Prefixes उपसर्ग

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Prefixes उपसर्ग

संस्कृ त एवं संस्कृ त से उत्पन्न भाषाओँ में उस शब्ांश या अव्यय को उपसर्ग


कहते है , ‘जो ककसी शब् के आरं भ में जुड़कर उसके अर्ग में (मूल शब् के अर्ग में)
ववशेषता ला ्े या उसका अर्ग ही ब्ल ्े ’। शब्ांश होने के कारण स्वतंत्र रूप से
उपसर्ों का कोई महत्व नहीं माना जाता है । उपसर्ग शब् के पहले आते है ।
यह ्ो शब्ों (उप+सर्ग) के योर् से बनता है । 'उप' का अर्ग 'समीप', 'ननकट'
या 'पास में' है । 'सर्ग' का अर्ग है सृवि करना अर्ागत ननमागण करना। 'उपसर्ग' का अर्ग
है पास में बैठाकर ्स
ू रा, नया अर्गवाला शब् बनाना।

कहं ्ी में प्रचनलत उपसर्ो को ननम्ननलखित भार्ो में ववभाखजत ककया जा सकता है -
(1) संस्कृ त के उपसर्ग
अनत + ररक्त = अनतररक्त
्रु ् + र्ुण = ्र्
ु णुग
(2) कहं ्ी के उपसर्ग
अ + काज = अकाज
स + पूत = सपूत
3) उ्ग ू के उपसर्ग
ब् + नाम = ब्नाम
ना + पसन्् = नापसन््
(4) अंग्रज
े ी के उपसर्ग
है ड + मास्टर = है डमास्टर
है ड + बॉय = है डबॉय

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