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दिन जल्दी जल्दी ढ़लता है
दिन जल्दी जल्दी ढ़लता है
धुबड़ी, असम
प्रस्तु त : डॉ. जीतेन्द्र प्रताप
भी जल्दी-जल्दी चलता है !
दन जल्दी-जल्दी ढलता है !
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
दन जल्दी-जल्दी ढलता है !
मुझसे मलने को कौन वकल?
दन जल्दी-जल्दी ढलता है ।
आइए, इस क वता से संबं धत अभ्यास-प्रश्न दे खते हैं-
प्रश्न : 1 : बच्चे कस बात की आशा में नीड़ों से झांक रहे होंगे?
उत्तिर : बच्चे इस आशा में नीड़ों से झांक रहे होंगे क उनके माता- पता आयेंगे
उनके आने पर उन्हें भोजन और माता – पता का प्यार मलेगा।
प्रस्तु त
डॉ जीतेन्द्र प्रताप यदुवंशी
प्रवक्ता- हंदी
जवाहर नवोदय वद्यालय धुबड़ी, असम