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 विशे ष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का ते ल खाना और लगाना निषिद्ध है ।(ब्रह्मवै वर्त पु राण,

ब्रह्म खं डः 27.29-38)
 विशे ष - वट सावित्री व्रत ज्ये ष्ठ मास में तीन प्रकार से रखा जाता है -

ज्ये ष्ठ शु क्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक अथवा

कृष्ण त्रयोदशी से अमावस्या तक तीनों दिन अथवा

मात्र अं तिम दिन ( पूर्णिमा (24.6.2021) या अमावस्या पर) उपवास रखा जाता है ।

 वट सावित्री व्रत किनको करना चाहिए ?

यह कल्याणकारक व्रत विधवा, सधवा, बालिका, वृ द्धा, सपु तर् ा, अपु तर् ा सभी स्त्रियों को करना चाहिए
ऐसा ‘स्कंद पु राण’ में आता है ।

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