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Class-4 Term-1 Unseen Passage
Class-4 Term-1 Unseen Passage
TERM 1
अपठित गद्यांश :
प्रस्तुत गद्यां श को पढ़कर दिए गए प्रश्ोां के उत्तर दिखिए :-
एक बढू ़े ऩे शलजम बोया और कहा, “उगो-उगो, शलजम, मीठ़े बनो। उगो-उगो,
शलजम, मज़बतू बनो।”
तो उग आया मीठा-मीठा, बहुत ही बडा शलजम। बढू ा उस़े ननकालऩे क़े नलए गया। वह
उस़े खींचता रहा, अपना परू ा ज़ोर लगाकर खींचता रहा, मगर शलजम को ननकाल न पाया।
तो उसऩे बनु ढया को बल ु ाया। बनु ढया ऩे थामा बढू ़े को, बढू ़े ऩे थामा शलजम को। दोनों उस़े
खींचत़े रह़े, अपना परू ा ज़ोर लगात़े रह़े, मगर शलजम को ननकाल न पाए। अब बनु ढया ऩे
पोती को बल ु ा नलया। पोती ऩे थामा दादी को, दादी ऩे थामा दादा को, दादा ऩे थामा
शलजम को। सभी नमलकर उस़े खींचत़े रह़े, परू ा ज़ोर लगात़े रह़े, मगर शलजम को ननकाल
न पाए।
तब पोती ऩे बल ु ाया अपऩे कुत्त़े को। कुत्त़े ऩे थामा पोती को, पोती ऩे थामा दादी
को, दादी ऩे थामा दादा को, दादा ऩे थामा शलजम को। सभी नमलकर उस़े खींचत़े रह़े,
अपना परू ा ज़ोर लगात़े रह़े, मगर शलजम को ननकाल न पाए।
आप ऩे इस कहानी में द़ेखा की जब दादा अक़े ल़े शलजम को खींच रह़े थ़े तब वह
अक़े ल़े खींच नहीं पाए। पर जब दादी, पोती, उनका कुत्ता और नबल्ली एकसाथ आय़े तब
उन्होंऩे उस शलजम को खींच डाला। ठीक इसी तरह कोई मनु ककल स़े भी मनु ककल काम
अगर हम एकसाथ नमलकर एकता स़े काम ल़े तो हम उसम़े ज़रुर सिलता हानसल कर
सकत़े है।
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(टमाटर / शलजम)
4. शलजम ननकालऩे क़े नलए पोती ऩे नकस़े बल
ु ाया?
( कुत्त़े को / नबल्ली को )