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सं या प त (Number System)

✺ प रभाषाएं

✶ ाकृत सं याएँ (Natural Numbers): व तुओ को गनने के लए जन सं याओ का योग कया जाता है, उ ह
गणन सं याएँ या ‘ ाकृत सं याएँ ’ कहते ह।
जैस-े 1, 2, 3, 4, 5,6,7, . . . .

✶ पूण सं याएँ (Whole Numbers): ाकृत सं याओ म शू य को मलाने पर जो सं याएँ ा त होती ह उ ह ‘पूण
सं याएँ ’ कहते ह।
जैस-े 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, . . . .

✶ पूणाक सं याएँ (Integers): ाकृत सं याओ म शू य एवं ऋणा मक सं याओ को मलाने पर जो सं याएँ ा त
होती ह, उ ह ‘पूणाक सं याएँ ’ कहते ह।
जैस-े -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, . . . .

✶ सम सं याएँ (Even Numbers): वे सं याएँ जो 2 से पूणतः वभा जत होती ह उ ह ‘सम सं याएँ ’ कहते ह।
जैसे - 2, 4, 6, 8, . . .

✶ वषम सं याएँ (Odd Numbers) : वे सं याएँ जो 2 से पूणतः वभा जत नही होती ह उ ह ‘ वषम सं याएँ ’ कहते
ह।
जैस-े 1, 3, 5, 11, 17, 29, 39 , . . . .

✶ अभा य सं याएँ (Prime Numbers): वे सं याएँ जो वयं और 1 के अलावा अ य कसी सं या से वभ नही


होती ह उ ह ‘अभा य सं याएँ ’ कहते ह।
जैस-े 2, 3, 7, 11, 13, 17 ……….
नोट -‘1’ न तो अभा य सं या है और न ही भा य सं या

✶ भा य सं याएँ (Composite Numbers): वे सं याएँ जो वयं और 1 के अलावा अ य कसी सं या से पूणतः


वभ हो जाती ह ,उ ह ‘भा य सं याएँ ’ कहते ह।
जैस-े 4, 6, 8, 9, 10, …………

✶ असहभा य सं याएँ (Co-Prime Numbers) : जब दो या दो से अ धक सं याओ म कोई भी उभय न


गुणनखं ड न हो अथवा जसका म.स. 1 हो ,वे एक साथ ‘सह-अभा य सं याएँ ’ कहलाती ह।
जैस-े (4,9) , (12,25) ,(8,9,12) ।

✶ यु म-अभा य सं याएँ : ऐसी अभा य सं याएँ जनके बीच का अं तर 2 हो ‘यु म-अभा य सं याएँ ’ कहलाती ह।
जैस-े 11, 13

p
✶ प रमेय सं याएँ (Rational Numbers): वे सं याएँ ज ह के प म लखा जा सकता है ,जहाँ p तथा q
q

पूणाक ह एवं q ≠ 0 ‘प रमेय सं याएँ ’ कहलाती ह ।

3 5
जैस-े , , 4, 1.77 , 0 , 2.3 ……… ।
4 6

p
✶ अप रमेय सं याएँ (Irrational Numbers): वे सं याएँ ज ह के प म नही लखा जा सकता ,जहाँ p तथा q
q

पूणाक ह एवं q ≠ 0 अप रमेय सं याएँ ’ कहलाती ह ।

जैसे - √ 2 , √ 15 , √ 2 , 5 1/3 , π आ द

✶ वा त वक सं याएँ (Real Numbers) :सभी प रमेय तथा अप रमेय सं याएँ ‘वा त वक सं याएँ ’ कहलाती ह।

जैसे - 4 , 6, 2 ,√ 7 , +4 , -2 आ द ।

✶ का प नक सं याएँ (Imaginary Numbers) : ऋणा मक सं याय का वगमूल लेने पर जो सं याएं बनती ह ,


उ ह का प नक सं याएं कहते ह ।

जैसे -√ - 2 , √ - 5

✺ सं याओ पर कुछ वशेष ब

सं या 1 न तो भा य है और न अभा य ।

ऐसी सं या जो अभा य हो एवं सम सं या हो केवल 2 है ।


वे दो अभा य सं याएँ जनके बीच केवल एक सम सं या होती है , अभा य जोड़ ा कहलाती है , जैसे - 5 व 7 , 3
व 5 , 11 व 13 , 17 व 19 , 29 व 31 आ द ।

सभी ाकृत सं याएँ , पूण , पूणाक , प रमेय एवं वा त वक होती ह ।

सभी पूण सं याएँ , पूणाक , प रमेय एवं वा त वक होती ह ।

सभी पूणाक , प रमेय एवं वा त वक होते ह ।

सभी पूणाक , प रमेय एवं अप रमेय सं याएँ वा त वक होती ह ।

अभा य ( ढ़ ) एवं यौ गक , सम तथा वषम सं या होती ह।

सभी पूणाक , प रमेय एवं अप रमेय सं याएँ ऋणा मक एवं धना मक दोन होती ह ।

ाकृत ( अभा य , यौ गक , सम एवं वषम ) एवं पूण सं याएँ कभी भी ऋणा मक नही होती ह ।

भ सं याएँ प रमेय होती ह ।

2 के अ त र सभी अभा य ( ढ़ ) सं याएँ वषम होती ह ।

. 0 ऋणा मक एवं धना मक नही है ।

0
शू य ( 0 ) म कसी भी सं या का भाग देने पर शू य आता है . अतः = 0 ( यहाँ पर a वा त वक सं या है ) ।
a

कसी भी सं या म शू य का भाग देना प रभा षत नही है अथात् य द कसी भी सं या म शू य का भाग दे ते ह , तो

a
भागफल अन त ( In nite या Non De ned ) आता है . अतः = ∞ ( In nite ) ।
0

कसी सं या म कसी अं क का जो वा त वक मान होता है , उसे जातीय मान कहते ह , जैसे - 5283 म 2 का
जातीय मान 2 है ।

कसी सं या म कसी अं क का ान के अनुसार जो मान होता है उसे उसका ानीय मान कहते ह , जैसे - 5283
म 2 का ानीय मान 200 है ।
दो प रमेय सं याओ का योगफल अथवा गुणनफल सदैव एक प रमेय सं या होती है ।

दो अप रमेय सं याओ का योगफल अथवा गुणनफल कभी प रमेय सं या तथा कभी अप रमेय सं या होता है ।

एक प रमेय सं या तथा एक अप रमेय सं या का गुणनफल अथवा योगफल सदैव एक अप रमेय सं या होता है ।

π एक अप रमेय सं या है ।

दो प रमेय सं याओ या दो अप रमेय सं याओ के बीच अन त प रमेय सं याएँ या अन त अप रमेय सं याएँ हो


सकती ह ।

प रमेय सं या को दशमलव न पण या तो सी मत होता है या असी मत आवत होता है ,

3
जैसे = 0.75 ( सी मत )
4

11
= 3.666 ( असी मत आवत )।
3

अप रमेय सं या का दशमलव न पण अन त व अनावत होता है , जैसे - √3 , √2 ।

येक सम सं या का वग एक सम सं या होती है तथा येक वषम सं या का वग एक वषम सं या होती है ।

थम n ाकृ तक सं याओ का योग

n (n + 1 )
SnE = होता है ।
2

थम n सम सं याओ का योग SE = n ( n + 1 ) होता है ।

थम n वषम सं याओ का योग S0 = n2 होता है ।

p
य द दशमलव सं याएँ 0.x तथा 0.xy के प म दी होती ह , तो इ ह प रमेय सं या के प म न नवत् बदलते
q


x xy
0.x = तथा 0.xy = अथात् दशमलव के बाद 1 अं क है , तो 10 का , दो अं क ह , तो 100 का , तीन अं क
10 100

ह , तो 1000 का भाग देने पर दशमलव सं या प रमेय ( भ ) बन जाती है ।

p
य द अशा त ( अन त ) आवत दशमलव सं याएँ 0.x तथा xy के प क ह , तो इ ह प रमेय सं या के प म
q

न नवत् बदलते ह -

x xx
0.x = तथा 0.xx = अथात् दशमलव के बाद 1 अं क बार सिहत हो , तो 9 का , दो अं क बार सिहत ह तो 99
9 99

का , तीन अं क ह तो 999 का भाग करके दशमलव सं या प रमेय म बदल जाती है ।

p
य द अशा त आवत दशमलव सं याएँ 0.xy तथा 0.xyz के प क ह , तो इ ह प रमेय सं या के प म
q

xy - x xyz - x
न नवत् बदलते ह - 0.xy तथा 0.xyz = ( यहाँ x , y , z ाकृ तक अं क ह )
90 990

कसी भी पहाड़ े का योग उस सं या ( पहाड़ े ) के 55 गुने के बराबर होता है ।


अथात् n के पहाड़ े का योगफल = 55n

[ ]
n (n + 1 )
1 से n तक के पहाड़ े का योगफल = 55
2

n
ाकृ तक सं याओ के वग का योगफल अथात् 12 + 22 + 32 +...+ n2 = ( n + 1 ) ( 2n + 1 ) होता है
6

n (n + 1 ) 2
n ाकृ तक सं याओ के घन का योगफल अथात् 13 + 23 + 33 + 43 +...+ n3 =
[ 2 ] होता

है ।

2n
n ाकृ तक सम सं याओ के वग का योगफल अथात् 22 + 42 +6 2+ ...+ n2 = ( n + 1 ) ( 2n + 1 )
3
n ाकृ तक सम सं याओ के घन का योगफल अथात् 23 + 43 + 63 + . . . + 3 = 2n2 ( n + 1 )2 आ द ।

़ वभ
नोट : यह पीडीऍफ ोत से त य एक त कर बनायी गयी है | य द इसम कोई ट
ु ी पायी जाती है तो नॉलेज हब सं चालक क ज मेदारी नही होगी |

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