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नालंदा पब्ललक स्कूल / 2021-2022

इकाई परीक्षा 2
नाम : / कक्षा : 7 / विषय : ह द
ं ी / हदनांक : / समय :2 घंटे / अंक 40
सच
ू ना: सभी प्रश्न अननिायय ै |
कुल चार खंड ै |
खंड (क)
प्र.1 ननम्नललखखत गदयांश को ध्यानपि
ू क
य पढ़कर पछ
ू े गए प्रश्नों के उत्तर ललखखए- (4)
एक जंगल में पररजात का एक पेड़ था। पररजात का कोई मुकाबला न ीं था। उसकी सुंदरता
बेजोड़ थी। उसका रं ग-रूप ननराला था। पररजात को भी अपने गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले
आसमान में लसर उठाए इस शान से खड़ा र ता, मानो, पेड़ों का सरताज ो। जब ब ार के हदन
आते तो पररजात अनगगनत नन् ें -नन् ें फूलों से लद जाता, लगता मानो ककसी ने आकाश से सारे
तारे तोड़कर पररजात की शाखाओं पर टााँक हदए ो। नन् ें फूलों से खिललमलाता पररजात जब
सुगंध भरी पराग जंगल में बबखेरता तो जंगल नंदनिन बन जाता। चुंबक की तर पररजात
सबको अपनी तरफ़ खींचता, ब्जसे दे खो, ि ी पररजात की तरफ़ भागता । सतरं गी शालें ओढ़े
चटकीली नततललयााँ स े ललयों के साथ िुंड का िुंड बनाकर पररजात का शंगगार दे खने आतीं तथा
जाते-जाते फूलों को खींचकर ढे रों पराग अपने साथ ले जाती।
प्रश्न
(क) जंगल में ककसका पेड़ था?
ख) पररजात अपने आप को स्ियं क्या समिता था?
(ग) ि अनगगनत फूलों से कब लद जाता था?
(घ) नततललयााँ क्या करती थीं?

प्र.2 ननम्नललखखत पदयांश को ध्यानपूिक


य पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर ललखखए- (3)
ाँसते खखलखखलाते रं ग-बबरं गे फूल
क्यारी में दे खकर
जी तप्त ो गया।
नथुनों से प्राणों तक खखंच गई
गंध की लकीर-सी
आाँखों में ो गई रं गों की बरसात
अनायास क उठा हदल िा !
धन्य ै िसंत ऋतु !
प्रश्न
(क) कवि ने ककस ऋतु का िणयन ककया ै?
(i) पतिड़
(ii) िसंत
(iii) िषाय
(iv) ग्रीष्म
(ख) रं ग-बबरं गे फूलों को दे खकर कवि के हृदय में कौन-सा भाि आया?
(i) खखन्न्नता
(ii) कतज्ञता
(iii) संतब्ु ष्ट
(iv) चापलस
ू ी
...2
...2...

(ग) “गंध की लकीर-सी’ से क्या अलभप्राय ै?


(i) गंध की रे खा
(ii) हृदय में सुगंध की अनुभूनत
(iii) खुशबू
(iv) सुगंध से हृदय में प्रसन्नता की अनुभूनत

खंड (ख)
प्र.3 ननम्नललखखत िाक्यों में रे खांककत पदबंध के भेद ललखखए – ( 4 )
(क) पररश्रम करने िाला छात्र परीक्षा में उत्तीणय ोगा।
(ख) कठोर पररश्रम करने िाले तुम अिश्य उन्ननत करोगे।
(ग) शेर की तर द ाड़ने िाले तुम अब चुप क्यों ो ?
(घ) बरतन जमीन पर गगरकर टूट गया।

प्र.4 अथय के आधार पर ननम्नललखखत िाक्यों के भेद ललखखए – ( 4 )


च) आज मैं न ीं पढूाँगा |
छ) िा ! क्या संद
ु र नजारा ै |
ज) िषाय ोती, तो अच्छी फसल ोती |
ि) आपकी यात्रा शभ
ु ो |
खंड (ग)
प्र. 5 ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 40 से 50 शलदों में ललखखए ( 12)
1 शाम के दृश्य को ककसान के रूप में ककस प्रकार बताया गया ै ? ‘शाम एक ककसान’ कविता
के माध्यम से स्पष्ट कीब्जए |
2 माधिदास और गचड़ड़या के विचारों में क्या अंतर ै ? स्पष्ट कीब्जए |
3 पेड़ पर चढ़ने की सफलता के बाद यासुकी-चान और तोत्तो-चान के अनुभिों में क्या अंतर
हदखाई दे ता ै ? स्पष्ट कीब्जए |
4 सूरज का ताप और बादल का टुकड़ा इससे ककसप्रकार पररब्स्थनत के पररितयन को बताया ै ?
‘अपूिय अनुभि’ क ानी के आधार पर बताइए |

प्र.6 पहठत गदयांश पर आधाररत प्रश्नों के उत्तर ललखखए (3)


एक हदन म ाराजा पांडु िन में लशकार खेलने गए। ि ीं जंगल में ह रण के रूप में एक ऋवष-
दम्पनत भी वि ार कर र े थे। पांडु ने अपने तीर से ह रण को मार गगराया। उनको य पता न ीं
था कक ये ऋवष-दम्पनत ैं। ऋवष ने मरते-मरते पांडु को शाप हदया। ऋवष के शाप से पांडु को
बड़ा दख
ु ु आ, साथ ी ि अपनी भूल से खखन्न ोकर नगर को लौटे और वपताम भीष्म तथा
विदरु को राज्य का भार सौंपकर अपनी पब्त्नयों के साथ िन में चले गए और ि ााँ पर ब्रह्मचारी
जैसा जीिन व्यतीत करने लगे। कंु ती ने दे खा कक म ाराज को संतान-लालसा तो ै. लेककन ऋवष
के शापिश ि संतानोत्पब्त्त न ीं कर सकते। अतः उसने वििा से पूिय दि
ु ायसा ऋवष से पाए
शोक िरदानों का पांडु से ब्जक्र ककया।
उनके अनुरोध से कंु ती और माद्री ने दे िताओं के अनुग्र से पााँच पांडिों को जन्म हदया। िन में
ी पााँचों का जन्म ु आ और ि ीं तपब्स्ियों के संग पलने लगे। अपनी दोनों ब्स्त्रयों तथा बेटों के
साथ म ाराज पांडु कई बरस िन में र े ।
िसंत ऋतु थी। सारा िन आनंद में डूबा ु आ-सा प्रतीत ो र ा था। म ाराज पांडु माद्री के साथ
प्रकनत की इस उदगारमय सुषमा को नन ार र े थे। ऋवष के शाप का असर ो गया। ....3
...3...
तत्काल उनकी मत्यु ो गई। माद्री के दख
ु का पार न र ा। पनत की मत्यु का ि कारण बनी,
य सोचकर पांडु के साथ ी ि भी मर गई।
इस दघ
ु ट
य ना से कंु ती और पााँचों पांडिों के शोक की सीमा न र ी। पर िन के ऋवष-मनु नयों ने
ब ु त समिा-बि ु ाकर उनको शांत ककया और उन् ें ब्स्तनापरु ले जाकर वपताम भीष्म के सप
ु द
ु य
ककया। यगु धब्ष्ठर की उम्र उस समय सोल िषय की थी।
प्रश्न
1 ऋवष दम्पनत ने जंगल में घूमते समय ककसका रूप धारण ककया था ?
2 ऋवष ने मरते समय पांडू को शाप क्यों हदया ?
3 ब्स्तनापुर जाते समय युगधब्ष्ठर की उम्र ककतनी थी ?

खंड (घ)
प्र.7 गचत्र दे खकर अपने शलदों में क ानी ललखखए और उगचत शीषयक ललखखए | अंनतम गचत्र में
दोनों ने एक-दस
ू रे से क्या क ा ोगा ? ललखखए - (5)

प्र.8 बीमार ोने के कारण अिकाश े तु प्राथयना पत्र ललखखए | (5)

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