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15-4-2022 15-4-2022

भी बहुत िैं जच छचटे पन से ब्रह्मिारी रिते िैं । जच िाम बाबा 5 िजार वषम पिले िरिे गये 15-04-2022 प्रात: मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
िैं , सच अब िर रिे िैं । यि मखिर अब टू टें गे कफर भखि मागम में बनेंगे। यि सब बातें धारण “मीठे बच्चे - तुम दे वी दे वता कुल के हो, तुम्हें अब पुजारी से पूज्य बनना है ,
िरने िी िैं । यि अपने साथ बातें िरनी िैं । इसिच ििा जाता िै कविार सागर मोंथन बाप आये हैं तुम सबको भक्ति का फल दे ने''
िरना। भगवानुवाि, तुमिच नर से नारायण बनाता हाँ । मनुष्य िचई भी यि ज्ञान निीों दे
प्रश्न:- दे ह सहहत दे ह के सब सम्बन्धों से बुन्तियधग तधड़ने की सहज हिहध क्या है ?
सिते। इनिी आत्मा भी सुन रिी िै । यि घडी-घडी तुम भूल जाते िच। िछु ए िा, भ्रमरी
िा कमसाल भी तुम्हारे कलए िै । बाप िा पररिय सबिच दे ना िै । किव िी पूजा कबगर उत्तर:- मेरा तध एक हशिबाबा, दू सरा न कधई इस पाठ कध पक्का करध। बाबा कहते बच्चे,
आक्ूपेिन जाने िरना, यि तच िुछ निीों िै । िम भी पूजा िरते थे परन्तु अभी जानते िैं । दे ह और दे ह के सब सम्बन् दु :ख दे ने िाले हैं । तुम मुझे अपना बच्चा बनाओ तध मैं तुम्हारी
किवबाबा िमिच मनुष्य से दे वता बना रिे िैं । बाप ििते िैं तुम िौकडयचों िे कपछाडी माथा इतनी सेिा कर ूँ गा जध 21 जन्म तुम सदा सुखी रहें गे। िाररस बनाओ तध िसाा दू ों गा। साजन
क्चों मारते िच, यि तच सब भस्म िच जाना िै । पचत्रे पचकत्रयााँ िचई भी रिें गे निीों। सब मरने बनाओ तध श्रोंगार कर स्वगा की महारानी बना दू ूँ गा। भाई बनाओ, सखा बनाओ तध साथ में
वाले िैं । तुम िच िल्याणिारी बाप िे बच्े , सबिा िल्याण िरने वाले। अच्छा! खेल कर ूँ गा। मेरे साथ सब सम्बन् जधड़ध तध दे ह के सम्बन्धों से बुन्ति हनकल जायेगी।

मीठे -मीठे कसिीलधे बच्चों प्रकत मात-कपता बापदादा िा याद-प्यार और गुड्माकनिंग। गीत:- हकतना मीठा, हकतना प्यारा हशि भधला भगिान.....
रूिानी बाप िी रूिानी बच्चों िच नमस्ते। ओम् शान्ति। बच्चों ने किसिी मकिमा सुनी? अपने बेिद िे बाप िी। उसिच िी ििा
धारणा के लिए मुख्य सार:- जाता िै किव-बाबा। ब्रह्मा िच भी बाबा ििा जाता िै । प्रजाकपता तच कपता माना िी बाबा।
1) दे ि िा अकभमान छचड बाप समान अिरीरी बनना िै । पुराना िरीर िै , इसे साक्षी िच प्रजाकपता ब्रह्मािुमार और िुमाररयााँ । अभी तुम बैठे िच ना। बरचबर तुम ब्रह्मा िे धमम िे
िलाना िै । श्ी श्ी िी श्ेष्ठ मत पर िल पावन बनना िै । बच्े िच। किवबाबा िी गचद ली िै , ब्रह्मा द्वारा। किवबाबा िच अपना िरीर तच निीों िै । ब्रह्मा,
2) धममराज िी िडी सजाओों से बिने िे कलए अभी से ऐसी अवस्था बनानी िै जच अन्त कवष्णु, िोंिर िच भी अपना िरीर िै । कनरािार परमात्मा िच िचई आिार या सािार िरीर
घडी में एि बाप िे कसवाए िचई भी याद न आये। बुखि ििााँ भी लटिी हुई न िच। निीों िै । उनिच ििा जाता िै परमकपता। प्रजाकपता िच परमकपता निीों ििें गे। परमकपता
माना परे ते परे रिने वाला। तुम आत्मायें भी विााँ िी रिने वाली िच। वि बाप बहुत मीठा
वरदान:- स्व और सेवा के बैलेन्स द्वारा दु आयें लेने और दे ने वाले सदा
िै , इसकलए उनिच यि मकिमा दे ते िैं । त्वमेव माताश्च कपता... ििते िैं पढाने वाला भी आप
सफलतामूतत भव
जैसा िच। भाई भी आप जैसा िच, बाप भी आप जैसा िच। जैसे लौकिि बाप बच्े िच वसाम
जैसे सेिा में बहुत आगे बढ़ रहे हध ऐसे स्वउन्नहत पर भी पूरा अटे न्शन रहे । हजनकध यह दे ते िैं । आजिल िे बच्चों िच वसाम तच कमलता िै , परन्तु वि बाप िी पूरी सेवा भी निीों
बैलेन्स रखना आता है िे सदा दु आयें लेते और दु आयें दे ते हैं । बैलेन्स की प्रान्ति ही है िरते िैं । स्त्री कमली िुछ खिटकपट हुई बस घर अलग िर कदया। तुम अब किवबाबा िच
ब्लैहसोंग। बैलेन्स िाले कध ब्लैहसोंग नहीों हमले - यह हध नहीों सकता। मात-हपता और पररिार अपना बच्ा बनाओ, यि तुम्हारी इतनी सेवा िरे गा जच 21 जन्म तुम बहुत सुिी रिेंगे।
की दु आओों से सदा आगे बढ़ते चलध। यह दु आयें ही पालना हैं । हसर्ा दु आयें लेते चलध और अच्छा बच्े िे बदले अगर बाप भी बनाओ तच भी तुमिच स्वगम में सदा िे कलए सुि दे दें गे।
सबकध दु आयें दे ते चलध तध सहज सर्लतामूता बन जायेंगे। इनिच साजन बनाओ तच तुम्हारा श्रोंगार िर तु मिच स्वगम िी मिारानी बनायेंगे। दे ि सकित
स्लोगन:- गुणमूता बनना और सिा कध गुणमूता बनाना - यही महादान है । दे ि िे सब सम्बन्ध से बुखि तचडच क्चोंकि वि सब तुमिच दु :ि दे ते िैं । िम तुमिच सुि िी
सुि दें गे। दे िच बाबा तुम्हारे सोंग िेलते िैं । समझते िच िम भाई से िेलते िैं। भाई िचने से
भी सुि दे ते िैं । तुमिच कवश्व िा माकलि बनाते िैं । तच सब सम्बन्ध उनिे साथ रि और
सबसे तचडना िै । बस मेरा तच एि किवबाबा.... मैं िल्प-िल्प तुम बच्चों िे सम्मुि आिर
तुमिच सब दु :िचों से छु डाए सदा सुिी बनाता हाँ । ऐसे बाप िे साथ बुखियचग रिना िै और
वि िुद िी आिर ब्राह्मण बन आत्माओों िी सगाई िराते िैं । यि फर्स्म क्लास ब्राह्मण िै ।
तुम्हारे कितने अच्छे नाम रिते िैं । ड्रामा अनुसार तुम्हारे नाम रिने िी पडे क्चोंकि तुमने
एि िुटु म्ब िच छचड, ईश्वर िी गचद ली तच नाम कितने रमणीि पडे । याद भी िरते िैं िे
पकतत-पावन आओ, आिर पावन बनाओ। श्ीिरष्ण िच कितना प्यार िरते िैं । ििते िैं
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श्ीिरष्ण जैसा पकत कमले , बच्ा कमले। समझते भी िैं वि स्वगम िा माकलि िै , कफर भी उनिच अन्त मती सच गकत िच जायेगी। बािी िचई झूठे मोंत्र िाम में निीों आयेंगे। मैं तुमिच
द्वापर में ले गये िैं । यि िै भूल। यि सब भूलचों िच कनवारण िर बाप आिर अभुल बनाते िल्याणिारी मोंत्र दे ता हाँ - बाप और वसे िच याद िरच। बच्ा पैदा हुआ तच उनिच वसाम
िैं । स्वगम में ऐसी भूलें िरते िी निीों। भूल िराने वाली िै माया। विााँ माया िी निीों। लक्ष्मी- कमलना िी िै । तुम जानते िच िम किवबाबा िे थे , स्वगम में राज्य किया कफर िराया। अब
नारायण िा कित्र कदिाए तुम सबिच समझा सिते िच। यिी स्वगम िे मिाराजा मिारानी बाप ििते िैं मुझे याद िरच। मेरा बन जाओ, मेरा बनने से तुमिच कितना फायदा िचता िै ।
थे। ऐसा किसने बनाया? अज्ञान िाल में किसिे पास धन बहुत िचता िै तच पूछा जाता िै गुरू गचसाई आकद सबसे सम्बन्ध तचडच। मैं आत्माओों से बात िरता हाँ , आरगन्स द्वारा। बाबा
यि तुमिच किसने कदया? ििते िैं भगवान ने। बाप िै िी दाता, बाबा िमिच बेिद िा ने भी इसमें प्रवेि किया िै । जैसे ब्राह्मणचों िच खिलाते िैं तच समझते िैं पकत िी आत्मा इसमें
स्वराज्य दे ते िैं । मखिर में पूजने लायि बनाते िैं । बेिद किवालय में राज्य िरिे कफर आई िै । िरीर तच आ न सिे। बाबा िा तच अपना िरीर निीों िै , इसकलए मुझे अिरीरी
भखि मागम में किवालय बनाते िैं , जड कित्रचों िा। उस समय दे वतायें वाम मागम में िले जाते ििते िैं । तुम भी अिरीरी बनच। दे ि िा अोंििार छचड दच। सारा िल्प तुम दे ि-अकभमान
िैं । पकतत मनुष्य िच िभी दे वता निीों िि सिते। अभी तुम जानते िच िम िैं दे वता िुल में रिे , सतयुग में आत्म-अकभमानी थे। कफर दे ि-अकभमानी बनें तच आत्मा िा ज्ञान भी भूल
िे। आपेिी पूज्य, आपेिी पुजारी। अभी कफर बरचबर पुजारी से पूज्य बन रिे िैं । आधािल्प गये। पिले िुिी से िरीर छचडते और लेते थे, तुम्हारा क्ा जाता िै । आत्मा िच अनाकद पाटम
पूज्य रिे और आधा िल्प पुजारी बन जाते िच। मैं तच सदै व पूज्य हाँ । भखि मागम में तुम याद कमला हुआ िै । स्वगम में रचने िा नाम िी निीों। अभी तुम 63 जन्म दु :ि उठाते -उठाते कबल्कुल
िरते िच - मैं तुमिच याद िा फल दे ता हाँ । तुमिच ििता हाँ कनरन्तर मुझे याद िरच तच िी तमचप्रधान बन पडे िच। अब कफर अपने िच आत्मा समझच, बाप िच याद िरच और ििााँ
तुमिच बहुत फल कमलेगा। क्ा तुमिच इस पुरानी दु कनया में रिना अच्छा लगता िै ? मैं सभी भी जायेंगे तच दे िेंगे फलाना सोंन्यासी वेद-िास्त्र सुनाते िैं । यिााँ कनरािार परमात्मा तच िचई
रूपचों में सुि दे ने आया हाँ । वि तच सब तुमिच दु :ि दे ते िैं । अभी मैं तुमिच सुि िा वसाम िास्त्र निीों पढते। वि सब वेदचों िास्त्रचों िा सार सुनाने वाला िै । िास्त्र पढते -पढते तुम
दे ता हाँ । किवबाबा कितना मीठा और कितना प्यारा िै तब तच याद िरते िैं िे किव भचला पकतत बन पडे िच, तब पुिारते िच िे सद्गकत दाता, मुिेश्वर, पाप िटे श्वर आओ। अच्छा बाप
भण्डारी झचली भर दच। तुम जानते िच िम कवश्व िे माकलि बनने िे लायि ििााँ िैं । बाबा आया िै । ििते िैं तुम मेरी मत पर िलच तच ऊोंि पद पायेंगे। यि िै श्ेष्ठ ते श्ेष्ठ मत। बाबा
न-लायि िच लायि बनाते िैं । राजयचग कसिलािर मिाराजा मिारानी बनाते िैं , 21 जन्मचों िै िी श्ी श्ी, जच आिर भ्रष्टािारी से श्ेष्ठािारी बनाते िैं । तुम जानते िच िर एि िच अपना-
िे कलए। किक्षा दे ते िैं ऊोंि पद पािर नाम बाला िरच। बच्चों में नम्बरवार तच िचते िैं ना। अपना पाटम कमला हुआ िै । िक्र कफरता रिता िै । न आत्मा कमटती िै , न उसिा पाटम िी
जच कजतना पढें गे, अच्छे बच्े मााँ बाप िे बहुत आज्ञािारी िचते िैं । तुमिच बेिद िा बाप कमटता िै । यि बना बनाया िेल िै , इनसे िचई भी छूट न सिे। बाप ििते िैं मैं भी पकतत
कमला िै तच उनिा कितना आज्ञािारी बनना िाकिए। बाप िा नाम िी िै िल्याणिारी। िरीर में आिर तुम्हारी सेवा िरता हाँ । मैं तुमिच स्वगम िे सुि दे ता हाँ । तुम कफर कितना
निम िच स्वगम बनाते िैं । तुम स्वगम िे कलए तैयारी िर रिे िच। कजतना तुम श्ीमत पर िलेंगे, िीरे जवािरचों िे मखिर बनाते िच, उसमें िमिच कबठाते िच। अभी जबकि तुमिच कवश्व िा
सबसे ममत्व कमटाना िै । ििते िैं बाबा िैसे कमटायें ? बाबा ििते िैं मुझे टर र्स्ी बना दच, माकलि बनाने आया हाँ तच िचई मुझे जानते िी निीों। फारिती दे दे ते िैं । तुम्हें सबिच बाप
कफर राय लेते रिच इस िालत में क्ा िरना िै ! बाबा ििते िैं छचडना तच सोंन्याकसयचों जैसा िा पररिय दे ना िै । तच बाबा िैसे स्वगम िी स्थापना िरते िैं , कितनी सिज बात िै । माया
िच जायेगा। घरबार िा सोंन्यास निीों िरना िै । सोंन्यास पुरानी दु कनया िा िराते िैं । वि आयेगी, तुम्हारा िाम िै माया िच भगाना। जच किवबाबा िे कसवाए और िचई िी याद न
घरबार छचड दे ते िैं , बडा नुिसान िर दे ते िैं । कफर भी पकवत्र रिते िैं तच िुछ मदद िरते पडे । एि घडी, आधी घडी... याद िरने िी भी प्रैखिस िरच। कफर आखिर अन्त मती सच
िैं । बािी ऐसे निीों कि गुरू बन किसिी गकत सद्गकत िर सिते। पकवत्र बनाते िैं सच भी गकत िच जायेगी। अगर बुखि ििााँ भी लटिी हुई िचगी तच सजायें िूब िायेंगे। जैसे िािी
कसफम पुरुषचों िच। बाबा तच दचनचों िच नोंगन िचने से बिाते िैं । बाबा किक्षा दे ते िैं , अगर तुम िलवट िाते िैं , उनिच जीवघात ििा जाता िै । आत्मा अपने जीव िा घात िरती िै ।
पकवत्र बनिर कदिायेंगे तच पकवत्र दु कनया िे माकलि बनेंगे। स्वगम में सब सुिी िचते िैं । अच्छी बािी आत्मा िा घात िचता निीों। वि तच अमर िै । यि सब धारण िर बाप िी याद में
तरि पुरुषाथम िरें गे, इनिच अपना बच्ा बनायेंगे तच वसाम दें गे। जच कजतना वसाम दे ते उतना रिना िै , सबसे ममत्व कमटाना िै । यि पुराना िरीर िै , साक्षी िचिर रिना पडता िै । अब
कफर िम भी ररटनम में दें गे। परन्तु स्वगम में दें गे, यिााँ निीों। मुझे जच तुम दे ते िच वि भी तुम वाकपस जाना िै । यिााँ िचई मजा निीों िै । अथमक्वेि में सब मर जायेंगे। मरने िे पिले अपनी
बच्चों िे िाम में लगाता हाँ । मैं कवश्व िा माकलि निीों बनता हाँ , तुम बनते िच। तुम्हारे कलए अवस्था अच्छी बनानी िै ।
िी यि मिान आकद िैं । यि प्रदिमनी िै । वि भी तुम बच्चों िी सकवमस िै कफर से तुमिच तुम सब किव िखियाों िच। मेल फीमेल दचनचों मेिनत िरते िैं , किवबाबा से िखि
स्वगम िा माकलि बनाता हाँ । कजतना िािे उतना मेरे से ले लच। मुझे वाररस बनाओ या न लेने िी। माताओों िा मान जास्ती िै । तुम सब िन्यायें िच। ब्रह्मािुमारी तच िन्यायें भी िैं ,
बनाओ। अपने बच्चों से िी सुिी रिच। बािी पकवत्र रिच और एि बाप िच याद िरच तच अधरिुमाररयाों भी िैं । वि कनकवमिारी रिती िैं । वि भीष्मकपतामि आकद गाये हुए िैं । ऐसे
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