Bible Message

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बाइबल 

बताती है की परमे श्वर का वचन यूहना रचित सु समाचार की


पु स्तक उसके 15 वें अध्याय वचन 1 में लिखा है कि परमे श्वर यीशु
मसीह ने कहा की "मैं सच्ची दखलता हँ ;ू तथा मे रा पिता किसान
है ।"(यूहन्ना 15:2) जो डाली मु झ में है , और नहीं फलती, उसे वह
काट डालता है , और जो फलती है , उसे वह छांटता है ताकि और
फले । 

इस वचन से यह सिखतें हैं प्रियों कि जब एक किसान अपनी खे तों


की ओर दे खता है

aur vo jo keth meh fasal lagata hai..aur jo fasal sad


jata ya fal nhi deta vah use alag kar deta taki vo aur
fasal ko kharab na kare.

और जो डालियां फल लातीं हैं वह किसान उसे अधिक ध्यान से


रखता है aur उसको और छांट कर साफ सु थरा करता है ताकि वे
और अधिक फलवं त बने । 

इसी प्रकार दोस्तों हमारा परमे श्वर भी हमार साथ व्यवहार करता है
वह दे खता है कि यदि मनु ष्य यीशु मसीह के वचनों में बना रहे तो
हमारा परमे श्वर उसे और निखारता है ।

और मन ko नम्र karna , दिन होना, धिरज धरना अपने स्वभाव में


चलना भी सिखाता है , ताकि हम परमे श्वर की निज सं न्तान बन
सके।
आगे तीसरे और चौथे वचन (यूहन्ना 15:3-4) मे लिखा है कि 3" तु म
तो उस वचन के कारण जो मैं ने तु म से कहा है , शु द्ध हो। 4 " तु म
मु झ में बने रहो, और मैं तु म में : जै से डाली यदि दाखलता में बनी न
रहे , तो अपने आप से नहीं फल सकती, वै से ही तु म भी यदि मु झ में
बने न रहो तो नहीं फल सकते ।"

यह वचन साफ - साफ दर्शाता है यदि हम परमे श्वर के वचनों का


पालन ना करे या उसकि आज्ञा को न माने तो हम भी अपने जीवन में
आशिष नहीं पा सकते hai.

क्योंकि एक मनु ष्य parmeshawr se alag hoyega tho unka


koi Astitva nahi hai.

आगे 5 वें वचन में लिखा है दोस्तों  कि परमे श्वर ने कहा ; (यूहन्ना
15:5) "मैं दाखलता हं :ू तु म डालियां हो; जो मु झ में बना रहता है ,
और मैं उस में , वह बहुत फल फलता है , क्योंकि मु झ से अलग होकर
तु म कुछ भी नहीं कर सकते ।

इस वचन में हमें यह सिखना है दोस्तों कि परमे श्वर हम से यही


चाहता है कि हम परमे श्वर की आज्ञाओं में उसके वचनों में सदा
खराई से बने रहें ।

तो ही हम परमे श्वर की निज सं न्तान कि तरह आशीषित हो पाते हैं


। परमे श्वर से हम अलग होकर उसकि आज्ञाओं को तोड़ कर हम
अपने जीवन में सफल नहीं हो पाते ।
जी, हां दोस्तों मनु ष्य अपने मन में बहुत सी कल्पनाएं तो करता है ;
परन्तु यहोवा मनो को जाचता और परखता है ।
क्योंकि मनु ष्य की सोच में और परमे श्वर की सोच में जमीन और
आसमान का अनतर है ऐसा बाइबल हमें बताती है । 

दोस्तों कभी - कभी हम भी अपने जीवन के बहुत से फैसले और


निर्णय बिना परमे श्वर अगवाई के ही ले ले ते हैं ।

और baad में पश्चताते हैं , परन्तु हमारा परमे श्वर दयालु है वे फिर
भी हमें सं भाल ले ता है और हमें बिखरने या टु टने नहीं दे ता।

परन्तु parmeshwar चाहता है की हम अपने हृदयों में उसका वचन


सदा रखे ,

क्योंकि यदि उसका वचन हम में बना नहीं रहता तो हम अपने


जीवन में kabhi santusht aur kushi se nahi rhenge।

आगे 6 वें वचन में हम दे खतें हैं (यूहन्ना 15:6) "यदि कोई मु झ में
बना न रहे , तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता
है ; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक दे ते हैं , और वे जल जाती
हैं ।"

दोस्तों इस वचन को हमें गभीरता से सिखना चाहिए क्योंकि यह उन


मनु ष्यों के विषय में हैं जो यीशु को जान बु झ कर स्विकार नहीं करते .
Aur उसका भय भी नहीं मानते ।
वह उन अन्य जातियों के समान होतें हैं जो मरने के पश्चात नरक के
आग में डाले जाते हैं क्योंकि वे अपने पापो से कभी भी मन नहीं
फिराते ।

यीशु को उध्दार कर्ता के रूप में स्विकार नहीं करतें तो वे नरक की


आग में डाल दिये जातें हैं ।

परमे श्वर हर एक मनु ष्य को अपने जीवन में एक बार मन फिराने का


अवसर अवश्य प्रदान करता है ।

क्योंकि वे दयालु हैं वह नहीं चाहता कोई भी आत्मा नास हो,

आगे 7 वें वचन में लिखा है दोस्तों (यूहन्ना 15:7)


" यदि तु म मु झ में बने रहो, और मे री बातें तु म में बनी रहें तो जो
चाहो मां गो और वह तु म्हारे लिये हो जाएगा।"  इस वचन में हमें यह
सिखना है दोस्तों की परमे श्वर ने कहा ; यदि तु म मु झ में बने रहो,
और मे रा वचन तु म में बना रहे , तो जो चाहो मां गो वह तु म्हारे लिए
हो जाएगा।

यह vachan साफ - साफ batata है की हम में परमे श्वर का वचन


meh बना रहना चाहिए तभि हम आशीष पा सकतें हैं

और यह स्वभाविक हैं दोस्तों कि जिस मनु ष्य में परमे श्वर का वचन
वह उसका भय बना रहता है वह सदा पवित्रताई से चलता रहता है
यदि यहां लिखा है कि " तु म जो चाहो मां गो तो तु म्हें मिल
जाएगा।"  बाइबल यह भी सिखाती है दोस्तों की हमें परमे श्वर कि
ईच्छा में होकर प्रार्थना करनी चाहिए।

अपनी jarurato को उसकी ईच्छा में ही होकर मागं ना चाहिए।


यदि हम किसी की नाश की या किसी की हानि की या किसी भी
प्रकार की लालच की चहत रखे गें तो हमारा परमे श्वर उसे कभी भी
स्वीकार नहीं करे गा।

क्योंकि वे ह एक मात्र पवित्र परमे श्वर है और वह चाहता है की


उसकी santan भी पवित्र बने जै सा वह पवित्र है ।

तो इन वचनों के द्वारा हमने जो सिखा है वे यही है की हमें अपनी


jeevith खु दा के वचनों में वह उसकी आज्ञाओं में सदा हमें sacchai
से चलना चाहिए।

यदि hum परमे श्वर का वचन आज्ञाओं से हट कर दाएँ बाएँ हो कर


कुछ गलत कामों को या अपराधों को करते हैं तो हम भी नरक के
आग में डाल दिएँ जाएं गे।

और मे रा सभी विश्वासी भाई - बहन से निवे दन है कि आप और हम


सभी परमे श्वर में और गहरे होतें जाएं .

aur अपनी हर समस्या या हर तकलीफ़ अपने पिता परमे श्वर से ही


शे यर करे ;

उसके वचनों में उसकी आज्ञाओं में सदा बने रहें । और रात दिन
उसके वचनों पर चलने की कोशिश karenge.
और पवित्र आत्मा की सं गति meh rhenge।

तभी हम परमे श्वर की प्रजा कहलाएं गे। और भी बहुतों logon के


लिए आशिष का कारन परमे श्वर हमें बनाएं गे।

जै सा Parmeshwar ne इस वचन में कहा ki " जो डाली मु झ में बनी


रहती है , वे बहुत फल लाती है ।"

यही है वह फल hai कि हम बहुत सी आत्माओं को परमे श्वर का


उद्धार का मार्ग दिखाएं aur उन्हें भी बचाएं जै सा  उसने हमें बचाया
है दोस्तों।

और यदि जीवन के किसी भी मोड़ पर हम पर कई समस्या आती है


तो हमें घबराना नहीं चाहिए;

वरन अपना पु रा विश्वास अपने परमे श्वर में स्थिर रखना चाहिए कि
वे हमें हर समस्या से छुडा़ सकता है ।

जै से उसने वचन में कहा भी " जो डाली फलती है परमे श्वर उसे और
छाटं ता है की वे अधिक फलवं त हो।

जै से दोस्तों, एक सु नार सोना को सु न्दर आकार दे ने के लिए सहमति


दे ता है कि वह आग में से होकर गु जरे तभी वे उसे एक सुं दर आकार
दे पाता है ।
जै सा वह चाहता है । विलकुल उसी प्रकार हमारा परमे श्वर भी हमें
छाटं ता है , हमारी mushkil परिस्थितियों meh jeena sikhata
hai taki hum safal ho paye.

यही है परमे श्वर की फलवं त डाली वे हमें हर परिस्थिति में जीना


और जीतना सिखाता है ।

क्योंकि हम स्वर्ग के परमे श्वर के निज सं तान बन सके

aur उतम आशीष aur अं नत जीवन को पा सके  सर्वदा परमे श्वर में
hum बने रहें ।

बस hum स्थिर रहें सदा परमे श्वर meh acha fal dene wala bane
rahe.

aur hum Parmeshwar se जु डे़ rhenge तभी hum पृ थ्वी के


अधिकारी बन जाएं गे जै सा परमे श्वर ने वचन में कहा ki " धन्य है वे
जो मन के नम्र और मन के दिन हैं वे पृ थ्वी के अधिकारी होगें ।" 

परमे श्वर इन वचनों के द्वारा आपको आशीष दे । AMEN.

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