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डामयी का एक ऩन्ना

1. करकत्ता वाससमों के सरए 26 जनवयी 1931 का ददन क्मों भहत्वऩूर्ण था?


उत्तय – ददसॊफय 1929 भें राहौय भें काॊग्रेस ऩार्टी का वार्षणक अधधवेशन हुआ जजसभें मह
प्रस्ताव ऩारयत ककमा गमा कक प्रत्मेक वषण 26 जनवयी को बायत का स्वतॊत्रता ददवस भनामा
जाएगा। अत् 26 जनवयी 1930 को गुराभ बायत भें ऩहरा स्वतॊत्रता ददवस भनामा गमा
था जजसभें करकत्ता वाससमों की बागीदायी अतत साधायर् मा ना के फयाफय थी। अगरे वषण
26 जनवयी 1931 को उसकी ऩन
ु यावर्ृ त्त थी ऩयन्तु इस फाय करकत्ता भें इसकी तैमारयमाॉ
फहुत जोयों ऩय थीॊ। उन्हें अऩने ऊऩय रगा मह करॊक सभर्टाना था कक करकत्तावासी स्वतॊत्रता
आॊदोरन के सरए कुछ नहीॊ कयते। इसीसरए करकत्ता वाससमों के सरए मह ददन फहुत
भहत्वऩर्
ू ण था।
2. रोग अऩने-अऩने भकानों व सावणजतनक स्थरों ऩय याष्ट्रीम झॊडा पहयाकय ककस फात का
सॊकेत दे ना चाहते थे?
उत्तय - रोग अऩने-अऩने भकानों व सावणजतनक स्थरों ऩय याष्ट्रीम झॊडा पहयाकय फताना
चाहते थे कक वे अऩने को आजाद सभझ कय आजादी भना यहे हैं। उनभें जोश औय
उत्साह है । वे चाहते थे कक इस ध्वज के नीचे सॊगदित होकय आजादी के सॊघषण को दे शव्माऩी
फनामा जा सकेय दे शव्माऩी हो जाएआॊदोरन का स्वस्ऩ औय र्वस्ता .।
3. 26 जनवयी 1931 के ददन को अभय फनाने के सरए क्मा-क्मा तैमारयमाॉ की गईं?
उत्तय - 26 जनवयी 1931 के ददन को अभय फनाने के सरए कापी तैमारयमाॉ की गईं थीॊ।
केवर प्रचाय ऩय दो हजाय स्ऩए खचण ककए गए थे। कामणकताणओॊ को उनका कामण घय-घय
जाकय सभझामा गमा था। करकत्ता शहय भें जगह-जगह झॊडे रगाए गए थे। कई स्थानों
ऩय जुरूस तनकारे गए तथा झॊडे पहयाए गए थे। र्टोसरमाॉ फनाकय बीड़ उस स्थान ऩय
जुर्टने रगी जहाॉ सुबाष फाफू का जुरूस ऩहुॉचना था।
4. 'आज जो फात थी वह तनयारी थी'− ककस फात से ऩता चर यहा था कक आज का ददन
अऩने आऩ भें तनयारा है ? स्ऩष्ट्र्ट कीजजए।
उत्तय - आज का ददन तनयारा इससरए था क्मोंकक स्वतॊत्रता ददवस भनाने की प्रथभ
ऩुनयावर्ृ त्त थी। ऩुसरस ने सबा कयने को गैयकानूनी कहा था ककॊतु सुबाष फाफू के आह्वान
ऩय ऩूये करकत्ता भें अनेक सॊगिनों के भाध्मभ से जुरूस व सबाओॊ की बयऩूय तैमायी थी।
ऩूया शहय झॊडों औय ऩचों से सजा थाकाउॊ ससर . ने भोन्मूभेंर्ट के नीचे झॊडा पहयाने औय
स्वतॊत्रता की प्रततऻा ऩढ़ने का सयकाय को खुरा चैरेंज ददमा हुआ था। ऩुसरस बयऩूय
तैमायी के फाद बी काभमाफ नहीॊ हो ऩाई।
5. ऩुसरस कसभश्नय के नोदर्टस औय कौंससर के नोदर्टस भें क्मा अॊतय था?
उत्तय - ऩुसरस कसभश्नय ने नोदर्टस तनकारा था कक कोई बी जनसबा कयना मा जुरूस
तनकारना कानून के खखराफ़/गैयकानूनी होगा। सबाओॊ भें बाग रेने वारों को दोषी भाना
जाएगा। काउॊ ससर ने नोदर्टस तनकारा कक भोन्मूभेंर्ट के नीचे 4 फजकय 24 सभनर्ट ऩय झॊडा
पहयामा जाएगा तथा स्वतॊत्रता की प्रततऻा ऩढ़ी जाएगी। इस प्रकाय मे दोनों नोदर्टस एक
दस
ू ये के र्वयोधाबासी मा खखराफ़ थे।
6. धभणतल्रे के भोड़ ऩय आकय जर
ु स
ू क्मों र्टूर्ट गमा?
उत्तय - जफ सब
ु ाष फाफू को ऩकड़ सरमा गमा तो जस्त्रमाॉ जर
ु स
ू फनाकय चरीॊ ऩयन्तु ऩसु रस
ने रािी चाजण से उन्हें योकना चाहा जजससे कुछ रोग वहीॊ फैि गए, कुछ घामर हो गए
औय कुछ ऩसु रस द्वाया धगयफ्ताय कय सरए गए इससरए जर
ु स
ू र्टूर्ट गमा।
7. डॉ० दासगप्ु ता जर
ु स
ू भें घामर रोगों की दे ख-ये ख तो कय यहे थे, उनके फ़ोर्टो बी
उतयवा यहे थे। उन रोगों के फ़ोर्टो खीॊचने की क्मा वजह हो सकती थी? स्ऩष्ट्र्ट कीजजए।
उत्तय – डॉ० दास गुप्ता रोगों की फ़ोर्टो खखचवा यहे थे। इससे अॊग्रेजों के जुल्भ का ऩदाणफ़ाश
ककमा जा सकता था, मह बी ऩता चर सकता था कक फॊगार भें स्वतॊत्रता की रड़ाई भें
फहुत काभ हो यहा है ।अखफायों औय ऩत्रत्रकाओॊ भें पोर्टो छऩवा कय ऩूये दे श भें रोगों को
आजादी के सरए जागस्क औय प्रेरयत ककमा जा सकता था।
8. सुबाष फाफू के जुरूस भें स्त्री सभाज की क्मा बूसभका थी?
उत्तय - सुबाष फाफू के जुरूस भें स्त्री सभाज की भहत्वऩूर्ण बूसभका यही थी। बायी ऩुसरस
व्मवस्था के फाद बी जगह-जगह जुरूस के सरए जस्त्रमों की र्टोसरमाॉ फन गई थीॊ। भोन्मूभेंर्ट
ऩय बी जस्त्रमों ने तनडय होकय झॊडा पहयामा, फड़ी सॊख्मा भें घामर बी हुईं, अऩनी
धगयफ्तारयमाॉ बी दीॊ. उनऩय रादिमाॉ फयसाई गईं। इसके फाद बी जस्त्रमाॉ रार फाजाय तक
आगे फढ़ती गईं जजनका नेतत्ृ व र्वभर प्रततबा कय यही थीॊ।कुर सभराकय 105 जस्त्रमाॉ ऩकड़ी
गईं।मह सॊख्मा अबूतऩूवण थी।
9. जुरूस के रार फाजाय आने ऩय रोगों की क्मा दशा हुई?
उत्तय - जुरूस के रार फाजाय आने ऩय बीड़ फेकाफू हो गई। ऩुसरस डॊडे फयसा यही थी,
रोगों को रॉकअऩ भें बेज यही थी। जस्त्रमाॉ बी अऩनी धगयफ़तायी दे यही थीॊ। रोग सभूह
भें नाये रगा यहे थे। रोगों का जोश फढ़ता ही जा यहा था। रािी चाजण से रोग घामर हो
गए थे। खन
ू फह यहा था। चीख ऩुकाय भची थी कपय बी उत्साह फना हुआ था।रार फाजाय
के रॉकअऩ भें 105 जस्त्रमाॉ कैद थीॊ।
10. 'जफ से कानून बॊग का काभ शुस् हुआ है तफ से आज तक इतनी फड़ी सबा ऐसे
भैदान भें नहीॊ की गई थी औय मह सबा तो कहना चादहए कक ओऩन रड़ाई थी।' महाॉ ऩय
कौन से औय ककसके द्वाया रागू ककए गए कानून को बॊग कयने की फात कही गई है ?
क्मा कानून बॊग कयना उधचत था? ऩाि के सॊदबण भें अऩने र्वचाय प्रकर्ट कीजजए।
उत्तय - महाॉ ऩय अॊग्रेजी याज्म द्वाया सबा न कयने के कानून को बॊग कयने की फात कही
गई है । वास्तव भें मह कानून बायतवाससमों की स्वाधीनता आॊदोरन का दभन कयने का
कानन
ू था इससरए इसे बॊग कयना उधचत था। इस सभम दे श की आजादी के सरए हय
व्मजक्त अऩना सवणस्व रर्ट
ु ाने को तैमाय था। अॊग्रेजों ने कानन
ू फनाकय आन्दोरन को गैय
कानन
ू ी घोर्षत ककमा हुआ था ऩयन्तु रोगों ऩय इसका कोई असय नहीॊ था। वे आजादी के
सरए अऩना प्रदशणन कयते यहे, गर
ु ाभी की जॊजीयों को तोड़ने का प्रमास कयते यहे थे।
11. फहुत से रोग घामर हुए, फहुतों को रॉकअऩ भें यखा गमा, फहुत-सी जस्त्रमाॉ जेर गईं,
कपय बी इस ददन को अऩव ू ण फतामा गमा है । आऩके र्वचाय भें मह सफ अऩव ू ण क्मों है ?
अऩने शब्दों भें सरखखए।
उत्तय - सुबाष चन्र फोस के नेतत्ृ व भें करकत्ता वाससमों ने स्वतॊत्रता ददवस भनाने की
तैमायी ऩूये जोय-शोय से की थी। ऩुसरस की सख्ती, रािी चाजण, धगयफ़तारयमाॉ औय फफणयता के
फाद बी रोगों भें जोश फना यहा। रोग झॊडे पहयाते, वॊदे भातयभ फोरते हुए, खन
ू फहाते
हुए बी जुरूस तनकारने को तत्ऩय थे। जुरूस र्टूर्टता औय कपय फन जाता। करकत्ता के
इततहास भें इतने प्रचॊड स्ऩ भें रोगों को ऩहरे कबी नहीॊ दे खा गमा था। 105 जस्त्रमों को
इससे ऩहरे एक साथ कबी धगयफ्ताय नहीॊ ककमा गमा था।
12. व्माख्मा कीजजए
(क) आज तो जो कुछ हुआ वह अऩूवण हुआ है । फॊगार के नाभ मा करकत्ता के नाभ ऩय
करॊक था कक महाॉ काभ नहीॊ हो यहा है वह आज फहुत अॊश भें धर
ु गमा।
उत्तय – 26 जनवयी 1931 के ददन करकत्ता के हजायों स्त्री-ऩुरुषों ने जुरूस भें बाग सरमा,
आजादी की सारधगयह भनाने के सरए त्रफना ककसी डय के प्रदशणन ककमा, प्रबात पेरयमाॉ कीॊ,
जुरूस तनकारे, धयना ददमा, बाषर् ददए, नाये रगाए। ऩुसरस के तनषेधाऻा(कफ्म)ूण ़ानून की
बी ऩयवाह नहीॊ की। ऩुसरस की भाय से फहुत रोग घामर हो गए। खन ू फहने रगे ऩयन्तु
रोगों भें जोश की कोई कभी नहीॊ थी। फॊगार के सरए कहा जाता था कक स्वतॊत्रता प्राजप्त
के सरए फहुत ज़्मादा मोगदान नहीॊ ददमा जा यहा है ।26 जनवयी 1930 को जफ दे श
आजादी का ऩहरा ऩवण भना यहा था तफ करकत्तावासी तनजष्ट्िम थे, उनका मोगदान उसभें
नगण्म था. आज की जस्थतत को दे खकय करकत्तावाससमों के भाथे से मह कॊरक सभर्ट
गमा।इस फाय तो उन्होंने जो कुछ बी ककमा वह अबूतऩूवण था.ऩूये दे श ने उनकी सयाहना की.
(ख) खर
ु ा चैरेंज दे कय ऐसी सबा ऩहरे नहीॊ की गई थी?
उत्तय – करकत्ता भें कोई प्रदशणन न हो इसके सरए ऩुसरस ने कानून रागू ककमा था कक कोई
जुरूस, धयना, प्रदशणन, सम्भरेन, नाये फाजी आदद का आमोजन नहीॊ होगा ऩयन्तु सुबाष फाफू
की अध्मऺता भें कौंससर ने नोदर्टस तनकारा था कक भोनुभेंर्ट के नीचे झॊडा पहयामा
जाएगा औय स्वतॊत्रता की प्रततऻा ऩढ़ी जाएगी। सबी को इसके सरए आॊभत्रत्रत ककमा गमा,
कई तयीकों से खफू प्रचाय बी हुआ। ऩयू े करकत्ते भें झॊडे पहयाए गए थे। सयकाय औय आभ
जनता भें मह खरु ी रड़ाई थी।
13. तनम्नसरखखत वाक्मों को सयर वाक्मों भें फदसरए -
(क) दो सौ आदसभमों का जर
ु स
ू रारफाजाय गमा औय वहाॉ ऩय धगयफ़्ताय हो गमा। (सॊमक्
ु त
वाक्म)
उत्तय - दो सौ आदसभमों का जर
ु सू रारफाजाय ऩहुॉच कय धगयफ़्ताय हो गमा। (सयर वाक्म)
(ख) भैदान भें हजायों आदसभमों की बीड़ होने रगी औय रोग र्टोसरमाॉ फना-फनाकय भैदान
भें घूभने रगे। (सॊमुक्त वाक्म)
उत्तय - हजायों रोगों की बीड़ भैदान भें र्टोसरमाॉ फनाकय घूभने रगी। (सयर वाक्म)
(ग) सुबाष फाफू को ऩकड़ सरमा गमा औय गाड़ी भें फैिाकय रारफाजाय रॉकअऩ बेज ददमा
गमा। (सॊमुक्त वाक्म)
उत्तय - सुबाष फाफू को ऩकड़कय गाड़ी भें रार फाजाय रॉकअऩ बेज ददमा गमा।(सयर
वाक्म)

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