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तेरे बगेर सवा�रया िजया नह�ं जा प्रभु जी मोर� लागी लगन मत तोड

∎ तेरे बगेर सवा�रय िजया नह�ं जाये प्रभुजी मोर� लागी लगन मत तोड़न

तुम आकर बाह पकड़ लो तो कोई बात बने .......... लगी लगन मत तोड़ना ..............

∎ न जाने कौन सी बा�क अदा तुम्हार� ह खेती बय


ु ाई म�ने तेरे नाम क� २

हजारो लाखो �मटे है ये येसी प्यार� है मेरे भरोसे मत छोड़ना ...............

कभी हम� भी �मटायो तो कोई बात बने .............. जल है गहे रा नाव परु ानी २

∎ जहा जो राधा जो संग म� रमण करो प्यार �बच भवर मत छोड़ना ................

वो जमुना जी का �कनारा वो कंु ज है प्यार� तुह� म्रेरा सेठ है तुह� सहकर ह

वह� पर हमको भी बसालो तो कोई बात बने ......... ब्याज पे ब्याज मत जोड़न.............

∎ मै लाऊ फुल तुम्हारे पसंद के प्यार दासी क� �बनती सुन ल�जो

बनाऊ फुलोके के बंगल �बराजो तुम प्यारे हाथ पकड़ मत छोड़ना ......................

मुझे ये सेवा �दलायो तो कोई बात बने.........

∎ ये आठो याम क� सेवा करू �तहारू म

कहे गो�बंद मै गाउ तुम्हे �रझाने को

मुझे ये सेवा �दलायो तो कोई बात बने ............

३ तुम हमारे थे प्भुज



तुम हमारे थे प्रभु ज,तुम हमारे हो,तुम हमारे ह� रहोगे ओ मेरे प्रीत

हम तुम्हारे थे गुरु ज,हम तुम्हारे ह,हम तुहारे ह� रह� गे ओ मेरे प्रीत

तुम्हे छोड़ सुन नन्द दुला ,कोई न �मत हमारो २

�कसके द्वारे जाये पुकारू और न कोई सहर२

अब तो आकर बाह पकड़ लो ओ मेरे प्रीत...............................

तेर कारन सब जग छोड़ा ,तुम संग नाता जोड़ा प्यारे तुम संग नाता जोड़ा

साची प्रीत क� र�त �नभालो ओ मे रे प्र.....................................

एक बार प्रभु हस के कह ,तू मेरा मै तेरा प्यारे तू मेरा मै तेरा


ओ बाके �बहार� जी जय �गर�वर धार� जी जाये छुपे हो कहाँ हमर� बार� जी

जय जय बाके �बहार� जी जय जय �ग�रवर धार� जी ............................

ओ �गरधार� माधव प्यार,२ तुम बीन �बगड़ी कौन सवारे २

ओ मनमोहन माधव द ुलारे ,मै शरण �तहार� जी ...................................

ग�णका �गद्ध अजा�मल ता२ सधना सैन्य के बन गए प्यार२

कहे शुर तुम प्राण हमार२ तषृ ्णा क� बनी सार�..................................

प्यारे मोहन छ�व �दखला जा२ माधरु � बंशी तन सुना जा २

आजा क्यू ताड़पाये आजा२ मै चरणन पे वार� ..................................

हे प्भर ु आनंद दाता �ान हमको द�िजय


हे प्रभु आनंद डाटा �ान हमको द�िजये शीघ्र साे
र ुद गुर्ण� दूर हमको क�...................................!

ल�िजये हमको शरण म� हम सदाचार� बने ,ब्रह्मचार� धमर्र�क वीर व्रत धार.............................!

�नदा �कसीक� हम �कसी से भूल कर भी न करे ,ईष्यार् कभी भी हम �कसी से भूल कर भी न कर..................!

सत्य बोले झूठ त्यागे मेल आपस म� क,�दव्या जीवन हो हमारा यश तेरा गया करे..............................!

जाये हमार� आयु हे प्रभु लोक के उपकार ,हाथ डाले हम कभी न भूल कर अपकार म� ........................!

क�िजये हमपर कृपा ऐसी हे परमात्मा,मोह मद मत्सर र�हत हॉवे हमार� आत्म...................................!

प्रेम से हम गुरु जन� क� �नत्य ह� सेवा ,प्रेम से हम संस्कृ�त क� �नत्य ह� सेवा .........................!

योग �वद्या ब्रह्म �वद्या हो अ�धक प्यार,ब्रह्म �नष्ठा प्राप्त करके सवर् �हतक...............................!

साधको को �मले ऐसे सा� के जीवन म� ख़ुशी आगई


साधको को �मले ऐसे सा� के जीवन म� ख़ुशी आगई,जब से दशर्न �कये तेरे सा� के जीवन म� ख़ुशी आगई..........!

हर� नाम क� प्याल� �पलात, नीज मस्ती म� हमको डुबाते२,तुम सा करुणा नजर ना कह� आई........................!

तेरे �बन मेरा जीवन अधरु ा,लगता है सब सुना सुना,तुम तो मुझको �मले मेरे सा� ,मेरे जीवन म� महक छा गई ....!

मुखड़ा ये तेरा है नरु ानी,क�लयग


ु म� तुम हो महादानी,कैसी कृपा ये क� तुमने सा� के धरा पे खुदाई छा गई ……..!

धन दौलत ये मान बड़ाई ,अंत समय कुछ कम न आई ,तुम्ह� सच्ची दौलत मे रे स,क� अँधेरे म� रौशनी आ गई ..!

दे �ख है जब से ये तशवीर तेर�, तब से बदल गई तक़द�र मेर�,कैसी सरू त ये है तेर� सा� मेरे �दल म� है छा गई ...!

हम तो तेरे ह� द�दार चाहे ,द�वाने तेरे प्यार को चाहे,करद� येसी दया मेरे सा�,के उजड़े चमन म� बाहार आ गई ...!
�बन तेरे हम रह नह�ं सकते, ददर् जुदाई का सह नह�ं सकते कैसी माया ये तुमने �दखाई क� धरा पे है रब क� छ�व आ गई..................!

आकाश गंगा म� जब तक ये तारे रह� ,मेरे गुरुवर तेर� िजंदगानी रहे


आकाश गंगा म� जब तक ये तारे रह� , मेरे गुरुवर तेर� िजंदगानी रहे२

मेरे गुरुवर तेर� िजंदगानी रहे२ दे वा ओ सदगुरु देवा२ दे वा दे वा ...............

तुमको मेर� उमर लग जाये ,कोई हो जाये ऐसा उपाए ,द�घर् आयु हो तुम,�चर आयु हो तुम

तेर� सेवा और दशर्न �नत पाते रह,पाते २........................

नह�ं सह सकते तुम से हम दरु � ,मेर� द ु�नया तेरे �बन अधरू �,हमारे स्वामी हो तुम,अंतयार्मी हो तुम

अपनी स्वासो म� तुमको बसाते रहे,बसाते रहे २...........................

हमारे सर पर रहे तेरा साया, हमारे संग ह� चले तेर� छाया ,तुम्ह� सब क� पूजा तुम सा कोई न दूजा

तेर� भिक्त म� खुद को �मटाता रहू,�मटाता रहू .............................

तेरा साथ कभी ये न छुटे ,तुमसे बंधन कभी ये न टूटे ,हमारे जीवन हो तुम ,हमर� धड़कन हो तुम

अपनी प्री�त को तुम म� बढ़ात,बढ़ाते रहे ............................

तुम �नराले हो सारे जहाँ से ,तुम से चलती है ये मेर� सांसे ,मन भी तेरा �दया ,तन भी तेरा �दया

सब तेरा ह� हम तुमको चढ़ाते रह� ,चढ़ाते रहे ........................................

क्या करे जा के मंद�र �शवाले,हमारा सब कुछ है तेरे हवाले, हमर� बंदगी भी तू ,हमर� िजन्दगी भी तू

तेरे चरण� म� �वश्रां�त पाते रह,पाते रहे .............................

अजर् सुन लो बापू जी हमर�,हमको पल पल जरुरत तुम्हार,तुमको जब से पाया चैन �दल को आया

तेरे कदमो म� मस्तक झुकाते रहे,झुकाते रहे .......................................

साथी सावधान हो जाना साथी सावधान हो


साथी सावधान हो जाना साथी सावधान हो २

जग म� जो �दख रहे सहारे ,तन मन धन है नश्वर सारे,जो �मलता वो छुट जाते है

इन म� मन न फसाना ,साथी सावधान हो जाना ............................................

सुखासिक्त दोसो क� मात, सकल दोस ह� है दःु ख पाता ,दोष त्याग के �लए सजग ह

मन म� आसिक्त न लाना साथी सावधान हो जाना.............................................

नाम रुप्प प्रभु क� माया,अहं कार उसक� छाया है ,माया छाया िजनके आ�श्र
उसे प्रेम से ह� पान,साथी सावधान हो जाना ........................................

जो द�खता है सत्य नह�ं है,जो क� दे खता सत्य वोह� ह ै,प�थक वोह� �वश्राम पा सक

िजसने द्रिष्ट को पहचाना साथी सावधना हो जा...........................................

साधको ने है बाँधी प्रेम क� डोर� �क सदगुरु आएं


साधको ने है बाँधी प्रेम क� डोर� �क सदगुरु आए, हम सब को सबक� लगी है प्रेम क� डोर� �क सदगुरु आए

अपना बनाते दर पे बुलाते �गरते �गरते हुए उठाते है ,एरे सा� है �कतने महान ,जो क� दे ते है सबका ध्यान.........

जब जब कष्ट पड़े भक्तो प,र�ा करने आते हो गुरुवर,

स्वामी अंतरआमी जग के तुम्ह� हो पालन हार.....................................

गहरा पवन द ुलर्भ सत्सं,सबको सहज म� सुनाते हो गुरुवर,

नाम क� दौलत मो� क� कंु जी सबको सहज म� लुटते हो गुरुवर

सबसे �नराले सबको संभाले ,तुम्ह� तारण हारे हो...................................

करुण छमा और प्रेम क� मू,सब पे दया बरसाते है गुरुवर

गुरु सैम न है कोई �हतेषी,हर पल साथ �नभाते है गुरुवर

सवर् शुख कार� सवर् ह� कार, हम सबके रखवारे हो ................................

मुिक्त भी जहाँ छोट� है लगती,ऐसे जगह पहुचाते है गुरुव

मै मी का भेद �मटा कर , आतम बोध कराते है गुरुव

सार भी तुम संसार भी तुम ,भक्तो के आँख� के तारे हो.........................

धन दौलत और मान बड़ाई ,इन से मोह छुडाते हो गुरुवर

भीतर का सुख आनंद शािन्त,अंतर घट म� �दखाते हो गुरुवर

तन भी तेरा मन भी है तेरा ,तुम्ह� �सफर् हमारे ..........................

द्वार पे इनके जो भी आता खाल� नह�ं लौटाते ह ै गुरुव

झोल� भरते दःु ख भी हरते ,दाता तभी तो कहाते हो गुरुवर

�वघ्न �वनाशी सब उर वाशी,तुम्ह� हो जग से न्यार......................

मेरे प्यारे गुरुवर तुम हमारे ह


मेरे प्यारे गुरुवर तुम हमारे ,सबके हो सहारे जग से न्यारे हो
लग जाए न नजर इतने प्यारे ह,मेरे प्यारे गुरुवर तुम हमारे ह..................

तारा है तारा तुमने �कतनो को तारा मारा है मारा तुमने �वषय� को मारा

बापू तुम हमको प्राण� से प्यारे .............................................

करते हो करते तुम भव से पार हो करते, हरते हो हरते तुम दग


ु ुर्ण सबके हरते

ईश्वर हो के तुम बापू रूप को धारे ह......................................

दाता हो दाता तुम सबके भाग्य �वधाता,जाता न जाता तुम �बन रहा न जाता

हम सब भक्तो क� आँख� के तारे हो..........................................

रहते हो रहते तुम सबके �दल म� रहते ,कहते हो कहते तुम सबके �हत क� कहते

सारे भक्तो के तुम तो दुलारे हो.....................................

आया है आया मेरे �दल को शुकून आया ,भाया है भाया तेराचेहरा नरु ानी भाया

कष्ट �मटा देते भक्तो के सारे ह...................................

रहना हम� रहना है तेर� शरण म� रहना,कहना हम� कहना हम� थामे सदा ह� रहना

द�न दख
ु ी सबके तुम रखवाले हो .......................................

दे ते हो दे ते तुम सबको सहारा दे ते ,लेते हो लेते तुम सबके दःु ख हर लेते

हे मेरे गुरुवर तुम तारन हारे हो....................................

पीछे मुड़ कर क्या देखे है आगे बढ़ता चल


पीछे मुड़ कर क्या देखे है आगे बढ़ता चल सफलता तेर� कदम चूमेगी आज नह�ं तो कल

तू न घबरा आगे बढ़ता चल................................................

तू मीरा जस
ै ी भिक्त कर तू �कसी भी दुःख से कभी न दर,तू जनम जनम के �फर न मर तर� गे तुझको बस गुरुव

गुरु भिक्त को अब तू पाले आये न �फर ये प..................................

तेरे भीतर अमर खजाना है बस पद� को ह� हटाना है ,बु�द्ध शिक्त को बढ़ाना है बस ईश्वर को ह� पाना

करनी जस
ै े भी करे गा पायेगा तू उसका फल ........................................

गुरु प्रेम म� दुबक� लगाये जा गुरु मंत्र का कवच बन,तू �ान का अमत
ृ पायेजा गुरुवर का गुण तू गायेजा

जनम जनम से भटक रहा है अब तो जरा संभल ........................................

तू शिक्त अपनी जान ले तू खुद को ह� पहचान ले,कहना तू गुरु का मान ले उचा उठने क� ठान ले
तेरे भीतर ह� �छपा है ईश प्रािप्त का .......................................

तझ
ु े पतन से खद
ु को बचाना है तझ
ु े संयम अपना बढ़ाना है ,तझ
ु े कभी नह�ं घबराना है बस आगे बढ़ते जाना है

शुद्ध रहे तेरा ये जीवन िजसमे न हो कपट और ...............................

तू प्री�त अपना बढ़ता जा अतम शां�त तू पाता ज,तू गुरु म� लह्गन लगायेजा जीवन तू अपना सजाये

गुरु भिक्त को अब तू पाले आये न �फर ये प.................................................

तू वीर �शवा जी जैसा बन तू भिक्त बढ़ाने वाला ब,तू ध्रुब के जैसा आज चमक तू प्रह्लाद के जैसा प्या

बीती बातो को क्या सोचे है तू आगे बढ़ता च.............................................

मुझे तुम याद हो गुरुवर याद आते हो


मुझे तुम याद हो गुरुवर याद आते ह,मेर� नींदे चरु ाते हो गुरुवर याद आते हो.......................

मेरे मन म� तुम्ह� रहते सदा हसते हसाते हो,मेरे धड़कन म� तुम बसते सदा हसते हसाते हो

मेरे बन के रुलाते हो गुरुवर याद आते ह.............................................

करू मै प्री�त तुम से ह� मुझे तुम क्य� सताते,तेरे दशर्न का व्रत मेरा तो चेहरा क्य� छुपाते

तेरा दशर्न कर जीना गुरुवर याद आते ह.................................................

मेर� श्रधा तुम म� है तुम्ह� हो मेरे भगव,मुझे दज


ू ा नह�ं द�खता जहा म� कोई अपना पन

मेरे सपनो म� आते गुरुवर याद आते हो....................................

मेरे मन क� चंचलता को उसे सीधी राह चलाते हो ,मै भोगो म� रहा डूबा मुझे तम
ु ्ह� बचाते हो

मेरे तुम्ह� सहारे हो गुरुवर याद आते ह........................................

जले ज्यो�त परम शां�त के उसे तुम्ह� जलाते , बने जीवन उध्वर्गामी िजसे तुम्ह� उठाते

पण
ू र्ता के परम स्वामी गुरुवर याद आते .......................................

भरे झोल� गुरु प्यारे दयालुता �दखाते ह,रहे न कोई खाल� सभी को प्यार देते हो

�दखे सदा राम ह� गुरुवर याद आते हो..............................................

ऐ मेरे सदगुरु प्यारे तेरा जन्म है कैसा रूहानी


ऐ मेरे सदगुरु प्यारे तेरा जन्म है कैसा रू,तेरे तन मन धन क� तपस्या तेरे जीवन क� कुबार्न.................

जब हम बैठे थे सख
ु ो म� तू सख
ु ा रहा था तन को ,जब हम बैठे थे घरो म� तू भुला रहा था मन को

जग म� रह कर सब भुला न भोजन चाह न पानी ...................................


गुरु दर पर सेवा करते हाथो से था खून �नकलता,पर गुरु सेवा म� तत्पर और इस देह का भान था भूलत

गुरु आ�ा प्रथम �नभा...................................................

वो कैसी राते ह�गी पभु प्रेम म� जब तू रोय,द ु�नया थी नींद म� सोई तू भर भर प्याले रोया

तेर� शान न जाए बखानी .......................................................

नगर सेठ कहलाने वाले गुरुदार पे मरता �मटता,तेर� मज� परू ण हो ये ध्यान ह्रदये म� धर

बस �नराकार ने थामा न होने द� कुछ हा�न .........................................

गुरु सत्य का रस �पलाया तन मन हृदय म� समा,हर नस नस म� पंहुचा वो हर रूह को ॐ जपाया

वो प्रेम मेर� आँख� से छलके गुरु प्रेम का बन कर ................................

गाडी चल� है गर
ु ु के दरबार िजसको चलना है हो जाओ तैयार
गाडी चल� है गुरु के दरबार िजसको चलना है हो जाओ तैयार

वो हो जयो तय
ै ार 2वो हो जयो तैयार ..............................

तुम हो गुरुवर प्राण� से प्य,मेरे हो तुम सबसे द ुलारे ,दखो मेरे �दल से न जाना ,तुमको म�ने अपना माना

गुरु म�हमा है अपरम पार...................................................

एक नाम क� रटन लगायो बापू 8 ,सच्चे �दल से ध्यान लग,

पालो शुख शािन्त अपरम पा.............................................

�वन मांगे याह़ा सब कुछ �मलता,उजड़े मन का गुलशन याहा �खलता

दे ते भिक्त करते माला माल..............................................

जो बापू के दर पे आता ,जीवन अपना सफल बनाता

जन्मो जन्म के �मटते �वका..................................

मोह माया का बंधन तोड़ो बापू से भिक्त का नाता जोड़ो

सबके �लए खुला है बापू का दरबार...................................

आनंद ह� आनंद बरस रहा ब�लहार� ऐसे सदगुरु क�


आनंद ह� आनंद बरस रहा ब�लहार� ऐसे सदगुरु क�,ब�लहार� ऐसे सदगुरु क� ब�लहार� ऐसे सदगुरु क...............

धन भाग्य हमारे आज हुए शुभ दशर्न ऐसे सदगुरु 2 पवन �कन्ह� भारत भू�म2 ब�लहार� ऐसे सदगुरु क�......

क्या रूप अनुपम पायो है सोहे जीमे तारो �बच चन्2 सूरत मूरत मोहन कार� 2 ब�लहार� ऐसे सदगुरु क�..........
व्याख्यान छटा जीमे इंद्र घटा बरसत वाणी अमृत ध2 वो मधरु मधरु अजब धन
ु ी 2 ब�लहार� ऐसे सदगुरु क�...

गुरु �ान रूपी जल बरसा कर गुरु धरम बगीचा लगा �द2 �खल रह� है कैसी फुलवार� २ब�लहार� ऐसे सदगुरु क�

पाया पाया म�ने ऐसा सदगुरु पाया,रघव


ु र ने कृपा �कन्ह� म�ने ऐसा सदगुरु पाय2

बड़े नशीब से खु�शय� क� घड़ी आई है


बड़े नशीब से ख�ु शय� क� घड़ी ऐ है 2 बड़े नशीब से सत्संग क� घड़ी आई ह ै2...................

तेरे दरबार म� क्या म� क्या राजा क्या �भखार� प2 हाँ हाँ कचरै � फशर् पर करतार ने लगा� ह ै...............

उजाला हो गया ज्यो�त का सारे दु�नया म�2

गुरु चरणी �चत्त ला बन्देया बीती जाये िजंदगानी


गुरु चरणी �चत्त ला बन्देया बीती जाये िजंदगानी हो ......मूखार् बीती जाये िजन्दगानी ह...............

सदगुरु प�पयां तारण आये,दब


ु दे बेड़े पार लगाए 2 आपे द� बन के मेलहार बन्देया बीती जाये िजंदगानी हो........

आपे बगीचा ते आपे ह� माल� 2 आपे ह� क�लयां ते आपे ह� डाल� 2 आपे ह� फुल गुलाब बन्देया बीती जाये िजंद.

सदगुरु मेरे डा नूर है मुखड़ा,दशर्न �कतेयाँ दे �मट जावे दुखड़ा2 रज रज दशर्न पा बन्देया बीती जाये िजंदगानी ह

लबदां �फरे �बच पथरा च पाणी 2 तेर� बु�द्ध क्य� मार� गई प्2अंदर शािन्त तू पा बन्देया बीती जाये िजन्द

सदगुरु मेरे पूरण ब्रह्म�2घट घट दे �बच बसदा मेरा स्वामी2 अंदर द� ज्योत जगा बन्देया बीती जाए ज.....

काहे ह�रा जनम गवाए ,जप ले ॐ नाम: �शवाये


काहे ह�रा जनम गवाए ,जप ले ॐ नाम: �शवाये .....................

�शव क� जटा क� गंगा बोले मेरे जैसा बनना 2 सदा प�वत्र रहना तुम औरो को प�वत्र क

गुरु का �ान पाकर बन्दे सबको पवन कर, काहे ह�रा जनम गवाए .........................

�शव क� हाथ क� डमरू बोले मेरे जैसा बनना2 दःु ख आये या सुख आये सदा मगन म� रहना ......

�शव मश्तक का चन्दा बोले मे रे जैसा बनन२ �ान गुरु का पाकर प्यारे मश्तक ऊपर स.........

�शव के हाथ �त्रशूल बोले मे रे जैसा बनन2 तीन गुण� के तीन शुलो से ऊपर उठते रहना .......

�शव के गले का सपर् बोले मेरे जैसा बनना२ मान जो चाहे औरो का गुरु के हाथो म� ह� रहना....

गर
ु ु सत मारग बतलाये कोई �बरला ह� वहां जाये
गुरु सत मारग बतलाये कोई �बरला ह� वहां जाये,नमो नम: गुरुदेव तुमको नमो न:

सभ अन्धकार को दूर भगावे सवर्स्व छोड़ शरण जो आ2 गुरु परमेश्वर से �मलाय..............


ना कोई शोक रोग डसत है सार� �वपदा पल म� हरत है २ गुरु अन्तेर ज्योत जगाये कोई �बरला ह� वह....

को�ट जनम क� मैल उतार� कृपा द्रिष्ट सब काज सवा2सत्संग साधन बतलाये कोई �बरला ह� वहां जाए.....

अमत
ृ पान क� �व�ध बताई ,जन्म जन्म क� प्यास बुझ2 भवसागर से तर जाये कोई �बरला ह� वहां जाये ..

मीरा द�वानी हो गई रे .
मीरा आ ..................................................................................................

द�वानी हो गई ...............................................................................................

मीरा द�वानी हो गई रे मीरा मस्तानी हो गई2 श्याम रन म� रंगी चुन�रया हो...............आ .............

राणा क� रजधानी छोड़ी लोक लाज सब छोड़ी 2 रं ग के श्याम रंग म� चुनर मीरा जी ने ओढ़�

लोक लाज क� नह�ं खब�रया हो .........................आ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

इस द ु�नया से प्रीत छोड़ कर शावर रंग चढाय२ साथ सभी का �दया छोड़ कर गीधर �गरधर गाया

वो तो ऐसी भई बव�रया हो ...............................आ .................................

परै ो म� वो घग
ुं रू बाँध कर नाचे झूमे गाये2 भई �बरहनी श्याम �बरह क� और न कोई भा

बद
ं ृ ावन क� गई डग�रया हो .....................हा ...........................................

लगन लगी है तेरे दरस क� और न कोई भाए २गल� गल� तुझे ढूंढती डोले कह� न कह� तू पाए

तेरे दर पे बीते उम�रया हो ............................आ ......................................

हमके ओढ़ावे चद�रया हो चलन के बे�रया


हमके ओढ़ावे चद�रया हो चलन के बे�रया 2

प्राण राम जब �नकसन लाग2 उलट गइल दोउ नयन पत


ु �लया,चलन के बे�रया .......................

भीतर से जब बाहर लाये छुट गइल सब महल अट�रया ,चलन के बे�रया ........................

चार� जना �मल� खाट उठावे 2 रोवत ले चल� डगर डग�रया, चलन के बे�रया .................

कहत कबीर सुनो भाई साधो 2 संग चल� बस सुखी लक�ड़या चलन के बे�रया ..................

भजन �बना रे भजन �बना जार जायो ऐसा जीना


भजन �बना रे भजन �बना जर जायो ऐसा जीना भजन �बना .............

मं�दर सन
ू ा एक द�पक �बनु 2 द�पक है सन
ू ा ज्यो�त �बना2 जार जाया ऐसा जीना भजन �बना ........

पवर्त सूना एक वृ� �बनु2 व�


ृ है सूना पात �बना 2 जर जायो ऐसा जीना भजन �बना ........
कहत कबीर सुनो भाई साधो 2 ह्रदये है सूना �ान �बन2 जर जायो ऐसा जीना भजन �बना ..............

तेर� कृपा ह� मेरा सब कु छ ओ मेरे सदगुरु प्यार


तेर� कृपा ह� मेरा सब कुछ ओ मेरे सदगुरु प्यार2 मुझे नह�ं चा�हए अब कुछ ओ मेरे सदगुरु प्यार2..............

गरै ो क� बात करे क्या मुझे अपन� ने ठुकराया2 बन गया �पता तू मेरा तूने हर पल साथ �नभाया

तेरा साथ ह� हो ...........2 मेरा सब कुछ ओ मेरे सदगुरु प्यार..........................

मइया बन कर के तूने मुझे स्नेह का �दया ह ै छाया2 बन गया �पता तू मेरा तूने चलना हम� �सखाया

तेरा प्यार ह� मेरा सब कुछ ओ मेरे सदगुरु प्या....................................

मै �कसी से कुछ क्या मांगू,�बन मांगे ह� सब पाऊ 2 जब द्वार �मला बापू तेरा मै �कसी के दर क्य� ज

तेरा द्वार ह� मेरा सब कुछ ओ मेरे सदगुरु प्या................................

�कतनी कृपा क� तूने ये मुख से कहा न जाये 2 जब जब याद करू तो मेरा हृदये भर भर आय

ये दास कहे ३ क्या अब कुछ ओ मेरे सदगुरु प्यारे मुझी नह�ं चा�हए ...................

सारे तीरथ धाम आपके चरण� म� हे गर


ु ुदेव प्रणाम आपके चरण� म
सारे तीरथ धाम आपके चरण� म� हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरण� म2................

हृदये म� माँ गौर� ल�मी कंठ शारधा माता ह ,2 जो भी मुख से बचन कहे वो बचन सत्य हो जाता है2

है गुरु ब्रह्मा है गुरु �वष्णु है शंकरभगवान् आपके चरण� म� हे गुरुदेव प्रणाम आपक ................

जन्म के दाता मात �पता है आप कमर् के दाता ह2 आप �मलाते हो ईश्वर से आप ह� भाग्या �बधाता ह2

द�ु खया मन को रोगी तन को �मलता है आराम आप के चरण� म� हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरण� .............

�नबर्ल को बलवान बना दो मुरख को �वद्वान् प्2 सभी साधक भक्तो को भी �ान का दो वरदान प्र2

हे माहादानी हे माहा�ानी रहू मै सुबह शाम आपके चरण� म� हे गुरुदेव प्रणाम आप के चरण� ............

दोहा- कतार् करे न कर सके गुरु करे सो ह,तीन लोक नव खंड म� गुरु से बड़ा न कोई||

आस राखो सदगुरु क� जग क� हर आस तजो जग क� है अस झूठ�


आस राखो सदगुरु क� जग क� हर आस तजो जग क� है अस झूठ�2......................

सदगुरु क� प्रीत सच्ची जग सारा स्वा, जग क� है प्रीत कच्

सदगुरु क� प्रीत सच्ची जग सारा स्वाथ...........................

सदगुरु उपकार� है है �नरत सदा ह�त म� सबके �हतकार� है


सदगुरु उपकार� है है �नरत सदा �हत म�.......................

मुझे तुमने मा�लक सभी कु छ �दया है


मुझे तुमने मा�लक सभी कुछ �दया है ,तेरा सु�क्रया है तेरा सु�क्2

न �मलती अगर द� हुई दात तेर�,तो क्या थी जमाने म� औकात मेर�2

ये बन्दा तेरे ह� सहारे िजया है,तेरा स�ु क्रया ह..................................

ये जायदात द� है ओलाद द� है ,मुशीबत के वक्त पे इम्दात द� ह2

तेरा ह� �दया म�ने खाया �कया है ,तेरा सु�क्रया ह..............................

मेरा ह� नह�ं तू सभी का है दाता ,सभी को सभी कुछ है दे ता �दलाता 2

जो खाल� था दामन तुम्ह� ने भरा है,तेरा सु�क्रया ह.....................

मेर� पूजा करो स्वीकार बापू आया तेरे द्वार


मेर� पज
ू ा करो स्वीकार बापू आया तेरे द्व,मेर� �बनती करो स्वीकार बापू आया तेरे द्वा2

जनम गवाया जीवन गवाया,नस्वर जोड़ा सत को न पाय,बस तुम्ह� जीवन आधार सद्गुरु आया तेरे द्2

दया धरम का मुझको वर दो,भिक्त से मेर� झोल� भर द,तेरा करता रहू द�दार ,सद्गुरु आया ते रे द्व2

सद्गुरु तुम करुना के स,गुरु सेवा से भर दो गागर,मेर� �बनती करो स्वीकार बापू आया तेरे द्वा2

द ु�नया रुलाया बहुत सताया,सच्चा प्यार कह� न पाय,बस पाने को तेरा प्यार बापू आया तेरे द्वा2

नारायण श्रीमन नारायण श्रीमन नारायण नारायण नार


नारायण श्रीमन नारायण श्रीमन नारायण नारायण ना

ह�र ॐ ........ह�रओम .........ह�रओम ......................

1 बनाई है �कस्मत तेरे पास आक ,मुझे तुमने दे द� नई िजंदगानी

तेरे नाम का आसरा �मल गया है ,है करतार तेर� बड़ी मेहरबानी.......

2 तुम्ह� को मै आनंदघन चाहता हू,जगत का नह�ं कुछ धन चाहता हूँ

न रह जाये मुझ म� को मोह माया ,प्रभु तुम म� तल्ल�न मन चाहता .......


3 वह� अब करू जो क� तुम चाहते ह,मई चाहो का अपनी दमन चाहता हूँ

जहा �चत्त हो चंचल जगत के सुखो म,वहा पर मै उसका शमन चाहता हूँ .....

4 न पच
ु ो ये मुझ से मै क्या देखता हू,मै तेर� नजर म� खद
ु ा दे खता हूँ

ख़ुशी और गामी सब बराबर है मुझको,मै सब म� ह� तेर� रजा दे खता हूँ ..........

5 �मटे िजस तरह से ये भव दःु ख बंधन,मै येसा ह� साधन भजन चाहता हूँ

नह�ं �दख रहा है अब कोई �कनारा गुरु अब तुम्हार� शरण चाहता हू.......

6 मेरे मन के मं�दर म� गुरुवर तुम्हा,कृपानाथ ज्यो�त सदा जगमगाए

तेरे द्वार आये ह ै बन के पुजार,नह�ं भाव भिक्त का कम होने पाए.........

7 अब प्रभु कृपा करो येह� भा,सब तिज भजन करहूँ �दन राती

हम� दे ना अनुराग अजुर्न के भां�,सयन म� भी जीभा रहे गुनगुनाती .......

मुिक्त का कोई तो यतन कर ले


मुिक्त का कोई तो यतन कर ल,रोज थोड़ा थोड़ा ह�र का भजन कर ले ......

1 भजन करे गा बड़ा सुख पायेगा2 भिक्त से आत्मा का मैल धुल जाए2

भिक्त से मन को अपने तू....साफ़ कर ले ..रोज थोड़ा थोड़ा ..........

2 सांगत का अछे लोगो क� 2 दवा �मल जाएगी सब रोग� क� 2

मन अपने को चमन कर ले .....................

3 अछे लोगो क� येह� है �नशानी 2 सत ् वचन और अमत


ृ वाणी 2

क्रोध को अपने दफ़न के कर ल........................

4 गुरु नाम का तू सु�मरन कर ले2 मन अपने को �नमर्ल कर ले2

चौरासी से बचने का यतन कर ले ...............................

5 आयेगा बुलावा तो जाना पड़ेगा 2 कम� का �हसाब चक


ु ाना पड़ेगा

पापो का बोझ तू अपने कम कर ले ...........................


कोई �पछले जनम के अछे करम

कोई �पछले जनम के अछे करम ,मुझे बापू तेरा द्वार �मला2

जहाँ साड़ी द ु�नया झुकती ,मुझे वो वाल� दरबार �मला......................

2 जग के झूटे नाते दे खे ,दे खा न सच्चा प्यार कह2 जहा �दल को आकर चन


ै �मले ,है वो वाल� दरबार येह� 2

सद्गुरु मुझको �मल गया येस,कोई हुया न होगा इस जस


ै ा .............................

3 कोई और हम� अब क्या देगा,इस दर से जो म�ने पाया है 2 िजसको तरसे जन्नत साड़ी मेरे �सर पर तो वो साया ह

रब रूप धार के आया है..............उन म� रब का द�दार �मला ...............................

4 श्रधा से जो ते रे दर बैठ2 उसने ह� सब कुछ पाया है 2 धन दौलत चरण� क� दाशी संसार भी फ�क� माया 2

इन से तो इन को ह� मांगो ......................................ये �मले तो सब संसार �मला ............

�लखने वाले तू हो कर दयाल �लख दे


�लखने वाले तू हो कर दयाल �लख दे ,मेरे �हरदय अन्दर सद्गुरु का प्यार �लख....
2 माथे पे �लख दे ज्यो�त गुरु क2 नैनो म� उनका द�दार �लख दे ..................
3 िजब्हा पे �लख दे नाम गुरु क2 कानो म� सब्द झन्कार �लख द.................
4 हाथो पे �लख दे सेवा गुरु क�2 तन-मन-धन उनपे वार �लख दे ...................
5 पैरो पे �लख दे जाना गुरु के द्वा2 सारा ह� जीवन उनके साथ �लख दे .......
6 इक मत �लखना गुरु का �बछड़ना2 चाहे तू सारा संसार �लख दे .................
हे सद्गुरु भगव ान् तुमको बारम्बार प्. ५६७८५४६६८७,००७३०,९७१७८३४०७५
हे सद्गुरु भगवान् तुमको बारम्बार प्रणा2
हे सत�चत आनंद धाम तुमको बारम्बार प्राणाम ……
2 जो अखंड अ�वनाशी ईस्वर सारे जगमे समाया ह ,उस �बछुड़े प्यारे से �मलाने तू धरती पे आया ह ै
है तेरे अनोखे काम तुमको बरं म्बार प्राणाम .....................................
3 ये संसार है व�
ृ �नराला जो भी इस पे चढ़ते है,�वषय� के फल खाते खाते नरक कंु ड म� �गरते है
बस तू ह� बचाए प्राण तुमको बारम्बार प्रणा.................................
4 हर कोई हैरान याहा है द ु�नया रूपी जंगल म�,फस हुया हर कोई यहाँ है पे माया के इस दलदल म�
तू करता मुिक्त दान तुमको बारम्बार प्रणाम.........................
5 जब द ु�नया दशु ्मन बन जाती �वकट प�रिश्थ�त आ जात,इसी दख
ु दाई घ�ड़य� म� एक तह
ु � जीवन साथी
दे ता शां�त आराम तुमको बारम्बार प्रणाम ....................................
6 तीनो तापो क� अिग्न म� झुलस रहा संसार ह ै,घोर अशां�त छाई दे खो सूझे न कोई उपचार है
है चन्दन तेरा �ान तुमको बरमबार प्रणाम ..............................
भजमन राम राम राम ,मेरे राम राम राम ............
भजमन राम राम राम ,मेरे राम राम राम ............
2 झूठ� साड़ी जग क� माया कोई काम न तेरे आया ,िजसने नाम प्रभु का गाया वो भव�संधु से तर पाय..........
3 न माया मोह म� फसना आहा कोई नह�ं अपना ,अरे इस द ु�नया म� न कोई �कसी का साथी होता है ...........
4 ये सत्संग येसी गंगा ह ै जो पाप जन्मो क� धो देत,�वना साबुन �बना पानी याहा मन साफ़ होता है ...........
5 जगत म� एक ह� सत है वोह� ईस्वर कहाता ह ै,साथ जब उसका हो जाये तभी सत्संग होता ह ै..........
6 ये येसा ओषधालय है दरु हो व्या�धया मन क, येह� सब से क�ठन भव रोग का उपचार होता है
7 सत्संग सेज फूलो क� यहाँ मन तृप्त होता ह,यहाँ मन शांत होता है प्रभु से प्यार होता ...

मै खड़ी उ�दका राह क� आज मेरा राम आयेगा


1 मै खड़ी उ�दका राह क� आज मेरा राम आयेगा ,जे राम न आया कोई पैगाम आयेगा ......
2 मै बैठ� रस्ता रोक मैनू लोक पुछदे....लोक पुछदे ...क� ला �लया ये रोग तेरे हत्थ क� आयेगा....
3 मै पछ
ु ां उडदे पं�छयाँ नू पता श्याम डा.......पता श्याम डा...मै उड़ न सक्का आ,पता कौन �लयायेगा .....
4 मै बैठ� रत्ता कट्टा मैनू नींद न आ....नींद न आवे .........कद होएगा सवेरा मेरा श्याम आयेगा.........
5 हुन्न आजा नंदलाल मेरा वेख हाल वे..वेख हाल वे ....�बगड़ी दसा है दाशी क� ,मेरा श्याम बनाएगा...

प्रभु ज्योत से ज्योत जगाने


1 प्रभु ज्योत से ज्योत जगाने ,�ान गंगा धरा पे बहाने आये .........

2 ब्रह्मा �वष्णु महेश्वर ये तीनो रूप ग,करुना वश ये होकर धारे रूप गुरु

तीनो रूप गुरु म� �दखाने आय..............................

3 म�हमा इनक� �नराल� अद्भुत ल�ला करत,खेल-खेल म� सबको �ान से झोल� भरते

सारे जग म� वो ब्रह्म �दखाने आ............

4 सत्संग क� वषार् कर के पाप ताप को �मटा,घट-घट म� व्याप म� व्याप रहा जो पल म� दशर् करा

ब्रह्म �ान शुधा ये �पलाने आ.................

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