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ी संतान गोपाल तो

ीशं कमलप ा ं दे वक न दनं ह रम् ।


सुतसं ा तये कृ णं नमा म मधुसूदनम् ॥१॥
नमा यहं वासुदेवं सुतसं ा तये ह रम् ।
यशोदाङ् कगतं बालं गोपालं न दन दनम् ॥२॥
अ माकं पु लाभाय गो व दं मु नव दतम् ।
नमा यहं वासुदेवं दे वक न दनं सदा ॥३॥
गोपालं ड कं व दे कमलाप तम युतम् ।
पु सं ा तये कृ णं नमा म य पु वम् ॥४॥
पु कामे फलदं क ा ं कमलाप तम् ।
दे वक न दनं व दे सुतस ा तये मम ॥५॥
प ापते प ने े प नाभ जनादन ।
दे ह मे तनयं ीश वासुदेव जग पते ॥६॥
यशोदाङ् कगतं बालं गो व दं मु नव दतम् ।
अ माकं पु लाभाय नमा म ीशम युतम् ॥७॥
ीपते दे वदे वेश द ना तहरणा युत ।
गो व द मे सुतं दे ह नमा म वां जनादन ॥८॥
भ कामद गो व द भ ं र शुभ द ।
दे ह मे तनयं कृ ण मणीव लभ भो ॥९॥
मणीनाथ सवश दे ह मे तनयं सदा ।
भ म दार प ा वामहं शरणं गतः ॥१०॥
दे वक सुत गो व द वासुदेव जग पते ।
दे ह मे तनयं कृ ण वामहं शरणं गतः ॥११॥
वासुदेव जग ीपते पु षो म ।
दे ह मे तनयं कृ ण वामहं शरणं गतः ॥१२॥
क ा कमलानाथ परका णको म ।
दे ह मे तनयं कृ ण वामहं शरणं गतः ॥१३॥
ल मीपते प नाभ मुकु द मु नव दत ।
दे ह मे तनयं कृ ण वामहं शरणं गतः ॥१४॥
कायकारण पाय वासुदेवाय ते सदा ।
नमा म पु लाभाथ सुखदाय बुधाय ते ॥१५॥
राजीवने ीराम रावणारे हरे कवे ।
तु यं नमा म दे वेश तनयं दे ह मे हरे ॥१६॥
अ माकं पु लाभाय भजा म वां जग पते ।
दे ह मे तनयं कृ ण वासुदेव रमापते ॥१७॥
ीमा ननीमानचोर गोपीव ापहारक ।
दे ह मे तनयं कृ ण वासुदेव जग पते ॥१८॥
अ माकं पु सं ा त कु व य न दन ।
रमापते वासुदेव मुकु द मु नव दत ॥१९॥
वासुदेव सुतं दे ह तनयं दे ह माधव ।
पु ं मे दे ह ीकृ ण व सं दे ह महा भो॥२०॥
ड कं दे ह ीकृ ण आ मजं दे ह राघव ।
भ म दार मे दे ह तनयं न दन दन ॥२१॥
न दनं दे ह मे कृ ण वासुदेव जग पते ।
कमलनाथ गो व द मुकु द मु नव दत ॥२२॥
अ यथा शरणं ना त वमेव शरणं मम ।
सुतं दे ह यं दे ह यं पु ं दे ह मे ॥२३॥
यशोदा त यपान ं पब तं य न दनं ।
व दे ऽहं पु लाभाथ क पला ं ह र सदा ॥२४॥
न दन दन दे वेश न दनं दे ह मे भो ।
रमापते वासुदेव यं पु ं जग पते ॥२५॥
पु ं यं यं पु ं पु ं मे दे ह माधव ।
अ माकं द नवा य य अवधारय ीपते ॥२६॥
गोपाल ड गो व द वासुदेव रमापते ।
अ माकं ड कं दे ह यं दे ह जग पते ॥२७॥
म ा छतफलं दे ह दे वक न दना युत ।
मम पु ा थतं ध यं कु व य न दन ॥२८॥
याचेऽहं वां यं पु ं दे ह मे पु संपदम्।
भ च तामणे राम क पवृ महा भो ॥२९॥
आ मजं न दनं पु ं कुमारं ड कं सुतम् ।
अभकं तनयं दे ह सदा मे रघुन दन ॥३०॥
व दे स तानगोपालं माधवं भ कामदम् ।
अ माकं पु सं ा यै सदा गो व दम युतम् ॥३१॥
ॐकारयु ं गोपालं ीयु ं य न दनम् ।
ल यु ं दे वक पु ं नमा म य नायकम् ॥३२॥
वासुदेव मुकु दे श गो व द माधवा युत ।
दे ह मे तनयं कृ ण रमानाथ महा भो ॥३३॥
राजीवने गो व द क पला हरे भो ।
सम तका यवरद दे ह मे तनयं सदा ॥३४॥
अ जप नभं प वृ द प जग पते ।
दे ह मे वरस पु ं रमानायक माधव ॥३५॥
न दपाल धरापाल गो व द य न दन ।
दे ह मे तनयं कृ ण मणीव लभ भो ॥३६॥
दासम दार गो व द मुकु द माधवा युत ।
गोपाल पु डरीका दे ह मे तनयं यम् ॥३७॥
य नायक प ेश न दगोपवधूसुत ।
दे ह मे तनयं कृ ण ीधर ाणनायक ॥३८॥
अ माकं वा छतं दे ह दे ह पु ं रमापते ।
भगवन् कृ ण सवश वासुदेव जग पते ॥३९॥
रमा दयसंभारस यभामामनः य ।
दे ह मे तनयं कृ ण मणीव लभ भो ॥४०॥
च सूया गो व द पु डरीका माधव ।
अ माकं भा यस पु ं दे ह दे व जग पते ॥४१॥
का य प प ा प नाभसम चत ।
दे ह मे तनयं कृ ण दे वक न दन दन ॥४२॥
दे वक सुत ीनाथ वासुदेव जग पते ।
सम तकामफलद दे ह मे तनयं सदा ॥४३॥
भ म दार ग ीर शङ् करा युत माधव ।
दे ह मे तनयं गोपबालव सल ीपते ॥४४॥
ीपते वासुदेवेश दे वक यन दन ।
भ म दार मे दे ह तनयं जगतां भो॥४५॥
जग ाथ रमानाथ भू मनाथ दया नधे ।
वासुदेवेश सवश दे ह मे तनयं भो ॥४६॥
ीनाथ कमलप ा वासुदेव जग पते ।
दे ह मे तनयं कृ ण वामहं शरणं गतः ॥४७॥
दासम दार गो व द भ च तामणे भो ।
दे ह मे तनयं कृ ण वामहं शरणं गतः ॥४८॥
गो व द पु डरीका रमानाथ महा भो ।
दे ह मे तनयं कृ ण वामहं शरणं गतः ॥४९॥
ीनाथ कमलप ा गो व द मधुसूदन ।
म पु फल स थ भजा म वां जनादन ॥५०॥

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