Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 6

अित-आव क (MOST URGENT)

ित ा म, िदनांक- 16.12.2021
मु िनदे शक,
Architectural Heritage Division, INTACH,
71-लोधी ए े ट, नयी िद ी.

िवषय: आिद-शंकराचाय ारा थािपत ऐितहािसक, पु राता क एवं सां ृ ितक धरोहर ‘ ाम
हाट’ (नािन-काशी) के अ के सं र ण हे तु अित-आव क सं ान.

महोदय,

ाम हाट उ राखं ड के चमोली िजले के अंतगत अलकनं दा नदी के तट पर बसा एक ऐितहािसक गाँ व
है. इसे ‘नािन(छोटी)-काशी’ के नाम से यहाँ जाना जाता है. इस थल पर आिद शं कराचाय ारा 8 वी ं
शता ी म ल ी नारायण मंिदर की थापना की गयी थी. पु राता क सव ण के अनुसार इस
मंिदर का िनमाण 9-10 वी सदी का है िजसका गभ-गृ ह आज भी यथावत उसी थित म है .
इसके अित र अ मंिदर समूह भी इसके प रसर म मौजूद ह, और वह भी पुराता क और जीवंत
धरोहर ह. पू व म यही ं से होकर ब ीनाथ जाने का पैदल माग था तथा यह ब ीनाथ से पूव मु पड़ाव
था. आिद शं कराचाय ने यहाँ बं गाल से गौड़ ा णों को ल ी नारायण मंिदर म पूजन अचन के िलए
लाकर यहाँ बसाया. हम उ ी के वं शज आज तक उनके ारा थािपत पर रा को िनभाते ए इस पूरी
भूिम को ल ी-नारायण की भूिम मानते ए उनका पूजन-अचन करते आये ह. िक ु महोदय अब
नािन-काशी हाट की हमारी पर रा, सं ृ ित और पहचान ही संकट हो अपने ऐितहािसक
अ को खोने की कगार पर आ गयी है .

वष 2008-09 म यहाँ THDC ारा िव ु गाड-पीपलकोटी जल िवद् युत् प रयोजना के िनमाण के िलए
गाँ व की भूिम का अिध हण िकया गया. ामीणों को िवकास, आजीिवका और जीवन र म सुधार के
आ ासन और स -बाग़ िदखाकर धीरे -धीरे गुमराह कर िव थािपत िकया गया. पर रा से भगवान
ल ी नारायण की पू जा अचना करने वाले हम कुछ प रवारों तथा सिदयों से यहाँ बसे कुछ अ
प रवारों ने यहाँ से िव थापन अ ीकार कर िदया था. ऐसे म िवगत 22 िसत र को जबरन पुिलस
बल लगाकर हम हमारे घरों से बाहर खी ंच बबरता पू वक हमारे पौरािणक और ऐितहािसक घरों
को बु लडोज़र चलाकर कर िदया गया. प रणाम प आज नािन-काशी हाट खाली
और वीरान हो गया, हम गाँ व से दू र जाकर रहने पर बा होना पड़ा, ऐसे म ल ी नारायण भगवान
का िन दशन, पूजन, अचन के हमारे सारे ि या कलाप और अिधकार भी बािधत हो गए. आज
अकेले म हमारा मंिदर और भगवान लावा रस प म पड़े ह िजनके चारों तरफ िनमाण काय के प
म खनन, ा ं ग तथा अ दू षण कारी गितिविधयाँ चल रही ह. मंिदर से सटाकर भगवान ल ी
नारायण के गभ-गृ ह के ठीक ऊपर THDC ने डं िपंग ज़ोन का िनमाण कर डं िपंग शु कर दी है . कभी
भी डं िपं ग ज़ोन की दीवार ढहकर मंिदर को पूरी तरह कर सकती है . मु मंिदर के पीछे अ
मंिदर समूह को डं िपंग से पहले ही नु कसान प ँ च चूका है , िजसमे पु राता क मह के नंदी जी की
ितमा का मुख THDC ारा डं प िकये मलबे से खं िडत हो चू का है तथा सूय-कु का जल सूख-कर
कु का ऐितहािसक ढां चा टू टने की कगार पर है . सूय-कु से सटे अ कु तथा ितमाएं मलबे

1
म पू णतः कर दी गयी ह. सिदयों से पू जे जा रहे गाँव के भूिम दे व ‘भु ाल और ाम दे व
‘बगड़वाल के थािपत ऐितहािसक ाचीन थान और मंिदर पू री तरह जमी ंदोज कर िदए गए. इन दे वों
िक ाचीन ितमाओं को ामीणों ने मलबे से बाहर िनकाल पुनः अ थायी प से बाहर थािपत िकया.
ये भी अब लावा रस प म खड़े ह. कृपया इस ऐितहािसक और पुराता क मह के जीवंत गाँव की
सं ृ ित और धरोहर की दु दशा के कुछ िच दे खने का क कर.

ाम हाट म थत ‘आ शंकराचाय’ ारा थािपत भगवान ‘ल ी-नारायण’ का ऐितहािसक


मंिदर एवं इसके िविभ भाग िजनका िनमाण 9-10 वी ं सदी म आ था.

मु ल ी नारायण मंिदर के इद-िगद ऐितहािसक अ मंिदर समूह

2
Muck dumping yard adjacent to
temple

ऐितहािसक ल ी-नारायण मंिदर के ऊपर और इद िगद चल रहे खनन, सुरंग िनमाण के मलबे
की डं िपं ग से मु -मंिदर उ खतरा

प रयोजना िनमाण के मलबे की डं िपं ग और खुदान के चलते ित अ ऐितहािसक और


पुराता क मंिदर समूह के िव ह और ढाँ चे

3
ाम हाट की पर राओं और सं ृ ित म सिदयों से पूजे जा रहे भूिम के दे वता ‘भु ाल’ (ऊपर)
और ाम दे वता ‘बगड़वाल’ (नीचे ) िजनका थान गाँव के बीच था उ जबरन अिध हण की
कायवाही म जमी ंदोज कर िदया गया. ामीणो ं ने वापस उनकी ितमाओं को बाहर िनकाल
अ थायी प से थािपत िकया है.

नािन-काशी हाट के ामीणो ं ारा अपने घरो ं म धरोहर के प म सं जोयी उनके पूवजों की
पांडुिलिपयाँ िजनमे से कई को ीकरण की कायवाही म दबा िदया गया.

4
ऐितहािसक और परं परागत िनमाण शैली के भवनों को िकया

Before After
Before

िवल ण िनमाण शैली से बसा आ था नािन-काशी हाट गाँव

महोदय, यह सब दे ख सम ामीण अ ंत आहत और आ ोिशत ह तथा अपने गाँव को पु नः बसाने


हेतु आं दोलनरत ह. इस हेतु शासन, शासन और िव बक को भी िलख चु के ह. िक ु THDC ने न
केवल ामीणों को ही गु मराह िकया अिपतु िव बक तथा भारत सरकार को भी गुमराह करती आई है .

5
िव थापन और पुनवास के नाम पर ाम सभा के साथ िकये छल से स ंिधत वाद THDC के िव
ामीणों ारा उ ायालय म भी दायर िकया जा चुका है जो िक िवचाराधीन है . THDC ारा एक
बड़ा छल भारत सरकार और िव बक से इस गाँव की ऐितहािसक और पु राता क िवरासत के मह
को िछपाकर िकया गया. इसका एक उदाहरण THDC ारा प रयोजना िनमाण की EIA रपोट म साफ़
दे खा जा सकता है िजसकी पृ सं ा 21 पर यह रपोट कहती है िक-
“7.6 Impact on Physical and Cultural Resources:
The project does not have any impact on cultural resources within the project
influence area and project immediate affected area. There are sites of Cultural
importance at Siyasain near the proposed colony area. There are remains and
abandoned structures of Haat (bazaar) and transit camps of the pilgrimages that
used to halt at this place enroute to Badrinath from Chamoli and vice-versa in earlier
times. These structures are in a bad state of conservation and preservation. Therefore
it is suggested to conserve and preserve those portions of the structural members of
such building which can be restored and preserved.” -THDC, EIA रपोट

इस कार 9-10 वी ं सदी के ऐितहािसक ल ी-नारायण मंिदर तथा ऐितहािसक हाट गाँव को
सां ृ ितक- भाव के दायरे से ही बाहर कर इस धरोहर को जमी ंदोज करने का संगीन अपराध THDC
ने दे श के साथ िकया है . ात हो िक िजस िसयासैन बाजार को सं ृ ित का अंश ऊपर उद् धृत रपोट म
बताया जा रहा है वह बाजार े म पहले से थत लोगों ने ही बसाया था. आ य है िक बाजार के ंस
अवशेषों को तो सं ृ ित बताया जा रहा है िक ु जीवंत सं ृ ित व धरोहर को ंस िकया जा रहा है !
ाम सभा ने इस स म बै ठक कर सव स ित से यह ाव पास िकया है िक गाँव
के अ और िवरासत का सं र ण हर कीमत पर िकया जाएगा िजसके िलए िव बक और
THDC इस ऐितहािसक गाँ व इसकी ाचीन सां ृ ितक शैली म पुनज िवत कर पुनः बसाए. इस
हे तु ाम सभा के ाव और िव बक को िलखे प की ित भी यहाँ संल कर रहे ह.
आपसे िनवेदन है िक त ाल इस ऐितहािसक गाँव (नािन-काशी हाट) के संर ण और
पुनज वन हेतु त ाल आव क कायवाही करगे . तथा THDC ारा इस नािन-काशी हाट के अिध हण
और पुनवास के नाम पर िकये छलावे और ष ं ारा इसे प ं चाई अपूरणीय ित के िलए क से
एक िन और तं जांच दल का गठन कर दोिषयों के ित दं डनीय ाियक कायवाही सुिनि त
करवाएं गे . इसी आशा और आ ह के साथ, उजडती ई ‘नािन-काशी ाम हाट से:

राजे साद हटवाल


ाम धान, हाट
पो ऑिफस- पीपलकोटी,
िजला-चमोली, उ राखंड- 246472
Email- rajuhatwal1982@gmail.com Mobile- 9634022212, 9759284154

सं ल - ाम सभा के ाव तथा िव बक को भेजे प की ितिलिप

You might also like