में कोलकािा से रानीगज ं के बीच दूसरी रेलवे लाइन स्थाभिि की गई।
• लॉर्ि कजिन के कायिकाल (1899 – 1905 ई.) में िारि में रेलवे लाइन का सवािभधक भवस्िार और
सवािभधक भवकास हुआ।
• 1920 ई. में भमस्टर रॉबटिसन की अध्यक्षिा में रे ल आयोग का गठन भकया गया।
• इस आयोग में दो िारिीय सदस्य (1) गुरुदास बनजी सैयद (2) भबलग्रामी शाभमल थे।
• 1908 ई. में रेलवे को स्वायत्तशासी संस्था का दजाि प्रदान भकया गया।
• 1924 ई. में एकवथि कमेटी के सुझाव िर रे ल बजट को सामान्य बजट से िृथक भकया गया था।
• वषि 2016 – 17 में बजट से रेल बजट को सामान्य बजट के साथ िाररि भकया जाना प्रारि ं कर
भदया गया।
• िारिीय समाचार ित्रों का इभिहास यूरोिीय लोगों के आने के साथ प्रारंि हुआ।
• ििु िगाभलयों ने िारि में मद्रु णालय की स्थािना की।
• जेम्स ऑगस्टस भहक्की ने िारि में 1780 ई. में िहला समाचार ित्र प्रकाभशि भकया भजसका नाम
था “द बंगाल गजट।“
• बगं ाल गजट भकसी िारिीय िारा अग्रं ेजी में प्रकाभशि िहला समाचार ित्र था भजसे गगं ाधर
िट्टाचायि ने 1816 ई. इसमें भनकालना प्रारंि भकया। यह ित्र सप्ताभहक था।
• मासिमैंने 1818 ई. में भदग्दशिन नामक माभसक िभत्रका बंगाली में शुरू की।
• राजा राममोहन राय ने 1821 ई. में बगं ाली में संवाद कौमदु ी िथा 1822 ई. में फारसी में मीराि उल
अखबार का प्रकाशन भकया।
• राजा राममोहन राय को राष्ट्रीय प्रेस की स्थािना का श्रेय भदया जािा है।
• 1851 ई. में रास्ि गोफ्िार का संिादन दादा िाई नौरोजी ने गुजरािी िाषा में भकया।
• भहदं ू िैभरयोट का प्रकाशन 1853 ई. में हररिद्रं मख
ु जी िथा भगरीश चद्रं घोष ने कोलकािा से
भकया।
समाचारित्र अभधभनयम
• लॉर्ि भलटन िारा िारि में राष्ट्रवादी भवचारों के प्रसार को रोकने के भलए लाया गया।
• कुछ अग्रं ेजी अखबारों ने वनािकुलर प्रेस एक्ट का समथिन भकया।
• यह कानून िाषाई अखबारों िर अंकुश लगाने के भलए बनाया गया था।
• सोम प्रकाश , िारि भमभहर िथा अमृि बाजार िभत्रका इस एक्ट से मुख्य रूि से प्रिाभवि हुई।
• लॉर्ि कजिन की नीभियों िारा उत्िन्न स्वदेशी और उग्रवादी भहंसक आदं ोलन को दबाने के
भलए सरकार ने newspaper incitement of offence act 1908 िाररि भकया।
• इसके अनुसार भजन िभत्रकाओ ं या समाचार ित्रों से लोगों को हत्या या भहंसक गभिभवभधयों में
िाग लेने की प्रेरणा भमलिी थी उसकी सिं भत्त अथवा मद्रु णालय को जब्ि भकया जा सकिा
था।
• इसके अनुसार स्थानीय सरकार भकसी मुद्रणालय के स्वामी अथवा समाचार ित्र के प्रकाशन
से िंजीकरण जमानि (रभजस्रेशन भसक्योररटी) मांग सकिी थी जो कम से कम ₹500 िथा
अभधक से अभधक 2000 होिी थी।
• इस अभधभनयम के आधार िर भिलक को जेल हुई थी।
• वषि 1921 ई. में भवभध सदस्य सर िेज बहादुर सप्रू की अध्यक्षिा में प्रेस इंक्वायरी कमेटी
भनयुि की गई थी।
• इस कमेटी की अनश ु स
ं ा िर वषि 1908 एवं वषि 1910 की प्रेस अभधभनयमों को भनरस्ि कर
भदया ।
• सविप्रथम 1813 ई. के चाटिर एक्ट में भशक्षा के भलए ₹100000 का प्रावधान भकया गया।
• वारेन हेभस्टंग्स के समय सर भवभलयम जोंस ने कोलकािा में एभशयाभटक सोसाइटी की स्थािना
की।
• भवलभकंस ने िगवि गीिा िथा भहिोिदेश का अग्रं ेजी में अनवु ाद भकया।
• भवभलयम जोंस ने काभलदास रभचि अभिज्ञान शाकुंिलम् का अंग्रेजी अनुवाद भकया।
• मनुस्मृभि िहला ग्रंथ है भजसका 1776 ई. में अंग्रेजी िाषा में एक कोर् ऑफ जेंटू लॉज के नाम से
भकया गया।
• आधुभनक काल में वारेन हेभस्टंग्स ने िारि में भशक्षा के प्रचार प्रसार के भलए सविप्रथम प्रयास करिे
हुए 1781 ई. में फारसी अरबी िढाने के भलए कोलकािा मदरसा की स्थािना की।
• 1791 ई. में जोनाथन र्क ं न ने बनारस में सस्ं कृि कॉलेज खोला।
• 1800 ई. में लॉर्ि वेलेजली ने कंिनी के असैभनक अभधकाररयों के प्रभशक्षण के भलए फोटि
भवभलयम कॉलेज की स्थािना की।
• र्ेभवर् हेयर िथा राजा राममोहन राय के प्रयत्न से 1817 ई. में कोलकािा में भहंदू कॉलेज स्थाभिि
हआु ।
• राज्य िाषा के समथिक ओररएटं लिस्ट जो िारि में भशक्षा का प्रचार प्रसार का माध्यम संस्कृि
और अरबी में करना चाहिे थे।
• इसके प्रमुख समथिक एच.टी भप्रंसेि और एच एच भवल्सन थे।
• जबभक आगं ल िाषा के समथिक मनु रो एलभफंस्टन एवं लॉर्ि मैकाले थे।
• लॉर्ि मैकाले ने ित्कालीन गवनिर लॉर्ि भवभलयम बेंभटक को 1835 ई. में ित्र भलखकर भशक्षा के
प्रसार के भलए अंग्रेजी िाषा को माध्यम बनाने का अनुरोध भकया।
• भजसके कारण 1854 ई. से िवू ि मैकाले की यह नीभि िारि में भशक्षा के भवकास का प्रमखु आधार
रही है।
भशक्षा का अधोमख
ु ी भनस्यदं न भसिािं
• इस भसिांि के अनुसार िारिीय उच्च वगों को भशभक्षि भकया जाए । भजनसे भशक्षा का प्रसार
भनम्न वगों िक हो जाएगा
• इस नीभि को लॉर्ि ऑकलैंर् ने लागू भकया था ।
• लॉर्ि ररिन ने 1882 ई. में र्ब्ल्यू र्ब्ल्यू हंटर की अध्यक्षिा में एक भशक्षा आयोग का गठन
भकया।
• इसका उद्देश्य 1854 ई. के ििाि भशक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगभि का मूल्यांकन करना था।
• इस आयोग को प्राथभमक भशक्षा के प्रसार के भलए िी उिाय सुझाने थे।
• मुंबई कोलकािा एवं मद्रास के अलावा अन्य स्थानों िर मभहला भशक्षा का भवकास भकया
जाना चाभहए।
• 1882 ई. में िंजाब एवं 1887 ई. में इलाहाबाद भवश्वभवद्यालय की स्थािना की गई।
• लॉर्ि कजिन ने 1902 ई. में सर टॉमस रै िे की अध्यक्षिा में एक आयोग स्थाभिि भकया
भजसका कायि भवश्वभवद्यालय भशक्षा की समीक्षा करना था।
• इस आयोग की अनश ु स
ं ा िर 1904 ई. में िारिीय भवश्वभवद्यालय अभधभनयम िाररि भकया
गया।
• ग्रामीण संस्कृभि के छात्रों को भमभर्ल स्कूल िक ही भशक्षा दी जाए एवं इसके ििाि उन्हें
6. वधाि योजना
• महात्मा गांधी ने वषि 1937 ई. में मौभलक भशक्षा के भलए हररजन समाचार ित्र में वधाि
योजना प्रस्िुि की।
• इस योजना का ब्यौरा जाभकर हुसैन ने प्रस्ििु भकया।
• इसमें अध्यािकों के प्रभशक्षण, ियिवेक्षण, िरीक्षण के सुझाव भदए गए।
इस योजना के प्रमख
ु प्रावधान भनम्नभलभखि है
• िारिीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थािना एक अंग्रेज अभधकारी एलन अक्टोभवयन ह्यम िारा 1885 ई.
में की गई।
• इसका प्रथम अभधवेशन 28 भदसबं र 1885 को मबुं ई के ग्वाभलया टैंक मैदान भस्थि गोकुलदास
िेजिाल संस्कृि कॉलेज में हुआ।
• आरंि में इसका नाम िारिीय राष्ट्रीय संघ था लेभकन बाद में दादा िाई नौरोजी के सुझाव िर
बदलकर िारिीय राष्ट्रीय काग्रं ेस कर भदया गया।
• मुंबई के िहले अभधवेशन में िाग लेने वाले अभधकिर नेिा वकील एवं ित्रकार थे।
• प्रथम सम्मेलन में िाग लेने वाले सदस्यों की संख्या 72 थी।
• प्रथम अभधवेशन की अध्यक्ष व्योमेश चद्रं बनजी िथा सभचव एलन अक्टोभवयन ह्यम थे।
• सेफ्टी वाल्व भसिांि के जनक लाला लाजिि राय थे।
• कांग्रेस के प्रथम अभधवेशन में भजन मांगों को िाररि भकया गया उनमें प्रमुख थे – कें द्र िथा प्रांिों
में भवधान िररषदों का भवस्िार भकया जाए , उच्च सरकारी नौकररयों में िारिीयों को िी िूणि
अवसर भदया जाए , सैभनक खचि में कटौिी की जाए।
भवभिन चंद्र िाल काग्रं ेस एक प्रकार की याचना करने वाली संस्था है।
र्फररन काग्रं ेस सभ् ं ांि लोगों का प्रभिभनभधत्व करने वाला सगं ठन है।
कजिन कांग्रेस अिनी मौि की घभडयां भगन रही है िारि में रहिे हुए मेरी एक सबसे बडी इच्छा है
भक मैं उसे शांभििूविक मरने में मदद कर सकूं।
भिलक यभद वषि में एक बार मेंढक की िरह टराियेंगे िो कुछ नहीं भमलेगा।
अभश्वनी कुमार कांग्रेस के सम्मेलन 3 भदनों का िमाशा है।
दत्त
स्वित्रं िा प्राभप्त के बाद महात्मा गांधी ने िारिीय राष्ट्रीय कांग्रेस संगठन को समाप्त करने का सुझाव
भदया था।
• 1941 – 45 – मौलाना अबुल कलाम आजाद – कांग्रेस को गैर कानूनी संस्था घोभषि कर भदया
गया
• इस दौरान कोई अभधवेशन नहीं हआ ु ।
वषि स्थान अध्यक्ष महत्विूणि िथ्य
1885 बम्बई व्योमेश चंद्र बनजी प्रथम अभधवेशन 72 प्रभिभनभधयों ने िाग भलया। कांग्रेस के
उद्देश्य िय भकए गए ।
1886 कलकािा दादा िाई नौरोजी इस अभधवेशन में राष्ट्रीय कांग्रेस िथा नेशनल कांफ्ेंस का
भवलय हो गया।
1887 मद्रास सै. बदरुद्दीन प्रथम मुभस्लम अध्यक्ष मुसलमानों से राष्ट्रीय आंदोलन में
िैयबजी िाग लेने की अिील ।
1888 इलाहाबाद जॉजि यल ू े प्रथम अग्रं ेज अध्यक्ष
1889 बम्बई सर भवभलयम इंग्लैंर् में कांग्रेस के दृभष्टकोण का प्रचार करने के भलए
वेर्रबनि प्रभिभनभधमंर्ल िेजने के फैसले िर िहली बार मभहलाओ ं ने
िाग भलया।
1892 इलाहाबाद व्योमेश चंद्र बनजी इसी समय 1892 में दादा िाई नौरोजी भब्रभटश िाभलियामेंट के
भलए चुने गए।
1893 लाहौर दादा िाई नौरोजी भसभवल सेवा िरीक्षा िारि में करवाने की मांग।
1896 कलकािा एम ए सयानी कांग्रेस मंच से िहली बार वंदे मािरम का गान भकया गया।
1899 लखनऊ रमेश चद्रं दत्त िू राजस्व को स्थाई करने की मागं
• 1941 – 45 – मौलाना अबुल कलाम आजाद – काग्रं ेस को गैर काननू ी सस्ं था घोभषि कर भदया
गया
• इस दौरान कोई अभधवेशन नहीं हुआ।
• इस काल को नवराष्ट्रवाद का उदय काल माना जािा है और इसी समय स्वदेशी िथा क्ाभं िकारी
आंदोलनों की शुरुआि हुई थी।
• कांग्रेस के उग्रवादी िथा अभिवादी कहे जाने वाले नेिाओ ं में बाल गंगाधर भिलक, अरभवंद घोष,
भबभिन चंद्र िाल िथा लाला लाजिि राय का नाम प्रमुख है।
• स्वराज, स्वदेशी और बभहष्ट्कार का नारा सविप्रथम भिलक ने ही भदया।
• भिलक ने 1893 ई. में गणिभि महोत्सव और 1896 ई. में भशवाजी महोत्सव की शुरुआि
करवाई।
• कुछ अिं रािष्ट्रीय घटनाएं जैसे अफ्ीकी अलबलसनीयाई देश िारा 1896 ई. में इटली को िराभजि कर
देना, वषि 1905 ई. में जािान िारा रूस को िराभजि करना आभद ने कांग्रेस की एक गुट को देश
की स्विंत्रिा के भलए अभिवादी नीभि अिनाने हेिु प्रेररि भकया।
• 19 जुलाई 1905 ई. को भविाजन की घोषणा हुई िथा 16 अक्टूबर 1905 ई. को योजना प्रिावी
हो गई।
• स्वदेशी आंदोलन का नेिृत्व भदल्ली में सैयद हैदर रजा एवं मद्रास में भचदंबरम भिल्लई ने भकया
था।
• काग्रं ेस की बनारस अभधवेशन 1905 ई. में स्वदेशी और बभहष्ट्कार आदं ोलन का अनमु ोदन भकया
गया इस अभधवेशन के अध्यक्ष गोिाल कृष्ट्ण गोखले थे।
• अभश्वनी कुमार दत्त ने स्वदेश बांधव सभमभि की स्थािना की।टैगोर ने उस समय आमार सोनार
बाग्ं ला नामक गीि भलखा जो वषि 1971 ई. में बाग्ं लादेश का राष्ट्रीय गान बना।
• 15 अगस्ि 1986 ई. सद्गुरु दास बनजी ने राष्ट्रीय भशक्षा िररषद की स्थािना की।
• आचायि प्रफुल्ल चंद्र राय के िारा बंगाल के भमकल्स एवं फमािस्युभटकल्स की स्थािना की गई।।
• स्वदेशी आंदोलन के समय िहली बार मभहलाओ ं ने िरदे से बाहर आकर धरना और प्रदशिनों में
भहस्सा भलया।
• वषि1906 ई. के कोलकािा अभधवेशन में अभिवाभदयो ने स्वदेशी, बभहष्ट्कार, राष्ट्रीय भशक्षा और
सुशासन से जुडे चार महत्विूणि प्रस्िाव िाररि करवा भलए । इसी अभधवेशन में दादा िाई नौरोजी
ने िहली बार स्वराज शब्द का उल्लेख भकया था।
• िूंजीिभि, भकसान एवं बहुसंख्यक मुभस्लम समुदाय स्वदेशी और बभहष्ट्कार आंदोलन से अलग
रहा।
• मभु स्लम लीग की स्थािना का मुख्य उद्देश्य भब्रटेन सरकार के प्रभि मुसलमानों में भनष्ठा बढाना और
मस ु लमानों की राजनीभिक अभधकारों की रक्षा करना िथा काग्रं ेस के प्रभि मसु लमानों में घण ृ ा
फैलाना था।
• बंगाल भविाजन की घोषणा के बाद ही 1 अक्टूबर 1906 ई. को आगा खां के नेिृत्व में
मस ु लमानों का एक भशष्टमर्ं ल ित्कालीन वायसराय लॉर्ि भमटं ो से भशमला में भमला।
• 30 भदसंबर 1906 ई. को ढाका में एक बैठक आयोभजि की गई भजसकी अध्यक्षिा नवाब
सलीमुल्लाह ने की।
• इसमें मोभहभसन उल मुल्क, आगा खां िथा नवाब बाकर उल मुल्क उिभस्थि थे।
• 1989 ई. में इंभर्यन काउंभसल एक्ट की घोषणा हुई । इसे मोले भमंटो सुधार के नाम से जाना जािा
है । उस समय माले िारि सभचव और भमंटो वायसराय थे।
• इस एक्ट के अनुसार कें द्रीय और प्रांिीय भवधान िररषदों में सदस्यों की संख्या बढा दी गई िरंिु
इन िररषदों में भनवािभचि सदस्यों की संख्या बहुि कम थी।
• यह भनवािभचि सदस्य जनिा िारा नहीं बभल्क जमींदारों, व्यािाररयों, भवद्यालयों और स्थानीय
संस्थाओ ं िारा चुने गए थे।
• भदसबं र 1911 ई. में भब्रभटश सम्राट जॉजि िंचम और महारानी मेरी के िारि आगमन िर उनके
स्वागि हेिु भदल्ली में एक दरबार का आयोजन भकया गया।
• भदल्ली दरबार में ही 12 भदसबं र 1911 ई. को बगं ाल भविाजन को रद्द घोभषि भकया गया और
साथ ही कोलकािा की जगह भदल्ली को िारि की नई राजधानी बनाने की अनुमभि प्रदान की
गई।
• 1 अप्रैल 1912 ई. को भदल्ली को कोलकािा की जगह िारि की नई राजधानी बना भदया गया।
• बंगाल भविाजन के रद्द होने के बाद भबहार को बंगाल से अलग कर भदया गया।
क्ांभिकारी आंदोलन
• भजस समय वायसराय हाभर्िंग अिने िररवार िथा भब्रटेन के शाही राजवंश के साथ एक लंबे जुलूस
में समारोह िवू िक भदल्ली में प्रवेश कर रहे थे उसी समय उन िर बम फेंका गया भजसमें हाभर्िंग
घायल हो गया।
• इस कायि को बंसल भवश्वास, अमीरचंद, अवध भबहारी एवं बालमुकुंद ने अंजाम भदया था। भजन्हें
बाद में फास
ं ी दे दी गई।
• सविप्रथम श्यामजी कृष्ट्ण वमाि ने 1905 ई. में इंभर्या होम रूल लीग की स्थािना की एवं इंभर्यन
सोभशयोलॉभजस्ट नामक ित्र भनकाला।
• इन्होंने वषि 1950 ई. में लंदन में िारिीयों के भलए इंभर्या हाउस की स्थािना की।
• श्यामजी कृष्ट्ण वमाि के िेररस में सहयोगी मैर्म िीकाजी कामा थी।
• िीकाजी कामा ने अंग्रेजी में वंदे मािरम ित्र का प्रकाशन भकया।
• कामा ने वषि 1960 ई. में स्टुटगाटि (जमिनी) में भििीय समाजवादी काग्रं ेस में िारि का प्रभिभनभधत्व
भकया और िारि का भिरंगा (हरा+ िीला+ लाल) फहराया।
• 1915 ईस्वी में लाला लाजिि राय ने अमेररका में एक होमरूल लीग का गठन भकया था।
भिलक का होमरुल एनी बेसेंट का होमरूल
क्षेत्र महाराष्ट्र कनािटक मद्रास िभमल नार्ु
मुख्यालय बेलगांव (कनािटक) आर््यार (मद्रास)
स्वरूि सीभमि स्वरूि अभखल िारिीय स्वरूि
अध्यक्ष एन सी के लकर जॉजि अरुंर्ेल
उद्देश्य स्वराज मेरा जन्मभसि अभधकार है स्वशासन की स्थािना
प्रचार मराठा व के सरी कॉमनवील व न्यू इंभर्या
• 1916 ई. में लखनऊ अभधवेशन की अध्यक्षिा अभं बका चरण मजमू दार ने की। मदन मोहन
मालवीय ने लखनऊ समझौिे का भवरोध भकया था।
• इस समझौिे में कांग्रेस और मुभस्लम लीग दोनों ने हस्िाक्षर भकए िथा कांग्रेस ने भवधान िररषदों में
मुसलमानों के िृथक प्रभिभनभधत्व को स्वीकार कर भलया।
• काग्रं ेस के सरू ि अभधवेशन के 9 साल बाद अब काग्रं ेस के गरम दल और नरम दल िनु एकजटु हो
गए।
• िारि सभचव मांटेग्यू ने अगस्ि 1917 ई. में यह घोषणा की भक भब्रभटश सरकार िारि में उत्तरदाई
सरकार स्थाभिि करने के उद्देश्य से धीरे -धीरे स्वशासी सस्ं थाओ ं की स्थािना करना चाहिी है।
• 8 जल ु ाई 1998 ई. में मोंटेग्यू चेम्सफोर्ि ररिोटि प्रकाभशि हईु इस समय िारि का वायसराय
चेम्सफोर्ि और िारि सभचव मांटेग्यू थे।
• भिलक ने मांटेग्यू घोषणा को सूयि भवहीन उषाकाल की संज्ञा दी।
• नरमिथ ं ी नेिाओ ं ने सरु ेंद्रनाथ बनजी के नेित्ृ व में अगस्ि 1918 ई. में इस ररिोटि का स्वागि भकया
और कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रीय उदारवादी संघ (नेशनल भलबरल लीग) का गठन भकया।
• जो बाद में अभखल िारिीय उदारवादी संघ (ऑल इंभर्या भलबरल फेर्रेशन) के रूि में प्रभसि
हईु ।
• कांग्रेस के उदार वाभदयों ने मांटेग्यू घोषणा को िारि का मैग्नाकाटाि कहा। इस प्रकार कांग्रेस का
दूसरा भविाजन हो गया।
• इस ररिोटि उन सुधारों की बाि की गई थी भजन्हें भब्रभटश सरकार िारि में लागू करना चाहिी थी।
मोंटेग्यू चेम्सफोर्ि सध
ु ार 1919 ई.
गांधी एक िररचय
• चिं ारण सत्याग्रह यह 1917 ई. में प्रथम वास्िभवक भकसान सत्याग्रह था । 3 / 20 भविाग िर
अभनवायि नील की खेिी के भवरुि सत्याग्रह भजसे िीन कभठया ििभि िी कहा जािा था।
• अहमदाबाद मजदूर आंदोलन 1918 ई. िारि में प्रथम िूख हडिाल ।
• खेडा सत्याग्रह 1918 ई. प्रथम िण
ू ि भकसान सत्याग्रह ।
• भखलाफि आंदोलन 1919 ई. सविप्रथम असहयोग आंदोलन की अभिव्यभि ।
• असहयोग आंदोलन 1920 ई. प्रथम जन आंदोलन की अभिव्यभि ।
• सभवनय अवज्ञा आदं ोलन दार्ं ी माचि 1930 ई. नमक सत्याग्रह ।
• व्यभिगि सत्याग्रह 1940 ई. उिनाम भदल्ली चलो आंदोलन ।
• िारि छोडो आंदोलन अगस्ि क्ांभि 1942 ई. नारा करो या मरो ।
• भबहार के चंिारण भजले में गांधी जी ने सत्याग्रह का िहला प्रयोग वषि 1917 ई. में भकया।चंिारण
में नील की खेिी करने वाले भकसानों िर यूरोिीय माभलक बहुि अत्याचार करिे थे।
• यरू ोिीय लोगों ने भकसानों से एक अनबु ध
ं करा भलया था भक वे अिने िभू म के 3 / 20 में भहस्से िर
अभनवायि रूि से नील की खेिी करें यह व्यवस्था िीन कभठया के नाम से जानी जािी थी।
• वषि 1917 ई. के लखनऊ अभधवेशन में राजकुमार शुक्ल ने गांधी से मुलाकाि कर चंिारण की
समस्याओ ं से अवगि कराया और उन्हें आने का न्योिा भदया।
• सरकार ने मामले की जांच के भलए एक आयोग का गठन भकया िथा गांधी जी को िी इसका
सदस्य बनाया गया। इसके ििाि ठे केदार अवैध वसूली का 25% भहस्सा लौटाने को राजी हो
गए।
• चंिारण सत्याग्रह के दौरान गांधी के कुशल नेिृत्व से प्रिाभवि होकर रभवंद्र नाथ टैगोर ने उन्हें
महात्मा की उिाभध दी।
• यह आंदोलन सरकारी िंत्र के भवरुि ना होकर िारिीय किडा भमल माभलकों के भवरुि था।
• यहां िर माभलकों एवं मजदूरों में प्लेग बोनस को लेकर भववाद था।
• 1918 ई. में खेडा भजले में िीषण अकाल िडा और िूरी फसल बबािद हो गई।
• सरकार ने मालगुजारी वसूलने की प्रभक्या को बंद नहीं भकया लेभकन इसमें 30% की वृभि िी
की।
• सरकार के इन दमनकारी नीभियों के भखलाफ गांधी ने प्रथम भकसान आंदोलन की शुरुआि की।
• गाध
ं ीजी भखलाफि आंदोलन को भहंदू मुभस्लम एकिा का सुनहरा अवसर मानिे थे।
• भसिंबर 1919 ई. में अभखल िारिीय भखलाफि कमेटी का गठन भकया गया।
• 17 अक्टूबर 1919 ई. को अभखल िारिीय स्िर िर भखलाफि भदवस मनाया गया।
• 23 नवंबर 1919 ई. को इसका िहला सम्मेलन भदल्ली में हुआ िथा गांधी जी को अध्यक्ष चनु ा
गया।
• इस आदं ोलन का भवरोध सी आर दास ने भकया उनका भवरोध भवधान िररषदों के बभहष्ट्कार को
लेकर था।
• मौलाना हसरि मोहानी इसके संस्थािक थे िथा अली बंधु (शौकि अली मोहम्मद अली) और
मौलाना आजाद इसके सदस्य थे।
• अबल ु कलाम आजाद ने अिनी िभत्रका al-hilal के माध्यम से इस आदं ोलन का प्रचार भकया।
• यह आंदोलन टकी के खलीफा से संबंभधि था।
• 1924 ई. में जब िुकी में मुस्िफा कमाल िाशा के नेिृत्व में नई सरकार का गठन हुआ िो उसने
खलीफा के िद को समाप्त कर भदया।
• िारि में क्ाभं िकाररयों के प्रिाव को समाप्त करने के भलए भब्रभटश सरकार ने 1917 ई. में सर
भसर्नी रोलेट की अध्यक्षिा में एक सभमभि बनाई।
• रौलट एक्ट, सेभर्शन कभमटी की भसफाररश िर आधाररि
• 10 अप्रैल 1919 ई. को दो राष्ट्रवादी नेिा र्ॉ. सत्यिाल और र्ॉ. सैफुद्दीन भकचलू भगरफ्िार कर
भलए गए ।
• 13 अप्रैल 1919 ई. में इनकी भगरफ्िारी के भवरोध में जाभलयांवाला बाग में एक जनसिा एकत्र
हुई।
• (जाभलयावं ाला बाग अमिृ सर में भस्थि एक छोटा सा िाकि है जो िीन िरफ से ऊंची दीवारों से
भघरा हुआ है।)
• सिा स्थल िर अंग्रेज जनरल आर र्ायर ने भबना कोई िूवि सूचना या चेिावनी के िीड िर गोली
चलवा दी भजसमें हजारों लोग मारे गए।
• इस हत्याकांर् के भवरोध में रभवंद्र नाथ टैगोर ने नाइट की उिाभध वािस कर दी।
• वायसराय की कायिकाररणी के सदस्य शंकर नायर ने िी कायिकाररणी िररषद से त्यागित्र दे भदया।
• इस हत्याकार्ं की जाच ं हेिु लॉर्ि हटं र की अध्यक्षिा में हटं र सभमभि की भनयभु ि की गई।
• हंटर कमेटी के भनम्नभलभखि सदस्य थे-
जभस्टस रैभस्कन, राइस, सर जॉजिबरो, सर टॉमस भस्मथ, सर भचमनलाल सीिलवाड, शाहबाज
सुल्िान अहमद िथा जगि नारायण।
• जाभलयांवाला बाग हत्याकांर् के समय िंजाब प्रांि के लेभफ्टनेंट गवनिर माइकल ओ र्ायर थे ।
जबभक अमृिसर शहर का प्रशासन सैन्य अभधकारी भब्रगेभर्यर जनरल आर र्ायर को सौंिा गया
था।
• काग्रं ेस ने जाभलयावं ाला बाग हत्याकार्ं की जाच ं हेिु मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षिा में एक
सभमभि की भनयुभि की। सभमभि के अन्य सदस्य थे मोिीलाल नेहरू, महात्मा गांधी, सी आर दास,
िैयब जी और जायकर।
• 13 माचि 1940 ई. को उद्यम भसंह ने गोली मारकर माइकल ओ र्ायर की हत्या कर दी।
• असहयोग आंदोलन का प्रस्िाव गांधी ने िैयार भकया था जबभक इसे सीआर दास ने िेश भकया
था।
• असहयोग का प्रस्िाव कोलकािा के भवशेष अभधवेशन 1920 ई. में िास हुआ। भजसके अध्यक्ष
लाला लाजिि राय
• असहयोग आंदोलन संबंधी प्रस्िाव को भदसंबर 1920 में नागिुर में हुए अभधवेशन में िुभष्ट कर दी
गई।
• इसमें स्वराज के लक्ष्य िक िहच ुं ने के भलए कांग्रेस िारा साभं वभधक उिाय शाभं ि में और उभचि
उिाय आवेदन और अिील के साथ साथ कर देने से मना करना जैसी सीधी कायिवाही िी
शाभमल थी।
• असहयोग आदं ोलन गाध ं ी जी िारा 1 अगस्ि 1920 ई. को शरू ु कर भदया गया। भजसमें गाधं ी जी
ने अिना कै सर ए भहंद, जुलू युि िदक और बोअर िदक वािस कर भदया।
• 1 अगस्ि 1920 ई. को भिलक की मृत्यु हो गई।
• 17 नवंबर 1921 ई. को भप्रंस ऑफ वेल्स के िारि आगमन िर संिूणि िारि में साविजभनक
हडिाल का आयोजन भकया गया।
• इस आंदोलन के दौरान भवद्याभथियों िारा स्कूलों का बभहष्ट्कार भकया गया।
• सुिाष चंद्र बोस नेशनल कॉलेज कोलकािा के प्रधानाचायि बने।
• िज ं ाब में लाला लाजिि राय का नेिृत्व
• राष्ट्रवाभदयों ने भदल्ली में जाभमया भमभलया और बनारस में काशी भवद्यािीठ जैसी भशक्षण संस्थाएं
स्थाभिि की।
• लोगों ने अिनी सरकारी नौकररयां छोड दी वकीलों ने अदालिों का बभहष्ट्कार भकया।
• 1921 ई. का मोिला भवद्रोह इस आंदोलन से जुड गया।
• उत्तर प्रदेश के गोरखिुर भजले में भस्थि चौरी चौरा नामक स्थान िर 5 फरवरी 1922 ई. को एक
घटना घटी।
• इस घटना के ििाि िीड ने भवरोध स्वरूि िभु लस के 22 भसिाभहयों को थाने के अदं र भजदं ा जला
भदया।
• 12 फरवरी 1922 ई. को बारदोली में कांग्रेस कायिसभमभि की बैठक में सत्याग्रह व सहयोग को
स्थभगि करने का प्रस्िाव िाररि भकया गया।
• भदसबं र 1922 ई. के गया अभधवेशन में सी आर दास ने अिने अध्यक्षीय िाषण में भवधान िररषद
में प्रवेश का प्रस्िाव रखा।
• सी आर दास की वकालि के बावजदू यह प्रस्िाव िाररि नहीं हो सका।
• भविक्षी गुट का नेिृत्व सी राजगोिालाचारी ने भकया।
• प्रस्िाव िाररि न होने िर सीआर दास और मोिीलाल नेहरू ने कांग्रेस से त्यागित्र दे भदया िथा
माचि 1923 ई. में इलाहाबाद में स्वराज िाटी बनाई।
• िाटी ने अिने को कांग्रेस का अभिन्न अंग के रूि में प्रचाररि भकया िथा यह घोषणा की भक
इसका िात्काभलक लक्ष्य र्ोभमभनयन स्टेटस की प्राभप्त है।
• भसिबं र 1923 ई. में भदल्ली में कांग्रेस के एक भवशेष अभधवेशन के अिं गिि स्वराज िाटी के
कायिक्मों को मान्यिा दी गई भजसकी अध्यक्षिा अबुल कलाम आजाद ने की थी।
• गुजराि के बारदोली में भकसानों ने सरकार िारा बढाए गए 30% कर के भवरोध में वल्लि िाई
िटेल के नेिृत्व में सत्याग्रह भकया।
• इस सत्याग्रह की सफलिा के बाद सरकार ने कर को घटाकर 6.03% कर भदया।
• बारदोली सत्याग्रह के सफल होने के बाद मभहलाओ ं ने वल्लि िाई िटेल को सरदार की उिाभध
थी।
• बीिी वाभर्या, भथरु वी कल्याण सुंदरम, चक्कराई चेरट्टयार, मद्रास लेबर यूभनयन के प्रमुख नेिा थे
भजसकी स्थािना 1918 ई. में हईु थी।
• िारि में रेर् यूभनयन आंदोलन के अग्रणी नेिा नारायण मल्हार जोशी थे भजन्होंने मजदूरों के िहले
अभखल िारिीय ऑल इंभर्या रेर् यूभनयन कांग्रेस (AITUC) की स्थािना की।
• इस अभधवेशन की स्थािना 1920 ई. में मबुं ई में हईु ।
• भजसके प्रथम अध्यक्ष लाला लाजिि राय थे ित्ििाि भचिरंजन दास, जवाहरलाल नेहरू, और
सुिाष चंद्र बोस अध्यक्ष बने।
• 11 अप्रैल 1936 ई. को प्रथम अभखल िारिीय भकसान सिा (AIKS) का गठन लखनऊ में हुआ
भजसके अध्यक्ष स्वामी सहजानंद सरस्विी िथा महासभचव एन.जी. रंगा को बनाया गया।
• िारि के बाहर रह रहे क्ांभिकारी मानवेंद्र नाथ राय ने कई देशों की कम्युभनस्ट िाभटियों िारा
स्थाभिि कम्युभनस्ट इंटरनेशनल में कई वषों िक सभक्य रूि से िाग भलया।
• िारि में समाजवादी संगठनों के अभधकांश नेिाओ ं ने असहयोग आंदोलन में िाग भलया था।
• भजसमें श्रीिाद अमिृ र्ागं े, एम भसगं ारवेलू, शौकि उस्मानी और मजु फ्फर अहमद प्रमख ु थे।
• इनमें से कुछ समूह एक दूसरे के नजदीक आए और 1925 ई. में िारिीय कम्युभनस्ट िाटी की
स्थािना की।
• िारि में समाजवादी भवचारों को लोकभप्रय बनाने वाले राष्ट्रीय आदं ोलन के सबसे प्रमख ु नेिा
जवाहरलाल नेहरू थे।
• जवाहरलाल नेहरू के प्रिाव में 1934 ई. में कांग्रेस समाजवादी िाटी की स्थािना हुई।
क्ांभिकारी आंदोलन
• असहयोग आंदोलन वािस लेने से जो भनराशा फैली उससे 1920 के दशक में क्ांभिकारी
गभिभवभधयां िनु : आरि ं हईु ।
• सभचंद्र नाथ सान्याल, योगेश चटजी, राम प्रसाद भबभस्मल राजेंद्र लाभहडी, चंद्रशेखर आजाद आभद
ने भमलकर 1924 ई. में कानिुर में भहंदुस्िान ररिभब्लकन एसोभसएशन (HRA) का गठन भकया।
• 9 अगस्ि 1925 ई. को लखनऊ सहारनिुर संिाग के काकोरी नामक स्थान िर 8 र्ाउन रेन र्कै िी
र्ालकर सरकारी खजाने को लटू भलया गया।
• काकोरी षर््यंत्र कांर् में 29 लोगों िर मुकदमा चलाया गया।
• भजसमें राम प्रसाद भबभस्मल, अशफाक उल्ला खान, रोशन लाल िथा राजेंद्र लाभहडी को फांसी
दी गई।
• काकोरी कार्ं के ििाि HRA का अभस्ित्व समाप्त हो गया और चद्रं शेखर आजाद के नेित्ृ व में
भहंदुस्िान ररिभब्लकन एसोभसएशन (HRA) का नाम बदलकर भहंदुस्िान सोशभलस्ट ररिभब्लकन
एसोभसएशन (HRSA) कर भदया गया।
• इस सगं ठन का उद्देश्य िारि में एक समाजवादी गणित्रं ात्मक राज्य की स्थािना करना था।
प्रमुख षर््यंत्र के स
• िेशावर षर््यंत्र, कानिुर षर््यंत्र के स, और मेरठ षर््यंत्र के स का संबंध साम्यवादी आंदोलन से है।
• सरकार ने कम्युभनस्टों के बढिे प्रिाव को रोकने के भलए वषि 1928 – 29 में जनसुरक्षा कानून,
भह्वटृले कमीशन, रेर् भर्स्प्यटू भबल िथा मेरठ षर््यत्रं के स का सहारा भलया।
• 30 अक्टूबर 1928 ई. को लाहौर में साइमन कमीशन का भवरोध के दौरान िुभलस अधीक्षक
साण्र्सि ने लाला लाजिि राय को घािक रूि से घायल कर भदया।
• 17 भदसंबर 1928 ई. को लाहौर स्टेशन िर िगि भसंह चंद्रशेखर आजाद और राजगुरु ने साण्र्सि
की हत्या कर दी।
• 8 अप्रैल 1929 ई. को जब भवधानसिा में साविजभनक सुरक्षा भवधेयक (िभब्लक सेफ्टी भबल) िथा
व्यािार भववाद भवधेयक (रेर् भर्स्प्यूट भबल) िर बहस चल रही थी िब िगि भसंह और बटुकेश्वर
दत्त ने भवधानसिा में दो बम फेंके ।
• कें द्रीय भवधानसिा में जो िचे फेंके गए उस िर भलखा हआ ु था “बहरों को सनु ाने के भलए बमों की
आवश्यकिा है।“
• िगि भसंह और बटुकेश्वर दत्त को भगरफ्िार कर भलया गया िथा 23 माचि 1931 ई. को लाहौर
षर््यत्रं के स में िगि भसहं राजगरुु और सख
ु देव को फांसी दे दी गई।
• जेल में िूख हडिाल के दौरान जभिन दास की 64 वें भदन मृत्यु हो गई।
• चंद्रशेखर आजाद इलाहाबाद के अल्फ्े र् िाकि में िुभलस के साथ हुई एक मुठिेड में अिने आि
को गोली मार ली।
• बगं ाल के क्ाभं िकारी सगं ठनों में सयू ि सेन िारा स्थाभिि IRA (इभं र्यन ररिभब्लकन एसोभसएशन)
का भवभशष्ट स्थान था।
• इसके सदस्यों में लोकी नाथ वाउल, प्रीभि लिा वार्ेकर, गणेश घोष और कल्िना दत्त प्रमुख थे।
• इस भवद्रोह में 16 फरवरी 1933 ई. को सयू ि सेन को भगरफ्िार कर भलया गया िथा 12 जनवरी
1934 ई. को फांसी दी गई।
• वषि 1926 ई. में िगि भसंह, छबीलदास और यशिाल आभद नवयुवकों ने नौजवान सिा की
स्थािना की।
• जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवबं र 1889 ई. को हआ ु था।
• सुिाष चंद्र बोस का जन्म कटक में 1897 ई. में हुआ था।
• 1920 ई. में सुिाष चंद्र बोस इंभर्यन भसभवल सभविस (ICS) में चौथा स्थान प्राप्त भकया।
• वे राष्ट्रीय आदं ोलन में नेिाजी के नाम से लोकभप्रय हएु ।
• वषि 1919 ई. के िारि शासन अभधभनयम में कहा गया था भक 10 वषि बाद एक संवैधाभनक
आयोग की भनयुभि की जाएगी।
• सर जॉन साइमन की अध्यक्षिा में गभठि साइमन आयोग में कुल 7 सदस्य क्लाइमेंट एटली, हेनरी
लेवी लासन, एर्वर्ि कार्ोगान वेनोन हाटिशोन, जॉजि लेन फॉक्स, र्ोनाल्र् हावर्ि, आयोग के
सदस्य थे।
• इसके सिी सदस्य अंग्रेज थे इसीभलए िारिीयों ने इसे श्वेि कमीशन कहा गया।
• 8 नवबं र 1927 ई. को साइमन कमीशन की घोषणा की गई।
• 1927 ई. के कांग्रेस के मद्रास अभधवेशन में कमीशन के बभहष्ट्कार का भनणिय भलया गया।
• 3 फरवरी 1928 ई. को साइमन कमीशन मुंबई (िारि) िहुंचा इस भदन देशव्यािी हडिाल
आयोभजि की गई।
• साइमन कमीशन का िूणि बभहष्ट्कार का भनणिय भलया गया और साइमन गो बैक के नारे लगाए
गए।
• राजनीभिक दलों में भलबरल फेर्रेशन (िेज बहादुर सप्रू), िारिीय औद्योभगक वाभणभज्यक कांग्रेस,
भहदं ू महासिा, भकसान मजदूर िाटी मभु स्लम लीग आभद ने आयोग की बभहष्ट्कार का समथिन
भकया।
• जबभक मुभस्लम लीग का मोहम्मद शफी गुट, जभस्टस िाटी (मद्रास) यूभनयभनस्ट िाटी (िंजाब)
िथा र्ॉ. िीमराव अबं ेर्कर के नेित्ृ व में सच
ं ाभलि भर्प्रेस्र् क्लास एसोभसएशन ने साइमन
कमीशन का समथिन भकया।
• मभु स्लम भहिों के भवषय में संयुि प्रस्िाव भब्रभटश सरकार िारा िाररि भकया गया भजसमें 4
भनम्नभलभखि प्रस्िाव थे :-
1. भसध ं को अलग प्रािं बनाना
2. उत्तर िभिम सीमांि प्रांि को अन्य प्रांि के समकक्ष दजाि
• लॉर्ि बकि नहेर् (िारि सभचव) ने साइमन कमीशन की भनयुभि करने के साथ ही राष्ट्रीय नेिृत्व को
एक ऐसा संभवधान बनाने की चुनौिी िी थी जो देश के सिी समुदायों और वगों को स्वीकार हो।
• अंििः मोिीलाल नेहरू की अध्यक्षिा वाली एक सभमभि में 28 अगस्ि 1928 ई. को अिनी ररिोटि
प्रस्ििु की भजसे लखनऊ में आयोभजि सविदलीय सम्मेलन में स्वीकार कर भलया गया।
• भदसबं र 1929 ई. में कांग्रेस का वाभषिक अभधवेशन लाहौर में हुआ । भजसके अध्यक्ष जवाहरलाल
नेहरू बने।
• 31 भदसंबर 1929 ई. को एक प्रस्िाव में घोषणा की गई भक कांग्रेस के संभवधान की धारा 1 में
स्वराज्य शब्द का अथि होगा िण ू ि स्वाधीनिा।
• 26 जनवरी 1930 ई. को िूरे राष्ट्र में प्रथम स्विंत्रिा भदवस मनाने का भनिय भकया गया।
• गांधीजी को स्वाधीनिा आंदोलन का नेिृत्व प्रदान करने के भलए कहा गया।
• काग्रं ेस जनों को आदेश भदया गया भक वह िभवष्ट्य में काउंभसल चनु ाव में िाग ना ले और
काउंभसल के मौजूदा सदस्य अिने िदों से त्यागित्र दे दे।
1930 ई. में स्वाधीनिा भदवस मनाने के बाद गांधी जी के नेिृत्व में सभवनय अवज्ञा आंदोलन
आरंि हुआ।
• यह आदं ोलन गाध ं ी जी की प्रभसि दार्ं ी यात्रा से आरि
ं हआ
ु ।
• 12 माचि 1930 को गांधी जी ने अहमदाबाद के अिने साबरमिी आश्रम से 78 समथिकों के साथ
दांर्ी यात्रा प्रारंि की।
• 24 भदनों बाद 6 अप्रैल 1930 ई. को गाध ं ी जी ने नमक बनाकर काननू िोडा।
• नमक कानून को िोडने के बाद संिूणि देश में सभवनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ।
• सुिाष चंद्र बोस ने गांधीजी के दांर्ी माचि की िुलना नेिोभलयन के िेररस माचि िथा मुसोभलनी के
रोम माचि से की है।
• सभवनय आदं ोलन के कायिक्मों में नमक कानून का उल्लघं न, करों का िुगिान न करना, भवदेशी
वस्िुओ ं का बभहष्ट्कार आभद शाभमल था।
• िभिमोत्तर सीमा प्रांि में खान अब्दुल गफ्फार खान ने सभवनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआि
की।
• चंद्र भसंह गढवाली के नेिृत्व में सैभनकों ने भनहत्थे आंदोलनकाररयों िर गोली चलाने से इनकार
कर भदया।
• धरासना में नमक सत्याग्रह का नेिृत्व सरोभजनी नायर्ू, इमाम साहब, गाध ं ी जी के ित्रु मभणलाल
और अबुल कलाम आजाद ने भकया।
• धरासना में अंग्रेजों ने भनमिमिा िूविक आंदोलन का दमन भकया। भजसका उल्लेख अमेररका के
समाचार ित्र न्यू फ्ीमैन के ित्रकार वेब भमलर ने भकया है।
• िभमलनार्ु में सी. राजगोिालाचारी ने भत्रचनािल्ली से वेदारण्यम िक की यात्रा की।
• साइमन कमीशन की भसफाररश िर भवचार करने के भलए प्रथम गोलमेज सम्मेलन आयोभजि
भकया गया जो 12 नवंबर 1930 ई. से 10 जनवरी 1931 ई. िक चला।
• लदं न में सेंट जेम्स िैलेस में आयोभजि इस सम्मेलन की अध्यक्षिा ित्कालीन प्रधानमत्रं ी रैम्जे
मैकर्ोनाल्र् ने की।
• कांग्रेस ने प्रथम गोलमेज सम्मेलन का बभहष्ट्कार भकया भकंिु िारिीय राजाओ,ं मुभस्लम लीग, भहंदू
महासिा और कुछ अन्य सगं ठनों के प्रभिभनभध उसमें शाभमल हएु ।
3. समद्र
ु िट के एक भनभिि सीमा के िीिर नमक िैयार करने की अनमु भि प्रदान करना िथा
4. मभदरा, अफीम, भवदेशी वस्िुओ ं की दुकानों के सम्मुख शांभििूणि भवरोध प्रदशिन की अनुमभि
• गाध
ं ी इरभवन समझौिा को स्वीकृभि देने के भलए काग्रं ेस का अभधवेशन 29 माचि 1931 ई. को
बुलाया गया।
• भजसकी अध्यक्षिा सरदार वल्लि िाई िटेल ने की थी।
• इसमें भदल्ली समझौिे को सविसम्मभि से स्वीकार कर भलया गया और िहली बार िण ू ि स्वराज को
िररिाभषि भकया गया।
• इस सत्र में िहली बार मौभलक अभधकारों और राष्ट्रीय कायिक्म से संबंभधि प्रस्िाव िाररि भकए
गए।
• िगि भसंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी होने के कारण गांधी जी को काले झंर्े भदखाए गए।
• 7 भसिंबर 1931 ई. से 1 भदसंबर 1931 ई. िक चलने वाले इस सम्मेलन में गांधी जी ने कांग्रेस के
एकमात्र प्रभिभनभध के रूि में भहस्सा भलया।
• गाधं ी जी के साथ एस एस राजििू ाना जहाज में महादेव देसाई, मदन मोहन मालवीय, देवदास
गांधी, घनश्याम दास भबडला और मीराबेन िी थी।
• इस समय भब्रटेन में लेबर िाटी का ििन हो गया और िारि में इरभवन के स्थान िर लॉर्ि वेभलंगटन
वायसराय भनयुि हुए।
• साप्रं दाभयक मामले िर कोई भनणिय न होने के कारण भििीय गोलमेज सम्मेलन भबना भकसी
िररणाम के समाप्त हो गया।
• भििीय गोलमेज सम्मेलन में सरोभजनी नायर्ू (मभहला प्रभिभनभध), एनी बेसेंट, मदन मोहन
मालवीय (भहदं ू महासिा), जी र्ी भबरला (व्यवसाय), िेज बहादुर सप्रू, सी वाई भचंिामभण
(उदारवादी), भजन्ना, अली इमाम, इकबाल मुभस्लम लीग, एस के दत्ता, िारिीय ईसाई , र्ॉक्टर
अंबेर्कर (अछूि फेर्रेशन) आभद सदस्यों ने िाग भलया।
• 17 नवंबर 1932 ई. को लंदन में िृिीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन भकया गया।
• काग्रं ेस ने इस सम्मेलन का बभहष्ट्कार भकया।
• वषि 1935 ई. के िारि शासन के आधार िर फरवरी 1937 ई. में चनु ाव हुए, भजसमें कांग्रेस को
बडी सफलिा भमली।
• 11 प्रािं ों मद्रास, कें द्रीय मध्य प्रािं , भबहार, उडीसा, सयं ि
ु प्रािं , मबुं ई, असम, उत्तर िभिम सीमा
प्रांि, बंगाल, िंजाब एवं भसंध में चुनाव हुए।
• कांग्रेस ने 5 प्रांिों मद्रास, संयुि प्रांि, मध्य प्रांि, भबहार उडीसा में िूणि बहुमि प्राप्त भकए।
• मबुं ई, असम , उत्तर िभिमी सीमा प्रािं में वह सबसे बडी िाटी के रूि में उिरी।
• के वल बंगाल, िंजाब, िथा भसंध में ही कांग्रेस बहुमि से वंभचि रह गई।
• िंजाब में मुभस्लम लीग िथा यूभनयभनस्ट िाटी ने संयुि सरकार बनाई।
• बंगाल में कृषक प्रजा िाटी िथा मुभस्लम लीग ने संयुि सरकार बनाई।
• भसध ं में भसधं यूनाइटेर् िाटी के अधीन सयं ि ु सरकार का गठन हआ ु ।
• वषि 1937 ई. के चनु ाव में कांग्रेस ने कुल 8 राज्यों में सरकार बनाई और इनका शासनकाल मात्र
28 महीने रहा।
• प्रशासन को सुचारू रूि से चलाने के भलए संसदीय उि सभमभि या कें द्रीय भनयंत्रण िररषद का
गठन भकया गया भजसके सदस्य बल्लि िाई िटेल, अबुल कलाम आजाद, और र्ॉ.राजेंद्र प्रसाद
थे।
• वषि 1938 ई. में सुिाष चंद्र बोस हररिुरा अभधवेशन के अध्यक्ष चुने गए।
• वषि 1939 ई. में भत्रिुरी में प्रस्िाभवि अभधवेशन के भलए उन्होंने िुनः खडे होने का भनणिय भलया।
• भजसका भवरोध सरदार िटेल, राजेंद्र प्रसाद, और आचायि कृिलानी ने भकया िथा अिना
उम्मीदवार उन्होंने िट्टािी सीिारमैया को घोभषि भकया।
• िट्टािी सीिारमैया को गांधी जी का िी समथिन प्राप्त था।
• िट्टािी सीिारमैया की हार िर गांधी जी ने कहा था भक यह सीिारामय्या से अभधक मेरी हार है।
• अिं िः उसने अध्यक्ष िद से त्यागित्र देकर फॉरवर्ि ब्लॉक की स्थािना की।
• कांग्रेस ने सुिाष चंद्र बोस के स्थान िर राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष मनोनीि भकया।
भििीय भवश्वयि
ु िथा काग्रं ेस की भस्थभि
1. युि के ििाि संभवधान सिा की बैठक आहूि की जानी चाभहए। यह संभवधान सिा स्विंत्र
• काग्रं ेस मंभत्रमंर्ल के त्यागित्र के ििाि कांग्रेस का वाभषिक अभधवेशन रामगढ में मौलाना अबुल
कलाम आजाद की अध्यक्षिा में हआ ु ।
• इसमें कहा गया भक भब्रभटश सरकार को कांग्रेस इस शिि िर सहयोग करेगी भक कें द्र में अंिररम
राष्ट्रीय सरकार गभठि की जाए।
• कांग्रेस के इस प्रस्िाव के प्रत्युत्तर में वायसराय भलनभलथगो ने कांग्रेस का सहयोग प्राप्त करने के
भलए एक प्रस्िाव रखा भजसे अगस्ि प्रस्िाव कहा जािा है।
1. यि
ु के बाद प्रभिभनभध मुलक संभवधान भनमाित्री सिा का गठन
2. वायसराय की कायिकाररणी की संख्या में अभि शीघ्र वृभि
3. एक युि सलाहकार िररषद का गठन
4. अल्िसंख्यकों को भबना भवश्वास में भलए भकसी िी संवैधाभनक िररवििन को लागू नहीं भकया
जाएगा
5. िारि के भलए र्ोभमभनयन स्टेटस।
➢ कांग्रेस ने इस प्रस्िाव को अस्वीकार कर भदया।
• अगस्ि प्रस्िाव को अस्वीकार करने के ििाि कांग्रेस ने व्यभिगि सत्याग्रह शुरू भकया
• इसका उद्देश्य युि के भवरुि प्रचार करना था।
• व्यभिगि सत्याग्रह 17 अक्टूबर 1940 ई. को िवनार आश्रम (महाराष्ट्र) से प्रारि
ं हआ
ु ।
• िहले सत्याग्रही भवनोवा िावे थी िथा दूसरे सत्याग्रही जवाहरलाल नेहरू।
• भब्रभटश प्रधानमंत्री चभचिल ने भब्रभटश संसद सदस्य िथा मजदूर नेिा सर स्टैनफोर्ि भक्प्स के नेिृत्व
में माचि 1942 में एक भमशन िारि िेजा।
• काग्रं ेस कायिसभमभि ने भक्प्स भमशन के प्रस्िाव को अस्वीकार कर भदया। क्योंभक इसमें भकसी िी
प्रकार से िारिीय स्विंत्रिा की बाि नहीं थी।
• वधाि में 7 – 14 जुलाई 1942 ई. को एक बैठक बुलाई गई भजसमें गांधी के संघषि के भनणिय की
िुभष्ट कर दी गई िथा िारि छोडो आंदोलन का प्रस्िाव िास भकया।
• 1 अगस्ि को इलाहाबाद में भिलक भदवस मनाया गया।
• 7 अगस्ि 1942 ई. को मौलाना अबुल कलाम की अध्यक्षिा में मुंबई के ऐभिहाभसक ग्वाभलया
टैंक मैदान में अभखल िारिीय काग्रं ेस की एक बैठक हईु ।
• भजसमें वधाि प्रस्िाव की िुभष्ट कर दी गई।
• नेहरू ने िारि छोडो प्रस्िाव िेश भकया भजसे थोडे बहुि संशोधनों के बाद 8 अगस्ि 1942 ई. को
स्वीकार कर भलया गया।
• गांधी जी ने करो या मरो का नारा भदया
आंदोलन की प्रगभि
• 9 अगस्ि 1942 ई. को आंदोलन शुरू होिे हैं ऑिरेशन जीरो आवर के अंिगिि कांग्रेस के सिी
प्रमुख नेिाओ ं को भगरफ्िार कर भलया गया।
• जो कांग्रेसी नेिा भगरफ्िार नहीं हो सके (राम मनोहर लोभहया, अरुणा आसफ अली) ने गुप्त रूि से
जनिा को भनदेश भदए।
• िारि छोडो आंदोलन स्वि: स्फूिि आंदोलन था।
• महात्मा गांधी और सरोभजनी नायर्ू को भगरफ्िार करके आगा खान िैलेस में बंद कर भदया गया।
सी आर फामिल
ू ा (10 जुलाई 1944)
• इसके अिं गिि राजगोिालाचारी ने काग्रं ेस िथा मभु स्लम लीग के बीच समझौिे की एक योजना
प्रस्िुि की।
• आजाद भहंद फौज का भवचार सबसे िहले मोहन भसंह के मन में आया था।
• आजाद भहंद फौज के गठन में एक जािानी सैन्य अभधकारी मेजर फुजीवारा का महत्विूणि
योगदान था।
• 1943 ई. में आजाद भहंद फौज का नेिृत्व सुिाष चंद्र बोस को सौंिा गया।
• 21 अक्टूबर 1943 ई. को सुिाष चंद्र बोस ने भसंगािुर में स्विंत्र िारि की अस्थाई सरकार का
गठन भकया भजसका मुख्यालय रंगून था।
• अस्थाई सरकार के मंभत्रयों में एच सी चटजी (भवत्त), एम ए अय्यर (प्रचार), लक्ष्मी सहगल (भस्त्रयों
का भविाग) आभद शाभमल था।
• सुिाष चंद्र बोस ने रंगून एवं भसंगािुर में आई एन ए के मुख्यालय स्थाभिि भकए।
• आजाद भहदं फौज की िीन और भब्रगेर् का नाम –
सुिाष नेहरू व गांधी भब्रगेर् रखा गया।
• जबभक मभहलाओ ं के भलए रानी झांसी रेजीमेंट की स्थािना की गई।
• सिु ाष चद्रं बोस ने नारा भदया “िमु मझ ु े खनू दो मैं िम्ु हें आजादी दूगं ा।“
• आजाद भहंद फौज ने “जय भहंद और भदल्ली चलो” का नारा भदया।
• भब्रटेन में भवंस्टन चभचिल की कंजरवेभटव िाटी की िराजय के बाद लेबर िाटी के नेिा भक्लमेंट
एटली भब्रटेन के प्रधानमंत्री बने।
• उसने सर िैभथक लोरेंस को िारि सभचव भनयुि भकया भजसने िारि में आम चनु ाव करवाए।ं
• कें द्रीय भवधानमंर्ल की 102 सीटों में कांग्रेस 57 सीटों िर सफल हुई।
• प्रांिीय चुनावों में कांग्रेस को बंगाल भसंध और िंजाब के अलावा शेष स्थानों िर बहुमि प्राप्त हुई।
• मद्रास, बम्बई, सयं ि ु प्रािं , भबहार, उडीसा, असम और मध्य प्रािं में काग्रं ेस ने अिनी सरकारों का
गठन भकया।
• मुभस्लम लीग को के वल बंगाल और भसंध में ही बहुमि भमला।
• 18 फरवरी 1946 ई. को रॉयल इंभर्यन नेवी के गैर कमीशन अभधकाररयों एवं सैभनकों ने नस्लीय
िेदिाव एवं खराब खाना के कारण हडिाल भकया।
• यह भवद्रोह बम्बई के नवसैभनक प्रभशक्षण िोि िलवार िर भकया गया था।
• नौसेना भवद्रोह के समथिन में 22 फरवरी 1946 ई. को बम्बई में अिूििूवि हडिाल आयोभजि भकया
गया।
• िटेल और भजन्ना ने इन्हें आत्मसमििण करने के भलए कहा।
• 24 फरवरी 1946 ई. को भवद्रोभहयों ने यह कहिे हुए आत्मसमििण भकया भक “हम िारि के सामने
आत्मसमििण कर रहे हैं भब्रटेन के सामने नहीं।“
• जनवरी 1946 ई. में एटली ने िारिीय नेिाओ ं से औिचाररक स्िर िर बािचीि करने के भलए एक
संसदीय दल को िारि िेजने का भनणिय भलया भजसे कै भबनेट भमशन कहा गया।
• 29 माचि 1946 ई. कै भबनेट भमशन िारि आया।
• कै भबनेट भमशन के सदस्यों में सर स्टैनफोर्ि भक्प्स, ए वी अलेक्जेंर्र िथा िैभथक लोरेंस शाभमल
थे।
6. सभं वधान भनमाित्री सिा का गठन प्राि ं ीय भवधानसिाओ ं िथा देशी ररयासिों के प्रभिभनभधयों िारा
भकया जाएगा िथा प्रत्येक प्रांि को उसकी जनसंख्या के अनुिाि में सामान्यि: 10 लाख की
आबादी िर एक प्रभिभनभध के अनुिाि में सीटों की कुल संख्या आवंभटि की जाएगं ी।
➢ 6 जून 1946 ई. को मुभस्लम लीग ने िथा 24 जून 1946 ई. को कांग्रेस ने इसे स्वीकार कर भलया।
➢ मुभस्लम लीग ने 29 जुलाई 1946 ई. को अिनी स्वीकृभि वािस ले ली और िाभकस्िान के भलए
सीधी कायिवाही शुरू की।
• काग्रं ेस िारा वायसराय की नवीनिम प्रस्िावों को स्वीकार कर लेने के बाद अगस्ि 1946 ई. को
वेवेल ने कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अंिररम सरकार के गठन के भलए आमंभत्रि भकया।
• 20 नवबं र 1946 ई. को लॉर्ि वेवेल ने सभं वधान सिा की प्रथम बैठक के सदस्यों को आमभं त्रि
भकया।
सदस्य भविाग
जवाहरलाल नेहरू कायिकारी िररषद के उिाध्यक्ष, भवदेश मामले एवं राष्ट्र मंर्ल से संबंभधि मामले
सरदार बल्लि िाई िटेल गृह सूचना एवं प्रसारण भविाग िथा ररयासि संबंधी मामले
बलदेव भसंह रक्षा भविाग
जॉन मथाई उद्योग एवं आिभू िि भविाग
सी राजगोिालाचारी भशक्षा भविाग
सी एच िािा कायि ,खान िथा बदं रगाह
र्ॉ राजेंद्र प्रसाद खाद्य एवं कृभष भविाग
आसफ अली रेल भविाग
जगजीवन राम श्रम भविाग
भलयाकि अली खान भवत्त भविाग
माउंटबेटन योजना
• 20 फरवरी 1947 ई. को भब्रभटश प्रधानमंत्री लॉर्ि एटली ने हाउस ऑफ कॉमंस में बयान भदया भक
जनू 1948 ई. िक िारिीयों को सत्ता सौंिकर अग्रं ेज िारि छोड देंगे।
• वेवेल के स्थान िर 24 माचि 1947 ई. को माउंटबेटन गवनिर जनरल बन कर िारि आया।
• 3 जून को माउंटबेटन ने िारि के भविाजन के साथ सत्ता हस्िांिरण की योजना प्रस्िुि की।
• माउंटबेटन योजना के आधार िर 4 जुलाई 1947 ई. को भब्रभटश संसद में िारिीय स्विंत्रिा
भवधेयक िेश भकया गया।
• 15 जुलाई को यह हाउस ऑफ कॉमंस में िथा 16 जुलाई 1947 ई. को भब्रभटश सम्राट के िारा
स्वीकार कर भलया गया।
• इस अभधभनयम के आधार िर 14 अगस्ि को िाभकस्िान िथा 15 अगस्ि को िारि स्विंत्र हो
गया।
• मोहम्मद अली भजन्ना िाभकस्िान के गवनिर जनरल िथा भलयाकि अली प्रधानमंत्री बने।
• िारि में लॉर्ि माउंटबेटन प्रथम गवनिर जनरल िथा िंभर्ि जवाहरलाल नेहरू प्रथम प्रधानमंत्री
बने।
• ित्कालीन गृह मंत्री सरदार िटेल िथा वीिी मेनन के प्रयासों से 15 अगस्ि 1947 ई. िक 136
ररयासिों ने िारिीय संघ में शाभमल होने के भलए एक भवलय ित्र िर हस्िाक्षर भकए।
• जम्मू कश्मीर में 26 अक्टूबर 1947 ई. को भवलय ित्र िर हस्िाक्षर भकए।
• 9 नवंबर 1947 ई. को जूनागढ का प्रशासन िारि ने अिने हाथों में भलया।
• हैदराबाद ने 26 अक्टूबर 1948 ई. को भवलय ित्र िर हस्िाक्षर भकए।
• वषि 1954 ई. में फ्ांस की सरकार ने िाभं र्चेरी चद्रं नगर िथा माहे को िारि को सौंि भदए।
• 19 भसिंबर 1961 ई. को गोवा के अभिररि दमन और दीव के क्षेत्र को िी िारि में भमला भलया
गया।
• गोवा को सबसे अंि में िारिीय संघ का भहस्सा बनाया गया।
1772 ई. तक
बंगाल के गिनटर
(1772 –
1857 ई. 1833 ई.)
के बाद बंगाल का
िायसराय गिनटर
जनरल
• प्लासी के भवजय (1757 ई.) के बाद क्लाइव को बंगाल का गवनिर बनाया गया।
• क्लाइव ने बक्सर के युि (1764) में सफलिा के बाद 1765 ई. में बंगाल में िैध शासन लागू
भकया जो 1772 ई. िक चलिा रहा।
• इसी के काल में दोहरी वेिन खत्म करने के कारण श्वेि भवद्रोह हआ
ु ।
• 1754 ई. में क्लाइव ने अकािट की भकले की घेराबंदी की।
• आलमगीर िारा इसे उमारा की उिाभध दी गई।
• एर्मर्ं बकि ने क्लाइव को बडी बडी नीवें रखने वाला कहा है।
िारे न हेस्टिं ग्स जॉन िोर जॉजड बालो लॉर्ड हेस्टिं ग्स
1772 - 85 1793 – 98 1805 - 07 1813 - 23
• रेगुलेभटंग एक्ट के िहि वारेन हेभस्टंग्स बंगाल का प्रथम गवनिर जनरल बना।
• हेभस्टंग्स ने 1772 ई. में राजस्व बोर्ि का गठन भकया िथा कोष को मुभशिदाबाद से कोलकािा
स्थानांिररि कर भदया।
• 1772 ई. में उसने 5 वषीय िथा 1777 ई. में 1 वषीय िू राजस्व बंदोबस्ि लागू भकया।
• वारेन हेभस्टंग्स को िारि में न्याभयक सेवा का जन्मदािा माना जािा है।
• कोलकािा में एक सुप्रीम कोटि की स्थािना 1779 ई. में इसके काल में की गई । भजसके मुख्य
न्यायाधीश एभलजा इम्िे थे।
• वारेन हेभस्टंग्स के काल में बनारस की संभध (1773 ई.) फैजाबाद की संभध (1775 ई.) एभशयाभटक
सोसाइटी ऑफ़ बंगाल (1784 ई.) िथा नंदकुमार िर अभियोग (1775 ई.) जैसी प्रमुख घटनाएं
घटी।
• हेभस्टंग्स को ररंग ऑफ फेन्स (घेरे की नीभि) का जनक माना जािा है।
• हेभस्टंग्स बंगाल का एकमात्र ऐसा गवनिर जनरल था भजस िर बकि ने महाभियोग का मुकदमा
दायर भकया।
• 1773 ई. – रेगल
ु ेभटंग एक्ट
• 1784 ई. – भिट्स इंभर्या एक्ट
• 1775 – 82 ई. – प्रथम आंग्ल मराठा युि (सालबाई की संभध)
• इसने मैसरू के प्रभि अहस्िक्षेि की नीभि का िालन भकया। (अिवाद अवध का उत्तराभधकार
मामला)
• इसने जमींदारों को िूभम का वास्िभवक स्वामी माना।
• इसके समय 1793 ई. का चाटिर एक्ट िाररि हुआ।
• भनजाम और मराठों में खदाि की लडाई (1795 ई.)
• वेलेजली 37 वषि की आयु में िारि का गवनिर जनरल बना इसे बंगाल के टाइगर के नाम से िी
जाना जािा है।
• इसे सहायक सभं ध का जन्मदािा माना जािा है।
• हैदराबाद (1798 ई.) मैसूर (1799 ई.) िंजौर (1799 ई.) अवध (1801 ई.) िेशवा (1802 ई.)
िोंसले (1803 ई.) भसभं धया (1804 ई.) जोधिरु , जयिरु , मच्छे डी, बदूं ी िथा िरििरु । TRICK –
HMT APBS JJMB
• फ्ांसीसी गवनिर र्ुप्ले ने िारि में सहायक संभध की नींव रखी भकंिु इसे व्यावहाररक रूि वेलेजली
ने ही भदया।
• 1799 ई. में वेलेजली ने प्रेस िर प्रभिबंध लगाया जो िारिीय प्रेस िर प्रभिबंध लगने वाली िहली
घटना मानी जािी है।
• वेलेजली ने नागररक सेवा में ििी भकए गए युवकों को प्रभशक्षण देने के भलए 1800 ई. में
कोलकािा में फोटि भवभलयम कॉलेज की स्थािना की।
• 1803 ई. में इसने बाल हत्या िर अभधभनयम 4 के िारा िूणिि: प्रभिबंध लगा भदया।
• चिुथि आंग्ल मैसूर युि (1799 ई.)
• भििीय मराठा यि ु (1803 – 05 ई.)
• बसीन की संभध (1802 ई.)
• प्रथम आंग्ल भसख युि (1846 – 48 ई.) में लडा गया िथा लाहौर की संभध की गई।
• इसने उडीसा में नरबभल प्रथा को समाप्त कर भदया।
6. लॉर्ि र्लहौजी (1848 – 1856 ई.)
• सािारा (1848 ई.) सबं लिरु (1849 ई.) जैििरु (1849 ई.) बाघाट (1850 ई.) उदयिरु (1852 ई.)
झांसी (1853 ई.) नागिुर (1854) TRICK – SSJBUJN
• अवध को कुशासन के आरोि में 1856 ई. में भवलय भकया गया।
• र्लहौजी ने प्रशासभनक सध ु ारों के अिं गिि िारि के गवनिर जनरल के कायि िार को कम करने के
भलए बंगाल में एक लेभफ्टनेंट गवनिर की भनयुभि की।
• र्लहौजी ने िार िथा रेल भविाग को अत्यंि महत्व भदया।
• इसके शासनकाल में 1853 ई. में प्रथम रेलवे लाइन मबुं ई से थाने व दूसरी रेलवे लाइन 1854 ई. में
कोलकािा से रानीगंज के बीच भबछाई गई।
• र्लहौजी के ही काल में प्रथम भवद्युि िार सेवा कोलकािा से आगरा के बीच प्रारंि हुई।
• 1854 ई. का चाल्सि वुर् का भर्स्िैच जो भवश्वभवद्यालय भशक्षा से संबंभधि था र्लहौजी के समय में
िाररि हुआ।
• र्लहौजी ने र्ाक भविाग में सुधार करिे हुए 1854 ई. में नया िोस्ट ऑभफस एक्ट िाररि भकया।
• र्लहौजी ने िहली बार एक साविजभनक भनमािण भविाग बनाया।
• गगं ा नहर का भनमािण कर उसे भसच ं ाई के भलए खोल भदया गया।
• र्लहौजी ने जीटी रोर् का भनमािण कायि िी िुनः प्रारंि करवाया।
• संथाल भवद्रोह (1855 - 56 ई.) िथा भवधवा िुनभविवाह भवधेयक इसी के काल की महत्विूणि
घटना है।
TRICK – CALl MtNL is Real Deal Land Agreement – TOTAL 10 (1856 – 1899 ई.)
लॉिट
लॉिट सर लॉिट लॉिट एस्ल्ग
लॉिट लॉिट लॉिट लॉिट लॉिट
एस्ल्गन जॉन नॉथटिु िफरर न
कैननंग मेयो सलिन ररिन लैंसिाउन
प्रथम लॉरें स क न द्विती
1856 - 1869- 1876- 1880- 1888 -
62 1862 - 1864- 72 1872 - 80 84 1884- 94 य
63 69 76 88 1894 -
99
• लॉर्ि कै भनंग ईस्ट इंभर्या कंिनी का अंभिम गवनिर जनरल िथा सम्राट के अधीन िारि का प्रथम
वायसराय था।
• इसके काल में 1857 ई. का भवद्रोह हआ ु ।
• 1861 ई. में प्रभसि िारिीय काउंभसल एक्ट स्वीकृि हुआ।
• इसी काल में हाई कोटि की स्थािना 1861 ई. में हुई
• 1861 ई. में िभु लस भविाग का गठन।
• कै भनंग के काल में 1858 ई. में महारानी भवक्टोररया की उद्घोषणा जारी हुई भजसके िारा िारि में
ईस्ट इंभर्या कंिनी के शासन की समाभप्त कर दी गई।
• 1854 ई. के वुर् िारा प्रेभषि ित्र की भसफाररशों के अनुसार लंदन भवश्वभवद्यालय की िजि िर
कोलकािा, मबुं ई िथा मद्रास में भवश्वभवद्यालय स्थाभिि भकए गए।
• आभथिक सुधारों के अंिगिि कै भनंग ने भब्रभटश अथिशास्त्री भवल्सन को िारि बुलाया िथा ₹500 से
अभधक आय िर आयकर लगा भदया।
• भवधवा िनु भविवाह अभधभनयम (1856 ई.) और िारिीय दर्ं सभं हिा इभं र्यन िीनल कोर् (1861
ई.) कै भनंग के समय में िाररि हुई।
• लॉर्ि भलटन साभहत्य जगि में ओवन मैररभर्थ के नाम से प्रभसि था।
• 1876 – 78 ई. के बीच लगिग समस्ि िारि में िीषण अकाल िडा इसकी जांच के भलए जॉन
स्रैची की अध्यक्षिा में एक आयोग का गठन हुआ।
• इसके शासनकाल में अकाल संभहिा का भनमािण हुआ।
• 1877 ई. में प्रथम भदल्ली दरबार का आयोजन भकया गया िथा रानी भवक्टोररया को के सर ए भहंद
की उिाभध दी गई।
• इसके काल की महत्विूणि घटना िृिीय आंग्ल बमाि युि (1885 – 88 ई.) था। इस युि में बमाि
िराभजि हुआ।
• 1885 ई. में बंगाल में टेनेंसी एक्ट िाररि हुआ भजसके अंिगिि अब जमींदार अिनी इच्छा अनुसार
भकसानों की िूभम नहीं छीन सकिे थे।
• 1887 ई. में इलाहाबाद भवश्वभवद्यालय की स्थािना की गई।
• लॉर्ि र्फररन के काल में 1885 ई. में ए ओ ह्यूम ने िारिीय राष्ट्रीय काग्रं ेस की स्थािना की।
लॉिट
कजटन
लॉिट 1899 - लॉिट समंिो
1905
माउं िबेन द्वितीय
1947 - 48 1905 - 10
TRICK
लॉिट हाडििंग
लॉिट िेिेल Cold Morning द्वितीय
1944 - 47
Hungry Columbus 1910 - 16
Reached India
लॉिट Went 4 Lunch With लॉिट
सलनसलगो चेम्सफोिट
1936 - 44
Maharaj 1916 - 21
TOTAL – 10
लॉिट लॉिट
विसलंगिन रीडिंग
1921- 36 लॉिट 1921 - 26
इरविन
1926 - 31
• वषि 1899 – 1900 ई. के बीच अकाल िडा भजसके भलए कजिन ने सर एटं ोनी मैकर्ोनाल्र् की
अध्यक्षिा में एक अकाल आयोग का गठन भकया।
• 1901 ई. में कालीन स्काट मानक्ीफ की अध्यक्षिा में एक भसंचाई आयोग को भनयुि भकया
गया।
• वषि 1902 में सर एड्रं यू फ्े जर की अध्यक्षिा में एक िुभलस आयोग गभठि भकया गया।
• सर टॉमस रैले की अध्यक्षिा में वषि 1902 में भवश्वभवद्यालय आयोग गभठि भकया गया।
• वषि 1904 ई. में िारिीय भवश्वभवद्यालय अभधभनयम िाररि भकया गया।
• भमटं ो के काल में वषि 1906 में ढाका में मुभस्लम लीग की स्थािना हुई।
• वषि 1907 में कांग्रेस का सूरि अभधवेशन में भविाजन।
• वषि 1907 में भथयोसोभफकल सोसायटी की श्रीमिी एनी बेसेंट िारा अध्यक्षिा।
• 1908 का समाचार ित्र अभधभनयम िाररि।
• 1909 ई. का माले भमंटो सुधार अभधभनयम।
• इसके समय में जॉजि िंचम वषि 1911 में िारि है।
• 12 भदसंबर 1911 ई. को भदल्ली में दूसरे भदल्ली दरबार का आयोजन कोरोनेशन िाकि में भकया
गया।
• इस अवसर िर िारि की राजधानी कोलकािा से भदल्ली िररवभििि की गई।
• बंगाल भविाजन को रद्द कर भदया गया।
• 23 भदसबं र 1912 ई. को भदल्ली में अभधकृि रूि से प्रवेश करिे समय लॉर्ि हाभर्िंग िर बम फेंका
गया।
• 1915 ई. में मदन मोहन मालवीय ने भहंदू महासिा की स्थािना की।
• इसके काल में 1919 ई. में मोंटेग्यू चेम्सफोर्ि अभधभनयम िाररि भकया गया।
• प्रांिों में िैध शासन लागू हुआ।
• मोहम्मर्न एंग्लो ओररएटं ल कॉलेज का नाम अलीगढ भवश्वभवद्यालय कर भदया गया।
• र्ी के कवे िारा वषि 1916 में मुंबई में मभहला भवश्वभवद्यालय की स्थािना की गई।
• वषि 1917 में सैंर्लर आयोग िारि आया भजसने प्राथभमक से भवश्वभवद्यालय भशक्षा िर जोर भदया।
• इसने मभहला भशक्षा के भलए स्वायत्त संस्थाओ ं को प्रोत्साभहि भकया।
• रोलेट एक्ट, जाभलयांवाला बाग हत्याकांर्, भिलक की मृत्यु ,असहयोग आंदोलन, भखलाफि
आंदोलन की शुरुआि
• भिलक िथा बेसेंट िारा िृथक होम रूल लीग की स्थािना
• 1916 ई. के लखनऊ अभधवेशन में कांग्रेस और मभु स्लम लीग का एक साथ आना।
• भििीय गोलमेज सम्मेलन लंदन में आयोभजि भकया गया भजसमें कांग्रेस के रुि में एकमात्र
प्रभिभनभध गांधी जी ने िाग भलया।
• अगस्ि 1932 ई. में रैम्जे मैकर्ोनाल्र् ने प्रभसि सांप्रदाभयक भनणिय की घोषणा कर दी ।
• र्ॉक्टर अबं ेर्कर और गाध ं ीजी के बीच िनू ा समझौिा
• वषि 1935 का िारि शासन अभधभनयम
• वमाि को िारि से िृथक कर भदया गया।
• 3 जून 1947 ई. को माउंटबेटन प्लान की घोषणा की गई भजसमें िारि भविाजन की योजना थी।
• 4 जलु ाई 1947 ई. को एटली िारा िारिीय स्वित्रं िा भवधेयक भब्रभटश सस ं द में प्रस्ििु भकया गया।
• 18 जुलाई 1947 ई. को भब्रभटश संसद िारा िाररि कर भदया गया।
• भवधेयक के अनुसार िारि और िाभकस्िान नामक दो स्विंत्र राष्ट्रों के भनमािण की घोषणा की
गई।
• 14 अगस्ि को िाभकस्िान िथा 15 अगस्ि को िारि स्विंत्र हुआ।
• स्विंत्रिा के बाद लॉर्ि माउंटबेटन को स्विंत्र िारि का प्रथम गवनिर जनरल बनाया गया।