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Environment Geography and Disaster Management Hindi 1
Environment Geography and Disaster Management Hindi 1
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IAS.
विषय सूची
1. पययािरण प्रदूषण _____________________________________________________________________________ 6
2. संरक्षणयत्मक उपयय___________________________________________________________________________ 19
4. कृ वष और पययािरण __________________________________________________________________________ 53
5. भूगोल ___________________________________________________________________________________ 58
6.1. पययािरण प्रभयि आकलन प्रफक्रयय में संिोधन करने के वलए मसौदय अवधसूचनय ______________________________ 66
6.2. तटीय विवनयमन क्षेत्र के सन्दभा में िैलेि नययक सवमवत की ररपोटा ______________________________________ 66
7. विविध ___________________________________________________________________________________ 68
7.5. महयसयगरों में िषा 2050 तक मछवलयों से ज्ययदय प्लयवथटक कय कचरय होने की आिंकय ________________________ 70
7.8. परयगणकयररयों की संख्यय में वगरयिट: संयुक्त रयष्ट्र संघ की ररपोटा ________________________________________ 72
7.12. रयज्यों द्वयरय ग्रीन कॉररडोर पररयोजनय के वलए वनविदय की पेिकि _____________________________________ 75
7.16. लुप्तप्रयय प्रजयवतयों के संरक्षण के वलए उठयए गए कदम: पययािरण एिं िन मंत्रयलय __________________________ 77
(Air Pollution)
1.1.1. भयरत में िययु प्रदू ष ण की वथथवत
(Air Pollution In India: Status)
अंतरयाष्रीय ऊजया एजेंसी (IEA) की नई ररपोटा के अनुसयर यफद वनरोधयत्मक कदम नह उठयए गए तो भयरत में बढ़ती ऊजया
आिश्यकतयओं के कयरण, िययु गुणित्तय कय और अवधक खरयब होनय तय है।
ग्रीनपीस द्वयरय हयल ही में फकये गए एक अध्ययन से यह भी
पतय चलतय है फक भयरत, चीन के िययु प्रदूषण के थतर से आगे
वनकल गयय है सयथ ही भयरतीयों के वलए औसत पयर्टटकु लेट
मैटर जोवखम चीनी नयगररकों की तुलनय में अवधक थय।
2015 में कें र्द्ीय प्रदूषण वनयंत्रण बोडा (CPCB) द्वयरय जयरी
तयजय विश्लेषण के अनुसयर, 10 लयख से अवधक आबयदी ियले
41 भयरतीय िहरों में वनगरयनी फकये गए कु ल फदनों के लगभग
60% में, लोगों को िययु की ख़रयब गुणित्तय कय सयमनय करनय
पड़य।
भयरत में िययु गुणित्तय की वथथवत;
भयरत में विश्ि की 1/6 भयग जनसंख्यय वनियस करती है फकन्तु
यह विश्ि की ऊजया के के िल 6% भयग कय उपयोग करतय है।
ऊजया कय उपयोग बढ़ने से नयइरेट, सल्फे ट एिं कवणकीय
पदयथा(पयर्टटकु लेट मैटर) जैसे प्रदूषकों में बढ़ोतरी होनय तय है।
ितामयन में, भयरत की 1 प्रवतित से कम जनसंख्यय ही विश्ि थियथ्य संगठन के िययु गुणित्तय फदिय-वनदेिों को पूरय करने ियले
क्षेत्रों में वनियस करती है।
हयलयंफक, ररपोटा कहती है फक उवचत नीवतगत सहयोग से इसे 2040 तक 10 प्रवतित बढ़ययय जय सकतय है। नीवतगत प्रययसों के
वबनय सल्फे ट और कवणकीय पदयथा 2040 तक लगभग दो्गन
ु े हो जयएंगे एिं नयइरेट लगभग 2.5 गुनय बढ जयएगय।
सिक्त उपययों की आिश्यकतय
िययु गुणित्तय सूचकयंक की कययाप्रणयली में सुधयर के द्वयरय नीवत-वनमयातयओं और प्रदूषकों पर दबयि डयलने की आिश्यकतय है।
ितामयन में 23 िहरों के अवतररक्त उन सभी क्षेत्रों में इसके विथतयर की आिश्यकतय है, जहयाँ जनसंख्यय कय एक बड़य भयग वनियस
करतय है तथय आर्द्धथक फक्रययकलयप संपन्न होते हैं।
विवभन्न एंवजवसयो को एक वनवित समय सीमय के भीतर, सम्पूणा और वनयवमत रूप से जयनकयरी उपलब्ध करयने के वलए बयध्य
फकयय जयनय चयवहए।
आंकड़ों को खुले प्रयरूप में रखय जयनय चयवहए तयफक इसकय कई नए तरीकों जैसे फक मोबयइल एप्प द्वयरय प्रचयर-प्रसयर फकयय जय
सके ।
िययु की गुणित्तय को बनयये रखने के वलए चीन की तरह एक कयया-योजनय अपनयई जय सकती है। चीन में जब भी िययु की
गुणित्तय गंभीर रूप से प्रभयवित होती है तो कठोर उपयय अपनयए जयते हैं, जैस-े थकू लों को बंद करनय, कयरखयनों के उत्पयदन को
सीवमत करनय आफद।
ियहनों से होने ियले प्रदूषण की रोकथयम के उपयय:
फदल्ली में अपनयई गयी सम-विषम नीवत।
बजट 2016-17 द्वयरय प्रथतयवित, डीजल ियहनों की लयगत में िृवद्।
भयरत थटेज उत्सजान मयनक, भयरत सरकयर द्वयरय थथयवपत फकए गए िे उत्सजाक मयनक हैं जो मोटर ियहन सवहत आंतररक दहन
इं जन उपकरण से उत्सर्द्धजत/उत्पयफदत िययु प्रदूषकों को वनयंवत्रत करते हैं।
कयययान्ियन के वलए मयनक एिं समयसीमय पययािरण िन एिं जलिययु पररितान मंत्रयलय के अधीन कययारत कें र्द्ीय प्रदूषण
वनयंत्रण बोडा वनधयाररत करतय है।
यह मयनक, यूरोपीय वनयमों पर आधयररत हैं, वजन्हें पहली बयर सन 2000 में लयगू फकयय गयय थय।
रं ग थकोर उदयहरण
लयल (अत्यवधक प्रदूषण 60 और इससे पेरोरसययन, फयमयाथयूरटकल्स, चीनी, कयगज और लुगदी, परमयणु ऊजया संयंत्र, तयप
फै लयने ियले) अवधक विद्युत संयंत्र, चमड़य कयरखयनय, कयबावनक रसययन, उिारक, पटयखे
नयरं गी 30-59 के कोयलय िोधन, कयंच वनमयाण, पेंट, थटोन क्रिर, एल्यूमीवनयम और थक्रैप से तयंबय
बीच वनकयलनय
हरय 15-29 के एल्यूवमवनयम के बतान, थटील फनीचर, सयबुन वनमयाण, चयय प्रसंथकरण
बीच
सफे द (गैर-प्रदूषणकयरी) 15 से कम एयर कू लर, एयर कं डीिनर इकयईययाँ, चयक कयरखयने, वबवथकट रे इकयईययाँ
1.2. जल प्रदू ष ण
(Water Pollution)
1.2.1.नमयवम गं गे कयया क्र म के तहत पहल
(Initiatives Under Namami Gange Programme)
1.2.1.2. हयइविड एन्यु टी आधयररत सयिा ज वनक वनजी भयगीदयरी (PPP) मॉडल कय अनु मोदन
[Approval of Hybrid Annuity Based Public Private Partnership (PPP)]
(Solid Waste)
1.3.1. थिच्छ भयरत वमिन: ग्रयमीण-िहरी अं त र
(Swachh bharat mission: rural-urban disparity)
रयष्ट्रीय नमूनय सिेक्षण कयययालय (NSSO) द्वयरय हयल ही में जयरी फकये गए थिच्छतय वथथवत ररपोटा (Swachhta Status
Report) के अनुसयर, देि की आधे से अवधक ग्रयमीण आबयदी अभी भी खुले में िौच करती है।
सिेक्षण कय आंकलन है फक िहरी क्षेत्रों के 7.5 प्रवतित के मुकयबले ग्रयमीण भयरत के 52.1 प्रवतित लोग खुले में िौच करते हैं।
के िल 45.3 प्रवतित ग्रयमीण पररियरों के पयस थिच्छ िौचयलय है जबफक िहरी क्षेत्रों में इसकय अनुपयत 88.8 प्रवतित है।
55 प्रवतित गयाँिों में थिच्छतय कय कयया यय तो पंचययतों द्वयरय वनयुक्त व्यवक्तयों द्वयरय अथिय अनुबध
ं भुगतयन के द्वयरय फकयय गयय।
17 प्रवतित गयिों में थिच्छतय कय कयया वनियवसयों द्वयरय थियं फकयय गयय जबफक 22.6 प्रवतित गयिों में सफयई हई ही नह ।
मूल्ययंकन के मयपदंड :
थिच्छतय और सफयई के वनम्नवलवखत छह मयनकों के आधयर पर कययों कय मूल्ययंकन फकयय जयएगय:
खुले-में-िौच मुक्त िहर और एकीकृ त ठोस अपविष्ट प्रबंधन के वलए रणनीवत।
सूचनय, विक्षय और संचयर व्यिहयर में पररितान लयने ियली संियद प्रफक्रयय।
ठोस अपविष्ट की सयफ़-सफयई, प्रत्येक दरियजे से इनकय संग्रह तथय अपविष्ट को उपयुक्त थथल तक प हंचयने ियली
व्यिथथय।
ठोस कचरे कय प्रसंथकरण और वनपटयन।
सयिाजवनक एिं सयमुदयवयक िौचयलयों की व्यिथथय।
प्रत्येक घर के वलए अलग-अलग िौचयलयों कय वनमयाण।
(E-Waste)
1.4.1. नये ई-अपविष्ट प्रबं ध न वनयम
(New E-Waste Management Rules)
पययािरण, िन तथय जलिययु पररितान मंत्रयलय ने ई-अपविष्ट प्रबंधन वनयम, 2016 को अवधसूवचत फकयय है जो ई-अपविष्ट (प्रबंधन
तथय वनपटयन) वनयम, 2011 कय थथयन लेगय।
पृष्ठभूवम
भयरत विश्व में ई-अपविष्ट कय पयंचिय सबसे बड़य उत्पयदक है। एसोचेम-KPMG द्वयरय फकये गए संयुक्त अध्ययन से पतय चलय है
फक प्रत्येक िषा भयरत से लगभग 18.5 लयख मीररक टन ई-अपविष्ट वनकल रहय है।
इस अपविष्ट में 12 प्रवतित अके ले के िल दूरसंचयर क्षेत्र कय योगदयन है। प्रवतिषा लगभग 25 प्रवतित मोबयइल उपयोग से बयहर
हो कर ई-अपविष्ट के रूप में बदल रहे हैं।
देि में ई-कचरे कय 95% असंगरठत क्षेत्र द्वयरय प्रबंवधत होतय है।
वनयम की मुख्य वििेषतयएं
उपयोवगतय
इससे पहले यह के िल उत्पयदकों और उपभोक्तयओं, विघटनकतयाओं (Dismantlers) और पुनाःचक्रणकतयाओं (recyclers) पर
लयगू थय। अब इसे वनमयातय, व्ययपयरी, निीकरणकतयाओं (refurbishers) और उत्पयदक दयवयत्ि संगठन (Producer
Responsibility Organisations) तक बढ़य फदयय गयय है। इससे अनौपचयररक क्षेत्र में ई-अपविष्ट के लीके ज को रोकने में मदद
वमलेगी।
इससे पहले के िल इलेवक्रक और इलेक्रॉवनक उपकरणों को किर फकयय गयय थय। अब उनके घटकों (components) और थपेयर
पयट्सा को भी किर फकयय गयय है। कं पैक्ट फ्लोरे सेंट लैम्प (CFL) तथय मरकरी ियले अन्य लैम्प और ऐसे अन्य उपकरण भी
ियवमल फकए गए हैं।
विथतयररत उत्पयदक उत्तरदयवयत्ि (Extended Producers’ Responsibility, EPR):
विथतयररत उत्पयदक उत्तरदयवयत्ि (EPR) एक ऐसी रणनीवत है जो फकसी उत्पयद के सम्पूणा जीिन कयल के दौरयन आई
पययािरणीय लयगत और उसके बयजयर मूल्य को एकीकृ त करने को प्रोत्सयवहत करती है ।
भयरत भर में कयययान्ियन सुवनवित करने के वलए उत्पयदकों हेतु एकल EPR अनुमोदन को अब CPCB की वजम्मेदयरी बनययय
जय रहय है।
इसके अलयिय, EPR प्रयिधयनों के कयययान्ियन में आसयनी के वलए लचीलय रुख अपनययय गयय है। ई-अपविष्ट के संबंध में सही
फदिय वनधयारण के वलए उत्पयदक दयवयत्ि संगठन (PRO) की थथयपनय, ई-अपविष्ट विवनमय, ई-ररटेलर, जमय ियपसी योजनय
जैसे विकल्प उत्पयदकों को फदए गए हैं।
जमय ियपसी योजनय एक अवतररक्त आर्द्धथक सयधन के रूप में िुरू की गयी है।
ई-अपविष्ट विवनमय के तहत थितंत्र कं पवनययं उन उपकरणों की वबक्री करने और खरीदने की सेियओं की पेिकि कर सकती हैं
वजनकय जीिन-कयल समयप्त हो चुकय है।
संग्रहण अब उत्पयदक की अनन्य वजम्मेदयरी है। इसके वलए अलग से फकसी अनुमोदन की आिश्यकतय नह होगी जैसय फक पूिा में
आिश्यक थय।
संग्रहण के वलए एक लष्य य आधयररत दृवष्टकोण अवनियया कर फदयय गयय है। पहले चरण में यह उत्पन्न कचरे की मयत्रय कय 30% है
और अंतताः 7 िषा में इसे 70% तक फकयय जययेगय।
बड़े उपभोक्तयओं कय उत्तरदयवयत्ि: इन्हें अवनियया रूप से ियर्द्धषक ररटना फयइल करनय है। थियथ्य सुविधयओं को पररभयषय में
जोड़य गयय है।
रयज्य सरकयर की भयगीदयरी: वनयमों के प्रभयिी आरोपण और इसके सयथ ही ई-अपविष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में लगे श्रवमकों कय
कल्ययण, सुरक्षय तथय थियथ्य सुवनवित करने की भूवमकय रयज्य सरकयरों की है।
2.1. िन सं र क्षण
(Forest Conservation)
2.1.1. रयष्ट्रीय िन नीवत की समीक्षय
(Review of The National Forest Policy)
सुर्द्धख़यों में क्यों?
पययािरण मंत्रयलय ने भोपयल वथथत भयरतीय िन प्रबंधन संथथयन (पययािरण मंत्रयलय से संबद्) को मौजूदय िन नीवत की समीक्षय
करने और संिोधन करने कय कयया सौंपय थय।
िन कयनूनों में कई पररितानों को अद्यतन करने और भयरत के िन क्षेत्र में बढ़यने तथय जलिययु पररितान के प्रभयिों से वनपटने के
वलए एक प्रगवतिील नीवत प्रदयन करने हेतु 1988 के बयद पहली बयर इस नीवत कय पुनरयिलोकन फकयय गयय।
उल्लेखनीय है फक 1998 की नीवत की समीक्षय करने की मयंगें कयफी समय से की जय रही थी क्योंफक यह ितामयन आिश्यकतयओं
को पूरय नह करती है।
अध्ययन की मुख्य वििेषतयएं
यह अध्ययन 'सरकयर के विचयरयथा' तैययर फकयय गयय थय और यह संयुक्त रयष्ट्र विकयस कोष द्वयरय वित्त पोवषत थय। इस दृवष्ट से
अध्ययन के प्रमुख प्रथतयिों पर विचयर करनय महत्िपूणा है।
िन आिरण बढ़यनय
िैज्ञयवनक हथतक्षेप के मयध्यम से और सघन िनयच्छयदन की रक्षय के सख्त वनयम लयगू करके भयरत के कु ल भौगोवलक क्षे त्र के कम
से कम एक-वतहयई भयग पर िन यय िृक्ष आच्छयदन करनय इसकय मुख्य लष्य य है।
यह आच्छयदन विदेिी प्रजयवतयों के बजयय देिी प्रजयवतयों से फकयय जयनय चयवहए।
कयबान टैक्स: इसमें कु छ उत्पयदों और सेियओं पर पययािरण उपकर, हररत कर, कयबान टैक्स आफद लगयने कय प्रथतयि है।
भूवम उपयोग में पररितान
यह खनन, उत्खनन, बयंधों के वनमयाण, सड़कों और अन्य रै वखक बुवनययदी ढयंचे के वनमयाण से संबंवधत भूवम उपयोग पररितानकयरी
पररयोजनयओं के मयमले में वििेष सयिधयनी बरतने की जरूरत को रे खयंफकत करतय है।
ऐसी अत्ययधुवनक तकनीक के इथतेमयल को बढ़यिय फदयय जयनय चयवहए वजससे कम से कम प्रदूषण और नुकसयन हो।
वित्त: इसमें ियवनकी क्षेत्र में बजट को बढ़यने मयंग की गयी है वजससे फक इस नीवत में वनवहत उद्देश्यों को प्रयप्त फकयय जय सके ।
पयररवथथवतकी पयाटन: यह संरक्षण के वन्र्द्त "उत्तम पयररवथथवतकी पयाटन मॉडल" विकवसत करने की मयंग करतय है, जो थथयनीय
समुदययों की आजीविकय जरूरतों को पूरय करने में अनुपरू क हो।
कयययान्ियन: यह नीवत विवभन्न प्रवतबद्तयओं को पूरय करने के वलए अवधसूचनय जयरी होने के छह महीने के भीतर एक रयष्ट्रीय
कयययान्ियन फ्रेमिका के वनमयाण की पररकल्पनय करती है। इसमें थियं की िन नीवतयों के वनधयारण और कयययान्ियन फ्रेमिका तैययर
करने के वलए रयज्यों कय आह्ियन भी फकयय गयय है।
कृ वष ियवनकी: वनिेि लयगत कम करने और उवचत कीमत ियली गुणित्तयपूणा रोपण सयमग्री तक प हाँच जैसी प्रोत्सयहन और
पररचयलन सहयोग प्रणयली के मयध्यम से कृ वष-ियवनकी और फयमा ियवनकी के बड़े पैमयने पर विथतयर को नीवत में महत्त्ि फदयय
गयय है।
2.2. जल सं र क्षण
(Water Conservation)
आर्द्रभूवा म िह क्षेत्र हैं जहयाँ जल पययािरण और संबंवधत जीिधयररयों और पौधों के जीिन कय वनयंत्रण करने ियलय प्रयथवमक तत्त्ि है।
उन्हें इस रूप में पररभयवषत फकयय जयतय है: “"िह भूवम जो थथलीय और जलीय पयररवथथवतकी प्रणयवलयों में, जहयं पयनी कय तल प्रययाः
जमीन की सतह पर यय जमीन की सतह के पयस है यय जहयं जमीन उथले पयनी के द्वयरय ढंकी रहती है, के बीच संक्रवमत होती रहती
है।"
जल क्रयंवत अवभययन 5 जून 2015 को िुरू फकयय गयय थय। इसके उद्देश्य वनम्नवलवखत हैं:-
पंचययती रयज संथथयओं और थथयनीय वनकययों सवहत सभी पदधयररयों की जमीनी थतर पर भयगीदयरी को सुदढ़ृ बनयनय।
जल संसयधन के संरक्षण एिं प्रबंधन में परं परयगत जयनकयरी कय उपयोग करने के वलए प्रोत्सयहन देनय (उदयहरण: सहभयगीय
हसचयई प्रबंधन PIM)
जल संसयधनों के संरक्षण और प्रबंधन में पयरं पररक ज्ञयन के अवधग्रहण/उपयोग को प्रोत्सयहन देनय;
सरकयर, गैर-सरकयरी संगठनों, नयवगरकों आफद की वििेषज्ञतय कय उपयोग करनय; और
ग्रयमीण क्षेत्रों में जल सुरक्षय के मयध्यम से आजीविकय सुरक्षय कय संिधान करनय।
2.2.2.2. जल मं थ न - 2
[JAL MANTHAN-2]
जल मंथन क्यय है?
यह जल संसयधन, नदी विकयस और गंगय संरक्षण मंत्रयलय द्वयरय आयोवजत एक कययाक्रम है, वजसकय उद्देश्य जल संसयधनों के
सिोत्कृ ष्ट उपयोग के मुद्दों पर ध्ययन के वन्र्द्त करनय और तदनुसयर नीवतयों को पररष्कृ त करनय है।
इसमें संघ और रयज्य के संबवं धत मंत्रयलयों/विभयगों के मंवत्रयों, सरकयर के िररष्ठ अवधकयरी एिं गैर सरकयरी संगठनों के
प्रवतवनवधयों और प्रख्ययत जल वििेषज्ञों के अलयिय विवभन्न वहतधयरकों की भी भयगीदयरी होगी।
पहलय जल मंथन निंबर 2014 में आरं भ हआ थय। इसकय दूसरय संथकरण हयल ही में आयोवजत फकयय गयय थय।
जल मंथन -2 की मुख्य वििेषतयएं:
इस आयोजन कय मुख्य थीम थय - ‘थथययी जल प्रबंधन के वलए एकीकृ त दृवष्टकोण’ (Integrated Approach for sustainable
Water Management)।
वमिन कयकतीय: इसके तहत विवभन्न तयलों एिं जलयियों को पुनाःथथयवपत करने से तेलंगयनय में जलथतर को ऊपर उठयने में मदद
वमली है।
भूजल में आसेवनक और फ्लोरयइड के बढ़ते थतर के मुद्दे कय समयधयन करने के वलए अवधक ररिसा ऑथमोवसस संयंत्रों की थथयपनय
करनय।
जल पर एक रयष्ट्रीय कयनून की आिश्यकतय-
‘जल' रयज्य सूची कय विषय है। जल पर रयज्यों ने 300 से अवधक कयनूनों कय वनमयाण फकयय है परं तु िे एक समग्र रूपरे खय को
सुवनवित नह कर पयए हैं।
रयष्ट्रीय विकयस में इसके महत्ि को ध्ययन में रखते हए जल को एक रयष्ट्रीय पररप्रेष्य य के सयथ, कु छ सयमयन्य मौवलक वसद्यंतों की
थिीकृ वत के आधयर पर प्रबंवधत फकए जयने की जरूरत है।
इस कदम को उठयने की बयत 12 ि पंचिषीय योजनय के दथतयिेज और 2014-15 में लोक लेखय सवमवत की ररपोटा में भी कही
गयी है।
बहरहयल, रयज्यों द्वयरय इसकय विरोध फकयय गयय है। इसके अलयिय कें र्द् - रयज्य संबंधों पर गरठत कोई भी आयोग, जैस-े
सरकयररयय आयोग और पुछ
ं ी आयोग, इसकय समथान नह करतय।
एक नदी बेवसन प्रबंधन कयनून तैययर करने पर भी विचयर फकयय गयय है।
2.2.3. भू ज ल प्रबं ध न
(Groundwater Management)
जल संकट वपछले िषा बयर-बयर चचया में आने ियलय विषय रहय। भू-जल कय अवनयंवत्रत दोहन, इसकय कयरण भी है और पररणयम
भी। सरकयर ने इस िषा के आरम्भ में भू-जल के सफल प्रबंधन के वलए कदम उठयए हैं।
सरकयर के प्रययस
मनरे गय (MNREGA) के अन्तगात तयलयब बनियनय, कुाँ ए खुदियनय- इस िषा के बजट भयषण में यह घोषणय भी की गई थी।
विविष्ट क्षेत्रों में िॉटरिेड विकयस; इस के वलए नीरयंचल योजनय आरम्भ की गई।
िषया जल संचयन - जयगरूकतय, विक्षय, कर प्रोत्सयहन, सरल अिसंरचनय उपलब्धतय।
रयष्ट्रीय जलभृत मयनवचत्र; थथयन आधयररत कयययान्ियन के वलए।
भू-जल के वििेकपूणा उपयोग को प्रोत्सयवहत करनय; फसल पैटना, विद्युत सवब्सडी को युवक्तसंगत बनयनय, कृ वष-ियवनकी, सूष्य म-
हसचयई प्रथयएाँ इत्ययफद।
अवधक से अवधक जयगरूकतय - एक्सटेंिन सेियओं कय उपयोग करनय।
रयष्ट्रीय जल फ्रेमिका कयनून
मसौदय विधेयक— रयष्ट्रीय जल फ्रेमिका विधेयक एिं भूजल संरक्षण, सुरक्षय, विवनयमन और प्रबंधन के वलए मॉडल विधेयक जल
संसयधन मंत्रयलय द्वयरय अपनी िेबसयइट पर अपलोड फकए गए थे। उनकय उद्देश्य जल प्रबंधन कय विके न्र्द्ीकरण करनय एिं
पंचययतों और ग्रयम सभयओं को जल कय बेहतर उपयोग करने की पवद्त के विषय में वनणाय करने हेतु अवधक िवक्त देनय है।
महत्िपूणा वििेषतयएाँ
नयगररकों को सुरवक्षत जल के अवधकयर की अवभथिीकृ वत।
(Culling of Animals)
पययािरण मंत्रयलय ने हयल ही में विवभन्न रयज्यों में जयनिरों की कु छ प्रजयवतयों की संख्यय को कम करने के वलए उन्हें मयरने की
इजयजत प्रदयन की है।
कय यह मयननय फक ग्रीन हयऊस गैसों के उत्सजान के वलए विकवसत देि प्रमुख रूप से वजम्मेदयर है, अताः उन देिों को ही
जलिययिीय पररितानों से लड़ने के वलये बड़े कदम उठयने चयवहए। यद्यवप इस वसद्यन्त को इस समझौते में कु छ विवथलतय प्रदयन
की गई।
द्वीपीय रयष्ट्र तथय अल्प विकवसतदेि- ये रयष्ट्र जलिययु पररितान से सबसे अवधक प्रभयवित हैं। अताः इन रयष्ट्रों के वलए यह रयहत
की बयत है फक सम्पूणा विश्व ने तयपमयन िृवद् के संदभा में 2°सेवल्सयस के बजयय 1.5°सेवल्सयस के मयगा को थिीकयर फकयय है।
वित्त और प्रौद्योवगकी हथतयंतरण के मुद्दे पर कोई थपष्टतय नह है; संबंवधत बौवद्क संपदय अवधकयर के मुद्दों को ियवमल नह फकयय
गयय है।
कयबा न डयईआक्सयइड सिे क्ष ण के आधयर पर दे िों के वलए निीनीकृ त लष्य य तथय विश्व के वलए िे ष कयबा न बजट कय
सयम्यपू णा बं ट ियरय।
विकयसिील और विकवसत देिों को एक ही थतर पर रखकर CBDR-RC वसद्यंत की उपेक्षय। यद्यवप INDCs के कयरण अभी
भी कटौती हेतु न्यययसंगत लष्य यों के वलए थथयन है, लेफकन यह गयरं टी नह है और इसवलए यह मयनय जय रहय है फक यह
विकयसिील देिों के वलए नुकसयन की वथथवत होगी।
बयध्यकयरी लष्य य- विवभन्न दे िों ने अपने उत्सजा न में कटौती के लष्य यों कय िचन फदयय है । ले फकन ये वसफा िययदे हैं ।
यू रोपीय सं घ तथय यू . एस.ए. ने कयनू नी तौर पर बयध्यकयरी रोड मै प कय जोरदयर ढं ग से विरोध फकयय।
लष्य य कय वनयवमत पु न रीक्षण- उत्सजा न कटौती सं ख्यययें (emission reduction numbers) अभी नह जोड़ी
जयती हैं । अत: उनकय प्रत्ये क पयाँ च िषा पर पु न रीक्षण फकये जयने की आिश्यकतय है । विकवसत दे ि कोई ऐसी कसौटी
थिीकयर नह करते हैं जो ऐवतहयवसक रूप से उनके द्वयरय फकये गए उत्सजा नों को सवम्मवलत करतय है ।
ररपोर्टटग एक्िन- 2020 के बयद जब यह समझौतय प्रभयिी हो जयये गय तब रयष्ट्रों को वनयवमत रूप से ररपोटा करनय
होगय फक िे अपने िययदों के सम्बं ध में फकतनय आगे बढ़े हैं । यह रोजन हयसा बन सकतय है जो दो रयष्ट्रों के बीच वबनय
कु छ कहे समयनतय लयये गय।
विकयसिील दे िों के लष्य य- अवधकतर विकयसिील दे िों ने पे ररस समझौते के तहत अपने लष्य यों को वनधया ररत फकयय
है । ये लष्य य इस समझौते की प्रकृ वत के सयथ-सयथ वित्त तथय तकनीक हथतयं त रण की ितों पर आधयररत हैं । विकवसत
रयष्ट्र विकयसिील दे िों द्वयरय वनधया ररत उनके कु ल लष्य य के कम -से - कम एक भयग को वबनय िता के प्रवतष्ठयवपत करयनय
चयहते हैं ।
प्रौद्योवगकी हथतयन्तरण- बौवद्क सं प दय सं सयधनों, भयिी प्रौद्योवगकी विकयस तथय पे ररस समझौते के तहत इस हे तु
एक सं थथयपक व्यिथथय के मु द्दों के समयधयन पर विकवसत रयष्ट्रों ने विवभन्न विकयसिील दे िों , वजसमें भयरत भी
(Clean Energy)
2.5.4. िहरी कचरे से बनने ियली खयद (वसटी कम्पोथट) को बढ़यिय दे ने की नीवत
(Policy on Promotion of City Compost)
सुर्द्धखयों में क्यों?
कें र्द्ीय मंवत्रमंडल ने िहरी कचरे से बनने ियली खयद (वसटी कम्पोथट) को बढ़यिय देने की नीवत को अपनी मंजूरी दे दी है।
खयद क्यय है?
कम्पोथट िह जैविक पदयथा है वजसकय विघटन और पुनचाक्रण खयद बनयने और मृदय पुननािीकरण के वलए फकयय गयय हो।
सरलतम थतर पर, खयद बनयने के वलए नम जैविक सयमयवग्रयों (जैसे पवत्तययाँ, खयद्य अपविष्ट आफद) के ढ़ेर की जरूरत होती है,
वजसे हररत अपविष्ट भी कहय जयतय है। इस अपविष्ट पदयथा को एक हफ्ते यय एक महीने की अिवध के वलए छोड़ फदयय जयतय है ,
वजससे िह ह्यूमस में पररिर्द्धतत हो जयए।
नीवत की मुख्य वििेषतयएं :
इस नीवत के अंतगात 1500 रुपए प्रवत टन वसटी कम्पोथट की बयजयर विकयस सहययतय कय प्रयिधयन फकयय गयय है, तयफक इसके
उत्पयदन और उपयोग में बढ़ोतरी की जय सके । इससे फकसयनों के वलए िहरी खयद कय अवधकतम खुदरय मूल्य में कमी आएगी।
िहरी खयद के वलए ईको-मयका मयनक सुवनवित करनय।
वितरण:
उिारक कं पवनययं और बयजयर इकयइययं अपने डीलरों के नेटिका के मयध्यम से रयसययवनक उिारकों के सयथ िहरी खयद कय भी
विपणन करे गी।
कं पवनययं खयद के उपयोग को बढ़यिय देने के वलए गयंिों को भी गोद लेंगी।
सूचनय, विक्षय तथय संचयर नेटिका
सम्बद् मंत्रयलय/विभयग फकसयनों को िहरी खयद के फययदों से अिगत करयने के वलए सूचनय, विक्षय और संचयर अवभययन
चलयएंगे
भयरतीय कृ वष अनुसंधयन पररषद के कृ वष विज्ञयन कें र्द् सवहत अन्य कृ वष विथतयर तंत्र भी इस संबंध में वििेष प्रययस करें गे।
प्रयरं भ में, िहर खयद को प्रोत्सयहन और विपणन मौजूदय उिारक कं पवनयों के मयध्यम से फकयय जयनय प्रथतयवित है। उवचत समय
पर, संबंवधत रयज्य सरकयर द्वयरय मयन्यतय प्रयप्त खयद वनमयातयओं और अन्य विपणन संथथयओं को भी उिारक विभयग के अनुमोदन
के सयथ प्रयोजन के वलए ियवमल फकयय जय सकतय है। जो संथथय इसकय विपणन कर रही है उस संथथय के मयध्यम से बयजयर
विकयस सहययतय को जयरी रखनय चयवहए।
वनगरयनी
उिारक विभयग, िहरी विकयस मंत्रयलय और कृ वष विभयग द्वयरय थथयवपत संयुक्त तंत्र खयद विवनर्द्धमतयओं और उिारक विपणन
कं पवनयों के बीच परथपर थिीकृ त ितों पर उपयुक्त मयत्रय में िहरी खयद की उपलब्धतय को सुविधयजनक बनयएगें और उसकी
वनगरयनी करें गे।
उनके बीच तयलमेल से संबंवधत कोई मुद्दय उठने पर िह उसे सुलझयने के वलए भी अवधकृ त है।
वसटी कम्पोथट के लयभ
मृदय थियथ्य सुधयर
इसमें उपयोगी मृदय जीियणु और नमी ियवमल हैं जो मृदय में िययु/ ऑक्सीजन की आपूर्द्धत सुवनवित करते हैं, जल धयरण क्षमतय
में िृवद् करते हैं, तथय सूखे एिं जल जमयि दोनों चरम वथथवतयों में सुधयर लयते हैं वजससे हसचयई आिश्यकतयएाँ कम हो जयती हैं।
यह भयरत की 21.7 वमवलयन हेक्टेयर लिणीय और क्षयरीय भूवम को पुनाः कृ वष योग्य बनयने में भी मदद कर सकते हैं।
रयसययवनक उिारकों के भयरी मयत्रय में प्रयोग के कयरण मृदय के संघटन में सूष्य म पोषक तत्िों में तेजी से आ रही कमी को रोक कर
इनकी िृवद् करतय है।
िनीकरण: नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अिरोधन बढ़यने, वमट्टी के अपियह और वमट्टी से पयनी के तेज बहयि को कम करने के वलए
िृक्षयरोपण।
चेतयिनी प्रणयली: लोगों को खतरे में के प्रवत
अनुफक्रयय के वलए सक्षम बनयने हेतु बयढ़ सुरक्षय
एजेंवसयों द्वयरय जयरी की जयती है।
IV. क्षमतय विकयस और अनुफक्रयय:
बयढ़ विक्षय,
आपयतकयलीन खोज और बचयि, तथय
आपयतकयलीन रयहत।
आगे की रयह
बड़े और मध्यम बयंध के संचयलन में
अवधक परयमिादयत्री वनणाय लेने की
प्रफक्रयय को अपनयनय, वजनकय प्रभयि कई
रयज्यों पर पड़तय है। उल्लेखनीय है फक वबहयर में आने ियली बयढ़ के वलए मध्यप्रदेि के बयणसयगर बयाँध से छोड़े गए जल को
वजम्मेदयर ठहरययय गयय है।
एक देिव्ययपी वसल्ट प्रबंधन नीवत। यह भविष्य में वबहयर की बयढ़ जैसी बयढ़ों को रोक सकती है।
NDMA के फदियवनदेि:
फ्लड मैनज
े मेंट प्लयन (FMPs) को लयगू कर तैययरी पर ध्ययन के वन्र्द्त करनय।
विवभन्न संरचनयओं की प्रभयििीलतय और वथथरतय की वनयवमत वनगरयनी सुवनवित करनय और उनकी बहयली और उन्हें मजबूत
बनयने के वलए उवचत उपयय करनय।
बयढ़ की भविष्यियणी, पूिा चेतयिनी और वनणाय समथान प्रणयली कय सतत आधुवनकीकरण।
बयढ़ की आिंकय ियले क्षेत्रों में नई संरचनयओं के वडजयइन और वनमयाण में बयढ़ प्रवतरोधी सुविधयओं कय समयिेि सुवनवित
करनय।
बयढ़ प्रिण क्षेत्रों में सयमररक और सयिाजवनक उपयोवगतय संरचनयओं को बयढ़ रोधी बनयने के वलए समयबद् योजनय बनयनय।
बयढ़ प्रिण क्षेत्रों में सभी वहतधयरकों की जयगरूकतय और उनकी तैययररयों में सुधयर लयनय।
प्रभयिी बयढ़ प्रबंधन के वलए उवचत क्षमतय विकयस के मयध्यम से हथतक्षेप की िुरुआत करनय (इसमें विक्षय, प्रविक्षण, क्षमतय
वनमयाण, अनुसंधयन और विकयस, और प्रलेखन भी ियवमल है।)
(Urban Floods)
इस िषा िहरी बयढ़ की घटनयएाँ और उससे उत्पन्न विवभन्न प्रभयि लगयतयर सुर्द्धख़यों में रहे। िहरी बयढ़ की कई घटनयएाँ देख गईं,
जैस-े गुड़गयंि की बयढ़, मुंबई की बयढ़ एिं सबसे अवधक परे ियन करने ियली चेन्नई की बयढ़ इत्ययफद।
वन:संदह
े इस प्रफक्रयय में इन क्षेत्रों में हई भयरी िषया की घटनयओं कय योगदयन थय। फकन्तु इसमें मुख्य रूप से दयनीय िहरी योजनय
कय दोष थय, वजसने वथथवत की भययिहतय को कई गुनय बढ़य फदयय।
योजनय वनमयाण में दोष: चेन्नई कय मयमलय
अंधयधुंध अिैध वनमयाण की प्रिृवत्त के कयरण जल वनकयसी के मयगा अिरूद् हो गए थे।
कम से कम 300 जल वनकययों को आियसीय क्षेत्रों में रूपयंतररत फकयय जय चुकय है।
अवधकतर जलमयगा, तयलयबों ि जलयियों में गयद भर गयी है, एिं उनके प्रियह चैनल एिं तटों पर अवतक्रमण कर वलयय गयय है।
झीलों और जलयियों से जुड़ी वनकयसी नयवलयों कय समुर्द् से जुड़यि ख़त्म गयय है पररणयमथिरूप झीलों और जलयियों से होने
ियलय अवधप्रियह सीधे समुर्द् तक प हंच नह पयतय है और इस प्रकयर सड़कों पर बयढ़ पैदय करतय है।
ऐसी आपदयओं को योजनय वनमयाण, जल वनकययों के अवतक्रमण पर प्रवतबंध लगयकर, एिं मयनसून से पूिा नयवलयों एिं जल-
चैनलों से गयद की सफयई करके रोकय जय सकतय थय।
ध्ययन में रखय जयने ियलय एक महत्िपूणा त्य यह है फक िहर को अपने जबरदथत विकयस से मेल खयने ियली एक गहन वनकयसी
प्रणयली की आिश्यकतय है।
जल वनकययों को वनमयाण कयया एिं वनियस हेतु फकए जयने ियले अवतक्रमण से मुक्त रखनय इस समथयय कय ियथतविक समयधयन है,
सरकयर को इस कयया को अवनियया रूप से कयययावन्ित करनय चयवहए।
3.2.3. रोआनू चक्रियत
(Cyclone Roanu)
यह क्यय है?
रोआनू चक्रियत इस चक्रियती मौसम कय पहलय उष्णकरटबंधीय चक्रियत थय।
इसकी उत्पवत्त श्रीलंकय के पयस एक सिक्त अिदयब के क्षेत्र में हई। यह भयरतीय तट के कयफी नजदीक से गुजरय और अंत में
बयंग्लयदेि के तट से टकरययय।
इसके कयरण श्रीलंकय में भयरी िषया, बयढ़ की घटनयएाँ, भूथखलन और मृदय-थखलन हआ। यह भयरत के तटीय प्रदेिों जैसे ओवडिय
और आंध्र प्रदेि में भी मूसलयधयर बयररि कय कयरण बनय।
4.1. GM फसलें
(GM Crops)
(Alternative to Bt Cotton)
सुर्द्धख़यों में क्यों?
कें र्द् सरकयर बीटी कपयस जीन के अनुगयमी जीन को विकवसत करने के वलए कयम कर रही है वजसे परं परयगत फकथमों में एकीकृ त
फकयय जय सके और फकसयनों को उपलब्ध करययय जय सके ।
यह ितामयन की बीटी कपयस प्रौद्योवगकी, वजसकय स्रोत कयफी हद तक विदेिी कं पनी मयवहको मोनसेंटो बययोटेक इं वडयय
वलवमटेड (MMB) है, कय एक व्यिहयया विकल्प होगय।
यह िैज्ञयवनक और औद्योवगक अनुसंधयन पररषद (CSIR) और जैि प्रौद्योवगकी विभयग (DBT) के संयुक्त प्रययस से संभि होगय।
िैकवल्पक फकथम विकवसत करने की आिश्यकतय क्यों?
विदेिी तकनीकी पर वनभारतय से मुवक्त।
फकसयनों को िहनीय कीमत पर बीज की उपलब्धतय में सुधयर।
ितामयन लयइसेंस प्रणयली के तहत बीज कं पवनयों और बीज प्रौद्योवगकी कं पवनयों (MMB की तरह) के बीच, बीज खरीदने की
क्षमतय और उपलब्धतय के बीच बेहतर तयलमेल नह है। सरकयर इस संबंध में रॉयल्टी और प्रौद्योवगकी सयझय प्रणयली में पररितान
करने के वलए प्रथतयि भी लयई है और बीज की कीमतों को विवनयवमत भी करनय चयहती है। एक थिदेिी विकल्प इस मुद्दे कय
सही समयधयन हो सकतय है।
बीटी कपयस के बयरे में
बीटी कपयस आनुिंविक रूप से संिोवधत कपयस की एक फकथम है जो फक मुख्य कपयस कीट पर लवक्षत एक कीटनयिी जीन से
युक्त है, यह जीन मृदय जीियणु से वलयय गयय है।
ितामयन में यह एक मयत्र GM फसल है वजसे कयनूनी तौर पर भयरत में अनुमवत प्रयप्त है। बैंगन और सरसों ऐसी GM खयद्य फसलें
हैं, जो फक वनययमक मंजूरी के उन्नत चरणों में होने के बयिजूद GM विरोधी कययाकतया समूहों द्वयरय कड़े विरोध के कयरण फकसयनों
को उपलब्ध नह हैं।
4.1.2. अनु ियं विक रूप से सं ि र्द्धद् त (जे ने ट कली मॉवडफयइड) सरसों
(GM Mustard)
सुर्द्धखयों में क्यों?
पययािरण और िन मंत्रयलय के अधीन कयया करने ियली आनुिंविक इंजीवनयररग मूल्ययंकन सवमवत (Genetic Engineering
Appraisal Committee-GEAC)) ने DMH-11 नयमक जैि संिर्द्धद्त सरसों की व्ययिसयवयक कृ वष को अनुमवत देने संबंधी फै सले
को थथवगत कर फदयय है।
GM सरसों क्यय है?
सरसों DMH -11 (धयरय मथटडा हयइविड 11), एक GM रयंसजेवनक फसल है, वजसे फदल्ली विश्वविद्ययलय के ‘सेंटर फॉर जेनेरटक
मैनीपुलेिन ऑफ़ क्रॉप प्लयंट्स’ (CGMCP) द्वयरय विकवसत फकयय गयय है। इसकय आंविक वित्त पोषण रयष्ट्रीय डेयरी विकयस
बोडा द्वयरय फकयय गयय है।
यह दयिय फकयय जय रहय है फक GM सरसों ितामयन समय में देि में उगयये जयने ियली सिोत्तम फकथम की सरसों (जैस-े ‘िरुण’) के
मुकयबले 25 से 30 प्रवतित अवधक उपज प्रदयन करती है।
4.2.2. जै विक खे ती
(Organic Farming)
वसफक्कम कय सफल उदयहरण देते हए प्रधयनमंत्री ने कृ वष क्षेत्र में बदलयि लयने तथय फकसयनों के वलए बेहतर पयररश्रवमक के सयधन
उपलब्ध करयने के वलए देि भर में जैविक खेती के विथतयर कय आह्ियन फकयय है।
जैविक खेती
जैविक खेती एक समग्र उत्पयदन प्रबंधन प्रणयली है जो जैि विविधतय, जैविक चक्र और वमट्टी की जैविक गवतविवधयों सवहत कृ वष
पयररवथथवतकी तंत्र के थियथ्य में िृवद् तथय सुधयर करती है।
इस प्रकयर जैविक खेती में प्रयकृ वतक उिारक और प्रयकृ वतक कीटनयिकों कय उपयोग फकयय जयतय है तथय हसथेरटक और गैर
प्रयकृ वतक प्रफक्रययओं के उपयोग को सीवमत (पूरी तरह से समयप्त नह ) फकयय जयतय है।
जैविक खेती के वसद्यंत
थियथ्य कय वसद्यंत: जैविक खेती को अलग-अलग और अविभयज्य रूप में वमट्टी, पौधे, पिु और मयनि के थियथ्य को बनयए
रखनय और बढ़यनय चयवहए।
पयररवथथवतकी वसद्यंत: जैविक कृ वष को जीवित पयररवथथवतकी प्रणयवलयों और चक्र पर आधयररत होनय चयवहए और उनके सयथ
वमलकर कयया करनय चयवहए तथय उनकय अनुकरण करनय और उन्हें बनयए रखने में मदद करनी चयवहए।
वनष्पक्षतय कय वसद्यंत: जैविक कृ वष को ऐसे संबंधों पर आधयररत होनय चयवहए वजससे सयझय पययािरण और जीिन के अिसरों के
संदभा में वनष्पक्षतय सुवनवित हो सके ।
देखभयल कय वसद्यंत: जैविक कृ वष को ितामयन और भविष्य की पीफढ़यों के थियथ्य और कल्ययण तथय पययािरण की रक्षय के वलए
सयिधयनीपूिक
ा और उत्तरदययी ढंग से प्रबंवधत फकयय जयनय चयवहए।
जैविक खेती के लयभ
गैर-जैविक खेती की तुलनय में जैविक खेती वनवित रूप से अवधक थिथथ और सुरवक्षत है।
जैविक खेतों की मृदय में जैविक गवतविवध और जैि विविधतय कय उच्च थतर वमलतय है।
फकसयन अपने उत्पयदन की लयगत को कम कर सकते हैं, क्योंफक उन्हें महंगे रसययन और उिारक खरीदने की जरूरत नह पड़ती है।
जैविक कृ वष से खयद्य, लोगों और पययािरण में कम कीटनयिक संदष
ू ण होतय है।
दीघयािवध में, जैविक खेती से ऊजया बचत और पययािरण की रक्षय होती है।
भूजल प्रदूषण रुकतय है।
हयवनययाँ
सुविधय कय अभयि।
जैविक खयद्य पदयथा अवधक महंगे हैं।
खयद्य सुरक्षय संबंधी हचतययें।
संभयिनयएं
विश्व के कु ल खयद्य पदयथों कय 1-2% जैविक विवधयों से उत्पयफदत फकयय जयतय है। हयलयंफक इसके बयजयर में कयफी तीव्र गवत
(लगभग 20% प्रवत िषा) से िृवद् हो रही है। यूरोप, ऑवथरयय (11%), इटली (9%) और चेक गणरयज्य (7%) ऐसे देि हैं, जहयं
जैविक खयद्य उत्पयदन अपने उच्चतम थतर पर है।
(Indian Geography)
5.1.2. पै वलयोचै न ल
(Palaeochannel)
(World Geography)
5.2.1. िहरी ऊष्मय द्वीपों के अध्ययन के वलए नयय मॉडल
(New Model to Study Urban Heat Island)
सुर्द्धख़यों में क्यों?
िोधकतयाओं द्वयरय अबू धयबी में ऊष्मय द्वीप प्रभयि कय अध्ययन करने के वलए एक नयय जलिययु मॉडल विकवसत फकयय गयय है।
मॉडल के एक बयर तैययर हो जयने पर, पूरी दुवनयय को इस प्रभयि से वनपटने में मदद वमलेगी।
िहरी ऊष्मय द्वीप (UHI) के बयरे में
िहरीकरण मुख्य रूप से प्रदूषण बढ़यने, ियतयिरण के भौवतक और रयसययवनक गुणों में पररितान, और वमट्टी की सतह के
आच्छयफदत कर पययािरण पर
नकयरयत्मक प्रभयि डयलतय है।
इन सभी प्रभयिों कय संचयी
प्रभयि िहरी ऊष्मय द्वीप मयनय
जयतय है।
इसे फकसी भी मयनि वनर्द्धमत
क्षेत्र के तयपमयन में िृवद् के
रूप में पररभयवषत फकयय जयतय
है वजसे आस-पयस के क्षेत्रों के
कम तयपमयन के प्रयकृ वतक
पररदृश्य कय प्रवतवनवधत्ि करने
ियले “ठं डे समुर्द्” के बीच एक
विविष्ट "गमा द्वीप" के रूप में
वनरूवपत फकयय जयतय है।
हयलयंफक ऊष्मय द्वीप फकसी भी ग्रयमीण यय िहरी क्षेत्र और फकसी भी थथयवनक पैमयने पर वनर्द्धमत हो सकतय है, परन्तु िहर इसके
वलए इष्ट होते हैं क्योंफक उनकी सतह सयमयन्यताः ऊष्मय की बड़ी मयत्रय मुक्त कर सकती है।
10 लयख यय उससे अवधक जनसंख्यय ियले एक िहर के ऊष्मय द्वीप की िययु कय औसत ियर्द्धषक तयपमयन उसके आस-पयस की
अपेक्षय 1-3 वडग्री सेवल्सयस तक अवधक हो सकतय है। कई बयर यह ियम को 12 वडग्री सेवल्सयस तक अवधक हो जयतय है।
ऊष्मय द्वीप गर्द्धमयों में ऊजया की मयंग, ियतयनुकूलन लयगत, िययु प्रदूषण और ग्रीन हयउस गैस उत्सजान, गमी से संबंवधत
बीमयररयों और मृत्यु दर में िृवद् से समुदययों को प्रभयवित कर सकते हैं।
इसके प्रमुख कयरण ियहन, गहरे रं ग के फु टपयथ, ब हमंवजलय इमयरतें और एयर कं डीिनर हैं। इनमें से ियतयनुकूलन यंत्र के उपयोग
से एक दुष्चक्र पैदय होने के कयरण यह सियावधक हयवनकयरक है।
ऊष्मय द्वीप के प्रभयि को कु िल िीतलन प्रणयली विकवसत कर, इमयरतों के सयथ पौधयरोपण कर, तथय परयिताक रं गों के प्रयोग से
फु टपयथ की सतह को ठं डय करके कम फकयय जय सकतय है।
5.2.4.2. अं टयका रटकय में बफा वपघलने की तु ल नय में ज्ययदय बफा बन रही है : नयसय
6.1. पयया ि रण प्रभयि आकलन प्रफक्रयय में सं िोधन करने के वलए मसौदय अवधसू च नय
6.2. तटीय विवनयमन क्षे त्र के सन्दभा में िै ले ि नययक सवमवत की ररपोटा
7.3. समर
(SAMAR)
भयरतीय मौसम विज्ञयन विभयग (IMD) ने
एयरोसोल वनगरयनी और अनुसंधयन प्रणयली
(System of Aerosol Monitoring and
Research: SAMAR) की िुरूआत की है,
वजससे देि को ियतयिरण में िययु प्रदूषण के
कयरण ब्लैक कयबान की सयंर्द्तय और जलिययु पर
इसके प्रभयि कय अध्ययन करने में मदद वमलेगी।
यह 16 Aethalometers, 12 Sky
radiometers और 12 Nephelometers
कय नेटिका है।
एरोसोल क्यय हैं?
यह िययु प्रदूषकों कय एक उपसमुच्चय है वजसमें
गैस, धुआाँ और धूलकण हयवनकयरक अनुपयत में
ियवमल होते हैं।
यह ठोस और तरल दोनों हो सकते है, जो पययािरण
दृश्यतय को भी प्रभयवित करते हैं।
यह ियतयिरण में मौजूद विविक्त पदयथा (पयर्टटकु लेट
मैटर) हैं जो अलग प्रणयली के मयध्यम से जलिययु
और थियथ्य दोनों के वलए खतरनयक हैं।
कई अध्ययनों के अनुसयर एयरोसोल पृ्िी की
अवल्बडो में िृवद् कर ग्लोबल ियर्ममग की गंभीरतय
को कम करने में मदद करते हैं।
जलिययु पररितान पर अंतर सरकयरी पैनल
(IPCC) की ररपोटा के अनुसयर जलिययु पर
एयरोसोल प्रभयि के लक्षण और सीमयएाँ अभी
वनवित नह हैं।
(Snowflake Coral)
स्नोफ्लेक कोरल मन्नयर की खयड़ी, कच्छ की खयड़ी तथय अंडमयन और वनकोबयर द्वीप समूह में प्रियल वभवत्तयों के आियस (कोरल
रीफ कयलोवनयों) के वलए एक गंभीर खतरय प्रथतुत कर रहे हैं।
स्नोफ्लेक कोरल, समृद् समुर्द्ी जैि विविधतय में योगदयन देने ियले कोरल, थपंज, िैियल, ascidians आफद प्रजयवतयों को बयहर
करके समुर्द्ी पयररवथथवतकी तंत्र को अवथथर कर सकते हैं।
स्नोफ्लेक कोरल क्यय है?
स्नोफ्लेक कोरल (Carijoa riisei) Clavulariidae पररियर की नरम मूग
ं ों (सॉफ्ट कोरल) की एक प्रजयवत है।
यह प्रजयवत मूल रूप से उष्णकरटबंधीय पविमी अटलयंरटक महयसयगर में पययी जयती है और एक आक्रयमक प्रजयवत के रूप में
अन्य क्षेत्रों में फै ल गयी है।
इसे पहली बयर 1972 में हियई द्वीप की एक आक्रयमक प्रजयवत के रूप में सूवचत फकयय गयय थय, तब से इसकय प्रसयर ऑथरेवलयय,
थयईलैंड, इं डोनेवियय और फफलीप स तक हो गयय है।
इसे आक्रयमक मयनय जयतय है क्योंफक यह अन्य समुर्द्ी जीिों को उनके क्षेत्र से बयहर कर देती है और उस क्षेत्र में अपनय प्रभयि बढ़य
लेती है।
ये कोरल िथतुताः चट्टयनों, पयनी के भीतर की कं क्रीट संरचनयओं तथय जहयजों के अििेष और खम्भों आफद की धयतु और यहयं तक
फक प्लयवथटक से संलि होकर वनियस करने के वलए जयने जयते हैं।
7.5. महयसयगरों में िषा 2050 तक मछवलयों से ज्ययदय प्लयवथटक कय कचरय होने की आिं कय