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Nem-Rajul Ni Anokhi Prit, Chalo Gaiye Girnar Na Geet-1
Nem-Rajul Ni Anokhi Prit, Chalo Gaiye Girnar Na Geet-1
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वन ुतस ाय ुप (SSS) ुत करता है,
इस बुक क वशेषता यह है क, इसम ुत, ाचीन चैवंदन, ाचीन वन, ाचीन थोय,
अवाचीन भ गीत, नेमजी ोक(सलोको), १०८ खमासमणा के हे, गरनार तीथ और ी नेमनाथ
दादा के बारे म कई सारी माहती का समावेश कया है...!!
साथ ही कई लोग ने यह पुका बनाने म अपना योगदान दया है, सभी को बत बत
धवाद और उन सब क भी खूब खूब अनुमोदना करते है...!!
१. धामक गुलेा (पुणे)
हमने इस बुक को हमारी जानकारी और समझ के आधार पर बनाने क कोशश क है। यद
इसम हम कोई गाने के रचयता का नाम लखना भूल गए है या कसी का नाम गलत लखा है तो आप
हम मा कर और भूल सुधारने हेतु एक मौका अव दीजये। इसम कुछ भी बदलाव या सुधार करने
हो तो केवन महेता को मेसेज कर ।
इस बुक म (०१/१०/२०२१) तारीख तक के करीब करीब सभी ाचीन, अवाचीन, ुत, वन,
भ गीत, चैवंदन, थोय वगेरे समावेश करने क कोशश क है। अगर कोई गाना इसम रह गया है तो
कृपया हम मेसेज कजयेगा, हम अगली आवृत म उसे जर समावेश करने क कोशश कर गे।
✍ णाम,
F गिरनारनीमाहिती
1 श्रीगिरनारती
र्थना१ ०८नाम 255
2 श्रीनेमिनाथभगवान-जी
वनप
रिचय 256
3 श्रीगिरनारम
हातीर्थकीएकझ
लक 257
4 २२वेतीर्थंकरश्रीने
मिनाथभ
गवानके
पां
चक
ल्याणक 258
5 ल्याणकआराधनावि
जन्मक धि 259
6 श्रीगिरनारती
र्थमांप्रा
प्तथ
ताफ
ळो 259
7 म
गिरनारकी हिमा 260
8 श्रीनेमिनाथभगवानके बारे मेंसं
क्षिप्तजा
नकारी 263
9 मनाथजीकीअधिष्ठायिकादे
प्रभुने वी:अं
बिकादे
वी 265
10 ने
गिरनारमें मिनाथदादाऔरउ
नकीप्र
तिमाजी
के बा
रे में
जानकारी 267
11 र्थमांप
गिरनारती गथियाको
नेअ
नेके
वीरी
तेब
नाव्या,ते
नोइ
तिहास 270
12 धवारीअ
लाभदायीबु मावस्या 271
13 र्थयात्रावि
गिरनारती धि 272
ुित
— 14 —
• िगरनारी नेिमनाथ दादा - अिभषेक ुित •
िगरनार पर भु नेम ना, अिभषेकनो पावन समय सुख शांित पामे जीव स , क णा सुवािसत िदल करो
भु नेिमनाथ िजनालये, वातावरण शुभ भावमय नेिमनाथनी अिभषेक धारा, िव नु मंगल करे . ॥३॥
ते परम पावन मारा, ने ने िनमल करो
नेिमनाथनी अिभषेक धारा, िव नु मंगल करे . ॥१॥ अिभषेकना सु भावथी, भावतापनु थाजो शमन
उर केरी उखर भूिमपर, स नु थाओ वपन
ामल भुना म के, िनरखु ीरधारा धवल िम ा मोह कुवासना, कुमित तणो सिव मल हरो
रोमांच अनुपम अनुभवु, गद-गद दय लोचन सजल नेिमनाथनी अिभषेक धारा, िव नु मंगल करे . ॥४॥
ेक आ दे शे नेिम, ि तने िन ल करो
नेिमनाथनी अिभषेक धारा, िव नु मंगल करे . ॥२॥ अिभषेकना सु भावथी, िगरनार नो जय िव मा
मिहमा महा िग रराज नो, ापी रहो आ िव मा
अिभषेकना सु भावथी, िव ो तणो थाओ िवलय आ तीथ ना आलंबने, भिव जीव िशव मंिजल वरो
सव आ संसारमा, शासन तणो थाओ िवजय नेिमनाथनी अिभषेक धारा, िव नु मंगल करे . ॥५॥
⁕⁕⁕⁕⁕
बे तीथ जगमां छे वडा ते, श ुंजयने िगरनार, राजीमित दी ा ही, िशवशमने ां पामतां,
एक गढ समोसया आिदिजनने, बीजे ी नेिम जुहार; ए सहसावनने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥५॥
ए तीथ भ ना भावे, थाये सौनो बेडोपार,
ए तीथराजने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥१॥ अवसिपणीमां सौ थम, अ रहं तपदे जे शोभतां,
तीथतणी रचना करी, युगलाधम िनवारतां;
दे वांगनाने दे वताओ, जेनी सेवना झंखता, अ ानीना ितिमर टाळी, ान ोत कलावतां,
मळी तीथ क ो वळी, जेना गुणलां गावतां; ए आिदनाथ ने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥६॥
जीनो अनंता जे भूिमए, परमपदने पामतां,
ए िगरनारने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥२॥ कमठतणा उपसग ने, समभावथी जे झीलतां,
जे िबंबथी अिमरसतणा, झरणाओ सहे जे झरतां;
पशुओना पोकार सुणी, क णा दीलमां आणतां, जेना गट भावथी, भिवना दु :खडा भांगतां,
रडती मेली राजीमितने, िववाहमंडप ागतां; ए अिमझरापा वंदता, मुज ज आज सफळ थयो.॥७॥
संयमवधू केवल ी, िशवरमणीने परणतां,
ए नेिमनाथने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥३॥ नेमसमीपे त ही, गुफामां ानने ावतां,
अशुभकमना उ थी जे, तमां डगमग थावतां;
िशवानंदने परणवाना, मनोरथोने सेवतां, ितबोध पामी राजुल वयणे, मो मारग साधतां
'ि तमतणा पगले पगले, िगरनारे संयम साधतां; ए रहनेिमने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥८॥
नेमथी वरसो पहे लां, मु पदने पामतां,
ए राजीमितने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥४॥ बाल चारी नेमनाथ, परमपद ां पामतां,
भिवजनो मळीने भ काजे, पगलां ने ां ठावतां;
कनक कािमनीने ागी, नेमजी पधारतां, परतीथ ओ जेने वळी, दता य नामे पूजतां,
संयम ही सं ाम मांडी, घातीकम ां चूरतां; ए पांचमीटू ं कने वंदता, मुज ज आज सफळ थयो. ॥९॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 15 —
• ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां •
तज: (अ रहं त वंदनावली / मंिदर छो मु तणा )
बे तीथ जगमां छे वडा ते, श ुंजयने िगरनार, दे वताओ उवशीओ, य ोने िव ाधरो,
एक गढ समोसया आिदिजनने, बीजे ी नेिम जुहार; वळी गांधव िस काजे, तीथनी वना रे ;
ए तीथ भ ना भावे, थाये सौनो बेडोपार, ां सूय-चं िवमान िवरामी, हषथी वना रे ,
ए तीथराजने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥१॥ ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥९॥
ण ण क ाणक भािवकळे , नेिमिजनना ां जाणी, आ तीथ भूिमए प ीओनी, छाया पण आवी पडे ,
भरते रे रचना करावी, “सुरसुंदर" मंिदर तणी; भव मण केरां दु गितना, बंधनो तेनां टळे ;
शोभती जेमां भुनी, मिणमय मूरत घणी, महादु ने वळी कु रोगी, सवसुख भाजन बने,
ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥५॥ ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥१३॥
ासादनी ित ा काजे, गणधरो पधारतां, नेम आ ा जान जोडी, परणवा राजुल घरे ,
हष भरे लां ई ो पण, ऐरावण पर आवतां; पशुओ तणा पोकार सुणी, ते नेमजी पाछुं फरे ;
ह पादे भ काजे, गजपद कंु ड करावतां, वैरा ना रं गे रमेने, िशववधू मनने हरे ,
ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥७॥ ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥१५॥
ण भुवननी स रतातणा, सुरिभ वाह ते झीलतां, सहसावने वैभव जी, िध ा हे राजुल भु,
जे जल फरसतां आिध – ािध, रोग सौना य थतां; यु आदरी चोपनिदने, कम करे ते लधु;
ते जल थकी िजन अचता, अजरामरपद पामतां, आसो अमासे िच ा काळे , केव पामे जगिवभु,
ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥८॥ ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥१६॥
— 16 —
सुरवृंद नाचे हष साथे, भावथी णगढ रची, अनशन ही अषाढ मासे, शुभा मे िस वरे ,
वरद - यि णीवळी, दशाहने तस ी मळी; ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥१९॥
तीथथापनाने करी, गौमेध य अंबा भळी,
ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥१७॥ अ मित मनमां धरीने, भाव अपार है ये भरी,
संवंत सह युगलने, संवरतणा वरसे वळी;
सागर भुना काळमां, अतीत चोवीसी मही, वषा मासे शु पडवे, श ो तणी गुंथणी करी,
े े िनजभािव जाणी, नेमनी ितमा भरी; ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥२०॥
गणधर भुना ए थया, वरद िशववधू धणी,
ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥१८॥ िगरनार मिहमा आज गायो, श ुंजय महातमथी लई,
ेम – चं – धम पसाये, हे म सूरोने ही;
आय-अनाय पृ ी पर, ितबोधतां िवचरण करे , हिषत ब ा नरनारी सौ, अद् भूत गरीमाने सुणी,
िनवाणकाळ समीप जाणी, रै वते भु पाछा फरे , ए िगरनारने वंदता, पापो बधां दू रे जतां. ॥२१॥
⁕⁕⁕⁕⁕
जे भु तणा सं रणथी, संताप सिव मनना टळे , िन ाम िनमल िनिवकारी, नेिमनाथ नमुं सदा,
जे भु तणा दशन थकी, दु :ख दु रत दद दू र टळे , चा ं उ वल जीवनमां, लागे कलंक नही ं कदा,
जे भु तणा वंदन थकी, िवरमे िवषयने वासना अिवकारता रहो ि मां, बस आटली मुज ाथना.
िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥१॥ िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥५॥
रमणीय राजुल जेवी नारी जी दीधी पळवारमां अंजन स रखा पण िनरं जन, राग े ष िवनाशथी
रमणीनुं प िव प ला ुं, पशु तणा पोकारमां, छो ाम पण जीवन तमा ं , शोभे शुभ काशथी
राजीमतीनुं शुं थशे, ण मा निव करी क ना, केवो िवरोधाभास, तारा पनी शी क ना,
िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥२॥ िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥६॥
तोरण सुधी आवीने पण, पाछा व ा जीव ेमथी, रै वतिग रना िशखर पर, भु मुकुट मणी सम ओपतां
िनद ष पशुओनी कतल, जोवाय केम भु नेमथी, मनोहा रणी मु ाथी भिवमां, बोिधना बीज ओपता,
अंतर अने क णा भीनुं, बस आटली मुज ाथना है युं छे हषिवभोर आजे, हवे न रही कोई झंखना,
िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥३॥ िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥७॥
जे भोगना काळे अनुपम, योगने साधी गया, उ ंगिग र िगरनार नजरे दू रथी दे खाय ां,
विनताना संगम काळमां, िवरित शुं ीत बांधी गया, उभराय आनंद रोमे रोमे नयन बे छलकाय ां
महास शाळी िशरोमणी, भु स नी क ं याचना मळशे हवे दशन भुनुं, ासे ासे भावना,
िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥४॥ िगरनार मंडण नेिमिजन ने, भावथी क ं वंदना. ॥८॥
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— 17 —
• हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो •
तज: (अ रहं त वंदनावली / मंिदर छो मु तणा )
शौरीपुरी िगरनारमां, क ाणको ताहरा थया, पिडमा बनावुं जगमही ं, सिव मूरित ने जुहारवा,
रांतेज वालम परोली, भोरोलमां भािसत थया; तुं सहाय करजे मुजने, भवजलिधमांथी तारवा;
कंु भारीयाजी दे लवाडे , वंदना अवधारजो, वीतराग सह ी संघ भ , पामवा भवपार जो,
हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥१॥ हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥९॥
महाशंख फंु की श ुओनी, श ओ सौ संहरी, अनुकूळतामां खुश थातो, ितकूळता गमती नही ं,
रणभूिम पर ी कृ ना, महासै नी र ा करी; िदनरात जाता एम मारा, रितने अरित मही ं;
बस आ रीते हे नाथ, आं तर श ु मुज संहारजो, जे पाप थानक पंदरमुं, ते दू र करवा िवचारजो,
हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥२॥ हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥१०॥
पोकार पशुओना सुणी, स ने भु तमे उ या, वीशे िवचरता िवहरमानो, भ करवा कोड छे
दी ा लई केवल वरी, ब ने भु तमे उ या; तुं सहाय कर जो मुजने, तो ताहरे शी खोड छे ;
मारी िवनवणी छे हवे, मुजने भु उ ारजो, कर कृपा जेथी ल ं ं , सुर लोक मां अवतार जो,
हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥४॥ हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥१२॥
ामल छबी शमाद नयनो, प आ रिळयामणुं, पंच भरतने ऐरावते, ितम महािवदे हे जे वसे,
मुखडुं मनोहर आकृित, रमणीय त सोहामणुं; तधारी केवली नामधारी, ावकािद जे हशे;
आ सव अंितम समयमां, मुज नयनमां अवतारजो, सुरश थी तेहने क ं ं, भ मां िशरदारजो,
हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥६॥ हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥१४॥
— 18 —
आ भरतमां ेतांबर के होय, िदगंबर भले, एक ज हो मुज महािवदे हे, संघभ कारणे,
थानकवासी तेरापंथी, मो माग जे मले; मण गण के ावको हो, आवजो मुज बारणे;
वीतरागी बनवा झर
ू ता, ित नमन वारं वार जो, जे जे चहे ते ते दउं ं तेहने पलवार जो,
हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥१७॥ हे नेिमनाथ िजने , मारी ाथना ीकारजो. ॥१८॥
⁕⁕⁕⁕⁕
ंगो हां उ ुंग छे ने कंदरा कोतर घणी, ीकृ ना बांधव तमे नंदन िशवादे वी तणां;
हरणां ब झरणां ब वनमां फरे छे केसरी राजा समु िपता तुमारा, राजुला तुज ि यतमा
िगरनार योगीनी भूिम ां शामळानां बेसणां अमने तमारा जन बनवां एक छे आकंखना;
ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥१॥ ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥५॥
आ वादळा ाल जल वरसावतां चरणे पडी छे शंख लंछन ताह ने शंख फंु ो तो तमे
आ तारलां तुज आं गी रचतां रोज िग र िशखरे अडी तारा ज मा तापथी शंखे रा पा ा अमे
चंदा-सूरजने पण थती दीवडां थवानी झंखना हे नाथ ! मुज िनम ही करवां नाद करजो शंखना
ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥२॥ ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥६॥
गत चोवीसीनां तीथपित "सागर" तणा उपदे शथी: आ कामनां कीडा तणी पीडा मने कोरी रही;
पधरावी इ े पूजीया असं वष हे तथी, नैनो थया िवषयी अने जी ा िवकारोनी रही
ीकृ आवासे रही पाताळने अजवाळतां; भणी मं - गा डी बनी करो दू र झेर अनंगना
ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥३॥ ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥७॥
वळी ा र ाशा तणी भ थी शासन दे वता संगे चडीने वायुनां आ तुज धजा नतन करे ;
िगरनार िग रना िशखर उपर सोंपता परमातमा कळशो सुवण तणां गगननां चांदने दपण धरे
आलंबने फळी गई कंईक भ ातमानी साधना 'उदयाचले' थी सूय पण द रशन करे परभातना
ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥४॥ ी चारी नेिमिजनने वंदना हो वंदना. ॥८॥
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— 19 —
• िनर ुं हशे ते ारे जेमणे ते ध छे •
— 20 —
छ थकळे िदवस चो न अ म पणे र ा, नव नव जनमनी ीतडी ी नेमराजुलनी हती,
तप ान केरा उ अनले घाती कम ने द ा; अही ं दे हनो संबंध तोडी तेमणे जे शा ती;
सहसा वनमां ेिण मांडी केवल ी मेळवे, ीित तणो संबंध जो ो मु केरा मांडवे,
िनर ुं हशे ते ारे जेमणे ते ध छे . ॥१८॥ िनर ुं हशे ते ारे जेमणे ते ध छे . ॥२४॥
तुज तीथमां वीस कोटी मुिननी साथे पांडव भव तया, िगरनारिग र शणगार तमने कोिट कोिट वंदना,
वळी शांब ने द् यु ोडो साधु साथे िशव वया; राजुल तणा भरतार तमने कोिट कोिट वंदना;
वसुदेवने ी कृ नो प रवार पण मु लहे , योगी रोना नाथ तमने कोिट कोिट वंदना,
िनर ुं हशे ते ारे जेमणे ते ध छे . ॥२१॥ नवभव तणा संगाथ तमने कोिट कोिट वंदना,
िनर ुं हशे ते ारे जेमणे ते ध छे . ॥२७॥
जेणे महायु ो कया ोडो मनुज संहारना,
ते कृ वासुदेव पण सेवे चरणयुग आपना; िगरनार िग र पर जुग जुगोथी जेमना छ बेसणां,
स क पामी बांधता िजनपद दायक कमने, जे नाथनी क णा थकी पंथे च ो अनुभव तणा;
िनर ुं हशे ते ारे जेमणे ते ध छे . ॥२२॥ दशन करा ा परमना ते नाथ ने वतां वे,
मांगे “धुरंधर िवजय” दे जो बोिध लाभ भवे भवे,
छे ना कयु मुज कर हण त नाथ आवी मांडवे, िनर ुं हशे ते ारे जेमणे ते ध छे . ॥२८॥
तारा ज करथी त हण ं करीश आवीने हवे;
⁕⁕⁕⁕⁕
भणुं केटलुं ं तुजने, सव ामी तुं र ो, जुग जुग रहो हे नाथ ता ं , नाम आ जगने िवषे,
सिव गुण पयायनो, भु जाणनारो तुं क ो; भले मो मुजने ना मले, र ं गुण गावा जग िवषे;
ां ां र ं जे ते समे, तुज ान हो िनरं तर, बोिध समािध वा भरपूर दो परमे र,
वंदन क धरी भाव िदलमां नेिमनाथ िजने रम. ॥१॥ वंदन क धरी भाव िदलमां नेिमनाथ िजने रम. ॥३॥
तुज जीवनकेरा ि पाते, मुज जीवन मंगल वसो, नेिमिजन तुम गुण गाता, गुण गटे मुज घणा,
पंचे यनी जे भरी ते, वासनाओ दू र खसो; मंिदर मूरित दे खी हरखुं, नेिम िजन हे तुज तणां;
िनरमलतां एवी भु ो, – पर िनमल करं , ित ं लोकमां अ ितम भासे, दाता नेिम गुणकरं ,
वंदन क धरी भाव िदलमां नेिमनाथ िजने रम. ॥२॥ वंदन क धरी भाव िदलमां नेिमनाथ िजने रम. ॥४॥
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— 21 —
• हे नेिमिजन ! मारा दयमां शौयरस ज ावजो •
राजीमती तमने मनावा नाथ वलवलती हती, ं इ योना संगमां िदनरात ामी राचतो,
तो ये तमे संयमतणा संक थी ड ा नथी, एनो नचा ो नाच ं घेलो बनी ने नाचतो,
हे स मूित! स ए आ स हीन ने आपजो, इ य िवजयनो चांदलो मुज भाल पर चमकावजो,
हे नेिमिजन ! मारा दयमां शौयरस ज ावजो. ॥१॥ हे नेिमिजन ! मारा दयमां शौयरस ज ावजो. ॥५॥
जे स आराधी तमे राजीमती छोडी गया, जेने बनी परवश अनंता जीव दु गितमां प ा,
जे स साधी िवषयनी स वासना तोडी गया, जेने करी -वश अनंता जीव िस िशखर च ा,
ते स नुं ितिबंब मारा जीवनपट पर पाडजो, वशीकरण करवा मनतणुं कोई मं डो आपजो,
हे नेिमिजन ! मारा दयमां शौयरस ज ावजो. ॥२॥ हे नेिमिजन ! मारा दयमा शौयरस ज ावजो. ॥६॥
तोरण समय पोकार पशुओनो सुणी ामी तमे, ह रसै पर ारे जरासंघे जराओ पाथरी,
छोडी बधुं पलवारमा पहोंची गया सहसावने, तप साधना ारे बतावीने तमे र ा करी,
मुजमां एवं ाग स हवे भु िवकसावजो, मुजनेय मोहजरा सतावे को उपाय बतावजो,
हे नेिमिजन ! मारा दयमां शौयरस ज ावजो. ॥३॥ हे नेिमिजन ! मारा दयमा शौयरस ज ावजो. ॥७॥
तव जीवनमां िवषयो-िवकारो नाथजी एके नथी, गोमेध ने माँ अंिबकाने चरणसेवा दई दीधी,
ं शुं क ं मारा जीवनमा ए िवना कशुंये नथी, वळी धार स न आिदने भु तीथ सेवा दई दीधी,
िवनवू हवे मुजमां अनास लंत जगावजो, एवा ज डा अवसरो मुजनेय ामी आपजो,
हे नेिमिजन ! मारा दयमा शौयरस ज ावजो. ॥४॥ हे नेिमिजन ! मारा दयमा शौयरस ज ावजो. ॥८॥
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अ ानना अंधकारमां कई माग मुजने नां मळे , मुज ाण तुं मुज ाण तुं, मुज जीवननो आधार तुं,
तारा शरण िवना भु उधार मुजने नां मळे , मुज ास तुं िव ास तुं, मुज दयनो धबकार तुं,
तुज माग पर चाली शकंु एवुं स नेमी आपजो, तारा भरोसे छे जीवन आ, तुं भु मने तारजे,
नेमी शरण नेमी रण आपो मने आपो मने. ॥२॥ नेमी शरण नेमी रण आपो मने आपो मने. ॥५॥
शौरीपुरीमां जनिमया िशवादे वीना नंद छो, तुज नाममां भु एवुं बळ, मुज नामकम िनवारतुं,
क णा तणा सागर भु, राजुल ना तमे कंत छो, तुज दश मां भु एवुं बळ, मुज जीवनने नीखारतुं,
राजुल तारी तेम नेमी मुजने पण तारजो, तुज वाणीमां भु एवुं बळ, मु पुरी पहोंचाडतुं,
नेमी शरण नेमी रण आपो मने आपो मने. ॥३॥ नेमी शरण नेमी रण आपो मने आपो मने. ॥६॥
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— 22 —
• भवोभव मळो नेिमिजन तुज सहारो •
तज: (सेवो पास शंखे रा मन हे )
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मेघ सम दे हकांित पेखी, मन मयूर नाची र ो, कोट मुिन वया मु आपने भावे वे,
पुनमचंद वदन िनहाळी, दय चकोर हरखीयो; ते िनसुणी आ ो भु, िन ार करजो भवदवे. ॥३॥
दशन अमृत पान दीधुं नयनोने आपे खरे ,
दशन सरोवर हं सलो, गुण मोतीनो चारो चरे . ॥१॥ सागर भुनी दे शना, माधव सुणीने हरखीया,
अंजन रतन पिडमा भरावी, िवमाने थापीया;
म र धरी िम ा ी सुरे, पारणे पो ा ही, अित ाचीन पिडमा, अंबाए हे ते दीधी.,
लई जई गगने ाने जा ो, अ ानी सुरने तही ं; ते नेिम भुना द रसने, आनंद उरमांही वधी. ॥४॥
श बळांश आपनो, धरतीए खूंपी गयो,
स क नो पसाय पा ो, आपना चरणे र ो. ॥२॥ कोडाकोडी वीश सागर, लाख ून भु तमे,
पावन ो छे िव ने पगला पुिनत पाडी तमे;
द ा केवल मु अथ नेम पधाया भूधरे , सु ा वणे भावधरी, आ ो भु उलट धरी,
ध ब ो िगरनार ारे , आपना चरणो धरे ; दशन अमीरस मेह वृठा, तृ ी पा ो आखरी. ॥५॥
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• गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना •
तज: (मंिदर छो मु तणा )
जे अमर श ुंजयिग रनुं, िशखर पंचम शोभतुं, िगरनारना सांिन मां, पामे स शाता ब ,
सोवनमयी सोरठ धरा पर, ितलकसम जे दीपतुं; िगरनारना सद ानथी, पापो टळे संिचत स ,
उ ुंग जेना िशखर पर छे नेिमिजनना बेसणा, िगरनारना आलंबने, उ ळ बने छे आतमा.
गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥१॥ गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥५॥
जे परम उ म ंग पर, ी नेिमिजन दीि त ब ां, अ पण शुभ भावथी जे, ान िग रवरनुं धरे ,
केवल करी केई जीवतारी ने भु िशव संचया. चोथे भवे सिव कम टाळी, ते भिव िशवपद वरे ,
चोवीशे भावी िजनवरा ां पामशे सुख शा ता. मिहमा अपार िग रतणो, श ो मही ं कहे वाय ना.
गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥२॥ गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥६॥
जेने सदा सेवी र ां, सुर असुरने नरपित अहो ! पावन करे तन मन भिवकजन, आ िग रना शथी,
ण कालमां ण लोकमां, यश जेहनो गाजी र ो, आतम बने पावन अहो, ी नेिमिजनना दशथी,
रै वतिग र, कैलास वळी नंदभ नामो गाजतां, णयोग सफळ बने, िग रने िग रपित वंदता.
गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥३॥ गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥७॥
सुरलोकथी पण अिधक सोहे , पृ ी आ िगरनारनी, िगरनारना शुभ दशने, नयना सफल मारा थयां,
ां पुिनत पंगले संचया, िशवादे वी नंदन जगपित, िगरनारनी या ा करी, गा ो सफल मारा थयां,
राजुल पण िवरित वरीने पामी मु संपदा. ी नेिम िजनवर ! आपो मजने, परम नी संपदा.
गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥४॥ गरवा िग र िगरनार ने होजो सदा मुज वंदना. ॥८॥
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मळवुं छे तुजने नाथजी, जेम ोतने ोित मळे , उपसग मारा जीवनमां, अनुकूल के ितकूल हो,
भळवुं छे मुजने तुज मही ं, जेम िबंदु िसंधुमां भळे ; आिशष दे जो डगमगुना, फूल के भले शूल हो;
िवलंब ना शो भुजी, तडपी र ो छुं तुम िवना, मुज वेलडी सम आतमानो, तुम थकी उ ार छे ,
उपकारकारी नेिमवरने, भावथी क ं वंदना. ॥१॥ उपकारकारी नेिमवरने, भावथी क ं वंदना. ॥४॥
ित रोममां, ित ासमां, ित पलकमां, भु तुं ज छे मुज जीवननी सं ा ढळे , ारे रणमां आवजो,
आ सृि मां क ं ि ां, ते मां भु तुं ज छे समभाव मारो टकावीने, नवकार याद करावजो;
ित अणु अने परमाणुमां, संभळाय सूर तुज नामना, हवे मृ ुनो पण भय नथी, तुम नामनो जयकार छे
उपकारकारी नेिमवरने, भावथी क ं वंदना. ॥२॥ उपकारकारी नेिमवरने, भावथी क ं वंदना. ॥५॥
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• क ं नमन नेिम िजन चरणमां •
णामु ितिदन ेम थी परमा तारा िबंबने, महा चारी तुं िवभु अद् भूत छे तारी कथा,
बावीसमो तुं िजनपित भवपार करजे तुं मने, संसार फंदे ना फसायो राजीमती वरवा छतां,
मुज ाण तुं मुज ाण तुं मुज जीवननो आधार तुं, तुज नाम मं जपे शमी सह वासनाओ नी था,
क ं नमन नेिम िजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥१॥ क ं नमन नेिम िजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥५॥
िगरनार िगरी शणगार तुं, तुज धाम ए वखणाय छे , तुज ि थी ि मळे तो ि दोष टळे बधा,
श ुंजय भमती मही ं तुं भावथी पूजाय छे , तुज मूितमा मन जो भळे मन िनिवकारी बने तदा,
अबुदिगरीए लुणीग विसही मंिदरे तुज वास छे , तुज श थी महा नी िस सधाये सवदा,
क ं नमन नेिम िजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥२॥ क ं नमन नेिम िजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥६॥
गुजरात, राज थान ने सौरा तुज दे श छे , भगवान तुजने नीरखनारा िनिवकारी थाय छे ,
मालव दे शे तीथ आ था ताह सिवशेष छे , भगवान तुजने वंदनारा वंदनीय बनी जाय छे ,
रांतेज, वालम नाडलाई ितथपती पण तुं ज छे , भगवान तुजने भेटनारा भवथकी मुकाय छे ,
क ं नमन नेिम िजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥३॥ क ं नमन नेिमिजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥७॥
भोरोल तीथ भ ितमा जोई मन माझं ठरे , तुज मूितना दशन भु भवोभव मने मळता रहो,
बस बेसी जउं ध ं ान ता ं भाव ते ज थया करे , तुज भ नो अवसर भु भवोभव मने मळतो रहे ,
तुज ामवण पापहरणी मूित मुजने खूब गमे, "मु िकरण" नी ोत भवोभव दय मां जलती रहो,
क ं नमन नेिम िजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥४॥ क ं नमन नेिम िजन चरणमां रणमां रहे जो सदा.॥८॥
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संसार मां दु ः खो घणां, सुख मा ुं पण म ुं नही ं नेिमनाथ दादा तारा चरणे, एक िवनंती क ं
ने साचा सुख ने पामवा, मारी आ ा तरसी रही ारे तमारी आ ाथी, िवरितनो ं वेश ध ं
मांगुं छु साचा भाव थी, मुज भावना पूरी करो दादा तमे मारा जीवन मां, संयम जीवन िवसरीत करो
हे नेिमनाथ िजने रा, आ जीवन मुज सफळ करो. ॥१॥ हे नेिमनाथ िजने रा, आ जीवन मुज सफळ करो. ॥४॥
िव ास छे दादा तुं मुजने, माग साचो दे खाडशे दादा तमारा गुणो मांथी, एक गुण तो आपजो
राह जुए छे तारो बाळ आ, तुं ारे मने बोलावशे भु एटलु तो करजो,आ िवनंित ने अवधारजो
रजोहरण भु ारे मळशे, ज ीथी अपण करो संयम ना शणगार मां सजावी, संसार मण दु र करो
हे नेिमनाथ िजने रा, आ जीवन मुज सफळ करो. ॥२॥ हे नेिमनाथ िजने रा, आ जीवन मुज सफळ करो. ॥५॥
बाल चारी िगरनारी, नेम तुजने नमता दादा तमे सामु जुओ, िवनंती तारो बाळ करे
थाकी गया अमे स , आ संसारमा भमता संयम ना पंथे चालवाने, मन मा ं र ा करे
दादा तमारा पंथे चालुं, एवं मने वरदान दो िवरती ना रं गे रं गाई जाउ, दादा तमे आ ा करो
हे नेिमनाथ िजने रा, आ जीवन मुज सफळ करो. ॥३॥ हे नेिमनाथ िजने रा, आ जीवन मुज सफळ करो. ॥६॥
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• हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ •
तज: (भ ामर णत मौली )
मंिदर ण मूलनायक जामनगरे , तुं भाखतो शरण चार जगे रहे लो,
गोईंज गाम िज ामां जामनगरे ; अ रहं त िस ध मुिन केवलीए कहे लो;
रांतेजवालम परोली मही ं रसाळ, ते धमना शरण िवण गयो छे काळ,
हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥१॥ हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥९॥
नारलाई राणकपुर फलोिध दे खुं, जंगम अने तीरथ थावर जेह फरतां,
नाडोल पाडीव नगरे तुजने पेखुं; िगरनार तीरथ जई सिव कम हरतां;
दे लवाडा मांहे मूरित ताहरी िवशाळ, चोवीश िजन लहे शे िशव भािव काळ,
हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥४॥ हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥१२॥
मुंबई मही ं वसई गोखीरा नगरे सारी, िवध िवध तक करतां जीव जेह मळतां,
गोवधन नगर मुलु मांहे भारी; ो श जेथी मुज पास सुशांित रळतां;
िगरनार धाम भजे तेहनो जाय काळ, थरता लही ं गित करे तेह मो ढाळ,
हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥६॥ हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥१४॥
क मांहे तुंबडी अने सोंधडी गामे, अित हष साथे सुणतो ं बीजाना आळ,
महारा मां ितम वली दो ाम ठामे; वदतो वळी हरख साथे िविवध आळ;
चांदवड जालना माहे नमतो िनहाळ, करजे मा हे िजनराज म दीधा आळ,
हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥७॥ हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥१५॥
िडसा बीलीमोरा सुरे नगरे छाजे, कीधा घणां जीवनमांही कलह भारी,
मंिदर अने नगर नेिमनाथ राजे; वळी मानतो करणी तेह अितज सारी;
करे ज सफल लही ताहरी संभाळ, भाखुं ं तेह सिव जेम कहे ज बाळ,
हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥८॥ हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥१६॥
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म तो ल ो जीवन आशरो एक ताहरो, ज अने वन शौरीपुर गामे,
जनमो जनम मळजो मुज साथ तारो; ाणक ण नेिम िगरनार धामे;
सेवक ताहरो गणी मुजने तुं भाळ, शौरीपुरी ने िगरनार नमुं ि काळ,
हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥१७॥ हे नेिमनाथ िजनराज सुणो दयाळ. ॥१८॥
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• नेिम भ गान •
नेम भु ं पुछुं ेम, कम मारा केटला? चारीमां िशरदार िजनवर, नेम मूित तारनार
ज मरणना फेरा करवा, हजुए मारे केटला? किळयुगमां ए क वेली, िवषय वासना वारनार;
मो पुरीमां, जावा आडे आगळाओ केटला? दशन लह्युं जे ताह ं ते, पु केरा ागभार,
एक समता तुज िमले तो, भार एना केटला? ॥१॥ तारा शरण िवण आ जगे बीजो निह उगारनार ॥८॥
पहाडो मांथी नीकळे ारे , लागे नानुं झरणुं, नेिम भु ं अवर न याचुं, ता ं दशन िनत मळजो,
नेिम भुनुं मारे लेवुं. एवुं साचुं शरणुं; कुदे वनी सिव वासना संगत, िम ामित मारी बळजो;
झरणुं ारे आगे जातुं, नदी बनती मोटी, शासन ता ं पामी भुजी, भवभ ण मा ं टळजो,
नेिम भुनुं, शरणुं एवुं, कापे कम कोिट ॥२॥ अ रहं त दे व सुसाधु गु , वीतराग किथत धरम मळजे ॥९॥
शौ रपुरीमां, वन ज लई, दी ा लीधी सहे सावने, समु िवजय िशवादे वी नंदन, ाम वरण पिडमा िदठी,
चोपन िदनमां घाती खपावी, केवल पा ा सहे सावने; निह जपमाळा निह हिथयारो, ी िवना लागे मीठी;
सकल कमनो अंत करीने, िशव पा ा भु िगरनारे नयणा पावन करती पिडमा, जे भिवयण भावे भजता,
नेिम भुनुं शरणुं लेता, िगरनारे तेने तारे ॥३॥ एक भिवक थावा गित करतां,दू र भिवयण दू रे तजता॥१०॥
समवसरणमां, आप िबराजी, दीधी दे शना शु यदा, षडरस भोजन म कया, तोय ना हटे जे दीनता,
भ जीवो जे सांभळी हरखे, ं भट ो ां तदा? गुण ाम करतां ताहरा, आ य रसना िलनता;
नेिम भु तुज िबंब िनहाळी, भावुं भावना एह सदा, वाजी ं नाद सु ा घणा तोये, िच शा नव जरी,
समवसरणमां बेसी सुणीश ं ,िजनवाणी आकंठ कदा ॥४॥ नेिम भु तुज वाणी सुणता, कणयुग शा खरी ॥११॥
— 27 —
धन शौरीपुरीना मानवी, तुज ज क ाणक जुए, िवकार सौ सळगी जतां, ते धूनथी तस खूनमां,
धन ा रकना मानवी, दी ा क ाणक उजवे; नेिम िजने र ानथी, जीव रमण करतो पुनमां ॥१८॥
धन धरा िग र िगरनारनी, क ाणक ण संपजे,
गुण गान बावीस िजन गाता, पु अंकुर नीपजे ॥१५॥ चोथे भवे केवल लहे , िगरनार िग रवर ानथी,
मंिदर नेिम िजणंदनुं, सोहावे िग रवर शानथी,
शांब द् युमन वली, वसुदेवनी जे नारीओ, तीथपितने तीथ साथे, णमतो ब मानथी,
ग सुकुमाल गुणे भय , आं तर वैरी वारीओ; तरवो बधो संसार सागर, नेिमनाथ सुकानथी ॥१९॥
यदु कुलने सोहावता, नर नारीओ त तारीओ,
तुज कृपा भू ो तडपतो, भु केम मुज िवसारीओ ॥१६॥ िवचरता िजन वेगळा, नथी पु िकधुं परभवे,
बंधन घणा मुंझावनारा, नथी समरतो आ भवे;
िविध जो चूके तो ाम होवे, सरल ए जग उ ने, ं केम तुज पामी शकीश, तेथी ज आ पछीना भवे,
ते नाश िकधी ाम दे हे, पामी केवल मु ने; समािध मृ ु याचतो, नेिम िजनेसर भवे भवे ॥२०॥
ए शामळा बावीशमा, नेिम िजनेसर छे डीने,
छे कोण बीजो तारनारो, जाउं ं ां दोडीने ॥१७॥ तुज नाम लेता वांचता ने, सुणता मन उ से,
ां मूरित दे खुं ताहरी, ां अिधक आनंद उ से;
कोई पूवभवना पापथी, जेनी मित मैथुनमां, ं बेसता उठता सूता, नेिम रण क ं ताह ,
ते पापमित भूलवा रहे , चारी भु तुज धूनमा; आ जीवन तुज चरणे धयु, क ाण करजो माह ं ॥२१॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•ध छे (िगरनार) •
या ामां शाता अपनारो समीर शीतल ध छे , िजनभवन िनमाणे समिपत पुिनत पुदगल ध छे ,
मुज माग ने अजवाळनारा रिव िकरण ने ध छे , िजन िबंब पे पू तम पाषाण खंड ने ध छे ,
तडके िमत ने शांित दे ती मेघमाळा ध छे , सजन थी करता भाववधून िश ीछं द ने ध छे ,
णभर िवसामो आपता िव ांित थळ ने ध छे . ॥२॥ मजीवीओना र कण ेद िबंदु ने ध छे . ॥६॥
— 28 —
आ तीथनी करे शना ते याि कोने ध छे , िजन भवनने महे कावनारी धुपधाणी ध छे ,
न ाणुं या ाओ करे ते साधकोने ध छे , भु कांित पुंज रे लावनारी दीपमाळा ध छे ,
पदया ा संघे आवनारा भािवको पण ध छे , भु भ मां उ सावनारी चामराविल ध छे ,
धन य करी या ा करावे भावुको पण ध छे . ॥९॥ नेिमनाथ भ मां समिपत भ दयो ध छे . ॥१४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
• नेिमनाथ मारा हे भु •
तज: (जे ी भु दशन करे )
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— 29 —
♫
ाचीन
िवभाग
— 30 —
◈
चै वंदन
— 31 —
❖ ी नेिमनाथ भगवान ना चै वंदन ❖
(१) (५)
नेिमनाथ बावीशमा, अपरािजतथी आय; बावीसमा ी नेिमनाथ, िन ऊठी वंदो;
सौरीपुरमां अवतया, क ारािश सुहाय ...॥१॥ समु िवजय सुत भानु सम, भिवजन सुख कंदो ...॥१॥
योिन वाघ िववेकीने, रा सगण अद् भुत; सघन ाम द् युित दे हनी, दश धनुष शरीर;
रख१ िच ा चोपन िदन, मौनवंता मन पुत२ ...॥२॥ अिमत ांित यादव धणी, भांजे भवजल तीर ...॥२॥
वेतस हे ठे केवलीए, पंचसयां छ ीश; राजीमती रमणी तजी, चय धरे धीर;
३
वाचंयमशुं िशव वया, वीर नमे िनशिदश ...॥३॥ िशवरमणी सुखमां िवलसतां, भूप नमे धरी िशर ...॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕ ⁕⁕⁕⁕⁕
(३) (७)
बावीशमा ी नेिमनाथ, घोर त धारी; (४) अपरािजतथी आिवया, काितक विद बारस;
श अनंती जेहनी, ण भुवन सुखकारी ...॥१॥ ावण सुिद पंचमी जनिमया, यादव अवतंस ...॥१॥
इ च नागे ने, वासुदेवो सव; ावण सुिद छ े संजमी, आसो अमावस नाण;
च वितओ नेिमने, सेवे रही अगव ...॥२॥ सुिद अषाढनी आठमे, िशवसुख लहे रसाल ...॥२॥
कृ ािदक भ ो घणाए, जेनी सेवा सारे ; अ र नेिम अणपरिणया ए, राजीमतीना कंत;
एवा परमे र िवभु, सेवंता सुख भारे ...॥३॥ “ ानिवमल” गुण एहना, लोको र वृ ांत ...॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕ ⁕⁕⁕⁕⁕
(४) (८ )
नेिमनाथ बावीसमा, िशवादे वी माय; राजुल वर ी नेिमनाथ, शामिळयो सारो;
समु िवजय पृ ीपित, जे भुना ताय ...॥१॥ शंख लंछन दस धनुष दे ह, मनमोहन गारो ...॥१॥
दस धनुषनी दे हडी, आयु वरस हजार; समु िवजय राय कुळितलो, िशवादे वी सुत ारो;
शंख लंछनधर ामीजी, तजी राजुल नार ...॥२॥ सह वरसनुं आउखुं, पाळी सुखकारो ...॥२॥
शौरीपुरी नयरी भली ए, चारी भगवान; िगरनारे मु गया ए, शौरीपुरी अवतार;
िजन उ म पद “प ”ने, नमतां अिवचळ ठाण ...॥३॥ “ पिवजय” कहे वालहो, जगजीवन आधार ...॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕ ⁕⁕⁕⁕⁕
— 32 —
(९) (१२) राग: (अ रहं त नमो भगवंत नमो)
समु िवजय कुळचंद नंद, िशवादे वी जाया;
यादव वंश नभोमिण, शौरीपुरी ठाया ...॥१॥ जयवंत महं त िनरं जन छो,
दीनदयाळ िशरोमिण, पूरण सुरत काम ...॥३॥ जगनाथ अनाथ सनाथ करो,
पशुआं पोकार सुणी करी, छांडी गृहवास; मम पाप अमाप समूल हरो;
त ण संयम आदरी, करी कमनो नाश ...॥४॥ अरजी उर नेिम िजणंद धरो,
ज मरण भय टाळवा, “ ान” सदा सुखकार ...॥५॥ सुर अिचत वांिछत दायक छो,
स संघ तणा भु नायक छो;
⁕⁕⁕⁕⁕ िगरनार तणा गुण गायक छो,
(१०) कल “हं स” तणी गित लायक छो ...॥३॥
बाल चारी नेिमनाथ, समु िवजय दातार; ⁕⁕⁕⁕⁕
िशवादे वीनो लाडलो, राजुल वर भरथार ...॥१॥
तोरण आिवया नेमजी, पशुडे मां ो पोकार;
(१३) (छ — उपजाित)
(११) ⁕⁕⁕⁕⁕
िगरनार मंडन नेिम िजनवर, चरण पंकज सुखकरं ;
(१४) (छ — अनु टु प्)
क ं वंदना तुजने िनरं तर, चारी िजने रं ...॥१॥
समिकत लही राजीमतीशुं, ेह कीधो िहतकरं ; ॐ नमो िव नाथाय, ज तो चा रणे।
नवभव लगे बीजी नारी मेली, चारी िजने रं ...॥२॥ कम—व ी—वन— े द—नेमये—ऽ र नेमये ...॥१॥
दारा संतोष त त, सेिवयुं जे िहतकरं ; यदु वंश—समु े दु ः , कम—क — ताशनः ।
आखरी भव सव ागी, चारी िजने रं ...॥३॥ अर नेिमभगवान्, भूयाद् वोऽ र नाशनः ...॥२॥
ितबोध क रया जीव अनेको, िवचरीने आ महीपरं ; अन —परमान —पूणधाम व थतः ।
दश जीव िजनपद बांधता, चारी िजने रं ...॥४॥ भव ं भवता सा ी प तीह िजनोऽ खलः ...॥३॥
आनंददाता मा लिलत, सेवक “सुशीलकरं ”; ुव ावकं िब —म था कथमी शं।
समािध मरण सुधम याचे, चारी िजने रं ...॥५॥ मोदाितशयि े जायते भुवनाितगं ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 33 —
◈
वन
— 34 —
❖ आठ भवनी तमे ीत पाळीजी ❖
राग : (सोणी सहसा गोपीमां पटराणी कागळ ल ो - ए दे शी)
अमने मूकीने तुमे रै वत१ पधारीयाजी, संयम सुंदरी लईने रे — कां० ...॥२॥
⁕⁕⁕⁕⁕
आवी आवीने पाछो जाय, शामिलयो मारो आवी आवीने पाछो जाय;
हे , हे , हे , िगरनारनी गोखमां छु पाय. शाम ...॥१॥
— 35 —
कोई तो मनावो माडीना जाया, नही ं रे जवाय एम यादव राय;
हे , हे , हे , मननी ीत तोडी जाय. शाम ...॥७॥
⁕⁕⁕⁕⁕
❖ आ ा उ सेन दरबार ❖
राग : (मारा शामळा छो नाथ ारा / तारा शरणे आिवयो)
पित िवरह सुणी धरणी ढळे छे , राजुल कोटी कोटी िवलाप करे छे ,
मुजने छोडी न जाओ नाथ, ं तो आवुं तमारी साथ,
शामळीया नेमने िनहाळवा ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 36 —
❖ अब मोरी अरज सुनो महाराज ❖
राग : (िजन तेरे / डां राज महे लने ां गी)
⁕⁕⁕⁕⁕
गगने िजम २ह र—चाप पलक एक पे खये, खणमांहे ३िवसराल थाये निव दे खये !
ितम एह यैवन— प सकल चंचल अछे , चटको छे िदन चार ४िवरं ग ए पछे ...॥२॥
६
ए संसार िशवा—सुत एहवो ओळखी, राज रमणी ऋ छोडी थया पोते रखी,
कम खपावी आप गया िशव—मंिदरे , “दानिवजय” भु नामथी भव—सागर तरे ...॥५॥
— 37 —
❖ अरज सुणो हो नेम नगीना ❖
राग : ( रझो रझो ी वीर दे खी)
⁕⁕⁕⁕⁕
१
अ भवंतर वालही रे २ तुं मुज आतमराम — मनरा वहाला
मुगित—नारीशुं आपणे रे , सगपण कोई न काम — मनरा० ...॥१॥
— 38 —
पशु—जनने क णा करी रे , आणी दय िवचार — मनरा०
माणसनी क णा नही ं रे , ए कुण घर आचार ? — मनरा० ...॥४॥
१०
सखी कहे ए “शामळो रे ”, ं क ं – “ल ण ेत” — मनरा०
“ईण ल णे साची सखी रे ”, आप—िवचारे हे त — मनरा० ...॥१०॥
१३
सेवक िपण ते आदरे रे , तो रहे सेवक मा’म — मनरा०
आशय साथे चालीये रे , एिहज डुं काम — मनरा० ...॥१५॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 39 —
❖ बावीसमा नेमी िजणंदा, मुख दीठे परम आणंद ❖
राग : (िबंदलीनी - ए दे शी)
३
धीरीम िजत मे िगरी ंदा, गंभीरम ४शयन—मुकंु दा हो—िजन
सदा सु स मुख अरिवंदा, दं त छिब िच मिस ५कंु दा हो िजन ...॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 40 —
राजीमित—मनवालहो, यादव—कुल शणगार — मोरा०
“नयिवजय” भु वंदतां, िनतुिनतु जयजयकार — मोरा० भिव० ...॥७॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 41 —
❖ दे खत िह िच चोर िलयो ❖
(राग — मालकौंस)
राग : (मे िशखरे / शां ित िजने र / भावत ह मोहे ाम)
⁕⁕⁕⁕⁕
लोचन क णा अमृत कचोले, मुख सोहे अित नीको ...दे खा. ॥२॥
किव “जस” िवजय कहे यों सािहब, नेमजी ि भुवन टीको ...दे खा. ॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕
गोखे बेसीने राजुल जोई र ां, ारे आवे जादवकुळनो दीप रे ...॥४॥
— 42 —
सासुए नेमजीने पोंखीया, ालो मारो तोरण चढवा जाय रे ...॥६॥
⁕⁕⁕⁕⁕
❖ िगरनार िग र पर पूजो रे ❖
राग : (ऋषभ िजणंद दयाल)
समु िवजय कुल कमल िवकासन, कारण जैसा िदणंदा रे ... ी. ॥२॥
ाम वरण छबी लागत ारी, सेवो तुम भिव बंदा रे ... ी. ॥६॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 43 —
❖ हां रे ! मारे ! नेिम—िजनेसर अलवेसर आधार जो ❖
राग : (हां रे ! मारे ! धम—िजणंदशुं लागी पूरण— ितजो - ए दे शी)
१. भा ; २. खराब ; ३. सुंदर ; ४. े ; ५. पु
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— 44 —
❖ जाणुं छुं िजन ! गुण भया हो ! सांवलीया ामी ❖
⁕⁕⁕⁕⁕
— 45 —
❖ कां रथ वाळो ! हो राज, साहमुं िनहाळो ❖
राग : (द ण दोहीलो हो राज - ए दे शी)
९
मुगित विनता हो ! राज, सामा विनता हो ! राज,
तजी प रणीतारे , वाहला ! कां तुमे आदरो,
तुमने जे भावे हो ! राज, कुण समजावे ? हो राज,
िकम करी आवे रे ? ता ो१० कंु जर११ पाधरो ...॥६॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 46 —
❖ काम सुभट गयो हारी ❖
१
काम सुभट गयो हारी—थांशुं काम० रितपित आण वसे सौ सुर—नर,
२ ३ ४ ५
ह र— हर— मुरा र रे थांशुं० ...॥१॥
१. कामदे व ; २. िव ु ; ३. महादे व ; ४. ा;
५. कृ ; ६. िवडं िबत ; ७. िविश प ती
⁕⁕⁕⁕⁕
अटपटाई६ चले धरी कछु रोष, पशुअनके िशर दे करी दोष —िदल० ...॥२॥
ीित तनकिम८ तोरत९ आज, िकउं नावे मनम तु लाज? —िदल० ...॥४॥
तु ब नायक१० जानो न पीर११, िवरह लािग िजउं १२ वैरी को तीर —िदल० ...॥५॥
तुज िवन लागे सूनी१६ सेज, नही तनु तेज न हारद१७ हे ज —िदल० ...॥७॥
छो ं गी म निह तेरो संग, गिहली१८ चलुं िजउं छाया अंग —िदल० ...॥९॥
— 47 —
५. अजाणतां उतावळमां ; ६. गूंचवाईने ; ७. उ ासमां ; ८. तिनक= णवारमां ;
९. तोडी र ा छो ; १०. घणाना नायक= ामी ; ११. पीडा ; १२. जेम ;
१३. ठार=िशयाळामां वरसता िहम जेवो ; १४. अंगारा जेवा ; १५. गमता नथी ; १६. खाली ;
१७. हयानो ; १८. घेली=गां डा जेवी ; १९. रोमां चना उ ासवाळा शरीरवाळा
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 48 —
बेठक कारणीए राजुल महे ल चणा ा, राजुल जोवाने राखी बारी ...॥२॥
िकण रे कारणीए नेमजी तोरण बंधा ा?, िकण रे कारणीए राखी डोर ...॥५॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 49 —
पिहली६ वात िवमासीये७—दु ः ख तो न होय उपहास८ —िच
जो होय घर९ आपवा—दु ः ख, तोिहज दीज आश—िच ० ...॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 50 —
नरभव िचंतामिण पाया, तब चार चोर िमल आया,
मुझे चौटे म लूंट खाया, अब सार करो िजनराया;
िकस कारण दे र लगाया. िकस...म...॥५॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 51 —
❖ ारा नेिम िपयारा लो नेमजी ❖
(ढाल — लालुडानी)
१. चोमासामां
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— 52 —
❖ मेरी लागी लगन नेम ारे से ❖
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⁕⁕⁕⁕⁕
— 53 —
लालच दे ईने तु े , करी िनज नारी िनराश,
वचन स नां अवगणी, िगरनार कीधो वास—नयन० ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
२
बारवई वय (१२) छठ तपईजी (१३) वेतस त
(१४) मुिनमाल सहस३अडदस (१५) सुरी अंिबकाजी (१६)
गोमेध (१७) िजण—रखवाल —नेिम० ...॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 54 —
❖ नेिम — िजन जादव — कुळ ताय ❖
राग : (रामिग र)
⁕⁕⁕⁕⁕
८
फूलदडा गोळी नाखे, जे स —गढे करे चोट रे ,
कुच—युग क र—कंु भ थळे , हरती दय—कपाट रे —सािहबा० ...॥४॥
— 55 —
१. आखी थम गाथानो अथ — नेिमनाथ भु वीतराग छे , जेमणे मोहना थळे —जळ ीडा समये जई मोहना बळ असर वाळी
ी कृ वासुदेवनी पटराणीनां वचनो प मोह पी बळ म ने एकला भुए ठे ली नां ो;
२. धारीने ; ३. वींधी नाखनारा मािमक ; ४. आं गळी प कटारी ; ५. चोटलो—केशपाश प करपाण नानी तलवार ;
६. िसंदूरना सथा प भालने ; ७. सींगडीमां पाणी ; ८. स प गढ पर ; ९. दु नना श ो अने गोळा ;
१०. कोलाहल ; ११. फोगट ; १२. दश िदशामां ; १३. छोडावी ; १४. धीरज प ; १५. ाननी उ ेिण ; १६. बाण
⁕⁕⁕⁕⁕
— 56 —
इम अनंत गुण—रािशनो, पर पार न आवे;
सोभा चं “ पचं ” ने, िजन—धम शीखावे —नेिम० ...॥१०॥
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⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 57 —
❖ नेिमिजनेसर निमये नेह ुं ❖
राग : (भोिलडा रे हं सा िवषय न रािचये - ए दे शी)
(जेना रोम रोम मां ाग अने / िस ारथना रे नंदन िवनवुं)
१. ीकृ वासुदेव
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❖ नेिम िजनेसर वा ो रे ❖
⁕⁕⁕⁕⁕
— 58 —
❖ नेिम मोहे आरत तेरी हो ❖
राग : (मा )
१. िचंता ; २. गूंच
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— 59 —
दु ः खया दे खी पशु क णा करी रे , ते हम क णा थाय;
साचो दयालु जो दया लावशो रे , दायक नायक ाय ...नेिम. ॥२॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 60 —
❖ नेिम िनरं जन नाथ हमारे भंजन मदन रदन कहीये ❖
⁕⁕⁕⁕⁕
— 61 —
अ भवंतर ीतडी रे , पाळी पूरण ेम —मनना
“ ायसागर” सुखसंपदा रे , गटे सकळ सुख खेम —मनना० ...॥६॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 62 —
अ— श तारे टाळी श ता, करतां आ व नासेजी
संवर वाधेरे साथे िनजरा, आतम—भाव काशेजी—नेिम० ...॥५॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 63 —
अमे छीए गढ िगरनारमां, सुंदर सहसा रे वन;
ितहां तमे वहे ला पधारजो, जो होय संयमनो मन ...नेमजी. ॥२॥
⁕⁕⁕⁕⁕
❖ नेमजी रे तोरण ❖
राग : (बेना रे / दीकरी तो पारकी)
नेमजी रे ...तोरण आवीने, पाछा न जवाय, कंु वारी क ा राणी राजुल कहे वाय...
भु गुण गाय, सामे ज थाय...कंु वारी क ा राणी राजुल कहे वाय ...॥१॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 64 —
❖ नेमजी ! थ कांई हठ मां ो राज ❖
राग : (सोरठ)
⁕⁕⁕⁕⁕
— 65 —
पाणी सुगंध सुर कुसुमनी...अ रहं ताजी, वृि होय सुरसाल...भगवंताजी
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⁕⁕⁕⁕⁕
— 66 —
❖ पांच वरसना नेमजी, पाटी लई भणवा जाय ❖
राग : (मेरे मन की गंगा / जईये जईये / जीना यहाँ )
⁕⁕⁕⁕⁕
— 67 —
मोह गये जो तारशो, ितण वेळा हो कशो तुम उपगार;
सुख वेळा साजन घणा, दु ः ख वेळा हो िवरला संसार —परमातम० ...॥५॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 68 —
❖ रहो रहो रे यादव! दो घडीयो ❖
(राग : मालकौंस)
राग: (मारा नाथ नी वधाई वागे छे / बोलो बोलो रे शालीभ )
⁕⁕⁕⁕⁕
— 69 —
आिछ िवना लाछा नही रे , जुओ नी िवचारी आप रे
ेमसुधा िवण चाखवे रे , ो करो एवडो संताप रे ? रहो० ...॥५॥
एहवे राजुल—बोलडे रे , जस न चा ुं मन रे ख
“िवनय” भणे भु नेमजी रे , नारीने दो िनज वेष रे —रहो० ...॥७॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 70 —
१. स ताना सूरना ; २. भावतृषा प ; ३. समजण साथे ;
४. ीकाय ; ५. जाळवजो ; ६. तमने ; ७. मोटाई
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 71 —
❖ राजुल कहे पीउं नेमजी ❖
राग : (तुमे तमारा छोरडाना गुण मानो के ना - ए दे शी)
⁕⁕⁕⁕⁕
— 72 —
पहय चा र —चूडलो, राजुले रा ो अ—िवहड रं ग !
चारी िपयु नेिम ुं, लोक—लोको र छं डयो न संग—नेिम० ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
राजुल पूछे वात, हां ं वारी लाल ! नाह िनठु र छोडी ुं गयो ?
िवण—अवगुण उवेखी, हां ं वारी लाल ! नेिम वैरागी कहो ुं थयो ? ...॥१॥
सिहयर कहे सुिण वात, हां ं वारी लाल ! दोष न कोईणरो न ताहरो
या दु ने घाली घात, हां ं वारी लाल ! राजुल कहई, कुण दु न माहरो ? ...॥२॥
स ख कहई परगट दे ख, हां ं वारी लाल ! तईं नयण हरायो, िहरण ते वयरी ताहरो
ितिण ए दीधो दाव, हां ं वारी लाल ! टाणो लिहयो िववाह रे ...॥३॥
बीजी सखी कहई वात, हां ं वारी लाल ! दोष नही ं कोइ, इिण हरणरो
पिहला मतो न पोंसाच, हां ं वारी लाल ! ईण रईजी क ा परणरो ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 73 —
❖ सिहयां मोरी! सािहबो ने मनावो जो ❖
राग : (पर ाथी माहरे पाडोसी सुजाण जो, जातां ने वळतां मनडु ं रीझवेजोए दे शी)
सिहयां१ मोरी! सािहबो ने मनावो जो, िदलडुं ते दाझे२ पीऊ िवण३—दीठडे जो;
िदल मळीने४ कीधो दु शमन दावोजो, ५अबळाने बाळी यादव मीठडे जो ...॥१॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 74 —
❖ सांभळ ामी िच —सुखकारी ❖
राग : (वधमान िजनवर वरदायी - ए दे शी / इतनी श हम / हे अिवनाशी)
⁕⁕⁕⁕⁕
— 75 —
अण परणय त ले , दे जग सुख एह,
हरी मन बीहे ईहे , भु ुं धम—सनेह
६
हरी शणगारी नारी, तव जळ —मजजन जंित,
मा ुं मा ुं परणवुं, इम सिव नारी कहं ती ...॥३॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 76 —
❖ समु िवजय सुत नेम िनरागी ❖
शंख श सुणी कं ो मुकंु दा, कोउ नारायण भयो अहं कारी हो —यादव०
राज—सभाजन तुझ बल दे खी, १हरी िवचाय परणाउं एक नारी हो —यादव० ...॥२॥
छोरी चले िजनमे नही बोलुं, तुम चरन सरनकी भाइचेरी हो —यादव०,
संयम लीनो िजन समीपे, भु— ीितकी जानुं बिलहारी हो —यादव० ...॥६॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 77 —
जान लेई सब लईं साजशुं हो!, भु! आ ो तोरण बारजो
पशुअ पोकार सुणी चालीया जो, िजन लेई संयम—भार जो —नेम० ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 78 —
❖ शामळीया नेमजी, पातळीया नेमजी ❖
⁕⁕⁕⁕⁕
— 79 —
भुजी सार करो अब मेरी, ं तुम चरणनी ३जेह रे —शाम०
“ िचर” नेिम—राजुल गुण गावे, पावे सुख अ—छे ह रे —शाम० ...॥५॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 80 —
❖ शौरीपुर सोहामणुं रे —लाल ❖
राग : (एकिदन पुंड रक गणध ं रे लाल / कुंथु िजनेसर जाण जोरे लाल - ए दे शी)
⁕⁕⁕⁕⁕
— 81 —
िवण पर े जे पाछा व ा, तोरणथी रथ फेरी—राज—राजुल
ते शुं कारण जाणीए, पशुनी वात उदे री—राज—राजुल० ...॥३॥
२
हळधर ३का ा आडा फरी, बंधव ईम निव कीजे—राज—राजुल
छोकरवाद शाणा थई, करतां ल ा छीजे—राज—राजुल० ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 82 —
युं गु ने चरणे धरे , ं बोलुं ितम जसवाद;
कीित तुमारी छे घणी, “ल ी” सेवे तुम पाद— ी० ...॥८॥
⁕⁕⁕⁕⁕
१. आगममां
⁕⁕⁕⁕⁕
— 83 —
❖ सुखकर सािहब शामळो, िजनजी मारो ❖
राग : ( थम िजनेसर पूजवा सैयर मोरी)
२
ेवड मुज तजवा तणी िज० ं ती जो िशव ं श हो
३
अ—बला ४बाल उवेखवा—िजन०
शी करी एवडी ५धूंस हो—कामण० ...॥२॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 84 —
संयमधारी राजुल नारी, चा ा छे गढ िगरनार,
माग जातां मेघजी वर ा, भी ंजाया सतीना चीर रे ;
गया गुफा मोझारी, मनमां िवचारो. जुओ० ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 85 —
म पूरव कीधा पाप, ताप दाधी रे ,
पडे आं सु धार िवषाद११, वेलडी वाधी रे ...॥८॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 86 —
सोळ सहस अंतेउरी, का ईया उ ं ग;
रं गभर जाती जामनी, राधाजी के संग. तो० ...॥४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
२
चं कलंकी जेहथी रे हां, राम ने सीता—िवयोग, — मेरे०
ते कु—रं गने वयणले रे हां, पितआवे३ कुण लोक ? — मेरे० — मेरे० ...॥२॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 87 —
❖ तोरणथी रथ फेरीने हो राज, छटकी िकम ❖
राग : (थ कािन नावो माहरा मोहलमा हो रािज - ए दे शी)
तोरणथी रथ फेरीने हो राज, छटकी िकम िकम दीजे छे १हरे , ं वारी माहरा मोहना,
आठ भवांतर ीतडी हो राज ! तेहनो ना ो तुम मन नेह रे — ं ० ...॥१॥
कता : पू ी हं सर जी म. सा.
⁕⁕⁕⁕⁕
१
काचे रित मांडी सुरमिण छांडे कुण रे ? — यादवजी !
मीठी साकर मूकी खाये कुण वळी लुण रे ? — यादवजी !
मुज मन न सहाये तुज िवण बीजो दे व रे — यादवजी !
ं अहिनशी चा ं तुज, पय—पंकज—सेव रे — यादवजी ...॥२॥
२
सुर नंदन हे बाग ज िजम रहे वा संग रे — यादवजी !
— 88 —
िजम पंकज भृंगा शंकर गंगा रं ग रे — यादवजी !
िजम चंद चकोरा मेहा मोरा ीित रे — यादवजी !
तुजमां ं चा ं तुज गुणने, जोगे ते छती रे — यादवजी ...॥३॥
१. काचनी साथे ेम करी सुरमिण िचंतामिणने कोण छोडे ? (बीजी गाथानी १ली लीटीनो अथ) ;
२. जेम दे वो नंदन बगीचामां रहे वा त र होय ( ीजी गाथानी १ली लीटीनो अथ) ;
३. िविवध रीते ; ४. एकवार ; ५. संसार प समु नो ; ६. पार
⁕⁕⁕⁕⁕
दीसो छो जग ारा हो िदल ारा, वाया निव रहो, िकम करी दाखवुं ीत !
िजम जुओ केतकीवनमां हो वळी िदलम मन ते भमर ुं, ईम अम कुलवट रीत —िव० ...॥३॥
— 89 —
दीजे साहे ब सेवा हो सुखमेवा दे वा हे जथी अ करम मद मोड
“चतुरिवजय” िच धरवा हो सुख करवा वरवा नेमने सुंदर बे कर जोड —िव० ...॥७॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 90 —
❖ यौवन पा ना, जात न लागत वार ❖
(राग—ध ा ी)
राग : (डोिलम गुजरी - ए दे शी)
⁕⁕⁕⁕⁕
— 91 —
◈
थोय
— 92 —
(१) राग : (आिद िजनवर राया)
१. ईं ो
⁕⁕⁕⁕⁕
(२)
दु रतभयिनवारं , मोहिव ंसकारं ;
गुणवंतमिवकारं ा िस मुदारं ;
िजनवर जयकांरं, कमसं कलेशहारं :
भवजलिनिधतारं , नौिम नेिमकुमारं ...॥१॥
— 93 —
(नोंध : नीचे की यह थुई ( ुित) चार बार बोल सकते ह।)
(३) राग : (श ुंजय मंडन ऋषभ िजणंद दयाल)
िगरनारे िगरवो, वहालो नेिम िजणंद, अ ापद उपर, पूजी धरो आणंद;
िस ा नी रचना, गणधर करे अनेक, िदवाळी िदवसे, ो अंबाई िववेक ...॥१॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
(६)
⁕⁕⁕⁕⁕
— 94 —
(७) राग : (मनोहर मूित महावीर तणी)
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 95 —
(९) राग : (वीर िजने र अित अलवे र)
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
— 96 —
अ ापदे ी आिद िजनवर, वीर पावापुरी व ,
वासुपू चंपानयरी िस ा, नेम रै वतिग र व ;
स ेतिशखरे वीस िजनवर, मु पहोंता मुिनव ,
चोवीश िजनवर िन वंदु, सयल संघ सुखक ...॥२॥
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
(१३)
⁕⁕⁕⁕⁕
(१४) (छ : म ा ा ा)
— 97 —
ये या ायां ि भुवनगुरोराहता भ भाजः ,
तीथ तीथ िविहतमतय ीथनाथ ज ।
ल ा तीथािधपितपदवीमु कै ैवृषो ौ,
नूनं या मर—िमथुनं ेषणीयामव थाम् ...॥२॥
⁕⁕⁕⁕⁕
— 98 —
♬
अर्वाचीन
भक्तिगीत
♬
—99—
•आजआ
यीहै वोशु डी•
भघ
तर्ज:(जिंदगीकी
नाटू टेल
ड़ी)
जिसपलपे
थीपलकें प
ड़ी,
यीहै वोशु
आजआ भघडी...
मीठीमीठीसीकिलकारीयां,
प्यारीप्यारीसीकिलकारीयां...
लायीहै दे
खोखुशियाब
ड़ी,
यीहै वोशु
आजआ भघडी...
ओलाडले,
शिवदेवीके
समुद्रविजयके आं
गणे...
उसघडीको
है लाखोंनमन,
येजोजगतारने...
नेमिआ
पांचमथीवोसावनसुदि,
यीहै वोशु
आजआ भघडी...
Lyrics:PankajGolechha
⁕⁕⁕⁕⁕
•आपक्या
जा नेने नेश्वर•
मिजि
तर्ज:(आजनोचां
दलियोमनेला
गे)
आपक्याजानेने
मिजिनेश्वर
यहाँहमकै
सेजीयेजारहेहै
तुझकोमिलनेकीउम्मीदरखकर
ग़मके आं सूपीयेजारहेहै
तूसागरहै मैंओसबिंदु,मैं
ए कसुरतूसुरबिंदु
सातसुरोंकीजो
सरगमबनाकर,ते
रे गीतोंमेंह
मगार
हेहै
तुझकोमिलनेकी...
तेरे मुखड़ेपे
ममताजोमलके ,तेरे नैनोसे
जो
प्या
रछ लके
तेरीकरूणाऔरसमताकीबहती,गं
गाधारामेंहमन
हार
हेहै
तुझकोमिलनेकी...
तूसमुद्रविजयशि
वदेवीनंदन,ते
रे च
रणोंमें
चौ
सठइं
द्रा
मिटाहै मेरे भवभयका
फं दा,य
हीअ
रजीह
मसु
नाजा
रहेहै
तुझकोमिलनेकी...
⁕⁕⁕⁕⁕
—100—
•आपत्तीयोआ
वेभले•
तर्ज:(येहौसलाकै सेझुके )
(जयजयश्रीनेमिनाथनेमिनाथ...)
आपत्तीयोआवेभले,विघ्नोह
जारसतावेभ
ले
एकजछे झंखना,अनहदआराधना,सा
धुंहुं
सा
धना
फलताजे
सुखस जेमळे ,एनोय
शहुं त
मनेदउं
ळे तेनेमाराकरम,मा
दुः खम नीनेहै येलगावीदउं
चाहुंजनमोज
नम,भक्तितारीप
रम,सा
चोतारोधरम
आपत्तीयोआवेभले...
मृत्युक्षणेतुंसंगेरहे,तारीकृ पाथीसमाधीमळे ,
अंतिमश्वासेताराथकी,तनमनके
रीअशाताट
ळे ,
मांगुआनंदघन,पामुंसाधुजीवन,साचुंतारूशरण,
आपत्तीयोआवेभले...
Lyrics:DevardhiSaheb
⁕⁕⁕⁕⁕
•आतमजीनेआ ळीयुं•
खो
तर्ज:(पंखिडाने
आ
पिं
जरु)
आतमजीनेआखोळीयुं,बंधनबंधनलागे;
घणुंयेमथेतो
येआतम,मु
क्तिपदन
पामे...
मनोरथकीधांएणे,आतमअ
जवाळवा;
भगीरथकर्याप्रयासो,सि
द्धेसिधावा,
मुक्तिपुरीएजावा,तलपएनेलागी...
नरकतिर्यंचनीगतिमांएपटकायो;
देवमनुजनाभवे,मोहमायामांस
पडायो,
कमां,घ
चउगतिनाचो णुयेभटकायो...
रागअनेद्वे षनारे पाशमांफ
सायो,
क्रोधअनेमाननी,ज्वाळामांझ
डपायो,
तपनारे तापेत
पीनेहे
मजेवाथावुं...
गिरनारशरणअनेनेमिचरणनेपायो;
पुण्यके रोउदयजा
णी,आतमजीहरखायो,
जागृतथईनेहवे,धर्मनारं गेम्हा
ले...
⁕⁕⁕⁕⁕
—101—
•आवीआवीरे नेमजीनीजा
नरे •
नाचेअंगअंगबाजेचंगमृदंगने,रं गउ
मंगछ
वायो
झांझपखवाजवळीशरणाईनासादथकी,गीतमधुराग
वायो,
साजनमाजनकईक
ईराजन,आ
जना
हरखसमायो,
सजीशणगारकईनाचेन
रनारएम,ने
मजीएजा
नजुडायोरे ...(३)
दू रशरणाईनासू
रवागे..कईजानैयाडोलवाला
गे,
थइगान-तानमां
गुलतानरे ..
वीरे नेमजीनीजानरे ..(२)
आवीआ
आवीरे ..आवीरे ..आवीरे ..आवी
दवकु ळनीजानरे ..वळीगाजेछे डं
जुओजा कोनि
शानरे
वीरे नेमजीनीजानरे ..(२)
आवीआ
म्हालीरह्यांछे
कृ
ष्णमहाराजा,
वरणागीदीसेछे नेमवरराजा,
ल्यांछे तनमनभानरे ..(२)
कं ईभू
वीरे नेमजीनीजानरे ..(२)
आवीआ
द्वारिकानीनाररूपरूपनाअं
बार,
सजीसोळे शणगारउ
रआनंदअ
पार,
मुखमांछे जेनापानरे ..एनांगा
तामधुरांगा
नरे ..
वीरे नेमजीनीजानरे ..(२)
आवीआ
⁕⁕⁕⁕⁕
•आव्याह
ताप
रणवा,छो मचाल्या•
डीनेके
तर्ज:(आयेहो
मे
रीजिं
दगीमें)
आव्याहतापरणवा,छोडीनेके मचाल्या..(२)
नवभवनीप्रीतीमा
री..(२)तोडीनेके मचाल्या
तमेछोजीवनआधार,त
मेछोमा
रानाथ
तमेमारारखवैया,तमेछो
डीदिधोसा
थ
षह
शुंदो तोमा
रो,छोडीनेके मचाल्या..(२)
नवभवनीप्रीतीमा
री...
आंखोमारीरडेछे ,व
हेछे अश्रुधारा
बसनेमनेमबोले,हृदयनाध
बकारा
वरराजामांथीआप,वैरागीब
नीआ
व्या..(२)
नवभवनीप्रीतीमा
री...
Lyrics:SadhvijiBhagwant
⁕⁕⁕⁕⁕
—102—
•आवजोआ
वजो...गिरनार...•
तर्ज:(माउलीमाउलीरू
पतु
झे)
गिरनारगिरनारगिरनारगिरनार..(२)
श्रीगिरनारराजा,नेमिनाथसाचा,म
हिमात्र
णेलो
कमांगा
जतो,
शिवादेवीजाया,प्रणमुंतुजपाया,गि
रनारमंडनथईराजतो,
घआवोमंगलगीतोगा
सकळसं ओ,ओ
वारणांल
ईनेव
धावजो,
गिरनारगिरनारगिरनारगिरनार..(२)
उज्जयंतगिरिना
म,तीरथबेमिसाल,ज
टाधारीजो
गीजाणेलागतो,
सहासावनस्थान,अध्यात्मनुधाम,रो
मेरोमेआ
नंदउ
पजावतो,
घआवोमंगलगीतगा
सकळसं ओ,ओ
वारणांलईनेवधावजो...
{आवजोआवजोआवजो..(२)सं
घेमळी)..(२)
गिरनारगिरनारगिरनारगिरनार..(२)
जिनालयनोदे दार,सो
हेदे वविमान,ज
यनादगजावेधजा,
रै वतगिरिविशाल,बनीउ
भोम
शाल,मु
क्तिनीआ
पेसा
चीदि
शा,
सिद्धयोगीअहींआ
वता,मो
क्षनीसाधनासाधता,
देवदेवीगीतोगावतांने,कल्याणकभूमिनेपो
खता,
सहुगावेगिरिगुणगान,मनभ
रीभरीनाचता,
भावभक्तिभीनोवरसाद,अनहदआनंदपामता...
हो...चंडीसरमाबिराजेन
मिनाथदा
दा,वं
थलीमासोहेशीतलनाथदादा,
कृ पाअमउपरवरसावोजिनराया,वं
देविद्युतप्रभाश्रीजीगुरुमैया,
सुरिहिमांशुदादाद्यो
आशिषप्यारा,कहेधर्मरक्षितहे
मवल्लभमु
निराया,
{आवजोआवजोआवजो..(२)सं
घेमळी}..(२)
गिरनारगिरनारगिरनारगिरनार..(२)
हो...के वळज्ञानभू
मिनिर्वाणभू
मि,ब
नीध
न्यथ
योगिरनार,
तीर्थरक्षाकरे तीर्थसेवाकरे ,अधिष्टायिकाअं
बिकामात,
राजीमतीअहींआवतांरहनेमिच
लितथतां,
प्रायश्चितकरीशुद्धथ
तानेगि
रनारथी
सिद्धथता...
हो...साक्षीबन्योगिरनार,ज्यां
छे राजुलर
हनेमिनीटूं क,
चौदहजारनदीनाज्यां
नीर,गुणवंतोछे
ग
जपदकुं ड,
हो...रै वतगिरिनामतीरथछे
म
हान,आ
भू
मिपरप
गलांप्रभुमांडशे,
भाविचौवीसीजयांथीनिर्वाणपामशे,नेम
हिमाजेनोजि
नवरगावशे,
भक्तिभावलावोतीरथनेजुहारो,ओ
वारणांलईनेवधावजो,
{आवजोआवजोआवजो..(२)सं
घेमळी}..(२)
गिरनारगिरनारगिरनारगिरनार..(२)
—103—
श्यामळीसूरतमोहनीमूरत,उ
पजावेअ
जबअभिलाषा,
दन,अपलकनयन,पू
अनुपमव रणकरे जिज्ञासा,
समुद्रविजयनंदन,करुं कोटीन
मन,ल
ईआव्योएकजआशा,
लळीलळीपायेहुं पडीकरुं मांगणीथ
ईनेदासा,
तमेसकलजगतनात्राता,गि
रनारतीरथम
हाराजा,
सुणीसंघनाद,आपोशि
वमांवा
स,ने
मिनाथनि
रं जनव्हाला...
गिरनारगिरनारजयजयजयनेमिनाथ..(२)
समुद्रविजयनंदनशिवादेवीनंदनगिरनारमं
डनश्री
ने मिनाथ...
बोलोश्रीनेमिनाथस्वामीभगवाननीज
य...
⁕⁕⁕⁕⁕
•अमेचाल्यारे ग रनार•
ढ़गि
नेमि...ताराप्रेमी..नेमिनेमिनेमि...
अमेचाल्यारे ,(गढ़गिरनार)..(३)
एनावाटेतमेपणगया'ता,
वलनेमोक्षवर्या'ता,
व्रतके
राजुलनेछोडीपाछावळ्या'ता,
अखंडप्रीतनाकोलकर्याता...
मिनेमि..(२)ता
नेमिने राप्रेमी...
मिनेमि..(२)
नेमिने
अमेचाल्यारे ,(गढ़गिरनार)..(४)
तीर्थंकरोतणीएपावनभूमि,
कल्याणकोतणीखाणीरे ,
शाश्वतगिरितणीम
होरछे जेनी,
श्रद्धाघणीमनेएवातनी...
अमेचाल्यारे ,(गढ़गिरनार)..(४)
आशाबहुमोटीलई,तरशुंअमेश
रणुंलई,
वैराग्यअंतरमांभरी,जीवोप्रतिमैत्रीधरी,
परसंगसघळाछोडीने,परमार्थस
घळासाधीने,
आतमपरमपदपा
मशे,(एरा
जपथआराधीने)..(२)
दिशादईनिजप्रेमीने,रा
जुलनेतारीप्रभु,
नेहसाचव्योअबलाकही...
सबळारहीगयाहोप्र
भु..(२)
एमाटेहवे...
{तुममाटेथईअमेसं
यमल
ईशुं,
तुमवाटेज
ईअमेभवथीतरशुं…}..(२)
(संयमल
ईशुं...भवथीतरशुं)..(२)
Lyrics:P.P.AacharyaTirthbhadrasurijiMaharajsaheb
⁕⁕⁕⁕⁕
—104—
•आनंदरं ग,भगवंतसं
ग•
तर्ज:(राधाहीबा
वरीह
रीची)
आनंदरं ग,भगवंतसंग,अनहदउमंगउ
पजायो,
अमअंगअंगसागरतरं ग,उ
छरं गसुमंगलपायो,
गुणगानप्रभुनासुरतालमां,अ
द्भुतअनुपमचाले,
नेमिनाथमंदिरे मनोहर..नेमिनाथमंदिरे ..(२)
वीझाझरमान,शोभेजा
आंगीके णेदे
वविमान,
दीवेदीवेसोनेरी,ज्योतिकरतीनर्तनगान,
ण्यअमाराजाग्याके वा,भाग्यफळ्याछे
आपु के
वा,
जेशक्तिमळीछे तेनायोगे,क
रीएउत्तमसे
वा,
गुणगानप्रभुनासुरतालमां,अ
द्भुतअनुपमचाले,
नेमिनाथमंदिरे मनोहर..नेमिनाथमंदिरे ..(२)
खवारणछे ,जिनरायाभ
सुखकारणदुः वतारणछे ,
भयहारणमधमारणछे ,नेमिनाथगु
णधारणछे
,
जेभक्तिकरीतेओ
छीलागे,जागेनितनितप्रीति,
अमअंतरआ
हं मेशागातु,परमप्रभुनीगी
ति,
गुणगानप्रभुनासुरतालमां,अ
द्भुतअनुपमचाले,
नेमिनाथमंदिरे मनोहर..नेमिनाथमंदिरे ..(२)
Lyrics:DevardhiSaheb
⁕⁕⁕⁕⁕
•अंतरमांशु
भभावभरी,प्रे
मेक
रीएप्रणाम
अंतरमांशुभभावभरी,प्रेमेक
रीएप्र
णाम,
तारीप्रीतहो
सर्वदा,तु
जचरणेवि
श्राम
नेमिनाथ...नेमिनाथ...ने
मिनाथ.नेमिनाथ
अंधबनुहुं दे खवा,जगनाखेलतमाम
नीरखुंएकनेमिनाथने,जपुंनेमनुंनाम...नेमिनाथ...
चवनारोतुं,जगनोतातमहान,
मुजनेसा
तुंलईजाएजा
वुंत्यां,मा
रोने
मसु
कान.ने
मिनाथ...
त्रिभुवनतारणहारतुं,मारोए
कज
ना
थ,
हरक्षणअंतरमांर
हे,तारास्ने
हनोसा
थ...ने
मिनाथ...
⁕⁕⁕⁕⁕
—105—
•अरिष्टनेमिच ने•
लेसंयमले
तर्ज:(मोहब्बतेंलुटाउंगा)
संयमलेउंगा,मैंछो
डरा
जुलकासाथ-साथ,फि
रजाउंगा...
सबके प्रा
णोंकोआजआ
जब
चाउंगा...
वसरको,इसपलकोभू
इसअ लनापा
उंगा...
मैंभूलउसेनापा
उंगा...
अरिष्टनेमिचलेसंयमलेने,आयेथे
रा
जुलको
प्रतिबोधदे
ने,
आठभवोंकी
प्रीतकोनिभाया,सु
ख-साधनोंमें
जी
नलु
भाया,
संसारछोडूंगा...इसअवसरकोइसपलकोभूलनापाउंगा...
मैंभूलउसेनापा
उंगा...
एध्रू
राजुलरो सके ध्रूसके ,क्योंच
लेगएनेममुझकोछोडके ,
पनेमैंनेथे
कितनेस संजोये,ने
मजै
सेप्रीतममि
लेथे
...
अबनाछोडूंगा...इसअवसरको
इसपलको
भू
लना
पा
उंगा...
मैंभूलउसेनापा
उंगा...
संयमस्वीकाराछोडमोहमाया,के
वलज्ञानको
भीजल्दीसेपाया,
तोडसारे मु
कर्मोको क्तिकोपाया,आ
पके इ
स"पर्व"पे
दा
दा,
बारबारगि
रनारजाउंगा...इसअवसरकोइसपलकोभूलनापाउंगा...
मैंभूलउसेनापा
उंगा...
Lyrics:MuniShriRajparvaVijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•भगवन्शरणं•
भगवन्शरणंपरमम्शरणं,दे
वम्श
रणंअर्हम्शरणं
अजयम्शरणंअचलम्शरणं,गि
रनारपते:च
रणम्श
रणं
सत्वम्शरणंतत्वम्शरणं,ब्रह्मम्श
रणंध्रुवम्शरणं
ज्ञानम्शरणंध्या
नम्शरणं,गि
रनारपते:च
रणम्श
रणं
वचनम्शरणंत
रणम्श
रणं,नमनम्श
रणंस्मरणम्शरणं
अजयम्शरणंअरुजम्शरणं,गिरनारपते:च
रणम्श
रणं
रणंबुद्धंशरणं,प्रीतंशरणंगीतंशरणं
सिद्धंश
गुणंशरणंपूर्णंशरणं,गिरनारपते:च
रणम्श
रणं
स्वस्तिशरणंश
क्तिः शरणं,द्रष्टि:शरणंलब्धि:शरणं
तुष्टिः शरणंपुष्टिः शरणं,गि
रनारपते:च
रणम्श
रणं
⁕⁕⁕⁕⁕
—106—
•बधाईयाने
मिश्वरम्•
तर्ज:(सवारलूँ)
हवाके झोके लाएआजमीठापवन,
गुलोंकीसुखीयांखीलीहे बनके च
मन,
हीहे आजशौर्यपूरीकीधरा,
चमकर
खूशीसेझूमेआजतीनलोकजहाँ...
बधाईयाशिवानंदन...ब
धाईयाने
मिश्वरम्...
बजीहे आजढोल-शहनाईयां,
सूतीकरमको
आएआजदिग्कु मारियां,
इंद्र-इंद्राणीजाए,मेरूपेप्रभुकोलेके ,
हर्षसेकरे प्रभुकाजन्मअभिषेक...
बधाईयाशिवानंदन...ब
धाईयाने
मिश्वरम्...
बनाउंआजकोयलोंकोमे
राडा
किया,
कु हूकु हूमेंदे नाजन्मकीबधाईया,
श्यामवर्णजीवप्रेमी,बा
लब्रह्मचारी,
रनारीकोदे नाबधाईया...
नेमिगि
बधाईयाशिवानंदन...ब
धाईयाने
मिश्वरम्...
Lyrics:CharmiBaria
⁕⁕⁕⁕⁕
•चलोगि
रनारच रनार•
लोगि
न्यारोगढगिरनारविश्वनी
अजायबी,
बालब्रम्हचारीशोभेनेमिनाथजी,
तीर्थभक्तिमाटेसत्वथीसज्जथ
शुं,
हैयानाभावोथीप्रभुभक्तिक
रशुं,
अमसौनेरूडोआ
मळ्योछे अ
वसर,
कर्योसंकल्पहवेतीर्थसेवासत्वर
जयवंतोगिरनारगरवोआ
गिरनार..
जगमांप्यारोआगि
रनार....जगमांन्यारोआ
गिरनार...
जगमांप्यारोआगि
रनार....जगमांन्यारोआ
गिरनार...
रे वादळथीउभोगढगिरनारी,शा
वातक श्वतगिरीश
णगारने
मजीव्रतधारी,
यक्षरे गोमेधजी,मातरे अंबिका,क
रे शासनसेवा,ज
यहो
गि
रनारी,
शकरे ,मो
पापोनोना हनोपाशहरे ,
ग
नमोश्री ढगिरनार,न
मोश्रीनेमिनाथ...
जगमांप्यारोआगि
रनार....जगमांन्यारोआ
गिरनार
जगमांप्यारोआगि
रनार....जगमांन्यारोआ
गिरनार
—107—
नेमनाथनीटूं कशोभेज्यां
न्यारोआ
गिरनार,
कवसेज्यांन्यारोआ
मेरकवसीनीटूं गिरनार,
अमीझराप्रभुपार्श्वशोभेज्यांन्या
रोआ
गिरनार,
कु मारपाळनीटूं कवसेन्यारोआगि
रनार,
गजपदभीमकुं डशोभेज्यांन्यारोआगि
रनार,
ल्याणकभूमिशो
मोक्षक भेज्यांन्यारोआ
गिरनार,
राजुलनीगुफाशोभेज्यांन्यारोआगि
रनार,
क्षा-नाणज्यांन्यारोआगिरनार,
सहसावनेदी
विकारोनोविरामथायेज्यांन्या
रोआ
गिरनार,
ह्रासथा
कामनाओनो यज्यांन्यारोआगि
रनार,
चलोगिरनार....चलोगिरनार...
आतमउज्वळकरवाकाजेचलोसौगि
रनार,
तीर्थतणीभक्तिनेकाजेथा
ओसौ
तैयार,
आतमउज्वळकरवाकाजेचलोसौगि
रनार,
तीर्थतणीभक्तिनेकाजेथा
ओसौ
तैयार,
सूरिहिमांशुदादाअ
मनेआशिषद्यो
अ पार,
गिरनारतीर्थनीगाथाथायेज
गमां
हेज
यकार,
कारथायज्यां
संकल्पोसा न्यारोछे गि
रनार,
अणुअणुमांवसजोसौ
नातीर्थभक्तिनोप्यार...
चलोगिरनार...चलोगिरनार...
चलोगिरनार...चलोगिरनार...
Lyrics:PrashantbhaiShah(Dikubhai)
⁕⁕⁕⁕⁕
•चलोगि भी•
रनारस
तर्ज:(तोसेनै
ना)
रीकै
महिमाते सेगाउँमाँ,भक्तिकरुँ मैं
दिलसे
तेरीमाँ,
शक्तिदे ..(३)मु
झकोमै
याभक्तिकी
शक्तिदे
...
मिनेमि..(४)च
नेमिने लोगिरनारसभीमिलकरचले..(२)
दरबारमें
नेमिके ...च
लोगि
रनारसभीमिलकरच
ले..(२)
{नेमिहै मेरीसांसोंकीधड़कनमें,
भवानीहरे कष्टोंकोएकपलमें,
मेरे नेमिके
रहूँमें चरणोंमें,ने
मिरे ...}..(२)
धिकउपवासकिएत
मासअ ब,इन्द्रराजकीस्वर्णगु
फामें
ले
गई,
मातातुमसेपाईप्रतिमा,श्यामव
रत्नसारने र्णके
ने
मकी,
रा,भ
नामते क्तिते
री...भक्तितेरीमैंभी
क
रुँ ...
चलोगिरनारस
भीमिलकरच
ले..(२)
मिनेमि..(४)
नेमिने
—108—
मन्त्रीउदायन,पु
त्रवाहडा,मा
र्गबनायातेरे पुण्यसा
थसे,
संघवीवस्तुतेजपालके ,पै
दलसंघकी
र
क्षाकीथीआपने,
वोअम्बाजी,उन्होंनेकिया...उन्होंनेकियाते
रीभक्तिमें
...
चलोगिरनारस
भीमिलकरच
ले..(२)
धनअरुसूरिबप्पभट्टको,दिग्वसनोंसेविजयदिलाईआपने,
श्रद्धादे खकर,आ
मभूपकी,दो
ना
ककी
प्र
तिमादीगिरनारसे,
प्रसिद्धहै वो,खंभातमें...का
न्ति-मणिने
मि...
चलोगिरनारस
भीमिलकरच
ले..(२)
मिनेमि..(४)
नेमिने
Lyrics:MuniShreyansPrabhSagarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—109—
•चालोरे चालोजईये,गि ममां•
रनारधा
तर्ज:(बहेनाओ
बहेनाजोजेभा
ईआ
भुलायना
)
(गिरनारवालेनेमिनाथदादा...)
चालोरे चालोज
ईये,गि
रनारधा
ममां
आवोरे आवोसहुए,ने
मिनादरबारमां
जयजयश्रीगि
रनारने,ज
यजयश्री
नेमिनाथने...
डगलेनेपगलेदादा,ता
राछे
बे
सणा
दादानादरिशणविना,हवेर
हेवायना
(दादाताराबेसणा,ताराविनारहेवायना)...२
चालोरे चालो...
पलपलदादातारी,यादसतावे
भक्तोंतोप
लपलतारा,गुणलागावे
(पलपलतारीयादसतावे,पलपलतारागुणलागावे)...२
चालोरे चालो...
धर्मरक्षितसूरि,चंद्रब
नीने
पथीतपीने
हेमवल्लभजी,त
(तीर्थनीरक्षाकरवाकाजे,त
नने
एतपावेआजे)...२
चालोरे चालो...
दादाताराच
रणोंमां,श
रणामळजो
दादातारान
यनेथी,करूणावहावजो
(चरणोंमांशरणामळजो,नयनेथी"करूणा"वहावजो)...२
चालोरे चालो...
Lyrics:PravinShah
⁕⁕⁕⁕⁕
•चालोरे ...गिरनारज
इए•
तर्ज:(बेनारे )
चालोरे ...गिरनारज
इए,आ
तमनिर्मलथा
य,
भवोभवनापापोदु रे पलाय..(२)
जेकोईजाय,फे राटळीजाय..(२)
भवोभवनापापोदु रे पलाय..(२)
चौदचौदचैत्योच
मकीरह्याछे ,गि
रनारगिरिशिखरे ...(होगि
रनारगि
रिशिखरे ..)
नेमिजिननीमुरतजो
ता,है
युंप
ल-पलहरखे...(होहै युंप
ल-पलहरखे..)
चालोरे ...दर्शनकरतां-करतांमारूं ,अं
तरभीनुंथाय
भवोभवनापापोदु रे पलाय..(२)
—110—
दीक्षाके वलसहसावनेरे ,पंचमेगढ़निर्वाण...(होपंचमेग
ढ़निर्वाण..)
अनंतजिननात्रिकल्याणक,शास्त्रवचनप्रमाण...(होशास्त्रव
चनप्र
माण..)
चालोरे ...घेरबे
ठांत
सध्यानधरं ता,भ
वचोथेसुखपा
य
भवोभवनापापोदु रे पलाय..(२)
पापीअधमअहींजेकोईआवे,दु
ष्कर्मोनेख
पावे...(होदु ष्कर्मोनेख
पावे..)
वरजे
त्रसथा गिरिनेफरशे,दु
र्गतिदू रहटावे...(होदु
र्गतिदू रहटावे..)
चालोरे ...आगिरिवरनोमहिमामो
टो,क
हेतानआ
वेपा
र
भवोभवनापापोदु रे पलाय..(२)
⁕⁕⁕⁕⁕
•धनधनभू रनार•
मिगि
तर्ज:(जयजयग
रवीगुजरात)
धनधनभूमिगिरनार,मंगलभूमिगिरनार,
सोहेनेमतणोद
रबार,जयजयग
रवोगि
रनार...
वंदनवंदनवंदनवंदन,गि
रनारत
नेवंदन...
वंदनवंदनवंदनवंदन,ने
मनाथतनेवंदन...
सहसाम्रवनअभिराम,रू
डांदीक्षाके
वलज्ञान,
दत्तात्रयनीभव्यभूमिपर,प्र
भुपाम्यानि
र्वाण,
अलबेलुंतीरथधाम,ज
यजयग
रवोगि
रनार...
धनधनभूमिगिरनार...
तेज्यांसंभळाय,अद्रश्यमधुरघं
मध्यरा टनाद,
ऊर्मिळअनुपमशांतितणो,अंतरमाछे घुघवाट,
जाणेउतर्युदे वविमान,जयज
यगरवोगिरनार...
धनधनभूमिगिरनार...
अक्षरशीलाघंटाशीलाअंजनशीलासुखनाम,
बिंदुशीलासिद्धशीलाओज्यांछे
विद्यमान,
नोसाक्षातकार,ज
थायस्व यजयग
रवोगि
रनार...
धनधनभूमिगिरनार...
सिद्धयोगीओकरतांवास,स्व
नीशु
द्धिनेका
ज,
सिद्धपीठिका,र
साधनानी म्यभूमिगिरनार,
सिद्धिनाशि
खरसमान,धनध
नभूमिगिरनार,
मुक्तिनामु
गटसमान,ज
यजयगरवोगिरनार...
धनधनभूमिगिरनार...
Lyrics:BhartibenGada
⁕⁕⁕⁕⁕
—111—
•दुः खमांमाराने
मकाफी•
तर्ज:(दुः खमांमा
रीमाँ का
फी)
मारासोसंगाथी,दुः
सुखमां खमांमाराने
मकाफी,
अरजीहोयअंतरथीसाची,दे
तानेमबधाक
र्मोबाळी,
मारासोसंगाथी...
सुखमां
मुखडुतारुं जाणे,खिलतुंगुलाबछे
,
चंद्रमांतोआजेता
रा,रूपथीअं
जायछे
,
सोळे श्रणगारसजी,दु
नियानोना
थब
नी,
जीवनसोपुंछुं तने,हांकजेनाविकब
नी,
{डगलेप
गलेमारीलेजेसंभाळ,मो
हमायानेतुं
दे जेप्र
हार}..(२)
मारासोसंगाथी...
सुखमां
गिरनारे वसियोएतो,रा
जुलनोनाथरे ,
रातोनाशमणामां,एनोजवा
सरे ,
नेमविनाजीवनसुनी,अंधियारीरातरे ,
चारित्रकहेएने,अंतरनीआवातरे ,
{भवोभवनाआजेफे राट
ळशे,म
नडाना
मीतके
रानेमम
ळशे}..(२)
मारासोसंगाथी...
सुखमां
Lyrics:CharitraShah
⁕⁕⁕⁕⁕
•एकग
ढ़ेआ ढ़ेनेमिनाथ•
दिनाथ,एकग
तर्ज:(वोरहनेवा
लीम
हलोंकी
)
एकगढ़ेआ
दिनाथ,ए
कग
ढ़ेनेमिनाथ
शोभेछे सोरठदे
शे,सृष्टिनाशणगार
चालोरे जईए,गढ़गि
रनार,न
यणेनिरखीए,ने
मिनि
र्विकार
र्थ,तारणहार,अंतरमाव
शत्रुंजयती सिया,आ
दिअ
विकार...
ऋषभजिणंदाप्यारा,पू
र्वनव्वाणुंवा
रा,पा
वनक
र्योगि
रिराज..हो..
मंधरगावे,कोईनातोलेआ
महिमासी वे,स
र्वतीर्थोमांअधिराज..हो..
होंशेहोंशेजेच
ढ़ता,भवकू पेना
पडता...
दादानेभेटताहै ये,आ
नंदअ
परं पार...
सिद्धाचलतीर्थतारणहार,अंतरमाव
सियाआ
दिअविकार...
चालोरे जईए,गढ़गि
रनार,न
यणेनिरखीए,ने
मिनि
र्विकार...
श्यामसलूणास्वामी,आ
तमकल्याणनाका
मी,राजुलर
मणीनाह
ताप्रा
ण..हो..
गरवोगिरनारगाजे,कल्याणकभूमिछाजे,दी
क्षा-के वलने
निर्वाण..हो..
हसावनसोहे,परमशांतिमनमोहे...
सुंदरस
वीसीनी
आगामीचो मोक्षभूमिम
नोहार...
—112—
चालोरे जईए,गढ़गि
रनार,न
यणेनिरखीए,ने
मिनि
र्विकार...
विमलाचलतीरथतारणहार,अंतरमावसिया,आ
दिअ
विकार...
कृ पाराजेन्द्रव
रसे,गुरुजयन्तसेनहरशे,नि
त्यसेनसूरिउपकार..हो..
शाश्वतसंघोत्सवप्यारो,विमलली
लापरिवारो,भ
रियोपु
ण्यभंडार..हो..
जयन्तगिरिथीआवे,‘निपुण’वाणीथीगावे...
शाश्वतगिरिनोमहिमा,गा
तानाआवेपार...
चालोरे चालोग
ढ़गिरनार,सं
यमनाशमणाथा
शेसा
कार...
आव्यारे आव्यागढ़गिरनार,शोभेछे सुंदरनेमद
रबार
जा
थयोछे णेधन्यअवतार...बन्योछे
आ
जेधन्यअवतार...
Lyrics:MunirajShriNipunratnaVijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•एकरा
जकु मारीरे ,एनोप्री य•
तमपाछोजा
तर्ज:(पींजरे के पं
छीरे -नागमणि)
एकराजकु मारीरे ,एनोप्रीतमपाछोजा
य,
नीआं खडीमांथी,आं
आशाभरीए सुचाल्यांजायरे ,
एनोप्रीतमपा
छोजा
य...
रोवेराजुलनारीरे ,ए
नोप्रीतमपा
छोजाय,
एकराजकु मारीरे ...
मननेमांडवेतो
रणबांध्या,महेलोझरूखाशुं
श णगार्यारे ,
सूनाछे शणगारोस
घळा,मंडपखा
वाधाय,
एनोप्रीतमपा
छोजा
य...
नेमसुणेपशुओनीवा
णी,ए
नेकरुणादिलउ
भराणीरे ,
मारे काजेकैं कजीवोना,जीवनसळगीजा
य,
एतोके मेनास
हेवाय...
दुः खीयारीकहेराजुलनारी,ज
नमोजनमनीप्री
तवि
सारीरे ,
कोडभरीनाको
डअधूरा,है युंबळीबळीजाय,
एनोप्रीतमपा
छोजा
य...
मारुं जीवनमुजनेप्यारुं ,एवुंसहुनेजीवनप्या
रुं रे ,
लोसंयमपंथे,ज
राजुलचा न्मसफळबनीजाय,
रवानाट
फे राफ ळीजाय...
हुपातकछू ट्या,सं
दुः खदायीस सारनाज्यां
बं धनतू
ट्यारे ,
के वलपामीमुक्तिनगरना,मं
गलपंथेजाय,
एतोप्रीतमसाथेजाय...एकराजकु मारीरे ...
Lyrics:PravinDesai
⁕⁕⁕⁕⁕
—113—
•एवुंछे म•
नेमजीनुंना
तर्ज:(ताराविरहमांवां सळीशिखीनेतो
)
वाताएवायरामांवा
दळोनाना
चमां
शोभेछे गिरनारधाम...
जादुपणके
वुंकरे ,जादुकर्यावि
ना
एवुंछे नेमजीनुंना
म...
कोई'दिबावरोने,कोई'दिघे
लो
थईनेहुं चढतोगिरिपाय
नाचतोकु दतोनेमजापजपतो
आवुंएनादे
रानीमां
य
भक्तोनीभी
डजो
ई,भावोनीभ
रतीना
उमटेछे मोझातमाम
जादुपणके
वुंकरे ,जादुकर्यावि
ना
एवुंछे नेमजीनुंना
म...
पशुओनापोकारे ,जोगीथईरा
चवाने
पाछीवळे नेमजीनीजान
संयमशणगारे
सहसावनेए
रे छे गुणगान
राजुलक
रै वतगिरीएमुक्तिसुखमां
गवाने
र्युंछे
अंकितक नेमीनाम
जादुपणके
वुंकरे ,जादुकर्यावि
ना
एवुंछे नेमजीनुंना
म...
Lyrics:AnkitShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•घणीखम्मा•
तर्ज:(यारे यासा
रे या
)
घणीखम्मामारानेमप्रभुनेघ
णीख
म्मा...
जयगिरनारजयजयनेमिनाथ..(५)
{घणीखम्माघणीखम्मा..(२)नेमप्रभुनेघणीखम्मा..(२)
भुनुंगावुंआज,ने
नामप्र मिनि
रं जनसाहिबो,
गिरनारीमारोश्यामळो...}..(२)
गिरनारगिरिओशणगारतुं
,मा
राहृ
दयनोछे ध
बकारतुं,
राजुलनोनाथतुं
,पकडेजोहा
थतुं,
भवथीतरवाता
रीनावडीमांआवुंहुं ...
घणीखम्माघणीख
म्मा...
—114—
जोगीथईतुंबेठो,मा
सहसावनमां रे ब
नवुंयोगीहुं रा
हजो
ईबे
ठो,
तारीविरतीमुक्तिविराम,ताराज्ञाननीसु
वास,
कल्याणकोज्यांथा
ताअनंताएवागढगिरनारने
...
घणीखम्माघणीख
म्मा...हे
...घणीखम्मा...
Lyrics:KaivanShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरिवरउ
पकारी...गि खकारी...•
रनारसु
तर्जः (तारें है बा
राती)
उ
गिरिवरछे पकारीत
रणतारणछे
ज
हाज,
पंचमआरामांभवसागरतरवानोआ
धार,
रीभक्तिकरतांत
गिरिवरके रवोछे
संसार,
पकारी,गि
गिरिवरउ रिवरसुखकारी
पकारी,गि
गिरिवरज रिवरश्रेयकारी...
गिरनारछे उपकारीतरणतारणछे जहाज,
पंचमआरामांभवसागरतरवानोआ
धार,
गिरनारके रीभक्तिकरतांतरवोछे संसार,
गिरनारउपकारी,गिरनारसु
खकारी
गिरनारजपकारी,गिरनारश्रेयकारी...
आदिश्वरसिद्धाचलआव्यापूर्वनव्वाणुवार,
क्रोडअनंतासिद्धिपाम्याजयंतगिरिमोझार...शत्रुंजयमोझार,
सिद्धगिरिनेस्पर्शवानोअवसरआ
व्योआज...
पंचमआरामांभवसागरतरवानोआ
धार,
रीभक्तिकरतांत
गिरिवरके रवोछे
संसार,
पकारी,गि
गिरिवरउ रिवरसुखकारी
पकारी,गि
गिरिवरज रिवरश्रेयकारी...
सोरठदे शेसोहीर
ह्योछे गरवोग
ढगिरनार,
नेमिनाथदीक्षाके वळवळीपाम्याज्यांनि
र्वाण...पाम्याज्यांनि
र्वाण,
गिरनारनीगरिमानीगाथागाशुंम
ळीस
हुसाथ...
पंचमआरामांभवसागरतरवानोआ
धार,
गिरनारके रीभक्तिकरतांतरवोछे संसार,
गिरनारउपकारी,गिरनारसु
खकारी
गिरनारजपकारी,गिरनारश्रेयकारी...
जगमांतीरथदोबड़ाशत्रुंजयगिरनार,
एकगढऋ
षभसमोसर्यानेए
कगढनेमकु मार...एकग
ढनेमकु मार,
एकछे जाणेमुगटधरानो,ए
कछे
तिलकम
कान...
पंचमआरामांभवसागरतरवानोआ
धार,
—115—
रीभक्तिकरतांत
तीरथके रवोके सं
सार,
पकारी,ती
तीरथउ रथसुखकारी...
यकारी,तीरथश्रेयकारी...
तीरथज
रनारनो
शत्रुंजयगि महिमाकहेतानाआवेपार,
भावधरीनेयात्राकरे तेनोउ
तरे भ
वनोभार...उतरे भवनोभार,
प्रशमरसनीप्रा
प्तिथाये,सि
द्धिमळे तमाम...
पंचमआरामांभवसागरतरवानोआ
धार,
रीभक्तिकरतांत
तीरथके रवोछे संसार,
तकारी,गि
गिरिवरहि रिवरसुखकारी...
गिरनारहितकारी,गिरनारश्रेयकारी...
तकारी,गि
गिरिवरहि रिवरसुखकारी...
गिरनारहितकारी,गिरनारजयकारी...
Lyrics:BhartibenGada
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारआवोरे •
रनार...हो..गिरनार...
गिरनार...हो..गिरनार...गि
गिरनार...हो..गिरनार...गिरनार..गरवोगिरनार...
रनार...हो..गिरनार...
गिरनार...हो..गिरनार...गि
लितसंघजाओ,कर्मखपावो...हो..
छ'रीपा
नेमप्रभुनादर्शनपामी,धन्यथाओ.....
हो...सकलसंघआवोरे ..मंगलगीतोगा
वोरे ..
गिरनारजुहारोरे ...
हो...आवोरे ,पधारोरे ,आवोरे ..
गिरनार...आवोरे ,प
धारोरे ,आवोरे ..
गिरनार...आवोरे ..
मि,आवतीचोविसीनीनिर्वाणभू
कल्याणकोनीभू मि,
साधकोनीसाधनाभूमि..
प्रायः शाश्वतगिरि,पंचमगिरि,उ
ज्जयंतगिरि,
प्यारो..प्यारो..रै वतगिरि...
मिपाम्या,दीक्षा..के वलज्ञान..
सहसावनेने
रनार...हो..गिरनार...
गिरनार...हो..गिरनार...गि
आवोरे ,पधारोरे ,आवोरे ..
गिरनार...आवोरे ,प
धारोरे ,आवोरे ..
गिरनार...आवोरे ..
वंथलीमांशीतलनाथनमी,चालोज
ईएगि
रनारे नेमभे
टवा,
प्यारा...प्यारा..नेमजीभेटवा...
—116—
जागृतअंबिकादे वी,करजोसहायसौनेगि
रिभे
टवा,
प्यारा...प्यारा..नेमजीभेटवा...
वंदुहिमांशुसूरि,धर्मरक्षित,हे मवल्लभरा
या,
रनार...हो..गिरनार...
गिरनार...हो..गिरनार...गि
आवोरे ,पधारोरे ,आवोरे ..
गिरनार...आवोरे ,प
धारोरे ,आवोरे ..
गिरनार...आवोरे ..
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारगिरिचा
लोसौ लो•
,रै वतगिरिचा
जिहांअनंताजि
ननात्रणत्रणकल्याणकछे ,
नेमिजिननातिहांदीकखानाणनिर्वाणछे ,
भाविमांअनंताजिन..(२)था
शेनि
जस्वभावहीन,
ग्रंथोनापानेपानमां..(२)महिमाअपारछे
...
गिरनारगुणगा
ओसौ,गिरनारगुणगाओ...
गिरनारगुणगा
ओसौ...
गिरनारगिरिचालोसौ,रै वतगिरिचा
लो,
गिरनारगिरिचालोसौ...
जिहांज्वलंतजि
नालयोनीझाकझमाळछे ,
चौदचौदचैत्योनाशृंगोनीहा
रमाळछे
,
भावथीदर्शनकरो..(२)स्त
वनाअनेपूजनकरो,
अवसरअनेरोआवीयो,भ
विनामननेभावियो,
र्थनीतारकतानो..(२)पुण्यप्रभावछे ...
आती
गिरनारगुणगा
ओसौ,गिरनारगुणगाओ...
गिरनारगुणगा
ओसौ...
गिरनारगिरिचालोसौ,रै वतगिरिचा
लो,
गिरनारगिरिचालोसौ...
थ्वीनीपवित्रतानोस्वादसौमा
आपृ णीलो,
मिनीभव्यतानेदिलमांसौधा
आभू रीलो,
सहसावननेमाणीलो..(२)है
यानाभावथी,
पळे पळभासतीजिहांवाणीवैराग्यनी,
कै वल्यनोप्रकाशत्यां..(२)ए
वीआ
शथी,
गिरनारगुणगा
ओसौ,गिरनारगुणगाओ...
गिरनारगुणगा
ओसौ...
गिरनारगिरिचालोसौ,रै वतगिरिचा
लो,
गिरनारगिरिचालोसौ...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—117—
•गिरनारगिरिवरभे
टो•
नितध्यावोभविगिरनार,नामलेतांक
रे भवपार,
वरक
त्रसथा रे उद्धार,एतीरथगुणलांअपाररे ...
गिरनारगिरिवरभेटो,चौदराजमांनाज
डेजो
टोरे ...
जेपक्षीछायागिरिफरशे,दु र्गतिदुः
खते
नाखरशे,
घेरबेठांएगिरिध्यावे,भवचोथेशिवपदपावेरे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
वीशीजाणे,जि
प्रत्येकचो नदीक्षा-नाण-निर्वाण,
रिहानीखा
अनंताअ ण,क
ल्याणअ
नंतजिनमा
णरे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
गरजिनपास,क
अतीतसा रजोडीश
क्रवदेखा
स,
टशेमुजभवपाश,प्र
कदाछू भुपा
डेत
सप्रकाशरे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
गणधरनेमजीनाथाशो,गिरनारगि
रिशिवजा
शो,
ईमसागरजिननीवाणी,ब्रह्मेन्द्रेते
श्रवणेआणीरे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
प्रभुपडिमाईन्द्रेभरावी,बहुकाळसुरलोकमांठा
वी,
नेमिकाळे कृ ष्णघरे आ
वी,अंबिकागिरनारलावीरे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
आचारजबप्पभट्टाणंद,तीर्थसेवाक
रे भद्रेश्वर,
तीर्थोदयेहर्षअमंद,पा
मेनी
ति-हिमांशुसूरीवररे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
कु मार-वस्तु-तेजपाळ,संप्रतिसज्जननेधा
र,
पेथडझांझंणनेसंग्राम,करे ती
रथभगतीअ
पाररे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
दोयसहसबोहतेरवरसे,जे
ठसुदीत्रीजनेदि
वसे,
“हेम”ए
हगि
रिशनेफरशे,वल्लभपदति
हांते
तलसेरे ...
गिरनारगिरिवरभेटो...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—118—
•गिरनारगिरिवरभे विका•
टोभ
गिरनारगिरिवरभेटोभविका!गिरनारगि
रिवरभेटो..(२)
मिपदलेटो..(२)पापपडलस
ब्रह्मचारीने विमे
टो...
रे भविका...गिरनारगि
रिवरभे
टोभविका!गिरनारगिरिवरभे
टो
जिनअनंतईणगिरिखाण,व्र
तके
वल-निर्वाण..(२)रे भ
विका
नवरदी
नेमिजि क्षानाण,शि
वपुरपदवीजा
ण..रे भविका...
भीमसेनजेघोरपापी,तार्योतेहनेउगारी..(२)रे भविका
अतिदुर्भागी,थाएसमकितधारी...रे भ
दुर्गंधाजे विका...
गजपदजलजेजनफरसे,दुः
खदो
हगह
रशे..(२)रे भ
विका
घेरबेठांगिरिमनधरशे,भ
वचोथेशि
ववरशे...रे भविका...
सौभाग्यमंजरीजेबालिका,की
धीतसमहादेविका..(२)रे भविका
नेमिचरणपामीअंबिका,की
धीशासनसे
विका...रे भविका...
मि-अनामिभ
तार्याना वि,ता
रशेके
ईभावि..(२)रे भ
विका
"हेम"वदेएगिरिसेवी,पामोप
रमानंदधा
वी...रे भविका...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारगिरिवरन रखे•
यणेनि
तर्जः (गिरिवरदरिशनवि
रलापावे)
गिरनारगिरिवरनयणेनिरखे,पू
रवभ
वके
रापूण्यप
साये;
तटूं ककरे जेदुः खदो
परिक्रमासा हगत
सदू रपलाये...१
देवकोटनामेपहेलेशिखरे ,अ
नुपमच
उदजिनालयसोहे;
बीजेअंबाजीगोरखत्री
जेचोथेओघडमुजमनमो
हे...२
चमशिखरे ,नेमप्रभुजीमोक्षेसि
परमपददायकपं धावे;
छठे अनसुयासातमेकालिका,स
प्तशिखरईमगिरिसु
हावे...३
आवतईन्द्रइ
णगिरिउ
परे ,गजपदठावीनेकुं डबनावे;
णंदनीपूजाकजत्रिभुवनपावकजलति
नेमिजि हांलावे...४
द्विजकु लपामीपूरवभवमां,साधुदु गंछाकरे तीव्रभावे;
कर्मवशेभवरणमांभमीने,दु र्गंधादु रभिपणुंपा
वे...५
—119—
गजपदकुं डनोम
हिमासुणीने,रै वतगिरिवरया
त्राएआवे;
सातदिवसतसपावनज
लथीस्नानकरीसुगंधितथा
वे...६
पावनएजलपानथीभविना,सघळांरो
गोपलमांजावे;
निरमलनीरथीक्लिनेअर्ची,सर्वतीरथपूजनफ
ळपा
वे...७
‘सुरभि‘उदय’‘तापस“आलंबन,‘परमगिरि’‘श्रीगिरि’कहावे;
‘सप्तशिखर’‘चैतन्यगिरिवर',“अव्ययगिरिनासुरगुणगावे...८
ध्येयरूपेगिरिवरध्यावंता,आनंदघनआतमआ
राधे;
“हेम”प
रे तपतापेतपीने,त्रि
भुवनवल्लभशिवसुखसाधे...९
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
—120—
•गिरनारके नि
वासीन
मुंबा •
रबारहुं
आयोशरणति
हारप्रभुतारतारतुं
गिरनारके निवासी,नमुंबा
रबारहुं
...
करुणकाहै समंदरतेरीनिगाहमें
आतेहीशां
तिपातेतेरीपनाहमें
ब्रह्मधारसदाचारनिर्विकारतुं
आयोशरण...
पशुओकीपोकारसुनीसिर्फ एकबार
छु डाके बंधउनके तुनेछोडदियासंसार
एकबारनेमकु मारसुनपुकारतुं
आयोशरण...
बेठे थेजैसेराजुलके आत्मक
मलमे
वैसेहीबेठजानाहमारे जी
वनमें
सेवककीअरजसुणीतुंउगारातुं
आयोशरण...
यातुमसेनवनवभ
राजुलकि वोसेप्या
र
अखंडसौभाग्यकातुनेदे दीयाउ
पहार
देनासाथनेमिनाथपकडहाथतुं
आयोशरण...
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारकोसदामो दनारे •
रीवं
गिरनारकोसदामोरीवंदनारे ,गि
रनारकोस
दामो
रीवंदनारे ,
यात्रानव्वाणुंकरतांहवे,भवोभवपापनिकं दनारे ...
ळीरै वतगिरिआ
छ'रीपा वी,नेमिनाथजु
हाररे ,
लाखनवकारगणणुंगणीजे,पूजान
व्वाणुंप्र
काररे ...
के वलदीक्षाकल्याणकभूमि,ने
मिजिनचैत्यउ
दाररे ,
प्रदक्षिणाकाउस्सग्गक
रीजे,अ
ष्टोत्तरश
तवा
ररे ...
चोविहारछट्ठकरीसातयात्रा,ग
जपदनाजलेस्ना
नरे ,
चौदचैत्यनववारनमीजे,दे
व-वंदनगु
णगानरे ...
छएआ
रे इनगिरिना,विधवि
धना
मव
खाणुरे ,
व्वीसवीसषो
योजनाछ डसद
सबे
,छ
ट्ठे चउशतह
स्तमा
नोरे ...
—121—
नव्वाणुंगिरिनामभलेरा,तेहमांष
ट्छे मुख्यरे ,
योपहेलेआरे ,उ
कै लाशगिरिथ ज्ज्यंतबीजेपू
ज्यरे ...
रे रै वतगिरिमोहे,चोथेस्व
त्रीजेआ र्णगिरिप्र
सिद्धरे ,
वनतीर्थेआवीने,अनंततीर्थंकरसि
इणपा द्धरे ...
पांचमेआरे गिरनारजीसोहे,छट्ठे नं
दभद्रजणायरे ,
पारसगिरि,योगेन्द्र,स
नातन,गि
रिवरना
मकहायरे ...
गिरनारभक्तिरं गथकीरे ,उ
पनयोने
हअपाररे ,
“हेम”व
देए
तीरथसेवंता,भ
वजलपा
रउ
ताररे ...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारमंडनने रं जन•
मिनि
तर्ज:(दिलछो
टासा
)
गिरनारमंडन,ने
मिनिरं जन,
शिवादेवीनंदन,नेमिनि
रं जन..(२)
राजुलनावालम,नेमिनिरं जन,भ
क्तोनाभगवान,ने
मिनि
रं जन,
गिरनारमंडन,ने
मिनिरं जन,
शिवादेवीनंदन,नेमिनि
रं जन...
नानोहुं बाळ,तुंछे वि
शाळ,ता
रामांश्र
द्धा,मुजनेअपार,
तारीभक्तिमां,भींजायुबचपन,मा
रुं आ
जीवन,तु
जनेछे
अर्पण,
तारुं नेमारुं ,नो
खुंछे
सगपण..
गिरनारमंडन,ने
मिनिरं जन,
शिवादेवीनंदन,नेमिनि
रं जन...[१]
पापापापगली,भरतोहुं आ
वुं,अ
द्रश्यता
री,आं
गळीझा
लु,
नानकडामनमां,तारुं छे चिंतन,ना
जुकडाहो
ठे ,ता
रुं छे गुंजन,
नानकडाहाथे,करुं तनेवंदन..
गिरनारमंडन,ने
मिनिरं जन,
शिवादेवीनंदन,नेमिनि
रं जन...[२]
राजुलनावालम,नेमिनिरं जन,भ
क्तोनाभगवान,ने
मिनि
रं जन,
गिरनारमंडन,ने
मिनिरं जन,
शिवादेवीनंदन,नेमिनि
रं जन...
Lyrics:BhartibenGada
⁕⁕⁕⁕⁕
—122—
•गिरनारमारोश्वा
स•
तर्ज:(बसते
रीधूमधामहै
)
जेनाकणकणमांसं
यमनीसुवासछे ,
गिरनारगिरनारश्वासश्वा
सछे ,गि
रनारमारीआ
श...
गिरनारगिरनारआसपासछे ,गि
रनारमारोश्वास...
हृदयनोध
बकारछे
तू
,
दादानेमिनोज्यांवासछे ,
गिरनारगिरनारश्वासश्वा
सछे ,गि
रनारमारीआ
श...
गिरनारगिरनारआसपासछे ,गि
रनारमारोश्वास...
नेमिनाथनादरबारे मने,स्व
र्गजे
वुंलागेछे
,
अणीयाळीआं खोदा
दानी,दु
नियाआ
खीभु
लावेछे ,
नीभी
आंखोमांथीभी नी,प्रे
मक रुणावरसेछे
,
र्मळता,मा
श्यामळतानि राहृदयनेस्प
र्शेछे
,
दोडीदोडीआवुंहुं ...दा
दानेमिमाराखासछे ...
गिरनारनीगुफाओहरपळ,सादमुजनेआपेछे ,
खळखळवहेतांझरणाओने,व
नराजीआ
कर्षेछे ,
ध्यानकरुं ,जा
पजपु,ए
वीत
मन्नाजागेछे ,
भक्तिकरी,शुध्धबनु,आतमशीवफळमांगेछे
,
जल्दीजल्दीआवुंहुं
...दा
दाने
मिमा
राखा
सछे
...
Lyrics:BhartibenGada
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारनगरमें
ऐ साए लाबहै •
कगु
तर्ज:(वोकौनहै जि
सनेदीहमको/क
बतकचुपबैठे अब)
गिरनारनगरमेंऐसाएकगुलाबहै
,सा
रीदु
नियामें
सबसेला
जवाबहै
,
पूराकरताह
रभगतोके जोख्वाबहै
,क्यागुलाबहै ,ला
जवाबहै
,
गिरनारनगरमेंऐसा...
इनकीखुशबूसेदे खो,सा
रीदु
नियाहै
महकती,
जोशरणमेंतेरीआये,किरपाउनपेहै ब
रसाती,
बदलेकिस्मतकीरे खाजोख़राबहै ,ला
जवाबहै
,लाजवाबहै ,
गिरनारनगरमेंऐसा...
कोईबोलेनावकामांझी,को
ईहा
रे कास
हारा,
कोईबोलेभाईमेराहै ,कोईबोलेबाबुलप्या
रा,
खूतूतोपूरीएककिताबहै ,हां
क्यालि कि
ताबहै ,हां
किताबहै ,
गिरनारनगरमेंऐसा...
⁕⁕⁕⁕⁕
—123—
•गिरनारनीगो पाय•
दमांछु
आवेआवेने
पाछोजायरे ,शामलियोमारो,
गिरनारनीगोदमांछु पाय...
उषानाआभमांचमके चांदलियो,
यादवकु लमांजन्मेशामलियो,
ळीनेमनावेरे शामलियोमारो...
भाभओम
सखीओनीसाथेफरतीनेफरती,
रीनेमजीनेजोइनेमलकाती,
फरीफ
रथडोवाळीनेपाछोजा
यरे शामलियोमा
रो...
संध्यानारं गमांराजुलरं गाणी,
प्रीतमनीप्रीतएनेनहीरे पीछाणी,
वैराग्यनारं गेरं गायोरे शामलियोमारो...
मोहानासुखोएनेलाग्यामधुरा,
डरह्याअधुरा,
कन्यानाको
कु मळीकळीकरमायरे शा
मलियोमारो...
मननामिनारमाराटू टीपड्यारे ,
आशानावादळविखराइगयारे ,
दरियानातळियेकु बाडीरे शा
मलियोमारो...
कोइरे मनावोए
नेमा
डीनामाया,
नहीरे जवायएमयादवराया,
भवीभवनीप्रीतछोडीजायरे शा
मलियोमा
रो...
आठआठभावनीप्री
तपुराणी,
नवमेभवेमारीप्रीतभुलाणी,
पशुनोपोकारसुणीजायरे शामलियोमारो...
पद्मविजयसूरिएनीपेरे बोले,
कोइनआवेनेमराजुलनीतो
ले,
संसारछोडीसंयमसाध्योरे शामलियोमारो...
⁕⁕⁕⁕⁕
—124—
•गिरनारनीयात्राक
रताआ भराय•
नंदअतिउ
तर्ज:(वीरबा
ळको,वी
रश्रा
वको)
गिरनारनीयात्राकरताआनंदअतिउभराय
एनीरक्षाकरवाकाजेजी
वनअर्पणकरीशुं
वीरबाळको...वीरबा
ळको...वीरबाळको
वीरश्रावको...वी
रश्रा
वको...वीरश्रावको
गजपदकुं डनापाणीथी,आ
पनेपक्षालकरशुं
पछीसहसावनेजईने,दादानीभ
क्तिकरशुं
गिरनारनामहिमाने
,विश्वभरमांगुंजविशुं
एनीरक्षाकरवाकाजेजी
वनअर्पणकरीशुं
वीरबाळको...वीरबा
ळको...वीरबाळको
वीरश्रावको...वी
रश्रा
वको...वीरश्रावको
साचीछे राजुलरा
णीने,साचोएमनोत्याग
हतीसाचीप्रीतने,माटेजाग्योवैराग
एछे सा
चोर
स्तोतो,चालीएआ
पनेसा
थ
एनीरक्षाकरवाकाजेजी
वनअर्पणकरीशुं
वीरबाळको...वीरबा
ळको...वीरबाळको
वीरश्रावको...वी
रश्रा
वको...वीरश्रावको
आपनीसामेआदर्शोछे
,के
वाभव्यचमकता
धार,सज्जन,पेथडशाने,व
ळीवं
थलीनासा
थरिया
एगिरनारनेफरीआपने,ग
जवतोक
रीए
एनीरक्षाकरवाकाजेजी
वनअर्पणकरीशुं
वीरबाळको...वीरबा
ळको...वीरबाळको
वीरश्रावको...वी
रश्रा
वको...वीरश्रावको
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारनोरं गअं
गला ग्यो•
ग्योला
तर्ज:(आजआनंदअं
गअंगजा
ग्योजा
ग्यो)
गिरनारनोरं गअंगला
ग्योलाग्यो..(२)
नेमिनाथनोसा
थमेंतोमांग्योमां
ग्यो..(२)
गिरनारनो,रै वतगिरिनो,नेमिनाथनोरं गअं
गलाग्योला
ग्यो...
गिरनारनोरं गअंगला
ग्योलाग्यो...
एकजतारोछे सथवारो,ने
मिनिरं जनतू
छे
रखवाळो..(२)
मेंतोसंयमनोभा
वआ
जमांग्योमांग्यो..(२)
गिरनारनो,नेम-राजुलनो,स्व
र्णगिरिनोरं गअंगलाग्योला
ग्यो...
गिरनारनोरं गअंगला
ग्योलाग्यो...
—125—
यात्राकरीकर्मोकाप्या,तारीभ
क्तिथीआनंदपाम्या..(२)
थाकभव-भवनीयात्रानोभाग्योभाग्यो..(२)
गिरनारनो,कल्याणगिरिनो,नेमिप्रीतनोरं गअं
गला
ग्योला
ग्यो...
गिरनारनोरं गअंगला
ग्योलाग्यो...
नेमिनाथनोसा
थमेंतोमांग्योमां
ग्यो...
नेमिनाथथीमोक्षमेंतोमांग्योमांग्यो...
गिरनारनोरं गअंगला
ग्योलाग्यो...
नेमिनाथनोरं गअंगलाग्योलाग्यो...
Lyrics:RishabhDoshi
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनार...पंचमढूं
कश णीगिरनार•
त्रुंजयत
तर्ज:(जयजयग
रवोगिरनार&संयममु
झआ
त्मानो
ना
द)
गिरनार...पंचमढूं कश
त्रुंजयतणीगि
रनार
जयजयगरवोगिरनार..
गिरनार...मुक्तिनुंस्थानएकजगिरनार
जयजयगरवोगिरनार..
भुनीकल्याणकभूमि
अनंताप्र
प्रायः शाश्वतोगिरनार...
दीक-के वल-निर्वाणकल्याणकभू
मि
चढ्यानेमितेगिरनार...
दिव्यरथनेपाछोवाळी,पावनकीधोगि
रनार
नेमप्रभुजीरा
जुलत्यजी,आव्यागढ़गिरनार
गिरनार...मुक्तिनोमार्गसाचोगि
रनार
जयजयगरवोगिरनार..
गिरनार...त्रणलोकनुंशृंगारगिरनार
जयजयगरवोगिरनार..
भुनी...
अनंताप्र
वोज्यांआवीने,वासकरे ते
अनंतादे गि
रनार
नोज्यांआवीने,साधनासा
अनंताज धेगि
रनार
गिरनार...नेमनोप्यारोप्या
रोए
गि
रनार
जयजयगरवोगिरनार..
गिरनार...ज्यांरहनेमिराजुलत
र्याते
गि
रनार
जयजयगरवोगिरनार..
भुनी...
अनंताप्र
भूतकाळएके टलीआफतोआ
वीचढीएगिरनारे
आपणांपूर्वजोएशहीदीवरीरक्षेलोगिरनार
—126—
नबिंबआदिकर्योउ
सहसावनेजि धार
जयजयगरवोगिरनार..
हिमांशु,हे मचंद्र,धर्मरक्षित,हे मवल्लभसू
रे यः
जयजयगरवोगिरनार..
भुनी...
अनंताप्र
Lyrics:P.Pu.MuniChittapremM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारतीर्थकीगरिमा•
तर्ज:(हैप्री
तजहांकी
)
{गिरनार...गिरनार..(३)ज
यगि
रनार}..(२)
गिरनारतीर्थकी
गरिमाके ..(२)हमगीतस
दाही
गा
तेहै
,
उसपावनकारीभूमिकी,दु नियाकोबातसु
नातेहै
,
गिरनारतीर्थकी
गरिमाके ...
यगि
गिरनार...गिरनार..(३)ज रनार
दुनियामेंप्र
तिमाप्राचीनतम,ज
हांने
मिनाथकीप्या
रीहै ,
सके पीयूषभरे ,नयनांजि
उपशमर नके अविकारीहै ,
जिसशामस
लोनीमूरतपे..(२)दिलसबके फि
दाहोजातेहै
...
उसपावनकारीभूमिकी...[१]
म
सहसवानमें हासाहसऔर,सं
यमके पा
वनस्पंदनहै ,
नेमिनाथप्रभुकीपरमपुनीत,उ
सदीक्षाभूमिकोवंदनहै
,
नजहांपाया..(२)उसस्थळकोशी
मनपर्यवज्ञा शझु कातेहै
...
उसपावनकारीभूमिकी...[२]
जहांशुक्लध्यानकी
ज्वालामें,घ
नघातीकर्मवि
नाशकि
या,
अज्ञानअंधेरादू रह
टा,जहांके
वलज्ञानप्रकाशकिया,
तिर्मयभूमिपर..(२)एहसासअ
आत्मज्यो नोखापातेहै ...
उसपावनकारीभूमिकी...[३]
जहांपंचमटू कसेने
मिनाथको
,शा
श्वतपरमानंदमिला,
कर्मचकचुरहु
आठोही ए,आत्मिकगुणकाअरविंदखिला,
निर्वाणभूमिकीनिर्मळता..(२)दिलमेंलेकरह
मजा
तेहै ...
उसपावनकारीभूमिकी...[४]
जहांअनंतजिनेश्वरकल्याणकसे,पा
वनताहै कण-कणमें
,
वसेआराधनकरलो,क
शुभभा टजाएपा
पसभीक्ष
णमें,
कल्याणकभूमिकाआलंबन..(२)हमअपनेक
र्मख
पातेहै ...
उसपावनकारीभूमिकी...[५]
⁕⁕⁕⁕⁕
—127—
•गिरनारवालेतु मन•
मकोन
तर्ज:(बहोतप्यारकरतेहै
)
गिरनारवालेतुमकोनमन..(२)
तेरीहीभ
क्तिसे..(२),मिटेभवभ्रमण
गिरनारवालेतुमकोनमन..(२)
रीही
महिमाते दादा,है
अतिभारी
झुकतीयेदु निया,तुमकोयेसा
री
अबतोप्रभुजी..(२),आयीहुं श
रण
गिरनारवालेतुमकोनमन...
तेरे द्वारआते,सबकु
छपाते
देखके तु
मको,नि
शदिनगा
ते
अबतोमिटाओ..(२),प्रभुजन्ममरण
गिरनारवालेतुमकोनमन...
मूरतितुम्हारी,मुक्तिकीक्यारी
भक्तदिलोंको,लगतीहै
प्यारी
तुमकोहीदे
खे..(२),जनज
ननयन
गिरनारवालेतुमकोनमन...
दिलकीमेरीये,विनतीस्वीकारो
आयीवैराग्यसे,अबमोहेतारो
तेरीशरणसे..(२),मिलेशिवसदन
गिरनारवालेतुमकोनमन...
⁕⁕⁕⁕⁕
—128—
{गिरनारे आव्यानेमकु मार,गि
रिपावनथाय,
गिरनारे जयजयथाय,ज
यज
यश्रीने
मिनाथ}...(२)
राजीमतीभरथाररे आव्याग
ढगिरनार,
गिरनारे जयजयथाय,ज
यज
यश्रीने
मिनाथ...
रतीरं गेरं गाये..(२)
नेमिवि
के वेतसवृक्षेप्रभुकै वल्यनेपावे,
सहसावनचो
मवसरणमांबिराजे..(२)
नेमिस
ज्ञानधारानोधोधवहावीमुक्तिवधुनेसिधावे,
शिवासमुद्रनालालनेजो
ईजो
ईहरखाव,
गिरनारे जयजयथाय,ज
यज
यश्रीने
मिनाथ...
माँअंबिकाहाजराहजुररे क
रतासौनेसहाय,
गिरनारे जयजयथायजयजयश्रीनेमिनाथ..
“हेम”क
रे पोकाररे आ
वोगढगिरनार,
गिरनारे जयजयथायजयजयश्रीनेमिनाथ...
Lyrics:KaivanShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारे चित्तडुंचोर्युरे •
गिरनारे चित्तडुंचोर्युरे ,ने
मिश्वरे म
नमोह्युंरे ...
रिशनआयखुंखोयुंरे ,नेमिश्वरे मनमो
विणद ह्युंरे ...
आतमउद्धारनेकरवारे ,नेमिश्वरे म
नमो
ह्युंरे ...
कीधाउद्धारगिरिगरवारे ,नेमिश्वरे मनमो
ह्युंरे ...
भरतेसरपहेलाआवेरे ,नेमि•नमेचो
थेआरे भावेरे ,ने
मि•
तीनकल्याणकनेमजाणेरे ,ने
मि•सुरसुंदरचै
त्यर
चावेरे ,ने
मि•
दंडवीर्यअष्टमपा
टेरे ,नेमि•क
रीउद्धारनेमनाथभेटेरे ,ने
मि•
हरिअजीतनाथनेआं तरे रे ,नेमि•चउउ
द्धारगिरिश
णगारे रे ,ने
मि•
गरलाखअग्याररे ,ने
कोडीसा मि•सप्तमसागरउ
द्धाररे ,ने
मि•
चंद्रयशचंद्रप्रभशासनेरे ,नेमि•करे ती
र्थोद्धारबहुमानेरे ,ने
मि•
चक्रधरशांतिनाथसुतरे ,नेमि•तसनवमउद्धारहुं
तरे ,ने
मि•
रामचंद्रनोदसमोउ
द्धाररे ,नेमि•अग्यारमोपांडवसाररे ,ने
मि•
रत्नश्रावके बारमोकीधोरे ,नेमि•प्रभुथा
पीद
र्शनामृतपी
धुंरे ,नेमि•
प्रभुबेठापश्चिमामुखरे ,ने
मि•भांगेभविजननादुः खरे ,ने
मि•
—129—
रमोदय,निस्ताररे ,नेमि•पापहर,कल्याणकसाररे ,ने
ध्रुव,प मि•
वैराग्यगिरि,पुण्यदायकरे ,नेमि•सिद्धपदगिरिद्यष्टिदायकरे ,ने
मि•
र्मलहोवेकायारे ,ने
नामेनि मि•प्रभुध्यानेना
शेजगमायारे ,नेमि•
रिशनफरशनयोगेरे ,नेमि•“हेम”सु
गिरिद खीयोक
र्मवि
योगेरे ,ने
मि•
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरिगाथा•
⁕⁕⁕⁕⁕
—130—
•गिरनारे शोभेदे खोने मलीया•
मजीशा
तर्ज:(कोनदिशामेंलेके चलारे )
नेमनेममारा,ने
मनेममा
रा,ने
मने
ममारानेमजी..(२)
गिरनारे शोभेदे खोनेमजीशामलीया,
मुखडुंजोवानेटमटम,चमके छे
ता
रलीया,
जोवाचमके छे तारलीया,बेठाम
लके छे
शा
मलीया,
राजीमतीनामनव
सीया...
गिरनारे शोभे...
मधुबनमांज्यांपगलामांडे,योगीए
वाने
मकु मार,
विचरे त्यांवनराजीखीलती,सा
धनानीऊगतीसवार,
ऊगतासाधकनेवं
दे,सु
रजनेचां
दलीया,
गिरनारे शोभेदे खोनेमजीशामलीया...
जुनागढनीधरतीकहेती,नेमराजुलनीप्री
तकथा,
साक्षीबनीसहसावनकहेतुं,सं
यमके वलमो
क्षकथा,
रवारूमझुम,व
अभिषेकक रसेछे
वादळीया,
गिरनारे शोभेदे खोनेमजीशामलीया...
रे को
मधुरस्व यलीयागावे,जयज
यदादाने
मिनाथ,
दर्शनकरताभक्तोकहेता,रा
जुलहुं छुं प
कडोहा
थ,
पर्वतनाशिखरपरसाथे,टहुके छे मो
रलीया,
गिरनारे शोभेदे खोनेमजीशामलीया...
{राजुलनेत
जीनेमकु मार,च
ढीयाऐतोगढगिरनार,
अखंडप्रीतनेसाचवे,राजुलसतीशिरदार,
नेमनापगलेचालवा,थनगनेए
राजुलनार,
प्रीतथकीतेपामती,होके वळलक्ष्मीश्री
कार...}
Rachna:ShramaniBhagvant(RAJPRIYA)
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारी•
तर्ज:(मेराभोलाहै
भंडारी)
मिनेम...नेमिनेमिने
नेमिने म...
जयगिरनारी...ज
यगि
रनारी...
मिनेम...नेमिनेमिने
नेमिने म...
नेमनेमनेमनेमनेम...हो
नेम..होने
म...
मिने
गिरनारी...ने मिनेम...ॐ
ने
मिनाथन
मः ॐ
नेमिनाथ...
—131—
होऽऽयदुकू लकातूंचंदानेमि,ब
ड़ाही
दयालाजी..
जगमेंशीतलतादे ताचढे़ डूं गरी,
होऽऽजंगलमेंफू लोंजैसाप्रेमरसवालातूं..
सआईपीनेबनेभ
राजुलर वरी,
रनारी..तेरीप्रतिमास
गिरनारी...गि बके म
नकोलुभावेरे हो
ऽऽ...
ॐनेमिनाथनमः ॐनेमिनाथ...
धरतीकावहतिलकसमाना,पा
ताहै ज
गमेंब
हुमाना,
पावनहै गिरनारा..रा..रा..गिरनारी...
ॐनेमिनाथनमः ॐनेमिनाथ...ज
यने
मिनाथ...
होऽऽन्हवणामैंदे खूँतेरामनकोलुभावाजी..
लेमुखडे़ पेप्यारावोजी,
कालेका
दलमेंचंदामामाज्योप्यारा,
कालेबा
न्हवणाप्यारावोलागेभक्तोंकोजी
,
नेमनेमनेमनेमनेम...होने
म..होनेम...
होऽऽसोनेकामु
कु टानेमिलागेसु
हाना,
टीकाहीरोकाम
नभावनजी
,
सेवामैंचा
हूँतेरीअवसरहूँ मांगता,
आशावोपूरीहो
गीअंतरकीजी,
कान्ति-मणिविनतिकरतानेमितेरे च
रणे,साथमेरे रहनामे
रीछाँवसाहो
जी
...
मेरानेमिहै गि
रनारी,करताभक्तोंकी
रखवारी,
नेमिनाथरे ,होऽराजुलना
थरे ...
तेरीमहिमाहै
अतिभारी,गातीहै दु
नियाये
सा
री,
थरे ,होऽनेमिनाथरे ...
राजुलना
नेमिनाथजी,भक्ततेरायहगाताजी,
शरणेतेरे आताजी,पा
ताहरपलशाताजी,
ॐनेमिनाथनमः ॐनेमिनाथ...
कालेयाशिखरोंवाला,मेराने
मिबाबा,
चढ़के गिरनारबैठाने
मिनाथजी...
नेमनेमनेमनेमनेम...होने
म..होनेम...ॐने
मिनाथनमः ॐने
मिनाथ...
Lyrics:MuniShreyansPrabhSagarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारी...नेम...•
तर्ज:(वेमाही-के सरी)
गिरनारी...नेम..(२)
गिरनारीप्रीतममारो,के है युंमा
रुं ने
मिने
मिबो
ले...
गिरनारीआतममारो,के है युंमारुं नेमिने
मिबो
ले...
तूतोगुणधामछे ,ता
रोरं गश्या
मछे ,
हुंतोराधाछु राजुल,तूतोनेमश्या
मछे ,
—132—
तारोमारोआप्रेमछे अमर...
गिरनारीकामणगारो,के है युंमारुं नेमिनेमिबो
ले...
गिरनारीछे प्राणप्यारो,के है
युंमारुं नेमिनेमिबोले...
गिरनारी...नेम..(२)
{राजुलनीमेहंदीनोरं गनासु
कायो,ने
मना
प्रेमनोरं गहै येछायो}..(२)
विरतीनीवाटराजुलमननेलु
भावे,ब्रह्मचारीनामसा
चुजगमांधरावे,
गनेमतू,मारीश्वासने
मारोरा मतू,
ताराफीलगिरनारनो
,ए
हसासनेमतू
,
तारोमारोसंबंधछे अमर...
गिरनारीनयनतारो,के है युंमारुं नेमिनेमिबो
ले...
गिरनारीउत्सवमारो,के है युंमा
रुं ने
मिने
मिबो
ले...
गिरनारीगिरनारी,जयजयहोगि
रनारी..(२)
आँखोंमेंतस्वीरतेरी,
गिरनारीगिरनारी,जयजयहोगि
रनारी...
तूहीतोतकदीरमेरी,
गिरनारीगिरनारी,जयजयहोगि
रनारी...
मेरे रोमरो
ममेंगिरनारी...मेरे अं
गअंगमें
गिरनारी...
गिरनारीप्रीतममारो,के है युंमा
रुं ने
मिने
मिबो
ले...
गिरनारीछे हीरमारो,के है
युंमारुं ने
मिने
मिबो
ले...
गिरनारीफीलगिरनारनो,के
है युंमा
रुं ने
मिनेमिबोले...
गिरनारीदिलसे
वकनो,के है युंमारुं नेमिनेमिबोले...
गिरनारीगिरनारीगिरनारी..(३)
Lyrics:MuniHeerpadmasagarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारीने
मनाथजो
म
ळे ता थ•
रोसा
तर्ज:(छोगाडाता
रा)
गिरनारीनेमनाथजोमळे तारोसा
थ,
न्यआ
तोध जीवनछे ...तुंमा
रोप्रीतमछे
...
नेमनेमनेमनेम....
गिरनारीनेमनाथ,जोम
ळे तारोसाथ,ध
न्यआजीवनछे
...
प्रभुतुंमारीमात,प्र
भुतुं
मारोतात,तुंमारोप्री
तमछे
...
तुंमारोश्वासनेतुंमा
रोखास,तुं
मारोछे नेमनाथ...
दामने,प्या
ओदा रानेममने,व्हा
लाने
मम
ने,
देजेसदातारोसाथरे ...
—133—
भवोभवभटकी,आ
व्योहुं आज,(प्रभुतारीपा
स)..(२)
तारीकृ पानोमेहुलोव
रसे,(एवोछे विश्वास)..(२)
हुंजागुंछु ज्यारे ,मा
रामस्तकपरहोय,स
दाता
रोहा
थ...
दामने,प्या
ओदा रानेमने,दे
जेस
दातारोसाथरे ...
चुंके खुल्लीराखुं,(मनेतुंदे खाय)..(२)
आंखमी
ताराविनाआहै युमारु,(सुनुसुनुथा
य)..(२)
तुंमारीप्रीतने
तुंमारीजीत,तुं
मा
रुगी
तने
मनाथ...
दामने,प्या
ओदा रानेमने,दे
जेस
दातारोसाथरे ...
Lyrics:P.Pu.SadhvijiBhavyagnaRekhaShreejiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•हैयेव
सोनेने रा•
मिनाथमा
तर्ज:(जोगी)
पशुओतणोपोकारसू
णी,रथपा
छोवाळे जीवदयाप्रे
मी..(२)
राजीमतीनोत्यागक
री,त
त्परथ
याब
नवामु
नि...
{हैयेवसोनेने
मिनाथमाराहै येव
सोने..(२)
विनंतीसांभळीमारीमुजपरआपव
रसोने}..(२)
हैयेवसोने..(२)है
येवसोनेनेमिनाथमाराहै येवसोने...
ओ..मोरकरे मधुरहुं कार,कोयलना
प्याराटहुकार,
श्रीगिरनारशिखरशणगार,छे
राजुलरा
णी(हैयानो
हार)..(२)
याअणगार,नेमजीपाम्या(के वळसार)..(२)
सहसावनेथ
हैयेवसोने...
हेशिवादेवीनाजाया,समुद्रवि
जयकु लरा
या,
छे सविजी
वनाता
रणहार...
हेबावीशमांजिनराया,ब्र
ह्मचारीनामकहाया,
हेनेमिनाथतुंमनेतार...
वसीजानेतुहवेह्रदयमं
दिरमां...
हैयेवसोने...
Lyrics:Viraj&VanshilMaheta
⁕⁕⁕⁕⁕
—134—
हालोछरीरे पालंता,गुणगा
वंताजांता,
तुमेरं गर
सिया..उमंगर
सिया..
हालोरे हालोरे जईएगिरनारशि
खरिया...
सिद्धाचलसेसिद्धशिलाकीसफरसु
हानीक
रनीअ
गर,
गिरनारजीमहातीर्थहोकर,ए
कमनोहरजा
तीडगर,
अनहदनादकीनो
बतबा
जे..(२)कौनचु
के गायेअ
वसर..
भक्तिके भावोकीधुंजीउठीहै
शैहनाइयारे ..(२)
छरीरे पा
लंता....[१]
आओपधारोरा
जीयानिमंत्रण,लि
खाके
सर,कु
मकु मसे,
प्रीतके पुष्पबिछाएहै बै
ठे ,स्वागतकरतेरुम-झुमके ,
आनंदरं गके तो
रणबांधे..(२)नाचेआं गनझु मझु
मके
..
पावनमिट्टीकीचिट्टीआ
ईहै साजनीया..(२)
छरीरे पा
लंता....[२]
वंदनहोहिमांशुसूरिको,म
हिमाब
ताईगि
रनारकी,
वंदनधर्म-रक्षित-हेमवल्लभ,महिमाब
ढ़ाईगि
रनारकी
,
लीजोगुरुवरकीतो
निश्रामि ..(२)पाईखुशियांजी
वनभरकी..
नेमजीचरणोंमेंबैठु सारीरे उमरिया..(२)
छरीरे पा
लंता....[३]
⁕⁕⁕⁕⁕
•हुंनेमनोछुं •
,नेममारोछे
नेममारोछे ,हुं नेमनोछुं ,बीजुशुंमांगुनेमकने
हुंनेमनोछुं
,ने
ममारोछे ,बीजुशुंमांगुनेमकने
नमांनेमनोडे रोछे ,बीजुशुंमांगुनेमकने,
माराम
हुंनेमनोछुं
,ने
ममारोछे ने...
मेंघणीखा
ईछे ठोकरो,तेपडताब
चाव्योछे मुजने
मांगीशकु एनाथीवधु,ते
आप्युछे
नेममु
जने
रलगाव्योबेडोते,ह
मारोपा रक्षणमारीप
डखेरह्योजे
वसोजेतेबदल्याछे ,मा
मारादि राने
मपासेबीजुमांगुशुं
हुंनेमनोछुं
,ने
ममारोछे ,बीजुशुंमांगुनेमकने...
हुंज्यारे तारोदिवानोथयो,मा
रामनमांला
गीएवीलगन
टेजेप्रेमवध्यो,ने
जीवमात्रमा संयमधु
नमां
म स्तमगन
समांएनोश्वासछे ,ब
हरश्वा धाश्वा
सने
मनानामेछे
नेमप्रेमथीहुं भींजायोछुं
,बीजुंशुं
मांगुनेमकने
हुंनेमनोछुं
,ने
ममारोछे ,बीजुशुंमांगुनेमकने...
⁕⁕⁕⁕⁕
—135—
•हुंतोगि रखाउ•
रनार,जाऊह
हुंतोगिरनार,जा
ऊहरखाउरे ..(२)
ला,नेमिजि
होव्हा णंददिललावुरे ..(२)
यादवपतीनो,संशयटा
ळी,
तोरणतीरथनो,पा
छोजवाळी,
हुंतोदर्शनथी,भावनाभावुरे ..(२)
ला,नेमिजि
होव्हा णंददिललावुरे ..(२)
अंदरथीधो
ळा,ऊ
परथीका
ळा,
दू रहटाव्या,कर्मोनाजा
ळा,
हुंतोआतम,शुद्धिकरावंरे ..(२)
ला,नेमिजि
होव्हा णंददिललावुरे ..(२)
सुताजीवोने,जेनेजगाव्या,
मिथ्यातिमिरने,दू रभगाव्या,
हुंतोनेमिश्वर,ध्या
नलगावुरे ..(२)
ला,नेमिजि
होव्हा णंददिललावुरे ..(२)
भावसदामें,मनमांभाव्या,
भाग्यजाग्यात्यारे ,गिरनारआ
व्या,
हुंतोजीवनज्योत,जगावुरे ..(२)
ला,नेमिजि
होव्हा णंददिललावुरे ..(२)
सूरिराजेंद्रनु,शासनपामी,
मारी,प्री
मारीत तडीजामी,
हुंतोजयंतसेन,गीतगावुरे ..(२)
ला,नेमिजि
होव्हा णंददिललावुरे ..(२)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिमा
रूस्मित•
रूस्मित,नेमिमारूगीत
नेमिमा
रीप्रीत,नेमिमा
नेमिमा रीजीत
तूनेमछे ,मुजप्रेमछे ,बीजूकां
ईपणजो
तुन
थी
थछे मुजमस्तके ,बी
तुजहा जूमा
रे कां
ईजोतुन
थी
Lyrics:ShasanShah
⁕⁕⁕⁕⁕
—136—
•जगमांप्या
रोआ
गिरनार...जगमांन्या रनार...•
रोआगि
न्यारोगढगिरनारविश्वनी
अजायबी,
बाळब्रम्हचारीशोभेनेमिनाथजी,
तीर्थभक्तिमाटेसत्वथीसज्जथ
ईशुं,
हैयानाभावोथीप्रभुभक्तिक
रीशुं,
अमसौनेरूडोआ
मळ्योछे अ
वसर,
कर्योसंकल्पहवेतीर्थसेवासत्वर,
जयवंतोगिरनारगरवोआ
गिरनार...
जगमांप्यारोआगि
रनार...जगमांन्यारोआ
गिरनार...
रीवादळथीउभोगढगिरनारी,
वातक
शाश्वतगिरिशणगारने
मजीव्रतधारी,
यक्षरे गोमेधजी,मातरे अंबिका,
करे शासनसेवा,जयहोगिरनारी,
शकरे ,मो
पापोनोना हनोपासहरे ,
ग
नमोश्री ढगिरनार,न
मोश्रीनेमिनाथ,
जगमांप्यारोआगि
रनार...जगमांन्यारोआ
गिरनार...
नेमिनाथनीटूं कशोभेज्यांन्यारोआगि
रनार,
कवसेज्यांन्यारोआ
मेरकवसीनीटूं गिरनार,
अमीझराप्रभुपार्श्वशोभेज्यांन्या
रोआ
गिरनार,
कु मारपाळनीटूं कवसेन्यारोआगि
रनार,
गजपदभीमकुं डशोभेज्यांन्यारोआगि
रनार,
ल्याणकभूमिशो
मोक्षक भेज्यांन्यारोआ
गिरनार,
राजुलनीगुफाशोभेज्यांन्यारोआगि
रनार,
क्षा-नाणज्यांन्यारोआगिरनार,
सहसावनेदी
विकारोनोवीरामथायेज्यांन्या
रोआ
गिरनार,
हासथायज्यांन्यारोआ
कामनाओनो गिरनार,
चलोगिरनार...च
लोगिरनार...च
लोगि
रनार...चलोगिरनार...
ज्जवळकरवाकाजेचलोसौ
आत्मउ गि
रनार,
तीर्थतणीभक्तिनेकाजेथा
ओसौ
तैयार,
सूरिहिमांशुदादाअ
मनेआशिषद्यो
अ पार,
गिरनारतीर्थनीगाथाथायेज
गमां
हेज
यकार,
कारथायज्यां
संकल्पोसा न्यारोछे गि
रनार,
अणुअणुमांवसजोआ
पणातीर्थभक्तिनो
प्यार...
चलोगिरनार...च
लोगिरनार...च
लोगि
रनार...चलोगिरनार...
Lyrics:PrashantShah(Dilkubhai)
⁕⁕⁕⁕⁕
—137—
•जहांनेमिके
च ड़े•
रणप
तर्ज:(एमे
रे दि
लेनादान/हैं
येपा
वनभूमि)
जहांनेमिके चरणपड़े,गि
रनारकी
ध
रतीहै ..(२)
वोप्रेममूर्तिरा
जुल..(२),उसपथप
रच
लतीहै ..
उसकोमलकायापर,हल्दीका
रं गच
ढ़ा..(२)
मेहंदीभीरुचिररुची,गलेमं
गलसूत्रप
ड़ा,
परमांगनाभरपाई..(२),यहबा
तहीख
लतीहै ,
जहांनेमिके चरणपड़े...
सुनपशुओंका
क्रं दन,तुमनेतोडेबंधन..(२)
राग्यतभी,धाराप्रभुपथपा
जागावै वन,
उसपरमवि
रागीको..(२),चि
रप्री
तिउ
मड़तीहै ,
जहांनेमिके चरणपड़े...
जीवोंके प्रतिजिसके ,चि
तवनमें
स मताहै ..(२)
जोपशुओंकीपीड़ा,पलभरमें
हरताहै ,
उसकीविरहीनदा
सी..(२),पी
ड़ासेसिसकतीहै ,
जहांनेमिके चरणपड़े...
आं खोंसे,झ
राजुलकी रझरझरतापानी..(२)
अंतरमेंघावभरे ,प्र
भुदरशकीदीवानी,
मनमंदिरमेंजिसकी..(२),तस्वीरउभरतीहै
,
जहांनेमिके चरणपड़े...
जिसओरगएप्रभुतुम,वहींमेराठीकानाहै ..(२)
जीवनकीयात्राका
,वो
पथअ
नजानाहै ,
लखचरणचंद्रप्रभुके ..(२),रा
जुलतबच
लतीहै
,
जहांनेमिके चरणपड़े...
⁕⁕⁕⁕⁕
•जाणीगि
रिगुणशा
स्त्रमां,ध्या तमां•
वुंनिशदिनरा
तर्ज:(आणीशु
द्धम
नआस्था)
जाणीगिरिगुणशास्त्रमां,ध्यावुंनिशदिनरा
तमां;
गिरनारगिरिवरगुणभरपूर,दोषोकरे तेस
हुनादू र...
पंखीछायागिरिनेअडे,दु
र्गतितेनेकदिनानडे;
घेरबेठांजेध्यावेजीव,भ
वचो
थेतेथावेशिव,
गिरनारगिरिवर...
—138—
जेजेप्रा
णीगिरिएवसे,भा
ग्यके रूतसपानखसे;
ज्ञानीवदेई
मगिरिनेविशे,आठभ
वेते
सिद्धथशे,
गिरनारगिरिवर...
क्षासुवास,चोप्पनदिनेज्ञानप्रकाश;
सहसवानेदी
आतमके रोथायविकास,नेमिपं
चमग
ढशिववास,
गिरनारगिरिवर...
नादू रकरे ,वांछितस
दुः खडासौ घळाते
हपू
रे ;
अशुभतेनाकर्मख
रे ,जेजेहि
यडेगिरिनेधरे ,
गिरनारगिरिवर...
प्रणमुप्रेमेअंबिकामाय,गोमेधबिंबस
दाय;
हेमवदेगिरिलागोपाय,पदवल्लभनेपा
मोस
दाय,
गिरनारगिरिवर...
⁕⁕⁕⁕⁕
•जयहो रनार•
गिरनार,गरवोगि
तर्ज:(खेळमां
डला)
गिरनारगिरितारणतरणजहाज,
दोमारोगिरिशिरताज,
नेमनाथदा
तारागुणगा
तागिरिथायबेडोपार,
हाथमारोझालीहवेभ
वपा
रउतार,
रोश्वासगिरितुजविश्वास,तु
तुजमा जए
कगि
रिमारीआ
श...
जयहोगि
रनार!गरवोगि
रनार!
(तारगिरितारम
नेभवसागरत
रावतुं
,
तुजभक्तितु
जश
क्तितुंशरणआ
धार,
तारगिरितारम
नेभवनिस्तारक
रवातुं
,
तुजमतीतु
जग
तितुंपरमआ
धार...)
गिरनारतारोछे संगाथ,मा
थेहाथतारोनेमिनाथ,
भवोभवमळजोतारोसाथ,स्वीकारोअ
रजओनाथ,
रुं हितगिरि,तुजमारीप्रीतछे ,
तुजमा
रुं स्मितगिरि,तुजमा
तुजमा रीरीतछे
...
रोश्वास...
तुजमा
तारुं शरणुंजे
णेस्वीकार्युगिरिकर्याअनंतउ
द्धार,
दगिरिगिरिराज,मनेतारीकरोउ
सिद्धप पकार,
रुं हितगिरि,तुजमारीजीतछे
तुजमा ,
रुं लक्षगिरि,तु
तुजमा जथकीमो
क्षछे
...
रोश्वास...
तुजमा
⁕⁕⁕⁕⁕
—139—
•जयहो मिश्वरा•
श्रीने
तर्ज:(नमोनमोशंकरा-के दारनाथ)
जयहोश्री
नेमिश्वरा,सत्वशालीईश्वरा,
रक्तकीबूंदोमें
,ना
मदौड़ताते
रा...
सिद्धिकीटो
चपे,तूब
सानेमिश्वरा,
भटकरहाहुराहोंमें,मु
श्किलोंसेयेभरा,
तेरे पाओके ,नि
शानजो
,मुजकोभीदिखादेतू
ज़रा...
मोनेमिश्वरा,जयहोश्रीने
नमोन मिश्वरा
जयत्रिलोकनाथविभु,जयहोश्री
नेमिश्वरा
मोनेमिश्वरा,जयहोश्रीने
नमोन मिश्वरा
नेमिश्वरा,ब्र
ब्रह्मचारीहे ह्मचारीहे
नेमिश्वरा
यादवोंकीशानतू,मुकु टगिरनारका,
समताकार
सभरा,चक्षुओमेंप्यारका,
रागक्याहोमु
जे,नेमनामसेभागेविकारता...
छोडूंगानातुजे,ज
बत
कना
पाऊं गा,
दरपेसरहै रखदिया,इसकोना
उठाऊं गा,
गर,ऐ
करुणासा साना
महै ते
रा,
पापीओकोतारनाभीतो
कामहै
तेरा,
पड़ा,मैंयहां,गु
तोक्यों नाहऐसाक्याहै क
रदिया?【१】
शंखफूं कशत्रुकी,शक्तिओकोहरलि
या,
कृ ष्णजीके सै
न्यको,युद्धमेंब
चालिया,
वैसेही,मुजेभीतू,मोहश
त्रुसेबचाज़
रा...
हृदयमेंहनुमानके ,रामजीहै जि
सतरहा,
मनमेंओ
नेमिश्वरा,तू
बसाहै उ
सतरहा,
स्वर्गभीखाकहै
,एसारूपहै
तेरा,
सरस्वतीनाकरसके ,पूर्णवर्णनते
रा,
गुणखानतू,मे
राप्राणतू,हरलि
याहै तू
नेमनमे
रा【
२】
Lyrics:BhavikShah
⁕⁕⁕⁕⁕
•जयज रवोगिरनार•
यग
तर्ज:(जयजयग
रवीगुजरात)
मप्रभुनापावनपगलेथ
हे..ने यो,ध
न्यपेलोगिरनार
जयगिरनार,जयगिरनार,जयजयगरवोगि
रनार...
—140—
जयजयगरवोगिरनार...ज
यजयग
रवोगि
रनार..
रिशणगार...ज
नेमनाथगि यज
यगरवोगिरनार...
वंदनवंदनवंदनवंदन,गि
रनारत
नेवंदन...(२)
पंचमशिखरशत्रुंजयतणुं,ए
सिद्धगिरिछे
धाम,
कै लासउज्जयंतरै वतनं
दभद्र,स्व
र्णगिरिगि
रनार,
र्णविहारप्रासाद...जयज
नमोक यगरवोगि
रनार...
भेअंबिकामात,शासननेसदासुखकार,
ज्यांशो
भावेप्रणमुंश्रीनेमिजिनेश्वर,गि
रिभूषणश
णगार,
पृथ्वीनातिलकसमान...ज
यजयगरवोगि
रनार...
छे अनंतआत्माओत
णी,दीक्षाभू
मिगि
रनार,
छे अनंताती
र्थंकरोतणी,कै वल्यभू
मिगि
रनार,
नेआवतीचोवीसीतणी,नि
र्वाणभूमिगिरनार,
अध्यात्मनगरीगिरनार...ज
यज
यगरवोगिरनार...
चौदहजारनदीनाज्यां
जळसमाया,शीतळगजपदकुं ड,
ष्टिअ
ज्यांद्र नुभवेधन्यताजो
ईरा
जुलरहनेमिटुं क,
दीक्षाके वळसहसावनेन
मोसमवसरणजिनबींब,
दीपेशिखरोनीमाळ...जयज
यगरवोगिरनार...
ज्यांनाकणेकणमांवसे,म
हापुरुषोना
बलिदान,
धारपेथडसज्जनझांजडशाना
मेव
हीआ
र
क्तधार,
वंदुहिमांशुसूरिधर्मरक्षित,हे
मवल्लभमुनिराय,
लोजइयेगिरनार...ज
सौचा यज
यगरवोगि
रनार...
⁕⁕⁕⁕⁕
•जिनधर्मनाजै
नबंधुओगा
ईर धविधगाथा•
ह्यावि
जिनधर्मनाजैनबंधुओगाईरह्यावि
धविधगाथा,
अमरनामइतिहासमांएतोगौरवगाशेगुणगाथा,
जयगिरनार...जयआबुजी...जयबो
लोत
ळाजातीर्थनी...
जैनोमाटेलखशेमुनिओ,विधविधगाथाज्ञाननी...
जयजयगरवीगिरनारनी...
महावीरगौतमनेमनाथनो,त्या
गीभावभू
लायन
हिं,
जैनबंधुतोते
नेरे कहीए,न
वकारमंत्रभू
लायन
हिं,
जयशेरीषा...जयभोयणीजी...जयबो
लोपा
नसरतीर्थनी...
जैनोमाटेलखशेमुनिओ,विधविधगाथाज्ञाननी...
जयजयगरवीगिरनारनी...
—141—
गिरनारनीपहेलीढूं के ,बावीसमाप्रभुने
मिनाथ,
सिद्धाचलनीनवमीढूं के ,भेट्यादा
दाआदिनाथ,
जयराणकपुरी...जयपावापुरी...जयबोलोस
मेतशिखरतीर्थनी...
जैनोमाटेलखशेमुनिओ,विधविधगाथाज्ञाननी...
जयजयगरवीगिरनारनी...
वसेतारं गानाथअजीतने,पाटणगामेपंचासरा,
दिनाथने,पार्श्वपधार्याशंखेश्वरा,
झघडियामांआ
जयके सरियाजी...जयउपरियाळाजी...जयबोलोभ
द्रेश्वरती
र्थनी...
जैनोमाटेलखशेमुनिओ,विधविधगाथाज्ञाननी...
जयजयगरवीगिरनारनी...
वस्तुपाळनेते
जपाळना,भ
व्यजिनालयदे लवाडा,
जोतांथाके आखुंविश्वने,यादए
नीभुलायन
हिं,
जयत्रिशलादेवी...जयवामादेवी...जयबोलोमरुदेवामा
तनी...
जैनोमाटेलखशेमुनिओ,विधविधगाथाज्ञाननी...
जयजयगरवीगिरनारनी...
⁕⁕⁕⁕⁕
•जिनशासननाइ
तिहासना•
तर्ज:(जिनधर्मनाजै
नबंधुओगा
ईर ह्या)
जिनशासननाइतिहासना,बोलीरह्यासु
वर्णपा
ना,
शाश्वतगिरिशत्रुंजयअनेगिरनारगिरिले
खाणा
जयगिरनारजयनेमिनाथजयबोलोअनंताजिननी
गिरिवरनागुणगा
तागातावरसेसु
खनीहे ली,
जयजयबोलोगिरनारनी...ज
यजयबो
लोगि
रनारनी...
वस्तुपाळनेतेजपाळनाभव्यजि
नालयगिरनारे ,
कु मारपाळनेसंप्रतिके
रादिव्यदे वालयगि
रनारे ,
जयसिद्धराजजयसाजनजीजयबो
लोगि
रिवरभक्तनी,
गिरिवरनागुणगा
तागाता..
पेथडझांझणधारे रे डी,रक्तधाराआगि
रनारे ,
रीशानवधारी,भेखधरीआगि
शासनके रनारे ,
जयआमराजजयर
त्नाशाजयबो
लोभ
रतचक्रीनी,
गिरिवरनागुणगा
तागाता..
आचारजबप्पभट्टजीआ
वे,युद्धवारे श्री
गिरनारे ,
हेमचंद्रमानदेवसूरिजी,क्लेशनिवारे श्री
गिरनारे ,
जयआनंदसूरिजयभद्रेश्वरसूरिज
यबोलोश्री
व रदत्तनी,
गिरिवरनागुणगा
तागाता...
⁕⁕⁕⁕⁕
—142—
•जोगीआयोअ हाजोगी•
वधूम
तर्ज:(अर्जियासा
री)
मस्तियांमीठीले
,महायोगीएकआयाथा
ध्यानमेंडू बातो,कणकणने
तेजपायाथा
योअवधूम
जोगीआ हाजोगीगि
रनारआ
योअ
वधूजोगी
नबोलेन
डोलेकृ पावंतजोगी
चलेआगेआ
गेसदाजा
गेजोगी
नडरना
फ़िकरहै परमशांतजो
गी
चलेआगेआ
गेसदाजा
गेजोगी...
प्यारीप्यारीमैयाको
पिछे छोड़के आया
पिताजीकाथा
ब
डाप्यारवोनमनलाया
एकराजुलथी
रोतीर
हीकु छनापाया
कोइसपनान
रहाकोइनारहीमाया
योअवधूम
जोगीआ हाजोगीगि
रनारआ
योअ
वधूजोगी...[१]
च्चापायाथा,वोऊपरउ
ज्ञानस ठआ
याथा
अवधूकीज्योतिजा
गीथी,औ
रअं
धेरामिटायाथा
इर
नाको हाबाधक,वोशु
द्धबुद्धसाधक
खुदसेही
खुदाईली,अनहदके आ
राधक
योअवधूम
जोगीआ हाजोगीगि
रनारआ
योअ
वधूजोगी...[२]
वोरहेतो
मौनमें ,मौनकामक
रताथा
सांसके सू
रसेभी
,बोजसबबिखरताथा
वोबोलेतोजैसे,म
हाघंटाएं जागी
एकएकमंगलवचनोंसे,जगकीनिं
दियाभा
गी
योअवधूम
जोगीआ हाजोगीगि
रनारआ
योअ
वधूजोगी...[३]
लूँटानाथाखजाना,खोलदियाथाताला
सबकोऊपरचढ़ाया,गिरनारीशु
भछाया
नेमजीको“देवर्धि”ने,भिगभि
गक
रगाया
योअवधूम
जोगीआ हाजोगीगि
रनारआ
योअ
वधूजोगी...[४]
Lyrics:DevardhiSaheb
⁕⁕⁕⁕⁕
—143—
नीनेचा
जोगीब ल्याने
मकु मार,ध
न्यब
न्योरे पेलोगढगिरनार..
विचरे ज्यांविश्वनातारणहार,ध
न्यब
न्योरे पे
लोगढगिरनार...
जेनेजगकल्याणनीलागीलगन,जी
वननीसाधनामांम
नडुंमगन,
अंतरमांप्रगटेछे प्रीतनी
अगन,आतमउ
डेछे ए
नोऊं
चेग
गन..(२)
वायरामांवहेतीवसंत नीबहार..(२)धन्यबन्योरे पे
लोग
ढगि
रनार...
एनाप्राणमां
थीप्र
सरे छे एवोप्रकाश,उ
जाळीदीधाछे ध
रतीआकाश,
भवोभवनीप्री
तडीनोबांध्योछे
पा
श,पू
रीछे रा
जुलनाअंतरनीआश..(२)
धाव्याराजुलने
मोक्षेसि मकु मार..(२)धन्यबन्योरे पे
लोग
ढगिरनार...
⁕⁕⁕⁕⁕
•करीएरे न
व्वाणुं•
वितरागनोज्यांपथमळे ,वितरागनुंकवचमळे ,
संसारनोज्यांरसतटे,वै
राग्यनुंज्यांबीजपडे,
मोहनाबंधनतूटे,आ
नंदभीतरउ
मटे,
रूपप्रगटे...ए
आत्मस्व वागि
रनारनीगोदमांक
रीएरे ..(३)नव्वाणुं...
अमेकरीएरे ..(३)नव्वाणुं...अ
मेकरीएरे ....नव्वाणुं...
मीज्यांविचर्याछे नेमजी,
एवीभु
म्याछे ने
दीक्षा-के वल-मोक्षपा मजी...(२)
राजिमतीनावचनोग्र
हीने,स्थि
रगंभीरताल
हेर
हनेमजी,
साधनानीसरगमवा
गे,वासनाओस
घळीभा
गे,
विरतीनोरं गलागे...एवागिरनारनीगोदमांकरीएरे ..(३)नव्वाणुं...
अमेकरीएरे ..(३)नव्वाणुं...अ
मेकरीएरे ....नव्वाणुं...
जंबुद्विपेभरतक्षेत्रेसदाशोभीतंगिरनारम
चौदलोके सर्वमुखेयस्यगुं
जीतंज
यकारम...जयकारम..(२)
णेकणमां,तृ
पवित्रताक प्तिमळे क्ष
णेक्षणमां,
गरवमांतरवराटर
थनगनाटप गेरगमां...
ययोगसघळा,छु टीजायभोगस
सिद्धथा घळा,
पुण्यनाज्यांथायढ
गला,दे
वोनाज्यां
रोजपगला,
सद्गुणोनोवादळवरसे,मोजनोदरीयोउछळे ,
माननोहिमालयपीगळे ...ए
वागि
रनारनीगो
दमांकरीएरे ..(३)नव्वाणुं...
अमेकरीएरे ..(३)नव्वाणुं...अ
मेकरीएरे ....नव्वाणुं...
शिषदे ता,हे मवल्लभसूरिजीसहुनेगमता,
धर्मरक्षीतसूरिजीआ
गरनवयुवकमंडळना,सो
अरिहंतन नेरीश
मणासाकारथा
ता,
भवोभवनीभीतभागे,माहीलोएवोजा
गे,
मुक्तिनीप्रीतलागे...ए
वागिरनारनीगोदमांकरीएरे ..(३)नव्वाणुं...
अमेकरीएरे ..(३)नव्वाणुं...अ
मेकरीएरे ....नव्वाणुं...
⁕⁕⁕⁕⁕
—144—
•के वलज्ञानकल्याणकप्या
रे ने
मप्र
भुका या•
आ
तर्ज:(उड़जाका
लेका
वाते
रे )
ल्याणक,प्या
के वलज्ञानक रे नेमप्रभुकाआया,
रै वतकपर्वतपेप्रभुने,के वलज्ञानहै
पाया,
र्मोकाक्षयकरके प्रभु,ब
चारक नगएके
वलज्ञानी,
आश्विनकृ ष्णप्रतिपदाकी,थी
वो
सुबहसु
हानी,
नेमजीनेजबठा
नी,वो
बनग
येके वलज्ञानी...
आओसुनाऊतुमकोमेंप्रभु,ने
मकीस
च्चीक
हानी,
जीवोके प्रतिकरुणाजिनके ,आं
खोंमें
थापा
नी,
तोरणसेरथमोड़लिया,वोरोतीरहगईरा
जुल,
छोड़चलेक्यूमु
झकोस्वामी,क्या
हुईमुझसेभूल,
नेमजीनेजबठा
नी,वो
बनग
येके वलज्ञानी...
सौरीपुरमेंजाकरप्रभुजी,संयमप
थकोधा
रे ,
चोवनदिनकीकरके तपस्या,ग
ढ़गिरनारप
धारे ,
छोड़के दु नियाकीमो
हमाया,ब
नगयेप्र
भुवितरागी,
दिलबरकहेअरिहंतप्रभुका
,अं
कितहै
अनुरागी,
नेमजीनेजबठा
नी,वो
बनग
येके वलज्ञानी...
Lyrics:DilipSisodiya
⁕⁕⁕⁕⁕
•क्यारे ब नि?नेमिनाथ•
नावेमु
तर्ज:(सबते
रा)
तारणहाराने मिनाथ...गि
रनारे व
सियाने
मिनाथ...
बालब्रह्मचारीने
मिनाथ...रा
जुलनावा लमने मिनाथ...
रोप्राणथीपणप्यारो,दु नियानोतारणहारो..
नेमिमा
क्यारे बनावेमुनि?नेमिनाथ...
छोडावीआरागमारो,वै
रागीक्यारे ब
नावो,
स्वार्थीलाआदरियामां,निः स्वार्थमु
जनेब
नावो,
हुंतोतारीभक्तिमांछुं भींजायो,वै
राग्यमांछुं
रं गायो..
क्यारे बनावेमुनि?नेमिनाथ...
गकरावी,असंगमुजनेबनावो,
परमनोसं
चैतन्यप्यासजगावी,सहजस
फरकरावो,
नथीजावुंतु
जथीदू रमारे ,वसीजा
वुंतुजहृ
दयनांस् थाने..
क्यारे बनावेमुनि?नेमिनाथ...
Lyrics:BhavyBhanshali
⁕⁕⁕⁕⁕
—145—
•लागीमे
रीप्री
तते
रे सं
गमे मजी•
रे ने
तर्ज:(लागीमे
रीते
रे संग-हं सराजरघुवंशी)
नेमिनाथतेरीक्याहीबातहै
,
रीक्याहीबातहै ,
नेमीश्वराते
दू रहोके भीतू
मेरे साथहै ..(२)
गिरनारसोहेनेमिनाथ,मेरामनमोहेनेमिनाथ,
होनेसे,मेरीसारीजिं
नेमिके दगीसजीहै ,
लागीमेरीतेरे संगलागीमेरे नेमजी..(२)
लागीमेरीप्रीततेरे संगमेरे नेमजी..(२)
तेरी,लागेमु
मूरतये झेप्या
रीप्या
री,
गेमुझे,मेरे नेमजी,
शामलियाला
येबालम्,मोक्षदि
राजुलके लाओमुझेहो
वालम्,
गिरनारमेरे मनकोलु
भाये,
शिवादेवीकातू
है दु
लारा,समुद्रविजयकातू
है ता
रा,
तेरे होनेसेमेरीसारीजिंदगीहै
,
लागीमेरीतेरे संगलागीमेरे नेमजी..(२)
लागीमेरीप्रीततेरे संगमेरे नेमजी..(२)
Lyrics:DarshitGadiya
⁕⁕⁕⁕⁕
•लग्ननोप्रसंगआ
व्योरे •
तर्ज:(नानीउमरमांचा
ल्यावैरागी/गो
रीरा
धानेकाळोकान)
संगआ
लग्ननोप्र व्योरे ,है
येउमंगलाव्योरे ,
जानलईआवशे,नेमनेवरावशे,म
नेता
तमातभ्रातरे ...ल
ग्ननो...
श्यामळोसोवानएनो,रा
तेआ
समानजेवो,शो
भेउ
दारदे दाररे ,
फू लोनीछाबजेवो,तारलानाआ
भजे
वो,रुपरुपनोअं
बाररे ,
राजुलनुंदीलडुंतूट्युं,मनडुंरु
ठ्युं,ने
मनीवा
टमां...
जुलसानभान...ल
भूल्यारा ग्ननो...
पलपलनुंस्मितहतुं,नेहनवनीतहतुंगुंजेतेमनुंगी
तरे ,
तेजनुंप्रतिकहतुं,निर्मलफ्टी
कहतुं,ने
मब
सए
कप्रतीतरे ,
राजुलनुंदीलडुंतूट्युं,मनडुंरु
ठ्युं,ने
मनीवा
टमां...
जुलसानभान...ल
भूल्यारा ग्ननो...
मकथा,नवभवथीसा
युगयुगनीप्रे थहता,स्ने
हहतोआ
पणोसमानरे ,
के मतोडीएप्र
था,है युंक
रे खू
बव्य
था,रु
ठ्याध
रतीआ
समानरे ,
राजुलनुंदीलडुंतूट्युं,मनडुंरु
ठ्युं,ने
मनीवा
टमां...
जुलसानभानरे ...लग्ननो...
भूल्यारा
—146—
पशुनापोकारे फर्या,दुः खनाअंधकारहर्या,चा
ल्यागीरनारवा
टरे ,
कर्मोनेचूरकर्या,मोहतीमीरहर्या,भ
वनीजी
त्याचो
पाटरे ,
राजुलनुंदीलडुंतूट्युं,मनडुंरु
ठ्युं,ने
मनीवा
टमां...
जुलसानभानरे ...लग्ननो...
भूल्यारा
Lyrics:P.Pu.PanyasShriSanskaryashvijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•लेवामनेजो
नेनेमिआया•
तर्ज:(सुन्या-सुन्या)
हल्दीथीसजीछे आका
या,
जाउंमोहमाया,
त्यागवाहुं
रहेजोधर्मनीमुजपरछाया,
लेवामनेजो
नेनेमिआया...
रागनातोडीतोरणो,वैराग्यनोक
र्योशृंगार,
वाळ्योछे नेमिएरथ,पशुओनासुणीपो
कार,
वोनेअभयने
दईनेजी मि,चाल्यागि
रनार,
नवभवनीप्रीततो
डी,त्यागीराजुलनार,
तुंजमारोसार,नेमएकतुंआधार,
चालीशसंयमलइतारापगथार...
फू लोथीसजीछे मारीना
ण,
मळशेमनेदीक्षानुं
दान,
ओघोलेवानेलागीहोडी,
जाउंछुं हुं संसारनेछोडी...
छोडीने,करवीमारे साधना,
साधनोने
आत
त्यागनुं पतपी,करवीछे आ
राधना,
रागनेहवेछोडीने,वैराग्यनी
झंखना,
तारीपासेआवीने,क
रुं मो
क्षप्रार्थना,
छे तुजमारोसाथ,झा
लजेतुंज
मारोहाथ,
मुजनेनेमिनाथ...
उगारजे
Lyrics:PakshalKothari
⁕⁕⁕⁕⁕
—147—
•मळे तारुं शरणुं•
तर्ज:(बहोतप्यारकरतेहै
-साजन)
जयजयश्रीने
मिनाथ..(५)
मळे तारुं शरणुंजन्मोजनम..(२)
करुं तारीसेवा..(२)क
रुं हुं
न मन..
मळे तारुं शरणुं..(२)
अंजनवर्णीमूरतिनिहाळी..(२)
दोषअंतरनांले
जेपखाळी,
धन्य-धन्यथाये..(२),मारुं जीवन..
मळे तारुं शरणुं...
तारीभक्तितारीसेवानाशमणां..(२)
तारादर्शनतलसेछे नयना,
करुं तारीपूजा..(२),करुं हुं स्तवन..
मळे तारुं शरणुं...
जगमांछे
गिरनारगिरितो मो
टो..(२)
चौदेराजमांतोमळे न
हींजोटो,
भजोभजोसौप्राणी..(२),अवसरनाचू
को..
मळे तारुं शरणुं...
⁕⁕⁕⁕⁕
•मनडुंमा
रुजो
नेडो
लडो य•
लथा
मनडुंमारुजोनेडोलडोलथा
य,
सदभाग्येव्हालाजीनोसंगमळीजा
य...
मायानावळगणथीके मरे छू टाय,
सदभाग्येव्हालाजीनोसंगमळीजा
य...म
नडुमारूं ...
आतमनोसं
गमनेआपजोभगवंतजी,
भक्तिनापु
ष्पोखिलावजोभगवंतजी,
सेवासत्संगमांमनडुंबंधाय...(२)
सदभाग्येव्हालाजीनोसंगमळीजा
य...म
नडुमारूं ...
अंतरथीनेमनाथनुंनामज्यांलेवायछे ,
थईनेबहुरा
जीअमहै याहरखायछे ,
एमनीकृ पाथीभवसागरतरीजा
य...(२)
सदभाग्येव्हालाजीनोसंगमळीजा
य...म
नडुमारूं ...
—148—
धन्यश्रीगिरनारनोना
थअलगारी,
दुः खदू रकरशेश्रीनेमिसुखकारी,
रत्नत्रयीतणांमारगसमजाय...(२)
सदभाग्येव्हालाजीनोसंगमळीजा
य...म
नडुमारूं ...
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
•मनेयादआ
वशेनव्वाणुना वसो•
दि
तर्ज:(मनेयादआवशेतारीगमतीवा
तो)
रा,नेमतारीजोवा,
अभिषेकधा
नीहुं ,दो
राजुलब डीआवुजोवा..
गिरनारतोजाणे,हरश्वा
समांमारे ,
नेमिनाथहवेतो,बसतुएकतारे ..
नव्वाणुतोजाणे,बसएकबहानु,
—149—
गिरनारनीछाया,मांरे हवानु..
नेमकईडेमुजने,ह
वेक्यारे म
ळशुं,
मनेयादआवशे,नव्वाणुनादि
वसो..
⁕⁕⁕⁕⁕
•मनेयादआ
वतोने
मनो थवारो•
स
तर्ज:(मनेयादआवशेतारीगमतीवा
तो)
हेनेमिनाथतुंमनमांसमायो..(२)
मनेयादआवतोनेमनोसथवारो..(२)
तमेशिवादेवीनां,नंदनकहेवाया,
नेसमुद्रविजयनां,छोला
डकवाया,
शौरीनगरीए,त
मेजन्मजपाया,
नेदत्तात्रयथी,मुक्तिएसिधाव्या,
हेब्रह्मचारी!नेमिजिनराया..(२)
मनेयादआवतोनेमनोसथवारो..(२)
पशुओतणोए,पो
कारसुणीने,
तोरणथीरथने,पाछोवाळीने,
राजीमतीथी,प्रीतितोडीने,
दीक्षालीधीती,स
हसावनजईने,
वंदनकरीएए
,पावनभूमिने..(२)
मनेयादआवतोनेमनोसथवारो..(२)
आडत्रीसोपचास,सो
पानचढीने,
निसीहिकहुंतु
ज,द्वारे आवीने,
रीशनकरतां,भ
तुजद वभ्रमणातू
टे,
तारोपक्षालजोतां,मु
जहर्षनखू
टे,
अश्रुवहेने,सविकर्मोछु टे..(२)
मनेयादआवतोनेमनोसथवारो..(२)
मर्पण,सज्जनुंसर्जन,
पेथडनुंस
भीमोनीउदारता,धा
रहताबलिदाता
गायो,रै वतनोमहिमा
धर्मरक्षितए
हेमवल्लभधारे ,हिमांशुनी
आ
ज्ञा
एतीर्थनेवंदता,माराआ
युष्यफ
ळता..(२)
मनेयादआवतोनेमनोसथवारो..(२)
Lyrics:AyushVora
⁕⁕⁕⁕⁕
—150—
•मनगायेआजउ
मंगे•
तर्ज:(मनउधानवाऱ्याचे)
गरवागिरनारनास्पर्शपामीखी
ल्युं,
अंतरनुंउपवनजाणेमहेकायुं,
मनगायेआजउमंगे,नाचेआ
जतरं गे,
भेटवामनतलसे..
नेमनाथने
मनगायेआजउमंगे...
खरोने,जो
रै वतेशि ईनेमनह
रखे,
सप्तरं गीगगनेसंग,ध
जाओके
वीफरके ,
पंखीओनाकलरवमांगि
रनारे ने
मनाथतुंगुंजे,
पवनोनीलहेरोमांतारास्पंदनोम
नेस्प
र्श,
मनभावनगिरिजो
ईमनडुमलके ,
मनपावनगिरिभेटीदि
लडुह
रखे..
मनगायेआजउमंगे...
कर्णविहारप्रासादेनेमनाथके वासोहे,
झगमगतादीवाओमांनेमनाथमनमोहे,
नेमतमारादर्शनेसौ,भक्तोनाम
नडो
ले,
शिवादेवीनाजायामा
रा,नेमनीज
यजयबो
ले,
लोगिरनारे नेमजीजुहारीये,
सौचा
नव्वाणुंकरीनेस
मकितनिर्मळकरीये..
मनगायआजउमंगे...
⁕⁕⁕⁕⁕
•मनमोहीली रनारे •
धुंगि
तर्ज:(मलावे
डला
गलेप्रे
माचे)
यादोमांनेस्वप्नोमांब
स,तुंछे दिनरात,
ज्यारे थीभे
ट्योतु
जनेबस,एकता
रीवा
त,
तुंदोषसंतापटाळे ,तुंभवसागरथी
उ
गारे ,
तुंकर्मकोडोना
बाळे ,तुंपापीने
पणता
रे ...
मनमोहीलीधुंगिरनार,चित्तचो
रीली
धुंने
मकु मारे ...
लो,गिरनारे ...गिरनारे ...
सौचा
लो,नेमजीनाद्वारे ...ने
सौचा मजीना
द्वारे ...
धनानीबहारछे
ज्यांसा ,सि
द्धिनो
जेदा
तारछे
,
सौंदर्यएवंअ
पारछे ,दे वलोकनेप
डकारछे ,
यमअंगीकार,कै वल्यनेव
सहसावनेसं र्याने
मकु मार,
समवसरणजिनबींबजुहार,र
हनेमिनेत
र्यारा
जुलनार...
मनमोहीलीधुंगिरनार,चित्तचो
रीली
धुंने
मकु मारे ...
—151—
लो,गिरनारे ...गिरनारे ...
सौचा
लो,नेमजीनाद्वारे ...ने
सौचा मजीना
द्वारे ...
अंजनसमा,गिरनारना
अरीष्टने शणगारछे ,
जेनाप्रभावेकैं कनो
,तू
ट्योअनंतसंसारछे
,
रानेमकु मार,छे
बिराजेप्या धन्यधन्यतेकर्णविहार,
वरसावतातेब्र
ह्मज
ळधार,सवीजीवनाते
तारणहार..
मनमोहीलीधुंगिरनार,चित्तचो
रीली
धुंने
मकु मारे ...
लो,गिरनारे ...गि
सौचा रनारे ...
लो,नेमजीनाद्वारे ...ने
सौचा मजीना
द्वारे ...
Lyrics:BhavikShah(Mulund)
⁕⁕⁕⁕⁕
•माराचि त्तमां,नेमिनाथतुं•
त्तमां,मारावि
त्तमां,मारावि
माराचि त्तमां,ने
मिनाथतुं,ने
मिनाथतुं....
क्तिमां,अ
मारीभ भिव्यक्तिमां,नेमिनाथतुं,नेमिनाथतुं...
मारूं स्वप्नतुं,मा
रीआं खतुं,मा
झंआभतुं,मा
रीपां
खतुं...
गणी,बसएकछे
मारीमां ,तारासंगमां
,म
नेराखतुं
,
तनमनतणी,मु
जशक्तिमां,ने
मिनाथतुं,ने
मिनाथतुं...
ममसत्यतुं,सौन्दर्यतुं,जीवनतणुं,ता
त्पर्यतुं,
ममदे वतुं,म
मध
र्मतुं,उ
पदेशतुं
,गु
रूवर्यतुं
,
श्रद्धाभरी,अनुरक्तिमां,ने
मिनाथतुं,ने
मिनाथतुं...
साचीसमज,म
नेआपजे,का
चीस
मज,प्र
भुकापजे,
जीवनतणी,के डीउपर,कु मकु मनापगलांथा
पजे,
मुजआत्मातणीतक्तिमां,ने
मिनाथतुं,नेमिनाथतुं...
⁕⁕⁕⁕⁕
•मारादि
लमां रनार•
धडके गि
गिरनारओगिरनार,वंदनतनेहो,को
टीको
टीवार,
नेप्यारुं छे ,नेमनाथछे
रै वतम शोभातारी,
धन्यहुं थईगयो,गिरिनोस्पर्शमनेथयो..(२)
जयजयजयज
य,ग
रवोगिरनार,मा
रादिलमांधडके गिरनार...
कल्याणकोनुंस् थानछे ,मोक्षतणुंद्वा
रछे ,
तनेनमुंलाखवारहुं ओ
गिरनार
जयजयजयज
य,ग
रवोगिरनार,मा
रादिलमांधडके गि
रनार...
—152—
नम
मारात नमांप्रभुनेमनोजयजयकार,गि
रनारीहुं छु
मनेप्राणथकीपणप्या
रोगढगिरनार,गि
रनारीहुं छु
गरगमांथायेशुद्धिनो
मारीर संचार,गिरनारीहुँ
अहींआवीथ
तांसौसं
कल्पोसाकार,गि
रनारीहुं छु
जयजयजयज
य,ग
रवोगिरनार,मा
रादिलमांधडके गि
रनार..(२)
अहींसंयमलेवांआव्यानेमकु मार,गि
रनारतुंछे
अहींसिद्धिवर्याप्र
भुनेमथयांभवपार,गि
रनारतुंछे
अहींसिद्धिवर्याप्र
भुनेमनात्रणगणधार,गि
रनारतुं
छे
धकमाटेउभोबनीउपकार,गिरनारतुं
हरसा छे
कल्याणकभूमिस्पर्शीहुं करुं सहसावननीवं
दना,
चौदचौदजिनमंदिरोशोभीर
ह्यांछे तुजगो
दमां
,
वादळोनीसाथेवातोकरतुंकर्णविहरप्रासादछे ,
सृष्टिनुंसौंदर्यतुंतारोमहिमाअपरं पारछे ,
जयजयजयज
य,ग
रवोगिरनार,मा
रादिलमांधडके गि
रनार..(२)
गिरनारतीर्थनी
भक्तिकाजेमुजजीवनआकु
रबानछे ,
लोजइयेगिरनारहरधडकनमांएअ
सौचा रमानछे
,
अंजलिमांसंकल्पछे म
नेतरवानोवि
श्वासछे
,
र्मळसमकितप्रभुबसए
द्योनि ज"हेम"नीआ
शछे
,
जयजयजयज
य,ग
रवोगिरनार,मा
रादिलमांधडके गि
रनार..(२)
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•मारागि
रनारीनेम•
आतमनोआधारने
मतू,भ
क्तिनोसथवारनेमतू
समकितनोदातारनेमतू,संयमनोदातारनेमतू
सिद्धायबुद्धायमुक्तायनाथाय...
तूसिद्धतूजबुद्ध,तूपवित्रतुजमं
त्ररे ...
ब्रम्हचारीनिर्विकारीतूज
नेमि,
अनंतगुणधारीव्रतधारीतूगिरनारीरे ...
मंगलकारीकल्याणकारीतूजनेमि,
अंतरध्यानमांहृ
दयस्थानमां,ने
मिनाथमा
हरातूहीजतू
...
मुजरोमरो
ममांहरश्वासश्वासमां,नेमिनाथमा
हरातू
हीजतू
...
विशुद्धचारित्र्यदाय,तूसर्वज्ञतीर्थंकराय,
रनारीनेम,मा
मारागि रागिरनारीने
म...
श्यामलस्वरूपसुंदर,तु
जदर्शनअ
मृतरू
प,
रनारीनेम,मा
मारागि रागिरनारीने
म...
—153—
दू रथशेभ
वभयनीचिं
ता,म
ळ्योस्वामीशिवसुखदा
ता,
रागद्वे षदु रे थाशे,आतमनीशु
द्धिथाशे,
तरागस्वरुप,मु
तुजवी जआतमनु
एरूप,
भटक्योहुं बहुकालरूप,प्रगटावोनेनि
जस्व
रूप,
तमेछोसागर,तरावोनेम
करुणाना नेभवसा
गर,
रनारीनेम,मा
मारागि रागिरनारीने
म...
बालब्रम्हचारीनेमि,शिवगतिगामीहो
,
जन्मजरामृत्युनेनि
वारीमनेतारहो,
जानेतूभरियो,गुणनो
अक्षयख़ छे तूद
रियो,
शाश्वतसुखभेटआपो,नाथदीनदयालहो
,
तारकदे वकृ पालुव
रसावोकरुणाता
रीहो
,
शरणद्योनाथहवेमुजचि
त्तला
ग्यु,ब
सताराच
रणेहो
,
सर्वज्ञजिनराजयोगनोकांक्षीहुं
,भ
वथी
नि
स्तारहुं चा
हु...
तूपरमज्योतिस्व
रूपी,तू
परमयो
गीस्वरूपी,
रनारीनेम,मा
मारागि रागिरनारीने
म...
तूजगत्पितामहाय,तूजगद्देवाधिदेवाय,
रनारीनेम,मा
मारागि रागिरनारीने
म...
आतमनोआधारने
मतू,भ
क्तिनोसथवारनेमतू
समकितनोदातारनेमतू,संयमनोदातारनेमतू
सिद्धायबुद्धायमुक्तायनाथाय...
शिवादेवीनंदनेमिजिणंदतूरै वतगिरिरा
य,
लंछनेशंखबिराजेगढ़गिरनारे श्री
नेमसोहाय,
समुद्रविजयनंदनशौरीपूरीमंडनतूस्व
यं-सम्बुद्धाय,
अरिष्ठनेमिभगवान्प्रणमुंतु
जपा
यप
रमार्थनाथाय,
दू रथशेभ
वभयनीचिं
ता,म
ळ्योस्वामीशिवसुखदा
ता,
रागद्वे षदु रे थाशे,आतमनीशु
द्धिथाशे...
श्यामळस्वरूपसुंदर,तु
जद
र्शनअ
मृतरू
प,
रनारीनेम,मा
मारागि रागिरनारीने
म...
विशुद्धचारित्र्यदायतूसर्वज्ञती
र्थंकराय,
रनारीनेम,मा
मारागि रागिरनारीने
म...
नेमिनाथनेमिनाथ,जयजयश्रीने
मिनाथ...
गिरनारनेमिनाथनेमिनाथगिरनार,गि
रनारने
मिनाथजयनेमिनाथ...
Lyrics:PrashantShah(Dikubhai)
⁕⁕⁕⁕⁕
—154—
•मारागि
रनारीनेमि•
तर्ज:(एकलड़कीकोदे खातोऐसाल
गा)
रनारीनेमिनुं
मारागि शुंरे कहु
मळ्यानेमिनुं
माराशा शुंरे क
हु
नमांवसे,मा
माराम राश्वासमां
श्वा
से,
एनेप्यारथी
नि
रखताएतो,मीठडुहँ से,
ताज
मारीचिं शे,स
गडुसा
रुथ
शे,
मजीनीभक्तिमांसहुगे
आवाने ला-गेलाथाता,
ह्मचारीनेमिनुंशुंरे क
माराब्र हु...
रनारीनेमिनुं
मारागि शुंरे कहु
जुलनाव्हालम्नुंशुंरे कहु
मारारा
र्यसमान,सौम्यचंद्रस
तेजसू मान,
निर्भयसिंहसमान,कोमळपद्मसमान,
गंभीरसागरसमान,निर्मळनीरसमान,
जेनागुणलानेगाताथाके सरस्वतीमाँ,
मळ्यानेमिनुं
माराशा शुंरे क
हु...
मजीनाकं ठे छे
माराने गु
णलानीमा
ळ,
एतोकरुणानिधान,एतोजगतनो
प्राण,
एतोपालनहार,ए
तोतारणहार,
एतोप्रेमवनजार,एतोभक्तिभरथार,
मजीनीभक्तिथीसौसिद्धब
एवाने नीजाए,
रनारीनेमिनुं
मारागि शुंरे कहु...
Lyrics:SaketShah(Tapovani)
⁕⁕⁕⁕⁕
•माराजि राजिणंद•
णंदनेमि,मा
णंदनेमि...माराजिणंद..घेलीरा
माराजि जुलप्र
भुनेपु
कारे ...
नेमिनाथजिणंदमा
रा,नेमिनाथजि
णंद..(२)
ज्ञानीत्यागीभवनावैरागी,घे
लीराजुलप्र
भुनेपु
कारे ...
णंदनेमि...[१]
माराजि
पशुओनीकरूणाहृ
दयमां,पहोंच्यागि
रनीगु
फामां,
पूरवभवनीप्रीतमनमां,जी
वनआखुंस्मरणमां
ज्ञानीत्यागी...[२]
आठभवमांदीधोतेंहाथ,प्रीतनिभावीमा
रीसाथ,
नवमांभवेमूकीमाथेहाथ,मु
जनेभ
वमांदे जोसाथ,
णंदनेमि...[३]
माराजि
—155—
नेमिनाथतारे आधारे ,जईशुंभवनाकि
नारे ,
"राज"कहेतुंजगनेतारे ,"हर्ष"ने
के मविसारे ,
ज्ञानीत्यागी...[४]
Lyrics:MuniShriRajharshVijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•माराने
मप्र योजन्मकल्याणक•
भुनो,आ
तर्ज:(मनेयादआवशेतारीगमतीवा
तो)
एदिवसआयोआनंदलायो,त्र
णलो
कमांशु
भज्योतजगायो,
मप्रभुनो,मा
माराने रानेमकुं वरनो,आ
योजन्मकल्याणक...
शिवादेवीनेसमुद्रविजयसुत,शौ
रीपुरीनोकृ ष्णब
लदेवभ्रात,
आठे भवोनीप्रीतिनेतोडी,पशुपू
कारसूणी,कुं वारीराजुलछो
डी...
पायोदिक्षा-के वलनेनिर्वाण,गिरनारभू
मिनोजयकारगवायो,
मप्रभुनो,मा
माराने रानेमकुं वरनो,आ
योजन्मकल्याणक...
Lyrics:CharmiDedhiya
⁕⁕⁕⁕⁕
•माराने झाणा•
मजी,नेमजीरि
तर्ज:(आजनोचां दलीयोमनेलागे)
मारारे नेमजी...हो..
मजी,मा
माराने रानेमजी,
नेमजीरिझाणामाराने
मजी..(२)
नावे,नामानेऐ
राजुलम नानेमजी
ने,ना
नामा माने,नामानेरे ...
लग्ननेमां
डवे,ने
मजीआवीया,जानैयासाथेलाव्यारे ने
मजी
पशुडेमांडयोछे ,पोकाररे नेमजी,र
थडोपा
छोवाळीवाळीरे
नावे,नामानेऐ
राजुलम नानेमजी,ना
माने,ना
माने,ना
मा
नेरे ...
लग्नरे रढियाळीरातमां,रा
जुलश
णगारत्य
जीजुवेजुवेरे
नेमजीवळता,जुवेजुवेरे ,रा
जुलराणीरूवेरूवेरे
नावे,नामानेऐ
राजुलम नानेमजी,ना
माने,ना
माने,ना
मा
नेरे ...
आठआठभवनी,प्री
तडीनेमजी,न
वमीकु मारीमेलीमेलीरे
मेहंदीगुखेली,हाथेहाथेरे ,दिधारे वर्षीदानदा
नरे
नावे,नामानेऐ
राजुलम नानेमजी,ना
माने,ना
माने,ना
मा
नेरे ...
⁕⁕⁕⁕⁕
—156—
•मारारो
मेरो
मेगुं
जेदा मिनाथजी•
दाने
{रै वतगिरिना
शिखरे सोहेश्यामळमोहनगारजी,
मेरोमेगुंजेदा
मारारो दानेमिनाथजी...}..(२)
{ऊं चाऊं चागिरिवरपरउत्तुंगजेनुशीखर,
हेमा
तेमासो रावाहलानेमिप
रमेश्वर}..(२)
प्रभुवरबावीशमाती
र्थंकरशीवादेवीनंदजी,
मेरोमेगुंजेदा
मारारो दानेमिनाथजी...
रै वतगिरिनाशिखरे ...
{पशुओंनेकारणजेनेराजुलत्या
गी,
रथडोवाडीनेपाछोबन्यावितरागी}..(२)
घातिकर्मक्षयकीधापाम्याके वलज्ञानजी,
मेरोमेगुंजेदा
मारारो दानेमिनाथजी...
रै वतगिरिनाशिखरे ...
{के वुअद्भुतप्रभुआपनुआकर्षण,
पुष्पश्युको
मलहे मश्युशी
तल}..(२)
तारीछायानेपामीनेमाणुपरमानंदजी,
मेरोमेगुंजेदा
मारारो दानेमिनाथजी...
रै वतगिरिनाशिखरे ...
Lyrics:ShramaniBhagwant
⁕⁕⁕⁕⁕
•माराश्वा मि•
स-श्वासमांने
तर्ज:(येमोहमो
हके धागे)
स-श्वासमांनेमि,मारीआस-पासमांनेमि...
माराश्वा
स-श्वासमांनेमि,मारीआस-पासमांनेमि,
माराश्वा
लागीलागीरे लगनीए
नी,हुं उ
ज्जयंतनो
प्रेमी...
बसएजएकतन-मनमां..(२)बसए
जदिलमांरे ध
बके ...
स-श्वासमांनेमि,मारीआस-पासमांनेमि,
माराश्वा
लागीलागीरे लगनीए
नी,हुं उ
ज्जयंतनो
प्रेमी...
छे सफळजीवनमानेप्रीतमए
म
ळ्यो..(२)
प्रीतनोकोईअवनवो,कोईन
वनवोर
सम
ळ्यो,
छे सफलजी
वनमानेप्रीतमए
म
ळ्यो...
ळ्याभावोबधाजीवनना,उ
आजेफ छळ्योरे भक्तीनो
त
रं ग...
स-श्वासमांनेमि,मारीआस-पासमांनेमि,
माराश्वा
लागीलागीरे लगनीए
नी,हुं उ
ज्जयंतनो
प्रेमी...
—157—
एशीखरछे उं चुंहुं एनीरे धजा..(२)
नीरएख
ळखळे ,ने
खीलखीलेफू
लआ
,
एशीखरछे उं चुंहुं एनीरे धजा...
सर्वस्वपरएनुजनामअमर,ए
मुझशि
वपुरधा
म...
स-श्वासमांनेमि,मारीआस-पासमांनेमि,
माराश्वा
लागीलागीरे लगनीए
नी,हुं उ
ज्जयंतनो
प्रेमी...
नेमिरे ....
Lyrics:MuniShriDharmashekharVijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•मारुं म लतुंगिरनारगुंजन•
नडुंबो
तर्ज:(मनेयादआवशेतारीगमतीवा
तो)
हेगिरनारहुं
करूं तुजनेवंदन,हे
नेमिनाथहुं
करूं तुजनेवंदन..
मारूं मनडुंबो
लतुंगिरनारगुंजन...
श्रीगिरनारमंडण,मारानाथनिरं जन
तमेभवदुः खभंजन,तु
जचरणेवं
दन
तारूं रूपअनुपम,क
रे क
र्मनि
कं दन
तुंजगमाउत्तम,शिवादेवीनंदन
सेश्वासेबसतारूं कुं जन,
माराश्वा
मारूं मनडुंबो
लतुंगिरनारगुंजन...
हेनेमिनाथहुं करूं तु
जनेवं
दन,हे
गिरनारहुं
करूं तुजनेवंदन,
मारूं मनडुंबो
लतुंगिरनारगुंजन...
नेमिनाथछे मारा,रा
जुलनाप्यारा
बावीशमांसितारा,म
नमांसमाया
रीजाउं,माराता
वारीवा रणहारा
संगाथेरहेवुं,रै वतगिरिमां
मेरोमेताराप्रे
मारारो मनुंअंजन..
मारूं मनडुंबो
लतुंगिरनारगुंजन...
हेनेमिनाथहुं करूं तु
जनेवं
दन,हे
गिरनारहुं
करूं तुजनेवंदन,
मारूं मनडुंबो
लतुंगिरनारगुंजन...
Lyrics:ViragShah(Vadodara)
⁕⁕⁕⁕⁕
—158—
•मतजा मिनाथ•
ओने
तर्ज:(तेरे गोरे गोरे गा
लद
ममस्तकलंदर)
मतजाओनेमिनाथ,राजुलपु
कारे ,
हैआठजनमकासाथ,रा
जुलपुकारे ...
यादवकु लके धणीतुम,ठाठसेबरातला
ये,
बैठके रथमेंस्वामी,तो
रणत
कआ
ये,
टगईबारात,राजुलपुकारे ...म
क्योंलौ तजा
ओ...【१】
शूकटजायेंगे,मुझेनाग
लाखोंप वाँराहै
,
ऐसीखुशीसेअ
च्छा,रहनाकुँ वाराहै ,
मेरे मनकोलगाआ
घात,ने
मिनाथउच्चारे ...म
तजाओ...【२】
पशुओंके आँ सुदे खे,मेरारोनानादि
खा,
मेहंदीवालेहाथनादे खे,ला
लजो
ड़ाना
दिखा,
रे मनकीबात,रा
समझोमे जुलपुकारे ...मतजाओ...【३】
चलोमेरे सा
थ,राजुलसं
यमधा
रें गे,
मुक्तिनगरमेंहमतुम,सदासंगर
हेंगे,
गीविरहकीबात,ने
नाहो मिनाथउ
च्चारे ...म
तजाओ...【५】
नेमिनाथऔररा
जुलने,जीवदयासि
खलाई,
पारलगाया,खु
लाखोंको दभीमु
क्तिपाई,
“प्रदीप”नेपा
येनाथ,ता
रणहारे ...म
तजाओ...【६】
Lyrics:PradeepDhalawat
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
—159—
•नमामिने
मि•
तर्ज:(चिंबभि
जलेलेरुपसजलेले)
परम्पवित्रपावनप्रीतमपु
रुषोत्तमरे प्यारा,
निष्कामनिरागसनाथनिरं जननि
र्विकारीन्यारा,
तारा,नेद्वारिकादु
बाविसमांसि लारा,
गिरनारनागभारामांशोभनाराजे...
ब्रम्हचरनारा,सत्वध
रनारा,जी
वदयाप्रे
मी,न
मामिनेमि...
रं भाजेवुंरू
पजे
नू,र
म्यराजुलरा
णी,
पणपोकारे पंथमा
,पशुओनेप्रा
णी,
प्रभुनापापणोथीपड़ेपानी,
मुखमांथीझरे वैराग्यनीवाणी,
हैयेदयाउभराणी,कलरवथयाक
ल्याणी,
अंतेथयानि
र्वाणी,माणीमुक्तिरा
णीने...
ब्रम्हचरनारा,सत्वध
रनारा,जी
वदयाप्रे
मी,न
मामिनेमि...
मनमहलमा,मोहमाहाराजनीमस्तीछे
,
मारीनेमारे ,मा
मोहने णवीमुक्तिछे ,
करवाहवे,मोहघाती,घोषप
डघमना,
तेसूरो,सं
साधीनेसा यमस
रगमना,
संबंधोलागेखारा,बनजोए
वासहारा,
चढवीछे ध्यानधारा,त
माराजेवीरे ...
ब्रम्हचरनारा,सत्वध
रनारा,जी
वदयाप्रे
मी,न
मामिनेमि...
Lyrics:JainamSanghavi
⁕⁕⁕⁕⁕
•नमोन
मोनेमिश्वरं •
तर्जः (ऐवतनव
तनमेरे आ
बादरहेतू)
मोनेमिश्वरं ...नेमिश्वरं ...आधारमारोतुं
नमोन ..(३)
शौरीपुरीवासीनेमनाथमा
रोतुं..(२)
बालब्रम्हचारीनेमशौर्यमारुं तुं..(२)
मोनेमिश्वरं ..(२)
नमोन
मेरोमनेमनामतारुं दे ,
मारारो
हुंजतुंजब
नीरहुनेमएवुंध्यानदे
,
वीतरागीतारारागमांरं गावमनेतुं..(२)
मोनेमिश्वरं ..(२)
नमोन
लकतीनेमतारीक
आंखोथीछ रुणा,
स्मिततारुं नीरखीहरखेमारुं है
युंआ,
—160—
द्वारीपुरीगिरनारीधबकारमारोतुं,
शौरीपुरीगिरनारीध
बकारमारोतुं...
मोनेमिश्वरं ..(२)
नमोन
कुं भारीयाजीतीर्थपतिजगतारकछे
तुं
,
रांतेजभोरोलवा
लमेने
गिरनारे तुं,
विनवेतने“हेम”नेमम
नेतारहवेतुं..(२)
मोनेमिश्वरं ..(२)
नमोन
Lyrics:PrashantShah(Dikubhai)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नमोने
मजी•
तर्ज:(तुमप्रे
महो
,तु
मप्री
तहो)
मजी,न
नमोने मोनेमजी...गि
रनारनान
मोने
मजी...
मजी,नमोस्वामजी,न
नमोश्या मोभावथीनेमि,न
मोगि
रनारजी
मजी,नमोस्वामजी,न
नमोश्या मोभावथीनेमि,न
मोगि
रनारजी
मजी,न
नमोने मोनेमजी...गि
रनारनान
मोने
मजी...
टलेदु खतुजदर्शनथकि...ने
मजी...
टलेदु खतुजदर्शनथकि,शमेता
पतु
जस्प
र्शनथ
कि..(२)
मुजरोमरोमेंथायछे ..(२)स्पं
दनह
वेतु
जस्म
रणथी,
जिनराजतू,महाराजतू,म
हाब्रह्मचारीतू...नमुहु
नेमजी...
मजी,नमोस्वामजी,न
नमोश्या मोभावथीनेमि,न
मोगि
रनारजी
मजी,न
नमोने मोनेमजी...गि
रनारनान
मोने
मजी...
दोषोरूपीअंजनथकि...नेमजी...
दोषोरूपीअंजनथकि,मुजआत्माअंजायछे ..(२)
मनाबसरटनथी..(२)मुजआत्माशुद्धथायछे
तुजना ,
निष्कामीतू,नि
रोगीतू,निर्मोहीतूस्वामी...नमुहुने
मजी...
मजी,नमोस्वामजी,न
नमोश्या मोभावथीनेमि,न
मोगि
रनारजी
मजी,न
नमोने मोनेमजी...गि
रनारनान
मोने
मजी...
स्वामीमिलनतारुथयूं...ने
मजी...
स्वामीमिलनतारुथयूं,ज
न्मोजन्मनु
दु खटल्यू..(२)
सरे हवुछे
तुजपा ह
वे..(२)न
थीजा
वूतुजथीदू रहवे,
मुजश्वासतू,विश्वासतू,एहसासतू
स्वामी...नमुहुने
मजी...
मजी,नमोस्वामजी,न
नमोश्या मोभावथीनेमि,न
मोगि
रनारजी
मजी,न
नमोने मोनेमजी...गि
रनारनान
मोने
मजी...
Lyrics:P.Pu.ShramaniBhagwant
⁕⁕⁕⁕⁕
—161—
•नाथओ
ने
मिनाथ,तू
मे सरा•
राआ
तर्ज:(तेरीउं
गलीप
कड़के चला)
मेरे दिलके ,प्रीतमप्यारे ,दिलसे
ते
रीया
दरुलाये..(२)
नेमिनाथ,तुमे
नाथ,ओ राआ
सरा..(२)
{गिरिचढ़के आये,तेरे दर्शपानेको
,
मनमेरायेचा
हे,ते
रे पासर
हनेको}..(२)
लंबीसफ़र,सेगुजरामें,भटकाराहभर,
हाथनहीं,छो
डू तेरा,में
तो
ह
रजनम,
येतोमेरासौदा,होग
यासदा,
नेमिनाथ,तुमे
नाथ,ओ राआ
सरा..(२)
{जबसेतुजकोदे
खा,मेरीआँ खथमगयी,
तेरे संगरहना,ये
बातबनग
यी}..(२)
तूहीबता,तेरे बि
ना,क्या
अबमैंक
रु,
जीयुनहीं,तेरे सिवा,दीवानाब
नफि
रु,
मैंतोतेरे स
पनोके ,रं गमेंढला,
नेमिनाथ,तुमे
नाथ,ओ राआ
सरा..(२)
Lyrics:CharitraSurana(Tapovani)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमझु लेपा
रणीये•
तर्ज:(श्यामझू
लेहिं डोळा)
नेमझु लेपा
रणीये,शिवामाताझु
लावे..(२)नेमझु ले
कामणगारोछे
ए
वो,दु नियाभूलावे..(२)नेमझु ले
नेमरमेछे ,नेमगमेछे ..(२)
सहुनोप्या
रोनेमबनेछे ..(२)नेमझु ले...
नेममलके छे ,प्यारछलके छे ..(२)
सरगमनेमबनेछे
सुरनी ..(२)नेमझु
ले...
नेमछे श्वा
स,नेमआसपास..(२)
सुगंधमारीनेमबनेछे ..(२)ने
मझु
ले...
रूडारूपाळा,ने
मनेजोइ..(२)
हैयुंशामळीयुके मबनेछे ..(२)नेमझु
ले...
Lyrics:SadhuBhagwant
⁕⁕⁕⁕⁕
—162—
•नेमआवोनेआ •
वोने
तुंजमार्गदे खाडमुजने,रा
हभटक्योछुं
,
साचासुखने
शोधवानी,राहगोतुंछुं ,
संसारनासंबंधोनो
,भा
रलागेछे ,
मनतणीआमुंजवणथी,थाकला
गेछे ,
नेमआवीजा,आ
वीनेमतुं
ल ईजा
,
मनमाहीहुं एजमांगुरे ...
नेमआवोनेआ
वोनेम
नेतारवानेनेमआ
वोने
...
ननीस
बांधवीम गाई..
मआवोने
होने आवोनेनेमत
मेआवोने
..
नेमआ
आवोने वो...
तारापंथेचा
लवानुंसत्वमांगुछुं
,
मार्गमांभटकीपडुना,बळहुं मां
गुछुं ,
भावनाशासनरसीनी,प्रभुहुं
मांगुछुं ,
सिद्धपदनेपामवा,ता
रोसाथमांगुछुं ,
नेमआवीजा,आ
वीनेमतुं
ल ईजा
,
मनमाहीहुं एजमांगुरे ...
नेमआवोनेआ
वोनेम
नेतारवानेनेमआ
वोने
...
ननीस
बांधवीम गाई..
मआवोने
होने आवोनेनेमत
मेआवोने
..
नेमआ
आवोने वो...
Lyrics:PrashantShah(Dikubhai)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमनीआं खलडी•
तर्ज:(छोटीसीप्या
रीसी)
—163—
आंखोंमांअमीछे ,जी
वदयाप्रेमीछे ,
नेमनानयनोंमांथीकरूणावही,
हेतनीहे
लीछे ,राजुलघेलीछे ,
नेमनीआं खोंमांचारित्रनाअमी,
भवोभवनेममळे ,आशछे एवी,
जीवनतारे ना
मकरूँ तुछे
जिं
दगी..(२)
मारानेमनाअभिषेकनीधा
आतो रा,
वहेतीरहेवि
रतिनीबूंदज्यांस
दा,
जयजयमारानेमिनोजय...
श्यामलरं गछे ,नि
र्मळअंगछे
,
नेमिनाथदादानोमोलनाकोई,
मीठांमीठांबोलछे ,वाणीअनमोलछे ,
नेमवाणीसांभळवाआ
वेसौकोई,
भवोभवनेमम
ळे ,आ
शछे
ए
वी,
जीवनतारे ना
मकरूँ तुछे
जिं
दगी..(२)
मारानेमनाअभिषेकनीधा
आतो रा,
वहेतीरहेवि
रतिनीबूंदज्यांस
दा,
जयजयमारानेमिनोजय...
Lyrics:TejasShah&AayushiShah
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमनुंनामज्या भळ्युंरे •
रथीसां
तर्ज:(तेराफ़ि
तूर)
नेमनुंनाम...ज्या
रथीसां
भळ्युंरे ..(२)
नोशामळोसो
होए वान,भावीयोरे ...ने
मनुंना
म...
नवनवभवनोस्नेहसं
बंधएतो
डीके मशके ?
नवनवभवनोस्नेहए
बीजेजोडीके
मश
के ?
नोशामळो...
होए
अंतरआ...मा
रुपोकारे रे ...
जीवननीआक्षणक्षण...एनेसथवारे रे ...
धकधकधडके दिलनीधडकन,ने
मनीतुं
ब सब
नबन...
एनेपामीनेब
नतुंजीवन,वनथीमारुउ
पवन...
शमणामांपणशामळोदे खुं,दिवसेप
णसंभारु...हो
ए
नोशामळो...
नयणामां...रे में
तोशमणामां...
के में
तो
फु रणामां...रे मेंतोर
टणामां...
नेमनानामनीमीठीसरगम,में
तो
स
ततआलापी..
मनमंदिरमांएनीएकज,मेंतो
मूरतिस्थापी...
पाछाफरोपोकारुरे जेमपशुओनापोकारे ...हो
एनोशामळो...
—164—
नना...स्ने
आत हविसरशुंरे ...
हवेआतमना...स्नेहेनीतरशुंरे ...
शीलसुगंधेसु
गंधितजीवन,पलप
लपा
वनकरशुं..
तुमपंथेहवेविरतिवरवा,स
हसावनसं
चरशुं...
नवभवना“संस्कारो”ने
हनानाथअखंडीतकरशुं...
नोशामळो...
होए
Lyrics:P.Pu.PanyasShriSanskaryashvijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेम-राजुलने ळ्यो•
मोक्षम
तर्ज:(भगवानपणभु
लोप
ड्यो)
एतोराजुलनोनाथ,एतोजगनोरे नाथ,
णीनाके वासाचाभरतार,
राजुलरा
एतोराजुलनोनाथ,एतोजगनोरे नाथ,
एतोसौनारे दिलडानोसाचोनेमनाथ,
एप्रेमपणके
वोफळ्यो...
नेम-राजुलनेमो
क्षमळ्यो...
गिरनारे ,नेम-राजुलनेमोक्षम
ळ्यो
सजीधजीनेबेठीराजुला,घेलीथईछे
नेमनेमळवा,
गोखेथीदे खेनेमजीनेश्यामडा,प
रणशुंहवेने
मजीप्या
रा,
भोळानेमिनेघेलीराजुल,चाहेछे
परणवा,
नेम-राजुलनेमो
क्षमळ्यो...
गिरनारे ,नेम-राजुलनेमोक्षम
ळ्यो
पशुआपुकारसुणी,ने
मजायपाछा,रा
जुलराणीरोवालाग्या,
गिरनारीघाटेशोधेरा
जुला,मळशेक्यारे ह
वेने
मजीपाछा,
गिरनारीनेमिप्रभुथयाने,आपेरा
जुलनेके
वलकमला,
नेम-राजुलनेमो
क्षमळ्यो...
गिरनारे ,नेम-राजुलनेमोक्षम
ळ्यो
आठभवप्रीतहवेथईछे पूरी,न
वमेभवेमुक्तिवरी,
नेम-राजुलनीप्रीतछे पूरी,ज
गमांएतोछे सौथीशू
री,
जीसंयमनेग्र
संसारनेत्य ही,बन्याके वलीदं
पत्तीआ,
नेम-राजुलनेमो
क्षमळ्यो...
गिरनारे ,नेम-राजुलनेमोक्षम
ळ्यो
Lyrics:P.Pu.MunirajShriChittpremVijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—165—
•नेमराजुलपंथे•
संयम...मुजआत्मानोनादए
कजसंयम,
शीघ्रातीशीघ्रमुजनेम
ळजोरे ..
संयम...मुजहृदयनोधबकारसा
चोसं
यम,
शीघ्रातीशीघ्रमुजनेम
ळजोरे ..
नेमराजुलपंथे,चा
ल्यारे संगे,करे मिभंतेउचरशुंसंगे,
नेमराजुलपंथेवि
चरशुंसंगे,अध्यात्मरं गेरं गाशुंरं गे,
प्रवज्यानुंपा
नेतरप
हेरी,क्यारे बनुंअ
णगार,
मुहपत्तीनो,क्यारे स
रजोहरणने जुंशणगार,
संयम...मुजआत्मानीप्यासएकजसं
यम,
शीघ्रातीशीघ्रमुजनेम
ळजोरे ...
संयम...मुजश्वासने
उच्छवासमां
छे
संयम,
शीघ्रातीशीघ्रमुजनेम
ळजोरे ...
देवगुरुनाआशिषफळीया,पा
म्यावि
रतीने,
यमनीसाधनासाधीवरशुंमुक्तिने,
शुद्धसं
संयम...मुक्तिपुरीपहोंचाडनारुं संयम,
शीघ्रातीशीघ्रमुजनेफ
ळजोरे ...
संयम...मुजमुक्तिनोआधारसा
चोसंयम,
शीघ्रातीशीघ्रअमनेफळजोरे ...
Lyrics:BhartibenGada
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमप्रभुमु लके •
खम
तर्ज:(सावनकामहीना)
नेमप्रभुमुखमलके ,ज्योचमके न
भमेंचंद..(२)
भक्तोंके दु ल्हारे ,श्रीसमुद्रविजयके नं
द,
मनब
राजुलके सिया,यादवकु लके मं
डन,
गढ़गिरनारजुहारुं ,सांवलियाने
मिजि
णंद...
{सौराष्ट्र मेंगढ़गिरनारसाजे,अ
रिष्टनेमिदा
दाज
हापेविराजे}..(२)
दर्शनसेदुः
खमिटता,आताना
कोईद्वं
द,
गढ़गिरनारजुहारुं ,सांवलियाने
मिजि
णंद...
{अविकारीअजरामरअंतर्यामी,भ
वदुः
खमेटोप्र
भुवरशि
वसुखस्वा
मी}..(२)
सम्यक् दर्शनदे दो,प्रभुकाटोकर्मोकाफं द,
गढ़गिरनारजुहारुं ,सांवलियाने
मिजि
णंद...
Lyrics:PrasannChopda(Mungeli)
⁕⁕⁕⁕⁕
—166—
•नेमरस•
संसारथीविरतीरथनो,गिरनारथीमुक्तिपथनो..(२)
सथवारछे एकमारो,आधारछे
एकबस...
स..(४)
नेम..नेम..नेम...नेमर
{नेमतुंमारोप्रेमछे ,सोंप्युंत
नेआ
जीवन,
नेप
जोईत हेलीजक्षणे,मोहायुंछे मारुं मन}..(२)
गिरनारीब्रह्मचारी,जाउंतुजप
रहुं
ओवारी,
मुक्तिनोवेशधारी,राजीमतिबनुंतारी,
भरथारतुंरे हजेमा
रो,भवोभवनीछे तरस,
सथवारछे एकमारो,आधारछे
एकबस...
स..(४)
नेम..नेम..नेम...नेमर
{गिरनारतोएभूमिछे ,ज्यां
शि ववर्याजीवअनंत,
द्धमुनितर्या,धन्यबन्यासा
अरिहंतसि धुसं
त}..(२)
हाथझाली,बनुंहुं उ
नेमिनो पशमव्रतधारी,
साथपा
रै वतनो मी,हवेबनवुंमु
क्तिगामी,
प्रभुनेमनोगिरिहे
मनो,मारे ब
नवुंछे वारस,
सथवारछे एकमारो,आधारछे
एकबस...
स..(४)
नेम..नेम..नेम...नेमर
Lyrics:ParasGada
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमसंगाथरे •
तर्ज:(याडंला
गलं)
नेमसंगाथरे नेमसंगाथ,रं गायोनेमहुं ता
रासंगाथ...
गरवागिरनारनानेमसं
गाथ,रा
जीमतीनामा
रानेमसं
गाथ...
प्रीतगिरिनीबं
धाणीतन-मनसं
गाथे,
भक्तिगिरिनीरं गानीनेमतारासं
गाथे...
बोलवुंशुंतुजमा
कहेवुंशुं रामननोमयुर
ताराविणआजीवनमारुं के
मकरीजी
ववुंप्र
भु
संयमग्रहीविरतीधरीआणतु
जशीरधरी
पामवीहवेशिवरमणीक
रोयोगक्षेमप्रभु
प्रीतताहरीधरीमेंप्रभुमा
राहृ
दये
हेरहेवुंसदाने
मिनाथताराशरणेसंगाथे...
तारीभक्तितारीश्रद्धादिलमांसदायेप्रभु
नमांमारादिलमांवसजोसदायेप्रभु
माराम
—167—
रागहरोद्वे षहरोआपोनिजगु
णप्र
भु
पामीसमकितपामवुंहवेता
रुं वी
तरागपणुं
प्रीतताहरीधरीमेंप्रभुमा
राहृ
दये
हेरहेवुंसदाने
मिनाथताराशरणेसंगाथे...
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमराजुलविरहगीत•
तर्ज:(इंडो)
हल्दीचंदनकाजलयों,फी
कोमे
हँदीरं गप
ड़ियो,
पूछे रे राजुलरोसिणगार,ओ
पियूजीमा
रा...
नेमजीथेर
थक्योंमोडियो...
सूरज,यादववं
शौर्यपुरीरा शी,स
मुद्रविजयराला
ल,
मैंउग्रसेनरीकुं
वरी,राजुलजुडियादोपरिवार,
मनकोरोमे
लोलाग्यो,सो
नारो
सूरजउग्यो...पूछे रे ...(१)
लालजोड़ामें
स जधजने,राहमैंदे खुजाणोपियारे दे स,
हंसताहं सताही,आं
सूछलक्खईयामि
लियोवोसं
देस,
बैठीउदाससखियोरोवे,हरएकअंखियों...पूछे रे ...(२)
ईभूलमारी,इतरोबतादो,की
हुईकां धोमैं
कांईकसूर,
थोरीमारीप्रीतिस्वा
मी,आठभ
वोरीनवमेंभ
वहुआदू र,
बुझवालगोरे दिवडो,फा
टेधरतीरो
हिवड़ो...पू
छे रे ...(३)
पशुओंरापीड़ादे खी,द
याम
नमे
ला
यीआभा
वनाहै ऊं
ची,
कोईपूछोनेमजीने
,मारोकांईहो
सी,मारोकु णहै सो
ची,
पशुओंरोरोणोंदिख्यो,मा
रोदु खक्योंनीदे
ख्यो...पू
छे रे ...(४)
गगावेसुनावे,नेमराजुलराअमरप्रेमरागीत,
युगयु
जीवदयापणमुक्तीपथहै
,प्र
भुरा
जीवनरी
सि
ख,
मानवजीवनपायो,“प्रदीप”शीशनमायो...पू
छे रे ...(५)
Lyrics:PradeepM.Dhalawat
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमतोगि
रनारे ज स्यो•
ईनेव
तर्ज:(भगवानपणभू
लीप
ड्यो)
{एशीवादेनालाल,एतोराजुलनानाथ,
पणहै येकोराणावैराग्यनाभाव}..(२)
मतोपुरोथयो..(२)
आप्रे
भगवानतोगिरनारे वस्यो,नेमतोगिरनारे जईनेवस्यो...
—168—
सुदबुदखोइ,बेठाराजुल,जोवाने
मतने,नैनअधीरा..(२)
गिरनारगलियोंमां,शोधेछे राजुल,
मळशुंक्यारे हवेनेमनेपाछा..(२)
सुनीरातो,सुनादिवसो,जोवेराहता
रीव्हा
ला...
भगवानतोगिरनारे वस्यो,नेमतोगिरनारे जईनेवस्यो...
नेमतारीवि
रतीनी,लागीमाया,
वा,आ
रजोहरणले वीशव्हाला..(२)
पुर्णथशेभ
वोभवना,रे ओरता,
नेमनीयादमांदीक्षा,भावउछळता..(२)
सुनीरातो,सुनादिवसो,जोवेराहता
रीव्हा
ला...
भगवानतोगिरनारे वस्यो,नेमतोगिरनारे जईनेवस्यो...
Lyrics:ShreyanshShah
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमताराआ
शीर्वादम
नेब ळ्याछे •
हुफ
तर्ज:(माताराआ
शीर्वादमनेबहुफ
ळ्याछे
)
नेमताराआ
शीर्वाद,मनेबहुफळ्याछे
..(२)
ओरताहतामनना,मा
रातेपूराकर्याछे ,
नेमताराआ
शीर्वाद,मनेबहुफळ्याछे
...
भावेतारीभक्तिकरवा,दीवाखालीमेंभर्याछे ..(२)
दीवाखालीमेंभर्याछे ,तेजते
कर्याछे
..(२)
दादाताराआ
शीर्वाद,मनेबहुफ
ळ्याछे ..(२)
दुः खमांसाथेतुंरे हजे,जी
सुखने वनअमाराअ
र्पणक
र्याछे
..(२)
तारारे चरणोमांदा
दा,शिशमें
तोध
र्याछे
..(२)
दादाताराआ
शीर्वादमनेबहुफळ्याछे ..(२)
तारानामनीलगनीलागी,ताराउपकारमुजपरघ
णाछे
..(२)
तनेआगळकरीदादा,प
गलांमैं
तो
भ
र्याछे
..(२)
दादाताराआ
शीर्वादमनेबहुफळ्याछे ..(३)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमतुंप्राणआधार•
मेरोप्रभु,नेमतुंप्राणआधार,
विसरुं जोप्रभुएकघडीतो,प्रा
णर हेना
ह
मार...
भोगत्यजीनेजोगले
वाने,नीकळ्यानेमकु मार,
गढगिरनारनेघाटेवसिया,ब्रह्मचारीशिरदार...
—169—
रतिनीभक्तिकरतां,था
तुजमू यह
रिए
कता
र;
पदतीर्थंकरकरे निकाचित,अकलतुजउ
पगार...
समतारसभरीयोगु
णदरियो,ने
मनाथगिरनार;
सुताजागताध्यावुंनि
शदिन,श्वासमांहिसोवार...
मनमाणिककुं सोंप्युंमेंतो,म
नमोहननेउधार;
प्रेमव्याजचढ्योछे इतनो,किमछू टशेकिरतार...
हारुं नहितुजबलथकीजी,सि
द्धसुखदातार;
श्रद्धाभरीछे एकहृदयमां,तुजथीपामीशपा
र...
‘आनंदधरगिरि’‘सुखदायी’,‘भव्यानंद’मनोहार;
‘परमानंदगिरि’‘इष्टसिद्धिगिरि’,‘रामानंदज
यकार...
‘भव्याकर्षणगिरि’‘दु:खहरगिरि’‘शिवानंद’सु
खकार;
मिनाथक
जगनायकने हावे,गिरिनायकशणगार...
शामळियाकुं अखियनजा
णे,करूणारसभं
डार;
“हेम”व
देप्र
भुतुजअखियनकुं ,दी
योछ
बीअवतार...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिच
रणमां,आ रणमां•
दिश
तर्ज:(धाकबा
जाकाशोरबाजा)
रणमां,आ
नेमिच दिशरणमां,भा
वभरीसौज
इए
अनंतजीवोनासिद्धक्षेत्रमाआतमअ
र्पणक
रिए
तारकतारकता
रकगिरनारता
रक
तारकतारकता
रकगिरिराजतारक
जयजयगरवोगिरनार,सौचालोजइएगढ़गिरनार
प्यारोप्यारोगिरिराज,मारोप्या
रोपा
वनगि
रिराज
आँखोनिरखेगिरि,ज
गनीचिंताशु
ष्कबने
श्रद्धाआदिने
मि,संसारबं
धनरुक्षबने
बोझछे चिंता,भारछे संसार,ने
मिछे
तारणहार
मुक्तिनिलयनेपा
मवाकाजेच
ढवोछे ग
ढ़गि
रनार
करवीऊं चेउड़ान,पंखीनीब
न्नेपाँखम
हान
ढ़गिरनार,ती
शत्रुंजयग रथदो
एमुक्तिपांखसमान
एकगढ़रि
खवनेमजी,बीजेशि
खरदोपावनकार
प्रदेशेप्रदेशेअ
नंतासिद्धया,स
र्वकालियसथवार
—170—
सेवेइन्द्रसहित,ने
मकु मारस्नात्रसिद्धगिरिराज
णीगमन,चो
मोक्षभ वीसीभाविश
त्रुंजयगिरनार
कृ तिद्रव्यनेभावे,आ
नामआ त्मानोसा
क्षात्कार
जयन्तगिरिथी“जिनागम”साधीकरवोछे आत्मोद्धार
Lyrics:P.P.MunirajShriJinagamratnaVijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिगि भतांरे •
रनारनाधाममांशो
{नेमिगिरनारनाधाममांशोभतांरे ...
र्वाणनाद्वारमुजखोलतांरे …}...(२)
नेमिनि
हो..हो..हो...नेमिनिस्सारसं
सारथीता
रता,
स्संगताआपीदुः
नेमिनि खवारता,
रं जनब्रह्मचारीभगवन्..(२)
नेमिनि
श्यामळोमाहरोतुं...ने
मिनेमिने
मिनाथ..(३)
हो..हो..हो...येह्..नेमिनेमिनेमिनाथ..(३)
हो..हो..हो...येह्...
{ऊं चीऊं चीधजाओतोलहेरे ..होल
हेरे ,
तीर्थनोमहिमाए
कहेरे ..कहेरे }..(२)
मंदिरोनेपूजवादे वताओआवतां,
भक्ति-गानकरवाविमानोउतरतां,दि
व्यगिरिनेवंदता...
कृ त्कृ त्यथईवं
दता...ने
मिनेमिनेमिनाथ..(३)
हो..हो..हो...येह..नेमिनेमिनेमिनाथ..(३)
हो..हो..हो...येह्...
सिमंधराप्रभुस्वयंक
रे प्रशंसा,
त्रणेभुवनमांतीर्थछे न
कोईदु जा,
सोरठदे शनीसोहामणीछे
शोभा,
देवोनेदानवोकरे छे एनीपूजा,
नमचावोधूम,मळीनेसा
लगाओधू थेरे ..(२)
नेमिनेमिनेमिनाथ..(६)
Lyrics:P.P.AcharyaTirthbhadraSuriswarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिमा
रोप्राणोमांरहेनारो•
तर्ज:(बन्नीथा
रो)
आंखडीदिठीअणीयाळीने,कीकीकामणगारीजो,
शामळीयाएनेमजीमारा,शो
भीर
ह्यागिरनारीजो
,
{नेमिमारोप्राणोमांरहेनारो,ए
गि
रनारगिरिशणगार,
रोहृदियानोधबकारो,एसहसावनेअ
नेमिमा णगार}..(२)
—171—
फरफरफरफरफरकीरहीजे,ग
गनेउ
डतीध
जाओजो,
श्यामलश्वेतलदे हरे मनना,मोरलीयानोट
हुकोजो,
रादरिशणपुजनका
नेमिता जे..(२)हुं
चडतोरहुंपगथार,
रीयात्राकरताभविजन..(२)तनेजोईजो
नेमिता ईम
लकाय,
रोप्राणोमांरहेनारो...
नेमिमा
आंखडीदिठीअणीयाळीने,कीकीकामणगारीजो,
शामळीयाएनेमजीमारा,शो
भीर
ह्यागिरनारीजो
,
रारूपरूपनादे दारे ..(२)श्या
नेमिमा मलके वासोहाय,
रासहसावनसाहिबा..(२)लीलीवनराजीमो
नेमिमा हाय,
रोप्राणोथीछे प्यारो...
नेमिमा
फरफरफरफरफरकीरहीजे,ग
गनेउ
डतीध
जाओजो,
श्यामलश्वेतलदे हरे मनना,मोरलीयानोट
हुकोजो,
राउं चागढगि
नेमिमा रनारे ..(२)शीतलताके वीरे लाय,
राअमासनाअंधकारे ..(२)माँअं
नेमिमा बिकार
क्षणहार,
रोप्राणोमांरहेनारो...
नेमिमा
आंखडीदिठीअणीयाळीने,कीकीकामणगारीजो,
शामळीयाएनेमजीमारा,शो
भीर
ह्यागिरनारीजो
,
राराजुलतारणहारा..(२)प्यारासंयमनादातार,
नेमिमा
रारोमे“अंकित”था
नेमिमा ता..(२)मनम
युरजेह
रखाय,
रोप्राणोमांरहेनारो...
नेमिमा
Lyrics:AnkitShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•N
EMIMASHUP - ANTARNAAD •
रोमेरोमनेमिनोथतोजा
उंछुं
,
पवननीपांखोमांगगननी
आं खोमां
ताराप्रेममाप्रभुजीहुं भी
जाउंछुं
प्रभुनेमिनाथतारुं नाम
जीवदयाप्रेमी
हृदयमंदिरनामारादे वमेंनेमिनेमा
न्याछे
नमामिनेमि
दोषथीहर्योभर्योछुं छतां
दादामारादादा,दा
दाप्यारादादा
रखणलागी,लागीहमारीअखियांहरखण
अखियांह
लागीरे लागीरे ,ने
मिधूनलागीरे
लागीरे लागीरे लागीरे ,मोहेनेमिलगनला
गी
के ल
गनीलागीरे ,तारीमिलननी
प्रभु
आनंदरं गभगवंतसंगअ
नहदउमंगउ
पजायो
मनगायेआजउमंगे,नाचेआ
जतरं गे
—172—
मनमोहीलीधुंनेमिनाथे
व्हालानेमिनाथमैंतोपकड्योतारोहाथ
हेनाथहे नाथ,नेमिनाथहे नाथ
हेनेमिश्वर,हे ने
मिनाथ
अबसौंपदियाइसजीवनको
भगवानमोरीनैया,
भवपारतुंउ
तारजे,सघळु तनेसों
पीदीधुं
तुंमनेनेमिनाथ,तारोसाथआपीदे
तारीसाथेतारीसाथे,नेमिसा
थे
राघटमांबिराजतांनेमिनाथजी,जि
ओमा नवरजीने
मिश्वरजी
जगमगतातारलानुंदे रासरहोजो
होजोजयजयकार,ने
मिनाथता
रोहो
जोज
यजयकार
नेमिनाथनोज
यजयहो,नेमप्र
भुनोज
यजयहो
वीतरागीनेवं
दन,नेमिनाथने
वंदन
नितनितवंदन,वं
दनतने,नितनि
तवं
दन
वंदोनेमिनाथनेरे
मिठडोनेमिजिणंद,मि
ठडोनेमिजिणंद
निरख्योनेमिजि
णंदनेअरिहंताजी
शमणांनीरातेमेंजोयाश्रीने
मजी
श्रीनेमनेमनेम..(२),दिनरा
तसुबहशामने
मिनामनेमिनाम
मओनेम
ओने
नेमतुंप्राणआधारमेरोप्रभु
नेमरतनध
नपा
यो,पा
योजीमैंने
उपदेशप्यारो,प्यारोला
नेमिनो गेरे
रनारजनारा,तनेवंदनअ
गिरिगि मारा,द्वा
रिकानादु लारातनेवं
दनअमारा
नेमराजुलपंथेजा
वंछे अंते
मजीनोरं गमनेलागीगयोराज
लाग्योने
रानेमिनाथजी,आमाराने
आमा मिश्वरजी
नमंदिरमांआ
माराम वोनेमिश्वरजी
रोमहिमा,आ
नेमिता जगमाछ
महान
मिनोजयकार,प्या
माराने राने
मिनो
जयकार
जयजयनेमिनिरं जन,व्हालाज
यजयशि
वादेनंदन
जयजयश्रीने
मिनाथ,मा
रादादाने
मिनाथ,मा
राव्हा
लाने
मिनाथ
लमांधडके नेमिनाथ
मारादि
जयजयकरुणाअवतार,ज
यजयकरुणाभं
डार
जयजयश्रीने
मकु मार
पोनेमिदादा,अमारीवातथ
रजाआ ईपुरी
⁕⁕⁕⁕⁕
—173—
•नेमिने
मिझंखीर •
ह्योछुं
तर्ज:(तारोसाथझंखीरह्योछुं
)
नेमिनाथताराप्रेममां,हूं दी
वानोंब
न्योंछुं ,
ऐकझलकनिहाळवां,हूं
प्यासोंब
न्योंछुं
,
आववुंछे ताराद्वारे ...
मिझंखीरह्योछुं ,तारुं स्मि
नेमिने तझंखीरह्योछुं ,
गिरनारझंखीर
ह्योछुं ,नेमिने
मिझं
खीरह्योछुं
...
गिरनारतणाआपरा
जा,अ
मबाळना
उपकारी,
सहुनाछो
तारणहारा,अमनेबनावोवै
रागी,
गिरनारतारुं शोभे,डगलेनेपगलेमोहे,
तारोशंखनादगूंजे,ऐ
हसासतारोचमके ,
मारी..(२)भ
नेमित क्तिमांहूं गायकबन्योछुं ,
आपनीकरुणानोहूं लायकबन्योंछुं
,
आववुंछे ताराद्वारे ...
मिझंखीरह्योछुं ,तारुं स्मि
नेमिने तझंखीरह्योछुं ,
गिरनारझंखीर
ह्योछुं ,नेमिने
मिझं
खीरह्योछुं
...
ताराविचारोंमाही,म
नशुद्धसा
त्विकथाये,
तारादर्शनपामवाथी,जीवनमां
आ नंदउ
भराये,
तूंबालब्र
ह्मचारी,संसारने
प
णत्यागी,
भवभ्रमणानेतूंतो
डी,मोक्षेगयोवितरागी,
मारी..(२)आ
नेमित शमां
अधीरोब
न्योछुं ,
स्वर्गसमगिरनारनेसमर्पितथयोछुं ,
आववुंछे ताराद्वारे ...
मिझंखीरह्योछुं ,तारुं स्मि
नेमिने तझंखीरह्योछुं ,
गिरनारझंखीर
ह्योछुं ,नेमिने
मिझं
खीरह्योछुं
...
Lyrics:BhavyAdani
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिने
मिनेमिने
मिता तमां•
रीप्री
रीप्रीतमां,छे वा
नेमिता तएवीखा
स..(२)
रुं नालउंतो..(२)न
नामता चालेमा
रोश्वास,
मिनेमिनेमिता
नेमिने रीप्रीतमां..(४)
पहेलीनजरमांजोयात्यांतो,जा
ग्योपूरवनोनातो,
सूताबेठांयादसतावे,कहोकरीके
मेस
हेवाये,
पळ-पळझंखुदे दारतारो..(२)मळोमु
जनेएकवा
रो...
नयनोताराजोईजोईमलकुं ,म
नमांकांईकां
ईथातुं,
—174—
करुणा-भीनामीठामधुरा,जोताजजादुथतुं,
कहीदउतमोनेहुं तोल
लचायो..(२)प्रभुतारीप्री
तेरं गायो...
मिनेमिनेमिता
नेमिने रीप्रीतमां..(४)
तुंमुजपरछ
वायोजेसमये,ना
ग
मेबी
जुंकां
ई...
सतुं..बसतुं..बसतुं...
दीसेब
ब्दमां... नेमि...हरस्व
नेमि...हरश रूपमां…
र्शमां... नेमि...हरस् थानमां...
नेमि...हरस्प
नेमि..होनेमि...ने
मि..हरश्वा
समां...
Lyrics:P.P.AcharyaTirthbhadraSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•नमिने मिनाथ•
मिनेमिने
नेमजीचालोने...हा..हा..मनमांस
माओने
नेमजीआवोने...हा..हा..व्यथासमाओने
णेतारोस्पर्शएझंखतुं
खूणेखू
मिनेमिनेमिनाथ...
नेमिने
पळे प
ळे तारुं ना
मसंभारतु
मिनेमिनेमिनाथ....
नेमिने
चालोने...समाओने...आवोने...समाओने...
हो..हो..
णेतारोस्पर्शएझंखतुं
खूणेखू
मिनेमिनेमिनाथ...
नेमिने
पळे प
ळे तारुं ना
मसंभारतु
मिनेमिनेमिनाथ...
नेमिने
{ताराविनाबी
जानेनराखवू,
ताराविनाबीजानेनाचाह...}..(२)
मुजमांरहेबसएकतुं,
तुजमांभळु ने
महुं ...
हो..हो..
णेतारोस्पर्शएझंखतुं
खूणेखू
मिनेमिनेमिनाथ...
नेमिने
पळे प
ळे तारुं ना
मसंभारतु
मिनेमिनेमिनाथ...
नेमिने
Lyrics:P.P.AcharyaTirthbhadraSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—175—
•नेमिप्री रा•
तमप्या
तर्ज:(अभीमुझमेकही)
तमप्यारा,व्हालामाराने
नेमिप्री मिनाथ..(२)
गप्रीतडीएवीलागीमने,न
तुजसं वभवके
रीप्रीतलडी,
प्रभुहाथझालीभ
वपारउ
तार,भवपारउतारोमने,
मिनाथप्यारानेमिनाथभवपारउतारोम
माराने ने..(२)
संयमलेवानेकाज,प्रभुजईव
स्यांगढ़गिरनार,
रीनिवास,प्र
सहसावनेक भुके वळव
र्यागि
रनार,
रै वतगिरिमंडनदुः खडादू रनि
वारो,
स्वर्णगिरिमंडनभवनाफे राटा
ळो...प्रभुहाथझाली...
दीक्षाके वलनेनिर्वाणत्रणर
त्नपाम्यागि
रनार,
शाश्वतगिरिशणगार,त
मेछोजी
वनआधार,
शिवादेवीनंदनचरणश
रणआपो,
मुजभक्तिनीविनंतीस्वीकारो...प्र
भुहाथझा
ली...
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिसं
गप्री
तस गाई•
तर्जः (व्हालम्आवोने)
हुंतनेमाण्याकरूं ,ता
रावचनजा
ण्याकरूं ,
ताराचरणोमांमनेरा
खीने,जो
ता
रो..रे ...
मुक्तिनीसाचीलगननो,पा
रतुंमारीसफरनो,
तुंमधुरामिलननोमे
ळो..रे ...
प्रीतमतुंमाहरोछे ,सेवकनेता
रोरे ,
प्रीतनेमसंगलागीमी
ठीरे ,
रोने,ता
नेमिता रोने
..(२)
करीछे तुजथीसगाई,
नला
नेमिधु गीरे ,लागीरे ..(२)
रोनेतारोने,भवथीउगारोने,ता
नेमिता रोने,
प्रीतआनथीपराई,के
करीछे
तु
जथीस
गाई,
नला
नेमिधु गीरे ,लागीरे ..(२)
जेमराजुलराणीने,आवतांश
मणां,
एदिशाथ
कीउगारो,मुजनेहमणां,
तुंआवशेआजे,मनेता
रवाकाजे,
आंखोनीपांपणमां,रा
हजो
उंरे ,
रोनेतारोने,भवथीउगारोने,ता
नेमिता रोने,
करीछे तुजथीसगाई,
नला
नेमिधु गीरे ,लागीरे ..(२)
—176—
गिरनारनाशिखरे छे ,बेसणाता
हरां,
धारोहृदयमां,नोंतरामाहरां,
आवोप
थयुंसगपणआजे,मु
क्तिपामवाका
जे,
विज्ञानशिशु“प्रियंकर”विनवेरे ...
रोनेतारोने,भवथीउगारोने,ता
नेमिता रोने,
प्रीतआनथीपराई,के
करीछे
तु
जथीस
गाई,
नला
नेमिधु गीरे ,लागीरे ..(२)
Lyrics:P.Pu.MuniShriPriyankarprabhVijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमितु
जचरणोमां
,छे
आजी र्पण•
वनमुजअ
तर्ज:(वैरागीने
वं
दन/शिवभो
लाभं
डारी)
गिरनारगुंजन...नेमिनिरं जन...(६)
भजुतुजनेनाथर
हेजेसंगाथ..(२)
अनाथछुं करजेस
नाथ..
जचरणोमां,छे
नेमितु आजी
वनमुजअर्पण..(२)
शिवादे वीनंदन,शत्कोटीतु
जनेवंदन,
जचरणोमां,छे
नेमितु आजी
वनमुजअर्पण
मप्रभुतमेराजुलतारी..पशुओनेपणलीधाउगारी
ओ..जे
तेमप्रभुतमेकृ पाकरीने,आफू
लना
पणब
नजोमा
ळी
प्रभुतुंछे मारोतारणहार..(२)मुक्तिनैयाने
पारउतार,
जचरणोमां,छे
नेमितु आजी
वनमुजअर्पण..(२)
ईभगिनीनासंबंधछोडी,सं
ओ..भा सारीना
बं
धनतो
डी
जोहरणगिरनारल
ओ..र ईने,स
हसावनथीशिवगतिपामी
आव्योतुजपासराखोमु
जला
ज...
प्रभुतुंछे मारोतारणहार..(२)मुक्तिनैयाने
पारउतार,
जचरणोमां,छे
नेमितु आजी
वनमुजअर्पण..(२)
गिरनारगुंजन...नेमिनिरं जन...(६)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिवै
रागी•
तर्ज:(रूपानी
जां
जरी)
रागी...नेमिवैरागी..(२)
नेमिवै
मनेसिद्धशीलाथीबोलावहोने
मिवै
रागी..(२)
के ता
राआं
गणामां
बाळथईबोलावहोने
मिवै
रागी,
मनेसिद्धशीलाथीबोलावहोने
मिवै
रागी,
रागी...नेमिवैरागी...
नेमिवै
—177—
वसमोवियोगतारोआभलानेआं बे..(२)
सूरजचंदाता
आभलाना रीपासेआवे,
तारीपासेआवेओल्यावादळोना
वायरा,
के पे
लाट
मटमतातारलाबोलेहो
नेमिवैरागी,
मनेसिद्धशीलाथीबोलावहोने
मिवै
रागी,
रागी...नेमिवैरागी...
नेमिवै
शिवादेवीनंदनहुं तोकरुं कालावाला..(२)
नहींरे बोलोतोहवेजाशेप्राणअ
मारा,
हवेतोबोलोवालाने
मजीदयाळा,
के त
नेजोईजोईआं
खडीभींजायहो
नेमिवैरागी,
मनेसिद्धशीलाथीबोलावहोने
मिवै
रागी,
रागी...नेमिवैरागी...
नेमिवै
रूदीयानोतारोबोलेनेमिनेमिताहरो..(२)
भवसागरथीनेमजीअमनेउगारो,
नहींरे वालाअमनेको
ईसहारो,
के ता
राबा
लुडानी
लेजेसं
भाळहो
नेमिवैरागी
मनेसिद्धशीलाथीबोलावहोने
मिवै
रागी
ताराआं गणामांबाळथईबोलावहोने
मिवै
रागी
मनेसिद्धशीलाथीबोलावहोने
मिवै
रागी..(२)
रागी...नेमिवैरागी...नेमिवैरागी...
नेमिवै
Lyrics:KaivanShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिनाथदा
दाअ
मनेअ
माराला •
गोछो
नेमिनाथदादाअमनेअमाराला
गोछो..(२)
बोलावोतोदादाअमनेप्यारालागोछो..(२)
मेतारीपूजाकरीएके
रोजअ सरपु
ष्पोथी,
धूपदीपनैवेद्यचोखाफ
लधरिएभा
वथी,
बोलोप्रभुजीक्यारे अमारूं जीवनमां
गोछो?
बोलावोतोदादाअमनेप्यारालागोछो..(२)
आपप्रभुजोमौनरहोतोजगमांकोनअ
मारूं ,
दुर्गतिओमांरखडशेबा
लकआ
तमारूं ,
भूलथईकोईमोटीरिसाणालागोछो,
बोलावोतोदादाअमनेप्यारालागोछो..(२)
तुजनेमलवानीरा
हह
वेपूरीथा
शेमा
री,
णतीआं
दिवसोग गलीओथीपू
जाकरीशता
री,
बोलोप्रभुजीक्यारे आपशोरजोहरणमुजने,
बोलावोतोदादाअमनेप्यारालागोछो..(२)
—178—
उंचाअंबरथीआवीनेलेजेमारीसंभाल,
बालकछुं हूं तारोमारीपूरीक
रजेमांग,
छानामानानाबेसोहवेमुजथीबोलोने,
बोलावोतोदादाअमनेप्यारालागोछो...(२)
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिनाथमे
रे •
तर्जः (तेरायारहुं मैं)
तेरादरहैं ,मुझेसबसेप्यारा,मु
झपा
पीका
,तू
पालनहारा
आके दरपे,मैंआनंदपाता,दि
लमेंसुखका
,सा
गरल
हराता
दर्शनतेरे ,पानेसेही,हो
तेपु
रे ह
रअरमानमे
रे
नेमिनाथमेरे ...(२)
चलोचलेगि
रनारकीभूमिपर,ज
हांने
मिप्र
भुवरराजक
रे
आजाकरे भक्तिदिलमें
श्र
द्धाभरे ,भ
क्तोके वो,का
जकरे
नैनातेरे ,अमृतभरे ,पीनेकोते
रे द्वारे खडे
राये
दासते प्यासाखडा,कृ
पाक
रोहे प
रमेश्वरा
शरणेतेरे आकरके ही
,सपनेहुयेसा
कारमेरे
नेमिनाथमेरे ...(२)
नमहमसाथमेंहीर
लाखोज हे,क्युभूलेमे
रीयारीको
बुलालेअपनेपासमेंदादातू,प्र
तिमालगेमनहारीवो
यादकरू,उ
दासर
हु,हरपलमैं
ते
रे पासर
हु
आशायही,नि
राशनहींकरनामुझे,ते
राया
रजोहु
साथीमेरे ,साथतूरह,टा
लोमेरे सं
सारफे रे
नेमिनाथमेरे ...(२)
चरणेतेरे माँ
अंबिकानितरहे,भक्तोंकीस
दासे
वाक
रे
मरत्नधारपे
श्रेष्ठिभी थडसमा,ल
क्ष्मीतनम
न,अ
र्पणक
रे
तेरे पाउविजय,नेमिमे
तीरथपे रे ,मे
रे साथतूर
ह
अंबिकामातासहयोगसे,लक्ष्यमेरे साधपा
ऊं गामैं
"कांति-मणि"हरपलयही,गा
येनेमिगीतद
र्दसेभरे
नेमिनाथमेरे ...(२)
Lyrics:MuniShreyansPrabhSagarjiM.S
⁕⁕⁕⁕⁕
—179—
जुलसंयमलेकरबोली,ते
होरा रे साथहै
भक्तोकी
तोली,
नेमिनाथरे ...हो..नेमिनाथरे ...
भक्तोकाहै
येसहारा,येदातारीसबसेन्या
रा,
नेमिनाथरे ...हो..नेमिनाथरे ...
तेरानामहै
तारणहारा,एकतूहीहै
पालनहारा,
नेमिनाथरे ...हो..नेमिनाथरे ...
येबरसाता,करतामंगलजोहमेशा,
करुणाहै
नेमिनाथरे ...हो..नेमिनाथरे ...
नेमिनाथनामप्या
रा,भ
व्यये
गुणगाता,
नेमिनाथरे ...हो..नेमिनाथरे ...
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमिनाथने
वंदन•
तर्ज:(वैरागीने
वं
दन /शि
वभोलाभं
डारी)
करवाउपकारली
धोअवतार,
जेलईजावेमुक्तिमो
झार,
नेमिनाथनेवंदन,नेमिनाथनेवं
दन...
धन्यघडीआ
वीतीज्यारे ,ने
मकु वरचढ्याताजा
ने,
हर्षथयोतो
हियडेत्यारे ,सहुते
जानैयाने,
पशुतणोपो
कारसुणीने,त्यजीयोजेनेदि
व्यविवाहने,
नेमिनाथतुतरण-तारणछे ,ए
जा
ण्युंमैंत्या
रे ,
प्रभुनेमनेनिहळता,कर्मसहुनाशपामे,
नेमिनाथनेवंदन,नेमिनाथनेवं
दन...
नेमिनाथतुजअ
णु-परमाणु,मुजमनडाने
मो
हेरे ,
नेमिनाथतुजद
र्शनका
जे,मु
जनयनाखु
बत
लसेरे ,
नेमिनाथतुंसिंहासनेके वोअलबेलोसो
हे,
नेमिनाथनेवंदन,नेमिनाथनेवं
दन...
नेमिनाथतुंसिद्धशीलाए,सिद्धदे वथ
ईरे बेठो,
नेमिनाथकांईक
रोने
एवुं,था
वेतु
जसं
गेभेटो,
नेमिनाथते,ता
र्याजीवोनेहुं पणथा
वुंताराजेवो,
नेमिनाथनेवंदन,नेमिनाथनेवं
दन...
⁕⁕⁕⁕⁕
—180—
•नेमिनाथ,थामोहा
थ•
तर्ज:(हेदी
नबंधुहे दी
नानाथ)
हेपुरुषोत्तमपरमेश्वर,यदुकु लदीपकहृदयेश्वर...
नेमिनाथ,नेमिनाथ,थामोहाथ,ने
मिनाथ..
लमैंब
हरप सयहीसोचु,कीचढ़रहाहुं गि
रनार;
कबसचमुचमेंहोगाप्र
भु,ये
स्व
प्नमेरासाकार;
हाथपकड़लेजाते
रे दर,य
दुकु लदीपकहृ
दयेश्वर[१]
जबदे खुंगातेरीमूरत,जीभरके
मैं
लाड़करूं गा;
तेरे नयनकमलको
प्रभुमैं,मेरे नैनोमें
भरलुंगा;
लनकीइच्छापूरीकर,य
तुझमि दुकु लदी
पकहृदयेश्वर[२]
Lyrics:Dr.AkshaySinghi
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमजीदर्शनद्यो र•
एकवा
तर्ज:(कहदोकोईनकरे यहाँप्या
र)
नेमजीदर्शनद्योएकवार...
सुनीधारतुम्हविनासू
आंखेआं नकार...नेमजी
डाणनाकपराच
के वीउं ढाण,त्यां
तुं व
सेभ
वजलधीव
हाण,
ब्रह्मव्रतशीरदार,तुंतोवस्योगिरनार...नेमजी
—181—
अषाढीमेघधरतीभींजवतो,मे
घसमोतुं
का
नवीरी
जतो,
लडुंअ
धखेदि पार,वरसावोअमीधार...नेमजी
मनमोहकतुजश्यामलमूर्ति,तुजनयनोथीकरुणानीतरती,
रै वतगिरिशणगार,मुखडुंतेजअं
बार...नेमजी
काळीअनादीमुजप्रीतिपुराणी,पु
दगलरं गेए
तोरं गाणी,
बदलीदोपगथार,रोमेरो
मेपो
कार...नेमजी
लब्धीतुमारीविक्रमकरी,यशोवीर“अजीत”ने
लेजेतुंता
री,
विनतीसुणजेलगार,मु
जप्राणआधार...नेमजी
Lyrics:P.Pu.AcharyaShriAjityashsurijiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमजीनानामनी
तुं
लू टीले•
टलूं
तर्ज:(कृ ष्णजीनानामनी)
नेमजीनाना
मनीतुंलूटलूं
टीले,
नेमिनाचरणेजईबेडोपारक
रीले...
शरणेजाएएनेप्रभुराहबतावे,
जपेनेमएनेमोहके मसतावे,
नाथनुंतुंनामरटीले,
राजुलना
नेमिनाचरणेजईबेडोपारक
रीले...
ध्यानधरे एनेप्रभुज्ञानअपावे,
जापजपेएनाप्रभुपापखपावे,
हितकारीनेमिनेप्रणामकरीले,
नेमिनाचरणेजईबेडोपारक
रीले..
कृ पाथायप्रभुनीतोदोषदू रथाय,
बंधनोजेरागनाएचूरचूरथा
य,
जीसंसारतमामत्यजीले,
नेमिभ
नेमिनाचरणेजईबेडोपारक
रीले...
म,नेमिनाम,नेमिना
नेमिना म,ने
मिनाम
दिनरातसु
बहश्याम,ने
मिनामनेमिनाम
पोहचातासिद्धिधाम,नामनामनेमिनाम
तुंजपलेरे अविराम,ने
मिनामने
मिना
म
Lyrics:JainamSanghvi
⁕⁕⁕⁕⁕
—182—
•नेमजीश्यामगमे•
नेमजीश्यामगमे,गिरनारधामग
मे..(२)
के जो
गसाधवानेनिसर्याहो..(२)
सोहागीशुडलाहुं राजुलके विचरूं ,
अवगणीहुं कामबधां,श्या
मसंगनि
सरूं ,
मनथीरहेवायनातनथीसहेवायना..(२)
त्यारे मांगुहुं मारामितने,त्यारे पामुंहुं मारामितने,
नेमजीश्यामगमे...
वनमांजोफू लखीलेवहेणुंनाना
दथी
,
उपवनमांफू
लखील्यानेमजीनासा
दथी,
राजुलनानाथत
मेगिरनारीश्यामत
मे..(२)
एकप्यारुलागेतारुं नामरे ,एकप्यारूं ला
गेतारुं नाम,
नेमजीश्यामगमे...
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमजीत्यागी...रा रागी•
जुलवै
तर्ज:(राधाखोवाई)
प्रीतमनांप्रेमके रात्या
गमां,राजुलरं गाईछे वै
रागमां..(२)
एनेवातोशणगारीछे गिरनारमां,ए
वीराजुलरं गाईछे वै
रागमां..(२)
{नेमजीत्या
गी...नेमजीत्यागी...नेमजीत्या
गी...
रागी...राजुलवैरागी...राजुलवै
राजुलवै रागी...}..(२)
प्रीतनातरं गोएलहेरायाछे भ
वभवमां,आ
भवनीप्रीतके मओटछे ?
शमणामांरोज-रोजनाथतमेआवता,ने
मजीतो
चां
दनाचकोरछे
,
हैयानीवनराईपीयुचरणपामता,बदलाईर
हीछे उ
द्यानमां,
एनेवातोशणगारीछे गिरनारमां,(एवीराजुलरं गाईछे
वैरागमां)..(२)
{नेमजीत्या
गी...नेमजीत्यागी...नेमजीत्या
गी...
रागी...राजुलवैरागी...राजुलवै
राजुलवै रागी...}..(२)
वीतरागीनाथके रासंगाथमां,तू
तो
रं गाईसवैरागमां,
तेतोशमणाजोयाछे
मुक्तिधामना,आ
जेतू
तोरं गाईसवैरागमां..(२)
{वीतरागीव्हा
ला...वीतरागीव्हाला...वीतरागीव्हाला...
वैरागीमारा...वैरागीमारा...वैरागीमा
रा...}..(२)
{मारे रं गावू...मारे रं गावू...मारे रं गावू...}..(२)
Lyrics:AkshayDoshi
⁕⁕⁕⁕⁕
—183—
•निरखीन
यणांभींजाय•
तर्ज:(मीलेम
नभीतरभगवान)
निरखीनयणांभींजाय(जिनेश्वर),नि
रखीनयणांभींजाय,
श्रीगिरनारीनेमप्रभुने,निरखीन
यणांभीं
जाय;
व्हालाजीनुंमुखडुंदे
खी,हियडेहरखनमाय...
जिनेश्वर!नि
रखीनयणांभींजाय...[१]
स्वामीस्पर्शेरोमराजी,पलमापु
लकीतथा
य..(२)
श्रीजिनवरनागुणलांगाता,आ
नंदअ
तिउभराय...
जिनेश्वर!नि
रखीनयणांभींजाय...[२]
श्यामलवरणीदे हडीने,उ
ज्ज्वलए
नीकांति..(२)
अषाढमासेघ
नघोरमेहे,वीजत
णीएभ्रांति...
जिनेश्वर!नि
रखीनयणांभींजाय...[३]
पदवीलहीषट्जीवत्राता,आपतासौ
नेशाता..(२)
धनाए,हु
सहसावनमांसा आके वलज्ञाता...
जिनेश्वर!नि
रखीनयणांभींजाय...[४]
चंदनवनेसर्पनाशे,मोरतणेटहूकार..(२)
श्रीनेमिश्वरनामसमरता,दू रटळे विकार...
जिनेश्वर!नि
रखीनयणांभींजाय...[५]
आर्यअनार्यभूमिविहरता,जिनव
चनामृतपा
ता..(२)
श्रीगिरनारनीपंचमटुं
के ,मुगतिपतिएथता...
जिनेश्वर!नि
रखीनयणांभींजाय...[६]
घेरबेठांएगिरिध्यावे,भवचोथेशिवजावे..(२)
“हेम”व
देजे
एगिरिसेवे,व
ल्लभप
दनेपावे...
जिनेश्वर!नि
रखीनयणांभींजाय...[७]
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•ओमेरे ने
मिनाथदा
दाथा
मलो
मे थ•
राहा
तर्ज:(सुनमेरे ह
मसफ़र)
रे नेमिनाथ,दा
ओमे दाथामलो
मेराहा
थ
आयादरपे
लेकरयेआस,
मुझेकरनानातूनिराश,मुझेकरनाना
तूनि
राश..
दरपेतेरे जोभीआ
तेहैं
,मनवां
छितफ
लपातेहैं
निरं जननाथकोम
नातेहैं
,
पातेहैं पदवोअजरामर,छोडूंगाना
कभीते
रादर...
—184—
पापकियेहैं अ
नंता,सुनलेओ
भगवंता,आ
ज्ञातेरीतो
डक
रके
जानकरके कियेहैं ,दिलसेहीकि
येहैं ,अ
नजानभी
हो
क
रके
हताहुदादातुझसेमैं
माफ़ीचा ,छो
डदूं
गासारे अबखु
दसेमैं
करुणाअबथोड़ीसी
बरसादे ,
तरपा
रहेभी पोंकाडर,छोडूंगानाक
भीतेराद
र...
स्वार्थसेभरे जगमें
हु
,मतलबीमसलोंमें
हु
,कै
सेतेरे पा
सनेमआ
उं
दुनियाकोअपनाकहता,स
बकोहीदि
लये
दे ता,शि
वपदको
कै सेमैंपा
उं
सन्मतिमुझेतूदे दे
ना,साथतेराने
मक
भीछोडू ना
जीवनमेंअपेक्षायेहोना,
टू टेरागकीवोलेहेर,छोडूंगानाक
भीते
राद
र...
आयाहुं तेरे दर्शनको
,सोंपनेमेरे इ
समनको,क
रलि
याहैं
तूनेमु
झेअ
पना
पासहैं बुलायाअपने,दि
लमेंबसालेअपने,पू
राकि
याहैं तू
नेसपना
इतनाकभीमैंनालायकथा,दो
षोंसे
भ
रामे
राजी
वनथा
रहना"मणि"संगतुझेह
रपलहैं
,
पाउँगानेमितेरावोघर,छोडूंगानाक
भीते
रादर...
Lyrics:MuniShreyansPrabhSagarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•ओनेम..ओने
म•
तर्ज:(हेरा
महे
राम)
गिरनारवासीमुक्तिविलासी..(२)
हुंचाहुंतारोप्रेम..ओनेम..ओने
म...
हुंतोसंभारुं तुंजोविसारे ..(२)
नभशेआप्री
तिके म..ओ
नेम..ओने
म...
पशुनापोकारोहृदयमांधारो..(२)
मुजवेलाआवुंके
म..ओनेम..ओने
म...
रीकरुणाथीतारी..(२)
राजुलना
मुजपरकरशोने
रहेम..ओनेम..ओने
म...
टाळोनाविभावोआपोनीजभावो..(२)
बनेआतमसाचोहे म..ओ
ने
म..ओने
म...
खवैयाप्यारीमुजमै
ओर या..(२)
करजोमुजयोगक्षेम..ओ
नेम..ओनेम...
⁕⁕⁕⁕⁕
—185—
•ओरे नेमिवै
राग्यरं गे•
तर्ज:(विरह-बंदिशबैंडिट्स)
नेमनेमनेमनेम,नेमनेमनेमनेम..(४)
ओरे नेमिवै
राग्यरं गेआतमरं गावतू
...
दू रकरीसद्गुणोंप्रगटावतू
दुर्गुणोंने ...ओरे नेमि
नेमताराच
रणमांजीवनधरुआजे...
विरतीवरदानमां
गुनेममुक्तिका
जे...
रोनेमएकसा
तुजमा चोस
हारो...
शरणेआव्योनाथताराहवेतोउ
गारो
तूजोनेमसादसुणेअंतरमनजागे
ळतुजस्मरणोमां,जीवनआ
पळप वितावीदऊ
ओरे नेमि...【
१】
संयममार्गेसारथिनेमतूजथाजे...
सद्गुरुनेसंगेमुजजीवनवि
तावजे...
नेमतुजसत्वमुजआ
तमेजगावजे...
अनंतभवोनीसाधनासार्थकबनावजे
तूजोनेमसादसुणेअंतरमनजागे
ळतुजस्मरणोमां,जीवनआ
पळप वितावीदऊ
ओरे नेमि...【
२】
Lyrics:PrashantShah(Dikubhai)
⁕⁕⁕⁕⁕
•पलप
लता रण•
रुं स्म
तर्ज:(एकघडीप्र
भुउ
रएकांते)
पलपलता
रुं स्मरणहो
जीवनमां,नि
शिदिनदर्शनमले,
मारुं जीवनधन्यबने,मा
राभवनुंभ्रमणटळे ...मारुं ...【१】
गिरनारतीर्थनोवासीव्हा
लो,म
हिमाअपरं पार,
तीर्थंकरोसिध्याअनंता,पाम्युंसि
द्धपदसार...मा
रुं ...【२】
तारादर्शनकाजेदादा,नि
त्यस
वारे दोडुं,
एकवेळामनमंदिरप
धारो,अंतरद्वा
रखोलुं...मारुं ...【३】
आंखडीतारीक
मळपांखडी,अ
द्भुतरुपसोहे,
तारुं मुखडुंजोतांमारुं ,है युंग
द्गद् ब
ने...मा
रुं ...【४】
थेआव्यासौ
खालीहा ने,खा
लीहाथेजावुं,
वनमांतुजनेपामी,ता
आजी रागुणलागावुं...मारुं ...【५】
—186—
वपरभवएटलुंमांगु,तारुं शरणमळे ,
आभ
हेकोईद्वे षजीवनमां,ना
नार क्यां
यरागर
हे...मा
रुं ...【६】
तारे द्वारे आव्योछुं हुं ,सं
चितक
र्मोलईने,
तपानलनातापेआतम,हे
मसु
शुद्धबने...मारुं ...【७】
⁕⁕⁕⁕⁕
•पवननी
पां •
खोमां
पवननीपांखोमां,ग
गननीआं खोमां,
प्रभुनेमिनाथतारुं नाम..
रोमेरोमेचालेअविरतसंकीर्तनता
रुं ,
प्रभुनेमिनाथतारुं नाम..
गुफामांछे गुंजनतारुं ,खीणोमां
छे खे
लनतारुं ,
शिखरशृंगारधरे तारो,पगथीयेछे कं पनता
रुं ,
राशरणमांछे आजीवनमा
नेमनाथता रुं ,
प्रभुनेमिनाथतारुं नाम..
धजामांछे नर्तनतारुं ,दी
वामां
छे स्पं
दनतारु,
फू लोमांमो
हरीता
रीप्री
त,गीतमांसंवेदनाता
रूं ,
चारमुखेम
सहसावनमां नहरदर्शनतारुं ,
प्रभुनेमिनाथतारुं नाम..
मारुतनमनधनतारुं ,अ
मारुं जी
वनपणतारुं ,
स्वरनुंसं
चालनतारुं ,फु वारे संमोहनता
रु,
आतमनाआं गणीयेअनहदआव्हेलनता
रुं ,
प्रभुनेमिनाथतारुं नाम..
Lyrics:DevardhiSaheb
⁕⁕⁕⁕⁕
•प्रभुनो थमळीजाशे•
पं
तर्ज:(राधानेश्याममळीजा
शे)
रतीनो
एवोवि वेशमळीजाशेतुजो...
प्रभुनोपं
थमळीजाशेतुजो
...
वालावीरजीनोवंशमळीजाशेतुजो...
प्रभुनोपं
थमळीजाशेतुजो
...
नेम-राजुलपंथपामे,सं
सारने
छोडी,
मुक्तिके रोयशमळे ,मुनिसंगजोडी...
रं गअनेरागना
बंधनसविटा
ळतो,
—187—
प्रीतमलागेछे जे
नेमीठो,
भवोभवनापु
ण्येजेप्रीतमनेपा
मतो,
संयमनोवेशजेनेदीठो,
के हा
थरजोहरणमांके
वाझु मेतुजो,
द्धिनीसरगमग
एवीसि वाशेतु
जो
,
प्रभुनोपं
थमळीजाशेतुजो
...
नेम-राजुलपंथपामे,सं
सारने
छोडी,
मुक्तिके रोयशमळे ,मुनिसंगजोडी...
नेवै
त्यागअ राग्यनासं
गेरुडारं गरं गी,
रहेवानुंके वुसमभावे,
हैयाके राहे तथीगुरुआणापा
ळीक
री,
नास्वभावे,
डुबवूस्व
के ए
वोस्पर्शपरमनोरे लाशेतुजो,
के सं
गेमुक्तिनोताजमळीजा
शेतुजो,
प्रभुनोपं
थमळीजाशेतुजो
...
तमअंशे“अंकित”थाशेतुजो
गुरुगौ
वालावीरजीनोवंशमळीजाशेतुजो
प्रभुनोपं
थमळीजाशेतुजो
...
नेम-राजुलपंथपामे,सं
सारने
छोडी,
मुक्तिके रोयशमळे ,मुनिसंगजोडी...
Lyrics:AnkitShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•प्यारे श्यामजीमे
रे श्या मजी•
मलने
तर्ज:(देवाककाळजीरे )
श्यामलकिकीश्यामजीकी,श्यामलम
नलुभाए,
श्यामलकर्मकी
श्यामलताको,श्याममे
रे भगाए,
श्यामजीकीप्यारीकहानी,गिरिकोस
जाये...
श्यामजीनेराजुलरा
नी,संसारसेउगारीरे ,
प्यारे श्यामजीमेरे श्यामलने
मजी...
LeadMeLikeAGuidingStar
TakeMeToTheWorldSoFar
IKnowYouWillShowThePath
LoveYouNeminath...
PullMeOutOfBurningFire
ShowTheWayToEndDesire
—188—
StayForeverInMyHeart
LoveYouNeminath...
होऽऽऽश्यामजीके समीपकरुं ,श्र
मणजीवनआशा,
चरणतेरे श
रणमेरे ,तेरे वयणका
हुं प्या
सा,
एकवारीश्यामजीमुजेबुलाओना,ते
रीगोदमेंमु
झेसु
लाओना,
श्यामश्यामहृदयरटे,कं
ठे श्यामगाथा,
श्यामलमुरतशोभेज
गमें,जैसेचं
दागगनसो
हाता,
बालकहुमें,मैयातूमे
रीशरणतेरीआ
ता,
कलमहुतूकवितामे
री,मेघतू
पानीमेरारे ,
प्यारे श्यामजीमेरे श्यामलने
मजी...
श्यामलनेमजीमेरे प्यारे श्यामजी...
Lyrics:AkshayDoshi(Hindi)&LinishaJain(English)
⁕⁕⁕⁕⁕
•रै वतगिरिनोडुं
गरव्हा गेमोराराजिंदा•
लोला
तर्ज:(सिद्धाचलनो
वा
सीप्या
रोला
गेमो
रारा
जिंदा)
गरव्हालोला
रै वतगिरिनोडुं गेमो
रारा
जिंदा,
उज्जयंतगिरिनोडुं गरव्हालोला
गेमोराराजिंदा...
ईणरे डुं गरीयेजिनअ
नंतासिध्या,(२)
यामोराराजिंदा...
व्रत-के वळ-वळीपा
गतचोवीसीसागरजिनकाळे ,(२)
पडिमाईन्द्रभ
रावेमोरारा
जिंदा...
श्यामवर्णनेमिवरसोहे,(२)
मुखडुंदे खीमनमो
हेमोराराजिंदा...
पहेलीटूं के चउदचैत्यसोहे,(२)
दरिसणनिरमलहोवेमोराराजिंदा...
मिदिक्खाना
सहसावनेने णहो
वे,(२)
गढपंचममु
क्तिपावेमोराराजिंदा...
लंबनकृ ष्णजिनपदपामे,(२)
ईणआ
थाशेअममजिनना
मेमोराराजिंदा...
"हेमवल्लभ"वदेगिरिनी
तध्यावो,(२)
भवचोथेशिवपावोमो
राराजिंदा...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—189—
•राजुलखोवाईनेमध्या •
नमां
तर्ज:(राधाखोवाई)
नेमजीनीभ
क्तिनेगुणगानमां,
वाईनेमध्या
राजुलखो नमां...
एनेमांडीछे आतमनीसाधना,
जुलखोवाईनेमध्यानमां
एवीरा ...
रोजरोजने
झुमतीती मनाएरागमां
,
मनमांवैरागछे ,
आजेतो
प्रीतमछे एनोजे
,नवनवभवनो,
एनेमतोआजवीतरागछे ,
भवभवनीरी
ततो
डी,आतमनी
प्रीतजोडी,
साचीप्रीतिना
रसपानमां...
एप्रीतितोपोहचीमो
क्षधाममां,
जुलखोवाइनेमध्यानमां
एवीरा ...
Lyrics:BhavikShah
⁕⁕⁕⁕⁕
⁕⁕⁕⁕⁕
—190—
•राजुलनेने
मम
ळीज
शेतुं •
जो
तर्ज:(राधानेश्याममळीज
शेतुं
जो
)
के आ
जसंयमनुंपा
नेतरपहेरीनेजो,
नेमम
राजुलने ळीजा
शेतुं
जो
...
प्रीतनेनवीरी
तम
ळीजा
शेतुं
जो
नेमम
राजुलने ळीजा
शेतुं
जो
...
संसारत्यजीनेमजीचा
ल्या,ध
रीपा
वनके
डी,
णीपाछळचाल्या,नेमराहेदोडी..
राजुलरा
नेमतारीप्री
तमांशानभा
नभूलीजा
उं,
लाग्युंरे अमनेता
रूं घे
लुं,
नेमतारामा
रगडेहुं
पणदोडीआवुं,
नथीरे तुजविणरहेवुं,
के आ
जसंयमनोसाजनेमदे शेतुंजो,
मनेसिद्धशीलाएलईजा
शेतुं
जो,
नेमम
राजुलने ळीजा
शेतुं
जो
...
गिरनारे शुभघडीआ
वीउभीद्वा
रे आ
ज,
अंगथा
गिरिनुं यघेलुं,
मळशेरजोहरणनेमजीने
हाथेआज,
मनडुंनाचेआजमा
रूं ,
के आ
जनवभ
वनीप्रीतपूरीथाशेतुंजो,
के सा
चीप्रीतकरीजाणीमारानेमेतुंजो,
नेमम
राजुलने ळीजा
शेतुं
जो
...
Lyrics:PrashantbhaiShah&AkshayJain
⁕⁕⁕⁕⁕
•रोमरोमरोम,मारूगि
रनारम्•
तर्ज:(तनमनधनप्रभुनाचरणोंमां)
हवेचालोजईयेगिरनारधाम
रोमरोमरोम,मारूगिरनारम्
वारे वारे जईयेगि
रनारधाम
रोमरोमरोम,मारूगिरनारम्...
दुर्लभछे आपं
चमकाळे ,दादाद
र्शनता
रा
सद्गुणोंनीज्योतजलावीदू रकरोअं
धारा
वननाअंतिमस्थान
माराजी
रोमरोमरोम,मारूगिरनारम्...
—191—
नवरनुंएजीवन,जीवनने
नेमिजि सजावे
एपशुओनाजीवबचावी,जी
वननेश
णगारे
एनुंजीवनछे ,“करूणा”नुं
धाम
रोमरोमरोम,मारूगिरनारम्...
Lyrics:PravinShah
⁕⁕⁕⁕⁕
•राजुलपुकारे ,उ
भीगो रे •
खद्वा
तर्ज:(सागरकिनारे दि
लयेपुकारे )
कारे ,उभीगोखद्वारे
राजुलपु
पाछावळोनेमारा,नेमकुं वरजी...हो..
नवनवभवनी,प्री
तभुलीने
चाल्यातमेमने,एकलीमुकीने
यानआणी,नेमकुं वर...हो..रा
मारीद जुलपुकारे ...
पशुओनोतमे,पोकारसांभळ्यो
णतमे,सादतोसांभळो
मारोप
साथेलईजाओमुजने,नेमकुं
वर...हो..राजुलपु
कारे ...
Lyrics:SadhvijiBhagwant
⁕⁕⁕⁕⁕
•रोमेरोमेगिरनार•
{नेमनेम,नेमनेमनेम
नेमनेम,नेमव्हा
लाने
म}..(२)
मेतुंगि
मारारो रनार,माराश्वा
सेतुंनेमिनाथ..(२)
धारतुं,मो
मारोआ क्षदातारतुं
,
थवारतुं,मा
मारोस रोपगथारतुं
,
मुक्तितणुंसरनामुंतुं,है
यानोध
बकारतुं...
रोमेरोमेगिरनार,गुंजेश्वासेश्वासे
श्वासेश्वासेनेमिनाथ,बि
राजेरोमेरोमे...
शिखरे ,छे
गिरिना तुजस्पंदन,क
णक
णअ
हींता
रुं जकीर्तन..(२)
शिवादेवीनंदन,नेमिनि
रं जन,रू
पत
मारुं शीतलअंजन,
णगारतुं,गु
गिरिश णभंडारतुं
,
थवारतुं,मा
मारोस रोपगथारतुं
,
भक्तितणुंसरनामुंतुं,स
रगमनेसु
रतालतुं...
रोमेरोमेगिरनार,गुंजेश्वासेश्वासे
श्वासेश्वासेनेमिनाथ,बि
राजेरोमेरोमे...[१]
—192—
हृदयमंदिरीये,छे तुजआसन,ता
रीकृ
पाथी,म
ळ्युंजिनशासन..(२)
तनमनजीवन,तुजनेहोअर्पण,तुं
छे मारगमोक्षनुं
दर्पण...
रनारतुं,सु
दुः खह खदे नारतुं
,
थवारतुं,मा
मारोस रोपगथारतुं
,
शक्तितणुंसरनामुंतुं
,आतमनोर
खवाळतुं
...
रोमेरोमेगिरनार,गुंजेश्वासेश्वासे
श्वासेश्वासेनेमिनाथ,बि
राजेरोमेरोमे...[२]
Lyrics:ParasGada
⁕⁕⁕⁕⁕
•सहजमळ्युंते
ली मी•
धुंस्वा
सहजमळ्युंतेलीधुंस्वा
मीसहजमळ्युंते
लीधुंरे
खाराआसंसारनुंपाणी,ता
रुं मानीपीधुंरे ...
कु णीलागणीनीप्यालीमां,तारीकरूणाभरीए,
नेहनितरतानयनयुगलमां,ता
रीमूरतधरीएरे ...
प्राणथीप्यारानेमिनाथने,श्वा
सेश्वा
सेघूंटीए,
को’दिआवशोमळवामुजने,ए
आशाएजी
वीएरे ...
⁕⁕⁕⁕⁕
•सखीश
मणामां•
सखीशमणामां...शमणामां...
सखीशमणामांगिरनारीनेमने
मनेजोया…
होजेवाजोयामनमारामोह्या...नेमनेजो
या...
रतमो
सावलीसू हनीमूरत,हिरलाहा
रगळामासोहत,
शंखलांछनपाया...अ
बशंखलांछनपाया...
नेमनेमनेजो
या...होअबशंखलां
छनपाया...
सखीशमणामांगिरनारी...
डलमस्तकमुगट,बाहोंमेबाजुबंधसोहत,
काननकुं
अतिआनंदसुखदाया...हो
सखीअतिआ
नंदसु
खदाया...
नेमनेमनेजो
या...होसखीअतिआनंदसुखदाया...
सखीशमणामांगिरनारी...
रिवरऊं चाडे रा,पूर्वमुखप्रभुशोभेअनेरा,
ऊं चोगि
शिवादेवीनाजा
या...होप्रभुशिवादेवीना
जा
या..
नेमनेमनेजो
या...होप्रभुशिवादेवीना
जाया..
सखीशमणामांगिरनारी...
⁕⁕⁕⁕⁕
—193—
•समकितसुगमया
त्रा•
(25SongsMashup)
वीरमनेव्हालोछे ,महावीरम
नेप्यारोछे ...
वीरबोलोम
हावीरबोलो..(२)
तारीप्रीतिनीके
वीअसर,मळतीमु
जनेसा
चीड
गर..
रे लामुजनेनडेछे ,है युहिबकाभ
कर्मोक रीनेर
डेछे ..
तूमनेभगवानएकवरदानआपीदे
,
सेछे तूमनेत्यास् थानआ
ज्याव पीदे ...
अबसौपदियाइसजीवनको,ने
मनाथतुम्हारे च
रणोंमें
...
दोषथीहर्योभर्योछुं छतादा
दा,
तुजनेमळवानीघणीआशछे ...
मेरोमेरो..(२)पा
र्श्वचिंतामणिमेरोमेरो...(२)
आयीबसोंभगवान..मेरे म
नआईब
सोंभगवान...
वोकालासहसावनवा
ला,सूदबिसराग
यामोरीरे ...
थगिरनारनो
गिरनार..(२)सा ..हाथनेमनाथनो,
होयजोमस्तके तोशुटोटो...
पूजोगिरनारनेरे ..वंदोगि
रिराजनेरे ...
पावनमि
शत्रुंजयकी ट्टीसिरप
रहमलगायेंगे,
गिरनारके परमाणुओंसे
जीवनधन्यबनाएं गे..
गिरिराजप्यारोलागेमने,गि
रनारन्यारोला
गेम
ने.
सातजात्राकरनेआयेहम..सातजात्राक
रके जायेंगे...
जयजयगरवोगिरनार..मारादि
लमा
धड़के गिरनार...
रं गातरं गतूश्या
मरं ग,लंछनशं
खतू
शो
भे..
शिवादेवीनंदनेमिजिणंदतुमअंगअं
गअ
मपूजे,
गिरनारजईने
शिवपदलईनेआ
नंदअ
तिउ
भराये..
मनगायेआजउमंगेनाचेआजतरं गे..
—194—
भेटवामनतलसे...
नेमनाथने
नेमआवोनेआवोने..मनेतारवानेने
मआवोने...
वीरे नेमजीनीजानरे ...(२)
आवीआ
जमहेलनेत्यागी,पे
रुडांरा लाचाल्यारे जा
येवै
रागी...
जेनारोमरोमथीत्या
गअने,सं
यमनी
विलसेधारा..
अ
आछे णगारअमारा...
जिनशासनमांजन्मधरीसार्थककीधोअवतार..
होजोजयजयकार,दि
व्यात्मात
महोजोजयजयकार...
धन्यधन्यअ
णगार..(२)जि
नशासनअणगार..धन्यधन्यअणगार..
आतमनोहि
तकार..ध
रे शुद्धिश
णगार..है
यानोध
बकार..
धन्यधन्यअ
णगार..(२)जि
नशासनअणगार..धन्यधन्यअणगार..
रनुंशासनगाजेआजेम
मारावी हावीरनुंशा
सनगा
जे..
रनुंशासनगाजे..
मारावी
गाजेरे आ
जे,गाजेरे आजे..(२)
जयजयगरवोगिरनार..(२)
रिशणगार..जयज
नेमनाथगि यगरवोगिरनार.
वंदनवंदनवंदनवंदन,गि
रनारत
नेवंदन..(२)
गिरनारतनेवंदन..(२)
नथीकईमज़ा,ह
वेतारावीना..
पणकरशुंहमेआशासनसेवा,छे
विश्वासआ..
रता
ओया राविना..(२)ताराविना..(२)
⁕⁕⁕⁕⁕
—195—
•सामुजु
वोनेमा वोने•
रीसामुजु
(Version1)
ओने..मारीसामुजुओने...एकवा
सामुजु रनेममारीसामुजु
ओने...
ष्टिथी
करुणाद्र मा
रीसामुजुओने...अ
मीद्र
ष्टिथीमा
रीसा
मुजुओने...
ओने..मारीसामुजुओने...एकवा
सामुजु रनेममारीसामुजु
ओने...
निगोदनादि
वसोमनेया
दज
आ
वता,हुं
अनेतुंरह्याएकजधाममां
,
अनादिकाळथीदुः खोने
खमता,आ
चो
राशीला
खयोनीमांभमता...
भवोभवसुधीसाथेरह्या,आ
जेमनेके मछोडीगया,
ताराविनादादामनेकोणपूछे ना
,मा
रीअं
खीओनाआं सुको
णलू
छे ना...
ओने..मारीसामुजुओने...एकवा
सामुंजु रनेममारीसामुजु
ओने...
संसारअसारछे ,मो
क्षजसा
रछे ,ता
रीवातोमेंतोसु
णीनलवा
रछे ,
याना
मोहमा झूलेहुं झूलियो,रां
चीमा
चीनेक
र्मोमें
बां
ध्या...
हसताहसताकर्मोमेंबांध्या,आ
त्मामांकर्मोनाढगलाभर्या,
रोता-रोताआजमाराकर्मोछू
टेना,दुः खोनाडुं
गरमा
राआ
जेतू
टेना...
ओने..मारीसामुजुओने...एकवा
सामुजु रनेममारीसामुजु
ओने...
छे ल्लीविनंतीमा
रीदादातुं
सुणजे,अं
तसमयेमुजनेतुं
मळजे,
पीडाज्यारे रग-रगमांथीव्यापे,ता
रादर्शननीठं डकतुंआ
पजे..
जंजाळजगनीछोडीगयी,मनेता
राध्या
नमांस्थिरकरी,
समाधिमरणमळे ए
वंहुं मांगु,भ
वोभवनाफे राटळे एवंहुं मां
गु...
ओने..मारीसामुजुओने...एकवा
सामुजु रनेममारीसामुजु
ओने...
Lyrics:MumukshuDhruvibenSinghi
⁕⁕⁕⁕⁕
•सामुजु
वोनेमा वोने•
रीसामुजु
(Version2)
जीवनसमर्पणतुजनेकर्युंछे ,स
र्वस्वमा
रुं ,में
तुजनेधर्युंछे
,
तारे तोला
खोपणमारे तुंएकछे
,दि
नरातयादमा,स्म
रणमांतुंए
कछे ,
तारीआणाहुं मस्तके धरुं ,तवआणाथीशिवपदपामुं,
मनवचका
यामां,तुजनेहुं स्थापुं,अं
तस
मयध्यानधरीमुक्तिहुं पा
मुं,
वोनेमारीसामुजुवोने,एकवारदादामारीसा
सामुजु मुजु
वोने...
महाविदेहमांजन्ममनेआपजो,स
मवसरणमांमुजनेबो
लावजो,
अमृतसमएवीवाणीसं
भळावजो,ता
राजहस्तेमनेर
जोहरणआपजो,
करे मिभंतेमळे ,साधनामारीफळे ,पं
चमज्ञा
ननेआत्मावरे ...
समाधिमरणमळे ए
वुंहुं मांगुं,भ
वोभवनाफे
राटळे एवुंहुं
मांगुं,
वोनेमारीसामुजुवोने,एकवारदादामारीसा
सामुजु मुजु
वोने...
—196—
नेमिनाथदादामनेप्राणथकीप्या
रा,स
र्वजी
वोनाए
तोता
रणहारा,
दयमंदिरमांबिराजो,कर्मोका
माराहृ पीम
नेसिद्धब
नावजो,
जीमतारीतमेराजुलनार,तीमत
मेआजेतारोआबाळ...
तारीमारीप्रीतभवोभवोनीतुंबांधजे,तारोमारोसाथभवोभवनोतुंरा
खजे,
नेमबोलावोमनेनेमबो
लावो,गि
रनारबोलावीमनेने
मबनावो,
यात्राकरावीमनेने
मबनावो,कृ
पावरसावीभ
वपारउतारो,
वोनेमारीसामुजुवोने,एकवारदादामारीसा
सामुजु मुजु
वोने...
Rachna:PujyaSadhvijiShriFalShrutiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•साथगि
रनारनोहा मनाथनो•
थने
साथगिरनारनोहाथनेमनाथनो,हो
यजोमस्तके तो
शुं
तोटो,
अन्यस्थानेरहीध्यावेरै वतगिरि,चो
थेभवेपा
मतोमोक्षमो
टो...
तघातकीपातकअ
मातता तिघणो,रा
यभी
मसेनगि
रनारआवे,
नीमौनधरीअष्टदिनतपत
मुनिब पी,उ
ज्ज्यंतगिरिएमु
गतिपावे...
वस्तुपालतेजपालमं
त्रीसाजनने,धा
रपेथडश्रा
वकभी
मो,
तीर्थभक्तिकरीतन-मन-धनथकी,म
नुजअ
वतारतसस
फळकी
नो...
छायापणपक्षीनीआवीपडेगिरिवरे ,भ्र
मणदु र्गतितणानाशथावे,
जलथलखेचराइ
णगिरिपररही,त्री
जेभ
वेमो
क्षमोझारजावे...
व्यक्तचेतनरहितपृथ्वीअपतेजसा,वा
युपा
दपगिरनारपा
मी,
तीर्थमहिमाथकीकर्महळवाक
री,स
विथयाते
हथीमु
गतिगा
मी...
रत्न,प्रमोद,प्रशांत,पद्मगिरि,सि
द्धशेखर,भ
विपा
पजावे,
चन्द्र-सूरजगिरि,इन्द्रपर्वतगिरि,आत्मानंद,गि
रिवरकहावे...
कथीरकांचनहूवेपारसनायोगथी,“हेम”प
रशुद्धनिजगु
णपा
वे,
तिमरै वतगिरियो गथीआत्मा,प दवी“वल्लभ”ल हीमो
क्षजावे...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•शामळीया•
तर्ज:(तेरीमि
ट्टी)
गिरिराजनुंपं
चमशिखरए
,गि
रनारगि
रिए
जावुंछे
,
लममा
ज्यांवा रोनेमप्र
भुजी,ए
नीप्रि
तनारं गेरं गावुंछे
...
—197—
अनराधारे अंबरव
रसे,तारीएवीकरुणाधारवहे,
गलेधोधसावननो,के
गिरिप वोभक्तिमांत
रबोळब
ने...
गिरनारविभुनेमिनाथप्रभु,ता
राना
दमां
मा
रोश्वासर
मे,
जिमनभमांतारलीयाटमके ,ति
मन
यनेनेमिरू
परमे...
यमना
सूरसं रे लावुं,ता
रीभक्तिमां
भीं
जावुं,
तारीप्रितीनोके
वोतारछे ...
ब्दोथीशणगारू,प्रभुमारे तुजसमथावुं,
माराश
क्तिएएकजसारछे ...
मारीमु
जेजिनालयोनीधजाप
ताका,फ
रफरफरफरफरके छे ,
तेस्वर्णगिरिनेहरखेजो
ई,आं खडीझरमरवरसेछे
...
जेसहसावननाशि
खरोथी,पेलीवनराजीपणगानकरे ,
तेदिक्षाके वळभू
मिपण,मारानेमनाप
गलेता
नकरे ..
पंचमशिखरप्यारु,सुखपरमने
दे नारु,
एरै वतगिरिवरनेनमुंहुं ...
मनमंदिरनाआ
वासे,जे
वसतोसहुनाश्वासे,
शामळीयानेमजीनेभजुंहुं ...
सोळे जेशणगारसजीए,ने
मपि
युनेमनथीव
री,
पोकारे पशुत्यांपाछाफरी,वै
राग्यनी
करुणाधारव
ही...
यदुवंशनाराजदुलाराजे,शिवानंदनमा
राहे
किरतार,
छोड्योसाथहाथोनो
,त
मेमाथेहाथमुक्योभ
रथार...
आठभवथीप्रितसंगहती,भवनवमेअसंगब
नी,
नेमजीएराजुलनेतारी...
मेरोमेनेमरमे,माराचि
मारारो त्तनेने
मिनामगमे,
क्यारे “अंकित”थ
शेमुक्तिप्यारी...
Lyrics:AnkitShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•शामलीयाने
मिनाथनम•
तर्ज:(तुझेकितनाचाहनेल
गेहम)
मुश्किलमेंमैंजबभीप
ड़ा,बाहोंमेंतूनेमुझेभरलिया,
सबनेमुझेठु करायाथा,तूनेमु
झकोअ
पनालि
या,
रामैंउम्रभर,मुझेमि
भटकाफि लग
यातेरायेदर,
जबसेदे खेते
रे येनयन,ने
मिते
रे दीवानेहुएह
म,
तेरे बिनअबकु
छभीनहींह
म,
मिनाथनम...
शामलीयाने
—198—
जबसेतेरीमुझेमिलग
यीहै शरण,त
बसेबदलेहैं
दिनऔरमेरे ये
करम,
जानेकै सेकरें हमतेराशुक्रिया,तू
नेए
हसानकितनाहै
मुझपेकिया,
लकीनेमिसेकी
बातदि ,आ
गेहै अ
बतेरीमर्जी,
दारहनाहरकदम,तु
नेमिदा झेपू
जेसा
तोंहीजनम,
तेरे बिनअबकु
छभीनहींह
म,
मिनाथनम...
शामलीयाने
Lyrics:RajOswal
⁕⁕⁕⁕⁕
•शमणांनी ते•
रा
तर्ज:(शमणांनी
रा
तेमैंजो
याश्री
नाथजी)
शमणांनीरातेमैंजोयाश्रीने
मजी..(२)
जोयाश्रीनेमजी..जोयाश्रीनेमजी..(२)
शमणांनीरातेमैंजोयाश्रीने
मजी..(२)
{रथपरआरूढ़माथेलहेरायछो
गुं,
दिलडांनीडोरे बांध्युमनमारूं मों
घु}..(२)
जोयाश्रीनेमजी...जोयाश्री
ने मजी...
शमणांनीरातेमेंजोयाश्रीने
मजी...
{बांध्योमेंचंदरवोनेगूंथीफू
लमाळा,
हेछे है युंले
राजुलक तुंरे उछाळा}..(२)
जोयाश्रीनेमजी...जोयाश्री
ने मजी...
शमणांनीरातेमेंजोयाश्रीने
मजी...
⁕⁕⁕⁕⁕
•श्रीनेमने म•
मने
पापकटेदुः खमिटेलेतने
मनाम
परमशांतिसुखनिधानदिव्यनेमनाम
श्रीनेमनेमनेम...
दिलमेंसदाप्यारकाआभासनेमनाम
मेरीहरसांसमनोआशने
मना
म
श्रीनेमनेमनेम..
आसपासमेरे साथप्या
रानेमनाम
नजीवनप्रा
ज्ञानध्या णसबहीने
मना
म
श्रीनेमनेमनेम...
⁕⁕⁕⁕⁕
—199—
•श्याम!कहोनेक्यारे म
ळशुं•
जयहो,ज
यहो
,जयहो,जयहो
नेमिनाथनो,जयहो
जयहो,ज
यहो
,जयहो,जयहो
गिरनारनो,ज
यहो
कहोनेक्यारे मळशुंश्याम,कहोनेक्यारे ..(२)
कहोनेक्यारे ,कहोनेक्यारे ,श्या
मकहोने
कहोनेक्यारे मळशुंश्याम,कहोनेक्यारे ..(२)
श्याम!कहोनेक्या
रे मळशुं?डुं गरनीटोचेथीदे खो
अमेप्रभु!टळवळशुं...अमेहवेट
ळवळशुं...
श्याम!कहोनेक्या
रे मळशुं?
जयनेमिनाथ,जयगिरनार,ज
यनेमिनाथ,ज
यगिरनार..(२)
नथीभूल्याअमेतमनेव्हाला,भूल्याअमारीजा
तनेव्हाला,
तमथीछे टारहीनेअमथाअग्निमांप
रजळशुं!(अग्निमांपरजळशुं)
श्याम!कहोनेक्या
रे मळशुं?
आमतेमअमेभटक्याकरीए,धी
मेपगलेव
ळग्याकरीए,
बोलोनेस्वामी,एकबीजामांहवेकदीओगळशुं?(हवेक्या
रे ओ
गळशुं)
श्याम!कहोनेक्या
रे मळशुं?
जयनेमिनाथ,जयगिरनार,ज
यनेमिनाथ,ज
यगिरनार..(२)
मोनेगि
थायअ रनारे तुज,टे
रवाप
कडीच
डीए,
दीतमनेएवुंके :चाल'आंगळी'द
थायक ईए...?
तमेअमेसंगाथेक्यारे ,राजुलजेमविहरशुं...?(राजुलजेमवि
हरशुं)
श्याम!कहोनेक्या
रे मळशुं?
साचुकहेजो:व्हालमतमने,मळवानुंमनथायछे अमने?
अमेवियोगीछईएतमेमळशोतोरणझणशुं(मळशोतोर
णझणशुं)
श्याम!कहोनेक्या
रे मळशुं?
जयनेमिनाथ,जयगिरनार,ज
यनेमिनाथ,ज
यगिरनार..(२)
तमारामननीवातोअमे,नेअ
मारादि
लनीवा
तोत
मे
“उदय”कहे,एकबीजाने,कदीहवेसां
भळशुं...?(कदीहवेसां
भळशुं)
श्याम!कहोनेक्या
रे मळशुं?
Lyrics:P.Pu.AcharyaUdayratnaSurijiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—200—
•श्यामळाने
मिनाथ•
श्यामळानेमिनाथमाराआं
गणाअजवाळो..(२)
घड़ीघड़ीहुं
समरूं तमने..(२)पगलास्वा
मीपाडो..
श्यामळानेमिनाथमाराआं
गणाअजवाळो..(२)
{अजवाळो..अजवाळो...माराआं गणा..अजवाळो}..(२)
काळजानाकोडियामां,{दीपतमारोझळहळतो}..(२),
मुक्तिपुरीनोमारगमारो,(स्वामीएअजवाळतो}..(२),
अरजअमारीदादातारा..(२)है यामाअ
वधारो,
मळानेमिनाथमा
श्यामळा..(२)श्या राआं
गणाअजवाळो...
डगलेपगलेनेमतमारूं ,{नामहा
मभरतुंमु
जमां}..(२)
संभारूं निशदिनहु
तमने,(मनमारूं र
मतुंतुजमां)..(२)
नेमरोगलाग्योछे ऐ
वो..(२)तारोतोछु टकारा,
श्यामळानेमिनाथमाराआं
गणाअजवाळो..(२)
{अजवाळो..अजवाळो...माराआं गणाअ
जवाळो}...(२)
शामळीयोनेमिनाथमुजनेप्यारोलागे..(२)
प्यारोलागेमनेप्यारोलागे,
जुलनोतारणहारमुजनेप्यारोलागे..(२)
राजुलनो..(२)रा
गिरनारीनोसंगमनेप्यारोला
गे..(२)
तमनोआधारमनेने
माराआ मला
गे..(२)
शामळीयोनेमिनाथमुजनेप्यारोलागे..
राजुलनोतारणहारमनेने
मलागे..(२)
Lyrics:MunirajShriHeerpadmasagarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•सोहेउं
चोग रनार•
ढ़गि
तर्ज:(इकप्यारका
नगमा)
सोहेउं चोगढ़गिरनार,सो
रठनोएशणगार,
इये,या
चालोज त्राकरवा,ज्यां
सिध्यानेमकु
मार...
एतोयादवकु लराया,मा
ताशीवादेवीजाया,
मुद्रविजयराया,सोहेश्यामवरणकाया,
पितास
सुणीपशुओनोपोकार,जेणेत्यागीराजुलनार...
इये,या
चालोज त्राकरवा,ज्यां
सिध्यानेमकु
मार...
गिरनारमांसहसावन,स्वीकार्युंसाधुजीवन,
आतमनीलागीलगन,साधनामांजोड्युंमन,
पाम्याज्यांके
वलज्ञान,बन्यावीतरागीभगवान...
इये,या
चालोज त्राकरवा,ज्यां
सिध्यानेमकु
मार...
—201—
ओ“मुक्ति”ना
स्वामी,वि
नवुंअं
तरयामी,
वनमांखामी,दू रकरीद्यो
माराजी ज गस्वामी,
सुणजो“जय”नोपोकार,दर्शनआ
पोएकवा
र...
इये,या
चालोज त्राकरवा,ज्यां
सिध्यानेमकु
मार...
Lyrics:JayashreebenKothari
⁕⁕⁕⁕⁕
•तनेजो
ईमनह रनार•
रखायगि
तर्ज:(मैयातेरीज
यजयकार/सु
गंधनुंसरनामुसंयम)
तनेजोईम
नहरखायगिरनार,आतमसुवासितथा
यगि
रनार..(२)
लमांतुंस
मारादि मायगिरनार,दे
वोता
रागु
णगायगि
रनार...
पावनशिखरे नेमबिराजे,दी
क्षाके वलभूमिजेगाजे,
तारीगोदमांनेमनुंनिर्वाण...
तनेजोईम
नहरखायगिरनार,आतमसुवासितथा
यगि
रनार...
शाश्वतसुखनोदातार,है येवसतोतुं
गि
रनार,
तुजनेचाहुंछुं वारं वार,ध
बके दिलमांतुं
गि
रनार...
तारकतीरथमांछे नाम,नेमजीनुंसाधनानुंधा
म..(२)
रवीरोतुजरक्षाका
महापुरुषोशु जेथ
याछे
कु
रबान...कु रबान
शाश्वतसुखनोदातार...
अविरतसौंदर्यताहरु,लोभावेम
नमाहरु..(२)
तारीछबीहदयेवसावी,म
नमांनेमिना
मनेस
मावुं...समावुं
शाश्वतसुखनोदातार...
Lyrics:Viraj&VanshilMaheta
⁕⁕⁕⁕⁕
•ताराविनानेमम
ने•
तर्जः (तारावि
नाश्यामम
ने)
ताराविनानेममने,एकलडुलागे,द
र्शनदे वानेवहेलोआवजे...
ताराविनानेममने,एकलडुलागे...
तमेहृदयमांनेप्राणमांनेम,हरक्षणछोमाराध्यानमां
दादातारास्प
र्शथी,है
यानाचेस
हुनाहर्षथी
नेमतमेप्रीतछो,ज
गतनीरितछो
..(२)
सहुनामनना,म
नमीतछो
ताराविनानेम,ए
कलडुलागे,दर्शनदे वानेव
हेलोआ
वजे...
—202—
रानामथीनेम,सांजतारानामथी
सवारता
दिवसताराना
मथीनेम,रा
ततारानामथी
हृदयधबकारछो,जीवनसथवारछो..(२)
पापीनेप
णतमेतारणाराछो
ताराविनानेम,ए
कलडुलागे,दर्शनदे वानेव
हेलोआ
वजे...
Lyrics:ManthanShah
⁕⁕⁕⁕⁕
•तारीकीकीकामणगारीरे •
तर्ज:(तारीअजबशी
योगनीमु
द्रारे )
तारीकीकीकामणगारीरे ,लागेमनेमी
ठीरे ,
तेतोकरूणारसनीप्यालीरे ,घ
टघटपीधीरे ...
शांतसुधारसनयनकचोळे ,नेणठर्याततक्षिणरे ,
पुनमचंदजिमव
दनसोहे,पेखीपी
गळ्युंमनमीणरे ...
मेघसमतुमदे
हलताए,चमके वि
द्युतजिमकां
तिरे
मेघनादजिमगंभीरगाजे,वाणीभांजेमोहभ्रां
तिरे ...
निर्मळआतमपेखणका
जे,तु
मदरिसणेरढलागीरे ,
सोहम्पदनुंध्यानध्यावत,शु
द्धिमतिति
हांजागीरे ...
स्नेहतुमारोमीठोम
धुरो,आ
स्वादेमनभमरोरे ,
गुणपरागजिमजिमचाखे,पु
द्गलरा
गलागेखा
रोरे ...
रं जननयणेनि
नेमिनि रख्यो,रे वतगिरिमोझाररे ,
निर्वाणपदमनेदे जोप्रभुजी,स
हजानंददा
ताररे ...
⁕⁕⁕⁕⁕
•तारीसाथेनेमसाथे•
तुंजतुंजमा
राश्वासश्वा
समां,तुं
जतुं
ज मारीआसपा
समां,
तुंजप्रेमछे
तुं
जव्हालछे ,तुंअबीलने
तुंगु
लालछे
...
जोयापछीतेने,लाग्युंएवुंमने,मा
रे जी
ववुंता
रीसा
थे...
तारीसाथेतारीसाथेतारीसाथे...नेमसा
थेता
रीसा
थेनेमसा
थे...
मारोम
सादत ळवालागे,आ
तममा
रोथनगनवालागे,
स्मिततमारुं मळवालागे,ओळखपाणीकरवाला
गे,
मकआं
ओ...च खमांउगवालागे,स
पनांजेवीदु
नियाला
गे,
ळ्योछे एकजरागे,ढोलअनेशरणाईवागे,
सूरम
ळअनेवरस,रातोनेआदि
पळप वस,सुखदु :खतारीसंगाथे...
तारीसाथेतारीसाथेतारीसाथे...नेमसा
थेता
रीसा
थेनेमसा
थे...
—203—
तारीसाथेलागुंप्या
री,अ
लगनथीपणहुं अ
लगारी,
जोनेआवीनेअणधारी,संयमरं गेत
मेशणगारी,
ज
ओ...तुं गमेछे तुंजर
मेछे
,ब
धुंहवेता
राश
रणेछे ,
तुंजकू णांतडकानीभाषा,तुं
ज छे मारीजी
वनआशा,
तुंछे मा
रोसमय,सोंपीदीधुंहृ
दय,ऋ
णरहेशेमारामा
थे...
तारीसाथेतारीसाथेतारीसाथे...नेमसा
थेता
रीसा
थेनेमसा
थे...
⁕⁕⁕⁕⁕
•तेरे च •
रणोंमें
तर्ज:(तेरीमि
ट्टी)
व-वनमेंबसगुमके ,मे
इसभ राआतमध
नलुटायाहै ,
नेमिनाथतुनेमेरे अंगपे,ये
भक्तिरं गलगायाहै
...
रे प्रभुने
ओमे मिनाथप्रभु,मेरामनयेतुजकोकितनाचाहें,
मेंहरपलब
सतुजेपासरखु,ह
रवक्तमेरामुजेइ
तनाकहे...
पते
क्यारू रातू
खूपमेरा,मेरे अं
गअं
गपेतेराना
मरहे,
तेरे नामसेहीतो
जलताहुआ,ये
दीपउज्जालादे
ताहै
...
तेरे चरणोंमेंमिट्टजावा,फू लब
नके मेंच
ढ़जावा,
बसदिलकी
है इतनीआरज़ू...
तेरीगोदीमेंछु पजावा,ज
लबनके में
भरजा
वा,
बसनेमप्रभुहै
इतनीआरज़ू...
नियासेमु
इसदु झेजो
भीमिला,ते
रीरे हमतका
ही
टु
कड़ाहै
,
येसारीजमींयेसाराजहाँ,सबतु
जसेही
तोसलामतहै ...
नेमिनाथप्रभुयेहाथतेरा,ए
कबा
रजोमेरे सिरपेरखे,
तेरे जन्नतकीसारीखुशियाँ,में
रेनामपेयेकिस्मतलि
खदे
...
तेरे चरणोंमेंमिट्टजावा,फू लब
नके मेंच
ढ़जावा,
बसदिलकी
है इतनीआरज़ू...
तेरीगोदीमेंछु पजावा,ज
लबनके में
भरजा
वा,
बसनेमप्रभुहै
इतनीआरज़ू...
धरतीपेखड़ायेस्वर्गतेरा,ब
ड़ीमे
हनतसेमैं
नेपायाहै ,
नेमिनाथतुजेपा
नेके लि
ए,मैंनेकितनाप
सिनाब
हायाहै
...
नेमिनाथप्रभुमेरीआरज़ूहै ,ह
रसाँसपे
तूमे
रे साथर
हे,
तूनाथमेरामैंदासतेरा,येरि
श्ताहरजन्मोंमेंब
ने...
तेरे चरणोंमेंमिट्टजावा,फू लब
नके मेंच
ढ़जावा,
बसदिलकी
है इतनीआरज़ू...
तेरीगोदीमेंछु पजावा,ज
लबनके में
भरजा
वा,
बसनेमप्रभुहै
इतनीआरज़ू...
⁕⁕⁕⁕⁕
—204—
•तूम
नेनेमिनाथ•
तर्ज:(तूमनेभ
गवान)
तूमनेनेमिनाथविरतिगानआ
पीदे ,
सहसावननास्पंदनोनुता
नआपीदे
...
नेमनापगलेसहसावनमांखी
ल्युसं
यमवन,
संयमनाशणगारसजीनेराजुलक
रे वंदन...
नवभवके रीप्रीतमुक्तिस्थानआपीदे
,
सहसावननास्पंदनोनुता
नआपीदे
...तू
म
ने...
मिनाकणकणमांछे ने
आभू मनी
सरगम,
भादरवीज्यांभक्तिथातीप्रभुपाम्याके वलम्...
आंखोंतरसीतुझवि
रहमांदर्शआ
पीदे ,
सहसावननास्पंदनोनुता
नआपीदे
...तू
म
ने...
Lyrics:TejasShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•तूने
मछे •
तर्ज:(तुमप्रे
महो
)
तूप्रेमछे ,तू
नेमछे
,मा
रीभ
क्तिनुंतूगीतछे
...
{तूप्रेमछे ,तूनेमछे ,म
नमि
तछे ने
मि
व्हालाप्रभुनेमछे }...२
परमात्मनास्पर्शनेनेमि...
परमात्मनास्पर्शने,झंखीरह्युंआ
बाळरे
णहवेर
तुजवि हेवायना,तु
जविणह
वेस
हेवायना
,
तारादे रे थीतेडावजो
तूप्रेमछे ,तू
नेमछे
,म
नमितछे नेमि
व्हालाप्रभुनेमछे ...तू
नेमछे ...
राजिमतीभरतारछोने
मि...
राजिमतीभरतारछो,गि
रनारगिरिशणगरछो
मुजजीवननाआ
धारछो,मुजहृदयनाध
बकारछो
दितूअनंततू
मारोआ
तूप्रेमछे ,तू
नेमछे
,म
नमितछे नेमि
व्हालाप्रभुनेमछे ...तू
नेमछे ...
Lyrics:YashviSavani(Nemraagi)
⁕⁕⁕⁕⁕
—205—
•तुंने
मछे मारो•
तर्ज:(तारीआं खनोअ
फीणी)
मुजनयनोमांतुजव
सेछे ,तुजनयनेमुजव
सवुं..(२)
रावचनोसुणता..(२)था
मधुरता तामधुराहै
या,
ताराहै यानेमाराहै याके
रीवातछे ..(२)
तमेसमतानेधरनारा,त
मेम
मताने
भूलनारा,
तमेरागद्वे षनाडुं गरीयेथीउतर्या..(२)
संयमनोशणगारसजीनेद्वारतमारे आवुं..(२)
विरतीनामांडवडेनाचुं..(२)क
रताथैयाथै
या,
है याके
राजुलना रीनेमजीवातछे ..(२)
तमेसमतानेधरनारा,त
मेम
मताने
भूलनारा,
तमेरागद्रे षनाडुं गरीयेथीउतर्या..(२)
तारीमारीप्रीतिनोमेंकरियोरे सरवाळो..(२)
जेमराजुलनेनेमसथवारो..(२)तेमप्रभुतुं
मा
रो,
तुंनेमछे मारोहुं छुं तारीराजुल..(२)
है याके
राजुलना रीनेमजीवातछे ..(२)
ताराहै यानेमाराहै
याके रीवा
तछे ..(२)
तुंनेमछे मारो,हुं छुं तारीरा
जुल..(२)
ताराहै यानेमाराहै
याके रीवा
तछे ,
है याके
राजुलना रीनेमजीवातछे ,
तुंनेमछे मारो,हुं छुं तारीरा
जुल..(२)
Lyrics:KaivanShah(Surat)
⁕⁕⁕⁕⁕
•तुमप्रा •
णहो
तर्ज:(तुमप्रे
महो
रा
धे)
तुमप्राणहो...तु
ममा
नहो...मे
रीआ
त्माका
ज्ञानहो...
तुमप्राणहो,तु
ममानहो,तुमध्या
नहोने
मि,हृ
दयकाध्या
नहो
तुमप्राणहो...तु
ममा
नहो...मे
रीआ
त्माका
ज्ञानहो...
तुमयादवोंके वंशहो...ने
मि...
(तुमयादवोंके वं
शहो,गिरनारके तु
मअंशहो
)..(२)
बालभ्रमचारीशि
रोमणि..(२)तुमही
मेरे आ
दर्शहो
तुमप्राणहो,तु
ममानहो,तुमध्या
नहोने
मि,हृ
दयकाध्या
नहो
तुमप्राणहो...तु
ममा
नहो...मे
रीआ
त्माका
ज्ञानहो...
तनमेंहोमेरे मनमेंहो...नेमि...
(तुमतनमेंहो,तुमम
नमेंहो
,मे
रे जीवनउ
पवनमें
हो)..(२)
—206—
आखोंकीमेरे स्मिततुम..(२)मेरे रोमके
क
नकनमेंहो
तुमप्राणहो,तु
ममानहो,तुमध्या
नहोने
मि,हृ
दयकाध्या
नहो
तुमप्राणहो...तु
ममा
नहो...मे
रीआ
त्माका
ज्ञानहो...
मेरोप्रभुनेमिहे उपकारी..(२)सू
रततोरीने
मजीसू
खकारी,
रोमे
नेमिप्या रोगिरनारी,नेमिनाथने
मिनाथने
मिनाथ..(२)
Lyrics:PakshalKothari
⁕⁕⁕⁕⁕
•तुमस
रीखोदीठो•
तर्जः (निरख्योनेमिजि
णंदने)
तुमसरीखोदी
ठोनहिंमनमोहनमेरे ,ज
गमांदे
वदयाळरे सुणशामळप्या
रे ,
पशुतणोपो
कारसुणीमनमो
हनमे
रे ,छो
डच
लेरा
जुलनाररे सु
णशामळप्या
रे ...१
दीनदु खीयासुखीयाकीधामनमोहनमेरे ,ध
नदो
लतव
रसीदानरे सुणशामळप्यारे ,
रै वतगिरिसहसावनेमनमोहनमेरे ,स
हसपुरुषसं
गाथरे सु
णशा
मळप्या
रे ...२
अजुआलीश्रावणछठ्ठे मनमोहनमे
रे ,सजेसं
जमशणगाररे सु
णशा
मळप्या
रे ,
दिनचोपनकरीसाधनामनमो
हनमे
रे ,करे पावनगढगि
रनाररे सुणशामळप्या
रे ...३
भाद्रवदीअमासनामनमोहनमेरे ,बाळे धातीतमामरे सु
णशा
मळप्या
रे ,
समवसरणसुरवररचेमनमो
हनमेरे ,चो
त्रीसअतिशयता
मरे सुणशामळप्यारे ...४
त्रिभुवनतारकपदलहीमनमोहनमेरे ,रे जगतउ
पकाररे सुणशामळप्या
रे ,
मधुरगीराजिनवरसुणीमनमोहनमेरे ,भ
वतरीयानरनाररे सुणशामळप्यारे ...५
पंचमशिखरगिरनारे मनमोहनमे
रे ,पां
चशोछत्रीससाथरे सुणशामळप्यारे ,
अषाढसुदआठमदिनेमनमोहनमेरे ,सो
हेशिववधूसंगाथरे सुणशामळप्यारे ...६
‘मोहभंजक’‘परमार्थगिरि’म
नमोहनमेरे ,‘शिवस्वरूप’वखाणरे सुणशामळप्यारे
‘ललितगिरि’‘अमृतगिरि’मनमोहनमेरे ,‘दुर्गतिवारण’जाणरे सु
णशा
मळप्या
रे ...७
‘कर्मक्षायक’‘अजेयगिरि’म
नमो
हनमेरे ,‘सत्वदायकगिरि’जो
यरे सु
णशा
मळप्या
रे
गुणअनंतएगिरितणामनमोहनमेरे ,पा
रन
पामेको
यरे सु
णशा
मळप्यारे ...८
नेमिरं जनसाहिबोमनमोहनमे
रे ,बी
जोन
आ
वेदायरे सुणशामळप्या
रे ,
कृ पानजरप्रभुताहरीम
नमोहनमेरे ,“हेम”ने
शिवसुखथा
यरे सु
णशा
मळप्यारे ...९
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—207—
•ऊँ चारे ऊँ
चाग
ढ़गि सेवहांनेमिहै •
रनार,ब
ऊँ चारे ऊँ चाग
ढ़गिरनार,बसेव
हांनेमिहै
पावनहै येमु
क्तिकाद्वार,जगतके स्वा
मीहै
सांवलसांवलयेमू
रतप्यारीहै
,श्या
मलछायानेदु
नियातारीहै
सीही,भक्तिधाराहो
राजुलजै ,
देखुजहांमैंभी,नेमजीप्याराहो
जयजयहोजयहोनेमिनाथ,वहीतो
ज्ञा
नीहै
ऊँ चारे ऊँ चाग
ढ़गिरनार,बसेव
हांनेमिहै
नेमिश्वरमहिमानिरालीहै ,सबमिलके गायेंगे
कणकणमेंप्रभुवरके दर्शनहै ,स
बमि
लके पा
एं गे
मनकीइसवीणामें
,ने
मिनिरं जनहै
सरगमकासागरये,भ
क्तिका
दर्पणहै
दाकायेद
नेमिदा रबार,वोअं
तरयामीहै
ऊँ चारे ऊँ चाग
ढ़गिरनार,बसेव
हांनेमिहै
संकटयेआ
याहै धरतीपे
,तारोतुमह
मस
बको
मनमेंहै
आशलगीतेरी,उगारोतुमह
मको
श्यामलमूरतये,रू
पसलोनाहै
नेमप्रभुतेरा,भक्तदीवानाहै
मिलके क
रें गेजयजयकार,जगतके
स्वामीहै
ऊँ चारे ऊँ चाग
ढ़गिरनार,बसेव
हांनेमिहै
Lyrics:Devyani Karve Kothari
⁕⁕⁕⁕⁕
•ऊँ चाऊँ
चागि
रनारे बे मिराया•
ठाने
तर्ज:(खम्माख
म्माहोम्हा
रारु
णीछे रा
)
(सोरठदे शसोहामणो,ऊँ चोगढ़गिरनार,
नेमिनाथनाधा
मने,नितउठक
रूजुहार)
चागिरनारे बेठानेमिराया..(२)
ऊँ चाऊँ
सोरठभूमिमेंधर्मध्वजाफरके ,म्हा
रोम
नहरखे,
मिजिनराया...
नमोने
प्रभुनयनरीज्योतिसु,त्रि
भुवनमें
उ जालोहैं
..(२)
अमिरसरीसु
खधारामें,भ
वजलरोकि
नारोहैं
..(२)
तरणतारणसाचोनोमपाया..(२)नमोने
मिजिनराया...
सुरिवरमुनिवरसेवतारे ,सुरनरइं
द्रपूजेरे ..(२)
छत्रपतीनेचक्रवर्ती,चरणेहाजररे वेरे ..(२)
थोरीभक्तिसुवांछितफलपाया..(२)न
मोनेमिजिनराया...
—208—
जात्रा,कर्मनि
सिद्धभूमिरी काचिततो
डेरे ..(२)
रोगशोकदु
खमिटजावे,पुण्यरोखा
तोजोडेरे ..(२)
भव्यआयाअभव्यनहीआया..(२)नमोनेमिजि
नराया...
कणकणमेंहे सिद्धअठे तो,पु
ण्यतणोओ
धामजी..(२)
शाश्वतगिरिवरउपरे ,नेमिजि
णंदअ
भिरामजी..(२)
दर्शनपावेजोएविरलाजी,क
र्मख
पावेजेवि
रलाजी,न
मोने
मिजि
नराया...
तीनजिणंदअतितमें
,व
र्तमानप्र
भुने
मजी..(२)
आगेपावेलामुक्ति,चोबीसीअ
णभूमिथी..(२)
“प्रदीप”पुण्यदर्शनपायाजी..(२)नमोने
मिजिनराया...
Lyrics:PradeepDhalawat
⁕⁕⁕⁕⁕
•ऊं चाऊं
चारे ग रनार•
ढ़गि
तर्जः (माईतेरीचु
नरियालहराई)
नेमिरे नेमिरे ...गढ़गिरनारसो
हाया..(२)
चारे ,ग
ऊं चाऊं ढ़गिरनार,ने
मनीप
ताकाओले
हराई
कणकणशोभे,ग
ढ़गि
रनार,ने
मनीपताकाओले
हराई
रं गतारारीतनो,रं गताराप्री
तनो,रं गता
राभक्तिनोछे ला
वीला
वीलावी
रं गतारारीतनो,रं गताराप्री
तनो,नेमनीपताकाओलेहराई
शिवामातानादु लारा,समुद्रवि
जयनानं
द,
राजीमतीनाकं तप्यारा,आपेपरमानंद
नेमिरे नेमिरे ...गढ़गिरनारसो
हाया
नेमिरे नेमिरे ...नेमनीपताकाओलेहराई
सुनेसुनेरे पशुपो
कार,नेमनीप
ताकाओलेहराई
चलोजईयेरे गढ़गिरनार,ने
मनीपताकाओलेहराई...
दीक्षाके वलनेमुक्तिरे ,प्रभुथ
याशिवकं
त,
भावीनातमामजी
नोथा
सेशिवसं
त
नेमिरे नेमिरे ...गढ़गिरनारसो
हाया
नेमिरे नेमिरे ...नेमनीपताकाओलेहराई
रोमेरोमेरे गढ़गिरनार,नेमनीपताकाओले
हराई
श्वासेश्वासेरे गढ़गि
रनार,नेमनीप
ताकाओले
हराई...
सिद्धाचलनुपंचमशिखर,शा
श्वतोगिरनार,
आवेभविकनर-नार,ता
रे भ
वसंसार
नेमिरे नेमिरे ...गढ़गिरनारसो
हाय
नेमिरे नेमिरे ...नेमनीपताकाओलेहराई
जपोजपोजयगिरनार,नेमनीपताकाओले
हराई
जयजयबोलोरे गढ़गिरनार,ने
मनीपताकाओले
हराई...
⁕⁕⁕⁕⁕
—209—
•वोकालास ला•
हसावनवा
तर्ज:(वोकालाए
कबां
सुरीवाला)
वोकालासहसावनवा
ला..(२)सुधबिसरागयामोरीरे ..(२)
शिवादेवीनंदकिशोरजो..(२)करगयोरे ,क
रगयोरे ,
करगयोमनकीचोरीरे ..सु
धबिसरा...
कालोकाजलअ
खियनसोहे,का
लेबा
दलमेंज्युंजलहो
वे..(२)
सुरभिसुहागनसुंदरसो
हे..(२)काळीभयीक
स्तुरीरे ..सुधबिसरा...
कालीकीकीकालातीलहै
,का
लोदधिकाकालाज
लरे ..(२)
वैसीहे काळीसु
रततोरी..(२)मेंतो
गयाब
लिहारीरे ..सुधबि
सरा...
कनककसोटीपत्थरकालो,का
लोकनैयोजशोदाकोला
लो..(२)
जोकालेनेराजुलतारी..(२)ज
यजयजयगि
रनारीरे ..सुधबिसरा...
⁕⁕⁕⁕⁕
•नेमतारीआं
खोअ •
णीयाळीछे
तर्ज:(धीरे धी
रे प्यारको
)
नेमतारीआं
खोअणीयाळीछे
,की कीकामणगारीछे ...
होठोअमृतनीप्यालीछे ,मूरतव्हालीव्हा
लीछे ...
श्यामळोसोहामणो,वानतो
'यनमणो,
स्पर्शनानेतरसेसदा,हा
थमारोज
मणो,
धीताहरीनी
वातब राळीछे
...मू
रतव्हा
लीव्हा
लीछे ...
चांदजेवागोळस्कं
ध,श्वा
समांवहेसुगंध,
रुपतारुनीरखीबीजे,आं खमारीथायबं
ध,
देहनीस्पर्शनासुंवाळीछे ...मूरतव्हालीव्हालीछे ..
खंजनेआकर्षेगाल,जोईनेब
नुंनि
हाल,
के वुंतनेरुपमळ्युं,है येउठे ए
स
वाल,
तुजमांदु नीयाआखीभाळीछे
...मू
रतव्हालीव्हालीछे ...
तारामांसमाउछुं ,शमणाओसजाउछुं ,
पळे प
ळे तुजमळे ,एजहुं
तोचाहुंछुं
,
थाएमनेबाळीछे
विरहव्य ...मू
रतव्हालीव्हा
लीछे ...
स्नेहनाए“संस्कारो",तुंजमा
रोध
बकारो,
ताराविनाआजीवनमां,लागेमनेसु
नकारो,
चेतनातुजपंथेवाळीछे
...मू
रतव
हालीव्हालीछे ...
Lyrics:P.Pu.PanyasShriSanskaryashvijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—210—
•छे लग्ननोप्र
संग...उमंगअं ग•
गअं
तर्ज:(वहीगईरात)
छे लग्ननोप्र
संग...उमंगअंगअंग...रा
जुलमांछा
योछे ...
नेमिनोसंगसं
ग...एनोरा
गरं गरं ग...अं
गअं
गव्या
प्योछे ...
जानैयाओसाजसजीआ
वशे...वागशेशरणाईढोल...
जीराजी...हो
होरा राजीराजी...हो
रा
जीराजी...
राजीमतीनारोमरोमहो...
रथथीउतर्या...तो
रणथीफर्या...के
मत
मेनाथ...(२)
नयनोतोरड्या...अ
श्रुओझ
र्या...मा
राप्रा
णनाथ...(२)
जानैयाओसाजसजीआ
वशे...
रथथीउतरो...पाछातो
फरो...भूलोके
मनाथ?...(२)
नवभवनोखरो...ने
हनोतो
झरो...यादकरोसाथ...(२)
जानैयाओसाजसजीआ
वशे...
दिलनापोकारो...मुकोएकवारो...हाथउपरहा
थ...(२)
मारे तोएकतारो...ध्रु
वनोजेमतारो...ता
रोछे
संगाथ...(२)
जानैयाओसाजसजीआ
वशे...
यानेमराजी...ना
नाथ वर्याने
मरा
जी...गयागीरनार...(२)
त्यजीनेनाराजी...सं
यमलेवारा
जी...राजीमतीना
र...(२)
जानैयाओसाजसजीआ
वशे...
Lyrics:P.Pu.PanyasShriSanskaryashvijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•राजीमतीनाउ
रमांप्र मजीनोप्यार•
गट्यो,ने
तर्ज:(होजयशं
खेश्वरा/अ
ल्लावारिया)
राजीमतीनाउरमांप्र
गट्यो,ने
मजीनोप्यार,
वळतीजानेटळवळतीए,रोतीअ
श्रुधार,
रोमेरोमेएतोकरती,ने
मनेपोकार,
नेमजीआवो...पाछानजावो...नेमजीआ
वो...नेमजीरे ...
सपनासजाव्या'ता,नै
नोमांसमाव्याता,प्रे
मनापूर्यातासिन्दू र,
श्यामळोसोहामणो,मोहेम
नलोभामणो,
नेमनामेरणझणतानुपूर...राजीमतीना...
साजसजीआ
वशे,हा
थएलंबावशे,वा
गशेशरणाईओनासूर,
दिलनाएदरियामां,स्नेहथीस
मावशे,
जवशेएभरपूर...रा
प्रेमथीभीं जीमतीना...
—211—
प्राणीनापोकारे रे ,प्रा
णनेविसारे रे ,उ
भरायुंक
रुणार
सनुंपूर,
नवभवनीप्रीतीने,स्मृतिने,प्रतीतिने,
के मकरीकीधीचू
रचूर...राजीमतीना...
Lyrics:P.Pu.PanyasShriSanskaryashvijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•के
वाजोया’ताख्वा
बह वोरुआब•
तोके
तर्ज:(मेरे रश्के कमर)
या’ताख्वाब...हतोके
के वाजो वोरुआब,
ईश्कनीतोभ
री’तीकीताबेकीताब...
जरे सीतम,समजोने
के वागु मिप्री
तम,
जन्मोजन्मोनोसाथनाछोडोतमे...
कु ळनीरसम,तमनेमा
आतो राक
सम,
जन्मोजन्मोनोसाथनाछोडोतमे...
तनीक
खीलीप्री ळी,तारीपीठीच
डी,
तारामीलननेझंखेछे ,मा
रात
नम
न...
रोसुणो,खालीदिलनोखुणो,
सादमा
के मराख्योछे मारीरे साथेत
मे...के वागु
जरे ...
गनासगा,के मदीधाद
युगयु गा,
आंसुछलकावेमाराआबन्नेनयन...
के मपाछाफ
र्या,मा
रासपनाचूर्या,
हाथमुकोरे मारारे हाथेतमे...के
वागुजरे ...
रहोमारीकरीब,आपोएवीत
रकीब,
अंगेअंगेछे लागी,विरहनीअ
गन...
हवेछोडीरति,ता
रापं
थेगति,
हाथमुकजोरे मारारे माथेत
मे...के वागु
जरे ...
Lyrics:P.Pu.PanyasShriSanskaryashvijayjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
•ने
मआ
वशेनेसं पशे•
यमआ
तर्ज:(सपनाविनानीरा
त)
ताराद्वारउ
घाडाराखजे,ता
रादि
लमांजगाआपजे,
तारानयनोंमांभिंजावुं,तारीस्मृतिमांखोवावुं,
नेतारीपासेमांगुएकजआशरे ...
(मुखपररहेतारुं नाम)...नेमिनाथ...
ताराविनाहुं अनाथरे ,(मुखप
रर
हेता
रुं ना
म)...नेमिनाथ...
ईएगिरनाररे ,(मुखपरर
चालोज हेतारुं ना
म)...नेमिनाथ...
—212—
तारीयादमनेबहुआवे,दुः खमाराम
नेभू
लावे,
हुंतोअमासेराहजोवुं,तारीपासेआववादोडुं,
नेतारीपासेमांगुएकजआशरे ...
(मुखपररहेतारुं नाम)...नेमिनाथ...
ताराविनाहुं अनाथरे ,(मुखप
रर
हेता
रुं ना
म)...नेमिनाथ...
ईएगिरनाररे ,(मुखपरर
चालोज हेतारुं ना
म)...नेमिनाथ...
तारोपक्षालकरवाआवुं,ता
रीपूजाक
रवाआवुं,
तनेफू लोथीसजावुं,तारीआंं गीहुं रचावुं,
तनेजोयाकरुं दिवसअनेरा
तरे ...
(मुखपररहेतारुं नाम)...नेमिनाथ...
ताराविनाहुं अनाथरे ,(मुखप
रर
हेता
रुं ना
म)...नेमिनाथ...
ईएगिरनाररे ,(मुखपरर
चालोज हेतारुं ना
म)...नेमिनाथ...
Lyrics: Shruti Shah
⁕⁕⁕⁕⁕
हसावन•
•स
राजुलनीराहनेछो
डी,मुक्तिनामां
डवेदो
डी,
नव-भवतणीप्रीतित्यजी,गिरनारे आ
व्याश्रीनेमि,
उचरे सुव्रतसं
यमना,विचरे तेविरतीउ
पवनमां,
करीसाधनाके
वळव
र्याजेभू
मिमां...
यमउपवन”
सहसावन...“नेमसं
ज्यांसा
सहसावन...“नेमनुं धनाजी
वन”
समवसरण”
सहसावन...“नेमनुं
सहसावन....
मिपरनेमजीविचर्या,सं
आभू यमनाम
हाव्रतज्यां
उचर्या,
मन:पर्यव,के वळनेवरिया,रा
जीमतीर
हनेमीज्यांत
रिया,
पोकारसुणीपशुओना,संसारत्य
जीक्ष
णभरमां,
वलीदियेदे शनाजेभूमिमां...
बनीके
सहसावन....
सृष्टीतणुंसौंदर्यनुंदर्शन,सत्वनेशौ
र्यनुंछे ज्यांस
र्जन,
व्रतनेज्ञाननुंछे ज्यांसं
गम,ने
मिना
मनुंछे
ज्यांगुंजन,
पगलांपड्यांज्यांनेमिना,भाग्यखु
ल्याजे
धरतीना,
धबकीरह्यातुजस्पंदनोजेभू
मिमां...
सहसावन....
Lyrics: Paras Gada
⁕⁕⁕⁕⁕
—213—
•ने
मआ
वशेनेसं पशे•
यमआ
तर्ज:(प्रभुआ
वशेनेलईजा
शे)
हेगिरनारना
नेमीनिरं जन,मुक्तथवाझं
खेमुजआ
तम,
हुंचाहु...बसचाहु...ने
मआ
वशेने
संयमआ
पशे...
निर्विकारीहितकारीस
त्त्वधारी,ब्र
ह्मचारीने
मसलुणा,
पशुओंमाटेतोडीप्री
तिराजीमतिथी,के
वीअन्हदतारीकरूणा,
वै
रागीथी रागीथवा,तारासमवितरागीथवा,
क्यारे आवशेपा
वनक्षण,तुजहाथेथीमळे रजोहरण...
हुंचाहु...बसचाहु...ने
मआ
वशेने
संयमआ
पशे...
-:Lyrics:-
Jinang Bhagyawantbhai Sanghavi
(Tapovani)
⁕⁕⁕⁕⁕
—214—
◈
नेमि
परायण
रचना:प.पु.आचार्यश्रीतीर्थभद्रसूरिम
हाराजसाहेबना
शि
ष्य
प.पु.मुनिराजश्रीतीर्थतिलकम
हाराजसा
हेब
◈
—215—
१.टाईटलगीत
•ज
यज
यनेमिनिरं जन•
जयजयनेमिनिरं जनव्हाला,ज
यजयशी
वादेनंदन..(२)
गिरनारनाव्हालावीरनुंअमेलीधुंछे
आ
लंबन..(२)
जयजयनेमिनिरं जन...
{एकना
नकडासूरमांगुंथ्युंनेमप्रभुनुंगी
त,
एकनानकडुंउरगुंजेबसएटलीएनीजि
त}..(२)
जनेम
प्राणनाथ!तु ळवाना..(२)है येजाग्यास्पं
दन..(२)
जयजयनेमिनिरं जन...
{आंखउघाडुंके मींचुपणदर्शनथायतमारुं ,
हृदयतणाधबकारे उमटेअविचलते
जतमारुं }..(२)
तमेजमारीमुक्तिप्यारा!..(२)त
मेजमा
रुं बंधन..(२)
जयजयनेमिनिरं जन...
{व्हाला!तुजनेभे
टवाका
जेभीतरता
लावेली,
“तीर्थे”आ
वुंतेप
हेलातुंखोलीदे जेडे ली}..(२)
तुमविणकशुंयना
दे खाये..(२)आं जोएवुंअंजन..(२)
जयजयनेमिनिरं जन...
वंदनवंदनवंदनवंदननेमिनिरं जनप्या
रा,
वंदनवंदनवंदनवंदनराजुलना
भरथारा,
वंदनवंदनवंदनवंदनआतमनाआ
धारा,
वंदनवंदनवंदनवंदनगिरनारीज
यकारा,
वंदनवंदनवंदनवंदनशिवामा
तदु ल्हारा,
वंदनवंदनवंदनवंदनसमुद्रविजयसुखकारा,
वंदनवंदनवंदनवंदनतीर्थना
प्राणआ
धारा,
वंदनवंदनवंदनवंदन(नेमिनि
रं जनप्यारा)..(३)
⁕⁕⁕⁕⁕
वनकल्याणक
२.च्य
•ने
मकुं
वरजीआ
वे•
(च्यवेदे वलोकथी,आवेएअशोकथी,मी
ठीमी
ठीरातोसुहावे)..(२)
नेमकुं वरजीआवे...दे
वदे वीगी
तगावे...
मातानेहघेलीनींदरीयुंपावे..(२)
(चंदोतोमारगमांतेजरे लावेछे ,ता
रलीयादी
वाप्रगटावे)..(२)
आनंदअंगअंगेउमटेसुरं गचंगे,प
वनसु
गंधवहावे...
नेमकुं वरजीआवे...
(अंगळाईलेताउठे ,फू लोंतोउठीनेहसे,त्रि
जगनाथआ
तो
आ
वे)..(२)
शोळे श
णगारसजे,मं
गलतू
रबजे,कु
दरतहे
जेहुलरावे...
—216—
नेमकुं वरजीआवे...
(गगननागो
खेथीस
पनाओनाचंता,आ
वंतामातामु
खमांहे)..(२)
शीवादेआनंदेहर्षेप्रभुनेवंदे,स
मुद्रविजयसुखचाहे...
नेमकुं वरजीआवे...
(जगतनाजीवसर्वे,जे
नाकल्याणप
र्वे,क्ष
णेकसुखब
हुपावे)..(२)
पुण्यभूमिएगाजे,“तीर्थ”ब
नीनेराजे,जि
हांजिनकल्याणकथा
वे...
नेमकुं वरजीआवे...
⁕⁕⁕⁕⁕
३.जन्मकल्याणक
•ज
यज
यकारा,जन्म्याजि
नजीज
गहितकारा•
(जयजयकाराजयजयकारा,जन्म्याजिनजीजगहि
तकारा)..(२)
{पृथ्वीपरमधरातेआजेसूरजउग्यो,
सृष्टिनाहै येथीमीठोटहुंकोउठ्यो}..(२)
(दशेदिशाएथयाअजवाळा,हरखेसुरजचं
द्रनेता
रा)..(२)
जयजयकाराज
यजयकारा...
{जोधरतीपरआवीज्योतिशु
भअंबरनी,
दिक्ककु मरीहुलरावेछे प्रीतिअं
तरनी}..(२)
(माता!तुमेजगदीपध
रनारा,पूत्रत
मारास्वामीअमारा)..(२)
जयजयकाराज
यजयकारा...
{इन्द्रो-देवोप्रभुनेमेरुशीखरे ठावे,
कळशोमांहै यानाभावोभरीनवरावे}..(२)
(श्यामळदे
हेवारिधा
रा,मेघमांविजळीनाच
मकारा)..(२)
जयजयकाराज
यजयकारा...
{अभिषेकनीरं गछटाजोईजन्मोत्सवनी,
देवोनीपणआं खोमानुंअनिमेषबनी}..(२)
(“तीर्थ”पति!तुजवैभवन्यारा,म
नडुंसों
प्युंच
रणेतमारा)..(२)
जयजयकाराज
यजयकारा...
⁕⁕⁕⁕⁕
ल्यवस्था
४.बा
•र
ढला
गीछे
त
नेमळवानी•
(रढलागी,रढलागी,र
ढलागीछे
त
नेम
ळवानी)..(२)
{सोनानापा
रणीयेझु लेरत्नोनाघु
घरिया,
रे शमदोरीझालीदे वोहुलरावेतरवरिया}..(२)
नकडाजिनवरीया..(२)
माराना
—217—
ईच्छाजागी,ई
च्छाजागी,ई
च्छाजागीप्रभुनेक
ळवानी...
रढलागी...
{देवोनीदु नियानोमेळोआव्योआशालईने,
नेमकुं वरनीसा
थेरमवानानाबा
ळकथईने}..(२)
पछीनाच्याएमनदईने..(२)
गी,लगनीला
लगनीला गी,लगनीला
गीप्र
भुमांभळवानी...
रढलागी...
{राजकुं वरनारं गेजागेनित-नितओ
च्छवटाणुं,
व्हालानीवर्षामांभीं
जावाइन्द्रोशोधेब
हानुं}..(२)
एतोजिनजीनुंरूपनानुं..(२)
गी,प्रीतिजागी,प्री
प्रीतिजा तिजागीचरणेढळवानी...
रढलागी...
{फू लनीढगलीजेवीपा
पाप
गलीमांडीज्या
रे ,
सुगंधएनीहै येभरीनेमातामा
नेत्या
रे }..(२)
“तीर्थ”फ
ळ्युंघेरअमारे ..(२)
आशाजागी,आशाजागी,आ
शाजागीप्रभुनेफ
ळवानी
रढलागी...
⁕⁕⁕⁕⁕
५.युवावस्था-लग्नतैयारी
•आ
युधशाळे ग
याने
म•
तर्ज:(गोरीरा
धानेकाळोका
न)
(आयुधशाळे ग
यानेम,पांचजन्यशंखफूं क्योए
म)..(२)
(नेमजीनीरमतछे
,गरवीएगम्मतछे ,का
नुडानेमनमांजा
ग्योव
हेम)..(२)
आयुधशाळे गयानेम...
{वानरबनीनेतारीभुजामांहिचवाना,पु
राक
र्यामें
भा
ईकोडरे ,
तारीतेजी
तमांतो
मारोआनंदछे
ने,हा
रुं हुं तो
करजोडरे }..(२)
के मा
रुं मनडुंनाचे,त
नडुंनाचे,जो
ईनेभाईनुंकु
शळतो
हे
मखेमरे ...
आयुवधशाळे गयाने
म,पांचजन्यशंखफूं क्योएम,
मानोनेदियरव्हालानेम!गोपीओमनावेक
हीए
म,
(भाभीओनीप्रीतछे ,झी
णामीठागी
तछे ,तोए
नाआणेमनेप्रेम)..(२)
(मानोनेदियरव्हालानेम!गोपीओम
नावेक
हीएम)..(२)
{रं गभरीवातोमांमीठीमु
लाकातोमां,ज
लक्रीडाएखेचीजायरे ,
मोहघेलीरमतजोईना
थरह्यामौनहोई,गो
पीओम
नमांमलकायरे }..(२)
तोमान्योए
मान्योए तो,परणावोकुं
वरहे
मखेमरे ...
(मानोनेदियरव्हालानेम!गोपीओम
नावेक
हीएम)..(२)
(भाभीओनीप्रीतछे ,झी
णामीठागी
तछे ,तोए
नाआणेमनेप्रेम)..(२)
(मानोनेदियरव्हालानेम!गोपीओम
नावेक
हीएम)..(२)
—218—
मजी...ओ
ओने नेमजी...ने
मजी..नेमजी..नेमजी...
धणधणणणणध
णगणाटध
रतीध्रुजेछे
आज,
खळळळखळभळाटसा
गरमांजागे,
सणणणसणसणाटशि
लाओप
डतीआ
ज,
णभयथीकं पीशरणुंकोमांगे,
मेरुप
पवननासुसवाटजोरचालेछे चारे कोर,
शोरकरे लोकसहुआमतेमभा
गे,
शेनोआधमधमाटआ
व्योछे सळसळाट,
वासुदेवनांमनमांशं
काओजागे..(३)
⁕⁕⁕⁕⁕
६.राजुल-संके त
•शां
तझ
रुखेरा
हनीरखती•
(शांतझरुखेराहनी
रखती..(२)राजुलबे
नीजो
ईरही)..(२)
हैयुंधरीहाथेजोईरही..(२)
मंगलमंगलमंगलमं
गलशुभमं
गलहो
..(२)
शांतझरुखेराहनीरखती,रा
जुलबेनीजोईरही,
मंगलमंगलमंगलमं
गलशुभमं
गलहो
..(२)
एनाहोठे नेमनुंगी
तहतुं,है येप
णएजसं
गीतह
तुं,
एनेस्वामीनाथनीहतीलगन,ए
न
वन
वभ
वनुंअ
तितहतुं,
एनीआं खनुंकाजळहसतुंतुं,ए
नारू
पनुं
जा
दुह
सतुंतुं,
भरदिवसेखुल्लीआं खेपण,ए
कसपनुंआवीव
सतुंतुं,
एनेरूपरं गनुंगुमानहतुं,(नेजीवतरपरस
न्मानहतुं)..(२)
जगनाथस्वामीमळतोतोए
नुं,खु
दउपरअ
भिमानह
तुं,
मंगलमंगलमंगलमं
गलशुभमं
गलहो
..(२)
मंगलमंगलमंगलमं
गल..(२)
एकाएकआके मथयुंके ..(२)नेमपाछाचालीर
ह्या..(२)
हवेगीतगयुंसं
गीतगयुं,एनाअंतरमननुंस्मि
तग युं,
नेउर्मीओनीसाथेरमतुं,सपनुंप
णभयभीतथयुं,
खुबसजावेलाजामेला,खुशीओनानवरं गग
या,
रडताहै येथी,हवेउ
राजुलनां डवानाउमंगगया,
जोजवुंह
तुंतोनाथ!शा
ने,द्वा
रे मारे त
मेआव्याता?
खाडीशाने?बीजप्री
आशाओदे तनाके मवाव्याता,
शांतथयोविरहाकु ळझरुखो,शांतथ
यावहेतान
यनो,
नेनेमना“तीर्थे”जावानाफरी,(उमटीर
ह्यातान
वस्वपनो)..(२)
⁕⁕⁕⁕⁕
—219—
७.
•ने
मजीश्यामचा
ल्यानि
जधा
म•
नेमजीश्यामचाल्यानिजधाम...
माताकहेतीकोडहताके ,व
हुनुंव
दननिहाळुं ,
जोवोहतोपि
तानेतु
जनेक
रताराज्य(निराळुं ),
जीनवाणीसुणवापाछुं नजोयुंचालीर
ह्या(अविराम)
रक
जेओप 'दीपडवादीधानादुः खत
णापडछाया,
मात-पितातेआजतोरडतामुक्याएकलवाया,
लागीअचानकचानकके वुं,उग्युंहै येहा
म...
लोकांतिकसुरविनवेत्यारे तीर्थंकरस
हुत्या
गे,
नेमप्रभुतोपशुतणोपोकारसुणीनेजा
गे,
क्षणभरमांत्याग्यासुखसाधन,सत्तादोरद
माम...
सकलविश्वजी
त्युंजेणेजेसंसारनुंमू
ळ,
विश्वविजेताआ
पबन्याएकामनेक
रीनिर्मूळ,
गमांहीगवाणुं,आपनुंएथीना
ब्रह्मचारीज म...
रै वत“तीर्थे”वृक्षअ
शोकनीनी
चेथ
याअ
णगार,
महासत्वथीनीकळ्यास्वामीसहसपुरुषप
रिवार,
श्रावणनांसरवरियेथताभी
नांनयनत
माम...
⁕⁕⁕⁕⁕
८.के वळज्ञानकल्याणक
•आ
व्योओ
च्छवअणमूलोछे
•
{आव्योओच्छवअणमूलोछे ,(गढगिरनारे जावुंरे )..(२)}..(२)
(पवननीजेवुंहळुं -हळुं थई,गीतगु
लाबीगावुंरे )..(२)
आव्योओच्छव...
(दशेदिशामांसूर्यउदयनी,नोबतवागीम
धुरीरे )..(२)
(के वळज्ञानीथयाप्रभुजी)..(२)घनघातीनेचूरीरे ,
आव्योओच्छव...
(सुंदरवरशणगारसजेला,सिं
हासनप
रबे
ठारे )..(२)
(रूपाळाश्रीनेमिप्रभुजी,सु
र-नरम
नमांपेठारे )..(२)
सुर-नरमनमांपेठारे ..(२)
आव्योओच्छव...
मलकं तामुखडापरवारी,त्र
णभुवनद
उंसाचेरे ,
प्रदक्षिणादे ताइ
न्द्राणी,एहवि
यारे रा
चेरे ,
अमथीझाझेरुं रूपके वुंहो
वे?एहनीरखवारे ,
—220—
पुष्पोएउघाड्यानयनो,उमट्योअं
गेह
रखवारे ,
नीरखीतेजप्रभुनुंसुरज-चांदगयाआ
काशेरे ,
वादळमांसंताईविचारे ,(ताप-कलंकक
बजा
शेरे )..(२)
आव्योओच्छव....
(वाणीप्रभुनीअतिशयधारी,नाद-ग्रामथीपा
वनरे )..(२)
वाजींतरसुरफिक्कालागे..(२)एहसुणीम
नभा
वनरे ,
आव्योओच्छव....
(सहसावनमांपहेलात्रि
गडे,“तीर्थ”स् थापनाक
रतारे )..(२)
(भव्यजीवोनेपरमधामनुं,खासआमंत्रणधरतारे )..(२)
खासआमंत्रणधरतारे ..(२)
आव्योओच्छव...
⁕⁕⁕⁕⁕
९.
•त
मेजतारह्यादा
दा•
तमेजतारह्यादा
दा?जवानुंके
मठी
कलाग्युं?
तमारासाथनुंदिलमांहतुंजेस्वपनने
भांग्युं...
तमेन्याराबनीबेठा,नामान्यामांह
जीआवे,
पुराणीप्रीतदादानी,विसरवीशी
री
तेफावे?
तमारामोक्षगमननुंतीरहृदयउं डाणमांवा
ग्युं...
रह्योअफसोसएकदादा!रह्युंआजेजीगरझू
री,
तमारोहाथझालीने,मंझलक
रवीह
तीपूरी,
अमारोप्रेमखुट्योके अमाराथीखो
टुंला
ग्युं?...
भवोभवभावनाभा
वीसवीजी
वशीवक
रवानी,
नर्याउपकारकर्याजगपरनावआ
पीभवतरवानी,
मोक्षमांकोनापरकरवानेउपकारोनुं
मनजाग्युं?...
तमेज्यांथीगयामो
क्षेअमोनेत्यांथीउ
गारजो,
शामळागिरनारीप्यारा!अमोनेगिरनारीक
रजो,
तमारा“तीर्थ”मांभळवुं,अ
मोएए
टलुंमांग्युं...
⁕⁕⁕⁕⁕
१०.
—221—
(तारागानेजीवनवितेमु
जए
वीछे
एकअरजी)..(२)
(देवुंके
नांदे वुंदादा!जेवीतमारीमरजी)..(२)
के रं गरं गशामळीया..(५)
(अंतरनाहरएकधबकारे अधिकारछे तारो)..(२)
(पोढेलीपां
पणमांजळके तुंही
बनीसितारो)..(२)
के रं गरं गशामळीया..(५)
(आंगळीतारीपकड़ीगिरनारे चढ़वाम
नथातुं)..(२)
(चालदासनेआं गळीदईद
उंए
मतनेनांथा
तुं?)..(२)
के रं गरं गशामळीया..(५)
(शब्दोके रीपांखबनावीभा
वहृदयनांउ
ड्या)..(२)
(नेमप्रभुनाजी
वन“तीर्थ”नीयात्राकरवाउ
मट्या)..(२)
के रं गरं गशामळीया..(४)
⁕⁕⁕⁕⁕
—222—
◈
•श्रीगिरनारजीकी
९९प्र जा•
कारीपू
⫸ इस
“नव्वाणुं
प्रकारी
पूजा”
में ग्यारह
उप-पूजाएँ हैं । प्रत्येक
पूजा
में नौ (९)
नामों
की एक
नतीहैं जिसके द्वा
ऐतिहासिकगि राइसतीर्थस्थानको
जानाजाताहैं (कु ल९
९नाम)।
⫸ मुनिश्री
ने इस
महान
भूमि
और
अनगिनत
महान
आत्माओं
के मोक्ष
की प्राप्ति
की यात्राओं
कावर्णनकि
याहैं ।
⫸ इस
पूजा
में हमें
गिरनार
तीर्थ
स्थान
के पुनर्निर्माण
(जिर्णोद्धार)
के बारे में वर्णन
मिलता
हैं ,
जो श्रावक-श्राविकाओं, व्यापारियों और राजाओं जैसी कई महान और बहादुर आत्माओं द्वारा
कियागयाहैं ।
⫸ यह
समय चक्र में परिवर्तन
के साथ
इस
तीर्थ
स्थान
के आकार
(क्षेत्र)
में परिवर्तन
के बारे में
भीबातकरताहैं ,ले
किनयहइसतीर्थकी प्रा
चीनताको हराताहैं ।
दो
◈
—223—
•श्रीरे गि टीने•
रनारभे
तर्ज:(श्रीरे सिद्धाचलभेटवा)
श्रीरे गिरनारभेटीने,है येहरखनमा
यो;
नेमिजिनभक्तिकरीगिरिवरगुणमेंगा
यो...श्रीरे ....॥१॥
नुने
श्यामवरणत मनुं,दे
खीआ
नंदपा
यो;
ब्रह्मेन्द्रेपडिमाभरी,लीधोअनुपमला
हो...श्री
रे ....॥२॥
तसपुण्यपसायेलीये,सं
यमनेमनीपास;
वरदत्तगणधरथया,सा
धेसि
द्धपदखास...श्रीरे ....॥३॥
दीक्षानाणप्रभुनेमना,सहसावनमोझार;
पंचमेगढल
हेतेह,शिवपदवीउ
दार...श्रीरे ....॥४॥
नवरवरे ,व्र
अनंताजि तके वलनि
र्वाण;
नंतालहे,जि
भवविश्रामअ नवचनथीजा
ण...श्री
रे ....॥५॥
पावनएगिरिभोमका,कणकण“हेम”स
माया;
स्वर्णगिरिनामेजेह,“वल्लभ”प
दनेपा
या...श्रीरे ....॥६॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारकुं स
दामो दनारे •
रीवं
तर्ज:(जिनराजकुं सदामोरीवंदनारे )
गिरनारकुं स
दामोरीवंदनारे ,गि
रनारकोस
दामो
रीवंदनारे ;
यात्रानव्वाणुंकरतांहवे,भवोभवपापनिकं दनारे ....॥१॥
ळीरै वतगिरिआ
छ'रीपा वी,नेमिनाथजु
हाररे ;
लाखनवकारगणणुंगणीजे,पूजान
व्वाणुंप्र
काररे ....॥२॥
के वलदीक्षाकल्याणकभूमि,ने
मिजिनचैत्यउ
दाररे ;
प्रदक्षिणाकाउस्सग्गक
रीजे,अ
ष्टोत्तरश
तवा
ररे ....॥३॥
चोविहारछट्ठकरीसातयात्रा,ग
जपदनाजलेस्ना
नरे ;
चौदचैत्यनववारनमीजे,दे
व-वंदनगु
णगानरे ....॥४॥
छएआ
रे इनगिरिना,विधवि
धना
मव
खाणुरे ;
व्वीसवीसषो
योजनाछ डसद
सबे
,छ
ट्ठे चउशतह
स्तमा
नोरे ....॥५॥
नव्वाणुंगिरिनामभलेरा,तेहमांष
ट्छे मुख्यरे ;
योपहेलेआरे ,उ
कै लाशगिरिथ ज्ज्यंतबीजेपू
ज्यरे ....॥६॥
रे रै वतगिरिमोहे,चोथेस्व
त्रीजेआ र्णगिरिप्र
सिद्धरे ;
वनतीर्थेआवीने,अनंततीर्थंकरसि
इणपा द्धरे ....॥७॥
—224—
पांचमेआरे ‘गिरनारसोहे,छ
ट्ठे ‘नंदभद्रज
णायरे ;
‘पारसगिरि,‘योगेन्द्र,‘सनातन,गि
रिवरना
मकहायरे ....॥८॥
गिरनारभक्तिरं गथकीरे ,उ
पनयोने
हअपाररे ;
“हेम”व
देए
तीरथसेवंता,भ
वजलपा
रउ
ताररे ....॥९॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारगिरिवरन रखे•
यणेनि
तर्जः (गिरिवरदरिशनवि
रलापावे)
गिरनारगिरिवरनयणेनिरखे,पू
रवभ
वके
रापूण्यप
साये;
तटूं ककरे जेदुः खदो
परिक्रमासा हगत
सदू रपलाये....॥१॥
देवकोटनामेपहेलेशिखरे ,अ
नुपमच
उदजिनालयसोहे;
बीजेअंबाजीगोरखत्री
जेचोथेओघडमुजमनमो
हे....॥२॥
चमशिखरे ,नेमप्रभुजीमोक्षेसि
परमपददायकपं धावे;
छठे अनसुयासातमेकालिका,स
प्तशिखरईमगिरिसु
हावे....॥३॥
आवतईन्द्रइ
णगिरिउ
परे ,गजपदठावीनेकुं डबनावे;
णंदनीपूजाकजत्रिभुवनपावकजलति
नेमिजि हांलावे....॥४॥
द्विजकु लपामीपूरवभवमां,साधुदु गंछाकरे तीव्रभावे;
कर्मवशेभवरणमांभमीने,दु र्गंधादु रभिपणुंपा
वे....॥५॥
गजपदकुं डनोम
हिमासुणीने,रै वतगिरिवरया
त्राएआवे;
सातदिवसतसपावनज
लथीस्नानकरीसुगंधितथा
वे....॥६॥
पावनएजलपानथीभविना,सघळांरो
गोपलमांजावे;
निरमलनीरथीक्लिनेअर्ची,सर्वतीरथपूजनफ
ळपा
वे....॥७॥
‘सुरभि’‘उदय’‘तापस’‘आलंबन’,‘परमगिरि’‘श्रीगिरि’कहावे;
‘सप्तशिखर’‘चैतन्यगिरिवर’,‘अव्ययगिरि’ना
सु
रगुणगा
वे....॥८॥
ध्येयरूपेगिरिवरध्यावंता,आनंदघनआतमआ
राधे;
“हेम”प
रे तपतापेतपीने,त्रि
भुवन“वल्लभ”शि
वसुखसाधे....॥९॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•गिरनारे चित्तडुंचोर्युरे •
तर्ज:(सिद्धाचलशि
खरे दी
वोरे )
गिरनारे चित्तडुंचोर्युरे ,ने
मिश्वरे म
नमोह्युंरे ...
रिशनआयखुंखोयुंरे ,नेमिश्वरे मनमो
विणद ह्युंरे ...
आतमउद्धारनेकरवारे ,नेमिश्वरे म
नमो
ह्युंरे ...
कीधाउद्धारगिरिगरवारे ,नेमिश्वरे मनमो
ह्युंरे ...
—225—
भरतेसरपहेलाआवेरे ,नेमि•नमेचो
थेआरे भावेरे ,ने
मि•
तीनकल्याणकनेमजाणेरे ,ने
मि•सुरसुंदरचै
त्यर
चावेरे ,ने
मि•
गिरनारे चित्तडुं....॥१॥
दंडवीर्यअष्टमपा
टेरे ,नेमि•क
रीउद्धारनेमनाथभेटेरे ,ने
मि•
हरिअजीतनाथनेआं तरे रे ,नेमि•चउउ
द्धारगिरिश
णगारे रे ,ने
मि•
गिरनारे चित्तडुं....॥२॥
गरलाखअग्याररे ,ने
कोडीसा मि•सप्तमसागरउ
द्धाररे ,ने
मि•
चंद्रयशचंद्रप्रभशासनेरे ,नेमि•करे ती
र्थोद्धारबहुमानेरे ,ने
मि•
गिरनारे चित्तडुं....॥३॥
चक्रधरशांतिनाथसुतरे ,नेमि•तसनवमउद्धारहुं
तरे ,ने
मि•
रामचंद्रनोदसमोउ
द्धाररे ,नेमि•अग्यारमोपांडवसाररे ,ने
मि•
गिरनारे चित्तडुं....॥४॥
रत्नश्रावके बारमोकीधोरे ,नेमि•प्रभुथा
पीद
र्शनामृतपी
धुंरे ,नेमि•
प्रभुबेठापश्चिमामुखरे ,ने
मि•भांगेभविजननादुः खरे ,ने
मि•
गिरनारे चित्तडुं....॥५॥
‘ध्रुव’,‘परमोदय’,‘निस्तार’रे ,ने
मि•‘पापहर’,‘कल्याणक’सा
ररे ,ने
मि•
‘वैराग्यगिरि’,‘पुण्यदायक’रे ,ने
मि•‘सिद्धपदगिरि’‘द्यष्टिदायक’रे ,ने
मि•
गिरनारे चित्तडुं....॥६॥
र्मलहोवेकायारे ,ने
नामेनि मि•प्रभुध्यानेना
शेजगमायारे ,नेमि•
रिशनफरशनयोगेरे ,नेमि•“हेम”सु
गिरिद खीयोक
र्मवि
योगेरे ,ने
मि•
गिरनारे चित्तडुं....॥७॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•जेगिरनारनेध्या
या•
तर्ज:(हेत्रि
शलानाजा
या)
जेगिरनारनेध्याया,दो
षोदू रपलाया;
राउद्धारकराया,जीवोस
गिरिवरके द्गतिपाया..
जेगिरनारनेध्याया....॥१॥
अनार्यदेशबेबीलोनना,नेबुचन्द्रमहाराया;
र्द्रकु मारने,शोधनकाजेआया;
पुत्रमुनिआ
नेमिजिनालयजीरणदे खी,जि
र्णोद्धारक
राया...
जेगिरनारनेध्याया....॥२॥
थे,आमराजगिरिआ
बप्पभट्टसूरीश्वरसा या;
निजसंपत्तिव्ययक
रीने,शासनशानब
ढाया;
एकएकमंदिरसारकरीने,ह
र्षोल्लासधराया...
जेगिरनारनेध्याया....॥३॥
—226—
सिद्धराजनृपसज्जनमंत्री,रै वतगिरिवरआया;
गामेगामथीउद्धारका
जेशिल्पीओबुलाया;
सादकरावी,जगमांकिर्तिपा
कर्णविहारप्रा या...
जेगिरनारनेध्याया....॥४॥
वस्तुपाळनेतेजपाळव
ळी,कु
मारपाळसिं
हआया;
समरसिंहहरपतिश्रीमाळी,चौ
दमांसै
के आया;
जयतिलकसूरिआ
णाल
ईने,ने
मिभवनस
मराया...
जेगिरनारनेध्याया....॥५॥
मालवदेवपंदरमेसै
के ,क
ल्याणकत्रयरचाया;
लक्ष्मीतिलकनरपालसजावे,पूर्णसिंहमनभाया;
क्षोबाकरावे,वर्धमानपद्मआया...
चतुर्मुखल
जेगिरनारनेध्याया....॥६॥
शाणराजभुंभवसिं
हाआया,ई
न्द्रनीलब
नाया;
प्रेमासंग्रामसोनीउद्धरिया,मा
नसिंहअ
परबनाया;
नरशीके शववीसमीसदीमां,नी
तिसूरिम
हाराया..
जेगिरनारनेध्याया....॥७॥
क्षा-के वल,स
नेमप्रभुएदी हसावनमेंपा
या;
पावनवहभू
मिकामहिमा,जबसेध्यानमेंआया;
हिमांशुसूरिरायनेउसका,तीर्थोद्धारकराया...
जेगिरनारनेध्याया....॥८॥
आंबडमंत्रीमानसिंहमेघजी,पाजगिरिसमराया;
पेथड-झांझणएगिरिआया,ती
रथध्वजलहेराया;
नामीअनामीके ईपुण्यवानगि
रिवरभ
क्तिपा
या...
जेगिरनारनेध्याया....॥९॥
गिरिभक्तिनोमहिमामो
टो,कहेताना
वेपा
रा;
जिनवचननेसूणतांसूणतां,क
रदे भ
वनिस्तारा;
आतमअनुभवत
त्त्वप्रकाशी,पं
चमगतिदातारा...
जेगिरनारनेध्याया....॥१०॥
‘इन्द्र’‘निरं जन’‘विश्रामगिरिवर’,‘पंचमगिरि’गुणगाया;
‘भवच्छे दक’ने
‘आश्रयगिरिवर’,‘स्वर्ग’‘समत्व’सु
खपाया;
‘अमलगिरि’के
जापने“हेम”को,आ
तमरामबनाया...
जेगिरनारनेध्याया....॥११॥
⁕⁕⁕⁕⁕
—227—
मही•
नेमिनिरं जनकि
तर्ज:(क्युंकरभक्तिकरुं प्र
भुते
री)
रं जनकिमहीनविसरे ,
नेमिनि
मनमोहनकीमोहनगारी,मूरतदे खीहि
यडुंहरखे....॥१॥
गतचोवीसीत्रीजाप्रभुमु
खे,ब्रह्मेन्द्रनिजमुक्तिजाणी;
अंजनरत्ननेमप्रभुनी,भ
रे प्रतिमाभक्तिआणी....॥२॥
असंख्यकाळतेप्र
भुनेपूजी,ह
रितेप्रतिमाह
रिनेआपे;
द्वारिकानाशथतांजिनबिंबने,अं
बिकानिजभवनेस्थापे....॥३॥
नेमनिर्वाणस
हसदोयवर्षे,रत्नाशाछ'रीपालितआवे;
गजपदजलनाक
ळशाभ
रीने,व
ळु बिंबभ
विजनन
वरावे....॥४॥
गलतप्रतिमाप्रभुनीपेखी,आ
हारचा
रर
त्नसिंहात्या
गे;
उपवासकरीएकमासनेअंते,शा
सनदेवीअंबिकाजागे....॥५॥
वज्रअभेद्यरत्ननीप
डिया,कलिकलजाणीआपेरतनने;
नेमिनाथमूरतपधरावी,शोभावेगिरनारगि
रिने....॥६॥
‘ज्ञानोद्योतगिरि’‘गुणनिधि’‘स्वयंप्रभ’ना
मेपा
पपलाये;
‘अपूर्वगिरि’‘पूर्णानंदगिरिवर’,‘अनुपमगिरि’प
रे मुगतेजाये....॥७॥
‘प्रभंजनगिरि’‘प्रभवगिरिवर’,शो
भेम
हितलअद्भूतकाये;
‘अक्षयगिरि’ए
सो
रठदेशनी,पृ
थ्वीसघळीपावनथा
ये....॥८॥
रोमेरोमेगिरनारगुंजे,श्वासेश्वासेनेमिनाथबि
राजे,
“हेमवल्लभ”क
हेनामप्रभुनुं,ज
पीएभ
वजलतरवाका
जे....॥९॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•साथगि
रनारनोहा मनाथनो•
थने
तर्ज:(ऋषभजिनराजमुज)
साथगिरनारनोहाथनेमनाथनो,हो
यजोमस्तके तो
शुं
तोटो;
अन्यस्थानेरहीध्यावेरै वतगिरि,चो
थेभवेपा
मतोमोक्षमो
टो....॥१॥
तघातकीपातकअ
मातता तिघणो,रा
यभी
मसेनगि
रनारआवे;
नीमौनधरीअष्टदिनतपत
मुनिब पी,उ
ज्ज्यंतगिरिएमु
गतिपावे....॥२॥
वस्तुपालतेजपालमं
त्रीसाजनने,धा
रपेथडश्रा
वकभी
मो;
तीर्थभक्तिकरीतन-मन-धनथकी,म
नुजअ
वतारतसस
फळकी
नो....॥३॥
छायापणपक्षीनीआवीपडेगिरिवरे ,भ्र
मणदु र्गतितणानाशथावे;
जलथलखेचराइ
णगिरिपररही,त्री
जेभ
वेमो
क्षमोझारजावे....॥४॥
—228—
व्यक्तचेतनरहितपृथ्वीअपतेजसा,वा
युपा
दपगिरनारपा
मी;
तीर्थमहिमाथकीकर्महळवाक
री,स
विथयाते
हथीमु
गतिगा
मी....॥५॥
‘रत्न’‘प्रमोद’‘प्रशांत’‘पद्मगिरि’,‘सिद्धशेखर’भ
विपापजावे;
‘चन्द्र-सूरजगिरि’‘इन्द्रपर्वतगिरि’,‘आत्मानंद’गिरिवरकहावे....॥६॥
कथीरकांचनहूवेपारसनायोगथी,“हेम”प
रशुद्धनिजगु
णपा
वे;
तिमरै वतगिरियो
गथीआत्मा,प
दवी“वल्लभ”ल
हीमो
क्षजावे....॥७॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•मेरोप्रभु•
मेरोप्रभु,नेमतुंप्राणआधार,
विसरुं जोप्रभुएकघडीतो,प्रा
णर हेना
ह
मार....॥१॥
भोगत्यजीनेजोगले
वाने,नीकळ्यानेमकु मार;
गढगिरनारनेघाटेवसिया,ब्रह्मचारीशिरदार....॥२॥
रतिनीभक्तिकरतां,था
तुजमू यह
रिए
कता
र;
पदतीर्थंकरकरे निकाचित,अकलतुजउ
पगार....॥३॥
समतारसभरीयोगु
णदरियो,ने
मनाथगिरनार;
सुताजागताध्यावुंनि
शदिन,श्वासमांहिसोवार....॥४॥
मनमाणिककुं सोंप्युंमेंतो,म
नमोहननेउधार;
प्रेमव्याजचढ्योछे इतनो,किमछू टशेकिरतार....॥५॥
हारुं नहितुजबलथकीजी,सि
द्धसुखदातार;
श्रद्धाभरीछे एकहृदयमां,तुजथीपामीशपा
र....॥६॥
‘आनंदधरगिरि’‘सुखदायी’,‘भव्यानंद’मनोहार;
‘परमानंदगिरि’‘इष्टसिद्धिगिरि’,‘रामानंद’ज
यकार....॥७॥
‘भव्याकर्षणगिरि’‘दु:खहरगिरि’‘शिवानंद’सु
खकार;
मिनाथक
जगनायकने हावे,गिरिनायकशणगार....॥८॥
शामळियाकुं अखियनजा
णे,करूणारसभं
डार;
“हेम”व
देप्र
भुतुजअखियनकुं ,दी
योछ
बीअवतार....॥९॥
⁕⁕⁕⁕⁕
—229—
•तारोतारोने
मिनाथ•
तर्ज:(बापलडांरे पा
तिकडां)
तारोतारोनेमिनाथमनेता
रो,भ
वनादुः खडांवारोरे ;
माहरे मनगिरनारगिरिवर,जाणोएकस
हारोरे ....॥१॥
जैनधर्मीअंबिकापरणी,ब्राह्मणकु लेजा
वेरे ;
साधुनेपडिलाभीहरखे,पुन्यपोटलीयांपा
वेरे ....॥२॥
कटुवचनसासुनासू
णीने,सुतदोयलेईघरछो
डीरे ;
गिरनार-नेमिनाथरटतां-रटतां,प
डेकू
वेकरजोडीरे ....॥३॥
एमशुभध्यानथीउपनीभवने,गि
रिएने
मजूहारे रे ;
क्रप्र
थायेश भुपरभाविका,शा
सनविघ्ननिवारे रे ....॥४॥
तिहिंसकमिथ्यात्वी,अ
ब्राह्मणअ तिव्या
धिएव्या
पतोरे ;
गिरनारगिरिनुंशरणुंपामी,य
क्षगोमेधएथातोरे ....॥५॥
अशोकचंद्रदुः खीदारिद्री,गिरनारे त
पतपतोरे ;
आपेअंबिकापारसमणि,राजरिद्धिमांएरमतोर
रे ....॥६॥
संघसहितरै वतगिरिआवे,लेइदीक्षाप्रभुध्या
वेरे ;
र्मोखपावे,शिवसुंदरीनेपा
घातीअघातीक वेरे ....॥७॥
‘उज्वल’‘आनंद’‘तीर्थोत्तमगिरि’,‘महेश्वर’‘रम्य’जा
णोरे ;
‘बोधिराय’‘महोद्योत’‘अनुत्तर’,‘प्रशमगिरि’ने
वखाणोरे ....॥८॥
तिमीठोप्रभुनो,प्रे
अमृतथीअ मनोप्यालोपीधोरे ;
"हेमवल्लभ"प्रभुपादपद्मे,भ्रमरप
रे र
सली
धोरे ....॥९॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•तुमस
रीखोदीठो•
तर्ज:(निरख्योने
मिजि
णंदने)
तुमसरीखोदी
ठोनहिमनमोहनमेरे ,
जगमांदे वदयाळरे सुणशामळप्या
रे ,
पशुतणोपो
करसुणीमनमो
हनमे
रे ,
छोडचलेराजुलनाररे सुणशा
मळप्यारे ....॥१॥
दीनदु खीयासुखीयाकीधामनमोहनमेरे ,
धनघेलतवरसीदानरे सुणशामळप्या
रे ,
रै वतगिरिसहसावनेमनमोहनमेरे ,
सहसपुरुषसंगाथरे सु
णशामळप्यारे ....॥२॥
अजुआलीश्रावणछठे मनमोहनमे
रे ,
—230—
जमशणगाररे सुणशा
सजेसं मळप्या
रे ,
दिनचोपनकरीसाधनामनमो
हनमे
रे ,
करे पावनगढगिरनाररे सुणशा
मळप्या
रे ....॥३॥
भाद्रवदीअमासनामनमोहनमेरे ,
बाळे घातीत
मामरे सुणशामळप्यारे ,
समवसरणसुरवररचेमनमो
हनमेरे ,
चोत्रीसअतिशयतामरे सुणशामळप्यारे ....॥४॥
त्रिभुवनतारकपदलहींमनमोहनमेरे ,
करे जगतउपकररे सुणशामळप्या
रे ,
मधुरगिराजिनवरसुणीमनमोहनमेरे ,
भवतरीयानरनाररे सुणशामळप्या
रे ....॥५॥
पंचमशिखरगिरनारे मनमोहनमे
रे ,
पांचशोछत्रीससा
थरे सुणशा
मळप्या
रे ,
अषाढसुदआठमदिनेमनमोहनमेरे ,
सोहेशिववधूसंगाथरे सुणशा
मळप्या
रे ....॥६॥
‘मोहभंजक’‘परमार्थगिरि’म
नमोहनरे ,
‘शिवस्वरूप’व
खाणरे सुणशामळप्यारे
‘ललितगिरि’‘अमृतगिरि’मनमोहनरे ,
‘दुर्गतिवारण’जा
णरे सुणशामळप्या
रे ....॥७॥
‘कर्मक्षायक’‘अजेयगिरि’म
नमो
हनमेरे ,
‘सत्वदायकगिरि’जो
यरे सुणशामळप्या
रे
गुणअनंतएगिरितणामनमोहनमेरे ,
पारनपामेकोयरे सुणशामळप्या
रे ....॥८॥
नेमिनिरं जनसाहिबोमनमो
हनमे
रे ,
बीजोनआवेदायरे सु
णशामळप्या
रे ,
कृ पानजरप्रभुताहरीम
नमोहनमेरे ,
“हेम”नेशिवसुखथायरे सुणशामळप्या
रे ....॥९॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•धनधनश्री
गिरनारने•
तर्ज:(धनधनश्रीअरिहंतनेरे )
धनधनश्रीगिरनारनेरे ,तार्याअरिहाअ
नंतसलूणा;
एगिरिवरनेफ
रसतारे ,आतमनिर्मलथायसलूणा....॥१॥
जिमजिमगिरिसेवीएरे ,ति
मति
मकर्मखपायस
लूणा;
वरत
त्रसथा सवासथीरे ,पामेशि
वपदपंथसलूणा....॥२॥
त्रिकल्याणकभूतकाळमांरे ,अनंताजि
नगि
रनारसलूणा;
—231—
वळीअनंताप्र
भुपामीयारे ,नि
र्वाणपदगि
रनारसलूणा....॥३॥
गतचोवीसीमांत्रणथयारे ,ने
मिश्वरआदिअडनासलूणा;
अन्यबेजिनवरल
हेरे ,मो
क्षगमनगिरनारस
लूणा....॥४॥
अनंतवीर्यभद्रकृ त्नारे ,दी
क्षा-नाण-निर्वाणस
लूणा;
शेषबावीसजिनपा
मशेरे ,मु
क्तिपदब
हुमानस
लूणा....॥५॥
जीमतीरे ,रथनेमिव
सहसावनमांरा रे ज्ञानसलूणा;
कृ ष्णके रासप्तबांधवारे ,रूक्मणीसहअ
णगारस
लूणा....॥६॥
गजसुकु मालमुणिंदनुंरे ,व्रत-नाणने
निर्वाणस
लूणा;
सुमुखादिपंदरग्रहेरे ,सं
सारछे
दकव्र
तस
लूणा....॥७॥
समुद्रविजयशिवामातनेरे ,विरतिके
रुं वरदानसलूणा;
निषघसारणादिकु
मारनेरे ,चा
रित्रमळे गि
रनारसलूणा....॥८॥
दीक्षाज्ञानशिवदानथीरे ,तार्याअनंतभ
वपारस
लूणा;
‘विरती’‘व्रत’‘संयम’गिरिरे ,‘सर्वज्ञ’‘के वल’‘ज्ञान’सलूणा....॥९॥
‘निर्वाण’‘तारक’‘शिवगिरि’रे ,से
वतां“हेम”होवेपारसलूणा;
रणभविप्राणीयारे ,नि
इणक त्यध्यावोगिरनारस
लूणा....॥१०॥
⁕⁕⁕⁕⁕
•शत्रुंजयसमोरै वत•
तर्ज:(जिणंदाप्यारामुणिंदाप्या
र)
रो,उ
रै वतप्या ज्जयंतप्या
रो,दे खोरे ग
ढगिरनार;
देखोरे नेमिनाथप्या
रो;
मोरै वतम
शत्रुंजयस हिमा,शास्त्रव
यणप्रमाण....॥१॥
एगिरिपंचमनाणनोदाता,पंचमशिखरवखाण....॥२॥
घोरपापकु ष्ठादिकरोगो,रै वतफरशेपलाय....॥३॥
रथआराधनकरतां,गणुक्रोडफलथाय....॥४॥
ईणती
टोएगि
महिमामो रिवरनो,पारक
दिन
पमाय....॥५॥
बुद्धिनोलवलेशनमुजमां,भावथीनमुंगिरिराय....॥६॥
गीशाश्वतगिरिवरनाजाण्यानगुणअ
आजल पार....॥७॥
पूरवपुण्यपसायेपा
म्यो,हाथन
छोडुंल
गार....॥८॥
रं जनगिरिप्रीते,आतमरामरं गाय....॥९॥
नेमिनि
निरखीनिरखीनेमनगीनो,न
यणाकदिन
धराय....॥१०॥
‘हंसगिरि’‘विवेकगिरिवर’,सु
णतांचि
त्तहराय....॥११॥
‘मुक्तिराज’‘मणिकन्त’‘महायश’,‘अव्याबाध’सु
हाय....॥१२॥
‘जगतारण’‘विलास’‘अगम्य’,नामथीपरमनि
धान....॥१३॥
“हेम”व
देगि
रिभक्तिकाजेतनमनमु
जकु
रबान....॥१४॥
⁕⁕⁕⁕⁕
—232—
◈
गिरनार
चालीसा
◈
—233—
गौरवशाळीभूमिगुर्जर,ते
मांसोरठदे
शसु
हंकर,
कल्याणकभूमिएकजसार,जयज
यगिरुओगढगि
रनार॥१॥
जयजयगढगिरनार,ज
यग
रवोगि
रनार...
तिमासुंदरश्यामल,दर्शनथीश
नेमिप्र मेदुः
खदावानल,
श्वमांसहुथीपुरातन,सां
प्रतिमावि भळजोइ
तिहाससनातन॥२॥
गतचोवीशीजि
नवरसागर,महीतलविचरे ज्ञा
नदिवाकर,
पूछे नरवाहनभूपाल,मोक्षक
दामुजदे वकृ पाल?॥
३॥
अवसर्पिणीचोथेआरे ,बावीशमांतीर्थंकरवा
रे ,
मोक्षगमनथाशेएमजाणी,ली
येसंयमतवनृपगुणखाणी॥
४॥
चमसुरलोकपु
थयोपं रं दर,सां
भळीजिनवाणीअ
तिसुंदर,
रत्नप्रतिमाप्रभुनीस्थापे,व्दादशयो
जनकान्तिव्यापे॥५॥
ब्रम्हेंन्द्रोसहुप्रतिमापूजे,जेथीपातिकसघळाध्रु
जे,
सुरपतिनेमिव
चनप्रमाण,आ
पेकृ ष्णनेबिं
बसुजाण॥६॥
प्रतिमास् थापेहरिप्रसादे,पूजंतापुण्याईवा
धे,
द्वारिकानाशपछीस्थानांतर,पूजेदे
वोकांचनगिरिप
र॥७॥
यानेमिजगदीश्वर,वीत्यासहस्रयुगलसं
मोक्षेग वत्सर,
वकगुणधार,संघसहितआ
रत्नसारश्रा वेगि
रनार॥८॥
मिनेजुहारे ,पूजीप्रतिमाभा
के वलज्ञानभू ववधारे ,
मुख्यशिखरभणीआ
गळचाले,कं पितछ
त्रशिलानेनि
हाळे ॥९॥
आनंदसूरीश्वरअवधिनाणी,का
रणभा
खेआ
दरआणी,
ताराहाथेआगिरनार,भंगअ
नेथाशेउद्धार॥१०॥
नचिंताअतिव्यापी,ती
सांभळीम र्थवि
नाशकहुं छु
पा
पी,
हेखेदक
गुरुक रोनलगार,तुजहाथेथशेतीर्थोद्धार॥
११॥
गजपदनाजळशीतळपावन,भा
वेसंघक
रे पक्क्षालन,
प्रतिमा-लेपगळ्योतेवार,व्याप्योस
घळे हाहाकार॥
१२॥
पश्चातापनाआं सूसा
रे ,नि
जपा
पीआतमधि
क्कारे ,
करे प्रभुनुंशरणस्वीकार,दू रकरोप्र
भुपाप-विकार॥१३॥
हारनोत्यागी,अंबिकादे वीस
रत्नसारआ त्त्वनीरागी,
लईगईतेनेगुफामो
झार,आपीप्र
तिमाझाकझमाल॥
१४॥
—234—
मनोहरजिनप्रसादकरावे,प्र
भुप्र
तिमातेमांप
धरावे,
प्रभुभक्तिमांभक्तोडो
ले,ने
मिनाथनीजयज
यबो
ले॥
१५॥
प्रभुभक्तिथीअंबातूठे ,मा
लकु
सुमनीरो
पेकं
ठे ,
जेनाहृदयेने
मिनाथ,पु
ण्यनोवै
भवते
नीसा
थ॥
१६॥
सुकृ तमांनिजवित्तनेभावे,र
त्नासारश्रावकशुभभावे,
नेनिजअवतार,थाशेशिवरमणीभ
सार्थकमा रतार॥
१७॥
सुणतांप्रभुप्रतिमानीगाथा,अं
तरअमरोमांचितथा
ता,
हवेसांभळजोतीर्थमहात्तम,नि
र्मळथा
शेजे
थीआतम॥१८॥
गतचोवीशीद
सतीर्थंकर,भावीचोवीशीस
र्वजिनेश्वर,
सिद्धिपदपा
मेश्री
कार,मुक्तिदाताग
ढगिरनार॥१९॥
दीक्षाके वलनेनिर्वाण,पाम्यानेमिश्वरज
गभाण,
कल्याणकज्यांअनंतासार,क
ल्याणकभूमिग
ढगिरनार॥
२०॥
उर्जाभूमिछे सहसवान,नेमिदीक्षाके वलपा
वन,
सूरीहिमांशुकरे उद्धार,पा
वनभूमिग
ढगि
रनार॥
२१॥
पृथ्वीपाणीवायुतरुवर,आपेशिवपदतेनेगिरिवर,
अडभवतिर्यंचोंभवपार,भवजलतारकग
ढगिरनार॥
२२॥
गिरिनेस्पर्शेपंखीछाया,तेनेपणगि
रिकरे सहाया,
हींतसअ
दुर्गतिमांन वतार,सद् ग
तिदायकगढगिरनार॥२३॥
शिवपामेजे
पूजेभावे,भवचोथेघे
रबेठाध्या
वे,
अल्पआराधनफळछे अपार,ब
हुफ
ळदायकगढगि
रनार॥२४॥
दानकरे तेधनबहुपामे,तपकरनारप
रमपदपामे,
पुण्यलहेशीलनेधरनार,महिमावंतोगढगिरनार॥२५॥
तीर्थस्वरूपगिरिकुं
डनेनिर्झर,पा
वनछे
न
दीयोंत
रुवर,
हेशिखरे वसनार,कर्मविनाशकग
मोक्षल ढगि
रनार॥
२६॥
सिद्धपुरुषयोगीविद्याधर,ध्या
नगुफामांधरे गु
णाकर,
रणकार,सा
निर्मळतानोज्यां धकभूमिगढगिरनार॥२७॥
पुण्यविहीनदु र्गन्धानारी,स्ना
नक रे गजपदकुं
डवा
रि,
देहेपरिमलनोविस्तार,शातादायकगढगि
रनार॥
२८॥
—235—
भीमसेनपापीदु र्भागी,थयोरै वतगिरिवरअनुरागी,
संयमके वलमोक्षउदार,पा
पप्रणाशकगढगिरनार॥२९॥
अशोकचंद्रतपधूणीधखावे,ना
सेतसआ
तीर्थप्रभावे,
द्रव्यभावदारिद्रयविकार,भाग्यविधातागढगि
रनार॥३०॥
हत्यापापकठनक
रनारो,गिरिस्प
र्शनथीथ
योनिस्तारो,
वशिष्टध्यानमांएकाकार,पा
तिकनाशकग
ढगि
रनार॥३१॥
त्रीगिरिवरफ
सज्जनमं रसे,जोईजि
नालयआं खोवरसे,
राज-वित्तथीजीर्णोद्धार,सा
हसकारकगढगि
रनार॥३२॥
धनआपेभीमासा
थरियो,मोटोछे जसदि
लनोदरियो,
याचेलाभसिद्धराजभूपाल,भा
वप्रवर्धकगढगि
रनार॥३३॥
रनुंधन्यसमर्पण,सुतपंचककरे जी
श्रेष्ठिधा वनअर्पण,
क्षेत्राधीशबन्यासुखकार,स
त्त्वप्रदाताग
ढगिरनार॥३४॥
पेथडशाछप्पनधडीकं चन,आ
पीकरतांतीर्थनुंरक्षण,
परमतवादीनीथईहार,विजयप्रदाताग
ढगिरनार॥३५॥
रै वतगिरिपरमुंडकवेरो,दू रकरीटा
ळे भवफे रो,
महामंत्रीधरवस्तुपाल,प्र
ज्ञादायकगढगिरनार॥३६॥
भादरवाअमासीउ
ज्ज्वल,अं
बाउद्द् भवनेमिके वल,
यात्राअमासीकरोनरनार,ज्ञा
नप्रकाशीगढगिरनार॥३७॥
सांभळीजेनरयात्राकरशे,सकलम
नोरथते
नाफळशे,
भक्तलहेसिद्धिसुखसार,सिद्धिप्रदातागढगि
रनार॥३८॥
महिमाशाळीअंबामाता,गि
रिवरच
डतांआ
पेशाता,
गोमेधतीर्थसुरक्षाकार,सु
रगणसेवितगढगिरनार॥३९॥
जेकोईगिरिनांगुणलागाशे,दु
र्गतिदुः
खदा
रिद्रयविनाशे,
भवोभवभक्तिनासंस्कार,भ
क्तिप्रवर्धकगढगि
रनार॥४०॥
•कळश•
एमपापनाशकसुगुणदायक,से
वोभ
विकागिरिवरं
सविविघ्नकापेमुक्तिआ
पे,ती
र्थआपा
वनकरम्
नेमिनाथचरणउपासिका,दे अंबिकामंगलवरं
वनमांजयतीर्थनो,कीर्तिअनंतसुविस्तरम्
होभु
Lyrics:P.Pu.SadhvijiShriSanskarnishishrijiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—236—
•गि
रनारना दु हा •
९
रै वतगिरिसमरुं सदा,सो
रठदे
शमो
झार,
मानवभवपामीकरी,ध्यावुंवारं वार...【१】
सोरठदे शमांसंचर्यो,नच
ढ्योगढगि
रनार,
रश्योनही,एनोएळे गयोअवतार...【२】
सहसावनफ
दीक्षाके वलसहसावने,पंचमेग
ढनिर्वाण,
पावनभूमिनेफरशता,जनमस
फळथ
योजाण...【३】
जगमांतीरथदोवडा,शत्रुंजयगिरनार,
एकगढऋ
षभसमोसर्या,एकगढनेमकु मार...【४】
कै लाशगिरिवरे शिववर्या,तीर्थंकरोअनंत,
आगेअनंतापामशे,ती
रथकल्पव
दंत...【५】
गजपदकुं डेनाहीने,मुखबांधीमुखकोश,
देवनेमिजिनपूजता,नाशेसघळादो
ष...【६】
एके कु पगलुचढे,स्वर्णगिरिनुंजे
ह,
हेमवदेभवोभवतणां,पातिकथायेछे ह...【७】
उज्जयंतगिरिवरमं
डणो,शिवादेवीनोनं
द,
यदुकु ळवंशउजाळीयो,न
मोनमोनेमिजिणंद...【८】
आधिव्याधिउपाधिसौ,जा
येतत्कालदू र,
भावथीनंदभद्रवंदता,पामेशिवसुखनू
र...【९】
Lyrics:P.Pu.AacharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
⁕⁕⁕⁕⁕
—237—
•श्रीगिरनारजीम मासमणानादु हा•
हातीर्थना१ ०८ख
अनंततीर्थंकरपरमात्मानाकल्याणकोथीपा
वनथयेल
श्रीगिरनारजीमहातीर्थनामहाकल्याणकारी१०८नामसहितना१०८खमासमणानादु हा
१.कै लासगिरि:कै
लासगिरिवरे शिववर्या,ती
र्थंकरोअनंत;आ
गेअनंतापा
मशे,ती
रथकल्पव
दंत.
ज्जयंतगिरि:उज्जयंतगिरिवरमंडणो,शि
२.उ वादेवीनोनंद;य
दुकु लवंशउ
जाळीयोनमोनमोनेमिजिणंद.
र्णगिरि:ए
४.स्व के कुं पगलुंचढे,स्वर्णगिरिनुंजेह;हे मव
देभवोभवतणांपातिकथा
येछे ह.
५.गिरनारगिरि:सो
रठदेशमांसं
चर्यो,न
च
ढ्योगढगिरनार;स
हसावनफरश्योन
हीं,एनोए
ळे गयोअवतार.
६.नंदभद्रगिरि:आधिव्याधिउ
पाधिसौ
,जायेत
त्काळदू र;भा
वथीनं
दभद्रवं
दता,पामेशिवसुखनू
र.
रसगिरि:लोहजि
७.पा मकं चनब
ने,पा
रसमणिनेयो
ग;गि
रिस्प
र्शेचि
न्मयबने,अ
शोकचंदसुयोग.
८.योगेन्द्रगिरि:मनवचकायायो
गने,जी
त्याजे
गिरिमां
ही;ति
णका
रणयो
गीतणो,इ
न्द्रकहायोज्यां
ही.
९.सनातनगिरि:गि
रित
णागुणनेकहे,तीर्थंकरभ
गवंत;स
नातनगिरिमानथी,शि
वल
हेजीवअ
नंत.
रभिगिरि:दु र्गंधानारीई
१०.सु णगिरि,ग
जपदकुं डेस्नान;ब
नीसुगंधीदे हडी,सु
रभिगिरिनेप्रणाम.
११.उदयगिरि:उ
दयल
हेशुभक
र्मनो,अ
शुभनोथायेजिहांछे द;एहगिरिनाध्यानथी,अं
तेलहेअ
वेद.
१२.तापसगिरि:ता
पसपणशिवसु
खलहे,ए
हवोजेहनोप्रभाव;अ
ष्टक
र्मनोक्ष
यकरी,पा
मेआत्मस्व
भाव.
लंबनगिरिः आलंबनआपीर
१३.आ ह्यो,सिद्धिसदनसोपान;जे
जेजी
वडाते
हभजे,झ
टपामेशि
वस्थान.
रमगिरि:गिरिवरोमांप
१४.प रमता,पामीजे
हसौभाग्य;आ
नंदआ
पेस
हुजी
वने,दू रकरीदु र्भाग्य.
गिरि:श्रीगिरिछे एकए
१५.श्री हवो,प्रि
यव स्तुमांअ
जोड;भविकजीवझंखेघ
णुं,व
रवाशिववधूको
ड.
१६.सप्तशिखरगिरि:सातराजपहोंचाडवा,जे
ध
रे सप्तशिखर;स्वगुणम
हेलप्रवेशवा,जे
क
रे मोटुंविवर.
तन्यगिरि:चैतन्यशक्तिप्रगटतां,आ
१७.चै त्मानंदजि
हांथाय;ते
हगि
रिनास्म
रणथीचै
तन्यपूंजस
मराय.
१८.अव्ययगिरि:व्ययहोवेकर्मोतणो,व
ळीअ
शुभप
रिणाम;अ
व्ययगिरिनेवं
दता,शु
द्धस्व
रूपनेपा
म.
१९.धुवगिरि:एहगिरिछे अ
नादिथी,काळअनंतरहेजे
ह;भू
मितलेध्रुवपणेरही,शा
श्वततालहेते
ह.
२०.परमोदयगिरि:ध्या
नधरतागि
रितणुं,भ
वचोथेलहेशिव;प
रमोदयआ
तमत
णो,प्र
गटावेभा
विजीव.
२१.निस्तारगिरि:स
हसावनेसंयमग्रही,ग
जसुकु मालमुणिंद;रै वतमसाणेशिवलही,नि
स्तारणगिरिं द.
२२.पापहरगिरि:मा
तापितानोघातकी,गिरनारे आवंत;भी
मसेनमुगतेगयो,पा
पहरगि
रिसेवंत.
२३.कल्याणकगिरि:अ
नंतकल्याणकजि
नत
णा,गि
रिशृं
गेसो
हाय;व्र
त-के वल-मुक्तिलहे,क
ल्याणकगिरिजोवाय.
२४.वैराग्यगिरि:मेघपरे वरसेसदा,गिरिवै
राग्यझरण;सिं
चेआतमगु
णने,प
रमानंदरमण.
२५.पुण्यदायकगिरि:सु
रतरूस
मआराधतां,पु
ण्यदायकगिरिराज;ऋ
द्धिस
मृद्धितत्क्षणमिले,व
ळीमळे सिद्धिराज.
२६.सिद्धपदगिरि:सि
द्धपदअर्पणकरे ,जे
हगि
रिनीसे
व;ति
णेका
रणवंदीएस
दा,अ
भेदथ
ईत
तखेव.
२७.द्रष्टिदायकगिरि:मि
थ्याद्रष्टिभमताभ
वे,पा
मेगि
रिशरण;सु
द्रष्टिलहेपंथेरही,द्र
ष्टिदायकचरण.
न्द्रगिरि:पडिमाभरावीसु
२८.ई रवरे ,पू
जाकरे त्रि
काळ;चै
त्यद्वारे रक्षाकरे ,ई
न्द्रथ
ईर
खेवाळ.
—238—
रं जनगिरि:स्फ
२९.नि टीकजिमछे उजळो,नि
रं जननि
राकार;शु
द्धातमई
णगिरिकरे ,दी
सेअं
जनआकार.
श्रामगिरि:ईणक्षेत्रेदानतपकरे ,क्रोडगणुंफलपा
३०.वि म;अ
नंतऋद्धिनिर्मलपणुं,ल
हेशोगिरिवि
श्राम.
चमगिरि:स्पर्शोपं
३१.पं चमशिखरे ,शिवगामीने
मिच
रण;व
रदत्तग
णधरपू
जो,पा
मोच
रणश
रण.
३२.भवच्छे दकगिरि:भ
वनिर्वेदक
रीमुनिवरो,अ
नशनतपेत
पंत;भवच्छे दकगिरिवंदता,अ
जरामरप
दल
हंत.
श्रयगिरि:द्रव्यभावशत्रुहणे,आ
३३.आ पेम
नवां
छित;गि
रिवरनोआ
श्रयलहे,वि
श्वबनेआ
श्रित.
र्गगिरि:दे वोवासक
३४.स्व रे जि
हां,क
रवाजनमप
वित्र;जा
णेस्व
र्गवस्युतिंहा,ते
णेस्वर्गगिरिसि
द्ध.
मत्वगिरि:स
३५.स मत्वगुणविलसीरह्यो,म
हागिरिकणेकण;स्मरणद
र्शनस्पर्शने,दी
येअनुभवमण.
३६.अमलगिरि:विशाळगिरिप
रशाळमां,वा
सकरे भविलोक;पा
पट
ळे भ
वतणां,अ
मलगिरिआलोक.
३७.ज्ञानोद्योतगिरि:भ
व्यरूपीकमळखीले,ज्ञा
नोद्योतगिरिते
ज;गु
णश्रेणीप्रकाशमां,पा
मीसि
द्धिनीसे
ज.
३८.गुणनिधि:गु
णनिधिए
गिरिथ
यो,अ
नंतजिननोज्यां
;प्र
गट्योनि
जस्वरूपनो,अ
कलअमलगुणत्यां.
३९.स्वयंप्रभगिरि:स्व
यंप्रभाखीलीरही,जे
नीअनादिअ
नंत;ते
हगिरिनेवंदता,दो
षट
ळे अ
नंत.
पूर्वगिरि:एगिरनारनेभेटतां,अपूरवउ
४०.अ ल्लसेदे
ह;करमदलच
रणक
री,पा
मेभ
विसु
खतेह.
र्णानंदगिरि:आनंदपूरणजेहना,फ
४१.पू रसेध्यानेजे
ह;पू
र्णानंदगिरिते
हनुं,ना
मथ
युंजगतेह.
४२.अनुपमगिरि:वानरीमुखनृ
पअंगजा,ईणगिरिझरणपसाय;अनुपममु
खकमलल
ही,पामेशिवसुखसदाय.
भंजनगिरि:प्र
४३.प्र भंजनगिरिए
हथी,पा
पप्र
णाशनथा
य;पुणयपूंजक
रीए
कठो,सु
खपामेव
रदाय.
४४.प्रभवगिरि:प्र
भवगिरिनाप्र
भावथी,ते
णेशि
वपाम्याअ
नंत;पा
मेछे नेपा
मशे,ल
ब्धिलहीअनंत.
४५.अक्षयगिरि:हि
मसमशीतळताहु
वे,क
रे जी
वसमतापान;आ
तमस
त्ताप्र
गटकरी,अ
क्षयपदवि
सराम.
त्नगिरि:रत्नबलाहगु
४६.र फामंही,र
त्नपडिमाशो
भंत;दे
वसहायेद
रिसण,नि
कटभविलहंत.
४७.प्रमोदगिरि:प्र
मोदलहेगि
रिदर्शने,पूर्णतास्पर्शपमाय;ग
ढगिरनारनीसहजता,जे
हस
दासुखदाय.
४८.प्रशांतगिरि:प्र
कर्षथीकरे शांतजेह,कर्मवंटोळअ
तीव;प्र
शांतगि
रिवरते
हछे ,वं
दुते
हनेसदैव.
द्मगिरि:प
४९.प द्मतणीपरे जिहांसदा,प्र
सरे गु
णसु
वास;ते
हआपेभविजीवने,मु
क्तिसु
खआवास.
द्धशेखरगिरि:सि
५०.सि द्धोथकीशेखरथ
यो,अ
न्यगिरिमांतेह;अ
नंतजि
ननिवासथी,पा
म्योमु
क्तिरूपजे
ह.
द्रगिरि:चं
५१.चं द्रसमशीतलपणुं,आ
पेजीवनेजे
ह;पा
पसंतापटळे ईहां,सु
खपा
मेससनेह.
५२.सुरजगिरि:सु
रजसमप्रतापेबहु,स
र्वगिरिमांतेह;ते
हथीसुरजगिरिक
ह्युं,ना
मअ
नुपमजेह.
न्द्रपर्वतगिरि:दे वतणापरिवारमां,शोभेईन्द्रमहाराय;ति
५३.ई मगि
रिमाळमां
हे,शो
भेती
रथराय.
५४.आत्मानंदगिरि:आतमआनंदजिहांल
हे,अ
नुभवेनिरमलसु
ख;का
लअनादिनाट
ळे ,मि
थ्यामतिनादुः ख.
नंदधरगिरि:आ
५५.आ त्मानंदनेपा
मवा,मु
निवरकोडाको
ड;आ
नंदधरए
गिरिवरे ,क
रतांदो
डादोड.
खदायीगिरि:सु
५६.सु खदायीए
गि
रिथयो,आ
पीअनंतसुखशात;ते
हनेपामीभ
वितणा,ट
ळीगयादुः खव्रा
त.
५७.भव्यानंदगिरि:अ
नंतसिद्धजि
हांथ
या,क
रीअनशनशुभभाव;भव्यानंदपामीकरी,वि
लसेनिजस्वभाव.
५८.परमानंदगिरि:परमानंदनेपा
मतो,दरिसणल
हेभविजे
ह;ते
हपरमप
दवीभ
णी,ग
तिल
हेससनेह.
५९.ईष्टसिद्धिगिरि:सर्वशा
श्वतीऔषधि,सुवर्णसिद्धिर
सकूं प;पु
ण्यशाळीनेगिरीदी
ये,ईष्टसिद्धिअ
नुप.
६०.रामानंदगिरि:आ
तमरामआनंदमां,झी
लेजेहनोसं
ग;रा
मानंदगिरिवं
दता,पा
मोसु
खअसंग.
—239—
६१.भव्याकर्षणगिरि:भव्याकर्षणगिरिप्र
ति,प्री
तभ विनेअ
तीव;जि
नअ
नंतनीप्रगति,आ
कर्षेतेभ
विजीव.
६२.दुः खहरगिरि:गोमेधेघणुंदुः
खल
ह्युं,रोगेपीडीयोभ
मंत;थ
योअ
धिष्ठायकगिरि,दुः खहरगिरिभ
जंत.
६३.शिवानंदगिरि:शि
वनोआ
नंदजे
गिरि,च
ढतांअनुभवेजी
व;एहवाते
शिवगिरिप्रति,प्र
गट्योनेहअ
तीव.
ज्वलगिरि:ई
६४.उ णगि
रिनीउजवलप्रभा,प्र
सरे चिंहुदिशेज्यांय;तिं
हाथकीति
मिरस
हु,झ
टपटनासेत्यांय.
नंदगिरि:आनंदनाजिं
६५.आ हास
मुहछे ,अ
नंतजि
ननांजे
ह;ते
हफरसीभविलहे,र
हेनाक्लेशनीरे ह.
६६.तीर्थोत्तमगिरि:ए
ती
रथनेभेटतां,सर्वतीरथफ
ललाध;ते
तीर्थोत्तमप्रणमतां,सु
खम
ळे अ
व्याबाध.
हेश्वरगिरि:आणाम
६७.म हेश्वरगिरित
णी,त्रणलोके व
र्ताय;अ
नंतक
ल्याणकनीजिं
हा,आ
र्हन्त्यशक्तिसमाय.
६८.रम्यगिरि:रम्यताएगि
रितणी,दे
खीमोह्युंम
न;दे
वोअ
नेविद्याधरो,आ
वेदोडीप्रसन्न.
६९.बोधिदायगिरि:सदाकाळजेवरसतो,गिरिप्र
भावअमंद;बो
धिबीजव
पनकरे ,बो
दिदायनिर्मद.
७०.महोद्योतगिरि:नेमिश्वरनेगिरिश्यामलो,मनमो
हेदि
नरा
त;महोद्योतभीतरक
रे ,गु
णपे
खीसु
खशात.
नुत्तरगिरि:अरिहंतध्यानप
७१.अ रमाणुने,ग्र
हेअर्हमप
दयो
ग;सा
धेजे
भवितेल
हे,अ
नुत्तरसुखनोयोग.
७२.प्रशमगिरि:प्रशमगुणजिं
हाउपजे,फ
रसताजी
वनेज्यां;ति
णेकारणगि
रिस्पर्शथी,सु
खपामोभवित्यां.
७३.मोहभंजकगिरि:मोहेपी
डीतजीवडा,आ
वेगि
रिसानिध;स
म्यक्त्वपा
मीशिवलहे,मो
हभंजकगि
रिकिध.
७४.परमार्थगिरि:अ
नंतकाळथीप्रा
णीया,से
वेस्वार्थीयभाव;गिरिचरणशरणग्र
ही,प्र
गटेप
रमार्थभा
व.
७५.शिवस्वरूपगिरि:मन-वच-कायावशकरी,यो
गीसे
वेगिरिआ
ज;शिवस्व
रूपर
सली
ये,ब
नीस
दाभृंगराज.
लितगिरि:गि
७६.ल रिहा
रमाळाओम
हीं,म
नोहररूपल
हंत;तेहगिरिनी
रखीभ
वि,ल
लितगिरिवदंत.
७७.अमृतगिरि:अ
मृतसमदरिसणल
हि,पा
मेभव्यत्वछा
प;अ
मृतगिरित
णीसे
वाक
रे ,ते
नाट
ळे स
विपा
प.
र्गतिवारणगिरि:आ
७८.दु भ
वेपरभवभा
वथी,रै वतभ
क्तिक
रं त;दुः खद
रिद्रदु
र्गतिट
ळे ,दु
र्गतिवा
रणनमंत.
र्मक्षायकगिरि:कर्मविडंबनाजीवने,व
७९.क ळगीका
ळअनंत;क
र्मक्षायकगि
रिसेवतां,आ
तममु
क्तिल
हंत.
८०.अजयगिरि:अजेयजेस
विश
त्रुने,चिं
तास
विदू रजाय;रा
गद्वेषजीतीकरी,अ
रिहंतपदनेपमाय.
८१.सत्वदायकगिरि:रजस्तमोगु
णीआ
वी,गि
रिवरपादच
ढंत;स
त्त्वदायकगि
रिबळे ,क्ष
पकश्रेणीधरं त.
रतीगिरि:परमाणुजेस
८२.वि हसावने,दि
येवि
रतीप
रिणाम;अंतरायसविदू रे क
री,स
प्तगुणठाणुपाम.
८३.व्रतगिरि:हरिपटराणीनेया
दवो,प्र
द्युम्नशां
बकु
मार;व्र
तगिरिएव्र
तग्रही,पा
म्याभ
वनोपा
र.
८४.संयमगिरि:जि
नअनंतास
हसावने,ने
मिप्रभुठवेपाय;सं
यमग्रहीमन:पर्यवी,ध्या
नधरीमुगतेजाय.
८५.सर्वज्ञगिरि:र
विलोकप्र
काशतो,स
र्वज्ञलोकालोक;मो
हति
मिरदू रे ट
ळे ,चे
तनश
क्तिआ
लोक.
८६.के वलगिरि:एकएकप्र
देशमां,गु
णअनंतनोवा
स;ई
णगिरिके
वललई,भोगवेली
लवि
लास.
नगिरि:सहजानंदसुखपामीयो,ज्ञानरसभ
८७.ज्ञा रपूर;तेहनाब
ळथीमेंहणयो,मो
हसुभटम
हाक्रू र.
८८.निर्वाणगिरि:जेगि
रिएअनंता,नि
र्वाणपाम्याजिन;ते
निर्वाणगिरिपर,को
ईनहिंदी
नहि
न.
८९.तारकगिरि:आं गणुंएगिरितणुं,पा
मेजलथलजेह;भवसा
तमेमुक्तिलहे,ता
रकपणुंगुणगे
ह.
९०.शिवगिरि:राजीमतिनेर
हनेमि,स
हसावनेदीक्षालीध;वळीशिवपदपामीया,ई
णगिरिअनशनकीध.
९१.हं सगिरि:हं
सपरे निर्मलकरे ,प
रिणतीशुद्धस
हाय;जेहगिरिसां
निध्यथी,अनुपमगु
णप
माय.
वेकगिरि:वि
९२.वि वेकगिरिआतमतणो,दे
हथकीजे
भि
न्न;ध्यानधा
रामांहीलहे,प
रमसुखअ
भिन्न.
—240—
९३.मुक्तिराजगिरि:मुगतिनामु
गटसमो,शो
भेएगिरिराज;मु
क्तिराजए
गिरिथयो,आ
पेसिद्धनुंराज.
णिकान्तगिरि:म
९४.म णिसमकान्तिजेहनी,दी
पेसदादिनरात;भविकलोकनीद्रष्टिमां,दीसेतेभ
लीभात.
९५.महायशगिरि:महानयशनेपा
मीयो,अ
नंतजिनजिहांसिद्ध;ते
हनीतु
लनामांनहीं,अ
न्यकोईप्र
सिद्ध.
९६.अव्याबाधगिरि:त्रणलोकमांसुरनरो,गिरिआकारपूजंत;सं
सारबा
धाछे डीने,अ
व्याबाधभजंत.
गतारणगिरि:ज
९७.ज गतनाजीवोसहु,पा
मीतरे सं
सार;ए
हगुणछे गिरितणो,न
लहेफ
रीअ
वतार.
९८.विलासगिरि:ए
गिरिनोविलासजे,प्र
सरे त्रिंहुज
गमांय;आतमशक्तिप्र
गटाववा,भविजनआवेत्यां
य.
९९.अगम्यगिरि:अगम्यगुणछे
जेहना,पा
रनपा
मेकोई;के टलीएहजाणीश
के ,क
हीन
शके तेजो
ई.
गतिगिरि:प्राचीनपडिमाविश्वमां,द
१००.सु रिसणेदु र्गतिजा
य;पू
जोप्र
णामोभावथी,सु
गतिगिरिनापाय.
१०२.चिंतामणीगिरि:भावचिंतामणीगिरिदी
ये,गु
णरत्नोक्रोडाक्रोड;ई
च्छितसर्वशीघ्रफ
ळे ,भेटवामनध
रे दोड.
तुलगिरि:अनंतक
१०३.अ ल्याणकोथकी,मे
रूसमगिरिअतुल;अ
न्यगिरितु
लनानहीं,भा
खेऋ
षभअमूल.
१०४.महावैद्यगिरि:भ
वरो
गपीडतोमने,ज
न्मजरामृ
त्युदुः
ख;गुणयोगेरोगवारजो,म
हावैद्यगिरिदीयेसु
ख.
१०५.पावनगिरि:त्रणस्थावरगिरिखो
ळे ,क
र्मम
ळथीअपवित्र;“माँ”बा
ळनेपु
नितक
रे ,ति
मपा
वनगिरिध
रे हित.
चळगिरि:त्रि
१०६.अ कल्याणकपरमाणुओ,का
ळअसंख्यअ
विचळ;र
त्नत्रयीअ
विचळदीये,अ
चळगिरिपरिबळ.
१०७.लब्धिगिरि:अनंतलब्धिईहांउपनी,ग
णधरमु
निम
हंत;आत्मलब्धिगिरिनमो,भा
वेभजोभगवंत.
१०८.सौभाग्यगिरि:एकसोआठशि
खरमहीं,सौ
भाग्यशाळीगि
रिशृंग;त्रि
कल्याणकईणगिरि,र
हेप्र
तिकाळउ
त्तंग.
गुणके टलागिरित
णा,गा
ईश
कुं मतिमंद;बृ
हस्पतिन
गणीश
के ,गु
णवंतगिरिअ
मंद.
—241—
•नेमनाथनोसलोको•
सरस्वतीमाताहुं तुमपायलागुं,दे
वगुरुतणीआज्ञारे मा
गुं;
जीव्हाअग्रेतुंवेसजेआ
ई,वाणीतणीतुंकरजेसवाई.॥
१॥
आधोपाछोकोईअक्षरथावे,मा
फकरजोजेदोषकांईनाआवे;
तगणसगणनेजगणनाठाठ,ते
आदेदईगणछे
आठ.॥
२॥
कीयासाराने
कीयानि
षेध,तेनोन
जाणुंउं
डार्थभेदः
कविजनआगळमारीशीम
ति,दो
षटा
ळजोमा
तासरस्वती.॥
३॥
नेमजीके रोके
शुंसलोको,अकचि
त्तथीसां
भळजोलोको;
राणीशिवादेवीसमुद्रराजा,तसकु ळे आव्यांक
रवादी
वाजा.॥
४॥
गर्भकार्तिकव
दीबारसेरह्या,न
वमासवा
डाआठदिनथया;
प्रभुजीजन्म्यानीतारीखजाणुं,श्रा
वणशु
दिपां
चमचित्राव
खाणुं.॥
५॥
जन्म्यातणीनोबतवागी,मा
तपितानेकी
धावडभागी;
तरीयातोरणबांध्याछे बहार,भ
रीमु
क्ताफलव
धावेना
र.॥
६॥
अनुक्रमेप्रभुजीमोटेराथाय,की
डाक
रवानेने
मजीजा
य;
सरखेसरखाछे
संगातेछो
रा,लटके बहुमुलाकलगीतो
रा.॥
७॥
रताजायछे तिहां,दीठीआ
रमतक युधशा
ळाजिहां;
नेमपूछे छे सांभळोभ्रात,आ
तेशुंछे कहोतमोवात.॥
८॥
त्यारे सरखावहुबोल्यात्यांवा
ण,सां
भळोनेमजीचतुरसु
जाण;
तमारोभाईकृ ष्णजीकहीए,ते
नेबां
धवाआयुधजोईए.॥
९॥
शंखचक्रनेगदाएनाम,बी
जोबांधवघा
लेन
हिहा
म;
जोकोईवळीयोजो
एवोबी था
य,आ
वांआयुधतेणेबं
धाय.॥
१०॥
नेमकहेछे घालुंहुं हाम,अ
मांभा
रे शुंमो
टुछे
काम;
अवुंकहीनेशंखज
लीधो,पोतेव
घाडीना
दज
कीधो.॥
११॥
तेटाणेथयोमोटोडमडोल,सा
गरनांनीरच
ढ्यांक
ल्लोल;
परवतनीटुं कोप
डवानेला
गी,हा
थीघोडातो
जायते
भागी.॥
१२॥
रीओनवलागीवार,टु
झवकीना ट्यानवसेरामो
तीनाहार;
घराध्रुजेनेमेघगडघडीयो,मो
टीइमारतोटुं टीनेपडीओ.॥
१३॥
सहुनाकाळजाफरवानेलाग्या,स्त्री
पुरूषतो
जा
यछे भाग्या;
कृ ष्णबळभद्रकरे छे वात,भाईशोथयोआ
तेउत्पात.॥
१४॥
—242—
शंखनादतोबीजेनवथाय,अवोबळीओकोणक
हेवाय;
बरआतेशुंथ
काढोख युं,भांग्युंनगरके
को
ईउगरीयुं.॥
१५॥
तेटाणेकृ ष्णपाम्यावधाई,एतोतमारोने
मजीभाई;
कृ ष्णपूछे छे
ने
मनेवात,भाईशोथयोआ
तेउत्पात.॥
१६॥
नेमजीकहेसां
भळोहरि,मेंतोअमस्तीरमतक
री;
अतुलीबळदीठुं नानुंडेवेषे,कृ ष्णजीजा
णेअरा
ज्यनेलेशे.॥
१७॥
त्यारे विचार्युंदे वमोरारी,एनेपरणावुंसुंदरनारी;
त्यारे वळए
नुंओ
छुं जोथाय,तो
तोआपणेअहींरे वाय.॥१८॥
चारमनमांआणी,तेड्यालक्ष्मीजीआ
एवोवि देप
टराणी;
जळक्रीडीक
रवातमेसहुजा
ओ,ने
मनेतमेवि
वाहम
नावो.॥
१९॥
टराणीसर्वेसा
चालीप जे,चा
लोदे वरीयाना
वानेकाजे;
जळक्रीडाकरताबोल्याऋक्मणी,दे
वरीयापरणोछबीलीरा
णी.॥
२०॥
वांढानवरहीएदे वरनगीना,ला
वोदे राणीरं गरसभीना;
नारीविनादुः खज
घाटु,कोणराखशेबा
रउ
घाडुं.॥
२१॥
परण्याविनाहवेके मचाले,क
रीलटकोनेघ
रमांकोणमा
ले;
चूलोफूं कशोपाणीनेगळशो,व्हे
लामो
डातोभो
जनक
रशो.॥
२२॥
बारणेजाशोअटकावीताळु ,आवीअ
सुराक
रशोवा
ळुं ;
दीवाबत्तीनेको
णजकरशे,लीं
प्यावी
नाउकरडाव
ळशे.॥२३॥
वासणउपरतोनहिआवेतेज,को
णपा
थरसेत
मारीसे
ज;
प्रभातेलुखोखाखरोखा
शो,दे वताले
वानेसां
जरे जा
शो.॥
२४॥
मननीवातोतोको
णेकहेवाशे,ते
दिननारीनोओरतोथाशे;
परोणाआवीनेपाछाजोजाशे,दे
शविदेशवा
तोब
हुथाशे.॥
२५॥
मोटानाछोरूनानेथीवरीया,मा
रूं क
ह्यंतोमा
नोदे वरीया;
त्यारे सत्यभामाबोल्यात्यांवाण,सां
भळोदे वरीयाचतुरसु
जाण.॥
२६॥
भाभीनोभरोसोनासीनेजाशे,प
रण्यावी
नाकोणपो
तानीथा
शे;
पेरीओढीनेआं गणेफरशे,झाझावानातो
त
मोनेक
रशे.॥२७॥
उंचामनभाभीके
रांके मसहेशो,सु
खदुखः नीवातोकोणेक
हेशो;
माटेपरणोनेपातळीयाराणी,हुं
तो
न
हीआपुंना
वानेपा
णी.॥
२८॥
—243—
वांढादे वरनेवि
श्वासेरहीए,सगांवहालामांहलफाजथ
ईए;
परण्याविनातोसुखके मथाशे,स
गांनेघे
रगा
वाकोणजा
शे.॥
२९॥
गणेशवधावाकोणेमो
कलशो,त
मेजशोतोशीरी
तेकरशो;
देराणीके रोपाडमानीशुं,छोरूथा
शेतोवीवामाणीशुं.॥
३०॥
माटेदे वरीयादे राणीलावो,अमउ
परनथीतमारोदावो;
त्यारे राधिकाआघेराआवी,बोल्यावचनतोमोढुंमलकावी.॥३१॥
शीशीवातोकरोछोस
खी,नारीप
रणवीर
मतन
थी;
कायरपुरूषनुंनथीएकाम,वापरवाजोईएझा
झेरादाम.॥३२॥
पूरनेझीणीजवमाळा,अ
झांझरने णघटवि
छु वानेघाटेरूपाळा;
पगपानेझाझीघु
घरीयोजोईए,मो
टेसां
कळे घु
घराजोईए.॥
३३॥
सोनाचुंडलीगुझरीनागाट,छ
लाअंगुठीआरीसाठाठ;
घुघरीपोंचीनेवांकसोनेरी,चंदनचुडीनीशो
भाभलेरी.॥३४॥
कल्लांसांकळाउपरसिंहमोर,मरकतब
हुमूलांनं
गज
डेला;
तुलसीपाटियाजडावजोईए
,का
ळीगांठीथीमनडुंमोहीए.॥
३५॥
कांठलीसोहीएघुघरीवाळी,मनडुंलो
भायझु मणुंभाळी;
नवशेरोहारमोतीनीमा
ळा,का
नेटं
टोडासो
नेरीमा
ळा.॥३६॥
मचकणीयाजोईएमुलझाझाना,झी
णामो
तीप
णपाणीताजाना;
लीलावटटीलडीशोभेबहुसारी,उ
परदा
मणीमू
लनीभा
री.॥
३७॥
दडीघरचोळासाडी,पी
चीरचुं ळीपटोळीमा
गशेद
हाडी;
बांटचुंदडीकसबीजोईए
,दशरादि
वालीपे
रवाजोईए.॥
३८॥
मोंघामूलानाकमखाक
हेवाय,ए
वडुंने
मथीपु
रुं के मथाय;
माटेपरण्यानीपाडेछे नाय,ना
रीनुंपुरुं शीरी
तेथाय.॥
३९॥
त्यारे लक्ष्मीजीबोल्यापटराणी,दी
यरनामननीवातमें
जा
णी;
तमारुवेणमा
थेघरीशुं,बेउनुंपु
रूं अ
मेकरीशुं.॥
४०॥
माटेपरणोअनुपमनारी,त
मारोभाईदे वमो
रारी;
बत्रीशहजारनारछे जेहने,एकनोपा
डचढशेतेहने.॥
४१॥
माटेहृदयथीफीकरटाळो,का
काजीके रूं घरअजुवाळो;
अवुंसांभळीनेनेमत्यांह
सीया,भा
भीनाबो
लहदयमांवसीया.॥
४२॥
—244—
कृ ष्णनेघे
त्यांतो रदी
धीव
धाई,नि
श्चेपरणशेत
मारोभा
ई;
उग्रेसनराजाघेरछे बेटी,नामेराजुलगुणनीपे
टी.॥
४३॥
नेमजीके रोत्यां
विवाहकीधो,शु
भलग्ननोदिवसलीधो;
मंडपमंडाव्याकृ
ष्णजीरा
य,नेमनेनितफू लेकाथाय.॥
४४॥
पीठीचोळे नेमाननीगाय,धवळमंगळअतिवरताय;
तरीयातोरणबांध्याछे बार,मळीगायछे सोहागणनार.॥
४५॥
जानसजाईकरे त्यांसारी,ह
लबलकरे दे
वमोरारी;
तोकरे छे छाने,न
वहुवारूवा हीरहीएघेरने
जईशुंजा
ने.॥४६॥
छप्पनक्रोडजादवनोसाथ,भेळाकृ ष्णबळभद्रभ्रात;
चढीयाघोडलेम्या
नाअ
स्वार,सु
खपालके रोलाधेनहींपार.॥
४७॥
घोडावेलचारठोब
गीव
हुजोडी,म्या
नागा
डीओजो
तर्याघोरी;
बेठाजादवतेवेडवां
कडीया,सो
वनमुगटही
रलेज
डीया.॥
४८॥
कडांपोंचीओवाजुबंधर
सीया,सा
लोदु
सालोओढेछे
रसिया;
छप्पनकोटीतोब
राबरीआजा
णुं,बी
जाजानईआके टलावखाणुं.॥
४९॥
जानडीओशोभेबालुडेवेशे,विवेके मोती,परोवेके
शे;
सोळश
णगारघरे छे अंगे,ल
टके अलबेलीचालेउ
मंगे.॥
५०॥
लीलावटटीलडीदामणीझळके ,जे
मवी
जलीवादलेचमके ;
गाजो
चंद्रवदनीमृ नेणी,सिंहलंकीजे
नीनागशीवे
णी.॥५१॥
रथमांवेसीनेवाळकघवरावे,बी
जीपोतानुंचीरसमरावे;
अेमअनुक्रमेनारीछे झाझी,गा
यगी
तनेथा
यछे राजी.॥५२॥
कोईकहेध
न्यराजुलअवतार,ने
मस
रीखोपामीभ
रथार;
कोईकहेपु
न्यनेमनुंभा
री,ते
थ
कीराजुलमळीयानारी.॥
५३॥
अेमअन्योअन्यवादवदेछे ,म्हों
ढाम लकावीवा
तोक
रे छे ;
कोईकहेछे
अमेजईशुंवहेली,ब
ळदनेघीपाईशुंपे
ली.॥
५४॥
कोईकहेअ
माराब
ळदछे भारी,पों
चीनशके दे
वमोरारी;
तोनागपाटाचाले,पो
अेवीवा तपो
तानाम
गनमांमा
ले.॥
५५॥
बहोंतेरकलानेबुद्धिविशाळ,नेमजीना
हीनेघरे शणगार;
तांबरजरकसीजामा,पा
पहेरीपी सेउभाछे
नेमनामामा.॥५६॥
—245—
माथेमुगटतेहीरलेजडीयो,ब
हुमुलोछे कसबीनोघडीयो;
भारे कुं डलब
हुमुलामोती,शेरनीना
रीओनेमनेजो
ती.॥
५७॥
कं ठे नवसरोमो
तीनोहार,बांध्याबाजुबंधन
वलागीवा
र;
गळीवेढने
दशेआं वीटी,जा
णीदी
सेछे सोनेरीली
टी.॥
५८॥
हीराबहुजडीयापाणीनाताजा,क
डांसांकणांपेरे व
रराजा;
मोतीनोतोरोमु
गटमांढळके ,ब
हुतेजथीकलगीचळके .॥
५९॥
वीआं खडीआं
राधाअेआ जी,ब
हुडाहीछे
न
वजायभांजी;
कु मकु मनुंटीलुंकीधुछे भाले,टपकु कस्तुरीके
रुं छे गा
ले.॥
६०॥
पानसोपारीनेश्रीफळजोडे,भ
रीपो
सनेचढ्याव
रघोडे;
चढीवरघोडोचउटामांआवे,नगरनीना
रीओनेमनेव
धावे.॥
६१॥
वाजावागेने
नाटारं भथाय,नेमविवेके तोरणजाय;
घुसळमुसळनेरवैयोला
व्या,पो
खवाकारणसा
सुजीआव्या.॥
६२॥
देवविमानेजु
अेछे चढी,ने
मन
हिपरणेजा
शेआघडी;
धोपशुओपो
अेवामांकी कार,सां
भळोअ
रजीने
मदयाळ.॥
६३॥
रणशोचतुरसु
तमोप जाण,प्र
भातेजा
सेपशुओनाप्राण;
माटेदयाळु दयामनमांदाखो,आ
जअमोनेजीवतारा
खो.॥
६४॥
शुओनोसूणीपोकार,छो
एवोप डाव्याप
शुओने
मदयाळ;
पाछातोफरीयापरण्यानही,कुं
वारीकन्याराजुलर
ही.॥६५॥
हेछे नसीध्याकाज,दु श्मनथ
राजुलक यापशुडाआज;
र्वेराजुलकहेछे ,हरणीनेति
सांभळोस हांओ
ळं भादे
छे .॥
६६॥
चंद्रमानेतेलंछनल
गाड्युं,सीतानुंहरणते
क
राव्युं;
महारीवेळातोक्यां
थकीजागी,न
जरआगळथीजानेतुंभागी.॥६७॥
करे विलापराजुलराणी,क
र्मनीगतिमें
तोन
विजा
णी;
आठभवनीप्रीतिने
ठे ली,न
वमेभवेकुं वारीमेली.॥
६८॥
एवुंनवकरीएनेमन
गीना,जाणुंछुं मनरं गनाभी
ना;
तमाराभाईएरणमांर
झळावी,ते
तो
ना
रीए
ठे काणेना
आ
वी.॥
६९॥
ळतणोराखोछोधारो,आ
तमोकु फे
रे आव्योतमारोवारो;
वरघोडेचडीमोटोजशलीधो,पा
छावळीफ
जेतोकीधो.॥
७०॥
—246—
आंखोअंजावीपी
ठीचोळावी,व
रघोडेच
ढताशरमके
मना
आ
वी;
महोटेउपाडेजा
नबनावी,भाभीयोपा
सेगी
तोग
वरावी.॥
७१॥
ठथीस
ओवाठा र्वनेलाव्या,स्त्री
पुरुषोनेभुलाभमाव्या;
चानकलागेतोपाछे राफरजो,शु
भकारजअ
मारुं करजो.॥
७२॥
पाछानवळीयाएकजध्या
न,दे
वामांड्युंती
हांव
रसीदा
न;
दानदइनेविचारकीधो,श्रावणसु
दीछठ्ठनोमु
हुरतलीधो.॥
७३॥
दीक्षालीधीत्यांनवलागीवार,सा
थेमुनिवरएकहजार;
गिरनारे जईनेकारजकीधुं,पंचावनमेंदहाडेके
वळली
धुं.॥
७४॥
पाम्यावधुलारा
जुलाराणी,पी
वान
रह्याचां
गळुं पा
णी;
नेमनेजईचरणेलागी,पी
ऊजीपासेमोजत्यां
मा गी.॥
७५॥
आपोके वळत
मारीक
हावुं,हुं तो
शो
क्यनेजोवानेजा
वुं;
दीक्षालईनेकारजसींध्युं,झ
टपटपोतेके वळली
धुं.॥
७६॥
मल्युंअखंडएवातणराज,ग
याशिवसुंदरीजो
वानेकाज;
सुदनीआठमअषाढधारी,नेमजीवरीयाशिववधुना
री.॥
७७॥
नेमराजुलनीअ
खंडगति,व
र्णनके मथायमारीजम
ति;
यथारथकह्यंबु
द्धिप्रमाणे,बेऊनासु
खतोके
वळीजाणे.॥
७८॥
गाशेभणसेने
जेकोईसांभळशे,ते
नामनोरथपु
राए
करशे;
सिद्धनुंध्यानहृदयजेधरशे,ते
तोशिववधुनि
श्चेव
रशे.॥
७९॥
संवतओगणीसश्रावणमास,व
दनीपां
चमनोदि
वसखा
स;
वारशुक्रनुंचोगडीयुंसा
रुं ,प्रसन्नथयुंमनडुंमारूं .॥
८०॥
गामगांगडनाराजारामसींग,की
धोस
लोकोम
ननेउ
छरं ग;
वथकीमेंकीधो,वां
महाजननाभा चीस
लोकोसा
रोज
शलीधो.॥
८१॥
शहेरगुजरातनारे वासीजाणो,वी
शाश्री
माळीनातप्र
माणो;
प्रभुकृ पाथीनवनिधिथा
य,बे
ऊकरजो
डीसुरश
शिगाय.॥
८२॥
वचंदप
नामेदे णसुरश
शिकहीए,बे
ऊनोअ
र्थएकज
लईए;
देवसूर्यनेचं
द्रछे शशि,विषेशेवाणीहृ
दयमांव
शी.॥
८३॥
—247—
•परमात्मानी डी•
छ
सोनेकीछडी,रुपेकीमशाल
जामा,मोतियनकीमाला
जरियनका
बाजुसे,निगाहरखो
आजुसे
जीवदयाप्रतिपालक,क
रुणानासा
गर
दयाना
अवतार,अबोलपशुना
उद्धारक
समुद्रविजयसपुत,शि
वादेवीना
नंदन
यादववंशविभुषण,शौर्यपुरीन
रे श
हृदयना
राजमतीना हार,गिरनारशिखरशणगार
लब्रह्मचारी,शं
महाचमत्कारी,बा खलंछनधारी
अंबिकादे वीपरिपूजिताय,गि
रनारना
गौरव
दाता,मोक्षफलप्रदायक
शिवपदना
गिरनारमंडन,बा
वीसमांतीर्थंकर
दयनानाथ,दे
माराहृ वाधिदेव
श्रीने दादाने
मिनाथ
घणीखम्मा,घणीखम्मा,घ
णीखम्मा...
—248—
•आरती•
•मंगळदी
वो•
दीवोरे दी
वोप्रभुमंगळिकदीवो,आ
रतीउ
तारणबहुचिरं जीवो...
“सोहम”नेघेरपर्वदिवाळी,अंबरखेलेअ
मराबाळी...
“दे पाळ”भणेएनेकु ळअजवाळी,भावेभ
गतेविघ्ननिवारी...
“दे पाळ”भणेएनेएकलिकाळे ,आ
रतीउ
तारीराजाकु
मारपाळे ...
अमघेरमं
गळिक,तुमघेरमं गळिक,मंगळिकच तुर्विधसंघनेहो
जो...
चयिता:कविदे पाळ
र
★नोंध★
'सोहामणुं','दी
पाळ'आशब्दोजेजै
नसंघमाप्र
चलितछे
,ते
अ
शुद्धछे .
जबनांशुद्धश
उपरमु ब्दगु
रुगमथीजा
णवाम
ळ्याछे .
प्रश्न:मंगळदीवामांबे
जुदाजुदापु
स्तकोमां'सोहम'अ
ने'सोहामणुं'ए
मबे
श
ब्दोजो
वामळे छे .तो
सा
चुंशुं
?
गळदीवामां' सोहम'नेघेरपर्वदी
उत्तर: मं वाळीएमसोहमशब्दसाचोछे
.
टलेप्रथमदे
सोहमए वलोकनासौ
धर्मई
न्द्रए
वोअर्थअ
हींअभिप्रेतछे .'सो
हामणुं'शब्दयो
ग्यन
थी.
णाव
समजफे रथीघ र्षोथीआवीग
योछे
,जे
सु
धारीले
वोजोईए.
-मुनिश्री
सौम्यरत्नवि
जयजीम.सा.
—249—
•गि
रनार-नेमिनाथजीकी रती•
आ
जयजयआरतीनेमिजिणंदा,स
मुद्रविजयशिवादेवीकोनंदा...【१】
पहेलीआरतीभा
वथीकीजे,गि
रनारभे
टीनेपुण्यलहीजे...【२】
दू सरीआरतीजिनोअनंता,दीक्षा-के वल-शिवसुखध
रं ता...【३】
तीसरीआरतीनेमिजिणंदा,सहसावनेव्रत-नाणव
रं ता...【४】
चोथीआरतीभ
वपारथा
वे,पांचमीटूं के परमप
दपावे...【५】
रनार-नेमिगुण“हे
पंचमीआरतीचिंतामणिपाया,गि म”नेगा
या...【६】
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
•गि
रनार-नेमिनाथजीका
मं वो•
गलदी
दीवोरे दी
वोरे ,प्रभुमंगलिकदी
वोरे ;
,गढगिरनार;
सोहामणोए
भविजननोए,तारणहार...दी
वोरे ...
नित्यध्यावेतस,भ
वअजवाळे ;
भवचोथेए,शि
वपुरनिहाळे ...दी
वोरे ...
सुरनरदेवा,करे तुजसेवा;
आरतीउतारी,पा
मेशिवमेवा...दी
वोरे ...
वमंगलिक,परभवमंगलिक,
आभ
मंगलिकभवोभवसौनुंहोजो...दी
वोरे ...
Lyrics:P.Pu.AcharyaHemvallabhSurishwarjiM.S.
—250—
•ब
धाई•
थनीबधाईबाजेछे
माराना
भुनीबधाईबा
माराप्र जेछे ...
शेहनाईसुरनौबतबाजे
ढोलघननघनबाजेछे
थनीब
माराना धाईबाजेछे ...
इंद्रइं द्राणीमिलमंगलगावे
मोतीयनचौखपुरावेछे
थनीब
माराना धाईबाजेछे ...
भुजीसेअरजकरतहैं
सेवकप्र
वाप्यारीलागेछे
चरणोंनीसे
थनीब
माराना धाईबाजेछे ...
—251—
•रजाआ
पोह दा•
वेदा
पोहवेदादा,अमारीवातथईपुरी
रजाआ
अमारीवातथ
ईपुरी,अमारीवातथईपु
री
अधुरीवातछे तोए,आमुलाकातथईपु
री
अमारीवातथ
ईपुरी,अमारीवातथईपु
री...
कर्याकामणतमेअेवा,अमेताराबनीबेठा
तमारीप्रितमाघा
यल,अमेघेलाबनीबेठा
तमेआधारथईबे
ठा,अ
मेलाचारथईबे
ठा
अमारीवातथ
ईपुरी...
तमेसरितातणीलहरो,तमेसा
गरघणोगहरो
तमारीस्मितनापुष्पो,अणेझाकळभी
णोचे
हरो
तमारामुखनेजो
यु,ह
वेफरीयादथ
ईपुरी
अमारीवातथ
ईपुरी...
स्मरणतारुहमेशादे ,मरणताणेसमाधीदे
र्लेपतासु
रहेनि खमा,अनेदुः खमादिलासोदे
फक्तजोआटलुआपो,अमारीमां
गणीपुरी
अमारीवातथ
ईपुरी...
भवोभवआपनुश
रणु,सदामळजोप्रभुअ
मने
अमारीभक्तिथीमुक्ति,जरुरमळशेप्रभुअ
मने
अमारोआतमाप्रभु,आपनुआसनबनीजाओ
अमारीवातथ
ईपुरी...
अमारीआजनी
भक्ति,प्रभुपूरीथईगई
विषयनेवासनाकीआ
ग,प्रभुथो
डीश
मीगई
हवेतोमुक्तिनीमं
जिल,प्रभुअ
मनेगमीगई
अमारीवातथ
ईपुरी...
उदयविणवेछे करजोडी,फरीआवीशहुं
दौडी
झुकावीआँ खोनेअमेथी,र
जाआपोह
वेथोडी
जवानुमननथीथा
तु,अमारीआ
छे मजबूरी
अमारीवातथ
ईपुरी...
वबुझ्या,ते
दिवाओसा लखुट्यूरा
तथ
ईपुरी,अ
मारीवातथईपुरी...
अमारुकं ठथा
क्यू,गानथं
ब्यु,वा
तथईपुरी,अ
मारीवा
तथईपुरी...
Lyrics:P.Pu.AcharyaShriUdayratnaSurijiM.S.
—252—
•अ
बहमजातेहैंघर•
तर्ज:(जबतुमही
चलेपरदेस)
अबहमजातेहैं
घर,झु काकरसर
दाप्यारा,आशिषकाकरोई
ओदा शारा...
दिलतोजानेको,न
हींकरता
परजाएबिनाभी
,नहींसरता
अबकरुतोकौनउपायनहींकोईचा
रा
आशिषकाकरोईशारा...
आवेतबह्रदयमेंहर्षहोवे
जातेसमयदादाह्रदयरो
वे
बिछडनसेन
यनमेंबहतीआसुधारा
आशिषकाकरोईशारा...
कु छहुईनहींपुजाभक्ति
नहींधनलगानेकी
शक्ति
सिर्फ हाथजोडकरछोडरहाहुं
द्वारा
आशिषकाकरोईशारा...
ल्दीबुलादर्शनदे ना
फिरज
नकीखबरमेरीलेना
हरदि
निश्चींतरहुंमैंतुझपरह
रप्रकारा
आशिषकाकरोईशारा...
दीहुईदादामेरी
गलतीय
करदे नामाफ,सुनविनतीमेरी
आशिषकाकरोईशारा...
—253—
◈
गिरनार
नी
माहिती
◈
श्रीगिरनारम
हातीर्थकोशास्त्रानुसार६
आ
रे में
,छ
हअलगना
मोसे
प
हचानागयाहै ।
१)कै
लासगिरि(पहलेआ
रे में
) ३)रै वतगिरि(तीसरे आ
रे में
) ५)गि
रनारगिरि(पांचवेआ
रे में)
२)उ
ज्ज्यंतगिरि(दू सरे आरे में
) ४)स्वर्णगिरि(चौथेआ
रे में
) ६)नं
दभद्रगिरि(छटेआ
रे में
)
परं तुती
र्थप्री
तिसे
इसती
र्थकी
भ
क्तिके
लि
ए,इ
सगिरनारती
र्थके विविधगु
णानुसार“१ ०८ना
म”रखेग ।
येहै
—254—
•श्रीगिरनारती म•
र्थना१ ०८ना
१)श्री
कै लासगिरिन
मोनमः २८)इ
न्द्रगिरि ५५)आ
नंदधरगिरि ८२)वि
रतिगिरि
२)उ
ज्ज्यंतगिरि २९)नि
रं जनगिरि ५६)सु
खदायीगिरि
८३)व्र
तगिरि
४)स्वर्णगिरि ३१)पं
चमगिरि
५८)प
रमानंदगिरि ८५)स
र्वज्ञगिरि
५)गि
रनारगिरि ३२)भ
वच्छे दकगिरि ५९)इ
ष्टसिद्धगिरि ८६)के
वलगिरि
६)नं
दभद्रगिरि ३३)आ
श्रयगिरि ६०)रा
मानंदगिरि ८७)ज्ञानगिरि
७)पा
रसगिरि ३४)स्व
र्गगिरि ६१)भ
व्याकर्षणगिरि ८८)नि
र्वाणगिरि
८)योगेंद्रगिरि ३५)स
मत्वगिरि
६२)दुः
खहरगिरि ८९)ता
रकगिरि
९)स
नातनगिरि
३६)अ
मलगिरि
६३)शि
वानंदगिरि
९०)शि
वगिरि
१०)सु
रभिगिरि
३७)ज्ञा
नोद्योतगिरि ६४)उ
ज्वलगिरि ९१)हं
सगिरि
११)उ
दयगिरि ३८)गु
णनिधिगिरि
६५)आ
नंदगिरि
९२)वि
वेकागिरि
१२)ता
पसगिरि
३९)स्व
यंप्रभगिरि
६६)तीर्थोत्तमगिरि ९३)मु
क्तिराजगिरि
१३)आ
लंबनगिरि ४०)अपूर्वगिरि ६७)म
हेश्वरगिरि ९४)म
णिकान्तगिरि
१४)प
रमगिरि ४१)पू
र्णानंदगिरि ६८)र
म्यगिरि ९५)म
हायशगिरि
१५)श्री
गिरि ४२)अ
नुपमगिरि
६९)बोधिदायगिरि ९६)अव्याबाधगिरि
१६)स
प्तशिखरगिरि ४३)प्र
भंजनगिरि ७०)म
होद्योतगिरि ९७)ज
गतारणगिरि
१७)चै
तन्यगिरि ४४)प्रभवगिरि ७१)अ
नुत्तरगिरि ९८)वि
लासगिरि
१८)अ
व्ययगिरि
४५)अ
क्षयगिरि ७२)प्र
शमगिरि ९९)अ
गम्यगिरि
१९)ध्रु
वगिरि ४६)र
त्नगिरि ७३)मो
हभंजकगिरि १००)सु
गतिगिरि
२०)प
रमोदयगिरि ४७)प्र
मोदगिरि ७४)प
रमार्थगिरि १०१)वी
तरागगिरि
२१)नि
स्तारगिरि ४८)प्रशांतगिरि
७५)शि
वस्वरूपगिरि १०२)चिं
तामणीगिरि
२२)पा
पहरगिरि
४९)प
द्मगिरि
७६)ल
लितगिरि १०३)अ
तुलगिरि
२३)क
ल्याणकगिरि ५०)सि
द्धशेखरगिरि ७७)अ
मृतगिरि १०४)म
हावैद्यगिरि
२४)वैराग्यगिरि ५१)चं
द्रगिरि ७८)दु र्गतिवारणगिरि १०५)पा
वनगिरि
२५)पु
ण्यदायकगिरि ५२)सु
रजगिरि ७९)क
र्मक्षायकगिरि १०६)अ
चलगिरि
२६)सि
द्धपदगिरि ५३)इ
न्द्रपर्वतगिरि ८०)अजेयगिरि १०७)ल
ब्धिगिरि
२७)द्र
ष्टिदायकगिरि
५४)आ
त्मानंदगिरि ८१)स
त्त्वदायकगिरि १०८)श्री
सौ भाग्यगिरि
—255—
•श्रीनेमिनाथभगवान-जीवनप
रिचय•
पिता:-समुद्रविजय
च्यवनकल्याणक:आसोसुद१२
माता:-शिवादेवी जन्मकल्याणक:श्रावणसुद५
भव:-९
दीक्षाकल्याणक:श्रावणसुद६
आयुष्य:-१ ०००वर्ष
के वलज्ञानकल्याणक:भा
.वद०
))
लंछन:-शं
ख
मोक्षकल्याणक:आ
षाढसुद८
यक्ष:-गो
मेध
मोक्षस्थल:गि
रनार
यक्षिणी:-अंबिकादे वी
गणधर:११
शरीरकामाप:-१०धनुष
साधु:१८,०००
शरीरकावर्ण:-श्या
म साध्वी:४०,०००
नगरी:-शौरीपुरी
श्रावक:१,६९,०००
छद्मस्थकाल:-५४दिन
सम्यक्त्वप्रा
प्तिभव:धनराजा
—256—
•श्री
गि रनारमहातीर्थकी
ए लक•
कझ
रनारप
प्र.१)गि रकितनीटुं कहैं ?
7
➥
रनारकीकु लसिढीयां?
प्र.२)गि
३८४०
➥
रनारकी७वीं
प्र.४)गि टुं ककीयात्राक
रनेवा
लाजीवकि
तनेभ
वमेंमोक्षजा
ताहैं
?
दु सरे
➥
रे विश्वमेंएकहीजैनमं
प्र.५)पू दिरग्रे
नाइटका
बनाहैं ,व
हकौ
नसा?
गिरनारपरनेमिनाथजीका
➥
नसीटुं कभ
प्र.६)कौ गवानने
मिनाथजीकीमो
क्षभूमिहैं
?
दत्तत्रयटूं क
➥
सरीटुं
प्र.७)ति ककानाम?
अंबाजीटूं क
➥
हलीटुं कसे
प्र.८)प २८०सिढीयांचढकर,१२००सिढीयांउ
तरनेपरकौ
नसाव
नआताहैं ?
सहसावन
➥
रनारतिर्थके कितनेउ
प्र.९)गि ध्दारहु
ए?
१६
➥
रहवाउध्दारकिसनेक
प्र.१०)ग्या रवाया?
रामचंद्रजीने
➥
टिकरत्नमयजिनालय११मं
प्र.१२)स्फ डपवा
लागिरनारप
रकिसनेबं
धवाया?
भरतमहाराजा
➥
सजिनालयका
प्र.१३)उ नाम?
सुरसुंदरप्रासाद
➥
ष्णमहाराजाके स
प्र.१५)कृ मयव्दारिकामें
इसमू
र्तिकी
प्र
तिष्ठाकिसके हा
थोंहुइथी?
स्वयंनेमिनाथजीके हाथों
➥
—257—
•२२वे ती
र्थंकरश्रीनेमिनाथभ ल्याणक•
गवानके पांचक
१.च्यवनकल्याणक(आ
सोवद१२)शौरीपुरी
प्रभु
नेमनाथ के ९ भव
हुए
। पूर्व
भव
में प्रभु
की आत्मा
अपराजित
नाम
के विमान
में थी वहा
३३
सागरोपम
आयुष्य
का पूर्ण
कर
वहा
रहेल
मतिज्ञान,
श्रुतज्ञान
और
अवधिज्ञान
के साथ
हरिवंश
के गौतम
गोत्र
के कु शावर्त
देश की सौरीपुरी नगरी के राजा समुद्रविजय की शिवादेवी
राणी
की कु क्षी
में आसो
वद
१२
के दिन
कन्या
राशिऔरचित्रानक्षत्रमेंमध्यरात्रिमें
च्य
वनहुआ।तबमा
ताने१४स्वप्नदे
खे।
न्मक
२.ज ल्याणक(श्रा
वणसुद५
)शौरीपुरी
माता
प्रभु के उदर
में ९ माह
और
८ दिन
रहे
। श्रावण
सुद
५ के दिन
चित्रा
नक्षत्र
में मध्यरात्रि
में जन्म
हुआ
।
छप्पन
तब दिक्कु मारीकाओ
ने आकर
सूती
कर्म
किया
। बाद
में ६४
इन्द्रो
ने मेरु
पर्वत
पर
१ करोड़
६०
लाख
कलशोंसेप्र
भुकाजन्माभिषेकम
होत्सवकि
या। प्र
भातकालमेंप्रभुके पिताने
जन्मोत्सवमनाया।
३.दीक्षाकल्याणक(श्रा
वणसुद६
)सहसावन(गिरनार)
प्रभु हर दिन १ करोड़ ८ लाख सोनैया (सोना महोर) का दान दे ते है । प्रभु
रत्न
की उत्तरकु रु
शिबिका
में
गिरनार
बैठकर के सहस्राम्रावन
(सहसावन)
में पधारते
है । वहा
छठ्ठ
का तप
करके चित्रा
नक्षत्र
में पंच
मुष्ठि
करके १०
लोच ००
के साथ
श्रावण
सुद
६ के दिन
दीक्षा
लेते
है । तब
प्रभु
को चौथा
मनः पर्यवज्ञान
होता
है ।
तबनारकीकीजी
वोकोक्षणवारसुखमिलताहै
।
वलज्ञानकल्याणक(भा
४.के दरवावदअमावस)स
हसावन(गिरनार)
प्रभु ने दीक्षा लेकर ५४ दिन में प्रमाद, निद्रा किये बिना अप्रमतपणे आर्य अनार्य दे श में विचरण करके
तीर्थ
गिरनार के पर
सहस्राम्र
उद्यान
में अठ्ठम
का तप
करके वेतस
वृक्ष
की नीचे
ध्यान
में थे,
तब
भादरवा
वद
अमावस के दिन चित्रा नक्षत्र में प्रभु
को के वलज्ञान
हुआ
। लोकालोक
के सर्व
भावो
को दे खने
और
जाणने
लगे।प्रभु१८दोषसेरहितहु
ए। तबदे
वोनेआ
करसमवसरणकीर
चनाकी
।
५.निर्वाणकल्याणक(आ
षाढ़सु
द८
)पां
चवीटूं क(गिरनार)
भगवानने आर्य अनार्य दे श में विचरण किया । अपना निर्वाण समय पास जानकर श्री नेमिनाथ भगवान
तीर्थ
रै वताचल पर
आये
। वहाँ
प्रभु
ने अंतिम
दे शना
दी । जिससे
कितने
भी भव्य
जीवो
प्रतिबोध
पाकर
दीक्षा
। बाद
ली में प्रभु
ने पादपोपगम
अनसन
अंगीकार
किया
। और
आषाढ़
मास
की शुक्ल
अष्टमी
के दिन
चित्रा
नक्षत्र में शैलेशी ध्यान के साथ
प्रभु
५३६
साधु
के साथ
मोक्ष
में गये
। वो समय
आसन
चलित
होने
से सर्वे
इन्द्रो शोक करके वहाँ आये । कल्पवृक्ष के काष्ठो से श्री नेमिनाथ प्रभु और दू सरे मुनिओ के दे ह का
या।
अग्निसंस्कारकि
—258—
•जन्मकल्याणकआ धि•
राधनावि
ह्रीं
ॐ श्रीने
मिनाथस्वा
मीअर्हतेनमः
•श्रीगिरनारती
र्थमांप्रा ताफळो•
प्तथ
मलयगिरी
➺ के जैसे
अन्य
सभी
पेड़
सुगंधित
चंदन
की तरह
बन
गए
हैं ,
जिस
तरह
से कोंई
भक्त
गिरनार
दर्शन
का और
पूजा,
भक्ति
और
ईमानदारी,
से करता
हैं वो शुद्ध
और
जघन्य
पाप
और
बुराई
कर्म
के गहरे
बंधनसेमुक्तहोजा
ताहैं
।
जो व्यक्ति
➺ गिरनार
की पूजा
करता
हैं ,
वो इस
जीवन
के साथ-साथ
भविष्य
के जीवन
में गरीबी
से ग्रस्त
नहींहोता।
हांतककिपवित्रपहाड़मेंर
➺य हनेवालेजानवरोंऔरप
क्षियोंआठज
न्ममें
मु
क्तिप्रा
प्तकरले
तेहैं ।
गिरनार
➺ सभी
तीर्थतो
में से श्रेष्ठ
हैं ,
और
अन्य
तीर्थयात्रा
को एक
साथ
मिला
दे ,
तो सभी
तीर्थ
की तीर्थयात्रा
के बराबर
फल
दे ता
हैं ।
इस
पवित्र
जगह
के शक्तिशाली
दृष्टि
और
स्पर्श
का परिणाम
सभी
पापों
का उन्मूलन
होताहैं ।
इस
➺ महान
पर्वत
की पूजा
करके ,
कष्ट
दे ने
वाले
लोगो
के साथ-साथ
जो कु ष्ठ
रोग
जैसे
भयानक
रोगों
से
पीड़ितहैं ,वोलोगपीड़ासेमुक्तीपा
लेतेहैं
औरखुशरहनेकाआ
शीर्वादप्राप्तहोताहैं
।
रनारमहातीर्थकीघ
➺गि रबैठे हुएध्यान,भावयात्राकरे तो4भ
वमे
मोक्षकीप्राप्तिहो
तीहैं
।
—259—
•गिरनारकीमहिमा•
✽ श्री शत्रुंजय के पांचवे शिखर, ऐसे गढ़ गिरनार की महानता,
विशेषता,
विशिष्टता,
प्राचीनता,
पूजनीयता
औरचमत्कारिकअतिप्राचीनश्री
नेमिनाथप
रमात्माकीमूर्तिहैंं ।
विश्व
✽ का एकमात्र
ग्रेनाइट
का बना
जिनालय,
विश्व
की सबसे
प्राचीन
प्रतिमा
इस
भूमि
पर
विराजमान
है ।
श्री नेमिनाथ
ऐसी परमेश्वर
के दीक्षा,
के वलज्ञान
एवम्
निर्वाण
कल्याणक
से पवित्र
पावन
हुई
भूमि
। ऐसी
भूमि
जिसके लिएपरमपूज्यआचार्यश्रीहि
मांशुसुरीश्वरजीम
हाराजानेआ
जीवनआ
यंबिलकि
ए।
अतित
✽ की चोवीसी
के यहाँ
१०
तीर्थंकर
के २६
कल्याणक
हुए
थे । और
अनागत
चोवीसी
के २४
तीर्थंकर
के २८
कल्याणक
होने
वाले
है । ऐसी
पावन
भूमि
उज्जयंतगिरि
पे १४०
से.मी.
के श्री नेमिनाथ
प्रभु
की मूर्ति
✽ यह
नेमिनाथ
प्रभु
की प्रतिमा
अतित
चोवीसी
के सागरजिन
के उपदेश
से ब्रह्मेन्द्रे
ने भरवाई
थी । बाद
में
के गृह
कृ ष्ण जिनालय
में पूजा
की गई
। द्वारिका
नाश
के समय
पे यह
प्रतिमा
अंबिका
दे वी
ने सुरक्षित
रखी
थी । रत्नाशाह की तपश्चर्या से उनको यह प्रभु की प्रतिमा
दी गई
। रत्नाशाह
ने गिरनार
पे प्रभु
प्रतिमा
की
प्रतिष्ठाकरवाई।वस्तुपालतेजपाल,स
ज्जनमंत्रीने
जिर्णोद्धारकरायाथा।
✽ गिरनार पे जिनालय बहुत शोभा बढ़ा रहे
है । नेमिनाथ
प्रभु
का दीक्षा
और
कै वलज्ञान
जहाँ
हुआ
था वो
में भी बहुत
सहसावन सुंदर
जिनालय
है ।
नेमिनाथ
प्रभु
के भाई
रहनेमि
के साथ
आठ
भाई,
राजिमती
अनेक
भव्यात्माओ ने गिरनार से मुक्ति पाई है । गिरनार पे आनेवाले पापी
प्राणी
भी पुण्यवान
हो जाते
है । यहाँ
अंबिकादे वीहाजराहजुरबिराजमानहै
।
✽ गिरनार
के पहाड़
शतुजंय
की तरह
अनंत
हैं । ५ वे युग
के अंत
में,
जब
शतुजंय
की ऊं चाई
७ बांह
हद
तककमहोजाएगा,तबगिरनार१ ००धनुष(४००हथियार)लंबेख
ड़ेहों
गे।
रै वतगिरि
✽ (गिरनार)
शत्रुंजय
पहाड़
के ५ वें शिखर
हैं और
५ ज्ञान
यानी
के वलज्ञान
साथ
धन्य
आत्माओं
के
दानसेइसप्रकारकीभूमिकानिभाईहैं
।
✽ गिरनार के इस खूबसूरत पहाड़ (प्रभु से एक
धर्मोपदेश
प्राप्त
भक्तों
की मंडली)
शानदार
समवसरण
से
तुलना कि जा सकती हैं । इसका मुख्य शिखर चैत्य वृक्ष (पेड़) जैसा दिखता हैं और ७ छोटे चोटियों
के ३ विभिन्न
समोवास्रण स्तरों
की तरह
हैंं । मुख्य
पर्वत
के चारों
ओर
४ छोटे
पहाड़ों
समोवास्रण
के ४ प्रवेश
द्वारकीतरहहैंं ।
—260—
असंख्य
✽ तीर्थंकरों
ने गिरनार
का दौरा
किया
और
यहां
मोक्ष
(मुक्ति)
की प्राप्ती
की । बहुत
संख्या
में दू सरों
नेसंन्यासकोस्वी
काराहैं औरअंतमें
इसप
र्वतपरआत्मज्ञान(के वलज्ञान)औरमो
क्षप्राप्तकी
हैं
।
✽ग तचौबीसीमेंहुएतीर्थकर:-
१)श्रीनमीश्वरभ
गवान २)श्रीअनिलभ
गवान ३)श्रीयशोधरभगवान कृ
४)श्री तार्थभ
गवान
५)श्रीजिनेश्वरभ
गवान ६)श्रीशु
द्धमतिभ
गवान शिवंकरभ
७)श्री गवान स्पं
८)श्री दनभगवान
इन ८ तीर्थंकरों भगंवतों के दीक्षा, के वलज्ञान और मोक्ष
कल्याणक
और
अन्य
दो तीर्थंकर
भगंवतों
का मात्र
ल्याणकगिरनारगि
मोक्षक रिवरप
रहुआ।
✽ वर्तमान चौबीसी के बाइसवें तीर्थकर श्री नेमिनाथ भगवान के दीक्षा, के वलज्ञान और मोक्ष कल्याणक
गिरनार पर हुए है । उसमें उनकी दीक्षा और के वलज्ञान सहसावन में तथा मोक्ष कल्याणक गिरनार की
पाँचवीटूं कप
रहुआहै
।
✽आ गामीचौ
बीसीमें
हो
नेवालेतीर्थकर:-
१)श्रीपद्मनाभभ
गवान २)श्रीसुरदेवभगवान ३)श्रीसुपार्श्वभ
गवान स्व
४)श्री यंप्रभुभ
गवान
५)श्रीसर्वानुभूतिभगवान ६)श्रीदे
वश्रुतभ
गवान उदयभगवान
७)श्री पे
८)श्री ढालभ
गवान
९)श्रीपोटीलभगवान १०)श्रीसत्कीर्तिभ
गवान ११)श्रीसु
व्रतभ
गवान १२)श्रीअ
ममभ
गवान
१३)श्रीनि
ष्कषायभ
गवान १४)श्रीनिष्कु लाकभ
गवान १५)श्रीनिर्ममभ
गवान चि
१६)श्री त्रगुप्तभ
गवान
१७)श्रीसमाधिभ
गवान १८)श्रीसंवरभ
गवान १९)श्रीय
शोधरभगवान २०)श्रीवि
जयभ
गवान
२१)श्रीम
ल्लिजिनभ
गवान दे
२२)श्री वभ
गवान
इनबाईसतीर्थंकरपरमात्माका
मात्रनिर्वाणकल्याणकऔ
र
२३)श्रीअ
नंतवीर्यभगवान २४)श्रीभद्रकृ तभ
गवान
दो तीर्थंकर
इन भगवानों
का दीक्षा,
के वलज्ञान
और
निर्वाण
कल्याणक
भविष्य
में इस
महान
गिरनार
गिरिराज
पर्वतपरहोगा।
✽ गिरनार महातीर्थ में विश्व की सब
से प्राचीन
मूलनायक
रुप
में विराजमान
श्री नेमिनाथ
भगवान
की मूर्ति
१,६५,७३५
लगभग वर्ष
न्यून
(कम)
ऎसे
२०
कोडाकॊडी
सागरोपम
वर्ष
प्राचीन
है । जो गत
चौबीसी
के तीसरे
श्री सागर
तीर्थंकर भगवान
के काल
में ब्रह्मेन्द्र
द्वारा
बनाई
गई
थी । इस
प्रतिमाजी
को प्रतिष्ठित
किये
लगभग
प्रतिमाजीकोशा
सनअधिष्ठायिकादे वीद्वा
रापा
ताललोकमें
लेजा
करपू
जीजा
येगी।
—261—
सहसावन
✽ में करोडों
दे वताओं
ने श्री नेमिनाथ
भगवान
के प्रथम
और
अंतिम
समवसरण
की रचना
की थी ।
प्रभुजीनेयहाँप्रथमऔरअंतिमदे
शना(प्रवचन)दी
थी
।
सहसावन
✽ की एक
गुफा
में भूत,
भविष्य
और
वर्तमान
ऎसे
तीन
चौबीसी
के बहत्तर
तीर्थकरों
की प्रतिमाजी
विराजमानहै ।
✽स हसावनमें
सा
ध्वीरा
जीमतीजीतथाश्रीरहनेमिनेमो
क्षपदप्राप्तकियाथा
।
✽ इस
पवित्र
मंदिर
में पूजा
करके ,
भगवान
नेमिनाथ
के ८ भाइयों
में से रहनेमि
सहित,
प्रधानों
शाम्ब
और
राजा
प्रद्युम्न, कृ ष्ण
के ८ मुख्य
रानिया,
साध्वी
राज्मातिश्री
और
असंख्य
अन्य
आत्माओं
ने मोक्ष
प्राप्त
की हैं ।
कृ ष्ण
राजा की भक्ति
श्रद्धा
और
पूजा
के परिणाम
वे १२
वे तिर्थान्कार
बन
जाएँ गे
ओर
प्रभु
अमम
अगले
चक्र
के २
४तीर्थंकरोंमें
मो
क्षप्राप्तकरलें
गे।
सप
✽इ वित्रमं
दिरकीनिरं तरविश्वासऔररहस्योद् घाटनसे
प्रेरितहोकर,५
बेटोंने
(१)
कालमेघ,
(२)
मेघनाद,
(३)
भैरव,
(४)
एकपद
और
(५)
त्रैलोक्यपद,
अपने
जीवन
का बलिदान
दिया
और
धरनामके एकव्यापारीके य
हाँक्षेत्राधिपति(संरक्षक)के
रू
पमेंपुनर्जन्महुआ।
✽ वल्लभीपुर को नष्ट करने के बाद, वहाँ इं द्र महाराजा द्वारा स्थापित भगवान नेमिनाथ
की प्रतिमा,
कहीं
गिरनारमेंछु पारखीथीऔरअबयहगौ
रवशालीगि
रनारमंदिरके मु
ख्यमूर्तिहैं ।
इं द्र
✽ महाराजा
अपने
वज्र
(अपने
दिव्य
हथियार)
की मदद
से गिरनार
पर्वत
में एक
छे द
कर
दिया
और
चांदी
का एक मंदिर बनवाया, सोने की बारजा और काले रत्न से बने
भगवान
नेमिनाथ
की १२०
फु ट
उच्च
मूर्ति
स्थापित की । इं द्र महाराज ने ऐसी ही एक पूर्व के दिशा की ओर
दे खती
हुई
भगवान
नेमिनाथ
की मंदिर
हांउ
बनाई,ज न्होंनेमोक्षप्रा
प्तकियाथा
।
✽ एक समय था जब गिरनार को विशाल चट्टानों के साथ सजाई गई थी, जिसे चात्रशिला, अक्षर्शिला,
घंताशिला,अन्जन्शिला,ज्ञा
न्शिला,बि
न्दुशिलांडसि
द्धाशिलाकहांजाताहैं ।
पारसमणि
✽ के स्पर्श
की तरह,
जो लोहे
को सोने
में परिवर्तित
करता
हैं ,
उसी
तरह
गिरनार
का पवित्र
स्पर्श
। गौरवशाली
हैं गिरनार
तीर्थ
पुण्य
का एक
ढे र
हैं और
इस
धरती
के माथे
पर
तिलक
(औपचारिक
चिह्न)
की
तरहहैं ।
कई
✽ खगोलीय
दे वी
दे वताओं
उनकी
लालसा
और
इच्छाओं
की पूर्ति
के लिए
यहाँ
रहते
हैंं । कई
संत,
कु छ
सख्ततपस्याऔरध्यानक
रतेथे
।
—262—
इस
✽ कीमती
मंदिर
की कृ पा
के कारण,
जिस
तरह
परमात्मा
के पेड़
"कल्पवृक्ष"
उच्च
शिखर
को सजाती
हैं ,
उसी तरह श्रद्धालु भक्तों की इच्छाओं को पूरा करता हैं । छोटे चोटियों, नदियों, पेड़ों, कुं दास और इस
✽ गरवा गिरनारनी बाह्य अने अभ्यंतर शोभा अत्यंत रमणीय छे । सात किल्लानी वच्चे
जेम
रमणीय
महेल
शोभे छे , तेम सात नाना पर्वतोना किल्लाथी गिरनारगिरि शोभे छे । चारे बाजु श्याम शिलाओ अने
कु दरतीकळाने बेनमून दर्शावती शिलाओनी कोतरो झळकी रही छे । चारे बाजु लीली
हरियाळी
विलसी
रही
छे ,अनेखळखळवहेताझरणाओनीमनोहरतामननेआ
हलादआपेछे ।
✽ दिल अने आं ख ठरी जाय एवा बाह्य सोंदर्यथी सोनामां सुगंध भळ्यानी जेम अनंत
सिद्धोना
धाम
सरीखुं
तीर्थाधिराजनुं
शत्रुंजय पांचमुं
शिखर
अनंत
- अनंत
तीर्थंकर
भगवंतना
दीक्षा
कल्याणक,
के वलज्ञान
कल्याणक
अने मोक्षकल्याणक भूमिनुं आ प्राय: शाश्वतुं स्थान छे . ऋषीमुनीओ, महंतो, संतो, भक्तो अने साधकोना
हृदयमांआत्मानाआनंदनोभंडारभ
रीदे नारोआ
गि
रनारगिरित्र
णेयलो
कमांजयवंतोवर्तेछे
।
✽ तेना माहात्म्यने मनथी माणीए, वचनथी वागोळीए, कानथी सांभळीए, चित्तने चमकावीए, हृदयमां
अवधारीए...
जयगिरनार...जयनेमिनाथ...सौ
चा
लोगि
रनारज
ईए...
(२२वेतीर्थंकर,गिरनारमं
डन)
•श्री
ने मिनाथभ
गवानके रे मेंसंक्षिप्तजानकारी•
बा
औरजैनपुराणोंमेंस्पष्टरूपसे
मिलताहैं
।
(मथुरा)
शौरपुरी के यादववंशी
राजा
अंधकवृष्णीके ज्येष्ठ
पुत्र
समुद्रविजय
के पुत्र
थे नेमिनाथ
। अंधकवृष्णी
के
टेपुत्रवासुदेवसेउ
सबसेछो त्पन्नहु
एभ
गवानश्री
कृ ष्ण। इसप्र
कारने
मिनाथऔरश्रीकृ ष्णदोनोंचचेरे भाई
थे।आपकीमाताका
नामशि
वाथा।
काल
उस उस
समय
में अर्हत
अरिष्टनेमि
भगवान
(नेमिनाथ
भगवान)
विचरते
हुए
पधारे । कृ ष्ण
वासुदेव
उनके
को गये
दर्शन । धर्मकथा
सुनकर
कृ ष्ण
वासुदेव
ने "अर्हत
अरिष्टनेमि"
से पूछा
- हे भगवंत,
बारह
योजन
लंबी
वलोकके समान,इ
प्रत्यक्षदे सद्वा
रकान
गरीका
वि
नाशकि
सकारणहोगा?
"अरिष्टनेमि"
भगवान ने कृ ष्ण
वासुदेव
से कहा:
हे कृ ष्ण,
द्वारका
नगरी
का विनाश
मदिरा,
अग्नी
और
द्वै पायन
क्रोधके कारणहोगा।
मुनीके
—263—
वासुदेव
कृ ष्ण जो सोचते
थे वह
जानकर
"भगवान्
अरिष्टनेमि"
ने कहा:
हे कृ ष्ण
! सभी
वासुदेव
अपने
पूर्वजन्म
निदानकृ त
में (नियाणा
करनेवाले)
होते
हैं ,
इसी
लिए
नाही
कभी
हुवा
हैं और
ना कभी
होगा
की कोई
वासुदेव
सके यानीदी
प्रव्रजितहो क्षाले
पाये।
जाता
कहा हैं की अपने
पूण्य
का फल
एक
ही बार
मिलता
हैं - इसिलिए
कभी
भी अपने
पूण्य
के बदले
कभी
भीकु छभीनहींमांगनाचाहिए।
कृ ष्णवासुदेवनेफि
रसेपूछा:मैं
का
लमासमेंकाल(मृत्यु)के
बा
दक
हाजाऊं गा?
अरिष्टनेमि"
भगवान् ने कहा:
द्वारका
का नाश
होने
के बाद
पांडुमैथुरा
की और
जाते
समय
कोषाम्रावृक्ष
के वन
विश्राम
में कर
ते समय
जराकु मार
द्वारा
चलाया
हुवा
बाण
तुम्हारे दाहिने
पैर
को विंधेगा
और
तुम
काल
करके
तीसरीपृथ्वी(तीसरीनरक)में
उ त्पन्नहोंगे।
भविष्यदशा
अपनी का वर्णन
सुनकर
कृ ष्ण
वासुदेव
आर्तध्यान
करने
लगे
। उसे
आर्तध्यान
दे खकर
भगवान्
ने
निकालकरइसीज
म्बूद्वीपस्थितभ
रतक्षेत्रमें
"अमम"ना
मकबा
रहवे"तीर्थंकर"बनोगे।
सुनकर
यह कृ ष्ण
वासुदेव
की धर्म
के प्रति
श्रद्धा
द्रढ़
हुई
और
उन्होंने
पूरी
द्वारका
में यह
एलान
करवाया
की
जो भी "भगवान् अरिष्टनेमि" (नेमिनाथ भगवान) के पास प्रव्रजित होंगे उसके पुरे परिवार की जिम्मेवारी
उनकापरिपोषणस्वयंअपनीतरफसेक
रें गे।
कृ ष्णवासुदेवकीपटरानीपद्मावतीदे
वीआदिक
ईलो
गभगवान्के
पा
सप्रव्रजितहु
वे।
**************************************************************************************
नेमिनाथजी का विवाह गिरिनगर (जूनागढ़) के राजा उग्रसेन की पुत्री राजुलमती से तय हुआ । जब
बरात
नेमिनाथजी लेकर
पहुँचे
तो उन्होंने
वहाँ
उन
पशुओं
को बंधे
दे खा
जो बरातियों
के भोजन
के लिए
मारे
वाले
जाने थे । तब
उनका
हृदय
करुणा
से व्याकु ल
हो उठा
। मनुष्य
की इस
हिं सामय
प्रवृत्ति
से उनके मन
में
विरक्तिऔरवैराग्यहोउठा। तक्षणवेवि
वाहका
विचारछोड़करगि
रनारपर्वतप
रतपस्याके
लि
एचलेगए।
तप
कठिन के बाद
वहाँ
उन्होंने
कै वल्य
ज्ञान
प्राप्त
कर
श्रमण
परम्पराको
पुष्ठ
किया
। अहिंसा
को धार्मिक
वृत्ति
कामूलमानाऔ
रउसेसैद्धांतिकरूपदि
या।बोलोनेमिनाथभ
गवानकीज
य।
बहतरकरोडसातसो
मुनिवरोकी
ऐसीभूमिगिरनारतीर्थकोहमाराबा
र-बारवं
दनहो।
वे तीर्थंकर
२२ भगवान
नेमिनाथ
ने धर्मचक्र
सहित
गगन
विहार
द्वारा
मोक्ष
का धर्म
रथ
चलाते
-चलाते
अनेक
देशोमेंविहारकिया।वैरागीरा
जकु मारव
रांगभीउ
नहीके
शा
सनका
लमें
हुए।
मे नेमिनाथ
अंत प्रभु
सौराष्ट्र पधारे । अपने
दे श
के तीर्थंकर
परमात्मा
के आगमन
से सौराष्ट्र की प्रजा
धन्य
हो
। प्रभु
गई पुनः उसी
गिरनार
गिरी
पर
पधारे जहां
उनके दो कल्याणक
हुए
थे । अब
चोहदवे
गुणस्थानक
की
ओर तथा मोक्ष पद की साधना द्वारा पंचम कल्याण की तैयारी थी । नेमिनाथ भगवान से पूर्व भी करोडो
हेहैं ।
पधारर
—264—
प्रभु
नेमिनाथ के १०००
वर्ष
के आयुबंध
में से अब
मात्र
एक
ही वर्ष
शेष
रहा
हैं । विहार
ओर
वाणी
थम
गये
के सर्वोच्च
गिरनार शिखर
पर
प्रभु
आयोगी
हुए
वे प्रभु
गिरनार
गिरी
के उपर
सिद्धालय
मे सिद्ध
परमात्म
रूप
मेस्थितहुए।आजभीप्रभुव
हीवि
राजरहेहैं ओ
रअनंतका
लतकउ
सीप्रकारमोक्षसुखमें
मग्नरहेगें।
•प्र
भुनेमनाथजीकी
अ बिकादे वी•
धिष्ठायिकादे वी:अं
गिरनारपर्वतके पासएकछोटासा
गाँ
व।उसमेंए
कब्राह्मणकु टुम्ब...।
मकबु
देवभट्टना जुर्गकी
मृत्युहोग
ईथी
। उनकीविधवाप
त्नीदे
विलाअपनेपु
त्रसोमभट्टके साथर
हती
। सोमभट्ट
थी का विवाह
अंबिका
नामक
एक
जैन
कन्या
के साथ
हुआ
था । अंबिका
को जन्म
से जैन
धर्म
मिलाथा।जैनसंस्कारहोनेसेदान-धर्मउ
सेबहुतप्रि
यथे।
के बाद
शादी सोमभट्ट
के सिवा
किसी
भी पुरुष
को राग
दृष्टि
से ना दे खा
था,
ऐसी
सत्वशील
सती
स्त्री थी
वह।श्राद्धके दिनोंपरसोमभट्टको
भा
रीश्रद्धाथी
।
एक दिन एक महान तपस्वी मुनिराज का आगमन हुआ । वे एक माह के उपवास के पश्चात पारणा
हे तु
मुनिराज "धर्म लाभ" कह कर चल दिए । दरवाजे के पास खड़ी एक पड़ोसन ने यह दे खा और कर्क श
से अंबिका
आवाज़ से कहा,
"अरे रे !
यह
तूने
क्या किया
? श्राद्ध
के दिन
प्रथम
दान
तूने
मलिन
कपड़े
वाले
साधुकोदिया?श्राद्धकाअन्नऔरघरदो
नोंअ
पवित्रकरदि
ये। ”
अंबिका सुनी अनसुनी कर घर में चली गई लेकिन पड़ोसन क्या अपनी बात छोड़ दे ती ? बाहर गई
हुई
की सास
अंबिका दे वीला
के लौटने
पर
यह
बात
मिर्च
मसाला
लगाकर
पड़ोसन
ने कही
। दे वीला
का क्रोध
भभकउठा।अंबिकाकोउसनेखूबजलीक
टीसु
नाई।
सोमभट्टबाहरसेआयातो
उसेभीअंबिकाकीघरअस्पृश्यक
रनेकीबा
तक
ही।
वह क्रोधित हो गया । अंबिका की ओर बढ़कर चिल्ला उठा:
"पापिनी
! यह
तूने
क्या किया
? अभी
कु ल
की पूजा
देवता की नही
हैं ,
पितरों
को पिंड
दिया
नही
हैं और
तूने
मैले
- गंदे
साधु
को दान
दिया
ही क्यों ?
निकलजामे
रे घरसे,चलीजायहाँसे। ”
क्रोध चांडाल हैं । जिसको क्रोध चढ़ता हैं वह चांडाल जैसा क्रू र बन
जाता
हैं । सोमभट्ट
ने सती
स्त्री पर
क्रोधकरके घरसेबाहरनि
कालदि
या।
अंबिका के दो पुत्र थे । एक का नाम सिद्ध और दू सरे का नाम बुद्ध । अंबिका दोनों को लेकर घर के
गिनतेहुएजंगलके मा
र्गप
रचलरहीथी।
रबुद्धदोनोंकोप्यासलगी;सि
सिद्धऔ द्धने
माँकोकहा,"माँखूबप्यासलगीहैं ,माँ
पानीदे । ”
—265—
बुद्ध ने भी माँ का हाथ खींचते हुए
पानी
की माँग
की । अंबिका
चारों
ओर
दे खती
हैं ,
पर
कहीँ
भी पानी
दिखतानहीँहैं ।
वहाँएकसूखासरोवरदिखा। अं
बिकानेसो
चा"यहसरोवरपानीसे
भराहो
तातो
.."
एक
वहाँ चमत्कार
हुआ
। सरोवर
पानी
से भर
गया
। किनारे पर
खड़े
आम्र
वृक्ष
पर
पके हुए
आम
दिखे
।
यहअंबिकाके सतीत्वका
प्रभावथा।य
हउ
सकीध
र्मदृढ़ताका
परिणामथा
।
अंबिका ने दोनों
बालकों
को पानी
पिलाया
और
पेड़
पर
से आम
तोड़
कर
खिलाये
। सिद्ध
और
बुद्ध
खुश
होकर
खुश पेड़
के नीचे
खेलने
लगे
। अंबिका
के घर
से निकलने
के बाद
घर
पर
भी ऐसा
ही चमत्कार
हुआ
। सास दे वीला बडबडाते हुए रसोई घर में पहुँची । उसकी
आँ खे
आश्चर्य
से फै ल
गई
। जिन
बर्तनों
में से
ने मुनिराज
अंबिका को दान
दिया
था,
वे बर्तन
सोने
के हो गए
। पके हुए
चावल
के दाने
मोती
के दाने
बन
हर्ष
देवीला से पागल
हो गई
। उसने
बेटे
सोमभट्ट
को बुलाया
और
यह
सब
दिखा
कर
कहा,
"देख
! अंबिका
तीहैं सती,दे
तोस खउसकाप्रभाव।"
सोमभट्ट ने सोने के बर्तन दे खे । चावल का पतीला मोतियों से भरा दे ख उसका रोष उतर गया । वह
को ढूँ ढ़ने
अंबिका निकल
पड़ा
। अंबिका
को ढूँ ढते
ढूँ ढते
सोमभट्ट
जंगल
में आ पहुँचा
। दू र
से दोनों
बालकों
कोखेलतेदे खातो
उसनेआ
वाज़दी:अंबिका!ओ
अं
बिका।
की आवाज़
पति सुन
कर
अंबिका
कांप
उठी
। उसे
ऐसा
लगा
कि ज़रूर
वह
मारने
आया
हैं । दोनों
बालकों
कोलेकरदौड़ीऔ
रपासके
एककु
एँ मेंछ
लाँगल
गादी
। ती
नोके
प्रा
णपं
खेरुउड़ग
ए।
वहाँ
सोमभट्ट पहुँचा
लेकिन
दे र
हो चुकी
थी । कु एँ में अपनी
पत्नी
और
दोनों
बालकों
को दे ख
वह
भी कु एँ में
कू दपड़ा।कु छहीक्षणोंमें
उसकीभीमौतहोग
ई।
मर
अंबिका कर
दे वलोक
में दे वी
हुई
हैंं । अंबिका
को भगवान
नेमनाथ
पर
अथाह
प्रीति
थी,
इस
कारण
वह
बनकर
देवी भगवान
नेमनाथ
की अधिष्ठायिका
दे वी
बनी
। सोमभट्ट
दे व
हुए
लेकिन
उन्हें
सिंह
का रुप
धरकर
कोई
जो भगवान
नेमनाथ
की सेवा
भक्ति,
श्रद्धा
से करता
हैं उसकी
मनोकामनाएँ दे वी
अंबिका
पूर्ण
करती
हैं।
जिनआज्ञाविरुद्धकु छभीलिखागयाहो
तोमिच्छामिदु क्कडं।
—266—
•गि
रनारमेंने मिनाथदा
दाऔरउ
नकीप्र
तिमाजी
के बा जानकारी•
रे में
❖भगवाननेमिनाथकी
प्रतिमाका
इतिहास:-
प्रभु सागर, २४ तीर्थंकरों (गत चोविसी)
के पिछले
युग
के ३ रे तीर्थंकर,
जम्बुद्वीप
में,
भारत
क्षेत्र
की भूमि
पूर्ण
पर सर्वोच्च
ज्ञान
(के वलज्ञान)
प्राप्त
किया,
ज्ञान
प्राप्त
करने
के बाद,
प्रभु
सागर
एक
से दू सरे गंतव्य
में
भूमि
घूमते-घूमते, को शुद्ध
और
समवसरण
में बैठकर
उपदेश
(देशना)
के रूप
में ज्ञान
प्रदान
कर
रहे
थे,
करोड़ों
जहाँ दिव्य
प्राणी,
संतों,
साध्वियों,
मनुष्य
के साथ
पशु
भी इकट्ठा
होकर
उनकी
पूजा
करने
के लिए
औरउनकीदिव्यआवाजकोसुननेआतेहैं ।
उज्जयिनी के शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक बगीचे में भगवान सागर द्वारा दिए गए
एक
करामाती
धर्मोपदेश,के बीचमें,राजानरवाहनने
प्रभुसागरसे
पूछा,"हेभगवान!क
बमैंमोक्षको
प्रा
प्तकरनेमें
सक्षमहोऊँ गा?"
सागर
प्रभु ने जवाब
दिया:
"आप
को मोक्ष
की प्राप्ती,
२२
वें तीर्थंकर,
भगवान
नेमिनाथ
के शासनकाल
में
दु निया
भौतिकवादी को त्यागकर
और
प्रभु
सागर
से पवित्रता
का जीवन
(दीक्षा)
जीने
का निश्चय
किया
। एक
संतके रूपमें
क ठोरजीवनपू
राक
रनेके बा
द,रा
जानरवाहन१ ०सा
गरोपमकी
जीवनअ
वधिके
साथ,
५वींस्वर्ग(ब्रह्मलोकनामक५वीदे वलोक)मेंब्र
ह्मदेवनामके दि
व्यरूपमें
जन्मलिया।
भगवान
सर्वशक्तिमान सागर,
आठ
विशेष
प्रतीकों
(अष्ट
प्रातिहार्य)
से सजी
जो के वल
एक
तीर्थंकर
तक
ही
सीमित थी, जहां एक समवसरण बनाया था वहाँ चम्पापुरी के शहर में एक सुंदर बगीचे में पहुंचे । प्रभु
सागरनेअपनाधार्मिकउपदेशशुरूकरदि
या।
राजा नरवाहन की आत्मा ब्रह्मदेव, ५ वीं स्वर्ग की विलासिता को छोड़कर,
प्रभु
सागर
द्वारा
दी गई
दिव्य
को सुनने
प्रवचन चले
और
सम्मान
से नीचे
झु खकर
उनसे
कहा,
"हे
भगवान
! कब
मैं मोक्ष
प्राप्त
कर
लूंगा
मुक्त
और आत्माओं
और
शाश्वत
आनंद
का अनुभव
करने
में कब
सक्षम
हो जाऊं गा?"
। प्रभु
सागर
ब्रह्मदेव
के प्रथम
नेमिनाथ शिष्य
(गणधर)
बन
जाओगे
और
आपका
नाम
वरदत्त
होगा
। आप
आत्माओं
को जगाने
में
कर
सहायक और
उन्हें
मोक्ष
का रास्ता
दिखा
सकते
हैं । आत्मा
स्थायी
और
सच्चा
सुख
तब
प्राप्त
करता
हैं
वह
जब अंतिम
गंतव्य
तक
पहुँच
जाता
हैं - 'मोक्ष'
यानी
वह
मुक्ति
पा लेता
हैं । विभिन्न
जन्मों
में अनुभवी
सारिक,भौ
सभीसां तिकवादीसु
खअल्पकालिकतकहैं
औरयहवास्तविकरू
पमेंखु
शीनहींहैंं ।
अस्थायी सुख और दु ख, दर्द, रोगों से मुक्त होने और शाश्वत आत्मा का सुख को प्राप्त करने के लिए,
आपको ईमानदारी से संन्यास के मार्ग पर चलने का प्रयास करना होगा, सख्त तपस्या का प्रदर्शन और
वितप्राणियोंकासा
सभीजी मानपो
षणकरनाहो
गा।
प्रकार,
इस पवित्रता,
सादगी
और
भक्ति
से भरे हुए
दिल
के साथ
आप
अपने
सभी
कार्मिक
बंधन
को नष्ट
—267—
आशाजनक
इन शब्द
सुनने
पर,
ब्रह्मदेव
खुश
हुए
। प्रभु
सागर
के प्रति
गहरा
सम्मान
और
कृ तज्ञता
के साथ
वह ५ वीं स्वर्ग में वापस चला गए । ब्रह्मदेव ने सोचा "मेरे पास सबसे उत्तम कीमती
रत्नों
के साथ
खुदी
नेमिनाथ
भगवान की प्रतिमा
हो और
उसकी
पूजा
करु
। काश
! उसकी
दया
से,
मैं ज्ञान
के प्रकाश
में बाधा
डालनेवालेअं
धकारकीअज्ञानतासेमुक्तहोनाचाहताहूँ
।उसकीद
यासे
,मैंअ
पनेकर्मबंधनसेमुक्त
होना चाहता हूँ और मेरे एक जीवन से दू सरे स्थानांतरगमन खत्म हो जाए"
। इन
भावनाओं
से भरे हुए,
ब्रह्मदेव को बनी हुई एक मजबूत मूर्ति मिली, जिनकी भव्यता और प्रभामंडल १२ योजंस
विस्तृत
में फै ली
बार
तीन करके ,
सबसे
अच्छे संभव
तरीके से भक्ति
संगीत,
नृत्य
और
उत्कृ ष्ट
अन्य
दिव्य
प्रसाद
अर्पित
किए
भगवान
। नेमिनाथ
के लिए
उनका
प्रेम
और
भक्ति
हर
रोज
बढ़
रहा
था । इसके बाद,
ब्रह्मदेव
की आत्मा
मेंजन्मलिया।
भगवान नेमिनाथ ने कहा, "अपने पिछले जीवन में से एक में राजा पुन्यसर, विशेष रूप से उसके लिए
बनाया भगवान नेमिनाथ की एक भव्य मूर्ति मिली थी और १० सागरोपम की अवधि के लिए लगातार,
पवित्रता
जिसने स्वीकार
की और
मेरे पहले
शिष्य
बन
गए,
वरदत्त
। उन्हें
इस
जीवन
में ही मोक्ष
प्राप्त
होगा"
ब्रह्मदेव
। (उस
समय
की),
भगवान
नेमिनाथ
के इस
दिव्य
शब्द
सुनकर
उठ
खड़े
हुए,
और
नीचे
झु खकर
कहा, "हे भगवान ! मैं और मेरे पूर्वज आपकी मूर्ति की पूजा दिल से अत्यंत निष्ठा और श्रद्धा के साथ
किया
निरन्तर करते
थे । सभी
ब्रह्मदेव
जो ५ वीं स्वर्ग
में पैदा
हुए
थे यह
मान
लेते
हैं की वे अमर
हैं ,
जब
तकआपउनकीमृत्युस्वीकारनहींक
रलेते"।
भगवान नेमिनाथ ने कहा: "हे इं द्र ! स्वर्गलोक में मुख्य
रूप
से अमर
मूर्तिया
हैं और
जबकि
नश्वर
मूर्तिया
नश्वर दु निया (तिर्चालोका) में मौजूद हैंं , तो उस
मूर्ति
को यहां
ले आओ"
। ब्रह्मदेव
को तुरं त
५ वे स्वर्ग
से
लगईऔररा
मूर्तिमि जाकृ ष्णनेपू
जाके लिएखुशीसे
भ
गवाननेमिनाथसे
मूर्तिलेली
।
नेमिनाथ
भगवान गिरनार
के पवित्र
पर्वत
का महत्व
चित्रित
शुरू
किया
और
कहा,
"गिरनार
शत्रुंजय
का ५
स्वर्ण
वां शिखर
हैं । यह
मंडरा
और
कल्पवृक्ष
(इच्छा
पूर्ति
करने
वाला
पेड़)
के रूप
में स्वर्गीय
पेड़ों
से घिरा
हैं । झरने
हुआ और
धाराए
पहाड़
के बिच
से चल
रही
हैं ,
यह
दर्शाता
हैं की,
पापों
और
हिं सक
प्रवृत्ति
के
आत्माऔको,मुक्तिमिलनेकीसं
भावनाहैं ,औ
रइसप
वित्रपहाड़गिरनारकीमात्रदृष्टिया
स्पर्शसे
धु
ल
जाएगा।
दिया
दान हुआ
पैसा
जो वैध
के माध्यम
से अर्जित
किया
हुआ
हैं और
गिरनार
से संबंधित
किसी
भी अच्छे
लिएहो,उ
कामके नकाभविष्यकाजी
वनस
मृद्धहो
जा
ताहैं
।
भक्ति
सर्वोच्च से भगवान
नेमिनाथ
की मूर्ति
की पूजा
करते
हैंं और
मिलावट
रहित
खाना,
कपड़े
और
बर्तन
पवित्र
इस पर्वत
पर
संतों
को दे ता
हैं ,
यह
कहा
गया
हैं ,
की आप
ने अपना
कदम
मुक्ति
के शाश्वत
आनंद
के
यात्राकीओरर
खाहैं ।
—268—
ही नहीं,
इतना पक्षियों
के सात
पेड़ो
भी जो इस
पवित्र
पर्वत
पर
निवास
करते
हैं ,
वह
बहुत
भाग्यशाली
होते
। दिव्य
हैंं प्राणियों,
संतों,
प्रबुद्ध
आत्माओं,
दे वताओं
और
स्वर्गदू तों
अक्सर
श्रद्धांजलि
दे ने
के लिए
इस
पवित्र
पर्वतपरआतेहैं औ
रउनकीसे
वाऐप्रदानकरतेहैं
।
कोंई
अगर यहाँ
के मौजूदा
कु एं या तालाब
(गजपद
तालाब
की तरह)
के पानी
में स्नान
लगातार
६ महीने
की
अवधितककरताहैं ,उ
सेकु
ष्ठरोगजैसीगं
भीरबी
मारियोंसेराहतमि
लतीहैं ।
! कब
समुद्र तक
हम
अपने
महल
के मंदिर
में रखा
गया,
ब्रह्मदेव
द्वारा
प्राप्त
की मूर्ति
की पूजा
कर
सकें गे
?
कहाँपरयहमूर्तिकीपूजाहो
गीज
बइ
सेदू रलेजायाजा
एगा?"
भगवान नेमिनाथ ने कहा, "जब तक द्वारकापुरी का शहर मौजूद
हैं तब
तक
इस
मूर्ति
की पूजा
महल
के
में होगी,
मंदिर उसके बाद
यह
मूर्ति
कं चनगिरि
के दिव्य
प्राणियों
द्वारा
पूजा
की जाएगी
। मेरे मोक्ष
के २०००
साल के बाद, रत्नासर एक व्यापारी द्वारा, अंबिका दे वी की मदद से, इस मूर्ति को गुफा से गिरनार ले
आएगा । अत्यंत आस्था और भक्ति के साथ, वह यहां मूर्ति को एक मंदिर में स्थापित करे गा । मूर्ति
साल
१,०३,२५० के लिए
इस
मंदिर
में रहेगी
। बर्बर
६ युग
की शुरुआत
में,
अंबिका
दे वी
अधोलोक
पाताल
कीपूजाजारीरहेगी"।
नेमिनाथ
भगवान के अद्भुत
इतिहास
जानने
के बाद,
जो वर्तमान
में पवित्र
पर्वत
गिरनार
के शीर्ष
पर
स्थित
हैं, इसे यह साबित होता हैं , की यह मूर्ति प्रभु सागर के शासनकाल में बनाया
गया
जो २४
तीर्थंकरों
के
प्राचीन मूर्ति की पूजा की जाती हैं । के वलज्ञान उपलब्ध होते ही, तीर्थंकरो के प्रवचन
के लिए,
एक
तीन
स्तरितपरिपत्रसंरचनाजो
दिव्यप्राणियोंके द्वा
राब
नायाग
याहैं
।
१सागरोपम=१ ०कोडाकोडी[१क
रोड़x१ करोड़]प
ल्योपमसा
ल(अनगिनतसाल)।
भगवाननेमिनाथकीमूर्तिकी
प्राचीनतासमयके पिछलेआरोहीच
क्रके
व
र्षों(उत्सर्पिणीकाल):
१लेयुगके २१,०००सा
ल
+२रे युगके
२१,०००सा
ल
+३रे युगके ८
४,२५०साल(प्रभुसा
गरके शासनकालशुरूहोनेके बाद)
+
x साल
(कु छ
साल
प्रभु
सागर
के शासन
की स्थापना
के बाद,
यह
बनायी
हुई
मूर्ति
ब्रह्मदेव
को मिली)
३
रे युगके ।इ
सप्रकारकु ल१ ,२६,२५०सा
ल
+
x साल,
जो १०
कोडाकोडी
(करोड़
गुना
करोड़)
सागरोपम
(साल
की बेशुमार
संख्या)
के पिछले
आरोही
समयसेघ
चक्रके टायागयाहैं ।
—269—
समयकीव
र्तमानउ
तरतेचक्र(अवसर्पिणीका
ल)के
व
र्ष:
६वेयुग(आनेवालास
मय)के
२१,०००सालसेघटायाहुआ३
९,४८५सा
ल
+५वेयुगके
१८४८४बचेहु
एसाल।
कार,४०कोडाकोडीसा
इसप्र गरोपमके स
मयके पिछलेउतरतेच
क्र।
प्रकार,
इस (कु ल
१,२६,२५०
साल
+ समय
के पिछले
आरोही
चक्र
के १०
कोडाकोडी
सागरोपम
से घटाया
हुआxसाल)
+(समयसेउपस्थितउ
तरतेचक्रके
१०कोडाकोडीसागरोपमसे
घटायाहुआ३९,४८५साल)
=एकसमयचक्र(कालचक्र)के २०को
डाकोडीसागरोपमन्यूनतमकु
ल१ ,६५,७३५साल,
नतीजाइसमूर्तिके
अस्तित्वकी
समयअ
वधिसेअबत
ककासमय।
कावर्तमानस् थान,मूर्तिप
वित्रप
र्वतगिरनारपरस्थि
तमौजूदामं
दिरमें
रखीग
ईथी।
उनके बादभगवानपा
र्श्वनाथकाशा
सनकाल२
५०वर्षोंत
कचला,औ
र
उनकीजगह२,३३५वर्षोंतकभगवानम
हावीरकाशासनकालचला।
कारभगवानने
इसप्र मिनाथकीमं
दिरकी
प्रतिमाव
र्तमानमेंलगभग८
४,७८५सा
लपुरानीहैं ।
•
गि
रनारती
र्थमांप
गथियाको
नेअ
नेके
वीरीतेब नोइतिहास•
नाव्या,ते
ज्यारे द्वार
मृत्युए खखडाव्युं,
त्यारे महामात्य
उदयन
रणछावणीमां
पोढ्या
हता.
गुजरातने
एमणे
जरूर
विजयी
हतुं,
बनाव्युं पण
पोताना
जीवनने
होडमां
मूकीने
एमनुं
शरीर
जखमी
बन्युं
हतुं.
युद्धमां
विजयी
बनीने
पाछा
वळतांजमं
त्रीश्वरमृत्युबिछानेपो
ढ्याअनेएमणेपोतानापुत्रनेआटलोसं
देशआ
पवानुंसू
चनकर्यु.
"मारी
इच्छा
तमे
पूरी
करजो
! मारी
भावना
हती:
शत्रुंजय
पर
युगादिदेव
मंदिरनुं
हुं नवसर्जन
करू.
गिरनार
बाहड मंत्रीए शत्रुंजय पर युगादिदेवनुं मंदिर बनाव्युं, एक वचन पूरुं कर्युं. हवे गिरनार तीर्थ पर पगथिया
बनावानुंबाकीह
तुं,ए
वचनपूरुं क
रवानुंबा
कीहतुं.
मंत्री
बाहड गिरनार
आव्या.
ऊं ची
ऊं ची
भेखडो
! नजर
ताग
न पामी
शके ,
एटलो
बधो
पर्वतनो
विराट
घेरावो
अनेवादळथीवातोकरतांएनाग
गनचुंबीशि
खरो!
—270—
मंत्रीश्वर गिरनार निहाळी रह्या. आवा विराटकाय पर्वतमां क्यां रस्ते पगथार सर्जवी, एनी मूंझवण एमणे
गई.
अकळावी साथे
आवेला
शिल्पीओए
घणी
महेनत
लीधी,
पण
पगथारनुं
टांकणुं
क्यांथी
मारवुं,
एनो
निर्णय
तेओनकरीशक्या.
मंत्रीश्वरे घणी
बाहडे मथामण
अने
घणा
मंथनो
कर्या,
पण
मानवनुं
गणित
हवे
गिरनार
पर
नकामुं
लाग्युं,
अने
गिरनारनी
एमणे रक्षिका
अंबिका
माँ सांभरी
आवी.
एक
अणनम
संकल्प
साथेने
अजोड
विश्वास
साथे
बाहड
डगभरीनेहुं
ऋणमांथीहुं
मुक्तिनोश्वासलउं!”
एक, बे, त्रण उपवास ! ३ दिवस वीती गया. बाहडने विश्वास हतो के , अणधारी रीते ज आ अंधकारने
अजवाळतीदीवडीलाघशेने
एअंधकारपळप
छीअ
जवासमांप
लटाईजशे!
बन्युं
ने पण
एम
ज ! त्रीजा
उपवासने
अंते
माँ अंबिका
हाजर
थयां
ने एमणे
कह्युं:
"बाहड
! हुं जे रस्ते
अक्षत
वेरतीजाउं,ए
रस्तेपगथारनुंस
र्जनटांकणुंमारजे!"
हसी
धरती ऊठी.
वातावरणमां
आनंद
छवायो.
गिरनारनी
विकट
वाट
वच्चे
अंबिकादेवी
चोखा
वेरतां
गया
ने
घूमीवळ्यो.
बंधाई(पगथियांबं
धाया)अनेगिरनारनीवि
कटवा
टक
ईंकसहेलीथई!
छे ए बाहड
धन्य मंत्रीने
जेमणे
आ गिरनार
तीर्थ
पर
पगथिया
बनाव्या,
जेनाथी
सहु
लोको
दादानी
भेटी
शके
छे . गिरनारनी जात्रा करी शके छे . धन्य छे उदयन मंत्रीने, के जेमणे आ गिरनार पर पगथिया बनावानो
व्यो...
विचारआ
•ला
भदायीबु मावस्या•
धवारीअ
आपणने ख्याल होवा मुजब जेम पालीताणा, शंखेश्वर आदि तीर्थस्थानोमां दशम अने पूनमनुं महत्व होवाथी
अनेक श्रद्धालु श्रावक-श्राविकाओ अखंड दशम अने पूनम भरतां होइ छे तेवीज रीते शाश्वता गिरनार
महातीर्थनोविशिष्टमहत्वनोदिवसएटलेज
अमास.
अमासअनेतेमांप
णबुधवारीअमासके
मव
धुलाभदायीतेमजआत्मानेहितकरनारीछे ?
अमासनां दिवसे नेमिनाथ दादानुं कल्याणक होवानी साथे-साथे एक विशिष्ट वात जे आज सुधी घणां
अजाण
श्रावक-श्राविकाओ छे के हर
महिने
अमासनां
दिवसे
गिरनार
महातीर्थनी
अधिष्ठायिका
श्री अंबिकादेवी
हाजर रही आखा गिरनार महातीर्थनी ७ वार प्रदक्षिणा आपी पोतानी उर्जा गिरनारने आपे छे , घणां
आजे
श्रद्धालुओने पण
चमत्कारो
तेमज
ऐंधाणो
मल्या
होवानुं
जणाय
छे ,
दर
अमासना
दिवसे
अमदावादथी
श्री
पार्श्वभक्तिपरिवारनांयुवानोनीसा
थे४००-५००युवानोअ
खंडरीतेआ
अ
मासनीयात्राक
रीर
ह्यांछे .
—271—
बुधवारीअमासके
मवधुलाभदायीछे ?
बुधवारी अमास बहु ओछी आवती होय छे , बुधवारी अमासना दिवसे श्री अंबिकादेवी नी दे री पर लीलु
चडावी
नारीयेल मनोमन
संकल्प
करवाथी
बहुज
जल्दी
धारे लो
संकल्प
अने
अधूरा
रहेलां
कार्यो
पूर्ण
थाय
छे ,
णअमासनांदिवसेअनेकपरचाओजोवामळीर
आजेप ह्यांछे .
विशेष:- विश्वमां नहीं जोयेली, नहीं माणेली परमात्मानी अदभुत भक्ति आ दिवसे श्री पार्श्वभक्ति परिवार
अमदावादनायुवानोद्वाराथइर
हीछे
.
नेमनोमनप्रा
र्थनाकरवाद्वाराश्र
द्धापूर्वकप
रीपूर्णक
रशोजी.
अमास
आ बुधवारी
होवाथी
जेमणे
पण
आववानी
भावना
होय
ते तुरं त
पोताना
मित्रो
साथे
तेमज
परिवार
साथे
पधारीवधुमांवधुआ
त्मानुंकल्याणकरशोए
जशुभमंगलकामना.
•गि
रनारती
र्थयात्राविधि•
गिरनारमहातीर्थके पांचचैत्यवंदन
औरसहसावनमेंश्रीनेमिनाथभगवानकीदीक्षा-के वलज्ञानकी
दे रीके चैत्यवंदन
पहलाचैत्यवंदन: तलेटीमें
श्रीआ
दिनाथभगवानके मं
दिरमें
दू सराचैत्यवंदन: नूतन जय तलेटी के श्री नेमिनाथ भगवान की पादुका समक्ष अथवा गिरनार
पर्वत
की
पांचवी पायरी की दायी बाजु श्री नेमिनाथ भगवान की पादुका समक्ष चैत्यवंदन और
तीर्थाधिष्ठायिका
गिरनार अंबिका
दे वी
के दर्शन
करे और
निर्विघ्न
यात्रा
पूर्ण
हो उसके लिए
प्रार्थनाकरे
तीसराचैत्यवंदन: मूलनायकश्री
नेमिनाथपरमात्माके
मंदिरमें
पांचवाचैत्यवंदन: श्री नेमिनाथ भगवान की बडी भमती में बिराजित श्री अमिझरा पार्श्वनाथ भगवान की
गुफामें
इसके अलावास
मयकी
अनुकू लताअनुसारप
हलीटुं कपेबि
राजमानअन्य१३मंदिरमेंभीचैत्यवंदनकरके
स
सहसावनमें मवसरणमं
दिरत
थाश्रीने
मिनाथप
रमात्माके दीक्षा-के वलज्ञानक
ल्याणककीदे रीमें
चैत्यवंदनकरके तलेटीजानेके लिएउतरना
—272—
•श्रीनेमिनाथभगवानचै
त्यवंदन/स्तवन/स्तुति•
त्यवंदन।।
।।चै
नेमिनाथबावीसमा,शि
वादेवीमा
य,
सुमद्रविजयपृथ्वीपति,जे
प्रभुनाताय।
दशाहधनुषनीदे हड़ी,आ
युवरसह
ज़ार,
शंखलंछनधरस्वामीजी,तजीराजुलना
र।
सौरिपुरीनयरीभ
लीअे,ब्र
ह्मचारीभगवान,
जिनउत्तमपदपद्मने,न
मताअविचलठा
ण।
वन।।
।।स्त
तर्ज:(श्यामते
रीबंसीपुकारे )
शामळीयोत्यागीनेहुं तोरागी,
संयमशुंर
ढम
ने,लागीरे लागीहो
व्हाला...
लारे मारानेमनगीनानि
ओ..व्हा रागी,
व्हालारे मारासुंदरश्या
मसौभागी
संयमलीयेहुआरे वडभागी…संयम…१
व्हालारे मारागढ,गिरनारनी
वाटे
व्हालारे मारामोहनमळशेए
मा
टे
जइहुं तोहा
थमेलावीशमा
थे…संयम…२
जइहवेरा
जुलनेमजीनीपा
से,
संयमलीयेहवेअतिउल्लासे,
हांरे !नेमनाथपहेलाशिवजाशे…संयम…३
कहेदिपविजयसु
नोअ
रजअमारी
व्हालारे मारातुमेतारीरा
जुलना
री
हांरे !महेरबानीकरोनेमहमारी…संयम…५
ति।।
।।स्तु
रनारी,रूपथीरतिहारी,
राजुलव
तेहनापरिहारी,बा
लथीब्र
ह्मचारी।
पशुआंउगारी,हु
आचा
रित्रधारी,
के वलश्रीसारी,पामीआघातिवारी।
—273—
❖N
OTES❖
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—277—
लो
सौचा गरना
रजइये