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1 अर्थव्यवस्था एक परिचय

अर्थव्यवस्र्ा एक परिचय

अर्थशास्र
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• इस अर्थ व्यवस्र्ा की उत्पजत पूंिीवादी अर्थ व्यवस्र्ा की


• अर्थ शास्त्र वह सामाजिक जवज्ञान है जिसके अंतर्थ त सामाजिक, िोकजप्रयता के जवरोध स्वरूप हुआ। इसमें उत्पादन, आपूजतथ और
वास्तजवक व सामान्य मनुष्यों की आवश्यकताओं की संतुजि के जिए कीमत सबका फै सिा सरकार द्वारा जिया िाता है।
जकए िाने वािे प्रयत्नों का अध्ययन जकया िाता है • ऐसी व्यवस्र्ा को के न्रीकृ त जनयोजित अर्थ व्यवस्र्ा कहते है। िो
❖ अर्थशास्त्र की शाखाएं र्ैर-बािारी अर्थ व्यवस्र्ा होती है।
• राज्य अर्थ व्यवस्र्ा की दो अिर्-अिर् शैिी निर आती है।
• अर्थ शास्त्र की जवषय वस्तु को दो भार्ों में बांटा र्या है -
1. व्यजि अर्थ शास्त्र (Micro Economics) • सोजवयत संघ की सामािवादी अर्थ व्यवस्र्ा
2. समजि अर्थ शास्त्र (Macro Economics) • 1985 से पहिे चीन की साम्यवादी अर्थ व्यवस्र्ा
• इन दोनों शब्दों का प्रयोर् जवश्वव्यापी मंदी के पश्चात 1935 में रेर्नर • पहिी बार राज्य अर्थ व्यवस्र्ा जसध्दांत िमथ न कािथ मार्कसथ (1818-
जिश (Ragnar Frish) ने जकया। 1883) ने जदया र्ा, िो एक व्यवस्र्ा के तोर पर पहिी बार 1917
• Micro एवं Macro शब्द ग्रीक भाषा के Mikros एवं Makros से की बोिशेजवक क्रांजत के बाद सोजवयत संघ में निर आई और
बने हैं जिनका अर्थ क्रमश: िघु एवं जवशाि होता है। इसका आदशथ रूप चीन 1949 में सामने आया।
➢ व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics) ➢ ष्टमष्टित अर्थव्यवस्र्ा
• इसमें संपूर्थ अर्थ व्यवस्र्ा का अध्ययन ना कर कु छ िघु इकाइयों • इसमें कु छ िक्षर् राज्य अर्थ व्यवस्र्ा के मौिूद होते है, तो कु छ
िैसे व्यजिर्त फमथ , बािार, जवजशि पररवार, छोटे छोटे समूहों िैसे िक्षर् पूंिीवादी अर्थ व्यवस्र्ा के । इसे अपनाने वािे देश है - भारत,
उद्योर्, व्यजिर्त आय या मिदरू ी व्यजिर्त व्यय एवं बचत का मिेजशया एवं इंडोनेजशया आजद।
अध्ययन जकया िाता है। • इसकी अवधारर्ा िानमेनाडथ कें स की है, इनको आधुजनक
➢ समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics) अर्थ शास्त्र का िनक कहा िाता है ।
• इसमें संपूर्थ अर्थ व्यवस्र्ा का अध्ययन करते हैं िैसे कु ि उत्पादन, ❖ अर्थव्यवस्र्ा के क्षेर
कु ि योर्, कु ि रोिर्ार, कु ि जनवेश आजद। • अर्थ व्यवस्र्ा की आजर्थ क र्जतजवजधयों की तीन श्रेजर्यों में बांटा र्या
• माइक्रो अर्थ व्यवस्र्ा में कु ि पररवतथ नशीि तत्व तर्ा उनके योर्ों है।
में िर्ातार पररवतथ न का अध्ययन भी जकया िाता है इसे आय और ➢ प्रार्ष्टमक क्षेर
रोिर्ार जसद्ांत भी कहा िाता है।
• इन र्जतजवजधयों का संबंध भूजम, िि, वनस्पजत और खजनि िैसे
अर्थव्यवस्र्ा प्राकृ जतक संसाधनों से है। कृ जष, पशुपािन, मत्स्य पािन, खनन
• जनिी क्षेत्र और बािार के सापेक्ष राज्य व सरकार की भजू मका के और उनसें संबद् र्जतजवजधयों को इसके अंतर्थ त रखा िाता है।
आाधार पर अर्थ व्यवस्र्ाओं का वर्ीकरर् तीन श्रेजर्यों में जकया • इसमें संिग्न श्रम की प्रकृ जत को िेड कॉलि जॉब के िररये
िाता है - सांकेजतक जकया िाता है।
1. पूूँिीवादी अर्थ व्यवस्र्ा
2. राज्य अर्थ व्यवस्र्ा • भारतीय स्वतंत्रता के समय भारत के सकि घरेिू उत्पाद में इस
3. जमजश्रत अर्थ व्यवस्र्ा क्षेत्र का सबसे बडा जहस्सा (िर्भर् 55%) र्ा. िेजकन साि दर
➢ पज ं ीवादी अर्थव्यवस्र्ा साि इसके योर्दान में जर्रावट आई है और वतथ मान में यह भारतीय
िीडीपी में 17% योर्दान देता है. यहाूँ पर यह बात उल्िेखनीय है
• इस अर्थ व्यवस्र्ा में उत्पादन पर सवाथ जधक िोर जदया है ताजक
जक कृ जष क्षेत्र भारत की िर्भर् 53% िनसंख्या को रोिर्ार प्रदान
अजधकतम िाभ प्राप्त जकया िा सके ।
करता है.
• 1776 ई. में प्रकाजशत एड् म जस्मर् की जकताब ''द वेल्र् ऑफ ➢ ष्टितीयक क्षेर
नेशंस'' को पूूँिीवादी अर्थ व्यवस्र्ा का उद्गम माना िाता है।
• अर्थ व्यवस्र्ा का वह क्षेत्र िो प्रार्जमक क्षेत्र के उत्पादों को अपनी
➢ िाज्य अर्थव्यवस्र्ा
र्जतजवजधयों में कच्चे माि की तरह उपयोर् करता है जद्वतीयक क्षेत्र

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कहिाता है। िैसे िोहा-इस्पात उघोर्, वस्त्र उघोर्, वाहन, रूप में पररभाजषत जकया है, जिसका तात्पयथ िीवन पोषर्, आत्म-
इिेर्कराजनर्कस आजद। सम्मान तर् स्वतंत्रता है।
• वास्तव में इस क्षेत्र में जवजनमाथ र् कायथ होता है, इस कारर् इसे • महबूब ऊि हक ने आजर्थ क जवकास को 'र्रीबी के जवरूद् िडाई'
औद्योजर्क क्षेत्र भी कहा िाता है। के रूप मं पररभाजषत जकया चाहे वह र्रीबी जकसी रूप की हो।
• इसमें िर्े कु शि श्रजमकों को व्हाइट कॉिर िॉब के अंतर्थ त स्र्ान • आजर्थ क संवृजद् = के वि पररमार्ात्मक पररवतथ न
जदया र्या है, िबजक उत्पादन प्रजक्रया में प्रत्यक्ष रूप से संिग्न • आजर्थ क जवकास = पररर्ात्मक तर्ा र्ुर्ात्मक पररवतथ न
श्रजमकों को ब्ल्यू कॉिर िॉब के अंतर्थ त रखा िाता है।
❖ आष्टर्थक ष्टवकास की माप
• वतथ मान में यह भारतीय िीडीपी (मौिूदा कीमतों पर) में िर्भर्
➢ आधािभत आवश्यक प्रत्यागम – (Basic Needs
31% योर्दान दे रहा है।
Approaches)
➢ तृतीयक क्षेर
• इस दृजिकोर् का प्रजतवादन 1970 में जवश्व बैंक ने जकया।
• इस क्षेत्र में जवजभन्न प्रकार की सेवाओं का उत्पादन जकया िाता है;
➢ जीवन की भौष्टतक गुणवत्ता ष्टनदेशांक (Physical Quality of
• िैसे बैंजकं र्, बीमा, जचजकत्सा, जशक्षा, पयथ टन आजद। Life Index - PQLI)
• इस क्षेत्र को सेवा क्षेत्र के रूप में भी िाना िाता है। • इसका प्रजतपादन मौररस डेजवड मौररश ने 'ओवरसीि डेविपमेंट
• भारतीय सकि घरेिू उत्पाद का िर्भर् 53% जहस्सा इसी क्षेत्र से कौंजसि' के कहने पर जकया।
आता है। • इस जवजध में जकसी भी देश के रहन सहन के स्तर यानी आजर्थ क
जवकास की तुिना के जिए तीन आकडों – 1. जशशु मृत्यु दर
आष्टर्थक संवष्टृ ि औि आष्टर्थक ष्टवकास (Infant mortality rate), 2. वयस्क साक्षरता दर (Adult
❖ आष्टर्थक संवृष्टदद literacy rate), 3. 1 वषथ आयु की िीवन प्रत्याशा (Life
• आजर्थ क संवृजध्द से अजभप्राय जकसी समयावजध में जकसी expectancy rate at age 1) के औसत मान का उपयोर् जकया
अर्थ व्यवस्र्ा में होने वािी वास्तजवक आय से है। सामान्यता यजद िाता है।
सकि राष्रीय उत्पाद (GNP), सकि घरेिू उत्पाद (GDP) तर्ा • िीवन की भौजतक र्ुर्वता जनदेशांक प्रत्यार्म (जफजिकिी र्कवािटी
प्रजत व्यजि आय में वृजद् हो रही हो तो हम कहते है जक आजर्थ क ऑफ िाईफ इनडेर्कस - PQLI) का अजधकतम मल्ू य 100 तर्
संवृजध्द हो रही है। न्यूनतम मूल्य 1 होर्ा।
• जकसी देश की आजर्थ क संवृजध्द का सवाथ जधक उपयुि मापदण्ड प्रजत ➢ क्रय शष्टि समता ष्टवष्टध
व्यजि वास्तजवक आय होता है। • इस जवजध का सबसे पहिे प्रयोर् 1993 में अंतराथ ष्रीय मुरा कोष ने
❖ आष्टर्थक ष्टवकास जकया और वतथ मान में जवश्व बैंक इसी जवजध का प्रयोर् जवजभन्न देशों
• आजर्थ क जवकास की धारर्ा आजर्थ क संवृजध्द की धारर्ा से अजधक के रहन-सहन के स्तर की तुिना के जिए कर रहा हैं।
व्यापक है। आजर्थ क जवकास सामाजिक, सांस्कृ जतक, आजर्थ क • जवश्व बैंक के ‘इंटरनेशनि कं पेररिन प्रोग्राम’ (ICP : International
र्ुर्ात्मक एवं पररमार्त्मक सभी पररवतथ नों से संबंजधत है। Comparison Program) के अंतर्थ त ‘क्रय शजि समता ’(PPP :
• आजर्थ क जवकास तभी कहा िायेर्ा िब िीवन की र्ुर्वता में सुधार Purchasing Power Parity) के आधार पर जवश्व के जवजभन्न देशों
हो। की अर्थ व्यवस्र्ाओं के तुिनात्मक आंकडे प्रकाजशत जकए िाते हैं।
• आजर्थ क जवकास की माप में अनेक चर सजम्मजित जकये िाते है, िैसे • इंटरनेशनि कं पेररिन प्रोग्राम की स्र्ापना वषथ 1968 में ‘संयुि
- आजर्थ क, रािनीजतक तर्ा सामाजिक संस्र्ाओं के स्वरूप में राष्र सांजख्यकीय प्रभार्’ (UNSD : United Nations
पररवतथ न, जशक्षा तर्ा साक्षरता दर, िीवन प्रत्यक्षता, पोषर् का Statistical Division) और पेंजसिवेजनया जवश्वजवद्यािय की
स्तर, स्वास््य सेवाऍ, प्रजत व्यजि उपभोर् वस्तुए ूँ अतः: आजर्थ क ‘इंटरनेशनि कं पेररिन यूजनट’ (The International
जवकास मूितः: मानव जवकास ही है। Comparisons Unit) के संयुि उपक्रम के रूप में की र्ई र्ी।
• भारतीय मि ू के नोबि पुरस्कार जविेता अर्थ शास्त्री प्रो. आमत्यथ • इसे फोडथ फाउंडेशन तर्ा जवश्व बैंक द्वारा जवत्तीय सहयोर् प्रदान
सेन ने आजर्थ क जवकास को अजधकाररता तर्ा क्षमता के जवस्तार के जकया िाता है।

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• आईसीपी-ररपोटथ के अनुसार छह सबसे उच्च आय वािी ❖ संयुि िाष्ट्र ष्टवकास कायथक्रम (UNDP)
अर्थ व्यवस्र्ाएं संयुि राज्य अमेररका, िापान, िमथ नी, िांस, जिटेन • संयुि राष्र जवकास कायथ क्रम (United Nations Development
और इटिी संयुि रूप से वैजश्वक िीडीपी में 32.9 प्रजतशत का Programme-UNDP) समाि के सभी स्तरों पर िनभार्ीदारी
योर्दान देती हैं। सुजनजश्चत करता है, जिससे राष्रों को उनके जनमाथ र् में मदद जमि
• इस ररपोटथ के अनुसार छह मध्यम आय वािी अर्थ व्यवस्र्ाएं चीन, सके और वे समस्या समाधान में सक्षम बन कर ऐसी वृजद् हाजसि
भारत, रूस, िािीि, इंडोनेजशया और मेजर्कसको हैं, जिनका संयुि करें जिससे सबके िीवन की र्ुर्वत्ता में सुधार हो सके और उसे
रूप से वैजश्वक िीडीपी में जहस्सा 32.3 प्रजतशत है। कायम रख सकें ।
• जवश्व जवकास ररपोटथ 2014 के अनुसार 2012 में क्रय शजि समता • इसकी स्र्ापना वषथ 1964 में न्ययू ॉकथ (मुख्यािय) में हुई र्ी।
(परचेजसंर् पॉवर पेररटी) की दृजि से भारतीय अर्थ व्यवस्र्ा जवश्व की • HDI तीन मूि आयामों में प्रत्येक देश की उपिजब्धयों का समग्र
तीसरी बडी अर्थ व्यवस्र्ा है। पैमाना है -
➢ क्रय शष्टि समता (PPP) 1. प्रजत व्यजि सकि राष्रीय आय (GNI) द्वारा मापा िाने वािा
• इसका आशय दो देशों के बीच मुरा की क्रय शजि में अंतर या समता िीवन स्तर।
से है। यह जवजभन्न मुराओं का सापेजक्षक मूल्य होता है। 2. िन्म के समय िीवन प्रत्याशा द्वारा मापा र्या स्वास््य।
3. वयस्क आबादी के बीच जशक्षा के वषों के जहसाब से जशक्षा का
• इसमें अर्थ व्यवस्र्ा और िोर्ों की आय की तुिना और क्रय शजि स्तर तर्ा बच्चों के जिये स्कूिी जशक्षा के अपेजक्षत वषथ ।
की क्षमता का आकिन जकया िाता है।
• 2010 में कई मानव जवकास आयामों में से र्रीबी, असमानता तर्ा
➢ ष्टनवल आष्टर्थक कल्याण िैंजर्क सशिीकरर् की जनर्रानी के जिये तीन सूचकांक शुरू जकये
• इस धारर्ा प्रयोर् सबसे पहिे डैिी तर् कॉब ने 1989 में जकया। र्ए र्े।
सेमुएिसन का यह मत है जक जनवि आजर्थ क कल्यार् (नेट • बहुआयामी र्रीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty
इकोनोजमक वेिफे यर- NEW) िोर्ों के िीवन जनवाथ ह में सुधार की Index-MPI),
सही माप करेर्ा।
• असमानता-समायोजित मानव जवकास सूचकांक (IHDI)
• जनवि आजर्थ क कल्यार् = सकि राष्रीय उत्पाद - (उत्पादन की
• िैंजर्क असमानता सूचकांक (GII)।
जछपी िार्त तर्ा आधुजनक नर्रीकरर् की हाजनयाूँ + अवकाश
तर्ा र्ृहजर्यों की सेवाएं) • 2014 में िेंडर डेविपमेंट इंडेर्कस (GDI) की शुरुआत की र्ई र्ी।
• िीवन की र्ुर्वत्ता सुधार (आजर्थ क जवकास का मापक) की माप के ➢ HDR, 2019 के महत्वपणथ तथ्य
जिए जवजियम नोरधास तर्ा िेम्स टोजबन ने मेिर ऑफ • वषथ 2018 के आंकडों पर आधाररत संयुि राष्र जवकास कायथ क्रम
इकोनाजमक बेिफे यर (MEW) की धारर्ा जवकजसत की जिसे बाद (United Nations Development Programme) द्वारा मानव
में सेमुएिशन ने संशोजधत कर नेट इकोनाजमक वेिफे यर (NEW) जवकास सूचकांक (Human development Index- HDI) 2019
कहा। िारी जकया र्या।
मानव ष्टवकास सचकांक • HDR, 2018 में 189 देशों को शाजमि जकया र्या है।
• मानव जवकास के बहुआयामी पहिुओ ं पर जवश्व का ध्यान आकृ ि • HDR, 2018 में 0.953 HDI मूल्य के सार् नॉवे प्रर्म स्र्ान पर
करने तर्ा जवजभन्न राष्रों द्वारा जनधाथ ररत मानकों के सापेक्ष जकए र्ए है।
प्रयासों एवं प्राजप्तयों का एक वैजश्वक जवश्लेषर् प्रस्तुत करने के उद्देश्य • नॉवे के पश्चात जस्वट् िरिैंड (0.944), ऑस्रेजिया (0.939),
से संयुि राष्र जवकास कायथ क्रम (UNDP) द्वारा वषथ 1990 से आयरिैंड (0.938) तर्ा िमथ नी (0.936) सवोच्च पायदान वािे 5
प्रजतवषथ मानव जवकास ररपोटथ (Human Development Report- राष्र हैं।
HDR) का प्रकाशन जकया िा रहा है।
• HDR, 2018 में अंजतम पायदान (189वां स्र्ान) पर 0.354 HDI
• इसका जवकास भारतवंशी अर्थ शास्त्री अमत्यथ सेन के सहयोर् से मल्ू य के सार् अिीकी देश नाइिर है।
पाजकस्तानी अर्थ शास्त्री महबबू -उि-हक द्वारा जकया र्या है
• नाइिर से बेहतर क्रजमक रूप में मध्य अिीकी र्र्राज्य (0.367),
• मानव जवकास सूचकॉक स्वास््य, जशक्षा एवं आय आजद के स्तर के दजक्षर् सूडान (0.388), चाड (0.404) तर्ा बुरुंडी (0.417)
आधार पर तैयार जकया िाने वािा संयुर्कत राष्र जवकास कायथ क्रम जनम्नतम पांच पायदान पर हैं।
(UNDP) का सूचकांक है।

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• भारत का HDI मूल्य 0.640 है तर्ा यह 129 वें पायदान पर है। • हािाूँजक, 2015–16 में भी जबहार सबसे र्रीब राज्य र्ा, जिसकी
• भारत को मध्यम मानव जवकास की श्रेर्ी में रखा र्या है। आधी से अजधक आबादी र्रीबी में िीवन व्यतीत कर रही र्ी।
2015-16 में, चार सबसे र्रीब राज्य – जबहार, झारखंड, उत्तर
• ररपोटथ में असमानता को भारत के जिए प्रमुख चुनौती माना र्या है।
प्रदेश और मध्य प्रदेश में 196 जमजियन बहुआयामी र्रीब िोर् र्े
• ररपोटथ में िेंडर इनइर्कवेजिटी इंडेर्कस में भारत को 162 देशों में 122 – ये भारत में बहुआयामी र्रीबी में रहने वािे सभी िोर्ों में आधे से
वां स्र्ान प्राप्त हुआ है। अजधक र्े।
• माशथ ि आइिैंड को पहिी बार शाजमि जकया र्या है। • सबसे र्रीब जििा मध्य प्रदेश का अिीरािपुर है,
• भारत में िीवन प्रत्याशा – 68.8 वषथ ❖ वैष्टिक खुशहाली रिपोर्थ - 2019
• भारत में िन्म के समय पुरुषों की िीवन प्रत्याशा िहाूँ 68.2 वषथ
• संयुि राष्र संघ (UNO) द्वारा वषथ 2012 में पहिी बार ‘जवश्व
र्ी वहीं मजहिाओं की िीवन प्रत्याशा 70.7 वषथ दिथ की र्ई है।
प्रसन्नता ररपोटथ ’ (World Happiness Report) िारी की र्ई।
• भारत में जवद्यािय िाने के अनुमाजनत वषथ – 12.3 वषथ
• यह ररपोटथ प्रत्येक वषथ सतत् जवकास समाधान नेटवकथ
• भारत में प्रजतव्यजि आय (2011 पीपीपी) – 6353 डॉिर (Sustainable Development Solution Network- SDSN)
• भारत में िैंजर्क जवकास सूचकांक – 0.841 द्वारा प्रकाजशत की िाती है।
• भारत में र्रीबी – 42.9 प्रजतशत • संयुि राष्र महासभा के नेतृत्व में ‘संयुि राष्र जनवथ हनीय जवकास
• भारत में स्कूिी जशक्षा के औसत वषों की संख्या 6.5 वषथ बताई र्ई समाधान नेटवकथ’ (UN Sustainable Development Solution
है। Network-SDSN) द्वारा 20 माचथ , 2019 को सातवीं जवश्व
प्रसन्नता ररपोटथ , 2019’ (7th World Happiness Report,
❖ बहु-आयामी गिीबी सचकांक (MPI)
2019) िारी की र्ई।
• बहुआयामी र्रीबी सूचकांक
• खुशहािी को आूँकने के जिये सूचकांक में वषथ 2016-2018 के
• MPI में दस संकेतक शाजमि हैं: मध्य 6 महत्वपूर्थ जनधाथ रक कारकों (Key Factors) का प्रयोर्
• जशक्षा: स्कूिी जशक्षा के वषथ और बच्चों का नामांकन जकया र्या है, िो जनम्न हैं-
• स्वास््य: बाि मृत्यु दर और पोषर् • 1 = जीडीपी प्रष्टतव्यष्टि आय (GDP Per Capita Income)
• िीवन स्तर: जबििी, घर, पेय िि, शौचािय, खाना पकाने का • 2 = सामाष्टजक अवलंबन (Social Support)
ई ंधन और संपजत्त • 3 = स्वस्र् जीवन प्रत्याशा (Healthy Life Expectancy)
• प्रत्येक जशक्षा और स्वास््य संकेतक में 1/6 भार होता है, प्रत्येक • 4 = सामाष्टजक स्वतंरता (Social Freedom)
मानक िीवन स्तर संकेतक में 1/18 भार होता है।
• 5 = उदािता (Generosity)
• भारत का MPI 0.121 है
• 6 = भ्रिाचाि का अभाव (Absence of Corruption)
• 8.6% िोर् र्ंभीर बहुआयामी र्रीबी में िी रहे हैं।
• SDSN ने वैजश्वक खुशहािी ररपोटथ -2019 में 156 देशों को शाजमि
• भारत में 21.9% िोर् र्रीबी रेखा से नीचे हैं, जिसमें 21.2% िोर् जकया है।
एक जदन में 1.90 डॉिर से भी कम कमाते हैं।
• सबसे खुशहाि देशों में जिनिैंड िर्ातार दूसरे वषथ शीषथ पर है। दूसरे
• वैजश्वक बहुआयामी र्रीबी सूचकांक 2019 (Multidimensional और तीसरे स्र्ान पर क्रमश: डेनमाकथ एवं नॉवे हैं।
Poverty Index- MPI) के अनुसार, भारत ने वषथ 2006 से वषथ
• इस वषथ भारत का स्र्ान 140वाूँ है िो जपछिे वषथ से 7 स्र्ान नीचे
2016 के बीच 271 जमजियन िोर्ों को र्रीबी से बाहर जनकािा है।
है।
• वषथ 2005-06 के भारत का MPI 0.283 र्ा वहीं वषथ 2015-16 के
• पडोसी देशों में चीन, पाजकस्तान, अफर्ाजनस्तान, नेपाि, भटू ान,
बीच यह घटकर 0.123 हो र्या है।
बांग्िादेश, श्रीिंका और म्याूँमार को क्रमश: 93, 67, 154, 100,
• भारत का झारखंड राज्य ‘बहुआयामी र्रीबी’ को सबसे तेज़ी से 95, 125, 130 और 131वाूँ स्र्ान प्राप्त हुआ है।
हटाने वािा राज्य है, झारखंड में 2005-06 में यह 74.9 प्रजतशत
❖ वैष्टिक भुखमिी सचकांक, 2019
र्ी िबजक वषथ 2015-16 में जसफथ 46.5 ही रह र्ई।

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• ग्िोबि हंर्र इंडेर्कस, भुखमरी को मापने का एक पैमाना है िो • भारत में बाि वृजद् दर 37.9 प्रजतशत है िो जक िोक स्वास््य के
वैजश्वक, राष्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर भुखमरी को प्रदजशथ त करता है। दृजिकोर् से काफी र्ंभीर समस्या है।
• वषथ 2018 के वैजश्वक भुखमरी सूचकांक का प्रकाशन संयुि रूप से • वैजश्वक स्तर पर भुखमरी ग्रस्त िोर्ों की संख्या में पाूँच प्रजतशत की
दो र्ैर-सरकारी संर्ठनों यर्ा- ‘कं सनथ वल्डथ वाइड’ (Concern वृजद् हुई है िो जक 2015 में 785 जमजियन र्ी, 2018 में यह बढ़कर
Worldwide) तर्ा ‘वेल्ट हंर्रजहल्फ’ (Welthungerhilfe) द्वारा 822 जमजियन हो र्ई है।
जकया र्या है। • राष्रीय पररवार स्वास््य सवेक्षर् 2015-16 के अनुसार भारत में
• वैजश्वक भुखमरी सूचकांक चार संकेतकों - र्ुिरात, झारखण्ड, कनाथ टक, मध्य प्रदेश और महाराष्र िैसे बडे
• अल्पपोषर् (Undernourishment), राज्यों में, बाि जनबथ िता अत्यजधक संख्या में देखने को जमिती है।
• बाि दुबिापन (Child Wasting), • कु ि 119 देशों में से 45 देश भुखमरी की र्ंभीर (Serious)जस्र्जत
में हैं।
• बाि जठर्नापन (Child Stunting) तर्ा
• अल्पपोषर्, बाि जठर्नापन तर्ा बाि मृत्यु दर के संदभथ में भारत
• बाि मृत्यु दर (Child Mortality) के आधार पर तैयार जकया िाता
की जस्र्जत में सुधार हुआ है,‘बाि दुबिापन’ में पूवथ वषों की तुिना
है।
में भारत की जस्र्जत खराब हुई है।
• वैजश्वक भुखमरी सूचकांक 100 आधार जबंदुओ ं के पैमाने पर तैयार
जकया िाता है, जिसमें शून्य (0) सबसे अच्छा स्कोर माना िाता है,
िबजक 100 सबसे खराब स्कोर होता है।
• सूचकांक में GHI स्कोर के पांच वर्थ बनाए र्ए हैं, जिनके आधार पर
जकसी देश में भुखमरी की तीव्रता (Severity) का आकिन जकया
िाता है-
• 9.9 या उससे कम स्कोर ‘अल्प’ (Low)
• 10.0-19.9 स्कोर ‘मध्यम’ (Moderate)
• 20.0-34.9 स्कोर ‘र्ंभीर’ (Serious)
• 35.0-49.9 स्कोर ’भयावह’ (Alarming) तर्ा
• 50.0 या उससे अजधक स्कोर भुखमरी की ‘चरम भयावह’
(Extremely Alarming) जस्र्जत को प्रदजशथ त करता है।
➢ वैजश्वक खाद्य नीजत अनुसंधान संस्र्ा (IFPRI) ने 14वां ‘वैजश्वक भूख
सूचकांक’ िारी जकया है। भारत 117 देशों की सूची में 102वें स्र्ान
पर है।
➢ रिपोर्थ के मुख्य ष्टबंदु
• ररपोटथ के अनुसार, वषथ 2000 से अब तक जवश्व में भुखमरी की
जस्र्जत में 28 प्रजतशत की कमी दिथ की र्ई है।
• अंतराथ ष्रीय खाद्य नीजत अनुसंधान संस्र्ान एवं दो अन्य र्ैर
िाभकारी संस्र्ान िैसे िमथ नी का वेल्टहंर्र हाइफ (Welthunger
Hilfe) और आइररश संर्ठन कनसनथ वडथ वाइड इस ‘वैजश्वक भूख
सूचकांक’ के प्रकाशन में सहयोर् देते हैं।
• वैजश्वक स्तर पर भुखमरी सचू कांक में प्रर्म तीन स्र्ान प्राप्तकत्ताथ
देश बेिारुस, बोजस्नया एवं हिेर्ोजवना, हैं।
• इस ररपोटथ के अनुसार भारत का बाि जनबथ िता अनुपात 20.8% है
िो जक जकसी भी अन्य देश की तुिना में अजधक है।

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2राष्ट्रीय आय राष्ट्रीय आय www.examgurooji.in

• भारत में ब्रिब्रिश काल से ही राष्ट्रीय आय की गणना के प्रयास ब्रकये • चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय - राष्ट्रीय आय को प्रचब्रलत बाजार
जाते रहे हैं। मूल्यों पर मापा जाता है इसे मौब्ररक आय भी कहा जाता है।
• दादा भाई नौरोजी (1868), ब्रिब्रलयम ब्रिग्बी (1899), ब्रिन्िले • स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय - एक लेखा िर्थ के दौरान एक देश
ब्रशराज (1911,1922 और 1931), शाह एिं खम्ब्िा (1921), िी. के सामान्य नागररक द्वारा उत्पाब्रदत सभी िस्तुओ ं तर्ा सेिाओं के
के . आर. िी. राि (1925–29 और 1930-31), आर. सी. देसाई मूल्य है इसे ब्रकसी आधार िर्थ (ितथ मान में 2011 - 12,पूिथ में 2004-
(1931-40) आब्रद अर्थ शाब्रियों ने स्ितंत्रता के पूिथ भारत की 05) के मूल्यों पर मापा जाता है इसे िास्तब्रिक राष्ट्रीय आय भी
राष्ट्रीय आय मापने का प्रयास ब्रकया र्ा। कहा जाता है।
• नौरोजी के आकलन के अनुसार िर्थ 1868 में प्रब्रत व्यब्रि आय 20 ➢ राष्ट्रीय आय से संबंस्ित तथ्य
रुपये र्ी। एि ब्रसराथ स ने िर्थ 1911 में प्रब्रत व्यब्रि आय 49 रुपये • भारत में राष्ट्रीय आय की गणना कें रीय सांब्रययकी संगठन के द्वारा
बताया। की जाती है
• स्ितंत्रता प्राब्रि के उपरान्त भारत सरकार ने राष्ट्रीय आय की गणना • भारत में ब्रित्त िर्थ 1 अप्रैल से 31 माचथ तक होता है
के ब्रलए अगस्त, 1949 में प्रो. पी. सी. महालनोब्रबस की अध्यक्षता
• राष्ट्रीय आय िाब्रर्थक गणना होती है
में एक राष्ट्रीय आय सब्रमब्रत (National Income Committee)
की स्र्ापना की, ब्रजसके अन्य सदस्य प्रो. िी. आर. गािब्रगल और • भारत में राष्ट्रीय आय सब्रमब्रत का गठन 1949 में ब्रकया गया र्ा
प्रो. िी. के . आर. राि र्े। • सीएसओ ने प्रणि सेन की अध्यक्षता में गब्रठत कमेिी की ब्रसिाररश
• इस सब्रमब्रत ने साइमन कु जनेत्स, जे. आर. स्िोन और िॉ. िकथसन पर 30 जनिरी 2015 को राष्ट्रीय आय से संबंब्रधत आंकडे जारी
को अपना परामशथ दाता ब्रनयुि ब्रकया। सब्रमब्रत ने अपनी प्रर्म ररपोिथ ब्रकए इससे पिू थ राष्ट्रीय आय संबंब्रधत आकलन िर्थ 2004 - 05 को
1951 में तर्ा अब्रन्तम ररपोिथ 1954 में प्रस्तुत की। आधार िर्थ लेते हुए जारी ब्रकए जाते र्े ब्रकंतु अब 2011-12 को नए
आधार िर्थ के रूप में अपनाया गया
• राष्ट्रीय आय सब्रमब्रत की अब्रन्तम ररपोिथ प्राि होने के पश्चात् भब्रिष्ट्य
के राष्ट्रीय आय के आकलन का कायथ के न्रीय सांब्रययकीय संगठन • 30 जनिरी 2015 से भारत में राष्ट्रीय आय के अनुमान लगाने का
(CSO) को सौंप ब्रदया गया। आधार िर्थ 2011 - 12 कर ब्रदया गया
❖ राष्ट्रीय आय की पररभाषा • भारत में सांब्रययकी आंदोलन का जनक प्रशांत चंर महालनोब्रबस
को कहा जाता है
• राष्ट्रीय आय से तात्पयथ ब्रकसी देश की अर्थ व्यिस्र्ा द्वारा परू े िर्थ के
दौरान उत्पाब्रदत अब्रन्तम िस्तुओ ं ि सेिाओं के शुद्ध मूल्य के योग • कें रीय सांब्रययकी संगठन की स्र्ापना 2 मई, 1951 में की गई र्ी
इसका मुययालय न्यू ब्रदल्ली में है
से होता है, इसमें ब्रिदेशों से अब्रजथत शुद्ध आय भी शाब्रमल होती है।
• सीएसओ के िाब्रर्थक प्रकाशन को राष्ट्रीय लेखा सांब्रययकी के नाम
• साइमन कु जनेि्स को राष्ट्रीय आय लेखांकन का जन्मदाता माना
से जाना जाता है यहां राष्ट्रीय लेखा सांब्रययकी पब्रत्रका 1956 से
जाता है ब्रजन्हें इसके ब्रलए नोबेल पुरस्कार ब्रमला।
लगातार प्रत्येक िर्थ प्रकाब्रशत होती है
➢ राष्ट्रीय आय में ध्यान देने योग्य बातें -
• सीएसओ की औद्योब्रगक सांब्रययकी शाखा कोलकाता में ब्रस्र्त है
• राष्ट्रीय आय को मुरा के रूप में मापा जाता है।
• भारत की राष्ट्रीय आय एिं प्रब्रत व्यब्रि आय की गणना का प्रर्म
• इसमें अंब्रतम िस्तुओ ं एिं सेिाओं के मल्ू य को ही सब्रम्बमब्रलत ब्रकया
प्रयास दादा भाई नौरोजी ने 1867-68 में ब्रकया र्ा
जाता है ना ब्रक मध्यिती िस्तुओ ं के मूल्य को।
• राष्ट्रीय आय के अनुमान का प्रर्म सरकारी आकलन िर्थ 1948 -
• राष्ट्रीय आय में पुरानी िस्तुओ ं के मूल्य को शाब्रमल नहीं ब्रकया जाता
49 में िाब्रणज्य मंत्रालय के द्वारा जारी ब्रकया गया
है।
❖ राष्ट्रीय आय के मापन की स्िस्ियां
• घरेलू सेिा ( कपडे धोना, खाना बनाना आब्रद) अर्िा कायथ को
राष्ट्रीय आय से बाहर रखा जाता है। • राष्ट्रीय आय के मापन की ब्रिब्रधयां की तीन ब्रिब्रधयां है
• इसमें हस्तांतरण भुगतान (पेंशन, भत्ता) शाब्रमल नहीं ब्रकया जाता ➢ आय गणना स्िस्ि
है।
➢ राष्ट्रीय आय की गणना दो प्रकार से की जाती है -

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राष्ट्रीय आय www.examgurooji.in
• आय गणना ब्रिब्रध के अंतगथ त कु ल लगान कु ल मजदूरी आब्रद को स्िीब्रतकारी प्रभािों के कारण प्राि होते हैं। अतः इसे भी राष्ट्रीय
सब्रम्बमब्रलत करते हैं यानी ब्रिब्रभन्न क्षेत्रों में कायथ रत व्यब्रियों के िेतन आय में शाब्रमल नहीं ब्रकया जाता।
आब्रद के रूप में प्राि आय को सब्रम्बमब्रलत करते हैं। • आय कर (Income Tax) - राष्ट्रीय आय की गणना साधन कीमत
➢ उत्पादन गणना स्िस्ि पर करते समय, सभी साधनों पर आयी लागत को जोड ब्रलया जाता
• उत्पादन गणना ब्रिब्रध को िस्तु सेिा ब्रिब्रध भी कहते हैं। इस ब्रिब्रध के है। चूंब्रक व्यब्रि (प्रबंधक) को प्राि आय उस लागत का ब्रहस्सा है,
द्वारा एक िर्थ में उत्पाब्रदत अंब्रतम िस्तुओ ं तर्ा सेिाओं के कु ल और िह उसी आय से आयकर देगा, तो दोहरी गणना की समस्या
मूल्य को सब्रम्बमब्रलत करते हैं। इस ब्रिब्रध के अंतगथ त उत्पादन, खनन, उत्पन्न होगी। इसब्रलए आयकर को राष्ट्रीय आय में शाब्रमल नहीं
मत्स्य उद्योग, कृ ब्रर्, पशुपालन और िाब्रनकी को सब्रम्बमब्रलत करते ब्रकया जाता।
हैं। यानी इसके अंतगथ त ब्रित्तीय क्षेत्र को सब्रम्बमब्रलत करते हैं। • यही कारण है ब्रक राष्ट्रीय आय में ब्रनगम कर (corporate tax)
➢ व्यय गणना स्िस्ि शाब्रमल नहीं ब्रकया जाता।
• इस ब्रिब्रध को उपभोग बचत ब्रिब्रध भी कहा जाता है इस ब्रिब्रध में कु ल • गैर-कानूनी गस्तस्िस्ियां - कालाबाजारी, तस्करी, जुआ, आब्रद से
उपभोग और कु ल बचत को सब्रम्बमब्रलत करते हैं। प्राि आय को राष्ट्रीय आय में शाब्रमल नहीं ब्रकया जाता।
• ब्रिकासशील देशों में राष्ट्रीय आय के अनुमान का सिथ श्रेष्ठ ब्रिब्रध • पुरानी िस्तुओ ं की खरीद एिं ब्रबक्री को भी राष्ट्रीय आय में शाब्रमल
आय गणना ब्रिब्रध है। क्योंब्रक कृ ब्रर् क्षेत्र से कम आय की प्राब्रि होती नहीं ब्रकया जाता क्योंब्रक इनका उत्पादन ब्रकसी दूसरे ब्रित्तीय िर्थ में
है। ब्रनगम क्षेत्र से अब्रधक आय की प्राब्रि होने के कारण इस ब्रिब्रध का हुआ र्ा और िहां इनकी गणना की जा चुकी र्ी।
उपयोग ब्रकया जाता है। जबब्रक भारत जैसे ब्रिकासशील देशों में आय
गणना और उत्पादन गणना ब्रिब्रध दोनों का उपयोग ब्रकया जाता है।
राष्ट्रीय आय
• तीनों ब्रिब्रधयों में सबसे उपयुि आय गणना ब्रिब्रध है। इसी ब्रिब्रध का
❖ जीडीपी (Gross Domestic Product)/सकल घरेलू
सिाथ ब्रधक उपयोग ब्रकया जाता है। राष्ट्रीय आय सब्रमब्रत और कें रीय उत्पाद
सांब्रययकी संगठन ने आय और उत्पादन ब्रिब्रध को मान्यता प्रदान • ब्रकसी देश की घरेलू सीमा के अंतगथ त 1 िर्थ में उत्पाब्रदत सभी अंब्रतम
ब्रकया है। िस्तुओ ं और सेिाओं की मौब्ररक मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद
➢ राष्ट्रीय आय की गणना करते समय बरतने िाली साििास्नयां कहते हैं इसमें ब्रिदेब्रशयों द्वारा अब्रजथत आय को भी शाब्रमल ब्रकया
• राष्ट्रीय आय में के िल - जाता है ब्रकंतु ब्रिदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भेजी गई आय को
शाब्रमल नहीं ब्रकया जाता है
• उपभोग (consumption) एिं पूंजीगत (capital goods) िस्तुओ ं
एिं सेिाओं के मल्ू य को जोडा जाता है। • GDP (सकल घरेलू उत्पाद) = उपभोग + सकल ब्रनिेश + खचथ +
(ब्रनयाथ त - आयात)
• के िल अंब्रतम िस्तुओ ं एिं सेिाओं के मूल्यों को जोडा जाता है।
• या
• मध्यिती िस्तुओ ं के मूल्यों को नहीं जोडा जाता।
• GDP = C + I + G + (X − M)
• राष्ट्रीय आय की गणना साधन लागत पर की जाती है।
• भारत में िर्थ 2016-17 में GDP िृब्रद्ध दर 7% दजथ करने के बाद
• आयाब्रतत िस्तुओ ं के मूल्य को नही जोडा जाता क्योंब्रक िह अपने
2017-18 में GDP दर 7 से 7.5% रहने का अनुमान लगाया गया।
देश में उत्पाब्रदत नहीं होती।
• भारत की जीिीपी दर 2014-15 से 2017-18 तक औसतन
• राष्ट्रीय आय की गणना में शास्मल न की जाने िाली मदें -
7.3% रही।
• हथतान्तरण भुगतान (Transfer Payment) - ऐसे भुगतान जो
• िल्िथ बैंक ने मौजदू ा ब्रित्त िर्थ (2018-19) में भारत की ब्रिकास दर
ब्रकसी सेिा या उत्पादन के बदले नहीं ब्रदए जाते बब्रल्क प्रायः
7.3 िीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
सामाब्रजक सुरक्षा हेतु भुगतान ब्रकए जाते हैं, जैस— े पेंशन, बेरोजगारी
भत्ता, बैंकों में जमा राब्रश पर ब्रमलने िाले ्याज, आब्रद हस्तान्तरण • ब्रिश्व बैंक के मुताब्रबक, ब्रित्त िर्थ 2019-20 और 2020-21 में
भुगतान कहलाते हैं। ब्रजन्हें राष्ट्रीय आय में शाब्रमल नहीं ब्रकया जाता। अर्थ व्यिस्र्ा की ब्रिकास दर 7.5 िीसदी के स्तर पर रहेगी।
• पूंजीगत लाभ (Capital Gain) - पूंजीगत लाभ िस्तुओ ं एिं ❖ शुद्ध घरेलू उत्पाद (Net Domestic Product -
सेिाओं के िास्तब्रिक उत्पादन पर नहीं बब्रल्क बाजार में व्याि NDP)

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राष्ट्रीय आय www.examgurooji.in
• सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में से लागत को घिा देने के बाद जो • पररितथ न के अंतगथ त तकनीकी पररितथ न (कृ ब्रर्) और संरचनात्मक
शेर् बचता है उसे शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) कहते हैं। पररितथ न (उद्योग) है।
• NDP = GDP – लागत • राष्ट्रीय संपस्ि - राष्ट्रीय संपब्रत्त से आशय एक ब्रिर्य समय ब्रबंदु
❖ GNP (Gross National Product)/सकल राष्ट्रीय पर ब्रकसी देश के लोगों के पास उपब्रस्र्त िस्तुओ ं के संग्रह से है।
उत्पाद
• ब्रकसी देश के नागररकों के द्वारा एक िर्थ में उत्पाब्रदत अंब्रतम िस्तुओ ं
और सेिाओं के मौब्ररक मूल्य को राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं।
• इसकी गणना करते समय ब्रिदेब्रशयों द्वारा देश में अब्रजथत आय को
सब्रम्बमब्रलत नहीं ब्रकया जाता है, ब्रकंतु भारतीयों द्वारा ब्रिदेशों से भेजी
गई आय को शाब्रमल ब्रकया जाता है ।
• GNP = GDP + X–M
• X = ब्रिदेशों से आने िाली आय।
• M = ब्रिदेब्रशयों द्वारा देश में अब्रजथत की गई आय।
• Y = देश से ब्रिदेश में जाने िाली आय।
• यानी X=Y होने पर GNP = GDP होगा। ब्रकसी अर्थ व्यिस्र्ा में
आयात ब्रनयाथ त बंद होंगे तो X–Y = 0 होगा यानी िहां पर
GNP=GDP होगा।
❖ NNP (Net National Product)/शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद
• सकल राष्ट्रीय उत्पाद में से लागत घिा देने पर प्राि आय को शुद्ध
राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) कहते हैं। NNP से देश के उपभोग, बचत,
ब्रनिेश हेतु उपल्ध राब्रश का बोध NNP की करना की दो ब्रिब्रधयां
है –
• िस्तुओ ं तर्ा सेिाओं का बाजार कीमतों पर।
• कु ल उत्पादन की उत्पादन साधन लागत रूप में।
• NNP=GNP – मल्ू य ह्रास।
• सकल राष्ट्रीय उत्पाद – मूल्यह्रास = शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद।
❖ प्रस्त व्यस्ि आय (Per capita income - PCI)
• राष्ट्रीय आय में देश की कु ल जनसंयया से भाग देने पर जो भाग
िल आता है उसे प्रब्रत व्यब्रि आय कहते हैं।
• प्रब्रत व्यब्रि आय = राष्ट्रीय आय (National income) ÷ देश की
कु ल जनसंयया
❖ व्यस्िगत आय (Personal income)
• देश की जनता द्वारा एक ब्रित्तीय िर्थ में प्राि आय को व्यब्रिगत आय
करते हैं।
• आस्ििक स्िकास - प्रब्रत व्यब्रि िास्तब्रिक आय में लगातार और
दीघथ कालीन िृब्रद्ध को आब्रर्थक ब्रिकास कहते हैं।
• आब्रर्थक ब्रिकास = आब्रर्थक समृब्रद्ध + पररितथ न

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3आर्थिक र्ियोजि आर्थिक नियोजि www.examgurooji.in

• आर्थिक र्ियोजि से आशय पूर्ि-र्िर्धि रित औि र्िर्ित सधमधर्जक • र्र्ि 1944 में श्री मिधिधयण िे गधंर्ीर्धदी योजिध िधम से एक योजिध
एर्ं आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अथि व्यर्स्थध के सभी अंगों को कध र्िमधि ण र्कयध। इसी प्रकधि श्री एमएि िॉय द्वधिध अप्रैि 1945 में
एकीकृ त औि समर्वर्त किते हुए िधष्ट्र के संसधर्िों के सम्बवर् में जि योजिध (People’ s plan) र्िर्मित की गई।
सोच-र्र्चधिकि रूपिेखध तैयधि कििे औि के वरीय र्ियवरण से है।
• जिर्िी 1950 में श्री जय प्रकधश िधिधयण सर्ोदय योजिध के िधम
❖ आर्थिक र्ियोजि के उद्देश्य से एक योजिध प्रकधर्शत की।
• िधष्ट्रीय आय एर्ं प्रर्त व्यर्ि आय में र्ृर्ि • 15 मधचि 1950 को भधित सिकधि के प्रस्तधर् द्वधिध योजिध आयोग
• िोजगधि में र्ृर्ि कध गिि हुआ।
• आत्म-र्िभि ितध की प्रधर्ि • र्र्श्व में सबसे पहिे सोर्र्यत संघ िे र्र्ि 1927 में पंचर्र्ीय योजिध
• कल्यधणकधिी िधज्य की स्थधपिध कध प्रधिंभ र्कयध।
• सधर्ि जर्िक क्षेर कध र्र्स्तधि • भधित सिकधि िे पधंच सधि की योजिधओं को िॉवच कििध बंद कि
• समधजर्धदी समधज की स्थधपिध र्दयध है औि योजिध आयोग के स्थधि पि िीर्त आयोग िधमक एक
र्थंक िैंक िॉवच र्कयध है।
• जिसंख्यध र्ृर्ि पि र्ियवरण,
• र्पछडे क्षेरों कध र्र्कधस, भारत में र्ियोजि तंत्र
• उद्योग एर्ं सेर्धओं कध र्र्स्तधि, • 15 मधचि 1950 को योजिध आयोग कध गिि र्कयध गयध र्जसकी
• खधद्यधवि एर्ं औद्योर्गक उत्पधदि में र्ृर्ि। अिुशंसध पि प्रथम पंचर्र्ीय योजिध 1 अप्रैि 1951 से िधगू हुई।
❖ र्ियोजि के तत्व ❖ योजिा आयोग
• प्रभधर्ी र्ियोजि के र्िए र्िम्िर्िर्खत तत्र्ों कध होिध आर्श्यक है • 1946 में गर्ित के . सी. र्ियोगी सर्मर्त की र्सफधरिश के आर्धि
• आंकडों की उपिब्र्तध पि भधित में योजिध आयोग कध गिि 15 मधचि 1950 को
संर्र्र्धिेत्ति औि पिधमशि दधरी र्िकधय के रूप में र्कयध गयध थध।
• आर्थिक आर्धिभूत संिचिध की उपिब्र्तध
➢ आयोग का संगठि
• दक्ष प्रशधसि की उपिब्र्तध
• अध्यक्ष - प्रर्धिमंरी पदेि अध्यक्ष होते हैं; उपधध्यक्ष;
• व्यधपक जिभधगीदधिी
• सदस्य - 3 पूणिकधर्िक सदस्य; 3 अंशकधर्िक सदस्य
• कु शि संस्थधि
❖ िीर्त आयोग
❖ र्ियोजि के र्वशेष तथ्य
• योजिध आयोग को समधि कि िीर्त आयोग कध गिि र्कयध गयध है।
• 1934 में एम. र्र्श्वेश्विैयध द्वधिध “Planned economy for India“
• प्रर्धिमंरी ििेंर मोदी जी िे 15 अगस्त 2014 को िधष्ट्र के िधम
िधमक पुस्तक र्िखी गई थी। इस पुस्तक में भधित के 10 र्र्ि
संबोर्ि में एक िए आयोग के गिि की घोर्णध की थी, इस िए
र्ियोर्जत र्र्कधस के र्िए कधयि क्रम र्िर्धि रित र्कयध गयध।
आयोग को िधष्ट्रीय भधित परिर्ति ि संस्थधि (National
• र्र्ि 1938 में भधितीय िधष्ट्रीय कधंग्रेस िे पंर्ित जर्धहििधि िेहरू institution For transforming India - NITI) िधम र्दयध गयध
की अध्यक्षतध में एक िधष्ट्रीय र्ियोजि सर्मर्त गर्ित की, 1938 में है।
भधितीय िधष्ट्रीय कधंग्रेस कध अर्र्र्ेशि हरिपुिध में हुआ थध।
➢ िीर्त आयोग की संरचिा
• र्र्ि 1944 में मुंबई के 8 उद्योगपर्तयों द्वधिध बॉम्बे प्िधि िधम से एक
• अध्यक्ष - प्रर्धिमंरी
15 र्र्ीय योजिध को प्रस्तुत र्कयध गयध।
• उपधध्यक्ष - प्रर्धिमंरी द्वधिध र्ियुि र्र्शेर्ज्ञ (िॉ िधजीर् कु मधि )
• र्िर्िश सिकधि द्वधिध र्र्ि 1944 में र्ियोजि एर्ं र्र्कधस र्र्भधग
िधमक प्रथक र्र्भधग खोिध गयध तथध आदेर्शि दिधि जो मुंबई • पदेि सदस्य - चधि ( गृहमंरी ,र्र्त्त मंरी, कृ र्र् मंरी ,िेिर्े मंरी)
प्िधि के सदस्य थे उिको इसकध अध्यक्ष बिधयध गयध। • पूणिकधर्िक सदस्य - कु ि 5
• अंशकधर्िक सदस्य - दो पदेि सदस्य, र्र्श्वर्र्द्यधिय के र्शक्षक

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आर्थिक र्ियोजि www.examgurooji.in
• मुख्य कधयि कधिी अर्र्कधिी -- अर्मतधभ कधंत (कें र के सर्चर् स्ति • यह योजिध पी सी महधििोर्बस मॉिि पि आर्धरित थी।
के अर्र्कधिी) • इस योजिध में उद्योगों पि ध्यधि र्दयध गयध तथध समधजर्धदी समधज
• र्र्शेर् आमंर्रत सदस्य - प्रर्धिमंरी के द्वधिध मिोिीत र्र्र्भवि क्षेरों
की स्थधपिध कििध मुख्य उद्देश्य िखध गयध।
के र्र्शेर्ज्ञ • िर्क्षत दि - 4.5 प्रर्तशत , र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 4.2%।
• अर्र्शधर्ी परिर्द (Governing council) - सभी िधज्यों के • इस योजिध में 3 िोह इस्पधत संयंर की स्थधपिध की गई -
मुख्यमंरी तथध कें र शधर्सत क्षेरों के उपिधज्यपधि
• दुगधि पुि (पर्िम बंगधि) - र्ििेि के सहयोग से
❖ राष्ट्रीय र्वकास पररषद (National Development • र्भिधई (छत्तीसगढ़) - सोर्र्यत संघ के सहयोग से
Council)
• िधउिके िध (उडीसध) - जमि िी के सहयोग से।
• िधष्ट्रीय र्र्कधस परिर्द एक संर्र्र्धिेत्ति संस्थध है र्जसकध गिि
• इिके अर्तरिि र्चतिंजि िोकोमोर्िर् र्क्सि , इंिीग्रि कोच फै क्री,
आर्थिक र्ियोजि हेतु िधज्यों एर्ं योजिध आयोग के बीच समवर्य
र्संदिी उर्ि िक कधिखधिध स्थधर्पत र्कए गए।
स्थधर्पत कििे के र्िए र्कयध गयध थध।
• इस योजिध के दौिधि पिमधणु ऊजधि आयोग की स्थधपिध की गई।
• इसकध गिि 6 अगस्त 1952 ई0 में र्कयध गयध।
❖ तृतीय पंचवषीय योजिा ( 1961 -1966 )
• एििीसी, योजिध आयोग (अब िीर्त आयोग) कध एक सिधहकधि
र्िकधय है। • योजिध िे अपिध िक्ष्य आत्मर्िभि ि एर्ं स्र्यं स्फूर्ति अथि व्यर्स्थध
➢ संरचिा को कधयम कििध िखध।
• राष्ट्रीय र्वकास पररषद में शार्मल होिे वाले सदस्य - • इसमें कृ र्र् को सर्ोच्च प्रधथर्मकतध प्रदधि की गयी पिवतु इसके
सधथ – सधथ बुर्ियधदी उद्योगों को बढ़धिध तथध तीव्र आर्थि क र्र्कधस
• भधित के प्रर्धिमंरी (एििीसी के अध्यक्ष); को गर्त प्रदधि कििध इस योजिध कध िक्ष्य िखध गयध।
• सभी िधज्यों के मुख्यमंरी; • इसे ‘गाडर्गल योजिा’ के रूप से भी जधिध जधतध है।
• सभी कें र शधर्सत प्रदेशों के प्रशधसक; • िर्क्षत दि 5.6% ,र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 2.8%।
• सभी कै र्बिेि मंरी; • यह योजिध असफि मधिी जधती है इसकी असफितध के र्िम्ि
• योजिध आयोग के सदस्य; कधिण है - भधित चीि युि (1962); भधित पधक युि (1965);
भीर्ण सूखध (1965-66)
पंचवषीय योजिाएं
• इि कधिणों से देश में खधद्यधवि की कमी, मूल्य में र्ृर्ि तथध र्र्देशी
❖ प्रथम पंचवषीय योजिा ( 1951 - 1956) मुरध कध संकि उत्पवि हो गयध।
• यह योजिध 1 अप्रैि, 1951 से 1956 तक थी. • 1964 में रूस के सहयोग से बोकधिो झधिखंि में बोकधिो आयिि
• यह घोर्णध हेिधल्ि िोमि मॉिि पि आर्धरित थी। एंि स्िीि इंिस्री की स्थधपिध की गई।
• इस योजिध में कृ र्र् एर्ं र्संचधई क्षेर को प्रधथर्मकतध दी गई थी। • तीसरी वषीय योजिा अवकाश (1966 - 1969)
• इस योजिध में भधखडध िधगि, दधमोदि घधिी तथध हीिधकुं ि • तीसिी पंचर्र्ीय योजिध की असफितध के कधिण अगिी पंचर्र्ीय
बहुउद्देशीय िदी घधिी परियोजिध की शुरुआत की गई थी। योजिध को र्र्िधम र्दयध गयध औि उसके स्थधि पि तीि र्धर्र्िक
• र्र्ि 2 अक्िूबि 1952 में इस योजिध के दौिधि अमेरिकध के सहयोग योजिधओं (1966-67, 1967-68 तथध 1968-69) कध संचधिि
से सधमुदधर्यक र्र्कधस कधयि क्रम की शुरुआत की गई। र्कयध गयध।
• 1953 में िधष्ट्रीय प्रसधि सेर्ध प्रधिंभ की गई। • इस अर्र्र् में कोई र्ियर्मत र्ियोजि िहीं र्कयध गयध इसीर्िए इसे
योजिध अर्कधश (Plan Holiday) की संज्ञध दी गई इसके
• िर्क्षत दि - 2.1% र्धस्तर्र्क दि - 3.6% ।
सिधहकधि िॉ िी आि गधिर्गि थे।
• उपिर्ब्र् की दृर्ि से यह योजिध सफि मधिी जधती है।
• इस अर्र्र् के दौिधि 1966 में रुपए कध अर्मूल्यि दस ू िी बधि र्कयध
• इस योजिध अर्र्र् के अंत तक 1956 में पधंच भधितीय प्रौद्योर्गकी गयध ।
संस्थधि (आईआईिी) भी शुरू र्कए गए थे।
• 1966 - 67 के दौिधि भधित में हरित क्रधंर्त की शुरुआत की गई।
❖ र्ितीय पंचवषीय योजिा (1956 - 1961)

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• योजिध अर्कधश को बिधिे के पीछे कध कधिण भधित-पधर्कस्तधि • जितध सिकधि के द्वधिध पधंचर्ी पंचर्र्ीय योजिध को 1 र्र्ि पहिे
युि औि तीसिी पंचर्र्ीय योजिध की र्र्फितध थी। समधि किके ियी योजिध को 1 अप्रैि 1978 को पेश र्कयध गयध
❖ चौथी पंचवषीय योजिा (1969-74) र्जसे अिर्ित योजिध (Rolling Plan) की संज्ञध दी गई।
• इस योजिध के दो मुख्य उद्देश्य थे - पहिध, र्स्थितध के सधथ र्र्कधस • इसकध प्रर्तपधदि गुविधि र्मिि िे र्कयध थध तथध इसे भधित में िधगू
औि दूसिध आत्म र्िभि ितध की र्स्थर्त प्रधि कििध। कििे कध श्रेय िी िी िकडधर्धिध को जधतध है।
• इस योजिध की िक्ष्य र्ृर्ि दि 5.6%थी िेर्कि र्धस्तर्र्क र्ृर्ि दि • 15 अगस्त 1979 ग्रधमीण युर्ध स्र्िोजगधि प्रर्शक्षण कधयि क्रम
3.3 % थी। (TRYSEM) की शुरूआत की गई। र्जसे 1999 में स्र्णि जयंती
ग्रधम स्र्िोजगधि योजिध में शधर्मि कि र्ियध गयध।
• यह योजिध अशोक रूर एर्ं एिेि एस मधवय द्वधिध तैयधि ओपि
कं र्सस्िेंसी मॉिि पि आर्धरित थी। • िधष्ट्रीय कधंग्रेस सिकधि िे 1980 में सत्तध में आिे के बधद इस योजिध
को र्फि से खधरिज कि र्दयध औि एक िई छिी योजिध बिधई।
➢ इस योजिा के दौराि मुख्य घटिा
• जुिधई 1969 में 14 र्धर्णज्य बैंकों कध िधष्ट्रीयकिण र्कयध गयध।
❖ छठी पंचवषीय योजिा (1980 - 85)
• 1974 में भधित द्वधिध भूर्मगत िधर्भकीय पिीक्षण (स्मधइर्िंग बुिध) • यह योजिध दो बधि तैयधि की गई पहिी बधि जितध सिकधि द्वधिध
र्कयध गयध। 1978 में तैयधि की गई औि दस ू िी बधि कधंग्रेस सिकधि के द्वधिध सत्तध
में आिे पि इसे 1980 में र्फि से तैयधि की गई।
• परिर्धि र्ियोजि कधयि क्रम को िधगू र्कयध गयध।
• छिी पंचर्र्ीय योजिध िे भधित में आर्थिक उदधिीकिण की शुरुआत
• 1974 में देश में आपधतकधि की घोर्णध की गई।
की थी।
• यह योजिध असफि मधिी जधती है क्योंर्क 1972 में तेि संकि
• इस योजिध में गिीबी र्िर्धिण तथध िोजगधि सृजि पि बि र्दयध
औि उसकी आपूर्ति के कधिण; 1972 में बधंग्िधदेश से आए
गयध।
शिणधर्थि यों की भधिी आमदिी के कधिण।
• िर्क्षत दि - 5.2% र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 5.4%।
❖ पांचवी पंचवषीय योजिा (1974 - 78 )
➢ इस योजिा के दौराि मुख्य घटिा
• इस योजिध कध मुख्य उद्देश्य गिीबी उवमि ू ि तथध आत्मर्ि भि ि तध
• इस योजिध में गिीबी िेखध कध आकिि र्कयध गयध र्जसके अंतगि त
थध।
प्रर्त व्यर्ि 2400 कै िोिी ग्रधमीण तथध 2100 कै िोिी शहिी
• िीपी र्ि मॉिि के आर्धि पि तैयधि र्कयध गयध थध। उपभोिधओं मधिक मधिध गयध।
• इस योजिध में गिीबी हिधओ कध िधिध र्दयध गयध। • 1980 में छह बैंकों कध िधष्ट्रीयकिण र्कयध गयध।
• िर्क्षत दि - 4.4%, र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 4.8% • 12 जुिधई 1982 को िधबधिि की स्थधपिध की गई।
➢ इस योजिा के दौराि मुख्य घटिा • 2 अक्िूबि 1980 को िधष्ट्रीय ग्रधमीण िोजगधि कधयि क्रम (NREP)
• 2 अक्िूबि 1975 को क्षेरीय ग्रधमीण बैंक (RRB) की स्थधपिध की शुरू र्कयध गयध।
गई। • समर्वर्त ग्रधमीण र्र्कधस कधयि क्रम (IRDP) 1978 - 79 शुरू र्कयध
• 1975 में 20 सरू ी कधयि क्रम शुरू र्कयध गयध। गयध। इसके अंतगि त Development of Women and Children
• कें र सिकधि द्वधिध 1977 - 78 में िधजस्थधि में अंत्योदय योजिध in Rural Areas (DWACRA) 1982 से शुरू र्कयध गयध।
आिंभ की गई। • ग्रधमीण भर्ू महीि िोजगधि गधिंिी कधयि क्रम (RLEGP) 15 अगस्त
• 1977 कधम के बदिे अिधज कधयि क्रम की शुरुआत की गई। 1983 से शुरू र्कयध गयध।
• भधितीय िधष्ट्रीय िधजमधगि प्रणधिी की शुरूआत की गयी। ❖ सातवीं पंचवषीय योजिा (1985 - 90)
• ‘वयूितम आर्श्यकतध कधयि क्रम’ िॉवच र्कयध गयध। • इस योजिध कध मुख्य उद्देश्य आर्ुर्िकीकिण आत्मर्िभि ितध औि
• जितध पधिी के सिकधि में आते ही इस योजिध को चौथे र्र्ि 1978 सधमधर्जक वयधय पि बि देिध थध।
में ही समधि कि र्दयध गयध। • इस योजिध में पहिी बधि र्िजी क्षेर को सधर्ि जर्िक क्षेर की तुििध
❖ अिवरत योजिा (रोर्लंग प्लाि) (1978 - 80) में अर्र्क में प्रधथर्मकतध र्मिी थी।
• िर्क्षत दि - 5% , र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 6%।

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• इस प्रकधि यह योजिध सफि मधिी जधती है । • यह योजिध व्यधपक आगत र्िगि त मॉिि पि आर्धरित थी।
➢ इस योजिा के दौराि मुख्य घटिा • योजिध कध उद्देश्य ‘देश में गिीबी औि बेिोजगधिी समधि कििध’ तथध
• 1 985 - 86 में इंर्दिध आर्धस योजिध की शुरुआत हुई। ‘अगिे दस र्र्ों में प्रर्त व्यर्ि आय दोगुिी कििध’ थध।
• 1986 में िधक र्र्भधग में स्पीि पोस्ि व्यर्स्थध की शुरुआत हुई। • इसकध उद्देश्य 2012 तक गिीबी अिुपधत को 15% कम कििध थध।
• 1988 में सेबी की स्थधपिध हुई। • िर्क्षत दि - 8% र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 7.5%।
• 1989 में जर्धहि िोजगधि योजिध औि िेहरू िोजगधि योजिध की ❖ ग्यारहवीं पंचवषीय योजिा (2007 - 2012)
शुरुआत हुई। • इस योजिध में समधर्ेशी र्र्कधस की ओि ध्यधि र्दयध गयध।
❖ वार्षिक योजिाएं (1990 - 92) • यह योजिध सी. िंगिधजि द्वधिध तैयधि की गयी थी।
• सधतर्ीं पंचर्र्ीय योजिध समधि होिे के पिधत सिकधिों के जल्दी- • िर्क्षत दि - 8.1%, र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 7.9%
जल्दी बदििे से आिर्ीं पंचर्र्ीय योजिध प्रधिंभ िहीं हो सकी औि ❖ 12वीं पंचवषीय योजिा (2012 - 17)
दो र्धर्र्िक योजिधएं 1990-91 औि 1991-92 में िधगू की गई।
• यह योजिध िधष्ट्रीय र्र्कधस परिर्द के द्वधिध तैयधि की गई थी।
• इस योजिध के दौिधि िघु उद्योगों के र्र्कधस के र्िए सिकधि िे
र्सिबी की स्थधपिध की। • इस पंचर्र्ीय योजिध कध उद्देश्य तेजी से, अर्र्क समधर्ेशी औि
सतत र्र्कधस के उद्देश्य के सधथ 8.2% की र्ृर्ि हधर्सि कििध थध।
• 1991 में भधित में आर्थिक सुर्धि उदधिीकिण, र्िजीकिण औि
र्ैश्वीकिण की घोर्णध की गई। • 0-3 सधि के बच्चों के बीच कु पोर्ण को कम कििध।
• 1991 में भधित को र्र्देशी मुरध भंिधि के संकि कध सधमिध कििध • र्र्ि 2017 तक सभी गधंर्ों को र्बजिी उपिब्र् किधिध।
पडध, उस र्ि के र्ि 1 अिब अमेरिकी िॉिि के भंिधि देश के पधस • ग्रधमीण आबधदी के 50% जिसँख्यध को उर्चत पेयजि की सुर्र्र्ध
बचे थे। उस समय िॉ.मिोमहि र्संह िे मुि बधजधि सुर्धि को िॉवच उपिब्र् किधिध।
र्कयध, र्जसिे िगभग िधष्ट्र को र्दर्धर्ियध होिे के कगधि से र्धपस • हि सधि 1 र्मर्ियि हेक्िेयि क्षेर में पेड िगधकि हरियधिी फै िधिध।
िे आयध। यहीं से भधित में र्िजीकिण औि उदधिीकिण की शुरूआत • देश के 90% परिर्धिों को बैंर्कंग सेर्धओं से जोडिध।
हुई।
• इस योजिध में 8% र्र्कधस दि हधर्सि कििे कध िक्ष्य िखध गयध
❖ आठवीं पंचवषीय योजिा (1992 - 97) थध, िेर्कि र्धस्तर् में के र्ि 6.8% की र्ृि दि हधर्सि की जध
• यह योजिध आर्धिभूत संिचिध पि बि देिे के र्िए शुरू की गई सकी थी ।
यह योजिध जॉि िब्ल्यू मूिि के मॉिि पि आर्धरित थी। • भारत में वतिमाि मोदी सरकार िे पंचवषीय योजिाओं वषि 2017
• इस योजिध कध मुख्य उद्देश्य मधिर् संसधर्ि कध र्र्कधस थध। से बिािा बंद कर र्दया है।
• िर्क्षत दि - 5.6%, र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 6% • 12वीं पंचवषीय योजिा भारत की अंर्तम पंचवषीय योजिा कही
• 1 जिर्िी 1995 को भधित WTO (र्र्श्व व्यधपधि संगिि) कध जाएगी।
सदस्य बिध।
• 15 अगस्त 1993 को प्रर्धिमंरी िोजगधि योजिध िधगू की गई।
• 2 अक्िूबि 1993 को िोजगधि हमी योजिध शुरू की गई।
❖ िवी पंचवषीय योजिा ( 1997 - 2002 )
• इस योजिध कध मुख्य िक्ष्य वयधय पूणि र्र्तिण एर्ं समधितध के सधथ
र्र्कधस कििध थध।
• इसे भधित की आजधदी के 50 र्ें र्र्ि में िॉवच र्कयध गयध थध।
• स्र्णि जयंती ग्रधम स्र्िोजगधि योजिध की शुरुआत की गई।
• िर्क्षत दि - 6. 5 र्धस्तर्र्क प्रधि दि - 5.4%।
❖ दसवीं पंचवषीय योजिा (2002 - 2007)

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4 निर्धिता एवं बेरोजगारी
गरीबी एवं बेरोजगारी

निर्धिता
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• भरत में निर्ध िता की माप करिे के निए निरपेक्ष प्रनतमाि को प्रयोग
• निर्ध िता से आशय उस सामानिक अवस्था से है निसमें समाि का नकया िाता है।
एक भाग अपिे िीवि की आर्ारभूत आवश्यकताओ को भी पूरा • हमारे देश में योििा आयोग द्वारा गरीबी निर्ाध रण के सम्बन्र् में एक
िहीं कर पाता है। वैकनपपक पररभाषा स्वीकार की निसमें पयाध प्त मात्र में उिाध उपभोग
• निर्ध िता आनथध क नवकास, ििसँख्या, प्रनतव्यनि एवं क्रयशनि से ि कर पािे की क्षमता के आर्ार पर नकया िाता है।
िुडी है। • इस अवर्ारणा के अिुसार उस व्यनि को निर्ध िता की रेखा में िीचे
❖ निरपेक्ष निर्धिता (Absolute Poverty) मािा िाता है, िो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रनतनदि 2400 कै िोरी व शहरी
• “एक व्यनि की निरपेक्ष गरीबी से अथध है नक उसकी आय या उपभोग क्षेत्रों में 2100 कै िोरी भोिि प्राप्त करिे में असमथध है।
व्यय इतिा कम है नक वह न्यूितम भरण पोषण के स्तर के िीचे • भारत में निर्ध िता रेखा के निर्ाध रण का पहिा अनर्काररक प्रयास
स्तर पर रह रहा है।” योििा आयोग द्वारा िुिाई 1962 ई में नकया गया।
• भारत में निर्ध िता मापिे के निए निरपेक्ष प्रनतमाि का प्रयोग नकया • नवश्व बैंक के अिुसार निर्ध िता रेखा - वैनश्वक गरीबी अिुमाि के निए
िाता है। नवश्व बैंक िे िई गरीबी रेखा को अपिाया है।
• इस आर्ार पर निर्ाध ररत नकये गए न्यूितम उपभोग व्यय को • वषध 2011 में क्रय शनि समतुपयता (PPP) के आर्ार पर 1.90
निर्ध िता रेखा कहा िाता है। डॉिर प्रनतनदि तक की आय वािों को गरीबी रेखा के िीचे मािा
• नवकाशीि देशों में मुख्यतः निरपेक्ष गरीबी मापी िाती है। िाता था। िो पूवध में 1.25 डॉिर प्रनतनदि (वषध 2005 के PPP पर
• िोट : निर्ध िता की माप के निए निरपेक्ष प्रनतमाि का सवध प्रथम आर्ाररत) थी।
प्रयोग खाद्य एवं कृ नष संगठि (F.A.O.) के प्रथम महानिदेशक आर. ❖ भारत में गरीबी निर्ाधरण का इनतहास
वायड िे 1945 ई में नकया । • दादा भाई िौरोजी - इि की पुस्तक “पावर्ी एंड अि निनर्श रूि
❖ सापेक्ष निर्धिता (Relative Poverty) इि इंनडया” में पहिी बार गरीबी के मापि को िीिे की न्यूितम
• सापेक्ष निर्ध िता से अनभप्राय नवनभन्ि वगो प्रदेशो या दुसरे देशो की आवश्यकताओं की पनू तध से िगाया था, उन्होंिे गरीबी रेखा वषध
तुििा में की िािे वािी निर्ध िता से हैI 1867 - 68 के मूपय पर प्रनत व्यनि प्रनतवषध नवनभन्ि क्षेत्रों के नहसाब
से 20 निर्ाध ररत नकया था।
• निस देश या वगध के िोगो का िीवि स्तर या निवाध ह स्तर िीचा
होता है वे उच्च िीवि स्तर या निवाध ह स्तर के िोगो या देश की • वई के अलर् सनमनत - 1979 में अिघ सनमनत िे गांवों में 49 रुपये
तुििा में गरीब या सापेक्ष रूप से निर्ध ि मािे िाते हैI तथा शहरों में 56.64 रुपये प्रनत व्यनि मानसक व्यय को गरीबी रेखा
मािा।
• इसे प्राय नगिी गुणांक तथा िोरेंि वक्र द्वारा मापा िाता है इस
प्रकार यह नवनर् नवकनसत देशों में निर्ध िता मापिे के निए ज्यादा • लकडावाला सनमनत - वषध 1989 में योििा आयोग में डी.र्ी.
उपयुि है। िकडावािा की अध्यक्षता में पुि: एक कायध दि का गठि नकया गया
दादा भाई िौरोिी की पुस्तक “पावर्ी एंड अि निनर्श रूि इि
• “नवश्वबैंक की 'गरीबी और साझा समृनि - 2016 ररपोर्ध के अिुसार
इंनडया” में पहिी बार गरीबी के मापि को िीिे की न्यूितम
नवश्व में दस में से एक व्यनि प्रनतनदि 1.90 डॉिर पर िीवि-यापि
आवश्यकताओं की पनू तध से िगाया था, उन्होंिे गरीबी रेखा वषध
करता है।”
1867 - 68 के मूपय पर प्रनत व्यनि प्रनतवषध नवनभन्ि क्षेत्रों के नहसाब
• लॉरेंज वक्र - इस वक्र के द्वारा नकसी देश के िोगों के बीच आए से 20 निर्ाध ररत नकया था।
नवषमता को ज्ञात करते हैं।
• इस कायध दि िे प्रत्येक राज्य के निये अिग-अिग निर्ध िता रेखा
• इसे वषध 1905 में मैक्स औ िोरेंि िे नवकनसत नकया था। बिाई और इसके निये शहरी क्षेत्रों में औद्योनगक श्रनमकों के
• नगिी गुणांक - नगिी गुणांक को 1912 में इर्ानियि कोरोदो नगिी उपभोिा मूपय सूचकांक को एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कृ नष श्रनमकों के
िे नवकनसत नकया था। उपभोिा मूपय सूचकांक को आर्ार बिाया।
❖ भारत में निर्धिता और उसका अध्ययि • 1990 में पुि: कै िेरी को निर्ध िता की गणिा का आर्ार बिाया
गया।

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• सुरेश तेंदुलकर सनमनत - योििा आयोग िे वषध 2004 में सुरेश
• प. बंगाि
तेंदुिकर की अध्यक्षता में सनमनत बिाई निसिे अपिी ररपोर्ध
• महाराष्ट्र
2009 में सोंपी। ❖ गरीबी निवारण, रोजगार, बीमा, नशक्षा, स्वास््य एवं बाल
• सनमनत िे ग्रामीण क्षेत्र के निए 2004-05 मपू य पर 446.68 रुपया
नवकास स संबंनर्त कु छ प्रमुख योजिायें
(2012 के मूपय 816 रुपया) प्रनत व्यनि प्रनत माह तथा शहरी क्षेत्र
➢ 1. अन्द्िपूणाध योजिा
के निए 578.80 रुपया (2012 के मूपय पर 1000 रुपए) मानसक
• इस योििा का प्रारंभ 2 अक्र्ूबर, 2000 को गानियाबाद के
रुपया प्रनत व्यनि उपभोग रखा।
नसखोडा ग्राम से हुआ। इस योििा को उद्देश्य देश क अत्यन्त निर्ध ि
• तेन्दुिकर सनमनत िे गरीबी रेखा के निर्ाध रण के निए िीवि निवाध ह
वृिों के निए रोर्ी की व्यवस्था करिी है ।
िागत सचू कांक यािी प्रनत व्यनि उपभोग व्यय को आर्ार बिाया।
➢ 2. राष्‍टरीय खाद्य सुरक्षा अनर्नियम 2013
• सी. रंगराजि सनमनत - संयुक्त राष्ट्रसंघ के अंग खाद्य एवं कृ नष
• यह अनर्नियम 10 नसतम्बर,2013 से प्रभावी हुआ। इसका मुख्य
संगठि (एफएओ) गरीबी का आकिि उपभोग के पोषण मुपय उद्देश्य िोगों को सस्ती दर पर पयाध प्त मात्रा में उत्तम खाद्यान्ि
अथाध त कै िोरी मूपय के ही आर्ार पर करता है, इसीनिए योििा
उपिब्र् करािा है तानक उन्हें खाद्य एवं पोषण सुरक्षा नमिे और वे
आयोग िे तेन्दुिकर सनमनत की िगह सी. रंगरािि की अध्यक्षता
सम्माि के साथ िीवि िी सकें ।
में 2012 में िई सनमनत गनठत की निसिे अपिी ररपोर्ध
➢ 3. महात्मा गाँर्ी राष्‍टरीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अनर्नियम
िुिाई 2014 में प्रस्तुत की। इसिे तेंन्दुिकर सनमनत के आकिि
(मिरेगा)
के तरीकों को खाररि कर नदया।
• इसकी शुरूआत 2 फरवरी 2006 को आन्रप्रदेश के बान्दावािी
• रंगरािि सनमनत के अिुसार वषध 2011-12 में 29.5 प्रनतशत िोग
नििे क अिन्तपुर गांव से हुआ।
गरीबी थे, (िबनक तेन्दुिकर सनमनत िे ये अिुमाि 21.9 प्रनतशत
• इसका िाम 2 अक्र्ूबर, 2009 को पररवनतध त करके मिरेगा -
नदया था) ग्रामीण ििसंख्या का 30.09 प्रनतशत शहरी ििसंख्या
का 26.4 प्रनतशत िोग गरीबी रेखा से िीचे थे। महात्मा गॉंर्ी रोिगार गारंर्ी योििा कर नदया गया है।
• इस िीनत निमाध ता ज्या द्रेंि (बेनपियम के अथध शास्त्री) है। इसका
• रंगरािि सनमनत िे अनखि भारतीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र के निए
नक्रयान्वयि ग्रामीण नवकास मंत्रािय द्वारा नकया िाता हे।
972 रुपए तथा शहरी क्षेत्र के निए 1407 रुपया प्रनतव्यनि मानसक
• यह योििा प्रत्येक नवत्तीय वषध में नकसी भी ग्रामीण पररवार के उि
उपभोग व्यय को गरीबी रेखा के रूप में पररभानषत नकया।
❖ वर्ध 2011-12 में सवाधनर्क गरीबी प्रनतशत वाले वयस्क सदस्यों को 100 नदि का रोिगार उपिब्र् कराती है।
राज्य/के न्द्रशानसत प्रदेश ➢ 4. प्रर्ािमंत्री सुरक्षा बीमा योजिा
• छत्तीसगढ़ – 39.93% • प्रर्ािमंत्री सुरक्षा बीमा योििा भारत सरकार द्वारा समनथध त दघु ध र्िा
• दादर िगर हवेिी – 39.31% बीमा योििा है। इसका आरम्भ भारत के प्रर्ािमंत्री िरेन्द्र मोदी िे
9 मई 2015 को कोिकाता में नकया।
• झारखण्ड – 36.96%
❖ वर्ध 2011-12 में न्द्यूितम गरीबी प्रनतशत वाले • 12 रुपये प्रनत वषध की न्यूितम प्रीनमयम दर के साथ यह िीनत
राज्य/के न्द्रशानसत प्रदेश समाि के गरीब और निम्ि आय वािे वगध के निए सबसे अनर्क
फायदेमंद है। प्रर्ािमंत्री सुरक्षा बीमा योििा आकनस्मक निर्ि और
• अंडमाि व निकोबार 1% स्थायी नवकिांगता के निए 2 िाख और स्थायी आंनशक अक्षमता
• िक्ष्यद्वीप – 2.77% के निए 2 िाख रुपये का िीवि कवरेि प्रदाि करती है।
• गोवा – 5.09% ➢ 5. अटल पेंशि योजिा
❖ वर्ध 2011-12 में सवाधनर्क गरीब जिसँख्या वाले • इसकी शुरूआत भी 9 मई 2015 को प्रर्ािमंत्री मोदी द्वारा की गई।
राज्य/के न्द्रशानसत प्रदेश इस योििा के अंतगध त पेंशि की मात्रा तथा इसकी अवनर् का
• उत्तर प्रदेश निर्ाध रण इसके अंतगध त दी िािे वािी अंशदाि पर निभध र करेगी।
• नबहार • 31 नदसम्बर, 2015 से पवू ध इसके अंतगध त खोिे िािे वािे खाते पर
• मध्यप्रदेश सरकार 5 वषध तक प्रीनमयम का 50प्रनतशत िो अनर्क से अनर्क
1000 रुपये वानषध क होगा अंशदाि करेगी

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➢ 6. प्रर्ािमंत्री जीवि ज्योनत बीमा योजिा ➢ 28. सुकन्द्या समृनि योजिा - 22 जिवरी 2015
• इसकी शुरूआत भी 9 मई, 2015 को प्रर्ािमंत्री मोदी द्वारा की गई। ➢ 29. जििी सुरक्षा योजिा - 12 अप्रैल 2015
इस योििा स्वाभानवक एवं दुघधर्िा मृत्यु दोिों ही के संबंर् मं िागू ➢ 30. कायाकल्प (जिस्वास््य) - 15 मई 2015
होगी। ➢ 31. प्रर्ािमंत्री उज्जवला योजिा - 1 मई 2016
• इसके अंतगध त प्राप्त रानश 2 िाख रुपया होगी। इसके अंतगध त
अंशदाि 330 रुपया वानषध क होगी तथा 18 से 50 वषध की आयु के बेरोजगारी
संबंर् मं िागू होगी। • बेरोिगारी से आशय एक ऐसी नस्थनत से है िब देश में कायध करिे
➢ 7. बच्चों को निशुल्क नशक्षा तथ अनिवायध नशक्षा की अनर्कार वािी ििशनि अनर्क होती है और काम करिे के निए तैयारी भी
अनर्नियम 2009 होती है परंतु उन्हें उपनस्थत मिदरू ी दर पर कायध िहीं नमि पाता,
• 86वें संनवर्ाि संशोर्ि के पररणामस्वरूप संनवर्ाि के भाग-3 में इस अवस्था को बेरोिगारी कहा िाता है तथा संबंनर्त व्यनि को
अिुच्छे द 21-क समानवष्ट नकया गया निसके फिस्वरूप 6 से 14 बेरोिगार मािा िाता है।
वषध के बीच की आयु के सभी बच्चों के निए निशुपक तथा अनिवायध • भारत में बेरोिगारी से सम्बंनर्त आंकडे रास्रीय िमूिा सवेक्षण
नशक्षा को मि ू अनर्कार बिा नदया गया। कायाध िय (NSSO) द्वारा िारी नकये िाते हैं।
• बच्चों को निशुपक और अनिवायध नशक्षा का अनर्कार अनर्नियम • कें द्रीय सांनख्यकी कायाध िय (सीएसओ) िारी आंकडों के अिुसार
2009 - 1 अप्रैि, 2010 से प्रभावी हो गया है। नवत्त वषध 2017-18 के दौराि देश में बेरोिगारी की दर 6.1 फीसदी
रही.
➢ 8. सवध नशक्षा अनभयाि - 2001
• बेरोिगारी की यह दर 45 साि में सबसे ज्यादा है.
➢ 9. राष्‍टरीय माध्यनमक नशक्षा अनभयाि - 2009
बेरोजगारी के प्रकार
➢ 10. नमड डे मील (मध्याह्न भोजि योजिा) - 1995
❖ ऐनच्छक बेरोजगारी
➢ 11. साक्षर भारत - 2009
• िब श्रनमक कोई भी उत्पादि कायध करिा ही िहीं चाहता हो या
➢ 12. राष्‍टरीय ग्रामीण स्वास््य नमशि - 12 अप्रैल, 2005
उिको रोिगार प्राप्त करिे की कोई इच्छा िा हो अथवा व्यवनस्थत
➢ 13. राष्‍टरीय स्वास््य नमशि - 2013
मिदरू ी पर काम िा करिा चाहते हो और इसीनिए वे बेरोिगार हो
➢ 14.स्वच्छ भारत नमशि - 2 अक्टू बर 2014 तो ऐसे श्रनमकों को एक नशनक्षत बेरोिगारी कहा िाएगा।
➢ 15. वाल्मीनक अम्बेडकर मनलि बस्ती आवास योजिा - 2001 • अथध व्यवस्था में इस प्रकार की बेरोिगारी को सामान्य बेरोिगारी के
➢ 16. नमशि इन्द्रर्िुर् - 25 नदसम्बर, 2014 रूप में सनम्मनित िहीं नकया िाता है।
➢ 17. एकीकृ त बाल नवकास तथा सेवा स्कीम - 1975 ❖ अिैनच्छक बेरोजगारी
➢ 18. आंगिवाडी के न्द्र • यनद अथध व्यवस्था में श्रनमक प्रचनित चािू मिदूरी पर कायध करिे
➢ 19. राष्‍टरीय बाल भवि - 1956 के निए तत्पर है परंतु उस मिदूरी दर पर भी उन्हें कायध ि नमिे तो
➢ 20. कस्तुरबा गॉर्ी नवद्यालय योजिा - 20 जूलाई 2004 ऐसे िोगों को अिैनच्छक बेरोिगार और इस दशा को अिैनच्छक
➢ 21. इंनदरा आवास योजिा 1985-86 (िाम नसतंबर 2016 में बेरोिगारी कहा िाएगा। इसे खुिी बेरोिगारी भी कहा िाता है।
इंनदरा आवास योजिा से बदलकर प्रर्ािमंत्री आवास • बेरोिगारी में के वि अिैनच्छक बेरोिगारी को ही सनम्मनित नकया
योजिा कर नदया गया।) िाता है।
➢ 22. प्रर्ािमंत्री रोजगार योजिा - 1993 • इस बेरोिगारी को निम्िनिनखत भागों में बांर्ा गया है -
➢ 23. प्रर्ािमंत्री ग्रामोदय योजिा - 2000-01 ➢ संरचिात्मक बेरोजगारी ( Structural unemployment)
➢ 24. अन्द्त्योदय अन्द्ि योजिा - 2000 • नकसी अथध व्यवस्था के उत्पादि प्रनक्रया में संरचिात्मक पररवतध ि
➢ 25. दीि दयाल उपाध्याय अन्द्त्योदय योजिा - 25 नदसम्बर से उत्पन्ि बेरोिगारी को संरचिात्मक बेरोिगारी कहा िाता है।
2014
• इसमें तीव्र प्रनतयोनगता के कारण पुरािे तकिीक वािे उद्योग बंद
➢ 26. प्रर्ािमंत्री जि र्ि योजिा - 28 अगस्त 2014 होिे िगते हैं तथा उिका स्थाि िई मशीिें िे िेती है संरचिात्मक
➢ 27. बेटी बचाओ बेटी पढाओ - 22 जिवरी 2015 बेरोिगारी दीघध कािीि होती है।

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गरीबी एवं बेरोजगारी www.examgurooji.in
• मूितः भारत में बेरोिगारी इसी प्रकार की पाई िाती है । • शहरी क्षेत्रों में प्रायः खुिे नकस्म की बेरोिगारी पाई िाती है। इसमें
➢ घर्धणात्मक बेरोजगारी (Frictional Unemployment ) औद्योनगक बेरोिगारी तथा नशनक्षत बेरोिगारी को सनम्मनित नकया
• बािार में वस्तुओ ं की मांग एवं पूनतध में पररवतध ि आिे से इस प्रकार िा सकता है।
की बेरोिगारी उत्पन्ि होती है। ➢ ग्रामीण बेरोजगारी (Rural Unemployment)
• उदाहरण स्वरुप नद्वतीय नवश्व युि के पश्चात युि कािीि उद्योगों की • इसे कृ नष गत बेरोिगारी कहा िाता है। भारत में ग्रामीण बेरोिगारी
मांग में कमी आिे से बंद कर नदए गए निससे उसमें िगे सारे मिदरू एक प्रमुख समस्या बिी हुई है, इस प्रकार की बेरोिगारी के सही
बेरोिगार हो गए। आंकडे भी उपिब्र् िहीं है।
➢ नशनक्षत बेरोजगारी (Educated Unemployment ) ➢ खुली बेरोजगारी (Open Unemployment)
• यह बेरोिगारी की उस नस्थनत से है िब एक नशनक्षत व्यनि को • यहां सबसे गंभीर समस्या है। इसमें कु शि अथवा अकु शि श्रनमकों
उसकी योग्यता अिुसार ही कायध िहीं नमिता है और वे बेरोिगार को नबिा काम नकए ही रहिा पडता है।
से ग्रनसत हो िाता है। भारत में नशनक्षत बेरोिगारी एक गंभीर समस्या ❖ श्रम ब्यूरो की ररपोटध
बिी हुई है। • देश में वषध 2015-16 के दौराि बेरोिगारी की दर सबसे उच्चतम
➢ मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment ) स्तर 5 प्रनतशत पर पहुचँ गई, िो पांच साि के सबसे उच्च स्तर
• यह बेरोिगारी मुख्य रूप से कृ नष क्षेत्र में पाई िाती है क्योंनक कृ नष पर थी।
में िगभग 7 से 9 महीिे तक श्रम की आवश्यकता होती है तथा शेष • ररपोर्ध के अिुसार मनहिाओं के मामिे में बेरािगारी की दर
महीिों में श्रनमक श्रनमकों को बेरोिगारी का सामिा करिा पडता है। उपिेखिीय रूप से 8.7 फीसदीं के उच्चतम स्तर और पुरूषों की
➢ अल्प रोजगार (Under Employment) बेरािगारी का स्तर 4.3 प्रनतशत रही ।
• इसके अंतगध त ऐसे श्रनमक आते हैं नििको थोडा बहुत काम नमिता • सवे के अिुसार 77 फीसदी पररवारें के पास कोई नियनमत आय या
है और नििके द्वारा अभी कु छ अंश तक उत्पादि में योगदाि देते हैं वेति भेगी व्यनि िहीं है। वषध 2012-13 में बेरािगारी की दर 4.9
नकं तु इिको अपिी क्षमता अिुसार काम िहीं नमिता या पूरा काम प्रनतशत थी वहीं वषध 1012-13 में यह 4.7 प्रनतशत और वषध
िहीं नमिता। इसमें कृ नष में िगे श्रनमक आते हैं निन्हें करिे के निए 21011-12 में यह 3.8 प्रनतशत थी।
काम कम नमिता है। • श्रम व्यूरो के आंकडों के अिुसार 42 फीसदी गांवों में ि के बराबर
➢ चक्रीय बेरोजगारी (Cyclic Unemployment) काम नमिा। 77 फीसदी ग्रामीण हाउसहोपड की आय 50 हिार
• बािार में तेिी और मंदी का प्रभाव उत्पादि प्रनक्रया पर भी पडता मानसक तक रही।
है। मांग में कमी होिे से उत्पादकों को उत्पादि एवं रोिगार में कमी • आंकडों के अिुसार 68 फीसदी िोग महीिे में के वि 10,000 रुपए
करिी पडती है। इस कमी से उत्पन्ि बेरोिगारी चक्रीय बेरोिगारी कमा पाते हैं। एक-नतहाई िोगों के पास परू े वषध के निए काम िहीं
कहिाती है यह पूंिीवादी अथध व्यवस्था की मुख्य नवशेषता है। होता है।
➢ अदृश्य गया प्रच्छन्द्ि बेरोजगारी (Disguised • शहरों में रोिगार खोििे वािे 82 फीसदी िोगों को कामयाबी
Unemployment) नमिी, िबनक गांवों में यह आंकडा के वि 53 फीसदी रहा है।
• इसके अंतगध त श्रनमक बाहर से तो काम पर िगे हुए प्रतीत होते हैं ❖ पुिरावलोकि
नकं तु वास्तव में उस श्रनमकों की उस कायध में आवश्यकता िहीं होती • नवकासशीि देशों के संबंर् में पहिा वैनश्वक गरीबी अिुमाि वल्र्ड
है अथाध त् यनद श्रनमकों को उस कायध से निकाि नदया िाए तो कु ि डेविपमेंर् ररपोर्ध 1990 में नमिता है।
उत्पादि पर कोई प्रनतकूि प्रभाव िहीं पडता। इसे नछपी हुई
• 1978 में योििा आयोग िे यह निर्ाध ररत नकया नक ग्रामीण क्षेत्र में
बेरोिगारी भी कहते हैं। 2400 कै िोरी प्रनतनदि तथा शहरी क्षेत्र में 2100 कै िोरी उपभोग
• कृ नष में इस प्रकार की बेरोिगारी की प्रर्ािता है। इस बेरोिगारी की करिेवािे गरीबी रेखा से ऊपर हैं।
अवर्ारणा का उपिेख सवध प्रथम िॉि रॉनबंसि िे 1936 में नकया • भारत में निर्ध िता रेखा के निर्ाध रण का पहिा आनर्कारनक प्रयास
था। योििा आयोग द्वारा िुिाई 1962 में नकया गया।
➢ शहरी बेरोजगारी (Urban Unemployment)
• प्रो. िकडावािा सनमनत के सुझावों को 9वीं पंचवषीय योििा में
निर्ध िता की माप के निए योििा आयोग िे स्वीकार कर निया।

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गरीबी एवं बेरोजगारी www.examgurooji.in
• कु ि ििसंख्या में गरीबों के प्रनतशत की दृनष्ट से ओनडशा का स्थाि िररये देश के प्रमुख दस शहरों में स्मार्ध गंगा योििा की शुरुआत
सबसे ऊपर (46.4 प्रनतशत गरीबी रेखा से िीचे) है, िबनक नबहार की।
में इसका प्रनतशत 41.41 प्रनतशत है। ❖ श्यामा प्रसाद मुखजी रुबधि नमशि
• ििसंख्या के निचिे 10 प्रनतशत के पास (भारत में) देष कु ि संपनत्त • ग्रामीण क्षेत्र के आनथध क, सामानिक एवं भौनतक रूप से सुद्रढ़ क्षेत्रों
का 0.2 प्रनतशत भाग है िबनक ऊपरी 10 प्रनतशत के पास कु ि के रूप में रूपांतररत करिे के निए कें द्र सरकार िे िेशिि रुबध ि
संपनत्त का 74 प्रनतशत भाग है। नमशि का शुभारम्भ प्रर्ािमंत्री िरेन्द्र मोदी िे छत्तीसगढ़ के रािािंद
• व्म्ब्क् की ररपोर्ध (2015) के अिुसार भारत में आय की नवषमता गाँव नििे के कु रुभात गाँव से 21 फरवरी, 2016 को नकया।
निक्स देशों में सबसे कम है। • इस नमशि के तहत प्रत्येक राज्य व कें द्र शानसत क्षेत्र में गाँवों का
• 2000 से 2014 के बीच ऊपरी 10 प्रनतशत िोगों की संपनत्त में 10 शहरी सुनवर्ाओं से क्िस्र्र आर्ाररत नवकास नकया िायेगा।
प्रनतशत की वृनि हुई है। ❖ स्टैंड अप इंनडया योजिा
• नवकासशीि तथा अपपनवकनसत देशों में िो बेरोिगारी पायी िाती • 6 ििवरी, 2016 को प्रर्ािमंत्री िरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में
है, वह समग्र मांग की कमी के कारण होती है, बनपक संरचिात्क के न्द्रीय मंनत्रमंडि िे अिुसूनचत िानत व अिूसूनचत िििानत एवं
होती है। मनहिाओं के बीच उिमशीिता को बढ़ावा देिे के निए स्र्ैंड अप
• प्रच्छन्ि बेरािगारी की र्ारणा का उपिेख सवध प्रथम श्रीमती िोि इनण्डया योििा को स्वीकृ नत दी।
रानबन्सि के 1936 में की। ❖ स्टैंड अप योजिा
• नवकनसत देशों में सबसे अनर्क पायी िािे वािी बेरोिगारी चक्रीय • स्र्ैण्ड अप योििा भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योििा है,
बेरािगारी होती है। निसकी शुरुआत नपछिे नवत्तीय वषध ििवरी 2016 को की गयी,
िबनक इसकी घोषणा 15 अगस्त, 2015 में की गयी थी।
• आठ घण्र्े प्रनतनदि काम के साथ 273 नदि को ‘स्र्ैण्डडध वषध ’ कहा
िाता है। • STDBI के द्वारा स्र्ैंड अप योििा के अंतगध त नवत्त पोषण नकया
िायेगा तथा वषध 2018 तक 2.5 िाख िये उिम की स्थापिा नकये
योजिाएँ िािे का प्रावर्ाि है।
❖ सौर उजला योजिा ❖ स्टाटध अप योजिा
• 1 िवम्बर, 2016 को प्रर्ािमंत्री िरेन्द्र मोदी िे देश के नकसािों को • इस योििा की शुरुवात ियी नदपिी के नवज्ञाि भवि से
सस्ते दर पर सोिर सोिर पम्प मुहैया करािे हेतु ‘सौर उििा आनर्काररत रूप में 16 ििवरी, 2016 से कर दी गयी।
योििा’ का िया रायपुर (छत्तीसगढ़) में शुभारम्भ नकया। • इस योििा के अंतगध त िागररकों को स्र्ार्ध अप देिे के निए िए
• प्रर्ािमंत्री िे इस योििा को देश भर में िागू करिे का निणध य निया। कारोबारों के अनिध त आय को 3 वषों तक इन्कम र्ैक्स से मुि रखा
• छत्तीसगढ़ इस योििा को िागू करिे वािा देश का पहिा राज्य है। िायेगा तथा पेर्ैंर् शुपक में 80% की छूर् दी िायेगी।
❖ प्रर्ािमंत्री उज्ज्वल योजिा ❖ मेक इि इनडडया योजिा
• प्रर्ािमंत्री िरेन्द्र मोदी िे 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बानिया • इस योििा का प्रतीक नचन्ह नसंह रखा गया िो साहस, बुनिनमत्ता
और शनि का प्रतीक है।
नििे से प्रर्ािमंत्री उज्ज्विा योििा का शुभारम्भ नकया।
• बीपीएि पररवारों को प्रत्येक एिपीिी किेक्शि के निए 1600
रुपये की नवत्तीय सहायता प्रदाि की िायेगी।
• इस योििा के अन्य उद्देश्य मनहिा सशनिकरण को बढ़ावा देिा,
बच्चों और मनहओिाओं में अशुि ई ंर्ि के कारण होिे वािे रोगों में
कमी िािा, भीतरी और बाहरी वायु प्रदुषण को कम करिा है।
❖ स्माटध गंगा शहर योजिा
• 13 अगस्त, 2016 को के न्द्रीय िि संसार्ि, िदी नवकास और
िि संसार्ि, िदी नवकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती और
के न्द्रीय शहरी नवकास मंत्री वैंकेया िायडू िे वीनडयो कॉन्रे नन्संग के

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मद्रु ा एवं पज मुद्रा एवं पज
ूँ ी बाजार ूँ ी बाजार •
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• ववविमय - वस्तुओ ं के आदान-प्रदान को वववनमय कहते हैं, परन्तु • उदाहरण: सभी मूकयवर्थ (₹2, ₹5, ₹10, ₹100, ₹500, ₹2000)
वस्तुओ ं के सभी आदान-प्रदान को वववनमय नहीं कहा जा सकता। के नोट
अर्थ शास्त्र में के वल वही आदान-प्रदान वववनमय कहलाता है जो • दल ु ल भ मुद्रा (Hard Money) - अन्तराथ ष्ट्रीय बाजार में, वजस मुद्रा
पारस्पररक, ऐवछिक एवं वैधावनक हो। की पवू तथ की तुलना में मांर् लर्ातार अवधक होती है। वह मुद्रा दुलथभ
❖ वस्तु ववविमय प्रणाली मुद्रा कहलाती है।
• जब कोई व्यवि अपनी वकसी वस्तु या सेवा के बदले वकसी अन्य • उदाहरणः प्रायः ववकवसत देशों की मुद्रा दुलथभ मुद्रा कहलाती है,
व्यवि से अपनी आवश्यकता की कोई वस्तु या सेवा प्राप्त करता है जैसे - USA ($)।
तो इस विया को अदल-बदल या वस्तु वववनमय या प्रत्यक्ष वववनमय • सुलभ मुद्रा (Soft Money) - अन्तराथ ष्ट्रीय बाजार में, वजस मुद्रा
कहते हैं। इस प्रणाली के अन्तर्थ त मुद्रा (द्रव्य) का प्रयोर् नहीं होता की पूवतथ अवधक होती है, परन्तु मांर् कम रहती है, सुलभ मुद्रा
बवकक वस्तुओ ं तर्ा सेवाओं का आदान-प्रदान होता है। कहलाती है।
• मुद्रा - मुद्रा वह कोई भी वस्तु है, वजसे वस्तुओ ं और सेवाओं के • उदाहरणः प्रायः ववकासशील देशों की मुद्रा सुलभ मुद्रा कहलाती है,
भुर्तान के वलए सामान्य स्वीकृ वत प्राप्त है। मुद्रा के अन्तर्थ त चेक, जैसे - भारत (₹)।
िे विट कािथ को भी सवममवलत वकया जाता है। • हॉट मिी (Hot Money) - उस ववदेशी मुद्रा को हॉट मनी कहा
❖ मुद्रा के प्रकार (Types of Money) जाता है वजसमें शीघ्र पलायन कर जाने की प्रवृवि होती है अर्ाथ त्
• वास्तववक मुद्रा (Proper Money) - वकसी देश में वास्तव में वजस स्र्ान पर लाभ वमलने की संभावनाएं अवधक होती हैं, उसी
प्रचवलत मुद्रा अर्ाथ त् दैवनक जीवन में प्रयुि होने वाली मुद्रा ही स्र्ान पर यह स्र्ानांतररत हो जाती है।
वास्तववक मुद्रा कहलाती है। यही मुद्रा देश में वववनमय के माध्यम • उदाहरणः शेयर बाजार में लर्ी ववदेशी मुद्राएं हॉट मनी के उदाहरण
तर्ा सामान्य मूकय मापक के रूप में प्रचवलत होती है। इसे यर्ार्थ हैं।
मुद्रा या साधारण मुद्रा भी कहा जाता है। • प्लावस्टक मुद्रा (Plastic Money) - प्लावस्टक मुद्रा से आशय
• उदाहरणः भारत में प्रचवलत नोट तर्ा वसक्के वास्तववक मुद्रा के वववभन्न बैंकों, वविीय संस्र्ाओं तर्ा अन्य कं पवनयों द्वारा जारी
उदाहरण हैं। वकए र्ए िे विट एवं िेवबि कािथ से है।
• ऐवछिक मुद्रा (Optional Money) - यह वह मुद्रा होती है वजसे • डेवबट काडल (Debit Card) - बैंक खाते में वजतनी धनरावश जमा
भुर्तान के रूप में स्वीकार करना अर्वा ना करना पूणथता भुर्तान होती है, उतनी धनरावश या विर उससे कम धनरावश का समान
प्राप्तकताथ की इछिा पर वनभथ र करता है अर्ाथ त् इस मुद्रा को भुर्तान खरीदने के वलए िेवबट कािथ का प्रयोर् कर सकते हैं।
के रूप में स्वीकार करने के वलए वैधावनक रूप से बाध्य नहीं वकया • क्रेवडट काडल (Credit Card) - बैंक खाते में वजतनी धनरावश जमा
जा सकता। उदाहरणः हुण्िी, प्रवतज्ञा पत्र, वववनमय पत्र। होती है, उससे अवधक धनरावश का समान खरीद सकते हैं। वनवित
• ऐवछिक मुद्रा 2 प्रकार की होती है - समय के भीतर शेष धनरावश बैंक में जमा करनी पड़ती है।
• वैधाविक पत्र अथवा वैधाविक मुद्रा – इससे तात्पयथ उस मुद्रा से ❖ रुपए का इवतहास
है वजसे कानून का समर्थ न प्राप्त है और कोई भी व्यवि इसे • भारत ववश्व वक उन प्रर्म सभ्यताओं में से है जहााँ वसक्कों का
अस्वीकार नहीं कर सकता। प्रचलन लर्भर् िठी सदी ईसापूवथ में शुरू हुआ।
• उदाहरण के वलए भारत की घरेलू सीमा के भीतर कोई भी व्यवि • संस्कृ त में रूप्यकम् का अर्थ है चााँदी का वसक्का। रुपया शब्द सन
वकसी प्रकार के लेन-देन के वलए भारतीय ररजवथ बैंक द्वारा जारी 1540 - 1545 के बीच शेरशाह सरू ी के द्वारा जारी वकए र्ए चााँदी
वकये र्ए 100 ₹ या उससे अवधक के नोटों को लेने से इंकार नहीं के वसक्कों वलए उपयोर् में लाया र्या।
कर सकता।
• रुपयो के कार्ज के नोटो को सबसे पहले जारी करने वालो मे से र्े
• कागजी मुद्रा – इससे तात्पयथ भारतीय ररजवथ बैंक द्वारा जारी करेंसी बैंक ऑफ वहन्दुस्ताि (1770-1832), द जिरल बैंक ऑफ
नोट और वसक्कों से हैं इसका सोने और चााँदी के वसक्कों की तरह बंगाल एंड वबहार (1773-75, वारेि हावस्टग्स द्वारा स्थावपत)
कोई आंतररक मूकय नहीं होता और यह सरकार के आदेश पर और द बंगाल बैंक(1784-91)
प्रचवलत होती है। इस मुद्रा को आदेश मुद्रा भी कहा जाता है।
• सरकार के एकावधकार के अन्तर्थ त पत्र मुद्रा का वनर्थ मन 1861 के
• पत्र मुद्रा को वनर्थ त करने का अवधकार भारतीय ररजवथ बैंक को है बाद हुआ।
जबवक इस पर वलखी र्यी रावश के भुर्तान का अंवतम दावयत्व
भारत सरकार का होता है| • 1935 में पत्र मुद्रा का वनर्थ मन का दावयत्व ररजवथ बैंक ऑि इंविया
को वदया र्या।

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मद्रु ा एवं पज
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• 1938 में जॉजथ पंचम के वचत्र वाले नोट के स्र्ान पर जॉजथ षष्ट्ठ के • वषथ 1954 में ₹1000, ₹5000 और ₹10000 के उछच मूकयवर्थ के
वचत्र वाले नोट जारी वकये र्ये। बैंकनोटों को विर से जारी वकया र्या।
• 1947 के बाद जॉजथ षष्ट्ठ के वचत्र वाले नोट के स्र्ान पर अशोक के • जनवरी 1978 में इन बैंकनोटों (₹1000, ₹5000 और ₹10000)
स्तमभ के वसंहों के वचत्र वाले पत्र मुद्रा आई। को एक बार विर ववमुद्रीकृ त वकया र्या।
• भारतीय करेंसी को भारतीय रुपया (INR) तर्ा वसक्कों को "पैस"े • 8 नवमबर 2016 को ₹500 और ₹1000 रुपये के नोटों के
कहा जाता है। ववमुद्रीकरण वकये र्ए।
• भारतीय ररज़वथ बैंक अवधवनयम,1934 की धारा 26 के अनुसार, ❖ ररजवल बैंक ऑफ इवडडया (Reserve Bank of India)
भारतीय ररज़वथ बैंक बैंकनोट का मूकय अदा करने के वलए वजममेदार • भारतीय ररजवथ बैंक हमारे देश का कें द्रीय बैंक है।
है।
• अप्रैल 1935 में, वहकटन यंर् कवमशन (1926 में स्र्ावपत) की
❖ स्वतंत्रता के बाद के बैंक िोट वसिाररश के आधार पर भारतीय ररजवथ बैंक की स्र्ापना की र्ई।
• स्वंतत्र भारत द्वारा सवथ प्रर्म वषथ 1949 में ₹1 का नोट जारी वकया • भारतीय ररज़वथ बैंक की स्र्ापना भारतीय ररज़वथ बैंक अवधवनयम,
र्या। पुराने विज़ाइन को बरकरार रखते हुए, वाटर माकथ ववंिो के 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई।
भीतर वकं र् जाजथ की वचत्र की जर्ह सारनार् वस्र्त अशोक स्तंभ
• ररज़वथ बैंक का कें द्रीय कायाथ लय प्रारंभ में कोलकाता में स्र्वपत
के वसंहाकृ वत प्रतीक के सार् नये बैंकनोट जारी वकये र्ये।
वकया र्या र्ा वजसे 1937 में स्र्ायी रूप से मुंबई में स्र्ानांतररत
• एक रुपये का नोट ववि मंत्रालय द्वारा वनर्थ वमत होता है वजस पर वकया र्या।
ववि सवचव के हस्ताक्षर होते हे। जबवक एक रुपए से अवधक के
• RBI सन् 1935 से 1949 तक एक वनजी बैंक र्ा। 1 जनवरी,
नोटों का वनर्थ मन ररजवथ बैंक के र्वथ नर के होते है।
1949 को ररजवथ बैंक ऑि इवण्िया का राष्ट्रीयकरण कर वदया
• वषथ 1951 से नये बैंकनोटों पर नोट जारीकताथ का नाम, मूकयवर्थ र्या।
और वचन खण्ि वहन्दी में मुवद्रत वकये र्ये।
• वतथ मान र्वनथ र - श्री शविकान्त दास
• वषथ 1980 में “सत्यमेव जयते” अर्ाथ त “ सत्य की जीत होती है”,
• आज़ादी के समय र्वनथ र - श्री वचंतामण द्वारकानार् देशमुख
इस अर्थ के वाक्य को राष्ट्रीय वचन्ह के अंतर्थ त प्रर्म बार समाववष्ट
वकया र्या। • प्रर्म र्वनथ र - सर आस्बनथ ए. वस्मर्
• अिूबर 1987 में महात्मा र्ांधी के वचत्र और अशोक स्तंभ वाटर ➢ कें द्रीय बोडल
माकथ सवहत ₹500 मकू यवर्थ का बैंकनोट जारी वकया र्या। • ररज़वथ बैंक का कामकाज कें द्रीय वनदेशक बोिथ द्वारा शावसत होता है।
• 1996 से सभी नोटों पर अशोक के स्तमभ के वसंहों के स्र्ान पर • वनयुवि/नामन चार वषथ के वलए होता है
महात्मा र्ॉंधी के वचत्र वाले नोट आये जो अब तक चल रहा है। ➢ सरकारी विदेशक
• ररजवथ बैंक ऑि इंविया के र्वथ नर वाई. वी. रेि्िी के कायथ काल के • पूणथ-कावलक - र्वनथ र और अवधकतम चार उप र्वनथ र
दौरान 2005 से वनर्थ वमत होने वाले नोटों पर नोटों के वनर्थ मन वषथ ➢ गैर- सरकारी विदेशक
िापना शुरू हुआ। • सरकार द्वारा िावमत - वववभन्न क्षेत्रों से दस वनदेशक और दो
• भारतीय रुपया 1957 तक 16 आनों में ववभावजत र्ा, पर 1957 सरकारी अवधकारी
में मुद्रा की दशमलव प्रणाली अपनाई र्यी और एक रुपए को 100 • अन्य - चार वनदेशक - चार स्र्ानीय बोिों से प्रत्येक से एक
समान पैसों में बांटा र्या।
• RBI में कें द्रीय बोिथ के अवतररि 4 स्र्ानीय बोिथ भी हैं वजनके
• रुपए के वलए वसमबल के वलए चयवनत वचन्ह (₹) की रचना कायाथ लय - वदकली (उिरी क्षेत्र), चेन्नई (दवक्षणी क्षेत्र), कोलकाता
आईआईटी, मुमबई के स्नातकोिर उपावध प्राप्त उदय कु मार ने की (पूवी क्षेत्र) एवं मुमबई (पविमी क्षेत्र) में है।
है।
• 27 क्षेत्रीय कायाथ लय तर्ा 04 उप कायाथ लय हैं वजनमें अवधकांश
• इस प्रकार भारत अपने रुपए का अलर् पहचान रखने वाला ववश्व राज्यों की राजधावनयों में वस्र्त हैं।
का पॉंचवां देश बन र्या है। शेष चार मुद्राऍ ं है -- अमेररकी िॉलर
➢ प्रमुख कायल
($), विवटश पाउण्ि स्टवलंर् (£), जापानी येन (¥), एवं युरोपीय यूरो
(€)। • सरकार का बैंकर - कें द्र और राज्य सरकारों के वलए व्यापारी बैंक
की भूवमका अदा करता है; उनके बैंकर का कायथ भी करता है।
❖ उछच मल्यवगल के बैंकिोटों का ववमुद्रीकरण
• बैंकों के वलए बैंकर - सभी अनुसूवचत बैंकों के बैंक खाते रखता है।
• जनवरी 1946 में उस समय संचलन में मौजुद ₹1000 और
₹10000 के बैंकनोटों का ववमुद्रीकरण वकया र्या र्ा।

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• मुद्रा जारीकताल - करेंसी जारी करता है और उसका वववनमय करता • ऐसा इसवलए होता है वक अर्र वकसी भी मौके पर एक सार् बहुत
है अर्वा पररचालन के योग्य नहीं रहने पर करेंसी और वसक्कों को बड़ी संख्या में जमाकताथ अपना पैसा वनकालने आ जाएं तो बैंक
नष्ट करता है। वििॉकट न कर सके ।
• ववदेशी मुद्रा प्रबंधक - ववदेशी मुद्रा प्रबंधन अवधवनयम, 1999 का ➢ वैधाविक तरलता अिुपात (Statutory Liquidity Ratio -
प्रबंध करता है। SLR)
• ववत्तीय प्रणाली का वववियामक और पयलवेक्षक - बैंवकं र् पररचालन • हर बैंक को अपनी जमा रावश का कु ि अनुपात कें द्रीय सरकार या
के वलए ववस्तृत मानदंि वनधाथ ररत करता है वजसके अंतर्थ त देश की राज्य सरकार की वविीय प्रवतभूवतयों में वनवेश करना है। यह
बैंवकं र् और वविीय प्रणाली काम करती है। अनुपात एसएलआर के रूप में जाना जाता है।
• मौवद्रक प्रवधकारी - मौवद्रक नीवत तैयार करता है,उसका • यह जमा रावश मुख्य रूप से सरकारी प्रवतभवू तयों (बांि), नकदी,
कायाथ न्वयन करता है और उसकी वनर्रानी करता है। सोने और र्ैर–अनुमोवदत में वनवेश वकया जाता है, वजसका मतलब
है वक बैंक सीआरआर की अपेक्षा इन वनवेशों पर कु ि हद तक
ररजवल बैंक व्दारा साख वियंत्रण के उपाय 'ब्याज' कमा सकते हैं।
• यह उपाय 2 प्रकार के हैं – मात्रात्मक और र्ुणात्मक। • एसएलआर समय देनदाररयों और कु ल मांर् के प्रवतशत के आधार
❖ मात्रात्मक उपाय पर वनधाथ ररत होता है।
• यह उपाय बैंकों के पास उपलब्ध नकदी की मात्रा को प्रभाववत करते ❖ गुणात्मक या चयिात्मक उपाय
हैं। • इन उपायों से आवर्थ क विया के व्दारा साख का वनयंत्रण वकया जाता
➢ रेपो रेट (Repo – Repurchase Option Rate) है -
• बैंकों को अपने दैवनक कामकाज के वलए प्राय: ऐसी बड़ी रकम की ➢ क्रेवडट राशविंग
जरूरत होती है वजनकी वमयाद एक वदन से ज्यादा नहीं होती. इसके • इस पध्दवत में (उछच मुद्रास्िीवत के समय) ऋण वसिथ उन्हीं क्षेत्रों
वलए बैंक ररजवथ बैंक से रात भर के वलए (ओवरनाइट) कजथ लेते हैं। में वदया जाता है जो अर्थ व्यवस्र्ा के वलए बहुत महत्वपूणथ (उत्पादक
इस कजथ पर ररजवथ बैंक को उन्हें जो ब्याज देना पड़ता है, उसे ही उधार देना) होते हैं। अन्य उपाय है, धन की आपूवतथ की जांच के
रेपो दर कहते हैं। वलए सीमा को बढाने के बाद अन्य ऋणों पर ब्याज का वनधाथ रण.
➢ ररवसल रेपो रेट ➢ ऋण मावजलि में बदलाव
• बैंकों के पास वदन भर के कामकाज के बाद बहुत बार एक बड़ी रकम • इस वववध के तहत बैंक वर्रवी रखी र्ई संपवि के मान के कु ि
शेष बच जाती है। बैंक वह रकम अपने पास रखने के बजाय ररजवथ प्रवतशत तक ही ऋण देते हैं। वर्रवी रखी र्ई संपवि और वदए र्ए
बैंक में रख सकते हैं, वजस पर उन्हें ररजवथ बैंक से ब्याज भी वमलता ऋण की धनरावश के बीच का अंतर ऋण मावजथ न कहलाता है।
है। वजस दर पर यह ब्याज वमलता है, उसे ररवसथ रेपो दर कहते हैं. ➢ िैवतक प्रत्यायि
• अर्र ररजवथ बैंक को लर्ता है वक बाजार में बहुत ज्यादा नकदी है, • नैवतक प्रत्यायन आरबीआई के वनदेशों के अनुरुप वावणवज्यक बैंकों
तो वह ररवसथ रेपो दर में बढोतरी कर देता है, वजससे बैंक ज्यादा को ऋण के अविम का भुर्तान करने के वलए मनाना है. इस वववध
ब्याज कमाने के वलए अपना धन ररजवथ बैंक के पास रखने को के तहत आरबीआई वावणवज्यक बैंकों से देश में धन की आपूवतथ के
प्रोत्सावहत होते हैं और इस तरह उनके पास बाजार में िोड़ने के प्रबंधन में सहयोर् की बात करता है।
वलए कम धन बचता है। ➢ खुले बाजार की वक्रयाएं
➢ बैंक दर • ररजवथ बैंक मुद्रा बाज़ार में सरकारी प्रवतभवू तयों तर्ा प्रर्म श्रेणी के
• बैंक दर वह ब्याज दर है वजस पर के न्द्रीय बैंक (ररजवथ बैंक) प्रर्म वबलों व प्रवतज्ञा पत्रों का िय-वविय करती है।
श्रेणी तर्ा अनुमोवदत प्रवतभूवतयों की जमानत पर व्यापाररक बैंकों
को ऋण देता है। भारतीय बैंवकं ग प्रणाली ववकास के चरण
➢ न्यितम िकद आरक्षण अिुपात या कै श ररजवल रेवशयो (CRR) • भारतीय बैंवकं र् प्रणाली के ववकास को तीन अलर्-अलर् चरणों में
• सभी बैंकों के वलए जरूरी होता है वक वह अपने कु ल कै श का एक वर्ीकृ त वकया र्या है – 1. स्वतंत्रता से पवल का चरण - 1947 से
वनवित वहस्सा ररजवथ बैंक के पास जमा रखें। इसे नकद आरक्षी पहले; 2. दसरा चरण - 1947 से 1991 तक; 3. तीसरा चरण -
अनुपात कहते हैं। 1991 से अब तक
❖ स्वतंत्रता से पवल का चरण अथालत 1947 से पहले- प्रथम
चरण

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• भारत में बैंवकं र् प्रणाली का आरंभ वषथ 1770 में कलकिा (अब • 3. न्यू बैंक ऑि इंविया 4. ओररएंटल बैंक ऑि कॉमसथ
कोलकाता) में बैंक ऑि वहंदुस्तान की स्र्ापना के सार् हुआ, • 5. पंजाब एंि वसंध बैंक 6. ववजया बैंक
वजसने वषथ 1832 में कायथ करना समाप्त कर वदया।
• 4 वसतमबर, 1993 को सरकार ने ‘न्यू बैंक ऑि इवण्िया’ को पंजाब
• इसके बाद कई बैंक स्र्ावपत हुए लेवकन उनमें से कु ि सिल नहीं नेशनल बैंक में ववलय कर वदया। इससे राष्ट्रीयकृ त व्यापाररक बैंकों
हुए जैसे - की संख्या 20 से घटकर 19 रह र्ई।
• जनरल बैंक ऑि इंविया (1786-1791); • 1974 में नरवसंहम सवमवत ने क्षेत्रीय िामीण बैंकों (आरआरबी) की
• अवध कॉमवशथ यल बैंक (1881-1958) - भारत का पहला स्र्ापना की वसिाररश की र्ी। 2 अक्टूबर 1975 को, आरआरबी
वावणवज्यक बैंक; को िामीण और कृ वष ववकास के वलए ऋण की मात्रा बढाने के उद्देश्य
• कु ि सिल भी हुए और अभी तक कायथ रत हैं, जैस-े से स्र्ावपत वकया र्या र्ा।
• इलाहाबाद बैंक (1865 में स्र्ावपत); ❖ उदारीकरण चरण (1990 से अब तक)
• पंजाब नेशनल बैंक (1894 में स्र्ावपत, मुख्यालय लाहौर में (उस • वषथ 1991 में, नरवसमहम सवमवत ने, बैंवकं र् प्रणाली में वनजी क्षेत्र के
समय); बैंकों के प्रवेश की अनुमवत की वसिाररश की।
• बैंक ऑि इंविया (1906 में स्र्ावपत); • इसके बाद आर.बी.आई ने 10 वनजी संस्र्ाओं को लाइसेंस वदया,
• बैंक ऑि बड़ौदा (1908 में स्र्ावपत); वजनमें से 6 आज भी कायथ रत हैं –
• सेंरल बैंक ऑि इंविया (1911 में स्र्ावपत); • 1. आई.सी.आई.सी.आई बैंक, 2. एच.िी.एि.सी बैंक,
• बैंक ऑि बंर्ाल (1806 में स्र्ावपत), बैंक ऑि बॉमबे (1840 में • 3. एवक्सस बैंक, 4. इंिसइंि बैंक,
स्र्ावपत), बैंक ऑि मद्रास (1843 में स्र्ावपत) जैसे कु ि अन्य • 5. इंिस बैंक, 6. िी.सी.बी बैंक ।
बैंकों का वषथ 1921 में एक की बैंक में ववलय कर वदया र्या, वजसे • गोइपोररया सवमवत- बैंकों में िाहक सुववधा सुधारने के वलए 1990
इम्पीररयल बैंक ऑफ इंवडया के नाम से जाना जाता र्ा। में एम.एन. र्ोइपोररया की अध्यक्षता में एक सवमवत का र्ठन हुआ
• इंपीररयल बैंक ऑि इंविया का नाम वषथ 1955 में पररववतथ त करके वजसने 1991 में अपनी ररपोटथ प्रस्तुत की। इस सवमवत के सुझाओं
स्टेट बैंक ऑि इंविया कर वदया र्या। पर ध्यान देते हुए बैंवकं ग लोकपाल योजिा की शुरूआत 15 जून
❖ दसरा चरण 1947 से 1991 तक 1995 में की र्ई।
• वषथ 1998 में, नरवसमहम सवमवत ने पुन: अन्य वनजी बैंकों के प्रवेश
• 1 जनवरी, 1949 को भारतीय ररजवथ बैंक का राष्ट्रीयकरण वकया
की वसिाररश की। िलस्वरूप, आर.बी.आई ने वनमन बैंकों को
र्या।
लाइसेंस वदया -
• 19 जुलाई, 1969 को भारत ने 14 बड़े व्यापाररक बैंकों का
• कोटक मवहंद्रा बैंक और यस बैंक को वषथ 2003 और 2004 में
राष्ट्रीयकरण वकया। इन बैंकों की जमा पूंजी 50 करोड़ से अवधक
वसस्टम में प्रवेश के वलए आरबीआई से लाइसेंस वमला।
की र्ी। (वषथ 1969 के दौरान श्रीमती इंवदरा र्ांधी भारत की प्रधान
मंत्री र्ीं) • 2014 में, भारतीय ररजवथ बैंक ने आईिीएिसी और बंधन
िाइनेंवशयल सववथ सेज को सैद्ांवतक रूप से बैंकों की स्र्ापना के
• ये बैंक वनमन र्े-
वलए अनुमोवदत वकया ।
• 1. सेंरल बैंक ऑि इंविया, 2. बैंक ऑि इंविया,
• बंधन बैंक का उद्घाटन 23 अर्स्त 2015 को कोलकाता में वकया
• 3. पंजाब नेशनल बैंक, 4. बैंक ऑि बड़ौदा, र्या।
• 5. यूनाइटेि कॉमवशथ यल बैंक, 6. कै नरा बैंक, • IDFC बैंक इसका उद्घाटन 19 अक्टूबर 2015 को हुआ। मुख्यालय
• 7. देना बैंक, 8. यूनाइटेि बैंक, मुमबई में है।
• 9. वसंविके ट बैंक, 10. इलाहाबाद बैंक, • भारतीय बैंवकं र् क्षेत्र को मजबूत करने के वलए, भारत सरकार ने
• 11. इंवियन बैंक, 12. यूवनयन बैंक ऑि इंविया वसतंबर 2018 में 3 प्रमुख बैंकों बैंक ऑि बड़ौदा, ववजया बैंक और
• 13. बैंक ऑि महाराष्ट्र 14. इंवियन ओवरसीज बैंक देना बैंक के ववलय की घोषणा की र्ी । यह ववलय अंततः 1 अप्रैल,
2019 से लार्ू हो र्या है।
• 15 अप्रैल 1980 को 6 अन्य वावणज्यक बैंकों का राष्ट्रीयकरण
वकया र्या, ये वनमन र्े: - • एसबीआई के अपने सहयोर्ी बैंकों के सार् ववलय के बाद, यह भारत
में दस
ू रा सबसे बड़ा बैंक ववलय है।
• 1. आंध्रा बैंक 2. कॉरपोरेशन बैंक

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• 1 अप्रैल, 2017 को सरकार ने अपने 5 सहयोर्ी बैंकों और भारतीय • एटीएम/िेवबट कािथ जारी करना। तर्ावप, भुर्तान बैंक िे विट कािथ
मवहला बैंक के सार् भारतीय स्टेट बैंक को ववलय कर वदया र्ा। जारी नहीं कर सकता।
• एसबीआई के पांच सहयोर्ी बैंक जो इसके सार् ववलय हुये र्े: • वववभन्न सारवणयों के माध्यम से भुर्तान और धन प्रेषण सेवाएं।
• स्टेट बैंक ऑि बीकानेर एंि जयपुर; • व्यवसाय प्रवतवनवधयों से संबंवधत ररज़वथ बैंक के वदशा वनदेशों के
• स्टेट बैंक ऑि हैदराबाद, अधीन रहते हुए अन्य बैंक का व्यवसाय प्रवतवनवध बनना।
• स्टेट बैंक ऑि मैसूर, • मयूछयुअल िं ि इकाइयों और बीमा उत्पाद आवद जैसे जोवखम
रवहत सरल वविीय उत्पादों का ववतरण।
• स्टेट बैंक ऑि पवटयाला
➢ पंजी
• स्टेट बैंक ऑि त्रावणकोर
• इस प्रकार के बैंक को कायथ करने के वलए प्रारंवभक तौर पर प्रर्म
➢ 10 बैंकों का ववलय
पांच वषों में न्यूनतम 100 करोड़ की पूाँजी आवश्यक है।
• 31 अर्स्त 2019 को 10 सरकारी बैंकों के ववलय की घोषणा की। ➢ भुगताि बैंकों की सची
सावथ जवनक क्षेत्र के 10 बैंकों को ववलय करके चार बड़े बैंक बनाए
जाएंर्े। • आवदत्य वबड़ला नवू ो वलवमटेि (Aditya Birla Nuvo Limited)
• 1. पंजाब नैशनल बैंक, ओररएंटल बैंक ऑि कॉमसथ और यूनाइटेि • एयरटेल एम कॉमसथ सववथ सेस वलवमटेि (Airtel M Commerce
बैंक ऑि इंविया का आपस में ववलय वकया जाएर्ा, वजससे देश Services Limited)
का दस ू रा सबसे बड़ा बैंक तैयार होर्ा। • चोलामंिलम ववतरण सेवा वलवमटेि (Cholamandalam
• 2. के नरा बैंक और वसंविके ट बैंक का ववलय वकया जाएर्ा, वजससे Distribution Services Limited)
चौर्ा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेर्ा। • िाक ववभार् (Department of Posts)
• 3. यूवनयन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉपोरेशन बैंक का ववलय वकया • व़िनो पेट टेक वलवमटेि (Fino PayTech Limited)
जाएर्ा, वजससे यह देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होर्ा। • नेशनल वसक्योररटीज विपॉवजटरी वलवमटेि (National
• 4. इंवियन बैंक, इलाहाबाद बैंक का ववलय वकया जाएर्ा, वजससे Securities Depository Limited)
सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेर्ा • ररलायंस इंिस्रीज वलवमटेि (Reliance Industries Limited)
❖ भुगताि बैंक • श्री वदलीप शांवतलाल सांघवी (Shri Dilip Shantilal Shanghvi)
• भुर्तान बैंक एक ववशेष प्रकार के बैंक हैं वजन्हें कु ि सीवमत बैंवकं र्
• पेटीऍम (Paytm)
वियाकलाप की अनुमवत है, वजसमें प्रमुख है वक ये बैंक िाहकों से • टेक मवहंद्रा वलवमटेि (Tech Mahindra Limited)
जमा ले सकते हैं वकं तु लोन नहीं दे सकते। सार् ही यह भी वनदेश
• वोिािोन एम-पेसा वलवमटेि (Vodafone m-pesa Limited)
हैं वक इन बैंकों का पररचालन शुरुआत से ही पणू थ त: नेटवकथ व
प्रौद्योवर्की सावधत हो। • इन बैंको का चयन िॉ. नवचके त मोर, वनदेशक, भारतीय ररज़वथ बैंक
के कें द्रीय बोिथ की अध्यक्षता वाली एक बाह्य परामशथ दात्री सवमवत
• भारतीय ररजवथ बैंक ने 19 अर्स्त 2015 को अपने एक आदेश के
(ईएसी) द्वारा वकया र्या है
द्वारा 11 पेमेंट बैंक या भुर्तान बैंक की स्वीकृ त प्रदान करी है
➢ भुगताि बैंक या पेमेंट बैंकों का उद्देश्य ➢ ‘इंवडया पोस्ट पेमेंट्स बैंक’
• ववत्तीय समावेशन को बढावा देने हेतु • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 वसतंबर, 2018 को नई वदकली वस्र्त
तालकटोरा स्टेवियम में इंविया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) का
• लघु बचत खाते उपलब्ध कराना और शुभारंभ वकया।
• प्रवासी श्रवमक वर्थ , वनमन आय अवजथ त करने वाले पररवारों, लघु ❖ मवहला बैंक
कारोबारों, असंर्वठत क्षेत्र की अन्य संस्र्ाओं और अन्य
उपयोर्कताथ ओ ं को भुर्तान/भुर्तान/ववप्रेषण सेवाएं प्रदान करना • भारतीय मवहला बैंक भारत का प्रर्म पणू थ रूप सें मवहलाओं का बैंक
भुर्तान बैंकों की स्र्ापना के उद्देश्य होंर्े। है। इसकी शुरूआत 19 नवमबर, 2013 को 1000 करोि रुपए की
पूाँजी के सार् की र्यी र्ी।
➢ गवतवववधयों का दायरा
• उषा अनन्र् सुिामवनयम को मवहला बैंक की प्रर्म प्रबन्ध वनदेशक
• मांर् जमारावशयों को स्वीकारना। प्रारंभ में भुर्तान बैंक प्रवत
वनयुि की र्ई।
व्यविर्त िाहक की अवधकतम 100,000 की शेष रावश रख सकता
है।

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• इसका कापोरेट कायाथ लय नेहरु प्लेस नई, वदकली के आईएिसी • भारतीय लघु उद्योर् ववकास बैंक (वसिबी) भारत की स्वतंत्र वविीय
टॉवर में है। यह पहला सावथ जवनक बैंक है जो संसद के अवधवनयम संस्र्ा है वजसे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योर्ों की वृवद् एवं ववकास
के द्वारा समामेवलत वकया र्या है। के लक्ष्य से स्र्ावपत वकया र्या है।
• भारतीय मवहला बैंक को अनु सचू ी में शावमल वकए जाने के सार् ही • वसिबी की स्र्ापना 2 अप्रैल 1990 को हुई र्ी। वसिबी का प्रधान
भारत में अनु सूवचत वावणवज्यक बैंको की कु ल संख्या अब 90 हो कायाथ लय लखनऊ में वस्र्त है।
र्ई है। इसकी 5 शाखा शीघ्र ही मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, ❖ भारतीय वियालत-आयात बैंक (Export-Import Bank
अहमदाबाद व र्ुवाहाटी में काम करना शुरू करेर्ी। of India)
• नोट : मवहला बैंक को एसबीआई में ववलय की योजना प्रस्ताववत है।• भारतीय वनयाथ त-आयात बैंक (एवक्जम ् बैंक) की स्र्ापना संसद के
❖ राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank) एक अवधवनयम द्वारा 1981 में की र्यी र्ी। बैंक ने अपना पररचालन
• राष्ट्रीय आवास बैंक आवासीय ववि के वलए भारत में एक सवोछच 1 माचथ , 1982 से आरंभ वकया।
संस्र्ा है। यह भारतीय ररज़वथ बैंक का वनयंवत्रत उपिम है। • एवक्जम
् बैंक भारत के ववदेश व्यापार के वविपोषण, सुर्मीकरण
• राष्ट्रीय आवास बैंक की स्र्ापना 9 जुलाई, 1988 को राष्ट्रीय तर्ा संवधथ न के प्रयोजनार्थ स्र्ावपत, सरकार के पूणथ स्वावमत्व की
आवास बैंक अवधवनयम, 1987 के अधीन की र्ई र्ी। इसका एक वविीय संस्र्ा है। बैंक का प्रधान कायाथ लय मुंबइथ में है
मुख्यालय नई वदकली में है।
❖ मद्रु ा बैंक (MUDRA Bank)
गैर-बैंवकं ग ववत्तीय कं पिी
• 8 अप्रैल 2015 को 20,000 करोड़ रुपये की पंज
(Non-Banking Financial Company)
ू ी के सार् एक
सक्ष्ू म इकाई ववकास पुनववथ त्त एजेंसी, अर्ाथ त् मुद्रा बैंक (The • भारत में ऐसे वविीय संस्र्ान हैं जो बैंक नहीं है वकं तु वे जमारावश
Micro Units Development and Refinance Agency, स्वीकार करते हैं तर्ा बैंक की तरह ऋण सुववधा प्रदान करते हैं।
MUDRA Bank) की शुरुआत की र्ई। • भारत में इन्हें र्ैर-बैंवकं र् वविीय कं पवनयां (एनबीएिसी) कहा जाता
• यह अवत लघु इकाइयों के ववकास तर्ा पुनववथ िपोषण संबंधी है।
र्वतवववधयों हेतु भारत सरकार द्वारा र्वठत एक संस्र्ा है। ❖ पेंशि विवध वववियामक और ववकास प्रावधकरण
• मुद्रा बैंक की स्र्ापना वैधावनक संस्र्ा के तौर पर हुई है। मुद्रा बैंक (Pension Fund Regulatory and
को संसद के एक अवधवनयम के तहत स्र्ावपत वकया जाना है पर Development Authority)
इस संबंध में कानून बनने तक इसे भारतीय लघु उद्योर् ववकास बैंक
• भारत में पेंशन क्षेत्र को प्रोन्नत, ववकवसत और वनयमन करने के वलए
(वसिबी) की इकाई के रूप में चलाया जाएर्ा। यह एक र्ैर-बैंवकं र्
एक भारत सरकार के अध्यादेश द्वारा 23 अर्स्त 2003 को पेंशन
वविीय कं पनी के तौर पर काम करेर्ी।
वनवध वववनयामक और ववकास प्रावधकरण (पीएिआरिीए)की
• इसका उद्देश्य िोटे उद्यमों को आसान दरों पर 10 लाख रुपये तक स्र्ापना की र्ई। पीएिआरिीए भारत में पेंशन िं ि् स के वलए बनाई
का ऋण उपलब्ध करवाना तर्ा सूक्ष्म वविीय संस्र्ाओं पर वनयंत्रण र्ई वनयामक संस्र्ा है।
एवं उनका ववकास है,
• पीएिआरिीए का प्रधान कायाथ लय नई वदकली में है।
❖ भारतीय औद्योवगक ववकास बैंक (Industrial ❖ इस्लावमक ववकास बैंक (Islamic Development
Development Bank of India) Bank)
• भारतीय औद्योवर्क ववकास बैंक (आईिीबीआई) का र्ठन भारतीय
• इस्लामी ववकास बैंक एक बहुपक्षीय ववकास वविपोषण बैंक है जो
औद्योवर्क ववकास बैंक अवधवनयम 1964 के तहत एक वविीय
जेद्दा, सऊदी अरब में वस्र्त है।
संस्र्ा के रूप में हुआ र्ा और यह 01 जुलाई 1964 से अवस्तत्व
में आया। • इस इस्लामी बैंक को ववि मंत्री द्वारा 1975 में स्र्ावपत वकया र्या
र्ा।
• साल 2004 में इसका रूपांतरण एक बैंक के रूप में हो र्या।
आईिीबीआई बैंक का प्रधान कायाथ लय मुंबई में है। • यह बैंक शररया कानून के अनुसार काम करता है।
❖ भारतीय लघु उद्योग ववकास बैंक (Small Industries • बैंक का मकसद उसके सदस्य देशों की अर्थव्यवस्र्ा और
सामावजक ववकास के वलए काम करना है. इसके सार् ही आईिबी
Development Bank of India)
मुवस्लम समुदाय की ववकास के वलए भी काम करता है।
• बैंक के 56 इस्लावमक देश सदस्य हैं।

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• जेद्दाह का इस्लावमक िेवेलपमेंट बैंक (आईिीबी) भारत के र्ुजरात को शुरू वकया. यह सूचकांक देश का पहला Commodity Index
में अपनी पहली शाखा खोलने जा रहा है। है।
❖ भारतीय प्रवतभवत एवं ववविमय बोडल (SEBI) • िीनेक्स (GREENEX) देश का पहला पयाथ वरण अनुकूल शेयर
मकू य सचू कांक है वजसे देश में हररत वनवेश को बढावा (to
• भारतीय प्रवतभूवत और वववनमय बोिथ (सेबी) की स्र्ापना भारतीय
promote green investment) देने के वलए शुरू वकया र्या है।
प्रवतभवू त और वववनमय बोिथ अवधवनयम, 1992 के प्रावधानों के
अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई र्ी। • रेवजिेक्स (RESIDEX) राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) द्वारा 11
जुलाई, 2007 को लार्ू वकया र्या। जमीन की खरीद-वबिी में
• इसका मुख्यालय मुंबई में है।
अक्सर बेईमानी होती है। कालाबाजारी की वनर्रानी और रोकर्ाम
• इसके मुख्य कायथ हैं- के वलए इस इंिेक्स को लांच वकया र्या।
• प्रवतभूवतयों (securities) में वनवेश करने वाले वनवेशकों के वहतों ❖ शेयर
का संरक्षण करना।
• भारतीय कमपनी अवधवनयम के अन्तर्थ त प्रत्येक कमपनी को पूंजी
• प्रवतभूवत बाज़ार (securities market) के ववकास का उन्नयन के वलए अंशों के वनर्थ मन का अवधकार होता है। इस प्रकार एकवत्रत
करना तर्ा उसे वववनयवमत करना और उससे संबंवधत या उसके की र्ई पूाँजी अंश पूंजी या शेयर कहलाती हे।
आनुषंवर्क ववषयों का प्रावधान करना।
• शेयर होकिरों के स्टॉक पर हुई कमाई को लाभांश कहते हे।
शेयर बाजार Share Market ❖ भारत के प्रमुख शेयर मल्य सचकांक/ Important
❖ राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Stock Price Indices in India
Exchanges) • BSE SENSEX - यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (The Stock
Exchange Mumbai) का संवेदी शेयर सूचकांक है. यह 30 प्रमुख
• राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्र्ापना 1992 को हुई। इसकी वसिाररश
शेयरों का प्रवतवनवधत्व करता है. इसका आधार वषथ 1978-79 है.
1991 में िे वाथ नी सवमवत (M J Pherwani Committee) ने की
र्ी. इसका मुख्यालय दवक्षण मुंबई वली में है। • BSE 200 - यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के 200 शेयरों का
प्रवतवनवधत्व करता है. इसका आधार वषथ 1989-90 ई. है. इसका
❖ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
नाम BSE 200 इसवलए है क्योंवक इसमें 200 कं पनी रवजस्टिथ हैं.
• यह एवशया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्र्ापना
• DOLLEX- BSE 200 - BSE 200 सचू कांक का ही िॉलर मकू य
1875 ई. में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई के नाम से की र्ई र्ी वजसे 2002
सूचकांक िॉलेक्स (DOLLEX) कहलाता है. इसका आधार वषथ
में बदलकर बॉमबे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर वदया र्या।
1989-90 ई. है.
• 19 अर्स्त 2005 से BSE एक पवब्लक वलवमटेि कं पनी में
• NSE-50 - राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) वदकली से समबंवधत
रूपान्तररत हो र्या हे।
इस सूचकांक का नाम बदलकर S & P CNX Nifty रखा र्या है.
❖ ओवर दी काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंवडया (OTCEI) ❖ शेयर मल्य सचकांक सम्बंवधत तथ्य
• इसकी स्र्ापना नवमबर, 1992 में मुंबई में की र्यी। इसकी स्र्ापना
• बॉमबे वसक्योररटीज कॉन्रैक्ट कण्रोल एक्ट 1925 के अंतर्थ त
भारत में सवथ प्रर्म ऑनलाइन रेविंर् सुववधा समपन्न
BSE को मई 1927 में मान्यता वमली.
Computerized Exchange के रूप में हुई।
• 1957 में BSE पहला भारतीय स्टॉक एक्सचेंज हुआ वजसे स्र्ाई
• इसकी अवधारणा USA के स्टॉक एक्सचेंज “NASDAQ” के
रूप से मान्यता वमली.
आधार पर की र्यी। वजन लघु या मध्यम औद्योवर्क इकाइयों का
पूाँजी स्तर 30 लाख रु. से 25 करोड़ रु. हो, उन्हीं को OTCEI में • अप्रैल, 1988 में Securities & Exchange Board of India
सूचीबद् वकया जाता है। (SEBI) की स्र्ापना हुई.
❖ कुि महत्त्वपणल तथ्य • जनवरी, 1992 को सेबी को वैधावनक शवि प्रदान की र्यी.
• ववश्व का सबसे पहला संर्वठत शेयर बाजार वषथ 1602 में • मई 27, 1992 में GDR वनर्थ वमत करने वाली Reliance भारत की
Amsterdam, Netherlands में स्र्ावपत वकया र्या र्ा। पहली कं पनी हुई.
• भारत में National Commodity & Derivatives Exchange • वसतमबर, 1992 में ववदेशी संस्र्ार्त वनदेशकों (FII) को प्रवतभूवत
Ltd. (NCDEX) ने कृ वषर्त उत्पादों (agricultural products) बाजार में वनवेश करने की अनुमवत वमली.
के वलए NCDEXAGRI नामक सूचकांक (Index) 3 मई, 2005

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• 1994 में UTI को प्रर्म वनजी क्षेत्रीय बैंक (first private bank) • सबसे पहले स्वदेशी बैंक - सेंरल बैंक ऑि इंविया को भारत का
के रूप में स्र्ावपत वकया र्या वजसका पंजीकृ त कायाथ लय पहला पूणथ स्वदेशी बैंक माना जाता है, वजसे वषथ 1911 में स्र्ावपत
अहमदबाद में है. UTI का ही नया नाम Axis Bank है. वकया र्या र्ा और यह पूणथतया भारतीयों के स्वावमत्व एवं प्रबंधन
• अप्रैल, 1996 में वनफ्टी (NIFTI) आई वजसमें 50 स्टॉक वलस्टेि वाला बैंक र्ा।
हैं. • भारत में बचत खाता प्रणाली, प्रेसीिेंसी बैंक द्वारा वषथ 1833 में शुरू
• नवमबर, 1988 में National Securities Depository Ltd. की की र्ई र्ी।
स्र्ापना हुई. • ववदेश में बैंक खोलने वाला पहला भारतीय बैंक, ‘बैंक ऑि इंविया’
• माचथ 11, 1999 में NASDAQ में वलस्ट होने वाली प्रर्म भारतीय है। इस बैंक द्वारा वषथ 1946 में लंदन में एक शाखा स्र्ावपत की र्ई
कं पनी Infosys Technologies बनी (First Indian company र्ी।
listed in NASDAQ) • आई.सी.आई.सी.आई बैंक, इंटरनेट बैंवकं र् सुववधा प्रदान करने
• वसतमबर, 1999 में ICICI न्यूयॉकथ स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में वाला पहला भारतीय बैंक र्ा।
वलस्ट होने वाली पहली भारतीय कं पनी बनी (First Indian • सेंरल बैंक ऑि इंविया, िे विट कािथ शुरू करने वाला पहला
company listed in NYSE). सावथ जवनक बैंक र्ा।
• अप्रैल, 2000 को भारत में इन्टरनेट रेविंर् (Internet Trading) • आई.सी.आई.सी.आई बैंक, मोबाइल ए.टी.एम प्रदान करने वाला
शुरू हुई. पहला बैंक है।
❖ ववदेशी बैंक (Foreign Bank) • भारतीय स्टेट बैंक की ववदेशी शाखाओं की संख्या सवाथ वधक है।
• विटेन के स्टैण्ििथ चाटथ िथ बैंक की भारत में सवाथ वधक शाखाएं हैं। • भारत में वविीय वषथ 1 अप्रैल से 31 माचथ तक होता है।
• भारत में कायथ कर रहे प्रमुख ववदेशी बैंकः • बैंकों के राष्ट्रीयकरण के समय एल. के . झा. आरबीआई के र्वथ नर
क्र. सं. बैंक का िाम संबंवधत देश र्े।
1. स्टैण्ििथ चाटथ िथ बैंक विटेन • भारतीय ररजवथ बैंक का लेखा वषथ 1 जुलाई से 30 जनू है।
2. एचएसबीसी हांर्कांर् • भारतीय मुद्रा नोटों के िपाई के वलए कपास एवं कपास के लते का
3. वसटी बैंक अमेररका उपयोर् िपाई सामिी के रूप में वकया जाता हैं।
• आइबीआई व्यापाररक बैंको के शाखा ववस्तार का वनयमन, व्यापार
4. एबीन एमरो बैंक हालैंि
समापन का वनयमन करती हैं।
5. बीएनपी पाररवास फ्ांस • आरबीआई व्यापाररक बैंको की साख सृजन क्षमता को मावजथ न
6. ि् यूश बैंक जमथ नी बढाकर वनयंवत्रत कर सकता है।
• ववदेशों में कायथ रत प्रमुख भारतीय बैंक - SBI, BOB, BOI, • कोई भी बैंक अपनी वकसी शाखा का स्र्ानान्तरण वबना आरबीआई
Canara Bank, IOB, Indian Bank, Syndicate Bank तर्ा की अनुमवत के नहीं कर सकता हैं।
UCO बैंक। • भारत के ववदेशी व्यापार से समबवन्धत आंकिे आरबीआई द्वारा
• नोटः ववदेशों में सवाथ वधक शाखाएं खोलने वाले शीषथ तीन भारतीय एकवत्रत तर्ा प्रकावशत होते है।
बैंक हैं: • मुद्रा की दशमलव प्रणाली के सार् प्रचवलत नया पैसा 1 अप्रैल
• 1. SBI, 2. BOB, 3. Bank of India 1957 से पैसा हो र्या।
• विटेन में भारतीय बैंकों की सवाथ वधक शाखाएं हैं। इसके पिात् • 1 जुलाई 2011 से देश में 25 पैसे व उससे कम मूकय के सभी
हांर्कांर्, िीजी और मॉररशस में शाखाएं कायथ रत हैं। वसक्के प्रचलन में औपचाररक रूप से अमान्य हो र्ये।
❖ अन्य महत्वपणल तथ्य • भारत को पहला व्यापाररक बैंक जेनरल बैंक ऑि इवण्िया र्ा।
• इलाहाबाद बैंक - 1865 में स्र्ावपत - इलाहाबाद बैंक भारत का वजसे 1786 में खोला र्या र्ा। इसके बाद 1790 में बैंक ऑि
सबसे पुराना सावथ जवनक क्षेत्र का बैंक है, वजसकी शाखाएं परू े भारत वहन्दुस्तान खोला र्या। ये सभी बैंक युरावपयन र्े।
में हैं और यह बैंक वपिले 145 वषों सेिाहकों की सेवा में है। • सावथ जवनक बैंक वे बैंक होते वजसमें सरकार की धाररता 51 प्रवतशत
• पंजाब नेशनल बैंक के वल भारतीयों द्वारा प्रबंवधत पहला बैंक है, से अवधक है। भारत में सावथ जवनक बैंकों के अंतर्थ त 26 बैंक है।
वजसे वषथ 1895 में लाहौर में स्र्ावपत वकया र्या र्ा। सावथ जवनक क्षेत्र के बैंकों द्वारा कु ल बैंक का लर्भर् 91 प्रवतशत
वनयंत्रण वकया जाता है।

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• सावथ जवनक बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक समूह सबसे बड़ा है, जो कु ल वस्र्रीकरण तर्ा बाजार में उत्पादकों तर् उपभोिाओं दोनों के
बैंक जमा का लर्भर् 29 प्रवतशत का वनयंत्रण वकया जाता हैं। वहतों की रक्षा की वदशा में महत्वपूणथ भूवमका अदा की हे।
• जीवन बीमा में प्रवेश करने वाला देश का पहला वावणवज्यक बैंक • राष्ट्रीय सहकारी ववकास वनर्म (NCDC) की स्र्ापना 1963 में
भारतीय स्टेट बैंक है (फ्ांस की काविथ ि एस.ए. के सार्)। हुई।
• नाबािथ ने भारतीय स्टेट बैंक को स्वयं सहायता प्रोन्नयन संस्र्ान • भारतीय जन जातीय सहकारी ववपणन ववकास पररषद (TRIFED)
का दजाथ वदया है। की स्र्ापना 1987 में हुई र्ी।
• भारत मं 43 ववदेशी बैंक (अप्रैल 2016) कायथ रत है, वजसमें • भूवम ववकास बैंक मूलतः दीघथ कालीन साख उपलब्ध कराती है।
सवाथ वधक शाखा स्टैण्ििथ चाटथ िथ बैंक का है। वतथ मान में इसकी 100 • भूवम ववकास बैंक का आरंभ भूवम बंधक बैंक के रूप में 1919 ई में
शाखाऍ ं कायथ रत है। हुआ र्ा।
• प्रर्म बैंक िे विट कािथ 1959 में बैंक ऑि अमेररका द्वारा वनर्थ त • भारतीय औद्योवर्क ववकास बैंक की स्र्ापना 1 िरवरी 1964 को
वकया र्या र्ा। की र्ई। इसने अपना कायथ 1 जुलाई 1966 से शुरू वकया।
• देश को पहला मोबाइल बैंक मध्यप्रदेश में खरर्ोन वजले में िामीण • भारतीय औद्योवर्क पुनवनथ माण बैंक (IRBI) की स्र्ापना अस्वस्र्
क्षेत्रों में कायथ रत है। लक्ष्मी वावहनी बैंक नाम के इस चलते-विरते बैंक औद्योवर्क इकाइयों के पुनवनथ माथ ण के उद्देश्य से 20 माचथ 1985 में
की स्र्ापना एक करोि रुपए की लार्त से एक मोबाइल वैन में की की र्ई।
र्यी है। • भारतीय यूवनट रस्ट 1 िरवरी 1964 को संसदीय अवधवनयम से
• स्टेट बैंक आि इवण्िया द्वारा देश का पहला तैरता एटीएम कोवछच स्र्ावपत वकया र्या। यूवटआई अब वनजी क्षेत्र की कमपनी हो र्या।
में 9 िरवरी 2004 को लांच वकया र्या र्ा। • भारतीय जीवन बीमा वनर्म का मुख्यालय मुंबई में हे। इस समय
• भारत में सहकारी बैंकों का र्ठन तीन स्तरों वाला है। राज्य सहकारी इसके 7 जोनल कायाथ लय तर्ा 100 क्षेत्रीय कायाथ लय है। इसकी
बैंक समबवन्धत राज्य में शीषथ स्र् संस्र्ा होती है। इसके बाद के न्द्रीय स्र्ापना सन् 1956 में की र्ई र्ी। वदसमबर 2011 में एलआईसी
या वजला सहकारी बैंक वजला स्तर पर कायथ करते हैं। तृतीय स्तर की चुकता पूाँजी 5 करोि से बढाकर 100 करोि रुपये कर वदया
पर प्रार्वमक ऋण सवमवतयां होती है, जो वक िाम स्तर पर कायथ र्या है।
करती हैं। • भारतीय साधरण बीमा वनर्म (जीआईसी) की स्र्ापना सन् 1972
• िामीण बैंक की स्र्ापना 2 अक्टूबर 1975 को हुई। इस वदन 5 में की र्ई।
क्षेत्रीय िामीण बैंको को स्र्ावपत वकया र्या - मुरादाबाद तर्ा • भारतीय बीमा वववनयामक और ववकास प्रावधकरण (IRDA) का
र्ोरखपुर (उ.प्र), वभवानी (हररयाणा), जयपुर (राजस्र्ान) तर्ा मुख्यालय हैदराबाद में है।
माकदा (पं. बंर्ाल)। वसवक्कम और र्ोवा को िोिकर देश के सभी
राज्यों में क्षेत्रीय िामीण बैंक कायथ रत हैं। क्षेत्रीय िामीण बैंको में के न्द्र
सरकार, राज्य सरकार तर्ा प्रवतथ क 50:15:35 के अनुपात में पूाँजी
लर्ाती है।
• राष्ट्रीय कृ वष तर्ा िामीण ववकास बैंक (नाबािथ ) देश में कृ वष एवं
िामीण ववकास हेतु ववि उपलब्ध कराने वाली शीषथ संस्र्ा है।
नाबािथ की चुकता पज ूाँ ी 2000 करोि रुपये है, वजसमें 72.5 प्रवतशत
वहस्सेदारी आरबीआई की हैं।
• नाबािथ का मुख्यालय मुमबई में है। इसकी स्र्ापना वशरमन कमेटी
की संस्तुवत पर हुई र्ी। वकसान िे विट कािथ का आरंभ करने तर्ा
'स्वयं सहायता समूहों को बैंको से जोिनें में नाबािथ की महत्वपूणथ
भूवमका रही है।
• नोट : वकसान िे विट कािथ योजना की शुरूआत अर्स्त 1998 मं
तत्कालीन वविमंत्री यशवन्त वसन्हा द्वारा की र्यी र्ी ।
• राष्ट्रीय कृ वष सहकारी ववपणन भारतीय संघ NAFED की स्र्ापना
2 अक्टूबर 1958 को हुई। यह राष्ट्रीय स्तर पर एक शीषथ सहकारी
संर्ठन है। इसका प्रमुख कायथ चुनी हुई कृ वष वस्तुओ ं को प्राप्त
करना, ववतरण, वनयाथ त तर् आयात करना है। इसने मूकय स्तर के

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6 लोक वित्त एिं बजट
लोक वित्त एिं बजट

बजट
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• संघ लोक सेिा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों के िेतन भत्ते एिं
पेंशन।
• भारतीय संविधान में सीधे तौर पर ‘बजट’शब्द का वजक्र नहीं है, • ऐसे ऋण वजनके वलए भारत सरकार उत्तरदायी हैं जैसे - ऋण,
बवकक इसे संविधान के अनुच्छे द 112 में 'एनुअल फाइनेंवशयल भुगतान ि िसूली से सम्बंवधत अन्य खर्चय (वसंवकं ग फण्ड)।
स्टेटमेंट' कहा गया है। इस में अनुमावनत प्रावियों और खर्चों का उस • अदालत या न्यायवधकरण के फै सले से प्राि पुरस्कार या धन।
साल के वलए सरकार का विस्तृत वििरण होता है।
• अन्य कोई ऐसा खर्चय वजसे संसद कानून द्वारा घोवर्त करे।
❖ बजट के प्रकार
❖ लोक लेिा वनवध
➢ िाविवयिक बजट
• भारत सरकार की ओर से अन्य सािय जवनक धन (संवर्चत वनवध से
• यह िैधावनक रूप से अवनिायय नहीं है। इसमें पररितय न वकया जा
संबंवधत धन को छोडकर) लोक लेखा वनवध में जमा वकए जाएंगे जो
सकता है तथा मध्य काल में भी उसे छोडा जा सकता है ।
इस प्रकार हैं —
• यह लाभ के उद्देश्य संर्चावलत होता है।
• सरकार द्वारा भविष्ट्य वनवध, लघु बर्चत, सडक विकास, प्राथवमक
➢ सरकारी बजट वशक्षा जैसे अन्य विशेर् खर्चय सवम्मवलत होंगे।
• यह सभी सरकारी विभागों के वलए िैधावनक रूप से अवनिायय है। • यह वनवध कायय पावलका द्वारा संर्चावलत की जाती हैं, इसमें वकसी भी
• इसमें आिंवटत धन के आधार पर ही कायय करना होता है इसमें प्रकार के भुगतान के वलए संसद की अनुमवत आिश्यक नहीं हैं।
वकसी भी प्रकार के पररितय न के वलए औपर्चाररक अनुमोदन की ❖ आकवममकता वनवध
आिश्यकता होती है।
• संविधान के अनुच्छे द 267 के अनुसार संसद आकवस्मकता वनवध
• यह लोक ककयाण के उद्देश्य से संर्चावलत होता है। के गठन के वलए अवधकृ त हैं, वजसमे विवध द्वारा समय समय पर धन
• आम बजट में सभी मंत्रालिों के कु ल प्रावििों तथा व्िि का जमा वकया जाएगा।
अनुमान होता हैं, इसमें वनम्नवलवित तीन आंकड़े सवम्मवलत • यह वनवध राष्ट्रपवत के अधीन हैं। यह राष्ट्रपवत के नाम पर वित्त
होते हैं - सवर्चि द्वारा संर्चावलत वकया जाता हैं।
• विगत िर्य वक कु ल िास्तविक आय तथा व्यय। • भारत में लोकवनवध की तरह यह कायय पावलका द्वारा संर्चावलत वकया
• र्चालू िर्य के संसोवधत आंकडे। जाता हैं।
• आगामी िर्य के वलए बजट अनुमान। ❖ सरकारी बजट के घटक
• सरकार वक प्रावििों को संविधान के तीन िातों में रिा जाता हैं • भारत में प्रत्येक वित्तीय िर्य , सरकार की अनुमावनत प्रावियों और
- 1. संवर्चत वनवध; 2. लोक लेखा वनवध; 3.आकवस्मकता वनवध व्ययों का वििरण संसद के समक्ष प्रस्तुत करना एक संिैधावनक
❖ संवित वनवध अवनिायय ता है।
• यह एक ऐसी वनवध हैं वजसमे सभी प्रावियां जमा की जाती हैं तथा • बजट दो प्रकार के होते है -
सभी व्यय वनकाले जाते हैं। • (i) राजस्ि बजट (ii) पूंजीगत बजट
• सरकार द्वारा सभी प्रकार का भुगतान विवधक रूप से इसी फण्ड से
वकया जाता हैं। इस वनवध से संसद की अनुमवत के वबना वकसी भी
प्रकार से धन विवनयोवजत नहीं वकया जा सकता।
• वनम्नवलवित प्रकार के व्िि संवित वनवध में सवम्मवलत हैं -
• राष्ट्रपवत के िेतन और भत्ते।
• राज्य सभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष एिं लोक सभा के अध्यक्ष
तथा उपाध्यक्ष के िेतन ि भत्ते।
• सिोच्र्च न्यायलय के न्यायाधीशों के िेतन ि भत्ते।
• उच्र्च न्यायालय के न्यायधीशों के पेंशन।
• भारत के वनयंत्रक एिं महालेखापरीक्षक के िेतन भत्ते एिं पेंशन। • राजमि बजट - राजस्ि बजट में सरकार की र्चालू प्रावियां और उन
प्रावियों से वकए जाने िाले व्यय के वििरण को दशाय या जाता है ।

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लोक वित्त एिं बजट www.examgurooji.in
• राजमि प्रावििां – राजस्ि प्रावियां सरकार की िह प्रावियां है जो • वमतव्ििता कटौती प्रमताि - इस प्रस्ताि का उद्देश्य सरकार के
गैर – प्रवतदेय हैं अथाय त इसे पाने के वलए सरकार से पुनः दािा नहीं व्यय को कम करना है। इसमें कहा जाता है वक मााँग की रावश में से
वकया जा सकता है। इसे कर और गैर कर राजस्ि में विभक्त वकया उवकलवखत रावश की कटौती की जाए।
जाता है। • कटौती प्रस्ताि सामान्यतया विपक्ष के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत वकये
• प्रत्िक्ष कर - ऐसा कर वजसका बोझ प्रत्यक्ष रूप से व्यवक्त (व्यवक्तगत जाते हैं। इसका सीधा-सीधा मतलब है वक विपक्ष इस प्रस्ताि के
आयकर) और फमय (वनगम कर) पर पडता है। जररये सरकार की वनंदा करना र्चाहता है।
• अन्य प्रत्यक्ष करों जैसे संपवत्त कर, उपहार कर और सम्पदा शुकक • सांकेवतक कटौती प्रमताि - इस प्रस्ताि का उद्देश्य बजट की
आवद का राजस्ि में होने िाली आय में कभी बहुत महत्ि नहीं रहा वकसी कमी की ओर संकेत करना है । इसमें कहा जाता है वक मााँग
है, इसीवलए इसे बहुधा ‘कागजी कर’ ही कहा जाता है। रावश में से 100 रु. की कमी की जाए।
• अप्रत्िक्ष कर - ऐसा कर जो एक व्यवक्त पर लगे जाते है पर उनका ❖ बजट वनिंत्रि
भुगतान अन्य के द्वारा वकया जाता है जैसे – उत्पाद शुकक (देश के • सरकार के आय व्यय पर अंकुश लगाने के वलए बजटीय वनयंत्रण
भीतर उत्पावदत िस्तुओ ं पर लगाए गए शुकक), सीमा शुकक (भारत एक महत्िपूणय गया है इस वक्रया को वनम्नवलवखत सवमवतयों के
में आयत वकए जाने िाली अथिा भारत में वनयाय त की जाने िाली माध्यम से संर्चावलत वकया जाता है -
िस्तुओ ं पर लगाए गए कर ) और सेिा शुकक शावमल होते है . ➢ वित्त सवमवतिां
❖ बजट वनमााि के विवभन्न िरि • लोक लेिा सवमवत - लोक लेखा सवमवत भारत सरकार के
• भारत में बजट प्रवक्रया र्चार प्रमुख र्चरणों से होकर गुजरती है - विवनयोजन लेखों का सूक्ष्म परीक्षण करने के साथ साथ ही यह भी
• बजट को बनाना। सुवनवश्चत करती है वक लेखों में दशाय ई गई धनरावश को िैध तरीके से
• विधानमंडल की स्िीकृ वत। संकवलत वकया गया है अथिा नहीं।
• बजट का वक्रयान्ियन। • प्राक्कलन सवमवत - प्राक्कलन सवमवत लोक लेखा सवमवत के
परू क के रूप में कायय करती है, इसमें कु ल 30 सदस्य होते हैं सवमवत
• लेखक पररर्चय। का अध्यक्ष लोकसभा के स्पीकर द्वारा मनोनीत वकया जाता हैं।
• विधानमंडल की मिीकृ वत
❖ बजट शब्दािली
• संसद के दोनों सदनों में वित्त मंत्री द्वारा बजट की प्रस्तुवत।
• प्रत्िक्ष टैक्स (Direct taxes) - वकसी भी व्यवक्त और संस्थानों
• वित्त मंत्री का भार्ण दो भागों में होता है। की आय और उसके स्रोत पर आयकर, कॉरपोरेट टैक्स, कै वपटल
• वपछले िर्य का सामान्य आवथय क सिेक्षण। गेन टैक्स और इनहेररटेंस टैक्स के जररए लगता है ।
• आगामी िर्य का कराधान प्रस्ताि। • अप्रत्िक्ष टैक्स (Indirect taxes) - अप्रत्यक्ष टैक्स उत्पावदत
• राजस्ि तथा व्यय संबंधी प्रस्तािों पर सामान्य बहस। िस्तुओ ं और आयात-वनयाय त िाले सामानों पर उत्पाद शुकक, सीमा
शुकक और सेिा शुकक के जररए लगता है।
• अनुदान के वलए मांग की प्रस्तुवत।
• बजट घाटा (Budgetary deficit) - बजट घाटा वक वस्थवत तब
• विवनयोग विधेयक तथा वित्त विधेयक पर मतदान एिं उसकी
पैदा होती है जब खर्चे, राजस्ि से अवधक हो जाती है।
स्िीकृ वत।
• संविधान की धारा 110 (1) d में कहा गया है वक “भारत की संवर्चत • बजटरी घाटा = कु ल प्रावि – कु ल व्यय।
वनवध से कोई भी धनरावश विवध द्वारा विवनयोग के वबना वनकाली • राजकोषीि घाटा (Fiscal deficit) - राजकोर्ीय घाटा सरकार
नहीं जा सकती है” । के कु ल खर्चय और राजस्ि प्रावियों और गैर कजय पूंजी प्रावियों के जोड
के बीर्च का अंतर होता है। भारत में इसे शुरू करने का श्रेय मनमोहन
• वित्त विधेयक लोकसभा एिं राज्यसभा में पाररत होने के बाद उस
वसंह को जाता है।
पर राष्ट्रपवत की अनुमवत ली जाती है तत्पश्चात िह अवधवनयम बन
जाता है। • सरकार की सम्पूिा देिताएँ = सािय जवनक ऋण + ररज़िय बैंक से
वलया ऋण
• नीवत आधाररत कटौती प्रमताि - इस प्रस्ताि के अंतगय त सरकार
की नीवत का विरोध वकया जाता है। इसमें कहा जाता है वक मााँग की • राजकोषीि घाटा = (सम्पूणय व्यय – सम्पूणय प्रावियां) + सरकारी
रावश में से उवकलवखत रावश घटाकर एक रुपया कर वदया जाए। दावयत्ि
• यवद सरकार अपनी राजस्ि प्रावियों से अवधक व्यय कर रही है तो
व्यय अवधक्य को राजकोर्ीय घाटा कहेंगे ।

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• आिकर (Income tax) - यह हमारी आय के स्रोत जैसे वक • सीमा शुल्क (Customs duties) - सीमा शुकक उन िस्तुओ ं पर
आमदनी, वनिेश और उस पर वमलने िाले ब्याज पर लगता है। लगता है, जो देश में आयात की जाती है या वफर देश के बाहर
• कॉरपोरेट टैक्स (Corporate tax) - कॉरपोरेट टैक्स कॉरपोरेट वनयाय त की जाती है।
संस्थानों या फमों पर लगाया जाता है, वजसके जररए सरकार को • शॉटा टमा और लॉन्ग टमा गेन - शेयर बाजार में कोई भी व्यवक्त यवद
आमदनी होती है. जीएसटी आने के बाद से यह खत्म हो गई है। एक साल से कम समय के वलए पैसे लगा कर लाभ कमाता है तो
• उत्पाद शुल्क (Excise duties) - देश की सीमा के भीतर बनने उसे अकपकावलक पूंजीगत लाभ (शॉटय -टमय कै वपटल गेन) कहते हैं।
िाले सभी उत्पादों पर लगने िाला टैक्स को उत्पाद टैक्स कहते हैं। • शेयरों में जो पैसा एक साल से अवधक समय के वलए होता है उसे
एक्साइज़ ड् यूटी को भी जीएसटी में शावमल कर वलया गया है। दीघय कावलक पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टमय कै वपटल गेन) कहते हैं।
• सीमा शुल्क (Customs duties) - सीमा शुकक उन िस्तुओ ं पर • पहले लॉन्ग टमय कै वपटल गेन पर टैक्स नहीं देने का प्रािधान था
लगता है, जो देश में आयात की जाती है या वफर देश के बाहर लेवकन 2018-19 के बजट में इस पर 10 फीसदी टैक्स का
वनयाय त की जाती है। प्रािधान वकया गया हालांवक, यह टैक्स वसफय 1 लाख रुपये से
• सेनिैट (CENVAT) - यह कें द्रीय िैकयू एडेड टैक्स है, जो अवधक की कमाई पर ही देना होता है।
मैन्युफैक्र्चरर पर लगाया जाता है. इसे साल 2000-2001 में पेश • सवब्सडी (Subsidies) - आवथय क असमानता दरू करने के वलए
वकया गया था। सरकार की ओर से आम लोगों को वदया जाने िाला आवथय क लाभ
• बैलेंस बजट (Balanced budget) - एक कें द्रीय बजट बैलेंस सवब्सडी कहा जाता है। जैसे एलपीजी वसवलंडर के गैस भराने िाले
बजट तब कहलाता है, जब ितय मान प्रावियां मौजूदा खर्चों के बराबर गरीबों को सरकार सवब्सडी देकर उसे सस्ता कर देती है।
होती है। • समेवकत कोष (Consolidated Fund) - यह भारत सरकार का
• बैलेंस ऑफ पेमेंट (Balance of payments) - देश और बांकी िह कोर् है वजसमे सरकार की समस्त राजस्ि प्रावियां, सरकार
दुवनया के बीर्च हुए वित्तीय लेनदेन के वहसाब को भुगतान संतुलन द्वारा जारी वकये गए रेज़री वबकस और िसूले गए ऋण आवद को
या बैलेंस ऑफ मोमेंट कहा जाता है। शावमल वकया जाता हैं।
• बांड (Bond) - यह कजय का एक सवटय वफके ट होता है, वजसे कोई • आकवममक कोष (Contingency Fund) - इस फं ड में
सरकार या कॉरपोरेशन जारी करती है तावक पैसा जुटाया जा सके . आकवस्मक व्यय को पूरा करने के वलए एक रावश रखी जाती है।
इससे व्यय ऐसे मुद्दों पर वकया जाता है वजनको टाला नही जा सकता
• विवनिेश (Disinvestment) - सरकार द्वारा वकसी पवब्लक
है लेवकन बाद में संसद से अनुमवत लेकर संवर्चत वनवध से रुपया
इंवस्टट् यूट में अपनी वहस्सेदारी बेर्चकर राजस्ि जुटाने की प्रवक्रया
लेकर इसमें डाल वदया जाता है।
विवनिेश कहलाता है।
• इस फं ड पर राज्यों में राज्यपाल और कें द्र के संबंध में राष्ट्रपवत का
• जीडीपी (GDP) - जीडीपी एक वित्तीय िर्य में देश की सीमा के
अवधकार रहता है।
भीतर उत्पावदत कु ल िस्तुओ ं और सेिाओं का कु ल जोड होता है।
• राजमि प्रावििां (Revenue Receipts) - ऐसी प्रावियां वजनके
• उपकर और अवधभार (Cess एिं Surcharge) - सेस या
लौटाने का दावयत्ि सरकार का नही हो या वजनके साथ वकसी
उपकर वकसी टैक्स के साथ वकसी विशेर् उद्येश्य के वलए धन इकठ्ठा
संपवत्त की वबक्री नही जुडी हों, राजस्ि प्रावियां कहलाती हैं।
करने के वलए, कर आधार (tax base) पर ही लगाया जाता है। जैसे
स्िच्छ भारत सेस, कृ वर् ककयाण सेस, स्िच्छ पयाय िरण सेस आवद। • इन प्रावियों के कारण सरकार की देयता (liability) में बढ़त नही
होती है। इनको कर राजस्ि (इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स,
• अवधभार या सरर्चाजय कर के ऊपर लगने िाला कर है वजसकी गणना
जीएसटी इत्यावद) और गैर-कर राजस्ि (ब्याज, फीस, लाभांश) में
कर दावयत्ि के आधार पर की जाती है। सामान्यतः इसे इनकम
बांटा जा सकता है।
टैक्स के ऊपर लगाया जाता है।
• पूंजीगत प्रावििां (Capital Receipts) - ऐसी सािय जवनक
• कॉरपोरेट टैक्स (Corporate tax) - कॉरपोरेट टैक्स कॉरपोरेट
प्रावियों को पूंजीगत प्रावत कहते हैं वजनसे सरकार के देनदारी में
संस्थानों या फमों पर लगाया जाता है, वजसके जररए सरकार को
बढ़त होती है और सरकार की पररसंपवत्तयों में कमी होती है. जैसे
आमदनी होती है।
देश के अंदर वलया गया कजय , विदेश से वलया गया कजय , ररज़िय बैंक
• उत्पाद शुल्क (Excise duties) - देश की सीमा के भीतर बनने से वलया जाने िाला कजय आवद।
िाले सभी उत्पादों पर लगने िाला टैक्स को उत्पाद शुकक कहते
• राजमि व्िि (Revenue Expenditure) - इसके अन्दर उन
हैं। एक्साइज़ ड् यूटी को अब जीएसटी में शावमल कर वलया गया है।
खर्चों को रखा जाता है वजससे सरकार की न तो उत्पादन क्षमता
का विस्तार होता है और न ही भविष्ट्य के वलए अवतररक्त आय
सृवजत होती है। उदाहरण: सरकारी विभागों को र्चलाने में होने िाला

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खर्चय , सरकारी सवब्सडी, कजय पर ब्याज की अदायगी, राज्य • भारत के पहले बजट को जेम्स विकसन 18 फरिरी 1860 को
सरकारों को अनुदान आवद। िायसराय की पररर्द में पेश ने वकया था। यही िजह है वक जेम्स
• पूंजीगत व्िि (Capital Expenditure) - सरकार के उन खर्चों विकसन को भारतीय बजट का संस्थापक भी कहा जाता है।
को पंज ू ीगत व्यय के अंतगय त रखा जाता है वजससे सरकार की • 1924 से लेकर 1999 तक बजट फरिरी के अंवतम कायय कारी वदन
संपवत्तयों में बढ़त होती है, जैसे सडक, स्कूल, अस्पताल, वकसी शाम पांर्च बजे पेश वकया जाता था यह प्रथा सर बेवसल ब्लैकैट ने
पुराने भिन की मरम्मत आवद। 1924 में शुरु की थी, 2000 में पहली बार यशिंत वसन्हा ने बजट
• िोजनागत व्िि (Planned Expenditure) - उस व्यय को सुबह 11 बजे पेश वकया।
योजनागत व्यय कहा जाता है वजससे उत्पादन पररसंपवत्त • स्ितंत्र भारत का पहला बजट वित्त मंत्री आरके र्णमुखम शेट्टी ने
(production assets) का वनमाय ण होता है। 26 निंबर 1947 को पेश वकया था।
• यह व्यय विवभन्न आवथय क ककयाणकारी योजनाओं से सम्बंवधत • भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरिरी 1950
होता है, जैसे स्कूल, सडक, हॉवस्पटल का वनमाय ण आवद। को जान मथाई ने पेश वकया था इस बजट में योजना आयोग की
• गैर िोजनागत व्िि (Non-Plan Expenditure) - ऐसा स्थापना का िणय न वकया था।
सािय जवनक व्यय वजससे वक कोई विकास का काम नही होता है, गैर • सीडी देशमुख वित्त मंत्री होने के साथ ररजिय बैंक के पहले गिनय र भी
योजनागत व्यय की श्रेणी में वगना जाता है। जैसे रक्षा व्यय, पेंशन, थे। उन्होने 1951-52 में अंतररम बजट पेश वकया। 1955-56 से
महंगाई भत्ता, बाढ़, सख ू ा, ओला िृवि आवद पर वकया गया खर्चय बजट पेपर वहंदी में तैयार वकए जाने लगे।
आवद. इसके वलए धन की व्यिस्था भारत की संवर्चत वनवध से होती
• 1958-59 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जिाहरलाल नेहरु ने
है।
बजट पेश वकया उस समय वित्त मंत्रालय उनके पास था ऐसा करने
• प्राथवमक घाटा (Primary Deficit): जब हम राजकोर्ीय घाटे में िाले िे देश के पहले प्रधानमंत्री बने।
से ब्याज अदायगी को वनकाल देते हैं तो प्राथवमक घाटा बर्चता है।
• इंवदरा गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते बजट पेश वकया बजट पेश करने
• प्राथवमक घाटा = सकल राजकोर्ीय घाटा - ब्याज दावयत्ि िाली और वित्त मंत्री का पद संभालने िाली िे देश की पहली मवहला
• ट्रेजरी वबल (T-वबल) - ये एक साल से भी कम पररपक्िता अिवध है।
के िे सरकारी बांड होते हैं वजन्हें सरकार द्वारा जारी वकया जाता है । • वनमय ला सीतारमण देश की पहली पणू य कावलक वित्त मंत्री हैं।
सरकार इनको थोडे समय की वित्तीय जरूरतों को परू ा करने के
• मोरारजी देसाई ने अब तक सिाय वधक दस बार बजट पेश वकया है ।
वलए जारी करती है| जैसे 80 डेज एडहॉक रेजरी वबल।
छह बार वित्त मंत्री और र्चार बार उप प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने
• प्रवतभूवत लेनदेन कर (Securities Transaction Tax-STT) ऐसा वकया अपने जन्मवदन पर भी बजट पेश करने िाले भी िह
- यह एक प्रकार का लेनदेन कर है वजसे आपको तब र्चुकाना पडता एकमात्र मंत्री है।
है जब आप प्रवतभूवत बाजार (Security Market) में शेयर को
• स्ितंत्र भारत का पहला बजट वित्त मंत्री आरके र्णमुखम शेट्टी ने
खरीदने या बेर्चने का काम करते हैं या म्यूर्चुअल फं ड में वनिेश करते
26 निंबर 1947 को पेश वकया था। गणतंत्र भारत का पहला बजट
हैं।
28 फरिरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश वकया था।
• न्िूनतम िैकवल्पक कर (Minimum Alternate Tax) -
• विवटश सरकार द्वारा 1921 में रेलिे के वित्तीय प्रदशय न में सुधार के
न्यूनतम िैकवकपक कर, ऐसा कर है जो वक एक कं पनी को अपने
वलए बनी वजस सवमवत के ररपोटय के आधार पर रेल बजट प्रस्तुत
लाभ पर देना पडता है।
करने की अनुशंसा की गई थी उसके अध्यक्ष अथय शास्त्री विवलयम
• बाह्य िाविवयिक उधार (External Commercial वमशेल एक्िथय थे।सिय प्रथम 10 सदस्यीय एक्िोथय सवमवत की
Borrowing-ECB) - बाह्य िावणवज्यक उधार एक ऋण होता है अनुशंसा पर 1924 में इसे पेश वकया गया था।
वजसे वक विदेशों से भारत से भी कम ब्याज दरों पर वलया जा सकता
• यह लोकसभा में धन विधेयक के रूप में कें द्रीय रेल मंत्री द्वारा प्रस्तुत
है। इसकी पररपक्िता अिवध कम से कम 3 साल की होती है।
वकया जाता है।
• िालू िाता घाटा (Current Account Deficit): यह एक देश
• रेल बजट का सीधा प्रसारण 24 मार्चय 1994 से प्रारंभ हुआ।
से वनयाय त होने िाली िस्तुओ ं और सेिाओं के मूकय का उस देश के
आयात मूकय के अंतर को बताता है| वजस देश की वनयाय त से होने • वबहार के भूतपूिय मुख्य मंत्री लालूप्रसाद यादि के नाम लगातार 6
िाली आय, आयात वबल की तुलना में कम हो जाती है उस देश का बार रेल बजट प्रस्तुत करने का ररकॉडय है। िे संयुक्त प्रगवतशील
र्चालू खाता विपरीत माना जाता है | गठबंधन (संप्रग) सरकार में 2004 – 2009 के बीर्च रेल मंत्री थे।
❖ भारतीि बजट का इवतहास • ममता बनजी रेल बजट पेश करने िाली पहली मवहला रेल मंत्री हैं।
2002 में उन्होंने रेल बजट प्रस्तुत वकया था।

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• सुरेश प्रभु अंवतम रेल मंत्री हैं वजन्होंने 2016 में अंवतम बार रेल बजट
पेश वकया।
• भारत में उत्तराखंड ही अके ला राज्य है वजसने सबसे पहले
वडवजटल बजट पेश वकया है|
• भारत में पहला वमनी बजट 30 निम्बर 1956 को टी. टी.
कृ ष्ट्णामर्चारी द्वारा पेश वकया गया था|

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7 भारत में कृ षि एवं उद्योग
भारत में कृषि एवं उद्योग

भारत में कृषि की षथिषत



• बुआई - माचय - अप्रेल
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• कृ षि क्षेत्र में देश की लगभग आधी श्रमशषि कार्य रत है। हालाांषक • कटाई - मई-जनू
जीडीपी में इसका र्ोगदान 17.5% है (2015-16 के मौजूदा मल्ू र्ों • प्रमुख फसलें - तरबूज, खरबूजा, ककडी, टमाटर, चारा इत्र्ाषद |
पर)। ➢ नकदी फसल
• 1950 के दशक में जीडीपी में कृ षि क्षेत्र का र्ोगदान जहाां 50% था, • वह फसल जो व्र्ापार के उद्देश्र् से षकसानों द्वारा की जाती है । वे
वहीं 2015-16 में र्ह षगरकर 15.4% रह गर्ा (षथथर मूल्र्ों फसलें षजन्हें उगाने का मुख्र् उद्देश्र् व्र्ापार करके धन अषजय त
पर)। करना होता है। षजसे षकसान र्ा तो सांपूणय रूप से बेच देते हैं र्ा षफर
• भारत का खाद्यान्न उत्पादन प्रत्र्ेक विय बढ़ रहा है। आांषशक रूप से उपर्ोग करते है तथा शेि बडा षहथसा बेच देते हैं।
• भारत दुग्ध उत्पादन में पहले और फलों एवां सषजजर्ों के उत्पादन नगदी फसल को व्र्ापाररक फसलें भी कहते है।
में दूसरे थथान पर है। • जैसे - कपास, गन्ना, तांबाकू, जूट इत्र्ाषद।
• 2013 में भारत ने दाल उत्पादन में 25% का र्ोगदान षदर्ा जोषक • मुख्य व्यापाररक फसलें इस प्रकार हैं -
षकसी एक देश के षलहाज से सबसे अषधक है। इसके अषतररि • षतलहन - मूांगफली, सरसों, षतल, अलसी, अण्डी, सूर्यमुखी।
चावल उत्पादन में भारत की षहथसेदारी 22% और गेहां उत्पादन में
13% थी। • शकयरा वाली फसलें - गन्ना, चुकन्दर।
• षपछले अनेक विों से दूसरे सबसे बडे कपास षनर्ाय तक होने के • रेशे वाली फसलें - जटू , मेथटा, सनई और कपास।
साथ-साथ कु ल कपास उत्पादन में भारत की षहथसेदारी 25% है। • उद्दीपक फसलें - तम्बाकू।
❖ कृषि फसलों का प्रकार • पेर् फसलें - चार् और कहवा।
• भारत में मुख्र् तीन फसलें हैं - 1. रबी फसल. 2. खरीफ फसल, • ऊजाा फसल (Energy Crop)
3. जार्द फसल • षजन फसलों को अल्कोहल र्ा बार्ोडीजल बनाने के षलए उगार्ा
➢ 1. रबी की फसल जाता है उन्हें energy crop कहते हैं।
• शीत ऋतु की फसल • Ex - गन्ना, आलू, जटरोफा, मक्का
• बुआई - अक्टूबर - नवम्बर ❖ बायोडीजल
• कटाई - माचय -अप्रेल • बार्ोषडजल जैषवक स्रोतों से प्राप्त तथा डीजल के समतुल्र् इांधन है
• प्रमुख फसलें - गेहूँ , जौ, सरसों, चना, राई, अलसी, मटर, जो परम्परागत डीजल इांजनों को षबना पररवषतय त षकर्े ही चला
सरू जमुखी, जीरा, धषनर्ा, तारामीरा, इत्र्ाषद सकता है।
• नकदी फसल – गन्ना, बरसीम – मवेषशर्ों का चारा • बार्ोषडजल शत्-प्रषतशत नवीनीकरणीर् स्रोतों से बनार्ा जाता है।
र्ह परम्परागत इांधनो का एक थवच्छ षवकल्प है। इसको भषवष्र् का
• मावठ - शीतकालीन विाय (चक्रवातीर् विाय ) रबी की गोल्डन ड्रोप्स|
इांधन माना जा रहा है।
➢ 2. खरीफ की फसल
• भारत का पहला बार्ोडीजल सांर्ांत्र आथरेषलर्ा के सहर्ोग से
• खरीफ फसल मुख्र् रूप से मानसून काल की फसल है। काकीनाडा सेज (KSEZ) में थथाषपत षकर्ा गर्ा है।
• जनू -जुलाई में बोर्ा जाता है और अक्टूबर में काट षलर्ा जाता है। ❖ प्रमुख भारतीय फसलों और उनके उत्पादक राज्यों की
• प्रमुख फसलें - सूची
• खाधान्न - धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, फसल भारत की सवााषधक उत्पादक राज्यों के नाम
• दलहन - मूांग, उडद, सोर्ाबीन, लोषबर्ा प्रमुख
• षतलहन - सोर्ाबीन, मूांगफली, सूरजमुखी, तील, अांडी, कपास फसलों
तांबाकू के नाम
अनाज चावल पषिम बांगाल, उत्तर प्रदेश, आन्र प्रदेश,
• सोर्ाबीन दलहन एवां षतलहन दोनों की श्रेणी में आता है। षबहार और पांजाब
• 3. जायद फसल गेंह उत्तर प्रदेश, पांजाब, हररर्ाणा, षबहार,
• रबी और खरीफ के बीच का मौसम मध्र् प्रदेश और राजथथान

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ज्वार महाराष्र, कनाय टक, मध्र् प्रदेश और 6 षतलहन ब्राजील, चीन, भारत
राजथथान 7 कपास सांर्ुि राज्र् अमेररका, चीन, पाषकथतान
जौ उत्तर प्रदेश, राजथथान, षबहार और 8 चार् भारत, चीन, श्रीलांका
पांजाब 9 कॉफी ब्राजील, कोलांषबर्ा, इांडोनेषशर्ा
बाजरा गुजरात, राजथथान और उत्तर प्रदेश 10 रबड थाइलैंड, मलेषशर्ा, इांडोनेषशर्ा
षतलहन मूांगफली गुजरात, आांर प्रदेश, तषमलनाडू, 11 ऊन आथरेषलर्ा, भारत
कनाय टक, महाराष्र और मध्र् प्रदेश 12 दुग्ध भारत, सांर्ुि राज्र् अमेररका, इांग्लैंड
नाररर्ल के रल, तषमलनाडू, 13 मूांगफली चीन, भारत, सांर्ुि राज्र् अमेररका
दलहन मध्र् प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हररर्ाणा, 14 जौ रूस, र्ूक्रेन, फ्ाांस, जमय नी, ऑथरेषलर्ा
पांजाब, राजथथान, षबहार, पषिम बांगाल, 15 सोर्ाबीन सांर्ुि राज्र् अमेररका, ब्राजील, अजेंटीना,
गुजरात और आांर प्रदेश चीन, भारत
षतलहन मध्र् प्रदेश, गुजरात;उत्तर प्रदेश 16 गन्ना ब्राजील, भारत, चीन, थाईलैण्ड,
,षबहार,राजथथान, पषिम बांगाल और पाषकथतान
ओषडशा 17 चुकन्दर रूस, फ़्ाांस, जमय नी, सांर्ुि राज्र् अमेररका
नकदी गन्ना उत्तर प्रदेश, महाराष्र, तषमलनाडु , 18 नाररर्ल भारत, इक्वेडोर, इांडोनेषशर्ा
फसलें कनाय टक, हररर्ाणा और पांजाब 19 फल तथा चीन, भारत, ब्राजील, श्रीलांका, फ़्ाांस
रेशदे ार कपास महाराष्र, गुजरात, मध्र् प्रदेश, पांजाब, सजजी
फसलें कनाय टक, हररर्ाणा, राजथथान, 20 मोटे सांर्ुि राज्र् अमेररका, रूस, चीन
तषमलनाडु और आांर प्रदेश अनाज
पटसन पषिम बांगाल, षबहार, असम, ओषडशा 21 सूर्यमुखी रूस, र्ूक्रेन
और उत्तर प्रदेश 22 लौंग जांजीबार, तांजाषनर्ा
बागानी चार् असम, पषिम बांगाल, तषमलनाडु , के रल, 23 नारांगी सांर्ुि राज्र् अमेररका
फसलें षत्रपुरा, कनाय टक और षहमाचल प्रदेश 24 जटू भारत, बाांग्लादेश, चीन, थाईलैड
कहवा कनाय टक, तषमलनाडु , के रल, आांर प्रदेश 25 आम भारत, चीन, थाईलैंड, मेषक्सको,
और महाराष्र इांडोनेषशर्ा
रबड के रल, तषमलनाडु , कनाय टक, असम और 26 के ला भारत, चीन, षफलीपींस, ब्राज़ील, इक्वाडोर
अांडमान षनकोबार द्वीप समूह 27 नाररर्ल भारत, इांडोनेषशर्ा, षफलीपींस
तम्बाकू आांर प्रदेश, गुजरात, षबहार, उत्तर प्रदेश, 28 पपीता भारत, ब्राजील, इांडोनेषशर्ा
महाराष्र, पषिम बांगाल और तषमलनाडु 29 अनार भारत
मसाले काली के रल, कनाय टक, तषमलनाडु और पुडुचेरी
षमचय ❖ भारत में प्रमुख कृषि क्ांषत और सम्बषन्धत उत्पादन की
हल्दी आांर प्रदेश, ओषडशा, तषमलनाडु , सूची
महाराष्र और षबहार क्. सं. क्ांषत उत्पादन -सम्बन्ध
काजू के रल, महाराष्र और आांर प्रदेश 1 हररत क्ांषत खाद्यान्न उत्पादन
2 श्वेत क्ांषत दग्ु ध उत्पादन
❖ षवश्व की प्रमुख फसलें और उनका उत्पादन करने वाले
3 पीली क्ांषत षतलहन उत्पादन
देश 4 भूरी क्ांषत उवय रक उत्पादन
क्रमाांक फसल उत्पादक देश 5 नीली क्ांषत मत्थर् उत्पादन
1 चावल चीन, भारत, इांडोनेषशर्ा, षवर्तनाम, 6 लाल क्ांषत टमाटर/माांस उत्पादन
थाईलैण्ड 7 गुलाबी क्ांषत झींगा मछली उत्पादन
2 मक्का सांर्ुि राज्र् अमेररका, चीन, ब्राजील, 8 बादामी क्ांषत मासाला उत्पादन
मैषक्सको, भारत
9 सुनहरी क्ांषत फल उत्पादन
3 चीनी ब्राजील, भारत, चीन
10 रजत क्ांषत अांडा उत्पादन
4 गेहूँ चीन, भारत, सांर्ुि राज्र् अमेररका 11 कृ ष्ण क्ांषत बार्ोडीजल उत्पादन
5 तम्बाकू चीन, सांर्ुि राज्र् अमेररका, भारत
12 अमृत क्ांषत नदी जोडो पररर्ोजनाएां

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13 काली क्ांषत पेरोषलर्म उत्पादन • भारत में सबसे अषधक फसल धान उगाई जाती है
14 गोल्डन फाइबर क्ांषत जूट उत्पादन • भारत में सबसे अषधक खाद्यान्न उत्पन्न करने वाला राज्र् उत्तर
15 थवणा क्ांषत फल /शहद उत्पादन प्रदेश है।
16 षसल्वर फाइबर क्ांषत कपास उत्पादन
• भारत में कु ल कार्य शील जनसांख्र्ा का षकतने प्रषतशत भाग कृ षि में
17 सदाबहार क्ांषत कृ षि से/ जैव तकनीकी
लगा हुआ है - 69.5%
18 धुसर/थलेटी क्ांषत सीमेंट
19 इंद्रधनुिीय क्ांषत सभी क्राांषतर्ो पर षनगरानी • अांगूरों की खेती के षलए नाषसक शहर प्रषसि है।
रखने हेतु • मूांगफली भारत के सबसे अषधक गुजरात में उगाई जाती है
20 सनराइज/सुयोदय इलेक्रॉषनक उधोग के • चावल का उत्पादन सवाय षधक पषिमी बांगाल में होता है
क्ांषत षवकास के हेतु • भारत के तषमलनाडु राज्र् में गेहां की खेती नहीं होती है
21 सेफ्रॉन क्ांषत के सर उत्पादन से
22 थलेटी/ग्रे क्ांषत उवय रको के उत्पादन से • गन्ना फसल की बुवाई - कटाई में सबसे अषधक समर् लगता है,
23 खाद्द श्रंखला क्ांषत- भारतीर् कृ िकों की 2020 • भारत का उवय रक उत्पादन षवश्व में तीसरा थथान है,
तक आमदनी को दुगुना करने • दुग्ध उत्पादन में भारत का प्रथम थथान है
से • भारत में सवोत्तम चार् दाषजय षलांग में पैदा की जाती है
24 व्हाइट गॉल्ड क्ांषत कपास उत्पादन से (तीसरी
• काजू का सबसे बडा उत्पादक राज्र् के रल है
क्राांषत)
25 ग्रीन गॉल्ड क्ांषत चार् उत्पादन से • दलहन का सबसे बडा उत्पादक राज्र् राजथथान है
26 खाकी क्ांषत चमडा उत्पादन से • पटसन का सबसे बडा उत्पादक राज्र् पषिम बांगाल है
27 परामनी क्ांषत षभन्डी उत्पादन से • तांबाकू उत्पादन में भारत का षवश्व में तीसरा थथान है
28 मूक क्ांषत मोटे अनाजों के उत्पादन से • भारत का सबसे बडा सोर्ाबीन उत्पादक राज्र् मध्र् प्रदेश है
29 हररत सोना क्ांषत बाूँस उतपादन से
• नाररर्ल उत्पादन में भारत का षवश्व में प्रथम थथान है
30 गंगा क्ांषत भ्रष्टाचार के षखलाफ सदाचार
पैदा करने हेतु (जोहडे वाले • के सर की खेती सबसे अषधक कश्मीर में होती है,
बाबा/वाटर मैन ऑफ • कृ षि को उद्योग का दजाय देने वाला प्रथम राज्र् महाराष्र है,
इांषडर्ा/राजेन्र षसांह )द्वारा • "चावल का कटोरा" कृ ष्णा और गोदावरी के क्षेत्र को नदी क्षेत्र को
31 N. H. क्ाषन्त थवषणय म चतुभय ज ु र्ोजना से कहा जाता है
• भारत में हररत क्राांषत की शुरुआत 1966-67 ई. मेंहुई थी, तथा • दग्ु ध उत्पादन में भारत का प्रथम थथान है।
भारत में इसके अग्रदूत एम. एस. थवामीनाथन को माना जाता है, • भारत में सवोत्तम चार् दाषजय षलांग पैदा की जाती है।
तथा षवश्व में इसका जनक नामय न ई0 बोरलॉग को माना जाता है।
• थवच्छ जलीर् मछली का उत्पादन करने वाला राज्र् पां. बांगाल है।
• हररत क्राांषत का सबसे अषधक प्रभाव चावल और गेहां फसल पर
पडा। परन्तु चावल की तुलना में गेंह के उत्पादन में अषधक वृषि • भारत का उवय रक उत्पादन में षवश्व में तीसरा थथान है।
हुई। • फल उत्पादन में भारत का षद्वतीर् थथान है।
• भारत मेंदग्ु ध उत्पादन में श्वेत क्राांषत लाने का श्रेर् डॉ. वगीज कु ररर्न • सजजी उत्पादन में भारत का षद्वतीर् थथान है।
जाता है। • पांजाब राज्र् को ‘भारत का धान्र् भांडार’ कहा जाता है।
• भारत में नीली क्राांषत जनक अरुण कृ ष्णन हैं। • के सर का एकमात्र उत्पादक राज्र् जम्मू-कश्मीर है।
• भारत में गुलाबी क्राांषत का जनक दुगेश पटेल हैं। • हाल ही में षसषक्कम को षवश्व का पहला जैषवक राज्र् घोषित षकर्ा
• भारत में थवषणय म क्राांषत का जनक षनपय ख तुतेज हैं। गर्ा। षसषक्कम षवश्व मे जैषवक खेती का एक प्रबल उदाहरण बन कर
उभरा हैं।
• भारत में लाल क्राांषत का जनक षवशाल षतवारी हैं।
• भारत में महाराष्र के सबसे अषधक 22% क्षेत्रफल में फलों का
• भारत में षसल्वर क्राांषत की जनक इांषदरा गाूँधी हैं।
उत्पादन षकर्ा जाता है | इसके बाद आांर प्रदेश (9%), गुजरात
❖ भारतीय कृषि से जडु े अन्य महत्वपण
ू ा तथ्य - (6.0%) तथा उत्तर प्रदेश एवां तषमलनाडु के 5% क्षेत्रफल में फल
• भारत की प्रमुख खाद्य फसल चावल है बोर्ा जाता है |

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• भारत में फलों की सवाय षधक उत्पादकता (Highest productivity) • 12. के न्रीर् शीतोष्ण बागवानी सांथथान, श्रीनगर
कनाय टक (17.3 टन/हेक्टेर्र) में है इसके बाद महाराष्र (17.2 • 13. के न्रीर् शुष्क बागवानी सांथथान, बीकानेर
टन/हेक्टेर्र) का नांबर आता है
• 14. भारतीर् सजजी अनुसांधान सांथथान, वाराणसी
• भारत में सवाय षधक क्षेत्रफल (34.8%) में आम बोर्ा जाता है दस
ू रे • 15. के न्रीर् आलू अनुसांधान सांथथान, षशमला
थथान पर नीबू का नांबर आता है जो षक 15% क्षेत्रफल में बोर्ा
जाता है| • 16. के न्रीर् कां दी फसलें अनुसांधान सांथथान, षत्रवेन्रम
• भारत में प्रषत हेक्टेर्र के षहसाब से के ले की उत्पादकता सबसे • 17. के न्रीर् रोपण फसलें अनुसांधान सांथथान, कासरगोड
अषधक है | • 18. के न्रीर् कृ षि अनुसांधान सांथथान, पोटय जलेअर
❖ कृषि संथिान • 19. भारतीर् मसाला अनुसांधान सांथथान, कालीकट
• भारतीर् कृ षि अनुसांधान पररिद, नई षदल्ली • 20. के न्रीर् मृदा और जल सांरक्षण अनुसांधान एवां प्रषशक्षण
• जवाहरलाल नेहरू कृ षि षवश्वषवद्यालर्, जबलपुर सांथथान, देहरादनू
• इांषदरा गाांधी कृ षि षवश्वषवद्यालर्, रार्पुर • 21. भारतीर् मृदा षवज्ञान सांथथान, भोपाल
• गोषवन्द बल्लभ पन्त कृ षि एवां प्रौद्योषगकी षवश्वषवद्यालर्, पन्तनगर • 22. के न्रीर् मृदा लवणता अनुसांधान सांथथान, करनाल
• चन्र शेखर आजाद कृ षि एवां प्रौद्योषगकी षवश्वषवद्यालर्, कानपुर • 23. पूवी क्षेत्र के षलए भारतीर् कृ षि अनुसांधान पररिद अनुसांधान
पररसर, मखाना के न्र सषहत, पटना
• चौधरी चरण षसांह हररर्ाणा कृ षि षवश्वषवद्यालर्, षहसार
• 24. के न्रीर् शुष्क भूषम कृ षि अनुसांधान सांथथान, हैदराबाद
• लाला लाजपतरार् पशुषचषकत्सा एवां पशुषवज्ञान षवश्वषवद्यालर्,
षहसार • 25. के न्रीर् शुष्क क्षेत्र अनुसांधान सांथथान, जोधपुर
• र्शवन्त षसांह परमार औद्याषनकी एवां वाषनकी षवश्वषवद्यालर्, सोलन • 26. भारतीर् कृ षि अनुसांधान पररिद अनुसांधान पररसर, गोवा
• राजेन्र कृ षि षवश्वषवद्यालर्, पूसा • 27. पूवोत्तर पहाडी क्षेत्रों के षलए भारतीर् कृ षि अनुसांधान पररिद
अनुसधां ान पररसर, बारापानी
• षबरसा कृ षि षवश्वषवद्यालर्, काूँके
• 28. राष्रीर् अजैषवक दबाव प्रबन्धन सांथथान, मालेगाांव, महाराष्र
• राजमाता षवजर्ाराजे षसांषधर्ा कृ षि षवश्वषवद्यालर्, ग्वाषलर्र।
• 29. के न्रीर् कृ षि अषभर्ाांषत्रकी सांथथान, भोपाल
❖ समतुल्य षवश्वषवद्यालय
• 30. के न्रीर् कटाई उपराांत अषभर्ाांषत्रकी और प्रौद्योषगकी सांथथान,
• 1. भारतीर् कृ षि अनुसांधान सांथथान, नई षदल्ली लुषधर्ाना
• 2. राष्रीर् डेरी अनुसांधान सांथथान, करनाल • 31. भारतीर् प्राकृ षतक रेषज़न और गोंद सांथथान, राांची
• 3. भारतीर् पशु षचषकत्सा अनुसांधान सांथथान, इज्जतनगर • 32. के न्रीर् कपास प्रौद्योषगकी अनुसांधान सांथथान, मुांबई
• 4. के न्रीर् माषत्थर्की षशक्षा सांथथान, मुांबई • 33. राष्रीर् जूट एवां सांबि रेशे प्रौद्योषगकी अनुसांधान सांथथान,
❖ संथिान कोलकाता
• 1. के न्रीर् धान अनुसांधान सांथथान, कटक • 34. भारतीर् कृ षि अनुसांधान सांथथान, नई षदल्ली
• 2. षववेकानांद पवय तीर् कृ षि अनुसांधान सांथथान, अल्मोडा • 35. के न्रीर् बकरी अनुसांधान सांथथान, मखदुम
• 3. भारतीर् दलहन अनुसांधान सांथथान, कानपुर • 36. के न्रीर् भैंस अनुसांधान सांथथान, षहसार
• 4. के न्रीर् तम्बाकू अनुसांधान सांथथान, राजामुांरी • 37. राष्रीर् पशु पोिण और काषर्की सांथथान, बेंगलौर
• 5. भारतीर् गन्ना अनुसांधान सांथथान, लखनऊ • 38. के न्रीर् पक्षी अनुसांधान सांथथान, इज्जतनगर
• 6. गन्ना प्रजनन सांथथान, कोर्म्बटूर • 39. के न्रीर् समुरी माषत्थर्की अनुसांधान सांथथान, कोषच्च
• 7. के न्रीर् कपास सांथथान, नागपुर • 40. के न्रीर् खारा जल जीवपालन अनुसांधान सांथथान, चैन्नई
• 8. के न्रीर् जूट एवां सांबि रेशे अनुसांधान सांथथान, बैरकपुर • 41. के न्रीर् अांतः थथलीर् माषत्थर्की अनुसांधान सांथथान, बैरकपुर
• 9. भारतीर् चरागाह एवां चारा अनुसांधान सांथथान, झाांसी • 42. के न्रीर् माषत्थर्की प्रौद्योषगकी सांथथान, कोषच्च
• 10. भारतीर् बागवानी अनुसांधान सांथथान, बैंगलोर • 43. के न्रीर् ताजा जल जीव पालन सांथथान, भुवनेश्वर
• 11. के न्रीर् उपोष्ण बागवानी सांथथान, लखनऊ • 44. राष्रीर् कृ षि अनुसांधान एवां प्रबन्धन अकादमी, हैदराबाद

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❖ राष्रीय अनुसंधान के न्द्र • प्रथतुतकताा - जवाहर लाल नेहरू (तत्कालीन प्रधानमांत्री)
• 1. राष्रीर् पादप जैव प्रौद्यौषगकी अनुसांधान के न्र, नई षदल्ली ➢ औद्योषगक नीषत 1991 (Industrial Policy 1991)
• 2. राष्रीर् समषन्वत कीट प्रबन्धन के न्र, नई षदल्ली • प्रथतुषतकरण षतषि - 24 जुलाई, 1991
• 3. राष्रीर् लीची अनुसांधान के न्र, मुजफ्फरपुर • प्रथतुतकताा - पी. वी. नरषसांह राव (तत्कालीन प्रधानमांत्री)
• 4. राष्रीर् नीबू वगीर् अनुसांधान के न्र, नागपुर • भारत में एक सांगषित प्रषतरूप पर आधाररत आधुषनक औद्योषगक
• 5. राष्रीर् अांगूर अनुसांधान के न्र, पुणे क्षेत्र की शुरूआत 1854 में देशी पूांजी व उद्यम प्रधान मुांबई वस्त्र
उद्योग की थथापना से हुई।
• 6. राष्रीर् के ला अनुसांधान के न्र, षत्रची
• 1855 में हुगली घाटी में ररशरा नामक थथान पर जटू उद्योग की
• 7. राष्रीर् बीज मसाला अनुसांधान के न्र, अजमेर थथापना की गर्ी, षजसमें षवदेशी पूांजी व उद्यम का बाहुल्र् था।
• 8. राष्रीर् अनार अनुसांधान के न्र, शोलापुर • 1853 में रेल पररवहन की आधारषशला रखी गर्ी।
• 9. राष्रीर् आषकयड अनुसांधान के न्र, पेकर्ाांग, षसषक्कम • 1870 में बालीगांज (कोलकाता के षनकट) में देश के प्रथम कागज
• 10. राष्रीर् कृ षि वाषनकी अनुसांधान के न्र, झाांसी कारखाने की थथापना की गर्ी।
• 11. राष्रीर् ऊांट अनुसांधान के न्र, बीकानेर • 1875 में आधुषनक पिषतर्ों का प्रर्ोग करते हुए कु ल्टी में पहली
• 12. राष्रीर् अश्व अनुसांधान के न्र, षहसार बार इथपात का षनमाय ण षकर्ा गर्ा।
• 13. राष्रीर् माांस अनुसांधान के न्र, हैदराबाद • 1907 में टाटा आर्रन एवां थटील कपनी द्वारा जमशेदपुर में कार्य
• 14. राष्रीर् शूकर अनुसांधान के न्र, गुवाहाटी करना आरांभ षकर्ा गर्ा।
• 15. राष्रीर् र्ाक अनुसांधान के न्र, वेथट के मांग ❖ भारत के कुटीर उद्योग के प्रषसद्ध कें द्र
• 16. राष्रीर् षमथुन अनुसांधान के न्र, मेदजीफे मा, नगालैंड • 1. हैंडलमू
(1) मलमल - मेरि, मथुरा, मदुरई, वाराणसी, अांबाला
• 17. राष्रीर् कृ षि अथय शास्त्र और नीषत अनुसांधान के न्र, नई षदल्ली
(2) षछां ट - मछलीपट्टनम
भारत में उद्योग (3) दुरयरी - आगरा, झाांसी, अलीगढ़, अांबाला
• एक सामान्र् वथतुओ ां के उत्पादन में जब कई सांथथाएां षमलकर कार्य (4) खादी - अमरोहा, कालीकट, पुणे
करती है तो वैसे सभी सांथथाओां को उद्योग कहा जाता • 2. ऊनी वस्त्र - अमृतसर, धारवाल, लुषधर्ाना, मछलीपट्टनम,
है। उदाहरणतः आटोमोबाइल उद्योग - मारूषत, टाटा, हौंडा, हीरो श्रीनगर, वारांगल
• थवतांत्रता प्राषप्त के बाद से अब तक भारत 6 बार औद्योषगक नीषत • 3. चमडा - कानपुर
की घोिणा कर चुका है जो षक षनम्नषलषखत हैं - • 4. गुड एवां खाांडसारी - मेरि
• औद्योषगक नीषत (Industrial Policy) - 1948 ❖ भारतीय कुटीर उद्योग के बारे में महत्वपण
ू ा तथ्य
• औद्योषगक नीषत (Industrial Policy) - 1956 • 1. 1983 मेंरेशम से सांबांषधत अनुसांधान के उद्देश्र् से बेहरमपुर
• औद्योषगक नीषत (Industrial Policy) - 1977 (कोलकाता) में कें रीर् रेशम प्रौद्योषगकी अनुसांधान सांथथान की
• औद्योषगक नीषत (Industrial Policy) - 1980 थथापना की गई थी।
• औद्योषगक नीषत (Industrial Policy) — 1990 • 2. भारत में चार प्रकार के रेशम का उत्पादन होता है जैसे षक
• औद्योषगक नीषत (Industrial Policy) — 1991 मुल्बेरी, टथसार, मुांगा और एरी।
➢ औद्योषगक नीषत (Industrial Policy)—1948 • 3. भारत का 50% से अषधक गुड एवां खाांडसारी का उत्पादन के वल
उत्तर प्रदेश में होता है।
• प्रथतुषतकरण षतषि - 6 अप्रैल, 1948 (थवतांत्र भारत की प्रथम
उद्योग नीषत) • 4. 1948 में कॉटेज उद्योग बोडय की थथापना हुई थी।
• प्रथतुतकताा - डॉ श्र्ामा प्रसाद मुखजी (तत्कालीन उद्योग एवां • 5. कें रीर् षसल्क बोडय की थथापना 1949 में हुई थी।
वाषणज्र् मांत्री) • 6. अषखल भारतीर् हैंडलूम बोडय की थथापना 1950 में हुई थी।
• उद्देश्य - षमषश्रत अथय व्र्वथथा की थथापना • 7. अषखल भारतीर् हथतषशल्प बोडय की थथापना 1953 में हुई थी।
➢ औद्योषगक नीषत 1956 (Industrial Policy 1956) • 8. अषखल भारतीर् खादी और ग्रामोडोग बोडय की थथापना 1954
• प्रथतुषतकरण षतषििः 30 अप्रैल, 1956 (II FYP का प्रारांभ) में हुई थी।

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• 9. 1954 में लघु उद्योग बोडय की थथापना हुई थी। • आांर प्रदेश के षवशाखापत्तनम बांदरगाह के पास थथाषपत है (तट के
• 10. के न्रीर् षबक्री सांगिन की थथापना 1958 में हुई थी। षनकट थथाषपत भारत की पहली इथपात र्ोजना)।अगथत, 1992 में
तत्कालीन प्रधानमांत्री पी- वी- नरषसांह राव ने र्ह सांर्ांत्र राष्र को
❖ लौह इथपात उद्योग समषपय त षकर्ा।
• षभलाई थटील प्लान्ट (वतय मान में छत्तीसगढ़) - सोषवर्त सांघ के ❖ सीमेन्ट उद्योग (Cement Industry)
सहर्ोग से थथाषपत
• विय 1904 में सवय प्रथम मरास (अब चेन्नई) में भारत का पहला
• राउरके ला थटील प्लान्ट (ओषडसा में) - पषिमी जमय नी के सहर्ोग सीमेन्ट कारखाना खोला गर्ा जो असफल रहा षकां तु 1912–14 के
से थथाषपत मध्र् 3 बडे सीमेन्ट कारखाने खोले गए -
• दुगाय पुर थटील प्लान्ट (प. बांगाल में) —षब्रटेन के सहर्ोग से थथाषपत • पोरबांदर (गुजरात), कटनी (मध्र् प्रदेश), लाखेरी
क्. उद्योग थिापना थिान
सं. विा • 1991 में घोषित औद्योषगक नीषत के अन्तगय त सीमेन्ट उद्योग को
1. बांगाल आर्रन वक्सय 1870 झररर्ा के षनकट लाइसेन्स मुि कर षदर्ा गर्ा।
कम्पनीः षब्रषटश सांथथा कु लटी नामक थथान ❖ कोयला उद्योग (Coal Industry)
द्वारा खोला गर्ा एवां (पषिम बांगाल) • भारत में कोर्ला खनन 1774 में शुरू हुआ, जब रानीगांज
असफल रहा। कोलफील्डस (पषिम बांगाल) का व्र्वसाषर्क शोिण (दोहन) ईथट
2. टाटा आर्रन एांड 1907 षसांहभूषम षजला इषण्डर्ा कां पनी द्वारा शुरू षकर्ा गर्ा था।
थटील कम्पनी जमशेदपुर (झारखांड) • अमेररका, रूस, चीन और ऑथरेषलर्ा के बाद दुषनर्ा में भारत का
(TISCO) पाांचवाां सबसे बडा कोर्ला भांडार है
3. इांषडर्न आर्रन एवां 1919 हररपुर नामक थथान
• चीन, अमेररका और ऑथरेषलर्ा के बाद दुषनर्ा में चौथा सबसे बडा
थटील कम्पनी (आसनसोल बांगाल)
कोर्ला उत्पादक है।
(IISCO): TISCO &
IISCO षनजी क्षेत्र की • चीन और अमेरीका के बाद भारत दुषनर्ा में तीसरा सबसे बडा
कम्पनी थी षजसकी कोर्ला उपभोिा है।
थथापना का श्रेर् • भारत में कु ल ऊजाय के उत्पादन में कोर्ले का अांश लगभग 67%
जमशेदजी नोशेरवान है।
जी टाटा को जाता है। • भारत में दो कोर्ला उत्पादन क्षेत्र हैं -
4. षवश्वेश्वरैर्ा आर्रन एांड 1923 भरावती नामक ➢ गोंडवाना कोयला क्षेत्र
थटील वक्सय ः थथान, मैसूर
सावय जषनक क्षेत्र की (कनाय टक) • पषिम बांगाल, षबहार, उडीसा, मध्र् प्रदेश, महाराष्र और आांर
पहली इकाई प्रदेश।
• भारत में प्राप्त कु ल कोर्ले का 98% भाग गोंडवाना क्षेत्र से ही प्राप्त
• तीसरी पांचविीर् र्ोजना में सोषवर्त सांघ (USSR) के सहर्ोग से
होता है।
बोकारो (अब झारखांड में) में एक और थटील प्लान्ट की थथापना
का कार्य प्रारांभ हुआ। • इस क्षेत्र से एन्रेसाइट और षबटु षमनस षकथम के कोर्ले प्राप्त होते
हैं।
• चौथी पांचविीर् र्ोजना में सलेम (तषमलनाडु ), षवशाखापत्तनम
(आांर प्रदेश) एवां षवजर् नगर (कनाय टक) में नए इथपात कारखाने ➢ टषशायरी कोयला क्षेत्र
थथाषपत कर उत्पादन क्षमता में वृषि करने का प्रर्ास षकर्ा गर्ा। • जम्मू-कश्मीर, राजथथान, तषमलनाडु , आसाम, मेघालर् और उत्तर
• पाांचवीं पांचविीर् र्ोजना में सरकार ने भारतीर् थटील अथॉररटी प्रदेश।
(Steel Authority of India—SAIL) की थथापना 1974 में की • भारत में प्राप्त कु ल कोर्ले का 2% भाग टषशय र्री कोर्ला क्षेत्र से
तथा इसे भारत में इथपात उद्योग के षवकास की षजम्मेदारी दी गई। प्राप्त होता है।
• नोटः 14 जुलाई, 1976 में ISSCO का थवाषमत्व सरकार ने अपने • इस क्षेत्र से षलग्नाइट षकथम का कोर्ला प्राप्त होता है षजसे ‘भूरा
हाथ में ले षलर्ा तथा इसका षवलर् SAIL में कर षदर्ा गर्ा षजसे कोर्ला’ भी कहते हैं।
1 अप्रैल, 2005 से प्रभावी माना गर्ा है। वतय मान में SAIL के • भारत में कोर्ले के सवाय षधक भांडार वाले राज्र् (जनवरी, 2008 के
थवाषमत्व में षनम्नषलषखत सावय जषनक क्षेत्र हैं: अनुसार) हैं—
❖ षवशाखापत्तनम इथपात पररयोजनािः

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• (1) झारखांड, (2) उडीसा, (3) छत्तीसगढ़, (4) पषिम बांगाल और • 1912-13 की अवषध में 'इषण्डर्न सीमेंट कां . षल.' द्वारा गुजरात के
(5) आांर प्रदेश। पोरबन्दर नामक थथान पर कारखाने की थथापना की गर्ी, षजससे
• भारत के प्रमुख कोर्ला क्षेत्र हैं— अक्टूबर 1914 में उत्पादन प्रारम्भ हुआ।
• रानीगांज, झररर्ा, पू- और पषिम बोकारो, तवाघाटी, जलचर, • प्रथम षवश्व र्ुि काल में ही 'षकषलक षनक्सन कां .' द्वारा राजथथान
चन्रान्वधाय और गोदावरी की घािी। के लाखेरा-बूांदी तथा खटाऊ कां . द्वारा मध्र् प्रदेश के कटनी नामक
थथान पर सीमेंट कारखाने थथाषपत षकर्े गर्े।
❖ कोयले की षकथमें
Coal Carbon % Characteristics • 1934 में देश में सीमेंट का उत्पादन बढ़ाने के षलए एसोषसएटेड
Anthracite 80 to 90% Best quality, bright black सीमेंट कां . षल. की थथापना की गर्ी।
colour, highest • 1950-51 में भारत में जहाूँ मात्र 21 कारखानों में सीमेंट का
temperature and least उत्पादन षकर्ा जाता था वहीं वतय मान में इनकी सांख्र्ा बढ़कर 144
smoke, water portion 2 to हो गर्ी है।
5% • सीमेंट उद्योग जो कच्चे माल के रूप में समुर के गोले का उपर्ोग
Bituminous 75 to 80% Second grade coal, black करते हैं, द्वारका (गुजरात), षतरुअनांतपुरम (के रल), और चेन्नई
colour, high temperature (तषमलनाडु ) में थथाषपत षकए गए हैं।
and less smoke, water ➢ सीमेंट कारखाने
portion 25 to 30%
• तषमलनाडु - तलैर्ूथ, षतरुनलवैली, अलांगुलम, षतरुनेल्वेषल,
Lignite 45 to 55% Brown colour, low तुलुकापट्टी, राजमलार्म, शांकरीदुगय, पुलार्ुर, मधुक्करी आषद।
temperature and more
smoke, water portion 30 to • झारखण्ड - षसन्दरी, बन्जारी, जौबास, षखलारी, जापला, तथा
35% कल्र्ाणपुर।
• नोटः भारत में सवाय षधक षलग्नाइट (Lignite) षकथम का कोर्ला • षबहार- डालषमर्ा नगर।
पार्ा जाता है। • मध्य प्रदेश - कै मूर, कटनी, सतना, षनर्ोर, ग्वाषलर्र, जबलपुर,
❖ भारत के प्रमख ु कोयला क्षेत्रों की सचू ी मांधार, दमोह, इटारसी आषद।
राज्य कोयला-क्षेत्र • छत्तीसगढ़ - दुगय, बनमोर, रार्पुर, आषद।
पषिम बांगाल रानीगांज (भारत में सबसे पुराना कोर्ला क्षेत्र) • गुजरात - षसक्का (जामनगर), अहमदाबाद, द्वाररका, पोरबन्दर,
झारखांड झररर्ा (सबसे बडा), बोकारो, धनबाद, षगररडीह, षसवाषलर्ा, रानाबाव, ओखामण्डल।
करणपुरा, रामगढ़, डाल्टनगांज • कनााटक - बांगलोर, शाहाबाद, भरावती, बागलकोट, कु रकु न्ता तथा
मध्र् प्रदेश षसांगरौली, सुहागपुर, जोहला, उमररर्ा, सतपुरा बीजापुर।
कोर्लाफील्ड • आंध्र प्रदेश - गुांटूर, कु नय ल
ू , मांगलाषगरर, माछरेला, बसन्त नगर,
ओषडशा तालचेर, षहमषगरी, रामपुर माांचेररर्ल, पषनर्ाम, कृ ष्णा तथा षवजर्वाडा।
आांर प्रदेश कां टापल्ली, षसांगरेनी
• राजथिान - लखेरी, सवाई माधोपुर, षचत्तौडगढ़, चुरू, षनम्बाहेडा,
छत्तीसगढ़ कोरबा, षबसरमपुर, सोनहट, षझलषमल, हथदो-
व्र्ावर, उदर्पुर, मेडक।
अरांड
असम मकु म, नजीरा, जानजी, जर्पुर • हररयाणा - सूरजपुर तथा डालषमर्ा दारी।
मेघालर् उमरलोंग, डारांगीषगरी, चेरपूांजी, मावलोंग, लैंषग्रन • के रल - कोट्टार्म।
अरुणाचल नाक्मषचक-नामफु क • उत्तर प्रदेश - चुकय, चोपन, कानपुर तथा डाला।
प्रदेश • उडीसा - राजगांगपुर, हीराकुां ड।
❖ सीमेंट उद्योग • महाराष्र - चन्रपुर।
• षवश्व में सबसे पहले आधुषनक ढांग की सीमेंट का षनमाय ण 1824 में • जम्मू कश्मीर - बूर्ान।
षब्रटेन के 'पोटय लैण्ड' नामक थथान पर षकर्ा गर्ा था। षजसके नाम
पर आज भी इसें 'पोटय लैण्ड सीमेंट' कहा जाता है।
❖ रेशम उद्योग
• भारत में आधुषनक ढांग की सीमेंट बनाने का पहला कारखाना 1904 • रेशम उद्योग भारत के एक प्रमुख कु टीर उद्योगों में से एक हैं।
में चेन्नई में लगार्ा गर्ा, जो असफल रहा।

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• इसके अन्तगय त रेशम के कीडे पालने के षलए शहतूत, गूलर, पलाश • गुजरात की तनछुई
आषद के वृक्ष लगाना, कीडे पालना, रेशम को साफ़ करना, सूत ❖ सूती वस्त्र उद्योग
बनाना, कपडा बुनाना, आषद का कार्य शाषमल है।
• भारत का सबसे प्राचीन एवां बडा उद्योग है - सूती वस्त्र उद्योग।
• बहरामपुर (कोलकाता) में रेशम सम्बन्धी अनुसन्धान के षलए
• सतू ी वस्त्र उद्योग की उत्पषत्त 1818 ई. से हुई है जब पहली बार
'के न्रीर् रेशम उद्योग अनुसन्धान सांथथान' की थथापना की गर्ी हैं।
सतू ी कपडा षमल कलकत्ता के पास फोटय ग्लथटर में शुरू की गई
• कच्चा रेशम बनाने के षलर्े रेशम के कीटों का पालन सेरीकल्चर र्ा थी
रेशमकीट पालन कहलाता है।
• भारत की आधुषनक सूती कपडा षमल की थथापना 1854 में बॉम्बे
• षवश्व का 90% से भी अषधक रेशम एषशर्ा में उत्पाषदत होता है। षथपषनांग एांड वीषवांग द्वारा थथानीर् पारसी उद्यमी द्वारा की गई थी।
• रेशम उत्पादन के मामले में भारत, चीन के बाद षद्वतीर् थथान पर है • षवश्व में सूती धागा व वस्त्र के मुख्र् उत्पादक षब्रटेन सांर्ुि राज्र्
और साथ ही भारत षवश्व में रेशम का सबसे बडा उपभोिा भी है। अमेररका रूस पररसांघ फ्ाांस षमस्र जमय नी चीन पाषकथतान जापान
• भारत में शहतूत रेशम का उत्पादन मुख्र्तर्ा कनाय टक, आांर प्रदेश, और भारत है
तषमलनाडु , जम्मू व कश्मीर तथा पषिम बांगाल में षकर्ा जाता है, • भारत कपास का जन्म थथान है और सूती वस्त्रों के उद्योग का
जबषक गैर-शहतूत रेशम का उत्पादन झारखण्ड, छत्तीसगढ़, जन्मदाता कहा जाता है
ओषडशा तथा उत्तर-पूवी राज्र्ों में होता है।
➢ भारत के सूती वस्त्र उद्योग का भौगोषलक षवतरण
• कनााटक - भारत में रेशम का सबसे बडा उत्पादक है
• 1. महाराष्र - र्ह भारत में सूती वस्त्रों का प्रमुख षनमाय ता है। मुांबई
• तषमलनाडु - र्ह बाइवोल्टाइन षसल्क (सफे द रेशम) के उत्पादन को "कॉटनपोषलस ऑफ इांषडर्ा" भी बोला जाता है।
में भी अग्रणी राज्र् है षजसके षलए षवदेशी बाजारों में बहुत अषधक
• 2. गुजरात - र्ह महाराथर के बाद सूती वस्त्रों का दूसरा सबसे बडा
माांग है।
उत्पादक है।
• आंध्र प्रदेश - र्ह भारत में शहतूत रेशम का सबसे बडा उत्पादक • अहमदाबाद को 'भारत का मैनचेथटर और पवू य का बोथटन' कहा
है, षहांदूपुर को आांर प्रदेश का रेशम का शहर बोला जाता है।
जाता है और र्ह मुांबई के बाद सूती वस्त्र उद्योग का दस ू रा सबसे
• भारत के षवख्र्ात रेशम के न्र षनम्न हैं :- बडा कें र भी है.
क्. राज्य रेशम के न्द्र • 3. तषमलनाडु - कोर्ांबटूर को 'दषक्षण भारत का मैनचेथटर' कहा
1 आांर प्रदेश धरमावरम्, पोचमपल्ली, वेंकटषगरर, जाता है।
नारार्ण पेट
2 असम सुआलकु ची • चेन्नई, षतरुनेलवेली, मदुरै, तूतीकोररन, सलेम, षवरुदनगर और
3 षबहार भागलपुर पोलाची इस राज्र् के प्रमुख सूती कपडा कें र हैं।
4 गुजरात सरू त, कामबे • 4. उत्तर प्रदेश - कानपुर को 'उत्तर प्रदेश का मैनचेथटर' कहा जाता
5 जम्मू व श्रीनगर है।
कश्मीर • कानपुर, इटावा, मोदीनगर, मुरादाबाद, बरेली, हाथरस, आगरा,
6 कनाय टक बेंगलूर, आनेकल, इलकल, मेरि और वाराणसी प्रमुख कपास उत्पादक कें र हैं।
मोलकालपुरु,मेलकोटे,कोल्लेगाल • 5.कनााटक - बैंगलोर, बेलगाम, मांगलौर, षचत्रदुगय, गलबगाय और मैसूर
7 छत्तीसगढ़ चम्पा, चांदेरी, रार्गढ़ प्रमुख सूती वस्त्र उत्पादक कें र हैं।
8 महाराष्र पैथान • 6. मध्य प्रदेश - इांदौर, ग्वाषलर्र, मांदसौर, देवास, उज्जैन, नागदा,
9 तषमलनाडु काांचीपुरम, अरनी, सेलम, कुां बकोणम, भोपाल, जबलपुर और रतलाम प्रमुख कपास उत्पादक कें र हैं।
तांजाउर
• 7. राजथिान - कोटा, जर्पुर, श्रीगांगानगर, भीलवाडा, भवानीमांडी,
10 उत्तर प्रदेश वाराणसी
उदर्पुर और षकशनगांज प्रमुख सतू ी वस्त्र उत्पादक कें र हैं।
11 पषिम बांगाल षबष्णुपुर, मुषशय दाबाद, बीरभूम
• 8. पषिम बंगाल - राज्र् में प्रमुख सतू ी वस्त्र उत्पादन कें र
• षवषशष्ट षडज़ाइन एवां बुनाई के सांदभय में भारत के षवख्र्ात रेशम कें र कोलकाता, हावडा, सीरमपुर, श्र्ामनगर, सैषकर्ा, मुषशय दाबाद,
• बनारस की ज़री हुगली और पषनहार हैं।
• उडीसा का ईकत ❖ पेरोषलयम उद्योग
• गुजरात का पटोला
• बन्धेज का नृत्र् प्रदशय न

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• पेरोषलर्म धरातल के नीचे षथथत अवसादी परतों के बीच पार्ा • सतू ी वस्त्र उद्योग की उत्पषत्त 1818 ई. से हुई है जब पहली बार
जाने वाला सांतृप्त हाइड्रोकॉबय नों का काले-भूरे रांग का तैलीर् रव है, सूती कपडा षमल कलकत्ता के पास फोटय ग्लथटर में शुरू की गई
षजसका प्रर्ोग ई ांधन के रूप में षकर्ा जाता है। थी,
• ‘पेरोषलर्म’ शजद का षनमाय ण ‘पेरो’ अथाय त चट्टान और ‘ओषलर्म’ • पहली भारत की आधुषनक सूती कपडा षमल की थथापना 1854 में
अथाय त तेल से षमलकर हुआ है, इसीषलए इसे ‘चट्टानी तेल’ र्ा ‘रॉक बॉम्बे षथपषनांग एांड वीषवांग द्वारा थथानीर् पारसी उद्यमी द्वारा की गई
ऑर्ल’ भी कहा जाता है। थी।
• पेरोषलर्म की प्राषप्त धरातल के नीचे षथथत अवसादी चट्टानों के • कपडा मांत्रलर् एवां कृ षि मांत्रलर् द्वारा राष्रीर् थतर पर ‘कपास
ऊपर कु एां खोदकर की जाती है, षजसे ‘षड्रषलांग’ कहते हैं। षड्रषलांग से प्रौद्योषगकी षमशन’ (Technology Mission of Cotton) का
प्राप्त होने वाले पेरोषलर्म के रूप को ‘कच्चा तेल’ (Crude Oil) शुभारांभ 21 फरवरी, 2000 को षकर्ा गर्ा। षजसके अन्तगय त कपास
कहा जाता है। अनुसांधान एवां षवकास, षवपणन तथा प्रसांथकरण से सांबांषधत 4 लघु
• षवश्व में सबसे पहले पेरोषलर्म कु एां की खुदाई सांर्ुि राज्र् अमेररका षमशन शाषमल है।
के पेंषसलवाषनर्ा राज्र् में षथथत ‘टाइटसषवले’ थथान पर की गई। • देश में षसले षसलाए वस्त्रें के षनर्ाय त सवांियन के षलए एक वस्त्र पाकय
हाल ही में भारत में राजथथान सरकार ने बॉम्बे हाई के पिात दस ू रा (Apparel Park) की थथापना तषमलनाडु में षतरूवर
सवाय षधक तेल उत्पादक राज्र् होने का दावा षकर्ा है। एट्टीवरम्पलार्म गाांव में की गई है।,देश के इस पहले वस्त्र पाकय का
• कच्चे तेल का उत्पादन सवाय षधक अपतटीर् क्षेत्र में होता है।बॉम्बे षशलान्र्ास 4 जुलाई, 2003 को षकर्ा गर्ा। साथ ही इस गाांव का
हाई देश का सबसे बडा कच्चा तेल उत्पादक है, जो षक अपतटीर् नामकरण न्र्ू षतरूपुर षकर्ा गर्ा है।
क्षेत्र में शाषमल है। • मुांबई को "कॉटनपोषलस ऑफ इांषडर्ा" भी बोला जाता है।
• र्ह कु ल घरेलू उत्पादन का 50.5 प्रषतशत भाग उत्पादन करता है। • गुजरात महाराथर के बाद सूती वस्त्रों का दूसरा सबसे बडा उत्पादक
• कच्चा तेल उत्पादन में गुजरात जहाां 12.4 प्रषतशत जबषक असम है। अहमदाबाद को 'भारत का मैनचेथटर और पूवय का बोथटन' कहा
11.9 प्रषतशत र्ोगदान करता है। जाता है
• षनजी क्षेत्र की तेलशोधनशाला ररलार्ांस देश में सबसे बडी है। • कोर्ांबटूर को 'दषक्षण भारत का मैनचेथटर' कहा जाता है।
• सावय जषनक क्षेत्र की सबसे बडी तेलशोधनशाला पानीपत (हररर्ाणा) • कानपुर को 'उत्तर प्रदेश का मैनचेथटर' कहा जाता है।
है। • मध्र् प्रदेश - इांदौर, ग्वाषलर्र, मांदसौर, देवास, उज्जैन, नागदा,
➢ कच्चा तेल उत्पादन (2014-15) भोपाल, जबलपुर और रतलाम प्रमुख कपास उत्पादक कें र हैं।
• राज्र्वार (अवरोही क्रम में) ❖ रत्न एवं आभूिण उद्योग (Gems and Jewellery
• (1) अपतटीर् क्षेत्र Industry)
• (2) राजथथान • भारत के टाटा इांथटीट् र्ूट ऑफ फ़ण्डामेंटल ररसचय के वैज्ञाषनकों ने
• (3) गुजरात जलैक गोल्ड (Black Gold) नामक पदाथय का षनमाय ण षकर्ा है |
➢ सोना उत्पादन
• (4) असम
• 1. कनााटक - कनाय टक भारत में सबसे बडा सोने का उत्पादक राज्र्
• (5) आांर प्रदेश
है। र्हाां से पूरे देश का करीब 88.7 फीसदी सोना षनकाला जाता है।
• (6) तषमलनाडु र्हाां कोलार, धारवाड, हसन और रार्चूर षजलों से सोना षनकाला
• भारत में खषनज तेल की आत्म षनभय रता हेतु काली क्राांषत (Black जाता है। माना जाता है षक कनाय टक में करीब 17 लाख टन सोने के
Revolution) का प्रारांभ षकर्ा जा रहा षजसके अन्तगय त पेरोल में अर्थक का भांडार है।
ऐथनाल का षमश्रण 10% बढ़ाने तथा बार्ोडीजल (जेरोफा) का • 2. आंध्र प्रदेश - र्ह देश का दूसरा सबसे बडा सोना उत्पादक राज्र्
उत्पादन करने की सरकार की र्ोजना है। बार्ोडीजल के उत्पादन है। र्हाां अनांतपुर षजले के रामाषगरर में सोने की खदानें हैं। इसके के
का कार्य ग्रामीण षवकास मांत्रलर् (Ministry of Rural अलावा षचत्तूर और पालाच्चूर में भी कु छ मात्रा में सोने का भांडार
Development) को षदर्ा गर्ा। है।
❖ कपडा उद्योग (Textile Industry) • 3. झारखंड - र्हाां र्ह राज्र् करीब 344 षकलो सोने का उत्पादन
• भारत का सबसे प्राचीन एवां बडा उद्योग है- सूती वस्त्र उद्योग। हर साल करता है। र्हाां अषधकतर सोना सुवणय रेखा नाम की नदी
में पार्ा जाता है। र्ह सोना नदी की रेत में जलोड के रूप में पार्ा

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जाता है। र्हाां षसांहभूषम और सोनापट घाटी प्रमुख थवणय उत्पादन
कें र हैं।
• 4. के रल - वतय मान में सोना उत्पादन में प्रमुख चार राज्र्ों में के रल
एक है। र्हाां पुन्ना पुझा और छषवर्ार पुझा नदी के पास कु छ इलाकों
में सोना पार्ा जाता है।
➢ हीरे की खदानें
• भारत के आांर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्र् प्रदेश (मध्र् प्रदेश) में
हीरे के भांडार है।
• वतय मान में मध्र् प्रदेश में पन्ना हीरे की खान ही देश में हीरे का
उत्पादन कर रही है।

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जाता है। यहाां ससांहभूसि और सोनापट घाटी प्रिुख स्वर्ण उत्पादन
कें द्र हैं।
• 4. के रल - वतण िान िें सोना उत्पादन िें प्रिुख चार राज्यों िें के रल
एक है। यहाां पुन्ना पुझा और छसवयार पुझा नदी के पास कु छ इलाकों
िें सोना पाया जाता है।
➢ हीरे की खदानें
• भारत के आांध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और िध्य प्रदेश (िध्य प्रदेश) िें
हीरे के भांडार है।
• वतण िान िें िध्य प्रदेश िें पन्ना हीरे की खान ही देश िें हीरे का
उत्पादन कर रही है।

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8
अंतरााष्ट्रीय संगठनअंतर्राष्ट्रीय संगठन
अंतरााष्ट्रीय षवत्तीय संगठन

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• इसका िुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनसनण िार् और सवकास के


कायों िें आसथण क सहायता देना है।
❖ (1) षवश्व बैंक (षवश्व बैंक समहू ) / World Bank
(World Bank Group or WBG) • यह एक अग्रर्ी सवकास सांस्थान है, जो सवकासशील देशों िें गरीबी
से लड़ने तथा सतत् सवकास को बढ़ावा देने के सलये ऋर्, गारांटी,
• अांतराण ष्ट्रीय पुनसनण िाण र् और सवकास बैंक (International Bank
जोसखि प्रबांिन उत्पादों और सवश्लेषर्ात्िक तथा सलाहकार सेवाएँ
for Reconstruction and Development-IBRD) और देने का काि करता है।
अांतराण ष्ट्रीय िुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF)
• अत्यंत गरीबी का अंत - 2030 तक वैसश्वक जनसँख्या के उस
की स्थापना एक साथ वषण 1944 िें अिेररका के न्यू हैम्पशायर िें
सहस्से को जो अत्यांत गरीबी िें जी रहे हैं, 3% तक कि करना।
ब्रेटन वुड्स सम्िेलन (Bretton Woods Conference) के दौरान
हुई थी। • साझा सिृसद्ध को बढ़ावा देना
• सतत सवकास प्रदान करना।
• ब्रेटन वुड्स सम्िेलन को आसिकाररक तौर पर सांयुक्त राष्ट्र िौसद्रक
और सवत्तीय सम्िेलन (United Nations Monetary and • षवश्व बैंक एवं अंतरााष्ट्रीय मुद्रा कोि में अंतर
Financial Conference) के रूप िें जाना जाता है। • सवश्व बैंक नीसत सुिार कायण क्रिों और पररयोजनाओां के सलये ऋर्
• 1 से 22 जुलाई, 1944 तक 44 देशों के प्रसतसनसि इस सम्िलेन िें देता है, जबसक अांतराण ष्ट्रीय िुद्रा कोष के वल नीसत सुिार कायण क्रिों
शासिल हुए थे। के सलये ही ऋर् देता है।
• इसका तात्कासलक उद्देश्य सितीय सवश्वयुद्ध और सवश्वव्यापी सांकट
• सवश्व बैंक के वल सवकासशील देशों को ऋर् देता है, जबसक
से जूझ रहे देशों की िदद करना था। अांतराण ष्ट्रीय िुद्रा कोष के सांसािनों का इस्तेिाल सनिण न राष्ट्रों के
• "जॉन िेनाडण कीन्स" और "हैरी डेक्सटर व्हाइट" को सवश्व बैंक केसाथ-साथ िनी देश भी कर सकते हैं।
"सांस्थापक सपता" के रूप िें िाना जाता है • ररपोर्ा -
• अांतराण ष्ट्रीय पुनसनण िाण र् और सवकास बैंक को ही सवश्व बैंक कहा जाता
• वस्तु बाज़ार दृसिकोर् (Commodity market outlooks)
है। • व्यापार व्यवहार ररपोटण (Doing business report),
• इसका िुख्यालय अिेररका की राजिानी वासशांगटन DC िें है। • वैसश्वक आसथण क सांभावनाएां (Global economic prospects),
• सवश्व बैंक सांयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक अहि सांस्था है और यह कई
• वैसश्वक सवत्तीय सवकास ररपोटण (Global financial development
सांस्थाओां का सिूह है। इसीसलये इसे सवश्व बैंक सिूह (World Bank
report),
Group) भी कहा जाता है। जो सनम्न हैं -
• गरीबी और साझा सिृसद्ध (Poverty and shared prosperity)
• (A) पुनसनण िाण र् और सवकास के सलए अांतराण ष्ट्रीय बैंक /
• षवश्व बैंक समूह और भारत
International Bank for Reconstruction and
Development (IBRD) • भारत ब्रेटन वुड्स िें सकये गए सिझौतों के िल ू हस्ताक्षरकत्ताण ओ ां िें
से एक था, सजसने इांटरनेशनल बैंक फॉर ररकां स्रक्शन एांड
• (B) अांतराण ष्ट्रीय सवकास सांघ / International Development
डेवलपिेंट (IBRD) और अांतराण ष्ट्रीय िुद्रा कोष (IMF) की स्थापना
Association (IDA)
की।
• (C) अांतराण ष्ट्रीय सवत्त सनगि / International Finance
• भारत वषण 1956 िें IFC और 1960 िें IDA के सांस्थापक सदस्यों
Corporation (IFC)
िें भी शासिल था।
• (D) बहुपक्षीय सनवेश गारांटी एजेंसी / Multilateral Investment
• भारत जनवरी वषण 1994 िें MIGA का सदस्य बना।
Guarantee Agency (MIGA)
• भारत ICSID का सदस्य नहीं है। (इसके पीछे भारत का यह तकण
• (E) सनवेश सववादों के सनपटारे क सलए अांतराण ष्ट्रीय कें द्र /
है सक ICSID कन्वेंशन सनष्ट्पक्ष नहीं है और इसके सनयि सवकससत
International Center for Settlement of Investment
देशों के पक्ष िें झुके हुए हैं।)
Disputes (ICSID)
• CSID िें कें द्रीय अध्यक्ष सवश्व बैंक का अध्यक्ष होता है
• वतण िान िें सवश्व बैंक िें 189 देश सदस्य हैं। सवश्व बैंक का सदस्य
बनने के सलये सकसी भी देश को पहले अांतराण ष्ट्रीय सवत्त सनगि का ❖ 2. अंतरााष्ट्रीय मुद्रा कोि (International Monetary
सदस्य बनना ज़रूरी होता है। Fund/ IMF)
• उद्देश्य • स्थापना - 27 सदसांबर 1945

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अंतरााष्ट्रीय संगठन www.examgurooji.in
• मुख्यालय - वॉसशांगटन डी॰ सी॰, सांयुक्त राज्य अिेररका • ररपोर्ा -
• प्रबंध षनदेशक - सक्रस्टासलना जावीवा (बुल्गाररया) • एसशयाई सवकास बैंक की वासषण क ररपोटण (ADB Annual Report)
• सदस्य - 189 देश • सेतु षनमााण : सवएतनाि िें सिस्याओां को हल करने से सीख
• आईएिएफ की सवशेष िुद्रा SDR (स्पेशल ड्राइांग राइट् स) है। (Building Bridges; lessons from problem solving in
Vietnam)
• अांतराण ष्ट्रीय व्यापार और सवत्त के सलए कु छ देशों की िुद्रा का
इस्तेिाल सकया जाता है, इसे एसडीआर कहते हैं। एसडीआर िें • सावण जसनक सवत्तीय प्रबांिन प्रर्ाली (Public Financial
यूरो, पाउांड, येन और डॉलर हैं। Management System).
• अांतराण ष्ट्रीय व्यापर को प्रोत्साहन और गरीबी कि करने के सलए यह ❖ 5. एषशयाई इंफ्रास्रक्चर षनवेश बैंक (एषशयाई बुषनयादी
सांस्था वैसश्वक आसथण क सवकास और सवत्तीय स्थरता को बढ़ावा देती सषु वधाओं के षलए बैंक)
है। • उद्देश्य - एसशया- प्रशाांत क्षेत्र िें बुसनयादी ढाांचे के सनिाण र् का सिथण न
• षमशन - "िौसद्रक सहयोग को बढ़ावा देने क सलए - सवत्तीय सस्थरता करना है।
को सुसनसित करना, वैसश्वक व्यापार के सलए सुसविा प्रदान करना, • बैंक चीन की सरकार िारा प्रस्तासवत सकया गया था
रोजगार और सतत आसथण क सवकास को बढ़ावा देना, सवश्व से गरीबी
• मुख्यालय - बीसजांग , चीन।
को कि करना।
• स्थापना - जून 2014 को स्थासपत एवां 16 जनवरी 2016 (व्यापार
• एसडीआर (Special Drawing Rights) - सवश्व िें अांतरराष्ट्रीय के सलए)
तरलता की सस्थसत िें सुिार हेतु यह सुसविा 1971 िें शुरु की गई
थी। आईएिएफ, अांतरराष्ट्रीय भांडार सांपसत्त (international • यह बैंक एसशया पेसससफक क्षेत्र िें बुसनयादी ढाांचे के सवकास और
reserve asset) जारी करता है। इसे स्पेशल ड्राइांग राइट् स क्षेत्रीय सांपकण पररयोजना के सलए सवत्तीय सहायता प्रदान करता है।
(एसडीआर, इसे पेपर गोल्ड भी कहते हैं) के नाि से जाना जाता है, आषथाक व राजनीषतक समूह
और यह सदस्य देशों के सरकारी भांडारों का पूरक होता है। ❖ 1. दषिण पूवा एषशयाई राष्ट्रों का संगठन
• ररपोर्ा /Association of Southeast Asian Nation
• सवश्व आसथण क दृसिकोर् (World economic outlook)। (ASEAN)
• वैसश्वक सवत्तीय सस्थरता ररपोटण (Global financial stability • स्थापना - 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड की राजिानी बैंकॉक िें
report )।
• संस्थापक सदस्य - थाईलैंड, इांडोनेसशया, िलेसशया, सफसलपींस
❖ 3. अंतरााष्ट्रीय षनपर्ान के षलए बैंक और ससांगापुर
• यह एक अांतराण ष्ट्रीय सवत्तीय सांस्था है, जो की कें द्रीय बैंकों के • मुख्यालय – जकाताण , इांडोनेसशया
स्वासित्व िें है।
• सदस्य राष्ट्र - ब्रुनेई, कां बोसडया, इांडोनेसशया, लाओस, िलेसशया,
• यह बेसेल (Basel), सस्वट् ज़रलैंड िें सस्थत है। म्याांिार, सफलीपींस, ससांगापुर, थाइलैंड तथा सवयतनाि
• प्रसतसनसित्व कायाण लय - हाांगकाांग और िेसक्सको िें है। • यह एक राजनीसतक और आसथण क सांगठन है। जो सदस्य देशों के
• इस सांस्था की स्थापना 1930 िें हुई। बीच अांतर-सरकारी सहयोग को बढ़ावा देता है।
• यह िौसद्रक और सवत्तीय सहयोग को बढ़ावा देती है। • Motto -"One Vision, One Identity, One Community"
• यह के वल कें द्रीय बैंकों और दूसरी अांतराण ष्ट्रीय सांस्थाओां को बैंसकां ग • आससयान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापाररक भागीदार है।
की सेवा प्रदान करती है। • आससयान देशो व भारत के बीच िें एक्ट ईस्ट पॉसलसी के तहत
❖ 4. एषशयाई षवकास बैंक सवदेशी सांबांिों को िजबूती प्रदान की जाती है।
• स्थापना - 19 सदसम्बर 1966 • भारत साल 1992 िें आससयान का क्षेत्रीय साझेदार, साल 1996
• मुख्यालय -“िनीला”, सफलीपींस िें सांवाद साझेदार और 2002 िें सशखर सम्िेलन स्तर का साझेदार
बना।
• सदस्यता - 68 देश
• ररपोर्ा तथा प्रकाशन -
• यह बैंक आसिकाररक सांयुक्त राष्ट्र पयण वेक्षक है।
• उद्देश्य - एसशया-प्रशाांत क्षेत्र िें आसथण क और सािासजक सवकास को • आससयान फॉउण्डेशन वासषण क ररपोटण (ASEAN Foundation
Annual Report)
गसत देना

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• ऊजाण के सलए आससयान कें द्र अथवा ए सी इ वासषण क ररपोटण • G4 देशों का अक्सर अपने प्रसतिांसदयों िारा सवरोि सकया गया। इन
(ASEAN Center for Energy or ACE Annual Report). सवरोसियों िें सवण सम्िसत आांदोलन के सलए एकजुट (Uniting for
❖ 2. यूरोपीय संघ /European Union Consensus) होने वले देश - इटली दसक्षर् कोररया, कनाडा,
पासकस्तान, अजेंटीना, िेसक्सको, तुकी, िाल्टा, कोस्टाररका, सैन
• "इनर ससक्स" या आांतररक छह, का सम्बन्ि यूरोपीय सिुदाय के
छह सांस्थापक सदस्य देशों से है. यूरोपीय सिुदाय बाजार (ईईसी) िरीनो आसद ससम्िसलत हैं।
की स्थापना 1957 िें रोि सांसि के आिार पर की गई थी। • यूनाइटेड सकां गडि ने सांयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद की स्थायी सदस््ता
• इसकी स्थपना िासस्रच सांसि के बाद 1993 िें हुई। के सलए G4 राष्ट्रों का सिथण न सकया है।
• इसका िुख्यालय ब्रुसेल्स, बेसल्जयि िें है ❖ 5. G20 (जी-20 /बीस का समूह)
• यरू ोपीय सांघ 28 राष्ट्रों के िध्य एक आसथण क व राजनैसतक साझेदारी • G20 सवश्व की िहत्वपूर्ण अथव्यवस्थाओां की सरकारों तथा सेंरल
है। बैंक के गवनण रों का सिूह है।
• 1999 िें यूरोसपय सांघ ने साझी िुद्रा यूरो की शुरुआत की सजसे • स्थापना – 1999
पांद्रह सदस्य देशों ने अपनाया। • सदस्य - 19 देश + यूरोपीय सांघ इ सिूह के हैं
• यूरोपीय सांघ को वषण 2012 िें यूरोप िें शाांसत और सुलह, लोकतांत्र • उद्देश्य - अांतराण ष्ट्रीय सवत्तीय सस्थरता के प्रोत्साहन से सम्बांसित
और िानव असिकारों की उन्नसत िें अपने योगदान के सलए नोबेल नीसतयों पर सवचार - सविशण करने के सलए।
शाांसत पुरस्कार से सम्िासनत सकया गया। ❖ 6. एषशया-प्रशांत आषथाक सहयोग (समहू )/Asia
• यूरोपीय सांघ की िहत्वपूर्ण सांस्थाएां - यूरोपीय सांसद(European Pacific Economic Cooperation
Parliament), यूरोपीय सांघ पररषद् (Council of the Union), • यह 21 प्रशाांत ररि (Pacific Rim) सदस्य अथण व्यवस्थाओां का
यूरोपीय किीशन (European Commission), यूरोपीय सिूह है।
न्यायलय (Court of Justice), लेखा परीक्षा की अदालत (Court
of Auditor) तथा यरू ोपीय सेंरल बैंक (European Central • मुख्यालय - ससांगापुर
Bank)। • स्थापना - 1989
• यूरो व यूरोजोन (Euro and Euro zone) - यूरो यूरोपीय सांघ • यह आसथण क सवकास, आपसी सहयोग, िुक्त व्यापर, व एसशया -
के कु छ देशों िें साांझी िुद्रा (Common Currency) के रूप िें प्रशाांत क्षेत्र िें सनवेश आसद को प्रोत्सासहत करने के सलये एक िांच की
उपयोग की जाती है। यह िुद्रा यूरोपीय सांघ के 28 िें से 19 सदस्य तरह कायण करता है।
राष्ट्रों िें प्रचलन िें है। ❖ 7. दषिण एषशयाई िेत्रीय सहयोग संगठन/South
❖ 3. G7 समूह /G7 (Group of Seven) Asian Association for Regional
• G–7 नािक सांगठन की स्थापना सवश्व के 7 सवकससत देशों ने 1975 Cooperation
िें की थी। • स्थापना - 8 सदसम्बर 1985
• इसिें रूस को शासिल करने पर यह G-8 कहलाता है लेसकन • यह सांगठन 1985 िें ढाका िें स्थासपत सकया गया।
सिलहाल रूस इस सांगठन से बाहर है । • सषचवालय - काठिाांडू (नेपाल)
• सदस्य - सवश्व के 7 सबसे सवकससत राष्ट्र (फ्ाांस, जिण नी, इटली, • सदस्य देश - 8 सदस्य, 9 प्रेक्षक
यूनाइटेड सकां ग्डि, जापान, सांयुक्त राज्य अिेररका, कनाडा)
• अप्रैल 2007 िें सांघ के 14 वें सशखर सम्िेलन िें अिगासनस्तान
• 2019 िें 45वाां G7 सशखर सम्िेलन फ्ाांस के सबआररत्ज शहर िें इसका आठवा सदस्य बन गया।
आयोसजत सकया गया।
• सदस्य देश - अिगासनस्तान, बाांग्लादेश, भारत, नेपाल, िालदीव्स,
• भारत G7 देशों का सदस्य नहीं है बावजूद इसके फ्ाांस की तरफ से पासकस्तान, श्रीलांका।
भारत को 45वें G7 सशखर सम्िेलन िें सवशेष रूप से आिांसत्रत सकया
गया। • इस सांगठन िारा सदस्य देशों के बीच दसक्षर् एसशया िुक्त व्यापार
क्षेत्र का आरम्भ सकया गया। जो सक बाद िें कस्टि यूसनयन, साझा
❖ 4. G4 राष्ट्र /G4 Nations व्यापर और आसथण क सांघ कीओर अग्रसर हुआ।
• यह चार राष्ट्रों का सिूह है - ब्राज़ील, जिण नी, भारत, जापान। अंतरााष्ट्रीय व्यापार संगठन
• ये देश सांयक्त
ु राष्ट्र सुरक्षा पररषद् (UN Security Council ) िें
स्थायी सीटों (सदस्यता) के सलए एक दस ू रे क सिथण न करते हैं।

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❖ 1.षवश्व व्यापार संगठन/World Trade • ररपोर्ा
Organisation (WTO) • पारस्पररक िूल्याांकन ररपोटण (Mutual Evaluation Report)
• यह सवश्व िें व्यापार सांबांिी अवरोिों को दरू कर वैसश्वक व्यापार को • वगीकरर् ररपोटण (Typologies Report)
बढ़ावा देने वाला एक अांतर-सरकारी सांगठन है, सजसकी स्थापना • जोसखि आिाररत दृसिकोर् ररपोटण (Risk Based Approach
1995 िें सितीय सवश्व युद्ध के बाद बनाए गए गैट (GATT) के स्थान Report)
पर लाने के सलए 1995 िें िारके श सांसि के तहत की गई थी।
• वासषण क ररपोटण (Annual Report)।
• मुख्यालय - सजनेवा िें है।
• स्थापना - GATT की स्थापना 1948 िें िूलतः 23 सांस्थापक
देशों िारा की गई थी सजनिें भारत भी एक था।
• सदस्य - 164 देश
• 29 जुलाई, 2016 को अफगासनस्तान इसका 164वाँ सदस्य बना
था।
• सदस्य देशों का िांसत्रस्तरीय सम्िलेन इसके सनर्ण यों के सलये सवोच्च
सनकाय है, सजसकी बैठक प्रत्येक दो वषों िें आयोसजत की जाती है।
❖ 2. षवश्व व्यापर कानून पर संयुक्त राष्ट्र आयोग / United
Nations Commission on International Trade
Law (UNCITRAL)
• यह सांगठन सांयुक्त राष्ट्रसांघ का अांतराण ष्ट्रीय व्यापार सनयिों पर एक
प्रिुख कानूनी सनकाय है।
• इसकी स्थापना 1966 िें, सांयुक्त राष्ट्रसांघ की िहासभा िारा हुई।
• मुख्य काया - अांतराण ष्ट्रीय व्यवसायों पर सनयिों का आिुसनकीकरर्
और सिानीकरर्।
• यह सांगठन वासषण क असिवेशन िारा अपने कायों को पूरा करता है,
यह असिवेशन हर दूसरे वषण न्यूयाकण और सवएना िें सांयुक्त राष्ट्र सांघ
के िुख्यालय िें होता है।
❖ 3. षवत्तीय कायावाई कायाबल/Financial Action
Task Force (FATF)
• यह एक नीसत सनिाण र् करने वाला अांतर-सरकारी सांगठन है, यह
काले िन को वैि बनाने और आतांकवाद के सवत्तपोषर् से सांघषण
करने की एक पहल है
• इसकी स्थापना 1989 िें इसके सदस्य असिकार क्षेत्र के िांसत्रओां
िारा की गयी।
• ससचवालय की सभा पेररस सस्थत आसथण क सहयोग तथा सवकास
सांगठन के िुख्यालय िें होती है (Secretariat housed at the
headquarter of the OECD in Paris).
• सवत्तीय कायण वाई कायण दल िारा 40 और 9 ससफाररशें ("forty plus
nine") जारी की गई जो की गैर सहकारी देशों या क्षेत्रों (non -
cooperative country or territories ) की एक सचू ी है।
• यह सचू ी सािान्यतः सवत्तीय कायण वाई कायण दल की ब्लैकसलस्ट
(FATF Blacklist) के नाि से जानी जाती है।

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9प्रमख
ु योजनायें

❖ परामर्श योजना
प्रमुख योजनायें www.examgurooji.in

• स्माटश इंविया हैकाथॉन, 2019 देर्भर के 48 नोिल के न्द्रों में एक


साथ आयोवजत वकया गया।
• कें द्रीय मानव संसाधन ववकास मंत्री ने ववश्वववद्यालय अनुदान
आयोग (University Grants Commission-UGC) की ❖ सरकारी ई-बाजार (GeM)
‘परामर्श ’ योजना का र्ुभारंभ वकया है। • GeM एक आधुवनक व State of the Art तकनीवक से बना
• इस योजना का प्रमुख उद्देश्य उच्च वर्क्षा को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय राष्ट्रीय खरीददारी मंच अथाश त् National Public Procurement
मूलयांकन एवं प्रत्यायन पररषद (National Accreditation and Platform है।
Assessment Council-NAAC) द्वारा मान्यता प्राप्त वर्क्षण • इसे वावणज्य व उद्योग मंत्रालय यावन Commerce Ministry द्वारा
संस्थानों को परामर्श देना है। संचावलत वकया जाता है।
❖ सबका विश्वास योजना 2019 • इसका मुख्य उद्देश्य संभाववत ववक्रेताओं को एक ऐसा आधुवनक
• यह योजना 1 वसतंबर 2019 से 31 वदसंबर 2019 तक कायाश वन्वत और सुववधाजनक मंच प्रदान करना है वजससे वे अपने उत्पादों को
होगी। सरकार की आवश्यकता अनुसार वबना वकसी रुकावट के उपलब्ध
करा सकें ।
• कें द्र की इस योजना का उद्देश्य बकाया कर रावर् वाले लोगों को
आंवर्क छूट देना और कर वववाद मामलों का जलद-से-जलद ❖ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
वनपटारा करना है। • योजना 8 अप्रैल, 2015 को आरंभ की गई थी।
❖ लीप और अवपशत (LEAP and ARPIT) • मुद्रा योजना छोटे उद्यवमयों (SME) को आसानी से कजश उपलब्ध
➢ LEAP - Leadership for Academicians Programme कराने की सरकार की योजना है.
• मौजूदा उच्च वर्क्षा के वदग्गजों और प्रर्ासकों की प्रबंधकीय • इसका पूरा नाम माइक्रो यूवनट् स िेवलपमेंट एंि रीफाइनेंवसंग एजेंसी
क्षमताओं को और बेहतर बनाने तथा उच्च वर्क्षा प्रणावलयों के है.
प्रबंधन में नई प्रवतभाओं को आकवषश त करने के वलये यह पहल र्ुरू • वर्र्ु लोन - वर्र्ु लोन के तहत 50,000 रुपये तक के कजश वदए
की गई है। जाते हैं.
➢ Annual Refresher Programme in Teaching-ARPIT, • वकर्ोर लोन - वकर्ोर कजश के तहत 50,000 से 5 लाख रुपये तक
2019 के कजश वदए जाते हैं.
• अवपश त (एनुअल ररफ्रेर्र प्रोग्राम इन टीवचंग) एक ऑनलाइन पहल • तरुण लोन - तरुण कजश के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक
है वजसके द्वारा MOOCs (Massive Open Online Courses) के कजश वदए जाते हैं
प्लेटफॉमश स्वयं का उपयोग करके 15 लाख उच्च वर्क्षा के वर्क्षक
❖ प्रधानमंत्री आिास योजना
ऑनलाइन प्रवर्क्षण प्राप्त कर सकते हैं।
• योजना का र्ुभारम्भ 25 जनू , 2015 को हुआ।
❖ प्रोग्राम ध्रिु
• इस योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है।
• कें द्रीय मानव संसाधन ववकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नवीन वर्क्षण
कायश क्रम - ध्रुव (Pradhan Mantri Innovative Learning ❖ अर्ल भुजल योजना
Programme- ‘DHRUV) का र्ुभारंभ वकया। • इस योजना का वक्रयान्वयन जल संसाधन, नदी ववकास और गंगा
• इस कायश क्रम के तहत बच्चों को वचवित कर उन्हें देर् भर के उत्कृ ष्ट संरक्षण मंत्रालय द्वारा वकया जा रहा है।
कें द्रों में प्रख्यात ववर्ेषज्ञों द्वारा परामर्श और वर्क्षा प्रदान कर उनकी • अटल भूजल योजना का उद्देश्य सामुदावयक भागीदारी के माध्यम
क्षमता का ववकास करना है। से देर् के प्राथवमकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना
• इसमें कु ल 60 छात्र होंगे है।
• छात्रों का चयन सरकारी और वनजी स्कूलों की 9वीं से 12वीं कक्षा • इस योजना में ववश्व बैंक और कें द्र सरकार की वहस्सेदारी 50:50 की
तक के छात्रों में से वकया जाएगा। है।
❖ स्मार्श इंविया हैकथॉन • यह योजना गुजरात, महाराष्ट्र, हररयाणा, कनाश टक, राजस्थान,
उत्तर प्रदेर् और मध्य प्रदेर् में जल की कमी वाले क्षेत्रों हेतु
• इलेक्ट्रॉवनक्ट्स एवं सचू ना प्रौद्योवगकी मंत्रालय के मुतावबक, हैकाथॉन प्रस्ताववत है।
का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना है।
• स्माटश इंविया हैकाथॉन, 2017 पहला संस्करण था।

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प्रमख
ु योजनायें www.examgurooji.in
• इस योजना के अंतगश त इन प्रदेर्ों के 78 विलों, 193 ब्लॉकों और ❖ हृदय योजना (HRIDAY – Heritage City
8350 ग्राम पंचायतों को र्ावमल वकया गया है। Development and Augmentation Yojana)
❖ कुसुम योजना • 21 जनवरी 2015 को इस योजना को प्रारंभ वकया।
• वकसान ऊजाश सुरक्षा व उत्थान महाअवभयान (कु सुम)। • इसका उद्देश्य ववरासत र्हरों को समेवकत समावेर्ी और सतत
• योजना के तहत 2022 तक देर् में तीन करोड़ पंपों को वबजली या ववकास र्ील बनाना है।
िीजल की जगह सौर ऊजाश से चलाया जाएगा। ❖ राष्ट्रीय मृदा स्िास््य कािश योजना।
• कु सुम योजना के तहत देर् के तीन करोड़ पंपों को चलाया जाएगा • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2015 को राजस्थान के
सौर ऊजाश से| श्रीगंगानगर वजले के सूरतगढ़ से मृदा स्वास््य कािश योजना प्रारंभ
❖ प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (प्रधानमंत्री- SYM) की।
• पीएम श्रम योगी मानधन योजना 2019 के जररये कम से कम 3 • इसमें वमट्टी की जांच करके तत्वों की मात्रा के आधार पर वकसान
हजार रुपये पेंर्न के रूप में असंगवित मजदूर वगश को वदये जायेंगे को फसल के अनुरूप खाद वदया जाएगा।
❖ श्रेयस • इसमें 75% रावर् कें द्र सरकार बहन करेगी।
• मानव संसाधन ववकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय वर्क्षुता प्रोत्साहन ❖ नमावम गंगे योजना (13 मई 2015)
योजना (National Apprenticeship Promotional Scheme- • इस योजना में पववत्र गंगा नदी को साफ स्वच्छ व वनमश ल बनाने का
NAPS) के माध्यम से आने वाले सत्र के सामान्य स्नातकों को कायश वकया जाएगा।
उद्योग वर्क्षुता अवसर प्रदान करने के वलये उच्च वर्क्षा के युवाओं • इस योजना में अगले 5 वषश में 20,000 करोड़ रुपए खचश वकए जाऐ ंगे।
के वलये प्रवर्क्षण और कौर्ल (SHREYAS) की योजना र्ुरू की
गई है। ❖ पहल योजना
• SHREYAS कायश क्रम में तीन कें द्रीय मंत्रालयों की पहल र्ावमल है • 1 जनवरी 2015 से एलपीजी पर वमलने वाली सवब्सिी लाभावथश यों
- मानव संसाधन ववकास मंत्रालय, कौर्ल ववकास और उद्यवमता के खाते में पहल योजना के तहत जमा की जाएगी।
मंत्रालय और श्रम एवं रोिगार मंत्रालय। ❖ गगन पररयोजना
❖ स्मार्श वसर्ी वमर्न (25 जून 2015) • इस पररयोजना का उद्देश्य रेन की सटीक पोजीर्न पता करना है ।
• इस योजना के तहत 100 स्माटश वसटी तैयार की जायेंगी। • इसके तहत इसरो एक नौवहन प्रणाली ववकवसत करेगा करेगा
• स्माटश वसटी के ववकास के वलए प्रत्येक चयवनत र्हर को 100 करोड़ वजसमें भारतीय रेनों की सही पोजीर्न का पता लगाया जा सके गा।
रुपए कें द्रीय सहायता दी जाएगी। • गगन पूरी तरह भारत में ववकवसत वकया गया नेववगेर्न वसस्टम है।
• इसमें र्हर में पानी ववद्युत वर्क्षा स्वास््य पयाश वरण सुरक्षा आवद में ❖ मदन मोहन मालिीय राष्ट्रीय वर्क्षक ि वर्क्षा वमर्न
सुधार वकया जाएगा। • इस वमर्न का प्रारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 वदसंबर 2015 को
❖ अमृत वसर्ी योजना (AMRUT – Atal Mission for वाराणसी में वस्थत कार्ी वहंदू ववश्वववद्यालय से वकया।
Rejuvenation and Urban Transformation) • इस योजना का उद्देश्य कु र्ल वर्क्षकों को तैयार करना है।
(25 जनू 2015) ❖ वमर्न इंद्रधनषु
• इस वमर्न में पूवश भती जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय र्हरी वमर्न का • कें द्रीय स्वास््य एवं पररवार कलयाण मंत्रालय ने 25 वदसंबर 2014
स्थान वलया। को वमर्न इंद्रधनुष प्रारंभ वकया।
• इस योजना में सवाश वधक 64 र्हर उत्तर प्रदेर् राज्य से चुने गए है। • इसका उद्देश्य 2020 तक 90 प्रवतर्त बच्चों का टीकाकरण करना
• इसमें एक लाख से अवधक ऐसी आबादी वाले र्हरों को चुना जाएगा है।
जहां अवधसूवचत कैं टोनमेंट बोिश नहीं है, इसमें ववरासत र्हरों को • इसके अंतगश त 7 बीमाररयों का टीकाकरण विप्थीररया पोवलयो छय
भी र्ावमल वकया जाएगा। रोग काली खांसी वटटनेस हेपेटाइवटस बी खसरा का लक्ष्य रखा
• इसमें र्हरी संरचना पर ववर्ेष जोर वदया जाएगा तथा लंबी अबवध गया है।
की पररयोजना, र्हरी कारीिोर, र्हरी नवीनीकरण गरीबों के वलए ❖ सागरमाला पररयोजना (25 मार्श 2015)
वर्क्षा स्वास््य जैसी सुववधा उपलब्ध करवाई जाएंगी।
• इस पररयोजना का उद्देश्य बंदरगाहों के नेतृत्व वाली प्रत्यक्ष व
अप्रत्यक्ष ववकास को बढ़ावा देना बंदरगाह तक सामान की त्वररत,

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प्रमख
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कम लागत तथा कु र्लतापूवशक पहुंचू हेतु आधाररत संरचना • विवजटल र्ेर इस अवभयान का लोगो है।
उपलब्ध कराना।
• इसके अंतगश त 100 करोड़ रुपए की पूंजी से राष्ट्रीय औद्योवगक
❖ प्रधानमंत्री खवनज क्षेत्र कल्याण योजना (17 वसतंबर कॉररिोर ववकास प्रावधकरण का गिन वकया गया है इसका
2015) मुख्यालय पुणे, महाराष्ट्र में होगा।
• इस पररयोजना का उद्देश्य खवनज उत्खनन क्षेत्रों में खनन से प्रत्यक्ष ❖ स्िच्छ भारत वमर्न
अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाववत होने वाले लोगों के जीवन में सुधार है। • 2 अक्ट्टूबर 2014 को महात्मा गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत वमर्न
❖ हररत राजमागश क्ांवत की र्ुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
• इस योजना कब प्रारंभ 29 वसतंबर 2015 को कें द्रीय सड़क • इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य 2019 तक पूरे देर् को खुले में
पररवहन मंत्री वनवतन गिकरी ने वकया। र्ौच की प्रथा से मुक्त करवाना था।
• इस पररयोजना का मुख्य उद्देश्य राजमागश गवलयारों में हररयाली को • 2 अक्ट्टूबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को औपचाररक
बढ़ावा देना है। रूप से खुले में र्ौच से मुक्त घोवषत वकया।
❖ श्यामा प्रसाद मुखजी रूबशन वमर्न (16 वसतंबर 2015) • इस योजना का ध्येय वाक्ट्य कदम स्वच्छता की ओर है।
• इसके अंतगश त 300 स्माटश गांव के ववकास हेतु लगभग 5000 करोड़ ❖ िीिी वकसान र्ैनल
रुपए की मंजूरी दी गई। • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2015 को भारतीय वकसानों को
• इसका मुख्य उद्देश्य गांव में बुवनयादी सुववधाओं का ववकास करना समवपश त एक नए चैनल DD वकसान को लॉन्च वकया।
है। • ए चैनल 24 घंटे कृ वष कायों से संबंवधत कायश क्रमों का प्रसारण करेगा
❖ दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योवत योजना ❖ भारतमाला पररयोजना
• इस योजना कब प्रारंभ 25 जुलाई 2015 को पटना में प्रधानमंत्री • देर् के 17 राज्यों की तटीय एवं सीमा क्षेत्रों से गुजरने वाले 7000
नरेंद्र मोदी द्वारा वकया गया। वकलोमीटर राष्ट्रीय राजमागश वनमाश ण पररयोजना भारत माला
• इस योजना का लक्ष्य देर् के सभी पररवारों को वषश 2022 तक पररयोजना के नाम से जानी जाती है ।
अबावधत वबजली आपूवतश सुवनवित कराना है। ❖ सुकन्या समवृ ि योजना (22 जनिरी 2015)
❖ इंद्रधनषु वमर्न • इस योजना की र्ुरुआत पानीपत हररयाणा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
• इस वमर्न की र्ुरुआत 16 अगस्त 2015 को ववत्त मंत्री अरुण ने की थी।
जेटली द्वारा की गई। • सुकन्या समृवद्ध योजना का उद्देश्य बावलकाओं के प्रवत पररवार के
• इस वमर्न में सावश जवनक क्षेत्र के बैंकों की वस्थवत सुधारने के वलए दृवष्टकोण में पररवतश न तथा उसके नाम से बचत को प्रोत्साहन प्रदान
7 सूत्री अवभयान को प्रारंभ वकया गया है। करना है।
❖ प्रकार् पथ योजना (5 जनिरी 2015) • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अवभयान के तहत वकसी भी िाकघर या
• प्रकार् पथ नाम से र्ुरु की गई इस योजना के अंतगश त माचश 2015 अवधकृ त बैंक में इस योजना के तहत बेटी के जन्म के समय से 10
से एक चरणबद्ध तरीके से LED बलब का ववतरण वकया जाएगा। वषश की उम्र में खाता खुलवाया जा सकता है।
• माचश 2016 तक 100 र्हरों के घरों में सड़कों पर एलईिी बलब ❖ दीनदयाल अंत्योदय योजना
लगाए जाने की पररयोजनाएं है। • भारत सरकार ने पंवित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मवदवस के
❖ प्रधानमंत्री कौर्ल विकास योजना (20 मार्श 2015) अवसर पर 25 वसतंबर 2014 को ग्रामीण एवं र्हरी वनधश नों के
कौर्ल सुधार हेतु योजना का आरंभ वकया।
• इस योजना के अंतगश त देर्भर के हुनरमंद 24 लाख युवाओं को
वववभन्न प्रकार के रोजगार के वलए प्रवर्वक्षत वकया जा सके गा। • इस योजना के लाभाथी की न्यूनतम आयु 15 वषश रखी गई है तथा
लाभाथी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवर्क्षण प्रदान वकया जाएगा।
❖ मेक इन इंविया कायशक्म
❖ बेर्ी बर्ाओ – बेर्ी पढाओ योजना
• एक नवीन राष्ट्रीय कायश क्रम मेक इन इंविया की र्ुरुआत 25
वसतंबर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत हररयाणा
में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की यह योजना कन्या जन्म को
• इस कायश क्रम का मुख्य उद्देश्य देर् में नए प्रौद्योवगकी व पूंजी के
प्रोत्सावहत करने व उनकी पढ़ाई को सतत बनाए रखने के वलए र्ुरू
प्रबाह को बढ़ावा देना नई नौकररयों का सृजन करना तथा देर् को
की गई है।
वैवश्वक वववनमाश ण के मानवचत्र पर स्थावपत करना है।

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• वफलम अवभनेत्री माधुरी दीवक्षत को इस योजना का ब्ांि एंबेस्िर ❖ प्रधानमंत्री सहज वबजली हर घर योजना – सौभाग्य
बनाया गया है। • सौभाग्य योजना की र्ुरूआत 25 वसतम्बर, 2017 को की गई।
❖ ज्ञान योजना • इस योजना का पूरा नाम ‘प्रधानमंत्री सहज वबजली हर घर योजना’
• कें द्रीय मानव संसाधन ववकास मंत्री स्मृवत ईरानी ने आईआईटी है।
गांधीनगर गुजरात में ज्ञान ग्लोबल इवनवर्एवटव एके िवमक नेटवक्ट्सश • इस योजना के तहत 31 माचश , 2019 तक हर घर में वबजली पहुंचाने
योजना का र्ुभारंभ वकया। का लक्ष्य रखा गया है।
• इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में उच्च वर्क्षा की गुणवत्ता को ❖ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना – आयुष्ट्मान भारत
बढ़ावा देना है।
• इस योजना की र्ुरूआत 23 वसतम्बर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र
❖ प्रधानमंत्री कृवष वसंर्ाई योजना (19 फरिरी 2015) मोदी द्वारा झारखंि की राजधानी रााँची से की गई।
• इस योजना का प्रमुख उद्देश्य कृ वष वसंचाई हेतु सुववधाएं उपलब्ध • इस योजना का उद्देश्य आवथश क रूप से कमजोर लोगों (बीपीएल
कराना है। धारक) को स्वास््य बीमा मुहैया कराना है।
❖ प्रधानमंत्री सुरवक्षत मातृत्ि अवभयान • इसके अंतगश त आने वाले प्रत्येक पररवार को 5 लाख तक का कै र्
• 9 जून 2016 से प्रारंभ की गई इस योजना का उद्देश्य सुरवक्षत रवहत स्वास््य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा।
मातृत्व बढ़ावा देना है। • इस योजना से 10.74 करोड़ बीपीएल धारकों को फायदा होगा।
• इस अवभयान के तहत प्रत्येक माह की 9 तारीख को प्रत्येक वजला ❖ दीक्षा पोर्श ल
वचवकत्सालय में लगने वाली ववर्ेष कैं प में मवहलाओं को सुरवक्षत
• दीक्षा पोटश ल की र्ुरूआत 5 वसतम्बर, 2017 को मानव संसाधन
मातृत्व की जानकारी दी जाएगी।
ववकास मंत्रालय द्वारा र्ुरू वकया गया था।
❖ सबके वलए आिास योजना • यह पोटश ल (diksha.gov.in) वर्क्षक को रेवनंग देने और सर्क्ट्त
• सबके वलए आवास योजना 29 अगस्त 2015 को र्ुरू की गई। बनाने में सहायक है।
• इस योजना के तहत 2022 तक र्हरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के ❖ िररष्ट्ठ पेंर्न बीमा योजना
वलए दो करोड़ आवासों का वनमाश ण वकया जाएगा।
• इस योजना की र्ुरूआत 1 जनवरी, 2017 को प्रधानमंत्री द्वारा
❖ भारतम पररयोजना घोवषत एवं 1 अप्रैल, 2017 को भारतीय जीवन वनगम (LIC) द्वारा
• 4 अप्रैल 2016 में प्रारंभ इस पररयोजना का उद्देश्य देर् के सभी र्ुरू की गई।
राजमागों को वषश 2019 तक रेलवे क्रावसंग से मुक्त बनाना है। • इस योजना का उद्देश्य 60 वषश और इससे अवधक आयु वगश के
❖ विवजर्ल लॉकर योजना वररष्ट्ि नागररकों को गारंटी न्यूनतम ब्याज दर देना है।
• 7 अगस्त 2016 को इस योजना की र्ुरुआत की गई। • यह गारंटीकृ त ब्याज दर 10 वषों के वलए 8% होगी।
• इसे विजी लॉकर के नाम से भी जाना जा रहा है । ❖ दीनदयाल उपाध्याय ‘स्पर्श‘ योजना
• इस योजना में सभी प्रकार के दस्तावेजों को एक एप्लीके र्न में • स्पर्श (SPARSH – Scholarship for Promition of Aptitute
अपलोि वकया जा सकता हैं। and Research in Stamps as a Hobby) योजना की
❖ राष्ट्रीय गोकुल वमर्न (28 जुलाई 2014) र्ुरूआत 3 नवम्बर, 2017 को स्कूली बच्चों (6िी से 9वीं क्ट्लास)
की िाक वटकट संग्रह में रूची बढ़ाने के उद्देश्य से आरंभ की गई एक
• यह वमर्न स्वदेर्ी गायों के संरक्षण से संबंवधत है। छात्रवृवत्त योजना है।
❖ मृदा स्िास््य कािश योजना • इस योजना के अंतगश त प्रत्येक कक्षा(6 से 9 तक) में से 10 छात्रों
• इसी योजना को 19 फरवरी 2015 को आरंभ वकया गया। अथाश त् अवधकतम 40 छात्रों को कु ल 6000 रूपया प्रवत वषश अथाश त्
• इस योजना के तहत कृ षकों को एक मृदा स्वास््य कािश जारी वकया 500 रूपया प्रवतमाह छात्रवृवत्त प्रदान की जायेगी।
जाएगा इस कािश पर मृदा की गुणवत्ता अपेवक्षत उवश रक आवद की ❖ प्रधानमंत्री िय िंदना योजना
मात्रा प्रयोगर्ाला परीक्षणों की ररपोटश दजश होगी। • योजना की र्ुरूआत 21 जुलाई, 2017 को ववत्त मंत्री अरूण
❖ स्िणश भारत योजना (5 निंबर 2015) जेटली ने की।
• इस योजना का उद्देश्य सोने के आयात को वनयंवत्रत करना व घरेलु • 60 या उससे अवधक आयु वगश के वलए यह एक पेंर्न योजना है।
संग्रह की उपयोवगता बढ़ाना हैं।

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• इस योजना के अंतगश त वररष्ट्ि नागरर कों को मावसक पेंर्न ववकलप ❖ पहल योजना
चुनने पर 10 वषों हेतु 8 प्रवतर्त की गारंटीर्ुदा ररटनश वमलेगा। • पहल योजना को 1 जनवरी, 2015 को राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू
❖ नमावम गंगे योजना वकया गया था।
• नमावम गंगे योजना की र्ुरूआत गंगा नदी के संरक्षण एवं र्ुवद्ध के • इस योजना का मुख्य उद्देश्य एलपीजी (LPG) वसलेन्िर के
वलए 10 जुलाई, 2014 को की गई थी। सवब्सिी के पैसों को सीधे उपभोक्ट्ताओं के बैंक खातों में भेजना है।
• इस योजना की देख-रेख जल संसाधन मंत्री उमा भारती करती है। • यह योजना वगनीज वलिश में दजश वकया गया है अथाश त् यह प्रधानमंत्री
• इस योजना को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है। नरेन्द्र मोदी की सबसे प्रवसद्ध योजना है।
• इस योजना के तहत अगले 5 वषश के वलए 2037 करोड़ रूपये • इस योजना को DBTL (Direct Benefit Transfer for LPG)
आवंवटत वकए गए हैं। स्कीम के नाम से भी जाना जाता है।
❖ दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौर्ल योजना ❖ उजाला योजना
• दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौर्ल योजना 25 वसतम्बर, 2014 • उजाला (UJALA) योजना की र्ुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
को पंवित दीनदयाल उपाध्याय के 98वें जन्म वतवथ पर र्ुरू की गई द्वारा ‘बचत लैंप योजना’ के स्थान पर 1 मई, 2015 को की गई थी।
थी। • UJALA का पूणश रूप है – Unnat Jyoti by Affordable LEDs
• इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में वनवावसत युवाओं की for All
समावेर्ी ववकास को हावसल करने के वलए कौर्ल और उत्पादक • इस योजना का मुख्य उद्देश्य वबजली की खपत को कम करने के
क्षमता को ववकवसत करना है। वलए LED बलबों का कम मलू य पर ववतरण करना है।
• इस योजना का मुख्य लक्ष्य तीन सालों में 15 से 35 वषश की उम्र के ❖ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
अंतगश त आने वाले 10 लाख ग्रामीण युवाओं को रोजगार ववतरण • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 मई,
करना है। 2015 को कोलकाता से वकया था।
• इस योजना के वलए 1500 करोड़ रूपये का प्रारंवभक फं ि आवंवटत • इस योजना का मुख्य उद्देश्य सभी भारतीय नागररकों को
वकया गया था। आकवस्मक बीमा कबर प्रदान करना है।
❖ सांसद आदर्श ग्राम योजना • इस योजना के तहत बचत बैंक खाते के साथ 18 से 70 वषश आयु
• सांसद आदर्श ग्राम योजना 11 अक्ट्टूबर, 2014 प्रधानमंत्री नरेन्द्र का कोई भी भारतीय नागररक 12 रूपये प्रवतवषश का प्रीवमयम भर
मोदी द्वारा जयप्रकार् नारायण के जन्मवदन पर र्ुरू की गई एक कर 1 लाख से 2 लाख रूपये तक का दुघशटना बीमा का लाभ ले
योजना है। सकता है।
• इस योजना का मुख्य उद्देश्य गााँव के सामावजक, सांस्कृ वतक और ❖ प्रधानमंत्री जीिन ज्योवत योजना
बुवनयादी ढ़ाचें के ववकास के आदर्श गााँवों में नावमत मॉिल गााँवों का • प्रधानमंत्री जीवन ज्योवत योजना को 9 मई, 2015 को प्रधानमंत्री
ववकास है। नरेन्द्र मोदी द्वारा र्ुरू वकया गया था।
• इस योजना का लक्ष्य प्रत्येक सांसद द्वारा वषश 2019 तक तीन गााँव • इस योजना का मुख्य उद्देश्य सभी भारतीय नागररकों को जीवन
तथा वषश 2024 तक कु ल 8 गााँवों को गोद लेकर ववकवसत करना बीमा कवर प्रदान करना है।
है।
• इस योजना के तहत 18 से 50 वषश आयु का कोई भी भारतीय
❖ वमर्न इंद्रधनषु अवभयान नागररक 330 रूपये प्रवतवषश का प्रीवमयम भरकर 2 लाख रूपये का
• वमर्न इन्द्रधनुष अवभयान को भारत सरकार के के न्द्रीय स्वास््य जीवन बीमा का लाभ प्राप्त कर सकता है।
मंत्रालय ने सभी बच्चों को टीकाकरण के अंतगश त लाने के वलए ❖ अर्ल पेंर्न योजना
सुर्ासन वदवस के अवसर पर 25 वदसम्बर, 2014 को प्रारंभ वकया
• अटल पेंर्न योजना की र्ुरूआत 9 मई, 2015 को कोलकाता से
था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वकया था।
• इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदवर्श त करने वाला इस अवभयान का
• इस योजना का मुख्य लक्ष्य असंगवित क्षेत्र के लोगों को पेंर्न
उद्देश्य 2020 तक संपणू श टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
सुववधा प्रदान करना है।
• इस योजना के अंतगश त 7 बीमाररयों (विफ्थीररया, काली खााँसी,
• यह योजना पेंर्न फं ि वनयामक और ववकास प्रावधकरण द्वारा
वटटनेस, पोवलयो, टीबी, खसरा और हेपेटाइवटस ‘बी’) के वलए
प्रर्ावसत है।
टीकाकरण वकया जाता है।

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• इस योजना के अंतगश त 18 से 40 वषश की आयु वगश का कोई भी • इस योजना का मुख्य लक्ष्य सभी गााँवों का ववद्युतीकरण करना,
व्यवक्त अपने द्वारा बैंक में जमा वकए गए रूपये के आधार पर 1 हजार ववतरण कं पवनयों की ववत्तीय वस्थवत में सुधार एवं उवचत मॉवनटररंग
से 5 हजार तक का पेंर्न प्राप्त कर सकता है। करना है।
• इस योजना के तहत, 60 वषश की आयु के बाद योजना के लाभों का ❖ सागरमाला प्रोजेक्र् (Sagarmala Project)
लाभ उिाने के वलए एक व्यवक्त को पेंर्न वमलने से कम-से-कम 20 • सागरमाला प्रोजेक्ट्ट की र्ुरूआत 31 जुलाई, 2015 को की गई थी।
साल पहले उसका योगदान करना होगा।
• इस प्रोजेक्ट्ट के अंतगश त 12 बंदरगाहों को ववश्व स्तरीय करने के
❖ प्रधानमंत्री आिास योजना वलए 7000 करोड़ रूपये का बजट रखा गया है।
• प्रधानमंत्री आवास योजना की र्ुरूआत 25 जून, 2015 को की गई ❖ उदय योजना (UDAY Yojana)
थी।
• उदय योजना की र्ुरूआत 5 नवम्बर, 2015 को की गई थी।
• इस योजना को ‘हाउवसंग फॉर ऑल’ (सबके वलए आवास) के नाम
• उदय (UDAY) का पूणशरूप Ujwal Discom Assurance
से भी जाना जाता है।
Yojana है।
• इस योजना का लक्ष्य 2022 तक 2 करोड़ नये हाउस का वनमाश ण
• इस योजना का मुख्य लक्ष्य वबजली ववतरण कं पवनयों (विस्कॉम)
करना है।
का ववत्तीय सुधार एवं घाटों से उबारना है।
❖ विवजर्ल इंविया वमर्न
• इस योजना से जुड़ने वाला पहला राज्य झारखंि है।
• विवजटल इंविया वमर्न की र्ुरूआत 1 जुलाई, 2015 को की गई
थी।
❖ स्र्ार्श अप इंविया
• स्टाटश -अप इंविया की र्ुरूआत 16 जनवरी, 2016 को की गई।
• इस योजना का उद्देश्य सभी सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रावनक
तरीके से जनता को उपलब्ध कराना है। • इसका मुख्य उद्देश्य नये कारोबाररयों को बढ़ावा देना तथा कारोबार
र्ुरू करने के वलए अनुकूल वातावरण का सृजन करना है।
❖ प्रधानमंत्री कृवष वसंर्ाई योजना
• प्रधानमंत्री कृ वष वसंचाई योजना की र्ुरूआत 1 जुलाई, 2015 को
❖ श्यामा प्रसाद मुखजी रूबशन वमर्न
की गई थी। • श्यामा प्रसाद मुखजी रूबश न वमर्न की र्ुरूआत 22 फरवरी, 2016
को की गई थी।
• इस योजना का उद्देश्य वकसी भी तरीके से वकसानों को पानी
उपलब्ध कराना है। • इस वमर्न का मुख्य लक्ष्य 3 वषश में पूरे देर् में स्थानीय आवथश क
ववकास प्रोत्साहन हेतु 300 ग्रामीण कलस्तरों (समूहों) का वनमाश ण
• इस योजना का लक्ष्य 2020 तक वकसानों की आय को दुगुना करना
करना है।
है।
❖ वस्कल इंविया वमर्न (Skill India Mission) ❖ सेतु भारतम् योजना
• सेतु भारतम् योजना की र्ुरूआत 4 माचश , 2016 को की गई थी।
• स्कील इंविया वमर्न की र्ुरूआत 15 जुलाई, 2015 को की गई।
• इस योजना का मुख्य लक्ष्य 2019 तक सभी राष्ट्रीय राजमागों को
• इस योजना का उद्देश्य 2022 तक देर् के युवाओं का कौर्ल
रेलवे क्रावसंग से मुक्ट्त करना है।
ववकास करना है।
• इस योजना के वलए कु ल 1500 वब्ज बनाने के वलए 50000 करोड़
• इस योजना के ब्ांि एम्बेस्िर सवचन तेंदुलकर है।
रूपये का बजट रखा गया है।
❖ प्रधानमंत्री कौर्ल विकास योजना (Pradhan Mantri ❖ स्र्ैण्ि अप इंविया
Kaushal Vikas Yojana)
• स्टैण्ि अप इंविया की र्ुरूआत 5 अप्रैल, 2016 को की गई थी।
• प्रधानमंत्री कौर्ल ववकास योजना की र्ुरूआत 16 जुलाई, 2015
• इस योजना का लक्ष्य अनुसूवचत जावत / जनजावत एवं मवहला
को की गई थी।
उद्यवमयों को साख उपलब्ध कराना है।
• इस योजना का उद्देश्य युवाओं को प्रवर्वक्षत कर नौकरी मुहैया
• इस योजना के अंतगश त नई कं पवनयााँ स्थावपत करने हेतु 10 लाख
कराना है।
से 1 करोड़ तक का ऋण देना सुवनवित वकया गया है।
❖ दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योवत योजना (Deen
❖ ग्राम उदय से भारत उदय अवभयान
Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana)
• दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योवत योजना की र्ुरूआत 25 जुलाई,
2015 को की गई थी।

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• ग्राम उदय से भारत उदय अवभयान की र्ुरूआत महु में बाबा साहेब
भीमराव अम्बेिकर की 125वीं जयंती पर 14 से 24 अप्रैल, 2016
तक चलाई गई।
• इस योजना के अंतगश त देर् में सही ववकास के वलए गााँवों के ववकास
पर बल वदया गया था।
❖ प्रधानमंत्री उज्जिला योजना
• प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की र्ुरूआत 1 मई, 2016 को की गई
थी।
• इस योजना का उद्देश्य का उद्देश्य ग्रामीण एवं र्हरी क्षेत्रों के BPL
पररवारों को मुफ्त LPG कनेक्ट्र्न देना है।
• इस योजना के अंतगश त सरकार द्वारा BPL पररवारों को प्रवत
कनेक्ट्र्न 1600 रूपये की ववत्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

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आर्थिक सर्वेक्षण आर्थिक शब्दावली
• आरर्क्षत मुद्रा - वह मुद्रा, जो अन्तर्ाा ष्ट्रीय स्तर् पर् मजबूत हो और्
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• जीरो-नेट-एड (Zero- Net Aid) - जब कोई देश पूणारूप से


दूसर्े देश उसे ऋण समझौतों और् खातें में एक इकाई के रूप में आत्मदनभा र् बन जाता है तो उसे दकसी प्रकार् की दवदेशी सहायता
ददखाने को तैयार् हों, ‘आर्दित मुद्रा’ कहलाती है। यह वह मुद्रा है, की आवश्यकता नहीं होती, इस दस्िदत को ही जीर्ो-नेट एड कहते
दजसे कोई देश अपने पूंज ू ी भूंडार् के तहत सूंदित र्खता है। अमेरर्की है।
डॉलर् , यूर्ो आदद इसी प्रकार् की मुद्रायें हैं। • नीड बेस्ड र्वेजेज़ (Need Based Wages) - यह मजदर्ू ी की
• रॉर् िंग बजट - ऐसा बजट, जो वर्ा के प्राूंर्भ में तैयार् कर् दलया वह दर् है जो एक श्रदमक को उसकी आवश्यकतानुसार् प्राप्त होती
जाये, लेदकन बाद में बदलती परर्दस्िदतयों के दहसाब से उसमें है, इस मजदूर्ी से श्रदमक अपनी उन आवश्यकताओूं की पूदता कर्
दनूंर्तर् परर्वता न दकया जाता र्हे, र्ॉदलूंग बजट कहलाता है। इस सकता है, दजनका वह आदी हो गया है। सामान्यतः मजदूर्ी श्रम की
प्रकार् के बजट का लाभ यह है दक इसमें बाह्य एवूं दनयूंत्राण से पर्े पूदता उत्पादकता तिा लाभ पर् आधारर्त होती है जोदक
दस्िदतयों के कार्ण पैदा होने वाले अूंतर् को र्ोका जा सके गा। आवश्यकता आधारर्त मजदूर्ी से काफी कम होती है।
• प्राॅमीसरी नोट (र्वचनपत्र) - दकसी एक व्यदि के द्वार्ा दूसर्े • र्नयो-को ोर्नयर् ज्म (Neo Colonialism) - यह आदिा क
व्यदि के नाम दकया गया दलदखत व हस्तािरर्त दबना शता वादा उपदनवेशवाद है, दजसके अन्तगा त धनी देश गर्ीब देशों को आदिा क
प्राॅदमसर्ी नोट’ कहलाती है। सहायता के माध्यम से उन पर् र्ाजनीदतक दबाव डालकर् उनसे
• इसमें दूसर्े व्यदि को एक दनदष्ट मात्रा में धन देने या उसको अिवा गलत काया कर्वाते हैं तिा उनकी आन्तरर्क नीदतयों को भी
धार्क को उस मात्रा का धन उपलब्ध कर्ाने का दनदेश उदललदखत प्रभादवत कर्ते है।
होता है। धन का भुगतान माूंगे जाने पर् या भदवष्ट्य में दकसी दनदित • मुक्त बन्दरगाह (Free Port) - मुि बन्दर्गाहें उस बन्दर्गाह को
अवदध पर् दकया जाना होता है। इस प्रकार् के प्राॅमीसर्ी नोट को कहते हैं, जहााँ दबना सीमा शुलक ददए सामान जहाज में िढ़ाया
दनगोदशएबल इूंस्रूमेन्ट् स में शादमल दकया जाता है। अिवा उतार्ा जा सकता है, जैस-े हाूंगकाूंग बन्दर्गाह।
• स्टॉक इन्र्वेस्ट योजना - यह कम्पदनयों को शेयर्ों के दलए आवेदन- • समथिन मूल्य (Support Price) - यह वे कीमतें है जो सर्कार्
र्ादश सम्प्रेर्ण की एक योजना है। इस योजना के अन्तगा त दनवेशकों द्वार्ा दनदित की जाती है तिा इन कीमतों पर् सर्कार् वस्तुओ ूं को
को शेयर् आवूंदटत होने के बाद ही उनके खाते से रुपया कम्पदनयों खर्ीदने के दलए प्रदतबद्ध होती है बाजार् में मूलय इन मूलयों से कम
के खाते में जाएगा। नहीं हो सकते।
• मुक्त व्यापार नीर्त - इसके अन्तगा त घर्ेलू तिा दवदेशी वस्तुओ ूं के • तीसरी र्व चौथी दर्ु नया (Third World and Fourth World)
साि एक समान व्यवहार् दकया जाता है तिा दकसी के भी साि - तीसर्ी ददु नया में एदशया, अफ्रीका, लैदटन अमर्ीका आदद के
पिपातपूणा व्यवहार् नहीं दकया जाता है। इस नीदत के अन्तगा त दपछड़े, दवकासशील देश आते है, िौिी ददु नया में वे अधा दवकदसत
अन्तर्ाा ष्ट्रीय व्यापार् पर् सर्कार् का दनयन्त्राण नहीं होता, अिाा त् तिा दवकासशील देश आते है, दजन पर् अत्यदधक दवदेशी ऋण है
न तो दवदेशी सामान पर् अनावश्यक कर् लगाए जाते हैं और् न ही तिा जो पेरोल दनयाा तक देशों द्वार्ा मूलय वृदद्ध से दवशेर् प्रभादवत
स्वदेशी उद्योगों को कोई दवशेर् सुदवधा ही प्रदान की जाती है। होते है।
• योग्यता के अनुसार भुगतान र्सद्धान्त (Ability Pay Theory) • र्र्वमुद्रीकरण (Demonetization) - दवमुद्रीकर्ण का अिा
- यह कर् दनधाा र्ण का एक महत्वपूणा दसद्धान्त है। इसके अनुसार् सर्कार् द्वार्ा दछपी हुई सम्पदत्त को बाहर् दनकालने के दलए अपनाई
कर्दाता पर् उसकी भुगतान योग्यता (िमता) के अनुसार् ही कर् गई धातु मुद्रा एवूं पत्रा मुद्रा िलन से बाहर् कर्ने की नीदत से है।
लगाना िादहए प्रगदतशील कर् इस दसद्धान्त की पुदष्ट कर्ते है। इसके अन्तगा त प्रिदलत मुद्रा को र्द्द कर्के उसके बदले में नई मुद्रा
• मूल्यानुसार कर (Ad Volrem Tax) - यह वह कर् है, जो वस्तु प्रदान की जाती है।
पर् उसके मलू य (Value) के अनुरूप लगाए जाते है। • अर्वपात मुद्रा प्रसार (Stagflation) - इसका अिा उस दस्िदत से
• अनुकू तम जनसिंख्या र्सद्धान्त (Optimum Population लगाया जाता है जबदक अिा व्यवस्िा में दवकास की दस्िर्ता तिा
Theory) - इस दसद्धान्त के अनुसार् एक देश के दलए आदिा क दृदष्ट मुद्रा-स्फीदत दोनों दवद्यमान हो।
से सवोत्तम जनसूंख्या वह होती है जहााँ प्रदत व्यदि वास्तदवक आय • अर्िमूल्यन (Revaluation) - जब एक देश अपनी मुद्रा की
अदधकतम होती है। कीमत अन्य मुद्राओूं के सूंदभा में बढ़ा देता है तो उसे अदधमूलयन
• जनसिंख्या र्र्वस्फोट (Population Explosion) - जब जन्म दर् कहा जाता है।
मृत्यु दर् से बहुत अदधक होती है तिा उसके फलस्वरूप जनसख्ूंया • अपस्फीर्त (Disinflation) - अिा व्यवस्िा में व्याप्त मुद्रा स्फीदत
तीव्र गदत से बढ़ती है तो उस दस्िदत को जनसूंख्या दवस्फोट का को ठीक कर्ने के दलए मुद्रा की मात्रा में धीर्े-धीर्े कमी की जाती है।
नाम ददया जाता है। भार्त में वता मान में यही दस्िदत है। इस व्यवस्िा को ही अपस्फीदत कहा जाता है।

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आर्थिक सर्वेक्षण www.examgurooji.in
• मुद्रा स्फीर्त (Inflation) - जब सामान्य मूलय स्तर् में वृदद्ध हो तिा इसके बदले में व्यदि अदधक दस्िर् मूलय वाली मुद्रा प्राप्त कर्ना
जाती है तो उस दस्िदत को मुद्रा स्फीदत कहा जाता है। मुद्रा स्फीदत िाहता है।
की अवस्िा में वस्तुओ ूं के मूलय बढ़ते है तिा मुद्रा का मूलय कम • सॉफ्ट ोन (Soft Loan) - कम ब्याज पर् लम्बी अवदध के दलए
होता है। प्राप्त दकया गया ऋण ‘सॉफ्ट लोन’ कहलाता है।
• मुद्रा सिंस्फीर्त (Reflation) - मुद्रा सूंकुिन की दस्िदत के • हाडि ोन (Hard Loan) - ऊाँिी ब्याज दर् पर् अपेिाकृ त कम
परर्णामस्वरूप उत्पन्न मन्दी को दूर् कर्ने के दलए सर्कार् आदिा क अवदध के दलए प्राप्त दकया गया ऋण ‘हाडा लोन’ कहलाता है।
दियाओूं के सूंिालन हेतु धीर्े-धीर्े मुद्रा प्रसार् कर्ती है, इस दस्िदत • र्र्वर्नमय पत्रा (Bill of Exchange) - दवदनमय पत्रा उस दवलेख
को ही ‘मुद्रा सूंस्फीदत’ कहा जाता है। को कहते है दजस पर् दलखने वाले के हस्तािर् (Signature) होते
• अर्वमूल्यन (Devaluation) - जब एक देश अपनी मुद्रा की कीमत है तिा दजसमें एक शता र्दहत आज्ञा होती है, दजसके द्वार्ा दलखने
अन्य मुद्राओूं के रूप में कम कर् देता है अिवा अन्तर्ाा ष्ट्रीय बाजार् वाला दकसी दनदित व्यदि को यह आदेश देता है दक वह एक दनदित
में SDR के रूप में दगर्ा देता है तो उसे मुद्रा का अवमूलयन कहा र्ादश का दकसी दनदित व्यदि को अिवा उसके आदेदशत व्यदि को
जाता है। इसका सम्बन्ध मुद्रा के बाह्य मूलय से होता है। अिवा दवलेख के वाहक को भुगतान कर् दे।
• मुद्रा मूल्य ह्रास (Depreciation of Money) - जब वस्तुओ ूं के • बीयर (Bear) - बीयर् स्टॉक एक्सिेंज में उस व्यदि को कहा जाता
मलू यों में वृदद्ध हो जाने के फलस्वरूप मुद्रा की िय शदि घट जाती है जो इस उम्मीद से वस्तु (शेयर् या दडबेन्िर्) को भदवष्ट्य में देने
है तो इसे मुद्रा मलू य ह्रास कहते है। का वादा कर्के बेिता है दक उस वस्तु (शेयर् या दडबेन्िर्) के मलू य
• मुद्रा सिंकुचन (Deflation) - मुद्रा की मात्रा में कमी हो जाने के भदवष्ट्य में घट जाएूंगे।
फलस्वरूप मुद्रा के मूलय में वृदद्ध हो जाती है इसे मुद्रा सूंकुिन की • बु (Bull) - बुल स्टॉक एक्सिेन्ज में उस व्यदि को कहा जाता
दस्िदत कहा जाता है। मुद्रा सूंकुिन के समय वस्तुओ ूं के मूलयों में है जो इस आशा से शेयर् या दडबेन्िर् खर्ीदता है दक भदवष्ट्य में
कमी हो जाने के साि-साि बेर्ोजगार्ी उत्पन्न होने लगती है। उनके भाव बढ़ जाएूंगे।
• साख सिंकुचन नीर्त (Credit Squeeze Policy) - के न्द्रीय बैंक • र्वेज फ्रीज (Wage Freeze) - जब दकसी एक उच्ि स्तर् पर्
द्वार्ा ऋणों को कम कर्ने के दलए अपनाई जाने वाली नीदत को साख पहुिाँ कर् श्रदमकों की मजदूर्ी में वृदद्ध कर्ना समाप्त कर् ददया जाता
सूंकुिन की नीदत कहा जाता है। है तो उस दस्िदत को ‘वेज फ्रीज’ कहा जाता है।
• मोरेटोररयम (Moratorium) - इसका उपयोग उस अवदध के दलए • र्र्वर्नयोग प्रन्यास - इसका तात्पया ऐसी दवत्तीय सूंस्िाओूं से है जो
दकया जाता है दजसमें काननू द्वार्ा ऋणों का भुगतान टाल ददया अपने अूंश के माध्यम से कोर्ों (Funds) को सूंगृहीत कर् दवदभन्न
जाता है। औद्योदगक प्रदतष्ठानों द्वार्ा दनगा दमत प्रदतभूदतयों में दवदनयोदजत
• पैट्रो डॉ र (Petro-Dollar) - पेरोल दनयाा तक देशों द्वार्ा पेरोल कर्ती है।
दनयाा त कर्के अदजा त मुद्रा ‘पैरो डॉलर्’ कहलाती है। • फ् ेर्टिंग-ए-करेन्सी (Floating-a-Currency) - दवश्व के दवदभन्न
• डॉ र र्डप् ोमेसी - जो र्ाष्ट्र डॉलर् के मूलय में वृदद्ध कर्के देशों की मुद्राओूं के सर्कार्ी तिा गैर् सर्कार्ी मूलयों में अत्यदधक
अमर्ीकी डॉलर् को लाभ पहुिाँ ाने का प्रयास कर्ते है, उनके इस उतार्-िढ़ाव को देखते हुए कु छ देशों ने अपने देश की मुद्रा का अन्य
प्रयास को ही डॉलर् दडप्लोमेसी कहा जाता है। देशों की मुद्राओूं के सापेि मूलय दनधाा रर्त न कर्ने का दनणा य दकया,
दजसके फलस्वरूप दैदनक आधार् पर् मुद्रा का मूलय दनधाा रर्त हो
• एम्बागो (Embargo) - जब दकसी र्ाष्ट्र की सर्कार् द्वार्ा दवदेशी
सके , मुद्रा-मूलय दनधाा र्ण की इस प्रदिया को ही ‘फ्लोदटूंग-ए-
जहाजों के आवागमन तिा दकसी वस्तु दवशेर् के आयात-दनयाा त
कर्ेन्सी’ कहा जाता है।
पर् प्रदतबन्ध लगा ददया जाता है तो उस प्रदतबन्ध को ‘एम्बागों’ कहा
जाता है। • सािंयोर्गक अनुबन्ि (Continental Contract) - इसका तात्पया
दकसी काया को कर्ने अिवा न कर्ने के ऐसे अनुबूंध ;ब्वदजतूंबजद्ध
• सॉफ्ट करेन्सी (Soft Currency) - इसका उपयोग उन मुद्राओूं
से है जो दकसी भावी घटना के घदटत होने पर् दनभा र् है, जो अनुबन्धों
के दलए दकया जाता है दजन्हें आसानी से प्राप्त दकया जा सकता है।
के समपाशा दवक है।
• हाडि करेन्सी (Hard Currency) - इसका उपयोग उन मुद्राओूं
• साख (Credit) - यह एक प्रकार् का दवदनमय काया है, दजसमें कोई
के दलए दकया जाता है दजनकी अन्तर्ाा ष्ट्रीय मााँग अदधक होती है
ऋणदाता दकसी ऋणी को वता मान समय में कु छ वस्तुएूं अिवा मुद्रा
तिा दजन्हें आसानी से प्राप्त नहीं दकया जा सकता, जैसे-अमर्ीकी
इस दवश्वास पर् देता है दक कु छ समय बाद वह उसे वापस कर् देगा।
डॉलर्, माका, येन, पौण्ड, स्टदलिंग आदद।
• पूर्वि र्तर्थ (Ante-date) - दकसी भी साख-पत्रा अिवा िैक या
• गमि मुद्रा (Hot Currency) - इस शब्द का उपयोग उस मुद्रा के
दबल पर् दलखी हुई दतदि से पहले की दतदि ‘पूवा दतदि’ कहलाती
दलए दकया जाता है, दजसका दवदनमय मलू य लगातार् कम हो र्हा हो
है।

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• पिंच र्नणिय (Arbitration) - जब कोई व्यावसादयक दववाद • खु ी बेरोजगारी (Open Unemployment) - इससे तात्पया
दववादग्रस्त पिों द्वार्ा नादमत दकसी व्यदि अिवा व्यदि समूह द्वार्ा ऐसी बेर्ोजगार्ी से है दजसमें श्रदमक दबलकु ल दबना कामकाज के
सुलझाया जाता है तो इस प्रकार् के दनणा य को ‘पूंि दनणा य’ कहा होता है, उसे िोड़ा बहुत भी काम नहीं दमलता है।
जाता है। • र्िपी हईु बेरोजगारी (Disguised Unemployment) - ऐसे
• सिं ेख (Deed) - इसका तात्पया उस कानूनी-पत्रा से है जो दकसी व्यदि जो अपनी श्रम शदि का कु छ न कु छ उपयोग कर्ते र्हते है
सम्पदत्त को बन्धक र्खने से सम्बदन्धत होता है। दकन्तु उनकी सीमान्त उत्पादकता (MP) शून्य होती है, दछपी
• र्ििातुमान (Birnetalism) - इसका तात्पया उस मुद्रा व्यवस्िा बेर्ोजगार्ी के अन्तगा त आते है।
से है, दजसमें सोना तिा िााँदी दोनों मुद्रामान के रूप में प्रयोग में • समर्न्र्वत ग्राम्य र्र्वकास कायिक्रम (I R D P) - यह ग्रामीण दवकास
लाए जाते है। का एक समदन्वत/एकीकृ त काया िम है। देश में गर्ीबी र्ेखा से नीिे
• मुद्रा बाजार (Money Market) - अलपकादलक मौदद्रक जीवनयापन कर्ने वाले लोगों को ऊपर् उठाने और् उन्हें र्ोजगार्
परर्सम्पदत्तयों के िय-दविय के न्द्र को ‘मुद्रा बाजार्’ कहा जाता है। उपलब्ध कर्ाने हेतु 1978-79 में सर्कार् ने यह (I R D P) योजना
प्रार्म्भ की िी।
• प्रर्तज्ञा-पत्र (Promissory Note) - यह एक शता र्दहत पत्रा
(कर्ेन्सी नोट अिवा बैंक नोट के अदतरर्ि) है, दजसमें उसका • ग्रामीण भूर्महीन रोजगार गारण्टी कायिक्रम (RLEGP) - यह
लेखक एक व्यदि दवशेर् को अिवा उसके आदेशानुसार् दकसी काया िम सर्कार् ने 1983-84 में प्रार्म्भ दकया िा, इसका उद्देश्य
व्यदि दवशेर् को अिवा उसके वाहक को मााँगने पर् अिवा एक प्रत्येक भदू महीन श्रदमक परर्वार् के कम से कम एक सदस्य को वर्ा
दनदित अवदध के पिात् एक दनदित र्ादश िुकाने का विन देता है। से 100 ददन तक के र्ोजगार् की गार्ण्टी ददलाना है। इस काया िम
को अब जवाहर् र्ोजगार् योजना में सदम्मदलत कर् ददया गया है।
• कागजी स्र्वणि (Paper Gold) - इससे तात्पया उस अन्तर्ाा ष्ट्रीय
द्रव्य से है जो अन्तर्ाा ष्ट्रीय मुद्रा कोर् (IMF) की पुस्तकों में अूंदकत • ट्राइसेम (TRYSEM) - Training Rural Youth For Self-
र्हता है तिा के वल पुस्तकीय प्रदवदष्टयों के द्वार्ा एक देश से दूसर्े Employment - यह काया िम 15 अगस्त, 1979 से प्रार्म्भ
देश में पहुिाँ जाता है इसका उपयोग SDR के रूप में दकया जाता दकया गया िा। इसका उद्देश्य 18 से 35 वर्ा की आयु वगा के ग्रामीण
है। युवाओूं को तकनीकी प्रदशिण देना िा।
• ऋण-पत्र (Debentures) - एक कम्पनी द्वार्ा ऋण के प्रमाण के • राष्ट्ट्रीय र्र्वकास पररषद् (National Development
रूप में जार्ी दकए गए अनुबन्ध-पत्रा ही ऋण-पत्रा कहलाते है। इनमें Council) - यह योजना आयोग की प्रमुख सलाहकार् सदमदत िी।
धार्क को एक दनदित ब्याज की दर् पर् दनदित अवदध के पिात् वास्तव में यह योजना आयोग की तर्ह एक सूंदवधानेत्तर् सूंस्िा िी
ऋण को वापस कर्ना होता है। दजसका गठन 1952 में दकया गया िा। समस्त र्ाज्यों के मुख्यमूंत्राी
व योजना आयोग के सदस्य इसके सदस्य होते िे। प्रधानमूंत्राी
• र्डर्र्वडेण्ड (Dividend) - वह लाभ जो शेयर् धार्कों को कम्पनी
इसका सभापदत होता िा।
द्वार्ा प्राप्त होता है, दडदवडेण्ड कहलाता है।
• आई. एस. ओ. 9000 - श्रृूंखला का यह सबसे पहला मानक
• भारत सहायता क् ब (Aid-India-Club) - यह एक अन्तर्ाा ष्ट्रीय
दवदभन्न मानकों के प्रबूंधन, गुणवत्ता आश्वासन के स्तर् तिा
सूंस्िा है, जो भार्त की दवकास परर्योजनाओूं हेतु ऋण उपलब्ध
मानकीकर्ण के ियन और् उपयोग के ददशा दनदेश के बार्े में है।
कर्ाने के दलए 1958 में स्िादपत की गई िी। दवश्व बैंक भी इसका
सदस्य है। • के न्द्रीय सािंर्ख्यकी सिंगठन (CSO) - इसकी स्िापना 1950-51
में की गई िी। इसका मुख्य काया र्ाष्ट्रीय आय प्रपत्रा तैयार् कर्ना
• ऐर्छिक बेरोजगारी (Voluntary Unemployment) - ऐदच्छक
है।
बेर्ोजगार्ी तब होती है, जब कोई व्यदि प्रिदलत दर्ों पर् उपलब्ध
र्ोजगार् को स्वीकार् नहीं कर्ता। • खु ी-स्फीर्त (Open Inflation) - जब अिा व्यवस्िा में कीमत
वृदद्ध पर् कोई दनयन्त्राण नहीं होता तिा कीमतें अदनयदन्त्रात दर् से
• अनैर्छिक बेरोजगारी (Involuntary Unemployment) -
बढ़ती र्हती है तो ऐसी दस्ित को खुली स्फीदत कहा जाता है। इस
जब कोई व्यदि प्रिदलत कीमत (आय) या उससे कम पर् र्ोजगार्
प्रकार् की स्फीदत प्रिम महायुद्ध के पिात् जमा नी, आदस्रया, रूस
प्रादप्त हेतु तत्पर् हो, दकन्तु उसे र्ोजगार् न दमल र्हा हो, उस दस्िदत
आदद में देखी गई िी।
को अनैदच्छक बेर्ोजगार्ी कहा जाता है।
• दर्मत स्फीर्त (Suppressed Inflation) - इस दस्िदत में
• सिंरचनात्मक बेरोजगारी (Structural Unemployment) -
सर्कार् द्वार्ा कीमत दनयन्त्राण तिा डदम्पूंग (Dumping) के
इसका तात्पया एक दीघा कालीन बेर्ोजगार्ी की दस्िदत से है, जो देश
माध्यम से तिा कु ल मााँग में कमी कर्के कीमतों पर् दनयन्त्राण दकया
के दपछड़े आदिा क ढााँिे से सम्बदन्धत होती है।
जाता है। इन उपायों के पिात् होने वाली स्फीदत खुली स्फीदत की
दर् से बहुत कम होती है।

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• आई. एस. ओ. 9001 - दडजाईनो के दवकास, उत्पादन, प्रदतष्ठापन, • र्नपटान र्तर्थ (Settlement Date) - शेयर्ों के अदग्रम सौदों
पर्ीिण और् र्खर्खाव में गुणवत्ता आश्वासन के दलए यह मानक (Forward trading) अिवा हैण्ड दडलीवर्ी के अन्तगा त शेयर्ों की
प्रमाणपत्रा ददया जाता है। सुपुदागी अिवा इनका भुगतान अनुबन्ध दतदि (Agreement
• आई. एस. ओ. 9002 - उत्पादन, सामग्री प्रबूंध (मैटीरर्यल date) से 14 ददनों के अन्दर्-अन्दर् ही कर्ना होता है। काया कार्ी
मैनेजमेंट) और् प्रदतष्ठान में गुणवत्ता आश्वासन के दलए प्रमाण देता रूप से यह दतदि (दनपटान दतदि) िमशः एक शुिवार् को छोड़कर्
है। अगला शुिवार् होती है।
• आई. एस. ओ. 9003 - अूंदतम दनर्ीिण और् पर्ीिण में गुणवत्ता • बद ा (Badla) - जब दकसी दनवेशक द्वार्ा दकसी शेयर् की खर्ीद
आश्वासन के दलए प्रमाणपत्रा प्रदान कर्ता है। उसके मूलय में दनकट भदवष्ट्य में वृदद्ध की आशा के साि की जाती
है, दकन्तु उस सौदे की दनपटान दतदि (Settlement Date) तक
• आई. एस. ओ. 9004 - गुणवत्ता प्रबूंधन और् गुणवत्ता प्रबूंध
उस शेयर् के मूलय में वृदद्ध नहीं होती है तो ऐसी दस्िदत में वह
प्रणादलयों के सूंबूंध में मागा दनदेशक मानक है।
दनवेशक या तो उन शेयर्ों के वता मान मूलय का भुगतान कर्के उन्हें
• र्नगिम (Issue) - सूंयुि पूाँजी कम्पदनयों (Joint Stock खर्ीद लेता है अिवा वह अपने सौदे को आगामी दनपटान दतदि
Companies) द्वार्ा पज ूाँ ी उगाहने के दलए जब शेयर् या दडबेन्िर् तक आगे दखसका सकता है, दकन्तु ऐसा कर्ने के दलए उसे सौदे के
जार्ी दकए जाते है तो इस दिया को ‘दनगा म’ (Issue) कहा जाता है। कु ल मूलय के एक दनदित प्रदतशत के रूप में भुगतान कर्ना
जब यह शेयर्/दडबेन्िर् आम जनता को उपलब्ध कर्ाए जाते है तो आवश्यक होता है। इस प्रकार् के भुगतान को बदला कहा जाता है।
दनगा म को ‘पदब्लक इश्यू’ कहा जाता है।
• पोटिफोर् यो (Portfolio) - पोटा फोदलयो शब्द का उपयोग उन
• प्रार्िकार र्नगिम (Right Issue) - जब कम्पनी अपने शेयर् दवदभन्न प्रकार् की समस्त दवत्तीय परर्सम्पदत्तयों के दलए दकया
धार्कों को अदतरर्ि शेयर् दनगा दमत कर्ती है जो दक उनके पास जाता है जो दकसी दनवेशकताा के अदधकार् में होती है। जैसे-शेयर्,
पहले से अदधकृ त शेयर्ों के एक दनदित अनुपात में अदधकार् स्वरूप ऋणपत्रा, सर्कार्ी बाूंड, यूदनट रस्ट प्रमाण-पत्र आदद।
ददए जाते है, उन्हें ‘र्ाइट इश्यू’ कहा जाता है। ये शेयर् अूंदकत सम-
• र्र्वर्वरर्णका (Prospectus) - दकसी कम्पनी द्वार्ा खुले बाजार् में
मूलय पर् अिवा प्रीदमयम पर् ददए जाते है।
पूाँजी दनगा म कर्ने के दलए आवश्यक है दक वह कम्पनी की दवत्तीय
• म्यूचुअ फण्ड (Mutual Fund) - म्यूिुअल फण्ड का सूंिालन दस्िदत, प्रबन्ध व्यवस्िा, उपलदब्धयााँ, भावी योजनाओूं व दनदहत
दनवेशक सूंस्िाओूं व बैंकों द्वार्ा दकया जाता है। इसके अन्तगा त जोदखमों का दववर्ण जनता को उपलब्ध कर्ाए तादक दनवेशकताा ओ ूं
इनके सूंिालकों द्वार्ा दनवेश के दलए इच्छुक व्यदियों से धन लेकर् को दनवेश सम्बन्धी दनणा य लेने में सुदवधा र्हे। इस प्रकार् से
एक कोर् बनाया जाता है। प्रकादशत दववर्ण को ही दववर्दणका (Prospectus) कहते है।
• प्रत्येक दनवेशक को उसकी धनर्ादश के मूलय के बर्ाबर् यूदनट ददए • राजकोषीय नीर्त या बजट नीर्त (Fiscal Policy or
जाते है। इस एकदत्रत कोर् का उपयोग दवदभन्न प्रकार् के दनवेश Budgetary Policy) - दकन्हीं दवदशष्ट उद्देश्यों की प्रादप्त हेतु
अवसर्ों, जैस-े शेयर्, ऋणपत्रों तिा अन्य प्रकार् के बाण्डों में दकया सर्कार् द्वार्ा कर्ार्ोपण, सावा जदनक व्यय एवूं ऋण का उपयोग
जाता है। इस प्रकार् से अदजा त लाभ को दनवेशकों द्वार्ा कोर् में दकए र्ाजकोर्ीय नीदत के अन्तगा त आते है।
गए योगदान के अनुपात में दवतरर्त कर् ददया जाता है।
• बजट - बजट में आय एवूं व्यय के अनुमान लगाए जाते है तिा व्ययों
• भार्त में स्टेट बैंक, इदण्डयन बैंक, पूंजाब नेशनल बैंक, जीवन बीमा को पूणा कर्ने हेतु आय व व्यय में समायोजन दकया जाता है। अतः
दनगम, यूदनट रस्ट आदद ने म्यूिुअल फण्ड् स स्िादपत दकए है। बजट दकसी परर्वार् सूंस्िा अिवा सर्कार् की अनुमादनत आय-
• प्राथर्मक बाजार (Primary Market) - प्रािदमक बाजार् उस व्ययों का एक दववर्ण है।
बाजार् को कहा जाता है जहााँ प्रदतभदू तयों का दवदनमय दनवेशकों • आगम या राजस्र्व बजट (Revenue Budget) - आगम बजट
तिा कम्पदनयों के मध्य सीधे ही होता है। अन्य शब्दों में कम्पनी िालू व्ययों एवूं प्रादप्तयों का एक सामान्य बजट है।
द्वार्ा जार्ी दकए गए शेयर्, ऋणपत्रा अिवा प्रदतभूदत की खर्ीद के
• पूूँजीगत बजट (Capital Budget) - पाँज ू ीगत प्रादप्तयों एवूं ऋणों
दलए दनवेशकों द्वार्ा सीधे इन्हें जार्ी कर्ने वाली कम्पदनयों को
के भुगतान एवूं कोर्ों के जमा के दवत्तीय व्यवहार्ो के लेखों को
दनधाा रर्त आवेदन-पत्रा भेजे जाते है तिा आवूंटन के दलए कम्पनी
पूाँजीगत बजट कहते है। इसमें दवकास योजनाओूं से सम्बदन्धत व्ययों
के नाम भुगतान दकया जाता है।
को सदम्मदलत दकया जाता है। यह बजट दीघा कालीन दृदष्ट से बनाए
• र्ितीयक बाजार (Secondary Market) - दद्वतीयक बाजार् उस जाते है।
बाजार् को कहते है जहााँ प्रदतभूदतयों का दवदनमय दवदभन्न दनवेशकों
• िारक बाॅण्ड (Bearer Bond) - धार्क बाॅण्ड वे ऋणपत्र हैं
के मध्य ही होता है। अन्य शब्दों में, पहले से जार्ी प्रदतभूदतयों
दजनका भुगतान समयावदध के बाद कोई भी प्राप्त कर् सकता है। इन
(शेयर्ों एवूं ऋणपत्रों इत्यादद) का िय-दविय दलालों के माध्यम से
पर् न तो खर्ीददार् का नाम दलखा होता है और् न ही हस्तान्तरर्त
दकया जाता है।

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कर्ते समय इनकी पीठ पर् हस्तािर् ही कर्ने होते हैं। प्रायः इनका • मुद्रा भ्रम - दकसी वस्तु के वास्तदवक मूलय के बाजार् मौदद्रक मूलय
उपयोग काले धन को सफे द धन में बदलने के दलए दकया जाता है। से प्रदतदिया व्यि कर्ना मुद्रा भ्रम कहलाता है।
• सस्ती मुद्रा (Cheap Money) - वह मुद्रा दजसे नीिी ब्याज पर् • र्र्वक्रेता बाजार - दविे ता बाजार् वह बाजार् है दजससे माूंग पदू ता से
(Low interest rate) पर् प्राप्त दकया जा सकता है, सस्ती मुद्रा अदधक हो। इस प्रकार् बाजार् दविे ता के दलए लाभकार्ी होता है।
कहलाती है।
• क्रेता बाजार - िे ता बाजार् वह बाजार् है दजसमें वस्तु की माूंग पूदता
• बैंक दर (Bank Rate) - बैंक दर् से अदभप्राय उस दर् से है दजस से कम होती है। इस प्रकार् का बाजार् िे ता के दलए लाभदायक
पर् के न्द्रीय बैंक सदस्य बैंकों के प्रिम श्रेणी के दबलों की पुनकाटौती होता है।
कर्ता है अिवा स्वीकाया प्रदतभूदतयों पर् ऋण देता है। कु छ देशों में
• राजकोषीय घाटा - सर्कार् का कु ल ऋण भार्, दजसके अन्तगा त
इसे कटौती-दर् भी कहा जाता है। बैंक दर् में परर्वता न कर्के के न्द्रीय
बाजार् ऋण, लघु बितें, प्रादवडेंट फूं ड, बाह्य ऋण तिा बजटीय
बैंक देश में साख की मात्रा को प्रभादवत कर् सकता है।
घाटे को शादमल दकया जाता है ‘र्ाजकोर्ीय घाटा’ कहलाता है।
• प्रत्यक्ष कायिर्वाही (Direct Action) - जब वादणदज्यक बैंक
• गरीबी रेखा - योजना आयोग द्वार्ा अपनायी गयी गर्ीबी र्ेखा की
के न्द्रीय बैंक के आदेशों का पालन नहीं कर्ते हैं तो उन बैंकों को
एक वैकदलपक परर्भार्ा के अूंतगा त आहार् सम्बन्धी आवश्यकताओूं
नीदत का अनुकर्ण कर्ने के दलए बाध्य कर्ने की दवदध को ही प्रत्यि
को ध्यान में र्खा गया है।
काया वाही कहा जाता है, जैसे बैंकों को दी जाने वाली पुनः कटौती
की सुदवधा को बन्द कर् देना, अदतरर्ि साख की स्वीकृ दत न देना • इस परर्भार्ा के अनुसार् ग्रामीण िेत्र में भोजन में 2,400 कलौर्ी
आदद। प्रदतददन प्रदतव्यदि तिा शहर्ी िेत्र में 2,100 कै लोर्ी प्रदतददन
प्रदतव्यदि की उपलब्धता होनी िादहए।
• मुद्रा का अर्वमूल्यन - दवदेशी मुद्रा के सापेि अपने देश की मौदद्रक
इकाई के मूलय को जान-बूझकर् कम कर्ने को ‘मुद्रा का अवमूलयन’ • मुद्रा अपस्फीर्त - मुद्रा अपस्फीदत वह दस्िदत है, दजसके तहत मुद्रा
कहा जाता है। के मूलय में वृदद्ध होती है तिा वस्तुओ ूं एवूं सेवाओूं के मूलय में
लगातार् कमी होती र्हती है।
• अवमूलयन से दवदेशी बाजार्ों में दनयाा त सस्ता हो जाता है और् घर्ेलू
बाजार् में आयात महूंगा हो जाता है। फलतः इससे दनयाा त में • समथिन कीमतें - समिा न कीमतें उत्पादकों को यह गार्ूंटी देती हैं
बढ़ोत्तर्ी और् आयात में कमी आती है। लेदकन इसके दलए यह दक यदद अत्यदधक उत्पादन हुआ तो भी सर्कार् कीमतों को
जरूर्ी है दक अवमूलयन वाले देश के दनयाा त और् आयात की माूंग दनधाा रर्त कीमतों से नीिे नहीं दगर्ने देगी। इस उद्देश्य के दलए
अदधक लोिदार् हो। सर्कार् न्यनू तम समिा न कीमतों पर् बड़े पैमाने पर् खाद्यान्नों को
िय कर्ने के दलए बिनबद्ध होती है।
• र्गनी गुणािंक - यह दकसी आवृदत्त के सूंकेन्द्रण को मापता है। इससे
आदिा क असमानता का आकलन दकया जाता है। दगनी गुणाूंक दकसी • र्वसू ी कीमतें - वसूली कीमतें वे कीमते हैं, दजन पर् सर्कार्
आवृदत्त दवतर्ण द्वार्ा प्राप्त माध्यम अूंतर् को समानाूंतर् माध्य के खाद्यान्नों को मूंदडयों से खर्ीदती है। इस खर्ीददार्ी की
दोगुने से भाग देने पर् प्राप्त होता है। आवश्यकता सावा जदनक दवतर्ण प्रणाली की जरूर्तों को पूर्ा कर्ने
तिा बफर् स्टॉक का दनमाा ण कर्ने के दलए होती है। वसूली कीमतें
• यदद G से दगनी गुणाूंक को, से दगनी के माध्य अूंतर् को तिासे
सदैव न्यूनतम समिा न कीमतों से अदधक होती हैं।
समानाूंतर् माध्य को प्रददशा त दकया जाये तो दगनी गुणाूंकG=Δ1/2x
• र्र्वत्त आयोग - दवत्त आयोग एक साूंदवदधक सूंस्िा है। दवत्त आयोग
होगा।समान दवतर्ण में दगनी गुणाूंक का मान Δ होता है, जबदक पूणा का गठन भार्तीय सूंदवधान की धार्ा 280 के अन्तगा त र्ाष्ट्रपदत
सूंकेन्द्रण की दस्िदत में इसका मान 1 होता है। दवतर्ण में दगनी द्वार्ा प्रत्येक पाूंि वर्ा के बाद या आवश्यकतानुसार् पहले भी दकया
गुणाूंक के मान के िमशः बढ़ने का तात्पया असामन्ता में वृदद्ध से जाता है।
लगाया जाता है।
• दवत्त आयोग का गठन के न्द्र व र्ाज्यों के बीि सूंसाधनों के दवभाजन
• योजनार्वकाश - अभूतपूवा सूखे, मुद्रा अवमूलयन व सूंसाधनों की पर् दविार् कर्ने के दलए दकया जाता है।
कमी के कार्ण 1966-69 के बीि तीन वादर्ा क योजनाएूं तैयार् की
गयीं, दजससे ितुिा योजना समय से लागू नहीं हो सकी। 1966-69 • प्रिम दवत्त आयोग का गठन 1952 में श्री. के .सी. दनयोगी की
अध्यिता में हुई।
की अवदध को योजनावकाश के नाम से जाना जाता है।
• अप्रत्यक्ष कर - ऐसा कर्, दजसे प्रार्म्भ में लगाए गए व्यदि पर् से
• कॉ मनी - कोई भी कूं पनी शेयर् जार्ी कर्ते समय शेयर् मलू य का
भाग शेयर् के आवेदन पत्रा के साि लेती है। शेर् र्ादश शेयर् धार्कों दकसी अन्य पर् हस्ताूंतरर्त दकया जा सकता है - अप्रत्यि कर्
से आगामी दनदित दतदि तक दकश्तों में माूंगी जाती है, दजसे ”कॉल कहलाता है। उदाहर्ण - आबकार्ी शुलक, दबिी कर्, आयात शुलक।
मनी” कहा जाता है। • प्रत्यक्ष कर - उस कर् को कहा जाता है दजसका भार् उसी पर्
पड़ता है दजसको उसे अदा कर्ना होता है अिाा त् इस प्रकार् के कर्ों

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का अूंतर्ण दकसी दूसर्े व्यदि पर् नहीं दकया जा सकता। उदाहर्णः • पम्प प्राइर्मिंग (Pump Priming) - पम्प प्राइदमूंग दवश्व प्रदसद्ध
आयकर्, दनगम कर्, उपहार् कर् आदद। अिा शास्त्ाी जे.एम. कीन्स द्वार्ा प्रदतपाददत दनवेश की एक
• र्वैिार्नक मुद्रा - दकसी देश की वैधादनक मुद्रा को उस देश के लोगों अवधार्णा है दजसके अनुसार् मन्दी को दूर् कर्ने के दलए सर्कार्
द्वार्ा अस्वीकार् कर्ना काननू न जुमा होता है। को बड़े पैमाने पर् दनवेश कर्ने की बात कही गई है भले ही वह
• बैंक दर - के न्द्रीय बैंक द्वार्ा अन्य व्यावसादयक बैंकों से ली जाने दनवेश अनुत्पादक ही क्यों न हो।
वाली ब्याज दर् को बैंक दर् कहा जाता है। • सिंर्र्वभाग र्नर्वेश (Portfolio Investment) - दवत्तीय दवपत्रों में
• भुगतान शेष - दकसी देश के दकसी ददये हुए वर्ा से बाहर् के देशों से अूंतर्ाा ष्ट्रीय दनवेश को सूंदवभाग दनवेश कहते हैं। जब एक देश के
दकये गये आदिा क लेन-देन के व्यवदस्ित रर्काडा को भुगतान शेर् दनवेशक दूसर्े देश की कम्पदनयों के अूंशों, ऋणपत्रों, बाॅण्डों तिा
कहा जाता है। अन्य प्रदतभूदतयों में धन लगाते हैं, तो ऐसे दनवेश को सूंदवभाग दनवेश
कहा जाता है।
• सार्विजर्नक र्नगिम - सूंयुि पूूंजी कम्पदनयों द्वार्ा पूूंजी उगाहने के
दलए जब शेयर् या दडबेंिर् (ऋण पत्रा) जार्ी दकये जाते हैं तो इस • क् ोर्जिंग स्ट्रोक (Closing Stock) - वह माल जो व्यापार् में वर्ा
दिया को दनगा म कहा जाता है। जब यह शेयर् या दडबेंिर् आम जनता के अन्त में प्रयोग होने अिवा दविय होने से बि जाता है , उसे
को उपलब्ध कर्ाया जाता है तो उसे सावा जदनक दनगा म कहा जाता क्लोदजूंग स्टॉक कहते हैं।
है। • उपार्जित आय (Accrued Income) - ऐसी आय जो िालू वर्ा
• मुद्रा बैंक - प्रधानमूंत्राी द्वार्ा 8 अप्रैल, 2015 को शुभार्ूंभ की गई में अदजा त तो कर् ली गई है, दकन्तु वर्ा के अन्त तक वास्तव में प्राप्त
(Micro Units Development and Refinance Agency नहीं होती, उपादजा त आय कहलाती है।
(MUDRA)बैंक की स्िापना मुख्यरूप से सूक्ष्म साख िेत्र में एक • अनुपार्जित आय (Unearned Income) - आय का वह भाग जो
दवदनयामक तिा दवकास सूंस्िा के रूप में की गई है। िालू वर्ा में प्राप्त हो तो गया है, दकन्तु िालू वर्ा से उसका कोई
• जोर्खम पूूँजी (Venture Capital) - बाजार् में दवनेशकताा ओ ूं सम्बन्ध नहीं होता, अनुपादजा त आय कहलाती है।
एवूं कम्पदनयों द्वार्ा व्यापारर्क अिवा अन्य प्रकार् की दनवेशक • मूति सम्पर्त्तयाूँ (Tangible Assets) - मूता सम्पदत्तयााँ ऐसी
गदतदवदधयों में प्रयुि की जाने वाली पूूंजी ‘जोदखम पूूंजी’ कहलाती सम्पदत्तयााँ होती हैं, दजन्हें देखा, छूआ तिा अनुभव दकया जा
है। सकता है, जैसे - भूदम, भवन, मशीनर्ी, माल, र्ोकड़, फनीिर्,
• सिंर्चत र्नर्ि (Consolidated Fund) - अनुच्छे द 267 के तहत मोटर्गादड़यााँ आदद।
भार्त सर्कार् की एक सूंदित दनदध होती है दजसमें भार्त सर्कार् • अमूति सम्पर्त्तयाूँ (Intangible Assets) - इन सम्पदत्तयों का
को प्राप्त सभी र्ाजस्व, उस सर्कार् द्वार्ा र्ाजकोर्ीय हुूंदडयाूं भौदतक अदस्तत्व नहीं होता अिाा त् इनका आन्तरर्क मूलय कु छ
दनगा दमत कर्के , उधार् द्वार्ा या अिोंपाय अदग्रमों द्वार्ा दलए गए सभी नहीं होता, दकन्तु इनका मूलय स्वादमत्व एवूं कब्जे (Ownership
उधार् और् उधार्ों के प्रदत सूंदाय में उस सर्कार् की सभी प्रादप्तयाूं and Possession) के द्वार्ा प्रदत्त अदधकार्ों से प्राप्त दकया जाता
जमा की जाती है। इसे ही सूंदित दनदध कहा जाता है। इसी प्रकार् है, जैसे - ख्यादत, पेटेन्ट, व्यापारर्क दिन्ह, कोपीर्ाइट आदद।
की सूंदित दनदध र्ाज्य सर्कार् की भी होती है। • र्र्वर्नमय र्नयिंत्राण (Exchange Control) - यह उस व्यवस्िा
• आकर्स्मकता र्नर्ि (Contingency Fund) - भार्तीय का नाम है दजसके अूंतगा त कोई देश दवदेशी मुद्राओूं के स्वतूंत्रा
सूंदवधान के अनुच्छे द 267(1) के प्रावधानों के तहत एक अग्रदाय बाजार् पर् दनयूंत्राण कर्के अपनी मुद्रा की दवदनमय दर् को दभन्न
लेखा के रूप में आकदस्मकता दनदध होती है, दजसकी र्ादश 500 र्खने का प्रयास कर्ता है, जो स्वतूंत्रा बाजार् में दनधाा रर्त होती है।
कर्ोड़ रुपए है। इस दनदध से भार्त के र्ाष्ट्रपदत के नाम पर् • र्गर्फन र्वस्तुए ूँ (Giffin Goods) - दगदफन वस्तुएूं कु छ घदटया
आकदस्मक परर्दस्िदत में भुगतान दकए जा सकते हैं। दकस्म की ऐसी होती हैं दजन पर् उपभोिा अपनी आय का बड़ा भाग
• सूंसद द्वार्ा अदतरर्ि व्यय की स्वीकृ दत के साि यह धनर्ादश पुनः व्यय कर्ता है। इन वस्तुओ ूं पर् माूंग का दनयम लागू नहीं होता,
आकदस्मकता दनदध में जमा कर् दी जाती है। इस दनदध का बदलक मूलय में वृदद्ध से इनकी माूंग बढ़ जाती है तिा मूलय में कभी
परर्िालन दवत्त मूंत्रालय अदिा क मामलों के दवभागों के सूंदित द्वार्ा से माूंग भी कम हो जाती है। इस दवर्ोधाभास को दगदफन का
दकया जाता है। इसी प्रकार् की दनदध र्ाज्यों में भी होती है। दवर्ोधाभास (Giffin’s Paradox) कहा जाता है।
• समार्वेर्शत र्र्वकास (Inclusive Growth) - ऐसा दवकास • सार्वर्ि जमा (Time Deposits) - सावदध जमाओूं के अूंतगा त
समावेदशत दवकास कहलाता है दजसमें आदिा क दवकास की उच्ि उन समस्त जमा र्ादशयों को सदम्मदलत दकया जाता है, जो एक
दर् से जदनत र्ाष्ट्रीय आय के दववर्ण में समाज के सबसे कमजोर् दनधाा रर्त अवदध के दलए बैंक के पास जमा की जाती है।
वगा के लोगों को उदित दहस्सा दमले अिाा त् र्ाष्ट्रीय आय का रर्साव • यह जमा र्ादश दवदनददा ष्ट अवदध समाप्त होने पर् देय (Repayable)
प्रभाव नहीं की ओर् अदधक हो। होती है। बैंक ऐसी जमा र्ादशयों पर् अपेिाकृ त ऊाँिी दर् से ब्याज

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देते हैं। इस प्रकार् के जमा बैंकों द्वार्ा प्रायः सावदध जमा खाते • राजस्र्व बजट - इसमें कर् तिा शुलक आदद से प्राप्त होने वाली
(Fixed Deposits Account) तिा आवती जमा खाते सर्कार्ी आमदनी शादमल होती हैं। दूसर्ी तर्फ इसके सूंग्रह पर्
(Recurring Deposit Account) में स्वीकार् दकए जाते हैं। दकए जाने वाला व्यय की र्ाजस्व बजट में शादमल होता है।
• माूँग जमा (Demand Deposits) - मााँग जमाओूं के अूंतगा त उन • जन ेखा - कर्ों से प्राप्त आदमनी के अदतरर्ि सर्कार् के पास कु छ
समस्त जमा र्ादशयों को सदम्मदलत दकया जाता है, जो जमाकताा ऐसी धनर्ादश भी होती है। दजसकी वह मादलक नहीं, के वल रस्टी
द्वार्ा अपनी इच्छानुसार् िाहे जब वापस माूंगी जा सकती है। बैंकों होती है और् दजसे वह दनधा रर्त समय पर् दनयमानुसार् ब्याज के
में िालू खाते (Current Account) तिा बित खाते (Saving साि लौटा देती है। िूूंदक यह धन देर् सवेर् सर्कार् को सम्बदन्धत
Account) में जमा र्ादशयााँ मााँग जमा के अूंतगा त आती है। पिों को लौटाना पड़ता है, इसदलए इस पर् भी सूंसद की स्वीकृ दत
• नकद साख खाता (Cash Credit Account) - यह एक ऋण की आवश्यकता नहीं होती।
खाता है। इस खाते के अूंतगा त बैक खाताधार्ी को एक दनदित मात्रा • पूिंजीगत बजट - इसमें सर्कार् द्वार्ा प्राप्त दकया गया ऋण, उस पर्
तक ऋण प्राप्त कर्ने का अदधकार् देता है। इसी सीमा के अन्दर् दकया गया खिा तिा सर्कार्ी परर्सम्पदतयों से होने वाली आय
ऋणी अपनी आवश्यकतानुसार् बैंक से रुपया लेता है और् जमा भी तिा व्यय शादमल होते हैं।
कर्ाता है। ब्याज उसी र्ादश पर् वसूल दकया जाता है जो वास्तव में
• र्र्वर्नयोग र्र्विेयक - सूंसद द्वार्ा स्वीकृ त बजट में से आवश्यक
ऋणी के पास र्हती है।
धनर्ादश दनकालने के दलए जो दवधेयक पेश दकया जाता है, उसे
• स्माटि काडि (Smart Card) - डाक दवभाग द्वार्ा िुनींदा शहर्ों में दवदनयोग दवधेयक कहते हैं।
प्रार्ूंभ की गई प्रीदमयम बित बैंक सेवा के अूंतगा त प्रत्येक खातेदार्
• अनुदान मािंग - बजट में अलग-अलग दवभागों की अपने दवकास
को एक ‘स्माटा काडा ’ जार्ी दकया जाएगा, दजसमें वता मान कागज की
और् काया सूंिालन पर् व्यय दकए जाने वाली माूंग को अनुदान माूंग
पासबुक व्यवस्िा समाप्त हो जाएगी। ‘स्माटा काडा ’ के माध्यम से
कहते हैं। बजट के मूंत्राी द्वार्ा ही प्रस्तुत की जाती है और् वही बहस
खातेदार् दकसी एक दनदित डाकघर् के स्िान पर् दवदभन्न डाकघर्ो
का जवाब भी देती है।
में अपने खाते में धन जमा कर्ा सकें गे तिा दनकाल सकें गे।
• कटौती प्रस्तार्व - सूंसद सदस्यों द्वार्ा बजट में ददखलाए गए खिा
• आउटकम बजट (Outcome Budget) - आउटकम बजट के
को कम कर्ने के दलए जो प्रस्ताव पेश दकए जाते हैं, उन्हें कटौती
अूंतगा त एक दवत्तीय वर्ा के दलए दकसी मूंत्रालय अिवा दवभाग को
प्रस्ताव कहते हैं। इन प्रस्तावों का असली उद्देश्य बजट के उस भाग
आवूंदटत दकए गए बजट में अनुश्रवण तिा मूलयाूंकन दकए गए जा
पर् दवस्तार् से बहस कर्ना होता है। यदद कोई कटौती प्रस्ताव
सकने वाले भौदतक लक्ष्यों का दनधाा र्ण इस उद्देश्य से दकया जाता
सर्कार् की इच्छा के दवपर्ीत पारर्त हो जाए तो उसका अिा
है दक बजट के दियान्वयन की गुणवत्ता को पर्खा जाना सम्भव हो
सर्कार् के दवरु( अदवश्वास माना जाता है।
सके ।
• ेखानुदान - दपछला बजट 31 मािा को समाप्त हो जाता है। इसके
• भार्त में के न्द्रीय सर्कार् ने इस नई पद्धदत को वर्ा 2005 - 06 के
बाद उसे नहीं बढ़ाया जा सकता। इसदलए पहली अप्रैल को सर्कार्
बजट में प्रस्तादवत दकया िा। इसको पहली बार् दवत्त मूंत्री द्वार्ा 25
को अपने खिा के दलए नए बजट की आवश्यकता होती है, पर्न्तु
अगस्त, 2005 को सूंसद में प्रस्तुत दकया िा।
नया बजट प्रायः पहली अप्रैल से पूवा पारर्त नहीं हो पाता। इसदलए
• र्र्वत्त र्र्विेयक - नए कर्ों को लागू कर्ने, पुर्ाने कर्ों में घटत-बढ़त सूंसद अस्िायी रूप से सर्कार् को व्यय के दलए अदग्रम ध्नर्ादश
या उन्हें यिावत् र्खने के बार्े में सर्कार्ी प्रस्ताव दवत्त दवधेयक देती है।
कहलाता है। सूंदवधन के अनुच्छे द 110 के अनुसार् दवत्त दवधेयक
• पूरक बजट - यदद कभी बजट में स्वीकृ त धनर्ादश 31 मािा से पहले
एक धन दवधेयक है।
ही समाप्त हो जाती है, तो उसी दस्िदत में सर्कार् सूंसद के सम्मुख
• समेर्कत कोष - कर् तिा ट्टण आदद के द्वार्ा सर्कार् जो धन प्राप्त पर्ू क बजट प्रस्तुत कर्ती है, दजसमें शेर् समय के दलए अदतरर्ि
कर्ती है, वह समेदकत कोर् कहलता है। सर्कार् अपना सूंपणू ा व्यय ध्न की माूंग की जाती है।
भी इसी कोर् से कर्ती है। सूंसद की स्वीकृ दत के दबना इस दनदध में
• र्र्वत्तीय घाटा - दवत्तीय घाटा खजाने की सबसे सच्िी तस्वीर् है।
से कोई भी र्कम नहीं दनकाली जा सकती है।
दजसमें बजट घाटे के साि-साि सर्कार् की शुद्ध उधार्ी को भी
• आकर्स्मक कोष - अप्रत्यादशत और् आकदस्मक खिा के दलए जोड़कर् देखा जाता है।
सूंसद से सर्कार् यह आकदस्मक कोर् स्वीकार् कर्ाती है। दजस पर्
प्रदतवर्ा सूंसद की अलग स्वीकृ दत की आवश्यकता नहीं होती। र्कम
की दनकासी के दलए बाद में सूंसद की स्वीकृ दत प्राप्त कर् ली जाती
है और् खिा की गई धनर्ादश दनदध में वापस डाल दी जाती है।

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