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His Notes Hindi PDF
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इ तहास नोट् स
यूपी परी ा के लए
प्राचीन इ�तहास
इ�तहास को तीन भाग� म� बांटा गया है :-
• पुरापाषाण काल / पुराना पाषाण युग (500000 ईसा पूवर् - 10000 ईसा पूव)र्
- परु ापाषाण शब्द जॉन लब
ु ॉक द्वारा गढ़ा गया था।
-पव
ू -र् ऐ�तहा�सक परु ातत्व के जनक - रॉबटर् ब्रस
ू ने अ��रम्पक्कम (त�मलनाडु) से परु ापाषाण
काल के औजार� क� खोज क� गई)।
स्थल �वशेषताएं
1. हड़प्पा - ऋग्वेद म� , हड़प्पा को रावी नद�, पंजाब,
(1921 म� दया राम साहनी द्वारा उत्खनन पा�कस्तान के पास िस्थत ह�रयिम्पया
�कया गया था) नामक एक युद्ध स्थल के रूप म� उल्लेख
�कया है ।
- �वशाल अन्न भंडार, नग्न लाल पत्थर क�
मू�तर्, स्वािस्तक का प्रतीक, एकल क�
बैरक।
2. मोहनजोदड़ो (1922- आर.डी.बनज�) - मोहनजोदड़ो का अथर् है
'मत
ृ क� का पहाड़'
इितहास िन: शु� ई- पु�क
B. लकड़ी
C. पत्थर
D. कांस्य
4. सरु कोटदा का परु ाताित्वक स्थल �कस राज्य म� िस्थत है ? (एसएससी सीपीओ, 2019)
A. कनार्टक
B. ह�रयाणा
C. राजस्थान
D. गुजरात
6. �नम्न�ल�खत म� से कौन �संधु घाट� सभ्यता का बंदरगाह स्थल था? (एसएससी सीजीएल,
2019)
A. काल�बंगा
B. लोथल
C. राखीगढ़�
D. धोलावीरा
8. �संधु घाट� सभ्यता के लोग पूजा करते थे? (एसएससी सीजीएल, 2016)
A. �वष्णु
इितहास िन: शु� ई- पु�क
B. पशुप�त
C. इंद्र
D. ब्रह्मा
1. D . धोलावीरा
2. B. र�व
3. C. पत्थर
4. D. गुजरात
5. B. बुजह
र् ोम
6. B. लोथल
7. A. तांबा
8. B. पशप
ु �त
9. A. A4, B1, C3, D2
10. C. सुरकोटदा
इितहास िन: शु� ई- पु�क
- यह 3400 ईसा पूवर् के आसपास आ�वष्कार क� गई, लेखन क� पहल� उ�चत प्रणाल� है ।
-इस िस्क्रप्ट को हे नर� रॉ�लन्सन ने समझा था।
- यह एक क�लाकार �ल�प है ।
- यह क्ले टे बलेट पर पाया जाता है ।
�संधु घाट� सभ्यता के रूप म� भी जाना जाता है ; यह �संधु नद� के तट पर �वक�सत हुआ ।
अ�धक जानकार� के �लए दे ख�:- https://download.oliveboard.in/pdf/Ancient- History-
For-SSC-2020.pdf
चीनी सभ्यता को पील� नद� या ह्वांग-हो सभ्यता के रूप म� भी जाना जाता है और सबसे
प्राचीन चीनी सभ्यता को शांग सभ्यता के रूप म� जाना जाता है ।
चीनी सभ्यता �ल�प:- �चत्रात्मक �ल�प।
इितहास िन: शु� ई- पु�क
चीन क� महान द�वार (�चन राजवंश द्वारा �न�मर्त) चीनी सभ्यता क� उत्कृष्ट वास्तु कला
है ।
चीनी सभ्यता पहल� ऐसी सभ्यता थी िजसम� प्र�तयोगी पर��ाओं (हं स राजवंश द्वारा शरू
ु क�
गई) के आधार पर सावर्ज�नक अ�धका�रय� के चयन क� प्रणाल� थी।
मख्
ु य चीनी आ�वष्कार:- पेपर, �सस्मोग्राफ, गन पाउडर, अबेकस, अम्ब्रेला।
संबं�धत तथ्य
चीन के हे रोडोटस - सुमेन �चएन।
चीन के धमर् - कन्फ्यूशीवाद (कन्फ्यू�शयस क� �श�ाएं- महावीर और बुद्ध के समकाल�न);
ताओवाद (लाओ त्ज़ू क� �श�ाएँ)
यन
ू ानी सभ्यता (800 ईसा पव
ू )र्
संबं�धत तथ्य
यन
ू ानी त्रासद� के जनक:- एिस्चलस (उनका कायर् - प्रोमे�थयस बाउं ड)। यन
ू ानी कॉमेडी के
मास्टर:- अ�रस्टोफेन्स।
यन
ू ानी पज
ू ा: - अपोलो (सय
ू र् दे वता), ज़ीउस (आकाश के दे वता), पोसाइडन (समद्र
ु के
दे वता), अथीना (जीत और कला क� दे वी), डायोनाइसस (शराब के दे वता)।
यूना�नय� ने माउं ट ओलंपस को प�वत्र पवर्त माना।
अन्य सभ्यताएं
अमे�रक� सभ्यता
अभ्यास प्रश्न
1. �नम्न�ल�खत म� से कौन सी �ल�प �मस्र क� सभ्यता से संबं�धत है ?
A. �चत्र�ल�प
B. क्य�ू नफामर् �ल�प
C. �चत्रात्मक �ल�प
D. आरमेइक �ल�प
इितहास िन: शु� ई- पु�क
4. "म� आया, म�ने दे खा, म�ने जीत �लया" - प्र�सद्ध उद्धरण �कससे संबं�धत है ?
A. �सकंदर
B. डे�रयस
C. जु�लयस सीसर
D. सक
ु रात
5. �नम्न�ल�खत म� से प्र�सद्ध यन
ू ानी खगोल�वद कौन है ?
A. �हप्पोक्रेट्स
B. पे�रकल्स
C. ल्यूक्रे�टयस
D. एरे टोस्थेनेज
Solutions
1. a) �चत्र�ल�प �ल�प
2. b) अमे�रक� सभ्यता
3. c) इटल�
4. d) जू�लयस सीजर
5. e) एराटोस्थनीज
इितहास िन: शु� ई- पु�क
फ़्रांसीसी व्यापार के उद्दे श्य से भारत आने वाले अं�तम यूरोपीय थे।
हालाँ�क �ब्र�टश और फ्रांसीसी व्यापा�रक उद्दे श्य� के �लए भारत आए थे, ले�कन वे अंततः
भारत क� राजनी�त म� आ गए। दोन� के मन म� इस �ेत्र पर राजनी�तक स�ा स्था�पत करने
के सपने थे। भारत म� एंग्लो-फ्रांसीसी प्र�तद्वंद्�वता उनके परू े इ�तहास म� इंग्ल�ड और फ्रांस
क� पारं प�रक प्र�तद्वंद्�वता को दशार्ती है ।
आंग्ल-फ्रांसीसी युद्ध:
प्लासी क� लड़ाई:
प्लासी क� लड़ाई (23 जून, 1757) को आमतौर पर �नणार्यक घटना के रूप म� माना जाता
है िजसको भारत पर अं�तम �ब्र�टश शासन माना जाता है ।
प्लासी क� लड़ाई लड़ाई लड़ने से पहले ह� �नधार्�रत हो गई थी। नवाब के अ�धका�रय� क�
सािजश के कारण, �सराजुद्दौला क� मजबूत सेना को मुट्ठ� भर क्लाइव क� सेना ने हरा
�दया।
इितहास िन: शु� ई- पु�क
बक्सर का युद्ध :
मीर का�सम, अवध के नवाब और शाह आलम द्�वतीय क� संयक्
ु त सेनाओं को 22 अक्टूबर,
1764 को बक्सर म� मेजर हे क्टर मन
ु रो के नेतत्ृ व म� अंग्रेजी सेना ने लड़ाई म� हराया था।
इस लड़ाई का महत्वपण
ू र् तथ्य यह था �क न केवल बंगाल के नवाब बिल्क भारत के मग
ु ल
सम्राट भी अंग्रेज� से हार गए थे।
बक्सर के यद्
ु ध के बाद अगस्त 1765 म� रॉबटर् क्लाइव द्वारा इलाहाबाद क� सं�ध संपन्न
हुई ।
पंजाब क� �वजय
• अमत ृ सर क� सं�ध (1809) महाराजा रणजीत �संह और अंग्रेज� के बीच हुई थी।
• प्रथम आंग्ल-�सक्ख यद्
ु ध (1845-46)
• दस
ू रा आंग्ल-�सख युद्ध (1848-49)
सेना क� स्थायी तैनाती को स्वीकार करने और इसके रखरखाव के �लए सिब्सडी का भुगतान
करने के �लए मजबरू �कया गया था।
व्यपगत का �सद्धांत
�सद्धांत म� कहा गया है �क द�क पत्र
ु अपने पालक �पता क� �नजी संप�� का उ�रा�धकार�
हो सकता है , ले�कन का राज्य नह�ं। हालां�क इस नी�त का श्रेय लॉडर् डलहौजी को �दया जाता
है , ले�कन वे इसके प्रवतर्क नह�ं थे। डलहौजी ने गवनर्र-जनरल के रूप म� अपने आठ साल के
कायर्काल (1848-56) के दौरान आठ राज्य� पर कब्जा कर �लया।
पाइका �वद्रोह
यह 1817 म� ओ�डशा म� �ब्र�टश ईस्ट इं�डया कंपनी के शासन के �खलाफ एक सशस्त्र �वद्रोह
था।
1857 का �वद्रोह
10 मई, 1857 को मेरठ म� �वद्रोह शुरू हुआ।
20 �सतंबर, 1857 को अंग्रेज� ने �दल्ल� पर कब्जा कर �लया।
�वद्रोह का प्रभाव
महारानी क� घोषणा के साथ सम्राट ने अ�धकार प्राप्त कर �लया और कंपनी के शासन को
समाप्त कर �दया गया।
बंगाल का �वभाजन
यह औपचा�रक रूप से जल
ु ाई 1905 म� घो�षत �कया गया था और अक्टूबर 1905 म� लागू
हुआ। 1911 म� बंगाल के �वभाजन को रद्द करने का �नणर्य �लया गया।
इितहास िन: शु� ई- पु�क
गांधी जी का उदय
गांधी जी जनवर� 1915 म� भारत लौट आए। 1917 और 1918 के दौरान, गांधी जी तीन
संघष� म� शा�मल थे- चंपारण, अहमदाबाद और खेड़ा।
चंपारण सत्याग्रह (1917) - पहला स�वनय अव�ा
अहमदाबाद �मल हड़ताल (1918) - पहला भूख हड़ताल
खेड़ा सत्याग्रह (1918) - पहला असहयोग
रॉलेट एक्ट
रोलेट एक्ट को माचर् 1919 म� पा�रत �कया गया। इस अ�ध�नयम ने राजनी�तक कायर्कतार्ओं
को �बना जूर� के मुकदमा चलाने या �बना मुकदमे के जेल जाने क� अनुम�त द�।
साइमन कमीशन
1928 म� आगे संवैधा�नक उन्न�त क� संभावना तलाशने के �लए आया था।
भारतीय� द्वारा ब�हष्कार �कया गया क्य��क आयोग म� �कसी भारतीय का प्र�त�न�धत्व नह�ं
�कया गया था।
भारत के महत्वपण
ू र् राज्यवार ऐ�तहा�सक स्मारक� क� सच
ू ी
अंडमान और �नकोबार द्वीप समह
ू
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
इितहास िन: शु� ई- पु�क
सेलल
ु र जेल पोटर् ब्लेयर अंग्रेज� द्वारा द्वीपसमह
ू म�
कै�दय� को �नवार्�सत करने
के �लए इस्तेमाल क� जाने
वाल� एक औप�नवे�शक जेल
आंध्र प्रदे श
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
व�कटे श्वर मं�दर �तरुमाला �वष्णु के अवतार भगवान
व� कटे श्वर को सम�पर्त मं�दर।
असम
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
कामाख्या मं�दर गुवाहाट� दे वी कामाख्या को सम�पर्त
एक �हंद ू मं�दर
�बहार
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
नालंदा �बहार शर�फ मगध राज्य म� एक बौद्ध
मठ।
गोआ
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
बे�स�लका ऑफ़ बॉम जीसस बे�ग�न�नम पुराने गोवा म� चचर् है िजसम�
स�ट फ्रां�सस जे�वयर के
नश्वर अवशेष ह�।
स�ट केथेड्रल चचर् वेल्हा स�ट कैथर�न को सम�पर्त
चचर्, िजसे �कंग डोम
सेबेिस्टयाओ के शासनकाल
के दौरान बनाया गया था।
गज
ु रात
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
रानी क� वाव पाटन मारू-गुजरर् ा स्थापत्य शैल� म�
�न�मर्त एक सीढ़�दार कु
इितहास िन: शु� ई- पु�क
कनार्टक
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
गोल गुम्बज़ बीजापुर बीजापुर के सुल्तान,
मोहम्मद आ�दल शाह क�
समा�ध।
गोम्मटे श्वर प्र�तमा श्रवणबेलगोला भगवान बाहुबल� को सम�पर्त
एक �वशालकाय मू�तर्।
हलेबीडु हसन 12 और 13वीं शताब्द� के
दौरान होयसल साम्राज्य क�
राजधानी।
हम्पी स्मारक हम्पी महत्वपण
ू र् धा�मर्क क�द्र, जो
कभी �वजयनगर साम्राज्य
का पद था।
होयसला मं�दर होयसला होयसल साम्राज्य द्वारा
�न�मर्त मं�दर।
मैसूर पैलेस मैसूर वोडेयार का �नवास (मैसरू
का शाह� प�रवार) और एक
लोक�प्रय पयर्टक आकषर्ण।
पट्टडकल स्मारक समूह पट्टकल �हंद ू मं�दर� का समूह और
चालुक्य वंश के दौरान
�न�मर्त एक जैन अभयारण्य।
मध्य प्रदे श
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
भीमबेटका पाषाण आश्रय रायसेन मेसो�ल�थक काल के �चत्र�
के साथ पाषाण आश्रय
समूह।
ग्वा�लयर का �कला ग्वा�लयर मान �संह तोमर द्वारा 8वीं
शताब्द� म� बनवाया गया
�कला।
इितहास िन: शु� ई- पु�क
महाराष्ट्र
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
अजंता क� गुफाएं औरं गाबाद चट्टान� को काटकर बनाए
गए बौद्ध स्मारक, जो �भ��
�चत्र� के �लए मशहूर ह�.
भारतीय कला का एक
उदाहरण।
छत्रप�त �शवाजी ट�मर्नस मुंबई भारतीय मध्य रे लवे का
मुख्यालय, 1887 म� बनाया
गया।
एल�फ�टा गुफाएं मुंबई एल�फ�टा द्वीप पर ज�टल
रूप से तराशी गई गुफाएं।
एलोरा क� गुफाएं मराठवाड़ा 600 से 1000 ईस्वी पूवर् के
कलात्मक मठ और मं�दर।
गेटवे ऑफ इं�डया मुंबई 20 वीं शताब्द� म� �कंग
जॉजर् पंचम और क्वीन मैर�
के आने के उपल�य म�
बनाया गया।
नई �दल्ल�
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
अ�रधाम: नोएडा मोड़ �हंद ू मं�दर और भगवान
स्वामीनारायण को सम�पर्त
एक अनूठा सांस्कृ�तक
प�रसर।
हुमायूँ का मकबरा पूवर् �नजामुद्द�न मुगल बादशाह हुमायूं का
मकबरा। 1560 म� सम्राट
इितहास िन: शु� ई- पु�क
पंजाब
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
स्वणर् मं�दर अमत
ृ सर �सख� का सबसे प�वत्र
धा�मर्क स्थल।
राजस्थान
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
अंबर �कला (उफर् आमेर जयपुर राजा मान �संह द्वारा
�कला) �न�मर्त, सम्राट अकबर के
पहले जनरल� म� से एक थे।
�च�ौड़ का �कला �च�ौड़गढ़ भारत के सबसे बड़े �कल� म�
से एक, जो कभी मेवाड़ क�
राजधानी थी।
�दलवाड़ा मं�दर माउं ट आबू 11वीं और 13वीं शताब्द� के
दौरान �न�मर्त जैन मं�दर।
अपने �नमार्ण म� संगमरमर
के शानदार उपयोग के �लए
जाना जाता है ।
हवा महल जयपुर �खड़�कय� और बालकनी
स्क्र�न है िजसम� बहार का
कोई व्यिक्त अंदर नह�ं दे ख
सकता ह� इससे ऊंची द�वार
से शाह� म�हलाय� सड़क
त्योहार� का आनंद ले
सकती है ।
जैसलमेर का �कला जैसलमेर रे त के पत्थर� से बना
राजस्थान का दस
ू रा सबसे
परु ाना �कला।
जंतर मंतर जयपुर सवाई जय �संह द्वारा
�न�मर्त �नवास खगोल�य
यंत्र। इसम� द�ु नया का सबसे
बड़ी स्टोन धूप घड़ी भी है ।
लेक पैलेस उदयपुर 1740 के दौरान महाराजा
जगत �संह द्�वतीय के तहत
इितहास िन: शु� ई- पु�क
त�मलनाडु
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
ऐरावतेश्वर मं�दर दारासुरम भगवान �शव को सम�पर्त
यह मं�दर 12वीं शताब्द� म�
राजराजा चोल द्�वतीय
द्वारा बनवाया गया था।
बह
ृ दे श्वर मं�दर तंजावुर� द्र�वड़ वास्तक
ु ला का
बेहतर�न उदाहरण और
भारत के सबसे बड़े मं�दर�
म� से एक है ।
गंगैकोण्ड चोलपुरम मं�दर अ�रयालुर राज�द्र चोल द्वारा �न�मर्त।
द��ण भारत म� सबसे बड़ा
�शव�लंग होने के �लए
प्र�सद्ध है ।
महाबल�पुरम स्मारक समूह महाबल�पुरम पल्लव काल के स्थल,
िजनम� कई गुफा मं�दर ह�
जो अपनी स्थापत्य भव्यता
के �लए जाने जाते है ।
मीना�ी अम्मन मं�दर मदरु ै पावर्ती और �शव को
सम�पर्त मं�दर। शहर म�
सबसे अ�धक दे खा जाने
वाला पयर्टक आकषर्ण है ।
इितहास िन: शु� ई- पु�क
तेलंगाना
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
चारमीनार है दराबाद भारत के सबसे मान्यता
प्राप्त स्मारक� म� से एक है ।
है दराबाद का एक वैिश्वक
प्रतीक माना जाता है ।
गोलकंु डा है दराबाद 16 वीं और 17 वीं शताब्द�
म� कुतुब शाह� राजाओं द्वारा
शा�सत भारत के सबसे
शानदार �कले म� से एक है ।
फलकनुमा महल है दराबाद है दराबाद के तत्काल�न प्रधान
मंत्री �वकार-उल-उमरा द्वारा
�न�मर्त, बाद म� ताज होटल
द्वारा एक लक्जर� होटल म�
पुन�नर्�मर्त �कया गया।
उ�र प्रदे श
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
आगरा का �कला आगरा 1638 तक मुगल सम्राट� का
�नवास ।
अकबर का �कला �सकंदरा मुगल बादशाह अकबर का
मकबरा।
फतेहपुर सीकर� आगरा ज�टल वास्तुकला वाला शहर
जो जैन, �हंद ू और फारसी
तत्व� को एक�कृत करता है ।
ताज मह आगरा शाहजहाँ ने अपनी पत्नी
मम
ु ताज महल क� याद म�
बनवाया था।
पिश्चम बंगाल
स्मारक का नाम स्थान �रमाकर्
�वक्टो�रया मेमो�रयल कोलकाता महारानी �वक्टो�रया क�
स्म�ृ त को सम�पर्त।
इितहास िन: शु� ई- पु�क
प्राचीन पस्
ु तक� का नाम लेखक
अमरकोष अमर�संह:
प्रश्नो�मर्�लका अमोघवषर्
सूयर् �सद्धांत और आयर्भट्ट आयर्भट्ट
बद्
ु धच�रत अश्वघोष
सुंदरानंद अश्वघोष
वज्रसु�च अश्वघोष
हषर् च�रत बाणभट्ट
कादम्बर� बाणभट्ट
नाट्य शास्त्र भरत
स्वपनवासद�म भास
ल�लावती भास्कर द्�वतीय
�सद्धांत �शरोम�ण [4 भाग - ल�लावती, भास्कराचायर्
बीजग�णत, गह
ृ ग�णता और गोला (खगोल
�व�ान पर)
रावण वधा भट्�टन
उ�रामा-च�रत भवभू�त
मालती माधव भवभू�त
सरस्वती कंथाभरण भोज:
�वक्रमानाकदे व च�रत्र �बलहाना
कणर्सुंदर� �बलहाना
भोज प्रबंध: �बलाल
ब्रह्म�सद्धांत; खंडख्या ब्रह्मगुप्त:
पथ्
ृ वीराज रासो चांद बरदाई
चरक सं�हता चरक
दसकुमारच�रत दण्डी
पाश्वर्नाथच�रत (जैन कथा) दे वभद्र:
दशरूपा धनंजय
गाथासप्तशती हाला
रत्नावल� हषर्वधर्न:
नागानंद हषर्वधर्न
�प्रयद�शर्का हषर्वधर्न
द्वैश्राय महाकाव्य - हे मचन्द्र
सप्त साधना ह्वेन त्सांगो
तुज़क-ए-जहाँगीर जहांगीर
गीत गो�वंदा जयदे व
प्रसन्ना राघव जयदे व
पथ्
ृ वीराज �वजय जयंका
कुमारपालच�रत जय�संह
राजतरं �गणी कल्हन
माल�वकािग्न�मत्रम का�लदास
कुमार संभव का�लदास
मेघदत
ू का�लदास
माल�वकािग्न�मत्रम ् का�लदास
रघव
ु ंश: का�लदास
अ�भ�ान शकंु तलम का�लदास
�वक्रमोवर्शी का�लदास
�न�तसार कामंदक�य
अथर्शास्त्र कौ�टल्य:
राजमर�गंका (खगोल �व�ान पर) राजा भोज
अमुक्तमलयदा कृष्ण दे व राय
हम्मीरकव्य न्यायचंद्र
नवासंकच�रत पद्मगुप्त
अष्टाध्यायी पा�णनी
महाभाष्य: पतंज�ल
कमुरामंजर� राजशेखर
बाला रामायण राजशेखर
मच्
ृ छक�टकम ् शूद्रक
सश्र
ु त ु सं�हता (सजर्र� पर �वश्वकोश) सश्र
ु त ु :
�च�कत्सा क�लका या योगमाला �तसता - वागभट्ट का
पुत्र
अष्टांग-संग्रह वागभट्ट
अष्टांग-हृदय-सं�हता वागभट्ट
गुडवाहो वाक्प�त
पंच�सद्धां�तका वराह�म�हर
सूय�र् सद्धांत: वराह�म�हर
बह
ृ तसं�हता वराह�म�हर
आ�दनाथच�रत (जैन कथा) वधर्मान
पंच�सद्धां�तका वराह�म�हर
बह
ृ त सं�हता वराह�म�हर
कामसूत्र वात्स्यायन
�मता�रा �वजननेश्वर:
इितहास िन: शु� ई- पु�क
नवरत्न �वरसेन
हर�केल� नाटक �वशालदे व
मुद्रा रा�स: �वशाखा द�ा
दे वीचंद्रगुप्तम �वशाखा द�ा
पंचतंत्र �वष्णु शमार्
मग
ु ल सम्राट शाह आलम क�
संयक्
ु त सेनाएँ
प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध 1766–1769 �ब्र�टश और मैसूर (है दर
अल�) �ब्र�टश और मराठा
प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध 1775-1782 �ब्र�टश और मैसूर (है दर
अल�)
दस
ू रा आंग्ल-मैसूर युद्ध 1780–1784 �ब्र�टश और मैसूर (ट�पू
सुल्तान)
तीसरा आंग्ल-मैसूर युद्ध 1789–1792 �ब्र�टश और मैसूर (ट�पू
सुल्तान)
चौथा आंग्ल-मैसरू यद्
ु ध 1798–1799 �ब्र�टश और मराठा
दस
ू रा आंग्ल-मराठा युद्ध 1803–1805 मराठा साम्राज्य और मग
ु ल
साम्राज्य
आंग्ल-गोरखा युद्ध 1764 �ब्र�टश और गोरखा
तीसरा आंग्ल-मराठा युद्ध 1814–1816 �ब्र�टश और मराठा
प्रथम आंग्ल-�सक्ख युद्ध 1817–1818 �ब्र�टश और �सख
दस
ू रा आंग्ल-�सख युद्ध 1845-1846 �ब्र�टश और �सख
1857 का भारतीय 1848-1849 �ब्र�टश सै�नक और भारतीय
�वद्रोह/स्वतंत्रता का प्रथम �सपाह�
यद्
ु ध
स्वतंत्रता संग्राम/भारत- 1857 भारत और पा�कस्तान
पा�कस्तान युद्ध
चीन-भारतीय युद्ध 1947 भारत और चीन
भारत-पा�कस्तान युद्ध 1962 भारत और पा�कस्तान
कार�गल युद्ध 1965 भारत और पा�कस्तान
आंग्ल-गोरखा यद्
ु ध 1999 �ब्र�टश और गोरखा
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